Book Title: Abhinav Vikruti Vigyan
Author(s): Raghuveerprasad Trivedi
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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८२१
४३८
अकारादिरोगानुक्रमसूची विषय पृष्ठ विषय पृष्ठ । विषय
पृष्ट संकट लसाभ ऊति के ८१४ सततज्वर सम्प्राप्ति १०७५ सन्निपात अन्तक ४४०,४३६ - वृषण
सततज्वर देखो ज्वर सतत - अन्तर्दाह ४४० -स्तन
८२३ सतन्तु ग्रन्थ्यर्बुद ग्रन्थ्य- - अभिन्यास ४५१, ४३४ संकटार्बुद ८०१ बुंद के अन्तर्गत देखिए - ऐणीदाह
४४० - अण्वीक्षण ८०३ सन्ताप ३१५ - कण्ठकुब्ज
४३८ - अन्य औदरिक ८१९ सन्धिकला पाक जीर्ण -कफोल्बण ४२३ - अरेखित पेशीय ८४५
लस्य ४५ - कर्कटक ८६, ४२८ - अस्थि का ८०८ सन्धि की अन्तः पूयता४५ -कर्णिक - उत्तरजात परिवर्तन८०७ / -गत यक्ष्मा
-कुम्भीपाक
४३९ - का प्रसाद ८०४ परिवर्तन ५२६ क्रकच
४२८ - का वर्गीकरण तथा -पाक
४१ -चित्तभ्रम ४३७ स प्रकार ८०५ सन्धिपाक अस्थि ५१ -जिह्वक ४३४ -कास्थि ८०६
- आन्त्रिक ज्वर जन्य४९ - ज्वर देखो ज्वर-सन्नि -की मारात्मकता ८०२
- आमवात जन्य ४९ पात तथा सन्निपात -के औतिकीय प्रकार८०५
-आमवाताभ ५१ - तन्द्रिक - तन्तु
८०५ -ग्रहणी जन्य
- दण्डपात ४४० -नामकरण काकारण८०१ -घोर
पाकल
४२७ --- नैदानिक लक्षण ८०८ - घोर आयुर्वेदोक्त ४६ -पित्तकफोल्बण ४२६ -प्रत्यक्ष दर्शन ८०२ -जीर्ण
-पित्तोल्बण કરર -फुफ्फुस का ८१३ -प्रकार ४६ -१३ प्रकार - फुफ्फुसान्तराल का -प्रमेहाणु जनित ४८ प्रलापी ४३९ __ यवकोशीय ७२५ - फुफ्फुस गोलाणु
-प्रलापक - भौतिक लक्षण ८०७
__ जनित १८ -प्रोणुनाव ४३९ - महाकोशीय ८०७ -लसी अन्तः निक्षेप - भुननेत्र - महास्रोतीय ८१८
जन्य ५० - भूतहास -मूत्र प्रजनन
~ वात नाडी विक्षत - भेद दर्शक तालिका४१८ संस्थानीय ८१९
जन्य ५१ - भालुकी तन्त्रोक्त ८१४ - वातरक्तजन्य ५०
वर्णन ४१७ -वातिक या वात -विरूपकर ५३, ५१ - यन्त्रापीड ४४१ नाडीय ८०६ -विविध ४७ याम्य
४२७ -विमेद ८०६ सन्धि बन्धन ३९९ रक्तष्टीची ४३२ -वृद्धि और अधिष्ठान - यच्मा ३ अवस्थाएं५२७ रुग्दाह की रीति ८०८ -पर यचम दण्डाणु
-लक्षण सामान्य ४४२ - श्लिषीय ८०७
का प्रभाव ५२४
-वातकफोल्बण ४२५ -संकट भी देखो -विश्लेष ३५९
-वातपित्तोल्बण ४२४ संज्ञानाश ४३३ -श्लेष्मधराकलापाक ४७
- वातोल्बण ४२० संन्यास सर्व किण्वीय १३५ -श्लेष्मा ७३ - -तुलनात्मक - सम्प्राप्ति १०७५ - संक्षिप्त विवरण ४२
तालिका ४२१ संयुक्तार्बुद ८६० -स्थैर्य कूट ४९ -विकृतिविषमसम सकील यकृत् १२६, १२४ । सन्निपात अजघोष ४४० ।। वाय लक्षण ४१६
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