Book Title: Abhinav Vikruti Vigyan
Author(s): Raghuveerprasad Trivedi
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०५४
विकृतिविज्ञान विषय
विषय पृष्ठ | विषय
पृष्ठ ज्वर
३०२ ज्वर चातुर्थक ३३० । ज्वर फुफ्फुसयक्ष्मा में ५५४ - अन्तर्वेग ३७ - - त्रिदोषज है ३६६ - बहिर्वेग ३१७
अन्येधुष्क ३२९, ३४ - - पैत्तिक ३३७ मज्जागत ३५१ अपगम ४१५ -- - वातिक ६६६ मरुमक्षिका ४६८ अविराम ४६० - - श्लैष्मिक , मांसगत ३४८ अष्टविध ३५४ तन्द्रिक ४६४, ४६९ - मानस ३१६ असाध्य ३२१
तरङ्ग या
- मूषिकदंशज अस्थिगत ३५०
ऊर्मिमान् ४७३ - मेदोगत ३५० आगम
४१५ ताण्डव ६२ - रक्तगत ३४६ आगन्तु ३१६, ४५२ तृतीयक ३३०
- रसगत
३४५ आग्नेय ३१७
-दोषदृष्टया
वात
३५५ आन्त्रिक ४८१
भेद ३३५ --ऊष्मावैषम्य ३५७ - आन्त्रिक (देखो - तृतीयक वातकफो.
- ज्वर भी) ल्बण त्रिदोषयुक्त ३३६ --- चारकाल ३६० - आवर्तक ४७१ - तृतीयक वातपित्तो- -- दोषानुसार - उत्पत्तिका कारण ल्बणत्रिदोषयुक्त ३३६
लक्षण ४१२ रस की विरसता ४१३
- दण्डक ४६७ वातपित्तज २५ - उत्पत्ति की - द्वन्द्वज ४०६
लक्षण ४०८ कहानी ३८८
- -दोष वैषम्यादि --विषमारम्भ ३५७ - उष्णाभिप्राय ३१६
की क्रमेणोत्पत्ति ४१५ --वेदनावैषम्य ३५७
-- प्रकृतिसम -विषम ३२३,३९८,४७१ एकरूप - कफ
- की त्रिदोषासमवायारब्ध ४०६ ३८६ - - विकृति विषम
त्मकता ३३९ -
३८९ - काल -
- परिवर्तनीय - कास ४००
समवायारब्ध ४०६ - - निद्रा और
- द्विविध ३१६ परिस्थितियाँ ३३९ तन्द्रा विवेचन
वैकृत - नाजीर्णेन विना १३ ३९८
३१८ - निज
शारीर ३१६ - कफ पित्त लक्षण
- पञ्चविध तालिका ४१५
- शीताभिप्राय
३२३
- पित्त ३७१ -- शुक्रगत - कफ प्रतिश्याय ४००
- - उत्पत्तिकाल ३७५ - श्लेष्म पित्त - - श्वास ४०० --घ्राणमुखकण्ठोष्ट
श्वसनक - - सम्प्राति ३८७
तालुपाक ३७८ • सतत काल
४७४ - - पित्त लक्षण ३७२ सन्तत
३२४ - कालभेद ४८५
- पीत
४६८
- उत्पत्ति ३२५ की संख्या - पुनरावर्तन का
-और सम्प्राप्ति ३१५ आधार ३३५
अपतर्पण ३२८ - की सम्प्राप्ति ३०३ - पूर्वरूप
- दीर्घका- के सम्बन्ध में
- प्रत्यावर्ती ६३६
लानुबन्धिता ३२७ आधुनिक विचार ४५४ - प्रलेपक ३६६
- दोषों का - ग्रन्थीय ९४८ ! - प्राकृत ३१८ ।
गमन ३२६
३१६
४१३
३२८
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 1170 1171 1172 1173 1174 1175 1176 1177 1178 1179 1180 1181 1182 1183 1184 1185 1186 1187 1188 1189 1190 1191 1192 1193 1194 1195 1196 1197 1198 1199 1200 1201 1202 1203 1204 1205 1206