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विकृतिविज्ञान
मांसार्बुद - का वर्णन करते हुए लिखा है ।
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मुष्टिप्रहारादिभिरर्दितेऽङ्ग मांसं प्रदुष्टं प्रकरोति शोफम् । अवेदनं स्निग्धमनन्यवर्णमपाक मश्मोपममप्रचाल्यम् ॥ प्रदुष्टमांसस्य नरस्य बाढमेतद् भवेन्मांसपरायणस्य । मांसार्बुदत्वेतदसाध्ययुक्तम् ( सुश्रुत )
मुष्टिप्रहार आघात ( trauma ) आदि से पीडित अंग में मांस प्रदुष्ट होकर वेदनाशून्य स्निग्ध, अनन्यवर्ण का, न पकने वाला, पत्थर के समान कठिन स्थिर शोफ उत्पन्न हो जाता है । यह अत्यधिक मांस खाने वाले में होता है ।
मेदसार्बुद मेदोग्रन्थि के समान शरीर वृद्धिक्षय के अनुसार बढ़ने घटने वाला स्निग्ध, कष्टदायक, कण्डूयुक्त तथा मेदस् युक्त होता है ।
इनके अतिरिक्त एक अध्यर्बुद बतलाया है । एक अर्बुद में दूसरे अर्बुद की स्थिति को अध्यर्बुद कहते हैं। आगे हम कई अध्यर्बुदों का वर्णन करेंगे ।
द्विरर्बुद नाम से जो वर्णन है वह अर्बुद का एक स्थान से दूसरे स्थान उत्पन्न होने वाले विस्थापन ( metastases ) हैं -
अर्बुदं त्वर्बुदं जातं द्वन्द्वजं चानुजं च यत् । द्विरर्बुदमिति ज्ञेयं तच्चसाध्यं विनिर्दिशेत् ॥
द्विरर्बुद असाध्य होता है ।
( भोज )
( १ )
अधिच्छदीय ऊति के अर्बुद
संयोजी ऊति में अर्बुदों की अपेक्षा अधिच्छदीय कोशाओं से प्रकट होने वाले अर्बुद अधिक स्पष्ट होते हैं क्योंकि इनमें २ घटक होते हैं। एक घटक तो स्वयं अधिच्छदीय कोशा हैं तथा दूसरा घटक संयोजी ऊति का संधार ( stroma ) है जो अधिच्छदीय कोशाओं का आधार बनता है तथा जिसके द्वारा रक्तपूर्ति होती है । इसी कारण अधिच्छदीय अर्बुदों में कोशाओं का विन्यास ( arrangement ) बहुत स्पष्ट और सुदृढ़ होता है । यह विन्यास अत्यधिक दुष्ट प्रकार के अर्बुद में अवश्य नष्ट होता हुआ रहता है अन्यथा बराबर मिलता है।
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अधिच्छदीय अर्बुदों के कोशाओं का विन्यास विशेष प्रकार का होता है । अर्थात् अधिच्छदीय कोशा एक दूसरे से चिपट कर समूहों में रहते हैं । प्रत्येक कोशा समूह संयोजी ऊति के संघार द्वारा पृथक रहता है और एक प्रकार का विन्यास ( alveolar arrangement ) बन जाता है । पर प्रत्येक कूपिका ( alveolus ) के कोशाओं के बीच में कोई संयोजी ऊतिकोशा नहीं रहता ।
अधिच्छद्रीय ऊति के ३ अर्बुद कुल मिलते हैं जिनमें कर्कट अत्यधिक प्रभावी मारक और दुष्ट होता है तथा अन्य दो अङ्कुरार्बुद तथा ग्रन्थर्बुद साधारण अर्बुद होते हैं। अब हम इस विशिष्ट ऊति के तीनों अर्बुदों का आवश्यक वर्णन उपस्थित करते हैं: