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अर्बुद प्रकरण
( limiting capsule ) होता है जब कि मारात्मक अर्बुद में ग्रन्थीय रचना समीप की ऊतियों में आक्रमण करती हुई पाई जाती है ।
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ग्रन्थ्यर्बुद के प्रकार ग्रन्थ्यर्बुद के दो मुख्य प्रकार बतलाये जाते हैं: (१) सतन्तु ग्रन्थ्यर्बुद ( fibro adenoma ) तथा ( २ ) सकोष्ठ - ग्रन्थ्यर्बुद ( oystadenoma )
अण्वीक्षण करने पर कई प्रकार के ग्रन्थ्यर्बुद मिला करते हैं । अधिच्छद के प्रकार पर ही ग्रन्थ्यर्बुद का प्रकार निर्भर करता है । प्रत्यक्ष देखने से भी विभिन्न अधिच्छद में उत्पन्न ग्रन्थ्यर्बुद विभिन्न रूप के होते हैं । स्तम्भकारीकोशायुक्त ग्रन्थ्यर्बुद त्वचा, आन्त्र, गर्भाशय और बीजग्रन्थियों में पाये जाते हैं। शिशुओं की गर्भनाडी का उच्छेदन करने के बाद नाभि में भी वह उत्पन्न हो सकता है । एक दूसरा वर्ग गोलाभकोशीय ग्रन्थ्यर्बुदों का होता है । बहुशाखीय ग्रन्थियों के उदासर्गी अधिच्छद में उत्पन्न ग्रन्थ्यर्बुदों में गोलाभ कोशा प्रचुर मात्रा में दिखलाई पड़ते हैं । स्तन, अवटुकाग्रंथि पुरःस्थ ग्रंथि में यह मिलता है । वैसे अधिवृक्क ग्रन्थि, पोषणिका ग्रन्थि और वृक्कों में भी यह मिल सकता है ।
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सतन्तुन्थ्यर्बुद- यह प्रकार अधिकतर स्तन में पाया जाता है । इनमें जब ग्रन्थीय ऊति अधिक होती है तो वे मृदुल तथा मांसल देखे जाते हैं पर जब तान्तक
त्याधिक्य रहता है तो वे कठिन होते हैं। ये अर्बुद प्रावरित होते हैं । इनकी आकृति गोलाभ, खण्डीय ( lobulated ) या अण्डाकार होती है । स्तन में इसे हाथ से चाहे जिधर हिलाया जा सकता है ।
काटने पर धरातल कुछ उदुब्ज ( convex ) मिलता है जब कि अश्मोपम में न्युब्जता ( concavity ) पाई जाती है । यह अर्बुद देखने से खण्डीय या तान्तवीय आभासित होता है अथवा इसमें एकवर्ध्यक्षीय ( racemose ) रचना प्रत्यक्ष देखने आती है।
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ये तरुणी स्त्रियों में मिलने वाले अर्बुद हैं जो तरुणों में बहुत कम मिलते हैं । कभी-कभी ये अनेक भी मिलते हैं । स्तन में प्राप्त होने वाले सतन्तुग्रन्थ्यर्बुद को दो प्रकारों में विभक्त कर सकते हैं जिनमें एक परिकुल्यकीय ( pericanalicular ) और दूसरा अन्तःकुल्यकीय ( intra-canalicular ) कहलाता है । ग्रन्थीयकुल्याओं के बाहर चारों ओर जब तान्तव ऊति बढ़ती है तो परिकुल्यकीय और जब कुल्याओं के साथ-साथ तान्तवऊति अधिच्छद से ढँकी हुई अन्दर ही अन्दर बढ़ती है तो अन्तःकुल्यकीय नाम सार्थक होता है । छेद ( section ) लेने पर अन्तःकुल्यकीय ग्रन्थ्यर्बुद की नालियों के अन्दर तान्तवऊति बिछी हुई पाई जाती है ।
बहुत से सतन्तु ग्रन्थ्यर्बुदों में कोष्ठ ( cyst) पाये जाते हैं । ये संख्या में कई भी हो सकते हैं । इनका अवकाश बहुत छोटा सा भी हो सकता है तथा इतना बड़ा