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कसाय पाष्टुड सुत्त [ १४ चारित्रमोह-उपशामनाधिकार सव्वत्थोवा जहणिया अणुभागखंडय-उक्कीरणद्धा । ६०७. उक्कस्सिया अणुभागखंडयउकीरणद्धा विसेसाहिया । ६०८. जहणिया द्विदिवंधगद्धा ठिदिखंडय-उक्कीरणद्धा च तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ। ६०९. पडिवदमाणगस्स जहणिया द्विदिवंधगद्धा विसेसाहिया । ६१०. अंतरकरणद्धा विसेसाहिया । ६११. उक्कस्सिया हिदिवंधगद्धा हिदिखंडय-उक्कीरणद्धा च विसेसाहिया । ६१२. चरिमसमयसुहुमसांपराइयस्स गुणसेडिणिक्खेवो संखेज्जगुणो । ६१३. तं चेव गुणसेडिसीसयं ति भण्णदि । ६१४. उवसंतकसायस्स गुणसेडिणिक्खेवो संखेज्जगुणो । ६१५. पडिवदमाणयस्स सुहुमसपिराइयद्धा संखेज्जगुणा । ६१६. तस्सेव लोभस्स गुणसेढिणिक्खेवो विसेसाहिओ।
६१७. उवसामगस्स सुहुमसांपराइयद्धा किट्टीणमुवसामणद्धा सुहुमसांपराइयस्स पढमहिदी च तिण्णि वि तुल्लाओ विसेसाहियाओ । ६१८. उवसामगस्स किट्टीकरणद्धा विसेसाहिया । ६१९ पडिबदमाणगस्स बादरसांपराइयस्स लोभवेदगद्धा संखेज्जगणा। ६२०. तस्सेव लोहस्स तिविहस्स वि तुल्लो गुणसेडिणिखेवो विसेसाहिओ। ६२१. उयसामगस्स वादरसांपराइयस्स लोभवेदगद्धा विसेसाहिया । ६२२. तस्सेव पढमद्विदी विसेसाहिया । ६२३. पडिबदमाणयस्स लोभवेदगद्धा विसेसाहिया। ६२४. पडिवदमाणगस्स मायावेदगद्धा विसेसाहिया । ६२५. तस्सेव मायावेदगस्स छण्णं कम्माण गुणसेहिणिक्खेवो विसेसाहिओ। प्रकार है-अनुभागकांडकका जघन्य उत्कीरणकाल सबसे कम है ( १ )। अनुभागकांडकका उत्कृष्ट उत्कीरणकाल विशेष अधिक है (२) । जघन्य स्थितिबन्धकाल और स्थितिकांडकउत्कीरणकाल परस्पर तुल्य और संख्यातगुणित हैं (३)। गिरनेवालेका जघन्य स्थितिवन्धकाल विशेष अधिक है ( ४ ) । अन्तरकरणका काल विशेष अधिक है ( ५ ) । उत्कृष्ट स्थितिबन्धकाल और स्थितिकांडकोत्कीरणकाल विशेष अधिक है (६) । चरमसमयवर्ती सूक्ष्मसाम्परायिकका गुणश्रेणीनिक्षेप संख्यातगुणा है (७) । यही गुणश्रेणीनिक्षेप 'गुणश्रेणी शीर्पक' भी कहा जाता है । उपशान्तकषायका गुणश्रेणी निक्षेप संख्यातगुणा है (९)। उसी गिरनेवाले सूक्ष्मसाम्परायिकके लोभका गुणश्रेणी-निक्षेप विशेष अधिक है (१०) ।।६०४-६१६॥
चूर्णिसू०-लोभके गुणश्रेणीनिक्षेपसे उपशामकके सूक्ष्मसाम्परायका काल, कृष्टियोके उपशमानेका काल और सूक्ष्मसाम्परायिककी प्रथमस्थिति ये तीनो ही परस्पर तुल्य और विशेष अधिक है ( ११)। उपशामकका कृष्टिकरणकाल विशेष अधिक है ( १२ )। गिरनेवाले बादसाम्परायिकका लोभवेदककाल संख्यातगुणा है ( १३ )। उसके ही तीनो प्रकारके लोभका गुणश्रेणी-निक्षेप परस्पर तुल्य और विशेप अधिक है ( १४ ) । उपशामक वादरसाम्परायिकका लोभवेदककाल विशेप अधिक है (१५)। उसीके बादर लोभकी प्रथमस्थिति विशेप अविक है ( १६ ) । गिरनेवालेका लोभवेदककाल विशेष अधिक है (१७) । गिरनेवालेका मायावेदककाल विशेष अधिक है ( १८ ) । उसी मायावेदकके छह कर्मोका गुणश्रेणी-निक्षेप विशेप अधिक है ( १९) ॥६१७-६२५॥