________________
पयडिविहत्ती १. 'विहत्ति हिदि अणुभागे च' त्ति अणियोगद्दारे विहत्ती णिक्खिवियव्वाणामविहत्ती ठवणविहत्ती दव्वविहत्ती खेत्तविहत्ती कालविहत्ती गणणविहत्ती संठाणविहत्ती भावविहत्ती चेदि । २. णोआगमदो दव्वविहत्ती दुविहा कम्मविहत्ती चेव णोकम्मविहत्ती चेव । ३. कम्मविहत्ती थप्पा । ४. तुल्लपदेसियं दव्वं, तुल्लपदेसियस्स दव्वस्स अविहत्ती । ५. वेमादपदेसियस्स विहत्ती । ६. तदुभएण अवत्तव्यं ।
प्रकृतिविभक्ति अब यतिवृपभाचार्य विभक्तिके प्ररूपण करनेके लिए उत्तरसूत्र कहते हैं
चूर्णिसू०-'विहत्ति द्विदि अणुभागे च' इस गाथांशसे सूचित अनुयोगद्वारमे 'विभक्ति' इस पदका निक्षेप करना चाहिए-नामविभक्ति, स्थापनाविभक्ति, द्रव्यविभक्ति, क्षेत्रविभक्ति, कालविभक्ति, गणनाविभक्ति, संस्थानविभक्ति, और भावविभक्ति ॥१॥
__ अपने स्वरूपमें प्रवृत्त और बाह्य अर्थकी अपेक्षासे रहित 'विभक्ति' यह शब्द नामविभक्ति है । तदाकार और अतदाकारसे स्थापितकी गई विभक्तिको स्थापनाविभक्ति कहते हैं। आगम और नोआगमके भेदसे द्रव्यविभक्ति दो प्रकारकी है। विभक्ति-विपयक प्राभृतका ज्ञायक किन्तु वर्तमानमे अनुपयुक्त जीवको आगमद्रव्यविभक्ति कहते है । इस प्रकार इन तीन निक्षेपोंका स्वरूप सुगम होनेसे उन्हे न कहकर अब नोआगमद्रव्यविभक्तिका स्वरूप कहनेके लिए यतिवृषभाचार्य उत्तर सूत्र कहते है
चूर्णिसू०-नोआगमद्रव्यविभक्ति दो प्रकारकी है-कर्मद्रव्यविभक्ति और नोकर्मद्रव्यविभक्ति । कर्मद्रव्यविभक्तिको स्थापित करना चाहिए, क्योकि, वह बहुवर्णनीय है, तथा उसीसे प्रकृतमे प्रयोजन है ॥२-३॥ ___ अब चूर्णिकार नोकर्मद्रव्यविभक्तिका वर्णन करते हैं
चूर्णिसू०-तुल्य-प्रदेशवाला एक द्रव्य तुल्य-प्रदेशवाले अन्य द्रव्यके साथ अविभक्ति अर्थात् समान है। वही द्रव्य विसदृश प्रदेशवाले द्रव्यके साथ विभक्ति अर्थात् असमान है। तथा तदुभय अर्थात् विभक्ति और अविभक्तिरूपसे युगपद् विवक्षित द्रव्य अवक्तव्य है ॥४-६॥
विशेपार्थ-विभक्ति, असमान, असदृश, भेद और विभाग एकार्थवाची शब्द है, तथा अविभक्ति, समान, सदृश, अभेद और अविभाग ये सब एकार्थवाची शब्द है । समान प्रदेशवाला द्रव्य समान प्रदेशवाले अन्य द्रव्यके सदृश होता है, किन्तु उनमेसे यदि एक द्रव्य एकादि प्रदेशोसे अधिक हो जाय तो वह पूर्व विवक्षित द्रव्यसे विसदृश कहलायगा । यह विसदृशता केवल प्रदेशोकी अपेक्षा ही जानना चाहिए, न कि सत्त्व, प्रमेयत्व आदि गुणोकी अपेक्षा, क्योकि उनकी अपेक्षा तो उन दोनोम प्रदेशकृत असमानता होते हुए भी