________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पुनर्निर्माण
३०१ बना होता है और उसे हम अन्तर्वर्ती अधिच्छद कहते हैं। यदि बस्ति में जीर्ण बस्तिपाक (chronic cystitis ) हो जावे और वह पर्याप्त काल तक रहे तो इन कोशाओं में परिवर्तन होने लगता है और शनैः-शनैः वह मृदु रचना गुरुशाह्नित शल्कीय अधिच्छद (heavily keratinised squamous epithelium ) में परिणत हो जाती है जैसी की मुख में होती है। किसी भी प्रकार का अधिच्छद हो जीर्ण व्रणशोथ के कारण या परिवर्तित वातावरण में वह शार्जित शल्कीय अधिच्छद में ही बदल जाता है। गर्भाशय की च्युति ( prolapse ) या प्रतिवर्तन ( eversion) में; उरःक्षत या जीर्ण श्वसनिकापाक होने पर फुफ्फुस में पित्ताश्मरियों की उपस्थिति होने के कारण पित्ताशय में; वृक्काश्मरियों के कारण मूत्रमार्ग में अधिच्छद बदल कर शल्कीय और शाह्नित ( keratinised ) हो जाता है।
एक से दूसरे प्रकार में परिवर्तन सदैव सुरक्षात्मक होता है। पहले प्रकार के कोशा परिवर्तित वातावरण ( environment ) को सह नहीं पाते अतः एक अधिक कठोर और सहनशील प्रकार का कोशा उसका स्थान लेकर उस कष्ट को झेलता है। कभी-कभी प्रयोगशाला के सभी जीवों को अत्यधिक मात्रा में स्त्रीमदि ( oestrin ) का प्रयोग कराके उनके प्रजनन संस्थान के अधिच्छद को भी परिवर्तित करके देखा जाता है जो इसे बतलाते हैं कि न केवल वातावरण ही अपि तु न्यासर्गिक प्रभाव ( hormonal influence ) भी अतिघटन का कारण बन सकता है।
संयोजी ऊतियों के अतिघटन तथा उनके काचरीय विहास में इतना कम अन्तर होता है कि उनमें अतिघटन का होना ही अभी विवादग्रस्त विषय बना हुआ है। __ सन्धिकलाओं में जीर्ण उपसर्ग होने के कारण कभी-कभी वहाँ कास्थि या अस्थि का निर्माण हो जाता है । इसे अतिघटन कहा जावे या काचरीय विहास यह अभी समस्या ही है। स्तनों के प्रणालीय अधिच्छद में कभी-कभी कास्थि-सम रचना बन जाती है जिसके कास्थि होने में सन्देह है वह श्लेषाभ विहास ( mucoid degeneration)मालूम पड़ता है। लालास्रावी ग्रन्थियों में भी इसी प्रकार कास्थि-सम रचना को श्लेषाभ विहास में लिया जाता है।
अनघटन ( anaplasia ) में कोशाओं का भिन्नन समाप्त हो जाता है और वे श्रौण प्रकार को प्राप्त होने लगते हैं। जिधर से आये उधर ही जाने की इस प्रतीपगमनीय क्रिया ( retrograde process ) का ही दूसरा नाम अनघटन है जो अघटन या अचय ( aplasia ) और अतिघटन से पूर्णतः भिन्न होती है।
For Private and Personal Use Only