________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०४
विकृतिविज्ञान किस स्थान पर अर्बुद है, रोग का विस्तार कितना हो गया है, कर्कटीय भरमार समीपस्थ ऊतियों में कहाँ तक गई है, अबंद का स्थूल चित्र कैसा है तथा रोगी की स्थिति कैसी है इन सब बातों का विचार करते हुए ही प्रविकिरण चिकित्सा का उपयोग करना चाहिए।
अर्बुदों का वर्गीकरण
( Classification of Tumours ) विद्वानों ने अर्बुदों के विविध वर्गीकरण प्रस्तुत किए हैं परन्तु सर्वाधिक उपादेय वर्गीकरण वह माना जाता है जिसके द्वारा अर्बुद की ऊति का ज्ञान हो जावे, कोशा का प्रकार ज्ञात हो जावे तथा दुष्टता या साधारणता का ज्ञान हो जावे, पर क्योंकि बहुत अर्बुदों में उनके अविभिनित या अनघटित (anaplastic ) होने के कारण कोशा प्रकार का ज्ञान करना कठिन हो जाता है हम यहाँ पहले एक सर्वमान्य वर्गीकरण देते हैं फिर एक एक प्रकार के अर्बुद का वर्णन करते हैं तत्पश्चात् किन किन अंगों में वह अर्बुद पाया जाता है उसका भी वर्णन किए देते हैं ताकि सम्पूर्ण विषय का पूर्णाश में ज्ञान पाठकों के सामने आ जावे ।
(१) अधिच्छदीय ऊति के अर्बुद (क) दुष्ट-कर्कटार्बुद ( Carcinoma )। (ख) साधारण-अङ्कुरार्बुद ( Papilloma )।
ग्रन्थ्यर्बुद ( Adenoma )। (ग) अन्य-अतिवृक्कार्बुद ( Hypernephroma )।
जराटवधिच्छदार्बुद ( Chorion epithelioma )। दन्ताकाचार्बुद ( Adamantinoma )।
(२) संयोजी ऊति के अर्बुद (क) दुष्ट-सङ्कटार्बुद (Sarcoma)। पृष्ठमेवर्बुद (Chordoma )। (ख) साधारण-तन्वर्बुद ( Fibroma )। श्लेष्मार्बुद (Myxoma)।
विमेदार्बुद ( Lipoma)। कास्थ्यर्बुद (Chondroma), अस्थ्य र्बुद (Osteoma)।
(३) पेशी ऊति के अर्बुद अरेखित पेश्यर्बुद ( Leomyoma) रेखित पेश्यर्बुद ( Rhabdomyoma ) ।
(४) वाहिनीय अर्बुद शोणवाहिन्यर्बुद या सिरार्बुद (Haemangioma ) लसवाहिन्यर्बुद ( Lymphangioma )
For Private and Personal Use Only