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४. शोणांशीय अवस्थाएँ
२.
(ख) सदैव उपस्थित अवस्थाएँ
विषमज्वर
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( क ) तीव्रावस्थाएँ < कालजलज्वर
१. परमकायाविक रक्तक्षय
ऋजुकायाण्विक रक्तक्षय
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३. साधारण सूक्ष्मकायाण्विक
रक्तक्षय
विकृतिविज्ञान
विट्रो निर्दिष्ट रक्तक्षयिक श्रेणी विभाजन
[ घातक रक्तक्षय अमज्जकीय रक्तक्षय
४. सूक्ष्मकायाश्विक उपवर्णिक
रक्तक्षय
रोगाणुरक्तता
अपित्तमेहिक कामला
कूलीयरक्तक्षय
फानयक्षरक्तक्षय
सीसविषता
ग्रहणी
श्लिषशोफ
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कृमि
सगर्भता का घातक रक्तक्षय
अनभिघट्यरक्तक्षय
तीव्र अनुरक्तस्रावीय विषमज्वर
जीर्ण उपसर्ग
मारात्मक रोग
रङ्ग देशना - १.० परमकोशता परमवर्णता
रङ्गदेशना -
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-०.९
ऋजुकोशता
ऋजुवर्णता
रङ्गदेशना- -०.९
सूक्ष्मको शता
ऋजुवर्णता
साधारण अनीरोदीय रक्तक्षय रङ्गदेशना ०.९ केनीचे
ब्लूमर - विन्सनीय सहलक्षण
जीर्ण अनुरक्तस्रावीय हरिदुर्ष
शैशवीय पोषणिक रक्तक्षय अंकुश मुखकम्युत्कर्ष
सूक्ष्मकोशता उपवर्णता
अब हम आधुनिक दृष्टि से उपस्थित किए गये रक्तक्षयों का यथासम्भव नातिविस्तृत वर्णन उपस्थित करते हैं । यह वर्णन उपरोक्त वर्गीकरण का पूर्णतः अनुकरण न करके व्यावहारिक दृष्टि का विचार सामने रख कर प्रस्तुत किया जा रहा है ।
( १ ) आहारीय अयोगजन्य रक्तक्षय ( Nutritional Activity ) ( क ) वे रक्तक्षय जिनमें रक्तोत्पादक तत्व का अभाव रहता है ।