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विकृतिविज्ञान श्वेतजिह्वता ( lingual leucoplakia) एक अन्य उपद्रव है। जो फिरंग के कारण होता है तथा बहुत बाद में होता है। इसमें जिह्वा का स्तृत अधिच्छद (stratified epithelium ) खूब मोटा पड़ जाता है और श्वेत वर्ण का हो जाता है। इसे कर्कटपूर्वी अवस्था (precancerous condition ) भी कहा जाता है । इसमें उपत्वचा के नीचे क्षुद्र गोलकोशाओं की भरमार होती है ।
जिस प्रकार हमने एक बार सर्वसाधारण वर्णन उपस्थित करके विविध अंगों के प्रभाव की दृष्टि से यक्ष्मा का वर्णन किया है ठीक उसी प्रकार अब हम फिरंग का विविध शारीरिक अंगों पर क्या प्रभाव होता है उसे स्पष्ट करेंगे।
(१) अस्थिफिरंग (Syphilis of the Bone ) सहज और अवाप्त दोनों प्रकार का फिरंग रोग अस्थियों में देखा जा सकता है। अस्थि का फिरंगिक रोग एक प्रकार का व्रणशोथ ठीक उसी प्रकार से हुआ करता है जैसे कि अस्थियक्ष्मा का व्रणशोथ । परन्तु इन दोनों प्रकार के व्रणशोथों में निम्न भेद होता है:
१. यक्ष्मा का प्रभाव अस्थिशिर ( epiphysis ) पर अधिक होता है परन्तु फिरंग का प्रभाव अस्थिदण्ड ( diaphysis ) पर अधिक होता है। _____२. यक्ष्मा में बहुधा सन्धि अस्थि के साथ साथ ही प्रभावित होती है परन्तु फिरंग में सन्धि पर प्रभाव बहुत कम होता है।
३. यक्ष्मा में जहां अस्थिशोष ( osteoporosis) होता है वहां फिरंग में नवीन अस्थि के बनते रहने से अस्थिस्थौल्य या अस्थिजारठ्य (osteosclerosis) अधिक होता है अर्थात् यक्ष्मा के विक्षत जहां विनाशात्मक होते हैं वहां फिरंग के विक्षत प्रगुणनात्मक हुआ करते हैं।
करोटि की अस्थियां, लम्बी अस्थियाँ (जङ्घास्थि, ऊर्ध्वस्थि), अक्षकास्थि, मुख की अस्थियां (ताल्वस्थि तथा नासास्थि) विशेष करके इस रोग में प्रभावित होती हैं । अब हम पहले सहज फिरंग का अस्थि पर क्या प्रभाव होता है उसे प्रकट करके फिर अवाप्त फिरंग का विचार करेंगे।
अस्थि की सहज फिरंग फक्क रोग में जिस प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं उसी प्रकार के लक्षण लगभग एक सहज फिरंगी शिशु में भी देखने में आते हैं। इनमें करोटि की अस्थियों में कहीं तो उत्थन ( bossing ) हो जाता है और कहीं करोटिकाद्यं ( cranio tabes ) दिखलाई पड़ता है। इसका कारण यह है कि फिरंग के कारण कास्थियों में अत्यधिक अधिरक्तता हो जाती है और बहुत वाहिन्यन ( vascularisation ) हो जाता है। इसके कारण उनमें बहुत वृद्धि हो जाती है तथा साथ ही साथ अस्थिशिरों में सूजन आ जाती है। करोटि की अस्थियाँ कलात्मक अस्थियाँ ( membrane
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