Book Title: Abhinav Vikruti Vigyan
Author(s): Raghuveerprasad Trivedi
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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१०६०
विकृतिविज्ञान विषय पृष्ठ | विषय पृष्ठ । घिषय
पृष्ठ यमपुरस्थग्रन्थिपाक ५६९ युक्ताग्नि
९५४ श्रोणांशिक बृहत्कायायमपूयवृकाणूत्कर्ष ५६८ युगकवकरोग
६५२
___ण्विकपरमवर्णिक ८६८ यक्षमा
४९३ योनिकन्द सम्प्राप्ति १०७१ - बृहत्कायाण्विक - अनुहृषता तथा योनिन्यापद - "
म्लायावजन्य९०४ प्रतीकारिता ५१५ रंगदेशना ८७०
- मजक्षयिक ९१३ यक्ष्मा अस्थि ५२० रक्तकोठोद्गम ३८५
-मिङ्काउस्की आन्त्र ५५६ रक्तक्षय
८८७
चौफार्ड प्रकार ९२९ उण्डकीय ५६२ - अनघटित अनभि
-लोहाभावी ९०५ - उत्स्यन्दी प्रति
-विण्ट्रोबनिर्दिष्ट
घट्य ९१० क्रिया ५४३
श्रेणीविभाजन ८९० - अमजकीय ९०१ उपसर्ग का --- अस्थि जारठिक९१३
-विस्तृत द्विनाल प्रसार ५०५ - आमाशयोच्छेद
शिरकृमिजन्य ९०४ औतिकीय
जन्य ९०५
रक्तक्षय शिशुओं तथा प्रतिक्रिया ५०६
आहारीय
नव जातों के ९३४ कशेरुकीय ५२३
अयोगजन्य ८९०
- सगर्भावस्था में९०५ - के प्रभवस्थल ४९७
- सितरक्तरुहीय ९१३ -के सहायक कारण ५१८
- का माडर्न वर्गी
- सैविलीय तालिका ९०३
करण ८८९ -कोनिगग्रन्थिक
कूलीय ९३६
-सहज शोणांशीय ९२९ सन्धिकलीय ५२५
ग्रहणीजन्य ९०१
रक्तक्षयान्तक तत्व ८९२ - क्लोमनालीय ५५४
रक्तग्रंथि सम्प्राप्ति १०७०
घातक ८९१ - जीर्ण प्रसरित ५५३
रक्तनेत्रता ४१०
-कास्वरूप८९९ - तन्तुकिलाटीय ५४८
- - विकृत
-परिवहन की - तीव्रश्यामाकसम ५५२
विकृतियाँ २५८ - तीव्र सर्वाङ्गीण ५१७
शारीर ८९६२ - - विविध
-पाक - दण्डाणुरक्तता ५३४
अंगों पर प्रभाव ८६९
-पित्त पूर्वरूप ८८७ -परमपुष्टिक ५६२ - यक्ष्मा प्रवेश के मार्ग४९९ - डैविडसन निर्दिष्ट
-~-सम्प्राप्ति १२८,१०७२
-बिम्वाणु
श्रेणीविभाजन ८८ -प्रसार के साधन ४९८
८८०
- मेह शूल विहीन ७७९ -फुफ्फुस
- तीन लैडरीय ५३२
३७७
- वर्णता - फौफ्फुसिक
शोणांशिक ९३३ ५३२
४३३ -विकृतशारीर ५४६
- दायकोशीय ९३३ -व्रणात्मक
-कारण फुफ्फुस ५६७ - नव जातीय
यक्ष्मा शोणांशिक -शस्त्र
में
९३५ ५१८
१५५ -सन्धि
- परमकायाण्विक९०१ ५२४
-संवहन सिरागत
के उद्देश्य २८० यचिमका
- प्राथमिक
४९४ -निर्माण तथा विकास५४
उपवर्णिक ९०१ - स्राव के २-३ दिन ९१५ -परिवर्तन ५१० - प्राथमिक
--जीर्ण ९१५ -पीत
उपवणिक कारण ९०८ -तथा तज्जन्य यक्ष्मिकास्थ कोशाओं - प्लैहिक ९३६
रक्तक्षय ९१४ का प्रभवस्थल ५१० - फानयक्षीण ९३५ । -तीव्र
। । ।
-ठीवन
९२७
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