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अकारादिरोगानुक्रमसूची
१०६१ विषय पृष्ठ | विषय पृष्ठ । विषय
पृष्ठ - अवस्थाएँ जिनमें रेनो का रोग २३१, २६२ -सघनावस्था सम्भव है ९१४ रैकलिंगहाउजनामय ८२७ -स्त्राव
३९३ रक्ताभरण स्थानिक रैक्लस व्याधि १७४ लोमहर्ष
४०९ निश्चेष्ट २८३ रोगराट
४९३ लोहा
८७० रक्ताबुंद ७०५ रोगाणविक आक्रमण एवं वक्ष प्राजनन ३६० - ओष्ठका ७३० शारीरिक प्रतिरक्षा१०२८ वमथु
४१० रक्तार्श १०१४ रोगाणु
३ वमन
३८० रक्तोत्पत्तिकर तत्त्व ८९१ रोगाण्वावर्ति १०३१ वों रोबिन अवकाश रस की परिभाषा ८६२ रोगाण्विक विषियां २३२
१८६, २०३ - के सम्बन्ध में
रोगापहरणसामर्थ्य १०२१ वर्ण वाहक ८५८ विविध भाव ८६३ - के विविध सिद्धांत १०३२ वोफामय ९१८ रसनाकर्कट ७३१ रोपण अस्थि २९५ ,
वाक्वेज का रोग ९३७ रस से रक्त की उत्पत्ति ८६३ -उपशमन द्वारा २९४
__ वातकुण्डलिका रसायन परिभाषा १०२१ -कणन द्वारा २९८
सम्प्राप्ति १०७२ राजयक्ष्मा सम्प्राप्ति १०७२ -पुनर्जनन द्वारा २९३ वाततन्तु सङ्कटार्बुद ८५२ रासायनिक द्रव्य ३ -प्रति रोपण का
वातनाडीय तन्त्वबुंदो- विष तथा भौतिक
महत्त्व २९८
स्कर्ष ८२५ ___अभिकर्ता २३२ रोपण प्रथम २८७ वातनाडी रंगादिक रूक्षगात्रता -समगीकरण द्वारा २९१
परिवर्तन १७९ रुचिर्विरमता ३९३ रोमहर्ष३१२,४०९,४०५,३६९
- संस्थान रुगल्पत्व ४०५ रोमोद्म
३१२
उपसर्ग के मार्ग १८५ रचिर्विरमता ३९३ लङ्कामुखपाक १००१ - संस्थान पर रुधिररुहोत्कर्ष भ्रौणीय ८७८ लवणास्यता ३९४,३९६ यचमा का प्रभाव ५७२ रुधिरवैकारिकी ८६६ लसकणार्बुद ६५६, ८१५ - संस्थान रुधिराणु ८६६ लसग्रन्थिपाक ५९२
विकास १८४ - आकार सम्बन्धी - यक्ष्म ५३० वातनाड्यर्बुद ८५२ परिवर्तन ८७२ -फिरङ्गका प्रभाव ६११ वातफिरंग
६२२ - आतञ्चनजन्य
लसग्रंथियाँ रचना ६९ वातनाडीपाक २२६ परिवर्तन ८७५ लसधातूत्कर्ष कूट सित- - अन्तरालित २२७ - और भङ्गुरता ८७४
कोशीय ९४९ -जीवितक - न्यष्टिवान् ८७४ लसवाहिन्यर्बुद
वातरक्त सम्प्राप्ति १०७२ -शोण प्रसमूहिजन्य लससङ्कट ८१४ वातरुहार्बुद ८५२
परिवर्तन ८७६ लसीका ग्रंथिपाक ७५ वातवाहिन्यर्बुद ८४८ -रक्तावसादन-जीर्ण
वात वैगुण्य १०३८ गतिजन्य परिवर्तन ८७५ -तीव्र
वातव्याधि सम्प्राप्ति १०७२ -विकृतियाँ ८६९ लसीकाधिच्छदार्बुद वातार्श १००९ -संख्या सम्बन्धी लसीकापाक ७४ वातालिका ४७१
परिवर्तन ८७१ लसीका संस्थान ६९ - सम्प्राप्ति २०७३ - स्वरूप सम्बन्धी लस्य उत्स्यन्द २९ । वाताष्ठीला- "
परिवर्तन ८७३' लाल कण बहिर्गमन २८१ ' वाशरमैन प्रतिक्रिया ५८९
८४८
७६
७५
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