Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ०भा० सा० जैन सं० र० संघ साहित्य रत्नमाला का 68 वा रत्न अनंगपविह सुत्ताणि बीओ सुयखंधो जंबुद्दीवपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती, सूरियपण्णत्ती, णिरयावलियाओ, कप्पवडिसियाओ, पुफियाओ पुप्फचूलियाओ, वहिदसाओ, चउछेयसुत्ताई, चत्तारिमूलसुत्ताई, आवस्सयसुत्तं परिसिहे 15 सम्पादकरतनलाल डोशी पारसमल चण्डालिया प्रकाशक-- अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति-रक्षक संघ सैलाना [म. प्र. Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० मा० सा जैन सं० 20 संघ साहित्य रत्नमालाका 68 वा रत्न अनंगपविट्ठ सुत्ताणि बोओ सुयखंधो जंबुद्दीवपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती, सूरियपण्णत्ती, णिरयावलियाओ, कप्पवडिंसियाओ, पुफियाओ पुप्फचूलियाओ, वण्हिदसाओ, चउछेयसुत्ताई, चत्तारिमूलसुत्ताई, आवस्सयसुतं 'परिसिहे सम्पादकरतनलाल डोशी पारसमल चण्डालिया प्रकाशक-- आखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति-रक्षक संघ सैलाना [म. प्र.] Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ र प्राप्ति-स्थान 0 1 श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति-रक्षक संघ सैलाना 457-550 (मध्य-प्रदेश) एदुन बिल्डिग, पहली धोबी तलाव लेन / बंबई-४००००२ . 3 " सिटी पुलिस, जोधपुर (राजस्थान) मूल्य-३0-00. प्रथमावृत्ति 1000 बीर संवत् 2510 विक्रम संवत् 2041 जुलाई सन् 1984 . . मुद्रक-श्री जैन प्रिंटिंग प्रेस, सैलाना (म. प्र.) Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संपादकीय अनंगपविटु सुत्ताणि का यह द्वितीय भाग धर्मप्रिय स्वाध्यायशील पाठकों के करकमलों में पहुँचाते मुझे परम हर्ष हो रहा है / जिनागमों के उपांग विभाग में प्रथम चार उपांग सूत्र अनंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 1 के रूप में फरवरी 1984 में प्रकाशित किये गये। इस पुस्तक में आगमबत्तीसी के शेष उपांग सूत्र, चार छेद, चार मूल सूत्र और आवश्यकसूत्र का समावेश किया गया है। इनका संक्षिप्त विषय विवरण इस प्रकार है 5 नंबद्दीवपण्णत्ती-जंबूदीप-प्रज्ञप्ति नामक इस पंचम उपांग सूत्र में जंबूद्वीप के क्षेत्र, पर्वत, द्रह, नदियाँ, कूट, कालचक्र ऋषभदेव भगवान् तथा भरत चक्रवर्ती का जीवन चरित्र, ज्योतिषी चक्र आदि का विस्तार से वर्णन है / यह कालिक सूत्र है / इसमें 10 अधिकार है। 6 चंदपण्णत्ती-चन्द्रप्रज्ञप्ति नामक छठे उपांग सूत्र में चन्द्र की ऋद्धि, मंडल, गति, गमन, संवत्सर, वर्ष, पक्ष, माह, तिथि, नक्षत्रों का कालमान, कुलं व उपकूल के नक्षत्र आदि का वर्णन है। यह कालिक सूत्र है। इसमें 20 प्राभृत हैं। इसका विषय गणितानुयोग है। 7 सूरियपण्णत्ती-सूर्यप्रज्ञप्ति नामक सातवें उपांग सूत्र में सूर्य की गति, मंडल, स्वरूप, प्रकाश, लेश्या प्रतिघात, संवत्सर, नक्षत्र आदि का सविस्तृत वर्णन है / यह उत्कालिक सूत्र है / इसमें भी 20 प्राभृत है। .. 8 मिरयावलियाओ-निरयावलिका नामक आठवें उपांग सूत्र में राजा श्रेणिक के कालकुमार आदि दस पुत्रों का युद्ध में लड़ते हुए मारा जाना, उनकी गति आदि तथा कोणिक का जीवन चरित्र, रथमसल संग्राम शिलाकंटक संग्राम आदि का विस्तृत वर्णन है। यह कालिक सूत्र है। इसमें 10 अध्ययन है। 9 कप्पडिसिया-कल्पावतंसिका नामक नौवें उपांग सूत्र में कोणिक राजा के पुत्र कालीकुमार के पद्मकुमारादि दस पुत्रों का श्रमण भगवान् Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (4) महावीर स्वामी के पास निग्रंथ प्रव्रज्या ग्रहण, श्रमण पर्याय का पालन, देवलोक गमन और भविष्य में मोक्ष प्राप्त करने का वर्णन है / यह कालिक सूत्र है / इसमें 10 अध्ययन है। 10 पुफिया-पुष्पिता नामक दसवें उपांग सूत्र में जो संयम पालन में खिले (फले) फिर विराधना से मुरझाये और पुनः संयम से फूले ऐसे 10 जीवों के पूर्वजन्म का विस्तृत वर्णन है। यह कालिक सूत्र है। इसमें 10 अध्ययन है। 11 पुप्फचलिया-पुष्पचूलिका नामक ग्यारहवें उपांग सूत्र में श्री, ह्री आदि 10 देवियों का भगवान महावीर की वंदना के लिए आना, गौतम स्वामी द्वारा पूर्वभव पृच्छा, भगवान् द्वारा पूर्व भव कथन आदि का वर्णन है। यह कालिकसूत्र है / इसमें 10 अध्ययन है। 12 वण्हिदसा-वृष्णिदशा में बलदेव राजा के निषढकुमारादि 12 पुत्रों का भगवान् अरिष्टनेमि के पास निग्रंथ प्रव्रज्याग्रहण, सर्वार्थसिद्धि गमन और भविष्य में मोक्ष प्राप्त करने का वर्णन है / यह कालिक सूत्र है। इसमें 12 अध्ययन है। चार छेद सूत्र 1 ववहारो- व्यवहार नामक प्रथम छेद सूत्र में 10 उद्देशक है / जिसे जो प्रायश्चित्त आता है उसे वह प्रायश्चित्त देना व्यवहार है। इस सूत्र में प्रायश्चित्त का वर्णन होने से इसे व्यवहार सूत्र कहते हैं / यह कालिक सूत्र है। 2 बिहकप्पसुत्तं-बृहत्कल्प नामक दूसरे छेद सूत्र में मुख्यतया साधुसाध्वियों के आचारकल्प का वर्णन है / इसमें छः उद्देशक हैं। यह कालिक सूत्र है। कल्प का अर्थ है-मर्यादा / साधु धर्म की मर्यादा का प्रतिपादक होने से यह बृहत्कल्प के नाम से जाना जाता है / इसमें आहार,उपकरण, क्रियाक्लेश, गहस्थों के यहाँ जाना, दीक्षा, प्रायश्चित्त, परिहार विशुद्धि चारित्र, दूसरे गच्छ में जाना, विहार, वाचना स्थानक आदि विषयक साध्वाचार का कथन है। 3 णिसीहसुत्तं-निशीथ नामक तृतीय छेद सूत्र में प्रायश्चित्ताधिकार है / इसमें 20 उद्देशक है / पहले उद्देशक में गुरु मासिक प्रायश्मित्त. दूसरे से पाँचवें उद्देशक में लघुमासिक प्रायश्चित्त छठे से 11 वें उद्देशक में गुरु चातु Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ र्मासिक प्रायश्चित्त, बारहवें से 19 वें उद्देशे तक लघुचातुर्मासिक प्रायश्चित्त एवं 20 वें उद्देशे में प्रायश्चित्त की विधि का वर्णन है। यह कालिक सूत्र है इसे नववें प्रत्याख्यान पूर्व की तृतीय वस्तु के बीसवें प्राभृत से उद्धृत किया गया। 4 दसासुयक्वंधो-दशाश्रुतस्कंध नामक चतुर्थ छेद सूत्र में दस दशा (अध्ययन) है। इसमें असमाधि के 20 स्थान, 21 सबल दोष, 33 आशातना, आचार्य की आठ संपदाएं व उनके भेद, चित समाधि के 10 स्थान, श्रावक की 11 प्रतिमाएँ, साधु की 12 प्रतिमाएँ, पंच कल्याणक, महामोहनीय कर्म बंध के 30 स्थान तथा नव निदान का सविस्तृत वर्णन है / यह कालिक सूत्र है / दस अध्ययन होने से इसका नाम दशाश्रुतस्कंध है। चार मूल सूत्र 1 दसवेयालियसुत्तं-दशवकालिक नामक प्रथम मूल सूत्र में 10 अध्ययन और दो चूलिकाएँ है / इसकी रचना 14 पूर्वधर श्री शय्यंभवाचार्य ने अपने पुत्र मनक शिष्य के लिए पूर्वो एवं अंगशास्त्रों में से उद्धृत करके की है। इसमें 10 अध्ययन है और इसे विकाल में भी पढ़ा जा सकता है अतः इसका नाम 'दशवैकालिक' है। 2 उत्तरज्झयणसुत्तं-उत्तराध्ययन नामक द्वितीय मूलसूत्र में विनयश्रुत आदि छत्तीस उत्तर अर्थात् प्रधान अध्ययन है इसलिये यह सूत्र उत्तराध्ययन सूत्र कहलाता है / स्वयं श्रमण भगवान् महावीर स्वामी ने मोक्षगमन . के समय यह सूत्र फरमाया था / यह कालिक सूत्र है। - 3 नंदीसुतं-नंदीसूत्र नामक तृतीय मूलसूत्र में संघ स्तुति, स्थविरावली परिषद् एवं पाँच ज्ञान का स्वरूप सविस्तार से वर्णित है / नन्दी का अर्थ हैमंगल या हर्ष / हर्ष एवं मंगल का कारण होने और पांच ज्ञान का स्वरूप बतलाने वाले होने से यह सूत्र नन्दी कहा जाता है / यह उत्कालिक सूत्र है। ___4 अणुओगदारसुत्तं-अनुयोगद्वार चौथा मूल सूत्र है / 'अणु' अर्थात् संक्षिप्त सूत्र को महान् अर्थ के साथ जोड़ना अनुयोग है अथवा अध्ययन के अर्थ व्याख्यान की विधि को अनुयोग कहते है। अनुयोगद्वार सूत्र में आवश्यक, उपक्रम, आनुपूर्वी, दश नाम, प्रमाण, निक्षेप, अनुगम और नय का सविस्तृत Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वर्णन है / यह सूत्र उत्कालिक है / - आवस्सयसुत्तं-बत्तीसवें आवश्यक सूत्र में सामायिक आदि छहों आवश्यक का विस्तार से वर्णन है। परिशिष्ट परिचय-प्रथम परिशिष्ट में कल्पसूत्र है जो दशाश्रुतस्कंध का आठवाँ अध्ययन है। इसमें भगवान महावीर स्वामी, पार्श्वनाथ, अरिष्टनेमी और ऋषभदेव इन चारों तीर्थंकरों का जीवन चरित्र, स्थविरावली और समाचारी वणित है / द्वितीय परिशिष्ट में सविधि सायायिक सूत्र है। तृतीय परिशिष्ट में प्रतिक्रमण सूत्र विधि सहित दिया गया है। स्व० श्री डोशीजी सा. के स्वर्गवास के बाद मुझ पर कार्यभार विशेष रहा, साहित्य सामग्री भी कम उपलब्ध हुई और अन्य योग्य सहायक के अभाव में प्रूफ संशोधन का सारा कार्य मुझे ही करना पड़ा। अतः मैं जैसा चाहता था वैसा तो नहीं कर सका पर जो कुछ किया जा सका, वह प्रस्तुत है। इस प्रकाशन में दृढ़धर्मी सुश्रावक श्रीमान् जशवंतलालभाई शाह बम्बई निवासी का समय 2 पर मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा, इसके लिये मैं उनका हृदय से आभारी हूं। - सुज्ञ पाठकों एवं विद्वद्जनों से नम्र निवेदन है कि वे अशद्धियों के बारे में हमें सूचित करने का कष्ट करें ताकि सम्पूर्ण अनंगपविट्ट सुत्ताणि के प्रकाशन के साथ शुद्धिपत्र प्रकाशितं किया जा सके / जिन धर्मोपासक संघ संरक्षक दानवीर महानुभावों के उदारतापूर्ण सह- . योग से यह आगम सेवा बन सकी है। उन सभी का मैं आभारी हूं। आशा है जिनवाणी के रसिक महानुभावों को यह प्रकाशन उपयोगी लगेगा / हमारा प्रयास है कि शुद्धिपत्र के साथ अनंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 1-2 का संयुक्त प्रकाशन भी शीघ्र पाठकों की सेवा में पहुँचावें। .. __ इस पुस्तक में यदि कहीं कोई भूल रह गई हो या सिद्धांत के विरुद्ध प्रकाशन हुआ हो तो अनंत सिदों की साक्षी से "मिच्छामि दुक्कडं।" सैलाना -पारसमल चंडालिया दि. 11711984 Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अस्वाध्याय निम्नलिखित चौतीस कारण टाल कर स्वाध्याय करना चाहिये। आकाश सम्बन्धी 10 अस्वाध्याय कालमर्यादा 1 बड़ा तारा टूटे तो .. एक प्रहर 2 दिशा-दाह ............. जबतक रहे 3 अकाल में मेघ-गर्जना हो तो... दो प्रहर 4 " बिजली चमके तो..... एक प्रहर 5 " बिजली कड़के तो........ दो प्रहर 6 शुक्ल पक्ष की 1-2-3 की रात........ प्रहर रात्रि तक 7 आकाश में यक्ष का चिन्ह हो........ जब तक दिखाई दे 8-9 काली और सफेद धूभर........... जब तक रहे 10 आकाश-मण्डल धूलि से आच्छादित हो....... " औदारिक सम्बन्धी 10 अस्वाध्याय 11-13 हड्डी, रक्त और मांस, ये तिर्यंच के 60 हाथ के भीतर हो / मनुष्य के हो तो 1.. हाथ के भीतर * आकाश में किसी दिशा में नगर जलने या अग्नि की लपटें उठने जैसा दिखाई दे और प्रकाश हो तथा नीचे अंधकार हो, वह दिशा-दाह है। Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (8) हो / मनुष्य की हड्डी यदि जली हो / धुली न हो तो 12 वर्ष तक। 14 अशुचि की दुर्गन्ध आवे या दिखाई दे . तब तक 15 श्मशान भूमि-....... . सौ हाथ से कम दूर हो तो 16 चन्द्रग्रहण--खण्ड ग्रहण में 8 प्रहर, पूर्ण हो तो 12 प्रहर 17 सूर्य ग्रहण " 12 " 16 " 18 राजा का अवसान होने पर / जब तक नया राजा घोषित न हो। 19 युद्ध स्थान के निकट........ . जब तक युद्ध चले। 20 उपाश्रय में पंचेन्द्रिय का शव पड़ा हो। जब तक पड़ा रहे। 21-25 आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक और चैत्र की पूर्णिमा / .......... . . दिन-रात / 26-30 इन पूणिमाओं के बाद की प्रतिपदा 31-34 प्रातः, मध्यान्ह, संध्या और अर्द्धरात्रि / 1-1 मुहूर्त उपरोक्त अस्वाध्याय को टाल कर स्वाध्याय करना चाहिए / खुले मुँह नहीं बोलना तथा दीपक के उजाले में नहीं बाँचना चाहिए। नोट- मेघ-गर्जनादि में अकाल, आर्द्रा नक्षत्र से पूर्व और स्वाति के बाद का माना गया है। . Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबद्दीवपण्णत्ती पतमो वक्खारो णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं / तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था, रिद्धस्थिमियसमिद्धा वण्णओ / तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं माणिभद्दे णामं चेइए होत्था, वण्णओ। जियसत्तू राया, धारिणी देवी, वण्णओ / तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पंडिगया // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणरस भगवओ महावीरस्स जेटे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणे जाव [तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 ? केमहालए णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 ? किंसंठिए णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 ? किमायारभावपडोयारे णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 पण्णत्ते ?, गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे 2 सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वमंतरए सव्वखुड्डाए वट्टे तेल्लापूयसंठाणसंठिए वट्टे रहचकवालसं ठाणसंठिए व? पुक्खरकण्णियासंटाणसंठिए बट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसैठिए एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साइं दोषिण यं सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस यः अंगुलाई अद्वंगुलं च किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते // 2-3 // से णं एगाए वइरामईए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सा णं जगई अट्ट जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उवरिं चत्तारि जोयणाई विखंभेणं मूले विच्छिष्णा मज्झे संखित्ता उवरि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया णिम्मला णिका णिक्कंकडच्छाया सप्पभा सस्सिरीया सउज्जोया 'पासाईया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा, सा णं जगई एगेणं महंतगवक्खकडएणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, से णं गवक्त्रकडए अद्धजोयणं उड़े उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे, तीसे णं जगईए एप्पिं Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 602 अनंगपविद्वसुत्ताणि बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा पउमवरवेइया पण्णत्ता, अद्धजोयणं उर्ल्ड उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं जगईसमिया परिक्खेवेणं सव्वरयणामई अच्छा जाव पडिरूवा / तीसे णं पउमवरवेइयाए अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइ.. रामया णेमा एवं जहा जीवाभिगमे जाव अट्ठो जाव धुवा णियया सासया जाव णिच्चा // 4 // तीसे णं जगईए उप्पिं बाहिं पउमवरवेइयाए एत्थ णं महं एगेवणसंडे पण्णत्ते देसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं जगईसमए परिक्खेवेणं वणसंडवण्णओ णेयव्वो // 5 // तस्स णं वणसंडस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामएआलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहाकिण्हेहिं एवं वण्णो गंधो रसो फासो सद्दो पुक्खरिणीओ पव्वयगा घरगा मंडवगा पुढविसिलावट्टया य णेयव्वा, तत्थ णं बहवे यणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयटृति रमंति ललंति कीलंति मोहंति पुरापोराणाणं सुपरक्कंताणं सुभाणं कल्लाणाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणफलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरति / तीसे णं जगईए उम्पिं अंतो पउमवरवेइयाए एत्थ णं एगे महं वणसंडे पण्णत्ते, देसूणाई दो जोयणाई विखंभेणं वेइयासमएण परिक्खेवेणं किण्हे जाव तणविहूणे णेयव्वे // 6 // जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि दारा प०, तं०-विजए 1 वेजयंते 2 जयंते 3 अपराजिए 4 // 7 // कहि णं भंते! जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमेणं पणयालीसं जोयणसहस्साई वीइवइत्ता जंबुद्दीवदीवपुरथिमपेरंते लवणसमुद्दपुरथिमद्धस्स पच्चत्थिमेणं सीयाए महाणईए उप्पिं एत्थ णं जंबुद्दीवस्स० विजए णामं दारे पण्णत्ते, अट्ठ जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चैव पवेसेणं, सेए वरकणगथूभियाए जाव दारस्स वण्णओ जाव रायहाणी / एवं चत्तारि वि दारा सरायहाणिया भाणियव्वा // 8 // जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य दारस्स य केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! अउणासीइं जोयणसहस्साई बावण्णं च जोयणाई देसूणं च अद्धजोयणं दारस्स य 2 अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, गाहा-अउणासीइं सहस्सा बावण्णं चेव जोयणा हुँति / ऊणं च अद्धजोयण दारंतर जंबुद्दीवस्स // 11 // 9 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं वासे पण्णत्ते ? गो० ! चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेपो दाहिणवणसमुद्दस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्त पचत्यिमेणं पञ्चस्थिम Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 1 603 लवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं वासे पण्णत्ते, खाणुबहुले कंटगबहुले विसमबहुले दुग्गबहुले पव्वयबहुले पवायबहुले उज्झरबहुले णिज्झरबहुले खड्डाबहुले दरिबहुले णईबहुले दहबहुले रुक्खबहुले गुच्छबहुले गुम्मबहुले लयाबहुले वल्लीबहुले अडवीबहुले सावयबहुले तेणबहुले तक्करबहुले डिम्बबहुले डमरबहुले दुब्भिक्खबहुले दुक्कालबहुले पासंडबहुले किवणबहुले वणीमगबहुले ईतिबहुले मारिबहुले कुबुट्ठिबहुले अणावुट्ठिबहुले रायबहुले रोगबहुले संकिलेसबहुले अभिक्खणं 2 संखोहबहुले पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे उत्तरओ पलियंकसंठाणसंठिए दाहिणओ धणुपिट्ठसंठिए तिहा लवणसमुदं पुढे गंगासिंधूहिँ महाणई हिं वेयढेण य पव्वएण छन्भागपविभत्ते जंबुद्दीवदीवणउयसयभागे पंचछवीसे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं / भरहस्स णं वासस्स बहुमझदेसभाए एत्थ णं वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते; जे णं भरहं वासं दुहा विभयमाणे 2 चिट्ठइ, तं०दाहिणड्डभरहं च उत्तरडभरहं च // 10 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे भरहे णामं वासे पण्णत्ते 1 गो० ! वेयड्स्स पव्वयस्स दाहिणेणं दाहिणलवणसमुद्दस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदुस्स पच्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डभरहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे अद्धचंदसंठाणसंठिए तिहा लवणसमुदं पुढे गंगासिंधूहिं महाणई हिं तिभागपविभत्ते दोण्णि अद्वतीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चस्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा णव जोयणसहस्साइं सत्त य अडयाले जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं, तीसे धणुपुढे दाहिणणं णव जोयणसहस्साइं सत्तछावटे जोयणसए एक्कं च एगूणवीसइभागे जोयणस्स किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, दाहिणड्डभरहस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहा—कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, दाहिणड्डभरहे णं भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपजवा बहुआउपजवा बहूई वासाइं आउं पालेति पालित्ता अप्पेगइया णिरयगामी अप्पेगइया तिरिय Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 604 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गामी अप्पेगइया मणुयगामी अप्पेगइया देवगामी अप्पेगइया सिझंति बुझंति मुच्चंति परिणिव्वायांते सव्वदुक्खाणमंतं करेंति // 11 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 भरहे वासे वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते ? गो० ! उत्तरड्भरहवासस्स दाहिणणं दाहिणड्डभरहवासस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे 2 भरहे वासे वेयड्डे णामं पव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पच्चत्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे, पणवीसं जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं छस्सकोसाइं जोयणाई उव्वेहेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं चत्तारि अट्ठासीए जोयणसए सोलस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं पण्णत्ता, तस्स र्जका उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरस्थिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पच्चथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा दस जोयणसहस्साई सत्त य वीसे जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं, तीसे धणुपुढे दाहिणेणं दस जोयणसहस्साई सत्त य तेयाले जोयणसए पण्णरस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं रुयगसंठाणसंठिए सव्वरययामए अच्छे सण्हे लढे घट्टे मढे णीरए णिम्मले णिप्पंके णिक्कंकडच्छाए सप्पभे सस्सिरीए पासाईए दरिसणिज्जे अभिरुवे पडिरूवे / उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते। ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उट्टे उच्चत्तेणं पंचधणुसयाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं वण्णओ भाणियव्यो / ते णं वणसंडा देसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं पउमवरवेइयासमगा आयामेणं किण्हा किण्होभासा जाव वण्णओ। वेयड्स्स णं पव्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं दो गुहाओ पण्णत्ताओ, उत्तरदाहिणाययाओ पाईणपडीणविच्छिण्णाओ पण्णासं जोयणाई आयामेणं दुवालस जोयणाई विक्खंभेणं अट्ठ जोयणाई उड्डे उच्चत्तेणं वइरामयकवाडोहाडियाओ जमलजुयलकवाडघणदुप्पवेसाओ णिच्चंधयारतिमिस्साओ ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहाओ जाव पडिरूवाओ, तंजहा-तमिसगुहा चेव खंडप्पवायगुहा चेव, तत्थ णं दो देवा महिड्डिया महज्जुइया महाबला महायसा महासुक्खा महाणुभागा पलिओवमष्ट्रिइया परिवसंति, तंजहाकयमालए चेव णट्टमालए चेव / तेसि णं वणसंडाणं बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ वेयडस्स पव्वयस्स उभओ पासिं दस दस जोयणाई उडे उप्पइत्ता एत्थ णं दुवे विजाहरसेढीओ पण्णत्ताओ, पाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणविच्छिण्णाओ Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती वं. 1 दस दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहि दोहिं वणसंडेहिं संपरिक्खित्ताओ, ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उड्डे उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं वण्णओ णेयव्यो, वणसंडा वि पउमवरवेइयासमगा आयामेणं वण्णओ। विजाहरसेढीणं भंते ! भूमीणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहा-कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तत्थ णं दाहिणिल्लाए विजाहरसेढीए गगणवल्लभपामोक्खा पण्णासं विजाहरणगरावासा पण्णत्ता, उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए रणेउरचक्वालपामोक्खा सहिँ विजाहरणगरावासा पण्णत्ता, एवमेव सपुव्वावरणं दाहिणिल्लाए उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए एगं दसुत्तरं विजाहरणगरावाससयं भवतीतिमक्खायं, ते विजाहरणगरा रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पडिरूवा, तेसु णं विजाहरणयरेसु विजाहररायाणो परिवसंति महयाहिमवंतमलयमंदरमहिंदसारा रायवण्णओ भाणियव्वो। विजाहरसेढीणं भंते ! मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपजवा बहुआउपजवा जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तासि णं विजाहरसेढीणं बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ वेयवस्स पव्वयस्स उभओ पासिं दस दस जोयणाई उट्टे उप्पइत्ता एत्थ णं दुवे आभिओगसेढीओ पण्णत्ताओ, पाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणविच्छिण्णाओ दस दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ताओं वण्णओ दोण्ह वि पव्वयसमियाओ आयामेणं, आमिओगसेढीणं भंते ! केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा! बहसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव तणेहिं उवसोभिए वण्णाइं जाव तणाणं सहोत्ति, तासि णं आभिओगसेढीणं तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं जाव वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति सयंति जाव फलवित्तिविसेसं पच्चणुब्भवमाणा विहरंति, तासु णं आभिओगसेढीसु सक्कस्स देविंदस्स देवरणो सोमजमवरुणवेसमणकाइयाणं आभिओगाणं देवाणं बहवे भवणा पण्णत्ता, ते णं भवणा बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा वण्णओ जाव अच्छरघणसंघसंविकिण्णा जाव पडिरूवा, तत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमजमवरुणवेसमणकाइया बहवे आभिओगा देवा महिड्डिया महज्जुइया जाव महासुक्खा पलिओ Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 606 अनंगपविटुसुत्ताणि वमट्ठिइया परिवसति / तासि णं आमिओगसेढीणं बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ वेयडस्स पव्वयस्स उभओ पासिं पंच 2 जोयणाई उड्डे उप्पइत्ता एत्थ णं वेयड्स्स पव्वयस्स सिहरतले पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमगे आयामेणं, से णं इक्काए पउमवरवेइयाए इक्केणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, पमाणं वण्णओ दोण्हंपि, वेयडस्स णं भंते ! पव्वयस्स सिहरतलस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहि स्वसोभिए जाव वावीओ पुस्खरिणीओ जाव वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति जाव भुंजमाणा विहरंति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे वेयड्डपव्वए कइ कूडा प० ? गो० ! णव कूडा प०, तं०-सिद्धाययणकूडे 1 दाहिणड्डभरहकूडे 2 खंडप्पवायगुहाकूडे 3 माणिभद्दकूडे 4 वैयकूडे 5 पुण्णभद्दकूडे 6 तिमिसगुहाकडे 7 उत्तरड्डभरहकूडे 8 वेसमणकूडे 9 // 12 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 भारहे वासे वेयड्डपव्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! पुरथिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं दाहिणड्डभरहकूडस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वेयड्ढे पव्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, छ सक्कोसाइं जोयणाई उड्डे उच्चतेण मूले छ सक्कोसाई जोयणाई विक्खंभेणं मझे देसूणाई पंच जोयणाई विक्खंभेणं उवरिं साइरेगाइं तिण्णि जोयणाई विक्खंभेणं मूले देसूणाई वीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मज्झे देसूणाई पण्णरस जोयणाई परिक्खेवेणं उवरिं साइरेगाइं णव जोयणाई परिक्खेवेणं, मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए. गोपुच्छसंठाणसंठिए; सव्वरयणामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे / ते ण एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिस्वित्ते, पमाणं वण्णओ दोहंपि; सिद्धाययणकूडस्स णं उभि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामएआलिंगपुक्खरेइ वा जाव वाणमंतरा देवा य जाव विहरंति, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं महं एगे सिद्धाययणे पण्णत्ते, कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूर्ण कोसं उड्डे उच्चत्तेणं अणेगखंभसयसण्णिविटे खंभुग्गय-सुकयवहरवेइआ-तोरण-वररइयसाल-भंजिअ-सुसिलिट्ठ-विसिट्ठलट्ठसंठिय-पसत्थवेरुलिय-विमल. खंभे णाणामणिरयणखचिअ-उजल-बहुसमसुविभत्त-भूमिभागे ईहामिग-उसभ-तुरगणर-मगर-विहग-वालग-किण्णर-हरु-सरभचमरकुंजरवणलय-पउमलयभत्तिचित्ते कंचण Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.१ 6.7 मणिरयणथूमियाए णाणाविहपंच-वण्ण-घंटा-पडाग-परिमंडियग्गसिहरे धवले मरीइकवयं विणिम्मुयंते लाउल्लोइयमहिए जाव झया। तस्स णं सिद्धाययणस्स तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता / तेणं दारा पंचधणुसयाई उड्डे उच्चतेणं अड्डाइजाई धणुसयाई विक्खंमेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेयावरकणगथूभियगा दारवण्णओ जाव वणमाला / तस्स णं सिद्धाययणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव तस्स णं सिद्धाययंणस्स णं बहुसमरमणिजस्सं भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थणं महं एगे देवच्छंदए पण्णत्ते, पंच धणुसयाई आयायविक्खंभेणं साइरेगाइं पंच धणुसयाई उड्डे उच्चत्तेणं सव्वरयणामए / एत्थणं अट्ठसयं जिणपडिमाणं जिणुस्सेहप्पमाणमित्ताणं संणिक्खित्तं चिट्ठइ एवं जाव धूवकडुच्छुगा-।। 13 / / कहि णं भंते ! वेयड्ढे पव्वए दाहिणभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! खंडप्पवायकूडस्स पुरथिमेणं सिद्धाययणकूडस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं वेयड्ढपव्वए दाहिणभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, सिद्धाययणकडप्पमाणसरिसे जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायवडिंसए पण्णत्ते, कोसं उड्डे उच्चत्तेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिए जाव पासाईए 4, तस्स णं पासायवडिसगस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पण्णत्ता, पंच धणुसयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइजाई धणुसथाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई०, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं सिंहासणं पण्णत्ते, सपरिवार भाणियव्वं, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-दाहिणभरहकूडे 2 1 गो० ! दाहिणड्डभरहकूडे णं दाहिणड्डभरहे णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं अग:महिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाण सत्तण्हं अणियाहिवईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं दाहिणड्डभरहकूडस्स दाहिणड्डाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ // कहि णं भंते ! दाहिणड्डभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्ढा णामं रायहाणी पप्णत्ता गो० ! मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं तिरियमसंखेजदीवसमुद्दे वीईवइत्ता अणं जंबुद्दीवे दीवे दक्खिणेणं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्डभरहा णामं रायहाणी भाणियव्वा जहा विजयस्स देवस्स, एवं सव्वकूडा णेयव्वा जावं वेसमणकूडे परोप्परं पुरथिमपच्चत्थिमेणं, इमीसिं वण्णावासे गाहा--मज्झे वेयडस्स उ कणयमया तिण्णि होंति कूडाओ / सेसा पव्वयकूडा Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि सब्बे रयणामया होंति ॥१॥माणिभद्दकूडे 1 वेयकूडे 2 पुण्णभद्दकूडे 3 एए तिण्णि कूडा कणगामया सेसा छप्पि रयणामया, दोण्हं वि सरिसणामया देवा कयमालए चेव णट्टमालए चेव, सेसाणं छण्हं सरिसणामया-जण्णामया य कूडा, तण्णामा खलु हवंति ते देवा / पलिओवमट्टिईया हवंति पत्तेयपत्तेयं // 1 // रायहाणीओ जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियं असंखेजदीवसमुद्दे वीईवइत्ता अण्णमि जंबुद्दीवे दीवे बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं रायहाणीओ भाणियव्वाओ विजयरायहाणीसरिसयाओ // 14 // से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-चेयड्ढे पव्वए वेयड्ढे पव्वए ? गोयमा ! वेयले णं पव्वए भरहं वासं दुहा विभयमाणे 2 चिट्ठइ, तंजहादाहिणड्डभरहं च उत्तरड्डभरहं च, वेयवगिरिकुमारे य...महिड्डिए जाव पलिओवमहिइए परिवसइ, से तेण?णं गोयमा ! एवं बुच्चइ-वेयड्ढे पव्वए 2, अदुत्तरं च णं गोयमा ! वेयड्स्स पव्वयस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते जं ण कयाइ ण आसि ण कयाइ ण अस्थि ण कयाइ ण भविस्सइ भुवि च भवइ य भविस्सइ य धुवे शियए सासए अक्खए अबए अवट्ठिए णिच्चे // 15 // कहि णं भंते !. जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा ! चुल्लहिमवंतस्स वासहरपब्वयस्स दाहिणेणं वेयड्ढस्स पव्वयस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरस्थिमेगं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिलाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पच्चत्थिमिल्लाए जाव पुढे गंगासिंधूहिं महाणईहिं तिभागपविभत्ते दोण्णि अट्टतीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसहभागे जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं अट्ठारस बाणउए जोयणसए सत्त य एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा तहेव जाव चोद्दस जोयणसहस्साई चत्तारि य एकहत्तरे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसूणे आयामेणं पण्णत्ता, तीसे धणुपट्टे दाहिणेणं चोद्दस जोयणसहस्साइं पंच अट्ठावीसे जोयणसए एक्कारस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवणं / उत्तरडभरहस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव कित्तिमोहं चेव अकित्तिमेहिं चेव, उत्तरड्डभरहे णं भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गं यमा! Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णती व. 2 606 ते णं मृणुया बहुसंघयणा जाव अप्पेगइया सिझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति * // 16 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे उसभकूडे णामं पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! गंगाकुंडस्स पचत्थिमेणं सिंधुकुंडस्स पुरत्थिमेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णितंबे एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे उसहकूडे णाम पव्वए पण्णत्ते, अट्ठ जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं, दो जोयणाई उव्वेहेणं, मूले अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे छ जोयणाई विक्खंभेणं उपरिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं, मूले साइरेगाइं पणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मझे साइरेगाइं अट्ठारस जोयणाइं परिक्खेवेणं उवरिं साइरेगाई दुवालस जोयणाइं परिक्खेवेणं, (पाठांतरंमूले बारस जोयणाई विखंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उप्पिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं, मूले साइरेगाई सत्ततसं जोयणाइं परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाई पणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं उबि साइरेगाइं बारस जोयणाई परिक्खेवेणं) मले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वजंबूणयामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे, से णं एगाए परमवरवेइयाए तहेव जाव भवणं कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसऊणं कोसं उड्ढे उच्चत्तेणं, अट्ठो तहेव, उप्पलाणि पउमाणि जाव उसमे य एत्थ देवे महिड्डिए जाव दाहिणेणं रायहाणी तहेव मंदरस्स पव्वयस्स जहा विजयस्स अविसेसियं // 17 // पढमो वक्खारो समत्तो / / . बीओ वक्खारो जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे कइविहे काले पण्णत्ते? गो० ! दुविहे काले पण्णत्ते, तंजहा-ओसप्पिणिकाले य उस्सप्पिणिकाले य, ओसप्पिणिकाले णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गो० ! छव्विहे पण्णत्ते, तं०-सुसमसुसमाकाले 1 सुसमाकाले 2 सुसमदुस्समाकाले 3 दुस्समसुसमाकाले 4 दुस्समाकाले 5 दुस्समदुस्समाकाले 6 उस्सप्पिणिकाले णं भंते ! कइंविहे प० ? गो० ! छव्विहे पण्णत्ते, सं०-दुस्समदुस्समाकाले 1 जाव सुसमसुसमाकाले 6 / एगमेगस्स णं भंते ! मुहुत्तस्स केवइया उम्सा . * विजाहरसमणदंसणओ, कम्माण खओवसमविचित्तयाए जाइसरणेणं, चक्कवट्टिकाले अणुग्घाडियगुहाजुयलावट्ठाणेणं (सयं गमणा), चक्किकाले य तत्थुववण्णा वि इह तित्थयराइपासे धम्मसवणाइणा लद्धबोही अणुकमेणं पत्तकेवला तत्थ वि सिझंति अहवा तव्वासवासिणो इहमागंतूण तहाविधम्ममायरित्तु सिझंति अदुवा साहरणं पडुच्च तत्थ सिद्धी संभवेइत्ति / पपसारा Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 610 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सद्भा वियाहिया ? गोयमा ! असंखिजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति बुच्चइ संखिजाओ आवलियाओ ऊसासो संखिजाओ आवलियाओ णीसासो, गाहा-हट्ठस्स अणवगलस्स, णिरुवकिट्ठस्स जंतुणो / एगे ऊसासणीसासे, एस पाणुत्ति बुच्चइ // 1 // सत्त पाणूई से थोवे, सत्त थोवाई से लवे / लवाणं सत्तहत्तरीए, एस मुहुत्तेत्ति आहिए // 2 // तिण्णि सहस्सा सत्त य सयाई तेवत्तरिं च ऊसासा / एस मुहुत्तो भणिओ सव्वेहि अणतणाणीहिं // 3 // एएणं मुहुत्तप्पमाणेणं तीसं मुहत्ता अहोरत्तो पण्णरस अहोरत्ता पक्खो दो पक्खा मासो दो मासा उऊ तिण्णि उऊ अयणे दो अयणा संवच्छरे पंचसंवच्छरिए जुगे वीसं जुगाइं वाससए दस वाससयाई वाससहस्से सयं वाससहस्साणं वांससयसहस्से चउरासीइं वाससयसहस्साई से एगे पुव्वंगे चउरासीई. पुव्वंगसयसहस्साइं से एगे पुव्वे एवं बिगुणं बिगुणं णेयव्वं तुडियंगे 2 अडडंगे 2 अववंगे 2 हूहूयंगे 2 उप्पलंगे 2 पउमंगे 2 णलिणंगे 2 अत्थिणिउरंगे 2 अउयंगे 2 णउयंगे २.पउयंगे 2 चूलियंगे 2 जाव चउरासीइं सीसपहेलियंगसयसहस्साइं सा एगा सीसपहेलिया एताव ताव गणिए एताव ताव गणियस्स विसए तेण परं ओवमिए // 18 // से कि तं ओवमिए ? 2 दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-पलिओवमे य सागरोवमे य, से किं तं पलिओवमे ? पलि ओवमस्स परूवणं करिस्सामि, परमाणू दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-सुहुमे य ववहारिए य, अणंताणं सुहुमपरमाणुपुरगलाणं समुदयसमिइसमागमेणं ववहारिए परमाणू णि फजइ तत्थ णो सत्थं कमइ-सत्थेण सुतिक्खेणवि हेत्तुं भित्तुं च जं किर ण सका। तं परमाणु सिद्धा वयंति आई पमाणाणं // 1 // अणंताणं ववहारियपरमाणूणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा उस्सहसण्हियाइ वा सहसण्हियाइ वा उड्ढरेणूइ वा तसरेणूइ वा रहरेणूइ वा वालग्गेइ वा लिक्खाइ वा जूयाइ वा जवमज्झेइ वा उस्सेहंगुलेइ वा, अट्ठ उस्सण्हसण्हियाओ सा एगा सहसण्हिया अट्ठ सहसण्हियाओ सा एगा उड्डरेणू अट्ठ उड्डरेणूओ सा एगा तसरेणू अट्ट तसरेणूओ सा एगा रहरेणू अट्ठ रहरेणूओ से एगे देवकुरुत्तरकुराण मणुस्साणं वालग्गे अट्ठ देवकुरूत्तरकुराण मणुस्साण वालगे से एगे हरिवासरम्मयवासाण मणुस्साणं वालग्गे एवं हेमवयहेरण्णवयाण मणुस्साणं पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा सा एगा लिक्खा अट्ट लिंक्खाओ सा एगा जूया अट्ठ जूयाओ से एगे जवमज्झे अट्ठ जवमज्झा से एगे अंगुले एएणं अंगुलम्पमाणेणं छ अंगुलाई पाओ बारस अंगुलाई विहत्थी चउवीसं अंगुलाई रयणी Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 611 अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी छण्णउइ अंगुलाई से एगे अक्खेइ वा दंडेइ वा धणूइ वा जुगेइ वा मुसलेइ वा णालियाइ वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं चुत्तारि गाउयाइं जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयामविक्खंभेणं जोयगं उड़े उच्चत्तेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवणं, से णं पल्ले एगाहियबेहियतेहिय उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संमटे सण्णिचिए भरिए वालपकोडीणं / ते णं वालग्गा णो कुत्थेजा, णो परिविद्धंसेजा, णो अग्गी डहेजा, णो वाए हरेजा, णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेजा, तओ णं वाससए 2 एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए पिल्लेवे णिट्ठिए भवइ, से तं पलिओवमे। एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया / तं सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं // 1 // एएणं सागरोवमप्पमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा 1 तिण्णि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा 2 दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदुस्समा 3 एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया कालो दुस्समसुसमा 4 एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समा 5 एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा 6, पुणरवि उस्सप्पिणीए एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा 1 एवं पडिलोमं णेयव्वं जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा 6, दससागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी दससागरोवमकोडाकोडीओ. कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणीउस्सप्पिणी // 19 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहे वासे इमीसे उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमकट्टपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था से जहाणांमए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं तणेहि य मणीहि य उवसोभिए, तंजहा-किण्हेहिं जाव सुक्किल्लेहि, एवं वण्णो गंधो फासो सद्दो य तणाण य मणीण य भाणियव्वो जाव तत्थ णं बहवे मणुस्सा मणुस्सीओ य आसयंति सयंति चिटुंति णिसीयंति तुय{ति हसंति रमंति ललंति, तीसे णं समाए भरहे वासे बहवे उद्दाला कुद्दाला मुद्दाला कयमाला णट्टमाला दंतमाला णागमाला सिंगमाला संखमाला सेयमाला णामं दुमगणा पण्णत्ता, कुसवि..कुसविसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव बीयमंतो पत्तेहि य पुप्फेहि य फलेहि य उच्छण्णपडिच्छण्णा सिरीए अईव 2 उवसोभेमाणा 2 चिट्ठति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ...बहवे भेरुतालवणाई हेरुतालवणाई मेरुतालवणाई पभयाल Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 612 . अनंगपविट्ठसुत्ताणि . वणाई सालवणाई सरलवणाई सत्तिवण्णवणाई पूयफलिवणाई खजरीवणाई णालिएरीवणाई कुसविकुसविसुद्धरक्खमूलाई जाव चिट्ठति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ...बहवे सेरियागुम्मा णोमालियागुम्मा कोरंटयगुम्मा बंधुजीवगगुम्मा मणोजगुम्मा बीयगुम्मा बाणगुम्मा कणइरगुम्मा कुजायगुम्मा सिंदुवारगुम्मा जाइगुम्मा मोग्गरगुम्मा जहियागुम्मा मल्लियागुम्मा वासंतियागुम्मा वत्थुल्गुम्मा कत्थुलगुम्मा सेवालगुम्मा अगत्थिगुम्मा मगदंतियागुम्मा चंपगगुम्मा जाईगुम्मा णदणीइयागुम्मा कुंदगुम्मा महाजाइगुम्मा रम्मा महामेहणिउरंबभूया दसद्धवणं कुसुमं कुसुमेंति जे णं भरहे वासे बहुसमरमणिज्जं भूमिभागं वायविधुयग्गसाला मुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेंति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ २...तहिं तहिं बहुईओ पउमलयाओ जाव सामलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव लयावण्णओ, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ २...तहिं 2 बहुईओ वणराईओ. पण्णत्ताओ, किण्हाओ किण्होभासाओ जाव मणोहराओ रयमत्तगछप्पयकोरगभिंगारगकोंडलगजीवंजीवगणंदीमुहकविलपिंगलक्खगकारंडवचकवायगकल-हंसहंससारस-अणेगसउणगणमिहुणपवियरियाओ सद्दुण्णइयमहरसरणाइयाओ संपिंडिय० णाणाविहगुच्छ० वावीपुक्खरिणीदीहियासु अ सुणि० विचित्त० अभित० सांउ० णिरोगक० सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धाओ पिंडिम जाव पासाईयाओ 4 / तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ... तहिं 2 मत्तंगा णामं दुमगणा पण्णत्ता, से जहा० चंदप्पभा जाव छण्णपडिच्छण्णा चिटुंति, एवं जाव अणिगणा णामं दुमगणा पण्णत्ता // 20 // तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! ते णं मणुया सुपइट्ठियकुम्मचारुचलणा जाव लक्वणवंजणगुणोववेया सुजायसुविभत्तसंगयंगा पासाईया जाव पडिरूवा / तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुईणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! ताओ णं मणुईओ सुजायसव्वंगसुंदरीओ पहाणमहिलागुणेहिं जुत्ताओ अइक्कंतविसप्पमाणमउयाओ सुकुमालकुम्मसंठियविसिट्ठचलणाओ उज्जुमउयपीवरसुसाहयंगुलीओ अब्भुण्णयरइयतलिणतंबसुइणिद्धणक्खाओ रोमरहियवट्टलट्ठसंठियअजहण्णपसत्थलपखणअकोप्पजंघजुयलाओ सुणिम्मियसुगूढसुजण्णुमंडलसुबद्धसंधीओ कयलीखंभाइरेगसंठियणिव्वणसुकुमालमउयमंसलअविरलसमसंहियसुजायवट्टपीवरणिरंतरोरू अट्ठावयवीइयपट्ठसंठियपसत्थविच्छिण्णपिहुलसोणीओ ववणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसलसुंबद्धजहणवरधारि Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 613 णीओ वजविराइयपसत्थलक्खणणिरोदरतिवलियतणुणयमज्झिमाओ उज्जुयसमर हियजच्चतणुकसिणणिद्धआइजलडहसुजायसुविभत्तकंतसोभतरुइलरमणिज्जरोमराईओगंगावत्तयपयाहिणावत्ततरंग-भंगुर-रविकिरण-तरुण-बोहिय-अकोसायंतपउम-गंभीर-वियडणाभीओ अणुब्भडपसत्थपीणकुच्छीओ सण्णयपासाओ संगयपासाओ सुजायपासाओ मियमाइयपीणरइयपासाओ अकरंडुयकणगरुयगणिम्मलसुजायणिरुवहयगायलट्ठीओ कंचणकलसप्पमाणसमसहियलट्ठचुच्चुयामेलग-जमलजुयल-वट्टिय-अब्भुण्णय-पीणरइयपीवरपओहराओ भुयंगअणुपुव्वतणुयगोपुच्छवट्टसमसंहियणमियआइजललियबाहाओ तंबणहाओ मंसलग्गहत्थाओ पीवरकोमलवरंगुलियाओ णिद्धपाणिलेहाओ रविससिसंखचक्कसोत्थियसुविभत्तसुविरइयपाणिलेहाओ पीणुण्णयकक्खवक्खवत्थिप्पएसाओ पडिपुण्णगलकवोलाओ चउरंगुलसुम्पमाणकंबुवरसरिसगीवाओ मंसलसंठियपसत्थहणुगाओ दाडिमपुप्फप्पगासपीवरपलंबकुंचियवराधराओ सुंदरुत्तरोढाओ दहिदगरयचंदकुंदवासंतिमउलधवलअच्छिद्दविमलदसणाओ रत्तुप्पलपत्तमउय-सुकुमालतालुजीहाओ कणवीरमउलअकुडिलअब्भुग्गयउज्जुतुंगणासाओ सारयणवकमलकुमुयकुवलयविमलदलणियरसरिसर्लक्खणपसत्थअजिम्हकंतणयणाओ पत्तलधवलाययआतंबलोयणाओ आणामियचावरुइलकिण्हब्भराइसंगयसुजायभुमगाओ अल्लीणपमाणजुत्तसवणाओ सुसवणाओ पीणमट्टगंडलेहाओ चउरंसपसत्थसमणिडालाओ कोमुईरयणियर- . विमलपडिपुण्णसोमवयणाओ छत्तुण्णयउत्तमंगाओ अकविलसुसिणिद्धसुगंधदीह सिरयाओ छत्त 1 ज्झय 2 जूय 3 थूभ दामणि 4 कमंडलु 5 कलस 6 वावि 7 सोंत्थिय 8 पडाग 9 जव 10 मच्छ 11 कुम्म 12 रहवर 13 मगरज्झय 14 अंक 15 सुय 16 थाल 17 अंकुस 18 अट्ठावय 19 सुपइट्ठग 20 मऊर 21 सिरिआभिसेय 22 तोरण 23 मेइणि 24 उदहि 25 वरभवण 26 गिरि 27 वरआयंस 28 सलीलगय 29 उसभ 30 सीह 31 चामर 32 उत्तमपसत्थबत्तीसलक्खणधरीओ हंससरिसगईओ कोइलमहुरगिरसुस्सराओ कंताओ सव्वस्स अणुमयाओ ववगयवलिपलियवंगदुव्वण्णवाहिदोहग्गसोगमुक्काओ उच्चत्तेण य णराण थोवूणमुस्सियाओ सभावसिंगारचारवेसाओ संगयगयहसियभणियचिट्ठियविलाससंलावणिउणजुत्तोवयारकुसलाओ सुंदरथणजहणवयणकरचलणणयणलावण्णरूवजोवणविलासकलियाओ णंदणवणविवरचारिणीउव्व अच्छराओ भरहवासमाणुसच्छराओ अच्छेरगपेच्छणिजाओ पासाइयाओ जाव पडिरूवाओ, ते णं मणुया ओहस्सरा हंसस्सरा कोंचस्सरा णंदिस्सरा णंदिघोसा सीहस्सरा सीहघोसा सुस्सरा सूसरणिग्योसा छायाउज्जोवियंगमंगा Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 614 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . वजरिसहणारायसंधयणा समचउरंससंठाणसंठिया छविणिरायंका अणुलोमवाउवेगा कंकग्गहणी कवोयपरिणामा सउणिपोसपिटुंतरोरुपरिणया छद्धणुसहस्समूसिया, तेसि णं मणुयाणं बेछप्पण्णा पिट्ठकरंडगसया पण्णत्ता समणाउसो !, पउमुप्पलगंधसरिसणीसाससुरभिवयणा, ते णं मणुया पगईउवसंता पगईपयणुकोहमाणमायालोभा मिउमद्दवसंपण्णा अल्लीणा भद्दगा विणीया अप्पिच्छा असण्णिहिसंचया विडिमंतरपरिवसणा जहिच्छियकामकामिणो // 21 // तेसि णं भंते ! मणुयाणं केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पजइ ? गोयमा ! अट्ठमभत्तस्स आहारटे समुप्पजइ, पुढवीपुफ्फफलाहारा णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, तीसे णं भंते !0 पुढवीए केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गो० ! से जहाणामए-गुलेइ वा खंडेइ वा सक्कराइ वा मच्छंडियाइ वा पप्पडमोयएइ वा भिसेइ वा पुप्फुत्तराइ वा पउमुत्तराइ वा विजयाइ वा महाविजयाइ वा आगासियाइ वा आदंसियाइ वा आगासफलोवमाइ वा उवमाइ वा अणोवमाइ वा इमेए अज्झोववणाए, भवे एयारूवे ?, णो इणढे समढे, सा णं पुढवी इत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव आसाएणं पणत्ता। तेसि णं भंते ! पुष्फफलाणं केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गोयमा! से जहाणामए-रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स कल्लाणे भोयणजाए सयसहस्सणिप्फण्णे वण्णेणुववेए जाव फासेगं उववेए आसायणिज्जे विस्सायणिज्जे दिप्पणिज्जे दप्पणिज्जे मयणिज्जे [विग्घणिज्जे] बिहणिज्जे सञ्चिदियगायपल्हायणिज्जे, भवे एयारूवे ?, णो इणढे समझे, तेसि णं पुप्फफलाणं एत्तो इट्टतराए चेव जाव आसाए पण्णत्ते // 22 // ते णं भंते ! मणुया तमाहारमाहारेत्ता कहिं वसहिं उति ? गोयमा ! रुक्खगेहालया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, तेसि णं भंते ! रुक्खाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते गो० ! कूडागारसंठिया पेच्छाछत्तज्झयथूभतोरणगोयरवेइयाचोप्फालगअट्टालगपासायहम्मियगवक्खवालग्गपोइयावलभीघरसंठिया अत्थण्णे इत्थ बहवे वरभवणविसिट्ठसंठाणसंठिया दुमगणा सुहसीयलच्छाया पण्णत्ता समणाउसो ! // 23 // अस्थि णं भंते ! तीसे समाए भरहे वासे गेहाइ वा गेहावणाइ वा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, रुक्खगेहालया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अस्थि णं भंते। तीसे समाए भरहे वासे गामाइ वा जाव संणिवेसाइ वा ? गोयमा ! णो इणटे समढे, जहिच्छियकामगामिणो णं ते मणुया पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !0 असीइ वा मसीइ वा किसीइ वा वणिएत्ति वा पणिएत्ति वा वाणिज्जेइ वा ? गो० ! •णो इणढे समढे, Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 ववगयअसिमसिकिसिवणियपणियवाणिजा णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो!, अस्थि णं भंते !0 हिरण्णेइ वा सुवण्णेइ वा कंसेइ वा दूसेइ वा मणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसावइज्जेइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेप्तिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छइ / अस्थि णं भंते !0 भरहे० रायाइ वा जुवरायाइ वा ईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइब्भसेट्ठिसेणावइसत्थवाहाइ वा ? गोयमा! णो इणढे समढे, ववगयइटिसकारा णं ते मणुया०, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे दासेइ वा पेसेइ वा सिस्सेइ, वा भयगेइ वा भाइलएइ वा कम्मारएइ वा 10 णो इणढे समढे, ववगयआभिओगा ण ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते! तीसे समाए भरहे वासे मायाइ वा पियाइ वा भाया 0 भगिणी० भजा० पुत्त० धूया० सुण्हाइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं तिव्वे पेम्मबंधणे समुप्पजइ, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे अरीइ वा वेरिएइ वा घायएइ वा वहएइ वा पडिणीयएइ वा पच्चामित्तेइ वा ? गो०! णो इणढे समढे, ववगयवेराणुसया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो!, अस्थि णं भंते !0 भरहे बासे मित्ताइ वा वयंसाइ वा णायएइ वा संघाडिएइ वा सहाइ वा सुहीइ वा संगइएइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं तिव्वे रागबंधणे समुप्पजइ, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे आवाहाइ वा वीवाहाइ वा जण्णाइ वा सद्धाइ वा थालीपागाइ वा मियपिंडणिवेयणाइ वा ? णो इण? समढे, वयगयआवाहवीवाहजण्णसद्धथालीपागमियपिंडणिवेयणा णं ते मणुया पण्णता समणासो!, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे इंदमहाइ वा खंद० णागजक्ख० भूय० अगड० तडाग० दह० णइ० रुक्ख० पव्वयथूभ० चेइयमहाइ चा ? गो० ! णो इणढे समढे, ववगयमहिमा णं ते मणुया प० स०, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे णडपेच्छाइ वा णट्ट० जल्ल० मल्ल० मुट्ठिय० वेलंबग० कहग० पवग० लासगपेच्छाइ वा ? गो० ! णो इणद्वे समढे, ववगयकोउहल्ला णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अस्थि णं भंते !0 भरहे वासे सगडाइ वा रहाइ वा जाणाइ वा जुग्गा० गिल्ली० थिल्ली० सीय० संदमाणियाइ वा 10 णो इणढे समढे, पायचारविहारा णं ते मणुया प० समणाउसो !, अत्थि ण भंते !0 भरहे वासे गावीइ वा महिसीइ वा अयाइ वा एलगाइ वा ? हंता ! अन्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे आसाइ वा हत्थी० उट्टा० गोणा० गवया० अया० एलगा० पसया० मिया० वराहा० रुरु० सरभा० चमरा० संबराकुरंगगोकण्णमाइया ? ता ! Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि / अस्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हन्धमागच्छंति, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे सीहाइ वा वधाइ वा विगदीविगअच्छतरच्छसियालबिडालसुणगकोकंतियकोलसुणगाइ वा ? हंता! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं आवाहं वा वावाहं वा छविच्छेयं वा उप्पाएंति, पगइभइया णं ते सावयगणा प० स०!, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे सालीइ वा वीहिगोहूमजवजवजवाइ वा कलममसूरमुग्गमासतिलकुलस्थणि फावआलिसंदगअयसिकुसुंभकोद्दवकंगुवरगरालगसणसरिसवमूलगबीयाइ वा ? हंता ! अस्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थि णं भंते ! भरहे वासे गड्डाइ वा दरीओवायपवायविसमविजलाइ वा 10 णो इणटे समटे, भरहे वासे बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा०, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे खाणूइ वा कंटगतणकयवराइ वा पत्तकयवराइ वा 10 णो इणढे समढे, ववगयखाणुकंटगतणकयवरपत्तकयवरा णं . सा समा पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !0 भरहे वासे डंसाइ वा मसगाइ वा जूयाइ वा लिक्खाइ वा ढिंकुणाइ वा पिसुयाइ वा 10 णो इणढे समढे, ववगयडंसमसगजूयलिक्खटिंकुणपिसुया उवद्दवविरहिया णं सा समा पण्णता०, अत्थि णं भंते !0 भरहे० अहीइ वा अयगराइ वा ? हंता ! अस्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं आबाहं वा जाव पगइभद्दया णं ते वालागणा पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !0 भरहे० डिबाइ वा डमराइ वा कलहबोलखारवइरमहाजुद्धाइ वा महासंगामाइ वा महासत्थपडणाइ वा महापुरिसपडणाइ वा ? गोयमा ! णो इणढे समठे, ववगयवेराणुबंधा णं ते मणुया पण्णत्ता स०१,अस्थि णं भंते!० भरहे वासे दुब्भूयाणि वा कुलरोगाइ वागामरोगाइ वा मंडलरोगाइ वा पोट्टवे० सीसवेयणाइ वा कण्णो?अच्छिणहदंतवेयणाइ वा कासाइ वा सासाइ वा सोसाइ वा जराइ वा दाहाइ वा अरिसाइ वा अजीरगाइ वा दओदराइ वा पंडुरोगाइ चा भगंदराइ वाएगाहियाइ वा बेयाहियाइ वा तेयाहियाइ वा चउत्थाहियाइ वा इंदशहाइ वा घणुगगहाइ वा खंदग्गहाइ वा कुमारय्गहाइ वा जक्खग्गहाइ वा भूयग्गहाइ वा मत्थयसूलाइ वा हिययसूलाइ वा पोट्ट० कुच्छि० जोणिसूलाइ वा गाममारीइ वा जाव सण्णिवेसमारीइ वा पाणिक्खया जणक्खया कुलक्खया वसणभूयमणारिया ? गोयमा ! णो इणढे समढे, ववगयरोगायंका णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो ! / 24 / तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं देसूणाई तिणि पलिओवमाई उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाई, तीसे णं Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 617 भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं सरीरा केवइयं उच्चत्तेणं पण्णत्ता ! गोयमा ! जहण्णेणं देसूणाई तिण्णि गाउयाइं उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई, ते णं भंते ! मणुया किंसंघयणी पण्णत्ता ? गोयमा! वइरोसभणारायसंघयणी पण्णत्ता, तेसि णं भंते ! मणुयाणं सरीरा किंसंठिया पण्णत्ता गोयमा ! समचउरंससंठाणसंठिया पण्णत्ता, तेसि णं मणुयाणं बेछप्पण्णा पिट्ठकरंडयसया पण्णत्ता समणासो!, ते णं भंते ! मणुया कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छंति कहिं उववज्जति ? गो० ! छम्मासावसेसाउया जुयलगं पसवंति, एगूणपण्णं राइंदियाइं सारक्खंति संगोवेति सा०२ त्ता कासित्ता छीइत्ता जंभाइत्ता अक्किट्ठा अव्वहिया अपरियाविया कालमासे कालं किच्चा देवलोएसु उववज्जति, देवलोयपरिगहिया णं ते मणुया पण्णत्ता०, तीसे गंभंते ! समाए भारहे वासे कइविहा मणुस्सा अणुसज्जित्था ? गो० !छन्विहा प०, तं०-पम्हगंधा 1 मियगंधा 2 अममा 3 तेयतली 4 सहा 5 सणिचारी 6 // 25 // तीसे णं समाए चउहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं अणतेहिं गंधपजवहिं अणंतोहं रसपजवेहिं अगतेहिं फासपजवेहिं अणंतेहिं संघयणपत्रवेहि अणंतेहिं संठाणपजवेहिं अणंतेहिं उच्चत्तपजवेहि अणंतेहिं आउपजवेहिं अणंतेहिं गुरुलहपजवेहिं अणंतेहिं अगुरुलहुपजवेहिं अणंतेहिं उठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमपजवहिं अणंतगुणपरिहाणीए परिहायमाणे 2 एत्थ णं सुसमा णामं समाकाले पडिवज्जिसु समणाउसो !, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमाए समाए उत्तमकंट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा तं चेव जं सुसमसुसमाए धुव्ववण्णियं, णवरं णाणत्तं-चउधणुसहस्समूसिया, एगे अट्ठावीसे पिट्ठकरंडयसए, छट्ठभत्तस्स आहारट्टे, चउसाद राइंदियाइं सारक्खंति, दो " पलिओवमाई आऊ, सेसं तं चेव, तीसे णं समाए चउब्विहा मणुस्सा अणुसज्जित्था, तंजहा-एगा 1 पउरजंघा 2 कुसुमा 3 सुसमणा 4 // 26 // तीसे णं. समाए तिर्हि सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइक्कंते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव अणंतगुणपरिहाणीए परिहायमाणी 2 एत्थ णं सुसमदुस्समा णामं समा पडिवज्जिसु समणाउसो!, सा णं समा तिहा विभजइ-पढमे तिभाए 1 मज्झिमे तिभाए 2 पच्छिमे तिभाए 3. जंबद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमदुस्समाए समाए पढममज्झिमेसु तिभाएसु भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पुच्छा, गोयमा ! बहुसम Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 618 अनंगपविट्ठसुत्ताणि रमणिज्जे भूमिभागे होत्था, सो चेव गमो णेयव्यो णाणत्तं दो धणुसहस्साइं उड्डे उच्चत्तेणं, तोर्स च मणुयाणं चउसटिपिट्ठकरंडगा चउत्थभत्तस्स आहारट्टे समुप्पजइ ठिई पलिओवमं एगूगासीई राइंदियाइं सारक्खंति संगोवेति जाव देवलोगपरिम्गः हिया णं ते माया पण्णत्ता समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए पच्छिमे तिभाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीहिं उवसोभिए, तंजहा-कित्तिमहिं चेव अकित्तिमहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए पच्छिमे तिभागे भरहे वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! तोर्स मणुयाणं छब्विहे संघयणे छविहे संठाणे बहूणि धणुसयाणि उठं उच्चत्तेणं जहण्णेणं संखिजाणि वासाणि उक्कोसेणं असंखिजाणि वासाणि आउयं पालेति पालित्ता अप्पेगइया णिरयगामी अप्पेगइया तिरियगामी अप्पेगइया मणुस्सगामी अप्पेगइया देवगामी अप्पेगइया सिझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति // 27 // तीसे णं समाए पच्छिमे तिभाए पलिओवमट्ठभागावसेसे एत्थ णं इमे पण्णरस कुलगरा समुप्पज्जित्था, तंजहा-सुमई 1 पडिस्सुई 2 सीमंकरे 3 सीमंधरे 4 खेमंकरे 5 खेमंधने 6 विमलवाहणे 7 चक्खुमं 8 जसमं 9 अभिचंदे 10 चंदाभे 11 पसेणई 12 मरुदेवे 13 णाभी 94 उसमे 15 त्ति // 28 // तत्थ णं सुमइपडिस्सुइसीमंकरसीमंधरखेमकराणं एएसिं पंचण्हं कुलगराणं हक्कारे णामं दण्डीई होत्था, ते णं मणुया हक्कारेणं दंडेणं हया समाणा लज्जिया विलज्जिया वेड्डा भीया तुसिणीया विणओणया चिटुंति, तत्थ णं खेमंधरविमलवाहणचक्खुमजसमअभिचंदाणं एएसि णं पंचण्हं कुलगराणं मक्कारे णामं दंडणीई होत्था, ते णं मणुया मक्कारेणं दंडेणं या समांणा जाव चिटुंति, तत्थ ण चंदाभपसेणइमरुदेवणाभिउसभाणं एएसि णं पंचण्हं कुलगराणं धिक्कारे णाम दंडणीई होत्था, ते णं मणुया धिक्कारेणं दंडेणं हया समाणा जाव चिटुंति // 29 // णाभिस्स णं कुलगरस्स मरुदेवाए भारियाए कुच्छिसि एत्थ णं उसहे णामं अरहा कोसलिए पढमराया पढमजिणे पढमकेवली पढमतित्थयरे पढमधम्मवरचक्कवट्टी समुप्पज्जित्था तए णं उसभे अरहा कोसलिए वीसं पुव्वसयसहस्साई कुमारवासमझे वसइ वसइत्ता तेवढेि पुव्वसयसहस्साई महारायवासमझे वसइ, तेवढेि पुव्वसयसहस्साई महारायवासमझे वसमाणे लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपजवसाणाओ बावत्तरि कलाओ चोसटुिं महिलागुणे सिप्पसयं च कम्माणं तिण्णिवि पयाहियाए उवदिसइ Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 616 उवदिसित्ता पुत्तसयं रजसए अभिसिंचइ अभिसिंचित्ता तेसीई पुव्वसयसहस्साई महारायवासमझे वसइ वसित्ता जे से गिम्हागं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स णवमीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भागे चइत्ता हिरण्णं चइत्ता सुवण्णं चइत्ता कोसं कोट्ठागारं चइत्ता बलं चइत्ता वाहणं चइत्ता पुरं चइत्ता अंतेउरं चइत्ता विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावइज्ज विच्छइत्ता विगोवइत्ता दायं दाइयाणं परिभाएत्ता सुदंसणाए सीयाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखियचक्कियणंगलियमुहमंगलियपूसमाणबद्धमाणगआइक्खगलंखमंखघंटियगणेहिं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिँ धण्णाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं कण्णमणणिन्वुइकराहिं अपुणरुत्ताहिं अट्ठसइयाहि वम्गूहिँ अणवरयं अभिणंदंता य अभिथुणंता य एवं वयासी-जय जय गंदा ! जय जय भद्दा ! धम्मेणं अभीए परीसहोवसगाणं खंतिखमे भयभेरवाणं धम्मे ते अविधं भवउत्तिकट्ट अभिणंदंति य अभिथुणंति य। तए णं उसमे अरहा कोसलिए णयणमालासहस्सेहिं पिच्छिजमाणे 2 एवं जाव णिग्गच्छइ जहा उववाइए जाव आउलबोलबहलं णभं करते विणीयाए रायहाणीए मझमझेणं णियगच्छइ आसियसंमज्जियसित्तसुइकपुष्फोवयारकलियं सिद्धत्थवणविउलरायमगं करेमाणे हयगयरहपकरणह पाइक्कचडकरेण न मंदं 2 उद्धतरेणुयं करेमाणे 2 जेणेव सिद्धत्थरणे उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता असोर वरपायवस्स अहे सीयं टावेइ र त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता सबमेवाभरणालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव चरहिं मुट्ठीहिं लोयं करेइ 2 ता छ?णं भत्तणं अपाणएणं आसाढाहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं उम्गाणं भोगाणं राइण्णाणं खत्तियाणं चरहिं सहस्सेहिं सद्धिं एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए // 30 // उसमे णं अरहा कोसलिए संवच्छरं साहियं चीवरधारी होत्था, तेण परं अचेलए। जप्पभिई च णं उसमे अरहा कोसलिए मुंडे भवित्ता णं अगाराओ अणगारियं पव्वइए तप्पभिइं च णं उसमे अरहा कोसलिए णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पजंति तं०दिव्वा वा जाव पडिलोमा वा अणुलोमा वा, तत्थ पडिलोमा वेत्तेण वा जाव करण वा काए आउद्देजा अणुलेमा वंदेज वा णमंसेज वा जाव पज्जुवासेज वा ते (उप्पण्ण) सव्वे सम्म सहइ जाव अहियासेइ, तए णं से भगवं समणे जाए इरियासमिए जाव Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 620 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पारिट्ठावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते जाव गुत्तबंभयारी अकोहे जाव अलोहे संते पसंते उवसंते परिणिबुडे छिण्णसोए णिस्वलेवे संखमिव णिरंजणे जच्चकणगं व जायसवे आदरिसपडिभागे इव पागडभावे कुम्मो इवं गुत्तिंदिए पुक्खरपत्तमिव णिरुवलेवे गगणमिव णिरालंबणे अणिले इव णिरालए चंदो इव सोमदंसणे सूरो इव तेयंसी विहग इव अपडिबद्धगामी सागरो इव गंभीरे मंदरो इव अकंपे पुढवी विव सव्वफासविसहे जीवो विव अप्पडिहयगई णत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे, से पडिबंधे चउविहे भवइ, तंजहा-दव्वओ खित्तओ कालओ भावओ, दव्वओ इह खलु माया मे पिया मे भाया मे भगिणी मे जाव संगंथसंथुया मे हिरणं मे सुवणं मे जाव उवगरणं मे अहवा समासओ सचित्ते वा अचित्ते वा मीसए वा दबजाए सेवं तस्स ण भवइ, खित्तओ गामे वा णयरे वा अरण्णे वा खेत्ते वा खले वा गेहे वा अंगणे वा एवं, तस्स ण भवइ, कालओ थोवे वा लवे वा मुहुत्ते वा अहोरत्ते वा पक्खे वा मासे वा उऊए वा अयणे वा संवच्छरे वा अण्णयरे वा दीहकालपडिबंधे एवं तस्स ण भवइ, भावओ कोहे वा जाव लोहे वा भए वा हासे वा एवं तस्स ण भवइ, से थे भगवं वासावासवज्जं हेमंतगिम्हासु गामे एगराइए णगरे पंचराइए ववगयहाससोगअरइरइभयपरित्तासे णिम्ममे णिरहंकारे लहुभूए अगंथे वासी तत्थ णं अदुढे चंदणाणुलेवणे अरत्ते लेटुंमि कंचणमि य समे इहलोए परलोए अपडिबद्धे जीवियमरणे णिरवकंखे संसारपारगामी कम्मसंगणिग्यायणट्ठाए अन्भुट्ठिए विहरइ। तस्स णं भगवंतस्स एएणं विहारेणं विहरमाणस्स एगे वाससहस्से विइक्कते समाणे पुरिमतालस्स णयरस्स बहिया सगडमुहंसि उजाणंसिणग्गोहवरपायवस्स अहे झाणंतरियाए वट्टमाणस्स फग्गुणबहुलस्स इक्कारसीए पुव्वण्हकालसमयंसि अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं उत्तरासाढाणक्खत्तेणं जोगमुवागएणं अणुत्तरेणं णाणेणं जाव चरित्तेणं अणुत्तरेणं तवेणं बलेणं वीरिएणं आलएणं विहारेणं भावणाए खंतीए गुत्तीए मुत्तीए तुट्ठीए अजवेणं मद्दवेणं लाघवेणं सुचरियसोवचियफलणिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे जिणे जाए केवली सव्वष्णू सव्वदरिसी सणेरइयतिरियणरामरस्स लोगस्स पजवे जाणइ पासइ, तंजहा-आगई गई ठिई उववायं भुत्तं कडं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं तं तं कालं मणवयकाए जोगे एवमाई जीवाणवि सब्वभावे अजीवाणवि सव्वभावे मोक्खमग्गस्स विसुद्ध Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 . तराए भावे जाणमाणे पासमाणे एस खलु मोक्खमम्मे मम अण्णेसिं च जीवाणं हियसुहणिस्सेसकरे सव्वदुक्खविमोक्खणे परमसुहसमाणणे भविस्सइ / तए णं से भगवं समणाणं णिगंथाण य णिगंथीण य पंच महव्वयाई सभावणगाई छच्च जीवणिकाए धम्मं देसमाणे विहरइ, तंजहा-पुढविकाइए भावणागमेणं पंच महव्वयाई सभावणगाइं भाणियव्वाई। उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स चउरासी गणहरा होत्था, उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चुलसीइं समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था, उसभस्स णं० बंभीसुंदरीपामोक्खाओ तिण्णि अज्जियासयसाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया होत्था, उसभस्स णं० सेज्जंसपामोक्खाओ तिण्णिः समणोवासगसयसाहस्सीओ पंच य साहस्सीओ उक्कोसिया समणोवासगसंपया होत्था, उसमस्स णं० सुभद्दापामोक्खाओ पंच समणोवासियासयसाहस्सीओ चउपण्णं च सहस्सा उनकोसिया समणोवासियासंपया होत्था, उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स अजिणाणं जिणसंकासाणं. सव्वक्खरसण्णिवाईणं जिणो विव अवितहं धागरमाणाणं चत्तारि चउद्दसपुव्वीसहस्सा अट्ठमा य सया उक्कोसिया चउदसपुव्वीसंपया होत्था, उसभस्स णं० णव ओहिणाणिसहस्सा उक्कोसिया०, उसभस्स णं० वीसं जिणसहस्सा० वीसं वेउव्वियसहस्सा छच्च सया उक्कोसिया० बारस विउलमईसहस्सा छच्च सया पण्णासा० बारस वाईसहस्सा छच्च सया पण्णासा०, उसभस्स,णं० गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभदाणं बावीसं अणुत्तरोववाइयाणं सहस्सा णव य सया०, उसभस्स णं० वीसं समणसहस्सा सिद्धा, चत्तालीसं अज्जियासहस्सा सिद्धा, सष्टुिं अंतेवासीसहस्सा सिद्धा, उसभस्स णं अरहओ० बहवे अंतेवासी अणगारा भगवंतो अप्पेगइया मासपरियाया जहा उववाइए सव्वओ अणगारखण्णओ जाव उड्डेजाणू अहोसिरा झाणकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति, उसभस्स णं अरहओ० दुविहा अंतकरभूमी होत्था, तंजहा-जुगंतकरभूमी य परियायतकरभूमी य, जुगंतकरभूमी जाव असंखेजाइं पुरिसजुगाई, परियायंतकरभूमी अंतोमुहुत्तपरियाए अंतमकासी // 31 // उसमे णं अरहा० पंचउत्तरासाढे अभीइण्ढे होत्था, तंजहा-उत्तरासाढाहिँ चुए चइत्ता गम्भं वक्ते उत्तरासाढाहिं जाए उत्तरासादाहिं रायाभिसेयं पत्ते उत्तरासाढाहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए उत्तरासादाहिँ अणंते जाव समुप्पण्णे, अमीइणा परिणिव्बुए // 32 // उसमे णं अरहा कोसलिए वरिसहणारायसंघयणे समचउरंससंठाण Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 622 अनंगपविट्ठसुत्ताणि संठिए पंच धणुसयाइं उढे उच्चत्तण होत्था / उसभे णं अरहा० वीसं पुव्वसयसहस्साई कुमारवासमझे वसित्ता तेवदि पुन्वसयसहस्साई महारजवासमझे वसित्ता तेसीइं पुव्वसयसहस्साई अगारवासमझे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवइए, उसमे णं अरहा० एणं वाससहस्सं छउमत्थपरियायं पाउणित्ता एगं पुव्यसयसहस्सं वाससहस्सूणं केवलिपरियायं पाउणित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं बहुपडि पुष्णं सामण्णपरियायं पाउणित्ता चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता जे से हेमंताणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे माहबहुले तस्स णं माहबहुलस्स तेरसीपक्खेणं दसहिं अणगारसहस्सेहिं सद्धिं संपरिवुड़े अट्ठावयसेलसिहरंसि चोद्दसमेणं भत्तेणं अपाणएणं संपलियंकणिसण्णे पुवण्हकालसमयंसि अभीइणा णक्खत्तण जोगमुवा-. गएणं सुसमदूसमाए समाए एगूणणवउईहिं पक्खेहिं सेसेहि कालगए वीइक्कते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / जं समयं च णं उसमे अरहा कोसलिए कालगए वीइक्कंते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्ध बुद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीपणे तं समयं च णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणे चलिए, तए णं से सक्के देविदे देवराया आसणं चलियं पासइ पासित्ता ओहिं पउंजइ 2 ला भयवं तित्थयरं ओहिणा आभोएइ 2 त्ता एवं वयासी-परिणिन्बुए खलु जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे उसहे अरहा कोसलिए, तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमगागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं तित्थगराणं परिणिव्वाणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भगवओ तित्थगरस्स परिणिव्वाणमहिम करेमित्तिकदृ वंदइ णमंसइ बं० २त्ता चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसएहिँ चउहिं लोगपालेहिं जाव चउहिँ चउरासीईहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य बहहिं सोहम्मकप्पवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडे ताए उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखेजाणं दीवसमुद्दाणं मझमझेणं जेणेव अट्ठावयपव्वंए जेणेव भगवओ तित्थगरस्स सरीरए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता विमणे णिराणंदे अंसुपुण्णणयणे तित्थयर सरीरयं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता णञ्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणे जाव पज्जुवासइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविदे देवराया उत्तरड्डलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणसयसहस्साहिबई सूलपाणी वसहवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे जाव विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, तए णं तस्स ईसाणस्त देविंदस्स देवरण्णो आसणं चलइ, तए णं से ईसाणे .जाव देवराया आसणं चलियं पासइ 2 त्ता ओहिं पउंजइ 2 त्ता भगवं तित्थगरं ओहिणा आभो Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 623 एइ 2 त्ता जहा सक्के णियगपरिवारेणं भाणेयव्यो जाव पज्जुवासइ एवं सव्वे देविंदा जाव अच्चुए णियगपरिवारेणं आणेयव्वा, एवं जाव भवणवासीणं वीस इंदा वाणमंतराणं सोलस जोइसियाणं दोण्णि णियगपरिवारा णेयव्वा / तए णं सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिए देवे एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! गंदणवणाओ सरसाइं गोसीसवरचंदणकट्ठाई साहरइ 2 त्ता तओ चिइगाओ रएह एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं / तए ण ते० भवणवइ जाव वेमाणिया देवा गंदणवणाओ सरसाइं गोसीसवरचंदणकट्ठाई साहरंति 2 त्ता तओ चिइगाओ रएंति, एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं से सक्के देविंदे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! खीरोदगसमुद्दाओ खीरोदगं साहरह तए णं ते आभिओगा देवा खीरोदगसमुद्दाओ खीरोदगं साहरंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया तित्थगरसरीरगं खीरोदगेणं ण्हाणेइ 2 त्ता सरसेणं गोसीसवरचंदणेणं अणुलिंपइ 2 त्ता हंसलक्खणं पडसाडयं णियंसेइ 2 ता सव्वालंकारविभूसियं करेई, तए णं ते० भवणवइ जाव वेमाणिया० गणहरसरीरगाई अणगारसरीरगाइंपि खीरोदगेणं ण्हावेति 2 त्ता सरसेणं गोसीसवरचंदणेणं अशुलिंपंति 2 त्ता अहताई दिव्वाई देवदूसजुयलाई णियंसेंति 2 त्ता सव्वालंकारविभूसियाइं करेंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिए देवे एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! ईहामिगउसभतुरय जाव वणलयभत्तिचित्ताओ तओ सिवियाओ विउव्वह, एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एग अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया० तओ सिवियाओ विउव्वंति, एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं से सक्के देविदे देवराया विमणे णिराणंदे अंसुपुण्णणयणे भगवओ तित्थगरस्स विणट्ठजम्मजरामरणस्स सरीरगं सीयं आरुहेइ 2 चिइगाए ठवेइ, तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया देवा गणहराणं अणगाराण य विण?जम्मजरामरणाणं सरीरगाइं सीय आरहेति 2 त्ता चिइगाए टवेंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया अग्गिकुमारे देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए अगणिकायं विउव्वह 2 त्ता एयमाणत्तिय पञ्चप्पिणह, तए णं ते अम्गिकुमारा देवा विमणा णिराणंदा अंसुपुण्णणयणा तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिहगाए अगणिकायं विउव्वंति, तए णं से Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 624 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . सक्के देविंदे देवराया ! वाउकुमारे देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिहगाए वाउक्कायं विउव्वह 2 अगणिकायं उजालेह तित्थगरसरीरगं गणहरसरीरगाइं अणगारंसरीरगाइं च झामेह, तए ण ते वाउकुमारादेवा विमणा णिराणंदा अंसुपुण्णणयणा तित्थगरचिइगाए जाव विउव्वंति अगणिकायं उजालेति तित्थगरसरीरगं जाव अणगारसरीरागाणि य झामेंति। तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिए देवे एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया!तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए अगुरुतुरुक्कघयमहुं च कुंभग्गसो य भारम्गसो य साहरह / तए णं ते भवणवइ जाव तित्थगरचिइगाए जाव भारग्गसो य साहरंति। तए णं से सक्के देविदे देवराया मेहकुमार देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइंगं जाव अणगारचिइंगं च खीरोदएणं णिव्वावेह / तए णं तें मेहकुमारा देवा तित्थगरचिहगं जाव णिव्वावेति / तए णं से सक्के देविंदे देवराया भगवओ तित्थगरस्स उवरिल्लं दाहिणं सकहं गेण्हइ, ईसाणे देविंदे देवराया उवरिल्लं वामं सकहं गेण्हइ, चमरे असुरिंदे असुरराया हिट्ठिल्लं दाहिणं सकहं गेण्हइ, बली वइरोअणिंदे वइरोअणराया हिट्ठिल्लं वाम सकहं गेण्हइ, अवसेसा भवणवइ जाव वेमाणिया देवा जहारिहं अवसेसाई अंगुवगाई केइ जिणभत्तीए केइजीअमेयं तिकट्ट केइ धम्मो तिकट्ट गेहंति / तए णं से सक्के देविंदे देवराया बहवे भवणवइ जाव वेमाणिए देवे जहारिहं एवं वयासी-खिप्यामेव भो देवाणुप्पिया! सबरयणामए महइमहालए तओ चेइयथूभे करेह, एगं भगवओ तित्थगरस्स चिइगाए एगं गणहरचिइगाए एगं अवसेसाणं अणगाराणं चिइगाए, तए णं ते बहवे जाव करेंति / तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया देवा तित्थगरस्स परिणिव्वाणमहिमं करेंति 2 त्ता जेणेव णंदीसरवरे दीवे तेणेव उवागच्छति / तए णं से सक्के देविंदे पुरथिमिल्ले अंजणगपव्वए अट्ठाहिअं महामहिम करेंति / तए णं सक्कस्स देविंदस्स चत्तारि लोगपाला चउसु दहिमुहगपव्वएसु अट्ठाहिअं महामहिमं करेंति, ईसाणे देविंदे देवराया उत्तरिल्ले अंजणगपव्वए अट्ठाहिअं महामहिमं करेंति, तस्स लोगपाला चउसु दहिमुहगपव्वएसु अट्ठाहिअं महामहिमं करेंति, चमरोअ दाहिणिल्ले अंजणगे तस्स लोगपाला चउसु दहिमुहगपव्वएसु बली पचत्थिमिल्ले अंजणगे, तस्स लोगपाला दहिमुहगेसु पव्वएसु तए णं ते बहवे भवणवइ वाणमंतर जाव अट्ठाहियाओ महामहिमाओ करेंति 2 त्ता जेणेव Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 625 साइं 2 विमाणाई जेणेव साइं 2 भवणाई जेणेव साओ 2 सभाओ सुहम्माओ जेणेव सगासगा माणवगा चेइयखंभा तेणेव उवागच्छंति २त्ता वइरामएसु गोलसमुग्गएसु जिणसकहाओ पक्खिवंति 2 त्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहि य मल्लेहि य अच्चेति 2 त्ता विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति // 33 // तीसे णं समाए दोहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं तहेव जाव अणतेहिं उठाणकम्म जाव परिहायमाणे 2 एत्थ णं दूसमसुसमा णामं समाकाले पडिवज्जिसु समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीहिं उवसोभिए, तंजहा-कित्तिमेहिं चेव०, तीसे णं भंते ! समाए भरहे० मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे प० ? गोयमा! तेसिं मणुयाणं छविहे संघयणे छविहे संठाणे बहूई धणूइं उर्दू उच्चत्तणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडीआउयं पालेति 2 त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव देवगामी अप्पेगइया सिझंति बुझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तीसे णं समाए तओ वंसा समुप्पज्जित्था, तंजहा-अरहंतवंसे चक्कवहिवसे दसारवंसे, तसे णं समाए तेवीसं तित्थयरा एक्कारस चकवट्टी णव बलदेवा णव वासुदेवा समुप्पज्जित्था // 34 // तीसे णं समाए एक्काए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणियाए काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं तहेव जाव परिहाणीए परिहायमाणे 2 एत्थ णं दूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा जाव णाणामणिपंचवण्णेहिं कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे गं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! तेसिं मणयाणं छविहे संघयणे छविहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उड्ढे उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं आउयं पालेति 2 त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तीसे णं समाए पच्छिमे तिभागे गणधम्मे पासंडधम्मे रायधम्मे जायतेए धम्मचरणे य वोच्छिज्जिस्सइ // 35 // तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कंते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं गंध० रस० फासपजवेहिं जाव परिहायमाणे 2 एत्थ णं दूसमदूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो !, Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि तीसे णं भंते ! समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! काले भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलभूए समाणुभावेण य खरफरुसधूलिमइला दुव्विसहा वाउला भयंकरा य वाया संवट्टगा य कहिते, इह अभिक्खणं 2 धूमाहिति य दिसा समंता रउस्सला रेणुकलुसतमपडलणिरालोया समयलुक्खयाए णं अहियं चंदा सीयं मोच्छिहिंति अहियं सूरिया तविरसंति, अदुत्तरं च णं गोयमा ! अभिक्खणं 2 अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खत्तमेहा अग्गिमेहा विज्जुमेहा विसमेहा अजवणिज्जोदगा वाहिरोगवेयणोदीरणपरिणामसलिला अमणुण्णपाणियगा चंडाणिलपयतिक्खधार।णिवायपउरं वासं वासि हिति, जेणं भरहे वासे गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमगयं जणवेयं चउप्पयगवेलए खहयरे पक्विसं गामारण्णप्पयारणिरए तसे य माणे बहुप्पयारे रुक्खगुच्छगुग्मलयवल्लिपवालंकुरमाइए तणवणस्सइकाइए ओसहीओ य विद्धंसेहिंति पत्वयगिरिडोंगरुत्थलभट्ठिमाइए य वेयडगिरिवज्जे विरावेहिति, सलिलबिलविसमगत्तणिष्णुण्णयाणि य गंगासिंधूवजाइं समीकरोहिंति, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स भूमीए केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! भूमी भविस्सइ इंगालभूया मुम्मुरभूया छारियभूया तत्तकवेल्लुयभूया तत्ततमजोइभूया धूलिबहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणयबहुला चलणिबहुला बहूणं धरणिगोयराणं सत्ताणं दुण्णिकमा यावि भविस्सइ / तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! मणुया भविरसंति दुरूवा दुवण्णा दुगंधा दुरसा दुफासा अणिट्ठा अकंता अप्पिया असुभा अमणुण्णा अमणामा हीणस्सरा दुणस्सरा अणिट्ठस्सरा अकंतस्सरा अप्पियस्सरा अमणुण्णस्सरा अमणामस्सरा अणादेजवयणपञ्चायाया णिलजा कूडकवडकलहबंधवेरणिरया मजायाइक्कमप्यहाणा अकजणिच्छु जया गुरुणिओगविणंयरहिया य विकलरूवा परूढणहकेसमंसुरोमा काला खरफरुससामवण्णा फुट्टसिरा कविलपलियकेसा . बहुण्हारुणिसंपिणद्धदुईसणिजरूवा संकुडियवलीतरंगपरिवेढियंगमंगा जरापरिणयव्वथेरगणरा पविरलपरिसडियदंतसेढी उब्भडघडमुहा विसमणयणवंकणासा वंकवली विगयभेसणमुहा ददुविकिटिभसिन्भफुडियफरुसच्छवी चित्तलंगमंगा कच्छूखसराभिभूया खरतिक्षणक्वकंडूइयविकयतणू टोलगइविसमसंधिबंधणा उक्कडुयट्ठियविभत्तदुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिया कुरुवा कुट्ठाणासणकुसेजकुभोइणो असुइणो अणेगवाहिपरिपीलियंगमंगा खलंतविन्भलगई णिरुच्छाहा सत्तपरिवज्जिया विगयचेट्ठा Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.२ 627 णट्टतेया अभिक्खणं 2 सीउण्हखरफरुसवायविज्झडियमलिणपंसुरओगुंडियंगमंगा बहुकोहमाणमायालोमा बहुमोहा असुदुक्खभागी ओसणं धम्मसप्णसम्मत्तपरिभट्ठा उक्कोसेणं रयणिप्पमाणमेत्ता सोलसवीसइवासपरमाउसो बहुपुत्तणत्तुपरियालपणयबहला गंगासिंधूओ महाणईओ वेयई च पव्वयं णीसाए बाकतरि णिगोयवीयं बीयमेत्ता बिलवासिणो मणुया भविस्संति, ते ण भंते ! मणुया किमाहारिस्संति ? गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं गंगासिंधूओ महाणईओ रहपहमित्तवित्थराओ अक्खसोयप्पमाणमेत्तं जलं वोज्झिहिंति, सेविय णं जले बहुमच्छकच्छभाइण्णे, णो चेव णं आउबहुले भविस्सइ, तए णं ते मणुया सूरुम्गमणमुहुरा सि य सूरत्थमणमुहुत्तसि य बिलहितो णिद्धाइस्संति बिले० 2 त्ता मच्छकच्छभे थलाई गाहेहिंति मच्छकच्छमे थलाई गाहेत्ता सीयायवतत्तेहिं मच्छकच्छभेहिं इक्कवीसं वाससहस्साइं वित्तिं कप्पेमाणा विहरिस्संति / ते णं भंते ! मणुया णिस्सीला णिव्वया णिग्गुणा णिम्मेरा णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासा ओसणं मंसाहारा मच्छाहारा खुड्डाहारा कुणिमाहारा कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिंति कहिं उववज्जिहिति ? गो० ! ओसणं णरगतिरिक्खजोणिएसुं उववज्जिहिति / तीसे णं भंते ! समाए सीहा वग्घा विगा दीविया अच्छा तरच्छा परस्सरा सरभसियालबिरालसुणगा कोलसुणगा ससगा चित्तगा चिल्ललगा ओसण्णं मंसाहारा मच्छाहारा खुद्दाहारा कुणिमाहारा कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिंति कहिं उववज्जिहिंति ? गो० ! ओसण्णं णरगतिरिक्खजोणिएसुं उववज्जिहिंति, ते णं भंते ! ढंका कंका पीलगा मग्गुगा सिही ओसण्णं मंसाहारा जाव कहिं उच्छिहिंति कहिं उववज्जिहिंति ? गोयमा ! ओसण्णं गरगतिरिक्खजोणिएसुं उववज्जिहिंति // 36 // तीसे णं समाए इक्कवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कते आगमिस्साए उस्सप्पिणीए सावणबहुलपडिवए बाल्वकरणंसि अभीइणक्खत्ते चोद्दसपडमसमए अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव अणंतगुणपरिवुड्डीए परिखुमाणे 2. एत्थ णं दूसमदूसमा णाम समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो ! / तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! काले भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूएं एवं सो चेव दूसमदूसमा वेढओ णेयव्यो, तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कंते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव अणंतगुणपरिखुड्डीए परिखुड्डेमाणे 2 एत्थ णं दूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणासो ! // 37 // तेणं कालेशं तेणं समएणं पुक्खलसंवट्टए णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ भरहप्पमाग Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 628 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मित्ते आयामेणं तयणुरूवं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से पुक्खलसंवट्टए महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ खिप्पामेव पतणतणाइत्ता खिप्पामेव पविज्जुयाइस्सइ खिप्पामेव पविज्जुयाइत्ता खिप्पामेव जुगमुसलमुट्टिप्पमाणमित्ताहिं धाराहिं ओघमेघ सत्तरत्तं वासं वासिस्सइ, जेणं भरहस्स वासस्स भूमिभागं इंगालभूयं मुम्मुरभूयं छारियभूयं तत्तकवेल्लुगभूयं तत्तसमजोइभूयं णिव्वाविस्सइ, तंसि च णं पुक्खलसंवट्टगंसि महामेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं खीरमेहे णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ भरहप्पमाणमेत्ते आयामेणं तयणुरुवं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से खीरमेहे णामं महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ जाव खिप्पामेव जुगमुसलमुट्ठि जाव सत्तरत्तं वासं वासिस्सइ, जेणं भरहवासस्स भूमीए वणं गंधं रसं फासं च जणइस्सइ, तंसि च णं खीरमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं घयमेहे णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ, भरहप्पमाणमेत्ते आयामेणं, तयणुरूवं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से घयमेहे 0 महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ जाव वासं वासिस्सइ, जेणं भरहस्स वासस्स भूमीए सिणेहभावं जणइस्सइ, तंसि च णं घयमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं अमयमेहे णामं महामेहे पाउब्भविस्सइ भरहप्पमाणमित्तं आयामेणं जाव वासं वासिस्सइ, जेणं भरहे वासे रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वगहरियगओसहिपवालंकुरमाइए तणवणस्सइकाइए जणइस्सइ, तंसि च णं अमयमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं रसमेहे णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ भरहप्पमाणमित्ते आयामेणं जाव वासं वासिस्सइ, जेणं तेर्सि बहूणं रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहिपवालंकुरमाईणं तित्तकडुयकसायअंबिलमहुरे पंचविहे रसविसेसे जणइस्सइ, तए णं भरहे वासे भविस्सइ पढरक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहिए, उवचियतयपत्तपवालपल्लवंकुरपुप्फफलसमुइए सुहोवभोगे यावि भविस्सइ // 38 // तए णं ते मणुया भरहं वासं परूढरुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहियं उवचियतयपत्तपवालपल्लवंकुरपुप्फफलसमुइयं सुहोवभोगं जायं 2 चावि पासिर्हिति पासित्ता बिलेहिंतो णिद्धाइस्संति णिद्धाइत्ता हट्टतुट्ठा अण्णमण्णं सद्दाविस्संति 2 त्ता एवं वइस्संति-जाए णं देवाणुप्पिया ! भरहे वासे परूढरुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपब्वयगहरियग जाव सुहोवमोगे, तं जे णं देवाणुप्पिया! अम्हं केइ अजप्पभिइ असुभं कुणिमं आहारं आहारिस्सइ से णं / अणेगाहिं छायाहिं वजणिज्जेत्तिकट्ट संठिइं ठवेस्संति 2 त्ता भरहे वासे सुहंसुहेणं अभिरममाणा 2 विहरिस्संति // 39 // तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरि Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 2 626 सए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा! तेसि णं मणुयाणं छविहे संघयणे छविहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उड्डे उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं आउयं पालहिंति 2 त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अप्पेगइया देवगामी,, ण सिझंहिति / तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव परिवुड्डेमाणे 2 एत्थ णं दुसमसूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो !, तीसे णं भंते समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे जाव अकित्तिमेहिं चेव, तेसि णं भंते! मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गो० ! तेसि णं मणुयाणं छविहे संघयणे छविहे संठाणे बहुइं धणूई उई उच्चत्तण जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुवकोडीआउयं पालिहिंति 2 त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अंतं करेहिति, तीसे णं समाए तओ वंसा समुप्पज्जिस्संति, तं०-तित्थयरवंसे चकवट्टिवंसे दसावंसे, तीसे णं समाए तेवीसं तित्थयरा एक्कारस चक्कवट्टीणव बलदेवा णव वासुदेवा समुप्पज्जिस्संति, तीसे णं समाए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणियाए काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव अणंतगुण परिवुड्डीए परिवुड्ढेमाणे 2 एत्थणं सुसमदूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो!, सा णं समा तिहा विभजिस्सइ, पढमे तिभागे मज्झिमे तिभागे पच्छिमे तिभागे, तीसे णं भंते ! समाए पढमे तिभाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे जाव भविस्सइ, मणुयाणं जा चेव ओसप्पिणीए पच्छिमे तिभागे वत्तव्वया सा भाणियव्वा, कुलगरवजा उसभसामिवजा, अण्णे पढंति-तीसे णं समाए पढमे तिभाए इमे पण्णरस कुलगरा समुप्पज्जिस्संति, तंजहा-सुमई. जाव उसमे, सेसं तं चेव, दंडणीईओ पडिलोमाओ णेयवाओ, तीसे णं समाए पढमे तिभाए रायधम्मे जाव धम्मचरणे य वोच्छिज्जिस्सइ, तीसे णं समाए मज्झिमपच्छिमेसु तिभागेसु जा पढममज्झिमेसु वत्तव्वया ओसप्पिणीए सा भाणियव्वा, सुसमा तहेव * सुसमासुसमावि तहेव जाव छव्विहा मणुस्सा अणुसज्जिस्संति जाव सणिच्चारी // 40 // // बीओ वक्खारो समत्तो॥ Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तहओ वक्खारो से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-भरहे वासे 2 1 गोयमा ! भरहे णं वासे वेयहस्स पव्वयस्स दाहिणणं चोद्दसुत्तरं जोयणसयं एक्कारस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अबाहाए दाहिणलवणसमुद्दस्स उत्तरेणं चोद्दसुत्तरं जोयणसय एकारसः य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अबाहाए गंगाए महाणईए पञ्चत्थिमेण सिंधूए महाणईए पुरस्थिमेणं दाहिणड्डभरहमज्झिल्लतिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं विणीया णाम रायहाणी पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा दुवालसजोयणायामा णवजोयणविच्छिण्णा धणवइमइणिम्माया चामीयरपागारा णाणामणिपंचवण्णकविसीसगपरिमंडियाभिरामा अलकापुरीसंकासा पमुइयपद कीलिया पच्चवखं देवलोगभूया रिद्धिस्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पडिरूवा // 41 // तत्थ णं दिणीयाए रायहाणीए भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्टी समुप्पज्जित्था, महयाहिमवंतमहंतमलयमंदर जाव रंजं पसासेमाणे विहरइ / बिइओ गमो रायवष्णरस्स इमो-तत्थ असंखेजकालवासंतरेण उप्पजए जसंसी उत्तमे अभीजाए सत्तवीरियपरकमगुणे पसत्थवण्णसरसारसंघयणतणुगबुद्धिधारणमेहासंठाणसीलप्पर ई पहाणगारवायार इए अणेगवयणप्पहाणे तेयआउबलवीरियजुत्ते अझुसिरघणणिचियलोहसंकलणारायवइरउसहसंघयणदेहधारी झस 1 जुग 2 भिंगार 3 वद्धमाणग 4 भद्दमाणग 5 संख 6 छत्त 7 वीयणि 8 पडाग 9 चक्क 10 णंगल 11 मुसल 12 रह 13 सोत्थिय 14 अंकुस 15 चंदाइच 16-17 अग्गि 18 जूय 19 सागर 20 इंदज्झय 21 पुहवि 22 पउम 23 कुंजर 24 सीहासण 25 दंड 26 कुम्म 27 गिरिवर 28 तुरगवर 29 वरमउड 30 कुंडल 31 गंदावत्त 32 धणु 33 कोंत 34 गागर 35 भवणविमाण. ३६-अणेगलक्खणपसत्थसुविभत्तचित्तकरचरणदेसभाए उड्ढामुहलोमजालसुकुमालणिद्धमउआवत्तपसत्थलोमविरइयसिरिवच्छच्छण्णविउलवच्छे देसखेत्तसुविभत्तदेहधारी तरुणरविरस्सिबोहियवरकमलविबुद्धगब्भवण्णे हयपोसणकोससण्णिभपसत्थपिटुंतणिरुवलेवे पउमुग्यल/दजाइजूहियवरचंपगणागपुष्पसारंगतुल्गंधी छत्तीसाहियपसत्थपत्थिवगुणेहिं जुत्ते अव्वोच्छिण्णायवत्ते पागडउभयजोणी विसुद्धणियगकुलगयणपुण्णचंदे चंदे इव सोमयाए णयणमणणिव्बुइकरे अक्खोभे सागरो व थिमिए धणवइव्व भोगसमुदयसद्दव्वयाए समरे अपराइए परमविक.मगुणे अमरबहसमाणसरिसरूवे मणुयवई भरहचर वट्टी भरहं भुंजइ पणट्ठसत्तू // 42 // तएण तस्स भरहस्स रण्णो अपणया वयाइ आउधरसालाए दिव्वे चकरयणे समुप्पज्जित्था तए णं से आउघरिए भरहस्स रण्णो आउधरसालाए दिव्वं चकरयणं समुसणं Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 631 पासइ पासित्ता हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिए णदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जेणामेव दिव्वे चक्करयणे तेणामेव उवागच्छह 2 त्ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता करयल० जाव कट्टचक्करयणस्स पणामं करेइ 2 त्ता आउड्यरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणामेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणामेव भरहे राया तेणामेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल जाव जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं आउघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पण्णे तं एयणं देवाणुप्पियाणं पियट्टयाए पियं णिवेएमो पियं भे भवउ, तए णं से भरहे राया तस्स आउघरियस्स अंतिए एयमढें सोचा णिसम्म हट्ट० जाव सोमणस्सिए वियसियवरकमलणयणवयणे पयलिअवरकडगतुडिअकेऊरमउडकुंडलहारविरायंतरइअवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरिअंचवलं णरिंदे सीहासणाओ अन्भुटेइ 2 त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 ता. पाउआओ ओमुअइ 2 त्ता एगसाडिअं उत्तरासंगं करेइ 2 त्ता अंजलिमलिअग्गहत्थे चक्करयणाभिमुहे सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ 2 त्ता घामं जाणुं अंचेइ 2 त्ता दाहिणं जाणु धरणितलंसि णिहट्ट करयल० जाव अंजलिं कट्ट चक्करयणस्स पणामं करेइ 2 त्ता तस्स आउधरियस्स अहामालियं मउडवज्जं ओमोअं दलइ दलइत्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलइ दलइत्ता सकारेइ सम्माणेइ सम्माणेइत्ता पडिविसज्जेइ, पडिविसज्जेइत्ता सीहासणवरगए पुरथामिमुहे सण्णिसण्णे / तए णं से भरहे राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! विणीयं रायहाणिं सब्भितरबाहिरियं आसियसंमज्जियसिससुइगरत्थंतरवीहियं मंचाइमंचकलियं णाणाविहरागवसणऊसियझयपडागाइपडागमंडियं लाउल्लोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणकलसं चंदणघडसुकय जाव गंधुडुयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह करेत्ता कारवेत्ता य एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्ट० करयल जाव एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुगंति 2 त्ता भरहस्स० अंतियाओ पडिणिक्खमंति २त्ता विणीयं रायहाणिं जाव करेत्ता कारवेत्ताय तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति / तए णं से भरहे राया जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ 2 त्ता समुत्तजालाकुलामिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिज्जे हाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तसि ण्हाणपीटंसि सुहणिसण्णे सुहोदएहि गंधोदएहिं पुष्फोदएहिं सुद्धोदएहि य पुण्णे Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 632 अनंगपविद्वसुत्ताणि कल्लाणगपवरमजणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमजणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइयलूहियंगे सरससुरहिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंबुडे सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरिया पालंबपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोहे पिणद्धगेविजगअंगुलिजगललियगयललियकयाभरणे णाणामणिकडगतुडियर्थमियभूए अहियसस्सिरीए कुंडलउज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंबपलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जे मुद्दियापिंगलंगुलीए णाणामणिकणगविमलमहरिहणिउणोअवियमिसिमिसिंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थआविद्धवीरबलए, किं बहुणा ?, कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए णरिंदे सकोरंट जाव चउचामरखालवीइयंगे मंगलजयजयसद्दकयालोए अणेगगणणायगदंडणायग जाव दूयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे धवलमहामेहणिग्गए इव जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई धूवपुप्फगंधमल्लहत्थगए मजणघराओ पडिणिस्लमइ 2 त्ता जेणेव आउघरसाला जेणेव चक्करयणे तेणामेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहवे ईसरपभिइओ अप्पेगइया पउमहत्थगया अप्पेगइया उप्पलहत्थगया० जाव अप्पेगइया सयसहस्सपत्तहत्थगया भरहं रायाणं पिट्ठओ 2 अणुगच्छंति / तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहुईओ गाहा-खुबा चिलाइ वामणिवङभीओ बब्बरी बउसियाओ। जोणियपल्हवियाओ ईसिणियथारुगिणियाओ // 1 // लासियलउसियदमिली सिंहलि तह आरबी पुलिंदी य / पक्कणि बहलि मुरुंडी सबरीओ पारसीओ य॥२॥अप्पेगइया चंदणकलसहत्थगयाओ चंगेरीपुप्फपडलहत्थगयाओ भिंगार-आदंसथाल ' पाइसुपइट्ठग-वायकरगरयणकरंडपुष्पचंगेरी-मल्लवण्णचुण्णगंधहत्थगयाओ वत्थआभरणलोमहत्थय-चंगेरीपुष्फपडलहत्थगयाओ जाव लोमहत्थगयाओ अप्पेगइयाओ सीहासणहत्थगयाओ छत्तचामर हत्थगयाओतेलसमुग्गयहत्थगयाओ तेल्ले कोट्ठसमुग्गे पत्ते चोए य तगरमेला य, हरिआले हिंगुलए मणोसिला सासवसमुग्गे // 1 // अप्पेगइयाओ तालिअंटहत्थगयाओ अप्पेगइयाओ धूवकडुच्छु. अहत्थगयाओ // 2 // भरहं रायाणं पिट्ठओ 2 अणुगच्छंति, तए णं से भरहे राया सव्विडीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं समविभूसाए सव्वविभूईए सव्ववत्थपुष्पगंधमल्लालंकारविभूसाए सव्वतुडियसद्दसण्णिणाएणं महया इड्डीए जाव महया वरतुडियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडह-भेरिझल्लरि-खरमुहि-मुरय-मुइंगदुंदुहिणिग्घोसणाइएणं जेणेव आउघरमाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता आलोए Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.३ चक्करयणस्स पणामं करेइ करित्ता जेणेव चक्करयणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता लोमहत्थयं परामुसइ, परामुसित्ता चक्करयणं पमजइ, पमज्जित्ता दिव्वाए उदगधाराए अब्भुक्खेइ अब्भुक्खिता सरसेणं गोसीसचंदणेणं अणुलिंपइ 2 त्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहिं मल्लेहि य अच्चिण्णइ पु-फारुहणं मल्लगंधवण्णचुण्णवत्थारुहणं आभरणारुहणं करेइ 2 त्ता अच्छेहि सण्णेहिं सेएहिं रययामएहिं अच्छरसातंडुलेहि चक्करयणस्स पुरओ अट्ठऽट्ठमंगलए आलिहइ, तंजहा-सोत्थिय सिरिवच्छ णंदिआवत्त, वद्धमाणग, भद्दासण, मच्छ, कलस, दःपण अट्ठ मंगलए आलिहित्ता काऊणं करेइ उवयारंति, किं ते ? पाडल-मल्लिय-चंपग-असोग-पुण्णाग-चूअ-मंजरि-णवमालिअबकुल-तिलग-कणवीर-कुंद-कोजय-कोरंटय-पत्तदमणय-वर-सुरहि-सुगंध-गंधियरस कयगगहगहिअं-करयलपन्भट्ठविप्पमुक्कस्स दसद्धवष्णस्स कुसुमणिगररस तत्थचित्तं जाणुस्सेहप्पमाणमित्तं ओहिणिगरं करेत्ता चंदप्पभवइर वेरलियविमलदंडं कंचणमणिरयणभत्तिचित्तं कालागुरुपवरकुंदुरुक्क-तुरुक्क-धूव-गंधुत्तमाणुविद्धं च धूमपट्टि विणिम्मुअंतं वेरुलिअमयं कडुच्छुअं पग्गहेत्तु पयए धूवं दहइ 2 त्ता सत?पयाई पच्चोसक्का 2 त्ता वामं जाणुं अंचेइ जाव पणामं करेइ 2 ता आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव साहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसीयइ 2 त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उस्सुक्कं उक्करं उक्किट्ठे अदिज्जं अमिज्जं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइजकलियं अणेगतालायराणुचरियं अणुवुयमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपवकीलियसपुरजणजाणवयं विजयवेजइयं चक्करयणस्स अट्ठाहियं महामहिमं करेइ 2 त्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह, तए णं ताओ अट्ठारस सेणिप्यसेणीओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ताओ समाणीओ हट्ठाओ जाव विणएणं वयणं पडिसुणेति 2 वा भरहस्स रण्यो अंतियाओ पडिणिक्खमेंति २त्ता उस्सुक्कं उबरं जाव करेंति य कारवति य क० 2 त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति // 43 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पंडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिवुडे दिव्वतुडियसद्दसपिणणाएणं आपूरेंते चेव अंबरतलं विणीयाए रायहाणीए मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता गंगाए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं मागहतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्यं चक्करयणं गंगाए महा Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 634 अनंगपविट्ठसुत्ताणि णईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरथिमं दिसिं मागहतित्थाभिमुहं पयायं पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठ जाव हियए कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह, हयगयरहपवरजोहकलियं चाउ- . रंगिणिं सेण्ण सण्णाहेह, एयमाणत्तियं पच्चप्षिणह, तए णं ते कोडुंबिय जाव पच्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छह 2 त्ता मज्जणघरं अणुपविसइ 2 त्ता समुत्तजालाकुलाभिरामे तहेव जाव धवलमहामेहणिग्गए इव जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता हयगयरह-पवरवाहणभडचडगरपहमर-संकुलाए सेणाए पहियकित्ती जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णवई दुरूढे / तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे कुंडलउज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए णरसीहे णरवई णरिंदे णरवसहे मरुयरायवसभकप्पे अब्भहियरायतेयलच्छीए दिप्पमाणे पसत्थमंगलसएहिं संथुव्वमाणे जय 2 सद्दकयालोए हत्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धृव्वमाणीहिं 2 जक्खसहस्ससंपरिबुडे वेसमणे चेव धणवई अमरवइसण्णिभाए इड्डीए पहियकित्ती गंगाए महाणईए दाहिणिल्लेणं कलेणं गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसहस्समंडिय थिमियमेइणीयं वसुहं अभिजिणमाणे 2 अग्गाई वराई रयणाई पडिच्छमाणे 2 तं दिव्वं चक्करयणं अणुगच्छमाणे 2 जोयणंतरियाहिं वसहीहिं वसमाणे 2 जेणेव मागहतित्थे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मागहतित्थस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं. विजयखंधावारणिवेसं करेइ 2 त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ सद्दावइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! ममं आवासं पोसहसालं च करेहि करेत्ता ममेयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि, तए णं से वड्डइरयणे भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठचित्तमाणदिए पीइमणे जाव अंजलिं कट्ट एवं सामी तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता भरहस्स रण्णो आवसहं पोसहसालं च करेइ 2 त्ता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणइ, तए णं से भरहे राया आभिसेकाओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पोसहसालं अणुपविसइ 2 त्ता पोसह सालं पमजइ 2 त्ता दब्मसंथारगं संथरइ 2 त्ता दब्भसंथारगं दुलहइ 2 त्ता मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 ता पोसहसालाए पोसहिए Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 बंभयारी उम्मुक्कमणिसुवण्णे ववगयमालावण्णगविलेवणे णिक्खित्तसत्थमुसले दन्भसंथारोवगए एगे अबीए अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे 2 विहरइ / तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिवखमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता कोबुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हयगयरहपवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेह चाउग्घंटं आसरहं पडिकप्पेहत्तिकट्ट मजणघरं अणुपविंसइ 2 त्ता समुत्त तहेव जाव धवलमहामेह णिग्गए जाव मजणघराओ पडिणिक्वमइ 2 त्ता हयगयरहपवरवाहण जाव सेणाए पहियकित्ती जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चाउघंटं आसरहं दुरुढे // 44 // तए णं से भरहे राया चाउग्घंटं आसरहं दुरूढे समाणे हयगयरहपवरजोहकलियाए सद्धिं संपरिवुडे महयाभडचडगरपहगरवंदपरिक्खित्ते चक्करयणदेसियमन्गे अणेगरायवरसहस्साणुयायमग्गे महया उक्किट्ठसीहणायबोलकलकलरवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयं पिव करेमाणे पुरथिमदिसाभिमुहे मागहतित्थेण लवणसमुदं ओगाहइ जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला, तए णं से भरहे राया तुरगे णिगिण्हइ 2 त्ता रहं ठवेइ 2 त्ता धणुं परामुसई, तए णं तं अइरुग्गयबालचंदइंदधणुसंकासं वरमहिसदरियदप्पियदढघणसिंगरइयसारं उरगवरपवरगवलपवरपरहुयभमरकुलणीलिणिद्धधंतधोयपह णिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं तडितरुणकिरणतवणिजबद्धचिंधं दद्दरमलयगिरिसिहरकेसरचामरवालद्धचंदचिंधं कालहरियरत्तपीयसुकिल्लबहण्हारुणिसंपिणद्धजीवं जीवियंनकरणं चलजीवं धणुं गहिऊण से णरवई उसु च वरवइरकोडियं वइरसारतोंडं कंचणमणिकणगरयणधोइट्ठसुकयपुंखं अणेगमणिरयणविविहसुविरइयणामचिंधं वइसाहं ठाइऊण ठाणं आययकण्णाययं च काऊण उसुमुदारं इमाइं वयणाई तत्थ भाणिअ से णरवई गाहाओ-हंदि सुगंतु भवंतो बाहिरओ खलु सरस्स जे देवा / णागासुरा सुवण्णा तेसिं खु णमो पणिवयामि // 1 // हंदि सुणंतु भवंतो आभिंतरओ सरस्स जे देवा। णागासुरा सुवण्णा सव्वे मे ते विसयवासी // 2 // इतिकट्ट उसु णिसिरइत्ति-परिगरणिगरियमज्झो वारद्ध्यसोभमाणकोसेज्जो। चित्तेण सोभएं धणुवरेण इंदोव्व पच्चक्ख // 3 // तं चंचलायमाणं पंचमिचंदोवमं महाचावं / छजइ वामे हत्थे णरवइणो तंमि विजयंमि॥४||तए णं से सरे भरहेणं रण्णा णिसट्टे समाणे खिप्पामेव दुवालस जोयणाई गंता मागहतित्थाहिवइस्स देवस्स भवणंसि Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि णिवइए, तए णं से मागहतित्थाहिवई देवे भवणंसि सरं णिवइयं पासइ 2 त्ता आसुरुत्ते रुटे चंडिक्किए कुविए मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडि णिडाले साहरइ 2 त्ता एवं वयासी-केसणं भो ! एस अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे हीणपुण्णचाउ; . इसे हिरिसिरिपरिवज्जिए जेणं मम इमाए एयाणुरूवाए दिव्वाए देविड्डीए दिव्वाए देवजुईए दिव्वेणं देवाणुभावेणं लद्धाए पत्ताए अभिसमण्णागयाए उप्पिं अप्पुस्सुए भवणंसि सरं णिसिरइत्तिकटु सीहासणाओ अब्भुढेइ 2 त्ता जेणेव से णामाहयंके सरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं णामाहयंकं सरं गेण्हइ णामकं अणुप्पवाएइ णामकं अणुप्पवाएमाणस्स इमे एयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्टी तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं मागहतित्थकुमाराणं देवाणं राईण. मुवत्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमि त्तिकटु एवं संपेहेइ संपेहेत्ता हारं मउडं कुंडलाणि य कडगाणि य तुडियाणि य वत्थाणि य आभरणाणि य सरं च णामाहयंक मागहतित्थोदगं च गेण्हइ गिण्हित्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जयणाए सीहाए सिग्याए उद्धृयाए दिव्वाए देवगईए वीईवयमाणे 2 जेणेव भरहे राया तेंणेव उवागच्छइ 2 त्ता अंत. लिक्खपडिवण्णे सखिंखिणियाई पंचवण्णाई वत्थाई पवरपरिहिए करयलपरिग्गहियं दसणहं सिर जाव अंजलि कटु भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 त्ता एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिएहिं केवलकप्पे भरहे वासे पुरथिमेणं मागहतित्थमेराए तं अहण्णं देवाणुप्पियाण विसयवासी अहण्णं देवाणुप्पियाणं आणत्तीकिंकरे अहण्णं देवाणुप्पियाणं पुरथिमिल्ले अंतवाले तं पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया! ममं इमेयारूवं पीइदाणं तिकट्ट हारं मउडं कुंडलाणि य कडगाणि य जाव मागहतित्थो. दगं च उवणेइ, तए णं से भरहे राया मागहूतित्थकुमारस्स देवस्स इमेयारूवं पीइदाणं पडिच्छइ 2 त्ता मागहतित्थकुमारं देवं सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडि. विसज्जेइ, तए णं से भरहे राया रहं परावत्तेइ 2 त्ता मागहतित्थेणं लवणसमुद्दाओ पच्चुत्तरइ 2 त्ता जेणेव विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तुरए णिगिण्हइ 2 त्ता रहं ठवेइ 2 त्ता रहाओ पच्चोरुहइ 2. त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ 2 त्ता जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव भोयणमंडवे Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.३ तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ 2 त्ता भोयणमंडवाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ 2 त्ता अट्ठा. रस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! उस्सुक्कं उक्करं जाव मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियं महामहिमं करेह 2 त्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह, तए णं ताओ अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ताओ समाणीओ हट्ट जाव करेंति 2 त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से दिव्वे चक्करयणे वइरामयतुंबे लोहियक्खामयारए जंबूणयणेमीए णाणामणिखुरप्पथालपरिगए मणिमुत्ताजालभूसिए सणंदिघोसे सखिंखिणीए दिव्वे तरुणरविमंडल-णिमे णाणामणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्ते सव्वोउयसुरभिकुसुमआसत्तमलदामे अंतलिक्ख पडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिबुडे दिव्वतुडियसद्दसण्णिणाएणं पूरेते चेव अंबरतलं णामेण य सुदंसणे णरखइस्स पढमे चक्करयणे मागहतित्थकुमारस्स देवरस अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता दाहिणपञ्चत्थिमं दिसिं वरदामतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था // 45 // तए णं से भरहे राया तं दिव्यं चक्करयणं दाहिणपच्चत्थिमं दिसिं वरदामतित्थाभिमुहं पयायं चावि पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठ० कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हयगयरहपवर० चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेह आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहत्तिकट्ट मजणघरं अणुपविसइ 2 त्ता तेणेव कमेणं जाव धवलमहामेहणिग्गए जाव सेयवरचामराहिं उधुव्वमाणीहिं 2 माइयवरफ्लयपवरपरिगरखेडयवरवम्मकवयमाढीसहस्सकलिए उक्कडवरमउडतिरीडपडागझयवेजयंतिचामरचलंतछत्तंधयारकलिए असिखेवणिखग्गचावणारायकणयकप्पणिसूललउडभिंडिमालधगुहतोणसरपहरणेहि य कालणीलरुहिरपीयसुक्किलअणेगचिंधसयसण्णिविढे अप्फो. डियसीहणायछेलियहयहेसियहत्थिगुलुगुलाइय-अणेगरहसयसहस्स-घणघणेतणी-हम्ममाणसद्दसहिएण जमगसमगभंभाहोरंभकिर्णितखरमुहिमुगुंदसंखियपरिलिवच्चगपरिवाइणिवंसवेणुविपंचिमहइकच्चभिरिगिसिगियकलतालकंसतालकरधाणुत्थिएण महया सद्दसणिणाएण सयलमवि जीवलोगं पूरयंते बलवाहणसमुदएणं एवं जक्खसहस्सपरिवुडे वेसमणे चेव धणवई अमरवइसण्णिभाएइडीए पहियकित्ती गामागरणगरखेडकब्बड तहेव सेसं जाव विजयखंधावारणिवेसं करेइ 2 त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! मम आवसहं पोसहसालं च करेहि, Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 638 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ममेयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि // 46 // तए णं से आसमदोणमुहगामपट्टणपुरवर-खंधावारगिहावणविभागकुसले एगासीइपएसु सव्वेसु चेव वत्थूसु णेगगुणजाणए पंडिए विहिण्णू पणयालीसाए देवयाणं वत्थुपरिच्छाए णेमिपासेसु भत्तसालासु कोणिसु यः / आवासघरेसु य विभागकुसले छज्जे वेझे य दाणकम्मे पहाणबुद्धी जलयाणं भूमियाण य भायणे जलथलगुहासु जंतेसु परिहासु य कालणाणे तहेव सद्दे वत्थुप्पएसे पहाणे गम्भिणिकण्णरुक्खवल्लिवेढियगुणदोसवियाणए गुणड्ढे सोलसपासायकरणकुसले चउसट्ठिविकप्पविस्थियमई णंदावत्ते य वद्धमाणे सोत्थियरुयग तह सव्वओभद्दसण्णिवेसे य बहुविसेसे उइंडियदेवकोट्ठदारुगिरिखायवाहणविभागकुसले-इय तरस बहुगुणड्ढे थवई रयणे णरिंदचंदस्स / तवसंजमणिविटे किं करवाणीतुवट्ठाई // 1 // सो देवकम्मविहिणा खंधावारं णरिंदवयणेणं / आवसहभवणकलियं करेइ सव्वं मुहुत्तेणं // 2 // करेत्ता पवरपोसहघरं करेइ 2 त्ता जेणेव भरहे राया जाव एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणइ, सेसं तहेव जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता।४७/तए णं तं धरणि. तलगमणलहुं तओ बहुलक्खणपसत्थं हिमवंतकंदरंतरणिवायसंवड्डियचित्ततिणिसदलियं जंबूणयसुकयकूबरं कणयदंडियारं पुलयवरिंदणीलसासगपवालफलिहवररयणलेटुमणि. विद्दुमविभूसिय अडयालीसारर इयतवणिजपट्टसंगहियजुत्ततुंबं पंघसियपसियणिम्मियणवपट्टपुट्ठपरिणिट्ठियं विसिट्ठलट्ठणवलोहबद्धकम्मं हरिपहरणरयणसरिसचवकं कक्केय. णइंदणीलसासगसुसमाहियबद्धजालकडगं पसत्थविच्छिष्णसमधुरं पुखरं च गुत्तं सुकिरणतवणिजजुत्तकलियं कंकटयणिजुत्तकप्पणं पहरणाणुजायं खेडगकणगधणुमंड. लग्गवरसत्तिकोंततोमरसरसयबत्तीसतोणपरिमंडियं कणगरयणचित्तं जुत्तं हलीमुहबलागगयदंतचंदमोत्तियतणसोल्लियकुंदकुडयवरसिंदुवारकंदलबरफेणणिगरहार-कासप्पगासधवलेहिं अमरमणपवणजइणचवलसिघगामीहिं चउहिं चामराकणगविभूसियंगेहिं तुरगेहिं सच्छत्तं सज्झयं सघंटं सपडागं सुकयसंधिकम्मं सुसमाहियसमरकणगगंभीर• तुल्लघोसं वरकुप्परं सुचक्कं वरणेमीमंडलं वरधारातोंडं वरखइरबद्धतुंबं वरकंचणभूसियं वरायरियणिम्मियं वरतुरगसंपउत्तं वरसारहिसुसंपन्गहियं वरपुरिसे वरमहारहं दुरूढे आरूढे पवररयणपरिमंडियं कणयखिंखिणीजालसोभियं अउज्झं सोयामणि कणगतवियपंकयजासुयणजलणजलियसुयतोडरागं गुंजद्धबंधुजीवगरत हिंगुलगणिगर. सिंदूररुइलकुंकुमपारेवयचलगणयणकोइलदसणावरण-रइयाइरेगरत्तासोग-कणग-केसुय Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 636 गयतालुसुरिंदगोवगसमप्पभप्पगासं बिंपलसिलप्पवालसहिंतसूरस रिसं सत्वोउयसुरहिकुसुमआसत्तमल्लदामं ऊसियसेयज्झयं महामेहरसियगंभीरणिद्धघोसं सत्तहिययकंपणं पभाए य सस्सिरीयं णामेणं पुहविविजयलंभंति विस्सुयं लोगविस्सुयजसोऽयं चाउघंटं आसरहं पोसहिए मवई दुरूढे, तए णं से भरहे राया चाउग्घंटं आसरहं दुरूढे समाणे सेसं तहेव जाव दाहिणाभिमुहे वरदामतित्थेणं लवणसमुदं ओगाहइ जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला जाव पीइदाणं से, णवरं चूडामणिं च दिव्वं उरत्थजेविजगं सोणियसुत्तगं कडगाणि य तुडियाणि य जाव दाहिणिल्ले अंतवाले जाव अट्ठाहियं महामहिमं करेंति 2 त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से दिव्वे चक्करयणे वरदामतित्थकुमारस्स देवस्स अट्टाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जाव पूरंते चेव अंबरतलं उत्तरपञ्चत्थिमं दिसिं पभासतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्यं चक्करयणं जाव उत्तरपञ्चत्थिमं दिसिं तहेव जाव पच्चत्थिमदिसाभिमुहे पभासतित्थेणं लवणसमुदं ओगाहेइ 2 त्ता जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला जाव पीइदाणं से, णवरं मालं मउडि मुत्ताजालं हेमजालं कडगाणि य तुडियाणि य आभरणाणि य सरं च णामाहयंकं पभासतित्थोदगं च गिण्हइ 2 त्ता जाव पच्चत्थिमेणं पभासतित्थमेराए अहण्णं देवाणुप्पियाणं विसयवासी जाव पच्चथिमिल्ले अंतवाले, सेसं तहेव जाव अट्ठाहिया णिव्वत्ता // 48-49 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे पभासतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जाव पूरेंते चेव अंबरतलं सिंधूए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरस्थिमं दिसि सिंधुदेवीभवणाभिमुहे पयाए यावि होत्था / तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं सिंधूए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं सिंधुदेवी भवणाभिमुहं पयायं पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठचित्त तहेव जाव जेणेव सिंधूए देवीए भवणं तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सिंधूए देवीए भवणस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसारिच्छं विजयखंधावारणिवेसं करेइ जाव सिंधुदेवीए अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 त्ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव दब्भसंथारोवगए अट्ठमभत्तिए सिंधुदेविं मणसि करेमाणे 2 चिट्ठइ / तए णं तस्स. भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सिंधूए देवीए आसणं चलइ, तए णं सा सिंधुदेवी आसणं चलियं पासइ 2 त्ता ओहिं पउंजइ 2 त्ता भरहं रायं ओहिणा Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 640 अनंगपविट्ठसुत्ताणि आभोएइ 2 ता इमे एयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे णामं .राया चाउरंतचक्वट्टी, तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं सिंधूणं देवीणं भरहाणं राईणं उयस्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमित्तिकटु कुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगरयणभत्तिचित्ताणि य दुवे कणगभद्दासणाणि य कडगाणि य तुडियाणि य जाव आभरणाणि य गेण्हइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिएहिं केवलकप्पे भरहे वासे अहणं देवाणुप्पियाणं विसयवासिणी अहण्णं देवाणुप्पियाणं आणत्ति किंकरी तं पडिच्छंतु णं देवागुप्पिया ! मम इमं एयावं पीइदाणंतिकटुकुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणग- : कडगाणि य जाव सो चेव गमो जाव पडिविसज्जेइ, तए णं से भरहे राया पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव खागच्छइ 2 त्ता बहाए कयबलिकम्मे जाव जेणेव भोयणमंडवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं परियादियइ जाव सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ 2 ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ 2 त्ता जाव अट्ठाहियाए महामहिमाए तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति // 50 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे सिंधूए देवीए अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ तहेव जाव उत्तर. पुरच्छिमं दिसि वेयड्डपव्वयाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया जाव जेणेव वेयड्डपव्वए जेणेव वेयड्डस्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे तेणेव उवागच्छाइ 2 त्ता वेयड्स्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे दुवालसजोयणायाम णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं विजयखंधावारणिवेसं करेइ 2 त्ता जाव वेयगिरिकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 त्ता पोसहसालाए जाव अट्ठमभत्तिए वेयवगिरिकुमारं देवं मणसि करेमाणे 2 चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रणो अट्ठमभत्तंसि परिणममा. गंसि वेयड्डगिरिकुमारस्स देवस्स आसणं चलइ, एवं सिंधुगमो णेयव्यो पीइदाणं आभिसेक्कं रयणालंकारं कडगाणि य तुडियाणि य वत्थाणि य आभरणाणि य गेहइ २त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव अट्ठाहियं जाव पञ्चप्पिणंति / तए णं से दिव्वे चक्क रयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए जाव पच्चत्थिमं दिसिं तिमिस. गुहाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव पञ्चत्थिमं दिसिं तिमिसगुहाभिमुहं पयायं पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठचित्त जाव तिमिसंगुहाए Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 641 अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम णवणोयणविच्छिण्णं जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 त्ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव कयमालगं देवं मणसि * करेमाणे 2 चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणसि कयमालस्स देवस्स आसणं चलइ तहेव जाव वेयदृगिरिकुमारस्स णवरं पीइदाणं इत्थीरयणस्स तिलगचोद्दसं भंडालंकारं कडगाणि य जाव आभरणाणि य गेण्हइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडिविसज्जेइ जाव भोयणमंडवे, तहेव महामहिमा कयमालस्स पञ्चप्पिणंति // 51 // तए णं से भरहे राया कयमालस्स० अठ्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छाहि णं भो देवाणुष्पिया ! सिंधूए महाणईए पञ्चत्थिमिल्लं णिक्खुडं ससिंधुसागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि ओअवेत्ता अग्गाइं वराई रयणाइं पडिच्छाहि अग्गाई पडिच्छित्ता ममेयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि, तए णं से सेणावई बलस्स णेया भरहे वासंमि विस्सुयजसे महाबलपरक्कमे महप्पा ओयंसी तेयलक्खणजुत्ते मिलक्खुभासाविसारए चित्तचारुभासी भरहे वासंमि णिक्खुडाणं णिण्णाण य दुग्गमाण य दुप्पवेसाण य वियाणए अत्थसत्थकुसले रयणं सेणावई सुसेणे भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठचित्तमाणं दिए जाव करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अजलिं कटु एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव सए आवासे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर जाव चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेहत्तिकटु जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ २त्ता ण्हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगल-पायच्छित्ते सण्णद्धबद्धवम्मियकवए उम्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेविजबद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टे गहियाउहप्पहरणे अणेगगणणायगदंडणायग जाव सद्धिं संपरिबुडे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं मंगलजय 2 सद्दकयालोए मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेब बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ 2. त्ता आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढे / तए णं से सुसेणे सेणावई हत्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडे महयाभडचडगरपहगरवंदपरिक्खित्ते महया Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 642 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलसद्देणं समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे सव्विट्टीए सव्वज्जुईए सव्वबलेणं जाव णिग्धोसणाइएणं जेणेव सिंधू महाणई तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चम्मरयणं परामुसइ,तए णं तं सिरिवच्छसरिसरूवं मुत्ततारद्धचंदचित्तं अयलमकंपं अमेजकघयं जंतं सलिलासु सागरेसु य उत्तरणं दिव्वं चम्मरयण सणसत्तरसाइं सव्वधण्णाई जत्थ रोहंति एगदिवससेण वावियाई, वासं णाऊण चक्कवट्टिणा परामुढे दिवे चम्म. रयणे दुवालस जोयणाई तिरियं पवित्थरइ तत्थ साहियाई, तए णं से दिव्वे चम्मरयणे सुसेणसेणावइणा परामुढे समाणे खिप्पामेव णावाभूए जाए यावि होत्था, तए णं से सुसेणे सेणावई सखंधावारबलवाहणे णावाभूयं चम्मरयणं दुरूहइ 2 त्ता सिंधू महाणइं विमलजलतुंगवीइं णावाभूएणं चम्मरयणेणं सबलवाहणे ससेणे समुत्तिण्णे, तओ महाणइमुत्तरित्तु सिंधु अप्पडिहयसासणे सेणावई कहिँचि गामागरणगरपव्वयाणि खेडकब्बडमडंबाणि पट्टणाणि सिंहलए बब्बरए य सव्वं च अंगलोयं बलायालोयं च परमरम्म जवणदीवं च पवरमणिरयणकणगकोसागारसमिद्धं आरबए रोमए य अलसंडविसयवासी य पिक्खुरे कालमुहे जोणए य उत्तरवेयसंसियाओ य मेच्छजाई बहुप्पगारा दाहिणअवरण जाव सिंधुसागरतात्ति सव्वपवरकच्छं च अवऊण पडिणियत्तो बहुसमरमणिज्जे य भूमिभागे तस्स कच्छन्स सुहृणिसण्णे,ताहे ते जणवयाण णगराण पट्टणाण य जे य तहिं सामिया पभूया आगरवई य मंडलवई य पट्टणवई य सव्वे घेत्तूण पाहुडाइं आभरणाणि य भूसणाणि य रयणाणि य वत्थाणि य महरिहाणि अण्णं च जं वरिटं रायारिहं जं च इच्छियव्वं एयं सेणावइस्स उवणेति मत्थयकयंजलिपुडा, पुणरवि काऊण अंजलिं मत्थयंमि पणया तुब्भे अम्हेऽत्थ सामिया देवयं व सरणागया भो तुभं विसयवासिणोत्ति विजयं जंपमाणा सेणावणा जहारिहं ठविय पूइय विसज्जिया णियत्ता सगाणि णगराणि पट्टणाणि अणुपविट्ठा, ताहे सेणावई सविणओ घेत्तूण पाहुडाइं आभरणाणि भूसणाणि रयणाणि य पुणरवि तं सिंधुणामधेज्जं उत्तिण्णे अणहसासणबले, तहेव भरहस्स रण्णो णिवेएइ णिवेइत्ता य अप्पिणित्ता य पाहुडाई सकारियसम्माणिए सहरिसे विसज्जिए सगं पडमंडवमइगए, तए णं सुसेणे सेणावई पहाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगल पायच्छित्ते जिमियभुत्तुत्तरागए समाणे जाव सरसगोसीसचंदणुक्खित्तगायसरीरे उप्पि पासायवरगए फुट्टमाणेहि मुइंगमत्थएहिं बत्तीसइबद्धेहिं णाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवणच्चिजमाणे 2 उवगिजमाणे 2 उवलालि(लभि)जमाणे 2 महया हयणट्टगीयवाइयत्तीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं इढे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 643 भुंजमाणे विहरइ // 52 // तए णं से भरहे राया अण्णया कयाई सुसेणं सेणावइं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छ णं खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेहि 2 त्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहित्ति, तए णं से सुसेणे सेणावई भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ चित्तमागं दिए जाव करयलपरिमाहियं० सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जाव पडिसुणेइ 2 त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव सए आवासे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता दब्भसंथारगं संथरइ जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिप्हइ पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव अट्ठमभत्तंसि परिणममाणसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्चइ 2 त्ता हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगल-पायच्छिते. सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहन्धाभरणालंकियसरीरे धूवपुप्फगंधमलहत्थगए मजणघराओ पडिणिवख्मइ 2 त्ता जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिलस्स दुवारस्स कवाडा तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स सुसेणस्स सेणावइस्स. बहवे राईसरतलवरमाउंबिय जाव सत्थवाहप्पमियओ अप्पेगइया उप्पलहत्थगया जाव सुसेणं सेणावई पिट्ठओ 2 अणुगच्छंति, तए णं तस्स सुसेणस्स सेणावइस्स बहुईओ खुजाओ चिलाइयाओ जाव इंगियचिंतियपन्थियवियाणियाओ पिउणकुसलाओ विणियाओ अप्पेगइयाओ कलसहत्थगयाओ जाव अणुगच्छंति / तए णं से सुसेणे सेणावई सव्विड्डीए सव्वजुईए जाव णिहोसणाइएणं जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा तेणेव उवागच्छइ 2 रा आलोए कवाडाणं पणामं करेइ 2 त्ता लोमहत्थगं परामुसइ 2 त्ता तिमिसगुहाए दाहिणिलस्स दुवारस कवाडे लोमहत्येणं पमजइ 2 त्ता दिव्वाए उदगधाराए अब्भुक्खेइ 2 त्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितले चच्चए दलइ 2 त्ता अन्गेहिं वरेडिं गंधेहिय मल्लेहि य अच्चिणेइ, अच्चिणित्ता पुष्फारहणं जाव वत्थारुहणं करेइ, करित्ता आसत्तोसत्तविउलवट्ट जाव करेइ करित्ता अच्छेहिं सण्णेहिं रयया. मएहिं अच्छरसातंडुलेहिं तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडाणं पुरओ अट्ठट्ट मंगलए आलिहइ, तंजहा-सोत्थिय सिविच्छ जाव कयग्गहगहिय-करयल-पब्भट्ठ'चंदप्पह-वहर-वेरुलिय-विमलदंडं जाव धूवं दलयइ, दलयित्ता वामं जाणु अंचेइ, अंचेत्ता करयल जाव मत्थए अंजलिं कट्ट कवाडाणं पणामं करेइ, करित्ता दंडरयणं परामुसइ, तए णं तं दंडरयणं पंचलइयं वइरसारमइयं विणासणं सव्वसत्तुसेण्णाणं Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 644 अनंगपविद्वसुत्ताणि खंधावारे णरवइस्स गड्डदरिविसमपन्भारगिरिवरपवायाणं समीकरणं संतिकरं सुभकरं हियकरं रण्णो हियइच्छियमणोरहपूरगं दिव्वमप्पडियं दंडरयणं गहाय सत्तट्ठ पयाई पच्चोसक्का पच्चोसक्कित्ता तिमिसगुहाए दाहिणिलस्स दुवारस्स कवाडे दंडरयणेणं महया 2 सद्देणं तिक्खुत्तो आउडेइ, तए णं तिमिसगुहाए दाहिणिलस्स दुवारस्स कवाडा सुसेणसेणावइणा दंडरयणेणं महया 2 सद्देणं तिक्खुत्तो आउडिया समाणा महया 2 सद्देणं कोंचारवं करेमाणा सरसरस्स सगाई 2 ठाणाई पच्चोसक्कित्था, तए णं से सुसेणे सेणावई तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेइ 2 त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता जाव भरहं रायं करयलपरिग्गहियं जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 त्ता एवं वयासी-विहाडिया णं देवाणुप्पिया ! तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा एयण्णं देवाणुप्पियाणं पियं णिवेएमो पियं मे भवउ, तए णं से भरहे राया सुसेणस्स सेणावइस्स अंतिए एयमटुं सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठचित्तमाणदिए जाव हियए' सुसेणं सेणावई सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवरं णरवई दुरूढे // 53 // तए णं से भरहे राया मणिरयणं परामुसइ तोतं चउरंगुलप्प. माणमित्तं च अणग्धं तंसियं छलंसं अणोवमजुइं दिव्वं मणिरयणपइसमं वेरुलियं सव्वभूयकंतं जेण य मुद्धागएणं दुक्खं ण किंचि जाव हवइ आरोग्गे य सव्वकालं तेरिच्छियदेवमाणुसकया य उवसग्गा सव्वे ण करेंति तस्स दुखं, संगामेऽवि असत्यवज्झो होइ णरो मणिवरं धरतो ठियजोव्वणकेसअवट्ठियणहो हवइ य सब्वभयविप्प. मुक्को, तं मणिरयणं गहाय से णरवई हत्थिरयणस्स दाहिणिल्लाए कुंभीए णिक्खिवइ, तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जाव अमरवइसण्णिभाए इट्टीए पहियकित्ती मणिरयणकउज्जोए चक्करयणदेसियमग्गे अणेगरायसहस्साणुयायमग्गे महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं समुद्दखभूयं पिव करेमाणे जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिल्ले दुवारे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तिमिसगुहं दाहिणिल्लेणं वारेणं अईइ ससिव्व मेहंधयारणिवहं / तए णं से भरहे राया छत्तलं दुवालसंसियं अट्ठकण्णियं अहिंगरणिसंठियं अट्ठसोवणियं कागणिरयणं परामुसइ / तए णं तं चउँरंगुलप्पमाणमित्तं अट्ठसुवण्णं च विसहरणं अउलं चउरंससंठाणसंठियं समतलं माणुम्माणजोगा जओ लोगे चरंति सव्वजणपण्णवगा, ण इव चंदो ण इव तत्थ Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.३ 645 सूरे ण झ्व अग्गी ण इव तत्थ मणिणो तिमिरं णासेंति अंधयारे जत्थ तयं दिव्यं भावजुत्तं दुवालसजोयणाई तस्स लेसाउ विवढंति तिमिरणिगरपडिसेहियाओ, रत्तिं च सव्वकालं खंधावारे करेइ आलोयं दिवसभूयं जस्स पभावेण चक्कवट्टी, तिमिसगुह अईइ सेण्णसहिए अमिजेतुं बिइयमद्धभरहं रायवरे कागणिं गहाय तिमिसगुहाए पुरथिमिल्लपञ्चस्थिमिल्लेसुं कडएसुं जोयणंतरियाई पंचधणुसयविक्खभाई जोयणुज्जोयकराई चक्कणेमीसंठियाई चंदमंडलपडिणिगासाइं एगूणपण्णं मंडलाइं आलिहमाणे 2 अणुप्पविसइ, तए णं सा तिमिसगुहा भरहेणं रण्णा तेहिं जोयणंतरिएहिं जाक जोयणुज्जोयकरहिं एगूणपण्णाए मंडलेहिं आलिहिजमाणेहि 2. खिप्पामेव आलोगभूया उज्जोयभूया दिवसभूया जाया यावि होत्था // 54 // तीसे णं तिमिसगुहाए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं उम्मगणिमगजलाओ णामं दुवे महाणईओ पण्णत्ताओ, जाओ णं तिमिसगुहाए पुरथिमिल्लाओ मित्तिकडगाओ पवूढाओ समाणीओ पञ्चत्थिमेणं सिंधु महाणई समप्पेंति, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-उम्मगणिमम्गजलाओ महाणईओ 1 गोयमा! जण्णं उम्मग्गजलाए महाणईए तणं वा पत्तं वा कटुं वा सक्करं वा आसे वा हत्थी वा रहे वा जोहे वा मणुस्से वा पक्खिप्पइ ताओ णं उम्मग्गजला महाणई तिक्खुत्तो आहुणिय 2 एगते थलंसि एडेइ, जणं णिमग्गजलाए महाणईए तणं वा पत्तं वा कटुं वा सक्करं वा जाव मणुस्से वा पक्खिप्पइ तण्णं णिमग्गजला महाणई तिक्खुत्तो आहुणिय 2 अंतो जलंसि णिमजावेइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-उम्मग्गणिमग्गज़लाओ महाणईओ, तए णं से भरहे राया चक्करयणदेसियमग्गे अणेगराय० महया उक्किट्ठिसीहणाय जाव करेमाणे सिंधूए महाणईए पुरथिमिल्लेणे कूलेणं जेणेव उम्मग्गजला महाणई तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वडइरयणं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! उम्मम्गणिमग्गजलासु महाणईसु अणेगखंभसयसण्णिवि? अयलमकंपे अभेजकवए सालंबणबाहाए सव्वरयणामए सुहसंकमे करेहि करेत्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणाहि, तए णे से वड्डइरयणे भरहेणं रण्णा एवं बुत्ते समाणे हट्टतुट्ठचित्तमाणदिए जाव विणएणं० पडिसुणेइ 2 त्ता खिप्पामेव उम्मग्गणिमग्गजलासु महाणईसु अणेगखंभसयसण्णिविढे जाव सुहसंकमे करेइ 2 त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ २त्ता जाव एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ, तए णं भरहे राया सखंधावारबले उम्मम्गणिमग्गजलाओ महाणईओ तेहिं अणेगखंभसयसण्णिविटेहिं जाव सुहसंकमेहिं उत्तरइ, तए Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि णं तीसे तिमिस्सगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सयमेव महया 2 कोंचारखं करेमाणा सरसरस्स सगाई 2 ठाणाई पच्चोसक्कित्था // 55 // तेणं कालेणं तेणं समएणं उत्तरड्डभरहे वासे बहवे आवाडा णाम चिलाया परिवसंति अंड्ढा दित्ता वित्ता विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णा बहुधणबहुजायरूवरयया आओगपओगसंपउत्ता विच्छड्डियपउरभत्तपाणा बहुदासीदासगोमाहिसंगवेलगप्पभूया बहुजगस्स अपरिभूया सूरा वीरा विक्कंता विच्छिण्णविउलवलवाहणा बहुसु समरसंपराएसु लद्धलक्खा यांवि होत्था, तए णं तेसिमावाड चिलायाणं अण्णया कयाई विसयंसि बहूई उम्पाइयसयाई पाउन्भवित्था, तंजहा-अकाले गरिजयं अकाले विज्जुया अकाले पायवा पुष्फंति अभिक्खणं 2 आगासे देवयाओ णच्चंति, तए णं ते आवाडचिलाया विसयंसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउन्भूयाई पासंति पासित्ता अण्णमण्णं सद्दावेंति २त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुपिया! अम्हं विसयंसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउन्भूयाई तंजहा-अकाले गज्जियं अकाले विज्जुया अकाले पाया पुष्पंति अभिक्खणं 2 आगासे देवयाओ णच्चंति, तं ण णजइ णं देवाणुप्पिया ! अम्हं विसयस्स के मष्णे उवद्दवे भविस्सइत्तिक ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरं पविट्ठा करयलपल्हत्थमुहा अट्टज्झाणोवगया भूमिगयदिट्ठिया झियायंति, तए णं से भरहे राया चक्करयणदेसियमग्गे जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे 2 तिमिसगुहाओ, उत्तरिल्लेणं दारेणं णीइ ससिव्व मेहंधयारणिवहा, तए णं ते आवाडचिलाया भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं एजमाणं पासंति 2 त्ता आसुरुत्ता रुट्ठा चंडिक्किया कुविया मिसिमिसेमाणा अण्णमण्णं सद्दावेंति 2 त्ता एवं वयासी-एस-णं देवाणुप्पिया ! केइ अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे हीणपुण्णचाउद्दसे हिरिसिरिपरिवज्जिए जे णं अम्हं विसयस्स उवरि विरिएणं हव्वमागच्छइ तं तहा णं घत्तामो देवाणुपिया ! जहा णं एस अहं विसयस्स उवरिं विरिएणं णो हव्वमागच्छइत्तिकटटु अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढें पडिसुणेति २त्ता सण्णद्धबद्धवम्मियकवया उ-पीलियसरासणपट्टिया पिणद्धगेविजा बद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टा गहियाउहपहरणा जेणेव भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता भरहस्स रण्णो अग्गाणीएण सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था, तए णं ते आवाडचिलाया भरहस्स रण्णो अग्गाीय हयमहियपवरवीरघाइयविवडियचिंधद्धयपडागं किच्छप्पाणोवगयं दिसोदिसिं पडिसेहिति // 56 // तए णं से सेणाबलस्स-णेया वेढो जाव भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं आवाडचिलाएहिं हयमहियपवरवीर जाव दिसोदिसि पडिसेहियं पासइ 2 त्ता आसुरुत्ते रुढे चंडिक्किए कुविए मिसिमिसेमाणे Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 647 कमलामेलं आसरयणं दुरूहइ 2 त्ता तए णं तं असीइमंगुलमूसियं णवणउइमंगुलपरिणाहं अट्ठसयमंगुलमाययं बत्तीसमंगुलमूसियसिरं चउरंगुलकण्णागं वीसइअंगुलबाहागं चउरंगुलजाणूकं सोलसअंगुलजंघागं चउरंगुलमूसियखुरं मुत्तोलीसंवत्तवलियमज्झं ईसिं अंगुलपणयपटुं संणयपटुं संगयपट्ट सुजायपढे पसत्थपढे विसिट्ठपर्ट एणीजाणुण्णयवित्थयथद्धपढें वित्तलयकसणिवायअं-केलणपहारपरिवज्जियंग तवणिजथासगाहिलाणं वरकणगसुपुलथासगविचित्तरयणरज्जुपासं कंचणमणिकणगपयरगणाणाविहघंटियाजालमुत्तियाजालएहिं परिमंडिएणं पटेण सोभमाणेण सोभमाणं कक्केयणइंदणीलमरगयमसारगल्लमुहमंडणरइयं आविद्धमाणिक्कसुत्तगविभूसियं कणगामयपउमसुकयतिलयं देवमइविगप्पियं सुरवरिंदवाहणजोग्गावयं सुरुवं दूइजमाणपंचचारुचामरामेलगं धरेंतं अणब्भवाहं अमेलणयण कोकासियबहलपत्तलच्छं सयावरणणवकणगतवियतवणिजतालुजीहासयं सिरिआभिसेयघोणं पोक्खरपत्तमिव सलिलबिंदुजुयं अचंचलं चंचलसरीरं चोक्खचरगपरिव्वायगो विव हिलीयमाणं 2 खुरचलणचच्चपुडेहिं धरणियलं अभिहणमाणं 2 दोवि य चलणे जमगसमगं मुहाओ विणिग्गमंतं व सिग्घयाए मुणालतंतुउदगमवि णिस्साए पकमंतं जाइकुलरूवपच्चयपसत्थबारसावत्तगविसुद्धलक्खणं सुकुलप्पसूर्य मेहाविभइयविणीयं अणुयतणुयसुकुमाललोमणिद्धच्छविं सुजायअमरमणपवणगरुलजइणचवलसिग्घगामि इसिमिव खतिखमए सुसीसमिव पञ्चक्खयाविणीयं उदगहुयवहपासाणपंसुकद्दमससक्करसवालुइल्लतड कडगविसमपन्भारगिरिदरीसुलंघणपिल्लणणित्थारणासमत्थं अचंडपाडियं दंडयाइं अणंसुपाइं अकालतालु च कालहेसि जियणिइंगवेसगं जियपरिसहं जच्चजाईयं मल्लिहाणिं सुगपत्तसुवण्णकोमलं मणाभिरामं कमलामेलं णामेणं आसरयणं सेणावई कमेण समभिरूढे कुवलयदलसामलं च रयणियरमंडलणिभं सत्तुजणविणासणं कणगरयणदंडं णवमालियपुप्फ सुरहिगंधिं णाणामणिलयभत्तिचित्तं च पहोयमिसिमिसिंततिक्खधारं दिव्वं खग्गरयणं लोए अणोवमाणं तं च पुणो वंसरुक्खसिंगट्ठिदंतकालायसविउललोहदंडयवरखइरभेयगं जाव सव्वत्थअप्पडिहयं किं पुण देहेसु जंगमाणं गाहा-पण्णासंगुलदीहो सोलस से अंगुलाई विच्छिण्णो / अद्धंगुलसोणीको जेट्टपमाणो असी भणिओ // 1 // असिरयणं णरवइस्स हत्थाओ तं गहिऊण जेणेव आवाइचिलाया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता आवाडचिलाएहिं सद्धिं संपलग्गे यावि होत्था / तए णं से सुसेणे सेणावई ते आवाडचिलाए हयमहियपवरवीरघाइय जाव दिसोदिसिं पडिसेहेइ // 57 // तए णं ते आवाडचिलाया सुसेणसेणावइणा हयमहिय जाव पडिसेहिया समाणा भीया तत्था Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 648 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वहिया उद्विग्गा संजायभया अत्थामा अबला अवीरिया अपुरिसक्कारपरक्कमा अधारणिजमितिकट्ट अणेगाइं जोयणाई अवकमंति 2 त्ता एगयओ मिलायंति 2 त्ता जेणेव सिंधू महाणई तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता वालुयासंथारए संथरेंति, 2 त्ता वालुयासंथारए दुरुहंति 2 त्ता अट्ठमभत्ताइं पगिण्हंति 2 त्ता वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया जे तोर्स कुलदेवया मेहमुहा णामं णागकुमारा देवा ते मणसीकरमाणा 2 चिट्ठति / तए णं तेसिमावाडचिलायाणं अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि मेहमुहाणं णागकुमाराणं देवाणं आसणाई चलंति, तए णं ते मेहमुहा णागकुमारा देवा आसणाइं चलियाई पासंति 2 त्ता ओहिं पउंति 2 त्ता आवाचिलाए ओहिणा आभोएंति 2 त्ता अण्णमण्णं सद्दावेंति 2 ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरडभरहे वासे आवाडचिलाया सिंधूए महाणईए वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया अम्हे कुलदेवए मेहमुहे णागकुमारे देवे मणसीकरेमाणा 2 चिटुंति, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं आवाडचिलायाणं अंतिए पाउन्भवित्तएत्तिकट्ठ अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढे पडिसुणेति पडिसुणेत्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव वीइवयमाणा 2 जेणेव जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे जेणेव सिंधू महाणई जेणेव आवाडचिलाया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णा सखिंखिणियाइं पंचवण्णाई वत्थाई पवरपरिहिया ते आवाडचिलाए एवं वयासी-हं भो आवाडचिलाया ! जण्णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया अम्हे कुलदेवए मेहमुहे णागकुमारे देवे मणसीकरेमाणा 2 चिट्ठह तए णं अम्हे मेहमुहा णागकुमारा देवा तुब्भं कुलदेवया तुम्हें अंतियण्णं पाउन्भूया, तं वदह णं देवाणुप्पिया ! किं करेमो किं च आचिट्ठामो के व मे मणसाइए ?, तए णं ते आवाडचिलाया मेहमुहाणं णागकुमाराणं देवाणं अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिया जाव हियया उठाए उट्टेति 2 त्ता जेणेव मेहमुहा णागकुमारा देवा तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयलपरिन्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कट्ट मेहमुहे णागकुमारे देवे जएणं विजएणं वद्धाति 2 त्ता एवं वयासीएस णं देवाणुप्पिया ! केइ अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे जाव हिरिसिरिपरिवज्जिए जे णं अम्हं विसयस्स उवरि वीरिएणं हव्वमागच्छइ, तं तहा णं घत्तेह देवाणुप्पिया ! जहा णं एस अम्हं विसयस्स उवरिं वीरिएणं णो हव्वमागच्छइ, तए णं ते मेहमुहा णागकुमारा देवा ते आवाचिलाए एवं वयासी-एस णं भो देवाणु Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 646 प्पिया ! भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्टी महिड्डिए महज्जुईए जाव महासोक्खे, णो खलु एस सक्को केणइ देवेण वा दाणवेण वा किण्णरेण वा किंपुरिसेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा सत्थप्पओगेण वा अग्गिप्पओगेण वा मंतप्पओगेण वा उद्दवित्तए वा पडिसेहित्तए वा, तहाविय णं तुम्भं पियट्ठयाए भरहस्स रण्णो उवंसग्गं करेमोत्तिकटु तेसिं आवाडचिलायाणं अंतियाओ अवकमंति 2 त्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणंति 2 त्ता मेहाणीयं विउव्वंति 2 त्ता जेणेव भरहस्स रणो विजयक्खंधावारणिवेसे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता उप्पिं विजयक्खंधावारणिवेसस्स खिप्पामेव पतणुतणायंति 2 त्ता खिप्पामेव विज्जुयायंति 2 त्ता खिप्पामेव जुगमुसलमुट्ठिप्पमाणमेत्ताहिँ धाराहिँ ओघमेषं सत्तरत्तं वासं वासिउं पवत्ता यावि होत्था // 58 // तए णं से भरहे राया उप्पिं विजयक्खंधावारस्स जुगमुसलमुट्टिप्पमाणमेत्ताहिं धाराहि ओघमेघं सत्तरत्तं वासं वासमाणं पासइ २त्ता चम्मरयणं परामुसइ, तए णं तं सिरिवच्छसरिसरूवं वेढो भाणियव्वो जाव दुवालसजोयणाई तिरियं पवित्थरइ तत्थ साहियाई, तए णं से भरहे राया सखंधावारबले चम्मरयणं दुरूहइ 2 त्ता दिव्वं उत्तरयणं परामुसइ, तए णं णवणउइसहस्सकंचणसलागपरिमंडियं महरिहं अउज्झं णिव्वणसुपसत्थविसिट्ठलट्ठकंचणसुपुट्ठदंडं मिउराययवट्टलट्ठअरविंदकण्णियसमाणरूवं वत्थिपएसे य पंजरविराइयं विविहभत्तिचित्तं मणिमुत्तपवालतत्ततवणिजपंचवण्णियधोयरयणस्वरइयंरयणमरीईसमोप्पणांकप्पकारमणुरंजिएल्लियं रायलच्छिचिंधं अज्जुणसुवण्णपंडुरपच्चत्थुयपट्ठदेसभागं तहेव तवणिजपट्टधम्मतपरिगयं अहियसस्सिरीयं सारयरयणियरविमलपडिपुण्णचंदमंडलसमाणरूवं णरिंदवामप्पमाणपगइवित्थडं कुमुयसंडधवलं रण्णो संचारिमं विमाणं सूरायववायवुट्टिदोसाण य खयकरं तवगुणेहि लद्धं-"अयं बहुगुणदाणं उऊण विवरीयसुहकयच्छायं / छत्तरयणं पहाणं सुदुल्लहं अप्पपुण्णाणं // 1 // " पमाणराईण तवगुणाण फलेगदेसभागं विमाणवासेवि दुलहतरं वग्धारियमल्लदामकलावं सारयधवलब्भरययणिगरप्पगासं दिव्वं छत्तरयणं महिवइस्स धरणियलपुण्णइंदो। तए णं से दिव्वे छत्तरयणे भरहेणं रण्णा परामुढे समाणे खिप्पामेव दुवालस जोयणाई पवित्थरइ साहियाइं तिरियं // 59 // तए णं से भरहे राया छत्तरयणं खंधावारस्सुवरि ठवेइ 2 त्ता मणिरयणं परामुसइ वेढो जाव छत्तरयणस्स वत्थिभागसि ठवेइ, तस्स य अणइवरं चारुरूवं सिलणिहिअस्थमंतमेत्तसालिजवगोहूममुन्गमासतिलवुलत्थसट्टिगणिप्फावचणगकोद्दवकोत्थुभरिकंगुवरगरालगअणेगधण्णावरणहारियगअल्लगमूलंगहलिद्दलाउयतउसतुंबकालिंगकविट्ठअंबअंबिलियसव्वणिप्फायए सुकुसले गाहावइरय Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि णेत्ति सव्वजणवीसुयगुणे / तए णं से गाहावइरयणे भरहस्स रण्णो तद्दिवसप्पइण्णणिप्फाइयपूइयाणं सव्वधण्णाणं अणेगाइं कुंभसहस्साइं उवट्ठवेइ, तए णं से भरहे राया चम्मरयणसमारूढे छत्तरयणसमोच्छण्णे मणिरयणकउज्जोए समुम्गयभूएणं सुहंसुहेणं सत्तरत्तं परिवसइ, गाहा---णवि से खुहा ण विलियं णेव भयं णेव विजए दुक्खं / भरहाहिवस्स रण्णो खधावारस्सवि तहेव // 1 // 60 // तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सत्तरत्तंसि परिणममाणंसि इमेयारूवे अब्भथिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-केस णं भो ! अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे जाव परिवज्जिए जे णं ममं इमाए एयाणुरुवाए जाव अभिसमण्णागयाए उप्पिं विजयखंधावारस्स जुगमुसलमुट्ठि जाव वासं वासइ / तए णं तस्स भरहस्स रण्णो इमेयारूवं अन्भत्थियं चिंतियं पत्थियं मणोगयं संकप्पं समुप्पण्णं जाणित्ता सोलस देवसहस्सा सण्णज्झिउं पवत्ता यावि होत्था, तए णं ते देवा सण्णद्धबद्धवम्मियकवया जाव गहियाउहप्पहरणा जेणेव ते मेहमुहा णागकुमारा देवा तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता मेहमुहे णागकुमारे देवे एवं वयासी-हं मो मेहमुहा णागकुमारा देवा ! अपत्थियपत्थगा जाव परिवज्जिया किण्णं तुब्भे ण याणह भरहं रायं चाउरंतचक्कवहि महिड्डियं जाव उद्दवित्तए वा पडिसेहित्तए वा तहा वि णं तुब्भे भरहस्स रण्णो विजयखंधावारस्स उप्पिं जुगमुसलमुट्टिप्पमाणमित्ताहिँ धाराहिँ ओघमेघ सत्तरत्तं वासं वासह, तं एवमवि गए इत्तो खिप्पामेव अवक्कमह अहव णं अज पासह चित्तं जीवलोगं, तए णं ते मेहमहा णागकुमारा देवा तेहिं देवेहिं एवं वुत्ता समाणा भीया तत्था वहिया उविग्गा संजायभया मेहाणीयं पडिसाहरंति 2 त्ता जेणेव आवाडचिलाया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता आवाडचिलाए एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! भरहे राया महिथिए जाव णो खलु एस सक्को केणइ देवेण वा जाव अम्गिप्पओगेण वा जाव उद्दवित्तए वा पडिसेहित्तए वा तहावि य णं अम्हेहिं देवाणुप्पिया ! तुझ पियट्टयाए भरहस्स रण्णो उवसग्गे कए, तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता उल्लपडसडागा ओचूलगणियच्छा अम्गाई वराई रयणाइं गहाय पंजलिउडा पायवडिया भरहं रायाणं सरणं उवेह, पणिवइयवच्छला खलु उत्तमपुरिसा णत्थि भे भरहस्स रण्णो अंतियाओ भयमितिकट्ट एवं वइत्ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया / तए णं ते आवाडचिलाया मेहमुहेहिं णागकुमारेहिं देवेहि एवं वुत्ता समाणा उट्ठाए उठेति २त्ता ण्हाया कयबलिकम्मा. कयकोउयमंगलपायच्छित्ता उल्लपडसाडगा ओचूलगणियच्छा अग्गाइं वराई रयणाइं गहाय जेणेव भरहे Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 651 राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयलपरिग्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कट्ट भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धाविति 2 त्ता अग्गाई वराई रयणाई उवणेप्ति 2 त्ता एवं वयासी-गाहाओ-वसुहर गुणहर जयहर, हिरिसिरिधीकित्तिधारगणरिंद / लक्खणसहस्सधारग रायमिदं णे चिरं धारे॥१॥ हयवइ गयवइ णरवइ णवणिहिवइ भरहवासपढमवई / बत्तीसजणवयसहस्सराय सामी चिरं जीव // 2 // पढमणरीसर ईसर हियईसर महिलियासहस्साणं / देवसयसाहसीसर चोद्दसरयणीसर जसंसी // 3 // सागरगिरिमेरागं उत्तरवाईणमभिजियं तुमए / ता अम्हे देवाणुप्पियस्स विसए परिवसामो // 4 // अहो णं देवाणुप्पियाणं इड्डी जुई जसे बले वीरिए पुरिसकारपरकमे दिव्वा देवजुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, तं दिट्ठा णं देवाणुप्पियाणं इड्डी एवं चेव जाव अमिसमण्णागए, तं खामेमु णं देवाणुप्पिया ! खमंतु णं देवाणुप्पिया ! खंतुमरहंतु णं देवाणुप्पिया ! णाई भुज्जो 2 एवं करणयाएत्तिकट्ट पंजलिउडा पायवडिया भरहं रायं सरणं उविति / तए णं से भरहे राया तेसिं आवाडचिलायाणं अग्गाइं वराई रयणाई पडिच्छइ २त्ता ते आवाडचिलाए एवं वयासीगच्छह णं भो तुब्मे ममं बाहुच्छायापरिगगहिया णिब्भया णिसव्विगा सुहंसुहेणं परिवसह, णत्थि मे कत्तोवि भयमस्थित्तिकटु सकारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ / तए णं से भरहे राया सुसेणं सेणावई सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीगच्छाहि णं भो देवाणुप्पिया ! दोच्चंपि सिंधूए महाणईए पञ्चस्थिमं णिक्खुडं ससिंधुसागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि 2 त्ता अग्गाइं वराइं रयणाई पडिच्छाहि 2 त्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणाहि जहा दाहिणिल्स्स ओअवणं तहा सव्वं भाणियव्वं जीव पच्चणुभवमाणे विहरइ // 6 // तए णं दिव्वे चक्करयणे अण्णया कयाइ आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जाव उत्तरपुरस्थिम दिसिं चुल्लहिमवंतपव्वयाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव चुलहिमवंतवासहरपव्वयस्स अदूरसामंत दुवालसजोयणायाम जाव चुलहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, तहेव जहा मागहतित्थस्स जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे 2 उत्तरदिसाभिमुहे जेणेच चुल्लहिमवंतवासहरपन्चए तेणेव उवागच्छइ २त्ताचुलहिमवंतवासहरपव्वयं तिक्खुत्तो रहसिरेणं फुसइ फुसित्ता तुरए णिगिण्हइ णिगिण्हित्ता तहेव जाव आययकण्णाययं च काऊण उसुमुदारं इमाणि वयणाणि तत्थ भाणी से णरवई जाव सन्वे मे ते विसयवासित्तिकट्ट उडे वेहासं उसु णिसिरइ परिगरणिगरियमझे जाव तए णं से Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 652 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सरे भरहेणं रण्णा उर्दु वेहासं णिसढे समाणे खिप्पामेव बावत्तरि जोयणाई गंता चुल्लहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स मेराए णिवइए, तए णं से चुल्लहिमवंतगिरिकुमारे देवे मेराए सरं णिवइयं पासइ 2 त्ता आसुरुत्ते रुठे जाव पीइदाणं सव्वोसहिं च मालं गोसीसचंदणं च कडगाणि जाव दहोदगं च गेण्हइ 2 ता ताए उक्किट्ठाए जाव उत्तरेणं चुलहिमवंतगिरिमेराए अहण्ण देवाणुप्पियाणं विसयवासी जाव अहण्णं देवाणुप्पियाणं उत्तरिल्ले अंतवाले जाव पडिविसज्जेइ // 62 // तए णं से भरहे राया तुरए णिगिण्हइ 2 त्ता रहं परावत्तेइ 2 त्ता जेणेव उसहकूडे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता उसहकूडं पव्वयं तिक्खुत्तो रह सिरेणं फुसइ 2 त्ता तुरए णिगिण्हइ 2 त्ता रहं ठवेइ 2 त्ता छत्तलं दुवालसंसियं अट्ठकण्णियं अहिंगरणिसंठियं सोवणियं कागणिरयणं परामुसइ 2 त्ता उसभकूडस्स पव्वयस्स पुत्थिमिल्लंसि कडगंसि णामगं आउडेह-ओसप्पिणीइमीसे तइयाएँ समाइ पच्छिमे भाए / अहमंसि चक्कवट्टी भरहो इय णामधिज्जेणं // 1 // अहमंसि पढमराया अयं भरहाहिवो णरवरिंदो। णत्थि महं पडिसत्तू जियं मए भारहं वासं // 2 // इतिकट्ट णामगं आउडेइ णामगं आउडित्ता रहं परावत्तेइ 2 त्ता जेणेव विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता जाव चुल्लहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स अट्टाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जाव दाहिणदिसि वेयडपव्ययाभिमुहे पयाए यावि होत्था // 53 // तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव वेयड्स्स पव्वयस्स उत्तरिल्ले णियंबे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वेयदुस्स पव्वयस्स उत्तरिल्ले णियंबे दुवालसजोयणायामं जाव पोसहसालं अणुपविसइ जाव णमिविणमीणं विजाहरराईणं अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २त्ता पोसहसालाए जाव णमिविणमिविजाहररायाणो मणसीकरेमाणे 2 चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तसि परिणममाणंसि णमिविणमीविजाहररायाणो दिव्वाए मईए चोइयमई अण्णमण्णस्स अंतियं पाउन्भवंति २त्ता एवं वयासी-उप्पण्णे खलु भो देवाणुप्पिया! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टीतं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं विजाहरराईणं चक्कवट्टीणं उवत्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! अम्हेवि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमोत्तिकट्ट विणमी णाऊणं चकवट्टि दिव्याए मईए चोइयमई माणुम्माणप्पमाणजुत्तं तेयस्सि रूवलक्खणजुत्तं ठियजुब्वणकेसवट्ठियणहं सव्वरोगणासणि बलकरि इच्छिसीउण्हफासजुत्तं-तिसु तणुयं तिसुतंबं तिवली Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 653 गइउण्णय तिगंभीरं ।तिसु कालं तिसु सेयं, तियाययं तिसु य विच्छिणं ॥१॥समसरीरं भरहे वासंमि सव्वमहिलप्पहाणं सुंदरथणजहणवरकरचलणणयणसिरसिजदसणजणहिययरमणमणहरि सिंगारागार जाव जुत्तोवयारकुसलं अमरवहणं सुरूवं स्वेणं अणुहरंतिं सुभदं भदंमि जोव्वणे वट्टमाणिं इत्थीरयणं णमी य रयणाणि य कडगाणि य तुडियाणि य गेण्हइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव उद्धृयाए विजाहरगईए जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णा सखिंखिणियाइं जाव जएणं विजएणं वद्धाति २त्ता एवं वयासी-अमिजिए णं देवाणुप्पिया! जाव अम्हे देवाणुप्पियाणं आणत्तिकिंकरा इतिकट्ट तं पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया! अम्हं इम जाव विणमी. इत्यीरयणं णमी रयणाणि० समप्पेइ / तए णं से भरहे राया जाव पडिविसज्जेइ 2 त्ता पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ 2 त्ता भोयणमंडवे जाव णमिविणमीण विजाहरराईणं अट्ठाहियमहामहिमा, तए णं से दिव्वे चक्करयणे आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ जाव उत्तरपुरस्थिमं दिसिं गंगादेवीभवणामिमुहें पयाए यावि होत्था, सच्चेव सव्वा सिंधुवत्तव्वया जाव णवरं कुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगरयणभत्तिचित्ताणि य दुवे कणगसीहासणाई सेसं तं चेव जाव महिमत्ति // 64 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे गंगाए देवीए अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जाव गंगाए महाणईए पञ्चस्थिमिल्लेणं कूलेणं दाहिणदिसिं खंडप्पवायगुहाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया जाव जेणेव खंडप्पवायगुहा तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सव्वा कयमालगवत्तव्वया णेयव्वा णवरं णट्टमालगे देवे पीइदाणं से आलंकारियभंड कडगाणि य सेसं सव्वं तहेव जाव अट्टाहिया महाम० / तए णं से भरहे राया णट्टमालगस्स देवस्स अट्ठाहियाए म० णिवत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइ 2 त्ता जाव सिंधुगमो णेयव्यों जाव गंगाए महाणईए पुरथिमिल्लं णिक्खुडं सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेह 2 ता अम्गाणि वराणि रयणाणि पडिच्छइ 2 त्ता जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता दोच्चंपि सक्खंधावारबले गंगामहाणई विमलजलतुंगवीइं णावाभूएणं चम्मरयणेणं उत्तरइ २त्ता जेणेव भरहस्स रण्णो विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता अग्गाई वराई रयणाई गहाय जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 654 अनंगपविट्ठसुत्ताणि परिग्गहियं जाव अंजलिं कटु भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 ता अग्गाई वराई रयणाई उवणेइ / तए णं से भरहे राया सुसेणस्स सेणावइस्स अग्गाई वराई रयणाई पडिच्छइ २त्ता सुसेणं सेणावई सकारेइ सम्माणेइ स०२त्ता पडिविसज्जेइ, तए णं से सुसेणे सेणावई भरहस्स रण्णो सेसंपि तहेव जाव विहरइ, तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ सुसेणं सेणावइरयणं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-च्छ णं भो देवाणुप्पिया ! खंडगप्पवायगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेहि 2 त्ता जहा तिमिसगुहाए तहा भाणियव्वं जाव पियं मे भवउ सेसं तहेव जाव भरहो उत्तरिल्लेणं दुवारेणं अईइ ससिव्व मेहंधयारणिवहं तहेव पविसंतो मंडलाइं आलिहइ, तीसे गं खंडगप्पवायगुहाए बहुमज्झदेसभाए जाव उम्मग्गणिमग्गजलाओ णामं दुवे महाणईओ तहेव णवरं पच्चत्थिमिल्लाओ कडगाओ पyढाओ समाणीओ पुरत्थिमेणं गंग महाणइं समप्पेंति, सेसं तहेव णवरं पञ्चस्थिमिल्लेणं कूलेणं गंगाए संकमवत्तव्वया तहेवत्ति, तए ण खंडगप्पवायगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सयमेव महया 2 कोंचावं करेमाणा सरसरस्स सगाइं ठाणाई पच्चोसक्कित्था,तए णं से भरहे राया चक्करयणदेखियमग्गे जाव खंडगप्पवायगुहाओ दक्खिणिल्लेणं दारेणं णीणेइ ससिव्व मेहंधयारणिवहाओ // 65 // तए णं से भरहे राया गंगाए महाणईए पच्चस्थिमिल्ले कूले दुवालसजोयणायाम णवजोयणविच्छिण्णं ज़ाव विजयखंधावारणिवेसं करेइ, अवसिटुं तं चेव जाव णिहिरयणाणं अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, तए णं से भरहे राया पोसहसालाए जाव णिहिरयणे मणसि करेमाणे करेमाणे चिट्ठइ, तस्स य अपरिमियरत्तरयणा धुयमक्खयमव्वया सदेवा लोकोपचयंकरा उवगया णव णिहिओ लोगविस्सुयजसा, तंजहाणेसप्पे 1 पंडुयए 2 पिंगलए 3 सव्वरयण 4 महपउमे। काले 6 य महाकाले 7 माणवगे महाणिही 8 संखे ९॥१॥णेसप्पंमि णिवेसा गामागरणगरपट्टणाणं च / दोणमुहमडंबाणं खंधावारावणगिहाणं // 1 // गणियस्स य उप्पत्ती माणुम्माणस्स जं पमाणं च / धण्णस्स य बीयाण य उप्पत्ती पंडुए भणिया // 2 // सव्वा आभरणविही पुरिसाणं जा य होइ महिलाणं / आसाण य हत्थीण य पिंगलगणिहिमि सा भणिया // 3 // रयणाई सव्वरयणे चउदसवि वराइं चक्कवट्टिस्स / उप्पज्जंते एगिदियाई पंचिंदियाइं च // 4 // वत्थाण य उप्पत्ती णिप्फत्ती चेव सव्वभत्तीणं / रंगाण य धोव्वाण य सव्वाएसा महापउमे // 5 // काले कालण्णाणं सव्वपुराणं च तिसुवि वंसेसु / सिप्पसयं कम्माणि य तिण्णि पयाए हियकराणि // 6 // लोहस्स य उप्पत्ती होई Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 655 जंबुद्दीवपण्णत्ती व.३ महाकालि आगराणं च / रुप्पस्स सुवण्णस्स य मणिमुत्तेसिलप्पवालाणं // 7 // जोहाण य उप्पत्ती आवरणाणं च पहरणाणे च / सव्वा य जुद्धणीई माणवगे दंडणीई य // 8 // णट्टविही णाडगविही कव्वस्स य चउम्विहस्स उप्पत्ती / संखे महाणिहिमि तुडियंगाणं च सव्वेसि // 9 // चक्कट्ठपइट्ठाणा अठुस्सेहा य णव य विक्खंभा / बारसदीहा मंजूससंठिया जण्हवीइ मुहे // 10 // वेरुलियमणिकवाडा कणगमया विविहरयणपडिपुण्णा / ससिसूरचक्कलक्खण अणुसमवयणोववत्ती या // 11 // पलिओवमट्टिईया णिहिसरिणामा य तत्थ खलु देवा / जेसिं ते आवासा अक्किजा आहिवच्चा य // 12 // एए णव णिहिरयणा पभूयधणरयणसंचयसमिद्धा। जे वसमुवगच्छंति भरहाहिवचक्कवट्टीणं // 13 / / तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ, एवं मजणघरपवेसो जाव.सेणिप्पसेणिसद्दावणया जाव णिहिरयणाणं अट्ठाहियं महामहिमं करेइ, तए णं से भरहे राया णिहिरयणाणं अट्ठाहियाए महामहिमाएं णिवत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावइरयणं सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छ णं भो देवाणुप्पिया ! गंगामहाणईए पुरथिमिल्लं णिक्खुडं दुच्चंपि सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि 2 त्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहित्ति। तए णं से सुसेणे तं चेव पुव्ववण्णियं भाणियव्वं जाव ओअवित्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ पडिविसज्जेइ जाव भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / तए णं से दिव्वे चक्क रयणे अण्णया कयाइ आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिबुडे दिव्वतुडिय जाव आपूरेते चेव० विजयक्खंधावारणिवेसं मझमझेणं णिग्गच्छइ० दाहिणपञ्चत्थिमं दिसि विणीयं रायहाणिं अभिमुहे पयाए यावि होत्था / तए णं से भरहे राया जाव पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठ जाव कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेक्कं जाव पच्चप्पिणंति // 66 // तए णं से भरहे राया अज्जियरज्जो णिज्जियसत्तू उप्पण्णसमत्तरयणे चच्चरयणप्पहाणे णवणिहिवई समिद्धकोसे बत्तीसरायवरसहस्साणुयायमग्गे सट्ठीए वरिससहस्सेहिं केवलकप्पं भरहं वासं ओअवेइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं हयगयरह तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णरवई दुरुढे / तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आमिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तंजहा-सोत्थियसिरिवच्छ जाव दप्पणे, तयणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगार Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि दिव्वा य छत्तपडागा जाव संपट्ठिया, तयणंतरं च णं वेरुलियभिसंतविमलदंडं जाव अहाणूपुवीए संपट्ठिय, तयणंतरं च णं सत्त एगिदियरयणा पुरओ अहाणपुव्वीए संपट्ठिया, तं०-चक्करयणे 1 छत्तरयणे 2 चम्मरयणे 3 दंडरयणे 4 असिरयणे 5 मणिरयणे 6 कागणिरयणे 7, तयणंतरं चणं णव महाणिहिओ पुरओ अहाणुपुवीए संपट्टिया, तंजहा-णेसप्पे पंडुयए जाव संखे, तयणंतरं च णं सोलस देवसहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बत्तीसं रायवरसहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं सेणावइरयणे पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिए, एवं गाहावइरयणे वड्डइरयणे पुरोहियरयणे, तयणंतरं च णं इत्थिरयणे पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं वत्तीसं उडुकल्लाणियासहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं बत्तीसं जणवयकल्लाणियासहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं बत्तीसं बत्तीसइबद्धा णाडगसहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं तिण्णि सट्टा सूयसया पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ पुरओ०, तयणंतरं च णं चउरासीई आससयसहस्सा पुरंओ०, तयणंतरं च णं चउरासीई हथिसयसहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए०, तयणंतरं च णं चउरासीई रहसयसहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं छण्णउई मणुस्सकोडीओ पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं वहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइओ पुरओ अहाणुपुटवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे असिग्गाहा लट्ठिग्गाहा कुंतग्गाहा चावग्गाहा चामरग्गाहा पासम्गाहा फलगग्गाहा परसुग्गाहा पोत्थयग्गाहा वीणग्गाहा कूयग्गाहा हडप्फग्गाहा दीवियगाहा सएहिं सएहिं स्वेहि, एवं वेसेहि चिंधेहिं णिओएहिं सएहिं 2 क्त्येहिं पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे दंडिणो मुंडिणो सिहंडिणों जडिणो पिच्छिणो हासकारगा खेड्डकारगा दवकारगा चाडुकारगा कंदप्पिया कुक्कुइया मोहरिया गायंता य दीवंता य (वायंता) णच्चंता * य हसता य रमंता य कीलंता य सासेंता य सार्वता य जाता य रावेंता य सोभैता य सोभावेंता य आलोयंता य जयजयसदं च पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुब्धीए संपट्ठिया, एवं उववाइयगमेणं जाव तस्स रण्णो पुरओ महआसा आसधरा उभओ पासिं णागा णागधरा पिट्ठओ रहा रहसंगेल्ली अहाणुपुवीए संपडिया। तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जाव अमरवइसण्णिभाए इडीए पहियकित्ती चक्करयणदेसियमग्गे अणेगरायवरसहस्साणुयायमग्गे जाव समुद्दखभूयं पिव करेमाणे सव्विड्डीए सव्वज्जुईए जाव णिग्घोसणाइयरवेणं गामागरणगरखेडकब्बडमडंब Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 657 जाव जोयणतरियाहिं वसहीहिं वसमागे 2 जेणेव विणीया रायहाणी तेणेव उवागच्छह उवागच्छित्ता विणीयाए रायहाणीए अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम णव• जोयणविच्छिण्णं जाव खंधावारणिवेसं करेइ 2 त्ता वडारयणं सद्दावेइ 2 ता नाव पोसहसालं अणुपविसइ 2 त्ता विणीयाए रायहाणीए अट्ठमभत्तं पगिण्हइ रत्ता जाव अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे 2 विहरइ / तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णरवई दुरुढे तं चेव सव्वं जहा हेट्ठा णवरं णव महाणिहिओ चत्तारि सेणाओ ण पविसंति सेसो सो चेव गमो जाव णिग्घोसणाइएणं विणीयाइ रायहाणीए मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव भवणवरवडिंसगपडिदुवारे तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो विणीयं रायहाणि मज्झमज्झेणं अणुपविसमाणस्स अप्पेगइया देवा विणीयं रायहाणिं सन्मंतरबाहिरियं आसियसम्मज्जिओवलित्तं करेंति, अप्पेगइया० मंचाइमंचकलियं करेंति, एवं सेसेसुवि पएसु, अप्पेगइया० णाणाविहरागवसणुस्सियध्यपडागामंडियभूमियं० अप्पेगइया० लाउल्लोइयमहियं करेंति, अप्पेगइया जाव गंधवट्टिभूयं करेंति, अप्पेगड्या० हिरण्णवासं वासिंति० सुवण्णरयणवहरआभरणवासं वासेंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो विणीयं रायहाणिं मज्झमज्झेणं अणुपविसमाणस्स सिंघाडग जाव महापहपहेसु बहवे अत्थत्थिया कामस्थिया भोगत्थिया लाभत्थिया इद्धि सिया किब्बिसिया कारो डिया कारवाहियां संखिया चक्किया णंगलिया मुहमंगलिया पूसमाणया माणया * लंखमंखमाइया ताहिं ओरालाहिं इटाहिँ कंताहिँ पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं सिवाहिं धण्णाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं वग्गूहि अणवरयं अमिणदंता य अमिथुणता य एवं वयासी-जय जय गंदा! जय जय भद्दा!भहं ते अजियं जिणाहि जियं पालयाहि जियमज्झे वसाहि इंदो विव देवाणं चंदो विव ताराणं चमरो विव असुराणं धरणो विव णागाणं बहुइं पुव्वसयसहस्साइं बहुईओ पुवकोडिओ बहुईओ पुव्वकोडाकोडीओ विणीयाए रायहाणीए चुल्लहिमवंतगिरिसागरमेरागस्स य केवलकप्पस्स भरहस्स वासस्स गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसण्णिवेसेसु सम्मं पयापालणोवज्जियलद्धजसे महया जाव आहेवच्चं पोरेवच्च जाव विहराहित्तिकट्ट जयजयसदं पउंजंति, तए णं से भरहे राया गयणमालासहस्सेहिं पिच्छिजमाणे 2 वयणमालासहस्सेहिं अमिथुब्वमाणे 2 हिययमालासहस्सेहिं उण्णंदिजमाणे 2 मणो Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 658 . अनंगपविटुसुत्ताणि रहमालासहस्सेहिं विच्छिप्पमाणे 2 कंतिरूवसोहग्गगुणेहिं पिच्छिन्नमाणे 2 अंगुलिमालासहस्सेहिं दाइजमाणे 2 दाहिणहत्थेणं बहूणं णरणारीसहस्साणं अंजलिमालासहस्साई पडिच्छेमाणे 2 भवणपंतीसहस्साई समइच्छमाणे 2 तैत.तलतुडियगीयवाइयरवेणं महुरेणं मणहरेणं मंजुमंजुणा घोसेणं पडिबुज्झमाणे 2 जेणेव सए गिहे जेणेव सए भवणवरवडिंसयदुवारे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता आमिसेवकं हत्थिरयणं ठवेइ 2 त्ता आभिसेकाओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता सोलस देवसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता बत्तीसं रायसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता सेणाव इरयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता एवं गाहावइरयणं वडाइरयणं पुरोहियरयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता तिण्णि सट्टे सूयसए सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 जा अण्णेवि बहवे राईसर जाव सत्थवाहप्पमिइओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडिविसज्जेइ, इत्थीरयणेणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए जणवयकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धेहिं णाडयसहस्सेहिं सद्धिं संपरिबुडे भवणवरवडिंसगं अईइ जहा कुबेरोव्व देवराया केलाससिहरि सिंगभूयंति, तए णं से भरहे राया मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं पच्चुवेक्खइ 2 त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव भोयणमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ 2 त्ता उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमस्थएहिं बत्तीसइबद्धेहिं णाडएहिं उवलालिजमाणे 2 उवणच्चिजमाणे 2 उवगिजमाणे 2 महया जाव भुंजमाणे विहरइ // 67 / / तए, णं तस्स भरहस्स रण्णो अण्णया कयाइ रजधुरं चिंतेमाणस्स इमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-अभिजिए णं मए णियगबलवीरियपुरिसकारपरकमेण चुल्लहिमवंतगिरिसागरमेराए केवलकप्पे भरहे वासे तं सेयं खलु मे अप्पाणं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसेएणं अभिसिंचावित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ २त्ता कल्लं पाउप्पभायाए जाव जलंते जेणेव मजणघरे जाव पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ णिसीइत्ता सोलस देवसहस्से बत्तीसं रायवरसहस्से सेणावइरयणे जाव पुरोहियरयणे तिण्णि सट्टे सूयसए अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ अण्णे य बहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभियओ सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिया ! मए णियगबलवीरिय जाव केवलकप्पे भरहे वासे तं तुब्भे णं देवाणुप्पिया! ममं महया रायाभिसेयं वियरह, तए णं ते सोलस देवसहस्सा जाव Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 659 प्पभिइओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ट० करयल० मत्थए अंजलिं कट्ट भरहस्स रण्णो एयमटुं सम्मं विणएणं पडिसुणेति, तए णं से भरहे राया जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता जाव अट्ठमभत्तिए पडिजागरमाणे 2 विहरइ, तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तसि परिणममाणंसि आभिओगिए देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एगं महं अमिसेयमण्डवं विउव्वेह 2 त्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह, तए णं ते आभिओगा देवा भरहेणं रण्णा एवं बुत्ता समाणा हट्ठतुट्ठ जाव एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति पडिसुणित्ता विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमति 2 त्ता वेउब्वियसमुग्धाएणं समोहणंति 2 त्ता संखिजाइं जोयणाइं दंडं णिसिरंति, तंजहा-रयणाणं जाव रिट्ठाणं अहाबायरे पुग्गले परिसाउँति २त्ता अहासुहमे पुग्गले परियादियंति २त्ता दुच्चपि वेउव्वियसमुग्धाएणं जाव समोहणंति 2 त्ता बहुसमरमणिज्जं भूमिभागं विउव्वंति से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा०, तस्स ण बहुसमरमणिज्जरस भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगं अभिसेयमण्डवं विरव्वंति अणेगखंभसयसण्णिविर्ट जाव गंधवट्टिभूयं पेच्छाघरमंडववण्णगोत्ति, तस्स णं अभिसेयमंडवस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगं अभिसेयपेढं विउव्वंति अच्छं सण्हं०, तस्स णं अभिसेयपेढस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवए विउव्वंति, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते जाव तोरणा, तस्स णं अभिसेयपेढस्स बहुर मरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगं सीहासणं विउव्वंति, तस्स णं सीहासणस्स अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते जाव दामवण्णगं समत्तंति / तए णं ते देवा अभिसेयमंडवं विउव्वंति 2 त्ता जेणेव भरहे राया जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया आभिओगाणं देवाणं अंतिए एयमढें सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेवकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह 2 त्ता हयगय जाव सण्णाहेत्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह जाव पच्चप्पिणति,तए णं से भरहे राया मजणघरं अणुपविसइ जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णरवई दुरूढे, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेवक हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलगा जो चेव गमो विणीयं पविसमाणस्स सो चेव णिक्खममा Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविद्वसुत्ताणि णसवि जाव अपडिबुज्झमाणे 2 विणीयं रायहाणिं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए अभिसेयमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अभिसेयमंडवदुवारे आभिसेक्कं हत्थिरयणं ठावेइ 2 त्ता आभिसेकाओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता इत्थीरयणेणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए जणवयकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धेहिं णाडगसहस्सेहिं सद्धिं संपरिखुडे अभिसेयमंडवं अणुपविसइ 2 त्ता जेणेव अभिसेयपेढे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अभिसेयपेढं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे 2 पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं दुरूहइ 2 त्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे / तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बत्तीसं रायसहस्सा जेणेव अभिसेयमण्डवे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अभिसेयमंढवं अणुपविसंति 2 त्ता अभिसेयपैढं अणुप्पयाहिणीकरेमाणा 2 उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति २त्ता करयल जाव अंजलिं कट्ट भरहं रायाणं जएणं विजएणं वद्धाति 2 त्ता भरहस्स रण्णो णञ्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणा जाव पज्जुवासंति, तए णं तस्स भरहस्सरण्णो सेणावइरयणे जाव सत्थवाहप्पभिइओ तेऽवि तह चेव णवरं दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं जाव पज्जुवासंति, तए णं से भरहे राया आभिओगे देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! ममं महत्थं महन्धं महरिहं महारायाभिसेयं उवट्ठवेह, तए णं ते आभिओइया देवा भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठचित्त जाव उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवकमंति अवक्कमित्ता वेउब्वियसमुन्धाएणं समोहणंति, एवं जहा विजयस्स तहा इत्यपि जाव पंडगवणे एगओ मिलायंति एगओ मिलाइत्ता जेणेव दाहिणड्डभरहे वासे जेणेव विणीया रायहाणी तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता विणीयं रायहाणिं अणुप्पयाहिणीकोमाणा 2 जेणेव अभिसेयमंडवे जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तंमहत्थं महग्धं महरिहं महारायाभिसेयं उवति, तए णं तंभरहं रायाणं बत्तीसं रायसहस्सा सोभणंसि तिहिकरणदिवसणक्खत्तमुहत्तंसि उत्तरपोट्टवयाविजयंसि तहिं साभाविएहि य उत्तरवेउविएहि य वरकमलपइट्टाणेहिं सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं जाव महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचंति, अभिसेओ जहा विजयस्स, अभिसिंचित्ता पत्तेयं 2 जाव अंजलिं कट्ट ताहिं इट्ठाहिं जहा पविसंतस्स० भणिया जाव विहराहित्तिकट्ट जयजयसई पउंजंति / तए णं तं भरहं रायाणं सेणावइरयणे जाव पुरोहियरयणे तिण्णि य सट्ठा सूयसया अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ अण्णे य बहवे जाव सत्थवाहप्पभिइओ एवं चेव अभिसिंचंति तेहिं वरकमलपइट्ठाणेहि Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 तहेव जाव अमिथुगंति य सोलस देवसहस्सा एवं चेव णवरं पम्हलसुकुमालाए जाव मउड पिणति, तयणंतरं च णं दद्दरमलयसुगंधिएहिं गंधेहिं गायाइं अन्भुक्खेति दिव्वं च सुमणोदामं पिणद्वेति, किं बहुणा ? गंठिमवेढिम जाव विभूसियं करेंति तए णं भरहे राया महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचिए समाणे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हत्थिखधवरगया विणीयाए रायहाणीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर जाव महापहपहेसु महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 उस्सुक्कं उक्करं उक्किटुं अदिज्जं अमिज्जं अभडप्पवेसं अदंडकुदंडिमं जाव सपुरजणजाणवयं दुवालससंवच्छरियं पमोयं घोसेह 2 त्ता ममेयमाणत्ति यं पञ्चप्पिणहत्ति, तए णं ते कोडुबियपुरिसा भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्ठचित्तमाणंदिया पीइमणा० हरिसवसविसप्पमाणहियया विणएणं वयणं पडिसुणेति २त्ता खिप्पामेव हत्थिखंधवरगया जाव घोसेंति 2 त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया मह्या 2 रायाभिसेएणं अभिसित्ते समाणे सीहासणाओ अब्भुटेइ 2 त्ता इत्थिरयणेणं जाव णाडगसहस्सेहिं सद्धिं संपरिबुडे अभिसेयपेढाओ पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहइ 2 त्ता अभिसेयमंडवाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छह 2 त्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवइं जाव दुरूढे, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बत्तीसं रायसहस्सा अभिसेयपेढाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोहंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सेणावहरयणे जाव सत्थवाहप्पभिइओ अभिसेयपेढाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलगा पुरओ आव संपट्ठिया, जोऽविय अइगच्छमाणस्स गमो पढमो कुबेरावसाणो सो चेव इहंपि कमो सक्कारजढो णेयव्वो जाव कुबेरोव्व देवराया केलासं सिहरिसिंगभूयंति / तए णं से भरहे राया मजणघरं अणुपविसइ 2 त्ता जाव भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ 2 त्ता भोयणमंडवाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं जाव भुंजमाणे विहरइ, तए णं से भरहे राया दुवालससंवच्छरियंसि पमोयंसि णिवत्तंसि समाणंसि जेणेव मजणघरे तेणेव उबागच्छइ 2 त्ता जाव मजणघराओ परिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जाव सीहासणवरगए पुरस्थाभिमुहे णिसीयइ 2 त्ता सोलस देवसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडिविसज्जेइ २त्ता बत्तीसं रायवरसहस्सा सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता० सेणावइरयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स०२त्ता जाव पुरोहिय Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 662 अनंगपविट्ठसुत्ताणि रयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 ता० एवं तिणि सढे सूयारसए अट्ठारस सेणि-पसेणीओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता० अण्पो य बहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडिविसज्जेइ 2 त्ता उप्पिं पासायवरगए जाव विहरइ // 68-1 // भरहस्स रण्णो चक्करयणे 1 दंडरयणे 2 असिरयणे 3 छत्तरयणे 4 एए णं चत्तारि एगिंदियरयणा आउघरसालाए समुप्पण्णा, चम्मरयणे 1 मणिरयणे 2 कागणिरयणे 3 णव य महाणिहिओ एए णं सिरिघरंसि समुप्पणा, सेणावइरयणे 1 गाहावइरयणे 2 वडइरयणे 3 पुरोहियरयणे 4 एए णं चत्तारि मणुयरयणा विणीयाए रायहाणीए समुप्पण्णा, आसरयणे 1 हत्थिरयणे 2 एए णं दुवे पंचिंदियरयणा वेयड्ढगिरिपायमूले समुप्पण्णा, सुभद्दा इत्थीरयणे उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए समुप्पण्णे // 68-2 // तए णं से भरहे राया चउदसण्हं रयणाणं णवप्हं महाणिहीणं सोलसण्हं देवसाहसीणं बत्तीसाए रायसहस्साणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्साणं बत्तीसाए जणवयकल्लाणियासहस्साणं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धाणं णाडगसहस्साणं तिण्हं सट्ठीगं सूयारसयाणं अट्ठारसण्हं सेणिप्पसेणीणं चउर सीईए आससयसहस्साणं चउरासीईए दंतिसयसहस्साणं चउरासीईए रहसयसहस्साणं खण्णरईए मणुस्सकोडीणं बावत्तरीए पुरवरसहस्साणं बत्तीसाए जणंवयसहस्साणं छण्णउईए गामकोडीणं णवणउईए दोणमुहसहस्साणं अडयालीसाए पट्टणसहस्साणं चउवीसाए कब्बडसहस्साणं चउव्वीसाए मडंबसहस्साणं वीसाए आगरसहस्साणं सोलसण्हं खेडसहस्साणं चउदसण्हं संवाहसहस्साणं छप्पण्णाए अंतरोदगाणं एगूणपणाए कुरजजाणं विणीयाए रायहाणीए चुलहिमवंतगिरिसागरमेरागस्स केवलकप्पस्स भरहस्स वासम्स अण्णेसिं च बहूणं राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिईणं आहेवच्चं पोरेवच्चं भट्टित्तं सामित्तं महत्तरगतं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे ओहयणिहएसु कंटएसु उद्धियमलिएसु सव्वसत्तूसु णिज्जिएसु भरहाहिवे णरिंदे वरचंदणचच्चियंगे वरहाररइयवच्छे वरमउडविसिट्ठए वरवत्थभूसणधरे सव्वोउयसुरहिकुसुमवरमल्लसोभियसिरे वरणाडगणाडइजवरइत्थिगुम्मसद्धिं संपरिबुडे सव्वोसहिसव्वरयणसव्वसमिइसमन्गे संपुण्णमणोरहे हयामित्तमाणमहणे पुव्वकयतवप्पभावणिविट्ठसंचियफले भुंजइ माणुस्सए सुहे भरहे णामधेज्जेत्ति // 69 // तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ. 2 ता जाव ससिव्य पियदंसणे गरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव आयंसघरे जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ 2 त्ता आयंसघरंसि अत्ताणं देहमाणे 2 Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 663 चिट्ठइ, तए णं बस्स भरहस्स रणो सुभेणं परिणामेणं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं 2 ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स तयावरणिजाणं कम्माणं खएणं कम्मरयविकिरणकरं अपुवकरणं पविट्ठस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवल्वरणाणदंसणे समुप्पण्णे, तए णं से भरहे केवली सयमेवाभरणालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंचमुट्ठिय लोयं करेइ 2 त्ता आयंसघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतेउरमझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता दसहि रायवरसहस्सेहि सद्धिं संपरिबुडे विणीयं रायहाणिं मझमझेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता मज्झदेसे सुहंसुहेणं विहरइ 2 त्ता जेणेव अट्ठावए पव्वए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अट्ठावयं पव्ययं सणियं 2 दुरूहह २त्ता मेघघणसण्णिगासं देवसण्णिवायं पुढविसिलावट्टयं पडिलेहेइ 2 त्ता संलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए . पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरइ, तए णं से भरहे केवली सत्तत्तरं पुव्वसयसहस्साहं कुमारवासमझे वसित्ता एगं वाससहस्सं मंडलियरायमज्झे वसित्ता छ पुव्वसयसहस्साइं वाससहस्सूणगाई महारायः मज्झे वसित्ता तेसीइपुव्वसयसहस्साई अगावासमज्झे वसित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं देसूणगं केवलिपरियायं पाउणित्ता तमेव बहुपडिपुण्णं सामण्णपरियायं पाउणित्ता चउरासीइपुव्वसयसहस्साई सव्वाउयं पाउणित्तामासिएणं भत्तेणं अपाणएणं सवणेणं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं खीणे वेयणिज्जे आउए णामे गोए कालगए वीइक्कते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते परिणिबुडे अंतगडे सव्वदुक्खप्पहीणे // 70 / / इइ भरहचक्किचरियं समत्तं // : भरहे य इत्थ देवे महिड्डिए महज्जुइए जाव पलिओवमट्टिइए परिखसइ, से एएणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-भरहे वासे 2 इति / अदुत्तरं च णं गो० ! भरहस्स वासस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते ज ण कयाइ णं आसि ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ भुवि च भवइ य भविस्सइ य धुवे णियए सासए अक्खए अव्वए अवष्टुिंए णिच्चे भरहे वासे // 71 // तइओ वक्खारो समत्तो॥ * चउत्थो वक्खारो कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 चुल्लहिमवंते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! हेमवयस्स वासस्स दाहिणेणं भरहस्स वासस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुद्देस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे चुलहिमवंते णामं Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुसाणि वासहरपव्वर पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुई पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पञ्चस्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे एग जोयणसयं उई उच्चत्तेणं पणवीसं जोयणाई उव्वेहेणं एगं जोयणसहस्सं बावण्यं च जोयणाई दुवालस य एगूणवीसहभाए जोयणस्स विक्खंभेणंति, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं पंच जोयणसहस्साई तिण्णि य पण्णासे जोयणसए पण्णरस य एगूणवीसहभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया जाव पञ्चस्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा चउव्वीस जोयणसहस्साई णव य बत्तीसे जोयणसए अद्धभागं च किंचिविसेसूणा आयामेणं पण्णत्ता, तीसे धणुपट्टे दाहिणेणं पणवीस जोयणसहस्साइं दोण्णि य तीसे जोयणसए चत्तारि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्ते, रुयगसंठाणसंठिए सव्वकणगामए अच्छे सण्हे तहेव जाव पडिलवे, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते दुण्हवि पमाणं वण्णगोत्ति। चुल्लहिमवंतस्स वासहरपब्वयस्स उवरि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंत्ति जाव विहरंति // 72 // तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए इत्थ णं इक्के महं पउमद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे इक्कं जोयणसहस्सं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययांमयकूले जाव पासाईए जाव पडिरूवेत्ति, से णं एगाए पउमघरवेइयाए एगेण यवणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वेइयावणसंडवण्णओ भाणियब्वोत्ति, तस्स णं पउमद्दहस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, वण्णावासो भाणियव्वोत्ति / तेसिणं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तय 2 तोरणा पण्णत्ता, ते णं तोरणा णाणामणिमया०, तस्स णं पउमद्दस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थं महं एगे पउमे पण्णत्ते, जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ साइरेगाई दसजोयणाई सव्वग्गेणं पण्णत्ते, से णं एगाए जगईए सत्वओ समंता संपरिक्खित्ते जंबुद्दीवजगइप्पमाणा गवक्खकडएवि तह चेव पमाणेणंति, तस्स णं परमस्स अयमेयारूवे वण्णावासे प०, तं०-वइरामया मूला रिट्ठामए कंदे वेरुलियामए .णाले वेरलियामया बाहिरपत्ता जंबूणयामया अभितरपत्ता तवणिजमया केसरा णाणामणिमया पोक्खर Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 665 त्थिरुया कणगामई कण्णिया, सा णं० अद्धजोयणं आयामविक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं संवकणगामई अच्छा०, तीसे णं कण्णियाए उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंग०, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिमागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे भवणे प० कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणगं कोसं उ8 उच्चत्तेणं अणेगखंभसयसण्णिविढे जाव पासाईए दरिसणिज्जे०, तस्स णं भवणस्स तिदिसिं तओ दारा प०, ते णं दारा पंचधणुसयाई उ8 उच्चत्तेणं अढाइजाई धणुसयाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाओ णेयव्वाओ, तस्स णं भवणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंग०, तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महई एगा मणिपेढिया प०, सा णं मणिपेढिया पंचधणुसयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइजाइं धणुसयाई बाहल्लेणं. सव्वमणिमई अच्छा०, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं एत्थ णं महं एगे सयणिज्जे पण्णत्ते, सयणिजवण्णओ भाणियव्यो / से णं पउमे अण्णेणं अट्ठसएणं पउमाणं तदधुच्चत्तप्पमाणमित्ताणं सव्वओ. समंता संपरिक्खित्ते, ते णं पउमा अद्धजोयणं आयामविक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं कोसं असिया जलंताओ साइरेगाइं दसजोयणाई उच्चत्तेणं, तेसि णं पउमाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया मूला जाव कणगामई कणिया, सा णं कणिया कोसं. आयामेणं अद्धकोसं बाहल्लेणं सबकणगामई अच्छा, तसे णं करिणयाए उप्पिं बहुसमरमणिज्जे जाव मणीहिं उसोभिए, तस्स णं पउमस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं सिरीए देवीए चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तरि पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तस्स णं पउमस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं सिरीए देवीए चउण्हं महत्तरियाणं चत्तारि पउमा प०, तस्स णं पउमस्स दाहिणपुरथिमेणं सिरीए देवीए अभितरियाए परिसाए अट्ठण्हं देवसाहसीणं अट्ठ पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, दाहिणेणं मज्झिमपरिसाए दसण्हं देवसाहस्सीणं दस पउमसाहस्सीओं पण्णत्ताओ, दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरियाए परिसाए बारसहं देवसाहस्सीणं बारस पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, पच्चत्थिमेणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सत्त पउमा पण्णत्ता, तस्स णं पउ मस्स चउद्दिसि सव्वओ समंता इत्थ णं सिरीए देवीए सोलसण्हं आयारक्खदेव. साहस्सीणं सोलस पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, से णं तिहिं पउमपरिक्खेवेहिं सव्वओ समंता संपंरिक्खित्ते, तं०-अभितरएणं मज्झिमएणं बाहिरएणं, अभिंतरए पउमपरिक्खेवे बत्तीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णताओ मज्झिमए पउमपरिक्खेवे चत्तो Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविद्वसुत्ताणि लीसं पउमसयसाहसीओ पण्णत्ताओ बाहिरए पउमपरिक्खेवे अडयालीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, एवामेव सपुवावरेणं तिहिं पउमपरिक्खेवेहिं एगा पउमकोडी वीसे च पउमसयसाहस्सीओ भवंतीति मक्खायं / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-पउमद्दहे 2 ? गोयमा ! पउमद्दहे णं० तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे उप्पलाई जाव सयसहस्सपत्ताई पउमदहप्पभाई पउमदहवण्णाभाई सिरी य इत्थ देवी महिड्डिया जाव पलिओवमट्टिइया परिवसइ, से एएणतुणं जाव अदुत्तरं च णं गोयमा ! पउमदहस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते ण कयाइ णासि ण० // 73 // तस्स णं पउमद्दहस्स पुरथिमिल्लेणं तोरणेणं गंगा महाणई पवूढा समाणी पुरत्थाभिमुही पंच जोयणसयाई पव्वएणं गंता गंगावत्तणकूडे आवत्ता समाणी पंच तेवीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, गंगा महाणई जओ पवडइ इत्थ णं महं एगा जिभिया पण्णत्ता, साणं जिभिया अद्धजोयणं आयामेणं छ सकोसाइं जोयणाई विक्खंभेणं अद्धकोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सबवइरामई अच्छा सण्हा, गंगा महाणई जत्थ पवडइ एत्थ णं महं एगे गंगप्पवायकुंडे णामकुंडे पण्णत्ते सहि जोयणाई आयामविक्खंभेणं णउयं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययामयकूले समतीरे वइरामयपासाणे वइरतले सुवण्णसुब्भरययामयवालुयाए वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडे सुहोयारे सुहोत्तारे णाणामणितित्थसुबद्धे वट्टे अणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजले संछण्णपत्तभिसमुणाले बहुउप्पलकुमुयणलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तसयसहस्सपत्तपप्फुल्लकेसरोवचिए छप्पयमहुयरपरिभुजमाणकमले अच्छविमलपत्थसलिले पुण्णे पडिहत्थभर्मतमच्छकच्छभअणेगसउणगणमिहुणपवियरियसद्दुण्णइयमहुरसरणाइए पासाईए० / से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसण्डेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वेइयावणसंडगाणं पउमाणं वण्णओ भाणियन्वो. तस्स णं गंगप्पवायकुंडस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवगा प०, तंजहा-पुरथिमेणं दाहिणेणं पच्चत्थिमेणं, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया णेम्मा रिट्ठामया पइट्ठाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरुप्पमया फलया लोहियक्खमईओ सूईओ वयरामया संधी णाणामणिमया आलंबणा आलंबणबाहाओत्ति, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तोरणा पण्णत्ता, Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 667 ते णं तोरणा णाणामणिमया णाणमणिमएसु खंभेसु उवणिविट्ठसंणिविट्ठा विविहमुत्तंतरोवचिया विविहतारारूवोवचिया ईहामियउसहतुरगणरमगरविहगवालग किण्णरहरुस• रभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ता खंभुग्गयवइवेइयापरिगयाभिरामा विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ताविव अच्चीसहस्समालणीया रूवगसहस्सकलिया भिसमाणा मिन्भिसमाणा चक्खुल्लोयणलेसा सुहफासा सस्सिरियरूवा घंटावलिचलियमहुरमणहरसरा पासाईया०, तेसि णं तोरणाणं उवरि बहवे अट्ठमंगला प०, तं०-सोत्थिए सिरिवच्छे जाव पडिरूवा, तेसि णं तोरणाणं उवरि बहवे किण्हचामरज्झया जाव सुक्किलचामरज्झया अच्छा सण्हा रुप्पपट्टा वइरामयदण्डा जलयामलगंधिया सुरम्मा पासाईया 4, तेसि ण तोरणाणं उपि वहवे छत्ताइच्छत्ता पडागाइपडागा घंटाजुयला चामरजुयला उप्पलहत्थगा पउमहत्थगा जाव सयसहस्सपत्तहत्थगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, तस्सणं गंगप्पवायकुंडस्स बहुमझदेसभाए एत्थ णं महं एगे गंगादीवे णामं दीवे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववयरामए अच्छे सण्हे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एर्गेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओ भाणियव्यो, गंगादीवस्स णं दीवस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं गंगाए देवीए एगे भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणगं च कोसं उद्धृ उच्चत्तण अणेगखंभसयसणिविटे जाव बहुमज्झदेसभाए मणिपेढियाए सयणिज्जे, से केणटेणं जाव सासए णामधेज्जे पण्णत्ते, तस्स णं गंगप्पवायकुंडरस दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं गंगामहाणई पवूढा समाणी उत्तरड्डभरहवासं एजमाणी 2 सत्तहिं संलिलासहस्सेहिं आऊरेमाणी 2 अहे खण्डप्पवायगुहाए वेयडपव्वयं दालइत्ता दाहिणड्वभरहवासं एजमाणी 2 दाहिणभरहवासस्स बहुमज्झदेसभागं गंता पुरत्थाभिमुही आवत्ता समाणी चोद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पुरथिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, गंगा णं महाणई पवहे छ सकोसाइं जोयणाई विक्खंभेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 परिवड्डमाणी 2 मुहे बासट्टि जोयणाई अद्धजोयणं च विक्खंभेणं सकोसं जोयणं उव्वेहेणं उभओं पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता वेइया• वणसंडवण्णओ.भाणियव्यो, एवं सिंधूएवि णेयव्वं जाव तस्स णं पउमद्दहस्स पच्चत्थिमिल्लेणं तोरणेणं सिंधुआवत्तणकूडे दाहिणाभिमुही सिंधुप्पवायकुंड सिंधुद्दीवो अट्ठो सो चेव जाव अहेतिमिसगुहाए वेयड्डपव्वयं दालइत्ता पच्चत्थिमाभिमुही आवत्ता Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 668 अनंगपविट्ठसुत्ताणि समाणी चोद्दससलिला अहे जगई पञ्चत्थिमेणं लवणसमुदं जाव समप्पेइ, सेसं तं चेव / तस्सणं पउमद्दहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं रोहियंसा महाणई. पवूढा समाणी दोणि छावत्तरे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, रोहियंसा णामं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिन्भिया पण्णत्ता, सा ण जिब्भिया जोयणं आयामेणं अद्धतेरसजोयणाई विक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०, रोहियंसा महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे रोहियंसापवायकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते सवीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि असीए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं दसजोयणाई उव्वेहेणं अच्छे कुंडवण्णओ जाव तोरणा, तस्स णं रोहियंसप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे रोहियंसा णामं दीवे पण्णत्ते, सोलस जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पण्णासं जोयणाई परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सब्वरयणामए अच्छे सण्हे सेसं तं चेव जाव भवणं अट्ठो य भाणियत्वो, तस्स णं रोहियंसप्पवायकुंडस्स उत्तरिल्लेगं तोरणेणं रोहियंसा महाणई पवूढा समाणी हेमवयं वासं एजमाणी 2 चउद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 सद्दावइवट्टवेयडपव्वयं अद्धजोयणेणं असंपत्ता समाणी पच्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हेमवयं वासं दुहा विभयमाणी 2 अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पच्चत्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, रोहियंसा णं० .पवहे अद्धतेरसजोयणाई विक्खंभेणं कोसं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 परिवठ्ठमाणी 2 मुहमूले पणवीसं जोयणसयं विक्खंभेणं अढाइजाइं जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता // 74|| चुल्लहिमवंते णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा प० ? गोयमा ! इक्कारस कूडा प०, तं०-सिद्धाययणकूडे 1 चुलहिमवंतकूडे 2 भरहकूडे 3 इलादेवीकूडे 4 गंगादेवीकूडे 5 सिरिकूडे 6 रोहियंसकूडे 7 सिंधुदेवीकूडे 8 सुरादेवीकूडे 9 हेमवयकूडे 10 वेसमणकूडे 11 / कहि णं भंते ! चुलहिमवंते वासहरपव्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे प० 1 गोयमा ! पुरथिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं चुलहिमवंतकूडस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते पंच जोयणसयाई उडे उच्चत्तेणं मूले पंच जोयणसयाई विखंभेणं मज्झे तिण्णि य पण्णत्तरे जोयणसए विक्खंभेणं उप्पिं अड्डाइज्जे जोयणसए विक्खंभेणं मूले एगं जोयणसहस्सं Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व 4 666 पंच य एगमसीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मज्झे एग जोयणसहस्सं एगं च छलसीयं जोयणसयं किंचिविसेसूणं परिक्खेवेणं उप्पिं सत्तइक्काणउए जोयण'सए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं, मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेझ्याए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सिद्धाययणस्स कूडस्स णं उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णचे तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे सिद्धाययणे पण्णत्ते, पण्णासं जोयणाई आयामेणं पणवीसं जोयणाई विक्खंभेणं छत्तीसं जोयणाई उद्धं उच्चत्तणं जाव जिणपडिमा वष्णओ भाणियन्वो। कहि णं भंते! चुल्लहिमवंते वासहरपव्वए फुलहिमवंतकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! भरहकूडस्स पुरथिमेणं सिद्धाययणकूडस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं चुलहिमवंते वासहरपब्वए चुलहिमवंतकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, एवं जो चेव सिद्धाययणकूडस्स उच्चत्तविक्खंभपरिक्खेवो जाव बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमझदेसभाए एत्थणं महं एगे पासायवडेंसए पण्णत्ते बासर्टि जोयणाइं अद्धजोयणं च उच्चत्तेणं इकतीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिए विव विविहमणिरयणभत्तिचित्ते वाउ यविजयवेजयंतीपडागच्छत्ताइच्छत्तकलिए तुंगे गगणतलमभिलंघमाणसिहरे जालंतररयणपंजरुम्मीलिएव्व मणिरयणथूभियाए वियसियसयवत्तपुंडरीयतिलयरयणद्धचंदचित्ते णाणामणिमयदामालंकिए. अंतो बाहिं च सण्हे वइरतवणिजरुइलवालुयापत्थडे सुहफासे सस्सिरीयरूवे पासाईए जाव पडिरूवे, तस्स णं पासायवडेंसगस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे प० जाव सीहासणं सपरिवारं, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-चुलहिमवंतकूडे 2 1 गो० !...चुलहिमवंते णामं देवे महिड्डिए जाव परिवसइ, कहि णं भंते ! चुलहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स चुल्लहिमवंता णामं रायहाणी प० 1 गो०! चुल्लहिमवंतकूडस्स दक्षिणेणं तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीईवइत्ता अण्णं जंबुद्दीवं 2 दक्खिणेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता इत्थ णं चुलहिमवंतस्स गिरिकुमारस्स देवस्स चुल्लहिमवंता णामं रायहाणी प०, बारस जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं, एवं बिजयरायहाणीसरिसा भाणियव्वा,...एवं अवसेसाणवि कूडाणं वत्तव्वया णेयव्वा, आयामविक्वंभपरिक्खेवपासायदेवयाओ सीहासणपरिवारो अट्ठो य देवाण य देवीण य रायहाणीओ णेयव्वाओ, चउसु देवा चुल्लहिमवंत 1 भरह 2 हेमवय 3 वेसमणकूडेसु 4, सेसेसु देवयाओ, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-चुल्लहिमवंते वासहरपव्वए Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ....670 अनंगपविट्ठसुत्ताणि 2 ? गो० !... महाहिमवंतवासहरपव्वयं पणिहाय आयामुच्चत्तुव्वेहविक्खंभपरिक्खेवं पडुच्च ईसिं खुडतराए चेव हस्सतराए चेव णीयतराए चेव, चुलहिमवंते य इत्थ देवे महिडिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणटेणं गो० ! एवं बुच्चइचुल्लहिमवंते वासहरपव्वए 2, अदुत्तरं च णं गो० ! चुलहिमवंतस्स० सासए णामधेज्जे पण्णत्ते जं ण कयाइ णासि 3 // 75 / / कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे हेमवए णामं वासे प० ? गो० ! महाहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दविखणेणं चुलहिमवंतस्स वासहरपब्वयस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे हेमवए णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पञ्चथिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे दोणि जोयणसहस्साई एगं च पंचुत्तरं जोयणसयं पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं छज्जोयणसहस्साई सत्त य पणपण्णे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसंइभाए जोयणस्स आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहओ लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोड़ीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पच्चथिमिलाए जाव पुट्ठा सत्ततीसं ज़ोयणसहस्साइं उच्च चउवत्तरे जोयणसए सोलस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसूणे आयामेणं, तस्स धणु दाहिोणं अट्ठतीसं जोयणसहस्साई सत्त य चत्ताले जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, हेमवयस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं तइयसमाणुभावो णेयव्वोत्ति // 76 // कहि णं भंते ! हेमवए वासे सद्दावई णामं वट्टवेयडपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! रोहियाए महाणईए पच्चत्थिमेणं रोहियंसाए महाणईए पुरथिमेणं हेमवयवासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं सद्दावई णामं वट्टवेयड्पव्वए पण्णत्ते एगं जोयणसहस्सं उर्दू उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई उव्वेहेणं सव्वत्थसमे पल्लगसंठाणसंठिए एगं जोयणसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साई एगं च वावटुं जोयणसयं किंचिविसेसासाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, सव्वरयणामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वमसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, वेश्यावणसंडवण्णओ भाणियव्वो, सद्दावइस्स णं वट्टवेयड्पव्वयस्स उवरि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्भदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पण्णत्ते बावढेि जोयणाई अद्धजोयणं च उढे उच्च Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 671 त्तेणं इक्कतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं जाव सीहासणं सपरिवारं, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-सद्दावेई वट्टवेयड्डपव्वए 2 1 गोयमा ! सद्दावइवट्टवेयड्ढेप्रचए णं खुड्डाखुड्डियासु वाधीसु जाव बिलपंतियासु बहवे उप्पलाइं पउमाई सद्दावइप्पभाई सद्दावइवण्णाई सद्दावइवण्णाभाई सद्दावई य इत्थ देवे महिड्डिए जाव महाणुभावे पलिओमट्टिइए परिवसइ, से गं तत्थ चउण्डं सामाणियसाहस्सीणं जाव रायहाणी मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं अण्णंमि जंबुद्दीवे दीवे // 77 // से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-हेमवए वासे 2 ? गोयमा!..'चुलहिमवंतेहिं वासहरपव्वएहिं दुहओ समवगूढे णिच्चं हेमं दलइ 2 त्ता णिच्चं हेमं पगासइ हेमवए य इत्थ देवे महिट्टिए० पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-हेमवए वासे हेमवए वासे.॥७८॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 महाहिमवते णामं वासहरपव्वए 50 1 गो० ! हरिवासस्स दाहिणेणं हेमवयस्स वासस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पच्चस्थिमेणं पञ्चत्थिमल्वणसमुद्देस्स पुरस्थिमेणं एत्थ ण जंबुद्दीवे दीवे महाहिमवंते णामं वासहरपब्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए जाव पुढे पच्चस्थिमिल्लाए कोडीए पच्चत्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे दो जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पण्णासं जोयणाई उव्वेहेणं चत्तारि जोयणसहस्साई दोण्णि य दसुत्तरे जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपच्चत्थिमेणं णव जोयणसहस्साई दोण्णि य छावत्तरे जोयणसए णव य एगूणवीसइभाए णोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चस्थिमिल्लाए जाव पुट्ठा तेवणं ओयणसहस्साई णव य एगतीसे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जयणस्स किंचिविसेसाहिए आयामेणं, तस्स धणु दाहिणेणं सत्तावणं जोयणसहस्साई दोणि य तेणउए जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, रुयमसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे० उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते / महाहिमवंतस्स णं वासहरपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहि य तणेहि य उवसोभिए जाव आसयंति सयंति य // 79 // 'महाहिमवंतस्स णं०. बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महापउमद्दहे णामं दहे पण्णत्ते दो जोयणसहस्साई आयामेणं एगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं दस जोयणाई उन्हेणं अच्छे० श्ययामयकूले एवं आयामविक्खंभविहूणा जा चेव पउमद्दहस्स वत्तव्वया Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 672 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सा चेव णेयव्वा, पउमप्पमाणं दो जोयणाइं अट्ठो जाव महाप उमद्दवण्णाभाई हिरी य इत्थ देवी जाप पलिओवमट्टिइया परिवसइ, से एएणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ०, अदुत्तरं च णं गोयमा ! महापउमद्दहस्स सासए णामधेज्जे प० जंण कयाइ णासी ३.",तस्स णं महापउमद्दहस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं रोहिया महाणई पंवूदा समांणी सोलस पंचुत्तरे जोयणसए पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगदोजोयणसइएण पवाएणं पवडइ, रोहिया णं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिब्भिया प०, सा णं जिब्भिया जोयणं आयामेणं अद्धतेरसजोयणाइं विक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०, रोहिया णं महाणई जहिं पवडइ एत्थणं महं एगे रोहिय पवायकुंडे णामं कुंडे प० सीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं पण्णत्तं तिण्णि असीए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे सो चेव वण्णओ वइरतले वट्टे समतारे जाव तोरणा, तस्स णं रोहियप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे रोहियदीवे णामं दीवे पण्णत्ते सोलस जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पण्णासं जोयणाई परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववइरामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, रोहियदीवत्स णं दीवस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमझदेसभाए एत्थ णं महं एगे भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं सेसं तं चेव पमाणं च अट्ठो य भाणियव्यो / तस्स णं रोहियप्पवायकुंडस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं रोहिया महाणई पवूढा समाणी हेमवयं वासं एज्जेमाणी 2 सद्दावई वट्टवेयदृपव्वयं अद्धजोयणेणं असंपत्ता पुरत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हेमवयं वासं दुहा विभयमाणी 2 अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पुरथिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, रोहियाणं०जहारोहियंसा तहा पवाहे य मुहे य भाणियव्वा इति जाव संपरिक्खित्ता। तस्सणं महापउमद्दहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं हरिकता महाणई पवूढा समाणी सोलस पंचत्तरे जोयणसए पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगदुजोयणसइएणं पवाएणं पवदुइ, हरिकता णं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिन्भिया प० दो. जोयणाई आयामेणं पणवीसं जोयणाई विक्खंभेणं अद्धं जोयणं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्टसंठाणसंठिया सव्वरयणामई अच्छा०, हरिकंता णं महाणई जहिं. पवडइ एत्थ णं Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 673 महं एगे हरिकंतप्पवायकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते दोण्णि य चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं सत्तअउणढे जोयणसए परिक्खेवेणं अच्छे एवं कुंडवत्तव्वया सव्वा यव्वा जाव तोरणा, तस्स णं हरिकंतप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे हरिकंतदीवे णामं दीवे प० बत्तीसं जोयणाई आयामविक्खंभेणं एगुत्तरं जोयणसयं परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्वरयणामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं जाव संपरिक्खित्ते वण्णओ भाणियत्वोत्ति, पमाणं च सयणिज्जं च अट्ठो य भाणियव्यो / तस्स णं हरिकंतप्पवायकुंडस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं जाव पवूढा समाणी हरिवस्सं वासं एज्जेमाणी 2 वियडावई वट्टवेयर्ल्ड जोयणेणं असंपत्ता पच्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हरिवासं दुहा विभयमाणी 2 छप्पण्णाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पच्चत्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, हरिकंता णं महाणई पवहे पणवीसं. जोयणाई विक्खंभेणं अद्धजोयणं उब्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 परिवमाणी 2 मुहमूले अड्डाइजाई जोयणसयाई विक्खंभेणं पंच जोयणाई उव्वेहेणं, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता // 80 // महाहिमवंते णं भंते ! वासहरपव्वए कह कूडा प०१ गो०! अट्ठ कूडा प०, तं०-सिद्धाययणकूडे 1 महाहिमवंतकूडे 2 हेमवयकूडे 3 रोहियकूडे 4 हिरिकूडे 5 हरिकंतकूडे 6 हरिवासकूडे 7 वेरुलियकूडे 8, एवं चुल्लहिमवंतकूडाणं जा चेव वत्तव्वया सच्चेव णेयव्वा, से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-महाहिमवंते वासहरपव्वए 2 1 गोयमा ! महाहिमवंते णं वासहरपव्वए चुल्लहिमवंतं वासहरपव्वयं पणिहाय आयामुच्चत्तुव्वेहविक्खंभपरिक्खेवेणं महंततराए चेव दीहतराए चेव, महाहिमवते य इत्थ देवे महिट्टिए जाब पलिओवमट्टिइए परिवसइ..॥८१॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे हरिवासे णामं वासे प० ? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं महाहिमवंतवासहरपव्वयस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दी वे 2 हरिवासे णामं वासे पण्णत्ते एवं जाव पञ्चस्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिल्लं लवणसमुहं पुढे अट्ट जोयणसहस्साई चत्तारि य एगवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपच्चत्थिमेणं तेरस जोयणसहस्साइं तिण्णि य एगसढे जोयणसए उच्च 'एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणंति, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं जाव लवणसमुदं पुट्ठा तेवत्तरि जोयणसहस्साई णव य एगुत्तरे जोयणसए सत्तरस य एगण Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 674 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . वीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स धणुं दाहिणेणं चउरासीइं जोयणसहस्साई सोलस जोयणाई चत्तारि एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं / हरिवासस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे प०? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीहिँ तणेहि य उवसोभिए एवं मणीणं तणाण य वण्णो गंधो फासो सद्दो भाणियव्वो, हरिवासे णं० तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे खुड्डाखुड्डियाओ एवं जो सुसमाए अणुभावो सो चेव अपरिसेसो वत्तव्वोत्ति / कहि णं भंते ! हरिवासे वासे वियडावई णामं वट्टवेयड्ढपव्वए पण्णत्ते ? गो० ! हरीए महाणईए पच्चत्थिमेणं हरिकंताए महाणईए पुरथिमेणं हरिवासस्स 2 बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वियडावई णामं वट्टवेयड्डपव्वए पण्णत्ते, एवं जो चेव सद्दावइस्स विक्खंभुच्चत्तुव्वेहपरिक्खेवसंठाणवण्णावासो य सो चेव वियडावइस्सवि भाणियव्यो, णवरं अरुणो देवो पउमाई जाव वियडावइवण्णाभाई अरुणे य इत्थ देवे महिड्डिए एवं जाव दाहिणणं रायहाणी णेयचा, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-हरिवासे हरिवासे ? गोयमा ! हरिखासे णं वासे मणुया अरुणा अरुणोभासा सेया णं संखदलसण्णिगासा हरिवासे य इत्थ देवे महिलिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ..|८२॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे 2 णिसंहे णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स दक्खिणेणं हरिवासस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे णिसहे णाम वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए जाव पुढे पचत्थिमिल्लाए जाव पुढे चत्तारि जोयणसयाई उर्दू उच्चतेणं चत्तारि गाउयसयाई उव्वेहेणं सोलस जोयणसहस्साइं अट्ट य बायाले जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विखंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपच्चत्थिमेणं वीसं जोयणसहस्साई एगं च पणटुं जोयणसयं दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं जाव चउणवई जोयणसहस्साई एगं च छप्पण्णं जोयणसयं दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणंति, तस्स धणु दाहिणेणं एग जोयणसयसहस्सं चउवीसं च जोयणसहस्साई तिण्णि य छायाले जोयणसए णव य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवणं रुयगसंठाणसंठिए सव्वत्वणिजमए अच्छे०, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं जाव संपरिक्खित्ते, णिसहस्स णं वासहरपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.४ 675 जाव आसथंति सयंति..", तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे तिगिंछिद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे चत्तारि जोयणसहस्साइं आयामेणं दो जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययामयकूले०, तस्स णं तिगिच्छिद्दहस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा प० एवं जाव आयामविक्खंभविहूणा जा चेव महापउमद्दहस्स वत्तव्वया सा चेव तिगिंछिद्दहस्सवि वत्तव्वया तं चेव पउमद्दहप्पमाणं अट्ठो जाव तिगिछिवण्णाई, धिई य इत्थ देवी पलिओवमट्टिइया परिवसइ, से तेण?णं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तिगिंछिद्दहे तिगिंछिद्दहे // 83 // तस्स णं तिगिंछिदहस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं हरिमहाणई पवूढा समाणी सत्त जोयणसहस्साइं चत्तारि य एकवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवइ, एवं जा चेव हरिकंताए वत्तव्वया सा चेव हरीएवि णेयव्वा, जिब्भियाए कुंडस्स दीवस्स भवणस्स तं चेव पाणं अट्ठोऽवि भाणियन्वो जाव अहे जगई दालइत्ता छप्पण्णाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरथिमं लवणसमुदं समप्पेइ, तं चेव पवहे य मुहमुले य पमाणं उव्वेहो य जो हरिकंताए जाव वणसंडसंपरिक्खित्ता, तस्स णं तिगिंछिद्दहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं सीओया महाणई पवूढा समाणी सत्त जोयणसहस्साई चत्तारि य एगवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, सीओया णं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिब्भिया पण्णत्ता चत्तारि जोयणाई आयामेणं पण्णासं जोयणाई विखंभेणं जोयणं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्टसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०, सीओया णं महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एंगे सीओयप्पवायकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते चत्तारि असीए जोयणसए आयामविक्खंभेणं पण्णरसअट्ठारे जोयणसए किंचिविसेसूणे परि खेवेणं अच्छे एवं कुंडवत्तव्वया णेयव्वा जाव तोरणा / तस्स णं सीओयप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे सीओयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते चउसद्धिं जोयणाई आयामविखंभेणं दोणि वि उत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववइरामए अच्छे सेसं तहेव वेइयावणसंडभूमिभागभवणसयणिजअट्ठो भाणियन्वो, तस्स णं सीओयप्पवायकुंडस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं सीओया महाणई पवूढा समाणी देवकुरुं एज्जेमाणी 2 Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि चित्तविचित्तकूडे पव्वए णिसढदेवकुरुसूरसुलसविज्जुप्पभदहे य दुहा विभयमाणी 2 चउरासीए सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 भद्दसालवणं एज्जेमाणी 2 मंदरं पव्वयं दोहिं जोयणेहिं असंपत्ता पच्चत्थिमाभिमुही आवत्ता समाणी अहे विज्जुप्पभं. वक्खारपव्वयं दारइत्ता मंदरस्स पव्वयस्स पचत्थिमेणं अवरविदेहं वासं दुहा विभयमाणी 2 एगमेगाओ चक्कवट्टिविजयाओ अट्ठावीसाए 2 सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 पंचहिं सलिलासयसहस्सेहिं दुतीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जयंतस्स दारस्स जगई दालइत्ता पचत्थिमेणं लवणसमुदं समापेइ, सीओया णं महाणई फ्वहे पण्णासं जोयणाई विक्खंभेण जोयणं उव्वेहेणं, तयणतरं च णं मायाए 2 परिवङ्माणी परिवड्डमाणी मुहमूले पंच जोयणसयाइं विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य षणसंडेहिं संपरिक्खित्ता। णिसढे णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तंजहा-सिद्धाययणकूडे 1 णिसढकूडे 2 हरिवासकूडे 3 पुव्वविदेहकूडे 4 हरिकूडे 5 घिईकूडे 6 सीओयाकूडे 7 अवरविदेहकूडे 8 रुयगकूडे 9 जो चेव चुल्लहिमवंतकूडाणं उच्चत्तविक्खंभपरिक्खेवो पुव्ववण्णिओ रायहाणी य सच्चेव इहंपि णेयव्वा, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-णिसहे वासहरपव्वए 2 ? गोयमा ! णिसहे णं वासहरपव्वए बहवे कूडा णिसहसंठाणसंठिया उसमसंठाणसंठिया, णिसहे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेण?णं गोयमा! एवं वुच्चइ-णिसहे वासहरपवए ... // 84 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा! णीलवंतस्स वासहरपञ्चयस्स दक्खिणेणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं पुरस्थिमलवणसमुद्दस्स पचत्थिमेणं पचत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे 2 महाविदेहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिम जाव पुढे पच्चस्थिमिल्लाए कोडीए पच्चथिमिल्लं जाव पुढे तेत्तीसं जोयणसहस्साइं छच्च चुलसीए जोयणसए चत्तारि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खभेणंति, तस्स बाहा पुरथिमपच्चत्थिमेणं तेत्तीसं जोयणसहस्साई सत्त य सत्तसट्टे जोयणसए सत्त य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणंति, तस्स जीवा बहुमज्झदेसभाए पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं जाव पुट्ठा एवं पञ्चत्थिमिलाए जाव "पुट्ठा एगं जो रणसयसहस्सं आयामेणंति, तस्स धणुं उभओ पासिं उत्तरदाहिणेणं एगं जोयणसयसहस्सं अट्ठावण्णं जोयणसहस्साइं एगं च तेरसुत्तरं जोयणसयं सोलस य एगूण Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 677 वीसइभागे जोयणस्स किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणंति, महाविदेहे णं वासे चउविहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते, तंजहा-पुन्वविदेहे 1 अवरविदेहे 2 देवकुरा 3 उत्तरकुरा 4, महाविदेहस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ! गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव / महाविदेहे णं भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? तेसि णं मणुयाणं छविहे संघयणे छविहे संठाणे पंचधणुसयाई उद्धं उच्चत्तेणं जहण्णणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुत्वकोडी आउयं पालेति पालेत्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अप्पेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति / से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-महाविदेहे वासे 2 1 गोयमा! महाविदेहे णं वासे भरहेरखयहेमवयहेरण्णवयहरिवासरम्मगवासेहिंतो आयामविखम्भसंठाणपरिणाहेणं विच्छिण्णतराए चेव विपुलतराए चेव महंततराए चेव सुप्पमाणतराए चेव महाविदेहा य इत्थ मणूसा परिवसंति, महाविदेहे य इत्थ देवे महिडिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-महाविदेहे वासे 2, अदुत्तरं च णं गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते जंण कयाइ णासि 3... // 85 // कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे गंधमायणे णाम पक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिगणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं गंधिलावइस्स विजयस्स पुरत्थिमेणं उत्तरकुराए पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे गंधमायणे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे तीसं जोयणसहस्साइं दुण्णि य णउत्तरे जोयणसए छच्च य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं णीलवंतवासहरपव्वयं तेणं चत्तारि जोयणसयाई उद्धं उच्चत्तणं चत्तारि गाउयसयाई उव्वेहेणं पंचजोयणसयाई विक्खम्भेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 उस्सेहुव्वेहपरिवड्डीए परिवठ्ठमाणे 2 विक्खम्भपरिहाणीए परिहायमाणे 2 मंदरपव्वयं तेणं पंच जोयणसयाई.उडे उच्चत्तेणं पंच गाउयसयाई उम्वेहेणं अंगुलस्स असंखिजइभागं विक्खम्भेणं पण्णत्ते गयदंतसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे०, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, गंधमायणस्स णं वक्खारपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे जाव आसयंति / गंधमायणे णं० वक्खारपव्वए कह कडा पण्णत्ता ? गो० ! सत्त कूडा प०, तंजहा-सिद्धाययणकूडे 1 गंधमायणकूडे 2 गंधिलावईकूडे 3 उत्तरकुरुकूडे 4 फलिहकूडे 5 लोहियक्खकूडे 6 आणंदकूडे 7 / कहिणं भंते ! गंधमायणे वक्खारपव्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते 1 गोयमा ! Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ..678 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं गंधमायणकूडस्स दाहिणपुरथिमेणं एत्थ णं गंधमायणे वक्खारपब्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, जं चेव चुलहिमवंते सिद्धाययणकूडस्स पमाणं तं चेव एएसिं सव्वेसिं भाणियव्वं, एवं चैव विदिसाहिं तिण्णि कूडा भाणियव्वा, चउत्थे तइयस्स उत्तरपच्चत्थिमेणं पंचमस्स दाहिणेणं, सेसा उ उत्तरदाहिणेणं, फलिहलोहियक्खेसु भोगंकरभोगवईओ देवयाओ सेसेसु सरिसणामया देवा, छसुवि पासायवडेंसगा रायहाणीओ विदिसासु, से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चइ-गंधमायणे वक्खारपव्वए 2 ? गो० ! गंधमायणस्स णं वक्खारपव्वयस्स गंधे से जहाणामए-कोट्ठपुडाण वा जाव पीसिजमाणाण वा उक्किरिजमाणाण चा विकिरिजमाणाण वा परिभुजमाणाण वा जाव ओराला मणुण्णा जाव गंधा अभिणिस्सवंति, भवे एयारूवे ? णो इणढे समढे, गंधमायणस्स णं इत्तो इतराए चेव जाव गंधे पण्णत्ते, से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-गंधमायणे वक्खारपव्वए 2, गंधमायणे य इत्थ देवे महिड्डिएपरिवसइ, अदुत्तरं च णं० सासए णामधेज्जे..||८॥ कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे उत्तरकुरा णामं कुरा प० ? गो० ! मंदररस पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्ययस्स दक्षिणेणं गंधमायणस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं उत्तरकुरा णामं कुरा पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा अद्धचंदसंठाणसंठिया इक्कारस जोयणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्भेणंति, तीसे जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा वक्खारपव्ययं पुट्ठा, तंजहा-पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा एवं पच्चथिमिलाए जाव पच्चत्थिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा तेवणं जोयणसहस्साई आयामेणंति, तीसे णं धणुं दाहिणेणं सहि जोयणसहस्साइं चत्तारि य अट्ठारसे जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, उत्तरकुराए णं भंते ! कुराए केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं पुव्ववणिया जच्चेव सुसमसुसमावत्तव्वया सच्चेव णेयव्वा जाव पउमगंधा 1 मियगंधा 2 अममा 3 सहा 4 तेयतली 5 सणिचारी 6 // 87|| कहि णं भंते ! उत्तरकराए 2 जमगा णामं दुवे पव्वया पण्णत्ता ? गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणिल्लाओ चरिमंताओ अट्ठजोयणसए चोत्तीसे चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए उभओ कूले एत्थ णं जमगा णामं दुवे पव्वया पण्णत्ता जोयणसहस्सं उद्धं उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई उव्वेहेणं मूले एगं जोयणसहस्सं Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 676 आयामविक्खम्भेणं मज्झे अट्ठमाई जोयणसयाई आयामधिक्खम्भेणं उवरिं पंच जोयणसयाई आयामविक्खम्भेणं मूले तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावडं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं मज्झे दो जोयणसहस्साई तिण्णि बावत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं उवरि एगं जोयणसहस्सं पंच य एकासीए जोयणसर किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पिं तणुया जमगसंठाणसंठिया सव्वकणगामया अच्छा सण्हा० पत्तेयं 2 पउमवरवेइयापरिक्खित्ता पत्तेयं 2 वणसंडपरिक्खित्ता, ताओ णं पउमवरवेइयाओ दो गाउयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खम्भेणं, वेइयावणसण्डवण्णओ भाणियब्वो, तेसि णं जमगपव्वयाणं उधि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ ण दुवे पासायवडेंसगा प०, ते णं पासायवडेंसगा बावडिं जोयणाई अद्धजोयणं च उड्ढे उच्चत्तेणं इकतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खमेणं पासायवण्णओ भाणियव्वो, सीहासणा सपरिवारा जाव एत्थ णं जमगाणं देवाणं सोलसण्हं आयारक्खदेवसाहस्सीणं सोलस भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-ज़मगा पव्वया 2 1 गोयमा ! जमगपव्वएसु णं तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे खुड्डाखुड्डियासु वावीसु जाव बिलपंतियासु बहवे उप्पलाइं जाव जमगवण्णाभाई जमगा य इत्थ दुवे देवा महिड्डिया०, ते णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव भुंजमाणा विहरंति, से तेणटेणं गो० ! एवं वुच्चइ-जमगपव्वया 2 अदुत्तरं च णं सासए णामधेजे जाव जमगपव्वया 2 / कहि णं भंते ! जमगाणं देवाणं जमिगाओ रायहाणीओ पण्णन्ताओ ? गोयमा ! जम्बुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं अण्णंमि जंबुद्दीवे 2 बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं जमगाणं देवाणं जमिगाओ रायहाणीओ पण्णत्ताओ बारस जोयणसहस्साइं आयामविक्खम्भेणं सत्ततीसं जोयणसहस्साई णव य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवणं, पत्तेयं २.पायारपरिक्खित्ता, ते णं पागारा सत्ततीसं जोयणाई अद्धजोयणं च उठें उच्चत्तेणं मूले अद्धतेरसजोयणाई विक्खम्भेणं मज्झे छ सकोसाई जोयणाई विक्खम्भेणं उरि तिण्णि सअद्धकोसाइं जोयणाई विक्खम्भेणं मूले विच्छिण्णा मझे संखित्ता उप्पिं तणुया बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा सम्बरयणामया अच्छा०, ते णं पागारा णाणामणिपंचवण्णेहिं कविसीसएहिं उपसोहिया, तंजहाकिण्हेहिं जाव सुक्किल्लेहिं, ते णं कविसीसगा अद्धकोसं आयामेणं देसूणं अद्धकोसं Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 680 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . उड्डे उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई बाहल्लेणं सव्वमणिमया अच्छा०, जमिगाणं रायहाणीणं एगमेगाए बाहाए पणवीसं पणवीसं दारसयं पण्णत्तं, ते णं दारा बावहिँ जोयणाई अद्धजोयणं च उडे उच्चत्तण इकतीसं जोयणाई कोसं च विक्खम्भेणं तावइयं चेव पवेसेणं, सेया वरकणगथूभियागा एवं रायप्पसेणइजविमाणवत्तव्वयाए. दारवण्णओ जाव अट्ठट्ठमंगलगाइंति, जमियाणं रायहाणीणं चउद्दिसिं पंच पंच जोयणसए अबाहाए चत्तारि वणसण्डा पण्णत्ता, तंजहा-असोगवणे 1 सत्तिवण्णवणे 2 चंपगवणे 3 चूयवणे 4, ते णं वणसंडा साइरेगाइं बारसजोयणसहस्साइं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं पत्तेयं 2 पागारपरिक्खित्ता किण्हा वणसण्डवण्णओ भूमीओ पासायवडेंसगा य भाणियव्वा, जमिगाणं रायहाणीणं अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते वण्णगोत्ति, तेसि णं बहुसमरमणिजाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए एत्थं णं दुवे उवयारियालयणा पण्णत्ता बारस जोयणसयाइं आयामविक्खम्भेणं तिण्णि जोयणसहस्साई सत्त यपंचाणउए जोयणसए परिक्खेवेणं अद्धकोसं च बाहल्लेणं सब्वजंबूणयामया अच्छा०, पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइयापरिक्खित्ता, पत्तेयं पत्तेयं वणसंडवण्णओ भाणियव्वो, तिसोवाणपडिरूवगा तोरणचउद्दिसि भूमिभागा य भाणियव्वत्ति, तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे पासायवडेंसए पण्णत्ते बावडिं जोयणाई अद्धजोयणं च उर्दू उच्चत्तेणं इक्कतीसं जोयणाई कोसं च आयामविस्खम्भेणं वण्णओ उल्लोया भूभिभागा सीहासणा सपरिवारा, एवं पासायपंतीओ एत्थ पढमा पंती ते णं पासायवडिंसगा एकतीसं जोयणाई कोसं च उडे उच्चत्तेणं साइरेगाइं अद्धसोलसजोयणाई आयामविस्खंभेणं बिइयपासायपंती ते णं पासायवडेंसया साइरेगाइं अद्धसोलसजोयणाई उड़े उच्चत्तेणं साइरेगाइं अट्ठमाइं जोयणाई आयामविक्खम्भेणं तइयपासायपंती ते णं पासायवडेंसया साइरेगाइं अट्ठमाइं जोयणाई उढे उच्चत्तेणं साइरेगाई अधुट्ठजोयणाई आयामविक्खम्भेणं वण्णओ सीहासणा सपरिवारा, तेसि णं मूल पासायवडिंसयाणं उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थणं जमगाणं देवाणं सहाओसुहम्माओ पण्णत्ताओं अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छस्सकोसाइं जोयणाइं विक्खम्भेणं णव जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं अणेगखम्भसयसण्णिविट्ठा सभावण्णओ, तासि णं सभाणं सहम्माणं तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता, ते णं दारा दो जोयणाई उडे उच्चत्तेणं जोयणं खिम्मेणं तावइयं चेव पवेसेणं, सेया वण्णओ जाव वणमाला, तेसि णं दाराणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तओ मुहमंडवा पण्णत्ता, ते णं मुहमंडवा अद्धतेरसजोयणाई Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 आयामेणं छस्सकोसाइं जोयणाई विक्खम्भेणं साइरेगाइं दो जोयणाई उड्डे उच्चत्तेणं जाव दारा भूमिभागा य त्ति, पेच्छाघरमंडवाणं तं चेव पमाणं भूमिभागो मणिपेढिया ओत्ति, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खम्भेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमईओ सीहासणा भाणियव्वा, तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं जोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमईओ, तासि णं उप्पिं पत्तेयं 2 तओ थूभा तेणं थूभा दो जोयणाई उडे उच्चत्तेण दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं सेया संखतल जाव अट्ठमंगलगा तेसि णं थूभाणं चउद्दिसि चत्तारि मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खम्भेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं जिणपडिमाओ वत्तव्वाओ, चेइयरुक्खाणं मणिपेढियाओ दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं जोयणं बाहर लेणं चेइयरुक्ख वण्णओत्ति / तेसि णं चेइयरुक्खाणं पुरओ तओ मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खम्भेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं, तासि णं उम्पि पत्तेयं 2 मंहिंदज्झया पण्णत्ता, ते णं महिंदज्झया अद्धट्ठमाइं जोयणाई उडे उच्चत्तण अद्धकोसं उव्वेहेणं अद्धकोसं वाहल्लेणं वइरामयवट्टवष्णओ वेइयावणसंडतिसोवाणतोरणा य भाणियव्वा, तासि णं सभाणं सुहम्माणं चमणोगुलियासाहरसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरस्थिमेणं दो साहस्सीओ पण्णताओ पचत्थिमेणं दो साहस्सीओ. दक्खिणेणं एगा साहस्सी उत्तरेणं एगा जाव दामा चिटुंतित्ति, एवं गोमाण सियाओ, णवरं धूवघडियाओत्ति, तासि णं सुहम्माणं सभाणं अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, मणिपेढिया दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं जोयणं बाहल्लेणं, तासिणं मणिपेढियाणं उप्पिं माणवए चेइयखम्भे महिंदज्झयप्पमाणे उवरि छक्कोसे ओगाहित्ता हेट्ठा छक्कोसे वज्जित्ता जिणसकहाओ पण्णत्ताओत्ति, माणवगस्स पुव्वेणं सीहासणा सपरिवारा पच्चत्थिमेणं सयणिजवण्णओ, सयणिजाणं उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए खुडुगमहिंदज्झया मणिपेढिया विहूणा महिंदज्झयप्पमाणा, तेसि अवरेणं चोप्फाला पहरणकोसा, तत्थ णं बहवे फलिहरयणपामुक्खा जाव चिटुंति, सुहम्माणं. उाप्पिं अट्ठमंगलगा तासि णं उत्तरपुरथिमेणं सिद्धाययणा एस चेव जिणघराणवि गमोत्ति णवरं इमं णाणत्तं एएसिं णं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं 2 मणिपेढियाओ दो जोयणाई आयामविक्खभेणं जोयणं बाहल्लेणं, तासि उप्पिं पत्तेयं 2 देवच्छंदया पण्णत्ता, दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं साइरेगाइं दो जोयणाई उड्डे उच्चत्तेणं सव्वरयणामया Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 682 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जिणपडिमा वण्णओ जाव धूवकडुच्छगा एवं अवसेसाणवि सभाणं जाव उववायसभाए सयणिज्ज हरओ य अभिसेयसभाए बहु आभिसेक्के भंडे, अलंकारियसभाए बहु अलंकारियभंडे चिट्ठइ, ववसायसभासु पुरत्थयरयणा, गंदा पुस्खरिणीओ बलिपेढा दो जोयणाई आयामविक्खम्भेणं जोयण बाहल्लेणं जाव त्ति उववाओ संकप्पो अभिसेयविहूसणा य ववसाओ / अच्चणिअ सुहम्मगमो जहा य परिवारणाइड्ढी // 1 // जावइयंमि पमाणमि हुंति जमगाओ णीलवंताओ। तावइयमंतरं खलु जमगदहाणं दहाणं च // 2 // 88 // कहि णं भंते ! उत्तरकुराए 2 णीलवंतद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? गोयमा ! जमगाणं० दक्खिणिल्लाओ चरिमंताओ अट्ठसए चोत्तीसे चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं णीलवंतद्दहे णामं दहे. पण्णत्ते, दाहिणउत्तरायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जहेव पउमद्दहे तहेव वण्णओ णेयव्यो, णाणत्तं. दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते, णीलवंते णामं णागकुमारे देवे सेसं तं चेव णेयव्वं, णीलवंतद्दहस्स पुव्वावरे पासे दस 2 जोयणाई अबाहाए एत्थ णं वीसं कंचणगपव्वया पण्णत्ता, एगं जोयणसयं उड्ढे उच्चत्तेणं गाहाओ-मूलंमि जोयणसयं पण्णत्तरि जोयणाई मज्झमि / उवरितले कंचणगा पण्णासं जोयणा हुँति // 1 // मूलंमि तिणि सोले सत्तत्तीसाइं दुण्णि मज्झमि / अट्ठावण्णं च सयं उवरितले परिरओ होइ // 2 // पढमित्थ णीलवंतो 1 बिइओ उत्तरकुरू 2 मुणेयव्यो / चंदद्दहोत्थ तइओ 3 एरावय 4 मालवंतो य 5 // 3 // एवं वाणओ अट्ठो पमाणं पलिओवमट्टिइया देवा // 89|| कहि णं भंते ! उत्तरकुराए 2 जम्बूपेढे णामं पेढे पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्षिणेणं मंदरस्स० उत्तरेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं सीयाए महाणईए पुरथिमिल्ले कूले एत्थ णं उत्तरकुराए जम्बूपेढे णामं पेढे पण्णत्ते पंच जोयणसयाई आयामविक्खम्भेणं पण्णरस एक्कासीयाई जोयणसयाई किंचिविसेसाहियाइं परिक्खेवेणं बहुमज्झदेसभाए बारस जोयणाई बाहल्लेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 पएसपरिहाणीए परिहायमाणे 2 सव्वेसु णं चरिमपेरंतेसु दो दो गाउयाइं बाहल्लेणं सव्वजम्बूणयामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दुण्डंपि वण्णओ, तस्स णं जम्बूपेढस्स चउद्दिसि एए चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता वण्णओ जाव तोरणाई, तस्स णं जम्बूपेढस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं मणिपेढिया पण्णत्ता अट्टजोयणाई आयामविक्खम्भेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं, तीसे णं मणिपेदियाए उप्पिं एत्थ णं Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.४ 683 जम्बूसुदंसणी पण्णत्ता अट्ठ जोयणाई उड्डे उच्चत्तेणं अद्धजोयणं उव्वेहेणं, तीसे णं खंधो दो जोयणाई उडे उच्चत्तेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं, तीसे णं साला छ जोयणाई उड्डः उच्चत्तण बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं साइरेगाइं अट्ठ जोयणाइं सव्वग्गेणं, तीसें णं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, वइरामया मूला रययसुपइट्ठियविडिमा जाव अहियमणणिव्वुइकरी पासाईया दरिसणिजा०, जम्बूए णं सुदंसणाए चउद्दिसिं चत्तारि साला प०, तेसि णं सालाणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं सिद्धाययणे पण्णत्ते, कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खम्भेणं देसूणगं कोसं उर्दू उच्चत्तेणं अणेगखम्भसयसण्णिविटुं जाव दारा पंचधणुसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं जाव वणमालाओ मणिपेढिया पंचवणुसयाई आयामविक्खभेणं अड्डाइजाइं धणुसयाई बाहल्लेणं, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं देवच्छंदए पंचधणुसयाई आयामविक्खम्भेणं साइरेगाइं पंचधणुसयाई उढे उच्चत्तेणं जिणपडिमावण्णओ णेयत्वोत्ति / तत्थ णं जे से पुरथिमिल्ले साले एत्थ णं भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं एवमेव णवरमित्थ सयणिज्जं सेसेसु पासायवडेंसया सीहासणा य सपरिवारा इति / जम्बू णं० बारसहिं पउमवरवेड्याहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, वेश्याणं वण्णओ, जम्बू णं० अण्णणं अट्ठसएणं जम्बूणं तदधुच्चत्ताणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, तासि णं वण्णओ, ताओ णं जम्बू, छहिं पउमवरवेइयाहिं संपरिखित्ता, जम्बूए णं सुदंसणाए उत्तरपुरस्थिमेणं उत्तरेणं उत्तरपच्चत्थिमेणं एत्थ णं अणाढियस्स देवस्स चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि जम्बूसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तीसे णं पुरथिमेणं चउण्हं अग्गमहिसीणं चत्तारि जम्बूओ पण्णत्ताओ,-दाहिणपुरस्थिमे दक्खिणेण तह अवरदक्खिणेणं च / अट्ठ दस बारसेव य भवंति जम्बूसहस्साई // 1 // अणियाहिवाण पच्चत्थिमेण सत्तेव होंति जम्बूओ / सोलस साहस्सीओ चउद्दिसिं आयरक्खाणं // 2 // जम्बू णं० तिहिं सइएहिं वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, जम्बूए णं० पुरस्थिमेणं पण्णासं जोयणाई पढमं वणसंडं ओगाहित्ता एत्थ णं भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं सो चेव वण्णओ सयणिज्जं च, एवं सेनासु विदिसासु भवणा, जम्बूए णं० उत्तरपुरस्थिमेणं पढमं वणसण्ठं पण्णासं जोयणाइं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि * पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पउमा 1 परमप्पभा 2 कुमुया 3 कुमुयप्पभा४ ताओ ण कोसे आयामेणं अद्धकोसं विक्खम्भेणं पंचधणुसयाई उव्वेहेणं वण्णओ. तासि णं मज्झे पासायवडेंसगा कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खम्भेणं देसूर्ण कोसं उडे उच्चत्तेणं वण्णओ सीहासणा सपरिवारा, एवं सेसासु विदिसासु, गाहा-पउमा Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 684 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पउमयमा चेव, कुमुया कुमुयापहा / उप्पलगुम्मा णलिणा, उप्पला उप्पलुजला // 1|| भिंगा भिंगण्पभा चेव, अंजणा कजलप्पभा। सिरिता सिरिमहिया, सिरिचंदा चेव सिरिणिलया // 2 // जम्बूए णं० पुरथिमिल्लस्स भवणस्स उत्तरेणं उत्तरपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स दक्खिणेणं एत्थ णं कुडे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उडे उच्चत्तेणं दो जोयणाई उव्वेहेणं मूले अट्ठ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं बहुमझदेसभाए छ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं उवरिं चत्तारि जोयणाई आयामविक्खम्भेणे-पणवीसट्ठारस बारसेव मूले य मज्झि उवरिं च / सविसेसाई परिरओ कूडस्स इमस्स बोद्धव्वो // 1 // मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उवरि तणुए सव्वकणगामए अच्छे० वेइयावणसंडवण्णओ, एवं सेसावि कूडा इति / जम्बूए णं सुदंस- : णाए दुवालस णामधेजा प०, तं०-सुदंसणा 1 अमोहा 2 य, सुप्पबुद्धा 3 जसोहरा४। विदेहजम्बू 5 सोमणसा 6, णियया 7 णिच्चमंडिया 8 // 1 // सुभद्दा य 9 विसाला य 10, सुजाया 11 सुमणा. 12 विया। सुदंसणाए जम्बूए, णामधेजा दुवालस // 2 // जम्बूए णं० अट्ठट्ठमंगलगा०, से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ-जम्बू सुदंसणा 2 ? गोयमा ! जम्बूए णं सुदंसणाए अणाढिए णामं देवे जम्बुद्दीवाहिवई परिवसइ महिड्एि०, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव आयारक्खदेवसाहस्सीणं जम्बुद्दीवस्स णं दीवस्स जम्बूए सुदंसणाए अणाढियाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं देवाण य देवीण य आव विहरइ, से तेणटेणं गो० ! एवं बुच्चइ०, अदुत्तरं च णं गोयमा ! जम्बूसुदंसणा जाव भुविं च 3 धुवा णियया सासया अक्खया जाव अवट्ठिया / कहि णं भंते ! अणाढियस्स देवस्स अणाढिया णामं रायहाणी पण्णत्ता ? गोयमा ! जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पञ्चयस्स उत्तरेणं जं चेव पुव्वणियं जमिगापमाणं तं चेव णेयव्वं जाव उववाओ अभिसेओ य णिवसेसोत्ति // 90 // से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-उत्तरकुरा 2 1 गोयमा ! उत्तरकुराए० उत्तरकुरू णामं देवे परिवसइ महिट्टिए जाव पलिओवमट्टिइए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-उत्तरकुरा 2, अदुत्तरं च णं जाव सासए..। कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे मालवंते णाम वक्खारपब्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं उत्तरकुराए० पुरथिमेणं वच्छस्स चक्कवट्टिविजयस्स पचत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे मालवंते णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जं चेव गंधमायणस्स पमाणं विस्खम्भो य णवर Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 मिमं णाणत्तं सव्ववेरुलियामए अवसिटुं तं चेव जाव गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तंजहा-सिद्धाययणकूडे, गाहा-सिद्धे य मालवंते उत्तरकुरु कच्छसागरे रयए / सीओय पुण्णभद्दे हरिस्सहे चेव बोद्धव्वे // 1 // कहि णं भंते ! मालवंते वक्खारपव्वए सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा !मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं मालबंतस्स कूडस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं एत्थ णं सिद्धाययणकूडे णामं कूडे पण्णत्ते पंच जोयणसयाई उड्डे उच्चत्तेणं अवसिटुं तं चेव जाव रायहाणी, एवं मालवंतस्स कूडस्स उत्तरकुरुकूडस्स कच्छकूडस्स, एए चत्तारि कूडा दिसाहिं पमाणेहिं णेयव्वा, कूडसरिसणामया देवा, कहि णं भंते !मालवंते० सागरकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा! कच्छकूडस्स उत्तरपुरस्थिमेणं रययकूडस्स दक्खिणेणं एत्थ णं सागरकूडे णामं पप्ण,त्ते पंच जोयणसयाई उहूं उच्चत्तेणं अवसिटुं तं चेव सुभोगा देवी रायहाणी उत्तरपुरस्थिमेणं रययकूडे भोगमालिणी देवी रायहाणी उत्तरपुरस्थिमेणं, अवसिट्ठा वृ.डा उत्तरदाहिणेणं णेयव्वा एक्केणं पमाणेणं // 91 // कहि णं भंते ! मालवंते हरिम्सहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते 1 गोयमा ! पुण्णभद्दस्स उत्तरेणं णीलवंतस्स दक्षिणेणं एत्थ णं हरिस्सहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते एगं जोयणसहस्सं उड्ढे उच्चत्तेणं जमगप्पमाणेणं णेयव्वं, रायहाणी उत्तरेणं असंखेज्जे दीवे अण्णमि जम्बुद्दीवे दीवे उत्तरेणं बारसजोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं हरिस्सहस्स देवस्स हरिस्सहा णामं रायहाणी पण्णत्ता चरासीइं जोयणसहस्साई आयामविक्खभेणं बे जोयणसयसहस्साई पण्णष्टुिं च सहस्साई छ्य छत्तीसे जोयणसए परिक्खेवेणं, सेसं जहा चमरचंचाए रायहाणीए तहा पमाणं भाणियव्वं, महिडिए. महज्जुईए, से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-मालवंते वक्खारपव्वए.२ 1 गोयमा ! मालवंते णं वक्खारपव्वए तत्थ तत्थ देसे 2 तहिं 2 बहवे सेरियागुम्मा णोमालियागुम्मा जाव मगदंतियागुम्मा, ते णं गुम्मा दसद्धवण्णं कुसुमं कुसुमेंति, जे णं तं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स बहुसमरमणिज्जं भूमिभागं वायविधुयग्गसालामुक्कपुष्फपुंजोवयारकलियं करेंति, मालवंते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं बुच्चइ० अंदुत्तरं च णं जाव णिच्चे // 92 // कहि णं भंते ? जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे कच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं चित्तकूडस्स वक्खारपवयस्स पञ्चत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे कच्छे णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए गंगासिंधूहि महाणई हिं Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 686 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वेयड्डेण य पञ्चएणं छब्भागपविभत्ते सोलस जोयणसहस्साई पंच य बाणउए जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं दो जोयणसहस्साई दोण्णि य तेरसुत्तरे नोयणसए किंचिविसेसूणे विक्खंभेणंति / कच्छस्स णं विजयस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते जे ण कच्छं विजयं दुहा विभयमाणे 2 चिट्ठइ, तंजहा-दाहिणद्धकच्छं च उत्तरद्धकच्छं चेति, कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे दाहिणद्धकच्छे णामं विजए प० 1 गोयमा ! वेयवृस्स पव्वयस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्ययस्स पच्चत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं अम्बुद्दीवे दवे महाविदेहे वासे दाहिणद्धकच्छे णामं विजए प०, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे अट्ट जोयणसहस्साई दोण्णि य एगसत्तरे जोयणसए एक्कं च एंगूणवीसइभागं जोयणस्स आयामेणं दो जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेरसुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसूणे विक्खम्भेणं पलियंकसंठाणसंठिए, दाहिणद्धकच्छस्स णं भंते ! विजयस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तंजहां-जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, दाहिणद्धकच्छे णं भंते ! विजए मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! तेसि णं मणुयाणं छविहे संघयणे जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे कच्छे विजए वेयझे णामं पव्वए प० ? गोयमा ! दाहिणद्धकच्छविजयस्स उत्तरेणं उत्तरद्धकच्छस्स दाहिणेणं चित्तकूडस्स० पचत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं कच्छे विजए वेयड्ढे णामं पव्वएं पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा वक्खारपव्वए पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए जाव दोहि वि पुढे भरहवेयड्सरिसए णवरं दो बाहाओ जीवा धणुपटुं च ण कायव्वं, विजयविक्खम्भसरिसे आयामेणं. विक्खम्भो उच्चत्तं उव्वेहो तहेव य विजाहरआभिओगसेढीओ तहेव, णवरं पणपण्णं 2 विजाहरणगरावासा प०, आभिओगसेढीए उत्तरिल्लाओ सेढीओ सीयाए ईसाणस्स सेसाओ सक्कस्सत्ति, कूडा गाहा-सिद्धे 1 कच्छे 2 खंडग 3 माणी 4 वेयड 5 पुण्ण 6 तिमिसगुहा 7 / कच्छे 8 वेसमणे वा 9 वेयड्ढे होंतिं कूडाइं // 1 // कहिणं भंते ! जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे उत्तरद्धकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! वेयदृस्स पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं चित्तकूडस्स. वक्खारपव्वयस्स पचत्थिमेणं एत्न णं जम्बुद्दीवे दीवे जाव सिझंति तहेव णेयव्वं सव्वं, कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 687 वासे उत्तरद्धकच्छे विजए सिंधुकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते ? गोयमा! मालवंतस्स वक्वारपव्वयस्स पुरस्थिमेणं उसभकूडस्स० पञ्चत्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे उत्तरद्धकच्छविजए सिंधुकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते सर्टि जोयणाई आयामविक्खंभेणं जाव भवणं अट्ठो रायहाणी य णेयव्वा, भरहसिंधुकुंडसरिसं सव्वं णेयव्वं जाव तस्स णं सिंधुकंडस्स दाहिणिल्लेणं तोरणेणं सिंधुमहाणई पवूढा समाणी उत्तरद्धकच्छविजयं एजमाणी 2 सत्तहिं सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 अहे तिमिसगुहाए वेयपव्वयं दालइत्ता दाहिणकच्छविजयं एजमाणी 2 चोदसहिं सलिलासहस्सेहिं समग्गा दाहिणेणं सीयं महाणइं समप्पेइ, सिंधुमहाणई पवहे य मूले य भरहसिंधुसरिसा पमाणेणं जाव दोहिं वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता / कहि णं भंते ! उत्तरद्धकच्छविजए उसभकूडे णामं पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! सिंधूकुंडस्स पुरथिमेणं गंगाकुण्डस्स पच्चत्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं उत्तरद्धकच्छविजए उसहकूडे णामं पव्वए पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उर्दू उच्चत्तण तं चेव पमाणं जाव रायहाणी से णवरं उत्तरेणं भाणियव्वा / कहि णं भंते ! उत्तरद्धकच्छे विजए गंगाकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते ? गोयमा ! चित्तकूडस्स वक्वारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं उसहकूडस्स पव्वयस्स पुरस्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं उत्तरद्धकच्छे० गंगाकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते सर्टि जोयणाई आयामविक्खंभेणं तहेव जहा सिंधू जाव वणसंडेण य संपरिक्खिता। से केण?णं भंते ! एवं वुञ्चइ-कच्छे विजए कच्छे विजए ? गोयमा ! कच्छे विजए वेयड्डस्सं पव्वयस्स दाहिणणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं गंगाए महाणईए पच्चत्थिमेणं सिंधूए महाणईए पुरथिमेणं दाहिणद्धकच्छविजयस्स बहुमझदेसभाए एत्थ णं खेमा णामं रायहाणी प० विणीयारायहाणीसरिसा भाणियव्वा, इत्थ णं खेमाए रायहाणीए कच्छे णामं राया समुप्पजई, महयाहिमवंत जाव सव्वं भरहोअवणं भाणियव्वं णिक्खमणवज्जं सेसं भाणियव्वं जाव भुंजए माणुस्सए सुहे, कच्छ णामधेज्जे य कच्छे इत्थ देवे महिडिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएण?णं गोयमा! एवं वुच्चइ-कच्छे विजए कच्छे विजए जाव .णिच्चे // 93 / / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे कासे चित्तकूड़े णामं वक्खारपब्बए पंण्णत्ते 1 गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणणं कच्छविजयस्स पुरथिमेणं सुकच्छविजयस्स पचत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे चित्तकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहि Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 688 अनंगपविट्ठसुत्ताणि णायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सोलसजोयणसहस्साइं पंच य बाणउए जोयणसए दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं णीलवंतवासहरपव्वयंतेणं चत्तारि जोयणसयाई उड्डे उच्चत्तेणं चत्तारि गाउयसयाइं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 उस्सेहुवेहपरिवुड्डीए परिवड्डमाणे 2 सीयामहाणईअंतेणं पंच जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेण पंच गाउयसयाइं उव्वेहेणं अस्सखंधसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते, वण्णओ दुण्हवि, चित्तकूडस्स णं वक्खारपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव आसयंति०, चित्तकूडे णं - ते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि कूडा पण्णत्ता, तंजहा-: सिद्धाययणकूडे चित्तकूडे कच्छकूडे सुकन्छकूडे, समा उत्तरदाहिणेणं परुप्परंति, पढमं सीयाए उत्तरेणं चउत्थए णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं एत्थ णं चित्तकूडे णामं देवे महिड्डिए जाव रायहाणी सेत्ति // 94 // कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं गाहावईए महाणईए पञ्चस्थिमेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए जहेव कच्छे विजए तहेव सुकच्छे विजए, णवरं खेमपुरा रायहाणी सुकच्छे राया समुप्पजइ तहेव सव्वं / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते ? गो० ! सुकच्छविजयस्स पुरस्थिमेणं महाकच्छस्स विजयस्स पच्चत्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियम्बे एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे णामं कुण्डे पण्णत्ते, जहेव रोहियंसाकुण्डे तहेव जाव गाहावइदीवे भवणे, तस्स णं गाहावइस्स कुण्डस्स दाहिणिल्लेणं तोरणेणं गाहावई महाणई पवूढा समाणी सुकच्छमहाकच्छविजए दुहा विभयमाणी 2 दाहिणेणं सीयं महाणई समप्पेइ, गाहावई णं महाणई पवहे य मुहे य सव्वत्थ समा पणवीसं जोयणमयं विक्खंभेणं अड्डाइजाई जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसण्डेहिं जाव दुण्हवि वण्णओ, कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे महाकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयभा! णीलवंतरस वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं पम्हकूडस्स वक्खारषव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं गाहावईए महाणईए पुरस्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे असे महाकच्छे णामं विजए पण्णत्ते, सेसं जहा कच्छविजयस्स (णवरं अरिट्ठा रायहाणी) ज़ाव महा Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 686 कच्छे इत्थं देवे महिड्डिए...अट्ठो य भाणियव्यो / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे पम्हकूडे णामं वक्वारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स० दक्षिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं महाकच्छस्स पुरथिमेणं कच्छावईए पचत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे पम्हकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाइणपडीणविच्छिण्णे सेर्स जहा चित्तकूडस्स जाव आसयंति० पम्हकूडे चत्तारि कूडा प०, तं०सिद्धाययणकूडे पम्हकूडे महाकच्छकूडे कच्छावइकूडे एवं जाव अट्ठो, पम्हकूडे य इत्थ देवे महिडिए० पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेण?णं गोयमा! एवं वुच्चइ०। कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे कच्छगावई णाम विजए प० ? गो० ! णीलवंतस्स० दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं दहावईए महाणईए पञ्चत्थिमेणं पम्हकूडस्स० पुरस्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे कच्छगावई णामं विजए प०, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सेसं जहा कच्छस्स विजयस्स जाव कच्छगावई यं इत्थ देवे०, कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे दहावईकुण्डे णामं कुंडे पणत्ते ? गोयमा ! आवत्तस्स विजयस्स पञ्चस्थिमेणं कच्छगावईए विजयस्स पुरथिमेणं णलवंतस्स० दाहिगिल्ले णियंबे एत्थ णं महाविदेहे वासे दहावईबुंडे णामं वु.ण्डे प० सेसं जहा गाहावईकुण्डस्स जाव अट्ठो, तस्स णं दहावईकुण्डस्स दाहिणेणं तोरणेणं दहादई महाणई पवूढा समाणी कच्छावई आवत्ते विजए दुहा विभयमाणी 2 दाहिणेणं सीयं महाणइं समप्पेइ, सेसं जहा गाहावईए / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे आवत्ते णमं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरपव्ययस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं णलिणकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं दहावईए महाणईए पुरथिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे आवत्ते णामं विजए. पण्णत्ते, सेसं जहा कच्छरस विजयस्स इति / कहि णं भंते महाविदेहे वासे णलिणकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गो०! णीलवंतस्स दाहिणेणं सीयाए उत्तरेणं मंगलावइस्स विजयस्स पच्चत्थिमेणं आवत्तस्स विजयस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे णलिणकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिष्णे सेसं जहा चित्तकूडस्स जाव आस यंति०, णलिणकूडे णं भंते !0 कइ कूडा प० 1 गोयमा ! चत्तारि कूडा पण्णत्ता, ' तंजहा-सिद्धाययणकुंडे णलिणकूडे आवत्तकूडे मंगलावत्तकूडे, एए कूडा पंचसइया रायहाणींओं उत्तरेणं / कहिणं भंते ! महाविदेहे वासे मंगलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं णलिणकूडस्स पुरथिमेणं पंकावईए पञ्चस्थिमेणं एत्थ णं मंगलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते, जहा कच्छस्स विजए Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 660 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तहा एसो भाणियव्यो जाव मंगलावत्ते य इत्थ देवे० परिवसइ, से एएणडेणं० / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे पंकावईकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंगलावत्तस्स० पुरथिमेणं पुक्खलविजयस्स पञ्चत्थिमेणं णीलवंतस्स दाहिणे णियंबे एत्थ' णं पंकावई जाव कुण्डे पण्णत्ते तं चेव गाहावइकुण्डप्पमाणं जाव मंगलावत्तपुक्खलावत्तविजए दुहा विभयमाणी 2 अवसेसं तं चेव जं चेव गाहावईए / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे पुक्खलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स दाहिणेणं सीयाए उत्तरेणं पंकावईए पुरत्थिमेणं एगसेलस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं पुक्खलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते जहा कच्छविजए तहा भाणियव्वं जाव पुक्खले य इत्थ देवे महिडिए० पलिओवमडिइए परिवसइ, से एएणडेणं०, कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे एगसेले णामं वक्खारपव्वए प० 1 गो० पुक्खलावत्तचक्कवट्टिविजयस्स पुरथिमेणं पुक्खलावईचकवट्टिविजयस्स पञ्चत्थिमेणं णीलवंतस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं एत्थ णं एगसेले णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते चित्तकूडगमेणं णेयव्वो जाव देवा आसयंति०, चत्तारि कूडा, तं०-सिद्धाययणकूडे एगसेलकूडे पुक्खलावत्तकूडे पुक्खलावईकूडे, कडाणं तं चेव पंचसइयं परिमाणं जाव एगसेले य० देवे महिड्डिए० / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे पुक्खलावई णामं चक्वट्टिविजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवंतस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं उत्तरिल्लस्स सीयामुहवणस्स पञ्चत्थिमेणं एगसेलस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे पुक्खलावई णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए एवं जहा कच्छविजयस्स नाव पुक्खलावई य इत्थ देवे० परिवसइ, से एएणटेणं० / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए उत्तरिल्ले सीयामुहवणे णामं वणे प० ! गोयमा ! णीलवंतस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स पञ्चस्थिमेणं पुक्खलावइ. चक्कवट्टिविजयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं सीयामुहवणे णामं वणे पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सोलसजोयणसहस्साइं पंच य वाणउए जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं सीयाए महाणईए अंतेणं दो जोयणसहस्साइं णव य बावीसे जोयणसए विक्खंभेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 परिहायमाणे 2 णीलवंतवासहरपव्वयंतेणं एग एगूणवीसइभागं जोयणस्स विक्खंभेणंति, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसण्डेणं संपरिक्खित्ते वण्णओ सीयामुहवणस्स जाव देवा आसयंति०, एवं उत्तरिल्लं पासं समत्तं / विजया भणिया। यहाणीओ इमाओ-खेमा 1 खेमपुरा 2 चेव, रिट्टा 3 रिट्ठपुरा 4 तहा। खग्गी 5 मंजूसा 6 Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 661 अविय, ओसंही 7 पुंडरीगिणी 8 // 1 // सोलस विजाहरसेढीओ तावइयाओ आमिओगसेढीओ सव्वाओ इमाओ ईसाणस्स, सव्वेसु विजएसु कच्छवत्तव्वया जाव अट्ठो रायाणो सरिसणामगा विजएसु सोलसण्हं वक्खारपचयाणं चित्तकूडवत्तव्वया जाव कूडा चत्तारि 2 बारसहं णईणं गाहावइवत्तव्वया जाव उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं वणसण्डेहि य० वण्णओ // 95 // कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए दाहिणिल्ले सीयामुहवणे णामं वणे पण्णत्ते ? एवं जह चेव उत्तरिल्लं सीयामुहवणं तह चेव दाहिणं पि भाणियव्वं, णवरं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीयाए महाणईए दाहिणणं पुरस्थिमलवणसमुदस्स पचत्थिमेणं वच्छस्स विजयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए दाहिणिल्ले सीयामुहवणे णामं वणे प०, उत्तरदाहिणायए तहेव सव्वं णवरं णिसहवासहरपव्वयंतेणं एगमेगूणवीसइभागं जोयणस्स विवखंभेणं किण्हे किण्होभासे जाव महया गंधद्धणि मुयंते जाव आसयंति० उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं० वण वण्णओ इति / कहिणं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे वच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णिसहस्सवासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीयाए महाणईए दाहिणणं दाहिणिल्लस्स सीयामुहवणस्स पच्चत्थिमेणं तिउडस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे वच्छे णामं विजए पण्णत्ते तं चेव पमाणं सुसीमा रायहाणी 1, तिउडे वक्खारपव्वए सुवच्छे विजए कुण्डला रायहाणी 2, तत्तजला णई महावच्छे विजए अपराजिया रायहाणी 3, वेसमणकूडे वक्खारपब्वए वच्छावई विजए पभंकरा रायहाणी 4, मत्तजला गई रम्मे विजए अंकावई रायहाणी 5, अंजणे वक्खारपव्वए रम्मगे विजए पम्हावई रायहाणी 6, उम्मत्तजला महाणई रमणिज्जे विगए सुभा रायहाणी 7, मायंजणे वक्रवारपव्वए मंगलावई विजए रयण-संचया रायहाणीति 8, एवं जह चेव सीयाए महाण,ईए उत्तरं पासं तह चेव दक्खिणिल्लं भाणियव्वं, दाहिणिलसीयामुहवणाइ, इमे वक्खारकूडा, तं०-तिउडे 1 वेसमणकूडे 2 अंजणे 3 मायंजणे 4, [णईउ तत्तजला 1 मत्तजला 2 उम्मत्तजला 3, विजया, तं० गाहा-वच्छे सुवच्छे महावच्छे, चउत्थे वच्छगावई / रम्मे रम्मए चेव, रमणिज्जे मंगलांवई // 1 // रायहाणीओ, तंजहा-गाहा-सुसीमा कुण्डला चेव, अवराइय पहंकरा / अंकावई पम्हावई, सुभा रयणसंचया // 2 // वच्चस्स विजयरस णिसहे दाहिणणं सीया उत्तरेणं दाहिणिल्सीयामुहवणे पुरस्थिमेणं तिउडे पच्चत्थिमेणं Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 662 अनंगपविट्ठसुताणि सुसीमा रायहाणी पमाणं तं चेवेति, वच्छाणंतरं तिउडे तओ सुवच्छे विजए एएणं कमेणं तत्तजला णई महावच्छे वेसमणकूडे वक्खारपव्वए वच्छावई विजए मत्तजला णई रम्मे विजए अंजणे वक्खारपव्वए रम्मए विजए उम्मत्तजला गई रमणिज्जे विजए मायंजणे वक्खारपव्वए मंगलावई विजए // 96 // कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सोमणसे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गो०! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणपुरन्थिमेणं मंगलावईविजयस्स पञ्चत्थिमेणं देवकुराए० पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे सोमणसे णाम वक्खारपब्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जहा मालवंते वक्खारपव्वए तहा णवरं सव्वरययामए अच्छे जाव पडिरूवे, णिसहवासहरपव्वयंतेणं चत्तारि जोयणसयाई उड्डे उच्चत्तण चत्तारि गाउयसाई उव्वेहेणं सेसं तहेव सव्वं णवरं अट्ठो से गोयमा ! सोमणसे णं वक्खारपव्वए बहवे देवा य देवीओ य सोमा सुमणा सोमणसे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव परिवसइ, से एएणटेणं गोयमा! जाव णिच्चे। सोमणसे णं भंते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा प०१ गो०! सत्त कूडा प०, तं०-गाहासिद्धे 1 सोमणसे 2 विय बोद्धव्वे मंगलावईकूडे 3 / देवकुरु 4 विमल 5 कंचण 6 वसिट्ठकूडे 7 य बोद्धव्वे // 1 // एवं सव्वे पंचसइया कूडा, एएसिं पुच्छा दिसिविदिसाए भाणियन्वा जहा गंधमायणस्स, विमलकंचणकूडेसुणवरं देवयाओ सुवच्छा वच्छमित्ता य अवसिढेसु कूडेसु सरिसणामया देवा रायहाणीओ दक्खिणेणंति / कहि णं भंते ! महाविदेहे वासे देवकुरा णामं कुरा पण्णत्ता ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं विज्जुप्पहस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं सोमणसवक्खारपव्वयस्स पञ्चन्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे देवकुरा णामं कुरा पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदागदाहिणविच्छिण्णा इक्कारस्स जोयणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोयणसए दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्भेणं जहा उत्तरकुराए वत्तव्वया जाव अणुसजमाणा पम्हगंधा मियगंधा अममा सहा तेयतली सणिचारीति 6 // 97|| कहिणं भंते ! देवकुराए 2 चित्तविचित्तकूडा णामं दुवे पव्वया प०? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरिल्लाओ चरिमंताओ अडचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीओयाए महाणईए पुरस्थिमपच्चत्थिमेणं उभओक्ले एत्थ णं चित्तविचित्तकूडा णामं दुवे पव्वया प०, एवं जच्चेव जमगपव्वयाणं० सच्चेव०, एएसिं रायहाणीओ दक्खिणेणंति // 98 ॥.कहि णं भंते ! देवकुराए 2 णिसढद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? गो० ! तेति चित्तविचित्तकूडाणं पव्वयाणं Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 663 उत्तरिल्लाओ चरिमंताओ अट्ठचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीओयाए महाणईए बहुमझदेसभाए एत्थ णं णिसहद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, एवं जच्चेव णीलवंतउत्तरकुरुचंदेरावयमालवंताणं वत्तव्वया सच्चेव णिसहदेवकुरुसूरसुलसविज्जुप्पभाणं णेयव्वा, रायहाणीओ दक्खिणेणंति // 99 // कहि णं भंते ! देवकुराए 2 कृडसामलिपेढे णामं पेढे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणपच्चत्थिमेणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं विज्जुप्पभस्स वव खारपदयरस पुरत्थिमेण सीओयाए महाणईए पञ्चत्थिमेणं देवकुरुपच्चत्थिमद्धस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं देवकुराए कूडसामलीपेढे णामं पेढे प०, एवं जच्चेव जम्बूए सुदंसणाए वत्तव्वया सच्चेव सामलीएवि भाणियब्वा णामविहूणा गस्लदेवे रायहाणी दक्खिणेणं अवसिटुं तं चेव जाव देवकुरू य इत्थ देवे. पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गो० ! एवं वुच्चइ-देवकुरा 2, अदुत्तरं च णं० देवकुराए०॥१००॥ कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे विज्जुप्पभे णामं वक्खारपब्बए पण्णत्ते ? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं देवकुराए० पचत्थिमेणं पम्हस्स विजयस्स पुरस्थिमेगं एत्थ णं जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे विज्जुप्पभे० वक्खारपव्वए प०, उत्तरदाहिणायए एवं जहा मालवंते णवरि सव्वतवणिजमए अच्छे जाव देवा आसयंति० / विज्जुप्पभे णं भंते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा प०? गो० ! णव कूडा पृ०, तं०-सिद्धाययणकूडे विज्जुप्पभकूडे देवकुरुकूडे पम्हकूडे कणगकूडे सोवत्थियकूडे सीओयाकूडे सयजलकूडे हरिकूडे / सिद्धे य विज्जुणामे देवकुरू पम्हकणगसोवत्थी / सीओया य सयजलहरिकुडे चेव बोद्धव्वे // 1 // एए हरिकूडवजा पंचसइया णेयव्वा, एएसि कूडाणं पुच्छा दिसिविदिसाओ णेयव्वाओ जहा मालवंतस्स हरिस्सहकूडे तह चेव हरिकूडे रायहाणी जह चेव दाहिणेणं चमररायहाणी तह णेयव्वा, कणगसोवन्थियकूडेसु वारिसेणबलाहयाओं दो देवयाओ अवसिढेसु कूडेसु कूडसरिसणामया देवा रायहाणीओ दाहिणेणं, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-विज्जुप्पभे वक्खारपव्वए 2 ? गोयमा ! विज्जुप्पमेणं वक्खारपव्वए विज्जुमिव सव्वओ समन्ता ओभासेइ उज्जोवेइ पभासइ विज्जुप्पभे य इत्थ देवे जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणडेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-विज्जुप्पभे०२ अदुत्तरं च णं जाव णिच्चे // 101 // एवं पम्हे विजए अस्सपुरा रायहाणी अंकावई वक्खारपव्वए 1, सुपम्हे विजए सीहपुरा रायहाणी खीरोया महाणई 2, महापम्हे Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 664 अनंगपविट्ठसुत्ताणि विजए महापुरा रायहाणी पम्हावई वक्खारपव्वए 3, पम्हगावई विजय विजयपुरा रायहाणी सीयसोया महाणई ४,संखे विजए अवराइया रायहाणी आसीविसे वक्खारपव्वए 5, कुमुए विजए अरया रायहाणी अंतोवाहिणी महाणई 6, णलिणे विजएं असोगा रायहाणी सुहावहे वक्खारपव्वए 7, णलिणावई विजए वीयसोगा रायहाणी 8 दाहिणिल्ले सीओयामुहवणसंडे, उत्तरिल्लेवि एमेव भाणियव्वे जहा सीयाए, वप्पे विजए विजया रायहाणी चंदे वक्खारपब्वए 1, सुवप्पे विजए जयंती रायहाणी उम्मिमालिणी गई 2, महावप्पे विजए जयंती रायहाणी सूरे वक्खारपव्वए 3, वप्पावई विजए अपराइया रायहाणी फेणमालिणी णई 4, वग्गू विजए चक्कपुरा रायहाणी णागे वक्खारपव्वए 5, सुवग्गू विजए खग्गेपुरा रायहाणी गंभीरमालिणी: अंतरणई 6, गंधिले विजए अवज्झा रायहाणी देवे वक्खारपव्वए 7 गंधिलावई विजए अओज्झा रायहाणी 8, एवं मंदरस्स पव्वयस्स पञ्चस्थिमिल्लं पासं भाणियव्वं तत्थ ताव सीओयाए णईए दक्खिणिल्ले णं कूले इमे विजया, तं० गाहा-पम्हे सुपम्हे महापम्हे, चउत्थे पम्हगावई / संखे कुमुए णलिणे, अट्ठमे णलिणावई // 1 // इमाओ रायहाणीओ, तं० गाहा-आसपुरा सीहपुरा महापुरा चेव हवइ विजयपुरा। अवराइया य अरया असोग तह वीयसोगा य // 2 // इमे वक्खारा, तंजहा-अंके पम्हे आसीविसे सुहावहे, एवं इत्थ. परिवाडीए दो दो विजया कूडसरिसणामया भाणियव्वा दिसा विदिसाओ य भाणियव्वाओ, सीओयामुहवणं च भाणियत्वं सीओयाए दाहिणिल्लं उत्तरिल्लं च, सीओयाए उत्तरिल्ले पासे इमे विजया, तंजहा-चप्पे सुवप्पे महावप्पे, चउत्थे वप्पयावई / वागू य सुवागू य, गंधिले गंधिलावई // 1 // रायहाणीओ इमाओ, तंजहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया / चक्कपुरा खग्गपुरा हवइ अवज्झा अउज्झा य // 2 // इमे वक्खारा, तंजहाचंदपव्वए 1 सूरपव्वए 2 णागपव्वए 3 देवपत्वए 4 इमाओ णईओ सीओयाए महाणईए दाहिणिल्ले कूले-खीरोया सीहसोया अंतरवाहिणीओ णईओ 3 उम्मिमालिणी 1 फेणमालिणी 2 गंभीरमालिणी 3 उत्तरिल्लविजयाणंतराउत्ति, इत्थ परिवाडीए दो दो कूडा विजयसरि सणामया भाणियव्वा, इमे दो दो कूडा अवट्ठिया तंजहासिद्धाययणकूडे पव्वयसरिसणामकूडे // 102 / / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे 2 महाविदेहे वासे मंदरेणामं पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! उत्तरकुराए दक्खिणेणं देवकराए उत्तरेणं पुव्वविदेहस्स वासस्त पञ्चत्थिमेणं अवरविदेहस्स वासस्स पुरथिमेणं जम्बु. Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 665 द्दीवस्स र बहुमज्झदेसभाए एन्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे मंदरे णामं पव्वए पण्णत्ते णवणउइजोयणसहस्साइं उड्ढे उच्चत्तेग एग जोयणसहस्सं उन्हेणं मूले दसजोयणसहस्साइं णवहं च जोयणाई दस य एगारसभाए जोयणस्स विवखम्भेणं धरणियले दस जोयणसहस्साइं विक्खम्भेणं तयणंतरं च णं मायाए 2 परिहायमाणे परिहायमाणे उवरितले एगं जोयणसहस्सं विक्खम्भेणं मूले एकतीसं जोयणसहस्साइं णव य दसुत्तरे जोयणसए तिणि य एगारसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं धरणियले एक्कतीसं जोयणसहस्साई छच तेवीसे जोयणसए परिक्खेवेणं उवरितले तिण्णि जोयणसहस्साई एगं च बावटुं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उरि तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे सण्हेत्ति। से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओत्ति, मंदरे गं भंते ! पव्वए कइ वणा प० 1 गो० ! चत्तारि वणा प०, तं०-भद्दसालवणे 1 णंदणवणे 2 सोमणसवणे 3 पंडगवणे 4, कहि णं भंते ! मंदरे पन्वए भद्दसालवणे णामं वणे प० 1 गोयमा ! धरणियले एत्थ णं मंदरे पव्वए भद्दसालवणे णामं वणे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे सोमणसविज्जुप्पहगंधमायणमालवंतेहिं वक्खारपव्वएहिं सीयासीओयाहि य महाणई हिं अट्ठभागपविभत्ते मंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमपञ्चत्थिमेणं बावीसं बावीसं जोयणसहस्साई आयामेणं उत्तरदाहिणेणं अड्वाइजाई जोयणसयाई विक्खम्भेणंति, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दुण्हवि वण्णओ भाणियव्यो किण्हे किण्होभासे जाव देवा आसयंति सयंति०, मंदरस्स णं पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं भद्दसालवणं पण्णासं जोयणाई ओगाहित्ता एत्थ णं महं एगे सिद्धाययणे पण्णत्ते पण्णासं जोयणाई आयामेणं पणवीसं जोयणाई विक्खंभेणं छत्तीसं जोयणाइं उर्दु उच्चत्तेणं अणेगखंभसयसण्णिविढे वण्णओ, तस्स णं सिद्धाययणस्स तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता, ते णं दारा अट्ठ जोयणाई उड् उच्चत्तेणं चत्तारि जोयणाई विक्खम्भेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाओ भूमिभागो य भाणियव्यो, तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पण्णत्ता अट्ट जोयणाई आयामविक्खंमेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वरयणामई अच्छा, तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं देवच्छंदए अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाई अट्ट जोयणाई उड़े उच्चत्तेणं जाव जिणपडिमा वण्णओ देवच्छंदगस्स आव धूवकडुच्छुयाणं इति / मंदर Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 666 अनंगपविट्ठसुत्ताणि स्स णं पव्वयस्स दाहिणेणं भद्दसालवणं पण्णासं एवं चउद्दिसि पि मंदरस्स भद्दसालवणे चत्तारि सिद्धाययणा भाणियव्वा, मंदरस्स णं पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं भद्दसालवणं पण्णासं जोयणाइं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि णंदापुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तं०-पउमा 1 पउमप्पभा 2 चेव, कुमुया 3 कुमुयप्पमा 4, ताओ णं पुक्खरिणीओ पण्णासं जोयणाई आयामेणं पणवीसं जोयणाई विक्खंभेणं दसजोयणाइं उब्वेहेणं वण्णओ वेइयावणसंडाणं भाणियव्यो, चउद्दिसिं तोरणा जाव तासि णं पुक्खरिणीणं बहुमज्झदेसभाए एत्थणं महं एगे ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो पासायवडिंसए पण्णत्ते पंचजोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं अड्डाइजाई जोयणसयाइं विक्खम्भेणं अब्भुग्गयमूसिय एवं सपरिवारो पासायवडिसओ भाणियव्यो, मंदरस्स णं एवं दाहिणपुरस्थिमेणं पुक्खरिणीओ उप्पलगुम्मा णलिणा उप्पला उप्पलुजला तं चेव पमाणं मज्झे पासायवडिंसओ सक्कस्स सपरिवारो तेणं चेव पमाणेणं दाहिणपञ्चस्थिमेणवि पुक्खरिणीओभिंगा भिंगणिभा चेव, अंजणा अंजणप्पभा। पासायवडिंसओ सक्कस्स सीहासणं सपरिवारं / उत्तरपच्चत्थिमेणं पुवखरिणीओ-सिरिकंता 1 सिरिचंदा 2 सिरिमहिया३ चेव सिरिणिलया 4 / पासायवसिओ ईसाणस्स सीहासणं सपरिवारंति / मंदरे णं भंते ! पव्वए भद्दसालवणे कइ दिसाहत्थिकूडा प्र० 1 गो० ! अट्ठ दिसाहत्थिकूडा पण्णत्ता, तंजहा-पउमुत्तरे 1 णीलवंते 2, सुहत्थी 3 अंजणागिरी 4 / कुमुए य 5 पलासे य 6, वडिंसे 7 रोयणागिरी 8 // 1 // कहिणं भंते ! मंदरे पव्वए भद्दसालवणे पउमुत्तरे णाम दिसाहत्थिकूडे प० 1 गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं पुरथिमिल्लाए सीयाए उत्तरेणं एत्थ णं पउमुत्तरे णाम दिसाहत्थिकूडे पण्णत्ते पंचजोयणसयाई उद्धं उच्चत्तेणं पंचगाउयसयाई उव्वेहेणं एवं विक्खम्भपरिक्खेवो भाणियव्वो चुल्लहिमवंतसरिसो, पासायाण य तं चेव पउमुत्तरो देवो रायहाणी उत्तरपुरस्थिमेणं 1, एवं णीलवंतदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स दाहिणपुरत्थिमेणं पुरथिमिल्लाए सीयाए दक्खिणेणं एयस्सवि णीलवंतो देवो रायहाणी दाहिणपुरत्थिमेणं 2, एवं सुहत्थिदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स दाहिणपुरस्थिमेणं दक्खिणिल्लाए सीओयाए पुरत्थिमेणं एयस्सवि सुहत्थी देवो रायहाणी दाहिणपुरस्थिमेणं 3, एवं चेव अंजणागिरिदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं दक्खिणिल्लाए सीओयाए पच्चत्थिमेणं एयस्सवि अंजणागिरी देवो रायहाणी दाहिणपञ्चत्थिमेणं 4, एवं कमुए विदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स दाहिणपञ्चस्थिमेणं पञ्चथिमिल्लाए सीओयाए Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 667 जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 दक्खिणेणं एयस्सवि कुमुओ देवो रायहाणी दाहिणपञ्चत्थिमेणं 5, एवं पलासे विदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं पञ्चस्थिमिल्लाए सीओयाए उत्तरेणं एयस्सवि पलाती देवो रायहाणी उत्तरपञ्चस्थिमेणं 6, एवं वसे विदिसाहस्थिकूडे मंदरस्स० उत्तरपञ्चस्थिमेणं उत्तरिल्लाए सीयाए महाणईए पचत्थिमेणं एयस्सवि वसो देवो रायहाणी उत्तरपञ्चत्थिमेणं 7, एवं रोयणागिरि दिसाहत्थिकूडे मंदरस्स उत्तरपुरस्थिमेणं उत्तरिल्लाए सीयाए पुरथिमेणं एयस्सवि रोयणागिरी देवो रायहाणी उत्तरपुरस्थिमेणं 8 // 103 // कहि णं भंते ! मंदरे पव्वए णंदणवणे णाम वणे पण्णत्ते ? गो०! भद्दसालवणस्स बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ पंचजोयणसयाइं उर्दू उप्पइत्ता एत्थ णं मंदरे पव्वए गंदणवणे णामं वणे पण्णत्ते पंचजोयणसयाई चक्कवालविक्खम्भेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जे णं मंदरं पव्वयं सव्वओ समंता संपरिक्खिताणं चिट्ठइत्ति णवजोयणसहस्साइं णव य चउप्पण्णे जोयणसए छच्चेगारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिविक्खम्भो एगत्तीसं जोयणसहस्साई चत्तारि य अउणासीए ओयणसए किंचिविसेसाहिए बाहिं गिरिपरिरएणं अट्ठ जोयणसहस्साई णव य चउप्पण्णे जोयणसए छच्चेगारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिविक्खम्भो अट्ठावीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य सोलसुत्तरे जोयणसए अट्ट य इक्कारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिपरिरएणं, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिनित्ते वण्णओ जाव देवा आसयंति०, मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं महं एगे सिद्धाययणे पण्णते एवं चउद्दिसिं चत्तारि सिद्धाययणा विदिसासु पुक्खरिणीओ तं चेव पमाणं 'सिद्धाययणाणं पुक्खरिणीणं च पासायवडिंसगा तह चेव सक्केसाणाणं तेणं चेव पमाणेणं, गंदणवणे णं भंते ! कइ कूडा प० ? गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तंजहा-णदंणवणकूडे 1 मंदरकूडे 2 णिसहकूडे 3 हिमवयकडे 4 रययकूडे 5 रुयगकूडे 6 सागरचित्तकूडे 7 वइरकूडे 8 बलकूडे 9 / कहि णं भंते ! णंदणवणे णंदणवणकूडे णामं कूडे प० ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमिल्लसिद्धाययणस्स उत्तरेणं उत्तरपुरस्थिमिल्लस्स पासायवडेंसयस्स दक्खिणेणं एत्थणं णंदणवणे णंदणवण कूडे णामंकूडे पण्णत्ते० पंचसइया कूडा पुव्ववण्णिया भाणियव्वा, देवी मेहंकरा रायहाणी विदिसाएत्ति 1 एयाहिं चेव पुव्वाभिलावेणं णेयव्वा इमे कूडा इमाहिं दिसाहिं पुरथिमिल्लस्स भवणस्स दाहिणेणं दाहिणपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं मंदरे कूडे मेहवई देवी रायहाणी पुव्वेणं 2 दक्खिणिल्लस्स Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 698 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भवणस्स पुरथिमेणं दाहिणपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पञ्चत्थिमेणं णिसहे कूडे सुमेहा देवी रायहाणी दक्खिणेणं दक्खिणिल्लस्स भवणस्स पच्चत्थिमेणं दक्षिणपच्चस्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं हेमवए कूडे हेममालिणी देवी रायहाणी दक्खिणेणं पच्चस्थिमिल्लस्स भवणस्स दक्खिणेणं दाहिणपञ्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं रयए कूडे सुवच्छा देवी रायहाणी पच्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमिल्लस्स भवणस्स उत्तरेणं उत्तरपञ्चस्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स दक्खिणेणं रुयगे कुडे वच्छमित्ता देवी रायहाणी पञ्चत्थिमेणं उत्तरिल्लस्स भवणस्स पञ्चत्थिमेणं उत्तरपञ्चथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पुरस्थिमेणं सागरचित्त कूडे वइरसेगा देवी रायहाणी उत्तरेणं उत्तरिलस्स भवणस्स पुरथिमेणं उत्तरपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पच्चत्थिमेणं वइरकूडे बलाया देवी रायहाणी उत्तरेणंति, कहिणं भंते ! णंदणवणे बलकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पञ्चयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं णंदणवणे बलकूडे णामं कूडे प०, एवं जं चेव हरिस्सहकुडस्स पमाणं रायहाणी य तं चेव बलकूडस्सवि, णवरं बलो देवो रायहाणी उत्तरपुरस्थिमेणंति // 104 // कहि णं भंते ! मंदरए पव्वए सोमणसवणे णामं वणे प० ? गोयमा ! णंदणवणस्स बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अद्धतेवहिँ जोयणसहस्साइं उठें उप्पइत्ता एत्थ णं मंदरे पव्वए सोमणसवणे णामं वणे पण्णत्ते पंचजोयणसयाई चकवालविक्खम्भेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जे णं मंदरं पव्वयं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ चत्तारि जोयणसहस्साई दुण्णि य वावत्तरे जोयणसए अट्ठ य इक्कारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिविक्खम्भेणं तेरस जोयणसहस्साइं पंच य एक्कारे जोयणसए छच्च इक्कारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिपरिरएणं तिण्णि जोयणसहस्साइं दुण्णि य बावत्तरे जोयणसए अट्ठ य इक्कारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिविक्खम्भेणं दस जोयणसहस्साइं तिण्णि य अउणापण्णे जोयणसए तिण्णि य इक्कारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिपरिरएणंति / सेणं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओ किण्हे किण्होभासे जाव आसयंति० एवं कूडवजा सच्चेव णंदणवणवत्तव्वया भाणियव्वा, तं चेव ओगाहिऊण जाव पासायवडेंसगा सक्कीसाणाणंति // 105 // कहि णं भंते ! मंदरपव्वए पंडगवणे णामं वणे प० 1 गोयमा ! सोमणसवणस्स बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ छत्तीसं जोयणसहस्साइं उर्दू उप्पइत्ता एत्थ णं मंदरे पव्वए सिहरतले पंडगवणे णामं वणे पण्णत्ते चत्तारि चउणउए Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 जोयणसए चकवालविक्खंभेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए, जेणं मंदरचूलियं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावटुं जोयणसयं किंचिंविसेसाहियं परिक्खेवेणं, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं आव किण्हे० देवा आसयंति०, पंडगवणस्स बहुमन्झदेसभाए एत्थ णं मंदरचूलिया णामं चूलिया पण्णत्ता चत्तालीसं जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खभेणं उप्पिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं मूले साइरेगाई सत्ततीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाई पणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं उप्पिं साइरेगाई बारस जोयणाई परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पिं तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्ववेरुलियामई अच्छा०, सा णं एगाए पउमवरवेइयाए जाव संपरिक्खित्ता इति उप्पिं बहसमरणिज्जे भूमिभागे जाव सिद्धाययणं बहुमज्झदेसभाए कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणगं कोसं उढे उच्चत्तेणं अणेगखंभसय जाव धूवकडुच्छुगा मंदर चूलियाए णं पुरत्थिमेणं पंडगवणं पण्णासं जोयणाई ओगाहित्ता एत्थ णं महं एगे भवणे पण्णत्ते एवं जच्चेव सोमणसे पुव्ववण्णिओ गमो भवणाणं पुक्खरिणीणं पासायवडेंसगाण य सो चेव णेयवो नाव सक्कीसाणवडेंसगा तेणं चेव परिमाणेणं // 106 // पण्डगवणे णं भंते ! वणे कई अभिसेयसिलाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा! चत्तारि अभिसेयसिलाओ प०, तं०पंडुसिला 1 पण्डुकंबलसिला 2 रत्तसिला 3 रत्तकम्बलसिलेति 4 / कहि णं भंते ! पण्डगवणे पण्डुसिला णामं सिला पण्णत्ता ? गोयमा ! मंदरचूलियाए पुरथिमेणं पंडगवणपुरस्थिमपेरंते एत्थ 'णं पंडगवणे पंडुसिला णामं सिला पण्णत्ता, उत्तरदाहिणायया पाईणपडीणविच्छिण्णा अद्धचंदसंठाणसंठिया पंचजोयणसयाई आयामेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खम्मेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वकणंगामई अच्छा वेइयावणसंडेणं सबओ समंता संपरिक्खित्ता वण्णओ, तीसे णं पण्डुसिलाए चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता जाव तोरणा वण्णओ. तीसे णं पण्डुसिलाए उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव देवा आसयंति०, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए उत्तरदाहिणेणं एत्थ णं दुवे सीहासणा पण्णत्ता पंच धणुसयाइं आयामविक्खम्भेणं अड्डाइजाई धणुसयाई बाहल्लेणं सीहासणवण्णओ भाणियव्वो विजयदूसवज्जोत्ति / तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले सीहासणे तत्थ णं बहूहिँ भवणवइवाणमंतरजोइसियवेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 700 अनंगपविद्वसुत्ताणि कच्छाइया तित्थयरा अभिसिच्चंति, तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले सीहासणे तत्थ णं बहूहिं भवण जाव वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य वच्छाइया तित्थयरा अभिसिच्चंति। कहि णं भंते ! पण्डगवणे पण्डुकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता ? गोयमा ! मंदरचूलियाए दक्खिणेणं पण्डगवणदाहिणपेरंते एत्थ णं पण्डगवणे पण्डुकंबलसिला णामं सिला पणत्ता,पाईणपडीगायया उत्तरदाहिणविच्छिण्णा एवं तं चेव पमाणं वत्तव्वया य भाणियव्वा जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे सीहासणे प० तं चेव सीहासणप्पमाणं तत्थ णं बहूहिँ भवणवइ जाव भारहगा तित्थयरा अहि सिच्चंति, कहि णं भंते! पण्डगवणे रत्तसिला णामं सिला प० ? गो० ! मंदरचूलियाए पच्चत्थिमेणं पण्डगवणपच्चत्थिमपेरंते एत्थ णं पण्डगवणे रत्तसिला णामं सिला पण्णत्ता, उत्तरदाहिणायया पाईणपडीणविच्छिण्णा जाव तं चेव पमाणं सव्वतवणिजमई अच्छा० उत्तरदाहिणेणं एत्थ णं दुवे सीहासणा पण्णत्ता, तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले सीहासणे तत्थ ण बहूहिं भवण० पम्हाइया तित्थयरा अहि सिच्चंति, तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले सीहासणे तत्थ णं बहूहिं भवण जाव वप्पाइया तित्थयरा अहिसिच्चंति, कहि णं भंते !.पण्डगवणे रत्तकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता ? गोयमा ! मंदरचूलियाए उत्तरेणं पण्डगवणउत्तरचरिमंते एत्थ णं पण्डगवणे रत्तकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा सव्वतवणिजमई अच्छा जाव मज्झदेसभाए सीहासणं, तत्थ णं बहूहिं भवणवइ जाव देवेहिं देवीहि य एरावयगा तित्थयरा अहि सिच्चंति // 107|| मंदरस्स णं भंते ! पव्वयस्स कइ कण्डा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ कंडा पण्णत्ता, तंजहा-हिट्ठिल्ले कंडे मज्झिल्ले कण्डे उवरिल्ले कण्डे, मंदरस्स णं भंते ! पव्वयस्स हिडिल्ले कण्डे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तंजहां-पुढवी 1 उवले 2 वइरे 3 सकरा 4, मज्झिमिल्ले णं भंते ! कण्डे कइविहे प० ? गोयमा ! चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-अंके 1 फलिहे 2 जायसवे 3 रयए 4, उवरिल्ले० कंडे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते सव्वजम्बूणयामए, मंदरस्स णं भंते ! पञ्चयस्स हेडिल्ले कण्डे केवइयं बाहल्लेणं प० गोयमा! एगं जोयणसहस्सं बाहल्लेणं पण्णत्ते, मज्झिमिल्ले० कण्डे पुच्छा, गोयमा ! तेवढेि जोयणसहस्साई बाहल्लेणं प०, उवरिल्ले पुच्छा, गोयमा ! छत्तीसं जोयणसहस्साई बाहल्लेणं प०, एवामेव सपुव्वाबरेणं मंदरे पञ्चए एगं जोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पण्णत्ते // 108 // मंदरस्स णं Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 4 70.1 भंते ! पव्वयस्स कइ णामधेजा पण्णत्ता ? गोयमा ! सोलस णामधेजा पण्णत्ता, तंजहा-गाहाओ-मंदर 1 मेरु 2 मणोरम 3 सुदंसण 4 सयंपभे य 5 गिरिराया 6 / रयणोच्चय 7 सिलोच्चय 8 मज्झे लोगस्स 9 णाभी य 10 // 1 // अच्छे य 11 सूरियावत्ते 12, सूरियावरणे 13 तिया / उत्तमे 14 य दिसादी य 15, वडेंसेति 16 य सोलसे // 2 // से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-मंदरे पव्वए 2 ? गोयमा ! मंदरे पव्वए मंदरे णामं देवे परिवसइ महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए, से तेणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-मंदरे पव्वए 2, अदुत्तरं तं चेवत्ति // 109 // कहि णं. भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे णीलवंते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स उत्तरेणं रम्मगवासस्स दक्खिणेणं पुरथिमिल्ललवणसमुदस्स पचत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे 2 णीलवंते णामं वासहर. पव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे णिसहवत्तव्वया णीलवंतस्स भाणियव्वा, णवरं जीवा दाहिणेणं धणुं उत्तरेणं एत्थ णं केसरिदहो, दाहिणेणं सीया महाणई पवूढा समापी उत्तरकुरुं एजमाणी 2 जमगपव्वए णीलवंतउत्तरकुरुचंदेरावयमालवंतद्दहे य दुहा विभयमाणी 2 चउरासीए सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 भद्दसालवणं एजमाणी 2 मंदरं पव्वयं दोहिं जोयणेहिं असंपत्ता पुरत्थाभिमुही आवत्ता समाणी अहे. मालवंतवक्खारपव्वयं दालइत्ता मंदरस्स पदयस्स पुरथिमेणं पुलविदेहवासं दुहा विभयमाणी 2 एगमेगाओ चक्कवट्टिविजयाओ अट्ठावीसाए 2 सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी 2 पंचहिँ सलिलासयसहस्सेहिं बत्तीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे विजयस्स दारस्स जगई दालइत्ता पुरस्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, अवसिढे तं चेवत्ति / एवं णारिकंतावि उत्तराभिमुही णेयव्वा, णवरमिमं णाणत्तं गंधावइवट्टवेयड्पव्वयं जोयणेणं असंपत्ता पच्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी अवसिटुं तं चेव पवहे य मुहे य जहा हरिकंतासलिला इति / णीलवंते णं भंते ! वासहरपव्वए कह कूडा पण्णत्ता ? गोयमा! णव कूडा प०, तंजहा-सिद्धाययणकूडे०, सिद्धे 1 णीले 2 पुव्वविदेहे 3 सीया य 4 कित्ति 5 णारी य 6 / अवरविदेहे 7 रम्मगकूडे 8 उवदंसणे चेव 9 // 1 // सव्वे एए कूडा पंचसइया रायहाणीउ उत्तरेणं / से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-णीलवंते वासहरपव्वए 2 1 गोयमा ! णीले णीलो: भासे णीलवंते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव परिवसइ सव्ववेरुलियामए णीलवंते जाव णिच्चेत्ति // 110 // कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे 2 रम्मए णामं वासे पण्णत्ते ? Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 702 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गो० ! णीलवंतस्स उत्तरेणं रुप्पिस्स दक्खिणेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दग्स पच्चत्थिमेणं पञ्चस्थिमलवणसमुद्दस्स पुरथिमेणं एवं जह चेव हरिवासं तह चेव रम्मयं वासं भाणियव्वं, णवरं दक्खिणेणं जीवा उत्तरेणं धणु अवसेसं तं चेव / कहि णं भंते ! रम्मए वासे गंधावई णामं वट्टवेयड्पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णरकंताए पच्चत्थिमेणं णारीकंताए पुरत्थिमेणं रम्मगवासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं गंधावई णामं वट्टवेयड्ढपव्वए पण्णत्ते, जं चेव वियडावइस्स तं चेव गंधावइस्सवि बत्तव्वं, अट्ठो बहवे उप्पलाई जाव गंधावईवण्णाइं गंधावइप्पभाई पउमे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ,रायहाणी उत्तरेणंति ।से केणटेणं भंते.! एवं वुच्चइ-रम्मए वासे 2 ? गोयमा ! रम्मगवासे णं रम्मे रम्मए रमणिज्जे,रम्मए य इत्थ देवे जाव परिवसइ, से तेणटेणं० / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे रुप्पी णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? रम्मगवासस्स उत्तरेणं हेरण्णवयवासस्स दक्खिणेणं पुरस्थिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे रुप्पी.णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे, एवं जा चेव महाहिमवंतवत्तव्वया सा चेव रुप्पिस्सवि, णवरं दाहिणेणं जीवा उत्तरेणं धणुं अवसेसं तं चेव महापुण्डरीए दहे णरकंता णई दक्खिणेणं णेयव्वा जहा रोहिया पुरस्थिमेणं गच्छइ, रुप्पकूला उत्तरेणं णेयव्वा जहा हरिकता पच्चस्थिमेणं गच्छद्द, अवसेसं तं चेवत्ति / रुप्पिमि णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा प०? गो०! अट्ठ कूडा प०, तं०-सिद्धे 1 रुप्पी 2 रम्मग 3 णरकंता 4 बुद्धि 5 रुप्पकूला य 6 / हेरण्णवय 7 मणिकंचण 8 अट्ट य रुप्पिमि कडाइं // 1 // सव्वेवि एए पंचसइया रायहाणीओ उत्तरेणं / से केणट्रेणं भंते ! एवं वुच्चइ-रुप्पी वासहरपव्वए 2 ? गोयमा ! रुप्पी णाम वासहरपव्वए रुप्पी रुप्पपट्टे रुप्पोभासे सव्वरुप्पामए रुप्पी य इत्थ देवे...पलिओवमट्टिइए परिवसइ से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ त्ति / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे हेरण्णवए णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा! रुप्पिस्स उत्तरेणं सिहरिस्स दक्खिणेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे हेरण्णवए णामं वासे पण्णत्ते, एवं जह चेव हेमवयं तह चेव हेरण्णवयंपि भाणियव्वं, णवरं जीवा दाहिणेणं उत्तरेणं धणुं अवसिढे तं चेवत्ति / कहि णं भंते ! हेरण्णवए वासे मालवंतपरियाए णामं वट्टवेयड्ढपव्वए प०१ गो० ! सुवण्णकूलाए पञ्चत्थिमेणं रुप्पकूलाए पुरथिमेणं एत्थ णं- हेरण्णवयस्स वासस्स बहुमज्झदेसभाए Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 मालवंतपरियाए णामं वट्टवेयडपव्वए प० जह चेव सदावह० तह. चेव मालवंतपरियाएवि, अट्ठो उप्पलाई पउमाई मालवंतप्पभाई मालवंतवण्णाई मालवंतवण्णाभाई पभासे य इत्थ देवे महिहिए...पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणटेणं० रायहाणी उक्तरेणाते / से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चइ-हेरण्णवए वासे 2 1 गोयमा ! हेरण्णवए णं वासे रुप्पीसिहरीहिं वासहरपव्वएहिं दुहओ समवगूढे णिच्च हिरण दलइ णिच्चं हिरणं मुंचइ णिच्चं हिरणं पगासइ हेरण्ण वए य इत्थ देवे परिवसइ०, से एएणटेणंति / कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे सिहरी णामं वासहरपव्वर पण्णत्ते.? गोयमा! हेरण्णवयस्स उत्तरेणं एरावयस्स दाहिणेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स० पञ्चन्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेण, एवं जह चेव चुल्लहिमवंतो तह चेव सिहरीवि णवरं जीवा दाहिणेणं धणु उत्तरेणं अवसिटुं तं चेव पुण्डरीए दहे सुवण्णकूला महाणई दाहिणेणं णेयव्वा जहा रोहियंसा पुरत्थिमेणं. गच्छइ, एवं जह चेव गंगासिन्धुओ तह चेव रत्तारत्तवईओ णेयव्वाओ पुरस्थिमेणं रत्ता पच्चत्थिमेणं रत्तवई अवसिटुं तं चेव [अवसेसं भाणियन्वति / सिहरिम्मि णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गो० ! इक्कारस कूडा प०, तं०-सिद्धाययणकूडे 1 सिहरिकूडे 2 हेरण्णवयकूडे 3 सुर्वण्णकूलाकूडे 4 सुरादेवीकूडे 5 रत्ताकूडे 6 लच्छीकूडे 7 रत्तवईकूडे 8 इलादेवीकूडे 9 एरवयकूडे 10 तिगिच्छिकूडे 11 एवं सव्वेवि कूडा पंचसइया रायहाणीओ उत्तरेणं / से केणटेणं भंते ! एवमुच्चइ-सिहरिवासहरपव्वए 2 ? गोयमा ! सिहरिंमि वासहरपध्वए बहवे कूडा सिहरिसंठाणसंठिया सव्वरयणामया सिहरी य इत्थ देवे जावं परिवसइ, से तेण?णं०, कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे एरावए णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा! सिहरिस्स० उत्तरेणं उत्तरलवणसमुद्दस्स दक्खिणेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरस्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे एरावए णामं वासे पण्णत्ते, खाणुबहुले कंटगबहुले एवं जच्चेव भरहस्स वत्तव्वया सच्चेव सव्वा णिखसेसा णेयव्वा सओअवणा सणिक्खमणा सपरिणिव्वाणा णवरं एरावओ चक्कवट्टी एरावओ देवो, से तेण?णं० एरावए वासे 2 // 111 // चउत्थो वक्खारो समत्तो / . पंचमो वक्खारो जया णं एकमेक्के चक्कवट्टिविजए भगवंतो तित्थयरा समुप्पज्जति तेणं कालेणं तेणं समएणं अहोलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ सएहिं 2 कूडेहिं Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 704 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सएहिं 2 भत्रणेहिं सएहिं 2 पासायवर्ल्डसएहिं पत्तय 2 चउहिँ सामाणियसाहस्सीहिं चउहि महत्तरियाहिं सपरिवाराहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवई हिं सोलसएहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहि अण्णेहि य बहहिं भवणवइवाणमंतरेहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिवुडाओ महया हयणट्टगीयघाइय जाव भोगभोगाई भुंजमाणीओ विहरंति, तंजहा-भोगंकरा 1 भोगवई 2, सुभोगा 3 भोगमालिणी 4 / तोयधारा 5 विचित्ता य, पुष्फमाला 7 अणिंदिया 8 // 1 // तए णं तासिं अहेलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारीणं मयहरियाणं पत्तेयं पत्तेयं आसणाई चलंति, तए णं ताओ अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ट दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ पत्तेयं 2 आसणाई चलियाई पासंति २त्ता ओहिं पउंति पउंजित्ता भगवं तित्थयरं ओहिणा आभोएंति 2 त्ता अण्णमण्णं सद्दाविति २त्ता एवं वयासी-उप्पण्णे खलु भो ! जम्बुद्दीवे 2 भयवं तित्थयरे तं नीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं अहेलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारी महत्तरियाणं भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामो णं अम्हेवि भगवओ जम्मणमहिमं करेमोत्तिकट्ट एवं वयंति 2 त्ता पत्तेयं 2 आभिओगिए देवे सद्दावेंति 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखम्भसयसण्णिविढे लीलट्ठिय० एवं विमाणवण्णओ भाणियव्यो जाव जोयणविच्छिण्णे दिव्वे जाणविमाणे विउव्वित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणहत्ति, तए णं ते आभिओगा देवा अणेगखम्भसय जाव पच्चप्पिणंति, तए णं ताओ अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ट दिसाकुमारीमहत्तरियाओ हट्टतुट्ठ० पत्तेयं 2 चउहिं सामाणियसाहसीहिं चरहिं महत्तरियाहिं जाव अण्णाहिँ बहूहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडाओ ते दिव्वे जाणविमाणे दुरूहंति दुरूहित्ता सव्विड्डीए सव्वजुईए घणमुइंगपणवपवाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणगरे जेणेव० तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणस्स तेहिं दिव्वहिं जाव विमाणेहिं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति 2 त्ता उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए ईसिं चउरंगुलमसंपत्ते धरणियले ते दिव्वे जाणविमाणे ठविंति ठवित्ता पत्तेयं 2 चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव सद्धिं संपरिवुडाओ दिव्वेहितो जाणविमाणेहिंतो पच्चोरुहंति 2 त्ता सव्विड्डीए जाव णाइएणं जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छंति २त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेंति 2 त्ता पत्तेयं 2 करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासी-णमोऽन्थु ते रयणकुच्छिधारिए जगप्पईवदाईए सव्वनग Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 705 जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 मंगलस्स चक्खुणो य मुत्तस्स सव्वजगजीववच्छलस्स हियकारगमग्गदेसियवागिद्धिविभुपभुस्स जिणस्स णाणिस्स णायगस्स बुहस्स बोहगस्स सव्वलोगणाहस्स णिम्ममस्स पंवरकुलसमुब्भवस्स जाईए खत्तियस्स जंसि लोगुत्तमस्स जणणी धण्णासि तं पुण्णासि कयत्थासि अम्हे णं देवाणुप्पिए ! अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामो तण्णं तुब्भाहिं ण भाइयव्वं तिकट्ट उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमंति 2 त्ता वेउब्वियसमुन्धारणं समोहणंति 2 त्ता संखिजाई जोयणाई दंडं णिसिरंति, तंजहा-रयणाणं जाव संवट्टगवाए विउव्वंति 2 त्ता तेणं सिवेणं मउएणं मारुएणं अणु एणं भूमितलविमलकरणेणं मणहरेणं सव्वोउयसुरहिकुसुमगंधाणुवासिएणं पिण्डिमणीहारिमेणं गंधुधुएणं तिरियं पवाइएणं भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणस्स सव्यओ समंता जोयणपरिमण्डलं से जहाणामए-कम्मगरदारए सिया जाव तहेव जं तत्थ तणं वा पत्तं वा कटुं वा कयवरं वा असुइमचोक्खं पूइयं दुब्भिगंधं तं सव्वं आहुणिय 2 एगते एडेंति २त्ता जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छंति 2 ता भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमायाए य अदूरसामंते आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति // 112 // तेणं कालेणं तेणं समएणं उडलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं 2 कूडोहं सएहिं 2 भवणेहिं साह 2 पासायवडेंसएहिं पत्तेयं 2 चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं एवं तं चेव पुव्ववण्णियं जाव विहरंति, तंजहा-मेहंकरा 1 मेहवई 2, सुमेहा 3 मेहमालिणी 4 / सुवच्छा 5 वच्छमित्ता य 6, वारिसेणा 7 बलाहगा 8 // 1 // तए णं तासिं उड्डलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारीमहत्तरियाणं पत्तेयं 2 आसणाई चलंति, एवं तं चेव पुव्ववणियं भाणियव्वं जाव अम्हे ण देवाणुप्पिए! उड्डलोगवत्थव्वाओ अट्ट दिसाकुमारीमहत्तरियाओ जेणं भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामो तेणं तुब्भाहिं ण भाइयव्यंतिकट्ट उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवकमंति 2 त्ता जाव अब्भवद्दलए विउव्वंति 2 त्ता जाव तं णिहयरयं णहरयं भट्टरयं पसंतरयं उवसंतरयं करेंति 2 त्ता खिप्पामेव पच्चुवसमंति, एवं पुप्फवद्दलंसि पुष्फवासं वासंति वासित्ता जाव कालागुरुपवर जाव सुरवराभिगमणजोग्गं करेंति २त्ता जेणेव भयवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता जाव आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति // 113 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पुरस्थिमरुयगवत्थव्वाओ अट्ट दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं 2 कडहिं Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 706 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तहेव जाव विहरंति, तंजहा-गाहा–णंदुत्तरा य 1 णंदा 2 आणंदा 3 णंदिवद्धणा 4 / विजया य 5 वेजयंती 6, जयंती 7 अपराजिया 8 // 1 // सेसं तं चेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्यंतिकट्ट भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमायाए य पुरस्थिमेणं आयंसहत्थरयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति / तेणं काले गं तेणं समएणं. दाहिणल्यगवत्थव्वाओ अट्ट दिसाकुमारीमहत्तरियाओ तहेव जाव विहरंति, तंजहा-गाहा-समाहारा 1 सुप्पइण्णा 2 सुप्पबुद्धा 3 जसोहरा 4 / लच्छिमई 5 सेसवई 6 चित्तगुत्ता 7 वसुंधरा 8 // 1 // तहेव जाव तुब्भाहिँ ण भाइयव्वंतिकट्ट भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य दाहिणेणं भिंगारहत्थगयाओ आगायमाणीओ. परिगायमाणीओ चिट्ठति / तेणं कालेग तेणं समएणं पञ्चत्थिमस्यगवत्थचाओ अट्ट दिसाकुमारीमहत्तरियाओसएहिं 2 जाव विहरंति, तं०-इलादेवी 1 सुरादेवी 2 पुहवी , 3 पउमावई 4 / एगणासा 5 :णवमिया 6 भद्दा 7 सीया य 8 अट्ठमा // 1 // तहेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्ट जाव भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य पच्चत्थिमेणं तालियंटहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति / तेणं कालेणं तेणं समएणं उत्तरिलरुयगवत्थव्वाओ जाव विहरंति, तंजहा-अलंबुसा 1 मिस्सकेसी 2 पुण्डरीया य 3 वारुणी. 4 / हासा 5 सब्बप्पमा 6 चेव, सिरि 7 हिरि 8 चेव उत्तरओ // 1 // तहेव जाव वंदित्ता भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य उत्तरेणं चामरहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति / तेणं कालेणं तेणं समएणं विदिसिरुयगवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीमहत्तरियाओ जाव विहरंति, तंजहा-चित्ता य 1 चित्तकणगा 2 सतेरा 3 य सोदामिणी 4 / तहेव जाव ण भाइयव्वंतिकद भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य चउसु विदिसासु दीवियाहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठतित्ति / तेणं कालेणं तेणं समएणं मज्झिमरुयगवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं 2 कूडेहिं तहेव जाव विहरंति, तंजहा-रूया रूयासिया चेव, सुरूया रूयगावई / तहेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्ट भगवओ तित्थयरस्स चउरंगुलवज्जं णाभिणालं कप्पंति कप्पेत्ता विवरगं खणंति खणित्ता वियरगे णाभिं णिहणंति णिहणित्ता रयणाण य वइराण य पूरेंति 2 त्ता हरियालियाए पेढं बंधति 2 त्ता तिदिसि तओ कयलीहए. विउव्वंति, तए णं तेसिं कयलीहरगाणं बहुमज्झदेसभाए तओ चाउस्सालए विउव्वंति, तए णं तेसिं चाउस्सालगाणं बहु Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 707 मज्झदेसभाएं तओ सीहासणे विउव्वंति, तेसि णं सीहासणाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते सव्वो वण्णगो भाणियब्यो / तए णं ताओ रुयगमज्झवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीओ(महत्तराओ)जेणेव भयवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हंति तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हंति 2 त्ता जेणेव दाहिणिल्ले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयाति 2 त्ता सयपागसहस्सपागेहिं तिल्लेहिं अब्भंगेति 2 त्ता सुरभिणा गंधवट्टएणं उव्वर्टेति 2 त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहासु गिण्हति 2 त्ता जेणेव पुरस्थिमिल्ले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयावेंति 2 त्ता तिहिं उदएहिं मजाति, तंजहा-गंधोदएणं 1 पुष्फोदएणं 2 सुद्धोदएणं 3 मजावित्ता सव्वालंकारविभूसियं करेंति 2 त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हति २त्ता जेणेव उत्तरिल्ले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव, सीहासणे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयाविति 2 त्ता आभिओगे देवे सद्दाविति 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चुलहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ गोसीसचंदणकट्ठाइं साहरह, तए णं ते आभिओगा देवा त्यहिं रुयगमज्झवत्थव्वाहिँ चउहिं दिसाकुमारीमहत्तरियाहिं एवं बुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव विणएणं वयणं पडिच्छंति 2 त्ता खिप्पामेव चुल्लहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ सरसाइं गीसीसचंदणकट्ठाई साहरंति, तए णं ताओ मज्झिमरुयगवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सरगं करेंति 2 त्ता अरणि घडेति अरणिं घडित्ता सरएणं अरणिं माहति 2 त्ता अग्गिं पाडेति 2 त्ता अग्गिं संधुक्खंति 2 त्ता गोसीसचंदणकट्टे पक्खिवंति 2 त्ता अग्गि उजालंति 2 त्ता समिहाकट्ठाई पक्खिविंति 2 त्ता अग्गिहोमं करेंति 2 त्ता भूइकम्मं करेंति 2 त्ता रक्खापोलियं बंधंति बंधेत्ता णाणामणिरयभत्तिचित्ते दुविहे पाहाणवट्टगे गहाय भगवओ तित्थयरस्स कण्णमूलंमि टिट्टियाविंति भवउ भयवं पव्वयाउए 2 / तए णं ताओ रुयगमज्झवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीमहत्तरियाओ भयवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हंति गिण्हित्ता जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छंति 2 ता तित्थयरमायरं सयणिज्जसि Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 708. अनंगपविट्ठसुत्ताणि णिसीयाविति णिसीयावित्ता भयवं तित्थयरं माऊए पासे टवेंति ठवित्ता आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिटुंतीति // 114 // तेणं कालेणं. तेणं समएणं सक्के णामं देविंदे देवराया वजपाणी पुरंदरे सयव कऊ सहस्सक्खे मघवं पागसासणे दाहिणड्डलोगाहिवई बत्तीसविमाणावाससयसहस्साहिवई एरावणवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे आलइयमालमउडे णवहेमचारचित्तचंचलकुण्डलविलिहिजमाणगंडे भासुरबोंदी पलम्बवणमाले महिडिए महज्जुइए महाबले महायसे महाणुभागे महासोक्खे सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सबकंसि सीहासगंसि से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसाहसीणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं अट्ठप्हं अग्गमहि सीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं चउहं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अण्ण्णेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुपडहवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणं चलइ, तए णं से सक्के जाव आसणं चलियं पासइ 2 त्ता ओहिं पउंजइ पउंजित्ता भगवं तित्थयरं ओहिणा आभोएइ 2 त्ता हट्टतुट्ठचित्ते आणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए धाराहयकयंबकुसुमचंचुमालइयऊसवियरोमकूवे वियसियवरकमलणयणवयणे पयलियवरकडगटुडियकेऊरमउडे कुण्डलहारविरायंतवच्छे पालम्बपलम्बमाणघोलंतभूसणधरे ससंझमं तुरियं चवलं सुरिंदे सीहासणाओ अन्भुढेइ 2 त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता वेसलियवरिट्ठरिट्ठअंजणणिउणोवियमि सिमिसिंतमणिरयणमंडियाओ पाउयाओ ओमुयइ 2 त्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ 2 त्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे सत्तट्ठ पयाइं अणुगच्छइ 2 त्ता वामं जाणुं अंचेइ 2 ता दाहिणं जाणुं धरणीयलंसि साहट्ट तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि णिवेसेइ 2 त्ता ईसिं पच्चुण्णमइ 2 त्ता कडगतुडियथंभियाओ भुयाओ साहरइ 2 त्ता करयलपरिग्गहियं० सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासी-णमोऽत्थु णं अरहंताणं भगवंताणं, आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुण्डरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं लोगणाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं, अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं ज.वदयाणं बोहिदयाणं, धम्मदया घामदेस Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 709 याणं धम्मणायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्वटीणं, द.वो ताणं सरणं गई पट्टा अप्पडिहयवरणाणदंसणधराणं वियदृछउमाणं, जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाण बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं, सव्वण्णूणं सव्वदरिसीणं सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्तिसिद्धिगाणामधेयं ठाणं संपत्ताणं णमो जिणाणं जियभयाणं, णमोऽत्थु णं भगवओ तित्थयरस्स आइगरस्स जाव संपाविसकामस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए, पासउ मे भयवं ! तत्थगए इहगयंतिकट्ट वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता सौहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे, तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पज्जित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जम्बुद्दीवे दीवे भगवं तित्थयरे तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं तित्थयराणं जम्मणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करेमित्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 त्ता हरिणेगमेसिं पायत्ताणीयाहिवई देवं सद्दावेद 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सभाए सुहम्माए मेघोघरसियगंभीरमहुरयरसदं जोयणपरिमण्डलं सुघोस सूसरं घंटे तिक्खुत्तो उल्लालेमाणे 2 महया महया सद्देणं उग्धोसेमाणे 2 एवं वयाहि-आणवेइ णं भो ! सक्के देविदे देवराया गच्छइ णं भो ! सक्के देविंदे देवराया जम्बुद्दीवे 2 भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करित्तए, तं तुब्मेवि णं देवाणुप्पिया ! सब्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेणं सव्वणाडएहिं सब्योवरोंहेहिं सव्वपुप्फगंधमल्लालंकारविभूसाए सव्वदिव्वतुडियसद्दसण्णिणाएणं महया इड्डीए जाव रवणं णिययपरियालसंपरिवुडा सयाई 2 जाणविमाणवाहणाई दुरूढा समाणा अकालपरिहीणं चेव सक्कस्स जाव अंतियं पाउन्भवह, तए णं से हरिणेगमेसी देवे पायत्ताणीयाहिवई सक्केणं 3 जाव एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ जाव एवं देवोत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता सकस्स 3 अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव सभाए सुहम्माए मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसद्दा जोयणपरिमण्डला सुघोसा घण्टा तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसई जोयणपरिमण्डलं सुघोसं घण्टं तिक्खुत्तो उल्लालेइ, तए णं तीसे मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसद्दाए जोयणपरिमण्डलाए सुघोसाए घण्टाए तिक्खुत्तो उल्लालियाए समाणीए. सोहम्मे कप्पे अण्णेहिं एगणेहिं बत्तीसविमाणावाससयसहस्सेहिं अण्णाई एगूणाई बत्तीसं घण्टासयसहस्साइं जमगसमगं कणकणारावं काउं पयत्ताइं चावि हुत्था, तए णं सोहम्मे कप्पे. पासायविमाणणिक्खुडावडियसद्दसमुट्टियघण्टापडिया Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 710 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सयसहस्ससंकुले जाए यावि होत्था, तए णं तेसिं सोहम्मकप्पवासीणं बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य एगंतरइपसत्तणिच्चप्पमत्तविसयसुहमुच्छ्यिाणं सूसरघंटारसियविउलबोलपूरियचवलपडिबोहणे कए समाणे घोसणकोऊहलदिण्णकण्णएग्गचित्तउवउत्तमामसाणं से पायत्ताणीयाहिवई देवे तंसि घंटारवंसि णिसंतपडिसंतसि समाणंसि तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणे 2 एवं वयासी-हंत ! सुगंतु भवंतो बहवे सोहम्मकप्पवासी वैमाणियदेवा देवीओ य सोहम्मकप्पवइणो इणमो वयणं हियसुहत्थं-आणवेइ णं भो! सक्के तं चेव जाव अंतियं पाउब्भवहत्ति, तए णं ते देवा देवीओ य एयमढे सोचा हट्टतुट्ठ जाव हियया अप्पेगइया वंदणवत्तियं एवं पूयण वत्तियं सक्कारवत्तियं सम्माणवत्तियं दसणवत्तियं कोऊहलवत्तियं जिणभत्तिरागेणं अप्पेगइया सक्कस्स वयणमगुवट्टमाणा अप्पेगइया अण्णमण्णमणुवट्टमाणा अप्पेगइया तं जीयमेयं एवमाइलिकट्ट जाव पाउन्भवंतित्तिः / तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते वेमाणिए देवे देवीओ य अकालपरिहीणं चेव अंतिय पाउन्भवमाणे पासइ 2 त्ता हट्ट० पालयं णामं आभिओगियं देवं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखम्भसयसण्णिविट्टै लीलट्ठियसालभंजियाकलियं ईहामियउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं खंभुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामं विजाहरजमलजुयलजंतजुत्तंपिव अच्चीसहस्समालिणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं सुहफासं सस्सिरीयरूवं घण्टावलियमहुरमणहरसरं सुहं कंतं दरिसणिज्जं णिउणोवियमि सिमिसिंतमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं जोयणसयसहस्सविच्छिण्णं पंचजोयणसयमुव्विद्धं सिग्धं तुरियं जइणणिव्वाहि-दिव्वं जाणविमाणं विउव्वाहि रत्ता एयमाणत्तिय पच्चप्पिणाहि // 115 // तए णं से पालयदेवे सक्केणं देविंदेणं देवरण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ जाव वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणित्ता तहेव करेइ इति, तस्स णं दिव्वस्स जाणविमाणस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवगा वण्णओ, तेसि णं पडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं 2 तोरणा वण्णओ जाव पडिरूवा, तस्स णं जाणविमाणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे०,से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव दीवियचम्मेइ वा अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए आवडपच्चावडसेढिप्पसेढिसुत्थियसोवत्थियवद्धमाणपुसमाणव-मच्छंडगमगरंडगजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयपउमलयभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहि सप्पभेहिं समरीइएहि सउज्जोएहिं . णाणाविहपंचवण्णोहि Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 711 मणीहिं उक्सोभिए, तेसि णं मणीणं वण्णे गंधे फासे य भाणियब्वे जहां रायप्पसेण इज्जे / तस्स णं भूमिभागस्स .बहुमज्झदेसभाए पेच्छाघरमण्डवे अणेगखम्भसयसण्णिविढे वण्णओ जाव पडिरूवे, तस्स उल्लोए पउमलयभत्तिचित्ते जाव सव्वतवणिजमए जाव पडिरूवे, तस्स णं मण्डवस्स बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागंसि महं एगा मणिपेढिया० अट्ठ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई वण्णओ, तीए उवरिं महं एगे सीहासणे वण्णओ, तस्सुवरि महं एगे विजयदूसे सव्वरयणामए वण्णओ, तस्स मज्झदेसभाए एमे वइरामए अंकुसे, एत्थ णं महं एगे कुम्भिक्के मुत्तादामे, से णं अण्णेहिं तदधुच्चत्तप्पमाणमित्तेहिं चाहिं अद्धकुम्भिक्केहिं मुत्तादामहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, ते णंदामा ततणिजलंबूसगा सुवण्णपयरगमण्डिया णाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोभियसमुदया ईसिं अण्णमण्णमसंपत्ता पुव्वाइएहिं वाएहिं मंदं 2 एइजमाणा जाव णिबुइकरेणं सद्देणं ते पएसे आपूरेमाणा 2 जाव अईव 2 उवसोभेमाणा 2 चिट्ठति, तस्स णं सीहासणस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं सक्कस्स० चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं चरासीइभद्दासणसाहस्सीओ पुरथिमेणं अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं एवं दाहिणपुरस्थिमेणं अभितरपरिसाए दुवालसहं देवसाहस्सीणं दाहिणेणं मज्झिमाए० चउदसण्हं देवसाहस्सीणं दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरपरिसाए सोलसण्हं देवसाहस्सीणं पञ्चत्थिमेणं सत्तण्हं अणियाहिवईणंति, तए णं तस्स सीहासणस्स चउद्दिसिं चउण्हं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं एवमाई विभासियव्वं सूरियाभगमेणं जाव पञ्चप्पिणंतित्ति // 116 // तए णं से सक्के हट्ट जाघ हियए दिव्वं जिणेदाभिगमणजुग्गं सव्वालंकारविभूसियं उत्तरवेउव्वियं रूवं विउव्वइ 2 त्ता अट्टहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं णट्ठाणीएणं गंधवाणीएण य सद्धिं तं विमाणं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे 2 पुविल्लेणं तिसोवाणेणं दुरूहइ 2 त्ता जाव सीहासणंसि पुरस्थाभिमुहे सण्णिसण्णेत्ति, एवं चेव सामाणियावि उत्तरेणं तिसोवाणेणं दुरूहित्ता पत्तेयं 2 पुषण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति, अवसेसा देवा य देवीओ य दाहिणिल्लेणं तिसोवाणेणं दुरूहित्ता तहेव जाव णिसीयंति, तए णं " तस्स सक्कस्स तंसि० दुरूढस्स० इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया०, तयणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं दिव्वा य छत्तपडागा सचामरा य दंसणरइय. आलोयदरिसणिजा वाउद्धृयविजयवेजयंती य समूसिया गगणतलमणुलिहंती Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 712 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पुरओ अहाणुपुब्बीए संपट्ठिया, तयणंतरं.."छत्तभिंगारं०, तयणंतरं च णं वइरामयवट्टलट्ठसंठिय-सुसिलिट्ठपरिघट्टमट्टसुपइट्ठिए विसिटे अणेगवरपंचवण्णकुडभीसहस्सपरिमण्डियाभिरामे वाउछुयविजयवेजयंतीपडागाछत्ताइच्छन्तकलिए तुंगे गयणयलमणुलिहंतसिहरे जोयणसहस्समूसिए महइमहालए महिंदज्झए पुरओ अहाणुपुत्वीए संपट्टिए तयणंतरं च णं सरूवणेवत्थपरियच्छिसुसजा सव्वालंकारविभूसिया पंच अणिया पंच अणियाहिवइणो जाव संपट्टिया, तयणंतरं च णं बहवे आभिओगिया देवा य देवीओ य सएहिं सएहिं रूवेहिं जाव णिओगेहिं सक्कं देविंदं देवरायं पुरओ य मग्गओ य पासओ य अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे सोहम्मकप्पवासी देवा य देवीओ य सव्विड्डीए जाव दुरूढा समाणा० मग्गओ य जाव संपट्ठिया, तए णं से सक्के तेणं पंचाणियपरिक्खित्तेणं जाव महिंदज्झएणं पुरओ पकड्डिजमाणेणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीहिं जाव परिवुडे सब्विड्डीए जाव रवेणं सोहम्मस्स कप्पस्स मज्झमज्झेणं तं दिव्वं देविढेि जाव उवदंसेमाणे 2 जेणेव सोहम्मस्स कप्पस्स उत्तरिल्ले णिजाणमन्गे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता जोयणसयसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं ओवयमाणे 2 ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए वीईवयमाणे 2 तिरियमसंखिजाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं जेणेव णंदीसरवरे दीवे जेणेव दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता एवं जा चेव सूरियाभस्स वत्तव्वया णवरं सक्काहिगारो वत्तव्यो जाव तं दिव्वं देविड्ढेि जाव दिव्वं जाणविमाणं पडिसाहरमाणे 2 जाव जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणगरे जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता भगवओ तित्थयरस्स जम्मण भवणं तेणं दिव्वेणं जाण विमाणेणं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ 2 त्ता भगवओ तित्थयरस्स जम्भणभवणस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसिभागे चउरंगुलमसंपत्तं धरणियले तं दिव्यं जाणविमाणं ठवेइ 2 त्ता अट्टहिं अग्गमहिसीहिं दोहिं अणीएहिं गंधव्वाणीएण य णट्टाणीएण य सद्धिं ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ परस्थिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहइ, तए णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो चउरासीइसामाणियसाहस्सीओ ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहंति, अवसेसा देवा य देवीओ य ताओ दिवाओ जाणविमाणाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहंतित्ति / तए णं से सक्के देविंदे देवराया चउरासीए सामाणियसाहस्सिएहिं जाव सद्धिं संपरिबुडे सविडीए Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 जाव दुंदुहिणिग्घोसणाइयरवेणं जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता आलोए चेव पणामं करेइ 2 त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २त्ता करयल जाव एवं वयासी-णमोऽत्थु ते रयणकुच्छिधारिए एवं जहा दिसाकुमारीओ जाव धण्णासि पुण्णासि तं कयत्थासि, अहणं देवाणुप्पिए ! सक्के णामं देविंदे देवराया भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामि, तं गं तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकटु ओसोवणिं दलयइ 2 त्ता तित्थयरपडिरूवगं विउब्वइ 2 त्ता तित्थयरमाउयाए पासे ठवेइ 2 त्ता पंच सक्कें विउव्वइ विउवित्ता एगे सक्के भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ एगे सक्के पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ दुवे सक्का उभओ पासिं चामरुक खेवं करेंति एगे सक्के पुरओ वज़पाणी पकडइत्ति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया अण्णेहिं बहूहिं भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिएहिं देवेहिं देवी हि य सद्धिं संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव वीईवयमाणे 2 जेणेव मंदरे पवए जेणेव पंडगवणे जेणेव अभिसेयसिला जेणेव अभिसेयसीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णेत्ति // 117 // तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविदे देवराया सूलपाणी वसभवाहणे सुरिंदे उत्तरडलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणवाससयसहस्साहिवई अरयंबरवत्थधरे एवं जहा सक्के इमं णाणत्त-महाघोसा घण्टा लहुपरक्कमो पायत्ताणिग्याहिवई पुप्फओ विमाणकारी दक्षिणे णिजाणमन्गे उत्तरपुरथिमिल्लो रइकरगपव्वओ मंदरे समोसरिओ जाव पज्जुवासइत्ति, एवं अवसिट्ठावि इंदा भाणियव्वा जाव अच्चुओत्ति, इमं णाणतं-चउरासीइ असीई बावत्तरि सत्तरी य सट्ठी य / पण्णा चत्तालीसा तीसा वीसा दस सहस्सा // 1 // एए सामाणियाणं, बत्तीसट्ठावीसा बारसट्ट चउरो सयसहस्सा / पण्णा चत्तालीसा उच्च सहस्सा सहस्सारे // 1 // आणयपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणच्छुए तिण्णि। एए विमाणाणं, इमे जाणविमाणकारी देवा, तंजहा-पालय 1 पुप्फे य 2 सोमणसे 3 सिरिवच्छे य 4 णंदियावत्ते 5 / कामगमे 6 पीइगमे 7 मणोरमे 8 विमल 9 सव्वओभद्दे 10 // 1 // सोहम्मगाणं सणकुमारगाणं बंभलोयगाणं महासुक्कयाणं पाणयगाणं इंदाणं सुघोसा घण्टा हरिणेगमेसी पायत्ताणीयाहिवई उत्तरिल्ला णिजाणभूमी दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए, ईसाणगाणं माहिंदलंतगसहस्सारअच्चुयगाण य इंदाण महाघोसा घण्टा लहुपरक्कमो पायत्ताणीयाहिवई दक्खिणिल्ले णिजाणम गे Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 714 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उत्तरपुरस्थिमिल्ले रइकरगपव्वए, परिसा णं जहा जीवाभिगमे आयरक्खा सामाणियचउग्गुणा सव्वेसिं जाणविमाणा सव्वेसिं जोयणसयसहस्सविच्छिण्णा उच्चत्तेणं सविमाणप्पमाणा महिंदज्झया सव्वेसिं जोयणसाहस्सिया, सक्कवजा मंदरे समोयरंति जाव पज्जुवासंतित्ति // 118 // तेणं कालेणं तेण समएणं चमरे असुरिंदे असुरराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसेहिं चउहिं लोगपालेहिं पंचहिं अग्गमहिसी हिं सपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवई हिं चउहिं चउसट्ठीहिं आयरक्खदेवसाहसीहिं अण्णेहि य जहा सक्के णवरं इमं णाणत्तंदुमो पायत्ताणीयाहिवई ओघस्सरा घण्टा विमाणं पण्णासं जोयणसहस्साइं महिंदज्झओ पंचजोयणसयाई विमाणकारी आभिओगिओ देवो अवसिडें तं चेव जाव मंदरे समोसरइ पज्जुवासइत्ति / तेणं कालेणं तेणं समएणं बली असुरिंदे असुरराया एवमेव णवरं सट्ठी सामाणियसाहस्सीओ चउगुणा आयरक्खा महादुमो पायत्ताणीयाहिवई महाओहस्सरा घण्टा सेसं तं चेव परिसाओ जहा जीवाभिगमे / तेणं कालेणं तेणं समएणं धरणे तहेव णाणत्तं-छ सामाणियसाहस्सीओ छ अग्गमहिसीओ चउग्गुणा आयरक्खा मेघस्सरा घण्टा भद्दसेणो पायत्ताणीयाहिवई विमाणं पणवीसं जोयणसहस्साइं महिंदज्झओ अड्डाइजाइं जोयणसयाई एवमसुरिंदवज्जियाणं भवणवासिइंदाणं, णवरं असुराणं ओघस्सरा घण्टा णागाणं मेघस्सरा सुवण्णाणं हंसस्सरा विज्जूणं कोंचस्सरा अग्गीणं मंजुस्सरा दिसाणं मंजुघोसा उदहीणं सुस्सरा दीवाणं महुरस्सरा वाउणं णंदिस्सरा थणियाणं णंदिघोसा, चउसट्ठी सट्ठी खलु छच्च सहस्सा उ असुरवजाणं / सामाणिया उ एए चउग्गुणा आयरक्खा उ // 1 // दाहिणिल्लाणं पायत्ताणीयाहिवई भद्दसेणो उत्तरिल्लाणं दक्खोत्ति / वाणमंतरजोइसिया णेयव्वा, एवं चेव, णवरं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चत्तारि अग्गमहिसीओ सोलस आयरक्खसहस्सा विमाणा सहस्सं महिन्दज्झया पणवीसं जोयणसयं घण्टा दाहिणाणं मंजुस्सरा उत्तराणं मंजुघोसा पायत्ताणीयाहिवई विमाणकारी य आभिओगा देवा जोइसियाणं सुस्सरा सुस्सरणिग्घोसाओ घण्टाओ मंदरे समोसरणं जाव पज्जुवासंतित्ति // 119 // तए णं से अच्चुए देविंदे देवराया महं देवाहिवे आभिओगे देवे सद्दावेइ-२ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! महत्थं महग्धं महरिहं विउलं तित्थयराभिसेयं उवट्ठवेह, तए णं ते आभिओगा देवा हट्टतुट्ठ जाव पडिंसुणित्ता उत्तरपुर Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 715 त्थिमं दिसीभागं अवकमंति 2 त्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं जाव समोहणित्ता अट्ठसहस्सं सोवण्णियकलसाणं एवं रुप्पमयाणं मणिमयाणं सुवण्णरुप्पमयाणं सुवण्णमणिमयाणं रुप्पमणिमयाणं सुवण्णरुप्पमणिमयाणं अट्ठसहस्सं भोमिजाणं अट्ठसहस्सं चंदणकलसाणं एवं भिंगाराणं आयंसाणं थालाणं पाईणं सुपइगाणं चित्ताणं रयणकरंडगाणं वायकरगाणं पुप्फचंगेरीणं, एवं अहा सूरियाभस्स सव्वचंगेरीओ सव्वपडलगाइं विसेसियतराई भाणियव्वाइं सीहासणछत्तचामरतेल्लसमुग्गा जाव सरिसवसमुग्गा तालियंटा जाव अट्ठसहस्सं कडुच्छुयाणं विउव्वंति विउव्वित्ता साहाविए वेउव्विए य कलसे जाव कड़च्छुए य गिण्हित्ता जेणेव खीरोदए समुद्दे तेणेव आगम्म खीरोदगं गिण्हंति 2 त्ता जाई तत्थ उप्पलाइं पउमाई जाव सहस्सपत्ताइं ताइं गिण्हंति, एवं पुक्खरोदाओ जाव भरहेरखयाणं मागहाइतित्थाणं उदगं मट्टियं च गिण्हंति 2 त्ता एवं गंगाईणं महाणईणं जाव चुल्लहिमवंताओ सव्वतुवरे सव्वपुप्फे सव्वगंधे सव्वमल्ले जाव सव्वोसहीओ सिद्धत्थए य गिण्डंति रत्ता पउमद्दहाओ दहोदगं उम्पलाईणि य०, एवं सव्वकुलपव्वएसु वट्टवेयड्ढेसु सव्वमहद्दहेसु सव्ववासेसु सव्यचक्कवट्टिविजएसु वक्खारपव्वएसु अंतरणईसु विभासिज्जा जाव उत्तरकुरुसु जाव सुदंसणभद्दसालवणे सव्वत्वरे जाव सिद्धत्थए य गिण्हंति, एवं णंदणवणाओ सव्वतुवरे जाव सिद्धत्थए य सरसं च गोसीचंदणं दिव्वं च सुमणदामं गेण्हंति, एवं सोमणसपंडगवणाओ य सव्व. तुवरे जाव सुमणदामं दद्दरमलयसुगंधे य गिण्हंति 2 त्ता एगओ मिलंति 2 त्ता जेणेव सामी तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता महत्थं जाव तित्थयराभिसेयं उववेंतित्ति // 120 // तए णं से अच्चुए देविंदे देवराया दसहिं सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसएहिं चउहिं लोगपालहिं तिहि परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणिया. हिवईहिं चत्तालीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीहिं साई संपरिवुडे तेहिं साभाविएहिं वेउन्विएहि य वरकमलपइट्ठाणेहिं सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं चंदणकयचच्चाए हि आविद्धकण्टेगुणेहिं पउमुप्पलपिहाणेहिं करयलसुकुमालपरिग्गहिएहिं अट्ठसहस्सेणं सोवणियाणं कलसाणं जाव अट्ठसहस्सेणं भोमेजाणं जाव सव्वोदएहिं सव्वमादियाहिं सव्वतुवरेहिं जाव सव्वोसहि सिद्धत्थए हिं सव्विड्डीए जाव रवेणं महया 2 नित्थयराभिसेएणं अभिसिंचइ, तए णं सामिस्स महया 2 अभिसेयंसि वट्टमा सि इंदाइया देवा छत्तचामर-धूवकडुच्छुए-पुप्फगंध जाव हत्थगया हट्टतुट्ठ जाव वजसूलपाणी पुरओ चिटुंति पंजलिउडा इति, एवं विजयाणुसारेण जाव अप्पेगडया देवा आसियसंमज्जिओवलित्तसित्तसुइसम्मट्टरत्यंतरावणवीहियं करेंति जाव गंध Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 716 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वट्टिभूयंति, अप्पेग० हिरण्णवासं वासिंति एवं सुवण्णरयणवइरआभरणपत्तपुप्फफलबीयमल्लगंधवण्ण जाव चुण्णवासं वासंति, अप्पेगइया हिरण्णविहिं भाइंति एवं जाव चुण्णविहिं भाइंति, अप्पेगइया चउब्विहं वज्जं वाएंति, तंजहा-तंतं 1 विततं 2. घणं 3 झुसिरं 4 अप्पेगइया चउव्विहं गेयं गायंति, तंजहा-उक्खित्तं 1 पायत्तं 2 मंदाइयं 3 रोइयावसाणं 4 अप्पेगइया चउव्विहं पढें णच्चंति,तं०-अंचियं 1 दुयं 2 आरभडं 3 भसोलं 4 अप्पेगइया चउव्विहं अभिणयं अभिणएंति, तं०-दिलृतिय पडिस्सुइयं. सामण्णोवणिवाइयं लोगमज्झावसाणियं, अप्पेगइया बत्तीसइविहं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया उप्पयणिवयं णिवयउप्पयं संकुचियपसारियं जाव भंतसंभंतणामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसंतीति, अप्पेगइया तंडवेंति अप्पेगइया लासेंति, अप्पेगइया पीणेति, एवं बुक्कारेंति अप्फोडेंति वगंति सीहणायं णदंति अप्पे० सव्वाइं . करेंति,अप्पे०हयहेसियं एवं हत्थिगुलुगुलाइयं रहघणघणाइयं अप्पे०तिण्णिवि, अप्पे० उच्छोलंति अप्पे० पच्छोलंति अप्पे० तिवई छिंदंति पायदद्दरयं करेंति भूमिचवेडे दलयंति अप्पे० महया 2 सद्देणं वेंति एवं संजोगावि भासियव्वा, अप्पे हकारेंति, एवं पुकारेंति थक्कारेंति ओवयंति उप्पयंति परिवयंति जलंति तवंति पयवंति गज्नति विज्जुयायंति वासिंति"",अप्पेगइया देवुकलियं करेंति एवं देवकहकहगं करेंति अप्पे० दुहुदुहुगं करेंति अप्पे० विकियभूयाई रूवाई विउव्वित्ता पंणच्चंति एवमाइ विभासेजा जहा विजयस्स जाव सव्वओ समंता आधाति परिधावेतित्ति // 121 // तए णं से अच्चुइंदे सपरिवारे सामि तेणं महया महया अभिसेएणं अभिसिंचइ 2 त्ता करयलपरिग्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेइ 2 त्ता ताहिं इट्ठाहिं जाव जयजयसदं पउंजइ पउंजित्ता जाव पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लूहेइ 2 त्ता एवं जाव कप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेइ 2 त्ता जाव णट्टविहिं उवदंसेइ 2 त्ता अच्छेहि सण्हेहिं रययामएहिं अच्छरसातंदुलेहिं भगवओ सामिस्स पुरओ अट्ठ मंगलगे आलिहइ, तंजहा-दप्पण भद्दासण वद्धमाण वरकलस मच्छ सिरिवच्छा, सोत्थिय णंदावत्ता लिहिया अट्ठ मंगलगा।॥१॥ लिहिऊण करेइ उवयारं किं ते ? पाडल-मल्लिय-चंपगसोगपुण्णाग-चूयमंजरि-णवमालिय-बउलतिलय-कणवीरकुंदकुजग कोरंटपत्त-दमणगवरसुरभिगंधगंधियस्स कयग्गहगहिय करयलपन्भट्ठविप्पमुक्कस्स दसद्धवण्णस्स कुसुमणियरस्स तत्थचित्तं जाणुस्सेहपमाणमित्त ओहिणिकरं करेइ 2 त्ता चंदप्पभरयणवइरवेरुलियविमलदंडं कंचण Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 717 जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 मणिरयणभत्तिचित्तं कालागुरुपवरकुंदरक-तुरुक्कधूवगंधूत्तमाणुविद्धं च धूमवर्टि विणिम्मुयंतं वेरुलियमयं कडुच्छुयं पग्गहित्तु पयएणं धूवं दाउण जिणवरिंदस्स सत्तट्ठपयाई ओसरित्ता दसंगुलियं अंजलिं करिय मत्थयंसि पयओ अट्ठसयविसुद्धगंथजुत्तेहिं महावित्तेहिं अपुणरुत्तेहिं अत्थजुत्तेहिं संथुणइ 2 त्ता वाम जाणु अंचेइ 2 त्ता जाव करयलपरिग्गहियं० मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासीणमोऽत्थु ते सिद्ध-बुद्ध-णीरयसमणसमाहिय-समत्त-समजोगि-सल्लगत्तणणिब्भय-णीरागदोसणिम्मम-णिस्संगणीसल्लमाणमूरणगुणरयणसीलसागरमणतमप्पमेयभवियधम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी णमोऽत्थु ते अरहओत्तिकट्ट एवं वंदइ णमंसइ वं०२त्ता णच्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणे जाव पज्जुवासइ, एवं जहा अच्चुयस्स तहा जाव ईसाणस्स भाणियव्यं, एवं भवणवइवाणमंतर जोइसिया य सूरपज्जवसाणा सएणं 2 परिवारेणं पत्तेयं 2 अभिसिंचंति, तए णं से ईसाणे देविंदे देवराया पंच ईसाणे विउव्वइ 2 त्ता एगे ईसाणे भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ रत्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे एगे ईसाणे पिट्टओ आयवत्तं धरेइ दुवे ईसाणा उभओ पासिं चामरुक्खे करेंति एगे ईसाणे पुरओ सूलपाणी चिट्ठइ,तए णं से सक्के देविंदे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ रत्ता एसोवि तह चेव अमिसेयाणत्तिं देइ तेऽवि तह चेव उवणति,तए णं से सक्के देविंदे देवराया भगवओ तित्थयरस्स चउद्दिसिं चत्तारि धवलवसमे विउव्वद सेए संखदलविमलणिम्मलदघिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासे पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे, तए णं तेसिं चउण्हं धवलवसभाणं अट्ठहिं सिंगेहितो अट्ठ तोयधाराओ णिग्गच्छंति, तए णं ताओ अट्ठ तोयधाराओ उर्दु वेहासं उप्पयंति 2 त्ता एगओ मिलायंति 2 त्ता भगवओ तित्थयरस्स मुद्धाणंसि णिवयंति / तए णं से सक्के देविंदे देवराया चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं एयस्सवि तहेव अभिसेओ भाणियब्यो जाव णमोऽत्थु ते अरहओत्तिकट्ट वंदइ णमंसइ जाव पज्जुवासइ // 122 // तए णं से सक्के देविंदे देवराया पंच सक्के विउव्वइ 2 त्ता एगे सक्के भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ एगे सक्के पिट्टओ आयवत्तं धरेइ दुवे सक्का उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेंति एगे सक्के वजपाणी पुरओ पकडइ, तए णं से सक्के चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं जाव अण्णेहि य० भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिएहिं देवोह देवीहि य सद्धिं संपरिवुडे सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणयरे जेणेव० Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 718 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जम्मणभवणे जेणेव तित्थयरमाया तेणेव उवागच्छइ 2 ता भगवं तित्थयरं माऊए पासे ठवेइ 2 त्ता तित्थयरपडिरूवगं पडिसाहरइ 2 त्ता ओसोवर्णि पडिसाहरइ 2 त्ता एगं महं खोमजुयलं कुंडलजुयलं च भगवओ तित्थयरस्स उस्सीसगमूले टवेइ र त्ता एगं महं सिरिदामगंडं तवणिज्जलंबूसगं सुवण्णपयरगमंडियं णाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोहियसमुदयं भगवओ तित्थयरस्स उल्लोयंसि णिक्खिवइ तण्णं भगवं तित्थयरे अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणे 2 सुहंसुहेणं अभिरसमाणे 2 चिट्ठइ, तए णं से सक्के देविंदे देवराया वेसमणं देवं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बत्तीसं हिरणकोडीओ बत्तीसं सुवण्णकोडीओ बत्तीसं रयणकोडीओ बत्तीसं णंदाई बत्तीसं भद्दाई सुभगे सुभगरूवजुव्वणलावण्णे य भगवओ तित्थयररस जम्मणभवणंसि साहराहि 2 त्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि, तए णं से वेसमणे देवे सक्केणं जाव विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता भए देवे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बत्तीसं हिरण्णकोडीओ जाव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणंसि साहरह साहरित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह, तए णं ते जंभगा देवा वेसमणेणं देवेणं एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव खिप्यामेव बत्तीसं हिरण्णकोडीओ जाव भगवओ तित्थगरस्स जम्मणभवणंसि साहरंति २त्ता जेणेव वेसमणे देवे तेणेव जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से वेसमणे देवे जेणेव सक्के देविंदे देवराया जाव पच्चप्पिणइ / तए णं से सक्के देविंदे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ २त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणयरंसि सिंघाडग जाव महापहपहेसु महया 2 सद्देणं उग्घोसेमाणा 2 एवं वदह-हंदि सुणंतु भवंतो बहवे भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया देवा य देवीओ य जे णं देवाणुप्पिया !0 तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए वा असुभं मणं पधारेइ तस्स णं अजगमंजरिया इव सयहा मुद्धाणं फुटउत्तिक घोसणं घोसेह 2 त्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणहत्ति, तए णं ते आभिओगा देवा जाव एवं देवोत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति २त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमंति २त्ता खियामेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणगरंसि सिंघाडग जाव एवं वयासी-हंदि सुणंतु भवंतो बहवे भवणवइ जाव जे णं देवाणुप्पिया !0 तित्थयरस्स जाव फुट्टिहीतिकट्ट घोसणगं घोसेंति 2 ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं ते बहवे भवणव इवाणमंतरजोइसवेमाणिया Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 5 716 देवा भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करेंति 2 त्ता जेणेव गंदीसरदीवे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अट्ठाहियाओ महामहिमाओ करेंति 2 त्ता जामेव दि सिं पाउभूया तामेव दिसिं पडिगया // 123 // पंचमो वक्खारो समत्तो॥ छठो वक्खारो जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स पएसा लवणसमुदं पुट्ठा ? हंता ! पुठ्ठा,ते णं भंते ! किं जंबुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे 1 गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे णो खलु लवणसमुद्दे, एवं लवणसमुदस्सवि पएसा जंबुद्दीवे दीवे पुट्ठा भाणियव्वा। जंबुद्दीवेणं भंते !०दीवे जीवा उद्दाइत्ता 2 लवणसमुद्दे पच्चायंति ? गो०! अत्थेगइया पच्चायति अत्थेगइया णो पच्चायंति, एवं लवणसमुदस्सवि जंबुद्दीवे दीवे णेयव्वमिति // 124 // खंडा 1 जोयण 2 वासा 3 पव्वय 4 कूडा 5 यतित्थं 6 सेढीओ 7 / विजय८ दह 9 सलिलाओ 10 पिंडए होइ संगहणी // 1 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहप्पमाणमेत्तेहिं खंडेहिं केवइयं खंडगणिएणं प०१ गो० ! णउयं खंडसयं खंडगणिएणं पण्णत्ते / जंबुद्दीव णं भंते ! दीवे केवइयं जोयणगणिएणं पण्णत्ते ? गोयमा ! गाहा-सत्तेव य कोडिसया णउया छप्पण्ण सयसहस्साई / चउणवई च सहस्सा सयं दिवढे च गणियपयं // 1 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कइ वासा पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त वासा प०, तंजहा-भरहे एरवए हेमवए हेरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे महाविदेहे, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया वासहरा पव्वया केवइया मंदरा पव्वया पण्णत्ता केवइया चित्तकूडा केवइया विचित्तकूडा केवइया जमगपव्वया केवइया कंचणगपव्वया केवइया वक्खारपव्वया केवइया दीहवेयड्डा केवइया वट्टवेयड्ढा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 छ वासहरपव्वया एगे मंदरे पव्वए एगे चित्तकूडे एगे विचित्तकूडे दो जमगपव्वया दो कंचणगपव्वयसया वीसं वक्खारपव्वया चोत्तीसं दीहवेयड्ढा०, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे दुण्णि अउणत्तरा पव्वयसया भवंतीतिमक्खायं / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया वासहरकूडा केवइया वक्खारकूडा केवइया वेयड्डकूडा केवइया मंदरकूडा प०? गो !"छप्पण्णं वासहरकूडा छण्णउहं वक्खारकूडा तिण्णि छलुत्तरा वेयकूडसया णव मंदरकूडा.पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2 चत्तारि सत्तट्ठा कूडसया भवंतीतिमक्खायं / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहे वासे कइ तित्था प० ? गो० ! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, जंबुद्दीवे० एखए वासे कइ Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 720 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तित्था प०१ गो०! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे महाविदेहे वासे एगमेगे चक्कवट्टिविजए कइ तित्था प.०१ गो०! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2. एगे बिउत्तरे तित्थसए भवंतीतिमक्खायं / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयाओ विजाहरसेढीओ केवइयाओ आभिओगसेढीओ प०१ गो०! जंबद्दीवे दीवे अट्ठसठ्ठी विजाहरसेढीओ अट्ठसठ्ठी आमिओगसेढीओ पण्णत्ताओ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे छत्तीसे सेढीसए भवंतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया चकवट्टिविजया केवइयाओ रायहाणीओ केवइयाओ तिमिसगुहाओ केवइयाओ खंडप्पवायगुहाओ केवइया कयमालया देवा केवझ्या णट्टमालया देवा केवइया उसभकूडा० प०१ गो०! जंबुद्दीवे दीवे चोत्तीसं चक्कवट्टिविजया चोत्तीसं रायहाणीओ चोत्तीसं तिमिसगुहाओ चोत्तीसं खंडप्पवायगुहाओ चोत्तीस कयमालया देवा चोत्तीसं णट्टमालया देवा चोत्तीसं उसभकुडा पव्वया प०,जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे केवइया महद्दहा प० 1 गो० ! सोलस महद्दहा पण्णत्ता, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयाओ महाणईओ वासहरपवहाओ केवइयाओ महाणईओ कुंडप्पवहाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 चोद्दस महाणईओ वासहरपवहाओ छापत्तरि महाणईओ कुंडप्पवहाओ एवामेव सपुत्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे णउई महाणईओ भवंतीतिमक्खायं / जंबुद्दीवे." भरहेरवएसु वासेसु कइ महाणईओ प० 1 गोयमा ! चत्तारि महाणईओ पण्णत्ताओ, तं०-गंगा सिंधू रत्ता रत्तवई, तत्थ णं एगमेगा महाणई चउद्दसहिं सलिलासहस्सहिं समग्गा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वारेणं जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु छप्पण्णं सलिलासहस्सा भवंतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे हेमवयहेरण्णवएसु वासेसु कइ महाणईओ पण्णत्ताओ ? गो०! चत्तारि महाणईओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रोहिया रोहियंसा सुवण्णकूला रुप्पकूला, तत्थ णं एगमेगा महाणई अट्ठावीसाए अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरथिमपच्चत्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2 हेमवयहेरण्णवएस वासेसु बारसुत्तरे सलिलासयसहस्से भवतीतिमक्खायं / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे हरिवासरम्मगवासेसु कइ महाणईओ पण्णत्ताओ ! गोयमा ! चत्तारि महाणईओ पॅण्णताओ, तंजहा-हरी हरिकंता णरकंता णारिकंता, तत्थ णं एगमेगा महाणई छप्पपणाए 2 सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, एवामेव Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ... जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 721 सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2 हरिवासरम्मगवासेसु दो चरवीसा सलिलासयसहस्सा भवंतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे महाविदेहे वासे कइ महाणईओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! दो महाणईओ पण्णत्ताओ, तंजहा-सीया य सीओया य, तत्थ णं एगमेगा महाणई पंचहिँ 2 सलिलासयसहस्सेहिं बत्तीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरस्थिमपञ्चत्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दवे महाविदेहे वासे दस सलिलासयसहस्सा चउसटुिं च सलिलासहस्सा भवंत तिमवखायं / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं केवइया सलिलासयसहस्सा पुरथिमपञ्चत्थिमाभिमुहा लवणसमुदं समप्पेंति ? गो० ! एगे छण्णउए सलिलासयसहस्से पुरस्थिमपञ्चत्थिमाभिमुहे लवणसमुदं समप्पेइ, जंबुद्दीवे णं भंते ! दर्द वे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं केवइया सलिलासयसहस्सा पुरथिमपञ्चत्थिमाभिमुहा लवणसमुई समप्पैति ? गो० ! एगे छण्णउए सलिलासयसहस्से पुरथिमपञ्चत्थिमाभिमुहे जाव समप्पेइ, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया सलिलासयसहस्सा पुरत्थाभिमुहा लवणसमुदं समप्पेंति ? गोयमा ! सत्त सलिलासयसहस्सा अट्ठार्व.सं च सहस्सा जाव समप्पंति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया सलिलासयसहस्सा पचत्थिमाभिमुहा लवणसमुदं समाति ? गोयमा! सत्त सलिलासयसहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा जाव समति ? एवामेव सप्मुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे चोद्दस सलिलासयसहस्सा छप्पण्णं च सहस्सा भवंतीतिमक्खायं / / 125 / / छट्ठो वक्खारो समत्तो // सत्तमो वक्खारो . जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कइ चंदा पभासिंसु पभासंति पभासिस्संति कइ सूरिया तवइंसु तवेति तविस्संति केवइया णक्खत्ता जोगं जोइंसु जोयंति जोइस्संति केवइया महग्गहा चारं चरिंसु चरंति चरिस्संति केवइयाओ तारागणकोडाकोडीओ सोभिंसु सोभंति सोभिस्संति ? गोयमा ! दो चंदा पभासिंसु 3 दो सुरिया तवइंसु 3 छप्पण्णं णक्खत्ता जोगं जोइंसु 3 छांवत्तरं महग्गहसयं चारं चरिंसु ३-एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साई / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं // 1 // ति // 126 // कइ णं भंते ! सूरमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! एगे चउरासीए मंडलसए पण्णत्ते / जंबुद्दीवे पं भंते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइंया सूरमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे 2 असीयं जोयणसयं ओगाहित्ता एत्थ णं पण्णट्ठी सूरमंडला पण्णत्ता, लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं ओगाहित्ता केवइया सूरमंडला पण्णत्ता ? Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 722 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गोयमा ! लवणे समुद्दे तिण्णि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एत्थ णं एगूणवीसे सूरमंडलसए पण्णत्ते, एवामेव सपुत्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे लवणे य.समुद्दे एगे चुलसीए सूरमंडलसए भवतीतिमक्खायं 1 // 127 // सव्वभंतराओ णं भंते ! सूरमंडलाओ केवइयाए अवाहाए सव्वबाहिरए सूरमंडले प० 1 गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए सूरमण्डले पण्णत्ते 2 // 128 // सूरमण्डलस्स णं भंते ! सूरमण्डलस्स य केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दो जोयणाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते 3 // 129 / / सूरमंडलेणं भंते! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अडयार्ल सं एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविखंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं चउवीसं एगसट्ठिभाए जोयणस्स बाहल्लेणं पण्णत्ते इति 4 // 130 // जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वब्भतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वभंतरे सूरमंडले पप्णत्ते, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइअबाहाए सव्वभंतराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो०! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य बावीसे जोयणसए अडयालीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स अबाहाए अभंतराणंतरे सूरमंडले प०, जंबुद्दीवे णं मंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अभंतरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो० ! चोयालीसं जोयणसहस्साई अट्ठ य पणवीसे जोयणसए पणतीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स अबाहाए अभंतरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयणंतराओ मंडलाओ तयणंतरं मंडलं संकममाणे 2 दो दो जोयणाई अडयालीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले अबाहावुढि अभिवड्डेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरे सूरमंडले प० 1 गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य तीसे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरे सूरमंडले प०, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तेरस य एगसट्ठिभाए जोयणस्स अबाहाए बाहिराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते, जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउवीसे जोयणसए छव्वीसं च एंगसट्ठिभाए Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 723 जोयणस्स अबाहाए बाहिरतच्चे सूरमंडले पप्णत्ते, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे दो - दो जोयणाई अडयालीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले अबाहाबुद्धिं णिवुड्डेमाणे 2 सव्वमंतरं मंडलं उवसंकमिना चारं चरइ 5 // 131 // जंबुद्दीवे दीवे सव्वन्भतरे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गो०! णवणउइं जोयणसहस्साई उच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य जोयणसहस्साई एगूणणउइं च जोयणाई किंचिविसेसाहियाइं परिक्खेवेणं०, अभंतराणंतरे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! णवणउइं जोयणसहस्साई छच्च पणयाले जोयणसए पणतसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खम्भेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य जोयणसहस्साइं एगं सत्तुत्तरं जोयणसयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, अभंतरतच्चे ण भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविवखंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पृ० 1 गो०! णवणउई जोयणसहस्साई छच्च एक्कावण्णे जोयणसए णव य एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिणि य जोयणसयसहस्साई पण्णरस जोयणसहस्साई एगं च पणवीसं जोयणसयं परिक्खेवेणं०, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं उवसंकममाणे 2 पंच 2 जोयणाइं पणतीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभबुढि अभिवढेमाणे 2 अट्ठारस 2 जोयणाइं परिरयबुद्धि अभिवठूमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, सव्वबाहिरए णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसयसहस्सं च्च सटे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस य सहस्साइं तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, बाहिराणंतरे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्च चउप्पण्णे जोयणसए छवीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणें तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस य सहस्साई दोण्णि य 'सत्ताणउएं जोयणसए परिक्खेवेणंति,बाहिरतच्चे णं भंते! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेण केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं उच्च अडयाले जोयणसए बावणं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 724 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस य सहस्साइं दोण्णि य अउणासीए जोयणसए परिक्खेवेणं०, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे 2 पंच पंच जोयणाई पणतीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुदि णिवुड्डेमाणे 2 अट्ठारस 2 जोयणाइं परिरयबुट्टि णिवुड्डेमाणे 2 सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ 6 // 132 // जया णं भंते ! सूरिए सबभतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य एगावण्णे जोयणसए एगूणतीसं च सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहत्तण गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एगवीसाए य जोयणस्स सट्ठिभाएहिं सूरिए चक्खुम्फासं हव्वमागच्छइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं . अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि सव्वब्भंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अब्भंतराणतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोणि य एगावण्णे जोयणसए सीयालीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं एगूणासीए जोयणसए सत्तावण्णाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता एगूणवीसाए चुणियाभागेहिं सूरिए. चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तसि अब्भतरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अभंतरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य बावण्णे जोयणसए पंच य सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सहिं छण्णउईए जोयणहिं तेत्तीसाए सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता दोहिं चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे अट्ठारस 2 सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहुत्तगई अभिवुड्डेमाणे अभिवुड्डेमाणे चुलसीई 2 सयाइं जोयणाई पुरिसच्छायं णिवुड्डेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ / जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा! पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य पंचुत्तरे जोयण Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 725 सए पण्णरस य सटिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एगतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एगत्तीसेहिं जोयणसएहिं तीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चे छम्मासे अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साई तिण्णि य चउरुत्तरे जोयणसए सत्तावण्णं च सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एगत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं णवहि य सोलसुत्तरेहिं जोयणसएहिं गुणालीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता सट्ठीए चुणियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ,से पविसमाणे सूरिंए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ,जयाणं भंते ! सूरिए बाहिरतच्चं मंडलं उक्संकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउरुत्तरे जोयणसए इगुणालीसं च सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहत्तणं गच्छइ, तया णं इंहगयस्स मणुयस्स एगाहिएहिं बत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं एगूणपण्णाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता तेवीसाए चुणियाभाएहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे 2 अट्ठारस 2 सद्विभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहत्तगहूं णिवड्डेमाणे 2 साइरेगाइं पंचासीइं 2 जोयणाई पुरिसच्छायं अभिवड्वेमाणे 2 सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे पण्णत्ते 7 // 133 // जया णं मंते ! सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभंतराणंतरं मंडलं उक्संकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अभंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 726 अनंगपविट्ठसुत्तागि दोहिं एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहि य एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहियत्ति, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तसि जाव चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहियत्ति, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे 2 दो दो एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं मंडले दिवस खेत्तस्स णिबुड्ढेमाणे 2 रयणिखेत्तस्स अभिवढेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वभंतरमंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णि छाबडे एगसट्ठिभागमुहुत्तसए दिवसखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिवुड्डुत्ता चारं चरइत्ति, जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवई ? गोयमा ! तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइत्ति, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे / से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरसि बाहिरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए बाहिरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिँ एगसट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए इति, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे दो दो एगसट्ठिभागमुहत्तेहिं एगमेगे मंडले रयणिखेत्तस्स णिवुड्डेमाणे 2 दिवसखेत्तस्स अभिवुढेमाणे 2 सम्बन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णि छावढे एगसट्ठिभागमुहत्तसए रयणिखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिववेत्ता चारं चरइ, एस णं दोच्चे Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णती व. 7 727 छम्मासे, एस णं दुच्चस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे पण्णत्ते 8 // 134 // जया णं भंते ! सूरिए सव्य"भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं किंसंठिया तावखेत्तसंठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! उड्डीमुहकलं यापुप्पसंठाणसंठिया तावखेत्तसंठिई पप्णत्ता, अंतो संकुया बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं विहुला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सगडुद्धीमुहसंठिया, उभओपासे णं तीसे दो बाहाओ अवट्टियाओ हवंति पणयालीसं 2 जोयणसहस्साई आयामेणं, दुवे य णं तीसे बाहाओ अणवट्ठियाओ हवंति, तंजहा-सव्वभंतरिया चेव बाहा सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सव्वभंतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं णवजोयणसहस्साई चत्तारि छलसीए जोयणसए णव य दसभाए. जोयणस्स परिक्खेवेणं, एस णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? गोयमा ! जे णं मंदरस्स० परिक्खेवं तं परिक्खेवं तिहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसेणं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेणं चउणवई जोयशसहस्साइं अट्ठसट्टे जोयणसए चत्तारि य दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, से णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? गोयमा ! जे णं जंबुद्दीवस्स 2 परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसभागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा। तया णं भंते ! तारखेत्ते केवइयं आयामेणं प० 1 गोयमा ! अट्ठहत्तरि जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणस्स तिभागं च आयामेणं पण्णत्ते,मेस्स्स मज्झयारे जाव य लवणरस रुंदछन्भागो। तावायामो एसो सगडुद्धीसंठिओ गियमा // 1 // तया णं भंते ! किंसंठिया अंधयारसंठिई पण्णत्ता ? गोयमा! उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिया अंधयारसंठिई पण्णत्ता, अंतो संकुया बाहिं वित्थडातं चेव जाव तीसे णं सव्वभंतरिया बाहा मंदरपव्ययंतेणं छज्जोयणसहस्साई तिण्णि य चउवीसे जोयणसए छच्च दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणंति, से णं भंते !: परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएन्जा 1 गोयमा! जेणं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं दोहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेणं तेसट्ठी जोयणसहस्साइं दोण्णि य पणयाले जोयणसए छच्च दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, से णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? गो० ! जे णं जंबुद्दीवस्स 2 परिक्खेवेतं परिक्खेवं दोहिं गुणेत्ता जाव तं चैव तया णं भंते! Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 728 ____अनंगपविट्ठसुत्ताणि अंधयारे केवइए आयामेणं प० 1 गोयमा! अट्ठहत्तर जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए तिभागं च आयामेणं प०। जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं किंसंठिया तावखेत्तसंठिई प०? गो ! उड्ढीमुहकलंबुयापुप्पसंठाणसंठिया० पण्णत्ता, तं चेव सव्वं यत्वं णवरं णाणत्तं जं अंधयारसंठिईए पुव्ववणियं पमाणं तं तावखेत्तसंठिईए णेयव्वं, जं तावखेत्तसंठिईए पुव्ववणियं पमाणं तं अंधयारसंठिईए णेयव्वंति 9||135 // जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति मज्झतियमुहुत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति अत्थमणमुहुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति ? हंता गोयमा !तं चेव जाव र्द,संति, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उगमणमुहुत्तंसि य मज्झंतियमुहुत्तंसि य अस्थमणमुहत्तंसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं ? हंता तं चेव जाव उच्चत्तेणं, जइ णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झं अस्थ० सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं कम्हा णं भंते ! जम्बुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति०? गोयमा ! लेसापडिघाएणं उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति लेसाहितावेणं मज्झतियमुहुत्तंसि मूले य दूरे य दीसंति लेसापडिघाएणं अस्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति, एवं खलु गोयमा ! तं चेव जाव दीसंति 10 // 136 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं गच्छंति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छंति अणागयं खेत्तं गच्छंति ? गोयमा ! णो तीयं खेत्तं गच्छंति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छंति णो अणागयं खेत्तं गच्छंतित्ति, तं भंते ! किं पुढे गच्छंति जाव णियमा छद्दिसिंति, एवं ओभासेंति, तं भंते ! किं पुटुं ओभासेंति०१ एवं आहारपयाइं णेयव्वाइं पुट्ठोगाढमणंतरअणुमहआइविसयाणुपुव्वी य जाव णियमा छद्दिसिं, एवं उज्जोवेति तवेंति पभासेंति 11 // 137 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरियाणं किं तीए खेत्ते किरिया कजइ पडुप्पण्णे० अणागए. ? गो० ! णो तीए खेत्ते किरिया कजइ पडुप्पण्णे० कजइ णो अणागए० सा भंते ! किं पुट्ठा कजइ० ! गोयमा ! पुट्ठा० णो अणापुट्ठा कजइ जाव णियमा छद्दिसिं 12 // 138 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया केवइयं खेत्तं उड़े तवयंति अहे तिरियं च ? गोयमा ! एग जोयणसयं उड्ढे तवयंति अट्ठारससयजोयणाई अहे तवयंति सीयालीसं जोयणसहस्साई दोणि य तेवढे जोयणसए एगवीसं च सट्ठिभाए जोयणस्स तिरियं तवयंतित्ति 13 // 139 // अंतो णं भंते ! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिमसुरियगहंगणणक्खत्ततारारूवा ते Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 729 णं भंते ! देवा कि उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववप्णगा चारोववष्णगा चारहिइया गइरइया गइसमावण्णगा ? गोयमा ! अंतो णं माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिमसूरिय जाव तारारूवा ते णं देवा णो उड्ढोववण्णगा णो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा णो चारट्टिइया गइरइया गइसमावण्णगा उड्ढीमुहकलंबुयापुष्फसठाणसंठिएहिं जोयणसाहस्सिएहिं तावखेत्तेहिं साहस्सियाहिं वेउव्वियाहिं बाहिराहिं परिसाहिं महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं अच्छं पव्वयरायं पयाहिणावत्तमण्डलचारं मेरुं अणुपरियति 14 // 140 // तेसि णं भंते ! देवाणं जाहे इंदे चुए भवइ से कहमियाणि पकरेंति ? गोयमा ! ताहे चत्तारि पंच वा सामाणिया देवा तं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव तत्थ अण्णे इंदे उववण्णे भवइ। इंदट्ठाणे णं भंते ! केवइयं कालं उववाएणं विरहिए ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं छम्मासे उववाएणं विरहिए / बहिया णं भंते ! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिम जाव तारारूवा तं चेव णेयत्वं णाणत्तं विमाणोववण्णगा णो चारोववण्णगा चारहिइया णो गइरइया णो गइसमावण्णगा पक्किट्टगसंठाणसंटिएहिं जोयणसयसाहस्सिएहिं तावखेत्तेहिं सयसाहस्सियाहिं वेउत्वियाहिं बाहिराहिँ परिसाहिं महया हयणट्ट जाव भुंजमाणा सुहलेसा मंदलेसा मंदायवलेसा चित्तंतरलेसा 'अण्णोण्णसमोगाढाहिं लेसाहिं कूडाविव ठाणटिया सवओ समंता ते पएसे ओभासंति उज्जोवेति पभासेंतित्ति / तेसि णं भंते ! देवाणं जाहे इंदे चुए भवइ से कहमियाणि पकरेंति जाव जहणणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासा इति 15 // 141 // कइ णं भंते ! चंदमण्डला प० ? गो० ! पण्णरस चंदमण्डला पण्णत्ता। जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइया चंदमण्डला प०? गो० ! जम्बुद्दीवे 2 असीयं जोयणसयं ओगाहित्ता एत्थ णं पंच चंदमण्डला पण्णत्ता, लवणे णं भंते ! पुच्छा,गोयमा ! लवणे णं समुद्दे तिणि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एल्थ णं दस चंदमण्डला पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जम्बट्टीवे दीवे लवणे य समुद्दे पण्णरस चंदमण्डला भवंतीतिमक्खायं // 142 / / सत्वमंतराओ णं भंते ! चंदमंडलाओ केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए चंदमंडले प० ? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए चंदमंडले पत्ते // 143 // चंदमंडलस्स णं भंते ! चंदमंडलस्स य एस णं केवइयाए अबाहाए अंतरे Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 730 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . प०१ गोयमा ! पणतीसं 2 जोयणाई तीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए चंदमंडलस्स चंदमंडलस्स अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 144 // चंदमंडले णं भंते ! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छप्पणं एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खम्भेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अट्ठावीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स बाहल्लेणं० // 145 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वभंतरए चंदमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वभंतरे चंदमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवेणं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अब्भंतराणंतरे चंदमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साई अट्ट य छप्पण्णे जोयणसए पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए अबाहाए अभंतराणंतरे चंदमंडले. पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे.मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अभंतरतच्चे चंदमंडले प० ? गोयमा! चोयालीसं जोयणसहस्साई अट्ठ य बाणउए जोयणसए एगावण्णं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुण्णियामागं अबाहाए अभंतरतच्चे चंदमंडले पण्णत्ते, एवं खलु एएणं उबाएणं णिक्खममाणे चंदे तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे 2 छत्तीसं छत्तीसं जोयणाइं पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए एगमेगे मंडले अबाहाए बुढि अभिवड्डेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ / जम्बुद्दीवे० दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरे चंदमंडले प० 1 गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य तीसे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए चंदमंडले प०, जम्बुद्दीवे० दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिराणंतरे चंदमंडले पण्णत्ते ? गो०! पणयालीसं जोयणसहस्साइंदोण्णि य तेणउए जोयणसए पणतीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता तिण्णि चुणियाभाए अबाहाए बाहिराणंतरे चंदमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे० दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमंडले प० 1 गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि य सत्तावण्णे जोयणसए णव य एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता छ चुणियाभाए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमंडले प० / एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे चंदे तयाणंतराओ Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 731 मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे 2 छत्तीसं 2 जोयणाई पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए एगमेगे मंडले अबाहाए बुढि णिवुड्डेमाणे 2 सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ // 146 / / सव्वभंतरे णं भंते ! चंदमंडले केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा! णवणउइं नोयणसहस्साई छच्चचत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस जोयणसहस्साई अउणाणउइं च जोयणाई किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प०, अब्भंतराण्णंतरे सा चेव पुच्छा, गोयमा ! णवणउइं जोयणसहस्साइं सत्त य बारसुत्तरे जोयणसए एगावण्णं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुण्णियामागं आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साई पण्णरस जोयणसहस्साई तिण्णि य एगूणवीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, अब्मंतरतच्चे णं जाव प० ? गो० ! णवणउइं जोयणसहस्साई सत्त य पंचासीए जोयणसए इगतालीसं च एगसट्ठिभाए नोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता दोण्णि य चुणियाभाए आयामविवखम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्स इं पण्णरस जोयणसहस्साई पंच य इगुणापण्णे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणंति, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे जाव संकममाणे 2 बावत्तरि 2 जोयणाई एगावण्णं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं च चुणियामागं एगमेगे मंडले विक्खम्भवुदि अभिवमाणे 2 दो दो तसाइं जोयणसयाइं परिरयवृद्धि अभिवमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उसंकरित्ता चारं चरइ। सव्वबाहिरए णं भंते ! चंदमंडले केवइयं आयामविवखन्भेणं केवइयं परिव खेवेणं पण्णत्ते ? गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्चसट्टे जोयणसए आयामविक्खम्भेणं तिष्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साई तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, बाहिराणंतरे णं पुच्छा, गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं पंच सत्तासीए जोयणसए णव य एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता छ चुण्णियाभाए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साइं पंचासीइं च जोयणाई परिक्खेवेणं०, बाहिरतच्चे णं भंते ! चंदमण्डले० प० ? गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं पंच यचउदसुत्तरे जोयणसए एगूणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता पंच चुणियाभाए आयामविक्खम्भेणं ति.णि य जोयणसयसहस्साइं सत्तरस सहस्साइं अट्ठ य पणपण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं०, एवं खलु Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 732 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एएणं उवाएणं पविसमाणे चंदे जाव संकममाणे 2 बावत्तरि 2 जोयणाई एगावणं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुणियाभागं एगमेगे मण्डले विक्खम्भवुढिं णिबुड्ढमाणे 2 दो दो तीसाई जोयणसयाई परिरयवुड्ढेि णिबुड्ढेमाणे 2 सव्वभंतरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ // 147 // जया णं भंते ! चंदे सव्वभंतरमण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, तया णं एगमेगेणं मुहत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं तेवत्तरिं च जोयणाइं सत्तत्तरि च चोयाले भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं सहस्सेहिं सत्तहि य पणवीसेहिं सए हिं छेत्ता इति, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एगवीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स चंदे चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ / जया णं भंते ! चंदे अब्भतराणंतरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ जाव केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गो०! पंच जोयणसहस्साई सत्तत्तरिंच जोयणाई छत्तीसं च चोयत्तरे भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं सहस्सेहिं जाव छेत्ता, जया णं भंते ! चंदे अब्भंतरतच्चं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साई असीइं च जोयणाई तेरस य भागसहस्साई तिणि य एगूणवीसे भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता इति / एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे तयाणंतराओ जाव संकममाणे 2 तिण्णि 2 जोयणाई छण्णउई च पंचावण्णे भागसए एगमेगे मण्डले मुहुत्तगई अभिवड्वेमाणे 2 सव्वबाहिरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! चंदे सव्वबाहिरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साई एगं च पणवीसं जोयणसयं अउणत्तरं च णउए भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं भागसहस्सेहिं सत्तहि य जाव छेत्ता इति, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एगत्तीसेहिं जोयणसएहिं चंदे चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, जया णं भंते ! बाहिराणंतरं पुच्छा, गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं एक्कं च एकवीसं जोयणसयं एक्कारस य सट्टे भागसहस्से गच्छइ मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता, जया णं भंते ! बाहिरतच्चं पुच्छा, गोयमा! पंच जोयणसहस्साई एगं च अट्ठारसुत्तरं जोयणसयं चोद्दस य पंचुत्तरे मागसए गच्छइ मंडलं तेरसहिं सहस्सेहिं सत्तहिं पणवीसेहिं सएहिं छेत्ता, एवं खलु एएणं उवाएणं जाव संकममाणे 2 तिण्णि 2 जोयणाई छण्णउई च पंचावण्णे भागसए एगमेगे Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 733 मण्डले मुहुत्तगई णिवुड्डेमाणे 2 सव्वभंतरं मण्डलं उवसंकमित्ता चार चरइ // 148 // कइ णं भंते ! णक्खत्तमण्डला प० ? गोयमा ! अट्टणक्खत्तमण्डला पण्णत्ता / जम्बुहीवे णं भंते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइया णखत्तमंडला पण्णत्ता ? गोयमा! जम्बुद्दीवे दीवे असीयं जोयणसयं ओगाहेत्ता एत्थ णं दो णक्खत्तमंडला पण्णत्ता, लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं ओगाहेत्ता केवइया णक्खत्तमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे तिणि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एत्थ णं छ णक्खत्तमंडला पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जम्बुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे अट्ठ णक्खत्तमंडला भवंतीतिमक्खायं सव्वमंतराओ णं भंते ! णखत्तमंडलाओ केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते, गक्खत्तमंडलस्स णं भंते ! णखत्तमंडलस्स य एस णं केवइयाए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दो जोयणाई णक्खत्तमंडलस्स य णक्खत्तमंडलस्स य अबाहाए अंतरे पण्णत्ते / णक्खत्तमंडले णं भंते ! केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवझ्यं परिक्खेवेणं केवइयं बाहरूलेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! गाउयं आयामविक्खम्भेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अद्धगाउयं बाहरूलेणं पण्णत्ते / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वभतरे णक्खत्तमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वन्भंतरे णक्खत्तमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदस्स्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणया. लीसं जोयणसहस्साइं तिण्णि य तीसे 'जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते / सव्वन्भंतरे णं भंते ! णक्खत्तमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवणं प०१ गोयमा ! णवणउइं जोयणसहस्साइं छच्चचत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस जोयणसहस्साई एगूणणवई च जोयणाई किंचिविसेसाहिए परिकवेवणं पण्णत्ते, सवबाहिरए णं भंते ! णक्खत्तमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्च सटे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साई अट्ठारस य जोयणसहस्साई तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं प०, जया णं भंते ! णखत्ते सव्वन्भंतरमंडलं उपसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साई दोण्णि य पण्णढे Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - 734 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जोयणसए अट्ठारस य भागसहस्से दोण्णि य तेवढे भागसए गच्छइ मंडलं एक्कवीसाए भागसहस्सेहिं णवहि य सट्टेहिं सएहिं छेत्ता / नया णं भंते ! णक्खत्ते सव्वबाहिरं मंडलं उसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहत्तण केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साई तिण्णि य एगूणर्व से जोयणसए सोलस य भागसहस्सेहिं तिण्णि य पणढे भागसए गच्छइ मंडलं एगवीसाएं भागसहस्सेहिं णवहि य सढेहिं सएहिं छेत्ता, एए णं भंते ! अट्ठ णक्खत्तमंडला कइहिं चंदमंडलेहि समोयरंति ? गोयमा ! अट्ठहिं चंदमंडलेहिं समोयरंति, तंजहा-पढमे चंदमंडले तइए० छठे० सत्तमे० अट्ठमे०दसमे० इक्कारसमे० पण्णरसमे चंदमंडले, एगमेगेणं भंते ! मुहुत्तेणं केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? गोयमा! जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स 2 मंडलपरिक्खेवस्स सत्तरस अटे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता इति / एगमेगेणंभंते ! मुहुत्तेणं सूरिए केवइयाई भागसयाइं गच्छइ ? गोयमा ! जं जं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स 2 मण्डलपरिक्खेवस्स अट्ठारसतीसे भागसए गच्छइ मण्डलं सयसहस्से हिं अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता, एगमेगेणं भंते ! मुहुत्तेणं णक्खत्ते केवइयाइं भागसयाई गच्छइ ? गोयमा ! जं जं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स तस्स मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस पणतीसे भागसए गच्छद मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता // 149 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छ पाईणदाहिणमागच्छंति 1 पाईणदाहिणमुग्गच्छ दाहिणपडीणमागच्छंति 2 दाहिणपर्ड णमुग्गच्छ पडीणउदीणमागच्छंति 3 पडीणउदीणमुग्गच्छ उदीणपाईणमागच्छंति 4 ? हंता गोयमा ! जहा पंचमसए पढमे उद्देसे जाव णेवत्थि. उस्सप्पिणी अवट्ठिए णं तत्थ काले प० समणाउसो !, इच्चेसा जम्बुद्दीवपण्णत्ती सूरपण्णत्ती वत्थुसमासेणं सम्मत्ता भवइ। जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे चंदिमा उदीणपाईणमुग्गच्छ पाईणदाहिणमागच्छंति जहा सूरवत्तव्च्या जहा पंचमसयस्स दसमे उद्देसे जाव अवट्ठिए णं तत्थ काले पण्णत्ते समणाउसो !, इच्चेसा जम्बुद्दीवपण्णत्ती चंदपण्णत्ती वत्थुसमासेणं सम्मत्ता भवइ // 150 // कइ णं भंते ! संवच्छरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच संवच्छरा प०, तं०-णक्खत्तसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवच्छरे लक्खणसंवच्छरे सणिच्छरसंवच्छरे / णखत्तसंवच्छरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुवालसविहे प०, तं०-सावणे भद्दवए आसोए जाव आसाढे, जं वा विहफई महग्गहे दुवालसेहिं संवच्छरेहिं सव्वणक्वत्तमण्डलं समाणेइ सेत्तं णक्वत्तसंवच्छरे / जुगसंवच्छरे णं भंते / कइविहे पण्णत्ते ? Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 735 गोयमा ! पंचविहे प०, तंजहा-चंदे चंदे अभिवट्टिए चंदे अभिवड्दिए चेवेति, पढमस्स णे भंते ! चंदसंवच्छरस्स कइ पव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्वीसं पव्वा पण्णत्ता, बिइयस्स णं भंते ! चंदसंवच्छरस्स कइ पव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्वीसं पव्वा पण्णत्ता, एवं पुच्छा तइयस्स, गोयमा ! अभिवडियसंवच्चरस्स छव्वीसं पव्वा प०, चउत्थस्स० चंदसंवच्छरस्स० चोव्वीसं पव्वा०, पंचमस्स णं० अभिवड्डियस्स० छब्बीसं पव्वा पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं पंचसंवच्छरिए जुए एगे चउव्वीसे पन्चसए एण्णत्ते, सेत्तं जुगसंवच्छरे / पमाणसंरच्छरे णं भंते ! कइविहे पण्णते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा–णक्खत्ते चंदे उऊ आइच्चे अभिवड्डिए, सेत्तं पमाणसंवच्छरे / लक्खणसंवच्छरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्त ? गोयमा ! पंचविहे पुण्णत्ते, तंजहा-" समयं णक्खत्ता जोगं जोयंति समयं उऊ परिणमंति / णच्चुण्ह णाइसीओ बहूदओ होइ णक्खत्ते // 1|| ससि समगपुण्णमासिं जोएंति विसमचारिणक्खत्ता / कडुओ बहूदओ य तमाहु संवच्छरं चंदं // 2 // विसमं पवालिणो परिणमंति अणुऊसु दिति पुप्फफलं / वासं ण सम्म वासइ तमाहु संवच्छरं कम्मं // 3 // पुढविदगाणं च रसं पुष्फफ्लाणं च देइ आइच्चो / अप्पेणवि वासेणं सम्मं णिप्फजए सस्सं // 4 // आइच्चतेयतविया खणलवदिवसा उऊ परिणमंति / पूरेइ य णिण्णथले तमाह अभिवड्डियं जाण // 5 // " से लक्खण संवच्छरे / सणिच्छरसंवच्छरे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठावीसइविहे पण्णत्ते, तंजहा-अभिई सवणे धणिट्ठा सयभिसया दो य होति भद्दवया। रेवइ अस्सिणि भरणी कत्तिय तह रोहिणी चेव // 1 // जाव उत्तराओ आसाढाओ जं वा सणिच्चरे महग्गहे तीसाए संवच्छरेहिं सव्वं णक्खत्तमण्डलं समाणेइ सेत्तं सणिच्छरसंवच्छरें / / 151 // एगमेगस्स णं भंते ! संवच्छरस्स कइ मासा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुवालस मासा पण्णत्ता, तेसि णं दुविहा णामधेजा प०, तं०-लोइया लोउत्तरिया य, तत्थ लोइया णामा इमे, तं०-सावणे भदवए जाव आसाडे, लोउत्तरिया णामा इमे, तंजहा-अभिणदिए पट्टे य, विजए पीहवद्धणे / सेयंसे य सिवे चेव, सिसिरे य सहेमवं // 1 // णवमे वसंतमासे, दसमे कुसुमसंभवे / एक्कारसे णिदाहे य, वणविरोहे य बारसे // 2 // एगमेगस्स णं भंते ! मासस्स कइ पक्खा पण्णत्ता ? गोयमा ! दो पक्खा पण्णत्ता, तं०-बहुलपक्खे य सुक्कपक्खे य / एगमेगस्सणं भंते ! पक्खस्स कइ दिवसा पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तं०-पडिवादिवसे बिइयादिवसे जाव पण्णरसीदिवसे, एएसि णं भंते ! पण्णरसण्हं दिवसाणं कइ णामधेजा पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस णामधेजा Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि पण्याला, तं०-पुव्वंगे सिद्धमणोरमे य तत्तो मणोहरे चेव / जसभद्दे य जसधरे छठे सव्वकामसमिद्धे य||१|इंदमुद्धाभिसित्ते य सोमणस धणंजए य बोद्धच्वे / अत्थसिद्धे अभिजाए अच्चसणे सयंजए चेव॥२॥अग्गिवेसे उवसमे दिवसाणं होंति णामधिजाई। एएसि णं भंते ! पण्णरसण्हं दिवसाणं कइ तिही पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस तिही पण्णत्ता, तं०-णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पंचमी, पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स दसमी, पुणरवि णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पण्णरसी, एवं ते तिगुणा तिहीओ सव्वेसिं दिवसाणंति / एगमेस्स णं भंते ! पक्खस्स कइ राईओ पण्णत्ताओ ? गो०! पण्णरस राईओ पण्णत्ताओ, तं०-पडिवा राई जाव पण्णरसी राई, एयासिणं भंते ! पण्णरसण्हं राईणं कडू णामधेजा प०१गो०! पण्णरस णामघेजा प०, तं०-उत्तमा य सुणक्खत्ता, एलावच्चा जसोहरा / सोमणसा चेव तहा,सिरिसंभूया य बोद्धव्वा // 1 // विजया य वेजयंति जयंति अपराजिया य इच्छा य / समाहारा चेव तहा तेया य तहा अईतेया // 2 // देवाणंदा णिरई रयणीणं णामधिजाई। एयासि णं भंते ! पण्णरसण्हं राईणं कइ तिही प० ? गोयमा ! पण्णरस तिही प०, तं०-उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, एवं तिगुणा एए तिहीओ सव्वेसिं राईणं, एगमेगस्स णं भंते ! अहोरत्तस्स कइ मुहत्ता पण्णत्ता ? गोयमा! तीसं मुहुत्ता प०,तं०-रुद्दे सेए मित्ते वाउ सुबीए तहेव अभिचंदे। माहिंद बलव बंभे बहुसच्चे चेव ईसाणे // 1 // त? य भावियप्पा वेसमणे वारुणे य आणंदे / विजए य वीससेणे पायावच्चे उवसमे य // 2 // गंधव्व अग्गिवेसे सयवसहे आयवे य अममे य / अणवं भोमे वसहे सव्वटे रक्खसे चेव // 3 // 152 // कइ णं भंते ! करणा पण्णत्ता ? गोयमा ! एकारस करणा पण्णत्ता, तंजहा—बवं बालवं कोलवं थीविलोयणं गराइ वणिजं विट्ठी सउणी चउप्पयं णागं किंथुग्धं, एएसि णं भंते ! एकारसण्हं करणाणं कइ करणा चरा कइ करणा थिरा पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त करणा चरा चत्तारि करणा थिरा पण्णत्ता, तंजहा—बवं बालवं कोलवं थीविलोयणं गराइ वणिज विट्ठी, एए णं सत्त करणा चरा, चत्तारि करणा थिरा प०, तं०-सउणी चउप्पयं णागं किंथुग्धं, एए णं चत्तारि करणा थिरा पण्णता, एए णं भंते ! चरा थिरा वा कया भवंति ? गोयमा ! सुक्कपक्खस्स पडिवाए राओ बवे करणे भवइ, बिइयाए 'दिवा बालवे करणे भवइ, राओ कोलये करणे भवइ, तइयाए दिवा थीविलोयणं करणं भवइ, राओ गराइकरणं भवइ, चउत्थीए Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 737 . जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 दिवा वणिज राओ विट्ठी पंचमीए दिवा बवं राओ बालवं छट्ठीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं सत्तमीए दिवा गराइ राओ वणिजं अट्ठमीए दिवा विट्ठी राओ बवं णवमीए दिवा बालवं राओ कोलवं दसमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ एक्कारसीए दिवा वणिज राओ विट्ठी बारसीए दिवा बवं राओ बालवं तेरसीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं चउद्दसीए दिवा गराइकरणं राओ वणिजं पुण्णिमाए दिवा विट्ठीकरणं राओ बवं करणं भवइ, बहुलपक्खस्स पडिवाए दिवा बालवं राओ कोलवं बिइयाए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ तइयाए दिवा वणिज राओ विट्ठी चउत्थीए दिवा बवं राओ बालवं पंचमीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं मुट्ठीए दिवा गराइ राओ वणिज सत्तमीए दिवा विट्ठी राओ बवं अट्ठमीए दिवा बालवं राओ कोलवं णवमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ दसमीए दिवा वणिज राओ विट्ठी एक्कारसीए दिवा बवं राओ बालवं बारसीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं तेरसीए दिवा गराइ राओ वणिज चउद्दसीए दिवा विट्ठी राओ सउणी अमावासाए दिवा चउप्पयं राओ णागं सुक्कपक्खस्स पाडिवए दिवा किंथुग्धं करणं भवइ // 153 // किमाइया णं भंते ! संवच्छरा किमाइया अयणा किमाइया उऊ किमाइया मासा किमाइया पवखा किमाइया अहोरत्ता किमाइया मुहुत्ता किमाइया करणा किमाइया णक्खत्ता पण्णत्ता ? गोयमा! चंदाइया संवच्छरा दक्खिणाइया अयणा पाउसाइया उऊ सावणाइया मासा बहुलाइया पक्खा दिवसाइया अहोरत्ता रोद्दाइया मुहुत्ता बालवाइया करणा अभिजियाइया णक्खत्ता पण्णत्ता समणाउसो ! इति / पंचसंवच्छरिए गं भंते ! जुगे केवइया अयणा केवइया उऊ एवं मासा पक्खा अहोरत्ता केवइया मुहुत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचसंवच्छरिए णं जुगे दस अयणा तीसं उऊ सट्ठी मासा एगे वीसुत्तरे पक्खसए अट्ठारसतीसा अहोरत्तसया चउप्पण्णं मुहुत्तसहस्सा णव सया पण्णत्ता॥१५४॥ गाहा-जोगा 1 देवय 2 तारग्ग 3 गोत्त 4 संठाण 5 चंदरविजोगा 6 / कुल 7 पुण्णिम अमवस्सा य 8 सण्णिवाए 9 य णेया य 10 // 1 // कइ णं भंते ! णखत्ता प०१ गोयमा! अट्ठावीसं णक्खत्ता प०,०-अभिई 1 सवणो 2 धणिट्ठा 3 सयभिसया 4 पुव्वभद्दवया 5 उत्तरभद्दवया 6 रेवई 7 अस्सिणी 8 भरणी 9 कत्तिया 10 रोहिणी 11 मियसिर 12 अद्दा 13 पुणव्वसू 14 पूसो 15 अस्सेसा 16 मघा 17 पुव्वफग्गुणी 18 उत्तरफग्गुणी 19 हत्थो 20 चित्ता 21 साई 22 विसाहा 23 अणुराहा 24 जेट्टा 24 मूलं 26 पुव्वासादा 27 उत्तरासाढा 28 इति // 155 // एएसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णवत्ताणं कयरे णक्खत्ता Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 738 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमपि जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणंपि पमइंपि जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएंति ? गोयमा ! एएसि ण अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा–संठाण 1 अद्द 2 पुस्सो 3 ऽसिलेस 4 हत्थो 5 तहेव मूलो य 6 / बाहिरओ बाहिरमंडलस्स छप्पेते णक्खत्ता // 1 // तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति ते णं बारस, तं०-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुचभद्दवया उत्तरभद्दवया रेवई अस्सिणी भरणी पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी साई, तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणओवि उत्तरओवि पमपि जोयं जोएंति ते णं सत्त, तंजहा कत्तिया रोहिणी पुणव्वसू मघा चित्ता विसाहा अणुराहा, तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणओवि पमपि जोयं जोएंति ताओ णं दुवे आसाढाओ सव्वबाहिरए मंडले जोयं जोइंसु वा 3, तत्थ णंजे ते णखत्ते जे णं सया चंदस्स पमई० जोएइ सा णं एगा जेट्ठा इति // 156 / / एए सि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते किंदेवयाए पण्णत्ते ? गोयमा ! बम्हदेवयाए पण्णत्ते, सवणे णक्खत्ते विण्हुदेवयाए पण्णत्ते, धणिट्ठा० वसुदेवयाए पण्णत्ते, एएणं कमेणं णेयव्या अणुपरिवाडी इमाओ देवयाओ-बम्हा विण्ह वसू वरुणे अए अभिवड्डी पूसे आसे जमे अग्गी पयावई सोमे रुद्दे अदिई वहस्सई सप्पे पिऊ भगे अजम सविया तट्ठा वाऊ इंदग्गी मित्तो इंदे णिरई आऊ विस्ता य, एवं णखत्ताणं एसा परिवाडी णेयव्वा जाव उत्तरासाढा किंदेवया पण्णत्ता ? गोयमा ! विस्सदेवया पण्णत्ता // 157 // एएसि णं भंते! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते कइतारे पण्णत्ते ? गोयमा ! तितारे प०, एवं णेयव्वा जस्स जइयाओ ताराओ, इमं च तं तारग्गं-तिगतिगपंचगसयदुगदुगबत्तीसगतिगं तह तिगं च / छप्पंचगतिगएक्कगपंचगतिग-छक्कगं चेव // 1 // सत्तगदुगदुग पंचग एक्के कग पंच चउतिगं चेव / एक्कारसग चउक्कं चउक्कगं चेव तारग्गं // 2 // ति // 158|| एएसि णं भंते! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते किंगोत्ते प० 1 गोयमा ! मोग्गलायणसगोत्ते०, गाहा-मोग्गल्लायण 1 संखायणे 2 य तह अग्गभाव 3 कण्णिल्ले 4 / तत्तो य जाउकण्णे 5 धणंजए 6 चेव बोद्धव्वे॥१॥ Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 736 पुस्सायणे -7 य अस्सायणे य 8 भग्गवेसे 9 य अग्गिवेसे 10 य / गोयम 11 भारद्दाए 12 लोहिच्चे 13 चेव वासिढे 14 // 2 // ओमजायण 15 मंडव्वायणे 16 य पिंगायणे 17 य गोषल्ले 18 / कासव 19 कोसिय 20 दब्मा 21 य चामरच्छाय 22 सुंगा य 23 // 3 // गोवल्लायण 24 तेगिच्छायणे 25 य कच्चायणे 26 हवइ मूले / तत्तो य वज्झियायण 27 वग्यावच्चे य गोत्ताई 28 // 4 // एएसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्तागं अभिईणव खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! गोसीसावलिसंठिए प०, गाहा-गोसीसावलि 1 काहार 2 सउणि 3 पुष्फोक्यार 4 वावी य 5-6 / णावा 7 आसक्खंधग 8 भग 9 छुरधरए 10 य सगडुद्धी 11 // 1 // मिगसीसावलि 12 रुहिरबिंदु 13 तुल 14 वद्धमाणग 15 पडागा 16 / पागारे 17 पलियंके 18-19 हत्थे 20 मुहपुल्लए 21 चेव // 2 // खीलग 22 दामणि 23 एगावली 24 य गयदंत 25 विच्छुअयले य 26 / गयविक्कमे 27 य तत्तो सीहणिसीही य 28 संठाणा // 159 // एएसिणं भंते ! अट्ठावीसाए णवखत्ताणं अभिईणखत्ते कइमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोगं जोएइ ? गोयमा ! णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभाए मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोगं जोएइ, एवं इमाहिं गाहाहिं अणुगंतत्वंअभिइस्स चंदजोगो सत्तट्ठिखंडिओ अहोरत्तो। ते हंति णव मुहत्ता सत्तावीसं कलाओ य // 1 // सयभिसया भरणीओ अद्दा अस्सेस साइ जेट्ठा य / एए छप्णक्वत्ता पण्णरसमुहुत्तसंजोगा / / 2 // तिण्णेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य / एए छण्णक्खत्ता पणयालमुहुत्तसंजोगा ||3|| अवसेसा णक्खत्ता पण्णरसवि हंति तीसइमुहुत्ता / चंदमि एस जोगो णक्खत्ताणं मुणेयव्वो / / 4 / / एएसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कइ अहोरत्ते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ ? गोयमा ! चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ, एवं इमाहिँ गाहार्हि णेयव्यं-अभिई छच्च मुहुत्ते चत्तारि य केवले अहोरत्ते / सूरेण समं गच्छइ एत्तो सेसाण वोच्छामि // 1 // सयभिसया भरणीओ अद्दा अस्सेस साइ जेट्ठा य / वच्चंति मुहुत्ते इक्वीस छच्चेवऽहोरते // 2 // तिण्णेव उत्तराई पुणव्यसू रोहिणी विसाहा य / वच्चंति मुहत्ते तिण्णि चेव वीसं अहोरत्ते // 3 // अवसेसा णक्खता पण्णरसवि सूर'सहगया जंति / वारस चेव मुहुत्ते तेरस य समे अहोरत्ते // 4 // 160 // कइ णं भंते ! कुला कइ उवकुला कइ कुलोवकुला पण्णत्ता ? गोयमा ! बारस कुला बारस उवकुला चत्तारि कुलोवकुला पण्णत्ता, बारस कुला, तंजहा--णिट्ठाकुलं 1 उत्तरभद्द Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 740 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वयाकुलं 2 अस्सिणीकुलं 3 कत्तियाकुलं 4 मिगसिरकुलं 5 पुस्सो कुलं 6 मघाकुलं 7 उत्तरफग्गुणीकुलं 8 चित्ताकुलं 9 विसाहाकुलं 10 मूलो कुलं 11 उत्तरासाढाकुलं 12 / मासाणं परिणामा होति कुला उवकुला उ हेट्ठिमगा। होति पुण कुलोवकुला अभीइसय अद्द अणुराहा // 1 // बारस उवकुला, तं०-सवणो उवकुलं 1 पुखभद्दवया उपकुलं 2 रेवई उवकुलं 3 भरणी उवकुलं 4 रोहिणी उवकुलं 5 पुणव्वसू उवकुलं 6 अस्सेसा उवकुलं 7 पुव्वफग्गुणी उवकुलं 8 हत्थो उवकुलं 9 साई उवकुलं 10 जेट्ठा उवकुलं 11 पुव्वासाढा उवकुलं 12 / चत्तारि कुलोवकुला, तंजहा-अभिई कुलोवकुला 1 सयभिसया कुलोवकुला 2 अद्दा कुलोवकुला 3 अणुराहा कुलोवकुला 4 / कइ णं भंते ! पुणिमाओ कह अमावासाओ पण्णताओ ? गोयमा ! बारस पुण्णिमाओ बारस अमावासाओ प०, तंजहा-साविट्ठी पोट्ठवई आसोई कत्तिगी मग्गसिरी पोसी माही फग्गुणी चेत्ती वइसाही जेट्ठामूली आसाढी, साविट्टिण्णं भंते ! पुण्णिमासिं कइ णक्खत्ता जोगं जोएंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता जोगं जोएंति, तं०-अभिई सवणो धणिट्ठा / पोट्ठवइण्णं भंते ! पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोगं जोएंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता० जोएंति, तं०सयभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया, अस्सोइण्णं भंते ! पुण्णिमं कइ णवत्ता जोगंजोएंति ? गोयमा ! दो"जोएंति,तं०-रेवई अस्सिणी य, कत्तिइण्णं दो-भरणी कत्तिया य, मग्गसिरिणं दो-रोहिणी मग्गसिरं च, पोसिं णं तिण्णि-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, माघिण्णं दो-अस्सेसा मघा य, फगुगिणं दो-पुव्वाफग्गुणी य उत्तराफग्गुणी य, चेत्तिण्णं दो-हत्थो चित्ता य, विसाहिणं दो-साई विसाहा य, जेट्ठामूलिण्णं तिण्णि-अणुराहा जेट्ठा मूलो, आसाढिण्णं दो-पुव्वासाढा उत्तरासाढा / साविट्ठिण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? गोयमा ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे धणिट्ठा णक्खत्ते जोएइ उवकुलं जोएमाणे सवणे णक्खत्ते जोएइ कुलोवकुलं जोएमाणे अभिई णक्खत्ते जोएइ, साविट्टिण्णं पुण्णिमासिं कुलं वा जोएइ जाव कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता कुलोवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी पुण्णिमा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, पोट्ठवइण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं जोएइ 3 पुच्छा, गोयमा ! कुलं वा० उवकुलं वा० कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे उत्तरभद्दवया णक्खत्ते जोएइ उ० पुस्वभद्दवया० कुलोव० सयभिंसया णक्खत्ते HTHHTHHTHE Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 741 जोएइ, पोहवइण्णं पुण्णिमं कुलं वा जोएइ जाव कुलोवकुलं वा जोएइ कुलेण वा जुत्ता जाव कुलोवकुलेण वा जुत्ता पोट्ठवई पुण्णमासी जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, * अस्सोइण्णं भंते ! पुच्छा, गो० ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो लब्भइ कुलोवकुलं कुलं जोएमाणे अस्सिणीणक्खत्ते जोएइ उवकुलं जोएमाणे रेवइणक्खत्ते जोएइ, अस्सोइण्णं पुण्णिमं बुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता अस्सोई पुण्णिमा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, कत्तिइण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं"पुच्छा, गोयमा ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो कुलोवकुलं जोएइ, कुलं जोएमाणे कत्तियाणक्खत्ते जोएइ उव० भरणी०, कत्तिइण्णं जाव वत्तव्वं०, मग्गसिरिण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं तं चेव दो जोएइ णो भवइ कुलोवकुलं कुलं जोएमाणे मग्गसिरणक्खत्ते जोएइ उ० रोहिणी०, मग्गसिरिणं पुण्णिमं जाव वत्तव्वं सिया इति / एवं सेसियाओऽवि जाव आसाढिं, पोसिं जेट्ठामूलिं च कुलं वा उ० कुलोवकुलं वा, सेसियाणं कुलं वा उवकुलं वा कुलोवकुलं ण भण्णइ / साविट्ठिण्णं भंते ! अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? गोयमा ! दो णक्खत्ता जोएंति, तै०-अस्सेसा य महा य,पोट्ठवइण्णं भंते ! अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? गोयमा ! दो"पुन्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी य, अस्सोइण्णं भंते !" दो-हत्थे चित्ता य, कत्तिइण्णं दो-साई विसाहा य, मग्गसिरिणं तिण्णि-अणुराहा. जेट्टा मूलो य, पोसिणं दो-पुव्वासाढा, उत्तरासाढा, माहिणं तिण्णि-अभिई सवणो धणिट्ठा, फग्गुणिं णं तिण्णि-सयभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया, चेत्तिणं दो-रेवई अस्सिणी य, वइसाहिण्णं दो-भरणी कत्तिया य, जेट्ठामूलिण्णं दो-रोहिणी मग्गसिरं च, आसाढिण्णं तिणि-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो इति / साविट्टिण्णं भंते ! अमावासं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? गोयमा ! कुलं वा जोएइ उपकुलं वा जोएइ णो लभइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे महाणक्खत्ते जोएइ उवकुलं जोएमाणे अस्सेसाणक्खत्ते जोएइ, साविट्ठिण्णं अमावासं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी अमावासा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, पोट्ठवइण्णं भंते ! अमावासं तं चेव दो जोएइ कुलं वा जोएइ उपकुलं०, कुलं जोएमाणे उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते जोएइ उव० पुव्वाफग्गुणी०, पोट्टवइण्णं अमावासं जाव वत्तव्वं सिया, मग्गसिरिणं तं चेव कुलं मूले णक्खत्ते जोएइ उ० जेट्ठा० कुलोवकुलं अणुराहा जाव जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, एवं माहीए फग्गुणीए आसाढीए कुलं वा उवकुलं वा कुलोवकुलं वा, अवसे सियाणं कुलं वा Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 742 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . उवकुलं वा जोएइ // जया णं भंते ! साविट्ठी पुण्णिमा भवई तया णं माही अमावासा भवइ जया णं माही पुण्णिमा भवइ तया णं साविट्ठी अमावासा भवइ ? हंता गोयमा ! जया णं साविट्ठी तं चेव वत्तव्वं, जया णं भंते ! पोट्ठवई पुण्णिमा भवइ तया णं फग्गुणी अमावासा भवइ जया णं फग्गुणी पुणिमा भवइ तया णं पोट्ठवई अमावासा भवइ ? हंता गोयमा ! तं चेव, एवं एएणं अभिलावेणं इमाओ पुण्णिमाओ अमावासाओ णेयव्वाओ-अस्सिणी पुण्णिमा चेत्ती अमावासा कत्तिगी पुण्णिमा वइसाही अमावासा मग्गसिरी पुण्णिमा जेट्ठामूली अमावासा पोसी पुण्णिमा असाढी अमावासा।।१६शावासाणं भंते ! पढमं मासं कइ णवखत्ता ऐति ? गोयमा ! चत्तारि णक्खत्ता णेति, तं०-उत्तरासाढा अभिई संवणो धणिट्ठा, उत्तरासाढा चउद्दस अहोरत्ते णेइ,अभिई सत्त अहोरत्ते णेइ,सर्वणो अट्टहोरत्ते णेइ,धणिट्ठा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमदिवसे दो पया चत्तारि य अंगुला पोरिसी भवइ / वासाणं भंते ! दोच्च मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा! चत्तारि०, तं०-धणिट्ठा सयभिसया पुवामविया उत्तराभद्दवया, धणिट्ठा णं चउद्दस अहोरत्तेणेइ, सयभिसया सत्त अहोरत्ते णेइ, पुवाभद्दवया अट्ठ अहोरत्ते णेइ, उत्तराभद्दवया एगं अहोरत्तंणेइ तंसि च णं मासंसि अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पया अट्ठ य अंगुला पोरिसी भवइ। वासाण णं भंते! तइयं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गो०! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तरभद्दवया रेवई अस्सिणी, उत्तरभद्दवया चउद्दस राइदिए णेइ, रेवई पण्णरस० अस्सिणी एगं०, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिघसे लेहट्ठाई तिण्णि पयाइं पोरिसी भवइ / वासाणं भंते ! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गोयमा! तिणि 0, तं०अस्सिणी भरणी कत्तिया, अस्सिणी चउद्दस० भरणी पण्णरस० कत्तिया एग०, तंसि च णं मासंसि सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं चत्तारि अंगुलाई पोरिसी भवइ / हेमंताणं भंते ! पढमं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गोयमा ! तिण्णि०, तं०-कत्तिया रोहिणी मिगसिरं, कत्तिया चउद्दस० रोहिणी पण्णरस० मिगसिरं एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिणि पयाइं अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, हेमंताणं भंते ! Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 दोच्चं मासं कई णक्खत्ता ऐति ? गोयमा! चत्तारि णक्खत्ताणेति, तंजहा-मिगसिरं अदा पुणव्वसू पुस्सो, मिगसिरं चउद्दस राइंदियाई णेइ, अद्दा अट्ठ० णेइ, पुणव्वसू सत्त राइंदियाइं० पुस्सो एगं राइंदियं णेइ, तया णं चउव्वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहट्ठाइं चत्तारि पयाई पोरिसी भवइ, हेमंताणं भंते ! तच्च मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गोयमा ! तिण्णि०, तं०-पुस्सो असिलेसा महा, पुस्सो चोद्दस राइंदियाई णेइ, असिलेसा पण्णरस० महा एक्कं, तया णं वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं अटुंगुलाई पोरिसी भवइ / हेमंताणं भंते! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि ण०, तं०-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी,. महा चउद्दस राइंदियाइं णेइ, पुव्वाफग्गुणी पण्णरस राइंदियाई णेइ, उत्तराफग्गुणी एगं राइंदियं णेइ, तयाणं सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं चत्तारि अंगुलाई पोरिसी भवइ / गिम्हाणं भंते ! पढमं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता, उत्तराफग्गुणी चउद्दस राइंदियाइं णेइ, हत्थो पण्णरस राइंदियाइंणेइ, चित्ता एगं राइंदियं णेइ, तया णं दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहट्ठाई तिण्णि पयाइं पोरिसी भवइ, गिम्हाणं भंते ! दोच्चं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-चित्ता साई विसाहा, चित्ता चउद्दस राइंदियाइं णेइ, साई पण्णरस राइंदियाइं णेइ, विसाहा एगं राइंदियं णेइ, तया णं अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि दो पयाई अटुंगुलाई पोरिसी भवइ / गिम्हाणं भंते! तच्चं मासं कइ णक्खत्ता णेंति ? गोयमा! चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तंजहा-विसाहाऽणुराहा जेट्ठा मूलो, विसाहा चउद्दस राइंदियाइं णेइ, अणुराहा अट्ट राइंदियाइं णेइ, जेट्ठा सत्त राइंदियाइं णेइ, मूलो एक्कं .राइंदियं०, तया णं चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि दो पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ / गिम्हाणं भंते ! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा, मूलो चउद्दस राइंदियाइं णेइ, Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 744 अनंगपविद्वसुताणि पुव्वासाढा पण्णरस राइंदियाई णेइ, उत्तरासाढा एगं राइंदियं णेइ, तया णं वट्टीए समचउरंससंठाणसंठियाए णग्गोहपरिमण्डलाए सकायमणुरंगियाए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च प दिवसंसि लेहट्ठाई दो पयाई पोरिसी भवइ / एएसि णं पुव्ववण्णियाणं पयाणं इमा संगहणी, तं०-जोगो देवयतारग्गगोत्तसंठाण चंदरविजोगो / कुलपुण्णिमअमवस्सा णेया छाया य बोद्धव्वा // 1 // 162 // गाहा-हिहिँ ससिपरिवारो मंदरऽबाहा तहेव लोगंते / धरणितलाओ अबाहा अंतो बाहिं च उड्डमुहे // 1 // संठाणं च पमाणं वहंति सीहगई इथिमंता य / तारंतरऽग्गमहिसी तुडिय पह ठिई य अप्पबहू // 2 // अत्थि णं भंते ! चंदिमसूरियाणं हिटिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समेवि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि उपिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि ? हंता गोर्यमा ! तं चेव उच्चारेयवं, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-अस्थि णं० जहा जहा णं तेसिं देवाणं तवणियमबंभचेराइं ऊसियाई भवंति तहा तहा णं तेसि णं देवाणं एवं पण्णायए, तंजहा-अणुत्ते वा तुल्लत्ते वा, जहा जहा णं तेसिं देवाणं तवणियमबंभचेराई णो ऊसियाई भवंति तहा तहा णं तेसिं देवाणं एवं णो पण्णायए, तं०-अणुत्ते वा तुलत्ते वा // 163 // एगमेगस्स णं भंते ! चंदस्स केवइया महग्गहा परिवारो केवइया णक्खत्ता परिवारो केवइयाओ तारागणकोडाकोडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठासीइमहग्गहा परिवारो अट्ठावीसं णक्खत्ता परिवारो छावट्ठिसहस्साइं णव सया पण्णत्तरा तारागणकोडाकोडीओ पण्णत्ताओ // 164 // मंदरस्स णं भंते ! पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए जोइसं चार चरइ ? गोयमा ! इक्कारसहिं इक्कवीसेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसं चारं चरइ, लोगंताओ णं भंते ! केवइयाए अबाहाए जोइसे पण्णत्ते ? गोयमा ! एक्कारस एक्कारसेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसे पण्णत्ते / धरणितलाओ णं भंते !* सत्तहिं णउएहिं जोयणसएहिं जोइसे चारं चरइत्ति, एवं सूरविमाणे अट्टहिं सएहि, चंदविमाणे अट्ठहिं असीएहिं, उवरिल्ले तारारूवे णवर्हि जोयणसएहिं चारं चरइ / जोइसस्स णं भंते ! हेट्ठिल्लाओ तलाओ केवइयाए अबाहाए सूरविमाणे चारं चरइ ? गोयमा ! दसहिं जोयणेहिं अबाहाए चार चरइ, एवं चंदविमाणे णउईए जोयणेहिं चार चरइ, उवरिल्ले तारारूवे दसुत्तरे जोयणसए चारं चरइ, सूरविमाणाओ चंदविमाणे असीईए जोयणेहिं चारं चरइ, सूरविमाणाओ जोयणसए उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, चंदविमाणाओ वीसाए जोयणेहि Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 745 उवरिल्ले णं तारारूवे चारं चरइ // 165 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे अट्ठावीसाए णक्र ताणं कयरे णक्खत्ते सव्वन्भंतरिल्लं चारं चरइ ? कयरे णवखत्ते सव्वबाहिरं चारं चरइ ? कयरे०सव्वहिडिल्लं चार चरइ ? कयरे०सव्वउवरिल्लं चार चरइ ?, गोयमा ! अभिई णक्खत्ते सव्वब्भंतरं चारं चरइ, मूलो सत्वबाहिरं चार चरइ,भरणी सव्वहिटिल्लगं०साई सब्बुवरिल्लगं चारं चरइ। चंदविमाणे णं भंते ! किंसंटिए पण्णत्ते ? गोयमा ! अद्धकविट्ठसंठाणसंठिए सव्वफालियामए अब्भुग्गयमूसिए एवं सव्वाई णेयव्वाई,चंदविमाणे णं भंते ! केवइयं आयामविखंभेणं केवइयं बाहल्लेणं पप्णत्ते ? गोयमा ! छप्पण्णं खलु भाए विच्छिण्णं चंदमंडलं होइ / अट्ठावीसं भाए बाहरुलं तस्स बोद्धव्वं // 1 // अडयालीसं भाए विच्छिण्णं सूरमण्डलं होइ / चउवीसं खलु भाए बाहल्लं तस्स बोद्धव्वं // 2 // दो कोसे य गहाणं णक्खत्ताणं तु हवइ तस्सद्धं / तस्सद्धं ताराणं तस्सद्धं चेव बाहल्लं // 3 // 166 // चंदविमाणं णं भंते ! कइ देवसाहस्सीओ परिवहंति ? गोयमा ! सोलस देवसाहस्सीओ परिवहति / चंदविमाणस्स णं पुरथिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलणिभ्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं थिरलट्ठपवह पीवरसुसिलिट्ठ-विसिट्टतिरुदाढाविडंबियमुहाणं रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालतालुर्जहाण महुगुलियपिंगलबखाणं पीवरखरोरुपडिपुण्णंविउलखंधाणं मिउविसयसुहमलक्खणपसत्थवरवाणकेसरसडोवसोहियाणं ऊसियसुणमियसुजायअप्फोडियलंगूलाणं वइरामयणदखाणं वइरामयदाढाणं वइरामयदंताणं तवणिजजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिज्जजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरंमाणं अमियगईणं अमियदलव रियपुरिसक्कारपरकमाणं महया अप्फोडियसीहणायबोलकलकलरवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ सीहरूवधारीणं पुरथिमिल्लं. बाहं परिवहंति / चंदविमाणस्स णं दाहिणेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलणिन्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं वइरामयकुंभजुयलसुट्ठियपीवरवरवइरसोंडवट्टियदित्तसुरत्तपउमप्पगासाणं अब्भुण्णयमुहाणं तवणिज विसालकण्णचंचलचलतविम.लुजलाणं महुवण्णभिसंतणिद्धपत्तलणिम्मलतिवण्णमणिरयणलोयणाणं अन्भुगयमउल मल्लियाधवलसरिससंठिय-णिव्वणदढकसिणफालियामयसुजाय- दंतमुसलोक्सोभियान कंचणकोसीपविठ्ठदंतग्गविमलमणिरयणरुइलपेरंतचित्तरूवगविराइयाणं तवाणिजविसालतिलगप्पमुहपरिमंडियाणं णाणामणिरयणमुद्धगेविजबद्धगलयवरभूसणाणं वेरुलिय Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 746 अनंगपविट्ठसुत्ताणि विचित्तदण्डणिम्मल-वइरामयतिक्खलट्ठ-अंकुसकुंभजुयलयंतरोडियाणं तवणिजसुबद्धकच्छदप्पियबलुद्धराणं विमलघणमण्डलवइरामयलालाललियतालणाणं णाणामणिरयणघंटपासगरययामयबद्धलज्जुलंबियघंटाजुयलमहुरसरमणहराणं अल्लीणपमाणजुत्तवट्टियसुजायलमग्वणपसत्थरमणिजवालगत्तपरिपुंछणाणं उवचियपडिपुण्णकुम्मचलणलहुविकमाणं अंकमयणक्खाणं तवणिजजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरकमाणं महया गंभीरगुलुगुलाइयरवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ गयरूवधारीणं देवाणं दक्खिणिल्लं बाहं परिवहति / चंदविमाणस्स णं पच्चत्थिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं चलचवलककुहसालीणं घणणिचियसुबद्धलक्खणुण्णयईंसियाणयवसभोट्ठाणं चंकमियललियपुलियचलचवलगब्वियगईणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं पीवरवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंबपलंबलखणपमाणजुत्तरमणिजवालगंडाणं समखुरवालिधाणाणं समलिहियसिंगतिक्खग्गसंगयाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविधराणं उवचियमंसलविसालपडिपुण्णखधपएससुंदराणं वेरुलियभिसंतकडक्खसुणिरिक्खणाणं जुत्तपमाणपहाणलक्खणपसत्थरमणिजगग्गरगलसोभियाणं घरघरगसुसद्दबंद्धकंठपरिमंडियाणं णाणामणिकणगरयणघंटियावेगच्छिगसुकयमालियाणं वरघंटागलयमालुजलसिरिधराणं पउमुप्पलसगलसुरभिमालाविभूसियाणं वइरखुराणं विविहविक्खुराणं फालियामयदंताणं तवणिजजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाण अमियगईणं अमियबलबीरियपुरिसक्कारपरकमाणं महया गज्जियगंभीररवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं दिसाओ यसोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ वसहरूवधारीगं देवाणं पच्चत्थिमिल्ल बाहं परिवहति / चंदविमाणस्स णं उत्तरेणं सेयाणं सुभगाणं सुम्पभाणं तरमल्लिहायणाणं हरिमेलमउलमल्लियच्छाणं चंचुच्चिललियपुलियचलचवलचंचलगईणं लंघणवग्गणधावणधोरणतिवइजइण सिक्खियगईणं ललंतलामगललायवरभूतणाणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं पीवरवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंबपलंबलखणपमाणजुत्तरमणिज्जवालपुच्छाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविहराणं मिउविसयसुहुमलक्खणपसत्थविच्छिण्णकेसरवालिहराणं ललंतथासगललाडवरभूसणाणं मुहमण्डगओचूलगचामरथासगपरिमण्डियकडीणं तवणिजखुराणं तवणिजजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं जाव मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलबीरियपुरिसक्कारपरक्कमाणं महया यहेसियकिलकिलाइयरवेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 747 दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ हयरूवधारीणं देवाणं उत्तरिल्लं बाह परिवहति / गाहा–सोलसदेवसहस्सा हवंति चंदेसु चेव सूरेसु / अट्टेव सहस्साई एक्केवकंमी गहविमाणे // 1 // चत्तारि सहस्साइं णक्खत्तमि य हवंति इक्किक्के / दो चेव सहस्साइं तारारूवेक्कमेक्कंमि // 2 // एवं सूरविमाणाणं जाव तारास्वविमाणाणं, णवरं एस देवसंघाएत्ति // 167 // एए सि णं भंते ! चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे सव्व सिग्धगई कयरे सव्व सिग्चतराए चेव ? गोयमा ! चंदेहितो सूरा सिग्घगई, सूरेहिंतो गहा सिग्धगई, गहेहिंतो णखत्ता सिग्धगई, णक्खत्तेहिंतो तारारूवा सिग्धगई, सव्वप्पगई चंदा, सव्व सिन्धगई तारारूवा इति // 168 // एएसि णं भंते ! चंदिमसूरियगहगणणखत्ततारारूवाणं कयरे सव्वमहिड्डिया कयरे सव्वप्पड्डिया?गो० ! तारारूवेहितोणक्खत्ता महिड्डिया, णवखत्तेहिंतो गहा महिड्डिया, गहेहितो सूरिया महिड्डिया, सूरेहितो चंदा महिड्डिया, सव्वप्पिडिया तारारूवा, सव्वमहिड्डिया चंदा // 169 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे तारारूवस्स य तारारूवस्स य केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे अंतरे प०, तं०वाघाइए य णिव्वाघाइए य,णिव्वाघाइए जहण्णेणं पंचधणुसयाइं उक्कोसेणं दो गाउयाई, वाघाइए जहण्णेणं दोण्णि छावढे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साई दोणि य बायाले जोयणसए तारारूवस्स य 2 अबाहाए अंतरे पण्णत्ते // 170 // . चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, तओ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि 2 देवीसहस्साई परिवारो पण्णत्तो, पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णं देवीसहस्सं विउवित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवीसहस्सा, सेत्तं तुडिए / पहू णं भंते ! चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदव.सए विमाणे चंदाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए तुडिएणं सद्धिं महया हयणट्टगीयवाइय जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए 1 गोयमा ! णो इणढे समढे, से केणटेणं भंते ! जाव विहरित्तए ? गोयमा ! चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो चंदवडेंसए क्मिाणे चंदाए रायहाणीए सभाए सुहंम्माए माणवए चेइयखंभे वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसु बहूईओ जिणसकहाओ सण्णिखित्ताओं चिट्ठति, ताओ णं चंदस्स अण्णेसिं च बहूणं देवाण य देवीण य अच्चणिजाओ जाव पज्जुवासणिजाओ से तेणटेणं गोयमा ! णो पभूत्ति / पभू णं चंदे 'सभाए सुहम्माए चउहिँ सामाणियसाह Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 748 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . स्सीहिं एवं जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए केवलं परियारिडीए, णो चेव णं मेहुणवत्तियं / विजया 1 वेजयंती 2 जयंती 3 अपराजिया 4 सव्वेसिं गहाईणं एयाओ अग्गमहिसीओ, छावत्तरस्सवि गहसयस्स एयाओ अम्गमहिसीओ वत्तव्वाओ, इमाहि गाहाहिति-इंगालए 1 वियालए 2 लोहियं के 3 सणिच्छरे चेव 4 / आहुणिए 5 पाहुणिए 6 कणगसणामा य पंचेव 11 // 1 // सोमे 12 सहिए 13 अस्सासणे य 14 कज्जोवए 15 य कब्बुरए 16 / अयकरए 17 दुंदुभए संखसणामेवि तिण्णेव 20 // 2 // एवं भाणियव्वं जाव भावके उस्स अग्गमहिसीओत्ति / 171 / गाहा–बम्हा विण्हू य वसू वरुणे अय वुड्डी पूस आस जमे / अग्गि पयावइ सोमे रुद्दे अदिई वहस्सई सप्पे // 1 // पिउ भगअजमसविया तट्ठा वाऊ तहेव इंदगी। मित्ते इंदे णिरई आऊ विस्सा य बोद्धव्वे // 2 // 172 // चंदविमाणे णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गो०! जहण्णेणं चउभागपलिओवम उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समन्भहियं, चंदविमाणे णं० देवीणं जहंण्णेणं चउभागपलिओवमं उ० अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिमब्भहियं, सूरविमाणे देवाणं ज० चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समन्भहियं, सूरविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवम उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिँ वाससएहिं अब्भहियं, गह विमाणे देवाणं जहणणेणं चउब्भागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं, गहविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागलिओवमं उसकोसेणं अद्धपलिओग्मं, णक्खत्तविमाणे देवाणं जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, णखत्तविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं साहियं चउब्भागपलिओवमं, ताराविमाणे देवाणं जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं चउब्भागपलिओवमं, ताराविमाणदेवीणं जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं // 173 / / एएसि णं भंते ! चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे 2 हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गो० ! चंदिमसूरिया दुवे तुल्ला सव्वत्थोवा, णक्खत्ता संखेजगुणा, गहा संखेजगुणा, तारारूवा संखेजगुणा इति // 174 // अम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे जहण्णपए वा उक्कोसपए वा केवइया तित्थयरा सव्वग्गेणं प० 1 गोयमा ! जहण्णपए चत्तारि उवकोसपए चोत्तीसं तित्थयरा सव्वग्गेणं पण्णत्ता / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे जहष्णपए वा उक्कोसपए वा केवइया चक्कवट्टी सव्वग्गेणं प० ? गो० ! जहण्णपए चत्तारि उक्कोसपए तीसं चक्कवट्टी सव्वन्गेणं पण्णत्ता इति, बलदेवा तत्तिया चेव जत्तिया चक्कवट्टी, वासुदेवावि तत्तिया चेवत्ति / जम्बुद्दीवेणं भंते। दीवे केवइया णिहिरयणा Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 7 746 सव्वग्गेणं प० 1 गो० ! तिण्णि छलुत्तरा णिहिरयणसया सव्वग्गेणं 50, जम्बुद्दीवे -णं भंते ! दीवे केवइया णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! जहण्णपए छत्तीसं उक्कोसपए दोण्णि सत्तरा णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, जम्बुद्दीवे. केवइया पंचिंदियरयणसया सव्वन्गेणं पण्णत्ता ? गो० ! दो दसुत्तरा पंचिंदियरयणसया सव्वन्गेणं पण्णत्ता, जम्बुद्दीवे० जहण्णपए वा उवकोसपए वा केवइया पंचिंदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गो० ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसपए दोण्णि दसुत्तरा पंचिंदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया एगिंदियरयणसया सव्वग्गेणं प० ? गो० ! दो दंसुत्तरा एगिदियरयणसया सव्वग्गेणं प०, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया एगिदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गो० ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसेणं दोण्णि दसुत्तरा एरागैदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति // 175 // जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं उन्वेहेणं केवइयं उड़े उच्चत्तेणं केवइयं सव्वग्गेणं प० 1 गो० ! जम्बुद्दीवे 2 एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खम्भेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलस य सहस्साई दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाइं अद्धंगुलं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं प०, एगं जोयणसहस्सं उन्वेहेणं णवणउइं जोयणसहस्साइं साइरेगाइं उढें उच्चत्तेणं साइरेगंजोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पण्णत्ते // 176 / / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे किं सासए असासए ? गोयमा ! सिय सासए सिय असासए, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-सिय सासए सिय असासए ? गो० ! दवट्ठयाए सासए वण्णपजवेहिं गंध० रस० फासपजवेहि असासए, से तेण. टेणं गो० ! एवं वुच्चइ-सिय सासए सिय असासए / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! ण कयावि णासि ण कयावि णत्थि ण कयावि ण भविस्सइ भुवं च भवइ य भविस्सइ य धुवे णिइए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे जम्बुद्दीवे दीवे पण्णत्ते इति // 177 / / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे किं . * पुढविपरिणाम आउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ? गोयमा ! पुढविपरि णामेवि आउंपरिणामेवि जीवपरिणामेवि पुग्गलपरिणामेवि / जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सव्वपाणा सव्वजीवा सव्वभूया सव्वसत्ता पुढविकाइयत्ताए आउकाइयत्ताए तेउकाइयत्ताए वाउकाइयत्ताए वणस्सइकाइयत्ताए उववण्णपुव्वा ? हंता गो०! असई Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 750 भनंगपविमुत्तागिः अदुवा अणंतखुत्तो // 178 // से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जम्बुद्दीवे 2 ? गो० ! जम्बुद्दीवे णं दीवे तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे जम्बूरुक्खा जम्बूवणा जम्बूवणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव पिंडममंजरिवडेंसगधरा सिरीए अईव 2 उवसोभेमाणा 2 चिडंति, जम्बूए० सुदंसणाए अणाढिए णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-जम्बुद्दीवे दीवे इति // 179 // तए णं समणे भगवं महावीरे मिहिलाए णयरीए माणिभद्दे चेइए बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं बहूणं देवीणं मझगए एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ जम्बूदीवपण्णत्ती णामत्ति अज्जो! अज्झयणे अहं च हेउं च पसिणं च कारणं च वागरणं च भुज्जो 2 उवदंसेइ त्तिबेमि // 180 // सत्तमो वक्खारो समत्तो / / // जंबुद्दीवपण्णत्तीसुत्तं समत्तं // Page #160 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #161 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पढमं पाहुडं जयइ णवणलिणकुवलयवियसियसयवत्तपत्तलदलच्छो / वीरो गयंदमयगलसललियगयविक्कमो भयवं // 1 // णमिऊण सुरअसुरगरुलभुयगपरिवं दिए गयवि लेसे / अरिहे सिद्धायरिए उवज्झाय सव्वसाहू य / / 2 / / फुडवियडपागडत्थं वुच्छं पुव्वसुयसारणीसंदं / सुहुमगणिणोवइटें जोइसगणरायपण्णत्तिं // 3 // णामेण इंदभूइत्ति गोयमो वंदिऊण तिविहेणं / पुच्छइ जिणवरवसहं जोइसगणरायपण्णत्ति // 4 // कइ मंडलाइ वच्चइ 1, तिरिच्छा किं च गच्छइ 2 / ओभासइ केवइयं 3 सेयाई किं ते संठिई 4 // 5 // कहिं पडिहया लेसा 5 कहिं ते ओयसंठिई 6 / के सूरियं वरयए 7 कहं ते उदयसंठिई 8 // 6 // कहं कट्ठा पोरिसिटाया 9 जोगे किं ते व आहिए 10 / किं ते संवच्छरेणाई 11, कइ संवच्छराइ य 12 // 7 // कहं चंदमसो वुट्टी 13, कया ते दोसिणा बहू 14 / केइ सिग्घगई बुत्ते 15, कहं दोसिणलावणं 16 // 8 // चयगोववाय 17 उच्चत्ते 18 सूरिया कइ आहिया 19 / अणुभावे के व संवुत्ते 20, एवमेयाइं वीसई / / 9 / वड्ढोवड्ढी मुहुत्ताणं 1, अद्धमंडलसंठिई 2 / के ते चिण्णं परियरइ 3, अंतरं किं चरंति य 4 // 10 // उग्गाहइ केवइयं 5, केवइयं च विकंपइ 6 / मंडलाण य संठाणे 7, विक्खंभो 8 अट्ठ पाहुडा // 11 // छप्पंच य सत्तेव य. अट्ठ तिणि य हवंति पडिवत्ती / पढमस्स पाहुडस्स हवंति एयाउ पडिवत्ती // 12 // पडिवत्तीओ उदए, तहा अत्थमणेसु य / भियवाए कण्णकला, मुहुत्ताण गईइ य // 13 // णिक्खममाणे सिग्धगई, पविसंते मंदगईइ य / चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसिं च पडिवत्तीओ // 14 // उदयम्मि अट्ठ भणिया भेयग्याए दुवे य पडिवत्ती। चत्तारि मुहुत्तगईए हुंति तइयम्मि पडिवत्ती // 15 // आवलिय 1 मुहुत्तग्गे 2, एवंभागा य 3 जोगस्सा 4 / कुलाई 5 पुण्णमासी 6 य, सण्णिवाए 7 य संठिई 8 // 16 // तार(य)ग्गं च 9 णेया य 10 चंदमग्गत्ति 11 यावरे / देवयाण य अज्झयणे 12, मुहत्ताणं णामया इय 13 // 17 // दिवसा राइ वुत्ता य 14, तिहि 15 गोत्ता 16 भोयणाणि 17 य / आइच्चवार 18 मासा 19 य, पंच संवच्छरा इय 20 // 18 // जोइसस्स य दाराई 21, णक्वत्तविजए विय 22 / दसमे पाहुडे एए, बावीसं पाहुडपाहुडा // 19 // Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 754 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णाम णयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइयजगजाणवया'पासादीया 4 // 1 // तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए माणिभद्दे णाम चेइए होत्था वण्णओ // 2 // तीसे णं मिहिलाए णयरीए जियसत्तू णामं राया होत्था वण्णओ // 3 // तस्स णं जियसत्तुस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ // 4 // तेणं कालेणं तेणं समएणं तम्मि चेइए सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया जाव राया जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए // 5 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेटे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वरिसहशारायसंघयणे जाव एवं वयासी-ता : कहं ते वडोवड्डी मुहुत्ताणं आहितेति वएजा ? ता अट्ठएगूणवीसे मुहुत्तसए सत्तावीसं च सट्ठिमागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा // 6 // ता जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ एस णं अद्धा केवइयं राइंदियग्गेणं आहितेति वएज्जा ? ता तिणि छावढे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहितेति वएजा // 7 // ता एयाए अद्धाए सूरिए कइ मंडलाइं चरइ, कइ मंडलाइं दुक्खुत्तो चरइ, कइ मंडलाइं एगक्खुत्तो चरइ ? ता चुलसीयं मंडलसयं चरइ, बासीइ मंडलसयं दुक्खुत्तो चरइ, तंजहा-णिक्खममाणे चेव पविसमाणे चेव, दुवे य खलु मंडलाइं सई चरइ, तंजहा—सव्वभंतरं चेव मंडलं सव्वबाहिरं चेव मंडलं // 8 // जइ खलु तस्सेव आइच्चस्स संवच्छरस्स सयं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ सइं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ सयं दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ सई दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पढमे छम्मासे अस्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे, अत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे, णत्थि दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, दोच्चे छम्मासे अस्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, अस्थि दुवालसमुहुत्ता राई, णत्थि दुवालममुहुत्ते दिवसे भवइ, पढमे वा छम्मासे दोच्चे वा छम्मासे णत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णत्थि पण्णरसमुहत्ता राई भवइ, तत्थ णं कं हेउं वएज्जा ? ता अयणं जंबूदीवे 2 सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वन्भंतराए जाव विसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्त, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 1 पा. 1 755 दुवालसमुदुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पदमंसि अहोरत्तसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अमितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहि अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरसि आभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 दो 2 एगट्ठिभागमुहत्ते एगमेगे मंडले दिवसखेत्तस्स णिवुलेमाणे 2 रयणिक्खेत्तरस अभिबुड्ढेमाणे 2 सब्बबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं जरइ, ता जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्ववाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वब्भंतरमंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिणि छावठ्ठएगट्ठिभागमुहत्ते सए दिवसखेत्तस्स णित्रुड्डित्ता रयणिक्खेत्तस्स अभिवुट्टित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्टपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहष्णए बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे। से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं अट्ठारसमुहत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चसि अहोर सि बाहिरं तच्च मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरं तच्च मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए / एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतरओ तथाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 दो दो एगट्ठिभागमुहुत्ते एगमेगे मंडले रयणिखेत्तस्स णिवुट्टेमाणे 2 दिवसखेत्तस्स अभिवड्ढेमाणे 2 सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णिछावढे एगट्ठिभागमुहुत्तसए रयणिखेत्तस्स णिवुट्टित्ता दिवसखेत्तस्स अभिवड्डित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहत्ते Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 756 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दुच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे, इइ खलु तस्सेवं आइच्चस्स संवच्छरस्स सई अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सई अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, सयं दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सयं दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पढमे छम्मासे अस्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, अत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे, णस्थि दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, दोच्चे छम्मासे अत्थि अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, अत्थि दुवालसमुहुत्ता राई, णत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, पढमे वा छम्मासे दोच्चे वा छम्मासे णत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णत्थि पण्णरसमुहत्ता राई भवइ, णण्णत्थ राइंदियाणं वडोवड्डीए मुहुत्ताण वा चओवचएणं, णण्णत्थ वा अणुवायगईए० गाहाओं भाणियव्वाओ // 9 // पढमस्स पाहडस्स पढमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / ___ता कहं ते अद्धमंडलसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमा दुविहा अद्धमंडलसंठिई पण्णत्ता, तंजहा-दाहिणा चेव अद्धमलसंठिई उत्तरा चेव अद्धमंडलसंठिई / ता कहं ते दाहिणअद्धमंडलसंठिई आहिताति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे दीवे सव्वदीवसमुद्दाणं जाव परिक्खेवणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं 'संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि दाहिणाए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए अभितराणंतरं उत्तरद्धमंडलं संठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं सूरिए अभितराणंतरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते(हिं) दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई० दोहिं.एगट्ठिभागमुहत्तेहिं अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चसि अहोरत्तंसि उत्तराए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए अभितरं तच्चं दाहिणं अद्धमंडलं संठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ / ता जया णं सूरिए अभिंतरं तच्चं दाहिणं अद्धमंडलं संठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओऽणंतरंसि तंसि 2 देसंसि तं तं अद्धमंडलसंठिई संकममाणे 2 दाहिणाए 2 अंतराए भागाए तस्साइपएसाए सव्वबाहिरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्व Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 1 पा. 2 757 बाहिरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ / एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमछम्मासस्स पजवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि उत्तराए अंतरभागाए तस्साइपएसाए बाहिराणंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं दाहिणअद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरसि दाहिणाए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए बाहिरंतरं तच्चं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया सूरिए बाहिरं तच्चं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं०तंसि 2 देसंसि तं तं अद्धमंडलसंठिहं संकममाणे 2 उत्तराए अंतराभागाए तस्साइपएसाए सव्वभंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चसंवच्छरस्स. पंजवसाणे // 10 // ता कहं ते उत्तरा अद्धमंडलसंठिइं आहिताति वएजा ? ता अयं णं जंबूदीवे दीवे सव्वदीव जाव परिक्खेवेणं, ता जया णं सूरिए सव्वमंतरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्टपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जहा दाहिणा तहा चेव णवरं उत्तरट्टिओ अभितराणंतरं दाहिणं उवसंकमइ, दाहिणाओ अभितरं तच्चं उत्तरं उवसंकमइ, एवं खलु एएणं उवाएणं जाव सव्वबाहिरं दाहिणं 'उवसंकमइ सव्वबाहिरं दाहिणं उवसंकमित्ता दाहिणाओ बाहिराणंतरं उत्तरं उवसंकमइ, उत्तराओ बाहिरं तच्चं दाहिणं तच्चाओ दाहिणाओ संकममाणे 2 जाव सव्वभंतरं उवसंकमइ, तहेव / एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे, गाहाओ // 11 // पढमस्स पाहुडस्स बीयं पाहुडपाहुडं समत्तं // 1-2 // Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 758 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ता के ते चिण्णं पडिचरइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमे दुवे सूरिया पण्णत्ता, तंजहा-भारहे चेव सूरिए एखए चेव सूरिए, ता एए णं दुवे सूरिया पत्तेयं 2 तीसाए 2 मुहुत्तेहिं एगमेगं अद्धमंडलं चरंति, सट्ठीए 2 मुहुत्तेहिं एगमेगं मंडलं संघायंति, ता णिक्खममाणा खलु एए दुवे सूरिया णो अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, पविसमाणा खलु एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, तं सयमेगं चोयालं, तत्थ के हेऊ०ति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे 2 जाव परिक्खेवेणं०, तत्थ णं अयं भारहए चेव सूरिए जंबूदीवस्स 2 पाईणपडीणाययउंदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरथिमिल्लसि चउभागमंडलंसि बाणउइं सूरियमयाइं जाइं अप्पणा चेव चिण्णाइं पडिचरइ, उत्तरपच्चस्थिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउइं सूरियमयाइं जाइं सूरिए अप्पणो चेव चिण्णं पडिचरइ, तत्थ णं अयं भारहे सूरिए एरवयस्स सूरियस्स जंबूदीवस्स 2 पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता उत्तरपुरथिमिल्लंसि चउम्भागमंडलंसि बाणउइं सूरियमयाइं जाई सूरिए परस्स चिण्णं पडिचरइ, दाहिणपच्चथिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि एगूणणउई सूरियमयाइं जाइं सूरिए परस्स चेव चिण्णं पडिचरइ, तत्थ णं अयं एरवए सूरिए जंबूदीवस्स 2 पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता उत्तरपुरथिमिल्लंसि चउब्भागमंडलंसि बाणउइं सूरियमयाइं जाव सूरिए अप्पणो चेव चिणं पडिचरइ,दाहिणपुरथिमिलंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउई सूरियमयाइं जाई सूरिए अप्पणो चेव चिण्णं पडिचरइ, तत्थ णं अयं एवइए सूरिए भारहस्स सूरियस्स जंबूदीवस्स 2 पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडल चउवीसएणं सएणं छेत्ता दाहिणपचत्थिमिलंसि चउभागमंडलंसि बाणउइं सूरियमयाई सूरिए परस्स चिण्णं पडिचरइ, उत्तरपुरथिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउई सूरियमयाइं जाइं सूरिए परस्स चेव चिण्णं पडिचरइ, ता णिक्खममाणा खलु एए दुवे सूरिया णो अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, पविसमाणा खलु एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, सयमेगं चोयालं / गाहाओ // 12 // पढमस्स पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 1.3 / / ता केवइयं एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरति आहिताति Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 1 पा. 4 759 वएजा ? तत्थ खलु इमाओ छ पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-तत्थ एगे एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट सूरिया चारं चरंति आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता एग जोयणसहस्सं एगं च चउतीसं जोयणंसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट सूरिया चारं चरंति आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च पणत.सं जोयणसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट सूरिया चारं चरंति आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 3, एवं एगं दीवं एगं समुदं अण्णमण्णस्स अंतरं कह 4, एगे 'दो दीवे दो समुद्दे अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट सूरिया चारं चरंति आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 5, एगे "तिण्णि दीवे तिण्णि समुद्दे अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट सूरिया चारं चरति आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 6, वयं पुण एवं वयामो-ता पंच पंच जोयणाइं पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्स अंतरं अभिवड्माणा वा णिवड्डेमाणा वा सूरिया चारं चरंति० / तत्थ णं को हेऊ आहिएति वएजा 1 ता अयणं जंबूदीवे 2 जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वभंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणउइजोयणसहस्साई छच्चचत्ताले जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चार चरंति आहितांति वएजा, तयाणं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ते णिक्खममाणा सूरिया णवं संवच्छरं अयमाणा पढमंसि अहोरत्तंसि अमितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया अभिप्राणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणवई जोयणसहस्साई छच्च पणयाले जोयणसए पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति आहिताति वएजा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, ते णिक्खममाणा सूरिया दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभिंतरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणवई जोयणसहस्साई छच्चइक्कावण्णे जोयणसए णघ य एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति आहिताति वएजा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगढिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणु Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 760 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वाएणं णिक्खममाणा एए दुवे सूरिया तओऽणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणा 2 पंच 2 जोयणाई पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स . एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्स अंतरं अभिवड्वेमाणा 2 सव्ववाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं एगं जोयणसयसहस्सं उच्च सटे जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, ते पविसमाणां सूरिया दोच्चं छम्मासं अयमाणा पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च चउप्पण्णे जोयणसए छत्तीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति आहिताति वएजा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवह दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, ते पविसमाणा सूरिया दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया पां एगं जोयणसयसहस्सं छच्च अडयाले जोयणसए बावण्णं च एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहि एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए। एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणा एए दुवे सूरिया तओऽणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणा 2 पंच 2 जोयणाई पणतीसे एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्संतरं णिवुड्डेमाणा 2 सव्वब्भंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणउइजोयणसहस्साइं छच्च चत्ताले जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चसंवच्छरस्स पजवसाणे // 13 // पढमस्स पाहुडस्स चउत्थं पाहुडपाहुडं समत्तं // 14 // Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णती पा. 1 पा. 5 761 .. ता केवइयं ते दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ आहिताति * वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ एगे एवमाहंसु ता एग जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ...१, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगंजोयणसहस्सं एगं च चउत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ०एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगंजोयणसहस्सं एगं च पणतीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ०एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता अवढं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चार चरइ० एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता णो किंचि दीवं वा समुह वा ओगाहित्ता सूरिए चार चरइ...५, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं जंबूदीवं 2 एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उसंकमित्ता चारं चरइ तया णं लवणसमुदं एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीस जोयणसयं ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ / एवं चोत्तीसं जोयणसयं / एवं पणतीसं जोयणसयं / तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अवडं.दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं अवढं जंबूदीवं 2 ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं सव्वबाहिरएवि, णवरं अवढे लवणसमुई, तया णं राइंदियं तहेव, सत्थ जे ते एवमाहंसु-ता णो किंचि दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं णो किंचि दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता खूरिए चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तहेव एवं सव्वबाहिरए मंडले जवरं णो किंचि लवणसमुदं ओगाहित्ता चारं चरइ, राइंदियं तहेव, एगे एवमाहंसु 5 // 14 // वयं पुण एवं वयामो-ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडल उवसंकमिता चारं चरइ तयाणं जंबूदीवं 2 असीयं जोयण Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 762 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सयं ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उबकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं सब्दबाहिरेवि, णवरं लवणसमुदं तिणि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, गाहाओ भाणियव्वाओ // 15 // पढमस्स पाहुडस्स पंचमं पाहुडपाहुडं समत्तं।१-५॥ ___ता केवइयं(ते)एगमेगेणं राइंदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ सत्त पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसुता दो जोयणाई अद्धदुचत्तालीसं तेसीयसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ०एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता अड्ढाइजाई जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चार चरइ०एगे एवमाहंसु २,एगे पुण एवमाहंसु-ता तिभागूणाई तिण्णि जोयणाई एंगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि जोयणाई अद्धसीयालीसं च तेसीइसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाइंसु-ता अछुट्टाई जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु 5 एगे पुण एवमाहंसु-ता चउभागूणाई चत्तारि जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ० एगे एवमासु 6, एगे पुण एवमाहंसु-ता चत्तारि जोयणाइं अद्धबावण्णं च तेसीइसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ० एगे एवमासु 7 / वयं पुण एवं वयामो-ता दो जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगं मंडलं एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 सूरिए चारं चरइ०, तत्थ णं को हेऊति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे 2 जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि आभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए आभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दो जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहें एगट्ठिभागमुहत्तोहं ऊणे, दुवालसमुहत्ता राई भवई दोहं एगद्विभागमुहत्तेहिं अहिया। से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि आभितरं तच्चं मंडलं Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 1 पा.६ 763 उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए आन्अंतरं तच्चं मंडलं उपसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच जोयणाई पणतसं च एगट्ठिभागे जोयणम्स दोहिं राइदिएहिं विकंपइत्ता 2 चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चरहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 दो 2 जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगं मंडलं एगमेगेणं राइंदिएणं विकंपमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वन्भतरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं पंचदसुत्तरजोयणसए विकंपइत्तार चार चरइ,तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमछम्मासे, एस णं पढमछम्मासस्स पजवसाणे,से य पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पटमंसि अहोरत्तसि बाहिराणंतर मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दो दो जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता 2 चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरतच्चंसि मंडलंसि उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णे पंच जोयणाई पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स दोहिं राइदिएहिं विकंपइत्ता 2 चारं चरइ, राईदिए तहेव, एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तओऽणंतराओ तयाणंतरं च णं मंडलं संकममाणे 2 दो 2 जोयणाई अडयालीसं ज एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपमाणे 2 सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं * मडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं पंचदसुत्तरे जोयणसए विकंपइत्ता 2 चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पज.व Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 764 अनंगपविटुसुत्ताणि साणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पन्जवसाणे // 16 // पढमस्स पाहुडस्स छठें पाहुडपाहुडं समत्तं // 16 // ता कहं ते मंडलसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिंवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडल्यया समचउरंससंठाणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता सदावि णं मंडलवया विसमचउरंससठाणसंटिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया समचउक्कोणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया विसमचउक्कोणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया समचक्कवालसंठिया. पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 5, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया विसमचक्कवालसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 6, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि पं. मंडलवया चक्कद्धचक्कवालसंठिया पण्णत्ता एमे एवमाहंसु 7, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया छत्तागारसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाइंसु 8, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया छत्तागारसंठिया पण्णत्ता एएणं पएणं णायव्वं, णो चेव णं इयरेहि, पाहुडगाहाओ भाणियवाओ // 17|| पढमस्स पाहुडस्स सत्तमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 1-7 // ता सव्वावि णं मंडलवया केवइयं बाहल्लेणं केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिण्णि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ तंजहा-तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया जोयणं बाहल्लेणं एगे जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं आयामविक्खम्भेणं तिण्णि जोयणसहस्साइं तिण्णि य णवणउए जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया जोयणं बाहल्लेणं एगं जोयणसहस्सं एगं च चउतीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साइं चत्तारि बिउत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता० जोयणं बाहलेणं एग जोयणसहस्सं एगं च पणतीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साई चत्तारि य पंचुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 3, वयं पुण एवं वयामो-ता सव्वावि णं मंडलवया अडयालीसं च एगढिभागे जोयणस्स Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्तो पा. 1 पा.८ 765 बाहल्लेणं अणियना आयामविक्खंभेणं परिक्खेवेणं आहिताति वए जा, तत्थ णं को हेऊ. त्ति वएजा ? ता अयण्णं जम्बूदीवे 2 जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयार्ल.सं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरसजोयणसहस्साइं एगूणणउई जोयणाई किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं०, तयाणं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउइ. जोयणसहस्साइं छच्च पणयाले जोयणसए पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य सहस्साई एगं चउत्तरं जोयणसयं किंचिविसेसूर्ण परिक्खेवेणं०, तया णं दिवसराइप्पमाणं तहेव / से णिवखममाणे सूरिए दोच्चपि अहोरत्तंसि अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउइजोयणसहस्साइं छच्च एक्कावण्णे जोयणसए णव य एगट्ठिभागा जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य सहस्साई एगं च पणवीसं जोयणसयं परिक्खेवेणं पण्णत्ता, तया णं दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणं णएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं उवसंकममाणे 2 पंच जोयणाई पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुड्डि अभिवड्डेमाणे 2 अट्ठारस 2 जोयणाई परिरयवुदि अभिवमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागा जोयणस्स बाहल्लेणं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च सट्टे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साई तिणि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, तया णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 766 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडया- . लीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं एगं जोयणसयसहस्सं उच्च चउप्पण्णे जोयणसए छव्वीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिणि जोयणसयसहस्साई अट्ठारससहस्साइं दोषिण व सत्ताणउए जोयणसए परिक्खेवेणं पण,त्ता, तया णं राइंदियं तहेव, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ,ता जया णं सूरिए बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहरूलेणं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च अडयाले जोयणसए बावणं च एगट्ठिभागे जोयणम्म आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारससहस्साई दोण्णि य अउयण]सीए जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता, दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणुवाए से पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मुंडलं संकममाणे 2 पंच 2 जोयणाई पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुट्टि णिबुड्डेमाणे 2 अट्ठारस जोयणाई परिरयबुढेि णिवुवेमाणे 2 सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउई जोयणसहस्साई छच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य सहस्साइं अउणाउइं च जोयणाई किंचिविसेसाहियाइं परिक्खेवेणं पण्णत्ता,तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे, ता सव्वावि णं मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहलेणं, सव्वावि णं मंडलंतरिया दो जोयणाई विक्खंभेणं, एस णं अद्धा तेसीयसयपडुप्पण्णो पंचदसुत्तरे जोयणसए आहिताति वएजा, ता अभितराओ मंडलवयाओ बाहिरं मंडलवयं बाहिराओ वा० आभंतरं मंडलवयं एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वए जा ? ता पंचदसुत्तरजोयणसए आहिताति वएज्जा, ता अभिंतराए मंडलवयाए बाहिरा मंडलवया बाहिराओ मंडलवयाओ आभतरा मंडलवया एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएज्जा ? ता पंचदसुत्तरे जोयणसए अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स आहिताति वएज्जा, ता अमितराओ मंडलवयाओ बाहिरमंडलवया बाहिराओ० अभंतरमंडलवया एस णं Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . चंदपण्णत्ती पा. 2 पा. 1 767 अद्धा केवइयं आहिताति वएजा ? ता पंचणवुत्तरे जोयणसए तेरस य एगट्ठिभागे जोयणस्स आहिताति वएजा, ता अभितराए मंडलवयाए बाहिरा मंडलवया बाहिराए मंडलवयाए अभिंतरमंडलवया एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएजा ? ता पंचदसुत्तरे जोयणसए आहिताति वएजा / / 18 / / पढमस्स पाहुडस्स अट्ठमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 18 / / पढम पाहुडं समत्तं // 1 // बिइयं पाहुडं ता कहं ते तेरिच्छगई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ मरीई आगामंसि उत्तिट्ठइ,सेणं इमं तिरिय लोयं तिरियं करेइ तिरियं करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायंमि रायं आगासंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करित्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि सूरिए आगासंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरस्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करित्ता पच्चत्थिमंसि लोयंसि सायं सूरिए आगासं अणुपविसइ 2 त्ता अहे पडियागच्छइ अहे पडियागच्छेत्ता पुणरवि अवरभूपुरस्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चस्थिमिल्लंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्ठइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पचत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायसि अणुपविसइ अणुपविसित्ता अहे पडियागच्छइ 2 त्ता पुणरवि अवरभूपुरथिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्टइ एगे एवमाहंसु 5, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमिल्लाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पञ्चत्थिमंसि लोयंतंसि पाओ सूरिए आउकायंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु 6, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरस्थिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करित्ता पचत्थिमं लोयंसि सायं सूरिए आउकायंसि अणुपविसइ 2 त्ता अहे Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 768 अनंगपबिट्ठसुत्ताणि पडियागच्छइ 2 ता पुणरवि अवरभूपुरस्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिट्टइ एगे एवमाइंसु 7, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरन्थिमाओ लोयंताओ बहूई जोयणाई बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साई उट्टे दूर उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ, से णं इमं दाहिणड्ढें लोयं तिरियं करेइ करेत्ता उत्तरडलोयं तमेव राओ, से णं इमं उत्तरडलोयं तिरियं करेइ 2 त्ता दाहिणड्डलोयं तमेव राओ, से णं इमाई दाहिणुत्तरडलोयाइं तिरियं करेइ करेत्ता पुरस्थिमाओ लोयंताओ बहूई जोयणाई बहूइं जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साई उहूं दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ एगे एवमाहंसु 8 / वयं पुण एवं वयामो-ता जम्बूदीवस्स 2 पाईणपडीणायमउदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरस्थिमंसि उत्तरपच्चन्थिमंसि य चउभागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अट्ट जोयणसयाई उड़े उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ दुवे सूरिया० उत्तिटुंति, ते णं इमाई दाहिणुत्तराई जम्बूदीवभागाइं तिरियं करेंति 2 त्ता पुरथिमपञ्चत्थिमाइं जम्बूदीवभागाइं तमेव राओ, ते णं इमाई पुरथिमपञ्चत्थिमाइं जम्बूदीवभागाइं तिरियं करेंति २त्ता दाहिणुत्तराई जम्बूदीवभागाइं तमेव राओ, ते णं इमाई दाहिणुत्तराई पुरथिमपञ्चत्थिमाइं च जम्बूदीवभागाइं तिरियं करेंति २त्ता जम्बूदीवस्स 2 पाईणपडीणाययउदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरथिमिल्लंसि उत्तरपञ्चस्थिमिल्लंसि य चउभागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अट्ट जोयणसयाई उट्ठे उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ दुवे सूरिया आगासंसि उत्तिहँति / 19 / बिइयस्स पाहडस्स पढमं पाहडपाहडं समत्तं / ता कहं ते मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए चार चरइ आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ दुवे पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए भेयघाएणं संकमइ० एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए कण्णकलं णिन्वेढेइ.२, तत्थ (णं) जे ते एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए भेयघाएणं संकमइ, तेसि णं अयं दोसे, ता जेणंतरेणं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए भेयघाएणं सेकमइ एवइयं च णं अद्धं पुरओ ण गच्छइ, पुरओ अगच्छमाणे मंडलकालं परिहवेइ, तेसि णं अयं दोसे, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संक्रममाणे 2 सूरिए कण्णकल णिव्वेढेइ, तेसि णं अयं विसेसे, ता जेणंतरेणं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 2 पा. 3 766 सूरिए कण्णकर्ल णिव्वेढेह एवइयं च णं अद्धं पुरओ गच्छइ, पुरओ गच्छमाणे मंडलकालं ण परिहवेइ, तेसि णं अयं विसेसे, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 सूरिए कण्णकलं णिव्वेढेइ, एएणं गएणं णेयव्वं, णो चेव णं इयरेणं // 20 // बिइयस्स पाहुडस्स बिइयं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 2.2 // ता केवइयं ते खेत्तं सूरिए एगमेगेणं मुहत्तेणं गच्छइ आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ चत्तारि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ एगे एवमाहंसु-ता छ छ जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाइंसु 1 एगे पुण एवमाहंसु-ता पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता चत्तारि 2 जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाइंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाहंसु 4, तत्थ खलु जे ते एवमाहंसु-ता छ छ 'जोयणसहस्साइं सूरिए एर.मेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्टपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवह, जहणिया दुवालसमहत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि एगं जोयणसयसहस्सं अट्ठ य जोयणसहस्साई तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उक्संकमित्ता चारं चरइ त्या णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसम्हुत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवसंसि बावत्तरि जोयणसहस्साई तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं छ छ जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमासु-ता पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, तहेव दिवसराइप्पमाणं, तंसि च णं दिवसंसि तावक्खेत्तं णउइजोयणसहस्साइं, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं तं चेव राइंदियप्पमाणं, तंसि च णं दिवसंसि सट्टि जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं पंच पंच जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता चत्तारि 2 जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दिवसराई तहेव, तंसि च णं दिवसंसि बावत्तरि जोयणसहस्साई तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंक Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 770 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मित्ता चारं चरइ तया णं राइंदियं तहेव, तंसि च णं दिवसंसि अडयालीसं जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं चत्तारि 2 जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाइंसु-ता सूरिए णं उग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य सिग्घगई भवइ, तया णं छ छ जोयणसहस्साई एगमेगेणं मुहुतेणं गच्छइ, मज्झिमतावक्खेत्तं समासाएमाणे 2 सूरिए मज्झिमगई भवइ, तया णं पंच पंच जोयणसहस्साई एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, मज्झिम 2 तावक्खेत्तं संपत्ते सूरिए मंदगई भवइ, तया णं चत्तारि जोयणसहस्साइं एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ को हेऊ०ति वएज्जा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे 2 जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं दिवसराई तहेव, तंसि च णं दिवसंसि एक्काणउइं जोयणसहस्साई तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता-जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं राइंदियं तहेव, तस्सिं च णं दिवसंसि एगट्ठिजोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ एगे एवमाहंसु / वयं पुण एवं वयामोता साइरेगाई पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ०, तत्थ को हेऊति वएजा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे 2.. परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच 2 जोयणसहस्साई दोण्णि य एक्कावण्णे जोयणसए एगूणतीसं च सद्विभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिँ एक्कवीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं दिवसे राई तहेव, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच पंच जोयणसहस्साई दोण्णि य एक्कावण्णे जोयणसए सीयालीसं च सद्विभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं अउणासीए य जोयणसए सत्तावण्णाए सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगट्टिहा छेत्ता अउणावीसाए चुण्णियामागेहिं सूरिए चनखुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं दिवसराई तहेव, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभितरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चार Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 2 पा. 3 771 चरइ, ता जया णं सूरिए अमितरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच 2 जोयणसहस्साइं दोण्णि य बावण्णे जोयणसए पंच य सट्ठिभागे जोयणस्स एंगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहि छण्णउईए य जोयणेहिं तेत्तीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगट्टिहा छेत्ता दोहिं चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 अट्ठारस 2 सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहुत्तगई अभिबुड्ढेमाणे 2 चुलसीइं साइरेगाइं जोयणाई पुरिसच्छायं णिवुढेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच 2 जोयणसहस्साई तिण्णि य पंचुत्तरे जोयणसए पण्णरस य सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहिं एक सेहिं जोयणसएहिं तीसाए य सट्टिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुम्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाण / से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उपसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच 2 जोयणसहस्साइं तिणि य चउरुत्तरे जोयणसए सत्तावण्णं च सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकःसाए जोयणसहस्सेहिं णवहि य सोलेहिं जोयणसएहिं एगूणयालीसाए सट्ठिभागेहिं जोयणम्स सट्ठिभागं च एगष्ट्रिहा छेत्ता सट्ठिए चुणियाभागे सूरिए चरखुप्पासं हव्वमागच्चइ, तया णं राइंदियं तहेव, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरतच्चं मंडलं उसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउत्तरे जोयणसए ऊयाल सं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एगाहिगेहिं बत्तीसाए जोयणसहस्सेहिँ एक्कावण्णाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगट्टिहा हेत्ता तेवीसाए चुण्णियाभागेहि सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छद, राइंदियं तहेव, एवं खल एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 772 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. अट्ठारस 2 सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहुत्तगई णिबुड्ढेमाणे 2 साइरेगाई पंचासीई 2 जोयणाई पुरिसच्छायं अभिवुड्डेमाणे 2 सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच 2 जोयणसहस्साइं दोण्णि य एक्कावष्णे जोयणसए अट्ठर्तसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छद तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य दोवढेहिं जोयणसए हिँ एक्क.वीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सृरिए चक्खुम्फासं हव्यमागच्छइ,तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पज्जवसाणे // 21 // बिइयस्स पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं // 2-3 / / बिइयं पाहुडं समत्तं // 2 // तइयं पाहुडं ता केवइयं खेत्तं चंदिमसूरिया ओभासंति उज्जोवेति तवेंति पगासंति आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ बारस पडिवत्तीओ पण्णताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसुता एगं दीवं एगं समुदं चंदिमसूरिया ओभासंति उज्जोवेति तवेंति पगासेंति"१, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि दीवे तिण्णि समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 2 एगे पुण एवमाहंसु-ता अद्धचउत्थे दीवसमुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति" एगे एवमाहंसु 3 एगे पुण एवमाहंसु-ता सत्त दीवे सत्त समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति "एगे एक्माहंसु 4, एगे पुण एवमाइंसु-ता दस दीवे दस समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 5 एगे पुण एवमाहंसु-ता बारस दीवे बारस समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति"६ एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवे बायालीसं समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 7 एगे पुण एवमाहंसुता बावत्तरिं दीवे बावत्तरि समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 8, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवसयं बायालीसं समुद्दसयं चंदिमसूरिया ओभासंति .''एगे एवमाहंसु 9, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरिं दीवसयं बावत्तरिं समुद्दसयं चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 10, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवसहस्सं बायालं समुद्दसहस्सं चंदिमसूरिया ओभासंति"एगे एवमाहंसु 11, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरि दीवसहस्सं बावत्तरिं समुद्दसहस्सं चंदिमसूरिया ओभा Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 4 773 मंति एगे एक्माहंसु १२,वयं पुण एवं वयामो-ता अयण्णं जंबुद्दीवे 2 सव्वदीवसमुद्दाणं जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, से णं एगाए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सा णं जगई तहेव जहा जंबूदीवपण्णत्तीए जाव एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे 2 चोद्दससलिलासयसहस्सा छप्पण्णं च सलिलासहस्सा भवंत ति मक्खाया जंबुद्दीवे णं दीवे पंचचक्कभागसंठिए आहिएति वएजा, ता कहं जंबुद्दीवे 2 पंचचक्कभागसंठिए आहिएति वएजा ? ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वभंतरं मंडल उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं जंबुद्दीवस्स 2 तिण्णि पंचचक्कभागे ओभासंति... तंजहा-एगेवि एगं दिवढं पंचचक्कभागं ओभासह"", एगेवि एगं दिवढे पंचचकभागं ओभासेइ"", तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं जंबुद्दीवस्स 2 दोण्णि चक्कभागे ओभासंति"ता एगेवि सूरिए एगं पंचचकवालभार्गओभासइ उज्जोवेइ तवेइ पभासेइ, एगेवि एग पंचचक्कवालभागं ओभासइ", तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उवकोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ // 22 // तइयं पाहुडं समत्तं // 3 // चउत्थं पाहुडं - ता कहं ते सेयाए संठिई आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमा दुविहा संठिई पण्णत्ता, तंजहा-चंदिमसूरियसंठिई य तावक्खेत्तसंठिई य,ता कहं ते चंदिमसूरियसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खल्लु इमाओ सोलस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्येगे एवमाहंसु-ता समचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई०एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता विसमचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता०२, एवं एएणं अभिलावणं समचउक्कोणसंठिया ३,विसमचउक्कोणसंठिया ४,समचक्कबालसंठिया 5, विसमचक्कवालसंठिया 6, "ता चक्कद्धचक्कवालसंठिया'"पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 7, एगे पुण एवमाहंसु-ता छत्तागारसंटिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता० 8, एवं गेहसंठिया 9, गेहावणसंटिया 10, पासायसंठिया 11, गोपुरसंठिया 12, पेच्छाघरसंठिया 13, वलभीसंठिया 14, हम्मियतलसंटिया 15, एगे पुण एवमाहंसु-ता वालग्गपोइयासंटिया णं चंदिमसूरियसंटिई पण्णत्ता० 16, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता समचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता०, एवं Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 774 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एएणं णएणं णेयव्वं णो चेव णं इयरेहि। ता कहं ते तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थखलु इमाओ सोलस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ,तं०-तत्थ णंएगे एवमाहंसु-तागेहसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एवं जाव वालग्गपोइयासंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई०,एगे पुण एवमाहंसु-ता जस्संठिए णं जंबुद्दीवेश्तस्संठियाणं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ९,एगे पुण एवमाहंसु-ता जस्संठिए णं भारहे वासे तस्संठिया० पण्णत्ता० 10, एवं उजाणसंठिया णिजाणसंठिया एगओ णिसहसंठिया दुहओ णिसहसंठिया सेयणगसंठिया० एगे एवमाहंसु 15, एगे पुण एवमाहंसु-ता सेणगपट्ठसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 16, वयं पुण एवं वयामो-ता उड्ढीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता, अंतो संकुडा बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सत्थिमुहसंठिया, उभओ पासेणं तीसे दुवे बाहाओ अवट्ठियाओ भवति पणयालीसं 2 जोयणसहस्साई आयामेणं, तीसे दुवे बाहाओ अणवट्ठियाओ भवंति, तंजहा-सब्वभंतरिया चेव बाहा सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तत्थ को हेऊ०ति वएजा ? ता अयण्णं नम्बुद्दीवे 2 जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उक्संकमित्ता चारं चरइ तया णं उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएजा, अंतो संकुडा बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सस्थिमुहसंठिया, दुहओ पासेणं तीसे तहेव जाव सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं मम्वन्भतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं णव जोयणसहस्साई चत्तारि य उलसीए जोयणसए णव य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? ता जेणं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणित्ता दसहि छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लघणसमुदंतेणं चउणउई जोयणसहस्साइं अट्ठ य अट्ठसढे जोयणसए चत्तारि य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? ता जे णं जम्बुद्दीवस्स 2 परिक्खेवे... तिहिं गुणित्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसे णं तावक्खेत्ते केवइयं आयामेणं आहिएति वएजा ? ता अट्ठत्तरि जोयणसहस्साइं तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणतिभागे य आयामेणं आहिएति वएजा, तया णं किंसंठिया अंधयारसंठिई आहिताति वए जा ? ता उट्टीमुहकलंबुया Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा 5 775 पुप्प.संठिया तहेव जाव बाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सव्वन्भतरिया बाहा मंदरपव्ययंतेणं छज्जोयणसहस्साइं तिण्णि य चटीसे जोयणसए उच्च दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वए जा, तीसे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? ता जे णं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेव दोहिं गुणेत्ता सेसं तहेव, तीसे णं सव्वबाहिरिया वाहा लवणसमुदंतेणं तेवट्ठिजोयणसहस्साई दोण्णि य पणयाले जोयणसए छच्च दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? ता जे णं जम्बुद्दीवस्स 2 परिक्खेवे तं परि खेवं दोहिं गुणित्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, ता से णं अंधयारे केवइयं आयामेणं आहिएति वए जा ? ता अट्ठत्तरि जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणतिभागं च आयामेणं आहिएति वएजा, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं किंसंठिय़ा तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएजा ? ता उट्टीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएजा, एवं जं अभिंतरमंडले अंधयारसंठिईए पमाणं तं बाहिरमंडले तावक्खेत्तसंठिईए जं तहिं तावक्खेत्तसंठिईए तं बाहिरमंडले अंधयारसंठिईए भाणियव्वं जाव तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ, ता जंबुद्दीवे 2 सूरिया केवइयं खेत्तं उद्धं तवंति केवइयं खेत्तं अहे तवंति केवइयं खेत्तं तिरियं तवंति ? ता जम्बुद्दीवे णं दीवे सूरिया एगं जोयणसयं उढे तवंति अट्ठारस जोयणसयाई अहे तवंति सीयालीसं जोयणसहस्साई दुण्णि य तेवढे जोयणसए एगवीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स तिरियं तवंति // 23|| चउत्थं पाहुडं समत्तं // 4 // पंचमं पाहुडं __ता कस्सि णं सूरियस्स लेस्सा पडिया आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ वीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एक्माहंसु-ता मंदरंसि णं पव्वयंसि सूरित्यस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता मेरुसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु 2, एवं एएणं अभिलावेणं भाणियव्वं-ता मणोरमंसि णं पव्वयंसि, ता सुदंसणंसि णं पव्वयंसि, ता सयंपभंसि णं पव्वयंसि, ता गिरिरायंसि णं पव्वयंसि, ता रयणुच्चयंसि Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 776 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गं पव्वयंसि, ता सिलुच्चयंसि णं पव्वयंसि, ता लोयमझंसि णं पव्वयंसि, ता लोयणाभिंसि णं पव्वयंसि, ता अच्छंसि णं पव्वयंसि, ता सूरियावत्तंसि णं पव्वयंसि, ता सूरियावरणंसि णं पव्वयंसि, ता उत्तमंसि णं पव्वयंसि, ता दिसाइंसि णं पव्वयंसि, ता अवयंसंसि णं पव्वयंसि, ता धरणिखीलंसि णं पव्वयंसि, ता धरणिसिंगंसि णं पव्वयंसि, ता पव्वइंदंसि णं पव्वयंसि, ता पव्वयरायसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएजा, एगे एवमाहंसु 20 / वयं पुण एवं वयामो-ता मंदरेवि पत्रुच्चइ जाव पव्वयराया० पवुच्चइ, ता जे णं पुग्गला सूरियरस लेरसं फुसंति ते णं पुग्गला सूरियस्स लेस पडिहणंति, अदिट्ठावि णं पोग्गला सूरियस्स लेस्सं पडिहणंति, चरिमलेस्संतरगयावि णं पोग्गला सूरियस्स लेस्सं पडिहणंति० // 24 // पंचमं पाहुडं समत्तं // 5 // छळं पाहुडं ता कहं ते ओयसंटिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पजइ अण्णा अवेइ एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुमुहुत्तमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पजइ अण्णा अवेइ० 2, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वाता अणुराइंदियमेव, ता अणुपक्खमेव, ता अणुमासमेव, ता अणुउडुमेव, ता अणुअयणमेव, ता अणुसंवच्छरमेव, ता अणुजुगमेव, ता अणुवाससयमेव, ता अणुवाससहस्समेव, ता अणुवाससयसहस्समेव, ता अणुपुव्वमेव, ता अणुपुव्वसयमेव, ता अणुपुब्वसहस्समेव, ता अणुपुव्वसयसहस्समेव, ता अणुपलिओवममेव, ता अणुपलिओवमसयमेव, ता अणुपलिओवमसहस्समेव, ता अणुपलिओवमसयसहस्समेव, ता अणुसागरोवममेव, ता अणुसागरोवमसयमेव, ता अणुसागरोवमसहस्समेव, ता अणुसागरोवमसयसहस्समेव, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुउस्सप्पिणिओसप्पिणिमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पजइ अण्णा अवेइ, एगे एवमाहंसु 25 / वयं पुण एवं वयामो-ता तीसं 2 मुहुत्ते सूरियस्स ओया अवट्ठिया भवइ, तेण परं सूरियस्स ओया अणवट्ठिया भवइ, छम्मासे सूरिए ओयं णिबुड्ढेइ छम्मासे सूरिए ओयं अभिवड्डेइ, णिक्खममाणे सूरिए देसं णिबुड्ढेइ पविसमाणे सूरिए देसं अभिवुहेइ, तत्थ को हेऊ ति वएजा ? ता अयण्णं जम्बुद्दीवे 2 सव्वदीवसमु० जाव परिक्खेवेणं०,, ता जया णं Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा.६ 777 सूरिए सम्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया गं एगेणं राइदिएणं एगं भागं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिवुड्डित्ता रयणिखेत्तस्स अभिवट्टित्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं सएहिं छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्टिभागमुहुत्तेहिं अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अमितरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया ण दोहिं राइंदिएहिं दो भागे ओयाए दिवसखेत्तस्स णिवुद्वित्ता रयणिखेत्तस्स अभिवढेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसतीसेहिं सएहिं छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभांगमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चाहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणुवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 एगमेगे मंडले एगमेगेणं राइंदिएणं एगमेगं भागं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिबुमाणे 2 रयणिखेत्तस्स अमिवढेमाणे 2 सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सर्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वब्भंतरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियुसएणं एगं तेसीयं भागसयं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिबुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिवुड्ढेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं उत्तमकट्टपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमछम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगेणं राइदिएणं एगं भागं ओयाए रयणिक्खेत्तस्स णिबुढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिववेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता नया णं सूरिए बाहिरतच्चं Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 778 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दोहिं राइदिएहिं दो भाए ओयाए रयणिखेत्तस्स णिबुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिवुवेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालस' मुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे 2 एगमेगेणं राइदिएणं एगमेगं भागं ओयाए रयणिखेत्तस्स णिबुड्डेमाणे 2 दिवसखेत्तस्स अभिवड्डेमाणे 2 सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरद्द, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं एग तेसीय भागसयं ओयाए रयणिखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिववेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसतीसेहि सएहि छेत्ता, तया णं उत्तमकट्टपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे / 25 / छठें पाहुडं समत्तं // 6 // ___ सत्तमं पाहुडं ता किं ते सूरियं वरंति आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ वीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता मंदरे णं पव्वए सूरियं वरयइ आहितेति वएजा एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता मेरू णं.पव्वए सूरियं वरइ आहितेति वएजा० 2, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं जाव पव्वयराए णं पव्वए सूरियं वरयइ आहितेति वएजा एगे एवमाहंसु 20, वयं पुण एवं वयामो-ता मंदरेवि पवुच्चइ तहेव जाव पव्वयराएवि पत्रुच्चइ, ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं पु.संति ते णं पोग्गला सूरियं वरयंति, अदिहावि णं पोग्गला सूरियं वरयंति, चरमलेस्संतरगयावि णं पोग्गला सूरियं वरयंति० // 26 // सत्तम पाहुडं समत्तं // 7 // अट्टमं पाहुडं ता, कहं ते उदयसंठिई आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिण्णि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०–तत्थेगे एवमाहंसु–ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्डे Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा.८ 776 अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तर वि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढेवि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्ढे सत्तरसमुहत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरडेवि सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरले सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एवं (एएणं अभिलावेणं)परिहावेयध्वं, सोलसमुहत्ते दिवसे पण्णरसमुहत्ते दिवसे चउद्दसमुहत्ते दिवसे तेरसमुहत्ते दिवसे जाव जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिण बारसमुहुत्ते दिवसे० तया णं उत्तरडेवि बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तर बारसमुहत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं दाहिणड्डे ारसमुहत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्म पव्वयस्स पुरस्थिमपञ्चत्थिमेणं सया पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सया पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, अवट्ठिया णं तत्थ राइंदिया पण्णत्ता समणाउसो ! एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरडेवि अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणले वि अट्ठारसमुहत्ताणतरे दिवसे भवइ, एवं परिहावेयव्वं, सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ सोलसमुहुत्ताणंतरे०, पण्णरसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवइ चोद्दसमुहुत्ताणतरे०, तेरसमुहुत्ताणंतरे०, ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणढे बारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरडेवि बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे०, जया णं उत्तरढ़े बारसमुहत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि बारसमुहत्ताणंतरे दिवसे भवइ, तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चरिथमेणं णो सया पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णो सया पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, अणवडिया णं तत्थ राइंदिया प० समणाउसो ! एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्डे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरले दुवालसमुहुत्ता राई भवइ,जया णं उत्तरढ़े अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे बारसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं दाहि. गड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे बारसमुहुत्ता राई भवइ, जया ण उत्तरड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे बारसमुहुत्ता राई भवइ, एवं णेयव्वं सगलेहि य अणंतरेहि य एक्केक्के दो दो आलावगा सव्वेहि दुवालसमुहत्ता राई भवइ जाव ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्डे बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं उत्तरढे दुवालस Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 780 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं णेवत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ णेवत्थि पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, वोच्छिण्णा णं तत्थ राइंदिया प० समणाउसो ! एगे एवमाहंसु 3 / वयं पुण एवं वयामो-ता जंबुद्दीवे 2 सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छंति पाईणदाहिणमागच्छंति पाईणदाहिणमुग्गच्छंति दाहिणपडीणमागच्छंति दाहिणपडीणमुग्गच्छंति पडीणउदीणमागच्छंति पडीणउदीणमुग्गच्छंति उदीणपाईणमागच्छंति, ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिगड्ढे दिवसे भवइ तया णं उत्तरले० दिवसे भवइ, जया णं उत्तरढे० तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं दिवसे भवइ तया णं पच्चस्थिमेणवि दिवसे भवइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं दिवसे भवइ तयाणं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं राई भवइ, ता जया णं० दाहिणड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ,जया णं उत्तरड्डे तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमपञ्चस्थिमेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं पञ्चस्थिमेणवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया गं पञ्चत्थिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं एएणं गमेणं णेयव्वं, अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगदुवालसमुहुत्ता राई भवइ, सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुत्ता राई, सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगतेरसमुहुत्ता राई भवइ, सोलसमुहुत्ते दिवसे भवइ, चोद्दसमुहुत्ता राई भवइ, सोलसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगचोद्दसमुहुत्ता राई भवइ, पण्णरसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई, पण्णरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे० साइरेगपण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, चउद्दसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहुत्ता राई, चोद्दसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसोलसमुहुत्ता राई, तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई, तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसत्तरसमुहुत्ता राई, ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे जहण्णए दुवालसमुहुत्तए दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डे० जहण्णए दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ, ता जया णं उत्तरड्डे जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जम्बुद्दीवे 2 Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 8 781 मंदरस्स पव्वयस्स पुरन्यिमेणं जहण्णए दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ तया णं पचत्थिमेणवि जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स० उत्तरदाहिणेणं उवकोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे 2 दाहिणड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं उत्तरढ़ेवि वासाणं पढमे समए पडिवजइ, जया णं उत्तरड्डे वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपञ्चत्थिमेणं अणंतरपुरक्खडकालसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवजइ, ता जया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरन्थिमेणं वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं पञ्चत्थिमेणवि वासाणं पढमे समए पडिवजइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं वासाणं पढमे समए पडिवजह तया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरउत्तरदाहिणेणं अणंतरपच्छाकडकालसयं सि वासाणं पढमे समए, पडिवण्णे भवइ, जहा समओ एवं आवलिया आणापाणू थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते पक्खे मासे ऊऊ, एवं दस आलावगा जहा वासाणं एवं हेमंताणं गिम्हाणं च भाणियव्वा, ता जया णं जम्बुद्दीवे 2 दाहिणढे पढमे अयणे पडिवजइ तया णं उत्तरदेवि पढमे अयणे पडिवजइ, जया णं उत्तरड्डे पढमे अयणे पडिवजइ तया णं दाहिणदेवि पढमे अयणे पडिवजइ, जया णं उत्तरढे पढमे अयणे पडिवजइ तया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं अणंतरपुरक्खडकालसमयंसि पढमे अयणे पडिवजइ, ता जया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पवयस्स पुरथिमेणं पढमे अयणे पडिवज्जइ, तया णं पच्चत्थिमेणवि पढमे अयणे पडिवजइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं पढमे अयणे पडिवजइ तया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं अणंतरपच्छाकडकालसमयंसि पढमे अयणे पडिवण्णे भवइ, जहा अयणे तहा संवच्छरे जुगे वाससए, एवं वाससहस्से वाससयसहस्से पुदंगे पुत्वे एवं जाव सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे, ता जया णं जम्बुद्दीवे 2 दाहिणड्डे उस्सप्पिणी पडिवजइ तया णं उत्तरदेवि उस्सप्पिणी पडिवजइ, जया णं उत्तरड्डे उस्सप्पिणी पडिवजइ तया णं जम्बुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं णेवत्थि उस्सप्पिणी णेव अस्थि ओसप्पिणी अवट्टिए णं तत्थ काले पण्णत्ते समणाउसो !0 एवं ओस्सप्पिणीवि / ता जया णं लवणे समुद्दे दाहिणढे दिवसे भवइ तया णं लवणसमुद्दे उत्तरडे० दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे दिवसे भवइ तया णं लवणसमुद्दे पुरस्थिमपञ्चत्थिमेणं राई भवइ, जहा जम्बूद्दीवे 2 तहेव जाव उस्सप्पिणी०, तहा धायइसंडे णं दीवे सूरिया उदीण० तहेव, ता जया णं धायइसंडे द.वे दाहिणड्डे Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 782 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दिवसे भवइ तया णं उत्तरहेवि दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे दिवसे भवइ तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं पुरथिमपच्चत्थिमेणं राई भवइ, एवं जम्बुद्दीवे 2 जहा तहेव जाव उस्सप्पिणी०, कालोए णं जहा लवणे समुद्दे तहेव, ता अब्भतरपुक्खरद्धे णं सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छ तहेव, ता जया णं अभंतरपुक्खरद्धे णं दाहिणड्डे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे दिवसे भवइ तया णं अभितरपुक्खरद्धे मंदराणं पव्ययाणं पुरस्थिमपञ्चत्थिमेणं राई भवइ, सेसं जहा जम्बुद्दीवे 2 तहेव जाव उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ // 27 // अटुमं पाहुडं समत्तं / / / / णवमं पाहुडं ता कइकटुं ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिवत्तेइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिण्णि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला संतप्पंति, ते णं पोग्गला संतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराइं पोग्गलाई संतावेंतीति एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवंमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस लेसं फुसंति ते णं पोग्गला णो संत पंति, ते णं पोग्गला असंतप्पमाणा तयणंतराइं बाहिराई पोग्गलाई णो संतावेतीति एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला अत्थेगइया संतप्पंति अत्यंगइया णो संतप्पंति, तत्थ अत्थेगइया संतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराइं पोग्गलाई संताति अत्थेगइया असंतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराई पोग्गलाई णो संताति, एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु 3 / वयं पुण एवं वयामो-ता जाओ इमाओ चंदिमसूरियाणं देवाणं विमाणेहिंतो लेसाओ बहिया [उच्छूढा] अभिणिसट्टाओ पताति, एयासि ण लेसाणं अंतरेसु अण्णयरीओ छिण्णलेसाओ संमुच्छंति, तए णं ताओ छिण्णलेसाओ संमुच्छ्यिाओ समाणीओ तयणंतराइं बाहिराइं पोग्गलाई संतावेति इइ एस णं से समिए तावक्खेत्ते // 28 // ता कइकट्ठे ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव सूरिए पोरि सिच्छायं णिवत्तेइ आहितेति वएजा एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता अप्पुमुहुत्तमेव सूरिए Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा.ह 783 पोरिसिच्छाय णिवत्तेइ आहितेति वएजा०, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, ता जाओ चेव ओयसंठिईए पणवीसं पडिवत्तीओ ताओ चेव णेयवाओ जाव अणुउस्सप्पिणी मेव सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहिताति वएजा, एगे एवमाहंसु 25 / वयं पुण एवं वयामो-ता सूरियस्स ण उच्चत्तं च लेसं च पडुच्च छाउद्देसे उच्चत्तं च छायं च पडुच्च लेसुद्देसे लेसं च छायं च पडुच्च उच्चत्तुद्देसे, तत्थ खलु इमाओ दुवे पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ,तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरिसिच्छायं णिवत्तेइ,अस्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ० एगे एवमाइंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता अस्थि णं से दिवसे जंसि चणं दिवसंसि सूरिए दुपोरि सिच्छायं णिवत्तेइ, अस्थि णं से दिवसे जंसि० दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसिच्छायं णिवत्तेइ०२, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से दिवसे जसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरि सियं छायं णिव्वत्तेइ, अस्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरि सियं छायं णिवत्तेइ, ते एवमाईसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उसंकरित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, . तं०-उग्गमणमुहत्तंसि य अत्थमणमुहत्तंसि य, लेसं अभिवढेमाणे णो चेव णं णिवुद्देमाणे, ता जया- णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवससि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, तं०उंग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य, लेसं अभिवुढेमाणे णो चेव णं णिवुड्डेमाणे० 1, तत्थ णं जे ते एवमासु–ता अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसियं छायं णिवत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सत्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तयाणं उत्तमकट्टपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य, लेसं अभिवडेमाणे णो चेव णं णिबुड्ढेमाणे०,ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 784 अनंगपविट्ठसुत्तागि जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसिच्छायं णिवत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहत्तंसि य अस्थमणमुहुत्तंसि य; णो चेव णं लेसं अभिवुड्डेमाणे वा णिबुड्डेमाणे वा०२, ता कइकट्ठे ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिवत्तेइ आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ छण्णउई पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ,तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जसि च णं देसंसि सूरिए एगपोरिसियं छायं णिव्वतेइ० एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु-ता अत्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ०, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं जाव छण्णउइं पोरिसिच्छायं णिवत्तेइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए एगपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, ते एकमाइंसु-ता सूरियस्स णं सव्वहेट्ठिमाओ सूरप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्टाहिं लेसाहिं ताडिजमाणीहिं इमीसे रयणप्यभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उहूं उच्चत्तेणं एवइयाए एगाए अद्धाए एगेणं छायाणुमाणप्पमाणेणं उमाए तत्थ से सूरिए एगपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता सूरियस्स णं सबहेट्ठिमाओ सूरियप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्ठियाहिं लेसाहिं ताडिजमाणीहि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उर्दू उच्चत्तेणं एवइयाहिं दोहिं अद्धाहिं दोहिं छायाणुमाणप्पमाणेहिं उमाए एत्थ णं से सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, एवं णेयव्वं जाव तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए छण्णउइं पोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता सूरियस्स णं सव्वहिट्ठिमाओ सूरप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्टाहिँ लेसाहिं ताडिजमाणीहिं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उट्ठे उच्चत्तेणं एवइयाहिं छण्णवईए छायाणुमाणप्पमाणाहिं उमाए एत्थ णं से सूरिए छण्णउइं पोरिसियं छायं णिवत्तेइ एगे एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता साइरेगअउणट्ठिपोरिसीणं सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ०, ता अवड्डपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता तिभागे गए वा सेसे वा, ता पोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा 1 ता चउभागे गए वा सेसे वा, ता दिवड्डपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा 1 ता पंचमभागे गए वा सेसे वा, एवं अद्धपोरिसिं छोढुं पुच्छा दिवसस्स भागं छोढुं वागरणं जाव ता अद्धअउणासहिपोरिसीछाया Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 2 785 दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता एगूणवीससयभागे गए वा सेसे वा, ता अउणा सहिपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता बावीससहस्सभागे गए 'वा सेसे वा,ता साइरेगअउणासहिपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता णस्थि किंचि गए वा सेसे वा, तत्थ खलु इमा पणवीसणिविट्ठा छाया प०,तं०खंभच्छाया रज्जुच्छाया पागारच्छाया पासायच्छाया उवग्गच्छाया उच्चत्तच्छाया अणुलोमच्छाया आरुभिया समा पडिहया खीलच्छाया पक्खच्छाया पुरओउदया पुरिमकंठभाउवगया पच्छिमकंठभाउवगया छायाणुवाइणी किट्ठाणुवाइणीछाया छायछाया १७गोलछाया,तत्थ णंगोलच्छाया अट्ठविहा पण्णत्ता,तंजहा-गोलछाया अवहुगोलच्छाया गाढलगोलच्छया अवड्डगाढलगोलच्छाया गोलावलिच्छाया अवगोलावलिच्छाया गोलपुंजच्छाया अवगोलपुंजच्छाया 25 // 29 // एवमं पाहुडं समत्तं // 6 // दसमं पाहुडं .. ता जोगेति वत्थुस्स आवलियाणिवाए आहितेति वएजा, ता कहं ते जोगेति वत्थुस्स आवलियाणिवाए आहितेति वए जा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वेविणं णवखत्ता कत्तियाझ्या भरणिपजवसाणा प० एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वेवि णं णक्खता महाइया अस्सेसपजवसाणा पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वेवि णं पक्वत्ता धणिट्ठाइया सवणपजवसाषा पण्णत्ताएगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाइंसुता सव्वेवि णं णक्खत्ता अस्सिणीआइया रेवइपजसाणा प० एगे एवमासु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वेपि णं णक्खत्ता भरणीआइया अस्सिणीपजवसाणा० एगे एवमाहंसु 5, वयं पुण एवं वयामो-ता सव्वेवि णं णक्खत्ता अभिईआइया उत्तरासाढापजवसाणा पण्णत्ता, तंजहा-अभिई सवणो जाव उत्तरासादा // 30 // दसमस्स पाहुडस्स पढमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 10.1 // ___ता कहं ते मुहुत्ता आहितेति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं * अस्थि णखत्ते जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, अस्थि णक्खत्ता जे णं पण्णरस मुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ता जे Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 786 अनंगपबिट्ठसुत्तागि णं पणयालीसे मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं अट्ठावीमाए णक्ख- .. त्ताणं कयरे णक्खत्ते जे णं णवमुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभाए मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, कयरे णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहुत्ते चंदेणं सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णवत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णवत्ता जे णं पणयालीसं मुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए, णखत्ताणं तत्थ जे से णखत्ते जेणं णव मुइत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ से एगे अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जाएंति ते गं छ, तं०-सयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं तीसं मुहत्तं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं पण्णरस, तं०-सवणे धणिट्ठा पुव्वाभद्दवया रेवई अस्सिणी कत्तिया मिगसिरपुस्सा महा पुव्वाफग्गुणी हत्थो चित्ता अणुराहा मूलो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-उत्तराभवया रोहिणी पुणब्वसू उत्तराफग्गुणी विसाहा उत्तरासाढा // 31 // ता एएसि णं अट्ठावीसाए णखत्ताणं अस्थि णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहत्ते सूरिएण सद्धिं मोयं जोएइ, अत्थि णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एक्कवीमं च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णवत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारसय मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ, कयरे णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसमुहत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णखत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस मुहत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति,ता एएसिणं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ जे से णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ सेणं एगे अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-सयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा, तत्थ जे ते "तेरस अहोरत्ते दुवालस य मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं पण्णरस, तंजहासवणो धणिट्ठा पुवाभद्दवया रेवई अस्सिणी कत्तिया मिगसिरं पूसो महा पुव्वाफग्गुणी हत्थो चित्ता अणुराहा मूलो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं वीसं Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 4 787 अहोरत्ते तिपिण य मुहत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-उत्तराभद्दवया रोहिणी पुणव्वसू उत्तराफरगुणी विसाहा उत्तरासाढा // 32 // दसमस्स ‘पाहुउस्स बिइयं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-2 / / ___ता कहं ते एवंभागा आहिताति वएज्जा 1 ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अस्थि णक्वत्ता पुन्वंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प०, अत्थि णक्खत्ता पच्छंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प०, अत्थि णक्खत्ता णत्तंभागा अवड्डक्खेत्ता पण्णरसमुहुत्ता प०,अस्थि णक्खत्ता उभयंभागा दिवढक्खेत्ता पणयालीसं मुहुत्ता प०,ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णखत्ता० पुत्वंभागा समक्खेत्ता त समुहुत्ता प० जाव कयरे णक्खत्ता० उभयंभागा दिववृक्खेत्ता पणयालीसइमुहुत्ता प०१ ता एए सिणं भट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता पुव्वंभागा समक्खेत्ता तसइमहुत्ता प० ते णं छ, तंजहा-पुव्वापोट्टवया कत्तिया महा पुव्वाफग्गुणी मूलो पुव्वासादा, तत्थ जे ते णक्खत्ता० पच्छंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प० ते णं दस, तंजहाअभिई सवणो धणिवा रेवई अस्सिणी मिगसिरं पूसो हत्थो चित्ता अणुराहा, तत्थ जे ते णक्खत्ता० गत्तंभागा अवक्खेत्ता पण्णरसमुहुत्ता प० ते णं छ, तंजहासयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा, तत्थ जे ते णवत्ता० उभयंभागा दिवडक्खेत्ता पणयालीसं मुहुत्ता प० ते णं छ, तंजहा-उत्तरापोहवया रोहिणी पुणव्वसू उत्तराफग्गुणी विसाहा उत्तरासाढा // 33 // दसमरस पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-3 // ता कहं ते जोगस्स आई आहितांति वएजा ? ता अभीईसवणा खलु दुवे णक्खत्ता पच्छाभागा समक्खेत्ता साइरेगऊयालीसइमुहुत्ता तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, तओ पच्छा अवरं साइरेयं दिवसं, एवं खलु अभिईसवणा दुवे गदखत्ता एगराइं एगं च साइरेगं दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियटृति जोयं अणुपरियट्टित्ता सायं चंदं धणिहाणं समप्पेति, ता धणिट्ठा खलु णखत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता तओ पन्छा राई अवरं च दिवसं, एवं खलु धणिट्ठा णक्खत्ते एगंच राइं एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टइ जोयं अणुपरियट्टित्ता सायं चंदं सयभिसयाणं समप्पेइ, ता सयभिसया खलु णक्खत्ते णत्तंभागे अवडक्खेत्ते पण्णरसमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ णो लभइ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 788 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अवरं दिवसं, एवं खलु सयभिसया णक्खत्ते एगं राई चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टई जोयं अणुपरियट्टित्ता पाओ चंदं पुव्वाणं पोट्टवयाणं समप्पेइ, ता पुव्वापोट्टवया खलु णक्खत्ते पुव्वंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पटमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरराइं, एवं खलु पुव्वापोट्ठवया णक्खेत्ते एगं च दिवसं एगं च राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता पाओ चंदं उत्तरापोट्ठवयाणं समापेइ, ता उत्तरापोट्टवया खलु णक्खत्ते उभयंभागे दिवड्डक्खेत्ते पणयालीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ अवरं च राई तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु उत्तरापोट्टक्या णक्खत्ते दो दिवसे एगं च राई चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता सायं चंदं रेवेईणं समप्पेइ, ता रेवई खलु णक्खत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसह. मुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु रेवई णक्खत्ते एगं राई एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता सायं चंदं अस्सिणीणं समप्पेइ, ता अस्सिणी खलु णक्खत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु अस्सिणी णक्खत्ते एगं च राइं एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता सायं चंदं भरणीणं समापेइ, ता भरणी खलु णक्खत्ते णत्तंभागे अववृक्खेत्ते पण्णरसमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, णो लभइ अवरं दिवसं, एवं खलु भरणी णक्खत्ते एगं राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता पाओ चंदं कत्तियाणं समप्पेइ, ता कत्तिया खलु णवखत्ते पुव्वंभागे समक्खेत्ते तीसइमहत्ते तप्पढमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा राई, एवं खलु कत्तिया णक्खत्ते एगं च दिवसं एगं च राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ २त्ता पाओ चंदं रोहिणीणं समप्पेइ, रोहिणी नहा उत्तरभद्दवया मिगसिरं जहा धणिट्ठा अद्दा जहा सयभिसया पुणव्वसू जहा उत्तराभद्दवया पुस्सो जहा धणिट्ठा अस्सेसा जहा सयभिसया महा जहा पुव्वाफग्गुणी पुन्वाफग्गुणी जहा पुवाभद्दवया उत्तराफग्गुणी जहा उत्तराभवया हत्थो चित्ता य नहा धणिट्ठा साई जहा सयभिसया विसाहा जहा उत्तराभवया अणुराहा जहा धणिट्ठा सयभिसया मूला पुन्वासाढा य जहा पुव्वाभद्दवया उत्तरासाढा जहा उत्तराभवया // 34 // दसमस्स पाहुडस्स चउत्थं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10.4 // Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णती पा. 10 पा. 6 789 ता कहं ते कुला उवकुला कुलोवकुला आहिताति षएजा ? तत्थ खलु इमे बारस कुला बारस उवकुला चत्तारि कुलोवकुला प०, बारस कुला०, तंजहा-धणिट्ठाकुलं उत्तराभद्दवयाकुलं अस्सिणीकुलं कत्तियाकुलं संठाणाकुलं पुस्साकुलं महाकुलं उत्तराफग्गुणीकुलं चित्ताकुलं विसाहाकुलं मूलाकुलं उत्तरासाढाकुलं, बारस उवकुला०, तंजहा-सवणो उवकुलं पुव्वापुट्ठवयाउवकुलं रेवई उवकुलं भरणीउवकुलं रोहिणीउवकुलं पुणवसूउवकुलं अस्सेसाउवकुलं पुव्वाफग्गुणीउवकुलं हत्थाउवकुलं साईउवकुलं जेट्ठाउवकुलं पुव्वासाढाउवकुलं, चत्तारि कुलोवकुला०, तंजहा-अभीईकुलोवकुलं सयभिसयाकुलोवकुलं अद्दाकुलोवकुलं अणुराहाकुलोवकुलं // 35 // दसमस्स पाहुडस्स पंचमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-5 // ता कहं ते पुण्णिमासिणी आहितेति वएजा 1 तत्थ खलु इमाओ बारस पुण्णिमासिणीओ बारस अमावासाओ पणत्ताओ, तंजहा-साविट्ठी पोट्ठवई आसोया कत्तिया मग्गसिरी पोसी माही फग्गुणी चेत्ती वेसाही जेट्ठामूली आसाढी, ता साविट्ठिण्णं पुणिमासि कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा, पुडवइण्णं पुणिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिणि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-सयभिसया पुव्वापोट्टवया उत्तरापोट्ठवया, ता आसोइण्णं पुण्णिमं कह णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णबखत्ता जोएंति, तंजहाँरेवई य अस्सिणी य, ता कत्तियण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-भरणी कत्तिया य, ता मग्गसिरीपुण्णिमं कइ णवखत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-रोहिणी मिगसिरो य, ता पोसिणं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, ता माहिणं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति 1 ता दोण्णि णवखत्ता जोएंति, तं०-अस्सेसा महा य, ता फग्गुणिणं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-पुव्वाफ.गुणी उत्तराफग्गुणी य, ता चेत्तिण्णं पुण्णिम कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि०, तं०-हत्थो चित्ता य, ता वेसाहिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-साई विसाहा य, ता जेट्ठामूलिण्णं पुण्णिमासिणिं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अणुराहा जेट्ठा मूलो, ता आसाढिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दो णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-पुव्वासाढा उत्तरासाढा // 36 // [णाउमिह अमावासं जह Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 760 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. . इच्छसि कम्मि होइ रिक्खम्मि / अवहारं ठाविजा तत्तियरूवेहि संगुणए // 1 // छावट्ठी य मुहुत्ता बिसट्ठिभागा य पंच पडिपुण्णा / वासट्ठिभागसत्तट्टिगो य इवको हवइ भागो ॥सा एयमवहाररासिं इच्छअमावाससंगुणं कुजा / णक्खत्ताणं एत्तो. सोहणगविहिं णिसामेह / / 3 / / बावीसं च मुहत्ता छायालीसं बिसट्ठिभागा य / एयं पुणव्वसुस्स य सोहयव्वं हवइ वुच्छं // 4 // बावत्तरं सयं फग्गुणीणं बाणउदय बे विसाहासु / चत्तारि य बायाला सोज्झा उ उत्तरासाढा // 5 // एयं पुणव्वसुम्स य बिसट्ठिभागसहियं तु सोहणगं / इत्तो अभिईआई बिइयं वुच्छामि सोहणगं // 6 // अभिइस्स णव मुहुत्ता बिसट्ठिभागा य हुंति चउवीसं / छावट्ठी असमत्ता भागा सत्ताट्ठछेयकया // 7 // उगुणटुं पोट्ठवयाइसु चेव णवोत्तरं च रोहिणिया / तिसु णवणवएसु भवे पुणव्वसू फग्गुणीओ य ||8|| पंचेष उगुणपण्णं सयाइ उगुणुत्तराई छच्चेव / सोज्झाणि विसाहासु मूले सत्तेव चोयाला // 9 // अट्ठसय उगुणवीसा सोहणगं उत्तराण साढाणं / चउवीसं खलु भागा छावट्ठी चुणियाओ य // 10 // एयाइ सोहइत्ता जं सेसं तं हवेइ णक्खत्तं / इत्थं करेइ उडुबह सूरेण समं अमावासं // 11 // इच्छापुण्णिमगुणिओ अवहारो सोत्थ होइ कायव्यो / तं चेव य सोहणगं अभिईआई तु कायब्वं // 12 // सुद्धमि य सोहणगे जं सेसं तं भविज णक्खत्तं / तत्थ य करेइ उडुवइ पडिपुण्णो पुण्णिम विउलं॥१३॥] ता साविट्टिण्णं पुण्णिमासिणि किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे धणिट्ठा णक्खत्ते० उवकुलं जोएमाणे सवणे णक्खत्ते जोएइ, कुलोवकुलं जोएमाणे अभिई णखत्ते जोएइ, ता साविट्टि० पुण्णिमं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा नोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता कुलोवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, ता पोट्टवइण्णं पुण्णिमं किं कुलं जोएइ उपकुलं जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे उत्तरापोट्टवया णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे पुव्वापुट्ठवया णक्खत्ते जोएइ, कुलोवकुलं जोएमाणे सयभिसया णक्खत्ते जोएइ, पोट्ठवइण्णं पुण्णमासिणिं कुलं वा जोएइ उपकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता 3 पुट्टवया पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, ता आसोई णं पुण्णिमासिणिं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलंपि जोएइ उवकुलंपि जोएइ णो लभई कुलोवकुलं, Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 7 761 कुलं जोएमाणे अस्सिणी णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे रेवई णक्खत्ते जोएइ, आसोइं णं पुण्णिम कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता अस्सोई णं पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, एवं णेयव्वाउ, पोसं पुणिमं जेट्ठामूलं पुण्णिमं च कुलोवकुलंपि जोएइ, अवसेसासु णत्थि कुलोवकुलं जाव आसाढी पुणिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया / ता साविढि णं अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दुणि णवत्ता जोएंति, तंजहा-अस्सेसा य महा य, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, पोट्टवयं दो णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी, अस्सोइं दो० हत्थो चित्ता य कत्तियं० साई विसाहा य, मग्गसिरं० अणुराहा जेट्ठा मूलो, पोसिं० पुव्वासाद। उत्तरासाढा, माहि० अभीई सवणो धणिट्ठा, फगुणिं० सयभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्टवया, चेत्ति० रेवई अस्सिणी य, विसाहि० भरणी कत्तिया य, जेट्टामूलं० रोहिणी मिगसिरं च ता आसादि णं अमावासिं कइ णवखत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, ता साविट्ठि णं अमावासं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो लगभइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे महा णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे असिलेसा० जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उववुलेण वा जुत्ता साविट्ठी अमावासा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, एवं णेयव्वं, णवरं मग्गसिराए माहीए फग्गुणीए आसाढीए य अमागसाए कुलोवकुलंपि जोएइ, सेसेसु णत्थि जाव आसाढी अमावासा जुत्ताति वत्तव्वं सिया // 37 // दसमस्स पाहुडस्स छळं पाहुड. पाहुडं समत्तं // 10-6 // .. ता कहं ते सण्णिवाए आहिएति वएना 1 ता जया णं साविट्ठी पुण्णिमा भवइ तया णं माही अमावासा भवइ, जया णं माही पुण्णिमा भवइ तया णं साविट्ठी अमावासा भवइ, जया णं पुट्टवई पुण्णिमा भवइ तया णं फगुणी अमावासा भवइ, जया णं फग्गुणी पुण्णिमा भवइ तया णं पुट्ठवई अमावासा भवइ, जया णं आसोई पुण्णिमा भवइ तया णं चेत्ती अमावासा भवइ, जया णं चेत्ती पुण्णिमा भवइ तयाणं आसोई अमावासा भवइ, जया णं कत्तिई पुण्णिमा भवइ तयाणं वेसाही अमावासा भवइ, जया णं वेसाही पुण्णिमा भवइ तया णं कत्तिया अमावासा भवइ, जया णं मग्गसिरी पुण्णिमा भवइ तया णं जेट्ठामूली अमावासा भवइ, जया णं जेट्ठामूली पुण्णिमा भवइ तया णं मग्गसिरी अमावासा भवइ, जया णं पोसी पुण्णिमा भवइ Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 762 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तया णं आसाढी अमावासा भवइ, जया णं आसाढी पुण्णिमा भवइ तया णं पोसी अमावासा भवइ // 38 // दसमस्स पाहुडस्स सत्तमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-7 // ता कहं ते णक्खत्तसंठिई आहितेति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभीईणक्खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? ता गोसीसावलिसंठिए पण्णत्ते, ता सवणे णक्खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? ता काहारसंठिए प०, धणिट्ठाणक्खत्ते सउणिपलीणगसंठिए, सयभिसयाणक्खत्ते पुष्फोवयारसंठिए, पुव्वापोट्टवयाणव खत्ते अबढवाविसंठिए, एवं उत्तरावि, रेवईणक्खत्ते णावासंठिए, अस्सिणीणक्खत्ते आसक्खंधसंठिए, भरणीणक्खत्त भगसंठिए, कत्तिथाणक्खत्ते छुरघरगसंठिए, रोहिणीणक्खत्ते सगडुद्धिसंठिए, मिगसिराणक्खत्ते मिगसीसावलिसंठिए, अद्दाणक्खत्ते रहिरबिंदुसंठिए, पुणव्वसूणक्खत्ते तुलासंठिए, पुप्फे णक्खत्ते वद्धमाणसंठिए, अस्सेसाणक्खत्ते पडागसंठिए, महाणक्खत्ते पागारसंठिए, पुवाफग्गुणीणक्खत्ते अद्धपलियंकसटिए, एवं उत्तरावि, हत्थे णक्खत्ते हत्थसंठिए, चित्ताणक्खत्ते मुहफुल्लसंठिए, साईणक्खत्ते खीलगसंठिए, विसाहाणक्खत्ते दामणिसंठिए, अणुराहाणक्खत्ते एगावलिसंठिए, जेट्ठाणक्खत्ते गयदंतसंठिए, मूले णक्खत्ते विच्छुयलंगोलसंठिए, पुव्वासाढाणक्खत्ते गयविक्कमसंठिए, उत्तरासाटाणक्खत्ते साइयसंठिए प० // 39 // दसमस्स पाहुडस्स अट्ठमं पाहुडपाहु समत्तं // 10.8 // ता कहं ते तारग्गे आहिएति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभीईणक्खत्ते कइतारे प० ? ता तितारे पण्णत्ते, सवणे णक्खत्ते तितारे धणिट्ठाणक्खत्ते पणतारे, सयभिसयाणक्खत्ते सयतारे पुव्वापोडवयाणक्खत्ते दुतारे, एवं उत्तरावि, रेवई० बत्तीसइतारे, अस्सिणीणक्खत्ते तितारे, भरणी तितारे, कत्तिया छत्तारे, रोहिणी पंचतारे, मिगसिरे तितारे, अद्दा एगतारे, पुणव्वसू पंचतारे, पुस्से तितारे, अस्सेसा छत्तारे, महा सत्ततारे, पुव्वाफग्गुणी दुतारे, एवं उत्तरावि, हत्थे पंचतारे, चित्ता एगतारे, साई एगतारे, विसाहा पंचतारे, अणुराहा चउतारे, जेट्ठा तितारे, मूले एगतारे, पुव्वासाढा चउतारे, उत्तरासाढा चउतारे // 40 // दसमस्स .पाहुडस्स णवमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-6 / Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 10 763 ता कहं ते णेया आहितेति वएजा ? ता वासाणं पढमं मासं कइ णक्खत्ता णति ? ता चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तंजहा-उत्तरासाढा अभिई सवणो धणिट्ठा, उत्तरासाढा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अभिई सत्त अहोरत्ते णेइ, सवणे अट्ठ अहोरत्ते णेइ, धणिट्ठा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाइं चत्तारि य अंगुलाइं पोरिसी भवइ, ता वासाणं दोच्चं मासं कइ णवखत्ता ऐति ? ता चत्तारि णक्खत्ता णेति, तंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्टवया उत्तरापोट्टवया धणिट्ठा चोद्दस अहोरत्ते णइ, सयभिसया सत्त अहोरत्ते णेइ, पुव्वापोट्टवया अट्ठ अहोरत्ते णेइ, उत्तरापोट्ठवया एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाई अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता वासाणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? ता तिण्णि णक्खत्ता गति, तं०-उत्तरापोठुवया रेवई अस्सिणी, उत्तरापोट्ठवया चोद्दस अहोरत्ते णेइ, रेवई पण्णरस अहोरत्ते णेइ, अस्सिणी एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स गं मासम्स चरिमदिवसे लेहहाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ, ता वासाणं चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता णेंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता गति, तं०-अस्सिणी भरणी कत्तिया, अस्सिणी च उद्दस अहोरत्ते णेइ, भरणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, कत्तिया एगं अहोरत णेइ, तसि च ण मासंसि सोलसंगुलाए पोरिसिच्छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासम्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवद / ता हेमंताणं पदमं मासं कइ णक्खत्ता : ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं० कत्तिया रोहिणी संटाणा, कत्तिया चोद्दस अहोरत्ते णेइ, रोहिणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, संटाणा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं दोच्चं मासं कइ णखत्ता ऐति ? ता चत्तारि णवत्ता ऐति, तं०-सटाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, संटाणा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अद्दा सत्त अहोरत्ते णेइ, पुणव्वसू अट्ठ अहोरत्ते णेइ, पुस्से एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउवीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं चत्तारि पयाइं पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णवखत्ता ऐति, तं०-पुस्से अस्सेसा महा, पुस्से चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अस्सेसा पंचदस अहोरत्ते णेइ, महा एगं Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 764 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाई अटुंगुलाई पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऎति, तं०-महा पुत्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी, महा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, पुव्वाफग्गुणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, उत्तराफग्गुणी एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि सोलसगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिषिण पयाई चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ / ता गिम्हाणं पढमं मासं कइ णवत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति,तं०-उत्तराफगुणी हत्थो चित्ता, उत्तराफग्गुणी चोद्दस अहोरत्ते णेइ, हत्थो पण्णरस अहोरत्ते णेइ, चित्ता एगं अहोरत्तं णेई, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ,तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ, ता गिम्हाणं बिइयं मासं कइ.णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता णेति, तं०-चित्ता साई विसाहा,चित्ता चोद्दस अहोरत्ते मेइ, साई पण्णरस अहोरत्ते णेइ, विसाहा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि अटुंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाई अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता गिम्हाणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता ति णक्खत्ता णेति, तं०-विसाहा अणुराहा जेट्ठामूलो, विसाहा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अणुराहा पण्णरस०, जेट्टामूलो एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ,तस्स णंमासस्स चरिमे दिवसे दो पयाणि य चत्तारि अंगुलाणि पोरिसी भवइ,ता गिम्हाणं चउत्थं मासं कइ णवत्ता णेंति ? ता तिण्णि णक्खता ऐति,तं०-मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा, मूलो चोद्दस अहोरत्तेणेइ, पुव्वासाढा पण्णरस अहोरत्ते णेइ, उत्तरासाढा एगं अहोरत्तं णेर,तंसि च णं मासंसि वट्टाए समचउरंससंठियाए णग्गोहपरिमंडलाए सकायमणुरंगिणीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ,तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहडाइं दो पयाई पोरिसी भवइ // 41 // दसमस्स पाहुडस्स दसमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-10 // ता कहं ते चंदमग्गा आहितेति वएजा ? ता एएसिणं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जेणं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमइंपि जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि पमहंपि Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 11 765 जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ते जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएइ, ता एएसिणं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे गक्वत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति तहेव जाव कयरे णक्खत्ते जे णं सथा चंदस्स पमई जोयं जोएइ ? ता एएसिणं अठ्ठावीसाए णक्खत्ताणं जे णं णक्खता सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति ते णं छ, तं०-मंठाणा अद्दा पुस्सो अस्सेसा हत्थो मूलो, तत्थ जे ते णव खत्ता जेणं सया चंदस्स उत्तरेण जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयमिसया पुव्वाभद्दवया उत्तरापोट्टवया रेवई अस्सिणी भरणी पुव्वाप.ग्गुणी उत्तराफग्गुणी साई 12, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणे.वि उत्तरेणवि पमपि जोयं जोएंति ते णं सत्त, तंजहा-ऋत्तिया रोहिणी पुणव्वसू महा चित्ता विसाहा अणुराहा,' तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि पमहंपि जोयं जोएंति ताओ णं दो आसाहाओ सव्वबाहिरे मंडले जोयं जोएंसु वा जोएंति वा जोएस्संति वा, तत्थ जे से णक्खत्ते जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएइ सा णं एगा जेट्ठा // 42 // तां कइ ते चंदमंडला पण्णत्ता ? ता पण्णरस चंदमंडला पणत्ता, ता एए सि णं पण्णरसण्हं चंदमंडलाणं अन्थि चंदमंडला जे णं सया णदखत्तहिं अविरहिया०, अत्थि चंदमंडला जे णं रविससिणक्खत्ताणं सामष्णा भवति, अस्थि चंदमंडला जे णं सया आइच्चेहिं विरहिया, ता एए सि णं पप्णरसप्हं चंदमंडलाणं कयरे चंदमंडला जे णं सया णक्खत्तेहिं अविरहिया जाव कयरे चंदमला जे णं सया आइञ्चविरहिया ? ता एए सि णं पण्णरसण्डं चंदमंडलाणं तत्थ जे ते चंदमंडला जेणं सया णक्खत्तहिं अविरहिया ते णं अट्ठ,तंजहा-पढमे चंदमंडले तइए चंदमंडले छट्टे चंदमंडले सत्तमे चंदमंडले अट्ठमे चंदमंडले दसमे चंदमंडले एकारसमे चंदमंडले पण्णरसमे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं सया णवखत्तहिं विरहिया ले णं सत्त, तंजहा-बिइए चंदमंडले चउत्थे चंदमंडले पंचमे चंदमंडले णक्मे चंदमंडले बारसमे चंदमंडले तेरसमे चंदमंडले चउड्समे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला ने णं रविससिपक्वत्ताणं सामण्णा भवंति ते णं चत्तारि, तंजहा-पटमे चंदमंडले बीए चंदमंड इकारसमे चंदमंडले पण्णरसमे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं सया. आइञ्चविरहिया ते णं पंच, तंजा बढे चंदमंडले सत्तमे चंदमंडले अहमे चंदमंडले मलमे चंदमंडले दसधे चंदमंडले ॥४३||दसमस्त पाहुडस्स एक्कारसमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 10-11 // Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 796 अनंगपविटुसुत्तागि ता कहं ते देवयाणं अज्झयणा आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्त किंदेवयाए पण्णत्ते ? ता बंभदेवयाए पण्णत्ते,सवणे०विण्हु० धणिट्ठाणक्खत्ते वसुदेवयाए०, सयभिसयाणक्खत्ते वरुण, पुव्वापोट्ठ० अयदे०, उत्तरापोट्टवयाणक्खत्ते अभिवहि०, एवं सव्वेवि पुच्छिज्जंति, रेवई पुस्सदेवया०, अस्सिणी अस्सदेवया०, भरणी जमदेवया०, कत्तिया अग्गिदेवया० रोहिणी पयावइदेवया०,संठाणा सोमदेवयाए०,अद्दा रुद्ददेवयाए०,पुणव्वसू अदिति०,पुस्सो बहस्सइ०,अस्सेसा सप्प०, महा पिइ०, पुवाफग्गुणी भग०, उत्तराफरगुणी अजम०, हत्थे सविया०, चित्ता तट्ट०, साई वाउ०,विसाहा इंदग्गी०, अणुराहा मित्त०,जेट्ठा इंद०, मूले णिरइ०, पुव्वासाढा आउ०,उत्तरासादा० विस्सदेवयाए पण,त्ते // 44 // दसमस्स पाहुडस्स बारसम पाहुइपाहुड समत्तं // 10-12 // ता कहं ते मुहत्ताणं णामधेजा आहिताति वएजा ?ता एगमेगस्स णं अहोरत्तस्स तीसं मुहुत्ता प०,तंजहा-रुद्दे सेए मित्ते वाउ सुगी(पी)ए तहेव अभिचंदे। माहिंद बलव बंभे बहुसच्चे चेव ईसाणे // 1 // तढे य भावियप्पा वेसमणे. वारुणे य आणंदे / विजए य वीससेणे पयावई चेव उवसामे // 2 // गंधव्व अग्गिवेसे सयरिसहे आयवं च अममे य / अणवं भोमे रिसहे सवढे रक्खसे चेव // 3 // 45 // दसमस्त पाहुडस्स तेरसमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 10.13 // ता कहं ते दिवसा आहिताति वएजा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तं०-पडिवादिवसे बिइयादिवसे जाव पण्णरसीदिवसे, ता एएसिणं पण्णरसण्हं दिवसाणं पण्णरस णामधेजा प०, तं०-पुव्ववंगे सिद्धमणोरमे य तत्त मणोरहे(हरे)चेव / जसभद्दे य जसोधर य सव्वकामसमिद्धे // 1 // इंदमुद्धाभिसित्ते य सोमणस धणंजए य बोद्धव्वे / अत्थसिद्धे अभिजाए अच्चसणे सयंजए चेव // 2 // अग्गिवेसे उवसमे दिवसाणं णामधेजाई / ता कहं ते राईओ आहिताति वएजा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस राईओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पडिवाराई बिइयाराई जाव पण्णरसीराई, ता एयासि णं पण्णरसहं राईणं पण्णरस णामधेजा पण्णत्ता, तं०-उत्तमा य सुणक्खत्ता, एलावच्चा जसोधरा। सोमणसा चेव तहा सिरिसंभूया य बोद्धव्वा // 1 // विजया य वेजयंति जयंति अपराजिया य इच्छा य / समाहारा चेव तहा तेया य तहा य अइतेया // 1 // देवाणंदा णिरई रयणीणं णामधेजाइं // 46 // दसमस्स पाहुडस्स चउद्दसमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10.14 // Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 16 767 ता कहं ते तिही आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमा दुविहा तिही पण्णत्ता, तंजहा-दिवसतिही य, राईतिही य, ता कहं ते दिवसतिही आहितेति वएजा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस 2 दिवसतिही पण्णत्ता, तं०-णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पंचमी पुणरवि णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स दसमी पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पण्णरसी, एवं ते तिगुणा तिहीओ सव्वेसि दिवसाणं, ता कहं ते राईतिही आहितेति वएजा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस राईतिही प., तं०-उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्व सिद्धा सुहणामा, एए तिगुणा तिहीओ सव्वासिं राईणं // 47 // दसमस्स पाहडस्स पण्णरसमं पाहडपाहडं समत्तं / / 10.15 // ता कहं ते गोत्ता आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णवखत्ताणं अमिईणक्खत्ते किंगोत्ते प० 1 ता मोग्गल्लायणसगोत्ते पण्णत्ते, सवणे० संखायण०, धणिट्ठा० अग्गितावस०, 'सयभिसया० कण्णिलायणसगोत्ते, पुव्वापोहवया० जोउकण्णियसगोत्ते,उत्तरापोट्टवया० धणंजयसगोत्ते, रेवईणवत्ते पुस्सायणसगोत्ते, अस्सिणीणक्खत्ते अस्सायणसगोत्ते,भरणीणक्खत्ते भग्गवेससगोत्ते, कत्तियाणक्खत्ते अग्गिवेससगोत्ते, रोहिणीणक्खत्ते गोयम०, संठाणाणक्खत्ते भारद्दायसगोत्ते, अद्दाणखत्ते लोहिच्चायणसगोत्ते, पुणवसूणक्खत्ते वासिट्ठसगोत्ते, पुस्से उमजायणसगोत्ते, अस्सेसाणक्खत्ते मंडव्वायणसगोत्ते, महाणक्खत्ते पिंगायणसगोत्ते, पुवाफग्गुणीणवखत्ते गोवल्लायणसगोत्ते, उत्तराफग्गुणीणखत्ते कासव०, हत्थे• कोसिय०, चित्ताणखत्ते दमियाणस्सगोत्ते, साईणक्खत्ते चामरच्छायणसगोत्ते, विसाहाणक्खत्ते सुगायणसगोत्ते अणुराहाणक्खत्ते गोलब्वायणसगोत्ते,जेट्ठाणक्खत्ते तिगिच्छायणसगोत्ते, मूले णक्खत्ते कच्चायणसगोत्ते, पुब्बासादाणक्खत्ते वज्झियायणसगोत्ते, उत्तरासाढाणक्खत्ते वग्धावच्चसगोत्ते // 48 // दसमस्स पाहुडस्स सोलसमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 10-16 // . ता कहं ते भोयणा आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णखत्ताणं कत्तियाहि दहिणा भोच्चा कज्जं साधेति, रोहिणीहिं मुग्गं भोच्चा कज्जं साधेति, संठाणाहिं कत्थूरि भोच्चा कज्जं साधेति, अद्दाहिँ गवणीएण भोचा कज्जं साधेति, पुणव्वसुणा घएण भोच्चा कज्जं साधेति, पुस्सेणं खीरेण भोच्चा कज्जं साधेति, अस्सेसाए Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 768 अनंगपविट्ठसुत्ताणि / णालिएरं भोच्चा कज्जं साधेति, महाहिं कसोति भोच्चा कज्ज साधेति, पुव्वाहि फगुणीहिं एलाफलं भोच्चा कज्ज साधेति, उत्तराफरगुणीहिं दुद्धेणं भोच्चा कज्जं साधेति, हत्थेण वत्थाणीएण भोचा कज्जं साधेति, चित्ताहिं मुग्गसूवेणं भोच्चा कज्जं साधेति, साइणा फलाइं भोचा कज्जं साधेति, विसाहाहिं आसित्तियाओ भोच्चा कज्जं साधेति, अणुराहाहिँ मिस्साकूरं भोच्चा कज्जं साधेति, जेट्ठाहिं लट्ठिएणं भोच्चा कज्ज साधेति, मूलेणं मूलगेणं भोच्चा कज्जं साधेति, पुयाहिं आसाढाहिं आमलगं भोच्चा कजं साधेति, उत्तराहिं आसाढाहिं बिल्लफलेहिं [णिम्मियं] भोच्चा कज्जं साधंति, अभी इणा पुप्फेहि [णिम्मियं भोचा कज्ज साधेति, सवणणं खीरेणं भाच्चा कज्ज साधेति, धणिट्ठाहिं जूसेणं भोच्चा कज्ज साधेति, सयमिसयाए तुवराउ भोच्चा कजं साधेति, पुव्वाहि पुट्टवयाहि कारियल्लएहिं भोच्चा कंज्ज साधेति, उत्तरापुट्ठवयाहि वंसरोयणं भोच्चा कज्ज साधेति, रेवई हिं सिंघाडगं भोच्चा कज्जं साधेति, अस्सिणीहि तित्तफलं भोच्चा कज्जं साधेति, भरणीहिं तिलतंडुलयं भोच्चा कज्ज साधेति, / / 49 // दसमस्स पाहुडस्स सत्तरसमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-17 / ता कहं ते चारा आहिताति वए जा ? तत्थ खलु इमे दुविहा चारा पण्णत्ता, तं०-आइच्चचारा य चंदचारा य, ता कहं ते चंदचारा आहिताति वए जा ! ता पंच संवच्छरिए गं जुगे अभीइणक्खत्ते सत्तसहिचारे चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, सवणे णक्खत्ते सत्तसद्विचारे चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, एवं जाव उत्तरासाढाणक्खत्ते सत्तसहिचारे चंदेण सद्धिं जोयं ज़ोएइ / ता कहं ते आइच्चचारा आहितेति वएजा ? ता पंच संवच्छरिए णं जुगे अभीईणक्खत्ते पंचचारे सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ, एवं जाव उत्तरासाढाणक्खत्ते पंचचारे सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ // 50 // दसमस्स पाहुडस्स अट्ठारसमं पाहुडपाहुडं समत्तं / / 10-18 // ता कहं ते मासा आहिताति वएजा ? ता एगमेगस्स णं संवच्छरस्स बारस मासा पण्णत्ता, तेसिं च दुविहा णामधेजा पण्णत्ता, तं०-लोइया य लोउत्तरिया य, तत्थ लोइया णामा०, तं-सावणे भद्दवए आसोए जाव आसाढे, लोउत्तरिया णामा०, तं०-अमिणंदे पइटे य, विजए पीइवद्धणे / सेज्जंसे य सिवे यावि, सिसिरेवि य हेमवं // 1 // णवमे वसंतमासे, दसमे कुसुमसंभवे / एक्कारसमे णिदाहो, वणविरोही य बारसे // 2 // 51 // दसमस्स पाहुडस्स एगणवीसइमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-16 // Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 21 766 * ता कहं ते संवच्छरा आहिताति वएजा ? ता पंच संवच्छरा आहिताति वएजा, तं०-णक्खत्तसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवसारे लक्खणसंवच्छरे सणिच्छरसंवच्छरे // 52 // ता णखत्तसंवच्छरे णं कइबिहे प० 1 ता णक्खत्तसंवच्छरे णं दुवालसबिहे पण्णत्ते, तं०-सावणे भद्दधए जाप आसाढे, जं वा बहस्सइमहग्गहे दुवालसहिं संवच्छरोहिं सध्वं णक्खत्तमंडलं समाणेइ // 53 // 0 ता जुगसंवच्छरे णं पंचविहे पण्णते, तंजहा-चंदे चंदे अमिवडिए चंदे अभिवड़िए चेव, ता पढमस्स णं चंदसंवच्छरस्स चउवीसं पव्वा प०, दोच्चस्स णं चंदसंवच्छरस्स चउवीसं पव्वा प०, तच्चस्स णं अभिवट्टियसंवच्छरस्स छव्वीसं पव्वा प०, चउत्थस्स णं चंदसंवह रस्स चउवीसं पव्वा प०, पंचमस्स णं अभिवड्डियसंवच्छरस्स ब्व्वीसं पव्वा पण्णत्ता, एवामेव सपुन्वावरेणं पंचसंवच्छरिए जुगे एगे चउवीसे पव्वसए भवतीति मक्खायं // 54 // 0 ता पमाणसंवच्छरे णं पंचविहे प०, तंजहा–णक्खत्ते चंदे उडू आइच्चे अभिवहिए // 55 // 0 ता लक्खणसंवच्छरे णं पंचविहे प०, तं०-समगं णवखत्ता जोयं जोएंति समगं उऊ परिणमंति / णच्चुण्ह णाइसीए बहुउदए होइ णखत्ते // 1 // ससि समग पुण्णिमासिं जोइंवा विसमचारिणक्खत्ता / कडुओ बहूदओ य तमाहु संवच्छरं चंदं // 2 // विसमं पवालिणो परिणमंति अणुउसु दिति पुप्फफलं / वासं ण सम्म वासइ तमाहु संवच्छरं कम्मं // 3 // पुढविदगाणं च रसं पुप्फफ्लाणं च देह आइच्चे / अपेणवि वासेणं सम्म पिफजए सस्सं // 4 // आइच्चतेयतविया खणलवदिवसा उऊ परिणमंति / पूरेइ णिण्मथलए तमाहु अभिवड्डियं जाण // 5 // 0 ता सणिच्छरसंवच्छरे णं अट्ठावीसइविहे म०, तं.-अभीई सवणे जाव उत्तरासादा, जं वा सणिच्छरे महग्गहे तीसाए संवच्छरोहिं सव्वं णक्खत्तमंडलं समाणेइ // 56 // दसमस्स पाहुडस्स वीसइमं पाहुस्पाहुडं समतं // 10-20 // .ता कहं ते जोइसस्स दारा आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, सं०-तत्येगे एबमाहंसु-ता कत्तियाइया णं सत्त क्खत्ता पुब्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एषमाइंसु-ता महाइयाणं सत्त णवत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाइंसु-ता धणिट्ठाइया णं सत्त 'णवत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाइंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-सा अस्सिणी आइया गं सत्त णवत्ता पुब्बदारिया पण्णसा एगे एवमाइंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता भरणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता० 5 / तत्थ जे ते Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि एवमाहंसु-ता कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तं०कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा, महाइया णं सत्त णक्वत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफगुणी हत्थो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-- अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाटा अभिई सवणो, धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-धणिट्ठा सय भिसया पुव्वापोट्टवया उत्तरापोट्ठवया रेवई अस्सिणी भरणी। तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता महाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तंजहा-महा पुव्वापरगुणी हत्यो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पणत्ता, तंजहा-अणुराहा जेट्टा मूले पुवासाढा उत्तरासाढा अभिई सदणे, धट्ठिाइया पं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्टक्या उत्तरापोट्ठवया रेवई अस्सिणी भरणी, कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा / तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमासुतंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभवया रेवई अस्सिणी भरणी, कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णता, तंजहा—कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा, महाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभीई सवणो / तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्सिणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता ते एवमाहंसु-तंजहा-अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू, पुस्साइया णं सत्त' णवखत] दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-पुस्सा अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता, साईआइया णं सत्त णक वत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-साई विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभीईआइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभद्दवया रेवई / तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता भरणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तंजहा-भरणी कत्तिया रोहिणी संटाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, अस्सेसाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पप्णत्ता, Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 22 801 तंजहा-अस्सेसा महा पुवाफग्गुणी उत्तराफरगुणी हत्थो चित्ता साई, विसाहाइया पां सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तं०-विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाहा अभिई, सवणाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तं०-सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्टवया उत्तरापोट्ठवया रेवई अस्सिणी, एए एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता अभिईआइया णं सत्त णवखत्ता पुव्वदारिया प०, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्टवया उत्तरापोट्टवया रेवई, अस्सिणीआइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तं०-अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू, पुस्साइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तं०-पुस्सो अस्सेसा महा पुव्वाफगुणी उत्तराफरगुणी हत्थो चित्ता, माईआइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंc-साई विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूले पुव्वासाढा उत्तरासाढा // 57 / / दसमस्स पाहुडस्स एक्कवीसइमं पाहुडपाहुड समत्तं / / 10-21 // . ता कहं ते णक्खत्तविजए. आहिएति वएजा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे 2 जाव परिक्खेवणं०, ता जंबुद्दीवे णं दीवे दो चंदा पभासेंसु वा पभाति वा पभासिस्संति वा, दो सूरिया तविंसु वा तवेंति वा तविस्संति वा, छप्पणं णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा 3, तंजहा-द्रो अभीई दो सवणा दो धणिट्ठा दो सयभिसया दो पुव्वापोट्टवया दो उत्तरापोट्टवया दो रेवई दो अस्सिणी दो भरणी दो कत्तिया दो रोहिणी दो संठाणा दो अद्दा दो पुणव्वसू दो पुस्सा दो अस्सेसाओ दो महा दो पुव्वाफग्गुणी दो उत्तराफग्गुणी दो हत्था दो चित्ता दो साई दो विसाहा दो अणुराहा दो जेट्ठा दो मूला दो पुव्वासाढा दो उत्तरासाढा, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्वत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णखत्ता जे णं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ता जे णं तीसमुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं छप्पपणाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तार्वसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णवत्ता जे णं पणयालीसं मुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसिणं Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 802 अनंगपविट्ठसुत्ताणि छप्पण्णाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णवखत्ता जे णं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो संयभिसया दो भरणी दो अद्दा दो अस्सेसा दो साई दो जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं तीसं मुहत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा दो धणिट्ठा दो पुव्वाभद्दवया दो रेवई दो अस्सिणी दो कत्तिया दो संठाणा दो पुस्सा दो महाँ दो पुव्वाफग्गुणी दो हत्था दो चित्ता दो अणुराहा दो मूला दो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो उत्तरापोट्ठवया दो रोहिणी दो पुणव्वसू दो उत्तराफरगुणी दो विसाहा दों उत्तरासाढा, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अत्थि णखत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एक्कवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अस्थि णखत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारसमुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णखत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि ‘णं छप्पण्णाए णखत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं तं चेव उच्चारेयव्यं, ता एएसि णं छप्पणपाएं णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जाएंति ते णं बारस, तंजहा-दो सयभिसया दो अद्दा दो अस्सेसा दो साई दो विसाहा दो जेट्ठा, तत्थ जे ते णखत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारसमुहृत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा जाव दो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहादो उत्तरापोट्ठवया जाव दो उत्तरासाढा // 58 // ता कहं ते सीमाविक्खंभे आहिएति वएजा ? ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अस्थि णक्खत्ता जेसि णं छ सया तीसा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अस्थि णक्खत्ता जेसि णं सहस्सं पंचोत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अस्थि णक्खत्ता जेसि णं दो सहस्सा दसुत्तरा सत्तद्विभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अत्थि णक्खता जेसिणं तिसहस्सं पंचदसुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जेसिणं छ सया तीसा तं चेव उच्चारेयव्वं जाव कयरे णक्खत्ता Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 22 803 जेसि णं तिसहस्सं पंचदसुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ? ता एएसि णं छप्पण्णाएं णक्खत्ताणं तस्थ जे ते णखत्ता जेसि णं छ सया तीसा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं सहस्सं पंचुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसहभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं बारस, तंजहा-दो सयभिसया जाब दो जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं दो सहस्सा दसुत्तरा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा जाव दो पुव्वासाढा, तत्थ जे त णक्खत्ता जेसि णं तिणि सहस्सा पण्णरसुत्तरा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविवग्वंभो ते णं बारस, तं०-दो उत्तरापोट्ठवया जाव दो उत्तरासादा // 59 // ता एए सि णं छप्पण्णाए णव खत्ताणं किं सया पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, किं सया सायं चंदेण सद्धिं जायं जाएंति, किं सया दुहओ पविसिय 2 चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं ण किमवि तं जं सया पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णो सया सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णो सया दुहओ पविसित्ता 2 चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णत्थि राइंदियाणं वुहोवुड्डीए मुहुत्ताणं च चओवचएणं णण्णत्थ दोहिं अभीई हिं, ता एएणं दो अभीई पायंघिय पायंचिय चोत्तालीसं 2 अमावासं जोएंति, णो चेव णं पुण्णिमासिणिं // 60 // तत्थ खलु इमाओ बावडिं पुण्णिमासिणीओ बाव िअमावासाओ पणत्ताओ, ता एएसिणं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं पुण्णिमासिणि चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसिणं देसंसि चंदे चरिमं बावाटुं पुणिमासिणिं जोएइ ताओ पुणिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे पढमं पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं दोच्चं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता सि णं देसंसि चंदे पढमं पुण्णिमासिणि जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं हेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे दोच्च पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संघच्छराणं तच्च पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदो दोच्च पुणिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउब्धीसेणं सरणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे तच्च पुण्णिमासिणि जोएइ, ता एएसिणं पंचण्हं संवच्छराण दुवालसमं पुण्णिमासिणि चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जसि णं देसंसि चंदे तच्च पुणिमासिणि जोएइ ताओ पुण्णिमा Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 804 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दोण्णि अट्ठार्स.ए भागसए उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे दुवालसमं पुण्णिमासिणि जोएड, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ 2 पुणिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता तंसि 2 देसंसि तं तं पुण्णिमासिणिं चंदे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावट्ठि पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स णं० पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जवाए मंडलं चउत्वीसेणं सएणं हेत्ता दाहिणिलंसि चउभागमंडलंसि सत्तावीसं चउभागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइभागे वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं भागेहिं दोहि य कलाहिं पच्चत्यि मिल्लं चउम्भागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं से चंदे चरिमं बावढेि पुणिमासिणिं जोएइ॥६१।। ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं पुण्णिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जे.एइ ? ता जसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणवइं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरिए पटमं पुणिमासिणिं जोएइ, ता एए सि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं पुण्णिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे पढमं पुणिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं छेत्ता चउणवइभागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे दोच्चं पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं,पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुणिमासिणि सूरे कंसि देसंसि जोएइ 1 ता जंसि णं देसंसि सूरे दोच्चं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइभागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे तच्चं पुणिमासिणिं जोएइ, ता एए सि णं पंचण्हं संवच्छराण दुवालसमं पुणिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? तां जंसि णं देसंसि सूरे तच्चं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउर्व सेणं सएण छेत्ता अट्ठ छत्ताले भागसए उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे दुवालसमं पुण्णिमासिणिं जोएइ,एवं खलु एएणुवाएणं ताओरपुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइ 2 भागे उवाइणावेत्ता तंसि 2 देसंसि तं तं पुण्णिमासिणिं सूरे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं चरिमं बावडिं पुणिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स f0 पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता पुरथिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि सत्तार्वसं भागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइमं भागं वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 22 805 भागेहिं दोहि य कलाहिं दाहिणिल्लं चउभागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं सूरे चरिमं बावष्टुिं पुणिमं जोएइ // 62 // ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे चरिमबावहिँ अमावासं जोएइ ताओ अमावासट्ठाणाओमंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे पढमं अमावासं जोएइ, एवं जेणेव अभिलावेणं चंदस्स पुण्णिमासिणीओ० तेणेव अभिलावेणं अमावासाओवि भाणियव्वाओ-बिइया तइया दुवालसमी, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ 2 अमावासट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं 2 भागे उवाइणावेत्ता तंसि 2 देसंसि तं तं अमावासं० चंदे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावढि अमावासं चंदे कंसि देसंसि जाएइ ? ताजंसि णं देससि चंदे चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणि जोएइ ताओ पुणिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता सोलसभागे उक्कोवइत्ता एत्थ णं से चंदे चरिमं बावा अमावासं जोएइ // 63 / / ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं सूरे कंसि देसंसि जोएइ 1 ता जंसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावर्द्धि अमावासं जोएइ ताओ अमावासट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइभागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे पढमं अमावासं जोएइ,एवं जेणेव अभिलावेणं सूरियस्स पुणिमासिणीओ० तेणेव अभिलावेणं अमावासाओवि०, तंजहाबिइया तइया दुवालसमी,एवं खलु एएणुवाएणं ताओ अमावासट्ठाणाओ मंडलं चउत्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइं 2 भागे उबाइणावेत्ता तंसि 2 देसंसि तं 2 अमावासं०सूरे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावढि अमावासं पुच्छा, ता जंसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावा पुणिमासिणिं जोएइ ताओ पुणिमासि.णिट्ठाणाओ मंडलं चउन्धीसेणं सएणं छेत्ता सत्तालीसं भागे उक्कोवइत्ता एत्थ णं से सूरे चरिमं बावहि अमावासं जोएइ // 64 // ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं पुण्णमासिणिं चंदे केणं णखत्तेणं (जोयं)जोएइ ? ता धणिट्टाहि,धणिट्ठाणं तिणि मुहुत्ता एगूणवीसं च बावट्ठिभागा मुहत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता पण्णादि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरिए केणं णक्खत्तण जोएइ ? ता पुव्वाफागुणीहिं, पुव्वाफग्गुणीणं अट्ठाचीसं मुहुत्ता अट्टतीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता दुबत्तीसं चुण्णिंयाभागा सेसा,ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्च पुण्णिमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ 1 ता उत्तराहिं पोट्टवयाहिं,उत्तराणं पोट्टवयाणं सत्तावीसं मुहुत्ता Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 806. अनंगपविट्ठसुत्ताणि चोद्दस य बावठ्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावहि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ 1 ता उत्तराहिं फग्गुणीहिं,उत्तराफग्गुणीणं सत्त मुहुत्ता तेत्तीसं च बावट्ठिभागा मुहत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता एकवीसं चुण्णियाभागा सेसा,ता एएसिणं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुण्णिमासिणि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अस्सिणीहि, अस्सिणीणं एकवीस मुहुत्ता णव य एगट्टिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेवढ़ि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं गक्खत्तेणं जोएइ,? ता चित्ताहिं, चित्ताणं एक्को मुहत्तो अट्ठावीस च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तीसं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दुवालसमं पुण्णिमासिणिं चंदे केणं गवसत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसादाणं छदुवीसं मुहुत्ता छदुवीसं च बावट्टिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता चउप्पण्णं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जाएइ ? ता पुणब्बसुणा, पुणव्वसुस्स सोलसमुहुत्ता अट्ठ य बावट्ठिभागा मुहत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा. छेत्ता वीसं सुणियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहि, उत्तराणं आसाढाणं चरमसमए, तं समयं च णं सूरे केणं णवत्तेणं जोएइ ? ता पुस्सेणं, पुस्सस्स एगूणवीसं मुहुत्ता तेयालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेत्तीसं चुणियाभागा सेसा // 65 // ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं चंदे केणं णखत्तेणं जोएइ ? ता अस्सेसाहि; अस्सेसाणं एक्के मुहुत्ते चत्तालीमं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता छावट्टि चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अस्सेसाहिं चेव, अस्सेसाणं एक्को मुहुत्तो चत्तालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावविभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता छावाह चुणियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं फग्गुणीहि, उत्तराणं फग्गुणीणं चत्तालीसं मुहत्ता पणतीसं बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता पण्णट्टि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं चेव फगुणी हिं, उत्तराणं फग्गुणीणं जहेव चंदस्स / ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं तच्चं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्थेणं, हत्थस्स चत्तारि मुहुत्ता तसं च बावट्टि Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - चंदपण्णत्ती पा. 10 पा. 22 807 भागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावडिं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्थेणं चेव, हत्थस्स जहा चंदस्स, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दुवालसमं अमावासं चंदे केणं णवखत्तेणं जोएइ ? ता अद्दाहिं, अद्दाणं चत्तारि मुहुत्ता दस य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तटिहा छेत्ता चउप्पण्णं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अद्दाहिँ चेव, अदाणं जहा चंदस्स / ता एए सि णं पंचण्डं संवच्छराणं चरिमं बावटि अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स बावीसं मुहुत्ता बायालीसं च बासहिभागा मुहुत्तस्स सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा चेव, पुणव्वसुस्स णं जहा चंदस्स // 66 // ता जेणं अजणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं अट्ठ एगूणवीसाइं मुहुत्तसयाइं चउवीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावट्टि चुणियामागे उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे अण्णेणं सरिसएणं चेव णवखत्तेणं जोयं जोएइ अण्णंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं सोलस अट्ठत्तीसे मुहुत्तसयाई अउणापण्णं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता पण्णट्टि चुण्णियामागे उवाइणावेत्ता पुणरवि से णं चंदे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ अण्णंसि देसंसि, ता जेणं अजणवत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं चउप्पण्णमुहुत्तसहस्साइं णव य मुहुत्तसयाइं उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे अण्णेणं तारिसएणं चेव जीयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं एगं लक्खं णव य सहस्से अट्ठ य मुहत्तसए उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाई तिण्णि छावट्ठाइं राइंदियसयाई उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरिए अण्णेणं तारिसएणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेगं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ तंसि देसंसि से णं इमाइं सत्तदुवीसं राइंदियसयाई उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरे तेणं चेव णक्खत्तेण जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणखत्तेण सूरे जोयं जोएइ जंसि देससि से णं इमाई अट्ठारस तीसाइं राइंदियसयाइं उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरे अण्णेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ जंसि देसंसि तेणं इमाइं छत्तीसं सट्टाइं राइंदियसयाई उवाइणावेत्ता पुणरवि Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 808 अनंगपविट्ठसुत्ताणि से सूरे तेणं चेव णक्खत्तण जोयं जोएइ तंसि देसंसि // 67 // ता जया णं इमे चंदे गइसमावण्णए भवइ तया णं इयरेवि चंदे गइसमावण्णए भवइ, जया णं इयरे चंदे गइसमावण्णए भवइ तया णं इमेवि चंदे गइसमावण्णए भवइ, ता जया णं इमे सूरिए गइसमावण्णे भवइ तया णं इयरेवि सूरिए गइसमावण्णे भवइ, जया णं इयरे सूरिए गइसमावण्णे भवइ तया णं इमेवि सूरिए गइसमावण्णे भवइ एवं गहेवि णक्खत्तेवि, ता जया णं इमे चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ तया णं इयरेवि चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ, जया णं इयरे चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ तया णं इमेवि चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ, एवं सूरेवि गहेवि णक्खत्तेवि, सयावि णं चंदा जुत्ता जोगेहि सयावि णं सूरा जुत्ता जोगेहि सयावि णं गहा जुत्ता जोगेहिं सयावि णं णवत्ता जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं चंदा जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं सूरा जुत्ता जोगेहि दुहओवि णं गहा जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं णक्खत्ता जुत्ता जोगेहि, मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउयाए सएहिं छेत्ता / इच्चेस णक्खत्ते खेत्तपरिभागे णखत्तविजए, पाहुडेति आहिएत्ति-बेमि // 68 // दसमस्स पाहडस्स बावीसइमं पाहुडपाहुडं समत्तं // 10-22 / / दसमं पाहुडं समत्तं // 10 // एक्कारसमं पाहुडं , ता कहं ते संवच्छराणाई आहिएति वएजा ? तत्थ खलु इमे पंच संवच्छरा पण्णत्ता, तंजहा-चंदे 2 अभिवड्डिए चंदे अभिवढिए, ता एएसिणं पंचण्हं संवच्छराणं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएज्जा ? ता जे णं पंचमस्स अभिवडियसंवच्छरस्स पज्जवसाणे से णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतर. पुरक्खडे समए, ता से णं किं पजवसिए आहिएति वएजा ? ता जे णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स आई से णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तण (जोगं) जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहि, उत्तराणं आसाढाणं छदुवीसं मुहुत्ता छदुवीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठि. भागं च सत्तट्टिहा छेत्ता चउप्पण्णं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स सोलस मुहुत्ता अट्ट य बावट्ठिभागा. मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता वीसं चुणियाभागा सेसा। ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएजा 1 ता जेणं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतर Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 809 चंदपण्णत्ती पा. 11 पुरक्खडे समए, ता से णं किं पजव सिए आहिएति वएजा ? ता जे णं तच्चस्स अभिवट्टियसंवच्छरस्स आई से णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णखत्तेणं जोएइ ? ता पुव्वाहिं आसाढाहिं, पुवाणं आसाढाणं सत्त मुहुत्ता तेवण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता इगतालीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं [जोयं] जोएइ ? ता पुणन्वसुणा, पुणव्वसुस्स णं बायालीसं मुहुत्ता पणतीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तहिहा छेत्ता सत्त चुण्णियाभागा सेसा / ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएजा ? ता जे णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं तच्चस्स अभिवडियसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पजवसिए आहिएति वएजा 1 ता जे णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स आई से णं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पजवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिँ झासाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं तेरस मुहुत्ता तेरस य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तढिहा छेत्ता सत्तावीसं च चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स दो मुहुत्ता छप्पण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता सट्ठी चुण्णियाभागा सेसा / ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएजा ? ता जे ण तच्चस्स अभिवडियसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पजवसिए आहिएति वएजा ? ता जे णं चरिमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स आई से णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ 1 ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चत्तालीसं मुहुत्ता चत्तालीसं च बासट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता चउसट्ठी चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स अउणतीसं मुहुत्ता एकवीसं बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तद्विहा छेत्ता सीयालीसं चुण्णियाभागा सेसा / ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएजा ? ता जे णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स आई अतरपुरखखडे समए, ता से णं किं पजवसिए आहिएति वएजा ? ता जे णं पढमस्स चंदसंवच्छर Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 810 अनंगपविद्वसुत्ताणि स्स आई से णं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसांढाहि, उत्तराणं,० चरमसमए, तं समयं च णं सूरे केणं णवत्तेणं जोएइ ? ता पुस्सेणं, पुस्सस्स णे एकवीसं मुहुत्ता तेयालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा // 69 // एक्कारसमं पाहुडं समत्तं // 11 // बारसमं पाहुडं ता कहं णं संवच्छरा आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमे पंच संवच्छरा पण्णत्ता, तंजहा-णक्खत्ते चंदे उडू आइच्चे अभिवहिए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमस्स णक्खत्तसंवच्छरस्स णक्खत्तमासे तीसइमुहत्तेणं अहोरत्तेणं गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता सत्तावीसं राइंदियाइं एकवीसं च सत्तट्ठिभागा राइंदियस्स राइंदियन्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता अट्ठसए एगूणवीसे मुहुत्ताणं सत्तावीसं सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वए जा, ता एस णं अद्धा दुवालसखुत्तकडा णखत्ते संवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिण्णि सत्तावीसे राइं दियसए एक्कावण्णं च सत्तद्विभागे. राइंदियस्स राइंदियन्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता णव मुहुत्तसहस्सा अट्ठ य बत्तीसे मुहत्तसए छप्पण्णं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा / ता एएसि णं पंचण्डं संबच्छराणं दोच्चस्स चंदसंबच्छरस्स चंदे मासे तीसइमुहत्तेणं अहोरत्तेणं गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता एगूणतीसं राइंदियाई बत्तीसं बावट्ठिभागा राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइएं मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता अट्ठपंचासए मुहुत्ते तेत्तीसं च छावट्ठिभागे मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा,ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा चंदे संवच्छरे,ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिण्णि चउप्पण्णे राइंदियसए दुवालस य बावट्ठिभागा राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा,ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता दस मुहुत्तसहस्साई छच्च पणवीसे मुहुत्तसए पण्णासं च बावट्ठिभागे मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा। ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चस्स उडुसंवच्छरस्स उड्डुमासे तीसइमुहुत्तेणं. गणिजमाणे केवइए राइंदियन्गेणं आहिएति वएजा ? ता तीसं राइंदियाणं राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा,ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहि Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 12 811 एति वएजा ? ता णव मुहुत्तसयाई मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा उडू संवच्छरे,ता से णं केवइए राइंदियन्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिण्णि सटे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा,ता से णं केवइए मुहुत्तागेणं आहिएति वएजा 1 ता दस मुहुत्तसहस्साई अट्ट य सयाई मुहुत्तग्गेणं आहिए ति वएजा। ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं चउत्थस्स आइच्चसंवच्छरस्स आइच्चे मासे तीसइमुहुत्तेणं अहोरत्तेणं गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वए जा ? ता तीसं राइंदियाइं अवढभागं च राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता णव पण्णरस मुहुत्तसए मुहुत्तगोणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा आइच्चे संवच्छरे,ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिण्णि छावटे राइंदियसए राइं. दियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता दस मुहुत्तस्स सहस्साई णव असीए मुहुत्तसए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा / ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमस्स अभिवडियसंवच्छरस्स अभिवतिए मासे तीसइमुहुत्तेणं गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता एकत,सं राइंदियाई एगूणतीसं च मुहुत्ता सत्तरस बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता णव एगूणसढे मुहुत्तसए सत्तरस बावट्ठिभागे मुहत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा अभिवड्डियसंवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिणि तेसीए राइंदियसए एकवीसंच मुहुत्ता अट्ठारस बावट्ठिभागे मुहत्तस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता एक्कारस मुहुत्तसहस्साइं पंच य एक्कारस मुहुत्तसए अट्ठारस बावहिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा // 70 // ता केवइयं ते णोजुगे राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता सत्तरस एक्काणउए राइंदियसए एगूणवीसं च मुहुत्तं सत्तावण्णे बावट्टिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता पणपणं चुणियामागे राइंदियन्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तेपण्णमुहुत्तसहस्साई सत्त य अउणापण्णे मुहुत्तसए सत्तावणं बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावहिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता पणपणं चुण्णियाभागा मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता केवइए णं ते जुगप्पत्ते राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा? ता अद्वतीसं राइंदियाइं दस य Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 812 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मुहुत्ता चत्तारि य बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता दुवालस चुणियाभागे राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता एकारस पण्णासे मुहुत्तसए चत्तारि य बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता दुवालस चुणियामागे मुहत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता केवइयं जुगे राइंदियगोगं आहिएति वएजा ? ता अट्ठारसतीसे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता चउप्पण्णं मुहुत्तसहस्साई णव य मुहुत्तसयाई मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए बावट्ठिभागमुहुत्तग्गेणं. आहिएति वएजा ? ता चउत्तीसं सयसहस्साई अह्रतीसं च बावट्ठिभागमुहुत्तसए बावट्ठिभागमुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा // 71 // ता कया णं एए आइञ्चचंदसंवच्छ। समाइया समपजवसिया आहितेति वएना ? ता सहि एए आइच्चमासा बावदि एए चंदमासा, एस णं अद्धा छक्खुत्तकंडा दुवालसभइया तीसं एए आइच्चसंवच्छरा एकतीसं एए चंदसंवच्छरा, तया णं एए आइच्चचंदसंवच्छरा समाइया समपजवसिया आहिताति वएजा। ता कया णं एए आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपजवसिया आहितेति वएजा ? ता सर्टि एए आइच्चमासा एगहिँ एए उडुमासा बावहिँ एए चंदमासा सत्तहिँ एए णक्खत्तमासा, एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा दुवालसभइया सर्टि एए आइच्चा संवच्छरा एगढेि एए उडुसंवच्छरा बावट्टि एए चंदा संवच्छरा सत्तहिँ एए णक्खत्ता संवच्छरा, तया णं एए आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपजवसिया आहितेति वएजा। ता कया णं एए अभिवड्डियआइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपजवसिया आहितेति वएजा 1 ता सत्तावणं मासा सत्त य अहोरत्ता एक्कारस य मुहुत्ता तेवीसं बावद्विभागा मुहुत्तस्स एए अभिवडिया मासा सहिँ एए आइच्चमासा एगहिँ एए उडुमासा बावट्ठी एए चंदमासा सत्त₹ि एए णक्खत्तमासा, एस णं अद्धा छप्पण्णसयक्खुत्तकडा दुवालसभइया सत्त सया चोत्ताला एए णं अभिवड्डिया संवच्छरा, सत्त सया असीया एए णं आइच्चा संवच्छरा, सत्त सया तेणउया एए णं उडुसंवच्छरा अट्ठसया छलुत्तरा एए णं चंदा संवच्छरा, एकसत्तरी अट्ठसया एए णं णक्खत्ता संवच्छरा तया णं एए अभिवडिया आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपजवसियाआहितेति * वएजा, ता णयट्ठयाए णं चंदे संवच्छरे तिण्णि चउप्पण्णे राइंदियसए दुवालस य बावट्ठिभागे राइंदियस्स आहिएति वएजा, ता अहातच्चेणं चंदे संवच्छरे तिण्णि Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 12 813 चउप्पण्णे राइंदियसए पंच य मुहुत्ते पण्णासं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स माहिएति वएजा // 72 / / तत्थ खलु इमे छ उडू पण्णत्ता, तंजहा-पाउसे वरिसारत्ते सरए हेमंते वसंते गिम्हे, ता सव्वेवि णं एए चंदउडू दुवे 2 मासाइ चउप्पण्णेणं 2 आयाणेणं गणिजमाणा साइरेगाई एगूणसहि 2 राइंदियाइं राइंदियग्गेणं आहितेति वएजा, तत्थ खलु इमे छ ओमरत्ता पण्णत्ता, तंजहा-तइए पव्वे सत्तमे पव्वे एक्कारसमे पव्वे पण्णरसमे पव्वे एगूणवीसइमे पव्वे तेवीसइमे पव्वे, तत्थ खलु इमे छ अइरत्ता प०, तं०-चउत्थे पव्वे अट्ठमे पव्वे बारसमे पव्वे सोलसमे पव्वे वीसइमे पव्वे चउवीसइमे पव्वे / छच्चेव य अइरत्ता आइच्चाओ हवंति माणाई / छच्चेव ओमरत्ता चंदाहि हवंति माणाहिं // 1 // 73 // तत्थ खलु इमाओ पंच वासिक्कीओ पंच हेमंताओ आउट्टीओ पण्णत्ताओ,ताएएसिणं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं वासिक्कि आउट्टि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अभीइणा, अभीइस्स पढमसमएणं, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं नोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स एगूणवीसं मुहुत्ता तेत्तालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं दोच्चं वासिक्कि आउहि चंदे केणं गक्खत्तेणं जोएइ 1 ता संठाणाहिं, संठाणाणं एक्कारसमुहुत्ते ऊयालसिंच बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेपणं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णखत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स णं तं चेव जं पढमाए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं वासिक्कि आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता विसाहाहि, विसाहाणं तेरस मुहुत्ता चउप्पण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तहिहा छेत्ता चत्तालीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खतेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव, ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं चउत्थं वासिक्कि आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं नोएइ ? ता रेवईहिं, रेवईणं पणवीसं मुहत्ता बासट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता बत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा, सं समयं च णं सूरे केणं गक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव, ता एएसि गं पंचण्डं संवच्छराणं पंचमं वासिक्किं आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं नोएइ ? ता पुव्वाहि फग्गुणीहिं, पुव्वाफग्गुणीणं बारस मुहुत्ता सत्तालीसं च बावद्विभागा मुहुत्तस्स . बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेरस चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव // 74 // ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छ Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 814 अनंगपविट्ठसुत्ताणि राणं पढमं हेमंतिं आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्येणं, हत्थस्स णं पंच मुहुत्ता पण्णासं च बावट्ठिभागा मुहत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता सर्टि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाहाहि, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं' हेमंतिं आउट्टि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता सयभिसयाहिं, सयभिसयाणं दुण्णि मुहुत्ता अट्ठावीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता छत्तालीम चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं हेमंतिं आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स एगूणवीसं मुहत्ता तेयालीसं च बावद्विभागा मुहुत्तस्स बायट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेत्तीसं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्क्त्त ण नोएइ ? ता उत्तराहिं आसाटाहि, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एए सि ण पंचण्डं संवच्छराणं चात्थिं हेमंतिं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता मूलेणं, मूलस्स छ मुहुत्ता अट्ठावणं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता वीसं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसा. ढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमं हेमंतिं आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता कत्तियाहि, कत्तियाणं अट्ठारस मुहुत्ता छत्तीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता छ चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहि, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए // 75 // तत्थ खलु इमे दसविहे जोए पण्णत्ते, तंजहा-वसभाणुजोए वेणुयाणुजोए मंचे मंचाइमंचे छत्ते छत्ताइछत्ते जुयणद्धे घणसंमद्दे पीणिए मंडगप्पुत्ते णामं दसमे, ता एएसि णं पंचण्हं सं वच्छराणं छत्ताइच्छत्तं जोयं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स 2 पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउब्धीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरथिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि सत्तावीसं भागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइभागं वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं भागेहिं दोहिं कलाहिं दाहिणपुरथिमिल्लं चउभागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं से चंदे छत्ताइच्छत्तं जोयं जोएइ, उप्पिं चंदो मज्झे णक्खत्ते हेट्ठा आइच्चे, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता चित्ताहि०, चरमसमए // 76 // बारसमं पाहुडं समत्तं / / 12 // Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेरसमं पाहुडं ता कहं ते चंदमसो वडोवडी आहितेति वएजा ? ता अट्ठ पंचासीए मुहुत्तसए तीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स, ता दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खमयमाणे चंदे चत्तारि बायालसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स जाइं चंदे रजइ, तंजहापढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, चरिमसमए चंदे रत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, इयण्णं अमावासा, एत्थ णं पढमे पव्वे अमावासा, ता अंधयारपक्खो, तो णं दोसिणापवखं अयमाणे चंदे चत्तारे बायाले मुहुत्तसए छायालीसं च बावद्विभागा मुहुत्तस्स जाई चंदे विरजइ, तं०-पढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, चरिमे समए चंदे विरत्ते भवइ, अवसेससमए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, इयण्णं पुणिमासिणी; एत्थ णं दोच्चे पव्वे पुण्णिमासिणी // 77 // तत्थ खलु इमाओ बावडिं पुण्णिमासिणीओ बावढि अमावासाओ पण्णत्ताओ, बावडिं एए कसिणा रागा, बावहिँ एए कसिणा विरागा, एए चउव्वीसे पव्वसए, एए चउव्वीसे कसिणरागविरागसए, जावइया णं पंचण्हं संवच्छराणं समया एगेणं चउव्वीसेणं समयसएणूणगा एवइया परित्ता असंखेजा देसरागविरागसया भवतीति मक्खाया, ता अमावासाओ णं पुण्णिमासिणी चत्तारि बायाले मुहुत्तसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, ता पुण्णिमासिणीओ णं अमावासा. चत्तारि बायाले मुहुत्तसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, ता अमावासाओ णं अमावासा अट्ठपंचासीए मुहुत्तसए तिसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, ता पुणिमासिणीओ णं पुण्णिमासिणी अट्ठपंचासीए मुहुत्तसए तीसं च बावद्विभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, एस णं एवइए चंदे मासे एस णं एवइए सगले जुगे // 78 // ता चंदेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस चउब्भागमंडलाइं चरइ, एगं च चउव्वीससयभागं मंडलस्स, ता आइच्चेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता 14 नई मंडलाइं चरइ, ता णक्खत्तेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ, तेरस सत्तट्ठिभागं मंडलस्स, तया अवराइं खलु दुवे अट्ठगाइं जाइं चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ, कयराइं खलु ताई दुवे अट्ठगाई जाई चंदे केणइ असामण्णगाई सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ ? ता इमाइं खलु ते बे अट्ठगाई जाई चंदे केणइ असमण्णगाई सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ, तंजहा-णिक्खममाणे Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि चेव अमावासंतेणं पविसमाणे चेव पुण्णिमासिंतेणं, एयाई खलु दुवे अट्ठगाई नाई चंदे केणइ असामण्णगाई सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ, ता पढमायणगए चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे सत्त अद्धमंडलाई जाइं चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, कयराइं खलु ताई सत्त अद्धमंडलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ ! इमाई खलु ताई सत्त अद्धमंडलाइं जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, तंजहा-बिइए अद्धमंडले चउत्थे अद्धमंडले छठे अद्धमंडले अट्ठमे अद्धमंडले दसमे अद्धमंडले बारसमे अद्धमंडले चउदसमे अद्धमंडले, एयाइं खलु ताई सत्त अद्धमंडलाइं जाई चंदे दाहिणाए भागाए पधिसमाणे चारं चरइ, ता पढमायणगए चंदे, उत्तराए भागाए पविसमाणे छ अद्धमंडलाइं तेरस य सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, कयराइं खलु ताई छ अद्धमंडलाइं तेरसय सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स जाइं चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ ? इमाइं खलु ताई छ अद्धमंडलाइं तेरस य सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ,तंजहा-तइए अद्धमंडले पंचमे अद्धमंडले सत्तमे अद्धमंडले णवमे अद्धमंडले एक्कारसमे अद्धमंडले तेरसमे अद्धमंडले पण्णरसमस्स अद्धमंडलस्स तेरस सत्तट्ठिभागाई, एयाई खलु ताई छ अद्धमंडलाइं तेरस य सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स जाइं चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, एतावता य पढमे चंदायणे समत्ते भवइ, ता णक्खत्ते अद्धमासे णो चंदे अद्धमासे णो चंदे अद्धमासे णक्खत्ते अद्धमासे, ता णक्खत्ताओ अद्धमासाओ से चंदे चंदेणं अद्धमासेणं किमहियं चरइ ? ता एगं अद्धमंडलं चरइ चत्तारि य सट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स सत्तट्ठिभागं एगतीसाए छेत्ता णव भागाई, ता दोच्चायणगए चंदे पुरत्थिमाए भागाए णिक्खममाणे सचउप्पण्णाई जाइं चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, सत्त तेरसगाई जाइं चंदे अप्पणो चिण्ण पडिचरइ, ता दोच्चायणगए चंदे पञ्चत्थिमाए भागाए णिक्खममाणे चउप्पण्णाई जाइं चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरसगछाइं० चंदे अप्पणो चिण्णं पडिचरइ, अवरगाइं खलु दुवे तेरसगाई जाइं चंदे केणइ असामण्णगाई सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ, कयराइं खलु ताई दुवे तेरसगाई जाइं चंदे केणइ असामण्णगाई सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ ? इमाई खलु ताई दुवे तेरसगाई जाई चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविद्वित्ता 2 चारं चरइ तं०-सव्व Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 14 817 भतरे चेव मंडले सव्वबाहिरे चेव मंडले, एयाइं खलु ताई दुवे तेरसगाई जाई चंदे केणइ जाव चारं चरइ, एतावता दोच्चे चंदायणे समत्ते भवइ, ता णक्खत्ते मासे णो चंदे मासे चंदे मासे णो णक्खत्ते मासे, ता णक्खत्ते मासे चंदेणं म.सेणं कि अहियं चरइ ? ता दो अद्धमंडलाइं चरइ अट्ठ य सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलरस सत्तट्ठिभागं च एकतीसहा छेत्ता अट्ठारस भागाई, ता तच्चायणगए दे पच्चत्थिमाए भागाए पविसमाणे बाहिराणंतरस्स पच्चस्थिम्लिस अद्धमंडलस्स ईयार्ल.सं सतट्ठिभागाइं जाइं चंदे अप्पणो परस्स य चिणं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाइं जाई चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाइं चंदे अप्पणो परस्स चिण्णं पडिचरइ, एतावता बाहिराणंतरे पच्चथिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवइ, ता तच्चायणर.ए चंदे पुरत्थिमाए भागाए पविसमाणे बाहिरतरस पुरिमिस्स उद्धमंडलरस ईयालीसं सत्तट्ठिभागाइं नाइं चंदे अप्पणो परस्स य चिणं पडिचरह, तेरस सटिभागाइं जाइं चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाइं जाई चंदे अप्पणो परस्स चिण्णं पडिचरइ, एतावताव बाहिरतच्चे पुरथिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवइ, ता तच्चायणगए चंदे पच्चत्थिमाए भागाए पविसमाणे बाहिरचरत्थस्स पञ्चस्थिमिलस्स अद्धमंडलस्स अद्धसत्तट्ठिभागाइं च एकतीसहा छेत्ता अट्ठारस भागाइं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरइ, एतावताव बाहिरचरत्थक स्थिरिरले अद्ध मंडले समत्ते भवइ / एवं खल चंदेणं मासेणं चंदे तेरस चउप्पण्णगाइं दुवे तेरसगाई जाई चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरस तेरसगाई जाइं चंदे अप्पणो चिणं पडिचरइ, दुवे ईयालीसगाइं अट्ठ सत्तट्ठिभागाइं सत्तट्ठिभागं च एक्कतीसहा छेत्ता अट्ठारसभागाई जाइं चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरइ, अवराई खलु दुवे तेरसगाई जाइं चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविट्टित्ता 2 चारं चरइ, इच्चेसो चंदमासोऽभिगमणणिक्खमणवुट्टिणित्रुट्टिअणवट्टियसंठाणसंठिई विउवणगिहिपत्ते रूवी चंदे देवे 2 आहिएति वएजा // 79 // तेरसमं पाहुडं समत्तं // 13 // .. चोद्दसमं पाहुडं * ' ता कया ते दोसिणा बहू आहितेति वएजा 1 ता दोसिणापक्खे णं दोसिणा बहू आहितेति वएजा, ता कहं ते दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहितेति वए जा ? ता अंधयारपक्खाओ णं० दोसिणा बहू आहिताति वएजा, ता कहं ते अंधयारपक्खाओ Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 818 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिताति वएजा ? ता अंधयारपक्खाओ णं दोसिणापक्खं अयमाणे चंदे चत्तारि बायाले मुहत्तसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहत्तस्स जाई चंदे विरजइ, तं०-पढमाए पढमं भागं बिझ्याए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, एवं खलु अंधयारपक्खाओं दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिताति वएजा, ता केवइया णं दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिताति वएज्जा ? ता परित्ता असंखेजा भागा। ता कया ते अंधयारे बहू आहिएति वएजा ? ता अंधयारपक्खे णं अंधयारे बहू आहिएति वएजा, ता कहं ते अंधयारपक्खे० बहू आहिए ति वएजा ? ता दोसिणापक्खाओ णं अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिए ति वएजा, ता कहं ते दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा ? ता दोसिणापक्खाओ णं अंधवारपक्खं अयमाणे चंदे चत्तारि बायाले मुहुत्तसए बायालीसं च बावट्ठिभागे मुहत्तस्स जाइं चंदे रजइ, तं०-पढमाए पटमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, एवं खलु दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएजा,ता केवइए णं अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएजा ? ता परित्ता असंखेजा भागा ।।८०॥चोद्दसमं पाहुडं समत्तं॥१४॥ पण्णरसमं पाहुडं , ता कहं ते सिग्धगई वत्थू आंहितेति वएजा ? ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं चंदहितो सूरा सिग्धगई सूरेहिंतो गहा सिन्धगई गहेहितो णखत्ता सिग्धगई णक्खत्तेहिंतों तारा० सिग्घगई, सव्व पगई चंदा सव्व सिग्घगई तारा०, ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं चंदे केवइयाई भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स 2 मंडलपरिक्खेवस्स सत्तरस अडसटुिं भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता, ता एगमेगेणं मुहत्तणं सूरिए केवइयाई भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स 2 मंडल. परिक्खेवस्स अट्ठारस तीसे भागसए गच्छह मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता, ता एगमगेणं मुहत्तेणं णक्खत्ते केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स 2 मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस पणतीसे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता // 81 // ता जया णं चंदं गइसमावण्णं सूरे गइसमावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं विसेसेइ ? ता बावहिभागे विसेसेइ,ता जया णं चंदं गइसमावणं णक्खत्ते गइसमावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 15 816 वि सेसेइ : ता सत्तटुिंभागे विसेसेइ, ता जया णं सूरं गइसमावण्णं णव खत्ते गइ. समावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं विसेसेइ ? ता पंचभागे विसेसेइ,ता जया णं चंदं गइसमावण्णं अभीईणक्खत्ते गइसमावण्णे पुरथिमाए भागाए समासादेइ पुरन्थिमाए भागाए समासादित्ता णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण मद्धिं जोयं जोएइ जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियइ जोयं अणुपरियट्टित्ता विप्पजहइ 2 त्ता विगयजोई यावि भवइ, ता जया णं चंदं गइसमावण्णं सवणे णक्खत्ते गइसमावणे पुरत्थिमाए भागाए समासादेइ पुत्थिमाए भागाए समासादेत्ता तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियट्टइ जो० 2 त्ता विप्पजहइ० विगयजोई यावि भवइ,एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, पण्णरसमुहुत्ताइं तीसइमुहुत्ताई पणयालीसमुहुत्ताई भाणियव्वाइं जाव उत्तरासादा० / ता जया णं चंदं गइसमावणं गहे गइममावण्णे पुरथिमाए भागाए समासादेइ पुर० 2 त्ता चंदेणं सद्धिं जोगं जुजइ 2 ता जोगं अणुपरियट्टइ 2 त्ता विप्पजहइ० विगय जोई यावि भवइ / ता जया णं सूरं गइसमावण्णं अभीईणखत्ते गइसमावणे पुरथिमाए भागाए समासादेइ पुर०२ ला चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ 2 त्ता जोयं अणुपरियदृइ 2 त्ता विपजहइ०२ त्ता विगयजोई यावि भवइ, एवं अहोरत्ता छ एक्कर्वसं मुहुत्ता य तेरस अहोरत्ता बारस मुहुत्ता य वसं अहोरत्ता तिण्णि मुहुत्ता य सव्वे भाणियव्वा जाव जया. णं सूरं गइसमावणं उत्तरासाढाणवखत्ते गइसमावण्णे पुरत्थिमाए भागाए समासादेइ पुर०२ त्ता वीस अहोरत्ते तिष्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टई जो०जोएइ रत्ता विप्पजहइ २त्ता विगयजोई यावि भवइ, ता जया णं सूरं गइसमावण्णं णक्खत्ते गइसमावण्णे पुरत्थिमाए भागाए समासादेइ पु०२ त्ता सूरेण सद्धिं जोयं जुजइ २त्ता जोयं अणुपरियट्टइ 2 त्ता जाव विगयजोई यावि भवइ // 82 // ता णक्खत्तेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ तेरस य सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता णक्खत्तेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ चोत्तालीसं च सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता णवत्तेणं मासेणं णक्खत्ते कह मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ अद्धसीयालीसं च सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता चंदेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाई चरइ ? ता चोद्दस चउभागाइं मंडलाइं चरइ एगं च चउव्वीससयभागं मंडलस्स, ता चंदेणं मासेणं मूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस चउभागूणाई मंडलाई चरइ एगं च Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 820 अनंगपविट्ठसुत्ताणि चउवीससयभागं मंडलस्स,ता चंदेणं मासेणं णवत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता पप्णरस चउभागूणाई मंडलाइं चरइ छच्च चउवीससयभागे मंडलस्स, ता रणा मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस मंडलाई चरइ तीसं च एगट्ठिभागे मंडलस्स, ता उड्डुणा मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस मंडलाई चरइ, ता उडुणा मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस मंडलाई चरइ पंच य बावीससयभागे मंडलस्स, ता आइच्चेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस मंडलाई चरइ एक्कारसभागे मंडलस्स, ता आइच्चेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाई चरइ ? ता पण्णरस चउभागाहियाइं मंडलाइं चरइ, ता आइस्चेणं मासेणं णखत्ते कद मंडलाई चरइ ? ता पण्णरस चउभागाहियाइं मंडलाइं चरइ पंचतसं च चवीससयभागमंडलाइं चरइ, ता अभिवडिएणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस मंडलाइं० तेसीइं छलसीयसयभागे मंडलस्स, ता अभिवहिएणं मासेणं सूरे कह मंडलाइं चरइ ? ता सोलस मंडलाइं चरइ तिहिं भागेहिं ऊणगाई दोहिं अडयालेहि सएहिं मंडलं छेत्ता, ता अभिवट्टिएणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता सोलस मंडलाइं चरइ सीयालीसएहिं भागेहिं अहियाई चोद्दसहिं अट्ठासीएहि मंडलं छेत्ता // 83 // ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता एगं अद्धमंडलं चरइ एकतीसाए भागेहिं ऊणं णवहिं पण्णरसेहिं अद्धमंडलं छेत्ता, ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं सूरिए कइ मंडलाई चरइ ? ता एगं अद्धमंडलं चरइ, ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता एगं अद्धमंडलं चरइ दोहिं भागेहिं अहियं सत्तहिं बत्तीसेहिं सएहिं अद्धमंडलं छेत्ता, ता एगमेगं मंडलं चंदे कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ एकतीसाए भागेहिं अहिएहिं चउहिं चोयालेहिं सएहिं राइदिएहि छेत्ता, ता एगमेगं मंडलं सूरे कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ, ता एगमेगं मंडलं गक्खत्ते कइहिं अहोरत्तहिं चरइ ? ता दोहि अहोरत्तेहिं चरइ दोहिं ऊणेहिं तिहिं सत्तसट्टेहिं सएहिं राइंदिएहिं छेत्ता, ता जुगेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता अट्ठ चुलसीए मंडलसए चरइ, ता जुगेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता णवपण्णरसमंडलसए चरइ, ता जुगेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता अट्ठारस पणतीसे दुभागमंडलसए चरइ / इच्चेसा मुहुत्तगई रिक्खाइमासराइंदियजुगमंडलपविभत्ता सिग्धगई वत्थू आहितेति (वएजा) बेमि // 84 // पष्णरसमं पाहुडं समत्तं // 15 // Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सोलसमं पाहुडं ता कहं ते दोसिणालक्खणे आहिएति वएजा ? ता चंदलेसाइ य दोसिणाइ य दोसिणाइ य चंदलेसाइ य के अढे किं लक्खणे ?, ता एगटे एगलक्खणे, ता कहं ते सूरलक्खणे आहिएति वएजा ? ता सूरलेस्साइ य आयवेइ य आयवेइ य सूरलेस्साइ य के अटे किं लक्खणे ? ता एगढे एगलक्खणे, ता कहं ते छायालक्खणे आहिएति वएज्जा ? ता अंधयारेइ य छायाइ य छायाइ य अंधयारेइ य के अटे किं लक्खणे ? ता एगढे एगलक्खणे // 85 // सोलसमं पाहुडं समत्तं // 16 // सत्तरसमं पाहुडं __ता कहं ते चयणोक्वाया आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ एगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति० एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुमुहुत्तमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति...२, एवं जहेव हेट्ठा तहेव जाव ता एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुउस्सप्पिणिओसप्पिणिमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति० एगे एवमाहंसु 25, वयं पुण एवं वयामो-ता चंदिमसूरियाणं जोइसिया देवा महिडिया महज्जुइया महाबला महाजसा महासोक्खा महाणुभावा वरवत्थधरा वरमल्लधरा वरगंधधरा वराभरणधरा अवोच्छित्तिणयट्ठयाए काले अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति० // 86 // सत्तरसमं पाहुडं समत्तं // 17 // अट्ठारसमं पाहडं . ता कहं ते उच्चत्ते आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ प०, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं सूरे उड़े उच्चत्तेणं दिवढं चंदे एगे एवमाहंसु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता दो जोयणसहस्साई सूरे उट्टे उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं चंदे एगे एवमाहंसु 2, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि जोयणसहस्साई सूरे उड्डे उच्चत्तेणं अधुट्ठाई चंदे एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-ता चत्तारि जोयणसहस्साइं सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अद्धपंचमाइं चंदे एगे एवमाइंसु 4, एगे पुण एवमाहंसु-ता पंच जोयणसहस्साइं सूरे उट्ठे उच्चत्तेणं अट्ठाई चंदे एगे एवमाहंसु ५,एगे पुण एवमाहंसु-ता छ जोयणसहस्साइं सूरे उड़े उच्चत्तेणं अद्धसत्तमाइं चंदे एगे एवमाहंसु ६,एगे पुण एवमाहंसु-ता सत्त जोयणसहस्साइं सूरे उड्डे उच्चत्तेणं अद्धट्ठमाई Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 822 अमंगपविट्ठसुत्साणि चंदे एगे एवमाहंसु ७,एगे पुण एवमाहंसु-ता अट्ट जोयणसहस्साइं सूरे उहूं उच्चत्तेणं अद्धणवमाइं चंदे एगे एवमाहंसु८,एगे पुण एवमाहंसु-ताणवजोयणसहस्साइं सूरे उड़े उच्चत्तेणं अद्धदसमाई चंदे एगे एवमाहंसु९,एगे पुण एवमाइंसु-ता दस जोयणसहस्साई सूरे उड्ढे उच्चत्तेणं अद्धएकारस चंदे एगे एवमाहंसु१०,एगे पुण एवमाहंसु-ता एकारस जोयणसहस्साई सूरे उढे उच्चत्तेणं अद्धबारस चंदे"११, एएणं अभिलावेणं णेयत्वं बारस सूरे अद्धतेरस चंदे १२,तेरस सूरे अद्धचोद्दस चंदे १३,चोदस सूरे अद्धपण्णरस चंदे 14, पण्णरस सूरे अद्धसोलस चंदे 15, सोलस सूरे अद्धसत्तरस चंदे 16, सत्तरस सूरे अद्धअट्ठारस चंदे 17, अट्ठारस सूरे अद्धएगूणवीसं चंदे 18, एगूणवीसं सूरे अद्धवीसं चंदे 19, वीसं सूरे अद्धएक्कवीसं चंदे 20, एकवीसं सूरे अद्धबावीसं चंदे 21, बावीसं सूरे अद्धतेवीसं चंदे 22, तेवीसं सूरे अद्धचउवीसं चंदे 23, चउवीसं सूरे अद्धपणवीसं चंदे एगे एवमाहंसु 24, एगे पुण एवमाहंसु-ता पणवीसं जोयणसहस्साइं सूरे उड्ढे उच्चत्तेणं अद्धछव्वीसं चंदे एगे एवमाहंसु 25 / वयं पुण एवं वयामो–ता इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तणउइजोयणसए उड़े उप्पइत्ता हेछिल्ल ताराविमाणे चारं चरइ अट्ठजोयणसए उई उप्पइत्ता सूरविमाणे चारं चरइ अट्ठअसीए जोयणसए उडे उप्पइत्ता चंदविमाणे चारं चरइ णव जोयणसयाई उड़े उप्पइत्ता उवरि ताराविमाणे चार चरइ, हेट्ठि. ल्लाओ ताराविमाणाओ दसजोयणाई उडे उम्पइत्ता सूरविमाणे चारं चरइ णउई जोयणाई उर्दू उप्पइत्ता चंदविमाणे चारं चरइ दसोत्तरं जोयणसयं उड्डे उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, सूरविमाणाओ असीइं जोयणाई उ उप्पइत्ता चंदविमाणे चारं चरइ जोयणसयं उडे उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, चंदविमाणाओ णं वीसं जोयणाइं उर्दू उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ,एवामेव सपुवावरेणं दसुत्तरजोयणसयं बाहल्ले तिरियमसंखेज्जे जोइसविसए जोइसं चार चरइ आहितेति वएजा // 87 / / ता अस्थि णं चंदिमसूरियाणं देवाणं हिटुंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समंपि तारारूवा अणुंपि.तुल्लावि उप्पिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि ? ता अस्थि, ता कहं ते चंदिमसूरियाणं देवाणं हिटुंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि उप्पिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि ? ता जहा जहा णं तेसि णं देवाणं तवणियमबंभचेराई उस्सियाइं भवंति तहा तहा णं तेसिं देवाणं एवं भवइ,तंजहा-अणुत्ते वा तुलत्ते वा, ता एवं खलु चंदिमसूरियाणं देवाणं Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 18 8 23 हिट्ठपि तारारूंवा अणुंपि तुल्लावि तहेव जाव उप्पिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि।।८८॥ ता एगमेगस्स णं चंदस्स देवस्स केवइया गहा परिवारो प०,केवइया णखत्ता परिवारो पण्णत्तो, केवइया तारा परिवारो पण्णत्तो ? ता एगमेगस्स णं चंदस्स देवस्स अट्ठासीइगहा परिवारो पण्णत्तो, अट्ठावीसं णक्खत्ता परिवारो पण्णत्तो, छावट्टिसहस्साइं णव चेव सयाइं पंचुत्तराई (पंचसयराइं) एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं // 1 // परिवारो प० // 89 // ता मंदरस्स णं पव्वयस्स केवइयं अबाहाए जोइसे चारं चरइ ? ता एक्कारस एकवीसे जोयणसए अबाहाए जोइसे चारं चरइ, ता लोयंताओ णं केवइयं अबाहाए जोइसे प० 1 ता एक्कारस एक्कारे जोयणसए अबाहाए जोइसे प. // 90 // ता जंबुद्दीवे णं दीवे कयरे णवखत्ते सव्वभंतरिलं चारं चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वबाहिरिल्लं चार चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वुवरिल्लं चारं चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वहिट्ठिल्लं चार चरइ ? ता अभीई णवखत्ते सव्वभितरिल्लं चारं चरइ,मूले णक्खत्ते सव्वबाहिरिल्लं चारं चरइ,साई णक्खत्ते सव्वुवरिल्लं चारं चरइ, भैरणी णक्खत्ते सव्वहेछिल्लं चारं चरइ // 91 // ता चंदविमाणे णं किंसंठिए प० ? ता अद्धकविट्ठगसंठाणसंठिए सव्वफालियामए अब्भुग्गयमूसियपहसिए विविहमणिरयणभत्तिचित्ते जाव पडिरूवे एवं सूरविमाणे गहविमाणे णवखत्तविमाणे ताराविमाणे। ता चंदविमाणे णं केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं बाहले प० 1 ता छप्पण्णं एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविवखंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं अट्ठावीसं एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं पण्णत्ते, ता सूरविमाणे णं केवइयं आयामविखंभेणं पुच्छा, ता अडयालीसं एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं चउव्वीसं एगट्ठिभागे जोयणरस बाहल्लेणं प०, ता णक्खत्तविमाणे णं केवइयं पुच्छा, ता कोसं आयामविवखंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं अद्धकोसं बाहल्लेणं प०,ता ताराविमाणे णं केवइयं पुच्छा, ता अद्धकोसं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं पंचधणुसयाई बाहरूलेणं प० / ता चंदविमाणं णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहंति ? ता सोलस देवसाहरसीओ परिवहंति, तं०-पुरस्थिमेणं सीहरूवधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, दाहिणेणं गयरूवधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, पञ्चत्थिमेणं वसहरूवधारीणं चत्तारि देवसाहसीओ परिवहंति, उत्तरेणं तुरगरूवधारणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, एवं सूरविमाणंपि, ता गहविमाणे णं कइ देवसाहरसीओ परिवहति ? ता Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 824 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अट्ठ देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरत्थिमेणं सीहरूवधारणं देवाणं दो देवसाहस्सीओ परिवहंति, एवं जाव उत्तरेणं तुरगरूवधारीणं०, ता णक्खत्तविमाणे णं कह देवसाहस्सीओ परिवहति ? ता चत्तारि देवसाहरसीओ परिवहंति, तं०-पुरस्थिमेणं सीहरूवधारीणं देवाणं एक्का देवसाहस्सी परिवहइ, एवं जाव उत्तरेणं तुरगरूवधार,णं देवाणं०, ता ताराविमाणे णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहति ? ता दो देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरस्थिमेणं सीहरूवधारीणं देवाणं पंच देवसया परिवएंति, एवं जावुत्तरेणं तुरगरूवधारीणं० // 92 // ता एए सि णं चंदिमसूरियगहगणणवत्ततारारूवाणं कयरे 2 हिंतो सिग्धगई वा मंदगई वा ? ता चंदेहिंतो सूरा सिन्धगई, सूरेहिंतो गहा सिग्धगई, गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्घगई, णवखत्तेहिंतो तारा० सिन्धगई, सव्वप्पगई चंदा, सव्वसिन्धगई तारा० / ता एए सि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे 2 हिंतो अप्पिडिया वा महिडिया वा ? ता तारा० हितो णक्खत्ता महिड्डिया, णक्खत्तेहिंतो गहा महिड्डिया, गहेहिंतो सूरा महिड्डिया, सूरे. हिंतो चंदा महिड्डिया, सव्वप्पड्डिया तारा०, सव्वमहिड्डिया चंदा // 93 / / ता जंबुद्दीवे णं दीवे तारारूवस्स य 2 एस णं केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? ता दुविहे अंतरे प०, तं०-वाघाइमे य णिव्वाघाइमे य, तत्थ णं जे से वाघाइमे से ण जहण्णेणं दोण्णि बावटे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साई दोष्णि बायाले जोयणसए तारारूवस्स य 2 अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, तत्थ णं जे से णिव्याघाइम से णं जहणणेणं पंच धणुसयाइं उक्कोसेणं अद्धजोयणं तारारूवरस य 2 अबाहाए अंतरे प० // 94 // ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पप्णत्ताओ ? ता चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि देवीसाहस्सी परिवारो पण्णत्तो, पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाइं चत्तारि 2 देवीसहस्साइं परिवार विउवित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवीसहस्सा, सेत्तं तुडिए, ता पभू णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिसए विमाणे सभाए सुहम्माए तुडिएणं सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए ? णो इणढे समढे, पभू णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवाडंसए विमाणे सभाए सुहम्माए चंदंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहरसीहि चउहिँ अग्गमहिसीहिंसपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिँ सत्तहिं अणिए हिं सत्तहिं अणियाहिवईहिं सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहि अण्णेहि य बहूहिं जोइसिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवणं Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 18 825 दिव्वाइं मोंगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए केवलं परियारणिड्डीए णो चेव णं मेहुणवत्तियाए / ता सूरस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ प० ? ता चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा-सूरप्पभा आयवा अच्चिमाला पकरा, सेसं जहा चंदस्स णवरं सूरवडेसए विमाणे नाव णो चेव णं मेहुणवत्तियाए / 95 // ता जोइसियाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं अडभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समभहियं, ता जोइसिणीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० 1 ता जहणणेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, ता चंदविमाणे ण देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं, ता चंदविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० 1 ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए बाससहस्सेहिं अव्भहियं, ता सूरविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं चउन्भागपलिओवमं उवकोसेणं पलिओवमं वाससंहस्समभहियं, ता सूरविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओक्मं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससए हिं अन्भहियं, ता गहविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवम, ता गहविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० 1 ता जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, ता णखत्तविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवम उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, ता णक्खत्तविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० 1 ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणं चउब्भागपलिओवमं, ता ताराविमाणे णं देवाणं पुच्छा, ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उवकोसेणं च उभागपलिओवमं, ता ताराविमाणे णं देवीणं पुच्छा, ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं साइरेगअट्ठभागपलिओवमं // 96 // ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे 2 हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? ता चंदा य सूरा य एए णं दो वि तुल्ला सव्वत्थोवा, णक्खत्ता संखिजगुणा, गहा संखिजगुणा, तारा० संखिजगुणा // 97 // अट्ठारसमं पाहुडं समत्तं / / 18 / Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगणावीमइमं पाहुडं ता कइ णं चंदिमसूरिया सव्वलोयं ओभासंति उज्जोएंति तवेति पभाति आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ दुवालस पडिवत्तीओ, पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता एगे चंदे एगे सूरे सव्वलोयं ओभासइ उज्जोएइ तवेइ पभासेइ०एगें एवमाहंसु १,एगे पुण एवमाहंसु-ता तिणि चंदा तिणि सूरा सव्वलोयं ओभासेंति ४."एगे एवमाहंसु २,एगे पुण एवमाहंसु-ता आउटिं चंदा आउटिं सूरा सव्वलोयं ओभासेति ४."एगे एवमाहंसु 3, एगे पुण एवमाहंसु-एएणं अभिलावेणं णेयव्यं सत्त चंदा सत्त सूरा दस चंदा दस सूरा बारस चंदा बारस सूरा बायालीसं चंदा 2 बावत्तरं चंदा 2 बायालीसं चंदसयं 2 बावत्तरं चंदसयं बावत्तरं सूरसयं बायालीसं चंदसहस्सं बायालीसं सूरसहस्सं बावत्तरं चंदसहस्सं बावत्तरं सूरसहस्सं सव्वलोयं ओभासेंति ४..एगे एवमासु 12, वयं पुण एवं वयामो-ता अयण्णं जंबुद्दीवे 2 जाव परिक्खेवेणं०, ता जंबुद्दीवे 2 केवइया चंदा पभासिंसु वा पभासिंति वा पभासिस्संति वा ? केवइया सूरा तर्विसु वा तवेंति वा तविरसंति वा ? केवइया णखत्ता जोयं जोइंसु वा जोएंति वा जोइस्संति वा ? केवइया गहा चारं चरिंसु वा चरंति वा चरिस्संति वा ? केवइयाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा सोभेति वा सोभिस्संति वा ? ता जंबुद्दीवे 2 दो चंदा पभासेंसु वा 3, दो सूरिया तवइंसु वा 3, छप्पण्णं णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा 3, छावत्तरि गहसयं चारं चरिंसु वा 3, एगं सयसहस्सं तेत्तीसं च सहस्सा णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं सोमं सोभेसु वा 3, “दो चंदा-दो सूरा णक्खत्ता खलु हवंति छप्पण्णा। छावत्तरं गहसयं जंबुद्दीवे विचारीणं // 1 // एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साई / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकीडीणं // 2 // " ता जंबुद्दीवं णं दीवं लवणे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिंट्ठइ, ता लवणे णं समुद्दे कि समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए ? ता लवणसमुद्दे समचकवालसंठिए णो विसमचकवालसंठिए, ता लवणसमुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएजा ? ता दो जोयणसयसहस्साइं चकवालविक्खंभेणं पण्णरस जोयणसयसहस्साई एक्कासीयं च सहस्साई सयं च ऊयालं किंचिविसेसूर्ण परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता लवणसमुद्दे केवइयं चंदा पभासेंसु वा 31 एवं पुच्छा जाव केवइयाउ तारागणकोडिकोडीओसोभिंसु वा 31, ता लवणे णं समुद्दे चत्तारि चंदा पभासेंसु वा 3, चत्तारि सूरिया तवइंसु वा 3, Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 16 827 बारस णखत्तसयं जोयं जोएंसु वा 3, तिण्णि वावणा महग्गहसया चारं चरिंसु वा 3, दो सयसहस्सा सत्तहिँ च सहस्सा णव य सया तारागणकोडिकोडी सोमिसु वा 3 / पण्णरस सयसहस्सा एक्कासीयं सयं च ऊयालं / किंचिविसेसेणूणो लवणोदहिणो परिक्खेवो // 1 // चत्तारि चेव चंदा चत्तारि य सूरिया लवणतोए / बारस णक्खत्तसयं गहाण तिण्णेव बावण्णा // 2 // दो चेव सयसहस्सा सत्तहिँ खलु भवे सहस्साइं / णव य सया लवणजले तारागणकोडिकोडीणं // 3 // ता लवणसमुहं० धायईसंडे णामं दीवे पट्टे वलयागारसंटाणसंटिए तहेव जाव णो विसमचकवालसंठिए, 'धायईसंडे णं दीवे केवइयं चकवालविवरवंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वए जा ? ता चत्तारि जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविखंभेणं ईयार्लसं जोयणसयसहस्साइं दस य सहस्साई णव य एगढे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिव खेवेणं आहिएति वएजा, धायईसंडे 0 दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा तहेव, ता धायईसंडे णं दीवे बारस चंदा पभासेंसु वा 3, बारस सूरिया तवेंसु वा 3, तिण्णि छत्तीसा णक्वत्तसया जोन्यं जोएंसु वा 3, एगं छप्परणं महग्गहसहरसं चारं चरिंसु वा ३,अद्वैव सयसहस्सा तिणि सहस्साइं सत्त य सयाई / एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीओ // 1 // सोभं सोभेसु वा ३-धायईसंडपरिरओ ईयाल दसुत्तरा सयसहस्सा / णव सया य एगट्ठा किंचिविसेसपरिहीणा // 1 // चउवीसं ससिरविणो णक्खत्तसया य तिणि छत्तीसा / एगं च गहसहस्सं छप्पण्णं धायईसंडे // 2 // अट्ठव सयसहस्सा तिणि सहस्साई सत्त य सवाई / धायईसंडे दीवे तारागणकोडिकोडीणं / / 3 / / ता धायईसंडं णं दीचं कालोए णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंटाणसंठिए जाव णो विसमचक्कवालसंठाणसंठिए, ता कालोए णं समुद्दे केबइयं चक्कवालविखंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वए जा ? ता कालोए णं समुद्दे अट्ठ जोयणसयसहस्साइं चकवालविक्खंभेणं पण्णत्ते एक्काणउइं जोयणसयसहस्साई सत्तर च सहस्साई छच्च पंचुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता कालोए णं समुद्दे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा, ता कालोए समुद्दे बायालीसं चंदा पभासेंसु वा 3, बायार्ल सं सूरिया तवेंसु वा 3, एक्कारस बावत्तरा णक्खत्तसया जोयं जोइंसु वा 3, तिण्णि सहस्सा छच्च छण्णउया महग्गहसया चारं चरिंसु वा 3, बारस सयसहस्साइं अट्ठावीसं च सहस्साई णब य सयाई पण्णासा तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा सोभंति वा सोभिस्संति वा, " एक्काणउई Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 828 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सयराइं सहस्साइं परिरओ तस्स / अहियाई उच्च पंचुत्तराई कालोयहिवरस्स // 1 // बायालीसं चंदा बायालीसं च दिणयरा दित्ता / कालोयहिंमि एए चरंति संबद्धलेसागा // 2 ॥णक्खत्तसहस्सं एगमेव छावत्तरं च सयमण्णं / छच्च सया छण्णउया महूगगहा तिण्णि य सहस्सा // 3 // अट्ठावीसं कालोयहिंमि बारस य सहस्साई / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं // 4 // " ता कालोयं णं समुदं पुक्खरवरे णाम दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिस्वित्ताणं चिट्ठइ, ता पुक्खरवरे णं दीवे किं समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए ? ता समचक्कवालसंठिए णो विसमचक्कवालसंठिए, ता पुक्खरखरे णं दीवे केवइयं समचक्कवालविक्खंमेणं केवइयं परिक्खेवेणं० 1 ता सोलस जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बाणउइं च सयसहस्साई अउपावण्णं च सहस्साइं अट्ठचउणउए जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता पुक्खरवरे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा तहेव, ता चोयालचंदसयं पभासेंसु वा 3, चोत्तालं सूरियाणं सयं तवइंसु वा 3, चत्तारि सहस्साई बत्तीसं च णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा 3, बारस सहस्साइं छच्च बावत्तरा महग्गहसया चारं चरिंसु वा 3, छण्णउइसयसहस्साई चोयालीसं सहस्साई चत्तारि य सयाई तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा 3, "कोडी बाणउई खलु अउणाणउई भवे सहस्साई / अट्ठसया चउणउया य परिरओ पोक्खरवरस्स // 1 // चोत्तालं चंदसयं चत्तालं चेव सूरियाण सयं / पोक्खरवरदीवम्मि चरंति एए पभासंता // 2 // चत्तारि सहस्साई छत्तीसं चेव हुंति णक्खत्ता / छच्च सया बावत्तर महग्गहा बारह सहस्सा // 3 // छण्णउइ सयसहस्सा चोत्तालीसं खलु भवे सहस्साई / चत्तारि य सया खलु तारागणकोडिकोडीणं // 4 // " ता पुक्खरवरस्स णं दीवस्स० बहुमज्झदेसभाए माणुसुत्तरे णामं पव्वए वलयागारसंठाणसंठिए जे णं पुक्खरवरं दीवं दुहा विभयमाणे 2 चिट्टइ, तंजहा-अभितरपुक्खरद्धं च बाहिरपुक्खरद्धं च, ता अभितरपुक्खरद्धे णं किं समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए ? ता समचक्वालसंठिए णो विसमचक्वालसंठिए, ता आभंतरपुक्खरद्धे णं केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएजा ? ता अट्ठ जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं एका जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साई तीसं च सहस्साइं दो अउणापण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता अभितरपुक्खरद्धे णं केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 केवइया सूरा तविंसु वा 3 पुच्छा, ता बावत्तरि चंदा पभासिंसु वा 3, बावत्तरि सूरिया तवइंसुवा 3, दोण्णि Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 19 8 26 सोला णक्खचसहस्सा जोयं जोएंसु वा ३,छ महग्गहसहस्सा तिण्णि य बत्तीसा चार चरेंसु वा 3, अडयालीससयसहस्सा बावीसं च सहस्सा दोण्णि य सया तारारणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा 3 / ता समयव खेत्ते णं केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएजा ? ता पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साइं दोण्णि य अउणापण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता समयक्खेत्ते णं केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा तहेव, ता बत्तीसं चंदसयं पभासेंसु वा 3, बत्तीसं सूरियाण सयं तवइंसु वा 3, तिण्णि सहस्सा उच्च छण्णउया णक्खत्तसया जोयं जोएंसु वा 3, एक्कारस सहस्सा छच्च सोलस महग्गहसया चारं चरिंसु वा 3, अट्ठासीई सयसहस्साई चत्तालीसं च सहस्सा सत्त य सया तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा 3, अद्वेव सयसहस्सा अभितरपुक्खरस्स विक्खंभो / पणयालसयसहस्सा माणुसखेत्तरस धिक्खंभो // 1 / / कोडी बायालीसं सहस्स दुसया य अउणपण्णासा / माणुसखेत्तपरिरओ एमेव य पुक्खरद्धस्स // 2 // बावत्तरिं च चंदा बावत्तरिमेब दिणयरा दित्ता। पुक्खरवरदीवडे चरंति एए पभासेंता॥३॥ तिणि सया छत्तीसा छच्च सहस्सा महग्गहाणं तु / णक्खत्ताणं तु भवे सोलाई दुवे सहस्साइं // 4 // अडयालसयसहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइं / दो य सय पुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडीणं / / 5 / / बत्तीसं चंदसयं / बत्तीसं चेव सूरियाण सयं / सयलं माणुसलोयं चरंति एए पभासेंता // 6 // एक्कारस य सहस्सा छप्पि य सोला महग्गहाणं तु / छच्च सया छण्णउया णक्खत्ता तिणि य सहस्सा // 7 // अट्ठासीइ चत्ताई सयसहस्साई मणुयलोगंमि / सत्त य सया अणूणा तारागणकोडिकोडीणं // 8 // एसो तारापिंडो सव्वसमासेण मणुयलोयंमि / बहिया पुण ताराओ जिणेहिं भणिया असंखेजा // 9 // एवइयं तारग्गं जं भणियं माणुसंमि लोगंमि / चारं कलंबुयापुप्पसंठियं जोइसं चरइ // 10 // रविससिगहणवत्ता एवइया आहिया मणुयलोए / जेसिं णामागोत्तं ण पागया पण्णवेहिति // 11 // छावढि पिडगाइं चंदाइच्चाण मणुयलोयग्मि / दो चंदा दो सूरा य हुंति एक्केक्कए पिडए // 12 // छावढेि पिडगाई णक्खत्ताणं तु मणुयलोयम्मि। छप्पणं णवत्ता हुंति एक्केकर पिडए / / 13 / / छावहिँ पिडगाइं महग्गहाणं तु मणुयलोयंमि / छावतरं गहसयं होइ एक्केकए पिडए // 14 // चत्तारि य पंतीओ चंदाइच्चाण मणुयलोयम्मि / छावहिं 2 च होइ एक्किक्किया पंती // 15 // छप्पण्णं पंतीओ णखत्ताणं तु मणुयलोयंमि / छावहिं 2 हवंति एक्केक्किया पंती // 16 // छावतरं रहाणं Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 830 अनंगपबिट्ठसुत्तामि पंतिसयं हवइ मणुयलोयंमि / छावहिँ 2 हवइ य एक्केक्किया पंती // 17 // से मेरुमणुचरंता पयाहिणावत्तमंडला सव्वे / अणवट्ठियजोगेहिं चंदा सूरा गहगणा य // 18 // णक्खत्ततारगाणं अवट्ठिया मंडला मुणेयव्वा / तेवि य पयाहिणा: वत्तमेव मेरं अणुचरंति // 19 // रयणियरदिणयराणं उहुं च अहे व संकमो णस्थि / मंडलसंकमणं पुण सभितरबाहिरं तिरिए // 20 // रयणियरदिणयराणं णवत्ताणं महग्गहाणं च / चारविसेसेण भवे सुहदुक्खविही मणुस्साणं // 21 // तेसिं पविसंताणं तावक्खेत्तं तु वड्डए णिययं / तेणेव कमेण पुणो परिहायइ णिक्खमंताणं / / 22 // तेसिं कलंबुयापुप्पसंठिया हुंति तावखेत्तपहा / अंतो य संकुडा बाहि वित्थडा चंदसूराणं // 23 // केणं वडइ चंदो ? परिहाणी केण होइ चंदस्स ? कालो वा जोण्हो वा केणऽणुभावेण चंदस्स IR4 // किण्हं राहुविमाणं णिच्चं चंदेण होइ अविरहियं / चउरंगुलमसंपत्तं हिच्चा चंदस्स तं चरइ ॥२५||बावहिँ 2 दिवसे 2 उ सुकपक्खस्स / जं परिवड्डइ चंदो खवेइ तं चेव कालेणं // 26 / / पण्णरसइभागेण य चंदं पण्णरसमेव तं वरइ / पण्णरसइभागेण य पुणोवि तं चेव वक्कमइ // 27 // एवं वड्डइ चंदो परिहाणी एव होइ चंदस्स / कालो वा जुण्हो वा एवऽणुभावेण चंदस्स // 28 // अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगां उ उववण्णा / पंचविहा जोइ. सिया चंदा सूरा गहगणा य // 29 // तेण परं जे सेसा चंदाइच्चगहतारणवखत्ता / णस्थि गई णवि चारो अवट्ठिया ते मुणेयव्वा // 30 // एवं जंबुद्दीवे दुगुणा लवणे चउग्गुणा हुंति / लावणगा य तिगुणिया ससिसूरा धायईसंडे // 31 // दो चंदा इह दीवे चत्तारि य सायरे लवणतोए / धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य // 32 // धायइसंडप्पभिइसु उद्दिट्ठा तिगुणिया भवे चंदा / आइल्लचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते / / 33 // रिक्खग्गहतारग्गं दीवसमुद्दे जहिच्छसी गाउं / तस्ससीहिं. तन्गुणियं रिक्खग्गहतारगग्गं तु // 34 // बहिया उ माणुसणगस्स चंदसूराणऽवट्ठिया जोण्हा / चंदा अभीइजुत्ता सूरा पुण हुंति पुस्सेहिं / / 35 // चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ / पण्णाससहस्साई तु जोयणाणं अणूणाई // 36 // सूरस्स य 2 ससिणो 2 य अंतरं होइ / बाहिं तु माणुसणगस्स जोयणाणं सयसहस्सं // 37|| सूरतरिया चंदा चंदंतरिया य दिणयरा दित्ता / चित्तंतरलेसागा सुहलेसा मंदळेसा य // 38 // अट्ठासीइं च गहा अट्ठावीसं च हुंति णक्खत्ता / एगससीपरिवारो एत्तो ताराण वोच्छामि // 39 // छावट्ठिसहस्साई णव चेव साइं पंचसयराई / Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 16 एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं ॥४०॥ता अंतो मणुस्सखेत्ते जे चंदिमसूरिया गहगणणखत्ततारारूवा ते णं देवा किं उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा चारहिइया गइरइया गइसमावण्णगा ? ता ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कम्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा णो चाढिइया गइरइया गइसमावण्णगा उड्ढामुहकलंबुयापुप्पसंटाणसंठिए हिं जोयणसाहरिसए हिं तावक्खेत्तेहिं साहस्सिएहिं बाहिराहि य वेउव्वियाहिं परिसाहिं मया हयणट्टगीयवाइयतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं महया उक्किट्टिसीहणार वलकलरवेणं अच्छं पव्वयरायं पयाहिणावत्तमंडलचारं मेलं अणुपरियटृति, ता तेसि णं देवाणं जाहे इंदे चयह से कहमियाणि पकरेंति ? ता चत्तारि पंच सामाणियदेवा तं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव. अण्णे इत्थ इंदे उववण्णे भवइ, ता इंदट्ठाणे णं केवइएणं कालेणं विरहिए पण्णत्ते ? ता जहण्णेणं इबकं समयं उवकोसेणं छम्मासे, ता बहिया णं माणुस्सक्खेत्तस्स जे चंदिमसूरियगह जाव तारारूवा ते णं देवा किं उद्दोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववष्णगा चारटिश्या गइरइया गहसमावण्णगा ? ता ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कप्पोववाणगा विमाणोववण्णगा णो चारोववण्णगा चारद्विइया णो गइरइया णो गइसमावण्णगा पक्किट्टगसंठाणसंटिएहिं जोयणसयसाहस्सिएहिं तावक्खेत्तेहिं सयसाहस्सियाहिं बाहिराहिं वेउग्वियाहिं परिसाहिं महया हयणट्टगीयवाइय जाव रवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति, सुहलेसा मंदलेसा मंदायक्लेसा चित्तंतरलेसा अण्णोण्णसमोगादाहिं लेसाहिं कूडा इव ठाणठिया ते पएसे सव्वओ समंता ओभासंति उज्जोवेति तवेंति पभासेंति, ता तेसि णं देवाणं जाहे इंदे चयइ से कहमियाणि पकरेंति ? ता चत्तारि पंच सामाणियदेवा तं ठाणं तहेव जाव छम्मासे // 98 // ता पुक्खरवरं णं दीवं पुक्खरोदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंटिए सत्व जाव चिट्ठइ, ता पुक्खरोदे णं समुद्दे किं समचक्वालसंठिए जाव णो विसमचकवालसंठिए, ता पुवखरोदे णं समुद्दे केवइयं चक्कवालविवखंभेणं केवइयं परिव खेवेणं आहिएति वएजा ? ता संखेजाई जोयणसहस्साई आयामविखंभेणं संखेजाई जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता पुव खरवरोदे णं समुद्दे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा तहेव, ता पुक्खरोदे णं समुद्दे संखेज्जा चंदा पभासेंसु वा 3 जाव संखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा 3 / एएणं अभिलावेणं Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .832 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वरुणवरे दीवे वरुणोदे समुद्दे 4 खीरवरे दीवे खीरवरे समुद्दे 5 घयवरे दीवे पओदे समुद्दे 6 खोयवरे दीवे खोओदे समुद्दे 7 णंदिस्सरे दीवे णंदिस्सरवरे समुद्दे 8 अरुणोदे दीवे अरुणोदे समुद्दे 9 अरुणवरे दीवे अरुणवरे समुद्दे 10 अरुणवरोभासे दीवे अरुणवरोभासे समुद्दे 11 कुंडले दीवे कुंडलोदे समुद्दे 12 कुंडलवरे दीवे कुंडलवरोदे समुद्दे 13 कुंडलवरोभासे दीवे कुंडलवरोभासे समुद्दे 14 सव्वेसिं विस्खभपरिक्खेवो जोइसाइं पुक्खरोदसागरसरिसाइं / ता कुंडलवरोभासण्णं समुदं रुयए दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ जाव चिट्ठइ, ता रुयए णं दीवे किं समचकवाल जाव णो विसमचक्वालसंटिए, ता रुयए णं दीवे केवइयं समचक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा 1 ता असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं चक्कवालविखंभेणं असंखेजाई. जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं आहिए ति वएजा, ता रुयगे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा, ता रुयगे णं दीवे असंखेजा चंदा पभासेंसु वा 3 जाव असंखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा 3, एवं रुयगे समुद्दे रुयगवरे दीवे रुयगवरोदे समुद्दे रुयगवरोभासे दीवे रुयगवरोभासे समुद्दे, एवं तिपडोयारा णेयव्वा जाव सूरे दीवे सूरोदे समुद्दे सूरवरे दीवे सूरवरे समुद्दे सूरवरोभासे दीवे सूरवरोभासे समुद्दे, सव्वेसि विक्खंभपरिक्खेवजोइसाइं रुयगवरदीवसरिसाई, ता सूरवरोभासोदण्णं समुदं देवे णाम दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ जाव णो विसमचकवालसंठिए, ता देवे णं दीवे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिए ति वएजा ! ता असंखेजाइं जोयणसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं असंखेजाइं जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता देवे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा 3 पुच्छा तहेव, ता देवे णं दीवे असंखेजा चंदा पभासेंसु वा 3 जाव असंखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ० सोभेसु वा 3 / एवं देवोदे समुद्दे णागे दीवे णागोदे समुद्दे जक्खे दीवे जक्खोदे समुद्दे भूए दीवे भूओदे समुद्दे सयंभुरमणे दीवे सयंभुरमणे समुद्दे सब्वे देवदीवसरिसा // 99-100-101 // एगणवीसइमं पाहुडं समत्तं // 19 // वीसइमं पाहुडं ता कहं ते अणुभावे आहिएति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ दो पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता चंदिमसूरिया णं णो जीवा अजीवा णो घणा Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चंदपण्णत्ती पा. 20 833 झुसिरा णों बादरबोंदिधरा कलेवरा णत्थि णं तेसिं उठाणेइ वा कम्मेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा ते णो विज्जु लवंति णो असणिं लवंति णो थणियं लवंति, अहे य णं बायरे वाउकाए संमुच्छइ अहे य णं बायरे वाउकाए संमुच्छित्ता विज्जुपि लवंति असणिपि लवंति थणियंपि लवंति एगे एवमासु 1, एगे पुण एवमाहंसु-ता चंदिमसूरिया णं जीवा णो अजीवा घणा णो झुसिरा वादर. बुदिधरा कलेवरा अस्थि णं तेसिं उट्ठाणेइ वा० ते विज्जुपि लवंति 3 एगे एवमासु 2, वयं पुण एवं वयामो-ता चंदिमसूरिया णं देवा महिड्डिया जाव महाणुभागा वरवत्थधरा वरमल्लधरा० वराभरणधारी अवोच्छित्तिणयट्ठयाए अण्णे चयंति अण्णे उववज्जति० // 102 // ता कहं ते राहुकम्मे आहिएति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ दो पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमासु-ता अस्थि णं से राह देवे जे णं चंद वा सूरं वा गिण्हइ एगे एवमासु 1, एगे पुण एवमाइंसु-ता त्थि से राहू देवे जे णं चंद वा सूरं वा गिण्हइ० 2, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि गं से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गिण्हइ, ते एवमाहंसु-ता राहू णं देवे चंदं वा सूर वा गेण्हमाणे बुद्धतेणं गिण्हित्ता बुद्धतेणं मुयइ बुद्धतेणं गिणिहत्ता मुद्धं तेणं मुयइ मुद्धतेणं गिण्हित्ता मुद्धतेणं मुयइ, वामभुयंतेणं गिण्हित्ता वामभुयंतेणं मुयइ वामभुयंतेणं गिण्हित्ता दाहिणभुयंतेणं मुयइ दाहिणभुयंतेणं गिण्हित्ता वामभुयंतेणं मुयइ दाहिणभुयंतेणं गिण्हित्ता दाहिणभुयंतेणं मुयइ, तत्थ जे ते एक्माहंसु-ता णत्थि ण से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गेण्हइ, ते एवमाहंसु-तत्थ णं इमे पण्णरस कसिणपोग्गला प०, तं०-सिंघाणए जडिलए खरए खयए अंजणे खंजणे सीयले हिमसीयले केलासे अरुणाभे परिजए णभसूरए कदि.लए पिंगलए राहू, ता जया णं एए पण्णरस कसिणा पोग्गला सया चंदस्स ग सूरस्स वा लेसाणुबद्धचारिणो भवंति तया णं माणुसलोयंसि माणुसा एवं वयंति-एवं खलु राहू चंदं वा सूरं वा गेण्हइ 2, ता जया णं एए पण्णरस कसिणा पोग्गला णो सया चंदस्स वा सूरस्स वा लेसाणुबद्धचारिणो भवंति तया णं माणुसलोयम्मि मणुस्सा एवं वयंति-एवं खलु राहू चंदं वा सूरं वा गेण्हइ०, एए एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता राहू णं देवे महिड्डिए० महाणुभावे वरवत्थधरे जाव वराभरणधारी, राहुस्स णं देवरस णव णामधेजा 50, तं०-सिंघाडए जडिलए खरए खेत्तए ढढरे मगरे मच्छे कच्छभे किण्हसप्पे, ता राहुस्स णं देवस्स विमाणा पंचवण्णा प०, तं०-किण्हा णीला लोहिया हालिद्दा सुक्किल्ला, अत्थि कालए राहुविमाणे खंजणवण्णाभे प०, अत्थि णीलए Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 834 अनंगपविट्ठसुत्तागि राहुविमाणे लाउयवण्णाभे पण्णत्ते, अस्थि लोहिए राहुविमाणे मंजिट्ठावण्णाभे पण्णत्ते, अस्थि हालिद्दए राहुविमाणे हालिद्दावण्णाभे प., अस्थि सुक्किलए राहुविमाणे भासरासिवण्णाभे प०, ता जया णं राहुदेवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वेंमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेस्सं पुरस्थिमेणं आवरित्ता पच्चस्थिमेणं वीईवयइ तया णं पुरथिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ पञ्चत्थिमेणं राहू, जया णं राहुदेवे आगच्छेमाणे वा गच्छेमाणे वा विउव्वेमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं दादिणेणं आवरित्ता उत्तरेणं वीईवयइ तया णं दाहिणेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरेणं राहू, एएणं अभिलावेणं पच्चत्थिमेणं आवरित्ता पुरस्थिमेणं वीईवयइ उत्तरेणं आवरित्ता दाहिणेणं वीईवयइ जया णं . राहू देवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वेमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं दाहिणपुरस्थिमेणं आवरित्ता उत्तरपञ्चस्थिमेणं वीईवयइ तया णं दाहिणपुरस्थिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरपचत्थिमेणं राह, जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउवमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं दाहिणपञ्चस्थिमेणं आवरित्ता उत्तरपुरस्थिमेणं वीईवयइ तया णं दाहिणपञ्चत्थिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरपुरस्थिमेणं राहू, एएणं अभिलावेणं उत्तरपञ्चत्थिमेणं आवरेत्ता दाहिणपुरस्थिमेणं वीईवयइ, उत्तरपुरस्थिमेणं आवरेत्ता दाहिणपस्थिमेणं वीईवयइ, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेमाणे चिट्ठइ (आवरेत्ता वीईवयइ), तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे वा सूरे वा गहिए०, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता पासेणं वीईवयइ तया णं मणुस्सलोयंमि मणुस्सा वयंति-एवं खलु चंदेण वा सूरेण वा राहुस्स कुच्छी भिण्णा०, ता जया णं राहुदेवे आगच्छमाणे वा"चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता पच्चोसक्कइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे वा सूरे वा वंते. राहुणा०२, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता मझमज्झेणं वीईवयइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति० राहुणा चंदे वा सूरे वा वीइयरिए० राहुणा०२, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ताणं अहे सपक्खि सपडिदिसिं चिट्ठइ तया णं मणुस्सलोयंसि मणुस्सा वयंति० राहुणा चंदे वा घत्थे• राहुणा० 2 / ता Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 835 चंदपण्णत्ती पा. 20 कइविहे णं राह प० ? ता दुविहे प०, तं०-धुवराहू य पव्वराहू य, तत्थ णं जे से वराह से णं बहुलपक्खस्स पाडिवए पण्णरसइभागेणं भागं चंदस्स लेसं आवरे. माणे० चिट्ठइ, तं०-पढमाए पढमं भागं जाव पण्णरसमं भागं, चरमे समए चंदे रत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, तमेव सुक्कपक्खे उवदंसेमाणे 2 चिट्ठइ, तं०-पढमाए पदमं भागं जाव चंदे विरत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, तत्थ णं जे से पञ्चराहू से जहण्णेणं छण्हं मासाणं, उक्कोसेणं बायालीसाए मासाणं चंदस्स अडयालीसाए संवच्छराणं सूरस्स // 103 // ता कहं ते चंदे ससी 2 आहिएति वएजा ? ता चंदस्स णं जोइसिंदस्त जोइसरण्णो मियंके विमाणे कंता देवा कंताओ देवीओ कंताई आसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणाई अप्पगावि य णं चंदे देवे जोइसिंदे जोइसराया सोमे कंते सुभगे पियदंसणे सुरूवे ता एवं खलु चंदे ससी चंदे ससी आहिएति वएजा ।ता कहं ते सूरिए आइच्चे सूरे२ आहिएति वएजा ? ता सूराइया णं समयाइ वा आवलियाइ वा आणापाणूइ वा थोवेइ वा जाव उस्सप्पिणिओसप्पिणीइ वा, एवं खलु सूरे आइच्चे 2 आहि एति वएजा // 104 // ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमाहि सीओ पण्णताओ ? ता चंदस्स० चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, जहा हेट्ठा तं चेव जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं, एवं सूरस्सवि णेयव्वं, ता चंदिमसूरिया णं जोइसिंदा जोइसरायाणो केरिसए कामभोगे पच्चणुभवमाणा विहरंति ? ता से जहाणामए-केइ पुरिसे पढमजोव्वणुट्ठाणबलसमत्थे पढमजोव्वणुट्ठाणवलसमत्थाए भारियाए सद्धिं अचिरवत्तविवाहे अत्थार्थी अत्थगवेसणयाए सोलसवासविष्पवसिए से णं तओ लद्धटे कयकज्जे अणहसमग्गे पुणरवि णियघरं हव्वमागए ण्हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहन्याभरणालंकियसरीरे मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं भोयणं भुत्ते समाणे तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अंतो बाहिरओ दूमियघट्टमढे विचित्तउल्लोयचिल्लियतले बहुसमसुविभत्तभूमिभाए मणिरयणपणासियंधयारे कालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुकधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि तारिसगंसि सयणिज्जसि दुह्ओ उण्णए मज्झोणयगंभीरेसालिंगणवट्टिए पण्णत्तगंडविब्बोयणे सुरम्मे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए सुविरइयरयत्ताणे ओयवियखोमियखोमदुगूलपट्टपडिच्छायणे रत्तंसुयसंवुडे सुरम्मे आई. णगरूयबूरणवणीय तूलफासे सुगंधवरकुसुमचुण्णसयणोवयारकलिए ताए तारिसाए Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 836 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भारियाए सद्धिं सिंगारागारचारुवेसाए संगयगयहसियभणियचिट्टियसलावविलासणिउणजुत्तोवयारकुसलाए अणुरत्ताविरत्ताए मणाणुक्लाए एगंतरइपसत्ते अण्णत्थ कच्छइ मणं अकुव्वमाणे इढे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरिजा, ता से णं पुरिसे विउसमणकालसमयंसि केरिसयं सायासोक्खं पञ्चणुभवमाणे विहरइ ? उरालं समणाउसो !, ता तस्स णं पुरिसस्स कामभोगेहिंतो एत्तो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव वाणमंतराणं देवाणं कामभोगा, वाणमंतराणं देवाणं कामभोगाहिंतो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं कामभोगा असुरिंदबज्जियाणं० देवाणं कामभोगेहितो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव असुरकुमाराणं इंदभूयाणं देवाणं कामभोगा, असुरकुमाराणं० देवाणं कामभोगेहिंतो० गहगणणक्खत्ततारारूवाणं कामभोगा, गहगणणक्खत्ततारारूवाणं कामभोगेहितो अणतगुणविसिट्टतरा चेव चंदिमसूरियाणं देवाणं कामभोगा, ता एरिसए णं चंदिमसूरिया जोइसिंदा जोइसरायाणो कामभोगे पचणुभवमाणा विहरंति // 105 // तत्थ खलु इमे अट्ठासीई महग्गहा पण्णत्ता, तं०-इंगालए वियालए लोहियंके सणिच्छरे आहुणिए पाहुणिए कणे कणए कणकणए कणवियाणए 10 कणगसंताणे सोमे सहिए आसासणे कज्जोवए कव्वरए अयकरए दुंदुभए संखे संखणाभे 20 संखवण्णाभे कसे कंसणाभे कंसवण्णाभे णीले णीलोभासे रुप्पे रुप्पोभासे भासे भासरासी 30 तिले तिलपुष्पवण्णे दगे दगवण्णे काए बंधे इंदग्गी धूमकेऊ हरी पिंगलए 40 बुहे सुक्के बहस्सई राहू अगत्थी माणवए कामफासे धुरे पमुहे वियडे 50 विसंधी कप्पेल्लए पइल्ले जडियालए अरुणे अग्गिल्लए काले महाकाले सोत्थिए सोवत्थिए 60 वद्धमाणगे पलंबे णिच्चालोए णिच्चुज्जोए सयंपभे ओभासे सेयंकरे खेमंकरे आभंकरे पभंकरे 70 अरए विरए असोगे विसोगे विमले विवत्ते विवत्थे घिसाले साले सुब्बए 80 अणियट्टी अणाविए एगजडी दुजडी करकरिए रायग्गले पुष्फकेऊ भावकेऊ 88 // 106 // वीसइमं पाहुडं समत्तं // 20 // ___ इइ एस पाहुडत्था अभव्वजणहिययदुल्लहा इणमो / उक्कित्तिया भगवया जोइसरायस्स पण्णत्ती // 1 // एस गहियावि संता थद्धे गारवियमाणिपडिणीए / अबहुस्सुए ण देया तव्विवरीए भवे देया // 2 // सद्धाधिइउट्ठाणुच्छाहकम्मबलवीरियपुरिसकारेहिं / जो सिक्खिओवि संतो अभायणे परिकहेजाहि // 3 // सो पवयणकुलगणसंघगहिरो णाणविणयपरिहीणो ) अरहंतथेरगणहरमेरं किर होइ वोलीणो // 4 // Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 837 चंदपण्णत्ती पा. 20 तम्हा धिइउट्टाणुच्छाहकम्मबलवीरियसिक्खियं णाणं / धारेयत्वं णियमा ण य अविणीएसु दायव्वं // 5 // वीवरस्स भगवओ जरमरणकिलेसदोसरहियस्स / वंदामि विणयपणओ सोक्खुप्पाए सया पाए // 6 // 107 // // चंदपण्णत्ती समत्ता॥ Page #247 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूरियपण्णत्ती णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं / तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पासादीया 4 // तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए माणिभद्दे णामं चेइए होत्था वण्णओ। तीसे णं मिहिलाए णयरीए जियसत्तू णामं राया होत्था वण्णओ। तस्स ण जियसन्तुस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ / तेणं कालेणं तेणं समएणं तम्मि माणिभद्दे चेइए सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया जाव राया जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई णाम अणगारे गोयमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वजरिसहणारायसंघयणे जाव एवं वयासी-कइ मंडलाइ बच्चइ 1, तिरिच्छा किं च गच्छह 2 / ओभासइ केवइयं 3, सेयाई किं ते संठिई 4 // 1 // कहिं पडिहया लेसा 5, कहिं ते ओयसंठिई 6 / के सूरियं वरयए 7, कहं ते उदयसंठिई 8 ॥सी कहं कट्ठा पोरिसिच्छाया 9, जोगे किं ते व आहिए 10 / किं ते संवच्छराणाई 11, कइ संवृच्छराइ य 12 // 3 // कहं चंदमसो वुट्टी 13, कया ते दोसिणा बहू 14 / केइ सिग्घगई वुत्ते 15, कहं दोसिणलक्खणं 15 // 4 // चयणोववाय 17 उच्चत्ते 18, सूरिया कइ आहिया 19 / अणुभावे के व संवुत्ते 20, एवमेयाई वीसई // 5 // 2 / / वड्डोवड्डी मुहत्ताणं 1, अद्धमंडलसंठिई 2 / के ते चिण्णं परियरइ 3, अंतरं किं चरंति य 4 // 6 // उग्गाहइ केवयं 5, केवइयं च विकंपइ 6 / मंडलाण य संठाणे 7, विक्खंभो 8 अट्ठ पाहुडा // 7 // छप्पं च य सत्तेव य अट्ट तिण्णि य हवंति पडिवत्ती। पढमस्स पाहुडस्स हवंति एयाउ पडिवत्ती . . // 8 // 3 // पडिवत्तीओ उदए, तहा अत्थमणेसु य / भियवाए कण्णकला, मुहुत्ताण गईइ य ||9| णिस्खममाणे सिग्धगई, पविसंते मंदगईइ य। चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसिं च पडिवत्तींओ // 10 // उदयम्मि अट्ठ भणिया भेयग्घाए दुवे य पडिवत्ती / चत्तारि मुहुत्तगईए हुंति तइयम्मि पडिवत्ती // 11 // 4 // आवलिय 1 मुहुत्तग्गे 2, Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 84. अनंगपविट्ठसुत्तानि . एवं भागा य 3 जोगस्सा 4 / कूलाई 5 पुण्णमासी 6 य, सण्णिवाए 7 य संठिई 8 // 12 // तार(य)ग्गं च 9 णेया य 10, चंदमग्गत्ति 11 यावरे / देवयाण य अज्झयणे 12, मुहुत्ताणं णामया इय 13 // 13 / / दिवसा राइ वुत्ता य 14, तिहि 15 गोत्ता 16 भोयणाणि 17 य / आइच्चवार 18 मासा 19 य, पंच संवच्छरा 20 इय // 14 // जोइसस्स दाराई 21, णक्खत्तविजए विय 22 / दसमे पाहुडे एए बावीसं पाहुडपाहुडा // 15 // 5 // एसो कमविसेसोताव सूरियपण्णतीए अवसेसो अपरिसेसो भावियवो जहा चंदपण्णत्तीए जाव अंतिमा गाहत्ति // ॥सूरियपण्णत्ती समत्ता // Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिरयावलियाओ (कप्पिया) पढमस्स वग्गस्स पढमं अज्झयणं तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था, रिद्धिस्थिमियसमिद्धे 0 / ... गुणसिलए णामं चेइए...वण्णओ। असोगवरपायवे / पुढविसिलापट्टए वण्णओ॥१॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अजसुहम्मे णामं अणगारे जाइसंपण्णे जहा केसी जाव पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिबुडे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे.. जेणेव रायगिहे णयरे जाव अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं जाव विहरइ / परिसा णिग्गया / धम्मो कहिओ / परिसा पडिगया // 2 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अजसुहम्मस्स अणगारस्स अंतेवासी जम्बू णामं अणगारे समचउरंससंठाणसंठिए जाव संखित्तविउलतेउलेस्से अजसुहम्मस्स अणगारस्स अदूरसामंते उर्बुजाणू जाव विहरइ / तए णं से जम्बू जायसढे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-उवंगाणं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! समणेण भगवया जाव संपत्तेणं एवं उवंगाणं पंच वग्गा पण्णना, तंजहा–णिरयावलियाओ, कप्पवडिंसियाओं, पुफियाओ, पुष्प.चूलियाओ, वहिदसाओ // 3 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवंगाणं पंच वग्गा पण्णत्ता, तंजहा-णिरयावलियाओ जाव वण्हिदसाओ, पढमस्स णं भंते ! वग्गरस उवंगाणं णिरयावलियाणं समजेणं भगवया जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता 1 एवं खलु जम्बू ! समणेणं नाव संपत्तेणं उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स णिरयावलियाणं दस अज्झयणा. पण्णत्ता, तंजहा-काले सुकाले महाकाले कण्हे सुकण्हे तहा महाकण्हे / वीरकण्हे य बोद्धव्वे रामकण्हे तहेव य // 1 // पिउसेणकण्हे णवमे दसमे महासेणकण्हे उ / जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स णिरयावलियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स णिरयावलियाणं समजेणं जाव संपत्तेणं के अटे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे चम्पा णामं णयरी होत्था, Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 842 अनंगपविट्ठसुत्ताणि रिद्ध०। पुण्णभद्दे चेइए / तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए कूणिए णामं राया होत्था, महया०। तस्स णं कुणियरुस रण्णो पउमावई णामं देवी होत्था, सोमालपाणिपाया जाव विहरइ // 4 // तत्थ णं चम्पाए णयंरीए सेणियस्स रण्णो भजा कूणियस्स रणो चुल्लमाउया काली णामं देवी होन्था, सोमालपाणिपाया जाव सुरूवा। तीसे णं कालीए देबीए पुत्ते काले णामं कुमारे होत्था, सोमालपाणिपाया जाव सुरूवे // 5 // तए णं से काले कुमारे अण्णणा कयाइ तिहिं दंतिसहस्सेहिं तिहिं रहसहस्सेहिं तिहिं आससहस्सेहिं तिहिं मणुयकोडीहिं गरुलवूहे एकारसमेणं खण्डेणं कुणिएणं रण्णा सद्धिं रहमुसलं संगामं ओयाए. // 6 // तए णं तीसे कालीए देवीए अण्णया कयाइ कुडुम्नजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे : अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु ममं पुत्ते कालकुमारे तिहिं दंतिसहस्सहिं जाव ओयाए, से मण्णे किं जइस्सइ ? णो जइस्सइ ? जीविस्सइ ? णो जीविस्सइ ? पराजिणिस्सइ ? णो पराजिणिस्सइ ? काले णं कुमारे अहं जीवमाणं पासिजा ? ओहयमण० जाव झियाइ // 7 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसरिए / परिसा णिग्गया / तए णं तीसे कालीए देवीए इमीसे कहाए लद्धट्ठाए समाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु समणे भगवं० पुव्वाणुपुावं जाव विहरइ,तं महाफलं खलु तहारूवाणं जाव विउलस्स अट्ठस्स गहणयाए, तं गच्छामि णं समणं जाव पज्जुवासामि, इमं च णं एयारूवं वागरणं पुच्छिस्सामित्तिकट्ट एवं संपेहेह 2 त्ता कोडुम्बियपुरिसे सदावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया। धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह उवट्ठवित्ता जाव पच्चप्पिणंति // 8 // तए णं सा काली देवी ण्हाया कयबलिकम्मा जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा बहूहिं खुजाहिं जाव महत्तरगविंदपरिक्खित्ता अंतेउराओ णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ रत्ता णियगपरियालसंपरिवुडा चम्पं णयरिं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता छत्ताईए जाव धम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ 2 त्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ 2 त्ता बहाहिं खुजाहिं जाव महत्तरगविंदपरिक्खित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदइ 2 त्ता ठिया चेव सपरिवारा सुस्सूसमाणी णमंसमाणी अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पज्जुवासइ // 9 // Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - णिरयावलियाओ व. 1 अ. 1 843 तए णं समणे भगवं जाव कालीए देवीए तीसे य महइमहालियाए धम्मकहा झाणियव्वा जाव समणोवासए वा समणोवासिया वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ // 10 // तए णं सा काली देवी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा णिसम्म हट्ट जाव हियया समणं भगवं तिक्खुत्तो जाव एवं वयासी-एवं खलु भंते ! मम पुत्ते काले कुमारे तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव रहमुसलं संगाम ओयाए, से णं भंते ! किं जइस्सइ ? णो जइस्सइ जाव काले णं कुमारे अहं जीवमाणं पासिज्जा ! कालीइ समणे भगवं महावीरे कालिं देवि एवं वयासी-एवं खलु काली ! तव पुत्ते काले कुमार तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव कृणिएणं रण्णा सद्धिं रहमुसलं संगाम संगामेमाणे हयमहियपवरवीरघाइयणिवडियचिंधज्झयपडागे णिरालोयाओ दिसाओ करेमाणे चेडगस्स रण्णो सपक्खं सपडिदिसि रहेणं पडिरहं हव्वमागए, तए णं से चेडए राया कालं कुमारं एजमाणं पासइ 2 त्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणु परामुसइ 2 त्ता उसु परामुसइ 2 त्ता वइसाहं ठाणं टाइ 2 त्ता आययकण्णाययं उसु करेइ 2 त्ता कालं कुमारं एगाहच्चं कूडाहच्चं जीवियाओ ववरोवेइ, तं कालगए णं काली ! काले कुमारे, णो चेव णं तुमं कालं कुमारं जीवमाणं पासि हिसि // 11 // तए णं सा काली देवी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं एयमढे सोचा णिसम्म महया पुत्तसोएणं अप्फुण्णा समाणी परसुणियत्ता विव चम्पगलया धसत्ति धरणीयलंसि सव्वंगेहिं संणिवड़िया / तए णं सा काली देवी मुहुत्तंतरेणं आसत्था समाणी उठाए उठेइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! सच्चे णं भंते ! एसमढे जहेयं तुब्भे वयहत्तिकट्ट संमणं भगवं० वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता. तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ 2 त्ता जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया // 12 // भंते ! त्ति भगवं गोयमे जाव वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-काले णं भंते ! कुमारे तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव रहमुसलं संगाम संगामेमाणे चेडएणं रण्णा एगाहच्चं कूडाहच्चं जीवियाओ ववरोविए समाणे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववण्णे ! गोयमाइ समणे भगवं० गोयमं एवं वयासी-एवं खलु गोयमा! काले कुमारे तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव जीवियाओ ववरोविए समाणे कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए हेमामे णरगे दससागरोवमट्टिइएसु णेरइएस णेरइयत्ताए उववण्णे // 13 // काले णं भंते ! कुमारे केरिसएहिं आरम्भेहिं केरि Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 844 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सएहि समारम्भेहिं केरिसएहिं आरम्भसमारम्भेहिं केरिसएहिं भोगेहिं केरिसए हिं संभोगेहिं केरिसएहिं भोगसंभोगेहिं केरिसेण वा असुभकडकम्मपन्भारेणं. कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए जाव णेरइयत्ताए उववण्णे ? एवं खलु / गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था,रिद्धस्थिमि यसमिद्धे / तत्थ णं रायगिहे णयरे सेणिए णामं राया होत्था, महया० / तस्स णं सेणियस्स रण्णो णंदा णामं देवी होत्था, सोमालजाव विहरइ / तस्स णं सेणियस्स रण्णो पुत्ते णंदाए देवीए अत्तए अभए णामं कुमारे होत्था,सोमाल० जाव सुरूवे,सामदाणभेयदण्डकुसले जहा चित्तो जाव रजधुराए चिंतए यावि होत्था / तस्स णं सेणियस्स रण्णो चेल्लणा णामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ // 14 // तए णं सा चेलणा देवी अण्णया कयाइ तंसि तारिसयंसि पासघरंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, जहा पभावई जाव सुमिणपाढगा पडिविसज्जिया जाव चेलणा से वयणं पडिच्छित्ता जेणेव सए भवणे ते गेव अणुपविट्ठा // 15 // तए णं. तीसे चेलणाए देवीए अण्णया कयाई तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउब्भूएधण्णाओणं ताओ अम्मयाओ जाव जम्म वियफले जाओ णं सेणियस्स रण्णो उयरवलीमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च जाव पसण्णं च आसाएमाणीओ जाव परिभाएमाणीओ दोहलं पविणेति / तए णं सा चेलणा देवी तंसि दोहलंसि अविणिजमाणं सि सुक्का भुक्खा णिम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा णित्तेया दीणविमणवयणा पण्डुइयमुही ओमंथियणयणवयणकमला जहोचियं पुष्पवत्थगंधमल्लालंकारं अपरि जमाणी करयलमलियव्व कमलमाला ओहयमणसंकप्पा जाव झियाइ // 16 // तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए अंगपडियारियाओ चेलणं देविं सुक्कं भुक्खं जाव झियायमाणिं पासंति 2 त्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट सेणियं रायं एवं वयासीएवं खलु सामी ! चेल्लणा देवी ण याणामो केणइ कारणेणं सुक्का भुक्खा जाव झियाइ // 17 // तए णं से सेणिए राया तासिं अंगपडियारियाणं अंतिए एयमद्रं सोच्चा णिसम्म तहेव संभंते समाणे जेणेव चेल्लणा देवी तेणेव उवागच्छइ २त्ता चेल्लाणं देविं सुक्कं भुक्खं जाव झियायमाणिं पासइ पासित्ता एवं वयासी-किं णं तुमं देवाणुप्पिए! सुक्का भुक्खा जाव झियासि ? // 18 // तए णं सा चेल्लणा देवी सेणियम्स रण्णो एयमढें णो आढाइ णो परिजाणाइ, तुसिणीया संचिट्ठइ / तए णं से रेणिए राया Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . णिरयावलियाओ व. 1 अ. 1 845 चेल्लणं देविं दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी-किं णं अहं देवाणुप्पिए ! एयमट्ठस्स णो अरिहे सवणयाए जणं तुमं एयमटुं रहस्सीकरेसि||१९| तए णं सा चेल्लणा देवी सेणिएणं रण्णा दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ता समाणी सेणियं रायं एवं वयासी-त्थि णं सामी! से केइ अट्टे जस्स णं तुम्मे अणरिहा सवणयाए, णो चेव णं इमस्स अट्ठस्स सवणयाए, एवं खलु सामी ! ममं तस्स ओरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउन्भूए-धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाओ णं तुम्भं उयरवलिमसेहिं सोल्लएहि य जाव दोहलं विणेति, तए णं अहं सामी ! तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का भुक्खा आव झियामि // 20 // तए णं से सेणिए राया चेल्लणं देवि एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए ! ओहय० जाव झियाहि, अहं णं तहा जत्तिहामि जहाणं तव दोहलस्स संपत्ती भविस्सइत्तिकट्ट चेल्लणं देविं ताहिं इठ्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं ओरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धण्णाहिं मंगल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं वन्गूहि समासासेइ 2 त्ता चेल्लणाए देवीए अंतियाओ पहिणिक्खमइ २त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ 2 त्ता तस्स दोहलस्स संपत्तिणिमित्तं बहूहिं आएहिं उवाए हि य उम्पत्तियाए य वेणंइयाए य कम्मियाए य पारिणामियाए य परिणामेमाणे 2 तस्स दोहलस्स आयं वा उवायं वा (बियक्कं) ठिई वा अविंदमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियाइ // 21 // इमं च णं अभए कुमारे ण्हाए जाव सरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिवख्मइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेन सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सेणियं रायं ओहय० जाव झियायमाणं पासइ 2 त्ता एवं वयासी-अण्णया णं ताओ ! तुभे ममं पासित्ता हट्ट जाव हियया भवह किं णं ताओ ! अज तुब्भे ओहय० जाव झियाह ? तं जइ णं अहं ताओ ! एयमट्ठस्स अरिहे सवणयाए तो णं तुब्भे मम एयमटुं जहाभूयमवितहं असंदिद्धं परिकहेह, जा णं अहं तस्स अट्ठस्स अंतगमणं करेमि // 22 // तए णं से सेणिए राया अभ्यं कुमारं एवं वयासी-त्थि णं पुत्ता! से केइ अढे जस्स णं तुमं अणरिहे सवणयाए, एवं खलु पुत्ता ! तव चुल्लमाउयाए चेलणाए देवीए तस्स ओरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव जाओ णं मम उयरवलीमंसेहिं सोल्लेहि य जाव दोहलं विणेति, तए णं. सा चेल्लणा देवी तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का जाव झियाइ, तए णं अहं पुत्ता! तस्स दोहलस्स संपत्तिणिमित्तं बहूहिँ आएहि य जाव ठिई वा अविंदमाणे ओहय० Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्तानि जाव झियामि // 23 // तए णं से अभए कुमारे सेणियं रायं एवं वयासी-मा णं ताओ ! तुम्भे ओहय० जाव झियाह, अहं णं तहा जत्तिहामि जहा णं मम चुल्लमाउयाए चेल्लणाए देवीए तस्स दोहलस्स संपत्ती भविस्सइत्तिकट्ट सेणियं रायं ताहिं . . इट्ठाहिं जाव वग्गूहि समासासेइ 2 त्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अभितरए रहस्सियए ठाणिज्जे पुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-गच्छह णं तुभे देवाणुप्पिया ! सूणाओ अल्लं मंसं सहिरं बत्थिपुडगं च गिण्हह // 24 // तए णं ते ठाणिजा पुरिसा अभएणं कुमारेणं एवं बुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ० जाव पडिसुणेत्ता अभयस्स कुमारस्स अंतियाओ पडिणिक्खमंति 2 त्ता जेणेव सूणा तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता अल्लं मंसं रुहिरं बत्थिपुडगं च गिण्हंति २त्ता जेणेव अभए कुमारे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयल० तं अल्लं मंसं रुहिरं बत्थिपुडगं च उवणेति // 25 / / तए णं से अभए कुमारे तं अल्लं मंसं रुहिरं कप्पणी अपकप्पियं करेइ 2 त्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ २त्ता सेणियं रायं रहस्सिगयं सयणिज्जसि उत्ताणयं णिवजावेइ रत्ता सेणियस्स उयरवलीसुतं अल्लं मंसं रुहिरं विरचेइ रत्ता बत्थिपुडएणं वेढेइ 2 त्ता सवंतःकरणेणं करेइ 2 त्ता चेलणं देविं उप्पिं पासाए अवलोयणवरगयं ठवावेइ 2 त्ता चेल्लणाए देवीए अहे संपक्खं सपडिदिसि सेणियं रायं सयणिज्जसि उत्ताणगं णिवजावेइ, सेणियस्स रण्णो उयरवलिमसाई कप्प[णि]णीकप्पियाई करेइ 2 त्ता से य भायणंसि पक्खिवइ / तए णं से सेणिए राया अलियमुच्छियं करेइ 2 त्ता मुहुत्तंतरेणं अण्णमण्णेण सद्धिं संलबमाणे चिट्ठइ। तए णं से अभयकुमारे सेणियस्स रण्णो उयरवलिमसाइं गिण्हेइ 2 त्ता जेणेव चेल्लणा देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चेल्लणाए देवीए उवणेइ / तए णं सा चेल्लणा देवी सेणियस्स रण्णो तेहिं उयरवलिमसेहिं सोल्लेहिं जाव दोहलं विणेइ / तए णं सा चेल्लणा देवी संपुण्णदोहला एवं संमाणियदोहला विच्छिण्णदोहला तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ // 26 // तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमसाणि खाइयाणि, तं सेयं खलु मए एयं गब्भं साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धंसित्तए वा, एवं संपेहेइ 2 त्ता तं गब्भं बहूहिं गभसाडणेहि य गन्भपाडणेहि य य गन्भगालणेहि य गन्भविद्धंसणेहि य इच्छइ तं गब्भं साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धं सित्तए वा, णो चेव णं से गन्भे सडइ वा पडद वा गलइ वा विद्धंसइ वा / तए णं सा चेल्लणा देवी तं गम्भं जाहे Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गिरयावलियाओ व. 1 अ. 1 847 णो संचाएइ बहूहिँ गब्भसाडणेहि य जाव गन्भविद्धंसणेहि य साडित्तए वा जाव विद्धं सित्तए वा ताहे संता तंता परितंता णिविण्णा समाणी अकामिया अवसवसा अट्टवसदृदुहट्टा तं गम्भं परिवहह // 27 // तए णं सा चेल्लणा देवी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव सोमालं सुरुवं दारगं पयाया। तए णं तसे चेल्लणाए देवीए इमे एयारूवे जाव समुष्पज्जित्था-जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमसाई खाइयाइं, तं ण णजइ णं एस दारए संवढमाणे अम्हं कुलस्स अंतकरे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं एयं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झावित्तए, एवं संपेहेइ 2 त्ता दासचेडिं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छ णं तुमं देवाणुप्पिए ! एयं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि // 28 // तए णं सा दासचेडी चेलणाए देवीए एवं वुत्ता समाणी करयल० जाव कट्ट चेल्लणाए देवीए एयमढें विणएणं पडिसुणेइ 2 त्ता तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ 2 त्ता जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं दारगं एगंते उवकुरुडियाए उज्झाइ / तए णं तेणं दारगेणं एगते उक्कुरुडियाए उज्झिएणं समाणेणं सा असोगवणिया उज्जोविया यावि होत्था // 29 // तए णं से सेणिए राया इमीसे कहाए लद्धडे समाणे जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ 2 ता तं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झियं पासेइ 2 ता आसुरुत्ते नाव मिसिमिसेमाणे तं दारगं करयलपुडेणं गिण्इ 2 ता जेणेव चेल्लणा देवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चेल्लणं देविं उच्चावयाहिं आओसणाहिं आओसइ 2 त्ता उच्चावयाहिं णिब्भच्छणाहिं णिन्भच्छेइ एवं ऊद्धंसणाहिं उद्धंसेइ 2 त्ता एवं चयासी-किस्त णं तुमं मम पुत्तं एगते उक्कुरुडियाए उज्झावेसि ? त्तिकट्ट चेलणं देविं उच्चावयसवहसावियं करेइ 2 त्ता एवं वयासीतुमं णं देवाणुप्पिए ! एयं दारगं अणुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवढेहि // 30 // तए णं सा चेल्लणा देवी सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणी लज्जिया विलिया, विड्डा करयलपरिग्गहियं सेणियस्स रण्णो विणएणं एयमढे पडिसुणेइ 2 त्ता तं दारगं अणुपुत्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्डे // 31 / / तए णं तस्स दारगस्स एगते उक्कुरुडियाए उज्झिजमाणस्स अग्गंगुलिया कुक्कुडपिच्छएणं दूमिया याविं होत्था,अभिक्खणं अभिवखणं पूयं च सोणियं च अभिणिस्सवइ / तए णं से दारए वेयणाभिभूए समाणे महया महया सद्देणं आरसइ / तए णं सेणिए राया तस्स दारगस्त आरसियसई सोच्चा णिसम्म जेणेव से दारए तेणेव उवागच्छइ २त्ता Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 848 . अनंगपविट्ठसुत्साणि तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ 2 त्ता तं अग्गंगुलियं आसयंसि पक्खिवइ 2 त्ता पूयं च सोणियं च आसएणं आमुसइ / तए णं से दारए णिव्वुए णिक्वेयणे तुसिणीए संचिट्ठइ / जाहे वि य णं से दारए वेयणाए अभिभूए समाणे महया महया सद्देणं आरसइ ताहे वि य णं सेणिए राया जेणेव से दारए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ तं चेव जाव णिव्वेयणे तुसिणीए संचिट्ठइ // 32 // तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो तइए दिवसे चंदसूरदरिसणियं करेंति जाव संपते वारसांहे दिवसे अयमेयारूवं गुणणिप्फणं णामधेज्जं करेंति-जम्हा णं अम्हं इमस्स दारगस्स एगते उक्कुरुडियाए उज्झिजमाणस्स अंगुलिया कुक्कुडपिच्छएणं दूमिया तं होउणं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेज्जं कूणिए 2 / तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेज्जं करेंति 'कूणिय' त्ति / तए णं तस्स कुणियस्स आणुपुवेणं ठिइवडियं च जहा मेहस्स जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ, अट्ठओ दाओ // 33 // तए णं तस्स कूणियस्स कुमारस्स अण्णया० पुन्वरत्ता. जाव समुप्पज्जित्थाएवं खलु अहं सेणियस्स रण्णो वाघाएणं णो संचाएमि सयमेव रजसिरिं करेमाणे पाले नाणे विहरित्तए,तं सेयं खलु मम सेणियं रायं णियलबंधणं करेत्ता अप्पाणं महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचावित्तएत्तिकटु एवं संपेहेइ रत्ता सेणियस्स रण्णो अंतराणि य छिड्डाणि य विरहाणि य पडिजागरमाणे 2 विहरइ // 34 // तए णं से कूणिए कुमारे सेणियस्स रण्णो अंतरं वा जाव मम्मं वा अलभमाणे अप्णया कयाइ कालाईए दस कुमारे णियघरे सद्दावेई 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे सेणियस्स रण्णो वाघाएणं णो संचाएमो सयमेव रजसिरिं करेमाणा पालेमाणा विहरित्तए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सेणियं रायं णियलबंधणं करेत्ता रज्जं च रटुं च बलं च वाहणं च कोसं च कोडागारं च जणवयं च एक्कारसभाए विरिचित्ता सयमेव रजसिरिं करेमाणाणं पालेमाणाणं जाव विहरित्तए // 35 // तए णं ते कालाईया दस कुमारा कूणियस्स कुमारस्स एयमढे विणएणं पडिसुगंति / तए णं से कूणिए कुमारे अण्णया कयाइ सेणियस्स रण्णो अंतरं जाणइ 2 त्ता सेणियं रायं णियलबंधणं करेइ 2 त्ता अप्पाणं महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचाइ / तए णं से कूणिए कुमारे राया जाए महया०॥३६॥तए णं से कृणिए राया अण्णया कयाइ हाए जाव सव्वालंकारविभूसिए चेलणाए देवीए पायवंदए हन्वमागच्छद / तए णं से कूणिए राया चेल्लणं देविं ओहय०जाव झियायमाणि पासइ 2 त्ता चेल्लणाए Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __.. णिरयावलियाओ व. 1 अ.१ . 846 देवीए पायग्गहणं करेइ रत्ता चेल्लणं देवि एवं वयासी-किं णं अम्मो ! तुम्हं ण तुट्टी वा ण ऊसए वा ण हरिसे वा ण आणंदे वा, जं णं अहं सयमेव रज सिरिं जाव विहरामि 1 // 37 // तए णं सा चेलणा देवी कूणियं रायं एवं वयासी-कहं णं पुत्ता !ममं तुट्ठी वा ऊसए वा हरिसे वा आणंदे वा झविस्सइ ज णं तुमं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजणगं अच्चतंणेहाणुरागरत्तं णियलबंधणं करित्ता अप्पाणं महया 2 रायाभिसेएणं अभिसिंचावेसि ? / / 38 // तए णं से कूणिए राया चेल्लणं देवि एवं वयासी-घाएउकामे णं अम्मो ! मम सेणिए राया, एवं मारेउ० बंधिउ० णिच्छुभिउकामे णं अम्मो ! ममं सेणिए राया, तं कहं णं अम्मो ! ममं सेणिए राया अच्चतंणेहाणुरागरत्ते // 39 // तए णं सा चेल्लणा देवी कृणियं कुमारं एवं वयासीएवं खलु पुत्ता ! तुमंसि ममं गन्भे आभूए. समाणे तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं ममं अयमेयारूवे दोहले पाउभूए-धण्णाओणं ताओ अम्मयाओ जाव अंगपडिचारियाओ णिवसेसं भाणियव्वं जाव जाहे वि य णं तुमं वेयणाए अभिभूए महया जाव तुसिणीए संचिट्ठसि, एवं खलु तव पुत्ता ! सेणिए राया अच्चंतणेहाणुरागरते // 40 // तए णं से कूणिए राया चेलणाए देवीए अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म चेलणं देविं एवं वयासी-दुढ णं अम्मो ! मए कयं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजणगं अच्चंत- . णेहाणुरागरत्तं णियलबंधणं करतेणं, तं गच्छामि णं सेणियस्स रणो सयमेव णियलाणि छिंदामित्तिकट्ट परसुत्थगए जेणेव चारगसाला तेणेव पहारेत्थ र.मणाए // 41 // तए णं सेणिए राया कूणियं कुमारं परसुहत्वगयं एजमाणं पासइ 2 त्ता एवं वयासीएस णं कणिए कुमारे अपत्थियपत्थिए जाव सिरि हिरिपरिवज्जिए परसुहत्थगए इह हव्वमागच्छइ, तं ण णजइ णं ममं केणइ कुमारेणं मारिम्सइत्तिकट्ट भीए जाव संजायभए तालपुडगं विसं आसगंसि पक्खिवइ / तए णं से सेणिए राया तालपुडगविसंसि आसगंसि पक्खित्ते समाणे मुहुत्तंतरेणं परिणममाणंसि णिप्पाणे णिच्चेटे जीवविष्पजढे ओइण्णे // 42 // तए णं से कूणिए कुमारे जेणेव चारगसाला तेणेव उवागए, सेणियं रायं णिप्पाणं णिच्चेटू जीवविप्पजढं ओइण्णं पासइ 2 त्ता महूया पिइसोएणं अप्फुण्णे समाणे परमणियत्ते विव चम्पगवरपायवे घसत्ति घरणीयलंसि सव्वंगेहिं संणिवडिए / तए णं से कूणिए कुमारे मुहुत्तरेण आसत्थे समाणे रोयमाणे कंदमाणे सोयमाणे विलवमाणे एवं वयासी-अहोणं मए अधणेणं अपुण्णेणं अकयपुण्णेणं दुट्टकयं सेणियं रायं पिय देवयं अच्चंतणेहाणुरागरत्तं णियलबंधणं Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 850 अनंगपविट्ठसुत्ताणि करतेणं, मममूलागं चेव णं सेणिए राया कालगत्तिकट्ट ईसरतलवर जाव संधिवालसद्धिं संपरिबुडे रोयमाणे 3 महया इट्टीसकारसमुदएणं सेणियस्स रण्णो णीहरणं करेइ 2 त्ता बहूई लोइयाइं मयकिच्चाई करेइ / तए णं से कूणिए कुमारे एएणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अण्णया कयाइ अंतेउरपरियालसंपरिवुडे सभण्डमत्तोवगरणमायाए रायगिहाओ पडिणिवत्रम् इ 2 त्ता जेणेव चंपा-णयरी तेणेव उवागच्छइ, तत्थवि णं विउलभोगसमिइसमण्णागए कालेणं अप्पसोए जाए यावि होत्था // 43 // तए णं से कृणिए राया अण्णया कयाइ कालाईए दस कुमारे सद्दावेइ 2 त्ता रज्जं च जाव जणवयं च एक्कारसभाए विरिंचइ 2 त्ता सयमेव रजसिरि करेमाणे पालेमाणे विहरइ // 44 // तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लगाए देवीए अत्तए कूणियस्स रण्णो सहोयरे कणीयसे भाया वेहले णामं कुमारे होत्था, सोमाले जाव सुरूवे / तए णं तस्स वेहल्लस्स कुमारस्स सेंणिएणं रण्णा जीवंतएणं चेव सेयणए गंधहत्थी अट्टारसवंके य हारे पुब दिण्णे / तए ण से वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गंधहत्थिणा अंतेउरपरियालसंपरिवुडे चम्पं णयरिं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता अमिक्खणं 2 गंगं महाणइं मजणयं ओयरइ / तए णं सेयणए गंधहत्थी देवीओ सोण्डाए गिण्हइ 2 त्ता अप्पेगइयाओ पुढे ठवेइ, अप्पेगइयाओ खंधे ठवेइ, एवं कुम्भे ठवेइ, सीसे ठवेइ, दंतमुसले ठवेइ, अप्पेगइयाओ सोंडाए गहाय उई वेहासं उब्विहइ, अप्पेगइयाओ सोण्डागयाओ अंदोलावेइ, अप्पेगइयाओ दंतंतरेसु णीणेइ, अप्पेगइयाओ सीभरेणं ण्हाणेइ, अप्पेगइयाओ अणेगेहिं कीलावणेहिं कीलावेइ / तए णं चम्पाए' णयरीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरमहापहपहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गंधहत्थिणा अंतेउर० तं चेव जाव अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, तं एस णं वेहल्ले कुमारे रजसिरिफलं पञ्चणुभवमाणे विहरइ, णो कूणिए राया // 45 // तए णं तीसे पउमावईए देवीए इमीसे कहाए लद्धट्ठाए समाणीए अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गंधहत्थिणा जाव अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, तं एस णं वेहल्ले कुमारे रजसिरिफलं पच्चणुभवमाणे विहरइ, णो कुणिए राया, तं किं णं अम्हं रज्जेण वा जाव जणवएण वा जइ णं अम्हं सेयणगे गंधहत्थी णत्थि ? तं सेयं खलु ममं कूणियं रायं एयमढे विण्णवित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ 2 त्ता जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागच्छइ २त्ता Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिरयावलियाओ व. 1 अ.१ 851 करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी ! वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गंधहत्थिणा जाब अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, तं किं णं सामी ! अम्हं रज्जेण वा जाव जणवएण वा जइ णं अम्हं सेयणए गंधहत्थी णत्थि ?||46|| तए णं से कूणिए राया पउमावईए० एयमटुं णो आढाइ णो परिजाणाइ, तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं सा पउमावई देवी अभिक्खणं 2 कुणियं रायं एयमद्वं विष्णवेइ / तए णं से कूणिए राया पउमावईए देवीए अभिक्खणं 2 एयमद्वं विण्णविजमाणे अण्णया कयाइ वेहल्लं कुमारं सद्दावेइ 2 त्ता सेयणगं गंधहात्थं अट्ठारसवंकं च हारं जायइ // 47 // तए णं से वेहल्ले कुमारे कृणियं रायं एवं वयासी-एवं खलु सामी ! सेणिएणं रण्णा जीवंतेणं चेव सेयणए गंधहत्थी अट्ठारसवंके य हारे दिण्णे, तं नइ णं सामी ! तुब्मे ममं रजस्स य जाव जणवयस्स य' अद्धं दलयह तो णं अहं तुब्भं सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसर्वकं च हारं दलयामि / तए णं से कृणिए राया वेहलस्स कुमारस्स एयमढे णो आढाइ णो परिजाणाइ, अभिवखणं 2 सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं जायइ // 48|| तए णं तस्स वेहल्लस्स कुमारस्स कृणिएणं रण्णा अभिक्खणं अभिक्खणं सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं एवं खलु अविखविउकामे णं गिहिउकामे णं उद्दाले उकामे णं ममं कूणिए राया सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसर्वकं च हारं, तं जाव ताव (ण उद्दालेइ) ममं कूणिए राया सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसर्वकं च हारं गहाय अंतेउरपरियालसंपरिवुडस्स सभण्डमत्तोवगरणमायाए चम्पाओ णयरीओ पडिणिक्खमित्ता वेसालीए णयरीए अजगं चेडयं रायं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, एवं संपेहेइ संपेहित्ता कुणियस्स रण्णो अंतराणि जाव पडिजागरमाणे 2 विहरइ / तए णं से वेहल्ले कुमारे अण्णया कयाइ कूणियस्स रण्णो. अंतरं जाणइ 2 त्ता सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं गहाय अंतेउरपरियालसंपरित्रुडे सभण्डमत्तोवगरणमायाए चम्पाओ णयरीओ पडिणिव खमइ 2 त्ता जेणेव वेसाली णयरी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वेसालीए णयरीए अजगं चेडयं रायं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ // 49 // तए णं से कूणिए राया इमीसे कहाए लद्धडे समाणे-एवं खलु वेहल्ले कुमारे ममं असंविदिएणं सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं गहाय अंतेउरपरियालसंपरिवुडे जाव अच्चगं चेऽयं रायं उसंपज्जित्ताणं विहरइ, तं सेयं खलु मम सेयणगं गंधहात्थं अट्ठारसर्वकं च हारं आणेउं दूयं पेसित्तए, एवं संपेहेइ 2 त्ता दूयं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 852 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ... देवाणुप्पिया ! वेसालिं णयरिं,तत्थ णं तुमं ममं अज्जं चेडगं रायं करयल०वद्धावेत्ता एवं वयाहि-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विण्णवेइ-एस णं वेहल्ले कुमारे कूणियस्स रण्णो असंविदिएणं सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं गहाय इह हव्वमागए, तए .. गं तुब्भे सामी ! कणियं रायं अणुगिण्हमाणा सेयणगं०अट्ठारसर्वकं च हारं कूणियस्स रण्णो पच्चप्पिणह वेहल्लं कुमारं च पेसेह ॥५०॥तए णं से दूए कुणिएणं०करयल० जाव पडिसुणित्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २त्ता जहा चित्तो जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! कृणिए राया विण्णवेइ-एस णं वेहल्ले कुमारे तहेव भाणियव्वं जाव वेहल्लं कुमारं च पेसेह // 51 // तए णं से चेडए राया तं दूयं एवं वयासी-जह चेव णं देवाणुप्पिया ! कृणिए राया सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए ममं णक्षुए तहेव णं वेहल्लेवि कुमारे सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेलणाए देवीए अत्तए मम णत्तुए,सेणिएणं रण्णा जीवंतेणं चेव वेहल्लस्स कुमारस्स सेयणगे गंधहत्थी अट्ठारसवंके य हारे पुन्वदिण्णे, तं जइ णं कूणिए राया वेहलस्स रजस्स य रहस्स य जणवयस्स य अद्धं दलयइ तो णं अहं सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं कुणियस्स रण्णो पच्चप्पिणामि वेहल्लं च कुमारं पेसेमि / तं दूयं सक्कारेइ संमाणेइ पडिविसज्जेइ // 52 // तए णं से दूर चेडएणं रण्णा पडिविसज्जिए समाणे जेणेव चाउग्घण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चाउग्घण्टे आसरहं दुरूहइ 2 त्ता वेसालिं णयरिं मझमझेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता सुभेहि वसहीहिं पायरासेहिं जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! चेडए राया आणवेइ-जह चेव णं कूणिए राया सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए मम णत्तुए, तं चेव भाणियव्वं जाव वेहल्लं च कुमारं पेसेमि, तं ण देइ णं सामी ! चेडए राया सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं वेहल्लं च णो पेसेइ // 53 // तए णं से कूणिए राया दोच्चंपि दूयं सद्दावेत्ता एवं वयासी-च्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! वेसालिं गयरिं, तत्थ णं तुमं मम अजगं चेडगं रायं जाव एवं वयाहि-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विण्णवेइ-जाणि काणि रयणाणि समुप्पज्जंति सव्वाणि ताणि रायकुलगामिणि, सेणियस्स रण्णो रजसिर करेमाणस्स पालेमाणस्स दुवे रयणा समुप्पण्णा, तंजहांसेयणए गंधहत्थी अट्ठारसवंके हारे, तं गं तुब्भे सामी ! रायकुलपरंपरागयं टिइयं अलोवेमाणा सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं कूणियस्स रण्णो पच्चप्पिणह, वेहल्लं कुमारं पेसेह // 54 // तए णं से दूए कूणियस्स रण्णो तहेव जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी- एवं खलु सामी ! कूणिए राया विण्णवेइ-जाणि काणि जाव वेहल्लं Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिरयावलियाओ व. 1 अ. 1 853 कुमारं पेसेह / तए णं से चेडए राया तं दूयं एवं वयासी-जह चेव णं देवाणुप्पिया ! कृणिए राया सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए जहा पढमं जाव वेहल्लं च कुमारं पेसेमि / तं दूयं सक्कारेइ संमाणेइ पडिविसज्जेइ // 55 // तए णं से दए जाव कृणियस्स रण्णो वद्धावेत्ता एवं बयासी-चेडए राया आणवेइ-जह चेव गं देवाणुप्पिया ! कृणिए राया सेणियस्स रण्णो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए जाव वेहल्लं कुमारं पेसेमि, तं ण देइ णं सामी ! चेडए राया सेयणगं गंधहत्थिं अट्ठारसर्वकं च हारं, वेहल्लं कुमारं णो पेसेइ // 56 // तए णं से कूणिए राया तस्स दूयस्स अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तच्चं दूयं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! वेसालीए णयरीए चेडगस्स रण्णो वामेणं पाएणं पाय[वीपीढं अकमाहि 2 त्ता कुंतग्गेणं लेहं पणावेहि 2 त्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिंउडिं णिडाले साहट्ट चेडगं रायं एवं वयाहि-हं भो चेडगराया ! अपत्थियपत्थिया ! दुरंत० जाव०परिवज्जिया ! एस णं कुणिए राया आणवेइ-पच्चप्पिणाहि णं कृणियस्स रण्णो सेयणगं० अट्ठारसर्वकं च हारं वेहल्लं च कुमारं पसेहि अहवा जुद्धसज्जो चिट्ठाहि, एस णं कूणिए राया सबले सवाहणे सखधावारे णं जुद्धसज्जे इह हव्वमागच्छइ // 57 // तए णं से दूए करयल० तहेव जाव जेणेव चेडउ० तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल० जाव वद्धावेत्ता उवं वयासी-उस णं सामी ! ममं विणयपडिवत्ती, इयाणिं कृणियस्स रण्णो आणत्ति चेडगस्स रण्णी वामेणं पाउणं पायपीढं अक्कमइ 2 त्ता आसुरुत्ते कुंतग्गेण लेहं पणावेइ तं चेव सबलखधावारे ण इह हव्वमागच्छइ // 58 // तउ णं से चेडए राया तस्स दूयस्स अंतिए एयमहूँ सोचा णिसम्म आसुरुत्ते जाव साहट्ट एवं वयासी–ण अप्पिणामि णं कूणियस्स रण्णो सेयणगं अट्ठारसवंकं हारं वेहलं च कुमार णो पेसेमि, एस णं जुद्धसज्जे चिट्ठामि / तं दूयं असक्कारियं असमाणियं अवदारेणं णिच्छुहावेइ / / 59 // तए णं से कूणिए राया तस्स दूयस्स अंतिए ए[अ]यमटुं सोचा णिसम्म आसुरुत्ते कालाईए दस कुमारे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! वेहल्ले कुमारे ममं असंविदिएणं सेयणगं गंधहात्थिं अट्ठारसर्वकं हारं अंतेउरं सभण्डं च गहाय चम्पाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता वेसालिं अजगं जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं मए सेयणगस्स गंधहत्थिस्स अट्ठारसवंकस्स० अट्ठाए दूया पेसिया, ते य चेडएण रण्णा इमेणं कारणेणं पडिसेहिया, अदुत्तरं च णं ममं तच्चे दूए असक्कारिए असंमाणिए अवद्दारेणं णिच्छुहावेइ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 854 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अम्हं चेडगस्स रण्णो जुत्तं गिणिहत्तए / तए णं कालाईया दस कुमारा कूणियस्स रण्णो एयमढे विणएणं पडिसुणेति // 60 // तए णं से कूणिए राया कालाइए दस कुमारे एवं वयासी-गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! सएसु सएसु रज्जेसु पत्तेये पत्तेयं ण्हाया . जाव पायच्छित्ता हत्थिखंधवरगया पत्तेयं 2 तिहिं दंतिसहस्सेहिं एवं तिहिं रहसहस्सेहि तिहिं आससहस्सेहिं तिहिं मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरित्रुडा सव्विड्डीए जाव रवेणं सएहिंतो२ णयरोहितो पडिणिक्खमह 2 ताममं अंतिय पाउन्भवह।।६१।। तए णं ते कालाईया दस कुमारा कूणियस्स रण्णो एयमटुं सोचा सएसु 2 रज्जेसु पत्तेयं 2 ण्हाया जाव तिहिं मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिवुडा सव्विड्डीए जाव रवेणं सएहिंतो 2 णयरोहितो पडिणिक्खमंति 2 ता जेणेव अंगा जणवए जेणेव चम्पा णयरी जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागया करयल० जाव वद्धावेति // 62 // तए णं से कूणिए राया कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेवक हत्थिरयणं पडिकप्पेह, हयगयरहजोहचाउरंगिणिं सेणं संणाहेह, ममं एयमाणत्त्यिं पच्चप्पिणह जाव पच्चप्पिणंति / तए णं से कृणिए राया जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ जाव पडिणिग्गच्छित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जाव णरवई दुरूढे // 63 // तए णं से कुणिए राया तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव रवेणं चम्पं णयरिं मझंमज्झेणं. णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव कालाईया दस कुमारा तेणेक् उवागच्छइ 2 कालाइ. एहिं दसहिं कुमारेहिं सद्धिं एगओ मेलायति / तए णं से कूणिए राया तेत्तीसाए दंतिसहस्सेहिं तेत्तीसाए आससहस्सेहिं तेत्तीसाए रहसस्सेहिं तेत्तीसाए मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरित्रुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सुभेहिं वसहीहिं सुभेहिं पायरासेहिं णाइविगिट्टहिं अंतरावासेहिं वसमाणे 2 अंगजणवयस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव विदेहे जणवए जेणेव वेसाली णयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए // 64 // तए णं से चेडए राया इमीसे कहाए लढे समाणे णव मलई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणु प्पिया ! वेहल्ले कुमारे कूणियस्स रण्णो असंविदिएणं सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं गहाय इहं हव्वमागए, तए णं कूणिएणं सेयणगस्स अट्ठारसवंकस्स य अट्ठाए तओ दूया पेसिया, ते य मए इमेणं कारणेणं पडिसेहिया, तए णं से कूणिए ममं एयमढे अपडिसुणमाणे चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे जुज्झसज्जे इहं हव्वमागच्छइ, तं किं णं देवाणुप्पिया ! सेयणगं अट्ठारसवंकं (च) कुणियस्स रण्णो पञ्चप्पिणामो ? वेहल्लं Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिरयावलियाओ व. 1 अ.१ . 855 कुमारं पेसेमो ? उदाहु जुज्झित्था // 65 // तए णं णव मल्लई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो चेडगं रायं एवं वयासी-ण एवं सामी ! जुत्तं वा पत्तं वा रायसरिसं वा ज णं सेयणगं अट्ठारसर्वकं कूणियस्स रण्णो पञ्चप्पिणिजइ वेहल्ले य कुमारे सरणागए पेसिजइ, तं जइ णं कूणिए राया चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडे जुज्झसज्जे इहं हब्वमागच्छइ, तए णं अम्हे कूणिएणं रण्णा सद्धिं जुज्झामो // 66 // तए णं से चेडए रामा ते णव मलई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो एवं वयासी-जइ णं देवा०! तुम्मे कूणिए रण्णा सद्धिं जुज्झह तं गच्छह णं देवा० ! सएसु 2 रज्जेसु ण्हाया जहा कालाईया जाव जएणं विजएणं वद्धावेति / तए णं से चेडए राया कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ 2 प्ता एवं वयासी-आमिसेक्कं जहा कूणिए जाव दुरूढे 67 // तएणं से चेडए राया तिहिं दंतिसहस्सेहिं जहा कूणिए जाव वेसालिं णयरिं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव ते णव मलई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो तेणेव उवागच्छइ / तए से चेडए राया सत्तावण्णाए दंतिसहस्सेहिं सत्तावण्णाए आससहस्सेहिं सत्तावण्णाए रहसहस्सेहि सत्तावण्णाए मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सुभेहिं वसहीहिं पायरासेहिं णाइविगिटेहिं अंतरेहि वसमाणे 2 विदेहं जणवयं मझंमज्झेणं जेणेव देसपंते तेणेव उवागच्छइ २त्ता खंधावारणिवेसणं करेइ 2 त्ता कुणिय रायं पडिवालेमाणे जुज्झसज्जे चिट्ठइ // 68 // तए णं से कूणिए राया सव्विड्डीए जाव खेणं जेणेव देसपंते तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चेडयस्स रण्णो जोयणंतरियं खंधांवारणिवेसं करेइ // 69 // तए णं ते दोण्णिवि रायाणो रणभूमि सजावेति 2 त्ता रणभूमि नयंति / तए णं से कूणिए राया तेत्तीसाए दंतिसहस्सेहिं जाव मणुस्सकोडीहिं गरुलवूह रएइ 2 त्ता गरुलचूहेणं रहमुसलं संगामं उवायाए / तए णं से चेडगे राया सत्तावण्णाए दंतिसहस्सेहिं जाव सत्तावण्णाए मणुस्सकोडीहिं सगडवूहं रएइ 2 त्ता सगडवूहेणं रहमुसलं संगामं उवायाए / तए णं ते दोण्हवि राईणं अणीया संणद्ध० जाव गहियाउहपहरणा मंगइएहिं फ्लएहिं णिक्कट्ठाहिं . असीहिं अंसागएहिं तोणेहिं सजीवेहिं धणूहिँ समुक्खित्तेहिं सरहिं समुल्लालियाहिं डावाहिँ ओसारियाहिं ऊरुघण्टाहिं छिप्पतूरेणं वजमाणेणं महया उक्किट्ठसीहणायबोलकलकलरवेणं समुद्दरवभूयं पिव करेमाणा सविट्टीए जाव रवेणं हयगया हयगएहिं गयगया गयगएहिं रहगया रहगएहिं पायत्तिया पायत्तिएहिं अण्णमण्णेहिं Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 856 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था / तए णं ते दोण्हवि रायाणं अणीया णियगसामीसासणाणुरत्ता महया जणक्खयं जणवहं जणप्पमई जणसंवट्टकप्पं णच्चंतकबंध. वारभीमं रुहिरकद्दमं करेमाणा अण्णमण्णेणं सद्धिं जुझंति // 70 // तएं णं से काले कुमार तिहिं दंतिसहस्सेहिं जाव मणूसकोडीहिं गरुलवूहेणं एक्कारसमेणं खंघेणं कृणिएणं रण्णा सद्धिं रहमुसलं संगाम संगामेमाणे हयमहिय० जहा भगवया कालीए देवीए परिकहियं जाव बालियानो ववरोविए // 71 // तं एवं खल गोयमा ! काले कुमारे एरिसएहिं आरम्भैहि जाव एरिसएणं असुभकडकम्मपन्भारेणं कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए हेमामे णरए णेरइयत्ताए उघवण्णे // 72 // काले णं भंते ! कुमारे चउरथीए पुढवीए'"अणंतरं उवट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जाइं कुलाई भवंति अड्डाई जहा दढपइण्णो जाव सिज्झिहिइ बुझिहिइ जाव अंतं काहिह // 73 // तं एवं खलु जम्बू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं गिरयावलियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयम? पण्णत्ते-त्तिबेमि // 74 // पढम अज्झयणं समत्तं // 1 / 1 // बीयं अज्झयणं, जह णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं णिरयावलियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स णिरयावलियाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणे समएणं चम्पा णामं णयरी होत्था / पुण्णभद्दे चेहए / कूणिए राया / पउमावई देवी / तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भजा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया सुकाली णामं देवी होत्था, सुकुमाल० / तीसे णं सुकालीए देवीए पुत्ते मुकाले णामं कुमारे होत्था, सुकुमाल०। तए णं से सुकाले कुमारे अण्णया कयाइ तिहिं दंतिसहस्सेहि जहा कालो कुमारो णिरवसेसं तं चेव भाणियव्वं जाव महाविदेहे वासे'"अंतं काहिह / णिक्खेवो / 75 // बीयं अज्मयणं समत्तं // 1 / 2 / / एवं सेसावि अट्ट अज्झयणा णेयब्वा पढमसरिसा,णवरं मायाओ सरिसमामाओ! णिक्खेवो सन्वेसिं भाणियव्यो तहा // 76 // 1 // 10 // णिरयावलियाओ समताओ" धो गरे सरो॥१॥ Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कम्पवडिंसियाओ बीओ वग्गो-पढमं अज्झयणं जइणं भंते! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स णिरयावलियाणं अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स कप्पवडिं सियाणं समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता 1 एवं खलु जम्बू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कम्पवडिं सियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता,तंजहा-पउमे १,महापउमे 2, भद्दे 3 सुभद्दे 4, पउमभद्दे 5, पउमसेणे 6, पउमगुम्मे 7, णलिणिगुम्मे 8, आणंदे ९णंदणे 10 // 77 // जहणं मंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिंसियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स कप्पवडिंसियाणं समणेण भगवया जाव संपत्तेणं के अटे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा णामं णयरी होत्था / पुण्णभद्दे चेइए / कृणिए राया। पउमावई देवी। तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भजा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया काली णामं देवी होत्था, सुउमाल० / तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले णामं कुमारे होत्था, सुउमाल० / तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई णामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरह // 78 // तए णं सा पउमावई देवी अण्णया कयाई तंसि तारिसगंसि वासघरंसि आभंतरओ सचित्तकम्मे जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा / एवं जम्मणं जहा महाबलस्स जाव णामधेज्ज-जम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स कुमारस्स पुत्ते पउमावईए देवीए अंत्तए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेज्जं पउमे पउमे, सेसं जहा महाबलस्स,अट्ठओ दाओ जाव उम्पिं पासायवरगए विहरइ / सामी समोसरिए / परिसा णिग्गया। कृणिए णिग्गए। पउमेवि जहा महाबले णिग्गए तहेव अम्मापिइआपुच्छणा जाव पव्वइए अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी // 79 // तए णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाण थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिजइ २त्ता बहूहिँ चउत्थछट्टम० जाव विह. रइ // .80 // तए णं से पउमे अणगारे तेणं ओरालेणं जहा मेहो तहेव धम्मजागरिया चिंता एवं जहेव मेहो तहेव समणं भगवं० आपुच्छित्ता विउले जाव पाओवगए समाणे तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारसअंगाई बहुपडि Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 858 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पुण्णाइं पंच वासाइं सामण्णपरियाए,मासियाए संलेहणाए सहि भत्ताइं० आणुपुवीए / कालगए / थेरा ओइण्णा / भगवं गोयमे पुच्छइ, सामी कहेइ जाव सहिँ भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कंते उद्धं चंदिम०सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववण्णे। दो सागराइं // 81 // से णं भंते ! पउमे देवे ताओ देवलोगाओ आउवखएणं पुच्छा / गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा दढपइण्णो जाव अंतं काहिइ / तं एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयम? पण्णत्तेत्तिबेमि // 82 // पढमं अजायणं समत्तं // 2 / 1 // बीयं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कम्पवडिंसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भैते ! अज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा णामं णयरी होत्था / पुण्णभद्दे चेइए / कुणिए राया / पउमावई देवी / तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भन्जा कुणियस्स रण्णो चुल्लमाउया सुकाली णामं देवी होत्था•। तीसे णं सुकार्लए पुत्ते सुकाले णामं कुमारे / तस्स णं सुकालस्स कुमारस्स महापउमा णामं देवी होत्था, सुउमाल० // 83 // तए णं सा महापउमा देवी अण्णया कयाई तंसि तारिसगंसि एवं तहेव महापउमे णामं दारए जाव सिज्झिहिइ, णवरं ईसाणे कप्पे उववाओ उक्कोसटिइओ / णिक्खेवो // 84 // बीयं अजमायणं समत्तं / / 2 / 2 / . एवं सेसावि अट्ठ णेयव्वा / मायाओ सरिसणामाओ / कालाईणं दसण्हं पुत्ताणं अणुपुव्वीए-दोण्हं च पंच चत्तारि तिण्हं तिण्हं च होति तिण्णेव / दोण्डं च दोण्णि वासा सेणियणत्तूण परियाओ // 1 // उववाओ आणुपुटवीए-पढमो सोहम्मे, बिइओ ईसाणे, तइओ सणंकुमारे, चउत्थो माहिंदे, पंचमो बम्भलोए, छट्ठो लंतए, 'सत्तमो महासुक्के,अट्ठमो सहस्सारे,णवमो पाणए,दसमो अच्चुए / सव्वत्थ उक्कोसट्टिई भाणियव्वा / महाविदेहे सिज्झिहिति // 85 // 2 // 10 // कप्पडिसियाओ समत्ताओ / / बीओ वग्गो समत्तो // 2 // . Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पूटिफयाओ तइओ वग्गो-पढ मं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवंगाणं दोच्चस्स वग्गस्स कप्पवडि सियाणं अयमढे पण्णत्ते, तच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स उवंगाणं पुष्फियाणं के अद्वे पण्णत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवंगाणं तच्चस्स वग्गस्स पुष्फियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तंजहा-चंदे सूरे सुक्के बहुपुत्तिय पुण्ण माणिभद्दे य / दत्ते सिवे बले या अणाढिए चेव बोद्धव्वे // 1 // ज़इ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं पुफियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते !...समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम णयरे / गुणसिलए चेइए / सेर्णिए राया। तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे / परिसा णिग्गया / तेणं कालेणं तेणं समएणं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवसिए विमाणे सभाए सुहम्माए चंदंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव विहरइ / इमं च णं केवलकप्पं जम्बुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे 2 पासइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं जहा सूरियाभे आभिओगे देवे सद्दावेत्ता जाव सुरिंदाभिगमणजोग्गं करेत्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति / सूसरा घण्टा जाव विउव्वणा, णवरं जाणविमाणं जोयणसहस्सवित्थिण्णं अद्धतेवट्ठिजोयणसमू सियं, महिंदज्झओ पणुवीसं जोयणमूसिओ, सेसं जहा सूरियाभस्स जाव आगओ, णट्टविही तहेव पडिगओ // 86 // भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरस्स पुच्छा। कुडागारसाला / सरीरं अणुपविट्ठा / पुव्वभवो / एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी णाम णयरी होत्था। कोट्ठए चेइए / तत्थ णं सावत्थीए। अंगई णामं गाहावई होत्था, अड्डे जाव अपरिभूए / तए णं से अंगई गाहावई सावत्थीए णयरीए बहूणं णगरणिगम० जहा आणंदो // 87 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे णं अंरहा पुरिसादाणीए आइगरे जहा महावीरो णवुस्सेहे सोलसेहिं समणसाहस्सीहिं अद्वतीसाए अज्जियासहस्सेहिं ज़ाव कोट्ठए समोसढे / परिसा णिग्गया // 88 // तए णं से अंगई गाहावई इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हटे जहा Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 860 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कत्तिओ सेट्ठी तहा णिग्गच्छइ जाव पज्जुवासइ, धम्मं सोचा णिसम्म० जं णवरं देवाणुप्पिया! जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं जाव पव्वयामि, जहा गंगदत्ते तहा पव्वइए जाव गुत्तबम्भयारी // 89 // तए णं से अंगई अणंगारे पासस्स अरहओ तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिजइ 2 त्ता वहूहिं च उत्थ जाव भावेमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता अद्धमासियाए.संलेहणाए तीसं भत्ताइं अणसणाए छेइत्ता विराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा चंदवडिसए विमाणे उववा(य)इयाए सभाए देवसयणिज्जंसि देवदूसंतरिए चंदे जोइसिंदत्ताए उववण्णे // 90 // तए णं से चंदे जोइसिंदे जोइ[सि]सराया अहुणोववण्णे समाणे पंचविहाए पजत्तीए पजत्तीभावं गच्छइ, तंजहा-आहारपजत्तीए. सरीरपजत्तीए इंदियपजत्तीए सासोसासपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए // 9 // चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं / एवं खलु गोयमा ! चंदस्स 'जाव जोइसरण्णो सा दिव्वा देविड्डी० / चंदे णं भंते ! जोइसिंदे जोइसराया ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 चइत्ता कहिं गच्छिहिंइ 2 1 गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 / णिक्खेवओ // 92 // पढम अज्झयणं समत्तं // 3 // 1 // बिइयं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव पुफियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स पुफियाणं समजेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अटे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया। समोसरणं / जहा चंदो तहा सूरोवि आगओ जाव णट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ। पुव्वभवपुच्छा / सावत्थी णयरी / सुपट्टे णामं गाहावई होत्था, अड्ढे जहेव अंगई जाव विहरइ। पासो समोसढो, जहा अंगई पव्वइए, तहेव विराहियसामण्णे जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / णिक्खेवओ // 93 // बिइयं अज्झयणं समत्तं // 3 // 2 // तइयं अज्झयणं जहणं भंते ! जाव संपत्तेणं उक्खेवओ भाणियव्यो। रायगिहे णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिएं राया / सामी समोसढे / परिसा णिग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएण Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुफियाओ अ. 3 861 सुक्के महग्गहे सुक्वडिसए विमाणे सुक्कंसि सीहासणंसि चउहिँ सामाणियसाहसीहिं जव चंदो तहेव आगओ, णट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ। भंते ! त्ति / कूडागारसाला। पुव्वभवपुच्छा / एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी णामं गयरी होत्था। तत्थ णं वाणारसीए णयरीए सोमिले णामं माहणे परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभूए, रिउव्वेय जाव सुपरिणिट्टिए। पासे समोसढे। परिसा पज्जुवासह // 94 // तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स इमे एयारूवे अज्झथिए०-एवं खलु पासे अरहा पुरिसादाणीए पुव्वाणुपुट्विं जाव अम्बसालवणे विहरइ,तं गच्छामि णं पासस्स अरहओ अंतिए पाउब्भवामि, इमाइं च णं एयारवाई अट्ठाई हेऊइं जहा पण्णत्तीए।सोमिलो णिग्गओ खण्डियविहूणो जाव एवं वयासीजत्ता ते भंते ! जवणिज्नं च ते ? पुच्छा / संरिसवया मासा कुलत्था एगे भवं जाव संबुद्धे साबगधम्म पडिवज्जित्ता पडिगए // 95 // तए णं पासे णं अरहा अण्णया कयाइ वाणारसीओ णयरीओ अम्बसालवणाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से सोरि ले माहणे अण्णया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जुवासणयाए य मिच्छत्तपजवेहिं परिवड्डमाणेहिं 2 सम्मत्तपजवेहि परिहायमाणेहिं 2 मिच्छत्तं च पडिवण्णे // 96 // तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु. अहं वाणारसीए णयरीए सोमिले णामं माहणे अच्चंतमाहणकुलप्पसूए, तए णंमए वयाई चिण्णाई, वेया य अहिया, दारा आहूया, पुत्ता जणिया, इडीओ समाणीयाओ, पसुव[ बन]धाकया, जण्णा जेट्ठा, दक्षिणा दिण्णा, अतिही पूइया, अग्गी हूया, जूवा णिक्खित्ता, तं सेयं खलु मम इयाणि कल्लं जाव जलंते वाणारसीए णयरीए बहिया बहवे अम्बारामा रोवावित्तए,एवं माउलिंगा बिल्ला कविट्ठा चिंचा पुप्फारामा रोवावित्तए,एवं संपेहेइ 2 त्ता कल्लं जाव जलंते वाणारसीए णयरीए बहिया अम्बारामे य जाव पुप्फारामे य रोवावेइ / तए णं बहवे अम्बारामा य जाव पुप्फारामा य अणुपुट्वेणं सारक्खिजमाणा संगोविजमाणा संवड्डिजमाणा आराम जाया किण्हा किण्होभासा जाव रम्मा महामेहणिकुरम्बभूया पत्तिया पुफिया फलिया हरिथगरेरिजमाणसिरीया अईव 2 उपसोभेमाणा 2 चिट्ठति // 97 // तए णं तस्स सोमिलस्स माहंणस्स अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 862 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वाणारसीए णयरीए सोमिले णामं माहणे अच्चंतमाहणकुलप्पसूए, तए णं मए वयाई चिण्णाइं जाव जूवा णिक्वित्ता,तए ण मए वाणारसीए णयरीए बहिया बहवे अम्बारामा जाव पुष्फारामा य रोवाविया, तं सेयं खलु ममं इयाणि कल्लं जाव जलंते सुबहुं लोहकडाहकडुच्छुयं तम्बियं तावसभण्डं घडावेत्ता विउलं असणं पाणं खाइम साइमं"मित्तणाइ"आमंतेत्ता तं मित्तणाइणियग० विउलेणं असण० जाव संमाणेत्ता तस्सेव मित्त जाव जेट्ठपुत्तं कुडुम्बे टवेत्ता तं मित्तणाइ जाव आपुच्छित्ता सुबह लोहकडाहकडुच्छ्यं तम्बियं तावसभण्डगं गहाय जे इमे गंगाकुला वाणपन्था तावसा भवंति, तंजहा-होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जण्णई सट्टई थालई हुम्बरट्टा दंतुक्खलिया उम्मजगा संमजगा णिमजगा संपक्खालगा दक्खिगकुला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धया हत्थितावसा उद्दण्डा दिसापोक्खिणो वकवासियो बिलवासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अम्बुभक्विणो वाउभक्विणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयांहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपत्तपुप्फफलाहारा जलाभिसेयकढिणगायभूया आयावणाहि पंचग्गितावेहि इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा विहरंति, तत्थ णं जे ते दिसापोक्खिया तावसा तेसिं अंतिए दिसापोक्खियत्साए पव्वइत्तए, पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामि-कप्पइ मे जावज्जीवाए छटुंछे?णं अणिक्खित्तेणं दिसाचकवालेणं तवोकम्मेणं उड़े बाहाओ पगिझिय 2 सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्ट एवं संपेहेइ २त्ता कल्लं जाव जलंते सुबहं लोह० जाव दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइए / पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं आव अभिगिण्हित्ता पदमं छट्टदलमणं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ ॥९॥तएणं से सोमिले माहणे रिसी पढमछट्टक्खमणपारणंसि आयावणभूमीए पञ्चोरुहइ 2 स्ता वागलवत्थणियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छद २त्ता किढिणसंकाइयं गेण्हइ रत्ता पुरस्थिमं दिसिं पुक्खेड रत्ता पुरस्थिमाए दिसाए सोमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खउ सोमिलमाहणरिसिं, जाणि य तत्थ कंदाणि य मूलाणि य तयाणि य पत्ताणि य पुष्पाणि य फलाणि य बीयाणि य हरियाणि य ताणि अणुजाणउर्तिकट्ट पुरस्थिमं दिसं पसरइ 2 त्ता जाणि य तत्थ कंदाणि य जाव हरियाणि य ताई गेण्हड २त्ता किदिणसंकाइयगं भरेइ २त्ता.दन्भे य कुसे य पत्तामोडं च समिहाकट्ठाणि य गेण्हा रस्ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ रत्ता Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुल्फियाओ अ. 3 863 किदिणसंकाइयगं ठवेइ 2 त्ता बेइं वड्डेइ 2 त्ता उवलेवणसंमजणं करेइ 2 त्ता दभकलसहत्थगए जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता गंगं महाणहं ओगाहइ 2 ता जलमजणं करेह र ता जलकिड्डे करेइ 2 त्ता जलाभिसेयं करेइ 2 त्ता आयते चोक्खे परमसुइभूए देवपिउकयकज्जे दब्भकलसहत्थगए गंगाओ महाणईओ पच्चुत्तरइ 2 त्ता जेणेव सए उड़ए तेणेव उवागच्छइ रत्ता दब्भेहि य कुसेहि य बालुयाए य वेइंरएइ रत्ता सरयं करेइ २त्ता अरणिं करेइ रत्ता सरएणं अरणिं महेइ रत्ता अग्गि पाडेइ २त्ता आगं संधुक्खेइ 2 त्ता समिहाकट्ठाई पक्खिवइ २त्ता अगिं उज्जालेइ २त्ता अग्गिस्स दाहिणे पासे सत्तंगाई समादहे। तंजहा-सकत्थं वक्कलं ठाणं,सेजभण्डं कमण्डलुं दण्डदारुं तहप्पाणं, अह ताइं समादहे // 1 // महुणा य घएण य तंदुलेहि य अगि हुणइ, चरुं. साहेइ 2 त्ता बलिवइस्सदेवं करेइ 2 त्ता अतिहिपूयं करेइ २त्ता तओ पच्छा अप्पणा आहारं आहारेइ // 99 // तए णं से सोमिले माहणरिसी दोच्चंसि टक्खमणपारणगंसि तं चेव सव्वं भाणि यव्वं जाव आहारं आहारेइ, णवरं इमं णाणत्तं-दाहिणाएं दिसाए जमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरवखउ सोमिलं माहणरिसिं, जाणि य तत्थ कंदाणि य जाव अणुजाणउत्तिकट्ट दाहिणं दिसिं पसरह। एवं पचत्थिमेणं वरुणे महाराया जाव पञ्चत्थिमं दिसि पसरइ। उत्तरेणं वेसमणे महाराया जाव उत्तरं दिसिं पसरइ / पुवदिसागमेणं चत्तारि विदिसाओ भाणियचाओ जाव आहारं आहारेइ // 10 // तए णं तस्स सोमिलमाहणरिसिस्स अप्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अणिचनागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं वाणारसीए णयरीए सोमिले णामं माहणरिसि अच्चंतमाहणकुलप्पसूए, तए णं मए वयाई चिण्णाई जाव जूवा णिक्वित्ता, तए णं मए वाणारसीए जाव पुप्फारामा य जाव रोविया, तए णं मए सुबहुं लोह 0 माव घडावेत्ता जाव जेट्टपुत्तं कुडुंबे ठवेत्ता जाव जेट्टपुत्तं आपुच्छित्ता सुबहुं लोह 0 जाव गहाय मुण्डे जाव पव्वइए, पव्वइए वि य णं समाणे छटुंछट्टेणं जाव विहरामि, तं सेयं खलु ममं इयाणि कल्लं जाव जलंते बहवे तावसे दिट्ठाभटे य पुरसंगइए य परियायसंगइए य आपुच्छित्ता आसमसंसियाणि य बहूई सत्तसयाइं अणुमाणइत्ता वागलवत्थणियत्थस्स किढिणसंकाइयग हियसभण्डोवर.र.स्स कट्टमुद्दाए मुहं चित्ता उत्तरदिसाए उत्तराभिमुहस्स मह पत्थाणं पत्थावेत्तए; एवं संपेहे। २त्ता वलं जाव जलते बहवे तावसे य दिट्ठाभटे य पुव्वसंगइए य तं चेब जाव कट्ठमुद्दाए मुहं Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - अनंगपविद्धसुत्ताणि बंधइ. 2 त्ता अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-जत्थेव णं अहं जलंसि वा एवं थलंसि वा दुग्गंसि वा णिणंसि वा पव्वयंसि वा विसमंसि वा गड्डाए वा दरीए वा पक्वलिज वा पवडिज वा, णो खलु मे कप्पइ पच्चुट्टित्तएत्तिकट्ट अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ 2 त्ता उत्तराए दिसाए उत्तराभिमुहपत्थाणं पत्थिए से सोमिले माहणरिसी पुव्वावरणहकालसमयंसि जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागए, असोगवरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ 2 त्ता वेई वड्वेइ 2 त्ता उवलेवणसंमजणं करेइ 2 त्ता दमकलसहत्थगए जेणेव गंगा महाणई जहा सिवो जाव गंगाओ महाणईओ पच्चुत्तरइ 2 त्ता जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता दन्भेहिं य कुसेहि य वालुयाए य वेइं रएइ 2 त्ता सरगं करेइ 2 त्ता जाव बलिवइस्सदेवं करेइ 2 त्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ 2 ता तुसिणीए संचिट्ठइ // 101 / / तए णं तस्स सोमिलमाहणरि सिस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अंतियं पाउब्भूए / तए णं से देवे सोमिलमाहणं एवं वयासी-हं. भो सोमिलमाहणा ! पव्वइया ! दुप्पव्वइयं ते / तए णं से सोमिले तस्स देवस्स दोच्चंपि तच्चपि एयमढे णो आढाइ णो परिजाणइ जाव तुसिणीए संचिट्ठ / तए णं से देवे सोमिलेणं माहणरिसिणा अणाढाइजमाणे जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए / तए णं से सोमिले कल्लं जाव जलंते वागलवत्थणियत्थे किढि णसंकाइयं गहाय गहियभण्डोवगरणे कट्टमुद्दाए मुहं बंधइ 2 ता उत्तराभिमुहे संपत्थिए // 102 / / तए णं से सोमिले बिइयदिवसम्मि पुव्वावरण्हकालसमयं सि जेणेव सत्तवण्णे तेणेव उवागए, सत्तवण्णस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ 2 त्ता वेई वड्डेइ जहा असोगवरपायवे जाव अग्गिं हुणइ, कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ, तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं तस्स सोमिलस्स पुत्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अंतियं पाउन्भूए / तए णं से देवे अंतलिक्खपडिवण्णे जहा असोगवरपायवे जाव पडिगए। तए णं से सोमिले कल्लं जाव जलंते वागलवत्थणियत्थे किढिणसंकाइयं गेहइ 2 त्ता कट्टमुद्दाए मुहं बंधइ 2 त्ता उत्तरदिसाए उत्तराभिमुहे संपत्थिए // 103 // तए णं से सोमिले तइयदिवसम्मि पुवा(पच्छा)वरण्हकालसमयंसि जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता असोगवरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ २त्ता वेई वडेइ जाव गंगं महाणई पच्चुत्तरइ 2 त्ता जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छह 2 जा असोगवरपायवस्स अहे कि ढिणसंकाइयं ठवेइ 2 त्ता वेइं रएइ २त्ता कट्टमुद्दाए मुहं बंधइ 2 त्ता Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फियाओ अ. 3 865 तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं तस्स सोमिलस्स पुव्वरत्तावरक्तकाले एगे देवे अंतियं पाउभवित्था, तं चेव भणइ जाव पडिगए / तए णं से सोमिले जाव जलंते वागलवत्थणियत्थे किढिणसंकाइयं जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ 2 त्ता उत्तराए दिसाए उत्तराभिमुहे संपत्थिए // 104 // तए से सोमिले चउत्थदिवसपुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव वडपायवे तेणेव उवागए, वडपायवस्स अहे किढिण० ठवेइ 2 त्ता वेइं वढेइ, उवलेवणसंमजणं करेइ जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ, तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं तस्स सोमिलस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे अंतियं पाउन्भवित्था, तं चेव भणइ जाव पडिगए / तए णं से सोमिले जाव जलंते वांगलबत्थणियत्थे किढिणसंकाइयं जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बंधह 2 त्ता उत्तराए 0 उत्तराभिमुहे संपत्थिए // 105 // तए णं से सोमिले पंचमदिवसम्मि पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव उम्बरपायवे तेणेव उवागच्छइ, उम्बरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ, वेई बड्लेइ जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बंधइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं तस्स सोमिलमाहणस्स पुवरत्तावरत्तकाले एगे देवे जाव एवं वयासी-ह. भो सोमिला ! पव्वइया ! दुप्पव्व इयं ते, पढम भणइ तहेव तुसिणीए संचिट्ठइ / देवो दोच्चपि तच्चपि वयइसोमिला ! पव्वइया ! दुप्पव्वइयं ते / तए णं से सोमिले तेणं देवेणं दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ते समाणे तं देवं वयासी-वह णं देवाणु प्पिया ! मम दुप्पवयं ? / तए णं से देवे सोमिलं माहणं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! तुमं पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतियं पंचाणुव्वए सत्तसिक्खावए दुवालसविहे सावय. धम्मे पडिवण्णे, तए णं तव अण्णया कयाइ असाहुदंसणेण० पुव्वरत्तावरत्तकाल. समयसि कुडुम्बजागरियं जाव पुत्वचिंतियं देवो उच्चारेइ जाव जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छसि 2 त्ता किढिणसंकाइयं जाव तुसिणीए संचिट्ठसि, तए णं पुव्वरत्तावरत्तकाले तव अंतियं पाउब्भवामि, हं भो सोमिला ! पव्वइया! दुप्पव्वइयं ते, तह चेव देवो णियवयणं भणइ जाव पंचमदिवसम्मि पुवावरणहकालसमयंसि जेणेव उम्बरपायवे तेणेव उवागए किढिणसंकाइयं ठवे सि, वेइं वसि, उवलेवणं० * करेसि 2 ता कट्ठमुद्दाए मुहं बंधेसि 2 ता तुसिणीए संचिट्ठसि, तं एवं खलु देवा णुप्पिया ! तव दुप्पव्वइयं // 106 // तए णं से सोमिले तं देवं एवं वयासी-कहं .. णं देवाणुप्पिया ! मम सुपव्वइयं ? तए णं से देवे सोमिलं एवं वयासी-जहणं तुम . देवाणुप्पिया ! इयाणिं पुब्बपडिवण्णाई पंच अणुब्वयाई० सयमेव उवसंपज्जित्ताणं Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 866 अनंगपविटुसुसाणि विहरसि तो गं तुज्झ इयाणिं सुपव्वइयं भवेजा / तए णं से देवे सोमिलं बंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता जामेव दिसिं पाउम्भूए तामेव दिसिं पडिगए / * तए णं सोमिले माहणरिसी तेणं देवेणं एवं वुत्ते समाणे पुव्वपडिवण्णाई पंच अणुव्वयाइं० सयमेवं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ // 107|| तए णं से सोमिले दहहिं च उत्थट्टम जाव मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोवहाणेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाई समणोवासगपरियागं पाउणइ 2 त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झुसेइ 2 त्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ 2 त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते विराहियसम्मत्ते कालमासे कालं किच्चा सुक्कवडिंसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव ओगाहणाए सुक्कमहग्गहत्ताए उववण्णे // 108 // तए णं से सुक्के महग्गहे अहुणोववण्णे समाणे जाव भासामणपजत्तीए..:। एवं खलु गोयमा ! सुक्केण० सा दिव्वा नाव अभिसमण्णागया। एगं पलिओवमं ठिई। सुक्के णं भंते ! महग्गहे तओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 काहं गच्छिहिइ 2 1 गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 / णिक्खेवओ॥१०९|| तइयं अज्झयणं समत्तं / / 3 // 3 // चउत्थं अज्झयणं जइ णं भंते ! उक्खेवओ। एवं एलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया / सामी समोसढे / परिसा णिग्गया // 110 // तेणं कालेणं तेणं समएणं बहुपुत्तिया देवी सोहम्मे कप्पे बहुपुत्तिए विमाणे सभाए सुहम्माए बहुपुत्तियसि सीहासणंसि चाहं सामाणियसाहस्सीहि चउहिं महत्तरियाहिं जहा सूरियाभे जाव भुंजमाणी विहरइ, इमं च णं केवलकप्पं जम्बुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणी 2 पासइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं जहा सूरियाभो जाव णमंसित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहा संणिसण्णा। आभिओगा जहा सूरियाभस्स, सूसरा घण्टा, आभिओगियं देवं सद्दावेद, जाणविमाणं जोयणसहस्सवित्थिण्णं, जाणविमाणवण्णओ जाव उत्तरिल्लेणं णिजाणमग्गेणं जोयणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं आगया जहा सूरियाभे / धम्मकहा सम्मत्ता। तए णं सा बहुपुत्तिया देवी दाहिणं भुयं पसारेइ देवकुमाराणं अट्ठसयं, देवकुमारियाण य वामाओ भुयाओ अहसयं, तयाणंतरं च णं बहवे दारगा य दारियाओ य डिम्भए य डिम्भियाओ य विउव्वइ, णट्टविहिं जहा सूरियाभो उवदंसित्ता पडिगया // 111 // भंते ! Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फियाओ अ. 4 867 त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ / कृडागारसाला / बहुपुत्तियाए णं भंते ! देवीए सा दिव्वा देविड्डी पुच्छा जाव अभिसमण्णागया 1 एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी णामं णयरी, अम्बसालवणे चेइए / तत्थ णं वाणारसीए णयरीए भद्दे णामं सत्थवाहे होत्था, अड्ढे जाव अपरिभूए / तस्स णं भद्दस्स सुभद्दा णामं भारिया सुउमाल० वंझा अवियाउरी जाणु कोप्परमाया यावि होत्था // 112 // तए णं तीसे सुभद्दाए सत्थवाहीए अण्णया कयाई पुव्वरत्तावरत्तकाले कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए इमेयारूवे जाच संकप्पे समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं भद्देणं सत्थवाहेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरामि, णो चेव णं अहं दारगं वा दारियं वा पयाया, तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव सुलद्धे णं तासिं अम्मयाणं मणुयजम्मजीवियफ्ले, जासिं मण्णे णियकुच्छिसंभूयगाई थणदुद्धलुद्धगाई महुरसमुल्लावगाणि मम्मण(मंजुल)प्पजम्पियाणि थणमूलकक्खदेसभागं अभिसरमाणगाणि पण्हयंति, पुणो य कोमलकमलोवमेहिं हत्थेहि गिहिऊणं उच्छंगणिवेसियाणि देंति, समुल्लावए सुमहुरे पुणो पुणो मम्मणप्पमणिए, अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा एत्तो. एगमवि ण पत्ता, ओहय० जाव झियाइ // 113 // तेणं कालेणं 2 सुब्वयाओ णं अजाओ इरियासमियाओ भासासमियाओ एमणासमियाओ आयाणभण्डमत्तणिक्खेवणासमियाओ उच्चारपासवणखेलज् लसिंघाणपारिट्ठावणासमियाओ मणगुत्तीओ वयगुत्तीओ कायगुत्तीओ गुत्तिंदियाओ गुत्तबंभयारिणीओ बहुस्सुयाओ बहुपरिवाराओ पुव्वाण पुत्विं चरमाण ओ गामाणुगामं दूइजमाणीओ जेणेव वाणारसी णयरी तेणेव,उवागया उवागचित्ता अहापडिरूवं उगहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा० विहरंति // 114 // तए णं तासि सुन्वयाणं अजाणं एगे संघाडए वाणारसीणयरीए उच्चणीयमज्झिमाई कु.लाई घरसमुदाणस्स भिवखा. यरियाए अडमाणे भद्दस्स सत्थवाहस्स गिहं अणुपविढे / तए णं सुभद्दा सत्थवाही ताओ अजाओ एजमाणीओ पासइ 2 त्ता हट्ट० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुटेइ 2 त्ता सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ 2 त्ता वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलामेत्ता एवं वयासी-एवं खलु अहं अजाओ ! भद्देणं सत्यवाहेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरामि, णो चेव णं अहं दारगं . वा दारियं वा पयायामि, तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव एत्तो एगमवि ण पत्ता, तं तुम्भे अजाओ ! बहुणायाओ बहुपढियाओ बहूणि गामागरणगर जाव संणिवेसाई आहिण्डह, बहूणं राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पमिईणं गिहाई अणु Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 868 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पविसह, अस्थि से केइ कहिचि विजापओए वा मंतप्पओए वा वमणं वा विरेयणं वा वस्थिकम्मं वा ओसहे वा मेसज्जे वा उवलद्धे, जेणं अहं दारगं.वा. दारियं वा पयाएजा 1 // 115 // तए णं ताओ अजाओ सुभदं सत्थवाहिं एवं धयासी-अम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ णिग्गंथीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबम्भयारिणीओ, णो खलु कप्पइ अम्हं एयमढे कण्णेहिवि णिसामेत्तए किमंग पुण उद्दिसित्तए वा समायरित्तए वा, अम्हे णं देवाणुप्पिए ! णवरं तव विचित्तं केवलिपण्णत्तं धम्म परिकहेमो || 116 // तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तासिं अजाणं अंतिए धम्म सोचा णिसम्म हद्वतुट्ठा ताओ अजाओ तिक्खुत्तो वंदइ णमंसह वं० २त्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं अजाओ ! णिग्गंथं पावयणं, पत्तियामि णं रोएमि णं अजाओ! णिग्गंथं पावयणं, एवमेयं तहमेयं अवितहमेयं जाव सावगधम्मं पडिवजए, अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंधं करेह, तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तासिं अजाणं अंतिए जाव पडिवजह 2 त्ता ताओ अजाओ वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता पडिविसजइ / तए गं सा सुभद्दा सत्यवाही समणोवासिया जाया जाव विहरइ // 117 // तए णं तीसे सुभद्दाए समणोवासियाए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं भद्देणं सत्थवाहेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं जाव विहरामि,णो चेव णं अहं दारगं वा",तं सेयं खलु ममं कल्लं जाव जलंते भद्दस्स आपुच्छित्ता सुव्वयाणं अजाणं अंतिए अज्जा भवित्ता आगाराओ जाव पव्वइत्तए, एवं संपेहेइ 2 त्ता कल्ले जेणेव भद्दे सत्थवाहे तेणेव उवागया करयल जाव एवं वयांसी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! तुम्भेहिं सद्धिं बहूई वासाइं विउलाई भोगभोगाइं जाव विहरामि, णो चेव णं दारगं वा दारियं वा पयायामि, तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी सुव्वयाणं अजाणं जाव पवइत्तए // 118 // तए णं से भद्दे सत्थवाहे सुभदं सत्थवाहिं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए ! इयाणिं मुण्डा जाव पव्वयाहि, भुंजाहि ताव देवाणुप्पिए ! मए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई, तओ पच्छा भुत्तभोई सुव्वयाणं अजाणं जाव पव्वयाहि / तए णं सुभद्दा सत्थवाही भद्दस्स०एयमढें णो०परियाणइ / दोच्चंपि तच्चपि सुभद्दा सत्थवाही भदं सत्थवाहं एवं वयासी-इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्मेहिं अब्भणुण्णाया समाणी जाव पव्वइत्तए / तए णं से भद्दे सत्थवाहे जाहें णो संचाएइ बहूाहिं आघवणाहि य एवं पण्णवणाहि य सण्णवणाहि य विण्णवणाहि य आघवित्तए वा जाव विण्णवित्तए वा ताहे अकामए चेव सुभद्दाए णिक्खमणं अणुमण्णित्था Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुल्फियाओ अ. 4 866 // 119 // तए पं से भद्दे सत्थवाहे विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ० मित्तणाइ जाव णिमंतइ"तओ पच्छा भोयगवेलाए जाव मित्तणाइ"सक्कारेइ संमाणेइ, सुभदं सत्यवाहि व्हायं जाव पायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरूहेइ / तओ सा सुमद्दा सत्थवाही मित्तणाइ जाव संबंधिसंपरिवुडा सविट्टीए जाव रवेणं वाणारसीणयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव सुव्वयाणं अजाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ २त्ता पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं ठवेइ, सुभदं सत्थवाहि सीयाओ पच्चोरुहेइ // 120 // तए णं भद्दे सत्थवाहे सुभदं सत्थवाहिं पुरओ काउं जेणेव सुब्बया अजा तेणेव उवागच्छइ २त्ता सुव्वयाओ भजाओ वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सुभद्दा सत्थवाही मम भारिया इट्ठा कंता जाव मा णं वाइया पित्तिया सिम्भिया संणिवाइया विविहा रोगायंका फुसंतु, एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभउंव्विग्गा. भीया जम्म(ण)मरणाणं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुण्डा भवित्ता जाव पव्वयाइ, तं एयं अहं देवाणुप्पियाणं सीसिणीभिक्खं दलयामि, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सी सिणीभिक्खं / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह // 121 // तए णं सा सुभद्दा सत्यवाही सुव्वयाहिं अजाहिं एवं वुत्ता समाणी हट्ट० सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता जेणेव सुव्वयाओ अजाओ तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सुव्वयाओ अजाओ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणेणं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भंते"जहा देवाणंदा तहा पव्वइया जाव अजा जाया जाव गुत्तबम्भयारिणी // 112 // तए णं सा सुभद्दा अजा अण्णया कयाइ बहुजणस्स चेडरूवे समुच्छिया जाव अज्झोपवण्णा अब्भंगणं च उव्वट्टणं च फासुयपाणं च अलत्तगं च कंकणाणि य अंजणं च वण्णगं च चुण्णगं च खेल्लणगाणि य खजल्लगाणि य खीरं च पुप्फाणि य गवेसइ गवेसित्ता बहुजणस्स दारए वा दारिया वा कुमारे यं कुमारियाओ य डिम्भए य डिम्भियाओ य अप्पेगइयाओ अभंगेइ, अप्पेगइयाओ उव्वट्टेइ, एवं फासुयपाणएणं ण्हावेइ, अप्पेगइयाणं पाए रयइ, ओढे रयइ, अच्छीणि अंजेइ, उसुए करेइ, तिलए करेइ, अप्पेगइयाओ दिगिंदलए करेइ, अप्पेगइयाणं पंतियाओ करेइ, अप्पेगइयाई छिजाई करेइ,अप्पेगइया वण्णएणं समालभइ, चुण्णएणं समालभइ, अप्पेगइयाणं खेलणगाइंदलयइ,० खजलगाई दलयइ, अप्पेगइयाओ खीरभोयणं भुंजावेइ, अप्पेगइयाणं पुप्फाई ओमुयइ, अप्पेगइयाओ पाएसु ठवेइ, जंघासु करेइ, एवं जरूसु उच्छंगे कडीए पिट्टे Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 870 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उरसि खंधे सीसे य करयलपुडेणं गहाय हलउलेमाणी 2 आगायमाणी 2 परिगायमाणी 2 पुत्तपिवासं च धूयपिवासं च णत्तुयपिवासं च णत्तिपिवासं च पञ्चणुभवमाणी विहरइ // 123 / / तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ सुभदं अज्जं एवं वयासी- . अम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ गिग्गंथीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबंभयारिणीओ, णो खलु अम्हं कप्पड़ जातककम्मं करेत्तए, तुमं च णं देवाणुप्पिए ! बहुजणस्स चेडरूवेसु मुच्छिया जाव अज्झोववण्णा अभंगणं जाव णत्तिपिवासं वा पच्चणुभवमाणी विहरसि, तं णं तुमं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोए हि जाव पाय[प]च्छित्तं पडिवजाहि // 124|| तए णं सा सुभद्दा अजा सुव्वयाणं अजाणं एयमटुं णो आढाइ णो परि जाणइ अणाढायमाणी अपरिजाणमाणी विहरइ / तए णं ताओ समणीओ णिग्गंथीओ सुभदं अज्ज हीलैंति णिदंति विसंति गरहंति अभिक्खणं 2 एयमढें णिवारेंति // 125 // तए णं ती[ए]से सुभद्दाए. अजाए समणीहिं णिग्गंथीहिँ हीलिजमाणीए जाव अभिक्खणं 2 एयमलु णिवारिजमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-अया णं अहं अगारवासं वसामि तया णं अहं अप्पवसा,जप्पमिइं च णं अहं मुण्डा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया तप्पभिई च णं अहं परवसा, पुत्विं च समणीओ णिग्गंथीओ आति परिजाणेति इयाणिं णो आढाएंति णो परिजाणंति, तं सेयं खलु मे कल्लं जाव जलते सुव्वयाणं अजाणं अंतियाओ पडिणिक्खमित्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, एवं संपेहेइ 2 त्ता कल्लं जाव जलंते सुव्वयाणं अजाणं अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता पाडिएक्कं उवस्सयं उवसंपज्जित्ताणं विरहइ / तए णं सा सुभद्दा अजा अजाहिं अणोहट्टिया अणिवारिया सच्छंदमई बहुजणस्स चेडरूवेसु मुच्छिया जाव अभंगणं च जाव णत्तिपिवासं च पञ्चगुभवमाणी विहरइ // 126 // तए णं सा सुभद्दा अजा पासत्था पासत्थविहारिणी एवं ओसण्णा ओसण्णविहारिणी कुसीला कुसीलविहारिणी संसत्ता संसत्तविहारिणी अहाछंदा अहाछंदविहारिणी बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेइत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे बहुपुत्तियाविमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि देवदूसंतरिया अंगुः लस्स असंखेजभागमेत्ताए ओगाहणाए बहुपुत्तियदेवित्ताए उवणा / 127 // तए णं सा बहुपुत्तिया देवी अहुणोववण्णमेत्ता समाणी पंचविहाए पजत्तीए जाव Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - पुफियाओ अ. 4 871 भासामणपजत्तीए, एवं खलु गोयमा ! बहुपुत्तियाए देवीए सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमण्णागया // 1.28 // से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-बहुपुत्तिया देवी 2 ? गोयमा ! बहुपुत्तिया णं देवी जाहे जाहे सक्कस्स देविंदम्स देवरण्णो उवत्थाणियणं करेइ ताहे 2 बहवे दारए य दारियाओ य डिम्भए य डिम्भियाओ य विउव्वह 2 त्ता जेणेव सक्के देविंदे देवराया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो दिव्वं देविढेि दिव्वं देवज्जुइं दिव्वं देवाणुभावं उवदंसेइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-बहुपुत्तिया देवी 2 / बहुपुत्तियाए णं भंते ! देवीए केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि पलिओवमाइं टिई पण्णत्ता। बहुपुत्तिया णं भंते ! देवी ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइक्खएणं भवनखएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छेिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे विंझगिरिपायमूले विभेलसंणिवेसे माहणकुलंसि दारियत्ताए पच्चायाहिइ // 129 // तंए णं तीसे दारियाए अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कंते जाव बारसेहिं दिवसेहिं वीइक्कतेहिं अयमेयारूवं णामघेज्जं करेंति-होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए णामधेज्जं सोमा // 130 // तए णं सोमा उम्मुक्कबालभावा विण्णयपरिणयमेत्ता जोव्वणगमणुप्पत्ता रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाव भविस्सइ / तए णं तं सोमं दारियं अम्मापियरो / उम्मुक्कबालभावं. विण्णयपरिणयमेत्तं जोव्वणगमणुप्पत्तं पडिकूविएणं सुक्केणं पडिरूवएणं .णियगस्स भाइणेजस्स रटकूडस्स भारियत्ताए दलइस्सइ / सा णं तस्स भारिया भविस्सइ इट्टा कंता जाव भण्डकरण्डगसमाणा तेल्लकेला इव सुसंगोविया चेलपे(ला)डा इव सुसंपरिग्गहिया रयणकरण्डगो विव सुसारक्खिया सुसंगोविया मा णं सीयं जाव विविहा रोगायंका पुसंतु // 131 // तए णं सा सोमा माहणी रडकूडेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणी संवच्छरे 2 जुयलगं पयायमाणी सोलसेहिं संवच्छरेहिं बत्तीसं दारगरूवे पयायइ / तए णं सा सोमा माहणी तेहिं बहहिं दारगेहि य दारियाहि य कुमारेहि य कुमारियाहि य डिम्भएहि य डिम्भियाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेज एहि य अप्पेगइएहिं थणियाएहि य अप्पेगइएहिं पीहगपाएहिं अप्पेगइएहिं परंगणएहिं अप्पेगइएहिं परक्कममाणेहि अप्पेगइएहिं पक्खोलणएहि अपेगइएहिं थणं मग्गमाणेहि अप्पेगइएहिं खरं मग्गमाणेहिं अप्पेगइएहिं खेलणयं मग्गमाणेहि अप्पेगइएहिं खजगं मग्गमाणेहि अप्पेगह Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 872 अनंगपविट्ठसुत्तागि एहि कूरं मग्गमाणेहिं पाणियं मग्गमाणेहिं हसमाणेहिं रूसमाणेहिं अवकोसमाणेहि अक्कुस्तमाणेहिं हणमाणेहिं विप्पलायमाणेहिं अणुगम्ममाणेहिं रोषमाणेहिं कंदमाणेहिं विलबमाणेहिं कूवमाणेहिं उक्कूवमाणेहिं गिद्दायमाणेहिं पलंबमाणेहिं दहमाणेहि दंसमाणेहिं वममाणेहिं छेरमाणेहिं मुत्तमाणेहिं मुत्तपुरीसवमियमुलित्तोवलित्ता मइलवसणपुच्चडा जाव असुइबीभच्छा परमदुग्गंधा णो संचाएइ रट्टकूडेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरित्तए // 132 // तए णं तीसे सोमाए माहणीए अण्णया कयाइ पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं इमेहिं बहूहिं दारगेहि य जाव डिम्भियाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेजएहि य जाव अप्पेगइएहिं मुत्तमाणेहिं दुजाएहिं दुजम्मएहिं हयविप्पहयभग्गेहिं एगप्पहारपडिएहिं जेणं मुत्तपुरीसवमियसुलित्तोवलित्ता जाव परमदुन्भिगंधा णो संचाएमि रटकूडेणं सद्धिं जाव भुंजमाणी विहरित्तए, तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव जीवियफले जाओ णं वंझाओ अवियाउरीओ जाणुकोप्परमायाओ सुरमिसुगंधगंधियाओ विउलाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणीओ विहरंति, अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा णो संचाएमि रट्टकूडेणं सद्धिं विउ. लाइं जाव विहरित्तए // 133 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सुब्वयाओ णाम अजाओ इरियासमियाओ जाव बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुट्विं"जेणेव विभेले संणिवेसे'' अहापडिरूवं उग्गरं जाव विहरति / तए णं तासिं सुव्वयाणं अजाणं एगे संघाडए विभेले संणिवेसे उच्चणीय० जाव अडमाणे रडकूडस्स गिहं अणुपविढे / तए णं सा सोमा माहणी ताओ अजाओ एजमाणीओ पासइ 2 त्ता हट्ट खिप्पामेव आसणाओ अन्भुट्टेइ 2 त्ता सत्तट्ठपयाइं अणुगच्छइ 2 त्ता वंदइ णमंसह वं० २.त्ता विउलेणं असण 4 पडिलाभेइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु अहं अजाओ ! रडकूडेणं सद्धिं विठलाई जाव संवच्छरे 2 जुगलं पयामि, सोलसहि संवच्छरेहिं बत्तीसं दारगरूवे ' पयाया, तए णं अहं तेहिं बहूहिं दारएहि य जाप डिम्भियाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेजएहिं जाव मुत्तमाणहिं दुजाएहिं जाव णो संचाएमि"विहरित्तए, तं इच्छामि गं अहं अजाओ! तुम्हं अंतिए धम्म णिसामेत्तए / तए णं ताओ अजाओ - सोमाए माहणीए विचित्तं जाव केवलिपण्णत्तं धम्मं परिकहेंति // 134 // तए णं सा सोमा माहणी तासिं अजाण अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म हट्ट जाव हियया "ताओ अजाओ वंदइ णमंसह वं० 2 त्ता एवं वयासी-सदहामि णं अजाओ! Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फियाओ अ. 4 873 णि गथं पावयणं जाव अब्भुटेमि णं अजाओ ! णिग्गंथं पावयणं, एवमेयं अजाओ! * जाव से जहेयं तुब्भे वयह, जं णवरं अजाओ ! रट्टकूडं आपुच्छामि; तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए मुण्डा जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंधं"। तए णं सा सोमा माहणी ताओ अजाओ वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता पडिविसज्जेइ // 135 // तए णं सा सोमा माहणी जेणेब रट्टकडे तेणेव उवागया करयल० "एवं वयासी-एवं खलु मए देवाणुप्पिया ! अजाणं अंतिए धम्मे णिसंते, से वि य णं धम्मे इच्छिए जाव अभिरुइए, तए णं अहं देवाणुप्पिया! तुब्मेहिं अभणुण्णाया सुव्वयाणं अजाणं जाव पव्वइत्तए // 136 // तए णं से रट्टकूडे सोमं माहणिं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए / इयाणि मुण्डा भवित्ता जाव पव्वयाहि भुंजाहि ताव देवाणुप्पिए ! मए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई, तओ पच्छा भुत्तभोई सुव्वयाणं अजाणं अंतिए मुण्डा जाव पव्वयाहि // 137 // तए णं सा सोमा माहणी व्हाया जाव सरीरा चेडियाचकवालपरि किण्णा साओ गिहाओ पडिणिवखमइ 2 त्ता विभेलं संणिवेसं मझमज्झेणं जेणेव सुव्वयाणं अजाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सुव्वयाओ अजाओ वंदइ णमंसइ पज्जुवासइ / तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ सोमाए माहणीए विचितं केवलिपण्णत्तं धम्म परिकहेति जहा जीवा बझंति / तए णं सा सोमा माहणी सुव्बयाणं अजाणं अंतिए जाव दुवालसविहं सावगधम्म पडिवजइ 2 त्ता सुत्वयाओ अजाओ वंदह णमंसइ वं० 2 त्ता जामेव दिनसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया। तए णं सा सोमा माहणी समणोवासिया जाया अभिगय० जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ / तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ अण्णया कयाइ विभेलाओ संणिवेसाओ पडिणिवखमंति 2 त्ता बहिया जणवयविहारं विहरंति // 138 // तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ अण्णया कयाइ पुव्वाणुपुग्विं"जाव विहरति / तए णं सा सोमा माहणी इमीसे कहाए लट्ठा समाणी हट्ट० हाया तहेव णिग्गया जाव वंदइ णमंसह वं०२ त्ता धम्म सोचा जाव गवरं रटुकूडं आपुच्छामि, तए णं पव्वयामि / अहासुहं"। तए णं सा सोमा माहणी सुव्वयं अज्ज वंदइ णमंसह वं० 2 त्ता सुव्वयाणं अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव सए गिहे जेणेव रटकूडे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल• तहेव आपुच्छइ जाव पव्वइत्तए / अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंध"। तए णं से रट्ठकूडे विउलं असणं तहेव. जाव पुन्वभवे Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 874 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सुभद्दा जाव अजा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबम्भयारिणी // 139 // तए णं सा सोमा अजा सुव्वयाणं अजाणं अंतिए सामाइयमाझ्याइं एकारस अंगाई अहिजइ 2 त्ता बहूहिँ छट्ठमदसमदुवालस जाव भावेमाणी बहूई वासांई सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता मासियाए संलेहणाए सर्हि भत्ताई अणसणाए हेइत्ता आलोइयपडिक्कंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा सक्कस्स देविंदस्स देवरणो सामाणियदेवत्ताए उववज्जिहिइ / तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं सोमस्सवि देवस्स दो सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता // 139 / / से णं भंते ! सोमे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जाव अंतं काहिइ / णिक्खेवओ // 140 // चउत्थं अज्झयणं समत्तं // 3 // 4 // पंचमं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं० उक्खेवओ / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया। सामी समोसरिए / परिसा णिग्गया // 141|| तेणं कालेणं तेणं समएणं पुण्णभद्दे देवे सोहम्मे कप्पे पुण्णभद्दे विमाणे सभाए सुहम्माए पुण्णभदंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा सूरियाभो जाव बत्तीसइविहं णट्टविहिं उवदंसित्ता जामेव दि सिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए / कुडागारसाला / पुत्वभवपुच्छा / एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे मणिवइया णामं णयरी होत्था, रिद्ध० / चंदो राया। ताराइण्णे चेइए / तत्थ णं मणिवइयाए णयरीए पुष्णभद्दे णाम गाहावई परिवसइ, अड्डे / तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरा भगवतो जाइ. संपण्णा जाव जीवियासमरणभयविप्पमुक्का बहुस्सुया बहुपरिवारा पुव्वाणुपुत्विं जाव समोसढा / परिसा णिग्गया / तए णं से पुण्णभद्दे गाहावई इमीसे कहाए लढे० हट्ट० जाव जहा पण्णत्तीए गंगदत्ते तहेव णिग्गच्छइ जाव णिवखंतो जाव गुत्तबंभयारी // 142 / / तए णं से पुण्णभद्दे अणगारे भगवंताणं अंतिए सामाइयमाइ. याई एक्कारस अंगाई अहिजइ 2 त्ता बहूहिं चउत्थछट्टट्ठम जाव भावित्ता बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता मासियाए संलेहणाए सढि भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुल्फियाओ अ०६-१० 875 पुण्णभद्दे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्नंसि जाव भासामणपजत्तीए // 142 // . एवं खलु गोयमा ! पुण्णभद्देणं देवेणं सा दिव्वा देविट्ठी नाब अभिसमण्णागया। पुण्णभद्दस्स णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता 1 गोयमा ! दो सागरोवमाई ठिई पगत्ता / पुण्णभद्दे गं भंते ! देवे ताओ देवलोयाओ जाब कहिँ गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ / णिक्खेवओ // 143 // पंचमं अज्झायणं समत्तं // 3 // 5 // छठें अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेण० उक्लेवओ / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे / गुणसिलए चेहएं / सेणिए राया। सामी समोसरिए // 144 / / सेणं कालेणं तेणं समएणं माणिभद्दे देवे सभाए सुहम्माए माणिभदंसि सीहासणंसि चउहि सामाणियसाहस्सीहिं जहा पुण्णभद्दो तहेव आगमणं, णट्टविही, पुब्बभवपुच्छा / मणिवई पयरी, माणिभद्दे गाहावई, थेराणं अंतिए पवजा, एकारस अंगाई अहिजइ, बहूई वासाई परियाओ, मासिया संलेहणा, सढि भत्ताई०, माणिभद्दे विमाणे उववाओ, दो सागरोचमाई ठिई, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ / णिक्खेवओ // 145 / / छठें अज्झयणं समत्तं // 3 // 6 // ____एवं दत्ते 7, सिवे 8, बले 9, अणाढिए 10, सव्वे जहा पुण्णभद्दे देवे / सव्वेसि दो सागरोवमाइं ठिई / विमाणा देवसरिसणामा। पुव्वभवे दत्ते चंदणा. णामाए, सिवे मिहिलाए, बले हत्थिणपुरे णयरे, अणाढिए काकंदीए / चेइयाई जहा संगहणीए // 146 // 3 // 10 // पुफियाओ समत्ताओ।। तइओ वग्गो समत्तो // 3 // Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फचूलियाओ चउत्थो वग्गो-पढम अन्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया 'उक्खेवओ जाव दस अज्झयणा पण्णत्ता, तंजहा-सिरि-हिरि-धिइ-कित्तीओ बुद्धी लच्छी य होइ बोद्धव्वा / इलादेवी सुरादेवी रसदेवी गंधदेवी य // 1 // जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवंगाणं चउत्थस्स वग्गस्स पुष्फचूलियाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स भंते ! उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे. णयरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया। सामी संमोसढे, परिसा णिग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं सिरिदेवी सोहम्मे कप्पे सिरिवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सिरिसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहि महत्तरियाहिं 0. जहा बहुपुत्तिया जाव णट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगया। णवरं [दारय]दारियाओ णत्थि। पुव्वभवपुच्छा। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे, गुणसिलए चेइए, जियसत्तू राया। तत्थ णं रायगिहे णयरे सुदंसणे णाम गाहावई परिवसइ, अड्डे / तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स पिया णामं भारिया होत्था, सोमाल०। तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स धूया पियाए गाहावइणीए अत्तिया भूया णामं दारिया होत्था [बुड्डा बुड्ढकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडियपुयत्थणी वरगपरिवज्जिया यावि होत्था // 147 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जांव णवरयणिए वण्णओ सो चेव, समोसरणं / परिसा णिग्गया // 148 // तए णं सा भूया दारिया इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणी हट्टतुट्ट० जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ! पासे अरहा पुरिसादाणीए पुव्वाणुपुत्विं चरमाणे जाव गणपरिवुडे विहरइ, तं इच्छामि गं अम्मयाओ ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणी पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स पायवंदिया गमित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंध // 149 // तए णं सा भूया दारिया ण्हाया जाव सरीरा चेडीचकवालपरिकिण्णा साओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूदा। तए णं सा भूया दारिया णिययपरिवारपरिवुडा रायगिहं णयरं मझमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फचूलियाओ अ. 1 877 जेणेव गुणसिलए चेइए तेणेव उवागच्छइ र त्ता छत्ताईए तित्थयराइसए पासइ 2 त्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरु[मि]हइ 2 त्ता चेडीचकवालपरिकिण्णा जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागच्छइ २त्ता तिवखुत्तो वं०२ त्ता जाव पज्जुवासइ॥१५॥तए णं पासे अरहा पुरिसादाणीए भूयाए दारियाए तीसे महइ०धम्मकहा, धम्मं सोचा णिसम्म हड़ वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथ पावयणं जाव अब्भुटेमि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं, से जहेयं तुब्मे वयह, ज णवरं भंते ! अम्मापियरो आपुच्छामि, तए णं अहं जाव पव्वइत्तए / अहासुई देवाणुप्पिए !0 // 151|| तए णं सा भूया दारिया तमेव धम्मियं जाणप्पवरं जाव दुरूहइ 2 त्ता जेणेव रायगिहे णयरे तेणेव उवागया, रायगिहं गयरं मज्झमझेणं जेणेव सए. गिहे तेणेव उवागया, रहाओ पच्चोरुहित्ता जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागया, करयल० जहा जमाली आपुच्छइ / अहासुहं देवाणुप्पिए ! // 152 // तएं णं से सुदंसणे गाहावई विउलं असणं 4 उवक्खडावेइ मित्तणाइ० आमंतेइ 2 त्ता नाव जिमियभुत्तुत्तरकाले सुईभूए णिक्खमणमाणेत्ता कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! भूयादारियाए पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं उवट्ठवेह 2 त्ता जाव पच्चप्पिणह / तए णं ते जाव पच्चप्पिणंति // 153 // तए णं से सुदंसणे गाहावई भूयं दारियं व्हायं जाव विभूसियसरीरं पुरिससहस्सवाहिणि सीयं दुरूहेइ 2 त्ता मित्तणाइ० जाव रवेणं रायगिहं णयरं मज्झमज्झेणे जेणेव गुणसिलए चेइए तेणेव उवागए छत्ताईए तित्थयराइसए पासइ 2 त्ता सीयं ठावेइ 2 ता भूयं दारियं सीयाओ पच्चोरुहेइ // 154 // तए णं तं भूयं दारियं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागया तिक्खुत्तो वंदंति णमंसंति वं० 2 त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! भूया दारिया अम्हं एगा धूया इट्ठा०, एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभउव्विग्गा भीया जाव देवाणुप्पियाणं अंतिए मुण्डा जाव पव[यायइ, तं एयं णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं दलयामो, पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं / अहासुहं देवाणुप्पिया !0 // 155 // तए णं सा भूया दारिया .पासेणं अरहया "एवं वुत्ता समाणी हट्ट उत्तरपुरस्थिमं सयमेव आभरणमल्लालंकार ओउम्मुयई जहा देवाणंदा पुप्फचूलाणं अंतिए जाव गुत्तबम्भयारिणी // 156 // तए णं सा भूया अजा अण्णया कयाइ सरीरबाओसिया जाया यावि होत्था, अभिक्खणे 2 हत्थे धोवइ, पाए धोवइ, एवं सीसं धोवइ, मुहं धोवइ, थणगंतराइं Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 878 अनंगपविट्ठसुत्तानि धोवइ, कक्खंतराइं धोवइ, गुज्झंतराई धोवइ, जत्थ जत्थ वि य णं ठाणं वा सेज्ज वा णिसीहियं वा चेएइ, तत्थ तत्थ वि य णं पुवामेव पाणएणं अब्भुक्खेइ, तओ पच्छा ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं बा चेऐइ // 157 // तए ण ताओ पुष्फचूलाओ अजाओ भूयं अन्जं एवं वयासी-अम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ णिग्गंथीओ इरियासमियाओ आव गुत्सबम्भयारिणीओ, णो खलु कप्पइ अम्हं सरीरबाओसियाणं होत्तए, तुमं च ण देवाणुप्पिए ! सरीरबाओसिया अभिक्खणं 2 हत्थे धोवसि जाव णिसीहियं चेएसि, तं गं तुमं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहित्ति,सेसं अहा सुभदाए जाव पाडिएक्कं उघस्सयं उसपज्जित्ताणं विहरइ / तए णं सा भूया अजा अणोहट्टिया अणिवारिया सच्छंदमई अभिवखणं 2 हत्थे धोवइ जाव चेएइ // 158 // तए णं सा भूया अज्जा बहूहिँ चउत्थछट्ट० बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोहयपडिव कंता कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सिरिवडिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव ओगाहणाए सिरिदेवित्ताए उववण्णा पंचविहाए पजत्तीए नाय भासामणपजत्तीए पजत्ता / एवं खलु गोयमा ! सिरीए देवीए एसा दिव्वा देविड्डी लद्धा पत्ता / एगं पलिओवमं ठिई। सिरी णं भंते ! देवी जाव कहिं गच्छिहिइ०१ महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ / णिक्खेवओ // 159 // पढमं अज्झयणं समत्तं // 4 // 1 // एवं सेसाणविणवण्हं भाणियत्वं / सरिसणामा विमाणा। सोहम्मे कप्पे / पुब्वभवे णयर चेइए-पियमाईणं अप्पणो य णामाई जहा संगहणीए / सव्वा पासस्स अंतिए णिक्खता / ताओ पुष्फचूलाणं सिस्सिणियाओ सरीरबाओसियाओ सव्वाओ अणंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे सिज्झिहिति // 160 // 4 // 10 // पुप्फच. (ला)लियाओ समत्ताओ॥चउत्यो वग्गी समत्तो // 4 // Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वहिदसाओ पंचमो वग्गो-पढमं अज्झयणं . जह णं भंते ! उक्खेवओ जाव दुवालस अज्झयणा पप्णता, तंजहा-णिसढे मायणि-वह-वहे पगया जुत्ती दसरहे दढरहे य / महाधणू सत्तधणू दसधणू णामे सयधणू य // 1 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव दुवालस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते !"उक्खेवओ। एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई णाम -णयरी होत्था, दुवालसजोयणायामा जाव पच्चवख देवलोयभूया पासा- . ईया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा // 16 // तीसे णं बारवईए णयरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ पं रेवईए णामं पव्वए होत्था, तुंगे गयणयलमणुलिहंतसिहरे णाणाविहरुक्खगुच्छगुम्मलयावल्लीपरिगयाभिरामे हंसमियमयूरकोंचसारसचकवागमयणसालाकोइलकुलोववेए तडकडगवियरओज्झरपवायपब्भारसिहरपउरे अच्छरगणदेवसंघचारणविजाहरमिहुणसंणिचिण्णे णिच्चच्छणए दसारवरवीरपुरिसतेल्लोक्कबलवगाणं सोमे सुभए पियदंसणे सुरूवे पासाईए जाव पडिरूवे // 162 // तस्स णं रेवयगस्स पव्वयस्स अदूरसामंते एत्थ णं णंदणवणे णाम उजाणे होत्था, सब्बोउयपुप्फ० जाव दरिसणिज्जे तत्थ णं गंदणवणे उजाणे सुरप्पियरस जक्खस्स जवाययणे होत्था चिराइए जाव बहुजणे आगम्ममच्चेइ सुरप्पियं 2, से गं सुरप्पिए 2 एगेणं महया वणसंडेणं सव्वओ०जहा पुण्णभद्दे जाव सिलावट्टए // 163 // तत्थ णं बारवईए णयरीए कण्हे णामं वासुदेवे राया होत्था जाव पसासेमाणे विहरइ / से णं सत्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं दसण्हं दसाराणं, वलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं, उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं राईसाहस्सीणं, पज्जुण्णपामोवखाणं अछुट्ठाणं कुमारकोडीणं,सम्बपामोक्खाणं सट्ठीए दुइंतसाहस्सीणं,वीरसेणपामोदखाणं एकवीसाए वीरसाहस्सीणं,महासेणपामोक्खाणं छप्पण्णाए बलवगसाहस्सीणं, सप्पिणि.पामोक्खाणं सोलसण्हं देवीसाहस्सीणं, अणंगसेणापामोक्खाणं अणेगाणं गणियासाहस्सीणं अण्णेसिं च बहूणं राईसर जाव सत्थवाहप्पमिईणं वेयङगिरिसागरमेरागरस दाहिणड्डभरहस्स आहेवच्चं जाव विहरइ // 164 // तत्थ णं बारवईए णयरीए बलदेवे णामं राया होत्था, महया जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ / तस्स णं बलदेवस्स Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 880 अनंगपविट्ठसुत्साणि रण्णो रेवई णामं देवी होत्था, सोमाल० नाव विहरइ / तए णं सा रेवई देवी अण्णया कयाइ तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं",एवं सुमिणदंसणपरिकहणं, कलाओ जहा महाबलस्स, पण्णासओ दाओ, पण्णासरायवरकण्णंगाणं एगदिवसेणं पाणिग्गहणं..", णवरं णिसढे णामं जाव उप्पिं पासाए विहरइ // 165 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणेमी आइगरे / 'दस धणूई वण्णओ जाव समोसरिए / परिसा णिग्गया // 166 // तए णं से कण्हे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हद्वतुढे० कोडुंबियपुरिसं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव देवाणुप्पिया ! सभाए सुहम्माए सामुदाणियं भेरि तालेह / तए णं से कोडुंबियपुरिसे जाव पडिसुणित्ता जेगेवं सभाए. सुहम्माए सामुदाणिया मेरी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सामुदाणियं भेरिं महया 2 सद्देणं तालेइ॥१६७॥ तए णं तीसे सामुदाणियाए मेरीए महया 2 सद्देणं तालियाए समाणीए समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा देवीओ(उग) भाणियव्वाओ जाव अणंगसेणापामोक्खा अणेगा गणियासहस्सा, अण्णे य बहवे राईसर जाव सत्यवाहप्पभिइओ व्हाया जाव पायच्छित्ता सव्वालंकारविभूसिया जहाविभवइड्ढीसक्कारसमुदएणं अप्पेगइया हयगया. जाव पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयल०, कण्हं वासुदेवं जएणं विजएणं वद्धाति / तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुम्बियपुरिसे एवं वयांसी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेकहत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर जाव पच्चपिणंति / तए णं से कण्हे वासुदेवे मजणघरे जाव दुरूढे, अट्ठ मंगलगा,जहा कृणिए, सेयवरचामरेहिं उधुव्वमाणेहिं 2 समुद्दविजयपामोक्खेहिं दसहिं दसारेहिं जाव सत्थवाहप्पभिई हिं सद्धिं संपरित्रुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं बारवई गयरिं मज्झंमझेणं सेसं जहा कूणिओ जाव पज्जुवासइ // 168 // तए णं तस्स णिसढस्स कुमारस्स उप्पिं पासायवरगयस्स तं महया जणसदं च :जहा जमाली जाव धम्म सोचा णिसम्म वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं भंते ! णिग्गंथं पावयणं जहा चित्तो जाव सावगधम्म पडिवजइ 2 त्ता पडिगए // 169 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतेवासी वरदत्ते णामं अणगारे उराले जाव विहरइ / तए णं से वरदत्ते अणगारे णिसढं कुमारं पासइ 2 त्ता जायसङ्के जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-अहो णं भंते ! णिसढे कुमारे इडे इटुरूवे कंते कंतरूवे, एवं पिए० मणुण्णए० मणामे मणामरूवे सोमे सोमरूवे पियदंसणे सुरूवे, णिसढेणं भंते ! कुमारेणं अयमेवारूवा माणुयइड्डी किण्णा लद्धा किण्णा पत्ता ? Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 881 वहिदसाओ अ.१ पुच्छा जहाँ सूरियाभस्स / एवं खलु वरदत्ता ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीव दीवे भारहे पासे रोहीडए णामं णयरे होत्था, रिद्ध०"। मेहवण्णे उजाणे मणिदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे / तत्थ णं रोहीडए णयरे महब्बले णामं राया, पउमावई णामं देवी, अण्णया कयाइ तंसि तारसगंसि सयणिज्जसि सीहं सुमिणे", एवं जम्मणं भाणियव्वं जहा महाबलस्स, णवरं वीरंगओ णामं बत्तीसओ दाओ, बत्तीसाए रायवरकण्णगाणं पाणिं जाव उवगिजमाणे 2 पाउसवरिसारत्तसरयहेमंतवसंतगिम्हपज्जंते छप्पि उऊ जहाविभवेणं भुंजमाणे 2 कालं गालेमाणे हे सद्द जाव विहरइ // 170 // तेणं कालेणं तेणं समएणं सिद्धत्था णाम आयरिया जाइ. संपण्णा जहा केसी, णवरं बहुस्सुया बहुपरिवारा जेणेव रोहीडए णयरे जेणेव मेहवण्णे उजाणे जेणेव मणिदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागया अहापडिरूवं जाव विहरति / परिसा णिग्गया // 171 // तए णं तस्स वीरंगयस्स कुमारस्स उप्पिं पासायवरगयस्स तं महया जणसइं"जहा जमाली य णिग्गओ धम्मं सोचा" णवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि जहा जमाली तहेव णिक्खंतो जाव अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी ॥१७२।।तए णं से वीरंगए अणगारे सिद्धत्थाणं आयरियाणं अंतिए सामाइयमाइयाइं एकारस अंगाई अहिजइ २त्ता बहूहि चउत्थ जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाइं पणयालीसवासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सवीसं भत्तसयं अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा बम्भलोए कप्पे मणोरमे विमाणे देवत्ताए उववण्णे। तत्थ णं अत्येगइयाणं देवाणं दससागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता। तत्थ णं वीरंगयस्स देवस्स दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता॥१७३॥ से णं वीरंगए देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव अणंतरं चयं चइत्ता इहेव बारवईए णयरीए बलदेवस्स रण्णो रेवईए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे। तए णं सा रेवई देवी तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि सुमिणदंसणं जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ / तं एवं खलु वरदत्ता ! णिसढेणं कुमारेणं अयमेयारूवा उराला मणुयइट्टी लद्धा 3 // 174 // पभू णं भंते ! णिसढे कुमारे देवाणुप्पियाणं अंतिए जाव पव्वइत्तए ? हंता! पभू / से एवं भंते ! 2 इय वरदत्ते अणगारे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तएणं अरहा अरिटणेमी अण्णयां कयाइ बारवईओ णयरीओ जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ / णिसढे कुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ // 175 // तए णं से णिसढे कुमारे अण्णया कयाइ जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 882 अनंगपबिढसुत्ताणि जाव दब्भसंथारोवगए विहरइ / तए णं तस्स णिसदस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयासवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्थाधण्णा णं ते गामागर जाव संणिवेसा जत्थ णं अरहा अरिट्ठणेमी विहरइ, धण्णा णं ते राईसर जाव सत्यवाहप्पमिइओ जे ण अरिट्ठणेमिं वंदंति णमंसंति जाव पज्जुवासंति, जह णं अरहा अरिट्ठणेमी पुवाणुपुबिणंदणवणे विहरेज्जा तो णं अहं अरहं अरिडणेमि वंदिज्जा जाव पज्जुवासिज्जा // 176 // तए णं अरहा अरिडणेमी णिसढस्स कुमारस्स अयमेयारूवमज्झत्थियं जाव वियाणित्ता अहारसहिं समणसहस्सेहिं जाव णदंणवणे उजाणे समोसढे / परिसा णिग्गया। तए णं णिसढे कुमारे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हट्ट० चाउघण्टेणं आसरहेणं णिग्गए जहा जमाली जावं अम्मापियरो आपुच्छित्ता पव्वइए अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी॥१७७|| तए णं से णिसढे अणगारे अरहओ अरिहणेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एकारस अंगाई अहिजइ' २त्ता बहूहिँ चउत्थट्ट जाव विचित्तेहिं तवोकम्मे हिँ अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई णव वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता बायालीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ, आलोइयपडिक्कंते समाहि पत्ते आणुपुव्वीए कालगए // 178 // तए णं से वरदत्ते अणगारे णिसढं अणगारं वालगयं जाणित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागच्छई 2 त्ता जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी णिसढे णामं अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से णं भंते ! णिसढे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववष्णे ||179 // वरदत्ताइ अरहा अरिट्ठणेमी वरदत्तं अणगारं एवं बयासी-एवं खलु वरदत्ता ! ममं अंतेवासी णिसढे णामं अणगारे पगइभद्दे जाव विणीए ममं तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई णव वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता बायालीसं भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उड़े चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं सोहम्मीसाणं जाव अच्चुए तिण्णि य अट्ठारसुत्तरे गेविजविमाणावाससए वीइवइत्ता सव्वट्ठसिद्धविमाणे देवत्ताए उववण्णे, तत्थ णं देवाणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं णिसढस्सवि देवस्स तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता // 180 // से णं भंते ! णिसढे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिंइ, कहिं उववज्निहिइ, 1 वरदत्ता ! इहेव नम्बुद्दीवे दीवे Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वहिदसाओ अ. 1-12 883 महाविदेहे कसे उण्णाए णयरे विसुद्धपिइवंसे रायकुले पुत्तत्ताए पच्चायाहिंइ / तए णं से उम्मुक्बालभावे विण्णयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलघोहिं बुझिहिइ 2 त्ता अगाराओ अणगारियं पव्वन्जिहिइ / से णं तत्थ अणगारे भविस्सइ इरियासमिए जाव गुत्तबम्भयारी / से णं तत्थ बहूहिं चउत्थहमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणिस्सइ 2 त्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झुसिहि इ 2 त्ता सदि भत्ताइं अगसणाए छेइहिइ, जस्सट्ठाए कीरइ णग्गभावे मुण्डभावे अण्हाणए जाव अदंतवणए अच्छत्तए अणोवाहणए फलहसेजा कट्टसेजा केसलोए बम्भचेरवासे परघरपवेसे पिण्डवाओ लद्धावलद्धे उच्चावया य गामकण्टगा अहियासिज्जति तम8 आराहेइ 2 त्ता चरिमेहिं उस्सासणिस्सासेहिं सिज्झिहिइ बुज्इि हिइ जाव सव्वदुक्खाणं अंतं काहिइ / णिक्खेवओ // 181 // पढमं अज्झयणं समत्तं // 5 // 1 // एवं सेसावि एकारस अज्झयणा णेयव्वा संगहणीअणुसारेण अहीणमइरित्तं एक्कारससुवि त्तिबेमि // 182 // 5 / 12 / / वण्हिदसाओ समत्ताओ। पंचमो वग्गो समत्तो॥५॥णिरयावलियाइसुयवखंधो समत्तो।। समत्ताणि उवंगाणि // णिरियावलियाइउवंगाणं एगो सुयक्खंधो, पंच वग्गा, पंचसु दिवसेसु उद्दिस्संति, तत्थ चउसु वग्गेसु दस उद्देसगा, पंचमवग्गे बारस उद्देसगा // ॥णिरयावलियाइसुत्ताई समत्ताई // // बारस उवंगाई समत्ताइं॥ Page #293 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चउछेयसुत्ताई ववहारो पढमो उद्देसओ जे भिक्खू मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं // 1 // जे भिक्खू दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं // 2 // जे भिक्खू तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं // 3 // जे भिक्खू चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं // 4 // जे मिक्खू पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं // 5 // तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 6 // जे मिवखू बहुसो वि मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं // 7 // जे भिवखू बहसो वि दोमासियं, परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं // 8 // जे भिक्खू बहसो वि तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं // 9 // जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं // 10 // जे भिक्खू बहुसो वि पंचमासिंयं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं // 11 // तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 12 // जे भिक्खू मासियं वा दोमासियं Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 886 अनंगपविट्ठसुसाणि. वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा, पंलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा छम्मासिय वा, तेण परं पलि उंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 13 // जे भिक्खू बहुसो वि मासियं वा बहुसो वि दोमासियं वा बहुसो वि तेमासियं वा बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासिय वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स. दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासिय वा पंचमासिय वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 14 // जे. भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलि उंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा, पलिउचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा छम्मासियं वा,तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउचिए वा ते चेव छम्मासा // 15 // जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा,अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वापंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा,पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगपंचमासिय वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 16 // जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासिय वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अप्णयरं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज्ज ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडिय, ठविए वि पडिसेवित्ता से विकसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पावं पडिसेवियं पुब्बिं आलोइयं, पुच्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिंउचिए पलिउंचियं,पलिउंचिए अपलिउंचियं,पलिउंचिए पलिउँचियं,(अपलि Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 1 887 उचिए अपलिउंचियं)आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्टविए णिव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया // 17 // जे भिखू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, पलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज्ज ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्व आरुहेयव्वे सिया, पुग्विं पडिसेवियं पुत्विं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुब्बिं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचिंयं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं ( पलिउंचिए पलिउंचियं) आलोएमाणस्स सदमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्टवणाए पट्टविए णिव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया // 18 // जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइ. रेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहुसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज्ज ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुट्विं पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुत्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए. अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्टविए णिव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयत्वे सिया // 19 // जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहुसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, पलिंचिय आलोएमाणे ठवणिज्जं ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से विकसिणे तत्थेव आरुहे. यत्वे सिया, पुदि पडिसेवियं, पुट्विं आलोइयं पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचिय, आलोएमाणरस सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्टविए णिव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया // 20 // बहवे पारि Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 888 अनंगपविट्ठसुत्ताणि हारिया बहवे अपारिहारिया इच्छेजा एगयओ अभिणिसेज्जं वा अभिणिसीहियं वा चेएत्तए, णो ण्हं कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता एगयओ अभिणिसेज्जं वा अभिणिसीहियं वा चेएत्तए, कप्पइ ण्हं थेरे आपुच्छित्ता एगयओ अभिणिसेज्जं वा अभिणिसीहियं वा चेएत्तए, थेरा य ण्हं से वियरेजा एव ण्हं कप्पइ एगयओ अभिणिसेज्जं वा अभिणिसीहियं वा चेएत्तए, थेरा य ण्हं से णो वियरेजा एव ण्हं णो कप्पइ एगयओ अभिणिसेज्जं वा अभिणिसीहियं वा चेएत्तए, जो णं थेरेहि अविइण्णे अभिणिसेज्ज वा अभिणिसीहियं वा चेएइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 21 // परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य से सरेजा, कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जणं 2 दिसं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं 2 दिसं उवलित्तए, णो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए तंसि च णं कारणंसि णिट्ठियंसि पसे वएजा-वसाहि अज्जो! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ से संतरा छेए वा परिहारे वा // 22 // परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य णो सरेजा, कप्पइ,से णिव्विसमाणस्स एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसिं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, णो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि णिट्ठियंसि परो वएजा-वसाहि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 23 // परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य से सरेजा वा णो सरेजा वा कप्पइ से णिव्विसमाणस्स एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, णो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तांस च णं कारणंसि णिट्ठियसि परो वएजा-वसाहि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कम्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 24 // जे भिक्खू य गणाओ अवकम्म एगल्लविहार Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 1 . 886 पडिमं उपसंपज्जित्ताणं विहरेजा से य इच्छेजा दोच्च पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 25 // गणावच्छेइए य गणाओ अवकम्म एगल्लविहारपडिमं उपसंपज्जित्ताणं विहरेजासे य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए,पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 26 // एवं आयरियरवन्झाए य गणाओ अवक्कम्म एगलविहारपडिम उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा,से य इन्छेजा दोनच पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, पुणो आलोए जा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 27 // भिक्खू य गणाओ अबक्कम पासस्थविहारं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्च पि तमेव गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अस्थि या इत्थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिकमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 28 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म अहाछंदविहारं उपसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अस्थि या इत्थ सेसे,पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उक्ट्ठाएजा // 29 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म कुसीलविहारं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेज्जा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जिताणं विहरित्तए, अस्थि या इत्थ सेसे, पुणो आलोए जा पुणो पडिकंमेजा पुणो ठेयपरिहारस्स उठाए जा // 30 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म ओसण्णविहारं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अस्थि या इत्थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिकमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 31 // भिवखू य गणाओ अवकम्म संसत्तविहारं उवसंपज्जिताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अत्थि या इत्थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिकमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा // 32-1 // भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म परपासंडपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णत्थि णं तस्स तप्पत्तियं केइ छेए वा परिहारे वा णण्णत्थ एगाए आलोयणाए // 32-2 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म ओहावेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णस्थि णं तस्स के इ छए वा परिहारे वा णण्णत्थ एगाए सेहोवट्ठावणियाए // 33 // भिव खू य अण्णयरं अंकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता इच्छेजा आलोएत्तए, जत्थेव अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेजा, तेसंतियं आलोएंजा पडिकमेजा णिदेजा गरहेजा विउद्देजा विसोहेज्जा Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 860 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . अकरणयाए अब्भुटेजा अहारिहं तवोकम्मं पायच्छित्तं पडिवज्जेजा // 34 // णो चेव अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेजा, जत्थेव संभोइयं साहम्मियं पासेजा बहुस्सुयं बब्भागमं तस्संतियं आलोएज्जा जाव पडिवज्जेज्जा // 35 // णो चेव णं संभोइयं साहम्मियं पासेजा वहस्सुयं बब्भागमं जत्थेव अण्णसंभोइयं साहम्मियं पासेजा बहुस्तुयं बन्भागमं, तस्संतियं आलोएजा जाव पडिवज्जेजा // 36 // णो चेव णं अण्णसंभोइयं पासेजा बहुस्सुयं बब्भागमं नत्थेव सारूवियं पासेजा बहुस्सुयं बभागम, तस्संतियं आलोए जा जाब पडिवज्जेजा // 37-1 // णो चेव ण सारूवियं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागम, जत्थेव समगोवासगं पच्छाकडं पासेजा बहस्सुयं बब्भागमं, कप्पइ से तस्संतिए आलोएत्तए वा पडिक्कमेत्तए वा जाव पायच्छित्तं पडिवज्जेत्तए वा // 37-2 / / णो चेव णं समणोवासगं पच्छाकडं पासेजा बहुस्सुयं बब्भागम, जत्थेव समभावियाई चेइयाइं पासेजा, कप्पइ से तस्संतिए आलोएत्तए वा पडिकमेत्तए वा जाव पायच्छित्तं पडिवज्जेत्तए वा // 38 // णो चेव समभावियाई चेइयाई पासेजा, बहिया गामस्स वा णगरस्स वा णिगमस्स वा रायहाणीए वा खेडस्स वा कब्बडस्स वा मडंबस्स वा पट्टणस्स वा दोणमुहस्स वा आसमस्स वा संवाहस्स वा संणिवेसस्स वा पाईणाभिमुहे वा उदीणाभिमुहे वा करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वएजा-एवइया मे अवराहा, एवइक्खुत्तो अहं अवरो। अरहंताणं सिद्धाणं अंतिए आलोएजा जाव पडिवज्जेजासि // 39|| त्ति-बेमि // ववहारस्स पढमो उद्देसओ समत्तो // 1 // . ववहारस्स बिइओ उद्देसओ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, ठवणिज्जं ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं // 40 // दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, दो वि ते अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता एगे णिव्विसेजा, अह पच्छा से वि णिव्विसेजा // 41 / / बहवे साहम्मिया एगयओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, ठवणिज्ज ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं॥४२॥बहवे साहम्मिया एगयओ विहरंति, सव्वे वि ते अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता अवसेसा णिव्विसेजा, अह पच्छा से वि णिव्विसेजा / / 43 // परिहार Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 861 ववहारो उ. 2 कप्पट्ठिए भिक्खू गिलायमाणे अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, से य संथरेजा ठवणिज्जं ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं // 44 // से य णो संथरेजा अणुपरिहारिएणं करणिज्जं वेयावडियं, से तं अणुपरिहारिएणं कीरमाणं वेयावडियं साइ. ज्जेजा, से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया // 45 // परिहारकप्पट्ठियं भिव गिलायमाणं णो कम्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियब्वे सिया // 46|| अणवठ्ठप्पं भिवां गिलायमाणं णो कापइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियत्वे सिया // 47 // पारंचियं भिक्खु गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयरस णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टविरत्वे सिया // 48 // खितचित्तं भिक्खु गिलायमाणं णो कम्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहितए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियध्वे सिया // 49 / / दित्तचित्तं भिव गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावड़ियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 50 // जक्खाइटुं भिवखु गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिजहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्सं अहालहुसए णामं क्वहारे पट्टवियत्वे सिया // 51 // उम्मायपत्तं भिक्खु गिलायमाणं णो कम्पइ तस्स गणावच्छेइयरस णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुव को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 52 // उवसग्गपत्तं भिक्खु गिलायमाणं णों कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जू हित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुबको, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 53 // साहिगरणं भिव खु गिलायमाणं जो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्ठवियत्वे सिया // 54 // सपायच्छित्तं भिवखु गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणा Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ in 892 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . वच्छेइयस्स णिज्जू हित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियत्वे सिया // 55 // भत्तपाणपडियाइक्खित्तं भिक्खुं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेक्यस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 56 // अट्ठजायं भिक्खु गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 57 // अणवठ्ठप्पं भिव अगिहिभूयं णो कप्पड तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए // 58 // अणवठ्ठप्पं भिक्खू गिहिभूयं कम्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए // 59 // पारंचियं भिक्खु अगिहिभूयं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए // 60 // प्रारंचियं भिक्खू गिहिभूयं कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए // 61 // अणवठ्ठप्पं भिक्खू पारंचियं वा भिक्खुं अगिहिभूयं वा गिहिभूयं वा कम्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए, जहा तस्स गणस्स पत्तियं सिया // 62 // दो साहम्मिया एगओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा-अहं णं भंते ! अमुएणं साहुणा सद्धिं इमम्मि कारणम्मि पडिसेवी, से य पुच्छियव्वे किं पडिसेवी ? से य बएजा-पडिसेवी, परिहारपत्ते, से य वएजा-णो पडिसेवी, णो परिहारपत्ते, जं से पमाणं वयइ से पमाणाओ घेयव्वे, से किमाहु.भंते (!)? सच्चपइपणा ववहारा // 63 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म ओहाणुप्पेही वज्जेजा, से य(आहच) अणोहाइए इच्छेन्जा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, तत्थ णं थेराणं इमेयारूवे विवाए समुप्पज्जित्था-इमं भो ! जाणह किं पडिसेवी ? से य पुच्छ्यिव्वे, किं पडिसेवी ? से य वएजा-पडिसेवी, परिहारपत्ते, से य वए जा–णो पडिसेवी, णो परिहारपत्ते, जं से पमाणं वयइ से पमाणाओ घेयन्वे, से किमाहु भंते ? सच्चपइण्णा ववहारा // 64 // एगपक्खियस्स मिक्खुस्स कप्पइ आयरियउबज्झायाणं इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दि सित्तए वा धारेत्तए वा, जहा वा तस्स गणस्स पत्तियं सिया // 65 // बहवे परिहारिया बहवे अपरिहारिया इच्छेजा एगयओ एगमा वा दुमासं वा तिमासं वा चउमासं वा पंचमासं वा छम्मासं पावत्थए, ते अण्णमण्णं संभुजंति अण्णमण्णं णो संभुजति(एग) मास(..'मासंते), तओ पच्छा सव्वे वि एगयओ Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 3 863 संभुजं.ते // 66 // परिहारकप्पट्ठियस्स भिक्खुस्स णो कप्पइ असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दाउं वा अणुप्पदाउं वा, थेरा य णं वएजा-इमं ता अज्जो! तुम एएसिं देहि वा अणुप्पएहि वा, एवं से कप्पइ दाउं वा अणुप्पदाउं वा, कप्पइ से लेवं अणुजाणावेत्तए, अणुजाणह तं लेवाए ? एवं से कप्पइ लेवं समासेवित्तए॥६७॥ परिहारकम्पट्टिए भिक्खू सएणं पडिग्गहेणं बहिया अप्पणो वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य णं वएजा-पडिग्गाहे(हि) अज्जो ! अहं पि भोक्खामि वा पाहामि वा, एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए, तत्थ णो कप्पइ अपरिहारिएणं परिहारियस्स पडिग्गहंसि असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा भोत्तए वा पायए वा, कप्पइ से सयंसि वा पडिग्गहंसि वा सयंसि वा पलासगंसि वा सयंसि वा कमढगंसि वा सयंसि वा खुव्वगंसि वा पाणिसि वा उद्धट्ट 2 भोत्तए वा पायए वा, एस कप्पो अपरिहारियस्स परिहारियाओ // 68 // परिहारकप्पट्टिए भिक्खू थेराणं पडिग्गहएणं बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य णं वएजा-पडिग्गाहे अज्जो ! तुमं पि पच्छा भोक्खसि वा पाहिसिं वा, एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए, तत्थ णो कप्पइ परिहारिएणं अपरिहारियस्स पडिग्गहंसि असणं वा पाणं बा खाइमं वा साइमं वा भोत्तए वा पायए वा, कप्पइ से सयंसि वा पडिग्गहंसि वा, सयंसि पलासगंसि वा, सयंसि. कमढगंसि वा, संयंसि वा खुव्वगंसि वा, पाणिंसि वा उद्धट्ट उद्धट्ट भोत्तए वा पायए वा, एस(लेस)कप्पो परिहारियस्स अपरिहारियाओ // 69 // त्ति-बेमि // ववहारस्स बिइओ उद्देसओ समत्तो // 2 // __ ववहारस्स तइओ उद्देसओ ___मिक्खू य इच्छेजा गणं धारेत्तए, भगवं च से अपलिच्छ(पणे)ए, एवं णो से कप्पइ गणं धारेत्तए, भगवं च से पलिच्छण्णे, एवं से कप्पइ गणं धारेत्तए // 70 // भिक्खू य इच्छेजा गणं धारेत्तए,णो से कप्पइ थेरे अणापुच्छित्तागणं धारेत्तए,कप्पइ से थेरे आपुच्छित्ता गणं धारेत्तए,थेरा य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ गणं धारेत्तए थेरा य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ गणं धारेत्तए, जण्णं थेरेहिं अविइण्णं गणं धारेजा, से संतरा छेओ वा परिहारो वा [साहम्मिया उडाए विहरंति णत्थि णं तेसिं केइ छेओ वा परिहारो वा] // 71 // तिवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पण्णत्तिकुसले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खया Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 864 अनंगपविट्ठसुत्ताणि यारे अभिण्णायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारे बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं आयारपकप्पधरे कप्पइ उवज्झायत्ताए उदिसित्तए // 72 // सच्चेव णं से तिवासपरियाए समणे णिग्गंथे णो आवारकुसले णो संजमकुसले णो पवयणकुसले णो पण्णत्तिकुसले णो संगहकुसले णो उवग्गहकुसले खयायारे भिण्णायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारे अप्पसुए अप्पागमे णो कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए / / 73 // पंचवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवरणवु.सले पण्णन्तिकु.सले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे अभिण्णायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारे बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं द(स)साकप्पववहारघरे कप्पइ आय रिय उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 74 // सच्चेव णं से पंचवासपरियाए समणे णिगंथे णो आयारकु सले णो संजमकुसले णो पवयणकुसले णो पण्णत्तिकुसले णो संगहकुसले को उवग्गवु सले खयायारे भिण्णायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारे अप्पसुए अप्पागमे णो कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 75 // अट्ठवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पण्णत्तिकुसले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे अभिण्णायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारे बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं ठाणसमवायधरे कम्पइ आयरियत्ताए जाव गणावच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए // 76 // सच्चेव णं से अट्ठवासपरियाए समणे णिग्गंथे णो आयारकुसले णो संजमकुसले णो पवयणकुसले णो पण्णत्तिकुसले णो संगहकुसले णो उवग्गहकुसले खयायारे भिण्णायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारे अप्पसुए अप्पागमे णो कप्पइ आयरियत्ताए जाव गणावच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए // 77 // णिरुद्धपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ तद्दिवसं आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए, से किमाह भंते! अत्थि णं थेराणं तहारूवाणि कुलाणि कडाणि पत्तियाणि थेजाणि वेसासियाणि संमयाणि सम्मुइकराणि अणुमयाणि बहुमयाणि भवंति, तेहिं कडेहिं तेहिं पत्तिएहिं तेहिं थेज्जेहिं तेहिं वेसासिएहि तेहिं संमएहिं तेहिं सम्मुइकरेहि तेहिं अणुमएहिं तेहिं बहुमएहिं जं से णिरुद्धपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए तद्दिवसं // 78 // णिरुद्धवासपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए समुच्छेयकप्पंसि,तस्स णं आयारपकप्पस्स देसे अवट्ठिए,से य अहिज्जिस्सामित्ति अहिज्जेजा, एवं से कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए,से य अहिज्जिस्सामित्ति णो अहिज्जेजा, एवं से णो कप्पड आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 79 // णिग्गंथस्स णं Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 3 865 नवडहरतरुणस्स आयरियउवज्झाए वी(सु)संभेजा,णो से कम्पइ अणाय रियउवज्झायस्स होत्तए,कप्पइ से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ पच्छा उवज्झायं,से किमाहु भंते ? दुसंगहिए समणे णिग्गंथे, तंजहा-आयरिएणं उवज्झाएण य // 80 // णिग्गंथीए णं नवडहरतरुणीए आयरियउवज्झाए प(वि)वत्तिणी य बीसंभेजा,णो से कप्पइ अणायरिय उपज्झाइयाए अप वत्तिणीए होत्तए, कप्पइ से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ उवज्झायं तओ पच्छा पवत्तिणिं, से किमाहु भंते ! तिसंगहिया समणी णिग्गंथी, तंजहा-आयरिएणं उवज्झाएणं पवत्तिणीए य।८। भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म मेहुणधम्मं पंडिसेवेजा, तिण्डिा संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं बा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा,तिहिं संवच्छरेहिं वीइककंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्टियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से जाव कप्पह आयरियत्तं वा गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा।८२। गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेजा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 83 // गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं णिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेजा, तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा नाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा,तिहिं संवच्छेरोहिं वीइक्कंतहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 84 // आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्त अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेवेजा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तिय णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दि सित्तए वा धारेत्तए वा // 85 // आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं णिविखवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेजा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा,तिहिं संवच्छरोह वीइवकंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 86 // भिक्खू य गणाओ अबकम्म ओहायइ, तिण्णि संवच्छराणि तस्त तप्पत्तियं णो कप्यइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहि संवच्छरेहि वीइकंतहि च उत्थगंति संवच्छरंसि पट्टियंसि ठियस्स उवसंतस्स Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 866 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइ. यत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 87 // गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता ओहाएजा जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कम्पह आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 88 // गणावच्छेइएं गणावच्छेइयत्तं णिक्विवित्ता ओहाएजा,तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं णो कप्पड आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरोहिं वीइव कंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 89 // आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं अणिविर वित्ता ओहाएजा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कप्पड आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए बा // 90 // आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता ओहाएजा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरोहिं वीइक्कंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स णिव्विकारस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 91 // भिक्खू य बहुस्सुए बब्भागमे बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जाधज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 92 / / गणावच्छेइए बहुस्सुए बब्भागमे बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसुमाई मुसावाई असुई पावजीवी, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 93 // आयरियउवज्झाए बहुस्सुए बभागमे बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावर्ज.वी, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए // 94 // बहवे भिक्खुणो बहुस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पांवीवी, जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वाजाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 95 // बहवे गणावच्छेइया बहुस्सुया बब्भागमा बहुसो बहसु आगाढागाढे कारणेसु माई मुसावाई असुई. पावजीवी, जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 96 / / बहवे Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 4 897 आयरियउक्ज्झाया बहस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा 'जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 97 // बहवे भिक्खुणो बहवे गणावच्छेइया बहवे आयरियउवज्झाया बहुस्सुया बभागमा बहुसो बहुसु आगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावजवाए तेसिं तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 98 // त्ति-बेमि // ववहारस्स तइओ उद्देसओ समत्तो॥३॥ ववहारस्स चउत्थो उद्देसओ णो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स एगाणियस्स हेमंतगिम्हासु चरि(त)ए // 99 // कम्पइ आयरियउवज्झायस्स अप्पविइयस्स हेमंतगिम्हासु चरि(चार)ए // 10 // णो कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पबिइयस्स हेमंतगिम्हासु चरिए // 101 // कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पतइयस्स हेमंतगिम्हासु चरिए // 102 // णो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स अप्पबिइयस्स वासावासं वत्थए // 103 // कप्पइ आयरियरवज्झायस्स अप्पतइयस्स वासावासं वत्थए // 104 // णो कप्पइ गणावच्छेइयरस अप्पतइयस्स वासावासं वत्थए // 105 // कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पच उत्थरस वासावासं वत्थए // 106 // से गामंसि वा णगरंसि वा णिगमंसि वा रायहाणीए वा खेडंसि वा कब्बडंसि वा मडंबंसि वा पट्टणंसि वा दोणमुहंसि वा आसमंसि वा संवाहंसि वा संणिवेसंसि वा बहूणं .आयरियउवज्झायाणं अप्पबिइयाणं बहूणं गणावच्छेइयाणं अप्पतइयाणं कप्पइ हेमंतगिम्हासु चरिए अण्णमण्णं णिस्साए // 107 // से गामंसि वा. णगरंसि वा णिगमंसि वा रायहाणिए वा खेडंसि वा कल्बडंसि वा मडंबंसि वा पट्टणंसि वा दोणमुहंसि वा आसमंसि वा संवाहंसि वा संणिवेसंसि वा बहूणं आयरियउवज्झायाणं अप्पतइयाणं बहूणं गणावच्छेइयाणं अप्पचउत्थाणं कप्पइ वासावासं वत्थए अण्णमण्णं हिस्साए // 108 // गामाणुगामं दूइजमाणे भिक्खू य नं पुरओ कट्ट विहरेजा से य आहच्च वीसंभेजा, अस्थि या इत्थ अण्णे केइ उवसंपजणारिहे कप्पइ से उवसंपज्जियव्वे, णत्थि या इत्थ अपणे केइ उवसंपजणारिहे, तस्स अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दि(सिं)सं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं तणं दिसं उवलित्तए, जो कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पह से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविटुसुत्ताणि णं कारणंसि णिट्टियसि परो वएज्जा-वसाहि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पह एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा केए वा परिहारे वा // 109 // वासावासं पज्जोसविए भिव खू य जं पुरओ कट्ट विहरेजा से य आहच्च वीसंभेजा, अत्थि या इत्थ अण्णे केइ उवसंपजणारिहे से उवसंपज्जियत्वे, णत्थि या इत्थ अण्णे केइ उवसंपन्जणारिहे, तस्स अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जण जण्णं दिसं अण्णे साहम्मिया विहरं ति तण्णं त दिसं उवलित्तए, णो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वन्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि णिट्टियंसि परो वएजा-वसाहि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 110 // आयरियउवज्झाए गिलायमाणे अण्णयरं वएजा अज्जो ! ममंसि णं कालगयंसि समाणं सि अयं समुक्क सियव्वे, से य समुक्कसणांरिहे समुक्कसियव्वे से य णो समुक्कसणारिहे णो समुक्क सियव्वे, अस्थि या इत्थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे से समुक्कसियत्वे, णस्थि या इन्थ अणे केइ समुक्कसणारिहे से चेव समुक्कसियत्वे, तंसि च णं समुक्किटुंसि परो वएजादुस्समुक्किटुं ते अज्जो ! णिक्खिवाहि, तस्स णं णिक्खिवमाणस्स णत्थि केइ छेए वा परिहारे वा जे साहम्मिया अहाकप्पेणं णो उठाए विहरंति सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छेए बा परिहारे वा॥ 111 // आयरियउवज्झाए ओहायमाणे अण्णयरं वएजा-अज्जो ! ममंसि णं ओहावियंसि समाणंसि अयं समुद्व सियत्वे, से य समुक्कसणारिहे समुक्कसियव्वे, से य णो समुक्कसणारिहे णो समुव सियत्वे, अस्थि या इत्थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे समुक्कसियव्वे, णत्थि या इत्थ अण्णे वे इ समुक्कसणारिहे से चेक समुक्कसियत्वे, तंसि च णं समुक्विटुंसि परो वएजा-दुस्समुक्किट्ठ ते अज्जो ! णिक्खिवाहि, तस्स णं णिक्खिवमाणस्स णत्थि केइ हेए वा परिहारे वा, जे साहम्मिया अहाकप्पेणं णो उट्ठाए विहरंति सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छए वा परिहारे वा // 112 // आयरियउवज्झाए सरमाणे परं जाव चउरायचरायाओ कप्पागं भिवखं णो उवट्ठावेइ कप्पाए, अस्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, णस्थि से केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 4 866 कप्पए, से.संतरा छेए वा परिहारे वा // 113 // आयरियडवज्झाए असरमाणे परं चउरायपंचरायाओ कप्पागं भिवखं णो उवट्ठावेइ कप्पाए, अत्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, णस्थि से केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, से संतरा हेए वा परिहारे वा // 114 // आयरियट्वज्झाए सरमाणे वा असरमाणे वा परं दसरायकप्पाओ व.प्पागं भिक्खू णो उवट्ठावेइ कप्पाए, अस्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, णत्थि से केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि या इत्थ से केइ माणणिज्जे क.प्पाए संवच्छरं तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा उवज्झायरा वा पक्त्तयत्तं वा थेरत्तं वा गणित्तं वा गणहरत्तं वा गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए // 115 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, तं च केइ साहन्मिए पासित्ता वएजा-कं अज्जो ! उवसंपज्जित्ताणं विहरसि ? जे तत्थ सव्वराइणिए तं बए जा, अह भंते ! करस कप्पाए ? जे तत्थ सव्वबहुस्सुए तं वएजा, जं वा से भगवं वक्खइ तस्स आणाउववायवयणणिद्देसे .चिट्ठिस्सामि || 116 // बहवे साहम्मिया इच्छेज्जा एगयओ अभिणिचारियं चारए, णो ण्हं कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता एण्यओ अभिणिचारियं चारए, कप्पइ ण्हं थेरे आपुच्छित्ता एर.यओ अभिणिचारियं चारए, थेरा य से वियरेजा ए(वं)वण्हं कप्पइ एगयओ अभिणिचारियं चारए, थेरा य से णो वियरेजा एव ण्हं णो कप्पइ एगयओ अभिणिचारियं चारए, जं तत्थ थेरेहिं अविइण्णे अभिणिचारियं चरंति, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 117|| चरियापविढे भिक्खू जाव चउरायपंचरायाओ थरे पासेजा,सच्चेव आलोयणा सच्चेव पडिकमणा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे // 118 // चरियापविढे भिक्खू परं चउरायपंचरायाओ थेरे पासेजा, पुणो आलोए जा पुणो पडिकमज्जा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा, भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया,अणुजाणह भंते ! मिओग्गहं अहालंदं धुवं णितियं णिच्छइयं वेउट्टियं, तओ पच्छा कायसंफासं // 119 // चरियाणियट्टे भिव खू जाव चउरायपंचरायाओ थेरे पासेजा,सच्चेव आलोयणा सच्चेव पडिक्कमणा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे // 120 // चरियाणियट्टे भिवखू परं चउरायपंचरायाओ थरे पासेजा, पुणो आलोएजा, पुणो पडिक मेजा, पुणो छेयपरिहारस्स उवट्टाएजा, भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुयणवेयव्वे सिया / अणुजाणह भंते ! Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 900 अनंगपविटुसुत्ताणि मिओग्गहं अहालंदं धुवं णितियं णिच्छइयं वेउट्टिय,तओ पच्छा कायसंफासं // 121 // दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, तंजहा-सेहे य राइणिए य, तत्थ सेहतराए पलिच्छण्णे, राइणिए अपलिच्छण्णे, सेहतराएणं राइणिए उवसंपज्जियत्वे,भिवखोक्वायं च दलयइ कप्पागं // 122 // दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, तंजहा-सेहे य राइणिए य, तत्थ राइणिए पलिच्छण्णे, सेहतराए अपलिच्छण्णे, इच्छा राइणिए सेहतरागं उवसंपजइ इच्छा णो उवसंपजइ, इच्छा भिक्खोववायं दल्यइ व. पागं इच्छा णो दलयइ कप्पागं // 123 // दो भिक्खुणो एगयओ विहरंति, णो ण्हं कप्पड अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पड ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 124 // दो गणावच्छेइया एगयओ विहरंति, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं. विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 125 // दो आयरिय उवज्झाया एग्यओ विहरंति, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 126 // बहवे भिवखुणो एगयओ विहरंति, णो ण्हं कम्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 127 // बहवे गणावच्छेइया एगयओ विहरंति, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कम्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 128 // बहवे आयरियउवज्झाया एगयओ विहरंति,णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ एहं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 129 // बहवे भिक्खुणो बहवे गणावच्छेइया बहवे आयरियउवज्झाया एगयओ विहरं ति, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइंणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 130 // त्ति-बेमि // ववहारस्स चउत्थो उद्देसओ समत्तो / / 4 // ___ ववहारस्स पंचमो उद्देसओ ___णो कप्पा पवत्तिणीए अप्पबिइयाए हेमंतगिम्हासु चारए // 131 // कप्पड़ पवत्तिणीए अप्पतइयाए हेमंतगिम्हासु चारए // 132 // णो कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पतइयाए हेमंतगिम्हासु चारए // 133 // कप्पइ गणावच्छेइणीएं अप्पचउत्थाए Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 5 901 हेमंतगिम्हासु- चारए / / 134 // णो कप्पइ पवत्तिणीए अप्पतइयाए वासावासं वत्थए / 135 / / कप्पह पवत्तिणीए अप्पच उत्थाए वासावासं वत्थए // 136 // णी कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पचउत्थाए वासावासं वत्थए // 137 // कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पपंचमाए वासावासं वत्थए / 138 // से गामंसि वा णगरंसि वा णिगमंसि वा रायहाणिसिं वा बहूणं पवत्तिणीणं अप्पतइयाणं बहूणं गणावच्छे इणीणं अप्पचउत्थाणं कप्पइ हेमंतगिम्हासु चारए अण्णमण्णं णी(णिस्)साए // 139 // से गामंसि वा णगरंसि वा णिगमंसि वा रायहाणिसि वा बहूणं पवत्तिणीणं अप्पचउत्थाणं बहूणं गणावच्छेइणीणं अप्पपंचमाणं कप्पइ वासावासं वत्थए अण्णमण्णं णीसाए // 140 // गामाणुगामं दूइजमाणी णिग्गंथी य जं पुरओ काउं विहरइ सा आहच्च वीसंमेजा, अस्थि या इत्थ काइ अण्णा उवसंपजणारिहा सा उवसंपज्जियव्वा, गत्थि या इत्थ काइ अण्णा उवसंपजणारिहा तीसे य अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ सा एगराइयाए पडिमाए जणं जण्णं दिसं अण्णाओ साहम्मिणीओ विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, णो सा कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए,कप्पइ सा तत्थ कारणवत्तियं वत्थए,तंसि च णं कारणंसि णिट्ठियसि परो वएजा-वसाहि अज्जो!एगरायं वा दुरायं वा,एवं सा कप्पइ एगरायं वा दुरायं बा वत्थए, णो सा कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ बा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, सा संतरा छेए वा परिहारे वा // 141 // वासावासं पज्जोसविया णिग्गंथी य नं पुरओ काउं विहरइ सा आहच्च वीसंभेजा, भत्थि या इत्थ काइ अण्णा उवसंपनणारिहा सा उवसंपज्जियव्वा, पत्थि या इत्थ काइ अण्णा उवसंपजणारिहा तीसे य अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ सा एगराइयाए पडिमाए जणं अण्णं दिसं अण्णाओ साहम्मिणीओ विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, गो सा कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ सा तत्थ कारणपत्तिय वत्थए, तंसि च णं कारणंसि णिट्ठियंसि परो वएजा-वसाहि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं सा कापड एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो सा कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा बसइ, सा संतरा.छेए वा परिहारे वा // 142 // पवत्तिणी य गिलायमाणी अण्णयरं वएजामए णं अज्जो ! कालगयाए समाणीए अयं समुक्कसियव्वा, सा य समुक्कसणारिहा समुक्कसियव्वा, सा य णो समुक्कसणारिहा णो समुक्कसियव्या, अस्थि या इत्थ अण्णा Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 602 अनंगपविट्ठसुत्ताणि काइ समुक्कसणारिहा सा समुक्कसियव्वा, णत्थि या इत्थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा चेव समुक्कसियव्वा, ताए व णं समुक्किट्ठाए परो वएजा-दुस्समुक्कि8 ते अज्जे! णिख्विाहि ताए णं णिक्खिवमाणाए णस्थि केइ छेए वा परिहारे वा, जाओ, साहम्मिणीओ अहाकप्पं जो उट्टाए विहरंति सव्वासिं तासिं तप्पत्तियं छेए वा परि. हारे वा // 143 / / पवत्तिणी य ओहायमाणी अण्णयरं वएजा-मए णं अज्जो ! ओहावियाए समाणीए अयं समुक्कसियव्वा, सा य समुक्कसणारिहा समुक्कसियव्वा, सा य णो समुक्कसणारिहा णो समुक्कसियव्वा, अत्थि या इत्थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा समुक्कसियव्वा, णत्थि या इत्थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा चेव समुक्कसियव्वा, ताए व णं समुक्किट्ठाए परो वएजा-दुस्समुक्किटं ते अज्जे ! णिक्खिवाहि ताए णं णिक्खिवमाणाए णत्थि केइ छेए वा परिहारे वा, जाओ साहम्मिणीओ अहाकप्पं णो उठाए विहरंति सव्वासिं तासिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा // 144|| णिग्गंथस्स णवडहरतरुणस्स आयारपकप्पे णामं अज्झयणे परिभट्टे सिया, से य पुच्छियव्वे, केण ते अज्जो ! कारणेणं आयारपकप्पे णामं अज्झयणे परिन्भटे, किं आबाहेणं पमाएणं से य बएजा-णो आबाहेणं पमाएणं, जावज्जी(वाए)वं तस्स तप्पत्तियं णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, से य वएजा-आबाहेणं णो पमाएणं, से य संठवेस्सामीति संठवेजा, एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, से य संठवेस्सामीति णो संठवेजा, एवं से णो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 145 / / णिग्गंथीए (णं) णवडहरतरुणाए आयारपक्कप्पे णामं अज्झयणे परिन्भटे सिया, रा य पुच्छ्यिव्वा, केण भे कारणेणं आयारपकप्पे णामं अज्झयणे परिब्भटे किं आबाहेणं पमाएणं ? सा य वएजाणो आवाहेणं पमाएण, जावज्जीवं तीसे तप्पत्तियं णो कम्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, सा य वएजा-आबाहेणं णो पमाएणं, सा य संठवेस्सामीति संठवेजा, एवं से कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइ. णित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, सा य संठवेस्सामीति णो संठवेजा, एवं से णो कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 146 / / थेराणं थेरभूमिपत्ताणं आयारपकप्पे णामं अज्झयणे परिन्भटे सिया, कप्पइ तेसिं संठवेत्ताण वा असंठवेत्ताण वा आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 6 603 वा धारेत्तए वा // 147 // थेराणं थेरभूमिपत्ताणं आयारपकप्पे णामं अज्इ यणे परिभट्टे मिया, कप्पइ तेसिं संणिसण्णाण वा संतुयाण वा उत्ताणयाण वा पारिल्लयाण वा आयारपकप्पं णामं अज्झयणं दोच्चं पि तच्च पि पडिपुच्छित्तए वा पडिसारेत्तए वा // 148 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए, अत्थि या इत्थ ण्हं केइ आलोयणारिहे, कप्पइ ण्हं तस्स अंतिए आलोहत्तए, णत्थि या इत्थ ण्हं केइ आलोयणारिहे, एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए // 149 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पड अण्णमण्णेणं वेयावच्चं कारवेत्तए, अत्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे कप्पइ ण्हं तेणं वेयावच्चं कारवेत्तए, णत्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णेणं वेयावच्च कारवेत्तए: // 150 // णिग्गंथं च णं राओ वा वियाले वा दीहपट्ठो लूसेज्जा, इत्थी वा पुरिसस्स ओमावेजा पुरिसो वा इत्थीए ओमावेजा, एवं से कप्पइ, एवं से चिट्ठइ, परिहारं च से ण(णो) पाउणइ-एस कप्पे थेरकप्पियाणं, एवं से णो कप्पइ, एवं से णो चिट्ठइ, परिहारं च णो पाउणइ-एस कप्पे जिणकप्पियाणं // 151 // त्ति-बेमि // ववहारस्स पंचमो उद्देसओ समत्तो // 5 // .ववहारस्स छट्ठो उद्देसओ भिक्खू य इच्छेजा गायविहं एत्तए, णो से कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता णायविहं - एत्तए, कप्पद से थेरे आपुच्छित्ता णायविहं एत्तए, थेरा य से वियरेजा, एवं से कप्पइ णायविहं एत्तए, थेरा य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ णायविहं एत्तए, जे तत्थ थेरेहिं अविइण्णे णायविहं एइ, से संतरा हैए वा परिहारे वा.॥ 152 // णो से कप्पह अप्पसुयस्स अप्पागमस्स एगाणियस्स णायविहं एत्तए // 153 / / कप्पइ से जे तत्थ बहुस्सुए बब्भागमे तेण सद्धिं णायविहं एत्तए // 154 / / तत्थ से पुवागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते मिलिंगसूवे, कप्पइ से चारलोदणे पडिग्गाहेत्तए, णो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए // 155 // तत्थ से पुव्वागमणेणं पुवाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चारलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडि. ग्गाहेत्तए, णो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए // 158 // तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पुवाउत्ते कप्पइ से दो वि पडिग्गाहेत्तए // 157 // तत्थ से पुव्वागमणेणं Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 604 अनंगपविठ्ठसुनामि दो वि पच्छाउत्ते णो से कप्पइ दो वि पडिग्गाहेत्तए // 158 // जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पुवाउत्ते से कम्पइ पडिग्गाहेत्तए // 159 // जे से तत्थ पुवागमणेणं पच्छाउत्ते णो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए // 160 // आयरियउवज्झायस्स गणंसि पंच अइसेसा पण्णत्ता, तंजहा-(१) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स पाए णिगिज्झिय 2 पप्फोडेमाणे वा पमज्जेमाणे वा णो अ(णा)इक्कमइ // 161 // (2) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स उच्चारपासवणं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा णो अइक्कमइ // 162 // (3) आयरियउवज्झाए पभू वेयावडियं इच्छा करेजा इच्छा णो करेजा // 163 // (4) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स एगरायं का दुरायं का समाणे णो अइकमइ / / 164 / / (5) आयरियउज्झाए शाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे णो अइकमइ / / 165 / / गणावच्छेइयस्स णं गणंसि दो अइसेसा प०, तं०-(१) गणावच्छेइए अंतो. उबस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे णो अइक्कमइ // 166 // (2) गणावच्छेइए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे णो अइक्कमइ // 167 // से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए णो कप्पइ बहूणं अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अस्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे णत्थियाइं ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे से संतरा छेए वा परिहारे वा // 168|| से गामंसि वा नाव रायहाणिसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खम. णपवेसणाए णो कप्पइ बहूण वि अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणि संवसइ णत्थि याई ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणिं संवसइ सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छए वा परिहारे वा // 169 // से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसणाए णो कप्पइ बहुसुयस्स बब्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए, किमंग-पुण अप्पागमस्स अप्पस्सुयस्स 1 ॥१७०॥से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए कप्पइ बहुसुयस्स बन्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए दुहओ कालं भिक्खुभावं पडिजागरमाणस्स // 171 // जत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेंति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्कपोग्गले णिग्याएमाणे हत्थकम्मपडिसवणपत्ते आवजइ मालियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 172 // जत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्कपोग्गले Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 605 ववहारो उ. 7 णिग्याएमाणे मेहुणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 175 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्वं तस्स ठाणस्स अणालोयावेत्ता अपडिकमावेत्ता अजिंदावेत्ता अगरहावेत्ता अविउट्टावेत्ता अविसोहावेत्ता अकरणाए अणब्भुट्ठावेत्ता अहारिहं पायच्छित्तं अपडिवज्जावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरिय दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 174 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता पडिक्कमावेत्ता जिंदावेत्ता गरहावेत्ता विउहावेत्ता विसोहावेत्ता अकरणाए अब्भुट्ठावेत्ता अहारिहं पायच्छित्तं पडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा याएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा * // 175 // त्ति-बेमि // ववहारस्स छट्ठो उद्देसओ समत्तो // 6 // ववहारस्स सत्तमो उद्देसओ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो कप्पइ णिगंथीणं णिग्गंथे अणापुच्छित्ता णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स अणालोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं अपडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए. वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उदिसित्तए वा धारेत्तए वा // 176 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथे आपुच्छित्ता णिग्गथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं पडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभुजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 177 // जे णिग्गंथा य णिग्गंधीओ य संभोइया सिया, कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंधीओ आपुच्छित्ता वा अणापुच्छित्ता वा णिग्गथिं * अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स * अण्णे आयरिसे सुत्तदुगमहिगमुवलब्भइ 174-175 सरिसं, णवरं “णिग्गंथिं" ठाणे “णिग्गंथं " ति / Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 906 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . ठाणस्स आलोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं पडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तं च णिग्गंथीओ णो इच्छेजा, सेवमेव णियं ठाणं // 178 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पइ (णिग्गंधाणं) पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, कप्पइ एहं पच्चक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, जत्थेव अण्णमण्णं पासेजा तत्थेव एवं वएजा-अहं णं अज्जो ! तुमाए सद्धिं इमम्मि कारणम्मि पच्चक्खं संभोगं विसंभोगं करेमि, से य पडित पेजा एवं से णो कप्पइ पच्चक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, से य णो पडितप्पेजा एवं से कप्पइ पच्चक्ख पाडिएषकं संभोइयं विसंभोग करेत्तए॥१७९|| जाओ णिग्गंथीओ वा णिग्गंथा वा संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पइ (णिग्गंथीणं) पच्चक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, कप्पइ ण्हं पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, जत्थेव ताओ अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेजा, तत्थेव एवं वएजा-अह णं भंते ! अमुगीए अजाए सद्धिं इमम्मि कारणम्मि पारोक्खं पाडिएक्कं संभोग विसंभोगं करेमि, सा य से पडितप्पेजा एवं से णो कप्पइ पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, सा य से णो पडितप्पेजा एवं से कप्पइ पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए // 180 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथिं अपणो अट्ठाए पवावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा (सिक्खावेत्तए वा) सेहावेत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संवसित्तए वा संभुंजित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 181 / / कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथिं अण्णेसिं अट्ठाए पवावेत्तए वा जाव संभुंजित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 182 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथं अप्पणो अट्ठाए पवावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा जाव उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 183 // कप्पइ णिग्गंथणं णिग्गंथं णिग्गंथाणं अट्ठाए पव्वावेत्तएं वा मुंडावेत्तए वा जाव उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 184 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं विइकिट्टियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 185 // कप्पइ णिग्गंथाणं विइकिट्ठियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा // 186 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं विइकिट्ठाई पाहुडाई विओसवेत्तए // 187 // कप्पइ णिग्गंथीणं विइकिट्ठाई पाहुडाइं विओसवेत्तए / / 188 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं विइकिट्ठए काले सज्झायं करेत्तए // 189 // कप्पइ णिग्गंथीणं विइकिट्ठए काले सज्झायं करेत्तए णिग्गंथणिस्साए // 190 // णो कप्पइ णिग्गंथाण Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 8 907 वा णिग्गंथीण चा असज्झाइए सज्झायं करेत्तए // 191 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सज्झाइए सज्झायं करेत्तए // 192 / / णो कप्पइ णिन्नथाण वा णिग्गंथीण वा अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेत्तए, कप्पइ एहं अण्णमण्णस्स वायणं दलइत्तए // 193 / / तिवातपरियाए समणे णिग्गंथे तीसं वासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 194 // पंचवासपरियाए समणे णिन्गंथे सहिवासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ आयरिय(त्ताए)उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 195 / / गामाणुगामं दूइजमाणे भिक्खू य आहच्च वीसभेजा तं च सरीरगं केइ साहम्मिए पासेजा, कप्पइ से तं सरीरगं से ण सागारियमिति कट्ट थंडिले बहुफासुए पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिट्ठवेसए, अस्थि या इत्थ केइ साहन्मियसंतिए उवगरणजाए परिहरणारिहे, कप्पद से सांगारकडं गहाय दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहारेत्तए // 196 // सागारियं उवस्सयं वकएणं पउंजेजा, से य वकइयं वएजा-इमंमि य इमंमि य ओवासे समणा णिग्गंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य णो वएजा, क्कइए वएजा से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते वएजा दो वि सागारिया पारिहारिया // 197|| सागारिए उवस्सयं विक्किणेजा, से य कइयं वएजा-इमंमि य इमंमि य ओवासे समणा णिगंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य णो वएजा, कइए वएजा, से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते वएजा, दो वि सागारिया पारिहारिया // 198 // विवधूया णायकुलवासिणी, सा वि याविं ओग्गहं अगुण्णवेयव्वा, किमंग-पुण पिया वा भाया वा पुत्ते वा, से वि यावि ओग्गहे ओगेण्हियत्वे // 199 / / पहिए वि ओग्गहं अणुण्णवेयव्वे // 200 // से रज(राय)परियट्टेसु संथडेसु अव्वोगडेसु अव्वोच्छिा णेसु अपरपरिग्गहिएसु सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे // 201 / / से रजपरियट्टेसु असंथडेसु वोगडेसु वोच्छिण्णेसु परपरिग्गहिएसु भिवखुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया ॥२०२॥त्ति-बेमि।। ववहारस्स सत्तमो उद्देसओ समत्तो // 7 // ववहारस्स अट्ठमो उद्देसओ .. गाहा(गिह)उ(डु)दूपज्जोसविए, ताए गाहाए ताए पएसाए ताए उवासंतराए जमिणं 2 सेजासंथारगं लभेजा तमिणं तमिणं ममेव सिया, थेरा य से अणुजाणेजा, तस्सेव सिया, थेरा य से णो अणुजाणेजा, एवं से कप्पइ आहाराइणियाए सेजा Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 908 अनंगपविट्ठसुत्ताणि संथारगं पडिग्गाहेत्तए // 203 // से अहालहुसगं सेजासंथारगं गवेसेजा, जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ जाव एगाई वा दुयाहं वा तियाहं वा अद्धाणं परिवहित्तए,एस मे हेमंतगिम्हासु भविस्सइ / / 204 // से य अहालहुसगं सेजासंथारगं गवेसेजा, जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ नाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा अद्धाणं परिवहित्तए, एस मे वासावासासु भविस्सइ // 205 // से अहालहुसगं सेजासंथारगं जाए(गवेसे)जा जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ जाव एगाई वा दुयाहं वा तियाहं वा चउयाहं वा पंचाहं वा दूरमवि अद्धाणं परिवहित्तए, एस मे, बुड्डावासासु भविस्सइ // 206 // थेराणं थेरभूमिपत्ताणं कप्पइ दंडए वा भंडए वा छत्तए वा मत्तए वा लट्ठिया वा भिसे वा चेले वा चेलचिलिमिलिं वा चम्मे वा चम्मकोसे वा चम्मपलिच्छेयणए वा अविरहिए ओवासे ठवेत्ता गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा पविसित्तए वा णिक्वमित्तए वा, कप्पइ ण्हं संणियहचारीणं दोच्चं पि ओग्गह अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहरित्तए / 207 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीणं वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारगं दोच्चं पि ओग्गहं अणणुण्णवेत्ता बहिया णीहरित्तए // 208 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारगं दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता बहिया णीहरित्तए // 209 // णो कम्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारगं सव्वप्पणा अप्पिणित्ता दोच्चं पि ओग्गहं अणणुण्णवेत्ता अहिद्वित्तए, कप्पइ (0) अणुण्णवेत्ता(०)॥ 210 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पुवामेव ओग्गहं ओगिण्हित्ता तओ पच्छा अणुण्णवेत्तए // 211 // कप्पइ णिगंथाण वा णिग्थीण वा पुवामेव ओग्गहं अणुण्णवेत्ता तओ पच्छा ओगिण्हित्तए // 212 // अह पुण एवं जाणेजा, इह खलु णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णो सुलभे पाडिहारिए सेजा संथारए त्ति कट्ट एवं कापड पुव्वामेव ओग्गहं ओगिण्हित्ता तओ पच्छा अणुण्णवेत्तए, मा व(दु)ह(ओ)उ अज्जो० 23 अणुलोमेणं अणुलोमेयव्वे सिया // 213 // णिग्गंथस्स णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स अहालहुसए उवगरणजाए परिब्भटे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय जत्थेव अण्णमण्णं पासेजा तत्थेव एवं वएजा-इमे भे अज्जो ! किं परिणाए ? से य वएजा-परिणाए, तस्सेव पडिणिजाएयव्वे सिया, से य वएजा-णो परिणाए, तं णो अप्पणा परिभुजेजा णो Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 6 अण्णमणस्सं दावए, एगंते बहुफासुए थंडिल्ले परिठ्ठवेयव्वे सिया // 214 // णिग्गंथस्स णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिवखंतस्स अहालहुसए उवगरणजाए परिन्भटे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय जत्थेव अण्णमण्णं पासेजा तत्थेव एवं वएजा-इमे भे अज्जो ! किं परिण्णाए ? से य वएजा-परिणाए, तस्सेव पहिणिजाएयत्वे सिया, से य वएजा-णो परिण्णाए, तं णो अप्पणा परिभुजेज्जा णो अण्णमण्णस्स दावए एगते बहुफासुए थंडिले परिट्टवेयव्वे सिया // 215 // णिग्गंथस्स णं गामाणुगाम दूइजमाणस्स अप्णयरे उवगरणजाए परिभट्टे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय दूरमवि अद्धाणं परिवहित्तए जत्थेव अण्णमण्णं पासेजा तत्थेव एवं वएजाइमे भे अज्जो ! किं परिणाए ? से य वएजा-परिणाए, तस्सेव पहिणिजाए यव्वे सिया, से य वएजा-णो परिणाए, तं णो अप्पणा परिभुजेजा णो अण्णमण्णस्स दावए, एगंते बहुफासुए थंडिल्ले पस्टिवेयव्वे सिया // 216 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अइरेगपडिग्गहं अण्णमण्णस्स अट्ठाए दूरमवि अद्धाणं परिवहित्तए धारेत्तए वा परिग्गहित्तए वा सो वा णं धारेस्सइ अहं वा णं धारेस्सामि अण्णो वा णं धारेस्सइ, णो से कप्पइ ते अणापुच्छिय अणामंतिय अण्णमणेसिं दाउं वा अणुप्पयाउं वा कंप्पइ से ते आपुच्छिय आमंतिय अणमष्णेसिं दाउं वा अणुप्पयाउं वा // 217 // अट्ट कुक्कुडिअंडप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे णिग्गंये अपाहारे,बार(दुवाल)स कुक्कुडिअंडप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारमाणे णिग्गंथे अवडोमोयरिया, सोलस कुक्कुडिअंडप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे णिग्गंये दुभागपत्ते, चउवीसं कुक्कुडिअंडप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे णि गंथे ओ(पत्तो) मोयरिया, एगतसं कुक्कुडिअंडप्पमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे णिगंथे किंचूणोमोयरिया,बत्तीसं कुक्कुडिअंडपमाणमेत्ते कवले आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे पमाणपत्ते, एत्तो एगेण वि कउले(घासे)णं ऊणगं आहारं आहारेमाणे समणे णिग्गंथे णो पकामभोइ-त्ति वत्तव्वं सिया // 218 // त्ति बेमि // ववहारस्स अट्ठमो उद्देसओ समत्तो // 8 // .. ववहारस्स णवमो उद्देसओ सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए मुंजइ णिट्ठिए णिसिटे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 219 // सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .610 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. भुंजइ णिट्ठिए णिसिढे आडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 220 // सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए मुंजइ णिट्टिए णिसिट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 221 // सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 222 // सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा अंतो वगडाए मुंजइ णिट्ठिए णिसिढे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 223 // सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिढे अपाडिहारिए,तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 224 // सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णि सिढे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 225 // सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए बा भइण्णए. वा बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिढे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 226 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 227|| सागारियस्स.णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 228 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 229 // सागारियस्स णायए सियां सागारियस्स एगवगडाए बाहिं अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 230 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए अंतो एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 231 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए अंतो अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 232 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए बाहिं एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पह पडिगाहेत्तए // 233 // सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए बाहिं अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 234 // सागारि Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ.. यस्स चक्कियांसाला साहारणवक्यपउत्ता, तन्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 235 / / सागारियस्स चक्कियासाला णिस्साहारणवध य पउत्ता, तम्हा दाए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 236 // सागारियस्स गोलियसाला साहारणवक्यपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 237 // सागारियस्स गोलियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 238|| सागारियस्स बोघियसाला साहारणवक्यपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 239 / सागारियस्स बोधियसाला णिस्साहारणक्यपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 240 // सागारियस्स दोसियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 241 // सागारियस्स दोसियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए॥२४२॥ सागारियरस सोत्तियसाला साहारणवक्कयपउत्ता,तम्हा दायए, णो से कप्पह पडिगाहेत्तए / / 243 / / सागारियस्स सोत्तियसाला हिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 244 // सागारियाँस बोडियसाला साहारणवदयपउता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए॥२४५॥ सागारियस्स बोडियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता,तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तएं // 246 // सागारियस्स गंधियसाला साहारणववयपउत्ता, तम्हा दावए, णों से कप्पइ पडियाहेत्तए // 247 // सागारियस्स गंधियसाला णिस्साहारणवक्यपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 248 // सागारियरस सोडियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 249 // सागारियस्स सोडियसाला णिस्ताहारणवक्यपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 250 // सागारियस्स ओसहीओ संथडाओ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्ताए // 251 / / सागारियस्स ओसहिओ असंथडाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 252 // सागारियस्स अंबपला संथडा, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 253 // सागारियस्स अंबफला असंथडा, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 254 // [सागारियणायए सिया सागारियस्स एगधगडाए .एगदुवासए एगणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 255 / / सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स अभिणिक्यू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 256 // सागारिय Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 912 भनंगपविट्ठसुत्तागि णायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 257|| सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिवगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स अभिणिवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए // 258 // ] सत्तसत्तमिया णं भिक्खुपडिमा एगूणपण्णाए राइंदिएहिं एगेण छण्णउएणं भिक्खाससएणं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं कारणं फासिया पालिया सोहिया तारिया किट्टिया आणाए अणुपालिया भवइ // 259 // अट्ठअट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीए राइंदिए हिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्म कारणं फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अणुपालिया भवइ // 260 // णवणवमिया णं भिक्खुपडिमा एगासीए राइदिएहिं चउहि य पंचुत्तरेहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएणं फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अणुपालिया भवइ // 261 // दसदसमिया णं भिवखुपडिमा एगेणं राइंदियसएणं अद्धछठेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं कारणं फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अणुपालिया भवइ // 262 // दो पडिमाओ पण्णत्ताओ, तंजहा'खुड्डिया वा(चेव) मोयपडिमा महल्लिया वा मोयपडिमा, खुड्डियण्णं मोयपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ पढमसरयकालसमयंसि वा चरिमणिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा वणंसि वा वणदुग्गंसि वा पन्वयंसि वा पव्वयदुग्गंसि वा, भोच्चा आरुभइ चोदसमेणं पारेइ,अभोच्चा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ, जाए जाए मोए आइयव्वे, दिया आगच्छइ आइयत्वे राइ आगच्छइ णो आइयत्वे, सपाणे मत्ते आगच्छइ णो आइयव्वे अप्पाणे मत्ते आगच्छइ आइयव्वे, सबीए मत्ते आगच्छइ णो आइयत्वे अबीए मत्ते आगच्छइ आइयव्वे, ससणिद्धे मत्ते आगच्छइ णो आइयव्वे अससणिद्धे मत्ते आगच्छइ आइयग्वे, ससरक्खे मत्ते आगच्छइ णो आइयव्वे अससरवखे मत्ते आगच्छइ आइयव्वे, जाए जाए मोए आइयत्वे तंजहा-अप्पे वा बहुए वा / एवं खलु एसा खुड्डिया मोयपडिमा अहासुत्तं नाव अणुपालिया भवइ // 263 // महल्लियण्णं मोयपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कम्पइ से पढमसरयकालसमयं सि वा चरिमणिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव रायहांणीए वा वणंसि वा Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 10 913 वणदुग्गंसि वा प्रव्वयंसि वा पव्वयदुग्गंसि वा, भोचा आरुभइ, सोलसमेणं पारेइ, अभोच्चा आरुभइ, अट्ठारसमेणं पारेइ, जाए जाए मोए आइयत्वे तह चेव जाव अणुपालिया भवइ // 264 // संखादत्तियस्स णं भिक्खुस्स पडिगहधारिस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स जावइयं केइ अंतो पडिन्गहसि उवइत्तु दलएजा तावइयाओ (ताओ) दत्तीओ वत्तव्वं सिया, तत्थ से केइ छव्वएण वा दूसएण वा वालएण वा अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलए जा, सा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया, तत्थ से बहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं (2) पिं(डसाहणियं)डं अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएजा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया // 265 // संखादत्तियस्स णं. भिक्खुस्स पाणिपडिग्गहियस्स णं गा० जावइयं केइ अंतो पाणिसि उवइत्तु दलएजा तावइयाओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया, तत्थ से केइ छव्वएण वा दूसएण वा वालएण . वा अंतो पाणिंसि उवित्ता दलए जा, सा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया, तत्थ से बहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं("एग)पि(ड)डं अंतो पाणिसि उवित्ता दलएजा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया // 266 // तिविहे उवहडे पण्णत्ते, तंजहा-सुद्धोवहडे फलिओवहडे संसट्ठोवहडे / / 267 // तिविहे ओग्गहिए पण्णत्ते, तंजहा-जं च ओगिण्हइ, जं च साहरइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ, एगे. एवमाहंसु ॥२६८॥(एगे पुण एवमाहंसु) दुविहे ओग्गहिए पण्णत्ते, तंजहा-जं च ओगिण्हइ, जं च आसगंसि पक्खिवह // 269|| त्ति-बेमि॥ ववहारस्स णवमो उद्देसओ समत्तो // 9 // ववहारस्स दसमो उद्देसओ दोपडिमाओ पण्णत्ताओ,तंजहा-जवमज्झा य चंदपडिमा वइरमज्झा य चंदपडिमा, जवमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स णिच्चं(मासं)वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ परीसहोवसग्गा समुप्पज्जंति दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा तत्थाणुलोमा वा ताव वंदेज वा णमंसेज वा सक्कारेज वा संमाणेज वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेजा, तत्थ पडिलोमा वा अण्णयरेणं दंडेण वा अट्ठीण वा जोत्तेण वा वेत्तेण वा कसेण वा काए आउटेजा ते सध्वे उप्पण्णे सम्म स(हेजा)हइ खमइ तितिक्खेइ अहियासेइ // 270 // जवमज्झण्णं चंदपंडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स सुक्कपक्खस्स से पाडिवए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगा पाणस्स, सन्वेहिं दुपयचउप्पयाइएहिं आहारकंर्खाहिं सत्तेहिं Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ...914 अनंगपविट्ठसुसाणि. पडिणियत्तेहिं अण्णायउंछं सुद्धोवहडं णिज्जूहित्ता बहवे समणमाहणअइ हिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहेत्तए, णो दोण्हं णो तिण्हं णो चउण्हं णो पंचण्हं, णो गुम्विणीए णो बालवत्थाए णो दारगं पेजमाणीए णो अंतो एलुयस्स दो वि पाए साहट्ट दलमाणीए, णो बाहिं एलुयस्स दो वि पाए साहट्ट दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभइत्ता एयाए एसणाए एसमाणे लम्भेजा आहारेजा एयाए एसणाए एसमाणे णो लब्भेजा णो आहारेज्जा (एवं दलयइ, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए एवं णो दलयइ, एवं से णो कप्पइ पडिगाहेत्तए)बिइजाए से कप्पड दोणि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए दोणि पाणस्स(सव्वेहि""),तइयाए से कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तिणि पाणस्स,चउत्थीए से कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चउपाणस्स,पंचमीए से कप्पइपंचदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पंचपाणस्स,छट्ठीए से कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए छ पाणस्स सत्तमीए से कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए सत्त पाणस्स, अट्ठमीए से कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए अट्ठ पाणस्स, णवमीए से कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए णव पाणस्स, दसमीए से कप्पड दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए दस पाणस्स,एगार(सी)समीए से कम्पइ एगारस दत्तीओभोयणस्स पडिगाहेत्तए एगारस पाणस्स,बारसमीए से कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए बारस पाणस्स, तेरसमीए से कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणरस पडिगाहेत्तए तेरस पाणस्स, चोद्दसमीए से कप्पइ चोद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चोद्दस पाणस्स, पण्णरसमी(पुण्णिमा)ए से कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पण्णरस पाणस्स, बहुलपक्खस्स से पाडिवए कप्पंति चोद्दस (दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चोद्दस पाणस्स सव्वेहिं दुप्पय जाव णो आहारेजा), बिइयाए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तेरस पाणस्स नाव णो आहारेजा, तइयाए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए बारस पाणस्स जाव णो आहारेजा, चउत्थीए कप्पइ एक्कारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो माहारेजा, पंचमीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, छट्ठीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, सत्तमीए कप्पइ अट्ट दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अट्ठमीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाप णो आहारेजा, णवमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, दसमीए कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स जाव णो Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 10 आहारेजा, एक्कारसीए कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बारसीए कप्पइ ति दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउद्दसए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अमावासाए से य अभत्तढे भवइ, एवं खलु एसा जवमझण्णचंदपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं जाव अगुपालिया भवइ // 271 / / वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स मासं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ परिसहोक्सग्गा समुप्पज्जंति, तंजहा-दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्त्रजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा, तत्थ अणुलोमा वा ताव वंदेजा वा णमसेजा वा सक्कारेजा वा सम्माणेजा वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेजा, तत्थ पडिलोमा वा अण्णयरेणं दंडेण वा अट्ठीण वा मुट्ठीण वा जोत्तेण वा वेत्तेण वा कसेण वा काए आउद्देजा, ते सव्वे उप्पण्णे सम्मं सहेजा खमेजा तिइक्खेजा अहियासेजा // 272 / / वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स बहुलपवखस्स पाडिवए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पृण्णरस पाणगस्स सव्वेंहिं दुप्पयचउप्पयाइएहिं आहारवं खे हिं जाव णो आहारेजा, बिइयाए से कप्पइ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेजा, तइयाए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउत्थीए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, पंचम ए कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, उट्ठीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणरस जाव णो आहारेजा, सत्तमीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अट्ठमीए कप्पइ अट्ट दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, पदमीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, दसमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, एगारसीए कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बारसीए कप्पह चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ तिष्णि दत्तीओ भोयणस्स जाव. णो आहारेजा, चउदसीए कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अमावासाए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेजा, सुक्लपक्खस्स पाडिवए से कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहा'रेजा, विइयाए से कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा तइयाए से कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउत्थीए से कप्पइ पंचदतीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, पंचमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपबिट्ठसुत्ताणि. आहारेजा, छट्ठीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, सत्तमीए कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अट्ठमीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, णवमीए कम्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जावणो आहारेजा, दसमीए कम्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा एगारसीए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारज्जा, बारसीए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउद्दसीए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्म पडिगाहेत्तए, पण्णरस पाणगस्स पडिगाहेत्तए, सव्वेहि दुप्पयचउप्पय जाव णो लभेजा णो आहारज्जा, पुणिमाए अभत्तढे भवइ, एवं खलु एसा वइरमज्झा चंदपडिमा अहासुतं अहाकप्पं जाव अणुपालिया भवइ // 273 // पंचविहे ववहारे पण्णत्ते, तंजहा-आगमे सुएं आणा धारणा जीए / जत्थेव तत्थ आगमे सिया, आगमेणं. ववहारं पट्टवेजा, णो से तत्थ आगमे सिया, जहा से तत्थ सुए सिया, सुएणं ववहारं पट्टवेजा, णो से तत्थ सुए सिया, जहा से तत्थ आणा सिया, आणाए ववहारे पट्टवेज्जा, णो से तत्थ आणा सिया, जहा से तत्थ धारणा सिया, धारणाए ववहारं पट्टवेज्जा, णो से तत्थ धारणा सिया, जहा से तत्थ जीए सिया, जीएणं ववहारं पट्टवेजा, एएहिं पंचहिं ववहारेहिं ववहारं पट्टवेजा, तंजहा-आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं, जहा से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा तहा ववहारे पट्टवेजा, से किमाहु भंते ? आगमवलिया समणा णिग्गंथा, इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया जया जहिं जहिं तहा तहा तहिं तहिं अणि सिओवस्सियं ववहारं ववहारेमाणे समणे णिग्गंथे आणाए आराहए भवइ // 274 // चत्तारि पुरिस[जा]जाया पण्णत्ता, तंजहा-अट्ठकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि माणकरे वि, एगे णो अट्ठकरे णो माणकरे // 275 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-गणट्ठकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणट्टकरे, एगे गणटकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणट्ठकरे णो माणकरे // 276 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं०-गणसंगहकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसंगहकरे, एगे गणसंगहकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणसंगहकरे णो माणकरे // 277 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-गणसोहकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसोहकरे, एगे गणसोहकरे वि माणकरे वि, Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 917 ववहारो उ. 10 एगे णो गणसोहकरे णो माणकरे // 278 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, तं०गणसोहिकरे णामं एगे जो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसोहिकरे, एगे गणसोहिकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणसोहिकरे णो माणकरे // 279 / / चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-रूवं णामेगे जहइ णो धम्म, धम्मं णामेगे जहइ णो रूवं, एगे रूवं पि जहइ धम्म पि जहइ, एगे णो रूवं जहइ णो धम्मं जहइ // 280 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-धम्मं णामेगे जहा णो गणसंठिई, गणसंठिई णामेगे जहइ णो धम्म, एगे गणसंठिई पि जहइ धम्म पि जहइ, एगे णो गणसंठिई जहइ णो धम्मं जहइ // 281 // चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-पियधम्मे णामेगे णो दढधम्मे, दढधम्मे णामेगे जो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढधम्मे वि, एगे णो पियधम्मे णो दढधम्मे // 282 // चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तंजहापव्वावणायरिए णामेगे णो उवट्ठावणायरिए, उवट्ठावणायरिए णामेगे णो पव्वावणायरिए, एगे पव्वावणायरिए वि उवट्ठावणायरिए वि, एगे णो पव्वावणायरिए णो उवट्ठावणायरिए // 283 // चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तंजहा-उद्देसणायरिए णामेगे णो वायणायरिए, वायफायरिए णामेगे णो उद्देसणायरिए, एगे उद्देसणायरिए वि वापणायरिए वि, एगे णो उद्देसणायरिए णो वायणायरिए // 284 // धम्मायरियस्स चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा-पव्वावणंतेवासी णामेगे णो उवट्ठावणंतेवासी, एगे उवट्ठावणंतेवासी णामेगे णो पव्वावणंतेवासी,एगे पव्वावणंतेवासी वि उवट्ठावणंतेवासी वि, एगे णो पव्वावणंतेवासी णो उवट्ठाणंतेवासी // 285 // चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा-उद्देसणंतेवासी णामेगे णो वायणंतेवासी, वायणंतेवासी णामेगे णो उद्देसणंतेवासी, एगे उद्देसणंतेवासी वि वायणंतेवासी वि, एगे णो उद्दे. सणंतेबासी णो वायणंतेवासी // 286 // चत्तारि धम्मायरिया पण्णत्ता, तंजहापवावणधम्मायरिए णामेगे णो उवट्ठावणधम्मायरिए, उवट्ठावणधम्मायरिए णामेगे णो पव्वावणधम्मायरिए, एगे पव्वावणधम्मायरिए वि उवट्ठावणधम्मायरिए वि, एगे णो पवावणधम्मायरिए णो उवट्ठावणधम्मायरिए // 287 // चत्तारि धम्मायरिया पण्णत्ता, तं०-उद्देसणधम्मायरिए णामेगे णो वायणधम्मायरिए, वायणधम्मायरिए णामेगे णो उद्देसणधम्मायरिए, एगे उद्देसणधम्मायरिए वि वायणधम्मायरिए वि, एगे णो उद्देसणधम्मायरिए, णो वायणधम्मायरिए // 288 // चत्तारि धम्मंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा–पव्वावणधम्मंतेवासी णामेगे णो उवट्ठावणधम्मंतेवासी, उवट्ठावणधम्मंतेवासी णामेगे णो पव्वावणधम्मंतेवासी, एगे पव्वावणध-मंतेवासी वि उवट्ठावणवम्मंतेवासी वि एगे णो पव्वावणधम्मंतेवासी णो उवट्ठावणधम्मंतेवासी // 289 // Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 618 अनंगपविट्ठसुत्साणि. चत्तारि धम्मंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा-उद्देसणधम्मंतेवासी णामेगे णो वायणधम्मतेवासी, वायणधम्मंतेवासी णामेगे णो उद्देसणधम्मंतेवासी, एगे उद्देसणधम्मंतेवासी विवायणधम्मंतेवासी वि,एगे णो उद्देसणधम्मंतेवासी णो वायणधम्मंतेवासी // 290 / / तओ थेरभूमीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-जाइथेरे सुयथेरे परियायथेरे / सट्ठिवासजाए (समणे णिग्गंथे) जाइथेरे, (ठाण)समवायंगं जाव सुयधारए सुयथेरे, बीसवासपरियाए परियायथेरे // 291 / / तओ सेहभूमीओ पण्णत्ताओ, तं०-सत्तराइं दिया चाउम्मासिया छम्मासिया, छम्मासिया उक्कोसिया, चाउम्मासिया मज्झमिया, सत्तराइणो जहणिया // 292 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंर्थण वा खडगं वा खुड्डियं वा ऊणट्टवासजाय उवट्ठावेत्तए वा संभुजित्तए वा // 293 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगं वा खुड्डियं वा साइरेगहवासायं उवट्ठावेत्तए वा संभुजित्तए वा // 294 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुडगस्स वा खुड्डियाए वा अव्वंजणजायस्स आयारपकप्पे णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 295 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा वंजणंजायस्स आयारकप्पे णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 296 / / तिवासपरियायस्स समणरस णियरस कापड आयारपकप्पे णाम अज्झयणे उद्दिसित्तए // 297 // चउवासपरिया(यस्स समणस्स णिग्गंथस्स)ए कप्पइ सूयगडे णामं अंगे उद्दिसित्तए // 298 // पंचबासपरियाए कप्पइ दसाकम्पववहारे उद्दि सित्तए // 299 // अट्ठवासपरियाए कप्पइ ठाणसमवाए उद्दिसित्तए // 300 / दसवासपरियाए कप्पइ वि(वाहे)याहे णामं अंगे उद्दिसित्तए // 301 // एक्कारसवासपरियाए कप्पइ खुड्डिया विमाणपविभत्ती महल्लिया विमाणपविभत्ती अंगचूलिया व(वं)गचूलिया वियाहचूलिया णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए॥३०२॥ बारसवासपरियाए कप्पइ गस्लोववाए धरणोववाए वेसमणोववाए वेलंधरोक्वाए णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 303 // तेरसवासपरियाए कप्पइ उट्ठाण(सु)परियावणिए समुट्ठाणसुए देविंदोववाए णागपरियावणिए णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 304 // चोद्द(चउद)सवासपरियाए कप्पइ सि(सु)मिणभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 305 // पण्णरसवासपरियाए कप्पइ चारणभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 306 // सोलसवासपरियाए कप्पइ तेयणीसंगे णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 307 // सत्तरसवासपरियाए कप्पइ आसीविसभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए // 308 // अट्ठारसवासपरियायस्स समणस्स णिग्गंथस्स कप्पइ दिट्ठीविसभावणा Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ववहारो उ. 10 णाम अज्झयणे उद्दिसित्तए // 309 // एगूणवीसवासपरियाए कप्पइ दिट्ठिवाए णामं अंगे उद्दिसित्तए // 310 // वीसवासपरियाए समणे णिग्गंथे सबसुयाणुवाई भवइ // 311 // दसविहे वेयावच्चे पण्णत्ते, तंजहा-आयरियवेयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे सेहवेयावच्चे गिलाणवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे॥३१२॥ आयरियवेयावच्चं करमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 313 // उवज्झायवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 314 // थेरेवेगावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 315 // तवरिसवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 316 // सेहवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 317 // गिलाणवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 318 // साहम्मियवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 319 // कुलवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ // 320 // गणवेयावच्चं करेमाणे समणे णिगंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 321 // संघवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 322 // त्ति-बेमि // . ववहारस्स दसमो उद्देसओ समत्तो // 10 // // ववहारसुत्तं समत्तं // Page #329 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहक्कप्पसुत्तं पढमो उद्देसओ णो कप्पह णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा आमे तालपलम्बे अमिण्णे पडिगाहितए // १॥कप्पह णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा आमे तालपलम्बे भिण्णे पडिगाहित्तए // 2 // कप्पइ णिग्गंथाणं पक्के तालपलम्बे भिण्णे बा.अभिण्णे वा पडिगाहि. त्तए // 3 // णो कप्पद णिग्गंथीणं पक्के तालपलम्बे अभिण्णे पडिगाहित्तए // 4 // कप्पइ णिगंथीणं पक्के तालपलम्बे भिण्णे पडिगाहितए, से वि य विहिभिण्णे, गो चेव-णं अविहिभिण्णे // 5 // से गामंसि वा णगरंसि वा खेडंसि वा कब्बडंसि वा मडम्बंसि वा पट्टणंसि वा भागरंसि वा दोणमुहंसि वा णिगमंसि वा रायहाणिसि वा आसमंसि वा संणिवेसंसि वा सवाईसि वा घोससि वा अंसियंसि वा पुडभेयणंसि वा सपरिक्खेवंसि अबाहिरियसि कप्पइ णिगंथाणं हेमंतगिम्हासु एगं मासं वत्थए // 6 // से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा सपरिक्खेवंसि सबाहिरियसि कप्पइ णिग्गंथाणं हेमंतगिम्हासु दो मासे वत्थए, अंतो एगं मासे बाहिं एगं मासं, अंतो बसमाणाणं अंतोभिक्खायरिया बाहिं वसमाणाणं बाहिं भिक्खायरिया // 7 // से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा सपरिवखेवंसि अबाहिरियंसि कप्पइ णिग्गंथीणं हेमंतगिम्हासु दो. मासे वत्थए // 8 // से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा सप. रिक्खेवंसि सबाहिरियंसि कप्पइ णिग्गंथीणं हेमंतगिम्हासु चत्तारि मासे वत्थए, अंतो दो मासे, बाहिं दो मासे, अंतो वसमाणीणं अंतोभिक्खायरिया बाहिं वसमाणीण बाहिं भिक्खायरिया // 9 // से गामंसि वा नाव रायहाणिसि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए णो कप्पइ णिग्गंथाण य णिग्गंथीण य एगयओ वत्थए // 10 // से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपसाए कप्पइ णिग्गंथाण य णिग्गंथीण य एगयओ वत्थए // 11 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं आवणगिहंसि वा रत्थामुहंसि वा सिंघा. डगंसि वा तियंसि वा चउक्कंसि वा चच्चरंसि वा अंतरावणंसि वा वत्थए // 12 // कप्पइ णिग्गंथाणं आवणगिहंसि वा जाव अंतरावणंसि वा वत्थए // 13 ॥णो कप्पड णिग्गंथीणं अवंगुयदुवारिए उवस्सए बत्थए, एगं पत्थारं अंतो किच्चा एगं पत्थारं बाहिं किच्चा ओहाडिय(चेल)चिलिमिलियागंसि एवं णं कप्पइ वत्थए // 14 // Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 922 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कप्पइ णिग्गंथाणं अवंगुयदुवारिए उवस्सए वत्थए // 15 // कप्पइ णिगंथीणं अंतोलित्तयं घडिमत्तयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 16 // णो कप्पइ णिगंथागं अंतोलित्तयं घडिमत्तयं धारत्तए वा परिहरित्तए वा // 17 // कम्पइ णिगंथाण वा णिग्गथीण वा चलचिलिमिलियं धारेत्तए. वा परिहरित्तए वा // 18 ॥णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा दगतीरंसि चिहित्तए वा णिसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा णिद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारमाहारित्तए, उच्चारं वा पासवणं वा खेलं वा सिंघाणं वा परिट्टवित्तए, सज्झायं वा करत्तए, धम्मजागरियं वा जागरित्तए, झाणं वा झाइत्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए // १९॥णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सचित्तकम्मे उवस्सए बत्थए // 20 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अचित्तकम्मे उपस्सए वत्थए // 21 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं सागारियअणिस्साए वत्थए // 22 // कप्पइ णिगंथीणं सागारियणिस्साए वत्थए // 23 // कप्पइ णिग्गंथाणं सागारियणिस्साए वा अणिस्साए वा वित्थए // 24 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिगंथीण वा सागारिए उवस्सए वत्थए // 25 // कप्पड़ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अप्पसागारिए उवस्सए वत्थए // 26 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं इत्थिसागारिए उवस्सए वत्थए // 27 // कप्पइ णिग्गंथाणं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए // 28 // णो कप्पइ णिग्गथीणं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए // 29 // कप्पइ णिग्गथीणं इन्थिसागारिए उवस्सए वत्थए // 30 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं पडिबद्धाए सेजाए वत्थए // 31 // कप्पइ णिग्गंथीणं पडिबद्धाए सेजाए वत्थए // 32 // णो कप्पइ णिग्गंथाणं गाहावइकुलस्स मज्झंमझेणं गंतुं वत्थए // 33 // कप्पइ णिग्गंथीणं गाहावइकुलस्स मज्झंमज्झेणं गंतुं वत्थए // 34 // भिक्खू य अहिगरणं कट्ट तं अहिगरणं अविओसवेत्ता अविओसवियपाहुडे-इच्छाए परो आढाएजा, इच्छाए परो णो आढाएजा, इच्छाए परो अब्भुटेजा, इच्छाए परो णो अब्भुटेजा, इच्छाए परो वंदेजा, इच्छाए परो णो वंदेजा, इच्छाए परो संभुजेजा, इच्छाए परो णो संभंजेजा, इच्छाए परो संवसेजा, इच्छाए परो णो संवसेजा; इच्छाए परो उवसमेजा, इच्छाए परो णो उसमेजा; जो उवसमइ तस्स अस्थि आराहणा, जो ण उवसमइ तस्स णत्थि आराहणा; तम्हा अप्पणा चेव उवसमियव्वं, से किमाहु मंते (!) ? उवसमसारं सामण्णं // 35 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा वासावासासु चारए // 36 // कप्पई णिग्गंथाण Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहक्कप्पसुत्तं उ० 1 923 वा णिग्गंथीण वा हेमंतगिम्हासु चारए // 37 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा वेरजविरुद्धरज्जसि सज्जं गमणं सज्जं आगमणं सज्जं गमणागमणं करित्तए,जो खलु णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा वेरजविरुद्धरज्जंसि सज्जं गमणं सज्ज आगमणं सज्ज गमणागमणं करेइ करेंतं वा साइजइ, से दुहओ वीइकममाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 38 // णिग्गंथं चणं गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविर्से केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुंछणेण वा उवणिमंतेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय आयरियपायमूले ठवेत्ता दोच्चं पि उग्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहरित्तए // 39 // णिग्गंथं च णं बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा णिक्खंतं समाणं केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुंटणेण वा वाणिमंतेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय आयरियपायमूले टवेत्ता दोच्चं पि उन्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहरित्तए॥४०॥ णिग्गंथिं च णं गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्प विटुं केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुंछणेण वा उवणिमंतेजा,कप्पइ से सागारकडं गहाय पवत्तिणीपायमूले ठवेत्ता दोच्चं पिं उग्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहरित्तए // 41 // णिग्गंथिं च णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खंतं समाणिं केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुंछणेण वा उवणिमंतेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय पवत्तिणीपायमूले ठवेत्ता दोच्चं पि उग्गहं अणुष्णवेत्ता परिहारं . परिहरित्तए // 42 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिगंथीण वा राओ वा वियाले वा असणं वा 4 पडिगाहित्तए णण्णत्थ एगेणं पुव्वपडिलेहिएणं सेज्जासंथारएणं // 43 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा रांओ वा वियाले वा वत्थं वा पडिग्गहं वा कम्बलं वा पायपुंछणं वा पडिगाहित्तए, णण्णत्थ एगाए हरियाहडियाए, सा वि य परिभुत्ता वा धोया वा रत्ता वा घट्ठा वा मट्ठा वा संपधूमिया वा // 44 // णो कम्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा राओ बा वियाले वा अद्धाणगमणं एत्तए, ॥४५॥(णो कम्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा) संखडि वा संखडिपडियाए एत्तए // 46 // णो कप्पइ णिग्गंथस्स एगाणियस्स राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पइ से अप्पबिइयरस वा * 'अप्पतइयंस्स वा राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्ख मित्तए वा पविसित्तए वा॥४७॥ णो कप्पइ णिग्गंथीए एगाणियाए राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पइ Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 924 अनंगपविट्ठसुताणि से अप्पबिइयाएं वा अप्पतइयाए वा अप्पचउत्थीए वा राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमि वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 48 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पुरत्थिमेणं जाव अंगमगहाओ एत्तए, दकिखणेणं नाव कोसम्बीओ एत्तए,पञ्चत्थिमेणं जाव थूणाविसयाओ एत्तए, उत्तरेणं जाव कुणालाविसयाओ एत्तए; एतावताव कप्पइ, एतावताव आरिए खेत्ते; णो से कप्पइ एत्तो बाहिं, तेण परं जत्थ गाणदंसणचरित्ताई उस्सप्पंति॥४९॥ त्ति बेमि ॥बिहक्कप्पे पढमो उद्देसओ समत्तो // 1 // बिइओ उद्देसओ उवस्सयस्स अंतो वगडाए सालीणि वा वीहीणि वा मुग्गाणि वा मासाणि वा तिलगणि वा कुलत्थाणि वा गोहूमाणि वा जबाणि वा जवजवाणि वा उक्खित्ताणि वा विक्खिात्ताणि वा विइगिण्णाणि वा विप्पइण्णाणि वा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए // 1 // अह पुण एवं जाणेजा-णो उक्खित्ताई णो विक्खित्ताइं णो विइगिण्णाई णो विप्पइण्णाई, रासिकडाणि घा पुंजकडाणि वा मित्तिकडाणि वा कुलियकडाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा हेमंतगिम्हासु वत्थए // 2 // भह पुण एवं जाणेजा-णो रासिकडाई णो पुंजकडाइं णो भित्तिकडाई णो कुलिय. कडाई, कोहाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मंचाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि वा ओलित्ताणि वा विलित्ताणि वा पिहियाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि वा कप्पर णिग्गंथाग वा णिग्गंथीण वा वासावासं वत्थए // 3 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सुरावियडकुम्भे वा सोवीरयवियडकुम्भे वा उवणिक्खित्ते सिया, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लमेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 4 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सीओदगवियडकुम्भे वा उसिणोदगवियडकुम्भे वा उवणिक्खित्ते सिया, णो कप्पड णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा बत्थए, णो से कप्पइ परं Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - बिहक्कप्पसुत्तं उ० 2 925 एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 5 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सव्वराइए जोई झियाएजा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 6 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सव्वराइए पईवे दि पेजा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 7 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए पिण्डए वा लोयए वा खीरे वा दहिं वा णवणीए वा सप्पिं वा तेल्ले वा फाणिए वा पूर्व वा सक्कुली वा सिहरिणी वा उक्खित्ताणि वा विक्खित्ताणि वा विहगिण्णाणि वा विष्पइण्णाणि वा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए // 8 // अह पुण.एवं जाणेज्जा–णो उक्खित्ताइं 4, रासिकडाणि वा पुंजकडाणि वा भित्तिकडाणि वा कुलियकडाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा हेमंतगिम्हासु वत्थए // 9 // अह पुण एवं जाणेजा-णो रासिकडाइं 4, कोहाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मंचाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि ओलित्ताणि वा विलित्ताणि वा कुम्भिउत्ताणि वा करभिउत्ताणि वा पिहियाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि 'वा कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गथीण वा वासावासं वत्थए // 10 ॥णो कप्पइ णिग्गंथीणं अहे आगमणगिहंसि वा वियडगिर्हसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए // 11 // कप्पई णिगंथाणं अहे आगमणगिहंसि वा वियडगिहंसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए // 12 // एगे सागारिए पारिहारिए, दो तिण्णि चत्तारि पंच सागारिया पारिहारिया, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता अवसेसे णिव्विसेज्जा // 13 / / णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया अणीहडं असंसर्ट वा संसटुं वा पडिगाहित्तए ॥१४॥णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं असंसटुं पडिगाहित्तए / कप्पइ णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं संसर्ट पडिगाहित्तए // 15 // Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .926 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जो खलु णिगंथो वा णिगंथी वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं असंसटुं संसटुं करेइ करेंतं वा साइजइ, से दुहओ वीइक्कममाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 16 // सागारियस्स आहडिया सागांरिएण पडिग्गहिया तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 17 // सागारियस्स आहडिया सागारिएण अपडिग्गहिया, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 18 // सागारियस्स णीहडिया परेण अपडिग्गहिया, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए / सागारियस्स णीहडिया परेण पडिग्गहिया, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 19 // सागारियस्स. अंसियाओ अविभत्ताओ अव्वोच्छिण्णाओ अव्वोगडाओ अणिज्जूढ़ाओ, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिसाहित्तए। सागारियस्स, अंसियाओ विभत्ताओ वोच्छिण्णाओ. वोगडीओ णिज्जूढ़ाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 20 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिढे पडिहारिए, तं सागारिओ देइ, सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए, णो से कप्पह पडिगाहित्तए // 21 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्टिए णिसिट्टे पडिहारिए, तं णो सागारिओ देइ, णो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देह, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 22 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिढे अपडिहारिए, तं सागारिओ देइ, सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 23 // सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए णिट्ठिए णिसिटे अपडिहारिए, तं णो सागारिओ देइ, णो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देइ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए // 24 // कप्पइ णिगंथाण वा णिगंथीण वा इमाइं पंच वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा-जंगिए भंगिए साणए पोत्तए तिरीडपट्टे णाम पंचमे // 25 // कप्पई. जिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इमाइं पंच रयहरणाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा-उण्णिए उट्टिए साणए वच्चाचिप्पए मुंजचिप्पए णामं पंचमे // 26 // त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे बिइओ उद्देसओ समत्तो // 2 // Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तइओ उद्देसओ . णो कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथीणं उवस्सयंसि चिट्ठित्तए वा णिसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा णिद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा,असणं वा 4 आहारमाहारित्तए, उच्चारं या पासवणं वा खेलं वा सिंघाणं वा परिदृवित्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए, का उस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए॥ 1 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथउवस्सयंसि चिट्ठित्तए वा जाव ठाइत्तए // 2 // णो कप्पइ णिग्गंथीणं सलोमाई चम्माई अहिद्वित्तए // 3 // कप्पइ णिग्गंथाणं सलोमाइं चम्माइं अहिट्ठित्तए से वि य परिभुत्ते णो चेव णं अपरिभूत्ते, से वि य पडिहारिए णो चेव णं अप्पडिहारिए, से विय एगराइए णो चेव णं अणेगराइए // 4 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा कसिणाई चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा.॥५॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीणं वा अकसिणाई चम्माइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 6 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा कसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा.परिहरित्तए वा / कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अकसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 7 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अभिण्णाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 8 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा भिण्णाई वत्थाइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 9 // णो कप्पह णिग्गंथाणं उग्गहणंतगं वा उग्गहपट्टगं वा धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 10 // कप्पइ णिग्गंथीणं उग्गहणंतगं वा उग्गहपट्टगं वा धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 11 // णिग्गंथीए य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठाए चेलटे समुप्पज्जेजा, णो से कप्पइ अप्पणो णीसाए चेलं पडिगाहित्तए; कप्पइ से पवत्तिणीणीसाए चेलं पडिगाहित्तए णो से तत्थ पवत्तिणी सामाणा सिया, जे तत्थ सामाणे आयरिए वा उवज्झाए वा पवित्ती वा थेरे वा गणी वा गणहरे वा गणावच्छेइए वा जं चऽणं पुरओ कट्ट विहरइ,कप्पइ से तण्णीसाए चेलं पडिगाहितए // 12 // णिग्गंथस्स तप्पढमयाए संपवयमाणस्स कप्पइ रयहरणगोच्छगपडिग्गहमायाए तिहिं कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए, से य पुचोवट्ठविए सिया, एवं से णो कप्पइ रयहरणगोच्छगपडिग्गहमायाए तिहि य क सिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए; कप्पइ से अहापरिग्ग हियाई बत्थाई गहाय आयाए संपन्य इत्तए // 13 // णिग्गंथीए णं तप्पढमयाए संपव्वयमाणीए कम्पइ रयहरणगोच्छगपडिग्गहमायाए चउहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए, सा य पुव्वोवठ्ठविया सिया, एवं Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 928 अनंगपविट्ठसुत्ताणि से णो कप्पइ रयहरणगोच्छगपडिग्गहमायाए चउहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए; कप्पइ से अहापरिग्गहियाइं वत्थाइं गहाय आयाए संपव्वइत्तए // 14 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पढमसमोसरणुद्देसपत्ताई चेलाइं पड़ियाहित्तए, कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा दोच्चसमोसरणद्देसपत्ताई चेलाइं पडिगाहित्तए // 15 // कप्पह णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहाराइणियाए चेलाइं पडिगाहित्तए // 16 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहाराइणियाए सेजासंथारयं पडिगाहित्तए // 17 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहाराइणियाए किइकम्म करेत्तए // 18 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अंतरगिहंसि चिट्ठित्तए वा णिसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा णिद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा 4 आहारमाहारित्तए, उच्चारं वा 4 परिदृवित्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए, अह पुण एवं जाणेजा-वाहिए जराजुण्णे तवस्सी दुबले किलंते मुच्छेज वा पवडेज वा, एवं से कप्पइ अंतरगिहंसि चिट्ठिइत्तए वा जाव ठाणं वा ठाइत्तए // 19 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अंतरगिर्हसि जाव चउगाहं वा पंचगाहं वा आइक्खित्तए वा विभावेत्तए वा किट्टित्तए वा पवेइत्तए वा, णण्णत्थ एगणाएण वा एगवागरणेण वा एगगाहाए वा एगसिलोएण वा, से वि य ठिच्चा, णो चेव णं अठिच्चा // 20 // णो कप्पइ, णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अंतरगिहंसि इमाइं पंचमहव्वयाइं सभावणाई आइक्खित्तए वा जाव पवेइत्तए वा, णण्णत्थ एगणाएण वा जाव एगसिलोएण. वा, से वि य ठिच्चा, णो चेव णं अठिच्चा // 21 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पडिहारियं सेजासंथारयं आयाए अपडिहट्ट संपव्वइत्तए // 22 / / णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियसंतियं सेजासंथारयं आयाए अविकरणं कट्ट संपव्वइत्तए // 23 // इह खलु णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पडिहारिए वा सागारियसंतिए वा सेजासंथारए विष्पणसिजा से य अणुगवेसियव्वे सिया; से य अणुगवेसमाणे लभेजा, तस्सेव पडिदायव्वे सिया; से य अणुगवेसमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ दोच्चं पि उग्गहं अणुण्णवित्ता परिहारं परिहरित्तए // 24 // जद्दिवसं समणा णिग्गंथा सेजासंथारयं विप्पजहंति, तद्दिवसं च णं अवरे समगा णिग्गंथा हव्वमागच्छेजा; सच्चेव उग्गहस्स पुव्वागुण्णवणा चिहइ अहालंदमवि उग्गहे // 25 // अत्थि या इत्थ केइ उवस्सयपरियावण्णए अचित्ते परिहरणारिहे,सच्चेव उग्गहस्स पुव्वाणुवण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहान बिहक्कप्पसुत्तं उ. 4 उग्गहे / 26 / से वत्थुसु अव्वाबडेसु अब्बोगडेसु अपरपरिन्गहि एसु अमरपरिन्गहिएसु सच्चेव उग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठह अहालंदमवि उग्र हे // 27 // से वत्थुसु वावडेसु वोगडेसु परपरिग्गहिएसु मिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि उग्गहे अणुण्णवेयट्वे सिया अहालंदमवि उग्गहे // 28 // से अणुकुड्डेसु वा अणुभित्तीसु वा अणुचरियासु वा अणुफरिहासु वा अणुपंथेसु. वा अणुमेरासु वा सच्चे उगहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि उग्गहे // 29 // से गामस्स वा जाव रायहाणाए (संणिवेसंसि) वा बहिया सेण्णं संणिविटुं पेहाए कप्पह णिग्गंथाण वा णिगंथीण वा तद्दिवसं भिक्खायरियाए गंतुं पडिएत्तए, णो से कप्पड़ तं रयणि तत्थेव उवाइणावित्तए, जे खलु णिगंथे वा णिग्गंथी वा तं रयणिं तत्थेव उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइजइ, से दुहओ वीइक्कममाणे भावनइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुछाइयं // 30 // से गामंसि वा जाव संणिवेसंसि वा कप्पइ णिमांथाण वा णिग्गंधीण वा सव्वओ समंता सकोसं जोयणं उग्गहं ओगिणिहत्ताणं चिट्टितए // 31 / / त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे तइओ उद्देसओ समत्तो // 3 // . चउत्थो उद्देसओ - तओ अणुग्घाइया पण्णत्ता, तंजहा-हत्यकामं करेमाणे, मेहुणं पडिसेवमाणे, राईभोयणं भुंजमाणे // 1 // तओ पारंचिया पण्णत्ता, तंजह!-दुट्टे पारंचिए, पमत्ते पारंचिए, अण्णमण्णं करेमाणे पारंचिए // 2 // तओ अणवटुप्पा पण्णत्ता, नंजहा-साहम्मियाणं तेण्णं करेमाणे, अण्णधम्मियाणं तेणं करेमाणे, हत्थादालं दलमाणे // 3 // तओ णो कप्पंति पव्वावेत्तए तंजहा-पण्डए वाइए कीवे // 4 // एवं मुण्डावेत्तए // 5 // सिक्खावेत्तए // 6 // उवट्ठावेत्तए // 7 // संभुजित्तए // 8 // संवासित्तए // 9 // तओ णो कप्पंति वाइत्तए, तंजहा-अविणीए विगई. पडिबद्धे अविओसवियपाहुडे // 10 // तओ कप्पंति वाइत्तए, तंजहा-विणीए णो विगईपडिबद्धे विओसवियपाहुडे // 11 // तओ दुस्सण्णप्पा पण्णत्ता, तंजहादुढे मूढे वुम्गाहिए // 12 // तओ सुस्सण्णप्पा पण्णत्ता, तंजहा-अदुढे अमूढे अबुग्गाहिए.।।१३।। णिग्गंथिं च णं गिलायमाणि पिया वा भाया वा पुत्तो वा पलिस्सएजा, तं च णिग्गंथी साइज्जेजा, मेहुणपडिसेयणपत्ता आवजइ चाउम्मासिय परिहारहाणं अणुग्याइयं // 14 // णिग्गंथं च णं गिलायमाणं माया वा भगिणी वा धूया Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 930 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वा पलिस्सएजा, तं च णिग्गंथे साइज्जेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ते आवाइ चाउम्मा. सिय परिहारहाणं अगुग्घाइयं // 15 ॥णो कप्पइ णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा असणं वा 4 पदमाए पोरिसीए पडिग्गाहेत्ता पच्छिमं पो रसिं उवाहणावेत्तए, से य आहच्च उवाइणाविए सिया, तं णो अप्पणा भुंजेजा णो अण्णेसिं अणुप्पदेजा,एगंते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमाज्जत्ता परिट्टवेयव्वे सिया, तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे आवजह चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं // 16 // णो कप्पाणिग्गंथाण वा णिग्गीण वा असणं वा 4 परं अद्धजोयणमेराए उवाइणावेत्तए, से य आहश्च उवाइणाविए सिया, तं णो अप्पणा भुंजेजा णो अण्णेसिं अणुप्पदेडा, एगते बहुफासुए थण्डिले पडिले हिता पमज्जित्ता परिटवेयवे सिया, तं अप्पणा भुजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे आवजइ चाउम्मासिंयं परिहारहाणं उघाइयं // 17 // णिग्गंथेण य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्यविटेणं अण्णयरे अचिच अणेसणिज्जे पाणभोयणे पडिग्गाहिए सिया,अस्थि या इत्थ केह सेहतराए अणुवट्ठावियए,कप्पइ से तस्स दाउं वा अणुप्पदाउं वा, णत्थि या इत्थ केइ सेहतराए अणुवट्ठावियए तं णो अप्पणा भुंजेजा णो अण्णेसिं दावए एगते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिट्टवेयव्वे सिया // 18 // जे कडे कप्पद्वियाणं कप्पइ से अकप्पट्टियाणं; णो से कप्पइ कप्पट्टियाणं जे कडे अकप्पट्टियाणं णो से कप्पद कम्पट्टियाणं, कप्पड़ से अकप्पट्टियाणं, कप्पेट्ठिया कप्पट्टिया, अकप्पे ठिया अकप्पट्ठिया // 19 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अण्णंगणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्यिसा आयरियं वा उवज्झायं वा पवत्तिं वा थेरं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उसंपज्जित्ता विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए,ते य से वियरेजा एवं से कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ते य से णो वियरेजा,एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरिसए // 20 // गणावच्छेइए य गणाओ अबकम्म इच्छेजा भण्णं गणं उसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो कप्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ गणावच्छे इयस्स गणावच्छेइयत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छिता आयरियं वा जाव गणाधच्छे इयं अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पड़ Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ _ बिहक्कप्पसुत्तं उ. 4 . से आपुच्छित्ता . आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरेजा एवं से कप्पइ अण्णं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से णो वियरेजा एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 21 // आयरियउवज्झाए य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरिसए; कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं गणं उसंपज्जित्ताणं विहारसए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छे इथे वा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरेजा, एवं से कप्पइ अण्ण गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 22 // भिक्खू य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा उवज्झायं वा पवत्तिं वा थेरं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छे इयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताण विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से . वियरेजा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेजा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धामविणयं णो लमेजा, एवं से णो कप्पड अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताण विहरित्तए // 23 // गणावच्छे इए य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अण्णं गणं संभोगपडियाए उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो कम्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं णिविखवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पड से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छे इयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरेजा, एवं से कप्पह अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से णो वियरे, एवं से जो Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 932 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेजा, एवं से कम्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं णो लभेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 24 // आयरियउवज्झाए य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अण्णं गणं संभोगपडियाए उक्संपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ आयरियउवज्झायरस आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, णो से कप्पड़ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छे इयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उव. संपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छिता आयरियं वा जाघ गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपन्जिंत्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरेजा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्युत्तरियं धम्मविणयं लभेजा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं णो लभेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए // 25 // भिक्खू य इच्छेजा अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं आयरियउषज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरेजा; एवं से कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; णो से कप्पह तेर्सि कारणं अदीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए // 26 // गणावच्छेइए य इच्छेजा अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, णो से कप्पइ गणावच्छेइयतं अणि विखवित्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पइ से गणावच्छेइयत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं आयरिय उवज्झायं उद्दिसावित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्त आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्ण आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; कप्पइ से ऑपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरेजा, एवं से कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहक्कप्पसुत्तं उ. 4 933 णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; णो से कम्पइ तेसिं कारणं अदीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसि कारणं दीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए // 27 // आयरियउवज्झाए य इच्छेज्जा अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, णो से कप्पइ आयरिय उवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं आयरिय उवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पइ से आयरिय उवज्झायत्तं णिखिवित्ता अण्णं आयरिय उवझायं उद्दिसावित्तए, णो से कम्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छे इयं वा अण्णं आयरियउवच्झायं उद्दिसावेत्तए; कम्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छे इयं वा अणं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरेजा, एवं से कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; णो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवेत्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए // 28 // भिक्खू य राओ वा वियाले वा आहच्च वीसुभिजा, तं च सरीरंग केइ वेयावच्चकरे भिक्खू इच्छे जा एगंते बहुफासुए (पएसे ) थण्डिले परिद्ववेत्तए, अस्थि या इत्थ केइ सागारियसंतिए उवगरणजाए अचित्ते परिहरणारिहे, कप्पइ से सागारियकडं गहाय तं सरीरंग एगते बहुफासुए थण्डिले परिदृवेत्ता तत्थेव उवणिक्खेवियव्वे सिया // 29 // भिक्खू य अहिगरणं कट्ट तं अहिगरणं अविओसवेत्ता-णो से कप्पइ गाहावइबुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, णो से कप्पइ बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, णो से कप्पइ गामाणुगामं वा दूइज्जित्तए, गणाओ वा गणं संकमित्तए वासावासं वा वत्थए, जत्थेव अप्पणो आयरियत्वज्झायं. पासेजा बहुस्सुयं बब्भागमं, कप्पइ से तसंतिए आलोइजा पडिक्क मिजा जिंदिजा गरहिज्जा विउट्टिजा विसोहिजा अकरणाए अनमुट्टित्तए अहारिहं तवोकामं पायच्छित्तं पडिवज्जिजा, से य सुएणं पट्टविए आइयव्वे सिया, से य सुएणं णो पट्टविए णो आइ. यव्वे सिया, से य सुएणं पट्टविजमाणे णो आइयइ, से णिज्जहियत्वे सिया // 30 // परिहारकप्पट्ठियस्स. णं भिवखुस्स कप्पइ आयरियउवच्झाएणं तद्दिवसं एर.गिहंसि पिण्डवायं दवावित्तए, तेण परं णो से कप्पइ असणं वा 4 दाउं वा अणुप्पदाउं वा कप्पइ से अण्णयरं वेयावडियं करेत्तए, तंजहा—उट्ठावणं वा (अणुट्ठावणं वा) Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 934 . अनंगपविट्ठसुत्ताणि णिसीयावणं का तुयट्टावणं वा, उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणविगिचणं वा विसोहणं वा करेत्तए, अह पुण एवं जाणेजा-छिण्णावाएसु पंथेसु आउरे झिंझिए पिंवासिए तवस्सी दुबले किलंते मुच्छिज वा पवडिज वा, एवं से कप्पइ असणं वा 4 दाउं वा अणुप्पदाउं वा // 31 // णो कप्पइ णिगंथाण वा णिगंथीण वा इमाओ पंच महण्णवाओ महाणईओ उद्दिट्टाओ गणियाओ जियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो का उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा, तंजहा-गंगा नउणा सरयू कोसिया मी, अह पुण एवं जाणेजा-एरवई कुणालाए-जत्थ चक्किया एगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा; एवं से कप्पड अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा, जत्थ णो एवं चक्किया, एवं से णो कप्पइ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा // 32 // से तणेसु वा तणपुंजेसु वा पलालेसु वा पलालपुंजेसु वा अप्पण्डेसु. अप्पपाणेसु अप्पर्बएसु अप्पहरिएसु अप्पुस्सेसु अप्पुत्तिंगपणगदगमट्टिय-मकडगसंताणएसु अहेसवणमायाए णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा तहप्पगारे उवस्सए हेमंतगिम्हासु वत्थए // 33 // से तणेसु वा जाव संताणए, उप्पिंसवणमायाए कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा तहप्पगारे उपस्सए हेमंतगिम्हासु बत्थए / // 34 // से तणेसु वा जाव संताणएसु अहेरयणिमुक्कमउडेमु णो कप्पइ णिग्गंथाण बा णिग्गंथीण वा तहप्पगारे उवस्सए वासावासं वत्थए // 35 // से लणेसु वा जाव संताणएसु उप्पिरयणिमुक्कम उडेसु कापइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा तहप्पगारे उवस्सए वासावासं वत्थए // 36 // त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे चउत्थो उद्देसओ समत्तो॥४॥ पंचमो उद्देसओ देवे य इथिरुवं विउव्वित्ता णिग्गंथं पडिग्गाहेजा, तं च णिग्गंथे साइज्जेजा; मेहुणपडिसेवणपत्ते आवजह चाउम्मासियं परिहाणहाणं अणुग्घाइयं // 1 // देवे य पुरिसरूवं विउवित्ता णिग्गंथि पडिग्गाहेजा, तं च णिग्गंथी साइज्जेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ता आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुचाइयं // 2 // देवी य इत्थिरूवं विउवित्ता णिग्गंथं पडिग्गाहेजा, तं च णिग्गंथे साइज्जेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्धाइयं // 3 // देवी य पुरिसरूवं विउव्वित्ता णिग्गंथि पडिग्गाहेजा, तं च णिग्गंथी साइज्जेजा, मेहुण Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहक्कप्पसुत्तं उ० 5 935 पडिसेवणपत्ता आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणु ग्घाइयं // 4 // भिक्खू य अहिगरणं कट्ट तं अहिगरणं अविओसवेत्ता इच्छेजा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ तस्स पंच राइंदियं छेयं कट्ट परिणि(व्वा)व्वविय 2 दोच्चपि तमेव गणं पडिणिजाएयत्वे सिया, जहा वा तस्स गणस्स पत्तिय सिया // 5 // भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे संथडिए णिव्विति गिच्छे असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुगए सूरिए अत्थमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिचिमाणे वा विसोहेमाणे वा णा(णो अ)इक्कमइ, तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 6 // भिवखू य उग्गयवित्तीए अणत्यमियसंकप्पे संथडिए विइगिच्छासमावण्णे असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमइ, तं अधणा भुंजमाणे अण्णेसि वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं आणुग्धाइयं ॥७॥भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए णिव्वितिगिच्छे असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजाअणुग्गए सूरिए अंत्थमिए वा, से नं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमइ; तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाण अणुग्घाइयं // 8 // विखू य उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए विइगिच्छासमावणे असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए अत्यमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमइ; तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयणपडिसेदणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणु घाइयं // 9 // इह खलु णिग्गंथस्स वा णिग्गंथीए वा राओ वा विय ले वा सपाणे सभोयणे उग्गाले आगच्छेजा, तं विगिचमाणे वा विलोहेमाणे वा णाइक्कमइ; तं उग्गिलित्ता पच्चोगिलमाणे राइभोयणपडि. सेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं // 10 ॥णिग्गंथस्स य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स अंतो पडिग्गा सि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेजा, तं च संचाएइ विगिचित्तए वा विस हेत्तए वा, तं पुव्वा Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अनंगपविट्ठसुत्ताणि . मेव लाइया विसोहिया 2 तओ संजयामेव भुंजेज वा पिएज वा; तं च णो संचाएइ विगिचित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं णो अप्पणा भुंजेजा- णो अण्णेसिं दावए एगते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिट्टवेयन्वे सिया // 11 // णिग्मंथस्स य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स अंतो पडिग्गहंसि दए वा दगरए वा दगफुसिए वा परियावज्जेजा; से य उसिणे भोयणजाए, भोत्तव्वे सिया; से य (णो उसिणे) सीए भोयणजाए, तं णो अप्पणा अँजेजा णो अण्णेसिं दावए एगंते बहुफासुए थप्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिट्टवेयव्वे सिया.॥ 12 // णिगंथीए य राओ वा वियाले वा उच्चारं वा पासवणं वा विगिंचमाणीए वा विसोहेमाणीए वा अण्णयरे पसुजाईए वा पक्खिजाईए वा अण्णयरइंदियजाए तं परामुसेजा, तं च णिग्गंथी साइज्जेजा, हत्थकम्मपडिसेवणपत्ता आवजह (चाउम्)मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥१३॥णिग्गंथीए य राओ वा वियाले वा उच्चारं वा पासवणं वा विगिंचनाणीए वा विसोहेमाणीए वा अण्णयरे पसुजाईए वा पक्खिजाईए वा अण्णयरंसि सोयंसि ओगाहेजा, तं च णिग्गंथी साइज्जेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ता आवज इ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुघाइयं // 14 // (णो कप्पइ णिग्गंर्थी ए एगाणियाए होत्तए // 15 // ) णो कप्पइ णिग्गंथीए एगाणियाए गाहावकुलं पिंडवाय पडियाए णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 16 / / णो कप्पह णिगंथीए एगाणियाए बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णि खमित्तए वा पविसित्तए वा // 17 // णो कप्पइ णिग्गंथीए.एगाणियाए गामाणुगामं दूइज्जित्तए वासावासं वा वत्थए // 18 // णो कप्पइ णिग्गंथीए अचेलियाए होत्तए // 19 // णो कप्पइ णिगंथीए अपाइयाए होत्तए // 20 // णो कप्पइ णिग्गंथीए वोसट्टकाइयाए होत्तए // 21 // णो कप्पइ णिग्गंथीए बहिया गामस्स वा जाव (रायहाणीए) संणिवेसरस वा उ बाहाओ पगिज्झिय 2 सूराभिमुहीए एगपाइयाए ठिच्चा आयावणाए आयावेत्तए / कप्पइ से उवस्सयस्स अंतो वगडाए संघाडिपडिबद्धाए पलंबिय बाहियाए समतलपाइयाए ठिच्चा आयावणाए आयावेत्तए // 22|| णो कप्पइ णिग्गंथीए ठाणाइयाए होत्तए // 23 // णो कप्पड़ णिग्थीए पडिमट्ठावियाए होत्तए // 24 // णो कप्पइ णिग्गंधीए णेसज्जियाए होत्तए // 25 // णो कप्पह णिग्गंथीए उक्कुडुगासणियाए होत्तए // 26 // णो कप्पइ णिग्गंथीए वीरासणियाए होत्तए // 27 // णो कप्पइ णिग्गंथीए दण्डासणियाए होत्तएँ।२८। णो कप्पइ णिग्गंथीए लगण्डसाइयाए होत्तए // 29 // णो कप्पइ णिग्गंथीए ओमंथियाए होत्तए // 30 // णो कप्पइ णिग्गंथीए उत्ताणियाए होत्तए // 31 // णो कप्पइ Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 637 बिहक्कप्पसुत्तं उ० 5 णिग्गंथीए अम्बखुज्जियाए होत्तए॥३२॥ णो कप्पइ णिग्गंथीए एगपासियाए होत्तए // 33 / / णो कप्पइ णिग्गंथीणं आउंचणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 34 // कप्पइ णिग्गंथाणं आउंचणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा॥३५॥णो कप्पइ णिग्गंथीणं सावस्सयंसि आसणंसि आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा॥३६॥ कप्पइ णिगंथाणं सावस्सयंसि आसणंसि आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा॥३७॥ णो कप्पइ णिग्गंथीणं सविसाणंसि पीढंसि वा फलांसि वा आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा // 38|| कप्पइ णिग्गंथाणं सविसाणंसि पीढं सि वा फलगंसि वा आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा // 39 / / णो कप्पइ णिग्गंथीणं सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा॥४०॥वप्पइ णिग्गंथाणं सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥४१॥णो कप्पइ णिग्गंथीणं सवेण्टयं पायकेसरियं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 42 // कप्पइ णिगंथाणं सवेण्टयं पायकेसरियं धारेत्तए वा परिहरित्तए ॥४३॥णो कप्पइ णिग्गंथीणं दारुदण्डयं पायपुंछणं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 44 // कप्पइ णिग्गंथाणं दारुदण्डयं पायपुंछणं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा // 45 // णो कप्पइ णिगंथाण वा णिग्गीण वा अण्णमण्णस्स मोयं आइयत्तए वा आइमित्तए वा णण्णत्थ गाढाऽगाढेसु रोगायंकेसु // 46 / / णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पारियासियस्स आहारस्स जाव तयप्पमाणमेत्तमवि भूइप्पमाणमेत्तमवि बिंदुप्पमाणमेत्तमवि आहारमाहारेत्तए, णण्णस्थ गाढाऽगाढेहिं रोगायवे हि // 47 // णो कप्पड़ णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा पारियासिएणं आलेषण जाएणं(गायाई)आलिम्पित्तए वा विलिम्पित्तए वा, णण्णत्थ गाढाऽगाढेहिं रोगायंकेहिं // 48 // णो कप्पइ णिग्गंथाण वाणिग्गंथीण वा पारियासिएणं तेल्लेण वा पएण वा वसाए वा णवणीएण वा गायाई अभंगेत्तए वा मक्खेत्तए वा, णण्णत्थ गाढाऽगाढेहिं रोगायंकेहिं / / 49 // (णो कम्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा कक्केण वा लोरेण वा वधूवणेण वा अण्णयरेण वा आलेवणजाएणं गायाई उव्वलेत्तए वा उव्वट्टित्तए वा, णण्णत्थ गाढाऽगाढेहिं रोगायंकेहि ॥५०॥)परिहारकापट्टिए णं भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, से य आहच्च अइक्कमेजा, तं च थेरा जाणेज अप्पणो आगमेणं अण्णेसिं वा अंतिए सोचा, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णाम ववहारे पट्टवियव्वे सिया // 51 // णिग्गथीए य गाहावकुलं पिण्डबायपडियाए अणुप्पविट्ठाए अण्णयरे पुलागभत्ते पडिग्गाहिए सिया, सा य संथरेजा,कप्पइ से तद्दिवसं तेणेव भत्तंटेणं परजोसवेत्तए णो से कप्पइ दोच्चं पि गाहावइकुलं पिण्डवाय पडियाए पवि सित्तए; सा य णो Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 638 . अनंगपविट्ठसुत्ताणि संथरेजा, एवं से कम्पइ दोच्चं पि गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए पविसित्तए // 52 // त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे पंचमो उद्देसओ समत्तो // 5 // छट्ठो उद्देसओ ... . णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इमाई छ अवयणाई वइत्तए, तंजहाअलियवयणे हीलियवयणे खिंसियवयणे फरुसवयणे गारत्थियवयणे,वि(उ)ओर वियं वा पुणो उदीरित्तए // 1 // कप्पस्स छ पत्थारा पण्णत्ता, तंजहा-पाणाइवायरस वायं वयमाणे, मुसावायस्स वायं वयमाणे, अदिग्णादाणस्स वायं वयमाणे, अविरइ. (य)यावायं वयमाणे, अपुरिसवायं वयमाणे, दासवायं वयमाणे, इच्चेए कप्पस्स उम्पत्थारे पत्थरेत्ता सम्मं अप्पडिपूरेमाणे तट्ठाणपत्ते सिया // 2 // णिग्गंथस्स य अहे पायंसि खाणू वा कण्टए वा हीरें वा सक्करे वा परियावज्जेजा; तं च णिग्गंथे णो संचाएइ णीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं णिग्गंथी णीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा णाइक्कमइ // 3 // णिग्गंथस्स य आच्छसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेजा, तं च णिग्गंथे णो संचाएइ णीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं णिग्गंथी णीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा णाइक्कमइ // 4 // णिग्गंथीए य अहे पायंसि खाणू वा कण्टए वा हीरे वा सक्करे वा परियावज्जेजा, तं च णिग्गंथी णो संचाएइ णीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं णिग्गंथे णीहरमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमइ // 5 // णिग्गंथीए य आच्छसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेजा तं च णिग्गंथी णो संचाएइ णीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं णिग्गंथे णीहरमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमइ // 6 // णिग्गंथे णिग्गंथिं दुग्गंसि वा विसमंसि वा पव्वयंसि वा पक(खु)खलमाणिं वा पवडमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा णाइक्कमइ // 7 // णिग्गंथे णिग्गंथिं सेयंसि वा पंकसि वा पणगंसि वा उदयंसि वा ओकसमाणिं वा ओबुज्झमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा णाइक्कमइ // 8 // णिग्गंथे णिग्गंथिं णावं आरोहमाणि वा ओरोहमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा णाइक्कमइ // 9 // खित्तचित्तं णिग्गथिं णिग्गंथे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा वा णाइक्कमह // 10 // दित्तचित्तं णिग्गथिं णिगंथे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा णाइक्कमह // 11 // जक्खाइट्ठे (6) उम्मायपत्तं (0) उवसग्गपत्तं (0) साहिगरणं (०)सपायच्छित्तं(०)भत्तपाणपडियाइक्खियं(०)अट्ठजायं णिग्गथि णिग्गंथे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा गाइक्कमइ // 12-18 // छ कप्पस्स पलिमंथू पण्णत्ता तंजहा Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिहक्कप्पसुत्तं उ. 6 936 कुक्कुइए संजमस्स पलिमंथू, मोहरिए सच्चवयणस्स पलिमंथू, तितिणिए एसणागोयरस्स पलिमंथू, चक्खुलोलुए इरियावहियाए पलिमंथू, इच्छालो(भ-ल ए)भे त्तिमग्गस्स पलिमंथू ; मिजा(भुज्जो)णियाणकरणे मोक्खमग स्स पलिमंथू, सव्वस्थ भगवया अणियाणया पसत्था // 19 // छव्विहा कप्पट्टिई पण्णत्ता, तंजहा-सामाइय. संजयकप्पट्टिई, छेओवट्ठावणियसंजयकप्पट्टिई,णि व्विसमाणकप्पट्टिई, पिट्टिकाइयकप्पट्ठिई, जिणकम्पट्टिई, थेरकापट्टिई // 20 ॥त्ति-बेमि // बिहक्कप्पे छट्ठो उद्देसओ समत्तो // 6 // ॥बिहक्कप्पसुत्तं समत्तं // Page #349 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं पढमो उद्देसो जे भिक्खू हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥१॥जे भिवखू अंगादाणं कद्वेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालतं वा साइज // 2 // जे मिक्खू अंगादाणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू अंगादाणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अन्भंगेज वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा अन्भंगेतं वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू अंगादाणं कक्केण वा लोद्धेण वा पउमक्षुण्णेण वा हाणेण वा सिणाणेण वा चुण्णेहिं वा वण्णेहिं वा उव्वट्टेइ वा परिवट्टेइ वा उव्वट्टेतं वा परिवटेंतं वा साइजइ / / 5 / / जे भिक्खू अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छालेतं वा साइजइ // ७॥जे भिक्खू अंगादाणं जिग्घइ जिग्घतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्ख अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तसि सोयंसि अणुप्पवेसेत्ता सुक्कपोग्गले णिग्याएइ णिग्घायंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू सचित्तं गंधं जिघड जिग्घतं वा साइजइ ॥१०॥जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं गं, जिग्घइ जिग्गंतं वा साइअइ // 11 // जे भिक्खू पयमगं वा संकम वा अवलंबणं वा अण्णउत्थिएण वा 'गारस्थिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्ख दगवीणियं अण्णउत्थिएहिं वा गारस्थिएहिं वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू सिकगं वा सिकगणंतगं वा अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू सोत्तियं या रज्जुयं वा चिलिमिलिं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू सूईए उत्तरकरणं अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 16 // जे भिवखू पिप्पलगरस उत्तरकरणं * अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्ख णहच्छेयणगस्सुत्तरकरणं अण्णउन्थिएण वा गारस्थिएण घा कारेड कारेंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू कण्णसोहणगस्सुत्तकरणं अण्णउथिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू अणट्ठाए सूई जायइ जायंतं वा साइ. Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 942 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जह // 20 // जे भिक्खू अणडाए पिप्पलां जायद जायंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू अगट्ठाए कग्णसोहणयं जायइ जायंत वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अणट्ठाए णहच्छेयणयं जायइ जायंतं वा साइजह // 23 // जे भिक्खू अविहीए सूई जाय। जायंत वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं जायइ जायंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणयं जायइ जायंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं जायइ जायंतं वा साइजई // 27 // जे भिक्खू पाडिहारियं सूई जाइत्ता वत्थं सिव्विस्तामित्ति पायं सिव्वइ सिव्वंतं वा साइजइ // 28 // ने भिक्खू पाडिहारियं पिप्पलयं जाइत्ता वत्थं छिंदिस्सामित्ति पायं छिंदइ छिंदंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू पाडिहारियं णहच्छेयणयं जाइत्ता णहं छिंदिस्सामित्ति सल्लुद्धरणं करेइ करेंतं वा साहजइ // 30 // जे भिक्खू पाडिहारियं कण्णसोहणयं जाइत्ता कण्णमलं णीहरिस्सामित्ति दंतमलं का णखमलं वा णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजह // 31 // जे भिक्खू अपणो एकस्स अट्ठाए ‘सूई जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए पिप्पलयं जाइत्ता अण्णमण्णस्प अणुष्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू अप्पणो एक्कस्स अट्टाए णहच्छेयणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू अप्पणो एक्कस्स अट्ठाए कण्णतोहणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अगुप्पदेंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू सूई अविहीए पञ्चपिणइ पञ्चप्पिणतं वा साइजइ // 36 ॥जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं पच्चप्पिणइ पच्चप्पिणंतं वा साइजइ // 37 || जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणयं पञ्चप्पिणइ पञ्चविणतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं पच्चप्पिणइ पच्च. प्पिणंतं वा साइजइ // 39 // जे मिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अण्णउस्थिएण वा गारस्थिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू दंडयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा बेणुसूइयं वा अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू पायस्स एक्कं तुंडियं तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू पायस्स परं तिण्हं तुड्डियाणं तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 43 // (जे भिक्खू पायं अविहीए तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 44 // ) जे भिक्खू Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 2 943 पायं अविहीए बैंधइ बंधतं वा साइजइ // 45 // जे भिवखू पायं एगेण बंघेण बंधइ बंधतं वा साइजइ // 46 // जे भिव खू पायं परं तिण्हं बंधाणं बंधइ बंधतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू अइरेगबंधणं पायं दिवड्डाओ मासाओ परेण धरेइ धरेतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू वत्थस्स एगं पडियाणियं देइ देंतं वा साइजइ // 49 / / जे भिक्खू वत्थस्स परं तिण्हं पडियाणियाणं देइ देंतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्ख अविहीए वत्थं सिव्वइ सिव्वंतं वा साइजइ // 51 // जे भिवत्र वत्थस्सेगं फालियगंठियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू वत्थस्स परं तिण्डं फालियगंठियाणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 53 // (जे भिक्खू वत्थस्स एगं विफलियं गंठियं देइ देयंतं वा साइजइ // 54 // जे भिक्खू वत्थस्स परं तिहं विफलियगंठियाणं देह देयंतं वा साइजइ // 55 // ) जे भिक्खू वत्थं अविहीए गंठेइ गंटतं वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू अतजाएणं गहेइ गहंतं वा साइजइ // 57 / / जे भिक्खू अइरेगगहियं वत्थं परं दिवड्डाओ मासाओ धरेइ धरेतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू गिहधूमं अण्णउस्थिएण वा गारथिएण वा परिसाडावेइ परिसाडावेतं वा साइजइ / / 59 // जे भिक्खू पूइकम्मं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 60 // पि.सीहऽज्झयणे पढमो उद्देसो समत्तो // 1 // बिइओ उद्देसो __ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणयं करेइ करेंतं वा साइजइ // 1 // जे भिवखू दारुदंडयं पायपुंछणं गेण्हइ गेण्हतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू दास्दंडयं पायपुंछणं धरेइ धरेतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं परिभाएइ परिभाएंतं वा साइजइ // 5 / / जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं परं दिवढाओ मासाओ धरेइ धरेतं वा साइ• जइ // 7 // जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणयं विसुयावेइ विसुयावेतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू अचित्तपइट्ठियं गंधं जिग्घइ वा जिग्यंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू पयमगं वा संकम वा आलंबणं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू दगवीणियं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू सिकगं वा सिकगणं Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 944 - अनंगपविट्ठसुत्ताणि . तगं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू सोत्तियं वा रज्जुयं वा . चिलिमिलिं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू सूईए उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू पिप्पलयस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू णहच्छेयणगस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू कण्णसोहणयस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू लहुसगं फरसं वयइ वयंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू लहुसगं मुसं वयइ वयं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू लहुसगं अदत्तं आइयइ आइयंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू लहुसएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा हत्थाणि वा पायाणि वा कण्णाणि वा अच्छीणि वा दंताणि वा णहाणि वा (मुहं वा) उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवैतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू कसिणाई चम्माइं धरेइ धरेतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू कसिणाई वत्थाई धरेइ धरेतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्ख अभिण्णाई वत्थाई धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुयपायं वा वा मट्टियापायं वा सयमेव परिघट्टेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा परिषदेंतं वा संटवैतं वा जमातं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू दंडगं वा लट्ठियं वा अवलेहणं वा वेणुसूइयं वा सयमेष परिघट्टेइ वा संठवेइ वा जमावेई वा परिघटेतं वा संटवेतं वा जमातं वा साइजइ // 36 // जे भिक्खू णियगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू परगवेसियगं पडिगहगं धरेइ धरतं वा साइजाइ // 38 // जे भिक्खू वरगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू बलगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू लवगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरतं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू णितियं अग्गपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ / / 32 / / जे भिक्खू णितियं पिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू णितियं अवहभागं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्ख णितियं भागं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू णितियं उणडभागं भुंजइ भुजंत वा साइजइ // 36 // जे भिवखू णितियावासं वसइ वसंतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू पुरेसंथवं वा पच्छासंथवं वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू समाणे वा वसमाणे वा गामाणुगामं वा दूइजमाणे पुरेसंथुयाणि वा पच्छासंथुयाणि वा कुलाई पुव्यामेव अणुपविसित्ता पच्छा भिवखायरियाए Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 2 945 अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ वा अपरिहारिएण सद्धिं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमइ वा उ-गुपविसह वा णिक्खमंतं वा अणु पविसंतं वा साइजइ॥४०॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ वा अपरिहारिएण सद्धिं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ अपरिहारिए हिं सद्धिं गामाणुगामं दूइजइ दूइज्जतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू अण्णयरं पाणगजायं पडिगाहित्ता पुष्पगं पुष्फगं आइयइ कसायं 2 परिवेइ परिवेंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू अण्णयरं भोयणनायं पडिगाहित्ता सुभि 2 भुंजइ दुभि 2 परिवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू मणुण्णं भोयणजायं पडिगाहित्ता बहुपरियावण्णं सिया अदूरे तत्थ साहम्मिया संभोइया समणुण्णा अपरिहारिया संता परिक्संति ते अणापुच्छिय अणिमंतिय परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू सागारियं पिंड गिण्हइ गिण्हतं वा साइजह // 46 // जे भिक्खू सागारियं पिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू सागारियं कुलं अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पुवामेव पिंडवायपडियाए अणुप्पविसह अणुप्पविसंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू सागारियणीसाए असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा ओभासिय 2 नायह जायंतं वा साइजइ // 49 // जे भिक्खू उडुबद्धियं सेजासंथारयं परं पज्जो. सवणाओ उवाहणावेइ उवाइणावंतं वा साइजइ ॥५०॥जे भिक्ख वासावासियं सेजासंथारयं परं दसरायकप्पाओ उवाइणावेइ,उवाइणावंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू उडुबद्धिय वा वासावासियं वा सेजासंथारगं उवरिसिजमाणं पेहाए ण ओसारेइ ण ओसारेतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू पाडिहारियं सेजासंथारयं दोच्चंपि अणणुण्णवेत्ता बाहिं णीणेइ णीणेतं वा साइजइ // 53 // जे भिक्खू सागारियसंतियं सेजासंथारयं दोच्चंपि अणणुण्णवेत्ता बाहिं णीणेइ णीणेतं वा साइजइ // 54 // जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारयं दोच्चपि अणणुण्णवेत्ता बाहिं जीणेइ णीणेतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू पाडिहारियं सेजासंथारयं आयाए अप्पडिइंट्ट संपव्वयइ संपव्वयंतं वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू सागारियसंतियं सेजासंथारयं आयाए अविगरणं कट्ट अणप्पिणेत्ता संपव्वयइ संपव्वयतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारयं विप्पणहूँ ण Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 946 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गवेसइ ण गवसंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू इत्तरियपि उवहिं ण पडिलेहेई ण पडिलेहेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ मासियं परिहारहाणं उग्घाइयं // 59 // णिसीहऽज्झयणे बिइओ उद्देसो समत्तो // 2 // तइओ उद्देसो जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा असणं वा 4 ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ ॥१॥एवं अण्णउत्थियाओ वा गारत्थियाओ वा,अण्णउत्थिणी वा गारस्थिणी वा:अण्णउत्थिणीओ वा गारत्थिणीओ वा असणं वा४ ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ // 2-3-4 // जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा कोउहल्लपडियाए पडियागय समाणं अण्णउत्थियं वागारत्थियं वा अण्णउत्थियाओ वा गारस्थियाओवा,अण्णउत्थिणी वा गारस्थिणी वा,अण्णउत्थिणीओ वा गारस्थिणीओ वा असणं वा 4 ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ // 5-67-8 // जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा,अण्णउत्थिए हि वा गारस्थिए हि वा;अण्णउत्थिणीए वा गारत्थिणीए वा,अण्णउत्थिणीहि वा गारस्थिणीहि वा असणं वा 4 अभिहडं आहट्ट दिजमाणं पडिसेहेत्ता तमेव अणुवत्तिय 2 परिवेढिय 2 परिजविय 2 ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ // 9-10-11-12 // जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविढे पडियाइक्खित्ते समाणे दोच्चंपि तमेव कुलं अणुप्पविसइ अगुप्पविसंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू संखडिपलोयणाए असणं वा 4 पडिगाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे परं तिघरंतराओ असणं वा 4 अभिहडं आहट्ट दिजमाणं पडिगाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू अप्पणो पाए आमज्जेज वा वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइज्इ // 16 // जे भिवखू अप्पणो पाए संबाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ / / 17 // जे भिक्खू अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेंज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू अप्पणो पाए लोद्वेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा पउमचुण्णेण वा, उल्लोलेज वा Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 3 947 उबट्टेज वा उल्लेलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उन्छोलेंतं वा पधोवेतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू अप्पणो पाए फुमेज वा रए ज वा पुतं वा रएंतं वा साहजइ // 21 // जे भिक्खू अप्पणो कायं आमज्जेज वा पमजेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अप्पणो कायं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्दतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वामक्खेतं वा मिलिंगेंतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अप्पणो कायं लोद्धेण वा.जाव पउमषुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ॥२५॥जे भिक्ख अप्पणो कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेतं वा पधोतं वा साइजह // 26 // जे भिक्खू अप्पणो कार्य फूमेज वा रएज वा फुमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं भामज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमदे॒तं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू अप्पणो कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगैतं वा साइजइ ॥३०॥जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू अप्पणो कायंसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोंदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा अधोवैतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू अपणो कायंसि वणं फुमेज वा रएज वा फुमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदंतं वा विच्छिदंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियंणीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥३६॥जे भिक्ख Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 948 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेगं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूतं वा पधूवेतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरइ णीहरंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥४१॥जे भिक्खू अप्पणो दीहाई वत्थीरोमाइं कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 42 // जे भिक्खू अप्पणोदीहाई चक्खुरोमाई क पेज वासंठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू भप्पणो दीहाई जंघरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजह // 44 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कक्खरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई मंसुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई केसाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 47 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कण्णरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 48 // ने भिक्खू अप्पणो दीहाइं णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ / / 49 // जे भिक्खू अप्पणो दंते आघंसेज्ज वा पसेज्ज वा आघंसंतं पघंसंतं वा साइज्जइ॥ 50 // जे भिक्खू अप्पणो दंते सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोवेज्ज वा उच्छोलेतं वा पधोतं वा साइज्जइ // 51 // ने भिक्खू अप्पणो दंते फूमेज्ज वा रएज्ज वा फूतं वा रएंतं वा साइज्जइ // 52 // जे भिक्खू अप्पणो उढे आमज्जेज्ज वा Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 3 949 पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ // 53 // जे भिवखू अप्पणो उढे संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिम तं वा साइज्जइ // 54 // जे भिव खू अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिगेज्ज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ // 55 // जे भिक्खू अप्पणो उठे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ 56 / जे भिक्खू अप्पणो उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू अप्पणो उढे फूमेजं वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 58 // जे भिवखू अप्पणो दीहाइं उत्तरोहरोमाइं कप्पेज बा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जतं वा पमज्जतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा. वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेत वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 63 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा. उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 64 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि फूमेजवा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 66 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं भुमगरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 67 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 69 जे भिक्खू अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू गामाणुगामं दूइज्जमाणे अप्पणो सीसदुवारियं / करेइ करेंतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू सणकप्पासाओ वा उण्णकप्पासाओ वा पोण्डकप्पासाओवा अमिलकप्पासाओ वा वसीकरणसोत्तियं करेइ करेंतं वा साइजाइ Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 650 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 72 // जे भिक्खू गिहंसि वा गिहमुहंसि वा गिहदुवारियंसि वा गिहपडि दुवारियसि वा गिहेलुयंसि वा गिहंगणंसि वा गिहवच्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 73 // जे भिक्खू मडगगिहंसि वा मडगछारियंसि वा मडगथूभियंसि वा मडगासयंसि वामडगलेणंसि वा मडगथंडिलंसि वा मडगवच्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 74 // जे भिक्खू इंगालदाहंसि वा खारदाहं सि वा गायदाहं सि वा तुसदाहंसि वा ऊसदाहंसि वा उच्चार वा पासवणं वा परिवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 75 // जे भिवखू अभिणवियासु वा गोलेहणियासु अभिणवियासु वा मट्टियाखाणीसु वा परि जमाणियासु वा अपरिभुंजमाणियासु वा उच्चार वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिह-तं वा साइजइ // 76 // जे भिक्खू सेयायणंसि वा पंकसि वा पणगंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ. परिहवेंतं वा साइजइ // 77 // जे भिक्खू उंबरखच्चंसि वा जग्गोहवच्चंसि वा अस्सत्थवच्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिडवेइ परिहवेंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू डागवच्चंसि वा सागवच्चंसि वा मूलयवच्चंसि.वा कोत्थुभरिवच्चंसि वा खारवच्चंसि वा जीरयवच्चंसि वा दमण(ग)वच्चंसि वा मरुगबच्चसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू इक्खुवणंसि वा सालिवणंसि वा कुसुंभवणंसि वा कप्पासवर्णसि वा उच्चार,वा पासवणं वा परिवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 80 // जे भिक्खू असोगवणंसि वा सत्तिवण्णवर्णसि वा चंपगवणसि वा चूयवणंसि वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु वा पत्तोवएसु पुप्फोवएसु फलोवएसु छाओवएसु उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ परिहवेंतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू सपायंसि वा परपायसि वा दिया वा राओ वा वियाले वा उब्बाहिजमाणे सपायं गहाय परपायं जाइत्ता वा उच्चारं पासवणं वा परिवेत्ता अणुग्गए सूरिए एडेइ एडेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ मासियं परिहारहाणं उग्धाइयं // 82 // णिसीहऽज्झयणे तइओ उद्देसो समत्तो // 3 // चउत्थो उद्देसो जे भिक्खू रायं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू रायारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू णगरारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ // 3 जे भिक्खू णिगमारक्खियं अत्तीकरे इ अतीकरेंतं वा साइज्जइ // 4 // जे भिक्खू देसारखियं अत्तीकरेइ अत्तीकरें। Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 4 951 वा साइज्जइ / / 5 // जे भिक्खू सव्वारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ // 6 // जे भिक्खू रायं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ // 7 // जे भिक्खू रायारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ॥८॥ जे भिक्खू णगरारविखयं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ // 9 // जे भिवख णिगमारविख्यं अच्च करेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्नइ // 10 // जे भिवखू देसारखिंय अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ // 11 / / जे भिक्खू सव्वारविख्यं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ // 12 // जे भिक्खू रायं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू रायारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू णगरारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजह // 15 // जे भिक्खू णिगमारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू देसारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू सव्वारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ 118 / जे भिक्खू रायं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ / 19 / जे भिक्खू रायारक्खियं अस्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू णगरारक्खियं अथीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजह ॥२१॥जे भिक्खू णिगमारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू देसारक्खियं अत्थीकरेइ अस्थीकरेंतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू सव्वारक्खियं अत्थीकरेइ अथकरेंतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू कसिणाओ ओसहीओ आहारेइ आहारतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू आयरिएहिं अदिण्णं आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू आयरियउवज्झाएहिं अविदिण्णं विगइं आहारेई आहारेंतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू ठवणाकुलाई अजाणिय अपुच्छ्यि अगवेसिय पुवामेव पिंडवायपडियाए अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू णिग्गंथीणं उवस्सयंसि अविहीए अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइजइ // 29 // मे भिक्खू णिग्गंथीणं आगमणपहंसि दंडगं वा लट्ठियं वा रयहरणं वा मुहपोत्तिय वा अण्णयरं वा उवगरणजायं ठवेइ ठवेंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू णवाइं अणुप्पण्णाई अहिगरणाई उप्पाएइ उप्पाएंतं वा.साइजइ // 31 // जे भिक्खू पोराणाई अहिगरणाई खामिय विओसवियाई पुणो उदीरेइ उदीरेंतं चा साइजइ // 32 // जे भिक्ख मुहं विष्फालिय हसइ हसंतं वा साइजइ / / 33 // जे भिक्खू पासत्थस्स संघान्यं देइ देंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू पासत्थस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू ओस Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 12 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ण्णस्स संघाडयं देह देंतं वा साइजह // 36 // जे भिक्खू ओसण्णस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजह // 37 // जे भिक्खू कुसीलस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू कुसीलस्स संघाडयं पडिच्छह पडिच्छंतं वा साइजई // 39 // जे भिक्खू णितियस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ / / 40 // जे भिक्खू णितियस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू संसत्तस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू संसत्तस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा हत्थेण वामत्तेण वा दबीए वाभायणेण वा असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू ससरक्खेण वा मट्टियासंसट्टेण वा ऊसासंसट्टेण वा लोणियसंसटेण वा हरियालसंसट्टेण वा मणोसिलासंसटेण वा वण्णियसंसटेण वा गेरुयसंसटेण वा सेढियसंसट्टेण वा हिंगुलसंसट्टेण वा अंजणंसंसट्टेण वा लोद्धसंसट्टेण वा कुक्कुससंसदेण पिट्ठसंसट्टेण वा कंतवसंसट्टेण वा कंदसंसट्टेण वा मूलसंसट्टेण वा सिंगबेरसंसट्टेण वा पुप्फसंसट्टेण वा उक्कुट्ठसंसट्टेण वा हत्थेण वा मत्तेण वा दव्वीए का भायणेण वा असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू गामारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू गामारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू गामारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइज्जइ ॥४८॥जे भिक्खू गामारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ // 49 // जे भिक्खू सीमारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू सीमारक्खियं अच्चीकरेइ' अच्चीकरेंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू सीमारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइजइ 52 / जे भिक्खू सीमारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ // 53 // जे भिक्खू रण्णारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ // 54 // जे भिक्खू रण्णारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू रण्णारक्खियं अच्छीकरेइ अच्छीकरेंतं वा साइज्जइ // 56 // जे भिक्खू रण्णारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्दतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए तेल्लेण वा घरण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 60 // जे भिदख Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 4 953 अण्णमण्णस्स पाए लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज बा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उबढ़ेतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोए ज वा उच्छोलंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ // 63 // जे भिक्खू अण्णमण्णरस कायं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंत वा साइजइ // 64 // जे भिवखू अण्णमण्णस्स कायं संवाहेज्ज वा पलिमद्देन वा संघाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥६५।।जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवर्ण.एण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मक्खेतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ // 66 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं लोद्धेण वा नाव पउमचुप्णेण वा उल्लोलेज बा उवट्टेज वा उल्लोलेतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ ॥६७॥जे भिक्खू अण्णमण्णरस कायं सीओदर वियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेंज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू. अण्णमण्णस्स कार्य मेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 69 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जत वा साइजइ // 70|| जे भिव खू अण्णमण्णरस कायंसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेत वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा मिलिंगेत वा||७२॥ जे भिक्ख अण्णमण्णस्स कायंसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमक्षुण्णेण वा उल्लोलेज वा उबट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वहेंतं वा साइजह // 73 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं सीओदगवियडेण या उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंत वा साइजह // 74 // जे भिक्खू भण्णमण्णस्स कायंसि वणं फूमेज वा रएज बा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 75 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिल्यं वा भरइयं वा भंसियं वा भगंदलं या अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अपिंदेज बा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ // 76 // जे भिवखू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज्ज वा विसोहेज्ज णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 77 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कार्यसि गंडं वा Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 954 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विछिदित्ता णीहरित्ता विसोहित्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगबियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा. साइजइ.॥७८॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्ण यरेणं तिक्खेगं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंज वा आलिंपेंतं वा विलितं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा गवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगतं वा मक्खेंतं वा साइजइ // 80 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता अभंगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज्ज वा पधूवेज्ज वा धूवंतं वा पधूवेतं वा साइज्जइ // 81 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरइ णीहरंतं वा साइज्जइ // 82 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जह // 83 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई वत्थीरोमाइं कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 84 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई चक्खुरोमाइं कापेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 8 // जे भिक्खू अण्णमष्णस्स दीहाई जंघरोमाई कापेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइज्जह // 86 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई कक्खरोमाई कप्पेज्ज वा संटवेज्ज वा कप्पेतं वा सं ठवेतं वा साइज्जइ // 87 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई मंसुरोमाइं कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वाक पेंतं वासंठवेंतं वा साइज्जइ॥८८॥जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं केसाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 89 // जे भिक्खु अण्णमण्णस्स दीहाई कण्णरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइज्जइ॥९०॥जे भिक अण्णमण्णस्स दीहाइंणासारोमाइं कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 91 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 4 955 दंते आघंसेज वा पघंसेज वा आघंसंतं वा पसंतं वा साइजइ / / 92 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दंते सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 93 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दंते फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 94 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स" उठूःआमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 95 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उढे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं पा साइजइ // 96 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 97 // ने भिक्खू अण्णमण्णस्स उढे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 98 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उटे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ // 99 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्टे फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 100 // जे भिवखू अण्णमण्णस्स दीहाइं उत्तरोहरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 101 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई अच्छिपत्ताइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणी आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंत वा पमज्जतं वा साइजइ // 103 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 104 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छी तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजई // 105 // जे भिक्खू अण्णमण्गस्स अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमंचुण्णेण वा उल्लोलेज्ज वा उव्वदे॒ज्ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वद्वैतं वा साइज्जइ // 106 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेतं वा पधोएंतं वा साइज्ज // 107 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि फूमेज्ज वा रएज वा फूमेत वा रएंतं वा साइज्जइ // 108 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई भुमगरोमाइं कम्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेतं वा साइज्जइ // 109 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं पासरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 110 // जे भिखू अण्णमण्णस्स अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेतं वा साइजइ Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 956 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 111 // जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वाणीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू गामाणुगामं दूइंजमाणे अण्णमग्णस्स सी पदुवारियं करेह करेंतं वा साइजइ // 113 / / जे भिक्खू . . साणुप्पए उच्चारपासवणभूमि साणुप्पए ग पडिलेहेइण पडिलेहतं वा साइज्इ // 114 // जे भिक्खू तओ उच्चारपासवणभूमीओ ण पडिलेहेइ ण पडिलेहतं बां साइज इ / 115 / जे भिक्खू खुड्डागंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजई // 116 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं अविहीए परिट्टवेह परिहवेंतं वा साइजइ॥११७।। जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिहवेत्ता ण पुंछइ ण पुंछंतं वा साइजइ // 118 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिद्ववेत्ता कटेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा पुंडर पुंछतं वा साइजइ // 119 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिवेत्ता णायमइ णायमंतं वा साइजइ // 120 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिहवेत्ता तत्थेव आयमइ आयमंतं वा साइजइ // 121 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिवेत्ता अइ दूरे आयमह आयमंतं वा साइजइ // 122 // जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिढुवेत्ता परं तिण्हं णावापूराणं आयमइ आयमंतं वा साइजइ / 123 / जे मिक्खू अपरिहारिएण परिहारियं वएजा-एहि अज्जो ! तुमंच अहं च एगओ असणं वा 4 पडिगाहिता तओ पच्छा पत्तेयं 2 भोक्खामो वा पाहामो बा, जे तं एवं वयइ क्यंतं वा साइजह / तं सेवमाणे आवजह' मासियं परिहारट्ठाणं उन्धाइयं // 124 // णिसी हाउझयणे चउत्थो उद्देसो समत्तो // 4 // पंचमो उद्देसो जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा भालोएज्ज वा पलोएज्ज वा आलोएतं वा पलोएंतं वा साइज्जइ // 1 // जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं बा तुयट्टणं वा चेएइ चेएंतं वा साइज्जइ // 2 // जे मिवखू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा असणं वा 4 आहारेइ आहारेतं वा साइज्जइ // 3 // जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा उच्चारपासवणं परिडवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 4 // ने भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥५॥जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं उद्दिसइ उद्दिसेंतं वा साइज्नइ // 6 // ने भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं समुद्दिसइ समुदिसतं वा साइज्जइ // 7 // जे Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 5 957 भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं अणुजाणइ अणुजाणतं वा साइज्जइ // 8 // जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू सचित्तरक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं पडिइ पडिच्छंत वा साइज्जह // 10 // जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं परियट्टेइ परियट्टेतं वा साइजह // 11 // जे भिक्खू अप्पणो संघाडि अण्णउत्थिएण वा गारथिएण बा सागारिएण वा सिव्वावेइ सिव्वावेतं वा साइज्जइ // 12 // जे भिवखू अप्पणो संघाडीए दीहसुत्ताई करेइ करेंतं वा साइज्जह // 13 // जे मिक्खू पिउमंदपलासयं वा पडोलपलासयं वा बिलपलासयं वा सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा संफाणिय 2 आहारेइ आहारेंतं वा साइज्जह // 14 // जे भिक्खू पाडिहारियं पायपुंछणं माइत्ता तमेव रयणिं पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणतं वा साइज्मइ // 15 // जे भिक्खू पाडिहारियं पायपुंछण जाइत्ता सुए पचप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणिं पच्चप्पिणइ पच्चप्पिणतं वा साइज्जइ // 16 // जे भिक्खू सागारियसंतियं पायपुंटणं जाइत्ता तमेव रयाणिं पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पच्चप्पिणइ पच्चप्पिगंतं वा साइज्जइ / / 17 // जे भिक्खू सागारियसंतियं पायपुंछणं जाइत्ता सुए पच्चप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणिं पच्चप्पिणइ पच्चप्पिणतं वा साइज्जह // 18 // जे. भिवखू पाडिहारियं दंडयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणुसूई वा जाइत्ता तमेव रयणि पचप्पिणिस्सामित्ति सुए पच्चप्पिणइ पच्चप्पिणतं वा साइज्जइ // 19 // जे भिक्ख पाडिहारियं दंडयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणुसूई वा जाइत्ता सुए पच्चप्पिणिसामित्ति तमेव रयणि पच्चप्पिणइ पचप्पिणतं वा साइजद्द // 20 // जे भिक्खू सागारियसंतियं दंडयं वा लट्ठिय वा अवलेहणियं वा वेणुसूइंवा जाइत्ता तमेव रयणिं पच्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइज्जइ॥२१॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं दंडयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणुसूई वा जाइत्ता सुए पच्चप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणि पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू पाडिहारियं वा सेजासंथारयं पच्चप्पिणित्ता दोच्चं पि अण्णुण्णविय भहिलेइ भहिटुंतं वा साइबइ // 23 // जे भिक्खू सागारियसंतियं वा सेजासंथारयं पञ्चप्पिणित्ता दोच्चंपि अणणुण्णविय अहिढेइ अहिडेतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू सणकप्पासाओ वा उण्णकप्पासाओ वा पोण्डकप्पासाओ वा अमिलकप्पासाओ वा दहसुत्ताई करेइ करेंतं वा साइजह // 25 // जे भिक्खू सचित्ताई दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि . करेंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू सचित्ताई दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू सचित्ताई दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजह // 28 // जे भिक्खू चित्ताइं दारुदंडाणि या वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू चित्ताई दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेद धरेतं वा साइजइ ॥३०॥जे भिक्खू चित्ताइं दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू विचित्ताई दासदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइजह // 32 // ने भिक्ख विचित्ताई दारुदंडाणि वा वेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरतं वा साइजइ // 33 // जे भिवू विचित्ताई दारुदंडाणि वा बेणुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ / / 34 // जे भिक्खू णवगणिवेसंसि वा गामंसि वा जाव सण्णिवेसंसि वा अणुप्पविसित्ता असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 35 / / जे भिक्खू णवगणिवेसंसि. वा आयागरंसि वा तंबागरंसि वा तउयागरंसि वा सीसागरंसि वा हिरण्णागरंसि वा सुवण्णागरंसि वा (रयणागरंसि वा) वइरागरंसि वा अणुप्पविसित्ता असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहतं वा साइजद्द // 36 // जे भिक्खू मुहवीणियं करेइ करेंतं वा साइजह // 37 // जे भिक्खू , दंतवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू उट्टवीणियं करेइ करेंतं , वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू णासावीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू कक्खवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू हत्थवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू णहवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू पत्तवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू पुप्फवीणियं करेइ करेंतं वा साइजह // 45 // जे भिक्खू फलवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू बीयवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू हरियवीणियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू मुहबीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ / / 49 // जे भिक्खू दंतवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू उट्ठवीणियं बाएइ वाएंतं वा साइजइ // 51 / / जे भिक्खू णासावीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू कक्खवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 53 // जे भिक्खू हत्थवीणियं वाएइ वाएंतं Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 6 वा साइजह // 54 // जे भिक्खू णहवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू पत्तवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 56 // जे भिवखू पुष्पवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू पलवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू बीयवाणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू हरियवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 60 // एवं अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि वा अणुदिण्णाई सद्दाई उदीरेइ उदी रेतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू उद्देसियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू सपाहुडियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 63 // जे भिक्खू सपरिकम्मं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ / / 64 // जे भिक्खू गस्थि संभोगवत्तिया किरियत्ति वयह वयंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा अलं थिरं धुवं धारणिज्ज पलिछिंदिय 2 परिदृवेइ परिहवेतं वा साइजह // 66 // जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अलं थिरं धुवं धारणिज्जं परिभिंदिय परिभिंद्रिय परिट्ठवेइ परिट्ठवेतं वा साइजइ // 67 // जे भिक्खू दंडगं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणसूई वा पलिभंजिय 2 परिट्ठवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू अइरेयपमाणं रयहरणं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥६९जे भिक्खू सुहमाई रयहरणसीसाइं करेइ करेंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू रयहरणस्स एक्कं बंध देइ देंतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू रयहरणं कंडूसगबंधेणं बंधइं बंधतं वा साइजइ / / 72 // जे भिक्खू रयहरणं अविहीए बंधइ बंधतं वा साइजइ // 73 // (जे भिक्ख रयहरणं एशोण बंधेण बंधा बंधतं वा साइजइ // 74 // ) जे भिक्खू रयहरणस्स परं तिण्हं बंधाणं देइ देंतं वा साइजइ / / 75 // जे भिक्खू रयहरण.अणिसटुं धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 76|| जे भिवखू रयहरणं वोसट्टे धरेइ धरेतं वा साइजइ / / 77 // जे भिवखू रयहरणं अभिवखणं 2 अंहिटेइ अहिटेतं वा साइजइ / / 78 // जे भिक्खू रयहरणं उस्सीसमूले ठवेइ ठवेंतं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू रयहरणं तुयट्टेइ तुय?तं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजह मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं // 80 // णिसीहऽज्झयणे पंचमो उद्देसो समत्तो॥५॥ - छट्ठो उद्देसो जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणवडियाए विण्णवेइ विष्णवेतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ // 2 // Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि . जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं कटेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं संवाहेज वा पलिमद्देज बा संवाहतं वा पलिमद्दतं वा साइज्जइ // 4 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणब डि.याए अंगादाणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवीएण वा अभंगेज वा मक्खेज्न वा अभंगेतं वा मवखेंतं वा साइज्जइ // 5 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेंहुणवडियाए अंगादाणं कक्केण बा लोद्धेण वा पउमचुण्णेण वा पहाणेण वा सिणाणेण वा चुण्णेहिं वा वणे हिं वा उव्वट्टेइ वा परिवट्टेइ वा उव्वर्टेतं परिवर्टेतं वा साइजह // 6 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्नइ // 7 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छत्लेंतं वा साइज्जइ // 8 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं जिन्घइ जिग्छतं वा साइज्जइ // 9 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि अणुपवेसेत्ता सुक्पोग्गले णिग्घायइ णिग्घायंतं वा साइज्जइ // 10 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए (अवाउडिं) सयं कुज्जा सयं बूया करेंतं वा(बूएंतं वा)साइज्जइ // 11 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए व.लहं कु.जा कलहं बूया कलहवडियाए गच्छद गच्छंतं वा साइज्जइ // 12 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए लेहं लिहइ लेहं लिहावेइ लेहवडियाए वा गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयंतं वा पोसतं वा भ(ल्लि)ल्लायएण उम्पाएइ उप्पाएंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहणवडियाए पिटुंतं वा सोयंतं वा पोसंतं वा भल्लायएण उप्पाएत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जह // 15 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहणवडियाए पिटुंतं वा सोयंत वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेषणजाएणं आलिंपेज्ज वा बिलिंपेज्ज वा आलिंपेतं वा विलिंपेत वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयंतं वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता भालिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज्ज वा मक्खेज्ज वा अभंगेंतं वा मक्खेतं वा साइज्जइ // 17 // जे Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 6 भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयंतं वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता अभंगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूतं वा पर्वतं वा साइजइ ॥१८॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कसिणाई वत्थाई घरेइ धरेतं वा साइजइ / / 19 / / जे भिक्खू माउग्गामस्य मेहुणवडियाए अहयाइं वत्थाई धरेइ धरेतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए धोवरत्ताई वत्थाई घरेइ धरेतं वा साइज्जइ // 21 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्ताई वत्थाई धरेइ धरेतं वा साइज्जइ // 22 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए विचित्ताई वत्थाई धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए आमज्जेज्ज बा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं. वा पमज्जंतं वा साइज्जइ // 24 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए संवाहेज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमदेतं वा साइज्जइ // 25 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए लोहेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज्ज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ // 27 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंत वा साइज्जइ // 28 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए फूमेज्ज वा रएज्ज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाएं अप्पणो कायं आमज्जेज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जतं वा साइज्जइ // 30 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ // 31 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ // 32 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं लोद्धेण वा नाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - 962 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 34 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं मेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि वणं आमज्जेज वापमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 36 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अप्पणो कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं या साइजह // 38 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज बा उबट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उबट्टेतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू माउग्गा. मस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कावंसि वर्ण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ॥४०॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि वणं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वारएंतं वा साइजइ // 41 // // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं बा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलयं बा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदंगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सस्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपेंतं वा विलिंपेंतं वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू माउमगामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असि वा भगंदलं बाअण्णयरेणं तिक्खा सत्थनाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 6 963 आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ / / 46 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता अभिगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेतं वा पधूवेंतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कर-पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 49 // जे भिक्वू माउग्गामस्स मेहुणयडियाए अप्पणो दीहाइं वत्थीरोमाइं फापेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 51 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई जंघरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अपणो दीहाई कक्खरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 53 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई मंसुरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 54 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई केसाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई कण्णरोमाइं का पेज वा संटवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाइं णासारोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ॥५७॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते आघंसेज वा पसेज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ / / 59 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते फूसेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उट्टे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ / / 61 // जे भिक्खू माउग्गा. Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 964 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमदेंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 63 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उट्टे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उन्वटेज वा उल्लोलेंतं षा उव्वदे॒तं वा साइ. जइ // 64 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उट्टे सीओदगवियंडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंत वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजह // 66 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई उत्तरोट्ठरोमाइंकापेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 67 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए, अप्पणो दीहाई अच्छि. पत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठतं बा साइजइ // 68 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि आमज्जेज बापमज्जेज वा आमज्मंतं वा पमज्जतं वा साइजह // 69 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा मिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू माउग्गामस्स .मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 72 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहणवडियाए अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 73 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूर्मतं वा रएंतं वा साइजइ // 74 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाइं भुमगरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेतं वा साइजइ // 75 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई पासरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 76 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 77 // Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसोहसुत्तं उ.७ 965 जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायाओ सेयं बा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्इ // 78 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए गामाणुगामं दूइजमाणे सीसवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए खीरं वा दहिं वा णवणीयं वा सप्पिं वा गुलं वा खंड वा सक्करं वा मच्छंडियं वा अण्णयरं वा पणीयं आहारं आहारेइ आहारेतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 80 // णिसीहऽज्झयणे छट्ठो उद्देसो समत्तो // 6 // सत्तमो उद्देसो जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्तमालियं वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडियदंतमालिय वा सिंगमालिय वा संखमालियं वा हड्डमालिय वा भिंडमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालिय वा पुष्फ मालिय वा फलमालिय वा बीयमालिय वा हरियमालिय वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू माउगामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंनमालियं वा वेत्तमालिय वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडियदंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हुड्डमालियं वा भिंडमालिय वा कट्ठमालिय वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालिय वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा धरेइ घरेतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्तमालियं वा मयणमालियं वा पिछमालिय वा पोंडियदंतमालियं वा सिंगमालिय वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिंडमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालिय वा पुप्फमालिय वा फलमालिय वा बीयमालिय वा हरियमालियं वा पिण(१)द्ध पिणद्धत वा साइजह // 3 // जे. भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं बा मुंजमालियं वा वेत्तमाव्यि वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडिय. दंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिंडमालियं वा कडमालिय. बा पत्तमालिय वा पुप्फमालिय वा पलमालियं वा बीयमालिय वा हरियमालियं वा परि नइ पुरिभुजतं वा साइजइ // 4 // ने भिवख माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसग Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - अनंगपविट्रसुत्ताणि लोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसगलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा घरेइ धरेंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसगलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा. एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि का कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंचसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा परिभुंजइ परिभुजत वा साइज्जइ // 10 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयरा(वा)णि वा कोयर(व)पावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मि(म)हासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि वा वग्याणि वा विवग्याणिं वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगुल्लाणि वा (तिरीडपट्टाणि वा) पतु[ल्ला]ग्णाणि वा आवरंताणि वा वी(ची)णाणि वा अंसुयाणि वा कणककंताणि वा कणगखचियाणि वा कणगचित्ताणि वा कणगविचित्ताणि वा आभरणविचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि वा कालमियाणि वा णीलणियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि या वग्घाणि वा विवग्धाणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सँहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगुल्लाणि वा पतुण्णाणि वा (पणलाणि वा) आवरंताणि वा वी(ची)गाणि वा अंसुयाणि वा कणककंताणि वा कणर.चित्ताणि वा कणगविचित्ताणि Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिसीहसुत्तं उ०७ 967 वा आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजह // 12|| जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि बा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि वा वग्घाणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगुल्लाणि वा पतुण्णाणि वा (पणलाणि वा) आवरंताणि वा वी(ची)णाणि वा अंसुयाणि वा कणककंताणि वा कणगचित्ताणि वा कणगविचित्ताणि वा आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अ(विख)क्खंसि वा ऊरंसि वा उयरंसि वा थणंसि वा गहाय संचालेइ संचालतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जतं वा साइजइ // 15 // ने भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमतं वा साइजइ / / 16 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए तेरलेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मवखेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू माउन्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्य संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा मिलिंगेज वा मवरखेंतं वा भिलिगेंतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वदेज वा उल्लोलेंतं वा उबट्टेतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 968 अनंगपविट्ठसुत्ताणि / उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा. साइजइ / / 26 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजह // 27 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजह // 28 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेत वा मिलिंगेतं वा साइजइ ॥२९॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वटेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ॥३०॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं सीओदगवियडेण वा असिंणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ॥३१॥ जे भिक्ख माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वणं फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थनाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज बा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 35 // जे मिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिवखेणं सत्थजाएणं अच्छि दित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा पिलिपंतं वा साइजह // 36 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 7 असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगेत वा मवर्खेतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अण्ण मण्णस्स कार्यसि गंडं वा पिलयं वा भरइयं वा असियं वा भगंदलं वा भण्णयरेणं तिवखेणं सत्थजाएगं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरेत्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता अभंगेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज्ज वा पधूवेज्ज वा धूतं वा पधूवैतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा. अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरइ णीहरंतं वा साइज्जइ // 39 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेंहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाओ णहसिहाओ कम्पेज्ज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई वत्थीरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमंण्णस्स दीहाइं चक्खुरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू माउन्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णरस दीहाई मंघरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संटवेतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू माउंग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई कसरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्ख माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई मंसुरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेत वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं केसाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेतं वा साइजह // 46 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दहाई कण्णरोमाइं क पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 47 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दंते आघंसेज वा पघंसेज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइज्जइ // 49 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दंते उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ // 50 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण. Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 970 अनंगपविट्ठसुत्तागि वडिवाए अण्णमण्णस्स दंते फूमेज्ज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे आमज्जेज्ज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमजंतं वा साइज्जइ // 52 // जे भिवखू माउन्गामस्स मेहुणबडियाए अण्णमण्णरस उढे संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमबेतं वा साइज्जइ // 53 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा मिलिंगेज्न वा मक्खेत वा भिलिंगेत वा साइज्जइ // 54 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज्ज वा उन्वटेज्ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ // 55 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे सीऔदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साईज्जइ // 56 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्.मण्णस्स दीहाइं उत्तरोहरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 58 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 59|| जे भिक्खू माउग्गामम्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमजंतं वा साइज्जइ // 60 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ // 61 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्टीणि लोद्धेण वाजाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥६३॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोए ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 64 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूर्मतं वा रएंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई भुमगरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 7 971 कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 66 // जे भिक्खू माउग्गामम्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइ. जइ // 67 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा ण हरेंतं वा विसोहेत वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू माउग्गामस्त मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 69 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स गामाणुगामं दूइजमाणे सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अणंतरहियाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए ससिणिद्धाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ // 72 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए ससरक्खाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा त्यावेतं वा साइजइ // 73 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए महट्टियाकडाए पुढए जि.सीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ // 74 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्तमंताए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयथावेज वा णिसीयावैतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ / / 75 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्तमंताए सिलाए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयादेत वा साइजइ // 76 // ने भिक्खू माउग्गामस्स-मेहुणवडियाए चित्तमंताए लेलए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ // 77 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओसे सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमकासंताणगंसि. णिसीयावेज वा तुयटावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ / / 78 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंकंसि वा पलियंकंसि वा णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ / / 79 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंकंसि वा पलियंकंसि वा णिसीयावेत्ता तुयट्टावेत्ता वा असणं वा 4 अणुग्धा'सेज वा अणुपाएज वा अणुग्यासेंतं वा अणुपाएंतं वा साइजइ // 80 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा वा परियावसहेसु वा णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं बा तुयट्टावेत बा Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ... 972 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . साइजइ // 81 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आगंतागारेसु वा आरामा- . गारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा णिसीयावेत्ता वा तुयहावेत्ता वा असणं वा 4 अणुग्घासेज वा अणुपाएज वा अणुग्घासेंतं वा अणुपाएंतं वा साइ. जइ // 82 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं तेइच्छं आउट्टइ आउटुंतं वा साइजइ // 83 // जे भिक्ख माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अमणुण्णाई पोग्गलाई णीहरइ णीहरंतं वा साइजइ // 84 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए मणुण्णाई पोग्गलाई उवकिरइ उवकिरतं वा साइजइ // 85 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजाई वा पक्खिजाइ वा पायंसि वा पक्खंसि वा पुंछंसि वा सीसंसि वा गहाय (उज्जिहइ वा पविहइ वा) संचालेइ (उज्जिहेंतं वा पविहेत वा) संचालतं वा साइजइ // 86 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजायं वा पक्खिजाय वा सोयंसि कटुं वा किलिंचं वा अंगुलियं वा तलागं वा अणुप्पवेसित्ता संचालेइ संचालतं वा साइजह // 87 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजायं वा पक्खिजायं वा अयमित्यित्तिकट्ट आलिंगेज वा परिस्सएज वा परिचुंबेज वा विच्छेदेज वा आलिंगंतं वा परिस्सयंत वा परिचुंबतं वा विच्छेदंतं वा साइजइ // 88 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए असणं वा 4 देइ देतं वा साइजइ // 89 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छतं वा साइजइ // 90 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा देइ देंतं वा साइजइ // 91 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए वस्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 92 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 93 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ॥९४॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरेणं इंदिएणं आकारं करेइ करेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 95 // णिसीहऽज्झयणे सत्तमो उद्देसो समत्तो // 7 // अट्ठमो उद्देसो जे भिक्खू आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसुवा एगो एगाए इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ०८ 973 उच्चारं वा पसवणं वा परिहवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणे(णिठ्ठरं) अस्सव(म) णपाओग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ॥१॥जे भिक्खू उजाणंसि वा उजाणगिहंसि बा उजाणसालंसि वा णिजाणंसि वा णिजाणगिहंसि वा णिजाणसालंसि वा एगो एगाए इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेह असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिडवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाओग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ' // 2 // जे भिक्खू अट्टसि बा अट्टालयंसि वा चरियसि वा पागारंसि वा दारंसि वा गोपुरंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिडवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्नइ // 3 // जे भिक्खू दगंसि वा दगमगंसि वादगपहंसि वा दगमलंसि वा दगतीरंसि वा दगठाणंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू सुण्णगिहंसि वा सुण्णसालंति वा भिण्णगिहंसि वा भिषणसालंसि वा कूडागारंसि वा कोडागारंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेह सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ . उच्चारं वा पासवणं वा परिवेह अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू तणगिहंसि वा तणसालंसि बा तुस गिहंसि वा तुससालंसि वा भुसगिहंसि वा भुससालंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ // 6 // जे भिक्खू जाणसालंसि वा जाणगिहंसि वा जुग्गसालंसि वा जुग्गगिहंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेह कहेंतं वा साइज्जइ // 7 // जे भिक्खू पणियसालंसि वा पणियगिहंसि वा परियासालंसि वा परियागिहंसि वा कुवियसालंसि वा कुवियगिहंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेड अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेह कहेंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू गोणसालंसि वा गोणगिहंसि वा महाकुलंसि वा Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 974 अनंगपविट्ठसुत्ताणि महागिहसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेह उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू राओ वा वियाले वा इस्थिमज्झगए इत्थिसंसत्ते इस्थिपरिवुडे अपरिमाणाए कहं कहेइ कहेंतं वा साइ. जइ // 10 // जे मिक्खू सगणिच्चियाए वा परगणिच्चियाए वा णिग्गंथीए सद्धिं गामाणुग्गामं दूइज्जमाणे पुरओ गच्छमाणे पिट्ठओ रीयमाणे ओहयमणसंकप्पे चिंतासोयसागरसंपविढे करयलपल्हत्थमुहे अट्टज्झाणोवगए विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेह असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं मेहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासयं वा अणुवासयं वा अंतो उवस्सयस्स अद्धं वा राई कसिणं वा राई संवसावेइ (तं ण पडियाइक्खइ तं पडुच्च णिक्खमइ. वा पविसइ वा) संवसावेतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासयं वा अणुवासयं वा अंतो उवस्सयस्स भद्धं वा राई कसिणं वा राइं संवसावेइ तं पडुच्च णिक्खमइ वा पविसइ बा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं समवाए सु वा पिंडणियरेसु बा इंदमहेसु वा खंदमहेसु वा रुद्दमहेसु वा मुगुंदमहेसु वा भूतमहेसुवा जखमहेसु वा णागमहेसु वा थूभमहेसु वा चेइयमहेसु वा रुक्खमहेसु वा गिरिमहेसु वा दरिमहेसु वा अगडमहेसु वा तडागमहेसु वा दहमहेसु वा णईमहेसु वा सरमहेसु वा सागरमहेसु वा आगरमहेसु वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु विरूवरूवेसु महामहेसु असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं उत्तरसालंसि वा उत्तरगिहंसि वा रीयमाणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं हयसालागयाण वा गयसालागयाण वा मंतसालागयाण वा गुज्झसालागयाण वा रहस्ससालागयाण वा मेहुणसालागयाण वा अरुणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू रण्णो खतियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं सण्णिहिसंणिचयाओ खीरं वा दहिं वा णवणीयं वा साप्पं वा तेल्लं वा गुलं वा खंडं वा सक्करं वा मच्छंडियं वा अण्णयरं वा भोयणजाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुंदियाणं मुद्धाभि Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 9 975 सित्ताणं उस्सट्टपिंडं वा संसट्ठपिंडं वा अणाहपिंडं वा किविणल्डिं वा वणीमगपिंडं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउमासियं परिहारहाणं अणुग्घाइयं // 18 // णिसीहऽज्झयणे अट्ठमो उद्देसो समत्तो।। णवमो उद्देसो जे भिक्खू रायपिंडं गेण्हइ गेहंतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू रायपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू रायतेउरं पविसइ पविसंतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू रायंतेपुरियं वएजा-'आउसो ! रायंतेपुरिए णो ख्लु अम्हं कप्पइ रायंतेपुरं णिक्खमित्तए वा पविसित्तए बा, इमम्हं तुमं पडिग्गहगं गहाय रायंतेपुराओ असणं वा 4 अभिहडं आहट्ट दलयाहि' जो तं एवं वयइ वयंत वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू णो वएजा, रायंतेपुरिया वए जा-'आउसंतो! समणा णो खलु तुझं कप्पइ रायंतेपुरं णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, आहरेयं पडिग्गहगं जाए अम्हं रायंतेपुराओ असणं वा 4 अभिहडं आहट्ट दलयामि' जो तं एवं वयं पडिसुणेइ पडिसुणेतं वा साइज.इ // 5 // जे भिवरलू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताण दुवारियभत्तं वा पसुभत्तं वा भयगमत्तं वा बलभत्तं वा कयगभत्तं वा हयभत्तं वा गयभत्तं वा कंतारभत्तं वा दुब्भिवखभत्तं वा दुकालमत्त वा दमगमत्तं वा गिलाणभत्तं वा वद्दलियाभत्तं वा पाहुणभत्तं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इमाई दोसाययणाई अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय परं चउरायपंचरायाओ गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमइ वा पविसइ वा णि खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ, तंजहा-कोट्ठागारसालाणि वा भंडागारसालाणि वा पाणसालाणि वा खीरसालाणि वा गंजसालाणि वा महाणससालाणि वा // 7 // जे मिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं अइगच्छमाणाण वा णिग्गच्छमाणाण वा पयमवि चक्खुदंसणपडि. वाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इत्थीओ सव्वालंकारविभूसियाओ पयमवि चक्खुदंसण'पडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइभइ 9 // जे भिव खू रपणो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं मंसखायाण वा मच्छखायाण वा छविखायाण वा बहिया णिग्गयाणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं अण्णयरं उववूहणियं समीहियं Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 976 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पेहाए तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अवोच्छिण्णाए जो तमण्णं (तं असणं . 4 वा) पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 11 // अह पुण एवं जाणेजा 'इहज राय खत्तिए परिवुसिए' ने भिक्खू तार गिहाए ताए पएसाए ताए उवासंतराए विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा 4 आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारिवं मेहुणं अस्समणपाउम्गं कहं कहेइ कहेंतं पा साइजइ // 12 / / जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं बहिया जत्तासं(पहि)ठियाणं असणं ना 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजइ ॥१३॥जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धामिसित्ताणं बहिया जत्तापडिणियत्ताणं असणं बा 4 पडिग्गाहेह पडिग्गाहेत बा साइजइ // 14 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं णइजत्तासंपट्टियाणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजह // 15 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुरियाणं मुद्धाभिसित्ताणं णइजत्तापडिणियत्ताणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं गिरिजत्तासंपट्ठियाणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं गिरिजत्तापडिणियत्तागं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं महाभिसेयंसि वट्टमाणसि णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजह // 19 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इमाओ दंस अभिसेयाओ रायहाणीओ उद्दिट्ठाओ गणियाओ वंजियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ, तंजहा-चंपा महुरा वाणारसी साबत्थी साएवं कंपिल्लं कोसंबी मिहिला हस्थिणापुरं रायगिहं // 20 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तनहा-खत्तियाण वा राईण वा कुराईण वा रायसंसियाण वा रायपेसियाण वा // 21 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ, तंजहा–णडाण वा णट्टयाण वा कच्छुयाण वा जल्लाण वा मलाण वा मुट्ठियाण वा वेलंबगाण वा कहगाण वा पवगाग वा लासगाण वा दोखलयाण वा छत्ताणुयाण वा (खेलाण वा उत्ताण वा) // 22 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 10 977 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-आसपोसयाण वा हस्थिपोसयाण वा महिसपोसयाण वा बसहपोसयाण वा सीहपोसयाण वा वग्धपोसयाण वा अयपोसयाण वा पोयपोसयाण वा मिगपोसयाण वा सुण्हपोसयाण वा सूयरपोसयाण वा मेंढपोसयाण वा कुक्कुडपोसयाण वा (मक्कडपोसयाण वा) तित्तिरपोसयाण वा वट्टयपोसयाण वा लावयपोसयाण वा चीरल्लुल्लपोसयाण वा हंसपोसयाण वा मऊरपोसयाण वा सुयपोसयाण वा // 23 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिगगाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ, तंजहा-आस(मद्दा)दमगाण वा हत्थिदमगाण वा // 24 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहाआसमिठाण वा इथिमिठाण वा // 25 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-आसरोहाण वा हत्थिरोहाण वा.॥ 26 // जे भिक्खु रण्णो खत्तियाणं मुदियाण मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ, तंमहा-सत्थवाहाण. वा संवाहावयाण वा अभंगावयाण वा उव्यथावयाण वा मजावयाण वा मंडावयाण वा छत्तग्गहाण वा चमरग्गहाण वा हडप्पग्गहाण वा परियट्टयग्गहाणवा दीवियग्गहाण वा असिग्गहाण वा धणुग्गहाण वा सत्तिग्गहाण वा कोंतग्गहाण वा इत्थियगहाण वा हस्थिपत्तगहाण वा // 27 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहतं वा साइजइ तंगहा-वरिसधराण वा कंचुइजाण वा दोवारियाण वा दं(ड)डारक्खियाण वा // 28 // जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा 4 परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजइ, तंजहा-खुजाण वा चिलाइयाण वा वामणीण वा वडभीण वा बब्बरण वा प(पा)उसीण वा जोणियाण वा पल्हवियाण वा ईसणीण वा थारुगिणीण वा लउसीण वा लासीण वा दमिलीण वा सिंहलीण वा आरवीण वा पुलिंदीण वा पक्कणीण वा बहलीण वा मुरंडीण वा सबरीण वा पारसीण वा / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुन्छाइयं // 29 // णिसीहऽज्झयणे णवमो उद्देसो समत्तो // 9 // . दसमो उद्देसो __ जे भिक्खू भदंतं आगाढं वयह वयंतं वा साइजह // 1 // जे भिनसू भदंतं Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 678 अनंगपविट्ठसुताणि फरसं वयह वयंतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू भदंतं आगाढं फरसं वयइ क्यंतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू भदंतं अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाएइ अच्चासाएंतं वा साइजह // 4 // जे भिक्खू अणंतकायसंजुत्तं आहार आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू आहाकम्मं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू तीयं णिमित्तं कहेइ कहेंतं वा. साइजइ // 7 // जे भिक्खू पडुप्पण्णं णिमित्तं वागरेइ वागरेंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू अणागयं णिमित्तं वागरेइ वागरेंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू सेहं अवहरइ अवहरंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू सेहं विप्परिणामेइ विप्परिणामेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू दिसं अवहरइ अवहरंतं वा साइजह // 12 // जे भिक्ख दिसं विप्परिणा- : मेह विप्परिणामेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू बहियावासियं आएसं परं तिरायाओ अविफालेत्ता संवसावेह संवसावेतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू साहिगरणं अविओसवियपाहडं अकडपायच्छित्तं परं तिरायाओ विप्फालिय अविप्फालिय संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू उग्घाइयं अणुग्धाइयं षयइ वयंतं वा साइजह // 16 // जे भिक्खू अणुघाइयं उग्घाइयं वयइ वयंत वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू उघाइयं अणुग्घाइयं , देइ देंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू अणुग्घाइयं उग्याइयं देइ देंतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू उग्घाइयं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू उग्याइयहेउं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुजंतं वा साइजइ॥२१॥जे भिक्खू उग्घाइयसंकप्पं सोचा णच्चा संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ // 22 // जे भिवखू उग्घाइयं उग्घाइयहेउं वा उग्याइयसंकप्पं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ संभुजतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू अणुग्घाइयं सोच्चा णच्चा संभंजइ संभुजतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अणुग्घाइयहेउं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुजतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अगुग्घाइयसंकप्पं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुजंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू अणुग्घाइयं अणुग्धाइयहेउं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ संभुजंतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू उग्धाइयं वा अणुग्घाइयं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू उग्धाइयहेउं वा अणुग्घाइयहेउं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ संभुत वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू उधाइयसंकप्पं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोचा णचा संभुंनइ संझुंजत वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 9 979 उग्बाइयं वा अणुग्घाइयं वा उग्घाइयहेउं वा अणुग्धाइयहेउं उग्धाइयसंकप्पं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोचा णच्चा संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ // 31 // जे भिवखू उग्गयवित्तीए अणत्थमियमणसंकप्पे संथडिए णिवितिगिच्छासमावष्णेणं अप्पाणेणं असणं या 4 पडिग्गाहेत्ता संभुंजमाणे, अह पुण एवं जाणेजा " अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च (आसयंसि) मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिचिय विसोहिय तं परिवेमाणे (धम्म) णाइक्कमइ, तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते / नो तं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे संडिए वितिगिच्छाए समावण्णेणं अप्पाणेणं असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता संभुंजमाणे, अह पुण एवं जाणेजा "अणुग्गए सूरिए भत्थमिए पा"से जं च मुहे जं च पाणिसिज च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिवेमाणे णाइक्कमइ, तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं बा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते ।जो तं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ॥३३॥जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए णिव्वितिगिच्छासमावण्णेणं अप्पाणेण असणं वा 4 पडिन्गाहेत्ता सं जमाणे, अह पुण एवं जाणेजा "अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से नं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिवेमाणे णाइक्कमइ, तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयण पडिसेदणपत्ते / जो तं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए वितिगिच्छासमावण्णेणं असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता संभुज.माणे, अह पुण एवं जाणेजा " अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिवेमाणे णाइकमइ (तं अप्पणा भुंजमाणे अण्णेसि वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते) / जो तंभुंजइ भुंजंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू राओ वा वियाले वा सपाणं सभोयणं उग्गालं आगच्छेजा तं विगिचमाणे वा विसोहेमाणे वा णाइक्कमह तं उग्गिलित्ता पच्चोगिलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते, जो तं पच्चोगिलइ पच्चोगिलंतं वा साइजइ // 36 // जे भिक्खू गिलाणं सोचा ण गवेसइ ण गवसंतं वा साइजइ // 37 // जे 'भिक्खू गिलाण सोचा उम्मग्गं वा पडिपहं वा गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ // 38|| जे भिक्खू गिलाणवेयावच्चे अब्भुट्टियस्स सएण लाभेण असंथरमाणरस जो तस्स ण पडितप्पइ ण पडितप्पंतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू गिलाणवेयावच्चे अब्भु Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 980 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ट्ठिए गिलाणपाउगे दव्यजाए अलब्भमाणे जो तं ण पडियाइक्खइ ण पडियाइक्वंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू पढमपाउसम्मि गामाणुग्गामं दूइजइ दूइज्जंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू वासावासं पज्जोसवियंसि गामाणुग्गामं दूइजह दूइज्जंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू अपज्जोसवणाए पज्जोसवेइ पज्जोसवेतं वा साइजइ // 43|| जे भिक्खू पज्जोसवणाए ण पज्जोसवेइ ण पज्जोसवेंतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू पज्जोसवणाए गोलोमाई पि वा(बा)लाई उवाइणावेइ उवाइणावेत वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू पज्जोसवणाए इत्तिरियं पि आहारं आहारेइ भाहारेतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू अण्णउत्थियं(अण्ण उत्थिएण) वा गारस्थिय(गारस्थिएण) वा पज्जोसवेइ पज्जोसर्वेतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू पढमसमोसरणुद्देसे पत्ताई चीवराई पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चारम्मासियं परिहारद्वाणं अणुग्घाइयं // 48 // णिसीहऽज्झयणे दसमो उद्देसो समत्तो // 10 // एक्कारसमो उद्देसो जे भिक्खू अयपायाणि बा तंबपायाणि वा तउयपायाणि सीसगपायाणि वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायरूपायाणि वा मणिपायणि वा काय(कणग)पायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि वा चेलपायाणि वा सेलपायाणि वा अंकपायाणि वा संखपायाणि वा वइरपायाणि वा करेइ करेंतं वा साइजह // 1 // जे भिक्खू अयपायाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि सीसगपायाणि वा वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायस्वपायाणि वा मणिपायाणि वा कायपायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि वा चेलपायाणि वा सेलपायाणि णा अंकपायाणि वा संखपायाणि वा वइरपायाणि वा धरेइ धरेंतं या साइजह // 2 // जे भिक्खू अयपायाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि वा सीसगपायाणि वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायरूवपायाणि वा मणिपायाणि वा कायपायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि वा चेलपायाणि वा सेलपायाणि वा अंकपायाणि वा संखपायाणि वा वहरपायाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजह // 3 // जे भिव खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा संसगबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणि वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि बा काय(कणग)बंधणाणि Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 11 981 वा दंतबंधशाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा सेलबंध णाणि वा अंकबंधणाणि वा संबंधणाणि वा वइबंधणाणि वा करेइ करेंतं वा * साइजइ // 4 // जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा सीसगबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणि वा जायसवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा सेलबंधणाणि वा अंकबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइबंधणाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा सीसगबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुषण्णबंधणाणि वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा सेलबंधणाणि बा अंकंबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजह // 6 // जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ पायवडियाए गाइ गच्छंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू परमद्धजोयणमेराओ सपच्चवायंसि पायं अभिहडं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ / / 8 // जे भिक्खू धम्मस्स अवणं वयइ वयंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू अधम्मस्स वणं वयह वयंत वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमतिं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मवखेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू अण्णउस्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उबट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 15 // जे मिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थिस्स वा पाए फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजह // 17 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 982 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गारस्थियस्स वा कार्य संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं या साइजइ // 18 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायं तेल्लेण बा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा मिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा फायं लोद्धेग वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वटेज वा उल्लोलेतं या उब्वट्ठेतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू अण्णउस्थियस्त वा गारत्थियस्स वा वा कायं सीओदगपियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स या गारस्थियस्स वा कायं फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायंसि वणं आमज्जेज वा पमज्जेज . था आमज्जतं वा पमज्जंतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू अण्णउस्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायंसि वणं संबाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्दतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स बा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं तेल्लेण वा घरण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्ख अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायंसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज चा उवट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उन्यदे॒तं वा साइजइ // 26 // जे मिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कार्यसि बणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेग वा उच्छोलेज वा पधोएज घा उच्छोलेंत वा पधोएंतं बा साइजइ।२७। जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कायंसि वणं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 28 // जे मिक्ख अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिल्यं वा अरइयं वा असिय वा भगंदलं वा अण्णपरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलयं या अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छि दित्ता पूर्यन्वा सोपियं वा Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - णिसीहसुत्तं उ. 11 983 णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगविषडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थमाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विञ्छिदित्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं भालिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा बसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अन्भंगेंतं वा मस्खेतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगषियडेण उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेललेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेत्ता मक्खेत्ता भण्णयरेण धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेंतं वा पधूतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वागारत्थियस्स वा पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 36 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाई वत्थीरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाइं चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई जंघरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ / / 39 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाई कक्खरोमाइं कप्पेज वा संटवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियरस वा दीहाई मंसुरोमाई Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 984 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कम्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 41 // जे भिक्खू अण्णउत्थि. यस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाई केसाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं कपणरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं णासारोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 44 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दंते आघंसेज्ज वा पघंसेज्ज वा आघंसंतं वा पसंतं वा साइज्जइ // 45 // ने भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दंते उच्छोलेज्ज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू अण्णउस्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दंते फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजह // 47 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जत वा साइजह // 48|| जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा उढे संबाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 49|| जे भिक्ख अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेत वा भिलिंगेतं. वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उहे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा उट्टे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उट्टे फूमेज बारएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ // 53 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा दीहाइं उत्तरोडरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 54 // जे भिक्खू अण्ण. उत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइजह // 55 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जतं वा पमज्जंत वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहेत वा पलिमद्देतं वा साइजइ / / 57 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 11 985 भिलिंगेज वा मक्खेत वा भिलिंगेंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उरलोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 59 // जे भिवख अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई भुमगरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियरस वा दीहाई पासरोमाई फापेज वा संटवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // ६३॥जे भिवखू भण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 64 // जे भिक्खू अण्णउत्थियरस वा गारत्थियस्स वा कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेतं वा विसोहेंतं वा. साइजइ // 65 // जे भिवखू गामाणुगामं दूइज्जेमाणे अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइज्इ // 66 // जे भिक्ख अप्पाणं बीभावेइ बीभावेतं वा साइजइ॥ 67 // जे भिवखू परं बीभा. वेइ बीभावेतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू अप्पाणं विम्हावेइ विम्हात वा साइजइ // 69 // जे भिक्खू परं विम्हावेइ विम्हावेतं वा साइज इ // 70 // जे भिक्खु अप्पाणं विप्परियासेइ विपरियासेंतं वा साइज इ // 71 // जे भिक्खू परं विष्परियासेइ विप्परियासेंतं वा साइजइ // 72 // जे भिवखू मुहवण्णं करेइ करेंतं वा साइजइ // 73 // जे भिक्खू वेरजविरुद्धरज्जंसि सज्ज गमणं सज्ज आगमणं सज्ज गमणागमणं करेइ करेंतं वा साइजइ ।।७४||जे भिक्खू दियाभोयणस्स अवण्णं वयइ वयंत वा साइजइ / / 75 // जे भिक्खू राइभोयणस्स वणं वय वयंत वा साइजइ // 76 // जे भिक्खू दिया असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ // 77 // जे भिक्खू दिया असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता रत्तिं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ // 78 // जे भिक्खु रत्तिं असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता दिया मुंजंइ भुजंतं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू रत्तिं असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता रत्तिं भुंजइ""|८०॥ जे भिव ख असणं वा 4 अणागाढे परिवासेइ परिवासेंतं वा साइजइ // 81 // जे भिक्खू परिवासियस्स Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 986 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. असणस्स वा 4 तयप्पमाणं वा भूइप्पमाणं वा बिंदुप्पमाणं वा आहारं आहारेइ आहारेतं वा साइजइ / / 82 // जे भिक्खू मंसाइयं वा मच्छाइयं वा मंसखलं वा मच्छखलं वा आहेणं वा पहेणं वा संमेलं वा हिंगोलं वा अण्णयरं वा तहप्पगारं विरूवरूवं हीरमाण पेहाए ताए आसाए ताए पिवासाए तं रयणि अण्णत्थ उवाइणावेइ उवाइणावेतं वा साइज्जइ / / 83 // जे भिक्खू णिवेयणपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ // 84 // जे भिक्खू अहाछंदं पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ // 85 // . जे भिक्खू अहाछंदं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 86 // जे भिक्ख णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा अणलं पवावेइ पव्वावेतं वा साइज्जइ // 87 // जे भिक्खू गायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा अणलं उवट्ठावेइ उवहावेतं वा साइज्जह / / 88 // जे भिक्खू अणणं वेयावच्चं कारावेइ कारावेतं वा साइजइ // 89 // जे भिक्खू सचेले सचेलगाणं मज्झे संवसइ संवसंतं वा साइजइ // 90 // जे भिक्खू सचेले अचेलगाणं मज्झे संवसइ संवसंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्ख अचेले सचेलगाणं मज्झे संवंसइ संवसंतं पा साइ. जइ // 92 // जे भिक्खू अचेले अचेलगाणं मज्झे संवसइ संबसंत वा साइजइ // 93|| जे भिक्खू पारियासियं पिप्पलिं वा पिप्पलिंचुणं वा सिंगबेरं वा सिंगबेरचुण्णं वा बिलं वा लोणं उब्मियं वा लोणं आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ // 94 // जे भिक्खू गिरिपडणाणि वा मरुपडणाणि वा भिगुपडणाणि वा तरुपडणाणि वा गिरिपवखंदणाणि वा मरुपक्खंदणाणि वा भिगुपक्खंदणाणि वा तरुपक्खंदणाणि वा जलपवेसाणि वा जलणपवेसाणि वा जलपक्खंदणाणि वा जलणपक्खंदणाणि वा विसभक्खणाणि वा सत्थोपाडणाणि वा वलयमरणाणि वा वसट्टाणि बा तम्भवाणि वा अंतोसल्लाणि वा बेहाणसाणि वा गिद्ध पिट्टाणि वा जाव अण्णयराणि बा तहप्पगाराणि बालमरणाणि पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्याइयं // 95 // णिसीहऽज्झयणे एक्कारसमो उद्देसो समत्तो // 11 // बारसमो उद्देसो जे भिक्खू कोलुणपडियाए अण्णयरिं तसपाणजाई तणपासएण वा मुंजपासएण वा कट्ठपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा सुत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा बंधइ बंधतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू कोलुणपडियाए अण्णयरि Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 12 9 87 तसपाणजाई तणपासएण वा मुंजपासएण वा कट्टपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा सुत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा बद्धेलयं मुंच(मुय)इ मुंचं(यं)तं “वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू अभिक्खणं 2 पञ्चक्खाणं भंजइ भजंतं वा साइजइ // 3 // जे मिक्वू परित्तकायसंजुत्तं आहारं आहारेइ आहारतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू सलोमाइं चम्माई धरेइ धरेतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू तणपीढगं वा पलालपीढगं वा छगणपीढगं वा कट्टपीढगं वा वेत्तपीढगं वा परवत्थेणोच्छण्णं अहिढेइ अहिद्रुतं वा साइजइ / / 6 / / जे भिक्खू णिग्गंथीए संघाडि अण्णउत्थिएण वा गार. स्थिएण वा सिव्वावेइ सिव्वावेतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू पुढवीकायस्स या आउक्कायस्स वा अगणिकायस्स वा वाउकायस्स वा वणप्पाइकायरस वा कलमायमवि समा(रं)रभइ समारभंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू सचित्तरुक्खं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ // 9 // जे. भिक्खू गिहिमत्ते भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्ख गिहिवत्थं परिहेइ परिहेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू गिहिणिसेज्ज वाहेइ वाहेतं वा साइजइ / / 12 // जे भिक्खू गिहितेइच्छं करेइ करेंतं वा साइ. जइ // 13 // जे भिक्ख पुराकम्मकडेण हत्थेण वा मत्तेण वा द(वि)व्वीएण वा भायणेण वा असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइइ // 14 // जे भिवखू गिहत्थाण वा अण्ण(उ)तित्थियाण वा सीओदगपरिभोगेण हत्थेण वा मतेण वा दव्वीएण वा भायणेण वा असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजइ // 15 // जे भिक्ख वप्पाणि वा फलिहाणि वा उप्पलाणि वा पललाणि वा उज्झराणि वाणिज्झराणि वावावीणि वा पोखराणि वा दीहियाणि वा गुंजालियाणि वा सराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू कच्छाणि वा गहणाणि वा णूमाणि वा वणाणि वा वणविदुग्गाणि वा पव्वयाणि वा पब्बयविदुग्गाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजह // 17 // जे. भिक्खू गामाणि वा णगराणि वा खेडाणि वा कब्बडाणि वा मयाणि वा दोणमुहाणि वा पट्टणाणि वा आगराणि वा संवाहाणि वा सण्णिवेसाणि वा च खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू गाममहाणि वा णगरमहाणि वा खेडमहाणि वा कब्बडमहाणि वा मडंबमहाणि वा दोणमुहमहाणि वा पट्टणमहाणि वा आगरमहाणि वा संवाहमहाणि वा र णिवेसमहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 19 // Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 688 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जे भिक्खू गामवहाणि वा णगरवहाणि वा खेडवहाणि वा कब्बडवहाणि वा मडंयवहाणि वा दोणमुहबहाणि वा पट्टणवहाणि वा आगरवह णि वा संवाहकहाणि वा संणिवेसवहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज इ // 20 // जे भिक्ख गामपहाणि वा णगरपहाणि वा खेडपहाणि वा कब्बडपहाणि वा मडंबपहाणि वा दोणमुहपहाणि वा पट्टणपहाणि वा आगरपहाणि वा संवाहपहाणि वा सण्णिवेसपहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू गामदाहाणि वा जाव सण्णिवेसदाहाणि वा चलदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू आसकरणाणि वा हत्थिकरणाणि वा उट्टकरणाणि वा गोणकरणाणि वा महिसकरणाणि वा सूयरकरणाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज इ // 23 // जे भिक्खू आसजुद्धाणि वा हत्थिजुद्धाणि वा उट्टजुद्धाणि वा गोणजुद्धाणि वा महिसजुद्धाणि वा सूयरजुद्धाणि वा चक्खुदंसणपडिगाए अभिसंधारे। अभिसंधारेतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू गाउज्जहिय(ट्ठा)ठाणाणि वा हयहि यठाणाणि वा गयजूहियठाणाणि वा चक्खूदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अभिसेयठाणाणि वा अक्खाइयठाणाणि वा माणुम्माणियप्पमाणियठाणाणि वा महया हयणगीयवाइयतीतलतालतुडियपडुप्पवाइयठाणाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ॥२६॥ जे भिक्खू कट्टकम्माणि वा चित्तकम्माणि वा पोत्थकम्माणि वा ( लेवकम्माणि वा) दंतकम्माणि वा मणिकम्माणि वा सेलकम्माणि वा गंथिमाणि वा वेढिमाणि वा पूरिमाणि वा संघाइमाणि वा पत्तच्छेन्जाणि वा वाहीणि वा वेहिमाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेत वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू डिम्बाणि वा डमराणि वा खाराणि वा वेराणि वा महाजुद्धाणि वा महासंगामाणि वा कलहाणि वा बोलाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू विरूवरूवेसु महुस्सवेसु इत्थीणि बा पुरिसाणि वा थेराणि वा मज्झिमाणि वा डहराणि वा अणलंकियाणि वा सुअलंकियाणि वा गायंताणि वा वायंताणि वा णच्चंताणि वा हंसंताणि वा रमंताणि वा मोहंताणि वा विउलं असणं वा 4 परिभायंताणि वा परिभुंजंताणि वाचक्खुदंसणंपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ॥२९॥ जे भिक्खू इहलोइएसु वा रूवेसु परलोइएसु वारूवेसु दिढेसु वा रूवेतु अदिढेसु वा रूवेसु Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 13 989 सुएसु वा सेवेसु असुएसु वा रूवेसु विण्णाएसु वा सेवेसु भविण्णाएसु वा रूवेसु सजइ रजइ गिज्झइ अज्झोववजह सज्जंतं रज्जंतं गिझंतं अज्झोवव(जमाणं)जंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू पढमाए पोरिसीए असणं वा 4 पडिग्गाहेत्ता पच्छिमं पोरिसिं उवाइणावेइ उवाइणावेतं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ परेणं असणं वा 4 उवाइणावेइ उवाइणावेतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू दिया गोमयं पडिग्गाहेत्ता दिया कायंसि वणं आलिंपेज पा विलिंपेज बा आलिंपंतं वा विलिंपंतं वा साइजइ // 33 // ने भिक्खू दिया गोमयं षडिग्गाहेत्ता रत्तिं कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू रत्तिं गोमयं पडिग्गाहेत्ता दिया कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ॥३५॥जे भिक्खू रत्तिं गोमयं पडिग्गाहेत्ता रत्ति कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं विलिंपतं वा साइजइ // 36 ॥जे भिक्खू दिया आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता दिया कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिपंतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू दिया आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता रत्तिं कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपंतं वा साइजइ॥३८॥जे भिक्खू रत्तिं आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता दिया कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिपंतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू रत्तिं आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता रत्तिं कायंसि वणं आलिंपेज बा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा उवहि वहावेइ वहावेतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू तण्णीसाए असणं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 42 // जे भिवखू इमाओ पंच महण्णवाओ महाणईओ उद्दिट्टाओ गणियाओ वंजियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरइ वा संतरइ वा उत्तरंतं वा संतरंतं वा साइजइ, तंजहागंगा नउणा सरऊ एरावई मही / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं // 43 // णिसीहज्ज्झयणे बारसमो उद्देसो समत्तो॥१२॥ तेरहमो उद्देसो जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढबीए ठाणं वा सेज्जं वा णिसेज्जं वा णिसीहियं वा चेएइ चेएंतं वा साइजइ / / 1 // जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए ठाणं वा" साइजइ // 2 // जे भिक्खू ससरक्खाए पुढवीए ठाणं वा "साइजइ // 3 // Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 990 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जे भिखू मायकडाए पुढवीए ठाणं वा "साइजइ // 4 // जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए ठाणं वा"साइजह // 5 // जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए ठाणं वा"साइजइ // 6 // जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए ठाणं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू कोलावासंसि . वा दारुए जीवपइट्टिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिगपणगदगमट्टियमक्कडासंताणगंसि ठाणं वा "साइज |8| भिवखू थूणंसि वा गिहे. लुयंसि वा उसु(का)यालंसि वा कामजलंसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा"साइज्जइ // 9 // जे भिक्ख कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेटुंसि वा अंतरिक्खजायंसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा... साइजइ // 10 // जे भिक्खू खंधसि वा फलिहंसि वा मंचंसि वा मंडवंसि वा मालंसि वा पासायंसि वाहम्मतलंसि वा अण्णयरंसिवातहप्पगारंसि अंतरिक्खजायंसि दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा"साइजइ ॥११॥जे भिक्खू अण्णउत्थिय वा गारिरथयं वा सिप्पं वा सिलोगं वा अढावयं वा कक्कडगं वा वु(गा)गहंसि वा सलाहं वा सलाहत्थयंसि वा सिक्खावेइ सिक्खावेतं वा साइजइ // 12 // जे भिव खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा आगाढं वयइ वयं वा साइज्जइ // 13 // जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारस्थिय वा फरसं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥१४॥जे भिक्खू अण्णउत्थिय वा गारत्थियं वा आगाढं फरसं वयह वयंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारन्थिय वा अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाएइ अच्चासाएंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा कोउगकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गार. त्थियाण वा भूइकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा पसिणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण षा गारत्थियाण वा पसिणापसिणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 20 // (जे.. पंसिणं कहेइ कहेंतं. पसिणापसिणं...) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा तीयं णिमित्तं क(हेरेइ करेंतं वा साइज्जइ // 21 / / (...पडुप्पण्णं...आगमि सं...) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा लक्खणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारस्थियाण वा वंजणं करेइ करेंतं वा साइज इ // 23 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारस्थियाण वा सुमिणं करेइ करेंतं वा साइजह // 24 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा विजं पउंजइ पउंजंतं वा साइजइ // // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा मंतं पउं Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 13 991 जइ पउजतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारस्थियाण वा जोगं पउंजइ पउंचतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्ख अण्णउत्थियाण वा गारस्थि“याण वा णट्ठाणं मूढाणं विप्परियासियाणं वा मग्गं वा पवेएइ संधि वा पवेएड (मग्गाओ वा संधिं पवेएइ) संधीओ वा मग्गं पवेएइ पवेएंतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा धाउं पवेएइ पवेएंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा णिहिं पवेए इ पवेएंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू मत्तए अ(प्पा)त्ताणं देहइ देहंतं वा(पलोएइ पलोएंतं वा) साइजइ // 31 // जे भिक्खू अदाए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू असीए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजह // 33 // जे भिक्खू मणीए अप्पाणं देहई देहतं वा साइजह // 34 // जे भिक्खू कुंडपाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू तेल्ले अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 36 / / जे भिक्खू महुए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू सप्पिए अप्पाणं देहइ. देहतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू फाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू मजए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू वसाए अप्पाणं देहाइ देहंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू वमणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू विरेयणं करेइ करेंतं वा साइजह // 43 // जे भिक्ख वमणविरेयणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू अरोगियपडिकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ // 45 जे भिक्खू पासत्थं वंदइ वंदंतं वा साइजइ / / 46 // जे भिक्ख फासत्थं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू कुसीलं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू कुसीलं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 49 // जे भिक्खू ओसण्णं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्ख ओसण्णं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू संसत्तं वंदइ वंदंतं षा साइजह // 52 // जे भिक्खू संसत्तं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 53 // जे भिक्खू णितियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 54 // जे भिक्खू णितियं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू काहियं वंदइ वंदंत वा साइजइ / / 56 // ने भिक्खू काहियं पसंसह पसंसंतं वा साइजइ / / 57 // जे भिक्खू पासणियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू पासणियं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू मामगं वंदह वंदंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू मामगं पसंसह पसंसंतं Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू संपसारियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू संपसारियं पसंसइ पसंसंतं वा साइजह // 63 // जे भिक्खू धा(इ)ई पिंड भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ // 64 // जे भिक्खू दूईविंडं भुंजह भुजंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू णिमित्तपिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 66 // जे भिक्खू आजीवियापिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ // 67 // जे भिक्खू वणीमगपिंडं भुंजइ भुंजत वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू तिगिच्छापिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजह // 69 // जे भिक्खू को(ह)वपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू माणपिंड भुंनइ भुजंतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू मायापिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ ॥७२॥जे भिक्खू लोभपिंड भुंजई भुंजतं वा साइजई // 73 // जे भिक्खू विजापिंड भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 74 // जे भिक्खू मंतपिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 75 // जे भिक्खू चुण्णयपिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 76 // जे भिक्खू अंतद्धाणपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 77 // जे भिक्खू जोगपिंडं भुंजइ भुंजतं वा साइजइ। तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं // 78 / / णिसीहरुज्झयणे तेरहमो उद्देसो समत्तो // 13 // चउद्दसमो उद्देसो , जे भिक्खू पडिग्गहं किणइ किणावेइ कीयमाहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू पडिग्गहं पामिच्चेइ पामिच्चावेइ पामिच्चमाहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू पडिगहं परियट्टे परियट्टावेइ परियट्टियमाह? दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू पडिग्गहं अच्छिज्जं अणि सिटुं अभिहडमाहटु दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू अइरेगपडिग्गहं गणिं उद्दिसिय गणिं समुद्दिसिय तं गणि अणापुच्छिय अणामंतिय अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू भइरेगं पडिग्गहं खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा थेरगरस वा थेरियाए वा अहत्थच्छिण्णस्स अपायच्छिण्णस्स अणासाछिण्णस्स अकण्णच्छिण्णस्स अणोदृच्छिण्णस्स सत्तस्स देइ देंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू अइरेगं पडिग्गहं खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा थेरगस्स वा थेरियाए वा हत्थच्छिण्णस्स पायच्छिण्णस्स णासाछिण्णस्स कण्णच्छिण्णस्स ओट्ठच्छिण्णस्स असक्कस्स ण देइ ण देंतं वा Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 14 993 साइजइ // 7 // जे भिक्खू पडिग्गहं अणलं अथिरं अधुवं अधारणिज्जं धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू पडिग्गहं अलं थिरं धुवं धारणिज्जं ण धरेइ ण धरेतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्ख वण्णमंतं पडिग्गहं विवणं करेइ करेंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू विवण्णं पडिग्गहं वण्णमंतं करेइ करेंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु तेरलेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उच्छोलेज वा उव्वलेज वा उच्छोलेंतं वा उक्लेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटटु बहु(दि)देवसिएण [वा] तेरलेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु बहुदेव सिएण लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेज वा उल्लोलेतं वा उव्वलेतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु बहुदेवसिएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जई // 17 // जे भिक्खू सुभिगंधे पडिग हे लद्धेत्ति कटु दुन्भिगंधे करेइं // 18 // जे भिवख दुन्मिगंधे पडिगहे लद्धे त्ति कटु सुन्भिगंधे करेइ // 19 // जे भिक्खू सुब्मिगंधे पडिग्गहेलद्धे त्ति कटु तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मवखेज्ज वा मिलिंगेज्ज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ // 20 // जे भिक्खू सुब्भिगंधे पडिग्गहे लद्धेतिकटु लोद्धेण वा. कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज्ज वा उच्वलेज वा उत्लोलेंतं वा उव्वलेतं वा साइज्जइ // 21 // जे भिक्खू सुब्भिगंधे पडिगहे लद्धे त्ति कटु सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेतं वा पधोएतं वा साइज्जइ // 22 // जे भिक्खू सुब्मिगंधे पडिग्गहे लद्धेत्ति कटु बहुदेवसिएण तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिं. गेज्न वा मक्वंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ // 23 // जे भिक्खू सुन्भिगंधे पडि. ग्गहे लद्धेत्ति कटटु बहुदेव सिएण लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज्ज वा उव्वलेज्ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वलेतं वा साइज्जइ / / 24 // जे Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 994 _ अनंगपविट्ठसुत्ताणि भिक्खू सुन्भिगंधे पडिग्गहे लद्धेत्ति कट्ट बहुदेवसिएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ // 25 // जे भिक्खू दुन्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धत्तिकट्ट तेहलेण वा घए पा वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मस्तं वा भिलिगेतं वा साइज्जइ // 26 // जे भिक्खू दुन्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकट लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वलेतं वा साइजइ॥२७॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोए ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ // 28 // जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटटु बहुदेव सिएण तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा.मव खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा मिलिंगेतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू दुन्मिगंधे मे पडिग्गहे लद्धत्तिकट्ट बहुदेवसिएण लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वलंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्ख दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्वेत्तिकटु बहुदेवसिएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेतं वा पधोएंतं वा साइजह // 31 // जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले, पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए दुबद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिन्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू ससरवखाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज आयातं वा पयावेतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए दुब्बद्ध दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ / / 35 // जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए दुबंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेतं वा साइजइ / / 36 // जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 14 995 सओस्से सुउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमकडासंताणगंसि दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेतं वा -साइजइ // 39 // जे भिक्खू थूणं सि वा गिहेलुयंसि वा उसुयालंसि वा कामजलंसि बा दुबद्धे दुगिकि बत्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेलुसि वा अंत(रि)लिक्खजायंसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेतं वा साइज इ // 41|| जे भिव खू खंधंसि वा फलहंसि वा मंचंसि वा मंडवं सि वा मालं सि वा पासायंसि वा हम्मतलंसि वा अण्णयरंसि वा अंतलिक्खजायंसि वा दुबद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेत वा पयावेतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू पडिमाहाओ पुढवीकायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आइट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजह // 43 // जे भिक्खू पडिग्गहाओ आउक्कायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडि. ग्गाहेंतं वा साइजइ / / 44 // जे भिक्खू पडिग्गहाओ तेउक्कायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 45 // जे भिवखू पडिग्गहाओ कंदाणि वा मूलाणि वा पत्ताणि वा पुष्फाणि वा फलाणि वा बीयाणि वा हरियाणि वाणीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहट्ट देनमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजह // 46 / जे भिक्खू पडिग्गहाओ ओसहिबीयाणि णीहरइ णीहरावेद णीहरियं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 47 // जे भिव खू पडिग्गहाओ तसपाणजाई णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू पडिग्गहनं कोरेइ कोरावेद कोरियं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 49 // जे भिवखू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा गामंतरंसि वा गामपहंतरंसि वा पडिग्गह ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ // 50 // जे भिवखू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा परिसामज्झाओ उद्ववेत्ता पडिगहं ओभासिय 2 जायइ जायंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू पडिग्गहणीसाए उडुबद्धं वसइ वसंतं वा साइजइ // 52 // जे मिक्खू पडिग्गहणीसाए वासावासं बसाइ संतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्घाइयं / / 53 / / णिसीह झयणे चउद्दसमो उद्देसो समत्तो // 14 // Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पण्णरसमो उद्देसो जे भिक्खू भिक्खूणं आगाढं वयइ वयंतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू० फरुसं वयह वयं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू भिक्खूणं आगाढं फरसं वयई वयंतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू भिक्खूणं अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाए इ अच्चासाएंतं वा साइजह // 4 // जे भिक्खू सचित्तं अंबं भुंजइ भुंजंतं वा साइजह // 5 // जे भिक्खू सचित्तं अंबं वि(डं)डसइ विडसंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू सचित्तपट्टियं अंबं विडसइ विडसंतं वा साइज्जइ // 8 // जे भिक्खू सचित्तं अंबं वा अंबपे(सियं)सिं वा अंबभि (ति)त्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा भुंनइ भुजंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू सचित्तं अंबं वा अंबपेसिं वा अंबभित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू सचित्तपइट्टियं अंबं वा अंबपंसिंबा अंबभित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा भुंजइ भुंजतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं वा अंबपेसि वा अंबभित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं अंबचोयगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ // 12 // जे भिव खू अप्णरथिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो पाए आमजावेज वा पमजावेज वा आमजावेंतं वा पमजावैतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो पाए संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेतं वा पलिमद्दावेतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मवखातं वा भिलिंगावेतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो पाए लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलावेज वा उट्टावेज वा उल्लोलावेतं वा उव्वद्यावेतं वा साइजइ॥१६॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेतं वा पधोवावेतं वा साइज इ // 17 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइजइ // 18 // जे भिवखू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं आमज्जावेज वा पमज्जावेज वा आमज्जातं वा पमजावेतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं संवाहा Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 997 णिसीहसुत्तं उ० 15 वेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीरण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेतं वा भिलिंगावेतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावेज वा उल्लोलावेतं वा उव्वट्टावेतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्य सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेतं वा पधोवावेतं वा साइज // 23 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं आमजावेज वा पमजावेज वा आमजावेतं वा पमजावेतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि वणं संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि. वणं तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेतं वा भिलिंगावेतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावा वेज उल्लोलावेतं वा उन्वट्टावेतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगषियडेष वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेतं वा पधोवावेतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइज्जइ // 30 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अचिंछदावेज वा विच्छिदावेज वा अच्छिदावेतं वा विच्छिदावेतं वा साइज्इ // 31 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदावित्ता विच्छिदावित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरावेज वा विसोहावेज वा णीहरावेतं वा विसोहावेतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 998 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विंसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोयावेज्ज वा उच्छोलावेतं वा पधोयावेत वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूयं बा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेज्ज वा विलिंपा वेज्ज वा आलिंपावेतं वा विलिंपावेतं वा साइज्जइ // 34 // ने भिक्खू अण्णरस्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेण सत्थजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहररावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेत्ता विलिंपावेत्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अब्भंगावेज्ज वा मक्खावेज्ज वा अभंगावेतं वा मक्खावेतं वा साइज्जइ // 35 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेत्ता . विलिंपावेत्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगावेत्ता मक्खावेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवावेज वा पधूवावेज वा धूवावेतं वा पधूवावेतं वा साइजइ // 36 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा० पालुकिमियं वा वुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसाविय 2 णिहरावेइ णीहरावेतं वा साइज्जइ // 37 // जे भिव खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा० दीहाओ णहसिहाओ कापावेज्ज वा संटवावेज वा कप्पावेतं वा संठवावेतं वा साइज्जइ // 38 // जे भिक्खू अण्णरस्थिएण वा गारथिएण वा दीहाई वत्थीरोमाइं कप्पावेज्ज वा संटवावेज्ज वा कप्पावेतं वा वा संठवावेतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा दीहाइं चक्खुरोमाइं कापावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संठवावेतं वा Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 15 साइज्जह // 40 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिए ण वा द.हाई जंघरोमाइं कप्पावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संटवावेतं वा साइज्जइ // 41 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा दीहाई कक्खरोमाई कप्पावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संठवावेतं वा साइज्जइ // 42 // जे भिवखू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण या दीहाइं मंसुरोमाइं कप्पावेज्ज वा संटवावेज्ज वा कप्पावेत वा संठवावेतं वा साइज्जइ // 43 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा दीहाइं केसाइं कप्पावेज्ज वा संटवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संटवावेतं वा साइजइ // 44 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा दीहाई कप्णरोमाई कप्पावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संटवावेतं वा साइज्जइ // 45 // जे भिवखू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा दीहाइं णासारोमाई कापावेज्ज वा संटवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संटवावेतं वा साइज्जइ // 46 // जे भिक्खू अण्णउत्थिए ण वा गारस्थिएण वा अप्पणो दंते आघंसावेज वा पघंसावेज वा आघंसावेतं वा पघंसावेतं वा साइजइ ॥४७॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो दंते उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेतं वा पधोयावेतं वा साइजइ।४।जे भिक्खू अण्णउ. थिएणवा गारथिएण वा अप्पणो दंते फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइजइ // 49 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उठे आमजावेज वा पमजावेज वा आमज्जावेंतं वा पमजावेतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो उढे संवाहावेज वा पलिमद्दा. वेज वा संवाहावेतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइजह // 51 // जे भिव खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणों उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवीएण वा मक्खावेज वा लिंभिगावेज मक्खावेतं वा मिलिंगावेतं वा साइजइ // 52 // जे भिवखू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उढे लोद्धेण वा जाव पउचुण्णेण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावेज वा उल्लोलावेतं वा उव्वट्टावेतं वा साइजइ // 53 // जे भिव खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उडे सीओदगविर डेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोयावेतं वा साइज इ // 54 // जे भिक्खू अण्णउस्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो उट्टे फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइजइ ॥५५॥जे भिवखू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाइं उत्तरोडरोमाई कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेतं वा Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1000 अनंगपविट्ठसुत्ताणि संठवावेतं वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाइं अच्छिपत्ताइं कप्पावेज वा संटवावेज वा कप्पावेतं वा संटवावेतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू अण्णउस्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि आमजावेज वा पमज्जावेज वा आमज्जावेतं वा पमज्जावेंतं वा साइज्जइ // 58 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो अच्छीणि संवाहावेज्ज वा पलिमद्दावेज्ज वा संवाहावेंतं वा पलिमद्दावेतं वा साइज्जइ // 59 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खावेज्ज वा मिलिंगावेज्ज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेतं वा साइज्जइ // 60 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलावेज्ज वा उव्वट्टावेज्ज वा उल्लोलावेंतं वा उचट्टादेतं वा साइज्जइ ॥६१॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज्ज वा पधोयावेज्ज वा उच्छोलावेत वा पधोयावेतं वा साइज्जइ // 62 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि फूमावेज्ज वा.रयावेज्ज वा फूमावेतं वा रयावेतं वा साइज्जइ // 63 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाई भुमगरोमाइं कप्पावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेतं वा संठवावेतं वा साइज्जइ // 64 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाइं पासरोमाई कप्पावेज्ज वा संठवावेज्ज वा कम्पावेतं वा संठवावेतं वा साइज्जइ // 65 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरावेज्ज वा विसोहावेज्ज वा णीहरावेतं वा विसोहावेतं वा साइज्जइ॥६६॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वागारथिएण वा अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं बा णीहरावेज्ज वा विसोहावेज्ज वा णीहरावेत वा विसोहावेतं वा साइजह // 67 // जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा गामाणुगामं दूइज्जमाणे अप्पणो सीसदुवारियं कारवेइ कारवंतं वा साइज्जइ // 68 // जे भिक्खू आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा उच्चारपासवणं परिट्टवेइ परिवेतं वा साइजइ॥६९॥जे भिक्खू उजाणंसि वा उजाणगिर्हसि वा उज्जाणसालंसिवाणिज्माणंसि वा णिज्जाणगिहंसि वा णिज्जाणसालंसि वा उच्चारपासवणं परिवेइ परिवेतं वा साइज्जइ // 70 // जे भिक्खू अमुसि वा अट्टा Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 7.12 1001 णिसीहसुत्तं उ. 15 लयंसि वा चरियसि वा पागारंसि वा दारंसि वा गोपुरंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 71 // जे भिक्खू दगंसि वा दगमगंसि वा दगपहंसि वा दगतीरंसि वा दगठाणंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 72 // जे भिक्खू सुण्णगिहंसि वा सुण्णसालंसि वा भिण्णगिहंसि सा मिण्णसालंसि वा कुडागारंसि वा कोट्ठागारंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 73 // जे भिक्खू तणगिहंसि वा तणसालंसि वा तुसगिहंसि वा तुससालंसि वा भुसगिहंसि वा भुससालंसि वा उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ॥७४॥ जे भिक्खू जाणगिहंसि वा जाणसालंसि वा जुग्गगिहंसि वा जुग्गसालंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ. परिहवेंतं वा साइज्जइ // 75 // जे भिक्खू पणियसालंसि वा पणियगिहंसि वा परियासालंसि वा परियागिहंसि वा कुवियसालंसि वा कुवियगिहंसि वा उच्चारपासवणं परिवेइ परिवेतं वा साइज्जइ // 76 // जे भिक्खू गोणसालंसि वा गोणगिहंसि वा महाकुलंसि वा महागिहंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 77 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 78 // जे भिवखू पासत्थस्स असणं वा 4 देइ देतं वा साइज्जइ // 79 // जे भिक्खू पासत्थस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइज्जइ // 80 // जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 81 // जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा 4 पडिच्छड पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 42 // जे भिवखू कुसीलस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 83 // जे भिक्खू कुसीलस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइजइ // 84 // जे भिक्खु णितियस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 85 // जे भिक्खू णितियस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइन्नइ // 86 // जे भिक्खू संसत्तस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 87 // जे भिक्खु संसत्तस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 88 // जे मिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा वत्थं वा पडिग्गहं वा .कंबलं वा पायपुंठणं वा देइ देंतं वा साइज्जइ / / 89 // जे भिक्खू पासत्थस्स पत्थं वा 4. देई देंतं वा साइज्नइ // 90 // जे भिक्खू पासत्थस्स वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 91 // जे भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 92 // ने भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा 4 पडिच्छह पडिच्छंतं Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1002 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वा साइज्जइ // 93 // जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा 4 देइ देतं वा साइज्जइ // 94 // जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 15 // जे भिक्खू णितियस्स बत्थं वा 4 देइ देतं वा साइज्जंइ // 96 // जे भिक्खू णितियस्स वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज इ // 97 // जे भिवखू संसत्तस्स वत्थं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 98 // जे भिवखू संसक्तस्स वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 99 / / जे भिक्खू जायणवत्थं वा णिमंतणावत्थं वा अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पडिग्गाहे इ पडिग्गा वा साइज इ से य वत्थे चउण्हं अण्णयरे सिया, तंजहा-णिच्चणियंसणिए म(ज्झण्हि)जणिए छणूसविए रायदुवारिए // 100 // जे भिक्खू विभूसापडियाए अप्पणो पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जह // 101 // एवं जाव सीसदुवारियं करेह करेंतं वा साइजइ ॥१०२-१५६॥जे भिक्खू विभूसापडियाए वत्थं वा 4 अण्णयरं ग उवगरणजायं धरेंइ धरेंतं वा साइजइ // 157 // जे भिक्खू विभूसापडियाए वत्थं वा 4 अण्णयरं वा उवगरणजायं धोवेइ धोवेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं // 158 / / णिसीहऽज्झयणे पण्णरसमो उद्देसो समत्तो / / 15 // सोलसमो उद्देसो जे भिक्खू सागारियसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ // 1 // जे भिक्खू स(सी)उदगं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ // 2 // जे भिव खू सअगणिसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ // 3 // जे मिक्खू सचित्तं उच्छु भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ // 4 // जे भिक्खू सचित्तं उच्छु विडसह विडसंतं वा साइजइ // 5 // जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं उच्छु भुंजइ भुजंतं वा साइज इ // 6 // जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं उच्छु विडसइ विडसंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू सचित्तं उच्छु वा उच्छुपेसियं वा उच्छंभित्तं वा अंतरुच्छुयं वा उच्छुखंडियं षा उच्छुचोयगं वा उच्छुमेरगं वा उच्छुसालगं वा उच्छुडालगं वा भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ 8 // जे भिक्खू सचित्तं उच्छु वा उच्छुपेसियं वा उच्छुभित्तं वा अंतरुच्छुयं वा" उच्छुडालगं वा विडसंइ विडसंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू सचित्तपइट्टियं उच्छं वा उच्छुपेसियं वा उच्छुभित्तं वा अंतरुच्छुयं वा"उच्छुडालगं वा भुंजइ Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 16 1003 भुंजतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू सचित्तपइट्टियं उन्छु वा उच्छं पेसियं वा उच्छुभित्त वा अंतरुच्छुयं वा""उच्छुडालगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू आरण्णाणं वण्णंधाणं अडवीजत्तासंप(इ)ट्ठियाणं असणं वा 4 पडिलाइ पडिग्गाहेत वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू आरण्णाणं वगंधाणं अडवीजत्ताओ पडिणियत्ताणं असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेत वा साइजह // 13 // जे भिक्खू वसु(वुसि)राइयं अ(बुसि)वसुराइयं वयइ वयंतं वा साइजइ // 14 // जे भिव खू अबुसिराइयं वुसिराइयं वयइ वयंतं वा साइजह // 15 // जे भिक्खू बुसिराइयगणाओ. अबुसिराइयं गणं संकमइ संकमंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू बुग्गहवक्कंताणं असणं वा. देइ देंतं वा साइजइ // 17 / / जे भिक्खू बुग्गहवक्कंताणं असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजह // 18 // जे भिक्खू बुग्गहवक्कंताणं वत्थं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 19 // जे भिवखू बुग्गहवक्कंताणं वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू बुग्गहवक्कंताणं वसहिं देइ देंतं वा साइजइ / / 21 // जे भिक्खू वुग्गहवक्कंताणं वसहिं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 22 // जे भिवखू वुग्गहवक्ताणं वसहिं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 23 // जे भिवखू बुग्गहववताणं सज्झायं देह देतं वा साइजइ / / 24 // जे भिक्खू बुग्गवक्ताणं सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू विहं अणेगाहगमणिज्जं सइ लाढे विहाराए संथरमाणेसु जणवएसु विहारपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू विरूवरूवाई दसुयायणाई अणारियाई रिलक्खूई पच्चंतियाइ सइ लाढे विहाराए संथरमाणेसु जणवए सु विहारपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू दुगंछियकुलेसु असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु वत्थं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु वसहिं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ // 31 // जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं उद्दिसइ उद्दिसंतं वा साइजइ // 32 // (..'समुद्दिसह... अणुजाण 3...) जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ / / 33 // जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 34 // ( परियट्टह...) जे भिक्खू असणं वा 4 पुढवीए णिक्खिवह णिक्खिवंतं वा साइजइ // 35 // जे Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1004 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भिक्खू असणं वा 4 संथारए णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइजइ // 36 // जे भिव खू असणं वा 4 वेहासे णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू अण्ण(उत्थिएण)तित्थीहिं वा गार(थिएणोत्थीहि वा सद्धिं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥३८॥जे भिक्खू अण्णतित्थीहि वा गारस्थीहि वा सद्धिं आवेढिय परिवेढिय भुंजइ भुजंतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू आयरियउवज्झायाणं सेजासंथारगं पाएणं संघट्टेत्ता हत्थेणं अणणुण्णवेत्ता धा(रे)रयमा(णे)णो गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू पमाणाइरित्तं वा गणणाइरित्तं वा उबहिं धरेइ धरेतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढवीए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमक्कडासंताणगंसि चलाचले उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजइ / / 42 // जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए जाव साइजइ // 43 // जे भिक्खू ससरक्खाए पुढवीए जाव साइजइ // 44 // जे भिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए जाव साइजइ // 45 // जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए जाव साइजइ // 46 // जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए जाव साइजइ // 47 // जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए जाव साइजइ // 48 // जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जाव साइजइ // 49|| जे भिक्खू थूणंसि वा गिहेलुयंसि वा उसुयालंसि वा कामजलंसि वा चलाचले उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेलुंसि वा अंतलिक्खजायंसि वा चलाचले उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजइ // 51 // जे भिक्खू खंधंसि वा फलहंसि वा मंचंसि वा मंडवंसि वा मालंसि वा पासायंसि वा अण्णयरंसि वा अंतरिक्खजायंसि उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं / / 52 // णिसीहऽज्झयणे सोलसमो उद्देसो समत्तो // 16 // सत्तरसमो उद्देसो . जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अण्णयरं तसपाणजायं तणपासएण वा मुंजपासएण वा कट्टपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा सुतपासएण वा बेधड बंधतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अण्णयरं तसपाण. जायं तणपासएण वा जाव सुत्तपासएण वा बंधेल्लगं मुयइ मुयंतं वा साइजह // 2 // Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ० 17 1005 जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा भिंडमालियं वा मयणमालियं पिंछमालियं वा दंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालिय वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 3 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा धरेइ धरेतं वा साइजइ // 4 // जे भिवखू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा पिणद्धइ पिणद्धंतं वा साइज इ // 5 // (.. परिभुंजइ...) जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा परिभुंज[पिणद्ध]इ परिभुजत वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणावलिं वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाय सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा पिणद्धइ पिणद्धंतं वा साइजइ // 11 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपाषराणि वा कालमियाणि वाणीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उट्ट. लेस्साणि वा वग्घाणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगूलाणि वा तिरिडपट्टाणि वा पतुण्णाणि वा आवरंताणि वा वीणाणि वा अंसुयाणि वा कणगकंताणि वा कणगखचियाणि वा कणगचित्ताणि वा० आभरणविचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइज्जइ / / 13 // जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइजइ॥१४॥ जा (जे भिक्खू) णि(नि)ग्गं(थे)थी णिग्गंथस्स पाए अण्णउत्थिएण वा * गारस्थिएण वा आमजावेज वा पमज्जावेज वा आमजावेतं वा पमजावेतं वा साइजइ // 15 // जाव जा णिग्गंथी"सीसवारियं कारवेइ कारवेतं वा साइजइ / / 16-70 / / एवं जे णिग्गंथे णिगंथीए पाए अण्णउत्थिएण वा गारस्थि. Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1006 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एण वा जाव सीसदुवारियं कारवेइ कारवंतं वा साइजइ // 71-126 // एवं जा णिग्गंथी णिगंथस्स०॥१२७-१८२।। एवं जा णिग्गंथी णिगंथीए०॥१८३-२३८॥ जे णिग्गंथे णिग्गंथस्स सरिसगस्स संते ओवासे अंते ओवासे ण देइ ण देंतं वा साइजइ॥२३९॥ जा णिगंथी णिग्गंथीए सरिसियाए संते ओवासे अंते ओवासे ण देइ ण देंतं वा साइजइ // 240 // जे भिक्खू मालोहडं असणं वा 4 उभिदिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 241 // जे भिवखू कोट्ठियाउत्तं असणं वा 4 उक्कुज्जिय णिक्कुज्जिय उहरिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 242 // जे भिक्खू मट्टिओलित्तं असणं वा 4 उभिदिय णिभिदिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिम्गाहेंतं वा साइजइ // 243 // जे भिक्खू (असणं वा") पुढविपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइलइ // 244 // जे मिक्खू आउपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 245 // जे भिक्खू तेउपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 246 // जे भिक्खू वणस्सइकायपइंडियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 247 // जे भिक्खू अच्चुसिणं असणं वा 4 सुप्पेण वा विहुयणेण वा तालियंटेण वा पत्तेण वा पत्तभंगेण वा साहाए वा साहाभंगेण वा पिहुणेण वा पिहूणहत्थेण या चेलेण वा चेलकण्णेण वा हत्थेण वा मुहेण वा फूमित्ता वीइत्ता आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 248 // जे भिक्खू असणं वा 4 उसिणुसिणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 249 // ने भिक्खू उस्सेइमं वा संसेइमं वा चाउलोदगं वा वालोदगं वा तिलोदगं वा तुसोदगं वा नवोदगं वा आयामं वा सोबीरं वा अंबकंजियं वा सुद्ध वियर्ड वा अहुणाधोयं अणंबिलं अपरिणयं अवक्कंतजीवं अविद्धत्थं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 250 // जे भिक्खू अप्पणो आयरित्ताए लक्खणाई वागरेइ वागरेंतं वा साइजइ // 251 // जे भिक्खू गाएज वा (हसेज वा) वाएज वा णच्चेज वा अभिणवेज वा हयहेसियं वा हत्थिगुलगुलाइयं वा उ[क्कु(क्कि)] क्कट्टिसीहणायं वा करेइ करैतं वा साइजइ // 252 // जे भिक्खू भेरिसद्दाणि बा पडहसद्दाणि वा मुरवसदाणि वा मुइंगसहाणि वा णंदिसद्दाणि बा झल्लरिसद्दाणि वा वल्लरिसद्दाणि वा डमरु(य)गसद्दाणि वा मड्डयसद्दाणि वा सदुबसद्दाणि वा पएससद्दाणि वा गोलुइसद्दाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि वितयाणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेत घा साइजइ // 253 // जे भिक्खू वीणासद्दाणि वा विवंचिसद्दाणि वा तुणसद्दाणि वा वव्वीसगसद्दाणि वा वीणाइयसद्दाणि वा तुंबवीणासद्दाणि वा झोडयसद्दाणि वा Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 17 1007 ढंकुणसद्दाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि तयाणि सद्दाणि कणसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 254 // जे भिक्खू तालसद्द णि वा कंसतालसद्दाणि वा लित्तियसहाणि वा गोहियसद्दाणि वा मक रियसद्दाणि वा कच्छभिसद्दाणि वा महइसद्दाणि वा सणालियासदाणि वा वालियासद्दाणि वा आणयराणि वा तहप्पगाराणि घणाणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 255 // जे भिक्खू संखसद्दाणि वा वंससद्दाणि वा वेणुसद्दाणि वा खरमुहिसद्दाणि वा परिलिसद्दाणि वा वेवासहाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पंगाराणि झुसिराणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइं अभिसंधारें का साइजइ // 256 // जे भिक्खू वप्पाणि वा फलिहाणि वा उप्पलाणि वा पल्ललाणि वा उज्झराणि वा णिज्झराणि वा वावीणि वा पोखराणि वा दीहियाणि वा सराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा कण्णसोयपदियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 257 // जे भिक्ख कच्छाणि वा गहणाणि वा णूमाणि वा वणाणि वा वणविदुग्गाणि वा पव्वयाणि वा पव्वयविदुग्गाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ * अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 258 // जे भिवखू गामाणि वा णगराणि वा खेडाणि वा कब्बडाणि वा मडंबाणि वा दोणमुहाणि वा पट्टणाणि वा आगराणि वा संवाहाणि वा संणिवेसाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 259 // जे भिक्खू गाममहाणि वा जाव सण्णिवेसमहाणि वा कण्णसोयपडियाए' अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज इ // 260 // जे भिक्खू गामवहाणि वा णगरवहाणि वा खेडवहाणि वा कब्बडवहाणि वा जाव सण्णिवेसवहाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं या साइजइ // 261 // जे भिक्खू गामपहाणि वा जाव सण्णिवेसपहाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥२६२॥"गामदाहाणि वा जाव सण्णिवेसदाहाणिं वा" // 263 // जे भिक्खू आसकरणाणि वा इत्थिकरणाणि वा उट्टकरणाणि वा गोणकरणाणि वा महिसकरणाणि वा सूयरकरणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज इ // 264 // जे भिक्खू आसजुद्धाणि वा हत्थिजुद्धाणि वा उट्टजुद्धाणि वा गोणजुद्धाणि वा महिसजुद्धाणि वा सूयरजुद्धाणि वा कण्णसोयपडियाए भिसंधारेइ अभिसंधारतं वा साइजई // 265 // जे भिक्खू गाउज्जूहियहाणाणि वा हयजूहियट्ठाणाणि वा Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1008 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गयजूहियट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 266 // जे भिक्खू अभिसेयट्ठाणाणि या अक्खाइयवाणाणि वा माणुम्माणप्पमाणियट्ठाणाणि वा महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियपडुप्पवाइयट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 267 // जे भिक्खू डिंबाणि वा डमराणि वा खाराणि वा वेराणि वा महाजुद्धाणि वा महासंगामाणि वा कलहाणि वा बोलाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 268 // जे भिक्खू विरूवरूवेसु महुस्सवेसु इत्थीणि वा पुरिसाणि वा थेराणि वा मज्झिमाणि वा डहराणि वा अणलंकियाणि वा सुअलंकियाणि वा गायंताणि वा वायंताणि वा णच्चंताणि वा हसंताणि वा मंताणि वा मोहंताणि वा विउलं असणं बा 4 परिभायंताणि वा परिभुजंताणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 269 // जे भिक्खू इहलोइएसु वा सद्देसु परलोइएसु वा सद्देसु दिद्रुसु वा सद्देसु अदिढेसु वा सद्देसु सुएसु वा सद्देसु असुएसु वा सद्देसु विण्णाएसु वा सद्देसुः सज्जइ रजइ गिज्झइ अन्झोववजह सज्जंतं रज्जतं गिझंतं अज्झोववज्जतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उन्धाइयं // 270 // णिसीहऽज्झयणे सत्तरसमो उद्देसो समत्तो // 17 // __ अट्ठारसमो उद्देसो जे भिक्खू अणट्ठाए णावं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू णावं किणइ किणावेइ कीयं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू णावं पामिच्चइ पामिच्चावेइ पामिच्चं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरूहंत वा साइज्जइ // 3 // जे भिक्खू णावं परियट्टेइ परियट्टावेह परियट्ट आहटु देजमाणं . दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू णावं अच्छेज्नं अणिसिढे अभिहडं आहह देजमाणं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइबइ // 5 // जे भिक्खू थलाओ णावं जले ओकसावेइ ओकसावेतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू जलाओ णावं थले उकसावेइ उकसावेतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू पुण्णं णावं उस्सिंचइ उस्सिंचंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू सण्णं णावं उप्पिलावेइ उप्पिलावेतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू उबद्धियं णावं उत्तिंगं वा उदगं वा आसिंचमाणिं वा उवरुवरि वा कजलावेमाणिं पेहाए Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 19 1009 हत्थेण वा पाएण वा असिपत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चेलेण वा पडिपिहेइ पडिपिहेंतं वा साइजइ // 10 // जे भिक्खू पडिणावियं कटटु णावाए दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ॥११॥ने भिक्खू उड्डगामिणिं वा णावं अहोगामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ // 12 // जे भिक्खू जोयणवेलागामिणिं वा अद्ध जोयणवेलागामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू णावं आकसइ आकसावेइ आकसावेतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू णावं खेवावेइ खेवावेतं वा साइजइ // 15 // जे भिक्खू णावं रज्जुणा वा कडेण वा कड्डइ कर्व्हतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खूणावं अलित्तएण वा दंडेण वा पप्फिडएण वा वंसेण वा बलेण वा वाहेइ वाहतं वा साइजह // 17 // जे भिक्खू णावाओ उदगं भायणेण वा पडिग्गहणेण वा मत्तेण वा णावाउस्सिंचणेण वा उस्सिचइ उस्सिंचंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू णावं उत्तिंगेण उदगं आसवमाण उवरुवरि कजलावेमाणं (पेहाए) पलोय हत्थेण वा पाएण वा आसत्थ(असि)पत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चेलकण्णेण वा पडिपिहेइ पडिपिहेंतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू णावाओ णावागयरस असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 20 // जे भिवखू णावाओ जलगयस्स असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू . णावाओ पंकगयस्स असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू णावाओ थलगयस्स असणं वा 4 पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ * // 23 // जे भिक्खू वत्थं किणइ किणावेइ कीयं आहट्ट देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंत वा बा साइजइ // 24 // (इओ आरम्भ चंउद्दसमुद्देसस्स सयलाणि वि सुत्ताणि पडिग्गहठाणे वत्थमुबजुंजिय वत्तवाणि जाव) जे भिक्खू वत्थणीसाए वासावासं वसइ वसंतं वा साइजइ, णवरं कोरणं णस्थि / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्धाइयं // 68 // णिसीहऽज्झयणे अट्ठारसमो उद्देसो समत्तो // ..एगूणवीसइमो उद्देसो जे मिक्खू वियदं किणइ किणावेइ कीयं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडि. ग्गाहेतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू वियडं पामिच्चइ पामिच्चाबेइ पामिच्चं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू वियडं परियट्टेइ . * अण्णे आयरिसे सोलसभंगा। Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1010 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . परियट्टावेइ परियट्टियं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं बा साइजइ // 3 // . जे भिक्खू वियर्ड अच्छिज्ज अणिसिटुं अभिहडं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजह // 4 // जे मिक्खू गिलाणस्स अट्ठाए पर तिण्हं वियड़दत्तीणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजह // 5 // जे भिक्खू वियर्ड गहाय गामाणुगाम दूइजइ दूइज्जंतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू वियडं गालेइ गालावेइ गालियं आहट्ट दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू चउहिं संझाहिं सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ, तंजहा-पुवाए संझाए पच्छिमाए संझाए अवरण्हे अब्दरत्ते // 8 // जे मिक्खू कालियसुयस्स परं तिण्हं पुच्छाणं पुच्छह पुच्छंतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू दिट्ठिवायस्स परं सत्तण्हं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंतं वा साइजइ ॥१०॥जे मिक्खू चउसु महामहेसु संज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ, तंजहा१ इंदमहे 2 खंदमहे 3 जक्खमहे 4 भूयमहे ॥११॥जे भिक्खू चउसु महापाडिवएसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ, तंजहा-सुगिम्हयं पाडिवए, आसाढी पाडिवए, आसोयपाडिवए, कत्तिय पाडिवए // 12 // जे भिक्खू पोरिसिं सज्झायं उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइजइ // 13 // जे भिक्खू चउकालं सज्झायं ण करेइ ण करेंतं वा साइजइ // 14 // जे भिक्खू असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजह // 15 // जे भिक्खू अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ // 16 // जे भिक्खू हेट्ठिलाई समोसरणाई अवाएत्ता उवरिलाई समोसरणाइं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 17 // जे भिक्खू णव बंभचेराई अवाएत्ता उवरि सुयं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 18 // जे भिक्खू अपत्त वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 19 // जे भिक्खू पत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइजइ // 20 // जे भिक्खू अव्वत्तं वाएंइ वाएंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू वत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइजह // 22 // जे भिक्खू दोण्हं सरिसगाणं एक्कं सं(सि)चिक्खावेइ एक्कं ण संचिक्खावेह एक्कं वाएइ एक्कं म वाएइ तं करतं वा साइजइ // 23 // जे भिक्खू आयरियउवज्झाएहिं अविदिण्णं गिरं आइयइ आइयंतं वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अण्णउत्थियगारस्थियं वा वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अण्णउत्थियगारत्थियं वा पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू पासत्थं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 27 // जे भिक्खू पासत्थं पडिग्छ। पडिच्छंतं वा साइजइ // 28 // जे भिक्खू ओसणं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू ओसण्णं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 30 // जे भिक्खू कुसीलं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 31 // जे भिव खू वु सीलं Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __णिसीहसुत्तं उ० 20 1011 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 32 // जे भिवखू णितियं वाएइ वाएंतं वा साइ. जइ // 33 // जे भिक्खू णितियं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ // 34 // जे भिवखू * संसत्तं बाएइ वाएंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू संसत्तं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उघाइयं // 36 // णिसीहऽज्झयणे एगूणवीसइमो उद्देसो समत्तो // 19 // वीसइमो उद्देसो जे भिक्खू मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोए. माणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं // 1 // जे भिव खू दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं // 2 // जे भिक्खू तेमासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिरंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं // 3 // जे भिक्खू चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं // 4 // जे भिक्खू पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोए जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं // 5 // तेण परं पलिंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 6 // जे भिक्खू बहुसोवि मासिय परिहारट्ठाणं. पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासिय, पलिउंधिय आलोएमाणरस दोमारियं // 7 // जे भिक्खू बहुसोवि दोमासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिसंघिय आलोएमाणस्स दोमासिय, पलिंउचिय आलोएमाणस्स तेमासिय // 8 // ने भिव खू बहुसोवि तेमासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिंचिय आलोए. माणस्स तेमासिंय, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासिय // 9 // जे भिवखू बहुसोधि चाउम्मासिवं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोए जा, अपलिउंचिय आलोए. माणस्स चउमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं // 10 // जे भिक्खू बहुसोवि पंचमासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासिय, पलिंउचिए आलोएमाणस्स छम्मासिय // 11 // तेण परं पलिंउचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 12 // जे भिक्खू मासियं वा Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1012 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासिय वा तेमासिय वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोए.. माणस्स दोमासिय वा तेमासिय वा चउमासियं वा पंचमासियं वा छम्मासिय वा। तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा।१३।जे भिक्खू बहुसोवि मासियं वा बहुसोवि दोमासियं वा बहुसोवि तेमासियं वा बहुसोवि चाउम्मासिय वा बहुसोवि पंचमासिय वा.एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय (बहुसोवि) आलोएमाणस्स मासियं वादोमासिय वा तेमासियं वा चउमासिय वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय (बहुसोवि) आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासिय या चउमासियं वा पंचमासिय वा छम्मासियं वा // 14 // जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसि परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोए ज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगं वा पंचमासियं वा साइरेगं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगं वा छम्मासियं वा / तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 15 // जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसोवि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि साइरेगं वा बहुसोवि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेगं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स बहुसोषि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेग वा बहुसोवि छम्मासियं वा। तेण परं पलिउँचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा // 16 // जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे टवणिज्ज ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं, ठविएवि पडिसेवित्ता सेवि कसिणे तत्थेव आरुहेयवे सिया, पुदिव पडिसेवियं पावं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुल्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउचियं,अपलिउंचिए पलिउंचियं,पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्टविए णिविसमाणे Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिसीहसुत्तं उ. 20 1013 पडिसेवेइ सेवि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया // 17 // जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा (जहा हेट्ठा बहुसोवि) जाव आरहेयत्वे सिया एयं पलिउंचिए // 18 // जे भिक्खू चाउम्मासियं वा "आलोए जा, अपलिउंचिय आलोएमाणे (जहा हेट्ठा) नाव पलिउंचिए पलिउंचियं, पलिंउचिए पनिउंचियं आलोएमाणस्स"आरुहेयव्वे सिया // 19 // जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं वा (नहा हेट्ठा णवरं पलिउचिए) जाव आरुहेयव्वे सिया एयं पलिउंचिए // 20 // छम्मासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा दोमासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा वीसइराइया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमइरितं, तेण परं सवीसइराइया दो मासा // 21 // पंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्टा) जाव दो मासा // 22 // चाउम्मासियं परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दो मासा // 23 // तेमासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्टा) जाव दो मासा // 24 // दोमासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्टा) नाव दो मासा // 25 // मासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्टा) जाव दो मासा // 26 // सवीसइराइयं दोमासियं परिहारहाणं पट्टविए अणगारे (जहा हेट्ठा) जाव अहीणमहरितं, तेण परं सदसराया तिणि मासा // 27 // सदसरायतेमासिय परिहारट्ठाण (जहा हेट्ठा) गाव तेण परं चत्तारि मासा // 28 // चाउम्मासिय परिहारट्ठाण (महा हेट्ठा)जाव तेण परं सवीसइराया चत्तारि मासा // 29 // सवीसंइरायचाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं सदसराया पंच मासा // 30 // सदसरायपंचमासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं छम्मासा // 31 // छम्मासिय परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा पविख्या आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमइरितं, तेण परं दिवड्डो मासो // 32 // पंचमासिय परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवडो मासो // 33 // चाउम्मासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवको मासो // 34 // तेमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्ढो मासो // 35 // दोमासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवट्टो मासो // 36 // मासिय परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो // 37 // दिवट्टमासिय परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा पविखया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअट्ठ सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं, तेण परं दो मासा // 38 // दोमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अदाइजा मासा // 39 // अड्वाइजमासियं Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1014 अनंगपविट्ठसुत्ताणि परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं तिण्णि मासा // 40 // तेमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अधुट्ठा मासा // 41 // अधुट्ठमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं चत्तारि मासा // 42 // चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अड्डपंचमा. मासा // 43 // अड्डपंचमासिय परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं पंच मासा // 44 // पंचमासिय परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अद्धण्टामासा॥४५॥ अद्धछट्ठमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं छम्मासा॥४६॥ दोमालियं परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमहरितं, तेण परं अड्डाइजा मासा ॥४७॥अड्डाइजमासियं"अंतरादोमासियं"अहावरावीसिया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं सपंचराइया तिण्णि मासा ॥४८॥सपंचरायतेमासियं"अंतरा मासिय "अहावरा पक्खिया आरोवणा(जहा हेडा), तेण परं सवीसइराइया तिण्णि मासा // 49 // सवीसहरायतेमासियं"अंतरा दोमालियं"अहावरा वीसहराइया आरोवणा (जहा हेढा), तेण परं सदसराया चत्तारि मासा // 50 // सदसरायचाउम्मासियं" अंतरा मासियं"अहावरा पक्खिया भारोवणा(नहा हेट्ठा),तेण परं पंचूणा पंच मासा // 51 // पंचूणपंचमासियं"अंतरा दोमासियं"अहावरा बीसइराइया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं अद्धछट्ठा मासा // 52 // अट्ठमासियं"अंतरा मासियं"अहावरा पक्खिया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं छम्मासा // 53 // णिसीहज्झयणे वीसइमो उद्देसो समत्तो // 20 // ॥णिसीहसुत्तं समत्तं // Page #424 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #425 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्रवंधो पढमा दसा सुयं मे आउसं! तेणं भावया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं वीस असमाहि[ ठाटाणा पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं वीसं असमाहिट्ठाणा पण्णत्ता इमे स्खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं वीसं असमाहिट्ठाणा पण्णत्ता / तंजहादवदवचारी यावि भवइ // 1 // अ(१)पमज्जियचारी यावि भव // 2 // दुपमज्जियचारी यावि भवइ // 3 // अइरित्तसेजासणिए // 4 // राइणियपरीभासी ॥५॥थेरोवंघाइए // 6 // भूओवघाइए // 7 // संजलणे // 8 // कोहणे // 9 // पिढिमंसिए // 10 // अमिक्खणं अभिक्खणं ओहा(रि)रहत्ता भव // 11 // णवाणं अहिगरणाणं अणुप्पण्णाणं उप्पाइत्ता भवइ // 12 // पोराणाणं अहिगरणाणं खामिय विउसवियाणं पुणो (उ) दी(रि)रेत्ता भवइ // 13 // अकालसज्झायकारए यावि भवह // 14 // ससरक्खपाणिपाए // 15 // सद्दकरे (भेयकरे) // 16 // झंझकरे // 17 // कलहकरे // 18 सूरप्पमाणभोई // 19 // एसणाऽसमिए यावि भव // 20 // एए खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं वीसं असमाहिट्ठाणा पण्णत्ता // 21 // त्ति-बेमि // पढमा दसा समत्ता // 1 // बिड्या दसा सुयं मे आउसं! तेणं भगवयाएवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णता? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता / तंजहा-हत्थकम्मं करेमाणे सबले // 1 // मेहणं पडिसेवमाणे सबले // 2 // राइभोयणं भुंजमाणे सबले // 3 // आहाकम्मं भुंजमाणे सबले // 4 // रायपिंडं भुंजमाणे सबले // 5 // (उद्देसियं)कीयं वा पामिच्चं वा अच्छिज्जं वा अणिसिद वा आइटु दि जमाणं वा भुजमाणे संबले // 6 // अमिक्खणं 2 पडियाइव खेत्ताणं भुंजमाणे सवले // 7 // अंतो छण्हं मासाणं गणाओ गणं संकममाणे सबले // 8 // अंतो मासस्स तओ 1 अण्णे आयरिसे पारंभे पंच णमोकारोऽहिगो लभइ / - - Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1018 अनंगपविद्वसुताणि दगलेवे करेमाणे सवले // 9 // अंतो मासस्स तओ मा[ईठा] इट्टाणे करे(सेव)माणे सबले // 10 // सा[ग]गारियपिंडं भुंजमाणे सबले // 11 // आरट्टियाए पाणाइवायं करेमाणे सबले // 12 // आउट्टियाए मुसावायं वयमाणे सबले // 13 // आउट्टियाए अदिण्णादाणं गिण्हमाणे सबले // 14 // आउट्टियाए अणंतरहियाए पुढवीए ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं बा चे(त)एमाणे सबले // 15 // एवं ससिणिद्वाए पुढवीए एवं ससरक्खाए पुढए // 16 // एवं आउट्टियाए चित्तमंताए सिलाए चित्तमंताए लेलूए कोलावासंसि वा दारुए जवपइट्ठिए मअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउस्से सउदगे सउत्तिंगे पणगदगम(ट्टिय)डीए मकडासंताणए तहप्पगारं ठाणं वा सिज्ज वा णिसीहियं वा चेएमाणे सबले // 17 / / आरट्टियाए मूलभोयणं वा कंदभोयणं वा खंधभोवणं वा• तयाभोयणं वा पवालभोयणं वा पत्त. भोवणं वा पुप्फभोयणं वा फलभोयणं वा' बीयभोयणं वा हरियभोयणं वा भुंजमाणे सबले // 18 // अंतो संवच्छरस्स दस दगलेवे करेमाणे सबले // 19 // अंतो संवच्छरस्स दस माइट्ठाणाई करेमाणे सबले // 20 // आउट्टियाए सीओदयवियडवग्वारिय(पाणिणा)हत्थेण वा मत्तेण वा द(विण्ण)व.ए वा भायणेण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता भुंजमाणे सबले // 21 // एए खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता // 22 // त्ति-बेमि // बिइया दसा समत्ता // 2 // तइया दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवतेहिं त(ती)त्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहि तत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहि तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-सेहे रा(य)इणियस्स पुरओ गंता भवह आसायणा सेहस्स // 1-2 // सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता भवइ आसायणा सेहस्स // 3 // सेहे राइणियस्स आसणं गंता भवइ आसायणा सेहस्स // 4 // सेहे राइणियस्स पुरओ चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 5 // सेहे राइणियस्स सपक्खं चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 6 // सेहे राइणियस्स आसण (ठिच्चा)चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 7 // सेहे राइणियस्स पुरओ णिसीइत्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 8 // सेहे राइणियस्स सपक्खं णिसीइत्ता भवइ आसा Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 3 1019 यणा सेहस्म // 9 // सेहे राइणियस्स आसण्णं णिसीइत्ता भवइ आसायणा सेहग्स // 10 // सेहे राइणिएणं सद्धिं बहिया वियारभूमि(वा)णिकरते समाणे तत्थ सेहे पुव्वतरागं आयमइ पच्छा राइणिए भवइ आसायणा सेहम्स // 11 // सेहे राइणिएणं सद्धिं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा णिक्खंते समाणे तत्थ सेहे पुव्वतरागं आलोएइ पच्छा राइणिए भवइ आसायणा सेहस्स // 12 // केइ राइणियस्स पुव्वसंलवित्तए सिया, तं सेहे पुव्वतरागं आलवइ पच्छा राइणिए भवद आसायणा सेहस्स // 13 // सेहे राइणियस्स राओ वा वियाले वा बाहरमाणम्स अज्जो ! के सु(त्ते)त्ता के जाग(रे)रा ? तत्थ सेहे जागरमाणे राइणियम्स अपडिसुणेत्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 14 // सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं पु व्वव्वामेव सेहतरागस्स आलोएइ पच्छा राइणि यस्स झवह आसायणा सेहस्स / / 15 / सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं पुव्वामेव सेहतरागस्स उवदंसेइ पच्छा राइणियम्स भवइ आसाटणा सेहस्स // 16 // सेहे असणं वा पडिगाहित्ता तं पुवामेव सेहतरागं उवणिमंतेइ पच्छा राइणि[ए] यं भवइ आसायणा सेहस्स // 17 // सेहे राइणिएण सद्धिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं राइणियं अणापुच्छित्ता जस्त जस्स इच्छइ तस्स तस्स खद्धं [खंधं] 2 तं दलयइ आसायणा सेहस्स // 18 / / सेहे असणं वा 4 पडिगाहित्ता राइणिएणं सद्धिं भुंजमाणे तत्थ सेहे खद्धं 2 डागं डागं असढं ऊसद रसियं रसियं मणुण्णं मणुःणं मणामं मणामं णिद्धं णिद्धं लुक्खं लुक्खं आहारित्ता भवइ आसायणा सेहस्स / / 19 / / सेहे राइणियस्स वाहर(आलव)माणस्स अपडिसुणित्ता भवइ आसायणा सेहम्स // 20 // सेहे राइ. णियस्स वाहरमाणस्स तत्थ गए चेव पडिसुणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 21 // सेहे राइणियस्स किंति-वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 22 // सेहे राइणियं तुमंतिवत्ता भवइ आसायणा सेहस्स / / 23 / / सेहे राइणियं खलु खद्धं वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 24 // सेहे राइणियं तजाएणं [2] पडिहणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 25 // सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणम्स इति एवं वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स॥ 26 / / सेहे राइणियस्स कहं कहमाणस्स णो सुमरसीति वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 27 / / सेहे राइणियस्स कहं कमाणस्स णो सुमणसे भवइ आसायणा सेहस्स || 28 // सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1020 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भवइ आसायणा सेहस्स // 29 // सेहे राइणियस्स कहं कमाणस्स कहं आच्छिदित्ता भवइ आसायणा सेहस्स / / 30 // सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अधुच्छिण्णाए अवोगडाए दो(दु)च्चपि तच्चंपि तमेव कहं कहित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 31 / / सेहे राइणियस्स सिजासंथारगं पाएणं संघट्टित्ता हत्थेण अणणुतावित्ता [अणणु(ण्णवे)वित्ता] गच्छइ भवइ आसायणा सेहस्स // 32 // सेहे राइणियस्स सिजासंथारए चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयहित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स // 33 // सेहे राइणियस्स उच्चासणंसि वा समासणंसि वा चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स // 34 // एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ // 35 // त्ति-बेमि // तइया दसा समत्ता // 3 // चउत्था दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहि भगवंतेहिं अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता, कयरा खलु अट्ठविहा गणिसंपया, पण्णत्ता ! इमा खलु अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता। तंजहा-आयारसंपया 1, सुयसंपया 2, सरीरसंपया 3. वयणसंपया 4. वायणासंपया 5, मइसंपया 6, पओगसंपया 7, संगहपरिण्णा(णाम) अट्ठमा 8 / से किं तं आयारसंपया ? आयारसंपया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहासंजमधुवजोगजुत्ते यावि भवइ, असंपगहियअप्पा, अणिययवित्ती, वुड्डसीले यावि भवइ / से तं आयारसंपया // 1 // से किं तं सुयसंपया? सुयसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-बहुसु(त्ते)ए यावि भवइ, परिचियसुए यावि भवइ, विचित्तसुए यावि भवइ, घोसविसुद्धिकारए यावि भवइ / से तं सुयसंपया // 2 // से किं तं सरीरसंपया ? सरीरसंपया चउन्विहा पण्णत्ता। तंजहा-आरोहपरिणाहसंपण्णे यावि भवइ, अणोतप्पसरीरे, थिरसंघयणे, बहुपडिपुणिदिए यावि भवइ / से तं सरीरसंपया॥३॥ से किं तं वयणसंपया ? वयणसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-आदेयवयणे यावि भवइ, महुरवयणे यावि भवइ, अणिस्सियवयणे यावि भवइ, असंदिद्धवयणे यावि भवइ / से तं वयणसंपया // 4 // से किं तं वायणासंपया ? वायणासंपया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-विजयं उद्दिसइ, विजयं वाएइ, परिणिव्वावियं वाएइ, अत्थणिजाबए यावि भवइ / से तं वायणासंपया // 5 // से किं तं मइसंपया ? मइसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-उग्गहमइसंपया, ईहामइसंपया, अवायमइसंपया, Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 4 1021 धारणामइसंपया / से किं तं उग्गहमइसंपया ? उग्गहमइसंपया छविहा पण्णत्ता / तंजहा-खि उगिण्हेइ, बहु उगिण्हेइ, बहुविहं उगिण्हेइ, धुवं उगिण्हेइ, अणिस्सिय उगिण्हेइ, असंदिद्धं उगिण्हेइ / से तं उग्गहमइसंपया। एवं ईहामइवि। एवं अवायमइवि / से किं तं धारणामइसंपया ? धारणामइसंपया छविहा पण्णत्ता / तंजहाबहु धरेइ, बहुविहं धरेइ, पोराणं धरेइ, दुद्धरं धरेइ, अणिस्सियं धरेइ, असंदिद्धं धरेह / से तं धारणामइसंपया // 6 // से किं तं पओगमइसंपया ? पओगमइसंपया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-आयं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, परिसं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, खेत्तं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, वत्थु विदाय वायं पउँजित्ता भवइ / से तं पओगमइसंपया // 7 // से किं तं संगहपरिण्णा णामं संपया ? संगहपरिण्णा गाम संपया चउविहा पण्णत्ता / तंजहा-बहुजणपाउग्गयाए वासावासेसु खेत्तं परिलेहित्ता भवइ, बहुजणपाउग्गयाए पाडिहारियपीढपलगसेजासंथारयं उगिहित्ता भवइ, कालेणं कालं समाणइत्ता भवइ, अहागुरु संपूएत्ता भवइ / से तं संगहपरिण्णा णाम संपया // 8 // आयरिओ अंतेवासी इमाए चउव्विहाए विणयपडिवत्तीए विणइत्ता भवइ णिरणत्तं गच्छह / तंजहा-आयारविणएणं, सुयविणएणं, विक्खेवणाविणएणं, दोसणिग्घायणविणएणं // 9 // से किं तं आयारविणए ! भायारविणए चउविहे पण्णत्ते / तनहा-संजमसा (स)मायारी यावि भवइ, तवसामायारी यावि * भवइ, गणसामायारी यावि भवइ, एगल्लविहारसामायारी यावि भवइ / से तं आयारविणए // 10 // से किं तं सुयविणए ? सुयविणए चउविहे पण्णत्ते / तनहा-सुत्तं वाएइ, अत्थं वाएइ, हियं वाएइ, णिस्सेसं वाएइ / से तं सुयविणए // 11 // से किं तं विक्खेवणाविणए ? विखेबणाविणए चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-अदिट्टधम्मं दिट्टपुत्वगत्ताए विणएइत्ता भवइ, दिट्ठपुबगं साहम्मियत्ताए विणएइत्ता भवइ, चुय-धम्माओ धम्मे ठावइत्ता भवइ, तस्सेव धम्मस्स हियाए सुहाए खमाए णिस्सेसाए अणुगामियत्ताए अब्भुटेत्ता भवइ / से तं विक्खेवणाविणए // 12 // से किं तं दोसणिग्घायणाविणए ! दोमणिग्घायणाविणए चउविहे पण्णत्ते / तंजहा–कुद्धस्स कोहविणएत्ता भवाइ, दुट्ठस्स दोसं णिगिण्हित्ता भवइ, कंखियस्स कंखं छिंदित्ता भवइ, आयासुप्पणि हिए यावि भवद / से तं दोसणिग्घायणाविणए // 13 // तस्सेवं गुणजाइयस्स अंतेबासिस्स इमा चउव्विहा विणयपडिवत्ती भवइ / तंजहा-उवगरणउप्पायणया, Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1022 अनंगपविट्ठसुत्ताणि साहिल्लया, वण्णसंजलणया, भारपच्चोरहणया // 14 // से किं तं उचगरण उप्पायगया ? उवगरण उप्पायणया चउन्विहा पण्णत्ता / तंजहा-अणुप्पण्णाणं उवगरणाणं उप्पाइत्ता भवइ,पोराणाणं उवगरणाणं सारक्खित्ता संगोवित्ता भवइ,परित्तं जाणित्ता पच्चुद्धरित्ता भवइ; अहाविहि संविभइत्ता भवइ।से तं उवगरणउप्पायणया // 15 // से किं तं साहिल्लया ? साहिल्लया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-अणुलोमवइसहिए यावि भवइ; अणुलोमकायकिरियत्ता, पडिरूवकायसंफासणया, सव्वत्थेसु अपडिलोमया / से तं साहिल्लया // 16 // से किं तं वण्णसंजलणया ? वण्णसंजलणया चउव्विहा.पण्णत्ता / तनहा-अहातच्चाणं वण्णवाई भवइ, अवण्णवाई पडिहणित्ता भवइ, वण्णवाई अणुबूहित्ता भवइ, आयबुड्ढसेवी यावि भवइ / से तं वण्णसंजलणया // 17 // से किं तं भारपच्चोरुहणया?भारपच्चोरुहणया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहाअसंगहियपरिजणसंगहित्ता भवइ, सेहं आयारगोयर-संगाहित्ता भवइ, साहम्मियम्स गिलायमाणस्स अहाथामं वेयावच्चे अब्भुट्टित्ता भवइ,साहम्मियाणं अहिगरणं सि उप्पण्णंसि तत्थ अणिस्सिओवस्सिए (वसित्तो) अपक्खग्गाही मज्झत्थभावभूए सम्मं ववहरमाणे तस्स अहिगरणस्स खमावणाए विउसमणयाए सयासमियं अन्भुट्टित्ता भवइ, कहं णु साहम्मिया अप्पसद्दा अप्पझंझा अप्पकलहा अप्पकसाया अप्पतुमंतुमा संजमबहुला संवरबहुला समाहिबहुला अप्पमत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणाणं एवं च णं विहरेजा। से तं भारपच्चोरुहणया // 18 // एसा खलु थेरेहिं भगवंतेहिं अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता // 19 // त्ति-बेमि // चउत्था दसा समत्ता // 4 // . पंचमा दसा ___ सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिठाणा पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिटाणा पण्णत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिटाणा पण्णत्ता / तंजहातेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे णयरे होत्था, एत्थं णयरवण्णओ भाणियन्यो / तस्स णं वाणियगामस्स गयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए दुइपलासए णामं. चेइए होत्था, चेइय वण्णओ भाणियव्वो। जियसत्तू राया, तस्स धारणी णामं देवी, एवं सव्वं समोसरणं भाणियव्वं जाव पुढवीसिलापट्टए सामी समोसढे; परिसा णिग्गया, Page #432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __ दयासुयक्खंधो द. 5 1023 धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया // 1 // अज्जो ! (इ)ति समणे भगवं महावीरे समणा णिग्गंथा णिगंथीओ य आमंतित्ता एवं वयासी-"इह खलु अज्जो ! णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इरियासमियाणं भासासमियाणं एसणासमियाणं आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमियाणं उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिटावणियासमियाणं मणसमियाणं वयसमियाणं कायसमियाणं मणगुत्तीणं वयगुत्तीणं कायगुत्तीणं गुत्तिदियाणं गुत्तभयारणं आयट्ठीणं आयहियाणं आयजोईणं आयपरकमाणं पक्खियपीसहि एसु सुसमाहि पत्ताणं झियायमाणाणं इमाइं दस चित्तसमाहिठाणाई असमुप्पण्णपुवाई समुप्पज्जेज्जा / तंजहा-धम्मचिंता वा से असमुप्पण्णपुव्वा समुप्पज्जेजा सव्वं धम्मं जाणित्तए // 2 // सुमिणदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा अहातच्चं सुमिणं पासित्तए // 3 // सण्णिजाइसरणेणं सणिणा(ण)णं वा से असमुप्पण्णपुटवे समुपज्जेजा(पुटवभवे)अप्पणो पोराणियं जाइं सुमरित्तए // 4 // देवदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा दिव्वं देविहि दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं पासित्तए // 5 // ओहिणाणे वा से असमुप्पण्णपुटवे समुप्पज्जेज्जा ओहिणा लोयं जाणित्तए // 6 // ओहिदंसणे वा से असमुप्पण्णपुग्वे समुप्पज्नेजा ओहिणा लोयं पासित्तए // 7 // मणपजवणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा अंतो मणुस्सक्खित्तेसु अड्डाइज्जेसु दीवसमुद्देसु सण्णीणं पचिंदियाणं पजत्तगाणं मणोगए भावे जाणित्तए // 8 // केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा केबलकप्पं लो(ग)यालोयं जाणित्तए / / 9 / / केवलदंसणे बा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा केवलकप्पं लोयालोयं पासित्तए // 10 // केवलमरणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा सब्बदुक्खपही[हाणाए // 11 // ओयं चित्तं समादाय, झाणं समुप्पजइ / धम्मे ठिओ अविमणो, णिव्वाणमभिगच्छइ // 12 // ण इमं चित्तं समादाय, भुज्जो लोयंसि जायइ / अप्पणो उत्तमं ठाणं, सणिणाणेण जाणइ // 13 // अहातच्चं तु सुमिणं, खिप्पं पासेइ संवुडे / सव्वं वा ओहं तरइ, दुक्खदोय विमुच्चइ // 14 // पंताई भयमाणस्स, विवित्तं सयणासणं / अप्पाहाररस दंतस्स, देवा दंसेति ताइणो // 15 // सव्वकामविरत्तस्स, खमणो भयभेरवं / तओ से ओही भवइ, संजयस्स तवस्सिणो // 16 // तवसा अवहट्टलेस्सस्स, दंसणं परिसुज्झइ / उट्टे अहे तिरियं च, सव्वं समणुपस्सइ / / 17 / / सुसमाहियलेस्सस्स, अवितकस्स भिक्खुणो / सव्वओ विप्पमुक्कस्स, आबा जाणाइ पनवे // 18 // जया से णाणावरणं, सव्वं होह खयं Page #433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1024 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. गयं / तओ लोगमलोगं च, जिणो जाणइ केवली // 19 // जया से दरिसणावरणं, . सब्बं होइ खयं गयं / तओ लोगमलोगं च, जिणो पासइ केवली // 20 // पडिमाए विसुद्धाए, मोहणिज्ज खयं गाय]ए / असेसं लोगमलोगं च, पासेइ सुसमाहिए // 21 // नहा मत्थय-सूईए, हंताए हम्मइ तले। एवं कम्माणि हम्मंति, मोहणिज्जे स्वयं गए // 22 // सेणावइंमि णिहए, जहा सेणा पणस्सइ / एवं कम्माणि णस्संति, मोहणिज्जे खयं गए // 23|| धूमहीणो जहा अग्गी,खीयइ से णिरिंधणे। एवं कम्माणि खीयंति, मोहणिज्जे खयं गए // 24 // सुक्मूले जहा रुव खे, सिंचमाणे ण रोहइ / एवं कम्मा ण रोहंति, मोहणिज्जे खयं गए // 25 // जहा दहाणं बीयाणं, ण जायंति पुणंकुरा / कम्मबीएसु दड्डेसु, ण नायंति भवंकुरां // 26 // चिच्चा ओरालियं बोदि, णामगो(तं)यं च केवली / आउयं वेयणिज्जं च; छित्ता भवइ जीरए // 27 // एवं अभिसमागम्म, चित्तमादाय आउसो / सेणिसुद्धिमुवागम्म, आया सुद्धि(सोहि)मुवागइ // 28|| त्ति-बेमि // पंचमा दसा समत्ता // 5 // छट्ठा दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगया महावीरेणं एवमक्खायं, इह खलु थेरेहि भगवंतेहिं ए(इ)कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एकारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-अकिरियवाई यावि भवइ, णाहियवाई, णाहियपण्णे, णाहियदिट्ठी, णो सम्मावाई, णो णितियावाई, ण संति परलोगवाई, णत्थि इहलोए, णत्थि परलोए, गत्थि माया, गत्थि पिया, णत्थि अरिहंता, णत्थि चक्कवट्टी, णत्थि बलदेवा, पत्थि वासुदेवा, गत्थि गिरया, णस्थि णेरड्या, णस्थि सुकडदुक्कडाणं फलवित्तिविसेसो, णो सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णा फला भवंति, णो दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णा फला भवंति, अफले कल्लाणपावए, णो पच्चायंति जीवा, गस्थि णिरयाई, पत्थि सिद्धी, से एवंवाई एवंपण्णे एवंदिट्ठी एवंछंदरागमइणिविटे यावि भवइ // 1 // से भवद महिच्छे महारंभे महापरिग्गहे अहम्मिए अहम्माणुए अहम्मसेवी अहम्मिटे अहमक्खाई अहम्मरागी अहम्म 1 पासह एक्कारसमं समवाय / 2 विसेसो सूयगडविइयसुयक्खंधविइयऽज्झयणपढमकिरियट्ठाणऽहम्मपक्खाओ णायव्यो / Page #434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 6 1025 पलोई अहम्मजीवी अहम्मपलजणे अहम्मसीलसमुदायारे अहम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणे विहरइ // 2 // "हण छिंद भिंद" विकत्तए लोहियपाणी चंडे रुद्दे खुद्दे अस. मिक्खियकारी साहस्सिए उक्कंचणवंचणमाइणियडिकुडमाई साइसंपओगबहुले दुस्सीले दुष्परिचए दुचरिए दुरणुणेए दुव्वए दुप्पडियाणंदे णिस्सीले णिव्वए णिग्गुणे णिम्मेरे णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासे असाहू // 3 // सव्वाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए जाव सव्वाओ परिग्गहाओ, एवं सव्वाओ कोहाओ सव्वाओ माणाओ सव्वाओ मायाओ सव्वाओ लोभाओ पंजाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णपरपरिवायाओ अरइरइमायामोसाओ मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरिया जावज्जीवाए // 4 // सव्वाओ कसायदंतकट्ठण्हाणमद्दणविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंधमलाऽलंकाराओ अप्पडिविरया जावजवाए, सव्वाओ सगडरहजाणजुगगिल्लिथिल्लिसीयासंदमाणियासयणासणजाणवाहणभोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए // 5 // असमिक्खियकारी सव्वाओ आसहत्थिगोमहिसाओ गवेलयदासदासकम्मकरपोरुस्साओ अप्पडिविरया जावजवाए, सव्वाओ कयविक्यमासद्धमासरूवगसंववहाराओ अप्पडिविरया नावजवाए,सव्वाओ हिरणसुवण्णधणधण्णमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाओ अप्पडिविरया जावज्जवाए, सव्वाओ कुडतुलकूडमाणाओ. अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ आरंभसमारंभाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ पयणपयावणाओ अप्पडिविरया जावर्जवाए, सव्वाओ करणकरावणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ कुट्टणपिट्टणाओ तजणतालणाओ वहबंधपरिकिलेसाओ भप्पडिविरया जावज्जीवाए, जेयावण्णे तहप्पगारा सावजा अबोहिया कम्मा कज्जंति परपाणपरियावणकडा]रा कज्जंति तओवि य अप्पडिविरया जावज्जीवाए // 6 // से जहाणामए-केइ पुरिसे कलममसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसिंदगजवजवा एवमाइए हिं अयत्ते करे मिच्छादं पउं. बइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए तित्तिरवट्टगलावयकवोयकविजलमियमहिसवराहगाहगोहकुम्मसरिसवाइएहिं अयत्ते करे मिच्छादंडं पउंजइ // 7 // जावि य से बाहिरिया परिसा भवइ, तंजहा-दासेइ वा पेसेइ वा भितएइ वा भाइल्लेइ वा कम्मकरेइ वा भोगपुरिसेइ वा तेसिंपि य णं अण्णयरगंसि अहालहुयंसि अवराहसि सयमेव गरुयं दंड वत्तेइ, तंजहा-इमं दंडेह, इमं मुंडेह, इमं तज्जेह, इमं तालेह, इमं अंदुयबंधणं करेह, इमं णियलबंधणं करेह, इमं हडिंबंधणं करेह, इमं चारगबंधणं करेह, इमं णियलजुयलसंकोडियमोडियं करेह, इमं हत्थछिण्णयं करेह, इमं पाय Page #435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1026 अनंगपविट्ठसुत्ताणि छिणयं करेह, इमं कण्णछिण्णयं करेह, इमं णकछिण्णयं करेह, इमं उद्दछिण्णयं करेह, इमं सीसछिण्णयं करेह, इमं मुहछिण्णयं करेह, इमं वेयछिण्णयं करेह, इमं हियउप्पाडियं करेह, एवं णयण-वसण-दंसण-वयण-जि.(भु)भ उप्पाधियं करेह, इमं उल्लंबियं करेह, इमं घासियं०, इमं घोलियं०, इमं सूला[का (पो)यत इयं० इमं सूलाभिण्णं०, इमं खारवत्तियं करेह, इमं दब्भवत्तियं करेह, इमं सीहपुच्छयं करेह, इमं वसभपुच्छ्यं करेह, इमं दवग्गिदड्डयं करेह, इमं काक (णि)णीमंसखावियं करेह, इमं भत्तषाणणिरुद्धयं करेह, जावज्जीवबंधणं करेह, इमं अण्णयरेणं असुभेणं कुमारेणं मारेह // 8 // जावि य से अभितरिया परिसा भवइ, तंजहा-मायाइ वा पियाइ वा भायाइ वा भगिणीइ वा भजाइ वा धूयाइ वा सुण्हाइवा तेसिपि यणं अण्णयरंसि, अहालहुयंसि अवराहंसि सयमेव गरुय दंडं वत्तेइ, तंजहा-सीओदगवियडंसि कार्य बोलित्ता भवइ, उसिणोदगवियडेण कार्य सिंचित्ता भवइ, अगणिकाएण कायं उड्डहित्ता भवइ, जोत्तेण वा वेत्तेण वा णेत्तेण वा कसेण वा छिवाडीए वा लयाए वा पासाई उद्दालित्ता भवइ, दंडेण वा अट्ठीण वा मुट्ठीण वा लेलुएण वा कवालेण वा कायं आउट्टित्ता भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए संवसमाणे दुम्मणा भवंति, तहप्पगारे पुरिसजाए विप्पवसमाणे सुमणा भवंति // 9 // तहप्पगारे पुरिसजाए दंडमासी दंडगरुए दंडपुरेक्खडे अहिए अस्सि लोयंसि अहिए परंसि लोयंसि / ते दुक्खेति सोयंति एवं झूरंति तिप्पंति पिडेति परितप्पंति, ते दुक्खणसोयणझूरणतिप्पणपिट्टणपरितप्पणवहबंधपरि किले माओ अप्पडिविरया भवंति // 10 // एवामेव ते इत्थिकामभोगेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया अज्झोववण्णा जाव वासाइंचउपंच माइं]छदसमाणि वा अप्पतरो वा भुजतरो वा कालं भुजित्ता कामभोगाई पसेवित्ता वेराययणाई संचिणित्ता बहुयं पावाई कम्माई उसण्णं संभारकडेण कम्मुणा से जहाणामए-अयगोलेइ वा सेलगोलेइ वा उदयंसि पक्खित्ते समाणे उदगतलमइवइत्ता अहे धर(णि)णीयले पइट्ठाणे भवइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए वज्जबहुले धुत्तबहुले पंकबहुले वेरबहुले दभणियडिसाइबहुले आसायणाबहुले अयसबहुले अप्पत्तियबहुले उस्सण्णं तसपाणघाई कालमासे कालं किच्चा धरणीयलमइवइत्ता अहे णरगधरणीयले पइट्टाणे भवइ // 11 // ते णं णरगा अंतो वट्टा बाहिं चउरंसा अहे खुरप्पसंठाणसंठिया णिच्चंधयारतमसा ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहा मेदवसामंसर हिरपूयपडलचिव खल्ल. लित्ताशुलेवणतला असु(ई)इ[वि]वीसा परमदुन्भिगंधा काउयअगणिवण्णाभा कवखडफासा दुरहियासा असुभा णरगा असुभा णरएसु वेयणा, णो चेव णं णरए णेरइया Page #436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 6 1027 गिद्दायंति वा पयलायति वा सुई वा रइं वा घिई वा मई वा उवलभंति, ते णं तत्थ उजलं विउलं पगाढं ककस कडुयं चंडं दुक्खं दुग्गं तिक्खं तिव्वं दुक्ख]रहियास णरएसु णेरइया णरयवेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति // 12 // से जहाणामएरुक्खे सिया पव्वयग्गे जाए मूलछिण्णे अग्गे गरुए जओ णिण्णं जओ दुग्गं जओ विसमं तओ पवडइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए गब्भाओ गभं जम्माओ जम्मं माराओ मारं दुक्खाओ दुक्ख दाहिणगामिणेरइए कण्हपक्खिए आगमस्साणं दुल्लभबोहिए यावि भवइ / से तं अकिरियावाई (यावि भवइ) // 13 / / से किं तं किरियावाई (यावि भवइ)? तंजहा-आहियावाई, आहियपण्णे, आहिय. दिट्ठी, सम्मावाई, णितियावाई, संति परलोगवाई, अत्थि इहलोगे, अत्थि परलोगे, अस्थि माया, अस्थि पिया, अत्थि अरिहंता, अत्थि चकवट्टी, अस्थि बलदेवा, अस्थि वासुदेवा, अस्थि सुकडदुकडाणं कम्माणं. फलवित्तिविसेसे, सुचिष्णा कम्मा सुचिण्णा फला भवंति, दुचिण्णा कम्मा दुचिष्णा पला भवंति, सपले वल्लाणपावए, पच्चायंति जीवा, अस्थि णेरइया जाव अस्थि देवा, अस्थि सिद्धी, से एवंवाई एवं. पण्णे एवंदिट्ठीछंदरागमइणिविटे यावि भवइ / से भवइ महिच्छे जाव उत्तरगामिए णेरइए सुक्कपक्खिए आगमेस्साणं सुलभबोहिए यावि भवइ / से तं किरियावाई // 14 // अह पढमा उवासगा पडिमा- सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं णो सम्मं पट्टवियपुत्वाइं भवति, एवं उवासगस्स पढमा दंसणपडिमा // 15 // अहावरा दोच्चा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपञ्चवखाणपोसहोक्वासाइं सम्म पट्टवियाई भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं गो सम्म अणुपालित्ता भवइ, दोच्चा उवासगपडिमा / / 16 / / अहावरा तच्चा उवासगपडिमा-सव्वधम्मई यावि भवइ, तस्स ण बहूई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाई सम्मं पट्टवियाई भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं सम्म अणुपालित्ता भवइ, से णं चउद्दसिअट्ठमि उद्दिट्ठपुण्णमासिजीसु पडिपुण्णं पोसहोववासं णो सम्म अणुपालित्ता भवइ, तच्चा उवासगपडिमा॥१७॥ महावरा चउत्(थी)था उवासगपडिमा-सव्वधम्मरई यावि भंवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाई सम्मं पट्टवियाई भवति, से गं सामाइयं देसावगासियं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं चउद्दसिअट्ठमि उद्दिपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं एगराइयं उवासगपडिम णो सम्मं अणुपालित्ता भवइ, चउत्था उवासगपांडमा // 18 // अहावरा पंचमा Page #437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1028 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उवासगपडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स गं बहुई सील्वय''जाव सम्मं - अणुपालित्ता भवइ, से णं सामाइयं "तहेव,से णं चउद्दसि"तहेव, से णं एगराइयं उवासगपडिमं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं असिणाणएं वियडभोई मलिकडे दिया बंभयारी रत्तिं परिमाणकडे, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं पंच मा(सं)से विहरइ, पंचमा उवासगपडिमा // 19 // अहावरा छ(ट्ठी)ट्ठा उवासगपडिमा सव्वधम्मसई यावि भवइ जाव से णं एगराइयं उवासगपडिमं० अणुपालित्ता भवइ, से णं असिणाणए वियडभोई मउलिकडे दिया वा राओ वा बंभयारी, सचित्ताहारे से अपरिण्णाए, भवइ, से णं एयारूवेणं विहारेण विहरमाणे जहण्णेणं एगाई वा दुयाई वा तियाहं वा(जाव) उक्को सेणं छम्मासे विहरेजा, छट्ठा उवासगपडिमा // 20 // अहावरा सत्तमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव राओवरायं वा बंभयारी, सचित्ताहारे से परिणाए भवइ, आरंभे से अपरिण्णाए भवइ, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाई वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं सत्त मासे विहरेजा, से तं सत्तमा उवासगपडिमा // 21 // अहावरा अट्ठमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मई यावि भवइ जाव राओवरायं बंभयारी, सचित्ताहारे से परिणाए भवइ, आरंभे से परिण्णाए भवइ, पेसारंभे से अपरिग्णाए भवइ, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे(जाव)जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं अट्ठ मासे विहरेजा से तं अट्ठमा उवासगपडिमा // 22 // अहावरा णवमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरई यावि भवइ जाव राओवरायं बंभयारी, सचित्ताहारे से परिणाए भवइ, आरंभे से परिण्णाए भवइ, पेसारंभे से परिण्णाए भवइ, उद्दिभत्ते से अपरिणाए मवइ, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं णव मासे विहरेजा, से तं णवमा उवासगपडिमा // 23 // अहावरा दसमा उवासगपडिमा सव्वधम्मसई यावि भवइ जाव उद्दिभत्ते से परिण्णाए भवइ, से णं खुरमुंडए वा सिहाधारए वा, तस्स णं आभट्ठस्स समाभट्ठस्स वा कप्पंति दुवे भासाओ भासित्तए, जहा-जाणं वा जाणं अजाणं वा णो आणं, से णं एयारूवेणं विहारेण विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं दस मासे विहरेजा, से तं दसमा उवासगपडिमा // 24 // अहावरा एक्कारसमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरई यावि भवइ जाव उद्दिभत्ते से परिणाए झवइ, से Page #438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 7 1029 णं खुरमुंडए था लुत्तसिरए वा गहियायारभंडगणेवत्थे, जे इमे समणाणं णिग्गंथाणं धम्मे पण्णत्ते / तं सम्मं कारण फासेमाणे पालेमाणे पुरओ जुगमायाए पेहमाणे दठूण तसे पाणे उद्धटु पाए रीएज्जा, साह? पाए रीएजा, तिरिच्छं वा पायं कटु रीएजा, सइ परकमे(जा),संजयामेव परक्कमेजा, णो उज्जुयं गच्छेजा, केवलं से णायए पेजबंधणे अवोच्छिण्णे भवइ, एवं से कप्पइ णायविहिं वहत्तए // 25 // तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते मिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिग्गाहित्तए, णो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तएं / तत्थ (णं) से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते मिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तए, णो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहित्तए / तत्थ से पुव्वागमणेणं दोवि पुव्वाउत्ताई कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए / तत्थ से पच्छागमणेणं दोवि पच्छाउत्ताइं णो से कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए / जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिग्गाहित्तए / जे से तत्थ पुव्वागमणेण पच्छाउत्ते से णो कप्पइ पडिग्गाहित्तए // 26 // तस्स णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए भणुप्पविट्ठस्स कम्पइ एवं वइत्तए "समणोवासगस्स पडिमापडिवण्णस्स भिवखं दलयह" तं चेव एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे णं केइ पासित्ता वइजा-"केइ आउसो ! तुमं वत्तव्यं सिया"समणोवासए पडिमापडिवण्णए अहमंसीति” वत्तव्वं सिया, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं एक्कारस मासे विहरेजा, एक्कारसमा उवासगपडिमा // 27 // एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ // 28 / / त्तिबेमि // छट्ठा दसा समत्ता // 6 // सत्तमा दसा - सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरोह भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खपडिमाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिवखुपडिमाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-मासिया भिक्खुपडिमा 1, दोमासिया भिक्खुपडिमा 2, तिमासिया भिक्खुपडिमा 3, चउमासिया भिक्खुपडिमा 4, पंचमासिया भिक्खुपडिमा 5, छम्मासिया भिक्खुपडिमा 6, सत्तमासिया भिक्खुपडिमा 7, Page #439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1030 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा 8, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा 9, तच्चा सत्तराई दिया भिक्खुपडिमा 10, अहोराइंदिया भिक्खुपडिमा 11, एगराइया भिक्खुपडिमा 12 // 1 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उववज्जति, तंजहा-दिव्वा वा माणुसा वा, तिरिक्खजोणियावा, ते उप्पण्णे सम्मं (काएणं) सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ // 2 // मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहित्तए एगा पाणगस्स, अण्णायउंछं सुद्धं उवहडं णिज्जूहित्ता बहवे दुप्पयचउप्पयसमणमाहणअतिहिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहित्तए, णो दुण्डं गो तिण्हं णो चउण्हं णो.पंचण्डं, णो गुव्विणीए, णो बालवच्छाए, णो दारगं पेजमाणीए, णो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, णो बाहिं एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खभइत्ता एवं दलयइ एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, एवं से णो दलयइ एवं से णो कप्पइ पडिगाहित्तए // 3 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स तओ गोयरकाला पण्णत्ता / तंजहा-आदि इमे मज्झेज्झिमे चरिमे; आइमे चरेजा, गो मज्झे चरेजा, णो चरिमे चरेजा 1, मज्झे चरेजा, णो आइमे चरेजा, णो चरिमे चरेजा 2, चरिमे चरेजा, णो आइमे चरेजा, णो मज्झिमे चरेजा 3 // 4 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स छव्विहा गोयर-चरिया पण्णत्ता / तंजहा-पेला, अद्धपेला, गोमुत्तिया, पयंगीहिया, संबुक्कावट्टा, गत्त(गंतुं)पञ्चागया // 5 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स जत्थ णं केइ जाणइ कप्पइ से तत्थ एगराइयं वसित्तए, जत्थ णं केइ ण जाणइ कप्पइ से तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वसित्तए, णो से कप्पइ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं बसइ से संतरा छेए वा परिहारे बा॥६॥ मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० कप्पइ चत्तारि भासाओ भासित्तए, तंजहा-जायणी, पुच्छणी, अणुण्णवणी, पुट्ठस्स वागरणी // 7 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० कप्पइ तओ उवस्सया पडिलेहित्तए, तंजहा-अहे आरामगिहंसि वा, अहे वियडगिहंसि वा, अहे रुक्खमूलगिहंसि वा / मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० वप्पइ तओ उवस्सया 1 वण्ण गविसेसमेयासि ठाणतच्चठाणभगवईअंतगडाईहितो जाणियव्वं / Page #440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 7 1031 अणुण्णवेत्तए, त०-अहे आरामगिहं, अहे वियडगिहं, अहे रुक्खमूलगिहं / मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० कप्पइ तओ उवस्सया उवाइणावित्तए, तं चेव // 8 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० कप्पइ तओ संथारगा पडिले हित्तए, तंजहा-पुढवीसिलं वा, कट्ठसिलं वा, अहासंथडमेव वा / मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स०कप्पइ तओ संथारगा अणुण्णवेत्तए,सेसं तं चेव / मासियं णं भिवखुपडिम पडिवण्णस्स० कप्पड तओ संथारगा उवाइणावित्तए, सेसं तं चेव // 9 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० इत्थी वा पुरिसे वा उवस्सयं हव्वं उवागच्छेजा, से इत्थी वा पुरिसे वा णो से कप्पइ तं पडुच्च णिक्खमित्तए वा पविसित्तए बा // 10 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० केइ उवस्मयं अगणिकाएणं झामेजा णो से कप्पइ तं पडुच्च णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, तत्थ णं केइ बाहाए गहाय आगसेजा णो से कप्पइ तं अवलंबित्तए वा पलंबित्तए वा, कप्पई से अहारियं रीइत्तए // 11 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० पायंसि खाणू वा कंटए वा हीरए वा सक्करए वा अणुपर्विसेजा णो से कप्पइ णीहरित्तए वा विसोहित्तए वा, कप्पइ से अहारियं री इत्तए // 12 // मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स जाव आञ्छिसि पाणाणि वा बीयाणि वा रए वा परियावज्जेजा, णो से कप्पइ णीहरित्तए वा विसोहिवा, कप्पइ से अहांरियं रीइत्तए // 13 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवप्णरस० जत्थेव सूरिए अत्थमेजा तत्थ एव जलंसि वा थलंसि वा दुग्गंसि वा णिणंसि वा पव्वयंसि वा विसमंसि वा गड्डाए वा दरीए वा कप्पइ से तं रयणिं तत्थेव उवाइणावित्तए णो से कप्पइ पयमवि गर्मित्तए, कप्पइ से कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलंते पाईणाभिमुहस्स वा दाहिणाभिमुहस्स वा पडीणाभिमुहरस वा उत्तराभिमुहस्स वा अहारियं रीइत्तए // 14 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स णो से कप्पइ अणंतरहियाए पुढवीए णिद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, केवली बूया आयाणमेयं, से तत्थ णिद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा हत्थेहिं भूमि परामुसेजा, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए वा णिक्खमित्तए वा, उच्चारपासवणेणं उगहिजा णो से कप्पइ उगिण्हित्तए [वा], कप्पइ से पुव्वपडिलेहिए थंडिले उच्चारपासवणं परिदृवित्तए, तमेव उवस्सयं आगम्म अहावि हि ठाणं टाइत्तए // 15 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० णो कप्पइ ससरक्खेणं काएणं गाहावइवुलं भत्ताए या पाणाए बा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, अह पुण एवं जाणेजा ससखखे से Page #441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1032 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अत्ताए वा जल्लत्ताए वा मलत्ताए वा पंकत्ताए वा विद्धत्थे से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 16|| मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० णो कप्पइ सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा हत्थाणि वा पायाणि वा दंताणि वा अच्छीणि वा मुहं वा उच्छोलित्तए वा पधोइत्तए वा, गण्णत्थ लेवालेवेण वा भत्तमासेण वा // 17 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० णो कप्पइ आसस्स वा हथिस्स वा गोणस्स वा महिसस्स वा कोलसुणगस्स वा सुणस्स वा वग्घस्स वा दुट्ठस्स वा आवयमाणस्स पयमवि पच्चोसक्कित्तए, अदुस्स आवयमाणस्स कप्पइ जुगमित्तं पच्चोसक्कित्तए / 18 / / मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० णो कप्पइ छायाओ सीयंति उण्हं एत्तए, उपहाओ उण्हंति छायं एत्तए। जं जत्थ जया सिया तं तत्थ तया अहियासए // 19 // एवं खलु मासियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं अहासम्मं कारणं फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहइत्ता आणाए अणुपा(ले)लित्ता भवइ // 1||20|| दोमासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० णिच्चं वोसट्टकाए जाव दो दत्तीओ // 2 // // 21 // तिमासियं तिणि दत्तीओ॥३॥२२॥ चउमासियं चत्तारि दत्तीओ॥४॥ // 23 // पंचमासियं पंच दत्तीओ // 5 // 24 // मांसियं छ दत्तीओ॥६॥२५॥ सत्तमासियं सत्त दत्तीओ // 7 // जेत्तिया मासिया तेत्तिया दत्तीओ // 26 // पढमं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्सं अणगारस्स णिच्चं वोसट्टकाए जाव अहियासेइ, कप्पड से चउत्थेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा उत्ताणगस्स वा पासिल्लगस्स वा णेसज्जियस्स वा ठाणं ठाइत्तए, तत्थ दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा उवसग्गा समुप्पज्जेजा तेणं उवसग्गा पयलिज वा पवडेज वा णो से कप्पइ पयलित्तए वा पवडित्तए वा, तत्थ णं उच्चारपासवणं उब्बाहिजा णो से कप्पइ उच्चारपासवणं उगिण्हित्तए, कप्पड से पुबपडिलेहियंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं परिढवित्तए, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए, एवं खलु एसा पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा अहासुत्तं जाव आणाए अणुपालित्ता भव // 8 // // 27 // एवं दोच्चा सत्तराईदिया [या]वि णवरं दंडा[य] इयस्स वा लग[डसाइडाइ. यस्स वा उक्कुडुयस्स वा ठाणं ठाइत्तए, सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ // 9 // // 28 // एवं तच्चा सत्तराइंदियावि, णवरं गोदोहियासणियस्स वा वीरासणियस्सं वा अंबखुजासणियस्स वा ठाणं ठाइत्तए सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ताभवइ // 10 // 29 // एवं अहोराइंदियावि, णवरं छटेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा नाव राय Page #442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 8 1033 हाणीए वा ईसिं दोवि पाए साहट वग्धारियपाणिस्स ठाणं ठाइत्तए, सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ // 1 // 30 // एगराइयं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स णिचं वोसट्टकाए णं जाव अहियासेइ, कप्पइ से [f] अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा ईसिं पब्भारग,एणं काएणं एगपोग्गल[टिती]गयाए दिट्ठीए अणिमिसणयणे अहापणिहिएहिं गाएहिं सविंदिए हिं गुत्तेहिं दावि पाए साहट्ट वग्धारियपाणिम्स टाणं टाइत्तए, तत्थ से दिव्या माणुस्सा तिरिक्खजोणिया जाव अहियासेइ, से णं तत्थ उच्चारपासवणं उब्बाहिज्जा णो से कप्पइ उच्चारपासवणं उगिण्हित्तए, कप्पद से पुव्वपडिलेहियंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं परिट्ठवित्तए, अहाविहिमेव ठाणं टाइत्तए // 31 // एगराइयं णं भिक्खुपडिमं अगणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहियाए असुभाए अक्खमाए अणिस्सेसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-उम्मायं वा लभेजा, दीहकालियं वा रोगायक पाउणेजा, केवलिपण्णताओ धम्माओ भंसेज्जा // 32 // एगराइयं णं भिक्खुपडिमं सम्मं अणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेसाए अणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-ओहिणाणे वा से समुप्यज्जेजा, मणपजवणाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुत्वं समुप्पज्जेजा, एवं खलु एसा एगराइया भिक्खुपडिमा अहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं अहासम्मं कारण फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहित्ता आणाए अणुपालित्ता [यावि भवइ / / 33 / / एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहि बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ // 34 // त्ति-बेमि // इति भिक्खुपडिमा णामं सत्तमा दसा संमत्ता // 7 // अट्रमा दसा ... तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे यावि होत्था, तंजहा-हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गम्भं वक्कंते 1 हत्थुत्तराहिं गब्भाओ गब्भ साहरिए 2 हत्युत्तराहिं जाए 3 हत्थुत्तराहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए 4 हत्थुत्तराहिं अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे 5 साइणा परिणिन्बुए भगवं जाव भुज्जो 2 उवदंसेइ // 1 // त्ति-बेमि // इति पज्जोस(णं)णा णामं अट्ठमा दसा समत्ता॥८॥ Page #443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णवमा दसा ___ तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था, वण्णओ। पुण्णभद्दे णामं चेइए, वण्णओ। कोणियराया, धारिणी देवी, सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया // 1 // अज्जो ! त्ति समणे भगवं महावीरे बहवे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं क्यासी-“एवं खलु अज्जो ! तीसं मोहणिजठाणाई जाई इमाइं इत्थी वा पुरिसो वा अभिवत्रणं अभिक्खणं आयारेयरमाणे वा समायरमाणे वा मोहणिजत्ताए कम्मं पकरेइ, तंजहा-जे (यावि) केइ तसे पाणे, बारिमझे विगाहिया / उदएणक्कम्म मारे(ई)इ, महामोहं पकुव्वइ / / 2 / / पाणिणा संपिहित्ताणं, सोयमावरिय पाणिणं / अंतोणदंत मारेइ, महामोहं पकुव्वइ // 3 // जायतेयं समारब्भ, बहुं ओरंभिया जणं / अंतो धूमेण मारेइ,. महामोहं पकुव्वइ // 4 // सीसम्मि जो (जे) पहणइ, उत्तमंगम्मि चेयसा। विभज मत्थयं फाले, * महामोहं पकुव्वइ // 5 // सीसं वेढेण जे केइ, आवेढेइ अभिवखणं / तिव्वासुभसमायारे, महामोहं पकुव्वइ // 6 // पुणो पुणो पणिहिए हणित्ता उवहसे जणं / फलेणं अदुव दंडेणं, महामोहं पकुव्वइ // 7|| गूढायारी णिगृहिजा, मायं मायाए छायए / असच्चवाई णिण्हाइ, महामोहं पकुव्वइ / / 8 // धंसेई जो अभूएणं, अकम्म अत्तकम्मुणा / अदुवा तुमकासित्ति, महामोहं पकुव्वइ // 9 // जाणमाणो परिसाए, सच्चामोसाणि भासइ / अक्खीणझंझे पुरिसे, महामोहं पकुव्वइ // 10 // अणायगस्स णयवं, दारे तस्सेव धंसिया। विउलं विक्खोभइत्ताणं, किच्चा णं पडिबाहिरं // 11 // उवगसंतंपि झपित्ता, पडिलोमाहिं वग्गुहिं / भोगभोगे वियारेइ, महामोहं पकुव्वइ // 12 // अकुमारभूए जे केइ, कुमारभूएत्ति हं वए / इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुवह // 13 / / अबंभयारी जे केइ, बंभयारित्ति हं वए / गद्दहेव्व गवां मज्झे, विस्सरं णयई णदं // 14 // अप्पणो अहिए बाले, मायामोसं बहुं भसे / इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुव्वइ // 15 // जं णिस्सिए उव्वहइ, जससाहिगमेण का / तस्स लुब्भइ वित्तमि महामोहं पकुवइ / / 16 // ईसरेण अदुवा गामेणं अणिस्सरे ईसरीकए। तस्स संपयहीणस्स, सिरी अतुलमागया // 17 // ईसाटोसेण आवटे, कलुसाविलचेयसे / जे अंतरायं चेएइ, महामोहं पकुवइ // 18 // सप्पी जहा अंड. उडं, भत्तारं जो विहिंसइ / सेणावइं पसत्थारं, महामोहं पकुव्वइ / / 19 / / जे णायगं च रटुस्स, णेयारं णिगमस्स वा / सेटिं बहुरवं हता, महामोहं पकुव्वइ // 20 // Page #444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1035 वहुजणस्स णेयारं, दीवं ताणं च पाणिणं / एयारिसं परं हता, महामोहं पकुव्वइ // 21 // उट्टियं पडिविरयं, संजयं सुतवस्सियं / विउक्कम्म धम्माओ भंसेइ, महामोहं पकुव्वइ // 22 // तहेवाणतणाणीणं जिणाणं वरदं सिणं / तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ / / 23 // णेया(इ)उयस्स मग्गस्स, दुढे अवयरई बहं, तं तिप्पयंती भावेइ, महामोहं पकुव्वद // 24 // आयरियउवज्झाए हिं, सुयं विणयं च गाहिए / ते चेव खिंसद बाले, महामोहं पकुव्वइ / / 25 // आयरियउवज्झायाणं, सम्मं णो पडितप्पइ / अप्पडिपूयए थद्धे, महामोहं पकुव्वइ // 26|| अबहुस्सुए य जे केइ, सुएण पविकथिइ / सज्झायवायं वयइ, महामोहं पकुव्वइ // 27 // अतवस्सी[ए] य जे केइ, तबण पविकत्थइ / सव्वलोएपरे तेणे, महामोहं पकुव्वइ / / 28|| साहारणट्टा जे केइ, गिलाणम्मि उवट्ठिए / पभू ण कुणइ किच्चं, मझंपि से ण कुव्वइ // 29 // सढे णियडीपण्णाणे, कलुसाउलचेयसे | अप्पणो य अबोहीए, महामोहं पकुत्वह // 30 // जे कहाहिगरणाई, संपउंजे पुणो पुणो / सव्वतिन्थाण भेयाणं, महामोहं पकुव्वइ // 31 // जे य. आम्मिए जोए, संपउंजे पुणो पुणो / सहाहेउं सहीहेडं, महामोहं पकुवइ // 32 // जे य माणुस्सए भोए, अदुवा पारलोइए / ते तिप्पयंतो आसयइ, महामोहं पकुव्वइ / / 33 // इड्दी जुई जसो वण्णो, देवाणं बल. बीरियं / तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ // 34 // अपस्समाणो पस्सामि देवजवखे य गुज्झगे | अण्णाणी जिणपूयट्टी महामोहं पकुवाइ // 35 // एए मोहगुणा वृत्ता, कम्मंता चित्तवद्धणा / जे उ भिक्खू विवज्जेजा, चरिजत्तगवेसए // 36 // जंपि जाणे इओ पुव्वं, किच्चाकिच्चं बहुजदं / तं वंता ताणि सेविजा, जेहिं आयारखं सिया // 37|| आयारगुत्तो सुद्धप्पा, धम्मे ठिच्चा अणुत्तरे। तओ वमे सए टोसे. विसमासीविसो जहा // 38 // सुचत्तदोसे सुद्धप्पा, धम्मट्ठी विदितापरे / इहेव लभए कित्ति, पेचा य सुगई वरं // 39 // एवं अभिसमागम्म, सूरा दढपरव मा। सव्यमोहविणिम्मुक्का, जाइमरणमइच्छिया // 40 // त्ति-बेमि // मोहणिज्जठाणणामं णवमा दसा समत्ता // 9 // दसमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णाम णयरे होत्था,वण्णओ। गुणसिलए चेइए, रायगिहे णयरे सेणिए राया होत्था, रायवण्णओ एवं जहा उववाइए जाब चेल Page #445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1036 अनंगपविट्ठसुत्ताणि णाए सद्धिं जाव विहरह / तए णं से सेणिए राया अण्णया कयाइ पहाए कयबलिकम्मे कयकोउय-मंगल-पायच्छित्ते सिरसा कंठे मालकडे आविद्ध मणिसुवष्ण कप्पियहारद्धहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तयसुकयसोभे पिणद्धगें बजअंगुलेजग. जाव कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए णरिदे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरं सि पुरस्थाभिमुहे किसी यइत कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुम्भे देवाण प्पिया ! जाई इमाइं रायगिहस्स णयरस्स बहिया तंजहा-आरामाणि य उजाणाणि य आएसणाणि य आययणाणि य देवकुलाणि य सभाओ य पवाओ य पणियगिहाणि य पणियसालाओ य छुहाकम्मंताणि य वाणियकम्मंताणि य कट्ठकम्मंताणि य इंगालकम्मंताणि य वणकम्मताणि य दमकम्मंताणि य जे त(त्थेव)त्थ महत्तरगा अण्णया टुिंति ते एवं वयह–एवं खलु देवाणुप्पिया ! सेगिए राया भंभसारे आणवेइ-जया णं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव संपाविउकामे पुत्वाणुपुत्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरि (इह आगच्छेजा इह समोसरे)जा तया णं तुम्हे भगवओ महावीरस्स अहापडिस्वं उग्गहं अणुजाणह अहापडिरूवं उग्गहं अणुजाणेत्ता सेणियस्स रणणो भंभसारस्स एयमटुं पियं णिवेएह // 1 // तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सेणिएणं रण्णा भंभसारेणं एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया जाव एवं सामि(तह)त्ति आणाए विणएणं पडिसुणेति २त्ता [एवं-ते सेणियस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिकरत्रमंति २त्ता रायगिहू णयरं मझमज्झेणं णिग्गच्छंति 2 त्ता जाइं (इमाई-भवंति ) रायगिहस्स बहिया आरामाणि वा जाव जे तत्थ महत्तरगा अण्णया चिटुंति ते एवं वयंति जाव सेणियस्स रण्णो एयमद्वं पियं णिवेएजा पियं मे भवउ दोच्चपि तच्चं पि एवं वयंति 2 त्ता (जाव) जामेव दि(सं)सिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया // 2 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव गामाणुगामं दूइजमाणे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ / तए णं रायगिहे णयरे सिंघाडगतियचउक्कचच्चर एवं जाव परिसा णिग्गया जाव पज्जुवा (से) सइ // 3 // तए णं ते महत्तरगा जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता समणं भगवं महावीरं तिवखुत्तो वंदंति णमंसति वंदित्ता णमंसित्ता णामगोयं पुच्छंति णामगोयं पुच्छित्ता णामगोयं Page #446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दयासुयक्खंधो द. 10 1037 पगारंति० प पारित्ता एगओ मिलंति एगओ मिलित्ता एगंतमवक्कमंति एगंतमवक्कमित्ता एवं वयासी-जस्स णं देवाणुप्पिया! सेणिए राया भंभसारे दंसणं कंखइ जस्स . देवाणुया ! सेणिए राया दंसणं पीहेइ जस्स णं देवाणु प्पिया ! सेणिए राया दंसणं पत्थेइ"अभिलसइ जस्स णं देवाणुप्पिया ! सेणिए राया णामगोत्तरसवि सवणयाए हद्वतुट्ठ जाव भवइ से णं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव मवण्णू सव्वदंसी पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे इह आगए इह समोसढे इह संपत्ते जाव अप्पाणं भावेमाणे सग्मं विहरइ, तं गच्छामो गं देवाणुप्पिया ! सेणियस्स रण्णो एयमढें णिवेएमो पियं मे भवउत्तिकटा अण्णमण्णम्स वयणं पडिसुणंति 2 त्ता रायगिहं णगरं मझमज्छणं जेणेव मेणियस्स रण्णो गिहे जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता सेणियं रायं करयलपरिग्गहियं जाव जएणं विजएणं वद्धाति वद्धावित्ता एवं क्यासी-"जस्स णं सामी ! दंसणं कंखइ जाव से णं समणे भगवं महावीरे गुणसि(ले)लए चेइए जाव विहरइ, एयं(तस्स)णं देवाणुप्पियाणं पियं णिवेएमो पियं भे भवउ"||४||तए णं से सेणिए राया तेसिं पुरिसाणं अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ट जाव हियए सीहासणाओ अब्भुटेइ 2 त्ता जहा कोणिओ जाव वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता ते पुरिसे सक्कारेइ सम्माणेइ' सक्कारित्ता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलंयइ 2 ता पडिविसज्जेइ पडिविसज्जित्ता णगरगुत्तियं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिम्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायगिहं णगरं सभितरबाहिरयं आसियसंमज्जिओवलितं जाव करित्ता पञ्चप्पिणंति // 5 // तए णं से सेणिए राया बलवाउयं सद्दावेइ २त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! हयगयरहजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेह जाव से वि पच्चप्पिणइ // 6 // तए णं से सेणिए राया जाणसालियं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-"भो देवाणुप्पिया ! खिप्पामेव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह उवट्ठवित्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह" / तए णं से जाणसालिए सेणिएणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता जाणसालं अणुप्पविसइ 2 त्ता जाणगं पच्चुवेक्खइ २त्ता जाणं पच्चोरुभइ 2 त्ता दूसं पवी[पीहणेइ 2 त्ता जाणगं संपम- 'जइ संपमज्जित्ता जाणगं णीणेइ 2 त्ता जाणाई समलंकरेइ 2 त्ता जाणाई वरभंडग मंडियाइं करेइ 2 त्ता जाणाई संवेढेइ 2 त्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता वाहणसालं अणुप्पविसइ 2 त्ता वाहणाई पच्चुवेक्खइ २त्ता वाहणाई संपमजइ 2 Page #447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1038 अनंगपविट्टसुत्ताणि ता वाहणाई अप्फालेइ 2 त्ता वाहणाई णीणेइ 2 त्ता दूसं पवीगेइ 2 त्ता वाहणाई समलंकरेइ 2 त्ता वरभंडगमंडियाइं करेइ 2 त्ता वाहणाई जाणगं ज एइ 2 त्ता बट्टमग्गं गाहेइ 2 त्ता पओयलहिँ पओयधरे य समं आरोहइ २त्ता अंरासमपयसि जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता करयल नाव एवं वयासी-जुत्ते ते सामी ! धम्मिए जाणप्पवरे आइडे भदंतु वग्गूहिँ गाहित्ता // 7 // तए णं सेणिए राया भभसारे जाण सालियम्स अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाच मजणघरं अणुप्पविसइ 2 त्ता जाव कप्परक्खे चेव अलंकियविभूसिए परिंदे जाव मजणघराओ पडिणिखमइ 2 त्ता जेणेव चे(चि)लणादेवी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चेल्ल(ण)णादेवि एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव पुव्वाणुपुचि चरमाणे जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाण विहाइ, तं म(हा)हप्फलं देवाणुप्पिए ! तहारूवाणं अर]रिहंताणं जाव तं गच्छामो गं देवाणुप्पिए ! समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो सकारेमो स माण्मो कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामो, एयं णे इहभवे य परभव य हियाए सुहाए खमाए णिस्से(य)साए जाव अणुगामियत्ताए भविस्सइ / तए णं सा चेल्लणादेवी सेणियस्स रण्णो अंतिए एयम सोचा णिसम्म हट्ठतुट्ठ जाव पडिसुणेइ 2 त्ता जेणेब मजणघरे तेणेव उवागग्छइ 2 त्ता ण्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायत्तिा किं ते वरपायपत्तणेउरा मणिमेहलाहाररइयउव चिया कडगखड्डगएगावलिकंठसुत्तमरगवतिसरयवरवलयहेमसुत्तयकुंडल उज्जोवियाणणारयणविभूसियंगी चीणंसुयवत्थपरिहिया दुगुल्लसुकुमालकंतरमणिजउत्तरिजा सव्वोउयसुरभिकुसुमसुंदररइयपलंबसोहणकंतविकसंतचित्तमाला वरचंदणचच्चिया वराभरणविभूसियंगी कालागुरुधूनधूविया सिरिसमाणवेसा बहूहिँ खुजाहिं० चिलाइयाहिं जाव महत्तरगविंदपरिक्वित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ / तए णं से सेणिए राया चेल्लणादेवीए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ 2 त्ता सकोरिटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं उववाइयगमेणं णेयव्वं जाव पज्जुवासइ, एवं चेल्लणादेवी जाव महत्तरगविंदपरिक्खत्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ सेणियं रायं पुरओ काउं ठिइया चेव जाच पज्जुवासइ // 8 // तए णं समण भगवं महावीरे सेणियस्स रण्णो भंभसारस्स चेल्लगादेवीए तीसे य महइमहालियाए परिसाए इसिपरिसाए मुणिपरिसाए मणु(य)स्सपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए जाव धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया, Page #448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1039 सेणि[य] ओ राया पडिगओ // 9 // तत्थेगइयाणं णिग्गंथाणं णिग्गंथीण य सेणियं राय चेल्लणं च देवि पासित्ताणं इमे एयारूवे अज्झथिए जाव संकप्पे समुप्पज्जिस्था-अहो णं सेणिए राया महिदिए जाब महासुक्खे जे णं ण्हाए कयबलिकम्मेकयकोउयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए चेलणादेवीए सद्धिं ठरालाई माणुसगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ, ण मे दिट्ठा देवा देवलोगंसि सवखं खलु अयं देवे, जइ इमस्स सुचरि यस्स तवणियमबंभचेरगुत्तिफलवित्तिविसेसे अस्थि तया वयमवि आगमेस्साणं इमाइं ताई उरालाई एयारूवाइं माणुस्सगाई भोगभोगाई में जमाणा विहरामो, से तं साहु // 10 // अहो णं चेल्लणादेवी महिथिया जाव महासुक्खा जा णं व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता जाव सव्वालंकारविभूसिया सेणिएणं रण्णा सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरइ, ण मे दिट्ठाओ देवीओ देवलोगंसि सक्खं खलु अयं देवी, जइ इमस्स सुचरियस्स तवणियमसंजमबंभचेरगुत्तिवासस्स कल्लाणे. पलवित्तिविसेसे अस्थि तया वयमवि आगमिस्साणं इमाइं एंयारूवाई उरालाई जाव विहरामो, से तं साहु[णी] // 11 // अज्जो ! त्ति समणे भगवं महावीरे ते बहवे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं क्यासी-"सेणियं रायं चेलणादेविं पासित्ता तुम्हाणं मणसि इमेयारूवे . अज्झस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-अहो णं सेणिए राया महिथिए जाव सेत्तं साहु, अहो णं चेलणादेवी महिड्डिया सुंदरा जाव सेत्तं साहु, से गूणं अज्जो ! अढे समटे ?" हंता ! अस्थि ||12|| एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे पडिपुण्णे केवले संसुद्धे णेयाउए सलकत्तणे सिद्धिमागे मुत्तिमग्गे णिजाणमग्गे णिव्वाणमन्गे अवितहमविसंदिद्धे सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे इत्थं ठिया जीवा सिझंति बुझंति मुच्चंति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं क(रं)रेंति - // 13 // जस्त णं धम्मस्स णिग्गंथे सिक्खाए उवट्ठिए विहरमाणे पुरा-दिगिडाए पुरा-पिवासाए पुरा-वायाऽयवेहिं पुरापुढे विरूवरूवेहिं परिसहोवसन्गेहिं उदिण्ण. कामजाए विहरिजा, से य परकमेजा, से य परक्कममाणे पासेजा-जे इमे उन्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया, तेर्सि अण्णयरस्स अइजायमाणस्स णिजायमाणस्स उभओ तेसिं पुरओ महं दासीदासकिंकरकम्मकरपुरिसाणं अं(तो)ते परिक्खित्तं छत्तं भिंगारं गहाय णिगच्छंति॥ 14 // तयाणंतरं च णं पुरओ महाआसा आसवरा उभआ तेसिं णागा णाग-वरा पिट्टओ रहा रहवरा संगल्लि से तं उद्धरिय Page #449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1040 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सेयछत्ते अब्भुग्गयभिंगारे पग्गहियतालियंटे प(वीइय)वियोण सेयचामरा बालवीयणीए अभिक्खणं अभिक्खणं अइजाइ य णिज्जाइ य, सम्पमा सपुव्वावरं च गं हाए कयबलिकम्मे नाव सव्वालंकारविभूसिए महइमहालियाए कूडांगारसालाए महइमहालयंसि सीहासणंसि जाव सन्वराइएणं नोइणा झियायमाणेणं इस्थिगुम्मपरिवुडे महारवे हयणट्टगीयवाइयतीतलताला डियघणमुइंगमद्दलपडप्पवाइयरवेणं उरालाई माणुस्सगाई कामभोगाइं भुंजमाणे विहरइ // 15 // तस्स णं एगमवि आणवेमाणस्स जाव चत्तारि पंच अवुत्ता चेव अब्भुटुंति-भण देवाणुप्पिया ! किं करेमो ? किं आहरेमो ? किं उवणेमो ? किं आविद्धामो ? किं में हियइच्छियं ? किं ते आसगस्स सयइ 1 ज पासित्ता णिग्गंथे णियाण करेइ-जद्द इमस्स तवणियमसंजमबंभचेरवासस्स तं चेव जाव साहु / एवं खल समणाउसो ! णिग्गंथे णियाण किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंते कालमासे कालं विचा अण्णयरे देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ महिहिएसु. जाब चिरटिइए सु, से णं तत्थ देवे भवइ महिडिए जाव चिरटिइए, तओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता जे इमे उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया एएसि णं अण्णयरंसि कुलंसि पुत्तत्ताए पचायाइ // 16 // से गं तत्थ दारए भवइ सुकुमालपाणिपाए जाव सुरूवे, तए णं से दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणय मि]मेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते सयमेव पेइयं पडिवजइ, तस्स गं अइजायमाणस्स वा० पुरओ जाव मह दासीदास जाव किं ते आसगस्स सयइ ! // 17 // तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स तहारूवे समणे वा मोहणे वा उभओ कालं केवलिपण्णत्तं धम्ममाइक्खेजा ? हंता ! आइक्खेजा, से णं पडिसुणेजा ? णो इणढे समढे, अभविए णं से तस्स धम्मस्स सव[णा]णयाए, से य भवइ महिच्छे महारंभे महापरिग्गहे अहम्मिए जाव दाहिणगामी णेरइए भाग(मे)मिस्साणं दुलहबोहिए यावि भवइ, तं एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं णो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्म पडिसुणित्तए // 18 // एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, जस्स णं धम्मस्स णिग्गंथी सिक्खाए उवट्ठिया, विहरमाणी पुरा दिगिंछाए जाव उदिण्णकामजाया विहरेजा, सा य परकमेजा, सा य परक्कममाणी पासेजा-से 1 विसेसट्ठा देक्खह सूयगडदोचसुयक्खंधदुइयज्झयणं / 2 सावए त्ति अहो / - Page #450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1041 जा इमा इथिया भवइ एगा एगजाया एगाभरणपिहिणा तेलपेला इव सुसंगोविया लपेला इव सुसंपरिग्गहिया रयणकरंडगसमाणा, तीसे णं अइजायमाणीए वाणिजा. यमाणीए वा पुरओ महं दासीदास तं चेव जाव किं भे आसगस्स सयह ? जं पासित्ता णिग्गंथी णियाण करेइ-जइ इमस्स सुचरियस्स तवणियमसंजमबंभचेर जाव भुंजमाणी विहरामि,से(तं)तं साहु / एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथी णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोए सु देवत्ताए उववत्तारो भवइ महिडिएसु जाव सा णं तत्थ देवे भवइ जाव भुंजमाणी विहरइ, सा णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता जे इमे भवंति उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया एए सि णं अण्णयरंसि कुलंसि दारियत्ताए पञ्चायाइ, सा णं. तत्थ दारिया भवद सुकुमाला जाव सुरूवा // 19 // तए णं तं दारियं अम्मापियरो उम्मुक्कबालभावं विण्णायपरिणयमेत्तं जोव्वणगमणुप्पत्तं पडिरूवेण सुक्केण पडिरूवस्स भत्तारस्स भारियत्ताए दलयंति,सा णं तस्स भारिया भवइ एगा एगजाया इट्टा कंता जाव रयणकरंडरसमाणा, तसे गं अइजायमाणीए वा णिजायमाणीए वा पुरओ महं दासीदास जाव किं ते आसगस्स सयइ ? // 20 // तीसे णं तहप्पगाराए इत्थियाए तहारूवे समण वा माहण वा उभयकालं केवलिपण्णत्तं धम्म आइक्खेजा ? हंता ! आइक्खेजा, सा णं भंते ! पडिसुणेजा ?णो इण सम8,अभविया णं सा तस्स धम्मस्स सवणयाए, सा य भवइ महिच्छा महारंभा महापरिग्गहा अहम्मिया जाव दाहि गगामिए णेरइए आगमिस्साए दुल्लभबोहिया यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावकम्मफलविवागे जं जो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्म पडिसुणित्तए // 21 // एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे जाव अंतं करेंति, जस्स णं धम्मस्स णिग्गंथे सिक्खाए उपट्टिए विहरमाणे पुरा दिगिंछाए बाव से य परकममाणे पासिजा-"इमा इत्थिया भवइ एगा एगजाया जाव किं ते भासगस्स सयइ ? ज पासित्ता णिग्गंथे णियाणं करेइ-दुक्खं खलु पुमत्तणए, जे इमे उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्तामहामाउया एएसि णं अण्णयरेसु उच्चावएसु महासमरसंगामेसु उच्चावयाई सत्थाई उ(रं)रसि चेव पडिसंवेदेति, तं दुवखं खलु पुमत्तणए इत्थि(त्तणयं)त्तं साहु, जइ इमस्स तवणियमसंजमबंभचेरवासस्स फलवित्तिविसेसे अस्थि वयमवि आगमेस्साणं इमेयारूवाई उरालाई इस्थिभोगाइं भुंजिस्सामो, से तं साहु / एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथे णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय Page #451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1042 अनंगपविट्ठसुताणि अप्पडिक्कंते जाव अपडिवज्जित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ'",से णं तत्थ देवे भवइ महिड्डिए जाब विहरइ, से णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं जाव अणंतरं चयं चइत्ता अण्णयरं सि कुलंसि दारियत्ताए पच्चायाइ जाव तेणं तं दारियं जाव भारियत्ताए दलयंति, सा णं तस्स भारिया भवइ एगा एगजाया जाव तहेव सव्वं भाणियव्वं, तीसे णं अइजायमाणीए वा णिजायमाणीए वा जाव किं ते आसगस्स सयइ ? // 22 // तीसे णं तहप्पगाराए इत्थियाए तहारूवे समणे वा माहणे वा० धम्म आइक्खेजा ? हंता ! आइक्खेजा, सा णं पडिसुणेजा ? णो इणढे समढे, अभविया णं सा तस्स धम्मस्स सवणयाए, सा य भवइ महिच्छा जाव दाहिणगामिए, णेरइए आगमेस्साणं दुल्लभबोहिया यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं णो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्म पडिसुणित्तए // 23 // एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे सच्चे सेसं तं चेव जाव अंतं करेंति, जस्स णं धम्मस्स णिग्गंथी सिखाए उवट्ठिया विहरमाणी पुरा-दिगिंछाए पुरा जाव उदिण्णकामजाया विहरेजा, सा य परकमेजा, सा य परकममाणी पासेजा-जे इमे उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया, तेसि णं अण्णयरस्स अइजायमाणस्स वा जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ज पासित्ता णिग्गंथी णियाणं करेइ-दुक्खं खलु इत्थित्तणए]त्तं दुस्संचराइं गामंतराइं जाव सण्णिवसंतराइं, से जहाणामए-मंसपेसियाइ वा अंबपेसियाइ वा माउलुंगपेसियाइ वा अंबाडगपेसियाइ वा उच्छुखंडियाइ वा संबलिफलियाइ वा बहुजणस्स आसायणिजा पत्थणिजा पीहणिजा अभिलसणिज्जा एवामेव इत्थियावि बहुजणस्स आसायणिजा जाव अभिलसणिजा, तं दुक्खं खलु इस्थित्तं, पुमत्तणए साहु, जइ इमस्स तवणियम जाव अस्थि वयमवि आगमेस्साणं इमेयारूवाई ओरालाई पुरिसभोगाई भुंजमाणा विहरिस्सामो, से तं साह / एवं खलु समणाउसो! णिग्गंथी णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंता जाव अपडिबज्जित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, सा णं तत्थ देवे भवइ महिड्डिए जाव महासुक्खे, सा णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 अणंतरं चयं चइत्ता जे इमे भवंति उग्गपुत्ता तहेव दारए जाव किं ते आसगस्स सयइ ? // 24 // तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स जाव अभविए णं से तस्स धम्मस्स सवणयाए, से य भवइ महिच्छे जाव दाहिणगामिए जाव दुल्लभबोहिए Page #452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1043 यावि भवइ, एवं खलु जाव पडिसुणित्तए // 25 // एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे तहेव, जम्स णं धम्मस्स णिग्गंथे वा णिग्गंथी वा सिक्खाए उवट्ठिए विहरमाणे पुरा-दिगिंछाए जाव उदिण्णकामभोगे विहरेजा, से य परक्कमेजा, से य परकममाणे माणुस्सेहिं कामभोगे हिं णिव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा अणितिया असासया सडणपडणविद्धंसणधामा उच्चारपासवणखेल जल्लसिंघाणगवंतपित्तसुक्कसोणियसमुब्भवा दुरूवउस्सासणिस्सासा दुरंतमुत्तपुरीसपुण्णा वंतामवा पित्तासवा खेलासवा (जल्ला०) पच्छा पुरं च णं अवस्सं विप्पजहणिज्जा, संति उर्दू देवा देवलोगसि ते णं तत्थ अण्णेसिं देवाणं देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेति, अप्पणो चेव अप्पाणं विउव्विय २त्ता परियारेंति, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेंति, [संति] जइ इमस्स तवणियम जाव तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव वयमवि आगमेस्साणं इमाइं एयारूवाई दिव्वाई भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरामो, से तं साहु / एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा णियाणं किच्चा तस्स टाणस्स अणालोइय अप्पडिवते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, तंजहा-महिथिए सु महज्जुइएसु जाव पभासमाणे अण्णेसिं देवाणं अण्णं देविं तं चेव जाव परियारेइ से ण ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 तं चेव जाव पुमत्ताए पञ्चायाइ जाव किं ते आसगस्स सयइ ? // 26 / / तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायम्स तहारूवे समणे वा माहणे वा जाव पडिसुणिजा ? हंता ! पडिसुणिजा, से ण सद्दहेजा पत्तिएजारोएजा? णो इणढे समढे, अभविए णं से तस्स धम्मस्स सद्दहणयाए 3 से य भवइ महिच्छे जाव दाहिणगामिए णेरइए आगमेस्साणं दुल्लभबोहिए यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जंणो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्म सद्दहित्तए वा पत्तिय इत्तए वा रोइत्तए वा // 27|| एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते तं चेव, से य परक्कमेजा, ''परक्कममाणे माणुस्सएसु कामभोगेसु णिव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा अणितिया तहेव जाव संति उर्दू देवा देवलोगंसि ते णं तत्थ णो अण्णेसिं देवाणं अण्णं देवि अभिजुजिय 2 परियारेंति, अप्पणो चेव अप्पाणं विउव्वित्ता परियारेति, अप्पणिज्जियाओवि देवीओ अभिमुंजिय 2 परियारेति, जइ इमस्स तवणियम तं चेव सव्वं जाव वयमवि आगमेस्साणं इमाई एयारूवाइं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरामो Page #453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1044 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. से तं साहु। एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथे णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्साए उववत्तारो भवइ तंजहा-महिड्डिएमु महज्जुइएसु जाव पभासमाणे णो अण्णेसिं देवाणं अण्णं देवि अभिमुंजिय 2 परियारेइ, अप्पणो चेव अप्पाणं विसव्वित्ता परियारेइ अप्पणिज्जियाओ देविओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ से णं ताओ देवलोगाओ आउखएणं 3 तं जेव जाव पुमत्ताए पञ्चायाइ जाव किं ते आसगस्स सयइ ? तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसा जायस्स समणे वा माहणे वा जाव पडिस्सुणेजा ? हंता पडिस्सुणेजा जाव से णं सद्दहेजा पत्तिए जा रोए जा ? णो इणढे समढे // 28 // अण्णस्थरुई रुइमादाए से य भवइ, से जे इमे' आरष्णिया आवसहिया गामंतिया कण्हुइ रहस्सिया णो बहुसंजया णो बहुविरया सव्वपाणभूयजीवसत्तेसु अप्पणो सच्चामोसाइं एवं विपडिवदंति-अहं ण हतब्बो अण्णे हंतव्वा अहं ण अजावेययो अण्णे अजावेयव्वा अहं ण परियावेयव्वो अण्णे परियावेयव्वा अहं ण परिघेत्तवो अण्णे परिवेत्तव्वा अहं ण उद्दवेयव्वो अण्णे उद्दवेयव्वा, एवामेव इत्थिकामेहि मच्छिया गढिया गिद्धा अज्झोववण्णा जाव कालमासे कालं किच्चा अण्णयराइं असुराई किब्बिसियाई ठाणाई उववत्तारो भवंति, तओ वि(प्प)मुच्चमाणा भुज्जो 2 एलमूयत्ताए पञ्चायंति, एवं खलु समणाउसो! तस्स णियाणस्स जाव णी संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्मं सद्दहित्तए वा 3 // 29 // एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते जाव माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा तहेव, संति उढे देवा देवलोगंसि० णो अण्णेसिं देवाणं (अण्णे देवे) अण्णं देविं अभिमुंजिय 2 परियारेति, णो अप्पणो चेव अप्पाणं विउव्विय परियारेंति, अप्पणिज्जियाओ० देवीओ अभिजंजिय 2 परियारेति, जइ इमस्स तवणियम "तं चेव सव्वं जाव एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथो का णिग्गंथी वा णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिवते तं चेव जाव विहरइ, से णं तत्थ णो अण्णसिं देवाणं अण्णं देविं अभिजुजिय 2 परियारेह, णो अप्पणा चेव अप्पाणं विउव्विय परियारेइ, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अमिजंजिय 2 परियारेइ, से णं तओ आउक्खएण भवक्खएणं ठिइक्खएणं तहेव वत्तत्वं, णवरं हता! सद्द. हेजा पत्तिएजा रोएजा, से णं सीलब्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं .पडिवज्जेजा ? णो इणढे समढे, से णं दंसणसावए भवइ-अभिग्यजीवाजवे जाव 1 विसेसाय सूयगडे 2 सु० अ० 2 बारसमं किरियट्ठाणं दट्टत्वं / / Page #454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1045 अद्विमिंजपेम्माणुरागरते भयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अढे एस (अयं) परमटे सेसे अगटे, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे बहूई वाताई समणोवासपरियागं पाउणइ 2 त्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं णो संचाएइ सीलञ्चयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोवबासाइं पडिवज्जित्तए॥ 30 / / एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते तं चेव सव्वं जाव से य परक्कममाण दिव्वमाणुस्सएहिं कामभोगेहिं णिव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा जाव विप्पजह णिजा, दिव्वावि खलु कामभोगा अधुवा अणितिया असासया चलाचल(ण)धम्मा पुणरागमणिजा पच्छा पुव्वं च णं अवस्सं विप्पजहणिजा, जइ इमस्स तवणियम जाव आगमेस्साणं जे इमे भवंति उम्गपुत्ता महामाउया जाव पुमत्ताए पञ्चायति तत्थ णं समणोवासए भविस्सामि-अभिगयजीवाजीवे उवलद्धपुण्णपावे फासुयएसणिज्ज असणपाणखाइमसाइमं पडिलामेमाणे विहरिस्सामि, से तं साहु / एवं खलु समणाउसो ! णिगंथो वा णिग्गंथी वाणियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय जाव देवलोएसु देवत्ताए उववजइ जाव किं ते आसगस्स सयइ 1 // 31 // तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स जाव पडिसुणिज्जा ? हंता ! पडिसुणिजा, से गं सद्दहेजा जाव रोएजा ? हंता ! सद्दहेजा०, से णं सीलव्वय जाव पोसहोववासाई पडिवज्जेज्जा ? हंता ! प्रडिवज्जेजा, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वएजा 1 णो इणढे समढे // 32 // से णं.समणोवासए भवइ-अमिगयजीवाजीवे नाव पडिलामेमाणे विहरइ, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे बहूणि वासाणि समणोवासगपरियागं पाउणइ 2 ता बहूई भत्ताई पञ्चक्खाइ ? हंता ! पच्चक्खाइ 2 सा आबाहंसि उप्पण्णंसि वा अणुप्पण्णंसि वा बहूई भत्ताई अणसणाई खुएइ 2 त्ता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अण्णवरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयासवे पावफलविवागे जेणं णो संचाएइ सव्वओ सव्वत्ताए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए // 33 // एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते जाव से य परकममाणे दिव्वमाणुस्सएहि कामभोगेहिं णिवेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अदुवा० असासया जाव विप्पजहणिजा, दिव्वावि खलु कामभोगा अधुवा नाव पुणरागमणिजा, जइ इमस्स तवणियम जाव वयमवि आगमेस्साणं जाई इमाई Page #455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1046 अनंगपविट्ठसुत्ताणि (कुलाई) भवंति (20) अंतकुलाणि वापंतकुलाणि वा तुच्छकुलाणि वा दरिद्दकुलाणि वा किवणकुलाणि वा मिक्खागकुलाणि वा, एएसि णं अपणयरंसि कुलंसि पुमत्ताए पच्चाएस्सामि एस में आया परियाए रुणीहडे भविस्सइ, से तं साहु / एवं खलु , समणाउसो ! णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंते सव्वं तं चेब, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्वइजा ? हंता ! पव्वइजा, से णं तेगव भवग्गहणेणं सिज्झेजा जाव र व्वदुक्खाणं अंतं करेजा ? णो इणढे समढे // 34 // म णं भवइ से जे अणगाराभर वंतो इरियासभिया. भासासमिया जाव बंभयारी तेणं विहारेणं विहरमाणे बहूई वास इं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता आवाहंसि उप्पण्णंसि वा नाव भत्ताई : पञ्चक्खाएजा ? हंता ! पचक्खाएजा, बहूई भत्ताई अणसणाइं छेइजा 1 ता! छेइजा, आलोहयपडि. कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावफलविवागे ज णो संचाएइ तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झित्तए जाव सव्वदुक्खाणमंतं करित्तए // 35 // एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे जाव से य परकमेजा, सव्वकामविरत्ते सव्वरागविरत्ते सव्वसंगातीते सव्वहा सव्व सिणेहाइवकंत सव्वचरित्तपरिव[ड्डे // 36 // तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं पाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं परिणिव्वाणमग्गेणं अपाणं भावेमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्याघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जेजा // 37 // तए णं से भगवं अरहा भवइ जिणे केवली सव्वण्णू सव्व(दरि)दंसी, सदेवमणुयासुराए जाव बहूई वासाई केवलिपरियागं पाउणइ २त्ता अप्पणो आउसेसं आभोएइ 2 त्ता भत्तं पचक्खाएइ 2 त्ता बहूई भत्ताई अणसणाई छेएइ २त्ता तओ पच्छा चरमेहिं ऊसासणीसासेहि सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स अणियाणस्स इमेयारूवे कल्लाणफलविवागे जं तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव सम्बदुक्खाणमंतं करेइ // 38 // तए णं बहवे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए एयमटुं सोचा णिसम्म समणं भग महावीरं वंदति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता तस्स ठाणस्स आलोयंति पडिक्कमंति माव अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जंति // 39 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे रायगिहे णयरे गुणसिलए चेहए बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं साबयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं बहूणं देवीणं सदेवमणुया Page #456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसासुयक्खंधो द. 10 1047 मुराए परिसाए मज्झगए एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ आयइठाणं णामं अज्बो ! अज्झयणं सअटुं सहेउं सकारणं सुस्तं च अत्थं च तदुभयं च भुज्जो भुज्जो उवदंसेइ // 40 // त्ति-बेमि // आयइठाणं णामं दसमा दसा समत्ता // 10 // // दसासुयक्खंधसुतं समत्तं // चउछेयसुत्ताई समत्ताई Page #457 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चत्तारि मलसत्ताई दसवेयालियसुत्तं दुमपुफिया णामं पढममज्झयणं धम्मो मंगलमुक्किटुं, अहिंसा संजमो तवो। देवा वि तं णमंसंति, जस्स धम्मे सया मणो // 1 // जहा दुमस्स पुप्फेसु, भमरो आवियइ रसं / ण य पुप्पं किलामेइ, सो य पीणेइ अप्पयं // 2 // एमेए समणा मुत्ता, जे लोए संति साहुणो / विहंगमा व पुप्फेसु, दाणभत्तेसणे रया // 3 // वयं च वित्तिं लब्भामो, ण य कोइ उवहम्मइ। अहागडेसु रीयंते,पुप्फेसु भमरा जंहा // 4 // महुगारसमा बुद्धा,जे भवंति अणिस्सिया। णाणापिंडरया दंता, तेण बुच्चंति साहुणो // 5 // त्ति-बेमि / / इति दुमपुफिया णामं पढममज्झयणं समत्तं // 1 // अह सामण्णपुव्वयं णामं दुइयमज्झयणं कहं णु कुजा.सामण्णं, जो कामे ण णिवारए / पए पए विसीयंतो, संकप्पस्स वसं गओ // 1 // वत्थगंधमलंकार, इत्थीओ सयण णि य / अच्छंदा जे ण भुंजंति, ण से चाइत्ति बुच्चई // 2 // जे य कंते पिए भोए, लद्धे विपिट्टि-कुत्वइ / साहीणे चयइ भोए, से हु चाइत्ति बुच्चइ // 3 // समाइ पेहाइ परिव्वयंतो, सिया मणो णिस्सरई बहिद्धा / “ण सा महं णो वि अहं पि तीसे,"इच्चेव ताओ विणए ज रागं // 4 // आयावयाही चय सोगमल्लं, कामे कमाही कमियं खु दुवखं / छिंदाहि दोसं विणएज रागं, एवं सुही होहि सि संपराए // 5 // पक्खंदे जलियं जोई, धूमकेउं दुरासयं / णेच्छति वंतयं भोत्तुं, कुले जाया अगंधणे // 6 // धिरत्थु तेऽजसोकामी, जो तं जीवियकारणा / वंतं इच्छसि आवेळ, सेयं ते मरणं भवे // 7 // अहं च भोगरायस्स, तं चऽसि अंधगवण्हिणो / मा कुले गंधणा होमो, संजमं णिहुओ चर // 8 // जइ तं काहिसि भावं, जा जा दिच्छसि णारिओ / वायाविद्धोव्व हडो, अट्टिअप्पा भविस्ससि // 9 // तीसे सो वयणं सोचा, संजयाइ सुभासियं / अंकुसेण जहा णागो, धम्मे संपडिवाइओ // 10 // एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा। Page #459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1050 अनंगपविट्ठसुत्ताणि विणियहति भोगेसु, जहा से पुरिसुत्तमो // 11 // त्ति बेमि // इति सामष्णपुव्वयं णाम दुइयमज्झयणं समत्तं // 2 // अह खुड्डियायारकहा णामं तइयमज्झयणं / संजमे सुट्टिअप्पाणं विप्पमुक्काण ताइणं / तेसिमेयमणाइण्णं, णिग्गंथाणं. महेसिणं // 1 // 1 उद्देसियं 2 कीयगडं, 3 णियागं 4 अभिहडाणि य। 5 राइभत्ते 6 सिणाणे य, 7 गंध 8 मल्ले य 9 वीयणे // 2 // 10 सण्णिही 11 गिहिमत्ते य, 12 रायपिंडे 23 किमिच्छए / 14 संवाहणा 15 दंतपहोयणा य, 16 संपुच्छणा 17 देहपलोयणा य // 3 // 18 अट्ठावए य 19 णालीए, 20 छत्तस्स य धारणट्टाए। 21 तेगिच्छं 22 पाहणा पाए, 23 समारंभं च जोइणो // 4 // 24 सेजायरपिण्डं च, 25 आसंदीपलियंकए / 26 गिहंतरणिसेजा य, 27 गायस्सुबट्टणाणि य // 5 // गिहिणो 28 वेयावडियं, जा य 29 आजीववत्तिया। 30 तत्ताणिन्वुडभोइत्तं, 31 आउरस्सरणाणि य // 6 // 32 मूलए 33 सिंगबेरे य, 34 उच्छुखंडे अणिव्वुडे। 35 कंदे 36 मूले य सच्चित्ते, 37 पले 38 बीए य आमए // 7 // 39 सोवच्चले 40 सिंधवे लोणे, 41 रोमालोणे य आमए / 42 सामुद्दे 43 पंसुखारे य, 44 कालालोणे य आमए // 8 // 45 धूबणेत्ति 46 वमणे य, 47 वत्थीकम्म 48 विरेयणे / 49 अंजणे 50 दंतवणे य, 51 गायभंग 52 विभूसणे // 9 // सव्वमेयमणाइण्णं, णिग्गंथाण महेसिणं / संजमग्मि य जुत्ताणं, लहुभूयविहारिणं // 10 // पंचासवपरिण्णाया, तिगुत्ता रसु संनया / पंचणिग्गहणा धीरा, णिग्गंथा उज्जुदंसिणो // 11 // आयावयंति गिम्हेसु, हेमंतेसु अवाउडा / वासासु पडिसलीणा, संजया सुसमाहिया // 12 // परीसहरिऊदंता, धृयमोहा जिइंदिया।सव्वदुक्खप्पहीणट्ठा, पक्कमंति महेसिणो॥१३॥दुक्कराइंकरित्ताणं, दुस्स. हाई सहित्तु य / केहऽत्थ देवलोएसु, केइ सिझंति णीरया // 14 // खवित्ता पुश्वकम्माई, संजमेण तवेण य / सिद्धिमग्गमणुप्पत्ता, ताइणो परिणिन्बुडा // 15 // त्ति बेमि // इति खुड्डियायारकहाणामं तइयमज्झयणं समत्तं / 3 / ___ अह छज्जीवणिया णामं चउत्थमज्झयणं . सुयं मे आउस ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खल छज्जीवणियाणामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहि Page #460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 4 1051 ज्जिउं अज्झयणं धम्मपण्णत्ती // 1 // कयरा खलु सा छज्जीवणिया णामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहिजिमउं अज्झयणं धम्मपण्णत्ती // 2 // इमा खलु सा छज्जीवणिया णामज्झयणं समणेणं भगवया महाबीरेण कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपण्णत्ता सेयं मे अहिज्जिउं अज्झयणं धम्मपण्णत्ती / तंजहा-पुढविकाइया 1, आउकाइया 2, तेउकाइया 3, वाउकाइया 4, वणस्सइकाइया 5, तसकाइया 6 / पुढवी चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्थपरिणएणं 1 / आऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्थपरिणएणं 2 / तेऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्थपरिणएणं 3 / बाऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्य. परिणएणं 4 / वणस्सई चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्थपरिणएणं / तंजहा-अग्गबीया, मूलबीया, पोरबीया, खंधबीया, बीयरुहा, सम्मुच्छिमा, तणलया वणस्सइकाइया, सबीया, चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अण्णत्थ सत्थपरिणएणं 5 / से जे पुण इमे अणेगे बहवे तसा पाणा तंजहा-अंडया, पोयया, जराउया, रसया, संसेइमा, संमुच्छिमा, उब्भिया, उपवाइया, जेसिं केसिं च पाणाणं अभिक्कंतं, पडिक्कंतं, संकुचियं, पसारियं, स्यं, भंत, तसियं, पलाइयं, आगइगइविण्णाया, जे य कीडपयंगा, जा य कुंथुपिवीलिया, सव्वे बेइंदिया, सव्वे तेइंदिया, सव्वे चउरिदिया, सम्वे पंचिंदिया, सव्वे तिरिक्खजोणिया, सव्वे णेरइया, सव्वे मणुया, सव्वे देवा, सव्वे पाणा परमाहग्मिया, एसो खलु छट्टो ज वणिकाओ तसकाउत्ति पवुच्चइ 6 // 3 // इच्चेसिं छण्हं जीवणिकायाणं णेव सयं दंड समारंभिजा, णेवण्णेहिं दंडं समारंभाविजा, दंडं समारंभंते वि अण्णे ण समणुजाणिज्जा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अपाणं वोसि. रामि // 4 // पढमे भंते ! महब्बए पाणाइवायाओ वेरमणं / सव्वं भंते ! पाणाइवायं पच्चक्खामि / से सुहुमं वा, बायरं वा, तसं वा, थावरं वा, णेव सयं पाणे अइवाइजा, वऽण्णेहिं पाणे अइवायाविजा, पाणे अइवायंते वि अण्णे ण समणुजाणिजा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / पढमे भंते ! महव्वए उवडिओमि सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं Page #461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1052 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 1 // 5 // अहावरे दुच्चे भंते ! महत्वए मुसावायाओ वेरमणं / सव्वं भंते ! मुसावायं पञ्चक्खामि / से कोहा वा, लोहा वा, भया वा, हासा वा, णेव सयं मुसं वइजा, णेवऽण्णेहिं मुसं वायाविजा, मुसं वयंते वि अण्णे ण समणुजाणिज्जा / जावज्जीकाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समगुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि गिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / दुच्चे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं // 2 // 6 // अहावरे तच्चे भंते ! महब्बए अदिण्णादाणाओ वेरमणं / सव्वं भंते ! अदिण्णादाणं पचक्खामि / से गामे वा, णगरे वा, रण्णे वा, अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, णेव सयं अदिण्णं गिहिजा, णेवऽण्णेहि अदिण्णं गिण्हाविजा, अदिण्णं गिण्हंते वि अण्णे ण समणुजाणिजा / जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / तच्चे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं / / 3 // 7 // अहावरे चउत्थे भंते ! महव्वए मेहुणाओ वेरमणं / सव्वं भंते ! मेहुणं पच्च. क्खामि / से दिव्वं वा, माणुस्सं वा, तिरिक्खजोणियं बा, णेव सयं मेहुणं सेविजा, णेवऽण्णेहिं मेहुणं सेवाविजा, मेहुणं सेवंते वि अण्णे ण समणुजाणिजा / जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेणि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते.! पडिकमामि गिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसि. रामि / चउत्थे भंते ! महव्वए उवट्टिओमि सव्वाओ मेहुणाओ वेरमणं // 4 // 8 // अहावरे पंचमे भंते ! महव्वए परिग्गहाओ वेरमणं / सव्वं भंते ! परिग्गरं पच्चक्खामि / से अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, णेव सयं परिग्गहं परिगिहिजा, णेवऽण्णेहिं परिग्गहं परिगिण्हाविजा, परिग्गहं परिगिण्हते वि अण्णे ण समणुजाणिजा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं पायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / पंचमे भंते / महव्वए उवट्टिओमि सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं // 5 // 9 // अहावरे छट्टे भंते ! वए राइमोयणाओ वेरमगं / सव्वं भंते ! राइभोयणं पच्चक्खामि / से असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा, व सयं राई भुजिजा, णेवऽण्णेहिं राई भुंजाविजा, राई Page #462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ दसवेयालियसुत्तं अ. 4 1053 भुंजते वि अण्णे-ण समणुजाणिजा / जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेण वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि / छठे भंते ! वए उवडिओमि सव्वाओ राइभोयणाओ वेरमणं // 6 // 10 // इच्चेयाइं पंच महत्वयाइं राइभोयणवेरमशछट्ठाई अत्तहियट्टयाए उवसंपज्जित्ताणं विहरामि // 11 // से भिवखू वा, भिवगुणी वा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एरओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, नागरमाणे वा, से पुढवि वा, मित्तिं वा, सिलं वा, लेखें वा, ससरक्खं वा कायं, ससरक्खं वा वत्थं, हत्थेण वा, पाएग वा, कट्टेण वा, किलिंचेण वा, अंगुलियाए वा, सलागाए वा, सलागहत्थेण वा, ण आलिहिजा, ण विलिहि जा, ण घट्टिजा, ण भिंदिजा, अण्णं ण आलिहाविजा, ण विलिहाविजा, ण घट्टाविजा, ण भिंदाविजा, अण्णं आलिहंतं वा, विलिहंतं वा, घट्टतं वा, भिंदंतं वा, ण समणुजाणिजा / जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 1 // 12 // से भिक्खू षा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से उदगं वा, ओसं वा, हिमं बा, महियं वा, करगं वा, हरितणुगं वा, सुद्धोदगं वा, उदउल्लं वा कायं, उदउल्लं वा वत्थं, ससिणिद्धं वा कायं, ससिणिद्धं वा. वत्थं, ण आमुसिजा, ण संपुसिजा, ण आीलिजा, ण पवीलिजा, ण अक्खोडिजा, ण पक्खोडिजा, ण आयाविजा, ण पयाविजा, अण्णं ण आमुसाविजा, ण संफुसाविजा, ण आवीलाविजा, ण पवीलाविजा, अवखोडाविजा, ण पक्खोडाविजा, ण आयाविजा, ण पयाविजा, अण्णं आमुसंतं वा, संफुसंतं वा, आवीलंतं वा, पवीतं वा, अक्खोडतं वा, पक्खोडतं वा, आयावंतं वा, पयांवंतं षा, ण समणुजाणिज्जा। जावज्जीवाए ति विहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 2 // 13 // से मिक्खू वा, भिवखुणी वा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, नागरमाणे वा, से अगणिं वा, इंगालं वा, मुम्मुरं वा, आच्चि वा, जालं वा, अलायं वा, सुद्धागणिं वा, उवकं वा, ण उंजिजा, ण घडिजा, ण भिंदिजा, ण उजालिजा, ण पजालिजा, ण णिवाविजा, अण्णं ण उंजाविजा, ण Page #463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1054 अनंगपविट्ठसुत्ताणि घट्टाविजा, ण भिंदाविजा, ण उजालाविजा, ण पजालाविजा, ण णिव्वाविजा, अण्णं उज्जत वा, घट्टतं वा, मिंदंतं वा, उजालंतं वा, पजालंतं वा, णिव्वावंतं वा, ण समणुजाणिजा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि , . ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 3 // 14 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुसे वा, जागरमाणे वा, से सिएण वा, विहुयणेण वा, तालियंटेण वा, पत्तेण वा, पत्तभंगेण वा, साहाए वा, साहामंगेण वा, पिहुणेण वा, पिहुणहत्येण वा, चेलेण वा, चेलकण्णेण वा, हत्येण वा, मुहेण वा, अप्पणो वा कार्य, बाहिरं वावि पुग्गलं, ण फूमिजा, ण वीइजा, अण्णं ण माविजा, ण 'वीयाविजा, अण्णं पूमंतं बा, वीयंत या, ण समणुजाणिजा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेण मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 4 // 15 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ था, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से बीएसु वा, बीयपहढेसु वा, रूढेसु वा, रूढपइट्टेसु वा, जाएसु वा, जायपइट्टेसु वा, हरिएसु वा, हरियपइट्टेसु वा, छिण्णेसु वा, छिण्णपइटेसु वा, सचित्तेसु वा, सचित्तकोलपडिणिस्सिएसु वा, ण गच्छिजा, ण चिट्ठिजा, प णिसीइजा, ण तुयट्टिजा, अण्णं ण गच्छाविजा, ण चिट्ठाविजा, ण णिसीयाविजा, ण तुयट्टाविजा, अण्णं गच्छंतं वा, चिंटुंत वा, णिसीयंत वा, तुयद्वंतं वा, ण समणुजाणिजा। जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतं पि अण्णं ण समणुजाणामि / तस्स मंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 5 // 16 // से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से कीडं बा, पयंगं वा, कुंथु वा, पिवीलिय वा, हत्थंसि वा, पायंसि वा, बाहुंसि वा, उरुंसि वा, उदरंसि वा, सीसंसि वा, वत्थंसि वा, पडिग्गहंसि वा, कंबलंसि वा, पायपुर्णसि वा, रयहरणंसि वा, गुच्छगंसि / वा, उंडगंसि वा, दंडगंसि वा, पीढगंसि वा, फलगंसि वा, सेज्जंसि वा, संथारगंसि वा अण्णयरंसि वा तहप्पगारे उबगरणजाए तओ संजयामेव पडिलेहिय पंडिले हिय Page #464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ० 4 1055 पमज्जिय पमन्जिय एगंतमवणिजा, णो णं संघायमावज्जिज्जा // 6 // 17 // अजयं चरमाणो (य)उ, पाणभूयाइं हिंसइ / बंधइ पावयं कामं, तं से होइ कडयं पलं // 1 // अनयं चिट्ठमाणो उ, पाणभूयाइं हिंसइ / बंधइ पावयं कम्म, तं से होइ कडुयं फलं // 2 // अजयं आसमाणो उ, पाणभूयाइं हिंसइ / बंधइ पावयं कामं, तं से होइ कडुयं फलं // 3 // अजयं सयमाणो उ, पाणभूयाइं हिंसइ / बंधइ पावयं कम्म, तं से होइ कडयं फलं // 4 // अजयं भुंजमाणो उ, पाणभूयाइं हिसह / बंधइ पावयं कम्म, तं से होइ कडुयं फलं // 5 // अजयं भासमाणो उ, पाणभूयाई हिसइ / बंधइ पावयं कम्म, तं से होइ कडुयं फलं // 6 // कहं चरे ? कहं चिट्टे ?, कहमासे ? कहं सए ? / कहं भुजंतो भासंतो, पावकम्मं ण बंधइ ? // 7 // जयं चरे जयं चिट्टे, जयमासे जयं सए / जयं भुजंतो भासंतो, पावकम्मं ण बंधइ // 8 // सव्वभूयप्पभूयस्स, सम्मं भूयाइ. पासओ। पिहियासबस्स दंतस्स, पावकग्मं ण बंधइ // 9 // पढमं गाणं तओ दया, एवं चिट्ठइ सव्वसंजए। अण्णाणी किं काही ?, किं वा णाहिइ सेयपावगं ? // 10 // सोच्चा जाणइ कलाणं, सोच्चा जाणइ पावगं / उभयं पि जाणइ सोच्चा, नं सेयं तं समायरे // 11 // जो जीवे वि ण याणेइ, अजीवे वि ण याणइ / जीवाजीवे अयाणंतो, कहं सो णाहिइ संजमं // 12 // जो जीवे वि वियाणेइ, अजीवे वि वियाणइ / जीवाजीवे वियाणतो, सो हु णाहिइ संजमं . // 13 // जया जीबमजीवे य, दो वि एए वियाणइ / तया गई बहुविहं, सव्वजीवाण जाणइ // 14 // जया गई बहुविहं, सव्वजीवाण जाणइ / तया पुण्णं च पावं च, बंधं मुक्खं च जाणइ / / 15 / / जया पुण्णं च पावं च, बंधं मुक्खं च जाणइ / तया णिविंदए भोए, जे दिव्वे जे य माणुसे // 16 // जया णिव्विंदए भोए, जे दिव्वे जे य माणुसे / तया चयइ संजोगं, सभितरबाहिरं // 17 // जया चयइ संजोगं, सभितरबाहिरं / तया मुंडे भवित्ताणं, पव्वइए अणगारियं // 18 // जया मुंडे भक्त्तिाणं, पव्वइए अणगारियं / तया संवरमुक्किटुं, धम्मं फासे अणुत्तरं // 19 // जया संवरमुक्किटुं, धम्मं फासे अणुत्तरं / तया धुणइ कम्मरयं, अबोहिकलुसं कडं // 20 // जया धुणइ कम्मरयं, अबोहिकलसं कडं। तया सव्वत्तगं णाणं, दंसणं चाभिगच्छइ // 21 // जया सव्वत्तगं णाणं, दंसणं चाभिगच्छह / तया लोगमलोगं च, जिणो जाणइ केवली // 22 // जया लोगमलोगं च, जिणो जाणइ केवली / तया जोगे णिरुंभित्ता, सेलेसिं पडिवजइ // 23 // जया जोगे णिरुभित्ता, सेलेसिं पडिवजइ / तया कम्म खवित्ताणं, सिद्धिं गच्छइ णीरओ॥२४॥ Page #465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1056 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जया कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं गच्छह णीरओ / तया लोगमत्थयत्थो, सिद्धो हवइ सासओ // 25 // सुहसायगस्स समणस्स, सायाउलगस्स णिगामसाइस्स / उच्छोलणापहोयस्स, दुल्लहा सुगइ तारिसगस्स // 26 // तवोगुणपहाणस्स, उज्जुमइ-खंतिसंजमरयस्स / परिसहे जिणंतस्स, सुलहा सुगइ तारिसंगस्स / / 27 / / पच्छा वि ते पयाया, खिप्पं गच्छंति अमरभवणाई / जेसि पिओ तवो संजमो य, खती य बंभचेरं च // 28 // इच्चेयं छज्जीवणियं, सम्मद्दिट्ठी. गया जए। दुल्लहं लहित्तु सामण्णं, कम्मुणा ण विराहिजासि // 29 // त्ति-बेमि // इति छज्जोवणिया णामं चउत्थमज्झयणं समत्तं // 4 // __ अह पिंडेसणा णामं पंचममज्झयणं-पढमो उद्देसो संपत्ते मिक्खकालम्मि, असंभंतो अमुच्छिओ। इमेण कमजोगेण, भत्तपाणं गवे. सए // 1 // से गामे वा णगरे वा, गोयरग्गगओ मुणी / चरे मंदमणुविगो, अवक्खित्तेण चेयसा // 2 // पुरओ जुगमायाए, पेहमाणो महिं चरे। वज्जतो बीयहरियाई, पाणे य दगमट्टियं // 3 // ओवायं विसमं खाणु, विजलं परिवजए / संकमेण ण गच्छिजा, विजमाणे परक्कमे // 4 // पवडते व से तत्थ, पक्खलंते व संजए / हिंसेज पाणभूयाई, तसे अदुव थावरे // 5 // तम्हा तेण ण गच्छिज्जा, संजए सुसमाहिए / सइ अण्णेण मग्गेण, जयमेव परक्कमे // 6 // इंगालं छारियं रासिं, तुसरासिं च गोमयं / ससरक्खेहिं पाएहिं, संजओ तं णइक्कमे ॥७॥ण चरेज वासे वासंते, महियाए व पडंतिए / महावाए वा वायंते, तिरिच्छसंपाइमेसु वा ॥८॥ण चरेज वेससामंते, बंभचेरवसाणुए / बंभयारिस्स दंतस्स, होजा तत्थ विसोत्तिया // 9 // अणायणे चरंतस्स, संसग्गीए अभिक्खणं / होज वयाणं पीला, सामण्णम्मि य संसओ // 10 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवट्टणं / वजए वेससामंतं मुणी एगंतमस्सिए // 11 // साणं सूइयं गाविं, दित्तं गोणं हयं गयं / संडिन्मं कलहं जुद्धं, दूरओ परिवजए // 12 // अणुण्णए णावणए, अप्पहिढे अणाउले / इंदियाइं नहाभागं, दमइत्ता मुणी चरे // 13 // दवदवस्स ण गच्छेजा, भासमाणो य गोयरे / हसंतो णाभिगच्छेजा, कुलं उच्चावयं सया // 14 // आलोयं थिग्गलं दारं, संधि दगभवणाणि य / चरंतो ण विणिज्झाए, संकट्ठाणं विवजए॥१५॥ रण्णो गिहवईणं . च, रहस्सारक्खियाणि य / संकिलेसकरं ठाणं, दूरओ परिवजए // 16 // पडिकुट्टकुलं ण पविसे, मामगं परिवजए / अचियत्तकुलं ण पविसे, चियत्तं पविसे कुलं Page #466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - दसवेयालियसुत्तं अ. 5 उ. 1 1057 // 17 // साणीपावारपिहियं, अप्पणा णावपंगुरे / कवाडं णो पणुल्लिजा, उम्गहसि भजाइया // 18 // गोयरग्गपविट्ठो य, वच्चमुत्तं ण धारए / ओगासं फासुयं णच्चा, अणुण्णविय वोसिरे // 19 // णीयदुवारं तमसं, कुट्टगं परिवजए / अचवखुविसओ पत्थ, पाणा दुप्पडिलेहगा // 20 // जत्थ पुष्फाई बीयाई, विप्पइण्णाई कोट्ठए / अहुणोवलितं उल्लं, दट्टणं परिवजए॥२१॥ एलगंदारगं साणं, वच्छगं वावि कोट्टए। उल्लंघिया ण पविसे, विउहित्ताण व संजए // 22 // असंसत्तं पलोइजा, णाइदूरावलोयए / उप्फुल्लं ण विणिज्झाए, णियट्टिज अयंपिरो // 23 // अइभूमि ण गच्छेजा, गोयरग्गगओ मुणी। कुलस्स भूमिं नाणित्ता, मियं भूमि परक्कमे // 24 // तत्थेव पडिले हिज्जा, भूमिभागं वियक्खणो। सिणाणस्स य वच्चस्स, संलोगं परिवजए // 25 // दगमट्टियआयाणे, बीयाणि हरियाणि य / परिवज्जतो चिट्ठिजा, सावंदियसमाहिए // 26 // तत्थ से चिट्ठमाणस्स, आहरे पाणभोयणं / अकप्पियं ण गिहिजा, पडि. ग्गाहिज कप्पियं // 27|| आहरंती सिया तत्थ, परिसाडिज भोयणं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कापड तारिसं" // 28 // संमद्दमाणी पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य। असंजमकरि णच्चा, तारिसं परिवजए // 29 // साहट्ट णिविखवित्ताणं, सचित्तं घट्टियाणि य / तहेव समणट्ठाए, उदगं संपणुल्लिया // 30 // ओगाहइत्ता चलइत्ता, आहरे पाणभोयणं / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 31 // पुरे. कम्मेण हत्थेण, दवीए भायणेण वा / दितिय पडियाइवखे,"ण मे कप्पइ तारिसं" // 32 // एवं उदउल्ले ससिणिद्धे, ससरक्खे मट्टिया उसे / हरियाले हिंगुलए, मणोसिला अंजणे लोणे // 33 // गेरुय वणिय सेडिय, सोरट्ठिय पिट्ठ कुक्कुस कए य / उक्किट्ठमसंसट्टे, संसट्टे चेव बोद्धव्वे // 34 // असंसट्टेण हत्थेण, दवीए भायणेण वा। दिजमाणं ण इच्छिजा, पच्छाकम्मं जहिं भवे // 35 // संसट्टेण य हत्थेण, दव्वीए भायणेण वा / दिजमाणं पडिच्छिजा, जं तत्थेसणियं भवे / / 36 // दुण्हं तु भुंजमाणाणं, एगो तत्थ णिमंतए / दिजमाणं ण इच्छिजा, छंदं से पडिलेहए // 37 // दुण्हं तु भुंजमाणाणं, दो वि तत्थ णिमंतए / दिजमाणं पडिच्छिजा, जं तत्थेसणियं भवे // 38 // गुठ्विणीए उवष्णत्थं, विविहं पाणभोयण / भुंजमाणं विवज्जिजा, भुत्तसेसं पडिच्छए // 39 // सिया य समणट्ठाए, गुठ्विणी कालमासिणी। उट्ठिया वा णिसीइजा, णिसण्णा वा पुणुट्ठए // 40 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 41 // थणगं पिज Page #467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1058 अनंगपविट्ठसुत्ताणि माणी, दारगं वा कुमारियं / तं णिक्खिवित्तु रोअंतं, आहरे पाणभोयणं // 42 / / तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण.मे कापइ तारिसं" // 43 // जं भवे भत्तपाणं तु, कप्पाकप्पम्मि संकियं / दितियं पडियाइव खे, “ण' मे कम्पइ तारिसं" // 44 // दगवारेण पिहियं, णीसाए पीढएणं वा / लोढेण वावि लेवेण, सिलेसेण व केणइ // 45 / / तं च उभिदिया दिजा, समणट्ठाए व दावए / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 46 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / जं जाणिज सुणिज्जा वा, “दाणट्ठा पगडं इमं" // 47 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" / / 48 / / असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / जं जाणिजे सुणिजा वा, "पुण्णट्ठा पगडं : इमं // 49 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइवखे, “ण मे कप्पइ तारिसं” // 50 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा। जं जाणिज सुणिजा वा, “वणिमट्ठा पगडं इमं // 51 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकम्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 52 // असणं पाणगं वावि खाइमं साइमं तहा / जं जाणिज सुणिज्जा वा, “समणट्ठा पगडं इमं” || 53 / / तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं” // 54 // उद्देसियं कीयगडं, पूइकम्मं च आहडं / अज्झोयर पामिच्चं, मीसजायं विवजए // 55 // उग्गमं से य पुच्छिजा, कस्सट्टा केण वा कडं ? / सुच्चा णिस्संकियं सुद्धं, पडिगाहिज संजए // 56 // असणं पाणगं वावि स्नाइमं साइमं तहा / पुप्फेसु हुज उम्मीसं, बीएसु हरिएसु वा // 57 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 58 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा। उदगंमि हुज णिक्खित्तं, उत्तिंगपणगेसु वा // 59 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 60 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / तेउग्मि होज णिक्खित्तं, तं च संघट्टिया दए // 61 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडि. याइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं" ||62 // एवं उस्सविकया ओसविकया, उज्जालिया पजालिया णिव्वाविया। उस्सिंचिया णिसिंचिया, उव्वत्तिया ओयारिया दए // 3 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं" // 64 / / हुज कटुं सिलं वावि, इट्टालं वावि एगया / ठवियं संकमट्ठाए, तं च हुज चलाचलं / / 65 / / ण तेण भिक्खू गच्छिजा, दिट्ठो तत्थ असंजमो / Page #468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . दसवेयालियसुत्तं अ. 5 उ. 1 1059 गंभीरं झुसिरं-चेव, सन्विंदियसमाहिए // 66 // णिस्सेणि फलगं पीढं, उस्सवित्ताणमारुहे / मंचं कीलं च पासायं, समणट्ठाए व दावए // 67 // दुरुहमाणी पवडिजा, हत्थं पायं व लूसए / पुढविजीवे वि हिंसेजा, जे य तं णिस्सिया जगे // 68 / / एयारिसे महादोसे, जाणिऊण महे सिणो / तम्हा मालोहडं भिक्ख, ण पडिगिण्हति संजया // 69 // कंद मूलं पलंबं वा, आमं छिण्णं च सण्णिरं / तुंबागं सिंगबेरं च, भामागं परिवजए 170}} तहेव सत्तुचुण्णाई, कोलचुण्णाई आवणे / सक्कुलिं फाणियं पूर्य, अण्णं वावि तहाविहं / / 71 // विक्कायमाणं पसढं, रएण परिफासियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 72 // बहुट्टि पुग्गेलं अणि मिसं वा बहुकंटयं / अत्थियं तिंदुयं बिल्लं, उच्छुखंडं व सिंबलिं // 73 / / अप्पे सिया भोयणजाए, बहुउज्झियधम्मिए / दितियं पडियाइक्खे,"ण मे कप्पइ तारिसं' // 74 // तहेवुच्चावयं पाणं, अदुवा वारधोयणं / संसेइमं चारलोदगं, अहणाधोयं विवजए // 75 // जं जाणेज चिराधोयं, मईए दंसणेण वा / पडिपुच्छिऊण सुच्छा वा, जं च णिस्संकियं भवे ॥७६क्षा अजीवं परिणयं णच्चा, पडिगाहिज संजए / अह संकियं भविजा, आसाइत्ताण रोयए // 77 // "थोवमासायणट्ठाए, हत्थर ग्मि दलाहि मे। मा मे अच्चंबिलं पूर्य, णालं तिण्हं विणित्तए" // 78 // तं च अच्चबिलं पूयं, णालं तिण्हं विणित्तए / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं” // 79 / / तं च हुज अकामेणं, विमणेण पडिच्छियं / तं अप्पणा ण पिबे, णो वि अण्णस्स दावए ||80 // एगंतमवकमित्ता, अचित्तं पडिलेहिया। जयं परिट्ठविजा, परिठ्ठप्प पडिक्कमे / 8 / / सिया य गोयरग्गगओ, इच्छिजा परिभुत्तुयं / कुट्टगं भित्तिमूलं वा, पडिलेहित्ताण फासुयं // 82 / / अणुण्णवित्तु मेहावी, पडिच्छण्णम्मि संवुडे / हत्थगं संपमज्जित्ता, तत्थ भुंजिन संजए / / 83 / / तत्थ से भुंजमाणस्स, अट्ठिअं कंटओ सिया / तणकट्ठसक्करं वावि, अण्णं वावि तहाविहं // 84 // तं उक्खिवित्तु ण णिविखवे, आस 1 बहुअट्ठिअं = बहुगट्ठिय-गट्टिया गुठली ति भासाए, बहुईओगट्टियाओ ठियाओ जम्मि तं ब०,गकारयकारलोवो,एवं बहुअट्ठिअस्स णिप्पत्ती। बहुबीयगंतिअट्ठो। अहवा बहुअट्ठिअंबहुअ+ट्ठिअं-बहुयाइं बीयाई ठियाइं नंसि तं तारिसंपलं / 2 पुग्गलं-प+ उग्गलं-पगरिसेण उग्गलणारिहं-पक्खेवणजुग्गं विजए जंसि तं तारिसं फलविसेसं। 3 अणिमिसं ति वा अणण्णासं ति वा एगट्ठा। 4 पणसफलाइयं / 5 अगत्थियरुवखपलं, अगत्थियस्सऽज्झाहारो अस्थिय / 6 सिद्धी जहा हेट्टा, णवरं लिंगभेओ पाइयत्तणओ। Page #469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1060 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एण ण छड्डए / हत्येण तं गहेऊण, एगंतमवक्कमे // 85 // एगंतमवक्कमित्ता, अचित्तं पडिलेहिया / जयं परिढविजा, परिठ्ठप्प पडिक्कमे // 86 // सिया य भिव खू इच्छिजा, सिजमागम्म भुत्तुयं / सपिंडपायमागम्म, उंडुयं पडिलेहिया // 87 // विणए णा. पविसित्ता, सगासे गुरुणो मुणी / इरियावहियमायाय, आगओ य पडिक्कमे ||88 // आभोइत्ताण णीसेसं, अइयारं जहकमं / गमणागमणे चेव, भत्तपाणे व संजए // 89 // उज्जुप्पण्णो अणुव्विग्गो, अव्वक्खित्तेण चेयसा / आलोए गुरुसगासे, जं नहा गहियं भवे // 90 // ण सम्ममालोइयं हुजा, पुट्विं पच्छा व जं कडं / पुणो पडिक्कमे तस्स, वोसट्ठो चिंतए इमं // 91 // अहो जिणेहिऽसावजा, वित्ती साहूण देसिया / मुक्खसाहणहे उस्स, साहुदेहस्स धारणा // 92 // णमुक्कारेण पारित्ता, करित्ता जिणसंथवं / सज्झायं पट्टवित्ताणं, वीसमेज खणं मुणी // 93 // वीसमंतो इमं चिंते, हियमटुं लाभमट्टिओ / जइ मे अणुग्गहं कुजा, साहू हुजामि तारिओ // 94 // साहवो तो चियत्तेणं, णिमंतिज जहक्कम / जइ तत्थ केइ इच्छिज्जा, तेहिं सद्धिं तु भुंजए // 95 // अह कोइ ण इच्छिज्जा, तओ भुजिज एगओ / आलोए भायणे साहू, जयं अपरिसाडियं // 96 // तित्तगं व कडुयं व कसायं, अंबिलं व महुरं लवणं वा / एयलद्धमण्णट्ठपउत्तं, महुघयं व अँजिज संजए // 97 // अरसं विरसं वावि, सूइयं वा असूइयं / उल्लं वा जइ वा सुक्कं, मंथुकुम्मासभोयणं // 98 // उप्पणं णाइहीलिजा, अप्पं वा बहु फासुयं / मुहालद्धं मुहाजीवी, भुजिजा दोसवज्जियं // 99 // दुल्लहा उ मुहादाई, मुहाजीवी वि दुल्लहा / मुहादाई मुहाजीवी, दो वि गच्छंति सुग्गई // 100 // त्ति बेमि // इति पिंडेसणाए पढमो उद्देसो समत्तो॥५-१॥ . अह पिंडेसणाए बीओ उद्देसो . ___ पडिग्गइं संलिहित्ताणं, लेवमायाए संजए / दुगंधं वा सुगंधं वा, सव्वं भुंजे ण छड्डए // 1 // सेजा णिसीहियाए, समावण्णो य गोयरे / अयावयट्ठा भुच्चाणं, जह तेणं ण संथरे // 2 // तओ कारणमुप्पण्णे, भत्तपाणं गवेसए / विहिणा पुव्वउत्तणं इमेणं उत्तरेण य // 3 // कालेण णिक्खमे भिक्खू , कालेण य पडिक्कमे / अकालं च विवज्जित्ता, काले कालं समायरे // 4 // "अकाले चरसि भिक्खू , कालं ण पडिलेहसि / अप्पाणं च किलामेसि, सण्णिवेसं च गरिहसि" ||5|| सइ काले चरे भिक्खू , कुजा पुरिसकारियं / “अलाभो" त्ति ण सोइजा, "तवो" त्ति अहियासए Page #470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . दसवेयालियसुत्तं अ. 5 उ. 2 1061 // 6 // तहेवुच्चावया पाणा, भत्तट्ठाए समागया / तं उज्जुयं ण गच्छिजा, जयमेव परक्कमे // 7 // गोयरग्गपविट्ठो य, ण णिसाइज कत्थइ / कहं च ण पबंधिजा, चिट्ठित्ताण व संजए // 8 // अग्गलं फलिहं दारं, कवाडं वावि संजए / अवलंबिया ण चिट्ठिजा, गोयरग्गगओ मुणी // 9 // समणं माहणं वावि, किविणं वा वणीमगं / उवसंकमंतं भत्तट्ठा, पाणट्ठाए व संजए // 10 // तं अइक्कमित्तु ण पविसे, ण चिट्ठे चक्खुगोयरे / एगंतमवक्कमित्ता, तत्थ चिट्ठिज संजए // 11 // वणीमगस्स वा तस्स, दायगस्सुभयस्स वा / अप्पत्तिय सिया हुजा, लहुत्तं पश्यणस्स वा // 12 // पडिसेहिए व दिण्णे वा, तओ तम्मि णियत्तिए / उबसंकमिज भत्तट्ठा, पाणट्ठाए व संजए // 13 / / उप्पलं पउमं वावि, कुमुयं वा मगदंतियं / अण्णं वा पुप्फसच्चित्तं, तं च संलुंचिया दए // 14 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पह तारिसं" // 15 // उप्पलं पउमं बावि, कुमुयं वा मगदंतियं / अण्णं वा पुप्फसच्चित्तं, तं च संमद्दिया दए // 16 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 17 // सालुयं वा विरालियं, कुमुयं उप्पलणालियं / मुणालियं सासवणालियं, उच्खुखंडं अणिबुडं // 18 // तरुणगं वा पवालं, रुक्खस्स तणगस्स वा / अण्णस्स वावि हरियस्स, आमगं परिवजए // 19 // तरुणियं वा छिवाडि, आमियं भज्जियं सई दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पह तारिसं" // 20 // तहा कोलमणुस्सिण्णं, वेलुयं कासवणालियं / तिलपप्पडगं णीमं, आमगं परिवजए // 21 // तहेव चारलं पिटुं, वियडं वा तत्तणिबुडं / तिलपिट्टपूइपिण्णागं, आमगं परिवजए // 22 // कविटुं माउलिंगं च, मूलगं मूलगत्तियं / आमं असत्थपरिणयं, मणसा वि ण पत्थए // 23 // तहेव फलमंथूणि, बीयमंथूणि नाणिया। बिहेलगं पियालं च, आमगं परिवजए // 24 // समुयाणं चरे मिक्खू, कुलं उच्चावयं सया। णीयं कुलमइ. कम्म, ऊसदं णाभिधारए / // 25 // अदीणो वित्तिमेसिजा, ण विसीएज पंडिए। अमुच्छिओ भोयणम्मि, मायण्णे एसणारए // 26 / / बहुं परघरे अस्थि, विविहं खाइमसाइमं / ण तत्थ पंडिओ कुप्पे, इच्छा दिज परो ण वा // 27 // सयणा'संणवत्थं वा, भत्तं पाणं च संजए / अदितस्स ण कुप्विजा, पच्चक्खे वि य दीसओ // 28 // इस्यिय पुरिसं वावि, डहरं वा महल्लगं / वंदमाणं ण जाइजा, णो य गं फरसं वए // 29 // जे ण वंदे ण से कुप्पे, वंदिओ ण समुक्कसे। एवमण्णेसमाणस्स, Page #471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1062 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. सामण्णमणुचिट्ठइ // 30 // सिया एगइओ लथु, लोभेण विणिगृहइ / “मामेयं दाइयं संतं, दट्ठणं सयमायए" // 31 // अत्तट्ठा गुरुओ लुद्धो, बहुं पावं पकुव्वइ / दुत्तोसओ य से होइ, णिव्वाणं च ण गच्छइ // 32 // सिया एगइओ लडु, विविहं. पाणभोयणं / भद्दगं भद्दगं भोच्चा, विवण्णं विरसमाहरे // 33 // जाणंतु ता इमे समणा, “आययट्ठी अयं मुणी / संतुट्ठो सेवए पंतं, लूहवित्ती सुतोसओ” // 34 // पूयणट्ठी जसोकामी, माणसंमाणकामए / बहुं पसवई पावं; मायासरलं च कुव्वइ // 35 // सुरं वा मेरगं वावि, अण्णं वा मजगं रसं / ससक्खं ण पिबे भिक्खू, जसं सारक्खमप्पणो / / 36 // पियए एगओ तेणो, “ण मे कोई वियाणइ” / तस्स पस्सह दोसाइं, णियाडिं च सुणेह मे // 37 // वड्डइ सुंडिया तस्स, मायामोसं च भिक्खुणो। अयसो य अणिव्वाणं, सययं च असाहुया / / 38 / णिच्चुट्विग्गो जहा तेणो, अत्तकम्महिं दुम्मई / तारिसो मरणंते वि, णाराहेइ संवरं // 39 / / आयरिए णाराहेइ, समणे यावि तारिसो / निहत्था वि णं गरिहंति, जेण नाणंति तारिसं // 40 // एवं तु अगुणप्पेही, गुणाणं च विवजए / तारिसो मरणंते वि, णाराहेइ संवरं // 41 // तवं कुम्वइ मेहावी, पणीयं वजए रसं / मजप्पमायविरओ, तबस्सी अइ उक्कसो / / 42 / / तस्स पस्सह कल्लाणं, अणेगसाहुपूइयं / विउलं अत्थसंजुत्तं, कित्तइस्सं सुणेह मे // 43 / / एवं तु गुणप्पेही, अगुणाणं च विवजए। तारिसो मरणंते वि, आराहेइ संवरं // 44 // आयरिए आराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं पूयंति, जेण जाणंति तारिसं // 45 // तवतेणे वयतेणे, रूवतेणे य जे गरे / आयारभावतेणे य, कुवह देवकिविसं // 46 // लक्ष्ण वि देवत्तं, उववण्णो देवकिव्विसे / तत्थावि से ण याणाइ, "किं मे किच्चा इमं फलं?" // 47 // तत्तो वि से चइत्ताणं, लब्भइ एलभूयगं / णरगं तिरिक्खजोणि वा, बोही जत्थ सुदुल्लहा // 48 // एयं च दोसं दट्ठणं, णायपुत्तेण भासियं / अणुमायं पि मेहावी, मायामोसं विवजए // 49 // सिक्खिऊण भिक्खेसणसोहिं, संजयाण बुद्धाण सगासे / तत्थ भिक्खू सुप्पणिहिदिए, तिब्बलजगुणवं विहरिजासि // 50 // त्ति-बेमि // इति पिंडेसणाए बीओ उद्देसो समत्तो॥५-२॥ इति पिंडेसणा णामं पंचममज्झयणं समत्तं // 5 // अह महल्लियायारकहा णामं छ?मज्झयणं णाणदंसणसंपण्णं, संजमे य तवे रयं / गणिमागमसंपण्णं, उजाणम्मि समोसढं // 1 // रायागो रायमच्चा य, माहणा अदुव खत्तिया / पुच्छंति णिहुंयप्पाणो, कहं Page #472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - दसवेयालियसुत्तं अ. 6 1063 भे आयारगोयरो 1 // 2 // तेसिं सो णिहुओ दंतो, सव्वभूयसुहावहो। सिक्खाए . सुसमाउत्तो, आयक्खह वियरखणो // 3 // हंदि धम्मत्थकामाणं, णिग्गंथाणं सुणेह मे / आयारगोयरं भीम, सयलं दुरहि ट्ठियं // 4 // णण्णत्थ एरिसं वुत्तं, जं लोए परमदुच्चरं / विउलट्ठाणभाइस्स, ण भूयं ण भविस्सई // 5 // सखुड्डगवियत्ताणं, वाहियाणं च जे गुणा। अखंडफुडिया कायव्वा, तं सुणेह जहा तहा // 6 // दस अट्ठ य ठाणाई बालोऽवरज्झइ। तत्थ अण्णयरे ठाणे, णिग्गंयत्ताओ भस्सइ // 7 // वयछक्कं कायछक्कं अकैप्पो गिहिौयणं / पलियंक णिसिज्जा य, सिगाँणं सोहर्वजणं // 8 // (1) तत्थिमं पढमं ठाणं, महावीरेण देसियं / अहिसा णिउणा दिट्ठा, सव्वभूएसु संजमो // 9 // जावंति लोए पाणा, तसा अदुव थावरा। ते जाणमजाणं बा, ण हणे णो वि घायए // 10 // सव्वे जीवा वि इच्छंति, जीविडं ण मरिजिउं। तम्हा पाणिवहं घोरं, णिग्गंथा वजयंति णं // 11 // (2) अप्पणट्ठा परट्ठा वा,कोहा वा जइ वा भया / हिंसगं ण मुसं बूया, णो वि अण्णं वयावए // 12 // मुसावाओ य लोगंमि, सव्वसाहूहिं गरिहिओ / अविस्सासो य भूयाणं, तम्हा मोसं विवजए // 13 // (3) चित्तमंतमचित्तं वा, अप्पं वा जइ वा बहुं / दंतसोहणमित्तं पि, उग्गहंसि अजाइया // 14 // तं अप्पणा ण गिण्हंति, णो वि गिण्हावए परं / अण्णं वा गिण्हमाणं पि, णाणुजाणंति संजया // 15 / / (4) अबंभचरियं घोरं, पमायं दुरहिट्टियं / णायरंति मुणी लोए, भेयाययणवज्जिणो // 16 // मूलमेयमहम्मस्स, महादोससमुस्सयं / तम्हा मेहुणसंसग्गं, णिग्गंथा वजयंति गं // 17 // (5) बिडमुन्भेइमं लोणं, तिल्लं सप्पिं च फाणियं / ण ते सण्णिहिमिच्छंति, णायपुत्तवओरया // 18 // लोहस्सेस्स अणुप्फासे, मण्णे अण्णय. रामवि / जे सिया सण्णिहीकामे, गिही पव्वइए ण से // 19 // ज पि वत्थ व पायं वा, कंबलं पायपुंछणं / तं पि संजमलमट्ठा, धारंति परिहरंति य // 20 ॥ण सो परिग्गहो वुत्तो, णायपुत्तेण ताइणा / "मुच्छा परिग्गहो वुत्तो", इइ वृत्त महे सिणा // 21 // सव्वत्थुवहिणा बुद्धा, संरक्षणपरिग्गहे / अवि अप्पणो वि देहं मि, णायरंति ममाइयं // 22 // (6) अहो णिच्चं तवोफरमं, सव्यबुद्धेहिं वणियं / जा य लज्जासमा वित्ती, एगभत्तं च भोयणं // 23 // संतिमे सुहमा पाणा, तसा अदुव थावरा / जाइं राओ अपासंत, कहमेसणियं चरे 1 // 24 // उदउल्लं बीयसंसत्तं, पाणा णिवडिया महिं / दिया ताई विवज्जिज्जा, राओ तत्थ कहं चरे 1 // 25 // एयं च दोसं दट्टैणं णायपुत्तेण भासियं / सव्वाहारं न भुंनंति, णिग्गंथा राइभोयणं Page #473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1064 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 26 // (1) पुढविकायं ण हिंसंति, मणसा वयसा कायसा। तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया // 27 // पुढविकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए / तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचक्खुसे // 28 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोस दुग्गइवडणं / पुढविकायसमारंभ, जावज्नीवाए वजए // 29 // (2) आउकायं न हिंसंति, मणसा वयसा कायसा। तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया // 30 // आउकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए / तसे य विविहे पाणे, चवखुसे य अचक्खुसे // 31 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवडणं / आउकायसमा. रंभ, जावज्जीवाए वजए // 32 // (3) जायतेयं ण इच्छंति, पावगं जलइत्तए / तिक्खमण्णयरं सत्थं, सव्वओ वि दुरासयं // 33 // पाईणं पडिणं वावि, उ8 अणुदिसामवि / अहे दाहिणओ वावि, दहे उत्तरओ वि य // 34 // भूयाणमेसमाधाओ, हव्ववाहो ण संसओ। तं पईवपयावट्ठा, संजया किंचि णारभे // 35 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवणं / तेउकायसमारंभ, जावजवाए वजए // 36 // (4) अणिलस्स समारंभ, बुद्धा मण्णंति तारिसं / सावजबहुलं चेयं णेयं ताईहिं सेवियं // 37 // तालियंटेण पत्तेण, साहाविहुयण ण वा / ण ते वीइउमिच्छंति, वीयावेऊण वा परं // 38 // नं पि बत्थं व पायं वा, कंबलं पायपुंछणं / ण ते वायमुईरंति, जयं परिहरंति य // 39 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवड्डणं / वाउकायसमारंभ, जावज्जीवाए वजए // 40 // (5) वणस्सई ण हिंसंति, मणसा बयसा कायसा / तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया // 41 // वणस्सई विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए / तसे य विविहे पाणे, चवखुसे य अचक्खुसें // 42 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइववृणं / वणस्सहसमारंभ, जावज्जीवाए वजए // 43 // (6-12) तसकायं ण हिंसंति, मणसा वयसा कायसा / तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया // 44 // तसकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए। तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचवखुसे // 45 // तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवढणं / तसकायसमारंभ, बावज्जीवाए वजए // 46 // (13) जाइं चत्तारिऽभुजाई, इसिणाहारमाइणि / ताई तु विवज्जतो, संजमं अणुपालए // 47 // पिंड सिज्जं च वत्थं च, चउत्थं पायमेवे य / अकप्पियं ण इच्छिजा, पडिगाहिज कप्पियं // 48 // जे णियागं ममायंति, कीयमुद्देसियाहडं। वहं ते समणुजाणंति, इइ बुत्तं महेसिणा // 49 // तम्हा असणपाणाई, कीयमुद्दे Page #474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ० 7 1065 सियाहडं / वजयंति ठियप्पाणो, णिग्गंथा धम्मजीविणो // 50 // (14) कंसेसु . कंसपाएसु, कुंडमोएसु वा पुणो / भुजंतो असणपाणाई, आयारा परिभस्सइ // 51 // सीओदगसमारंभे, मत्तधोयणछड्डणे / जाइं छंणंति भूयाई, दिट्ठो तत्थ असंजमो // 52 // पच्छाकम्मं पुरेकम्मं, सिया तत्थ ण कप्पइ / एयमढे ण भुंजंति, णिगंथा गिहिभायणे // 53 // (15) आसंदीपलियंकेसु, मंचमासालएसु वा / अणायरियमजाणं, आसइत्तु सइत्तु वा // 54 // णासंदीपलियंकेसु, ण णि सिज्जा ण पीढए / णिग्गंथाऽपडिलेहाए, बुद्धवुत्तमहिट्ठगा // 55 // गंभीरविजया एए, पाणा दुप्पडिलेहगा / आसंदी पलियंको य, एयमढे विवज्जिया // 56 ॥१६)गोयरग्गपविट्ठरस, णिसिजा जस्स कप्पा / इमेरिसमणायारं, आवजइ अबोहियं // 57 // विवत्ती बंभचेरस्स, पाणाणं च वहे वहो / वणीमगपडिग्घाओ, पडिकोहो अगारिणं // 58 // अगुत्ती बंभचेरम्स, इत्थीओ वावि संकणं / कुसीलवड्ढणं ठाणं, दूरओ परिवजए // 59 // तिहमण्णयरागस्स, णिसिजा जस्स कप्पइ / जराए अभिभूयस्स, वाहियस्स तवस्सैिणो // 60 // (17) वाहिओ वा अरोगी वा, सिणाणं जो उ पत्थए / बुक्कतो होइ आयारो, जढो हवइ संजमो // 61 // संतिमे सुहुमा पाणा, घसासु भिलगासु य / जे य भिक्खू सिणायंतो, वियडेणुप्पिलावए // 62 // तम्हा ते ण सिणायंति, सीएण उसिणेण वा / जावजवं वयं घोरं, असिणाणम हिट्ठगा // 6 // सिणाणं अदुवा कक्कं, लोद्धं पउमगाणि य! गायस्सुव्वट्टणट्टाए, णायरंति कयाइ वि / / 64 / / (18) णगिणस्स वावि मुंडस्स, दहिरोमणहं सिणो / मेहुणा उवसंतस्स, किं विभूसाए कारियं / / 65 // विभूमावत्तियं भिक्खू , कम्मं बंधइ चिक्कणं / संसारसायरे घोरे, जेणं पडइ दुरुत्तरे / / 66 // विभूसावत्तियं चेयं, बुद्धा मांति तारिसं / सावजबहलं चेयं, णेयं ताई हिं सेवियं // 67 // खति अप्पाणममोह. दंसिणो, तवे रया संजमअजवे गुणे / धुणंति पावाइं पुरेकडाई, णवाइं पावाई ण ते करेंति // 68 // सओवसंता अममा अकिंचणा, सविजविजाणुगया जसंसिणो। उउप्पसण्णे विमले व चंदिमा, सिद्धिं विमाणाई उवेति ताइणो // 69|| त्ति-बेमि // .इति महल्लियायारकहा णामं छ?मज्झयणं समत्तं // 6 // अह सुवक्कसुद्धी णामं सत्तममज्झयणं चउण्डं खलु भासाणं, परिसंखाय पण्णवं / दुण्हं तु विणयं सिक्खे, दो ण भासिज सव्वसो // 1 // जा य सच्चा अवत्तव्वा, सच्चामोसा य जा मुसा / जा य बुद्धेहि Page #475 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1066 ___ अनंगपविट्ठसुत्ताणि ऽणाइण्णा, ण तं भासिज पण्णवं // 2 // असच्चमोसं सच्चं च, अणवजमव कसं / समुप्पेहमसंदिद्धं, गिरं भासिज पण्णवं // 3 // एयं च अट्ठमण्णं वा, जं तु णामेइ सासयं / स भामं सच्चमोसं पि, तं पि धीरो विवजए // 4 // वितहं पि तहामुत्तिं, जं गिरं भासए णरो / तम्हा सो पुट्ठो पावेणं, किं पुण जो मुसं वए ? // 5 // तम्हा "गच्छामो वक्खामो, अमुगं वा णे भविस्सइ / अहं वा णं करिस्सामि, एसो वा णं करिस्सइ" // 6|| एवमाइ उ जा भासा, एसकालम्मि संकिया / संपयाई यमढे वा, तं पि धीरो विवजए // 7 // अईयम्मि य कालम्मि, पच्चुप्पण्णमणागए / जमढे तु ण जाणिजा, “एवमेयं” ति णो वए // 8 // अईयम्मि य कालम्मि, पच्चुप्पण्णमणागए / जत्थ संका भवे तं तु, “एवमेयं" ति जो वए / / 9 / / अईयम्मि य कालम्मि, . पच्चुप्पण्णमणागए / णिस्संकियं भवे जं तु, “एवमेयं" ति णिदिसे // 10 // तहेव फरुसा भासा, गुरुभूओवघाइणी / सच्चा वि सा ण वत्तव्वा, जओ पावस्स आगमो // 11 // तहेव काणं "काणे" त्ति, पंडगं “पंडगे" त्ति वा / वाहियं वावि "रोगि" त्ति, तेणं "चोरे" त्ति णो वए॥१२॥ एएणण्णेण अटेण, परो जेणुवहम्मइ / आयारभावदोसण्णू , ण तं भासिज पण्णवं // 13 // तहेव "होले” “गोलि" त्ति "साणे” वा “वसुले” त्ति य / “दमए” "दुहए" वावि, ण तं भासिज पण्णवं // 14 // अज्जिए पज्जिए वावि, अम्मो माउसियत्ति य / पिउसिए भाइणिजत्ति, धृए णत्तु.. णियत्ति य॥१५।। हले हले त्ति अण्णे त्ति, भट्टे सामिणि गोमिणि / होले गोले वसुले त्ति, इत्थियं णेवमालवे // 16 // णामधिज्जेण णं बूया, इत्थीगुत्तेण या पुणो / जहा. रिहमभिगिज्झ, आलविज लविज वा // 17 // अजए प.ए वावि, बप्पो चुलपिउत्ति य / माउलो भाइणिजत्ति, पुत्ते णत्तुणियत्ति य // 18 // हे हो हलित्ति अण्णि. त्ति, भट्टा सामिय गोमिए / होल गोल वसुलित्ति, पुरिसं णेवमालवे // 19|| णाम धिज्जेण णं बूया, पुरिसगुत्तेण वा पुणो / जहारिहम भिगिज्झ, आलविज लविज वा // 20 // पंचिंदियाण पाणाणं, “एस इत्थी अयं पुमं" / जाव णं ण विजाणिजा, ताव जाइत्ति आलवे // 21 // तहेव माणुसं पसुं, पक्खि वावि सरीसिवं / "थूले पमेइले वझे, पायमि” त्ति य णो वए // 22 // परिवूढत्ति णं बूया, बूया उवचिए त्ति य / संजाए पीणिए वावि, महाकायत्ति आलवे // 23 // तहेव गाओ दुज्झाओ, दम्मा गोरहगत्ति य / वाहिमा रहजोग्गत्ति, णेवं भासिज पण्णवं / / 24 // जुवं गवित्ति णं बूया, धेगुं रसदयत्ति य / रहस्से महल्लए वावि, वए संवहणित्ति य // 25 // तहेव गंतुमुजाणं, पव्वयाणि वणाणि य / रुक्खा महल पेहाए, णेवं भासिज पण्णवं Page #476 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 7 1067 // 26 // अलं पासायखभाणं, तोरणाणि गिहाणि य। पलिहग्गलणावाणं, अलं उदगदोणिणं // 27 // पीढए चंगबेरे य, णंगले मइयं सिया / जंतलट्ठी व णामी वा, गंडिया व अलं सिया // 28 // आसणं सयणं जाणं, हुजा बा किंचुवस्सए / भूओवघाइणिं भासं, णेवं भासिज पण्णवं / / 29 // तहेव गंतुमुजाणं, पत्वयाणि वणाणि य / रुक्खा महल्ल पेहाए, एवं भासिज पंण्णवं // 30 // जाइमंता इमे रुक्खा, दीहवट्टा महालया / पयायसाला विडिमा, वए दरिसणित्ति य // 31 // तहा पलाई पक्काई, पायखजाई णो वए / वेलोइयाइं टालाई, वेहिमाइं ति णो वए // 32 // असंथडा इमे अंबा, बहुणिव्वडिमा फला / वहज बहुसंभूया, भूयरूवत्ति वा पुणो // 33 // तहेवोसहीओ पक्काओ, णीलियाओ छवी इय। लाइमा भन्जिमारत्ति, पिहुरुजत्ति णोवए // 34 // रूढा बहुसंभूया, थिरा ऊसढा वि य / गम्भियाओ, पसूयाओ, संसाराउत्ति आलवे // 35 // तहेव संखडि णच्चा, किच्चं कज्ज ति णो वए / तेणगं वावि वज्झित्ति, सुतिस्थित्ति य आवगा // 36 // संखडि संखडि बूया, पणियत्ति तेणगं / बहुसमाणि तित्थाणि, आवगाणं वियागरे // 37|| तहा णईओ पुण्णाओ, कायतिजत्ति णो वए / णावाहिँ तारिमाउत्ति, पाणि पिजत्ति णो वए // 38 // बहुवाहडा अगाहा, बहुसलिलुप्पिलोदगा। बहुवित्थबोदगा यावि, एवं भासिज पण्णवं / / 39 / / तहेव सावज्जं जोगं, परस्सट्ठाए णिट्टियं / कीरमाणं ति वा णच्चा, सावज्जं णालवे मुणी // 40 // सुकडित्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिण्णे सुहडे मडे / सुणिट्टिए सुलट्ठित्ति, सावज्ज वजए मुणी // 41|| पयत्तपक्कत्ति व पकमालवे, पयत्तछित्तिव छिण्णमालवे / पयत्तलट्ठित्ति व कम्महेउयं, पहारगाढत्ति व गाढमालवे // 42 // सव.सं पर वा, अउलं णत्थि एरिसं / अविविक्रयमक्त्तत्वं, अचियत्तं चेव णो वए ॥४३॥"सवयं वइस्सामि, सध्यमेयं” ति णो वए / अगुवाइ सत्वं सत्व थ, एवं भारि ज पण्णवं // 44 // सुक्कीयं वा सुविक्कीयं, अकिज्ज किजमेव वा।"इमं गिण्ह इमं मुंच,पणियं" णो वियागरे // 45 // अप्पन्धे वा महाघ वा, कए वा विव.ए वि वा / पणियटे समुप्पण्णे, अणवज्ज वियागरे // 46 / / तहेवासंजयं धीरो, “आस एहि व.रेहि वा / सयं चिट्ठ वयाहि" त्ति, णेवं भासिज पण्णवं // 47 // बह वे इमे असाहू, लोए बुच्चंति * साहुणो / ण लवे असाहुं साहुत्ति, साहुं साहुत्ति आलवे / / 48 / / णाणदंसणसंपण्णं, गंजमे य तवे रयं / एवं गुणसमाउत्तं, संजयं साहुमालवे // 49 // देवाणं मणुयाणं च, तिरियाणं च बुग्गहे / अमुयाणं जओ होउ, मा वा होउ त्ति णो ए // 50 // वाओ वुटुं व सीउण्हं, खेमं धायं सिवं ति वा / कया णु हुज एयाणि, मा वा होउ Page #477 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1068 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . त्ति णो वए // 51 // तहेव मेहं व णहं व माणवं, ण देव देवत्ति गिरं वइजा / संमुच्छिए उण्णए वा पओए, वहज वा बुट्ट बलाहयत्ति // 52 // अंलिकत्ति णं बूया, गुज्झाणुचरियत्ति य / रिद्धिमंतं णरं दिस्स, रिद्धिमंतं ति आलवे॥५३॥ तहेव साघजणुमोयणी गिरा, ओहारिणी जाय परोवघाइणी / से कोहलोहभयहासमाणओ, ण हासमाणो वि गिरं वइजा // 54 // सुवक्कसुद्धिं समुपेहिया मुणी, गिरं च दुटुं परिवजए सया। मियं अदुटुं अणुवीइ भासए, सयाण मज्झे लहई पसंसणं // 55 // भासाइ दोसे य गुणे य जाणिया, तीसे य दुटे परिवजए सया। छसु संजए सामणिए सया जए, वइज बुद्धे हियमाणुलोमियं // 56 // परिक्खभासी सुसमाहिईदिए, चउक्क. सायावगए अणिस्सिए / सणिधुणे धुण्णमलं पुरेकडं, आराहए लोगमिणं तहा परं. ॥५७॥त्ति बेमि // इति सुवक्कसुद्धी णामं सत्तममज्झयणं समत्तं // अह आयारपणिही णामं अट्ठममज्झयणं आयारपणिहिँ ल , जहा कायव्व भिक्खुणा। तं भे उदाहरिस्सामि, आणुपुट्विं सुणेह मे // 1 // पुढविदगअगणिमारुय, तणरुक्खसबीयगा। तसा य पाणा जीवत्ति, इइ बुत्तं महेसिणा // 2 // तेसिं अच्छणनोएण, णिच्चं होयव्वयं सिया। मणसा काय वक्केण, एवं हवइ संजए // 3 // पुढविं भित्ति सिलं लेखें, णेव भिंदे ण संलिहे। तिविहेण करणजोएण, संजए सुसमाहिए // 4 // सुद्धपुढवि ण णिसीए, ससरक्खम्मि य आसणे। पमज्जित्तु णिसीइजा, जाइत्ता अस्स उग्गहं // 5 // सीओदगं ण सेविजा, सिलावुटुं हिमाणि य / उसिणोदगं तत्तफासुयं, पडिगाहिज संजए // 6 // उदउल्लं अप्पणो कायं, णेव पुंछे ण संलिहे / समुप्पेह तहाभूयं, णो णं संघट्टए मुणी // 7 // इंगालं अगणिं अच्चि, अलायं वा सजोइयं / ण उंज्जिजा ण घट्टिजा, णों णं णिव्वावए मुणी // 8 // तालियंटेण पत्तण, साहाए विहुयणेण वा / ण वीइज अप्पणो कार्य, बाहिरं वावि पुग्गलं // 9 // तणरुक्खं ण छिंदिजा, फलं मूलं च कस्सई / आमगं विविहं बीयं, मणसा वि ण पत्थए // 10 // गहणेसु ण चिट्ठिजा, बीएसु हरिएसु वा / उदगंमि तहा णिच्चं, उत्तिंगपणगेसु वा // 11 // तसे पाणे ण हिंसिजा, वाया अदुव कम्मुणा / उवरओ सव्वभूएसु, पासेज विविहं जगं // 12 // अट्ठ सुहुमाई पेहाए, जाइं जाणित्तु संजए / दयाहिगारी भूएसु, आस चिट्ठ सएहि वा // 13 // कयराइं अट्ठ सुहुमाई ?, जाइं पुच्छिज संजए / इमाइं ताई मेहावी, आइक्विज Page #478 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 8 . 1069 वियक्खणो // 14 // सिणेई पुप्फसुहुँमं च, पाणुत्तिंग तहेव य / पणेगं बीर्यं हरियं च, अंडसुहमं च अट्टमं / / 15 / / एवमेयाणि जाणित्ता, सव्वभावेण संजए। अप्पमत्तो जए णिच्च, सविं दियसमाहिए // 16 / / धुवं च पडिलेहिजा, जोगसा पायकंबलं / सिजमुच्चारभूमिं च, संथारं अदुवासणं // 17 // उच्चारं पासवणं, खेलं सिंघाणजल्लियं / फासुयं पडिलेहित्ता, परिठ्ठाविज संजए // 18 // पविसित्तु परागारं पाणट्ठा भोयणस्स वा / जयं चिट्टे मियं भासे, ण य रूवेसु मणं करे // 19 // बहं सुमेह कण्णेहि, बहुं अच्छीहिं पिच्छइ / ण य दिटुं सुयं सव्वं, भिक्खू अक्खाउमरिहइ // 20 // सुयं वा जइ वा दिटुं, ण लविज्जोवघाइयं / ण य केणइ उवाएणं, गिहिजोगं समायरे // 21 // णिहाणं रसणिज्जूढं, भद्दगं पावगं ति वा। पुट्ठो वावि अपुट्ठो वा, लाभालाभं ण णिद्दिसे // 22 ॥ण य भोयणम्मि गिद्धो, चरे उंछं अयंपिरो / अफासुयं ण भुंज्जिजा, कीयमुद्देसियाहडं // 23 // सण्णिहिं च ण कुविजा, अणुमायं पि संजए / मुहाजीवी असंबद्ध, हविज नगणिस्सिए // 24 // लूहवित्ती सुसंतुट्टे, अप्पिच्छे सुहरे सिया। भासुरतं ण गच्छिज्जा, सुच्चा णं जिणसासणं // 25 // कण्णसुक्खेहि सद्देहि, पेमं णाभिणिवेसए / दारुणं कक्कसं फासं, कारण अहियासए // 26 // खुहं पिवासं दुस्सिज्ज सीउण्हं अरइं भयं / अहियासे अव्वहिओ, देहदुवखं महाफलं // 27 // अत्थंगयंमि आइच्चे, पुरत्था य अणुग्गए / आहारमाइयं सवं, मणसा वि ण पत्थए // .28 // अतिंतिणे अचवले, अप्पभासी मियासणे / हविज उयरे दंते, थोवं लर्बु ण खिंसए ॥२९॥ण बाहिरं परिभवे, अत्ताणं ण समुक्कसे। सुयलाभे ण मज्जिजा, जच्चा तवस्सिबुद्धिए // 30 // से नाणमजाणं वा, कट्ट आहम्मियं पयं / संवरे खिप्पमप्पाणं, बीयं तं ण समायरे // 31 // अणायारं परकम्म, णेव गूहे ण णिण्हवे / सुई सया वियडभावे, असंसत्ते जिइंदिए // 32 // अमोहं वयणं कुजा, आयरियस्स महप्पणो। तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए // 33 // अधुवं जीवियं णच्चा, सिद्धिमग्गं वियाणिया / विणियट्टिज भोगेसु, आउं परिमियमप्पणो // 34 // बलं थामं च पेहाए सद्धामारुग्गमप्पणो / खेत्तं कालं च विण्णाय, तहप्पाणं णिजुजए // 35 // जरा जाव ण पीडेइ, वाही जाव ण वड्डइ / जाविंदिया ण हायंति, ताव धम्मं समायरे // 36 / / कोहं माणं च मायं च, लोभं च पाववडणं / वमे चत्तारि दोसे उ, इच्छंतो हियमप्पणो // 37 // कोहो पीई पणासेइ, माणो विणयणासणो / माया मित्ताणि णासेइ, लोभो सव्वविणासणो // 38 // Page #479 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1070 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उवसमेण हणे कोहं, माणं मद्दवया जिणे / मायं चजवभावेण, लोभं संतोसओ जिणे // 39 // कोहो य माणो य अणिग्गहीया, माया य लोभो य पवढमाणा। चत्तारि एए कसिणा कसाया, सिंचंति मूलाई पुणब्भवस्स // 40 // राइणिए सु विणयं पउंजे, धुवसीलयं सययं ण हावइजा। कुम्मुव्व अल्लीणपलीणगुत्तो, परकमिजा तवसंजमम्मि // 41 // णिदं च ण बहु मण्णिजा, सप्पहासं विवजए / मिहो कहाहिं ण रमे, सज्झायम्मि रओ सया // 42 // जोगं च समणधम्मम्मि, मुंजे अणलसो धुवं / जुत्तो य समणधम्मम्मि, अटुं लहइ अणुत्तरं // 43 // इहलोगपारत्तहियं, जेणं गच्छइ सुग्गई। बहुसुयं पज्जुवासिजा, पुच्छिजत्थविणिच्छयं // 44 // हत्थं पायं च कायं च, पणिहाय जिइंदिए / अल्लीणगुत्तो णिसिए, सगासे गुरुणो मुणी // 45 // ण पवखओ ण पुरओ, णेव किच्चाण पिट्टओ। ण य ऊरं समासिजा, चिट्ठिजा गुरुणंतिए // 46 // अपुच्छिओ ग भासिजा,,भासमाणस्स अंतरा। पिट्टिमंसं ण खाइजा, मायामोसं विवजए // 47 // अम्पत्तिय जेण सिया, आसु कुप्पिज वा परो / सव्वसो तं ण भासिजा, भासं अहियगामिणिं // 48 // दिटुं मियं असंदिद्धं, पडिपुण्णं वियं जियं / अयंपिरमणुविग्गं, भासं णिसिर अत्तवं // 49 // आयारपण्णत्तिधरं, दिट्ठिवायमहिजगं। वायविक्खलियं णच्चा, ण तं उवहसे मुणी // 50 // णक्खत्तं सुमिणं जोगं, णिमित्तं मंतभेसजं / गिहिणो तं ण आइक्खे, भूयाहिगरणं पयं // 51 // अण्णटुं पगडं लयणं, भइज सयणासणं / उच्चारभूमिसंपण्णं, इत्थीपसुविधज्जियं // 52 // विवित्ता य भवे सिजा, णारीणं ण लवे कहं / गिहिसंथवं ण कुजा, कुजा साहूहिं संथवं // 53 / / जहा कुक्कुडपोयस्स, णिच्चं कुललओ भयं / एवं खु बंभयारिस्स, इत्थीविग्गहओ भयं // 54 // चित्तभित्तिं ण णिज्झाए, णारि वा सुअलंकियं / भक्खरं पिव दळूणं, दिहिँ पडिसमाहरे // 55 // हत्थपायपडिच्छिण्णं, कण्णणासविगप्पियं / अवि वाससयं णारिं, बंभयारी विवजए // 56 // विभूसा इस्थिसंसग्गो, पणीयरसभोयणं / णरस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा // 57 / / अंगपच्चंगसंठाणं, चारुल्लवियपेहियं / इत्थीणं तं ण णिज्झाए, कामरागविवणं // 58 // विसएसु मणुण्णेसु, पेमं णाभिणिवेसए / अणिच्चं तेसिं विण्णाय, परिणामं पोग्गलाण य // 59 // पोग्गलाणं परिणाम, तेसिं गच्चा जहा तहा। विणीयतण्हो विहरे, सीईभूएण अप्पणा // 60 // जाइ सद्धाइ णिक्खंतो, परियायट्ठाणमुत्तमं / तमेव अणुपालिजा, गुणे आयरियसम्मए // 61 // तवं चिमं संजम Page #480 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - दसवेयालियसुत्तं अ. 6 उ. 1 1071 जोगयं च, सज्झायजोगं च सया अहिट्ठए / सूरे व सेणाइ समत्तमाउहे, अलमप्पणो होइ अलं परेसिं // 62 // सज्झायसज्झाणरयस्स ताइणो, अपावभावस्स तवे रयस्स / विसुज्झई जं सि मलं पुरेकडं, समीरियं रुप्पमलं व जोइणा // 63 // से तारिसे दुक्खसहे जिइंदिए, सुएण जुत्ते अममे अकिंचणे / विरायई कम्मघणग्मि अवगए, कसिणब्भपुडावगमे व चंदिमे ॥६४॥त्ति-बेमि / / इति आयारपणिही णामं अट्ठममज्झयणं समत्तं // 8 // अह विणयसमाही णामं णवममज्झयणं-पढमो उद्देसो थंभा व कोहाव मयप्पमाया, गुरुस्सगासे विणयं ण सिवखे / सो चेव उ तस्स अभूइभावो, पलं व कीयस्स वहाय होइ ॥१॥जे यावि मंदित्ति गुरुं विइत्ता, डहरे इमे अप्पसुए त्ति णच्चा। हीलंति मिच्छं पडिवजमाणा, करंति आसायणं ते गुरूणं // 2 // पगईए मंदा वि भवंति एगे, डहरा वि य जे सुयबुद्धोववेया। आयारमंता गुणसुट्ठियप्पा, जे हीलिया सि हिरिव भास कुजा // 3 // जे यावि गागं डहरं ति णच्चा, आसायए से अहियाय होइ / एवायरियं पि हु हीलयंतो, णियच्छई जाइपहं खु मंदो // 4 // आसीविसो वावि परं सुरुट्ठो, किं जीवणासाउ परं णु कुजा / आयरियपाया पुण अप्पसण्णा, अबोहिआसायण णस्थि मुक्खो // 5 // जो पावगं जलियमवकमिजा, आसीविसं वावि हु कोवइजा। जो वा विसं खायइ जीवियट्ठी, एसोवमाऽऽसायणया गुरूणं // 6 // सिवा हु से पावय जो डहि जा, आसी. विसो वा कुविओ ण भक्खे / सिया विसं हालहलं ण मारे, ण यावि मुक्खो गुरुहीलणाए // 7 // जो पव्वयं सिरसा मित्तुमिच्छे, सुत्तं व सीहं पडिबोहइजा / जो वा दए सत्तिअग्गे पहारं, एसोबमाऽऽसायणया गुरूणं // 8 // सिया हु सीसेण गिरि पि भिंदे, सिया हु सीहो कुविओ ण भक्खे / सिया ण भिंदिज व सत्तिअग्गं, ण यावि मुक्खो गुरुहीलणाए / / 9 // आयरियपाया पुण अप्पसण्णा, अबोहि आसायण स्थि मुक्खो / तम्हा अणावाहसुहाभिकंखी, गुरुप्पसायाभिमुहो रमिजा // 10 // जहाहिअग्गी जलणं णमंसे, णाणाहुईमंतपयाभिसित्तं / एवायरियं उवचिट्ठइजा, अणंतणाणोवगओ वि संतो॥११॥ जस्संतिए धम्मपयाई सिक्खे, तस्संतिए वेणइयं पउंजे। सक्कारए सिरसा पंजलीओ, कायग्गिरा भो मणसा य णिच्चं // 12 // लज्जादयासंजमवंभचेरं, कल्लाणभागिस्स विसोहिठाणं / जे मे गुरू सययमणुसासयंति, ते हं गुरू Page #481 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1072 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सययं पूययामि // 13 // जहा णिसंते तवणच्चिमाली, पभासई केवलभारहं तु / एवायरिओ सुयसीलबुद्धिए, विरायई सुरमज्झे व इंदो // 14 // बहा ससी कोमुइ-. जोगजुत्तो, णक्खत्ततारागणपरिवुडप्पा / खे सोहई विमले अब्भमुक्के, एवं गणी सोहइ भिक्खुमज्झे // 15 // महागरा आयरियामहेसी, समाहिजोगे सुयसीलबुद्धिए। संपाविउकामे अणुत्तराई, आराहए तोसइ धम्मकामी // 16 // सुच्चाण मेहावि सुभासियाई, सुस्सूसए आयरियप्पमत्तो / आराहइत्ताण गुणे अणेगे, सो पावई सिद्धिमणुत्तरं // 17 // त्ति-बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे पढमो उद्देसो समत्तो॥ 9-1 // अह णवमज्झयणे बीओ उद्देसो. मूलाउ खंधप्पभवो दुमस्स, खंधाउ पच्छा समुर्विति साहा / साहप्पसाहा विरुहंति पत्ता, तओ सि पुष्पं च फलं रसो य // 1 // एवं धम्मस्स विणओ, मूलं परमो से मुक्खो / जेण कित्तिं सुयं सिग्धं, णिस्सेसं चाभिगच्छइ // 2 // जे य चंडे मिए थद्धे, दुन्वाई णियडी सढे / वुझइ से अविणीयप्पा, कटुं सोयगयं जहा // 3 // विणयं पि जो उवाएणं, चोइओ कुप्पई णरो। दिव्वं सो सिरीमिज्जति, दंडेण पडिसेहए // 4 // तहेव भविणीयप्पा, उववज्झा हया गया / दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुवट्ठिया // 5 // तहेव सुविणीयप्पा, उववज्झा हया गया / दीसंति सुहमेहंता, इट्टि पत्ता महायसा // 6 // तहेव अविणीयप्पा, लोगंसि णरणारिओ / दीसंति दुहमेहंता, छाया ते विगलिंदिया // 7 // दंडसत्थपरिज्जुण्णा, असम्भवयणेहि य / कलुणा विवण्णछंदा खुप्पिवासाइपरिगया // 8 // तहेव सुविणीयप्पा, लोगंसि परणारिओ। दीसंति सुहमेहंता, इट्टि पत्ता महायसा ||9|| तहेव अविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा / दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुवटिया // 10 // तहेव सुविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा। दीसंति सुहमेहंता, इडि पत्तामहायसा // 1 // जे आयरियउवज्झायाणं, सुस्सूसावयणकरा / तेसिं सिक्खा पवहृति, जलसित्ता इव पायवा // 12 // अप्पणट्ठा परट्ठा वा, सिप्पा णेउणियाणि य / गिहिणो उवभोगट्ठा, इहलोगस्स कारणा // 13 // जेण बंधं वहं घोरं, परियावं च दारुणं / सिक्खमाणा णियच्छंति, जुत्ता ते ललिइंदिया // 14 // ते वि तं गुरुं पूयंति, तस्स सिप्पस्स Page #482 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . दसवेयालियसुत्तं अ. 9 उ. 3 1073 कारणा / सक्कारंति णमंसंति, तुट्ठा णिद्देसवत्तिणो // 15 // किं पुण जे सुयग्गाही, अणंतहियकामए / आयरिया जं वए भिक्खू , तम्हा तं णाइवत्तए / 16 / / णीयं सिज्ज गई ठाणं, णीयं च आसणाणि य / णीयं च पाए वंदिज्जा, णीयं कुजा य अंजलिं // 17 // संघट्टइत्ता कारण, तहा उवहिणामवि। "खमेह अवराह मे" वइज "ण पुणु" त्ति य // 18 // दुग्गओ वा पओएणं, चोइओ वहइ रहं / एवं दुबुद्धि किच्चाणं, वुत्तो वुत्तो पकुव्वइ // 19 // आलते लवते वा, ण णिसिजाए पडिस्सुणे / मुत्तूणं आसणं धीरो, सुस्सूसाए पडिस्सुणे // 20 // कालं छंदोवयारं च, पडिले हित्ताण हेउहिं / तेहिं तेहिं उवाएहि, तं तं संपडिवायए // 21 // विवत्ती अविणीयस्स, संपत्ती विणीयस्स य / जस्सेयं दुहओ णायं, सिक्ख से अभिगच्छइ // 22 // जे मावि चंडे मइइडिगारवे, पिसुणे गरे साहसहीणपेसणे / अदिट्टधम्मे विणए अकोविए, असंविभागीण हु तस्स मुक्खो // 23 // णिद्देसवत्ती पुण जे गुरूणं, सुयत्थवम्मा विणयंमि कोविया / तरित्तु ते ओहमिणं दुरुत्तरं, खवित्तु कम्मं गइ मुत्तमं गया // 24 // त्ति-बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे बीओ उद्देसो समत्तो // 9-2 // अह णवमज्झयणे तइओ उद्देसो आयरियग्गिमिवाहियग्गी, सुस्सूसमाणो पडिजागरिजा / आलोइयं इंगियमेव णच्चा, जो छंदमारायई स पुज्जो // 1 // आयारमट्ठा विणयं पउंजे, सुस्सूसमाणो परिगिज्झ पक्कं / जहोवइटें अभिकंखमाणो, गुरुं तु णासाययई स पुज्जो // 2 // राइणिएसु विणयं पउंजे, डहरा वि य जे परियायजिट्ठा / णीयत्तणे वट्टइ सच्चवाई, ओवायवं वककरे स पुज्जो॥३॥ अण्णायउंछं चरई विसुद्धं, जवणट्टया समुयाणंच णिच्चं / अलधुयं णो परिदेवइजा, लधु ण विकत्थयई स पुज्जो // 4 // संथारसिजाऽऽसणभत्तपाणे, अप्पिच्छया अइलाभे वि संते / जो एबमप्पाणभितोसइजा, संतोसपाहण्णरए स पुज्जो // 5 // सक्का सहेउं आसाइ कंटया, अओमया उच्छया गरेणं। अणासए जो उ सहिज कंटए, बईमए कण्णसरे स पुज्जो // 6 // मुहुत्तदुक्खा उ हवंति कंटया, अओमया ते वि तओ सुउद्धरा / वायादुरुत्ताणि दुरुद्धराणि, वेराणुबंधीणि महब्भयाणि // 7 // समावयंता वयणाभिघाया, कण्णं गया दुम्मणियं जणंति / धम्मुत्ति किच्चा परमग्गसूरे, जिइंदिए जो सहई स पुज्जो // 8 // अवण्णवायं च Page #483 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1074 अनंगपविट्ठसुत्ताणि परंमुहस्स, पञ्चक्खओ पडिणीयं च भासं / ओहारिणिं अप्पियकारिणिं च, भासं ण भासिज सया स पुज्जो // 9 // अलोलुए अक्कुहए अमाई, अपिसुणे यावि अदीणवित्ती / णो भावए णो वि य भावियप्पा, अकोउहल्ले य सया स पुज्जो // 10||. गुगेहि साहू अगुणेहिऽसाहू, गिण्हाहि साहूगुण मुंचऽसाहू / वियाणिया अप्पगमप्पएणं, जो रागदोसेहिं समो स पुज्जो // 11 // तहेव डहरं च महल्लगं वा, इत्थी पुमं पब इयं गिहिं वा / णो हीलए णो वि य विसइजा, थंभं च कोहं च चए स पुज्जो // 12 // जे माणिया सययं माणयंति, जत्तेण कण्णं व णिवेसयंति / ते माणए माणरिहे तवस्सी, जिइंदिए सच्चरए स पुज्जो // 13 // तेसिं गुरूणं गुणसायराणं, मुच्चाण मेहावि सुभासियाई / चरे मुणी पंचरए तिगुत्तों, चउकसायावगए स पुज्जो // 14 // गुरुमिह सययं पडियरिय मुणी, जिणवयणिउणे अभिगमकुसले / धुणिय / रयमलं पुरेकडं, भासुरमउलं गई गय॥१५॥ त्ति बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे तइओ उद्देसो समत्तो / / 6-3 // अह णवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पणत्ता,कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पण्णत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पण्णत्ता,तंजहाविणयसमाही 1, सुयसमाही 2, तवसमाही 3, आयारसमाही 4 / विणए सुए य तवे, आयारे णिच्च पंडिया। अभिरामयंति अप्पाणं, जे भवंति जिइंदिया // 1 // चउव्विहा खलु विणयसमाही भवइ, तंजहा-अणुसासिज्जतो सुस्सूसइ 1, सम्म संपडिवजइ 2, वेयमाराहयइ 3, ण य भवइ अत्तसंपग्गहिए 4 चउत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगो-पेहेइ हियाणुसासणं, सुस्सूसइ तं च पुणो अहिट्ठिए / ण य माणमएण मजइ, विणयसमाही आयट्टिए // 2 // चउव्विहा खलु सुयसमाही भवइ, तंजहा-सुयं मे भविस्सइत्ति अज्झाइयव्वं भवइ 1, एगग्गचित्तो भविस्सामि त्ति अज्झाइयध्वं भवइ 2, अप्पाणं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ 3, ठिओ परं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ 4 चउत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगोणाणमेगग्गचित्तो य, ठिओ ठावयई परं / सुयाणि य अहिज्जित्ता, रओ सुयसमाहिए // 3 // चउव्विहा खलु तवसमाही भवइ, तंजहा-णो इहलोगट्ठयाए तवमहि Page #484 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 10 1075 द्विजा 1, णो परलोगट्ठयाए तवमहिट्ठिजा 2, णो कित्तिवण्णसद्द सिलोगट्टयाए तवमाहट्ठिजा 3, णण्णत्थ णिजरट्टयाए तबमहिद्विजा 4 चउत्थं पयं भवइ / भवाइ य इत्थ सिलोगो-विविहगुणतवोरए य णिच्चं, भवह गिर सए णिज,रदिए / तवसा धुणइ पुराणपावगं, जुत्तो सया तवसमाहिए // 4 // चउव्विहा खलु आयारसमाही भवइ, तनहा-णो इहलोगट्टयाए आयारमहिट्ठिजा 1, ण परलोगट्टयाए आयाम हिद्विजा 2, णो कित्तिवा गसद्दमिलोगट्टयाए आयारमहिद्विजा 3, णण्णत्थ आरदंतेहिं हे उदि आयारमहिट्ठिजा 4 च उत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगो-जिणवयणरए अतितिणे, पडिपुण्णाययमाययट्ठिए / आयारसमाहिसंकुडे, भवइ य दंते भावसंघर // 5 // अभिगम चउरो समाहिओ, सुविसुद्धो सुसमाहियापओ / विरलहियं सुहावह पुणो, कुब्वइ सो पयखेममप्पणो // 6 // जाइमरणाओ मुच्चइ, इत्थत्थं च चएइ सव्वसो / सिद्धे वा हवइ सासए, देवे वा अप्परए महिड्डिए // 7 // त्ति-बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो समत्तो।६-४। णवममज्झयणं समत्तं // 6 // अह सभिक्खू णामं दसममज्झयणं णिक्खम्ममाणाइ य बुद्धवयणे, णिच्चं चित्तसमाहिओ हविज्जा / इत्थीण वसं ण यावि गच्छे, वंतं णो पडिआयइ जे स भिक्खु // 5 // पुढविण खण ण खणावए, सीओदगं ण पिए ण पियावए। अगणिसत्थं जहा सुणि सियं, तं ण जले ण जलावए जे स भिक्खू // 2 // अणिलेण ण वीए ण वीयावए, हरियाणि ण छिंदे ण विटाए / बीयाणि सया विवजयंतो, सचित्तं णाहारए जे स भिक्खू // 3 // वहणं तसथावराण होइ, पुढवीतणकट्ठणिस्सियाणं / तम्हा उद्देसियं ण भुंजे, णो वि पए ण पयावए जे स भिक्खू // 4 // रोइयणायपुत्तवयणे, अप्पसमे मणिज छप्पि काए / पंच य पासे महव्वयाई, पंचासवसंवरे जे स भिक्खू // 5 // चत्तारि वमे सया कसाए, धुवजोर्ग: य हविज बुद्धवयणे / अहणे णिजायरूवरयए, गिहिजोगं परिवजए ज स भिवख // 6 // सम्मदिट्ठी सया अमूढे, “अस्थि हु णाणे तवे मंजमें य" / तवसा धुणइ पुराणपावगं, मणवयकायसुसंडे जे स भिक्खू // 7 // तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता / "होही अट्ठो सुए परे वा," तं ण णि हे ण णिहावए जे स Page #485 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1076 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भिक्खू // 8 // तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता। छंदिय साहम्मियाण भुंजे, भोच्चा सज्झायरए जे स भिक्खू // ९॥ण य बुग्गहियं कहं कहिजा, ण य कुम्पे णिहुई दिए पसंते / संजमधुवजोगजुत्ते, उवसंते अविहे हुए जे स भिक्खू / / 10 / / जो सहइ हु गामकंटए, अक्कोसपहारतजणाओ य / भयभेरवसदसप्पहासे, समसुहदुक्खसहे य जे स भिक्खू // 11 // पडिमं पडिवज्जिया मसाणे, णो भीयए भयएभेरवाइं दिस्स। विविहगुणतवोरए य णिच्चं, ण सरीरं चाभिकखए जे स भिक्खू // 12 // असई वोसट्टचत्तदेहे, अक्कुटे व हए व लूसिए वा। पुढ विसमे. मुणी हविजा, अणियाणे अकोउहल्ले जे स भिक्खू // 13 // अभिभूय कारण परीसहाई, समुद्धरे जाइपहाउ अप्पयं / विहत्तु जाईमरणं महन्भयं, तवे रए सामणिए जे स भिक्खू // 14 // हत्थसंजए पायसंजए, वायसंजए संजइंदिए / अज्झप्परए मुसमाहियप्पा, सुत्तत्थं च वियाणइ जे स भिक्खू // 15 // उवहिम्मि अमुच्छिए अगिद्धे, अण्णाय उंछ पुलणिप्पुलाए / कयविक्कयसणिहिओ विरए, सव्वसंगावगए य जे स भिक्खू // 16 // अलोल भिक्खू ण रसेसु गिज्झे, उंछं चरे जीविय णाभिकंखे। इद्धिं च सक्कारणपूयणं च, चए ठियप्पा अणिहे ने स भिवखू // 17 // ण परं वइ. जासि "अयं कुसीले" जेणं च कुपिज ण तं वइजा। जाणिय पत्तेयं पुण्णपावं, अत्ताणं ण समुक्कसे जे स भिक्खू // 18 // ण जाइमत्ते ण य रूपमत्ते, ण लाभमत्ते ण सुएण मत्ते / मयाणि सब्वाणि विवजइत्ता, धम्मज्झाणरए जे स भिक्खू // 19 // पवेयए अजपयं महामुणी, धम्मे ठिओ ठावयई परं पि / णिक्खम्म वज्जिज कुसीललिंग, ण यावि हासं कुहए जे स भिक्खू // 20 // तं देहवासं असुइं असासयं, सया चए णिच्चहियट्ठियप्पा / छिंदित्तु नाईमरणस्स बंधणं, उवेइ भिक्खू अपुणागमं गई // 21 // त्ति-बेमि / / इति सभिक्खू णामं दसममज्झयणं समत्तं / अह रइवक्का णामं पढमा चूलिया इह खलु भो ! पव्वइएणं उप्पण्णदुक्खेण संजमे अरइसमावण्णचित्तेणं ओहाणुप्पेहिणा अगोहाइएणं चेव हयरस्सिगयंकुसपोयपडागाभूयाइं इमाइं अट्ठारस ठाणाई सम्म संपडिले हियव्वाइं भवंति, तंजहा-हं भो ! दुस्समाए दुप्पजीवी 1, लहुस्सगा इत्तरिया गिहीणं कामभोगा 2, भुज्जो य साइबहुला मणुस्सा 3, इमे य मे दुक्खे ण चिरकालोवट्ठाई भविस्सइ 4, ओमजणपुरकारे 5, वंतस्स य पडियाइयणं 6, Page #486 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं चूलिया 1 1077 अहरगइ-वासोवसंपया 7, दुलहे खलु भो ! गिहीणं धम्मे गिहिवासमझे वसंताणं 8, आयंके से वहाय होइ 9, संकप्पे से वहाय होइ 10, सोवक्केसे गिहिवासे णिरुवक्केसे परियाए 11, बंधे गिहिवासे मुक्खे परियाए 12, सावज्जे गिहिवासे अणवज्जे परियाए 13, बहुसाहारणा गिहिणं कामभोगा 14, पत्तेयं पुण्णपावं 15, अणिच्चे खलु भो ! मणुयाण जीविए कुसग्गनलबिंदुचंचले 16, बहुं च खलु भो! पावं कम्मं पगडं 17, पावाणं च खलु भो ! कडाणं कम्माणं पुट्विं दुच्चिण्णाणं दुप्पडिक्कंताणं वेइत्ता मुक्खो गस्थि अवेइत्ता तवसा वा झोसइत्ता 18 अट्ठारसमं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगो-जया य चई धम्मं, अणज्जो भोगकारणा। से तत्थ मुच्छिए बाले, भायइं णावबुज्झई // 1 // जया ओहाविओ होइ, इंदो वा पडिओ छमं / संवधम्मपरिब्भट्ठो, स पच्छा परितप्पई // 2 // जया य वंदिमो होइ, पच्छा होइ अवंदिमो / देवया व चुया ठाणा, स पच्छा परितप्पई // 3 // जया य पूइमो होइ, पच्छा होइ अपूइमो / राया व रजपन्भट्ठो, स पच्छा परितप्पई // 4 // जया य माणिमो होइ, पच्छा होइ अमाणिमो। सेटिव्व कब्बडे छूढो, स पच्छा परितप्पई // 5 // जया य थेरओ होइ, समइक्कंतजुव्वणो। मच्छुव्व गलं गिलित्ता, स पच्छा परितप्पई // 6 // जया य कुकुडंबस्स, कुतत्तीहि विहम्मई। हत्थी व बंधणे बद्धो, स पच्छा परितप्पई // 7 // पुत्तदारपरिकिण्णो, मोहसंताणसंतओ। पंकोसण्णो जहा णागो, स पच्छा परितप्पई // 8 // "अज याहं गणी हुँतो, भावियप्पा बहुस्सुओ / जइ हं रमंतो परियाए, सामण्णे जिणदेसिए" // 9 // देवलोगसमाणो य, परियाओ महे सिणं / याणं अरयाणं च, महाणरयसारिसो // 10 // अमरोवमं जाणिय सुक्खमुत्तम, रयाण परियाए तहारयाणं / णिरओवमं जाणिय दुक्खमुत्तम, रमिज तम्हा परियाए पंडिए // 11 // धम्माउ भट्ट सिरिओववेयं, जण्णग्गि विज्झायमिवप्पतेयं / हीलंति णं दुध्विहियं कुसीला, दादुट्टियं घोरविसं व णागं. // 12 // इहेवऽधम्मो अयसो अकित्ती, दुण्णामधिज्जं च पिहुजणम्मि / चुयस्स धम्माउ अहम्मसेविणो, संभिण्णवित्तस्स य हिट्ठओ गई // 13 // भुंजितु भोगाई पसज्झ चेयसा, तहाविहं कटु असंजमं बहुं / गई च गच्छे अणहिन्दियं दुहं, बोही व से णो सुलंह। पुणो पुणो // 14 // "हमस्स ता णेरइयस्स जंतुणो, दुहोवणीयस्स किलेसवत्तिणो / पलिओवमं झिज्झइ सागरोवमं, किमंग पुण मज्झ इमं मणोदुहं ? // 15 // ण मे चिरं दुक्खमिणं भविस्सइ, असासया भोग पिवास जंतुणो / ण चे Page #487 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1078 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सरीरेण इमेणऽविस्सई, अविस्सई जीवियपजवेण मे" // 16 // जस्सेवमप्पा उ हविज णिच्छिओ, चइज देहं ण हु धम्मसासणं / तं तारिसं णो पइलिंति इंदिया, उविंतिवाया व सुदंसणं गिरि // 17 // इच्चेव संपस्सिय बुद्धिमं णरो, आयं उवायं विविहं वियाणिया / काएण वाया अदु माणसेणं, तिगुत्तिगुत्तो जिणवयणमहिट्ठिजासि ॥१८॥त्ति-बेमि।। इय रइक्का णामा पढमा चलिया समत्ता॥१॥ अह विवित्तचरिया णाम बीया चूलिया चूलियं तु पवक्खामि, सुयं केवलिभासियं / जं सुणित्तु सुपुण्णाणं; धन्मे उप्प. जए मई // 1 // अणुसोयपट्ठिए बहुजणम्मि, पडिसोयलद्धलक्खेणं / पडिसोयमेव अप्पा, दायब्वो होउ कामेणं // 2 // अणुसोयसुहो लोओ, पडिसोओ आसवो सुविहियाणं / अणुसोओ संसारो, पडिसोओ तस्स उत्तारो // 3 // तम्हा आयारपरकमेण, संवरसमाहिबहलेणं / चरिया गुणा य णियमा य, हुंति साहूण दट्टव्वा // 4 // अणिएयवासो समुयाणचरिया, अण्णायउंछ पइरिकया य / अप्पोवही कलहविवजणा य, विहारचरिया इसिणं पसत्था // 5 // आइण्णओमाणविवजणा य, ओसण्णदिट्ठाहडभत्तपाणे / संसट्ठकप्पेण चरिज भिक्खू , तजायसंसट्ठ जई जइजा // 6 // अमजमंसासि अमच्छरीया, अभिक्खणं णिव्विगई गया य / अभिक्खणं काउस्सग्गकारी, सज्झायजोगे पयओ हविजा // 7 // ण पडिण्णविजा सयणासणाई, सिज्ज णिसिज्ज तह भत्तपाणं / गामे कुले वा णगरे व देसे, ममत्तभावं ण कहिं पि कुजा // 8 // गिहिणो वेयावडियं ण कुजा, अभिवायणं वंदणपूयणं वा / असंकिलिटेहिं समं वसिजा, मुणी चरित्तस्स जओ ण हाणी // 9 // ण या लभेजा णिउणं सहायं, गुणाहियं वा गुणओ समं बा / इक्को वि पावाई विवजयंतो, विहरिज कामेसु असज्जमाणो // 10 // संवच्छरं वावि परं पमाणं, बीयं च वासं ण तहिं वसिजा / सुत्तस्स मग्गेण चरिज भिक्खू , सुत्तस्स अत्थो जह आणवेइ // 11 // जो पुव्वरत्तावरत्तकाले, संपेहए अप्पगमप्पएणं / “कि मे कडं ? किं च मे किच्चसेसं ? किं सक्कणिज्ज ण समायरामि ? // 12 // किं मे परो पासह किं च अप्पा, किं वाहं खलिय ण विवजयामि / इच्चेव सम्मं अणुप्रासमाणो, अणागयं णो पडिबंध कुजा // 13 // जत्थेव पासे कइ दुप्पउत्तं, कारण वाया अदु माणसेणं / तत्थेव धीरो पडिसाहरिजा, आइण्णओ खिप्पमिव खली णं Page #488 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसवेयालियसुत्तं चूलिया 2 1079 // 14 // जम्नेरिसा नोग जिइंदियस्स, घिईमओ सप्पुरिसस्स णिच्चं / तमाहुलोए “पडिबुद्धजीवी", सो जीवइ संजमजीविएणं // 15 // अप्पा खलु सययं रविख“यव्वो, सविदिएहिं सुसमाहिएहिं / अरक्खिओ जाइपहं उवेह, सुरक्खिओ सव्वदुहाण मुच्चइ // 16 // त्ति-बेमि // इय विवित्तचरिया णामा बीया चूलिया समत्ता // 2 // // दसवेयालियसुत्तं समत्तं // Page #489 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #490 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अह विणयसुयं णामं पढममज्झयणं ई.जोगा विष्पमुक्कस्त, अणगारस्स भिक्खुणो / विणयं पाउकरिस्सामि, आणुपुदि सुणेह मे // 1 // आणाणिद्देसकरे, गुरूणमुक्वायकारए / इंगियागारसंपण्णे, से विणीए त्ति बुच्चई // 2 // आणाऽणिद्देसकरे, गुरूणमणुववायकारए / पडिणीए असंबुद्धे, अविणीए त्ति वुच्चई // 3 // जहा सुणी पूइकण्णी, णिक्कसिजई सव्वसो। एवं दुस्सीलपडिगीए, मुहरी णिकसिजई // 4 // कणकुण्डगं चहत्ताणं, विटुं भुंजइ सूयरे / एवं सीलं चहत्तागं, दुसीले रमई मिए // 5 // सुणिया भावं साणस्स, सूयरस्स णरस्स य / विणए ठवेज अप्पाणं, इच्छंतो हियमप्पणो // 6 // तम्हा विणयमेसिजा, सीलं पडिलभेजओ / बुद्धपुत्त णियागट्ठी, ण णिक्कसिजह कण्हुई // 7 // णिस्संते सियाऽमुहरी बुद्धाणं अंतिए सया। अट्ठजुत्ताणि सिक्खिजा, णिरट्ठाणि उ वजए // 8 // अणुसासिओ ण कुपिजा, खंति सेविज पंडिए / खुड्डेहिं सह संसग्गिं, हासं कीडं च वजए // 9 // मा य चंडालियं कासी, बहुयं मा य आलवे / कालेण य अहिज्जित्ता, तओ झाइज एगओ // 10 // आहच्च चंडालियं कट्ट, ण णिण्ह विज कयाइ वि / कडं कडे त्ति भासेजा, अकडं णो कडे त्ति य // 11 // मा गलियस्सेव कसं, वयणमिच्छे पुणो पुणो / कसं व दट्टमाइण्णे, पावगं परिवजए // 12 // अणा वा थूलवया कुसीला, मिउं पि चंडं पकरंति सीसा। चित्ताणुया लहु दक्खोववेया, पसायए ते हु दुरासयं पि // 13 / / णापुट्ठो वागरे किंचि, पुट्ठो वा णालियं वए। कोहं असच्च कुवेजा, धारेजा पियमप्पियं // 14 // अप्पा चेव दमेयन्यो, अप्पा हु खलु दुद्दमो। अप्पा दंतो सुही होइ, अस्सि लोए परत्थ य // 15 // वरं मे अप्पा दंतो, संजमेण तवेण व / माहं परेहि दम्मंतो, बंधणेहिं वहे हि य // 16 // पडिणीयं च बुद्धाणं, वाया अदुव कम्मुणा / आवी वा जइ वा रहस्से, णेव कुजा कयाइ वि ||17|| ण पक्खओ ण पुरओ, णेव किच्चाण पिट्टओ। ण जुंजे ऊरुणा ऊरं, सयणे णो पडिस्सुणे // 18 // व पल्हत्थियं कु.जा, पवखपिंडं च संजए / पाए पसारिए वावि, ण चिढे गुरुणंतिए // 19|| आयरिएहि काहित्तो, सिणीओ ण कयाइ वि। Page #491 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1082 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पसायपेही णियागट्ठी, उवचिढे गुरुं सया ||20|| आलवंते लवंते पा, ण णि सीएज कयाइ वि / चइऊणमासणं धीरो, जओ जुत्तं पडिस्सुणे // 21 // आसणगओ ण पुच्छेज्जा, णेव सेजागओ कयाइ वि / आगम्मुव कुडुओ संतो, पुच्छिजा पंजली तो / / 22 // एवं विणयजुत्तस्स, सुत्तं अत्थं च तदुभयं / पुच्छमाणस्स सीसस्स, वागरिज जहासुयं // 23 // मुसं परिहरे भिक्खू, ण य ओहारिणिं वए। भासादोसं परिहरे, मायं च वजए सया // 24 // ण लवेज पुट्ठो सावज्जं, ण णिरटुं ण मम्मयं / अप्पणट्ठा परट्ठा वा, उभयस्संतरेण वा // 25 / / समरेसु अगारेसु, संधीसु य महापहे / एगो एगितिथए सद्धिं, णेव चिंटे ण संलवे // 26 // जं मे बुद्धाऽणुसासंति, सीएण फरसेण वा / मम लाभो त्ति पेहाए, पयओ तं पडि'स्सुणे // 27 // अणुसासणमोवायं, दुकडस य चोयणं / हियं तं मण्णई पण्णो, वेसं होइ असाहुणो / / 28 / / हियं विगयभया बुद्धा, फरसं पि अणुसासणं / वेसं तं होइ मूढाणं, खंतिसोहिकरं पयं // 29 // आसणे उवचिढेजा, अणुच्चे अकुए थिरे / अप्पुट्ठाई णिरुट्ठाई, णिसीएजप्पकुक्कुए // 30 // कालेण णिवखमे भिवख, कालेण य पडिक्कमे / अकालं च विवज्जित्ता, काले कालं समायरे // 3 // परिवाडीए ण चितुजा, भिक्खू दत्तेसणं चरे। पडिरूवेण एसित्ता, मियं कालेण भक्खए // 32 // णाइदूरमणासण्णे, णऽण्णेसिं चक्खुफासओ। एगो चिटेज भत्तट्ठा, लंबित्ता तं णऽइक्कमे // 33 // णाइउच्चे व णीए वा, णासण्णे णाइदूरओ। फासुयं परकडं पिंडं, पडिगाहेज संजए // 34 // अप्पपाणेऽम्पबीयग्मि, पडिच्छण्णमि संबुडे / समयं संजए भुंजे, जयं अपरिसाडियं // 35 // सुकडित्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिण्णे सुहडे मडे / सुणिट्ठिए सुलट्ठित्ति, सावज्जं वजए मुणी // 36 // रमए पंडिए सासं हयं भदं व वाहए / बालं सम्मइ सासंतो, गलियस्सं व वाहए / / 37 / / खड्डया मे चवेडा मे, अक्कोसा य वहा य मे। कल्लाणमणुसासंतो, पावदिवित्ति मण्णई // 38 // पुत्तो मे भाय णाइत्ति, साहू कल्लाण मण्णई / पावदिट्ठि उ अप्पाणं, सासं दासित्ति मण्णई // 39 // ण कोवए आयरियं, अप्पाणं पि ण कोवए / बुद्धोवघाई ण सिया, ण सिया तोत्तगवेसए // 40 // आयरियं कुवियं णच्चा, पत्तिएण पसायए। विज्झवेज पंजलीउडो, वएज ण पुणो त्ति य // 41 // धम्मज्जियं च ववहारं, बुद्धेहायरियं सया। तमायरंतो ववहारं, गरहं णाभिगच्छई // 42 // मणोगयं वकगयं, जाणित्तायरियस्स उ / तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए // 43 // वित्ते अचोइए णिच्चं, खिप्पं हवइ सुचोइए / जहोवइ8 सुकयं, किच्चाई कुवई सया Page #492 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 2 1083 // 44 // णच्चा णमइ मेहावी, लोए कित्ती से जायए / हवई किच्चाणं सरणं, भूयाणं जगई जहा // 45 // पुजा जस्स पसीयंति, संबुद्धा पुध्वसंथुया। पसण्णा लाभइस्संति, विउलं अट्ठियं सुयं // 46 // स पुजसत्थे सुविणीयसंसए, मणोरई चिट्ठइ कम्मसंपया / तवोसमायारिसमाहिसंधुडे, महज्जुई पंच वयाइं पालिया // 47 // स देवगंधव्वमणुस्सपूइए, चइत्तु देहं मलकपुव्वयं / सिद्धे वा हवइ सासए, देवे वा अप्परए महिड्डिए // 48 // त्ति बेमि // इति विणयसुयं णामं पढममज्झयणं समत्तं // 1 // अह परिसहणामं दुइयमज्झयणं - सुयं मे आउस ! तेणं भगवया एवमक्खायं; इह खलु बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोच्चा णच्चा जिच्चा अभिभृय भिक्खायरियाए परिव्ययंतो पुट्ठो णो विणिहण्णेजा, कयरे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोच्चा णच्चा जिच्चा अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयंतो पुट्ठो णो विणिहण्णेजा ! इमे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोच्चा णच्चा जिच्चा अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्ययंतो पुट्ठो णो विणिहण्णेजा, तंजहा-दिगिंगापरीसहे 1, पिवासापरीसहे 2, सीयपरीसहे 3, उसिणपरीसहे 4, दंसमसयपरीसहे 5, अचेलपरीसहे 6, अरइपरीसहे 7, इत्थीपरीसहे 8, चरियापरीसहे 9, णिसीहियापरीसहे 10, सेजापरीसहे 11, अक्कोसपरीसहे 12, पहपरीसहे 13, जायणापरीसहे 14, अलाभपरीसहे 15, रोगपरीसहे 16, तणफासपरीसहे 17, जलपरीसहे 18, सक्कारपुरकारपरीसहे 19, पण्णापरीसहे 20, अण्णाणपरी सहे 21, दसणपरीसहे 22 / परोसहाणं पविभत्ती, कासवेणं पवेइया / तं मे उदाहरिस्सामि, आणुपुत्विं सुणेह मे // 1 // (1) दिगिंछापरिगए देहे, तवस्सी भिक्खू थामवं / ण छिंदे ण छिंदावए, ण पए ण पयावए // 2 // कालीपव्वंगसंकासे, किसे धमणिसंतए / मायण्णे असणपाणस्स, अदीणमणसो चरे // 3 // (2) तओ पुट्ठो पिवासाए, दोगुंछी लजसंजए / सीओदगं ण सेविजा, वियडस्सेसणं चरे // 4 // छिण्णापाएसु पंथेसु, आउरे सुपिवासिए / परिसुक्कमुहाऽदीणे, तं तितिक्खे परीसहं // 5 // (3) चरंतं विरयं लूहं, सीयं फुसइ एगया / णाइवेलं मुणी गच्छे, सोचाणं जिण Page #493 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1084 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सासणं ॥६॥ण मे णिवारणं अस्थि, छवित्ताणं ण विजई। अहं तु आणि सेवामि, इइ भिक्खू ण चिंतए // 7 // (4) उसिणं परियावेणं, परिदाहेण तज्जिए। प्रिंसु वा परियावेणं, सायं णो परिदेवए // 8 // उण्हाहितत्तो मेहावी, सिणाणं णो वि पत्थए / गायं णो परिसिंचेजा, ण वीएजा य अप्पयं // 9 // (5) पुट्ठो य दंसमसएहि, समरे व महामुणी / णागो संगामसीसे वा, सूरो अभिहणे परं // 10 // ण संतसे ण वारेजा, मणं पि ण पओसए / उवेहे ण हणे पाणे, भुंजते मंससोणियं // 11 // (6) परिजुण्णेहिं वत्थेहि, होक्खामि त्ति अचेलए / अदुवां सचेले होक्खामि, इइ भिक्खू ण चिंतए // 12 // एगयाऽचेलए होइ, सचेले यावि एगया। एयं धम्म हियं णच्चा, णाणी णो परिदेवए // 13 // (7) गामाणुगामं रयंतं, अणगारं भकिंचणं / अरई अणुप्पवेसेजा, तं तितिक्खे परीसहं // 14 // अरई पिट्टओ किच्चा, विरए आयरक्खिए / धम्मारामे णिरारम्भे, उवसंते मुणी चरे // 15 // (8) संगो एस मगूमाणं, जाओ लोगम्मि इथिओ / जस्स एया परि. प्रणाया, सुकडं तस्स सामण्णं // 16 // एवमादाय मेहावी, पंकभूया उ इथिओ। णो ताहि विणिहण्णेजा, चरेजऽत्तगवेसए // 17 // .(9) एग एव चरे लाढे, अभिभूय परीसहे / गामे वा णगरे वावि, णिगमे वा रायहाणिए / // 18 // असमाणे चरे भिक्खू , णेव कुज्जा परिग्गहं / असंसत्तो गिहत्थेहि, अणिएओ परिव्वए // 19 // (10) सुसाणे सुण्णगारे वा, रुक्खमूले व एगओ / अकुक्कुओ णिसीएजा, ण य वित्तासए परं // 20 // तत्थ से चिट्ठमाणस्स, उवसम्माभिधारए / संकाभीओ ण गच्छेजा, उद्वित्ता अण्णमासणं // 21 // (11) उच्चावयाहिं सेजाहि, तवसी भिक्खू थामवं / णाइवेलं विहण्णिजा, पावदिट्ठी विहण्णई // 2 // पइरिक्कुवस्सयं ल , कल्लाणमदुव पावयं / किमेगराई करिस्सइ, एवं तत्थऽहियासए // 23 // (12) अक्कोसेजा परे भिक्खु, ण तेसिं पडिसंजले / सरिसो होइ बालागं, तम्हा भिक्खू ण संजले // 24 // सोचाणं फरुसा भासा, दारुणा गामकंटगा। तुसिणीओ उवेहेजा, ण ताओ मणसीकरे // 25 // (13) हओ ण संजले भिक्खू, मणं पि ण पओसए। तितिक्खं परमं णच्चा, भिक्खू धम्मं विचिंतए // 26 // समणं संजयं दंतं, हणिज्जा कोइ कत्थई / णत्थि जीवस्स णासुत्ति, एवं पंहेज संजए / / 27 / / (14) दुकरं खलु भो णिच्चं, अणमारस्स भिवखुणो। सव्वं से जाइयं होइ, णस्थि किंचि अजाइयं // 28 // गोयरग्गपविट्ठस्स, पाणी णो सुम्पसारए / सेओ अगारवासुत्ति, इइ भिक्खू Page #494 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 3 1085 ग चिंतए // 29 // (15) परेसु घासमेसेजा, भो पणे परि गेटिए / लद्धे पिंडे अल वा, णाणुतप्पेज पंडिए // 30 // अज्जेवाहं ण लभामि, अवि लाभो सुए सिया / जो एवं पडिसंचिक्खे, अलाभो तंण तजए // 31 // (16) णच्चा उप्पइयं दुवखं वेयणाए दुट्ठिए / अदीणो थावर पण्णं, पुट्ठो तत्थऽहियासए / / 32 // तेइच्छं णाभिणंदेजा, संचिक्खऽत्तगवेसए / एवं खु तस्स सामणं, जंण कुज्जा ण कारवे // 33 / / (17) अचेलगस्स लूहस्स, संजयस्स तस्सियो / तणेसु सयमाणस्स, हुजा गायविराहणा // 34|| आयवस्स णिवाएण, अउला हवइ वेयणा / एवं णच्चा ग सेवंति, तंतुजं तणज्जिया // 35 // (18) किलिण्णगाए मेहाबी, पंकेण व रएण बा। प्रिंसु वा परियावेण, सायं णो परिदेवए / 36 // वेएज णिजरापेही आरियं धम्मऽणुत्तरं / जाव सरीरभेउत्ति, चल्लं कारण धारए // 37 // (19) भभिवायणमन्भुट्ठाण, सामी कुजा णिमंतणं / जे ताई पडिसेवंति, ण तेसि, पीहए मुणी // 38 // अणुक्कसाई अप्पिच्छे,अण्णाएसी अलोलुए। रसेसु णाणु गिज्झेजा, णाणुतपेज पण्णवं // 39 // (20) से Yणं मए पुव्वं, कम्माऽणाणपला कडा / जेणाहं णाभिजाणामि, पुट्ठो केणइ कण्हुई // 40 // अह पच्छा उइज्जंति, कम्माऽणाणपला कडा / एष. मस्सासि अप्पाणं, णच्चा कम्मविवागयं // 41 // (२१)णिरहगम्मि विरओ, मेहुणाओ सुमंबुडो / जो सक्ख णाभिजाणामि, धम्म कल्लाणपावगं / / 42 // तवोवहाणमादाय, पडिमं पडिवजओ / एवं पि विहरओ मे, छउमं ण णियई // 43 / / (22) स्थि गुणं परे लोए, इट्टीवावि तवस्सिणो। अदुवावचिओमित्ति, इइ भिक्खू ण चिंतए // 4 // अभू जिमा अस्थि जिणा, अदुवा वि भविस्सइ / मुसं ते एवमासु, इड भिक्खू चिंतए // 45 / / एए परीसहा सव्वे, कासवेण पवेड्या / जे भिवखू ग विहण्णेजा, पुट्ठो केणइ कण्हुई // 46 // त्ति बेमि // इति परिसहणाम दुइयमज्झयणं समत्तं // 2 // .. अह चाउरंगिज्जं णामं तइयमज्झयणं चत्तारि परमंगाणि, दुलहाणीह जंतुणो / माणु सत्तं सुई सद्धा, संजमग्मि य वीरियं // 1 // समावण्णाण संसारे, णा गोतासु जाइसु / कम्मा णाणाविहा कटु, पुढो विस्संभया पया // 2 // एगया देवलोएसु, णरएसु वि एगया / एगया आसुरं काय, अहाकम्मेहिं गच्छह // 2 // एगया खत्तिओ होइ, तओ चंडालबुक.सो / Page #495 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1086 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . तओ कीडपयंगो य, तओ कुंथुपिवीलिया // 4 // एवमावट्टजोणीसु, पाणिणो कम्मकिदिवसा / ण णिविज्जति संसारे, सव्वढेसु व खत्तिया // 5 // कम्मसंगेहिं संमूढा, दुक्खिया बहुवेयणा / अमाणुसासु जोणीसु, विणिहम्मति पाणिणो // 6 // कम्माणं तु पहाणाए, आणुपुवी कयाइ उ / जीवा सोहिमणुप्पत्ता, आययंति मणुस्सयं // 7 // माणुस्सं विग्गहं लधु, सुई धम्मस्त दुल्लहा / जं सोचा पडिवज्जति, तवं खतिमहिंसयं // 8 // आहच्च सवणं ल , सद्धो परमदुल्लहा / सोचा णेयाउयं मग्गं, बहवे परिभस्सई // 9 // सुइं च लड़े सद्धं च, वीरियं पुण दुल्लहं / बहवे रोयमाणा वि, णो य णं पडिवजए // 10 // माणुसत्तंमि आयाओ, जो धम्म सोच सद्दहे / तवस्सी वीरियं लधु, संवुडे णिधुणे रयं // 11 // सोही उज्जुयभूयस्स, धम्मो सुद्धस्स चिट्ठई / णिबाणं परमं जाइ, घयसित्तिव्व पावए 12 // विगिंच कम्मुणो हेलं, जसं संचिणु खंतिए / सरीरं पाढवं हिच्चा, उड़े पक्कमई दिसं // 13 // विसालिसेहिं सीलेहिं, जक्खा उत्तरउत्तरा। महासुक्का व दिपंता, मण्णंता अपुणच्चवं // 14 // अप्पिया देवकामाणं, कामरूवविउव्विणो / उट्ठे कप्पेसु. चिटुंति, पुव्वा वाससया बहू // 15 // तत्थ ठिच्चा जहाठाणं, मक्खा आउक्खए चुया / उर्वति माणुसं नोणिं, से दसंगेऽभिजायए // 16 // खेत्तं वत्थु हिरणं च, पैसवो दासपोरेसं / चत्तारि कामखंधाणि, तत्थ,से उववजई // 17 // मित्तैवं णाय होइ, उच्चागोएँ य वण्णवं / अपायके महापण्णे, अभिजाएँ जसो बले" // 18 // भुच्चा माणुस्सए भोए, अप्पडिरूवे अहाउयं / पुव्वं विसुद्धसद्धम्मे, केवलं बोहि बुज्झिया ॥१९॥चउरंगं दुल्लहं णच्चा, संजमं पडिवज्जिया। तवसा धुयकम्मंसे, सिद्धे हवइ सासए // 20 // त्ति-बेमि / / इतिचाउरगिज्ज णाम तइयमज्झयणं समत्तं // 3 // . अह असंखयं णाम चउत्थमज्झयणं __ असंखयं जीविय मा पमायए, जरोवणीयस्स हु णस्थि ताणं / एवं वियाणाहि जणे पमत्ते, किं णु विहिंसा अजया गहिति // 1 // जे पावकम्मेहिं धणं मणूसा, समाययंती अमइं गहाय / पहाय ते पासपयट्टिए गरे, वेराणुबद्धा णरयं उति // 2 // तेणे जहा संधिमुहे गहीए, सकम्मुणा किच्चइ पापकारी / एवं पया पेच्च इहं च लोए, कडाण कम्माण ण मुक्ख अस्थि // 3 // संसारमावण्ण परस्स अट्ठा, साहारणं जं च करेइ कम्मं / कम्मस्स ते तस्स उ वेंयकाले, ण बंधवा बंधवयं Page #496 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 5 1087 उति // 4 // वित्तेण ताणं ण लभे पमत्ते, इमंमि लोए अदुवा परत्था / दीवप्पणदेव अणंतमोहे, णेयाउयं दटुमदटुमेव // 5 // सुत्तेसु यावी पडिबुद्ध र्ज वी, ण 'वीससे पंडिए आसुपण्णे / घोरा मुहुत्ता अबलं सरीरं, भारंडपक्खीव चरेऽप्पमत्ते // 6 // चरे पयाई परिसंकमाणो, जं किंचि पास इह मण्णमाणो / लाभंतरे जीविय बूहहत्ता, पच्छा परिण्णाय मलावधंसी // 7 // छंद णिरोहेण उवेइ मोक्खं, आसे जहा सिक्खियवम्मधारी / पुव्वाई वासाई चरेऽप्पमत्तो, तम्हा मुणी खिप्पमुवेइ मोक्खं // 8 // स पुवमेवं ण लभेज पच्छा, एसोवमा सासयवाइयाणं / विसीयई सिढिले आउयम्मि, कालोवणीए सरीरस्स भेए // 9 // खिप्पं ण सक्केइ विवेगमे, तम्हा समुट्ठाय पहाय कामे / समिच्च लोयं समया महेसी, आयाणुरक्खी चरें। ऽप्पमत्तो // 10 // मुहूं मुहं मोहगुणे जयंतं, अणेगरूवा समणं चरंतं / फासा पुसंति असमंजसं च, ग तेसि भिक्खू मणसा पउस्से // 11 // मंदा य फासा बहुलोहणिज्जा, तहप्पगारेसु मणं ण कुजा / रक्खिज कोहं विणएज माणं, मायं ण सेवेज पहेज लोहं // 12 // जेऽसंखया तुच्छपरप्पवाई, ते पिज्जदोसाणुगया परज्झा। एए अहम्मे त्ति दुगुंछमाणो, कंखे गुणे जाव सरीरभेउ // 13 // त्ति-बेमि // इति असंखयं णाम चउत्थमज्झयणं समत्तं // 4 // अह अकाममरणिज्जं णामं पंचममज्झयणं अण्णवंसि महोहंसि, एगे तिण्णे दुरुत्तरे / तत्थ एगे महापण्णे, इमं पण्हमुदा. हरे // 1 // संतिमे य दुवे ठाणा, अक्खाया मरणंतिया। अकाममरणं चेव, सकाममरणं तहा // 2 // बालाणं अकामं तु, मरणं असइं भवे। पंडियाणं सकाम तु, उक्कोसेण सई भवे // 3 // तत्थिमं पढमं ठाणं, महावीरेण देसियं / कामगिद्धे जहा बाले, मिसं कूराई कुव्वई / / 4 // जे गिद्धे कामभोगेसु, एगे कूडाय गच्छई / ण मे दिढे परे लोए, चक्खुदिट्ठा इमा रई // 5 // हत्थागया इमे कामा, कालिया जे अणागया। को जाणइ परे लोए, अस्थि वा णत्थि वा पुणो // 6 // जणेण सद्धि होक्खामि, इइ वाले पगभई / कामभोगाणुराएणं, केसं संपडिवजई // 7 // तओ से दंड समारभई, तसेसु थावरेसु य / अट्ठाए य अणट्ठाए, भूयगामं विहिंसई / / 8 / / हिसे बाले मुसावाई, माइल्ले पिसुणे सढे / भुंजमाणे सुरं मंसं, सेयमेयं ति मण्णई / / 9 / / कायसा वयसा मत्ते, वित्ते गिद्धे य इत्थिसु / दुहओ मलं संचिणइ, सिसुणागुव्व Page #497 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1088 अनंगपविटुसुत्ताणि मट्टियं // 10 // तओ पुट्ठो आयंकेणं, गिलाणो परितप्पई / पमीओ परलोगस्स, कम्माणुप्पेहि अप्पणो // 11 // सुया मे णरए ठाणा, असीलाणं च जा गई। बालागं कूरकम्माणं, पगाढा जत्थ वेयणा // 12 // तत्थोववाइयं ठाणं, नहा मेय.. मणुस्सुयं / अहाकम्मेहिं गच्छंतो, सो पच्छा परितप्पई // 13 // जहा सागडिओ जाणं, समं हिच्चा महापहं / विसमं मग्गमोइण्णो, अक्खे भग्गम्मि सोयई // 14 // वं धम्मं विउक्कम्म, अहम्मं पडिवज्निया / बाले मच्चुमुहं पत्ते, अक्खे भग्गे व सोपई // 15 // तओ से मरणंतम्मि, बाले संतसई भया / अकाममरणं मरइ, हुत्ते व कलिणा जिए // 16 // एयं अकाममरणं, बालाणं तु पवेइयं / इत्तो सकाममरणं, पंडियाणं सुणेह मे // 17 // मरणं पि सपुण्णाणं, जहां मेयमणुस्सुयं / विप्पसण्णमणाघायं, संजयाण बुसीमओ // 18 // ण इमं 'सव्वेसु भिक्खूसु, ण इमं सव्वेसु. ऽगारिसु / णाणासीला अगारत्था, विसमसीला य भिवखुणो // 19 // संति एगेहिं भिक्खूहिं गारत्था संजमुत्तरा / गारत्थेहि य सम्वेहि, साहयो संजमुत्तरा // 20 // चीराजिणं णगिणिणं, जडी संघाडि मुंडिण / एयाणि वि ण तायंति, दुस्सीलं परियागयं // 21 // पिंडोलएव्व दुस्सीले, णरगाओ ण मुच्चई / भिक्खाए वा गिहत्थे वा, सुब्बए कम्मई दिवं // 22 // अगारि सामाइयंगाणि, सड्डी काएण फासए / पोसहं दुहओ पक्खं, एगरायं / हावए // 23 // एवं सिक्स्यासमावण्णे, गिहिवासे वि सुब्बए / मुच्चई छविपद्बाओ, गच्छे जक्खसलोगयं // 24 // अह जे संवुडे मिक्खू, दोण्हं अण्णयरे सिया। सव्वदुक्खपहीणे वा, देवे वावि महिहिए // 25 // उत्तराई विमोहाई, जुईमंताऽणुपुव्वसों। समाइण्णाई जस्खेहि, आवासाइं जसंसिणो // 26 // दीहाउया इथिमंता, समिद्धा कामरूविणो। अहुणोववण्णसंकासा, भुज्जो अच्चिमालिप्पभा // 27 // ताणि ठाणाणि गच्छंति, सिक्खित्तासंजमं तवं / भिक्खाए वा गिहत्थे वा, जे संति परिणिचुडा // 28 // तेसिं सोचा सपुजाणं, संजयाण वुसीमओ / ण संतसंति मरणंते, सीलवंता बहुस्सुया // 29 // तुलिया विसेसमादाय, दयाधम्मस्स खतिए / विप्पसीएज मेहावी, तहाभूएण अप्पणा // 30 // तओ काले अभिपए, सद्दी तालिसमंतिए / विणएज लोमहरिसं, मेयं देहस्स कंखए // 31 // अह कालम्मि संपत्ते, आघायाय समुस्सयं / सकाममरणं मरई, तिण्डमण्णयरं मुणी // 32 // त्ति-वेमि // इति अकाममरणिज्जं णामं पंचममज्झयणं समत्तं // 5 // Page #498 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अह खुड्डागणियंठिज्जं णामं छ?मज्झयणं जावंतऽविजापुरिसा, सव्वे ते दुक्खसंभवा / लुप्पंति बहूसो मूढा, संसारंमि अणंतए // 1 // समिक्ख पंडिए तम्हा, पासनाइपहे बहू। अप्पणा सच्चमेसेजा, मेत्तिं भूएसु कम्पए // 2 // माया पिया ण्हुसा भाया, भजा पुत्ता य ओरसा। णालं ते मम ताणाए, लुप्पंतस्स सकम्मणा // 3 // एयमढे सपेहाए, पासे समियदंसणे / छिंदे गिद्धिं सिणेहं च, ण कंखे पुव्वसंथवं // 4 // गवासं मणिकुंडलं, पसवो दासपोरुसं / सबमेयं चइत्ताणं, कामरूवी भविस्ससि // 5 ॥(थावरं जंगमं चेव, धणं धण्णं उवाखरं / पच्चमाणस्स कम्मेहि, णालं दुक्खाओ मोयणे।) अज्झत्थं सव्वओ सव्वं, दिस्स पाणे पियायए / ण हणे पाणिणो पाणे, भयवेराओ उवरए // 6 // आयाणं णरयं दिस्स, णायएज तणामवि / दोगुंछी अप्पणो पाए, दिण्णं भुंजेज भोयणं / / 7 // इहमेगे उ मण्णंति, अप्पचक्खाय पावगं / आयरियं विदित्ताणं, सव्वदुक्खा विमुच्चई // 8 // भणंता अकरेंता य, बंधमोवखपइणिणो। वायाविरियमेत्तेण, समासासेंति अप्पयं // 9 ॥ण चित्ता तायए भासा, कुओ विजाणुसासणं / विसण्णा पावकम्मेहि, बाला पंडियमाणिणो // 10 // जे के सरीरे . सत्ता, वण्णे रूवे य सव्वसो / मणसा कायवक्केणं, सव्वे ते दुक्खसंभवा / / 11 // आवण्णा दीहमदाणं, संसारंमि अणंतए / तम्हा सव्वदिसं पस्सं, अप्पमत्तो परिव्वए // 12 // बहिया उड्डमादाय, णाचकंखे कयाइ वि / पुव्वकम्मक्खयहाए, इमे देहं समुद्धरे // 13 // विगिंच कम्मुणो हेउं, कालखी परिव्वए / मायं पिंडस्स पाणस्स, कडं लक्षूण भवखए // 14 // सण्णिहिं च ण कुव्वेजा, लेवमायाए संजए। पक्खीपत्तं समादाय, णिरवेक्खो परिव्वए // 15 // एसणासमिओ.लज्जू , गामे भणियओ चरे / अप्पमत्तो पमत्तेहिं, पिंडवायं गवेसए // 16 // एवं से उदाहु अणुत्तरणाणी,अणुत्तरदंसी अणुत्तरणाणदंसणधरे। अरहा णायपुत्ते भगवं, वेसालिए वियाहिए // 17 // त्ति-बेमि // इति खुड्डागणियंठिज्जंणामं छ?मज्झ'यणं समत्तं // 6 // अह एलइज्जणामं सत्तममज्झयणं जहाऽएसं समुद्दिस्स, कोइ पोसेज एलयं / ओयणं जवसं देजा, पोसेजा वि सयंगणे // 1 // तओ से पुढे परिवूढे, जायमेए महोयरे / पीणिए विउले देहे, Page #499 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1090 अनंगपविद्वसुत्ताणि आएसं परिकंखए // 2 // जाव ण एइ आएसे, ताव जीवइ से दुही / अह पत्तम्मि आएसे, सीस छेत्तण भुजई // 3 // जहा से खलु उरब्भे, आएसाएं सम हिए / एवं. बाले अहम्मिडे, ईहई णरयाउयं // 4 // हिंसे बाले मुसावाई, उद्धाणंमि विलोवए / अण्णदत्तहरे तेणे, माई कं णु हरे सढे // 5 // इत्थी विसयगिद्धे य, महारंभपरिग्गहे। भुंजमाणे सुरं मंसं, परिवूढे परंदमे // 6 // अयकक्करभोई य, तुंदिल्ले चियलोहिए। आउयं णरए कंखे, जहाएसं व एलए // 7 // आसणं सयणं जाणं, वित्तं कामे य भुंजिया / दुस्साहडं धणं हिच्चा, बहुं मंचिणिया रयं // 8 // तओ कम्मगुरू जंतू, पच्चुप्पण्णपरायणे / अयव्व आगयाएसे, मरणंतरिम सोयई // 9 // तओ आउपरिक्खीणे, चुयदेहा विहिंसगा। आसुरीयं दिसं बाला, गच्छंति अवसा तमं // 10 // जहा कागिणिए हेउं, सहस्सं हारए गरो / अपत्थं अंबगं भोच्चा, राया रज्जंतु हारए // 11|| एवं माणुस्सगा कामा, देवकामाण अंतिए / सहस्सर णिया भुज्जो, आउं कामा य दिव्विया // 12 // अणेगवासाणउया, जा सा पण्णवओ ठिई। जाणि जीयंति दुम्मेहा, ऊणे वाससयाउए // 13 // जहा य तिणि वाणिया, मूलं घेत्तण णिग्गया। एगोऽत्थ लहई लामं, एगो मूलेण आगओ // 14 // एगो मूलं पि हारित्ता, आगओ तत्थ वाणिओ। ववहारे उवमा एसा, एवं धम्मे वियाणह // 15 // माणुसत्तं भवे मूलं, लाभो देवगई भवे / मूलच्छेएण जीवाणं, णरगतिरिक्खत्तणं धुवं // 16 // दुहओ गई बालस्स, आवई वह मूलिया / देवत्तं माणुसत्तं च, जं जिए लोलयासढे // 17 // तओ जिए सइं होई, दुविहं दुग्गइं गए / दुल्लहा तस्स उम्मग्गा, अद्धाए सुचिरादवि // 18 // एवं जियं सपेहाए, तुलिया बालं च पंडियं / मूलिय ते पवेसंति, माणुसिं जोणिमेति जे // 19 // वेमायाहिं सिक्वाहि, जे णरा गिहिसुव्वया / उवेति माणुसं जोणिं, कम्मसच्चा हु पाणिणो // 20 // जे सिं तु विउला सिक्खा, मूलियं ते अइच्छिया। सीलवंता सविसेसा, अदीणा जंति देवयं / / 21 // एवमद्दीणवं भिक्खू , अगारिं च वियाणिया। कहण्णु जिच्चमेलिक्खं, जिच्चमाणे ण संविदे // 22 // जहा कुसन्गे उदगं, समुद्देण समं मिणे। एवं माणुस्सगा कामा, देवकामाण अंतिए // 23 / / कुसरगमेत्ता इमे कामा, सण्णिरुद्धम्मि आउए / कस्स हेउं पुराकाउं, जोगवखेमं ण संविदे // 24 // इह कामाणियहस्स, अत्तढे अवरज्झई / सोच्छा णेयाउयं मन्गं, ज भुजो परिभस्सई // 25 // इह कामाणियट्टस्स, अत्तढे णावरज्झई / पूइदेहणिरोहेणं, भवे देवे त्ति मे सुयं // 26 // इट्टी जुई जसो वण्णो, आउं सुहमणुत्तरं / भुज्जो जत्थ मणुस्सेसु, तत्थ से Page #500 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 8 1061 उववजई // 27 // बालस्स पस्स बालतं, अहामं पडिवज्जिया। चिच्चा धग्मं अहम्मिट्टे, णरएसूबवजई // 28 // धीरस्स पस्स धीरत्तं, सव्वधग्माणुवत्तिणो / चिच्चा अधम्मं धम्मिटे, देवेसु उववजई / / 29 // तुलियाण बालभावं, अबालं चेव पंडिए / चइऊण बालभावं, अबालं सेवए मुणि ॥३०॥त्ति-बेमि // इति एलइज्जं णामं सत्तममज्झयणं समत्तं // 7 // अह काविलियं णामं अट्टममज्झयणं अधुवे असासयम्मि, संसारंमि दुक्खपउराए / किं णाम होज तं कम्मयं, जेणारं दुग्गइं ण गच्छेजा 1 // 1 // विजहित्तु पुव्वसंजोयं, ण सिणेहं कहिँचि कुव्वेजा। असिणेहसिणेहकरेहि, दोसपओसेहिं मुच्चए भिक्खू // 2 // तो णाणदंसणसमन्गो, हियहिस्सेसाए सव्वजीवाणं / तेसिं विमोक्खणट्ठाए, भासइ मुणिवरो विगयमोहो / / 3 / / सव्वं गंथं कलहं च, विप्पजहे तहाविहं भिक्खू / सव्वेसु कामजाए सु, पासमाणो ण लिप्पई ताई // 4 // भोगामिसदोसविसण्णे, हियणिस्सेयसबुद्धिवोच्चत् / बाले य मंदिए मूढे, बज्झइ मच्छिया व खेलम्मि // 5 // दुप्परिच्चया इमे कामा, णो सुजहा अधीरपुरिसेहिं / अह संति सुव्वया साहू, जे तरंति अतरं वणिया वा // 6 // समणा मु एगे वयमाणा, पाणवहं मिया अयाणता / मंदा णिरयं गच्छंति, बाला पावियाहिं दिट्ठीहिं // 7 // ण हु पाणवहं अणुजाणे, मुच्चेज कयाइ सव्वदुक्खाणं / एवमायरिएहिं अक्खाय, जेहिं इमो साहुधम्मो पण्णत्तो // // पाणे य णाइवाए जा, से समीइत्ति बुच्चई ताई / तओ से पावयं कम्मं, णिजाइ उदगं व थलाओ / / 9 / / जगणिस्सिएहिं भूएहिं, तसणामेहिं थावरेहिं च / णो तेसिमारभे दंडं, मणसा वयसा कायसा चेव // 10 // सुद्धेसणाओ णच्चाणं, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं / जायाए घासमेसेजा, रसगिद्धे ण सिया भिक्खाए // 11 // पंताणि चेव सेवेजा, सीयपिंडं पुराणकुम्मास / अदु बुक्कसं पुलागं वा, जवणट्टाए णिसेवए मंथु / / 12 / / जे लक्खणं च सुविणं च, अंगविज्जं च जे पउंति ।ण हु ते समणा वुच्चंति, एवं आयरिएहिं अक्खायं / / 13 / / इह जीवियं अणियमेत्ता, पन्भट्ठा समाहि जोएहिं / ते कामभोगरसगिद्धा, उववज्जति आसुरे काए // 14 // तत्तो वि य उव्वट्टित्ता, संसारं बहु अणुपरियति / बहुकम्मलेवलित्ताणं, बोही होइ सुदुल्लहा तेसिं // 15 / / कसिणं पि जो इमं लोयं, पडिपुण्णं दलेज इक्कस्स / तेणावि से ण संतुस्से, इइ दुप्यूरए इमे आया // 16 // जहा लाहो Page #501 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1092 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तहा लोहो, लाहा लोहो पवई / दोमासकयं कज्जं, कोडीए वि ण णिट्ठियं // 17 / / णो रक्खसीसु गिज्झेजा, गंडवच्छासुऽणेगचित्तासु / जाओ पुरिसं पलोभित्ता, खेलं ति.. जहा व दासेहिं // 18 // णारीसु णोवगिज्झेजा, इत्थी विप्पजहे अणगारे / धम्म च पेसलं णच्चा, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं // 19 / / इइ एस धम्मे अक्खाए, कविलेणं च विसुद्धपण्णेणं / तरिहिंति जे उ काहिति, तहिं आराहिया दुवे लोग / / 20 / त्ति-बेमि / / इति काविलियं णामं अट्ठममज्झयणं समत्तं // 8 // अह णमिपव्वज्जा णामं णवममज्झयणं चइऊण देवलोगाओ, उववण्णो माणुसमि लोगंमि / उवसंतमोहणिज्जो, सरई / पोराणियं जाइं // 1 // जाइं सरित्तु भयवं, सयंसंबुद्धो अणुत्तरे धम्मे / पुत्तं ठवेत्तु रज्जे, अमिणिक्खमई णमी राया // 2 // सो देवलोगसरिसे, अंतेउरवरगओ वरे भोए / भुंजित्तु णमी राया, बुद्धो भोगे परिचयई // 3 // मिहिलं सपुरजणवयं, बलमोरोहं च परियणं सव्वं / चिच्चा अभिणिक्खंतो, एगंतमहिडिओ भयवं // 4 // कोलाहलगभूयं, आसी मिहिलाए पव्ययंतमि / तइया रायरिसिंमि, णमिमि अभिणिक्खमंतंमि // 5 // अब्भुट्ठियं रायरि सिं, पवजाठोणमुत्तमं / सक्को माहण. रूवेण, इमं वयणमब्बवी // 6 // किं णु भो ! अज मिहिलाए, कोलाहलगसंकुला। सुव्वंति दारुणा सद्दा, पासाएसु गिहेसु य // 7 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ / तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 8 // मिहिलाए चेइए वच्छे सीयच्छाए मणोरमे / पत्तपुप्फफलोवेए, बहूणं बहुगुणे सया // 9 // वारण हीरमाणम्मि, चेइयम्मि मणोरमे / दुहिया असरणा अत्ता, एए कंदंति भो ! खगा // 10 // एयमद्वं णिसामित्ता, हेजकारणचोइओ / तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 11 // एस अग्गी य बाऊ य, एयं डज्झइ मंदिरं / भयवं अंतेउरं तेणं, कीस णं णावपेक्खह // 12 // एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 13 // सुहं वसामो जीवामो, जेसिं मो णत्थि किंचणं / मिहिलाए डज्झमाणीए, ण मे डज्झइ किंचणं // 14 // चत्तपुत्तकलत्तस्स, णिव्वावारस्स भिक्खुणो / पियं ण विजई किंचि, अप्पियं पि ण विजई // 15 // बहुं खु मुणिणो भई, अणगारस्स भिवखुणो। सवओ विप्पमुक्कस्स, एगंतमणुपस्सओ // 16 // एयमहूँ णिसामित्ता, हेउकारणचोइओ / तओ Page #502 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - उत्तरज्झयणसुतं अ. 9 1093 णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 17 // पागारं कारइत्ताणं, गोपुरट्टालगाणि य / उस्सूलगसयग्घीओ, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 18 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ / तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 19 // सद्धं गगरं किच्चा, तवसंवरमग्गलं। खंतिं णिउणपागारं, तिगुत्तं दुप्पधंसयं // 20 // धj परक्कम किच्चा, जीवं च इरियं सया / धिहं च केयणं किच्चा, सच्चेणं पलिमंथए // 21 // तवणारायजुत्तेण, भित्तूंण कम्मकंचुयं / मुणी विगयसंगामो, भवाओ परिमुच्चए // 22 // एयमढे णिसामित्ता, हेउकारणचोइओ / तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 23 // पासाए कारइत्ताणं, वद्धमाणगिहाणि य / वालग्गपोइयाओ य, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 24 // एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्रवी // 25 // संसयं खलु सो कुणई, जो मग्गे कुणई घरं / जत्थेव गंतुमिच्छेजा, तत्थ कुव्वेज सासयं // 26 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 27 // आमोसे लोमहारे य, गंठिभेए य तक्करे / णगरस्स खेमं काऊणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 28|| एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ / तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 29 // असई तु मणुस्सहिं, मिच्छा दंडो पजुज्जई / अकारिणोऽत्थ बज्झंति, मुच्चई कारओ जणो॥३०॥ एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं देविदो इणमब्बवी // 31 // जे केइ पस्थिवा तुझं, णाणमंति णराहिवा। वसे ते ठावइत्ताणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 32 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 33 // जो सहस्सं सहस्साणं, संगामे दुजए जिणे / एगं जिणेज अप्पाणं, एस से परमो जओ // 34 // अप्पाणमेव जुज्झाहि, किं ते जुज्झेण बज्झओ। अप्पाणमेव अप्पाणं, जइत्ता सुहमेहए // 35 // पंचिंदियाणि कोहं, माणं मायं तहेव लोहं च / दुजयं चेव अप्पाणं, सव्वमप्पे जिए जियं // 36 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 37|| जइत्ता विउले जण्णे, भोइत्ता समणमाहणे / दच्चा भोच्चा य जिट्ठा य, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 38 // एयमढें णिसामित्ता हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 39 // जो सहस्सं सहस्साणं, मासे मासे गवं दए। तस्स वि संजमो सेओ, अदितस्स वि किंचणं // 40 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 41 // घोरासमं चइत्ताणं, अण्णं पत्थेसि आसमं। Page #503 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1064 अनंगपविट्ठसुत्ताणि इहेव पोसहरओ, भवाहि मणुयाहिवा! // 42 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 43 // मासे मासे तु जो बालो, कुसग्गेणं तु भुंजए / ण सो सुअक्खायधम्मस्स, कलं अग्घइ सोलसिं // 44|| एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्रवी // 45 // हिरण्णं सुवणं मणिमुत्तं, कंसं दूमं च वाहणं / कोसं वडावइत्ताणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 46 // एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसि, देविंदं इणमब्बवी // 47 // सुवण्णरुप्पस्स उ पव्वया भवे, सिया हु केलाससमा असंखया / णरस्स लुद्धस्स ण तेहि किंचि, इच्छा हु आगाससमा अणंतिया // 48 // पुढवी साली जवा चेव, हिरण्णं पसुभिस्सह / पडिपुण्णं णालमेगस्स, इइ विजा तवं चरे // 49 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं देविंदो इणमचवी // 50 // अच्छेरयमन्भुदए, भोए चयसि पत्थिवा। भसंते कामे पत्थेसि, संकप्पेण विहम्मसि // 51 // एयमद्वं णिसामित्चा, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्यवी // 52 // सल्लं कामा विसं कामा, कामा आसीविसोवमा। कामे पत्थेमाणा, अकामा जंति दोग्गइं // 53 / / अहे वयइ कोहेणं,माणेणं अहमा गई। माया गई पडिग्घाओ, लोभाओ दुहओ भयं // 54 // अवउज्झिऊण माहणरूवं विउविऊण इंदत्तं / वंदइ अभित्थुणंतो इमाह महुराहिं वग्गूहि।।५५।। अहो ते णिज्जिओ कोहो, अहो माणो पराजिओ / अहो ते णिरक्किया माया अहो लोभो वसीकओ॥५६॥ अहो ते अजवं साह, अहो ते साहु मद्दवं / अहो ते उत्तमा खती, अहो ते मुत्ति उत्तमा // 57 // इहं सि उत्तमो भंते !, पच्छा होहिसि उत्तमो। लोगुत्तमुत्तमं ठाणं, सिद्धिं गच्छसि णीरओ // 58 // एवं अभित्थुगंतो, रायरिसिं उत्तमाए सद्धाए / पयाहिण करेंतो, पुणो पुणो वंदई सक्को // 59 // तो वंदिऊण पाए, चक्ककुसलक्खणे मुणिवरस्स / आगासेणुप्पइओ, ललियचवलकुंडलतिरीडी॥६०॥णमी णमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइओ। चइऊण गेहं च वेदेही, सामण्णे पज्जुवढिओ // 61 // एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा / विणियदृति भोगेसु, नहा से णमी रायरिसि / 62 / त्ति बेमि // इति णमिपव्वज्जा णामं णवममज्झयणं समत्तं // 9 // अह दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं दुमपत्तए पंडुयए जहा, णिवडइ राइगणाण अच्चए / एवं मृणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमायए // 1 // कुसग्गे जह ओस बिंदुए, थोवं चिट्ठइ लंबमाणए / Page #504 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 10 1095 एवं मणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमायए // 2 // इइ इत्तरियम्मि आउए, जीवियए बहुपच्चवायए / विहुणाहि रयं पुरे कडं, समयं गोयम ! मा पमायए // 3 // दुल्लहे खलु माणुसे भवे, चिरकालेण वि सबपाणिणं / गाढा य विवाग कम्मुणो, समय गोयम ! मा पमायए // 4 // पुढविक्कायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे / कालं संखाईयं, समयं गोयम! मा पमायए // 5 // आउक्कायमइगओ, उनकोसं जीवो उ संवसे / कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए // 6 // तेउक्कायमइगओ, उवको म ज वो उ संवसे / कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए // 7 // वाउ. कायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे / कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमा. यए // 8 // वणस्सइकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे / कालमणंतदुरंतयं, समयं गोयम ! मा पमायए // 9 // बेइंदियकायमइगओ, उनकोसं जवो उ संवसे / कालं संखिजसण्णियं, समयं गोयम ! मा पमायए // 10 // तेइंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे / कालं संखिजसणियं, समयं गोयम! मा पमायए // 11 // चउरिंदियकायमइगओ, उक्कोसं जवो उ संवसे / कालं संखिजसण्णियं, समयं गोयम ! मा पमायए // 12 // पंचिंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे / सत्तट्ठभवगहणे, समयं गोयम ! मा पमायए // 13 // देवे णेरइए य अगओ,, उक्कोसं जीवो उ संवसे / इक्के कभवगहणे, समयं गोयम ! मा पमायए // 14 // एवं भवसंसारे, संसरइ सुहासुहेहिं कम्मेहिं / र्ज वो पमायबहुलो, समयं गोयम ! मा पमायए // 15 / / लघृण वि माणुसत्तणं, आरियत्तं पुणरावि दुलहं / बहवे दसुया मिलवखुया, समयं गोयम ! मा पमायए // 16 // लघृण वि आरियत्तणं, अहीणपंचेंदियया हु दुल्लहा / विगलिंदियया हु दीसई, समयं गोयम ! मा पमायए // 17 // अहीणपंचेंदियत्तं पि से लहे, उत्तमधम्मसुई हु दुलहा / कुतिस्थिणिसेवए जणे, समयं गोयम ! मा पमायए // 18 // लळूण वि उत्तमं सुई, सद्दहणा पुणरावि दुल्लहा / मिच्छत्तणिसेवए जणे, समयं गोयम ! मा पमायए // 19|| धम्म पि हु सद्दहंतया, दुलहया कारण फासया / इहकामगुणेहिं मुच्छिया, समयं गोयम !मा पमायए // 20 // परिजरइ ते सर्र, रयं, मा पंडुरया हवंति ते / से सोयबले यहायई, समयं गोयम! मा पमायए // 21 // परिजूरइ ते सर्र रयं, केसा पंडुरया हवंति ते / से चक्खुबले य हायई, सम्यं गायम ! मा पमायए // 22 // परिजूरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति त / से घाणरले य हायई, सम्यं गोयम ! मा पमायए // 23 // परिजूरइ Page #505 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1066 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते / से जिन्भबले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए // 24 // परिजूरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते / से फासदले य हायई, समय गोयम ! मा पमायए // 25 // परिजूरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते / से सव्वबले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए // 26|| अरई गंडं विसूइया, आयंका विविहा फुसंति ते / विहडह विद्धंसइ ते सरीरयं, समयं गोयम ! मा पमायए // 27 // वोच्छिद सिणेहमप्पणो, कुमुयं सारइयं व पाणियं / से सव्वसिणेहवज्जिए, समयं गोयम ! मा पमायए // 28 // चिच्चाण धणं च भारियं, पध्वइओ हि सि अणगारियं / मा वंतं पुणो वि आविए, समयं गोयम ! मा पमायए // 29 // अवउझिय मित्तबंधवं, विउलं चेव धणोहसंचयं / मा तं बिइयं गवे. सए, समयं गोयम ! मा पमायए.॥३०॥ण हु जिणे अज दिस्सइ, बहुमए दिस्सह मग्गदेसिए / संपइ णेयाउए पहे, समयं गोयम ! मा पमायए // 31 // असोहिय कंटगापह, ओइण्णो सि पहं महालयं / गच्छसि मग्गं विसोहिया, समयं गोयम! मा पमायए // 32 // अबले जह भारवाहए, मा मग्गे विसमेऽवगाहिया / पच्छा पच्छाणुतावए, समयं गोयम ! मा पमायए // 33 // तिण्णो हु सि भण्णवं महं, किं पुण चिट्ठसि तीरमागओ। अभितुर पारं गमित्तए, समयं गोयम ! मा पमायए // 34 // अकलेवरसेणिं उस्सियां, सिद्धिं गोयम ! लोयं गच्छसि / खेमं च सिवं अणुत्तरं, समयं गोयम ! मा पमायए // 35 // बुद्धे परिणिन्वुडे चरे, गामगए णगरे व संजए / संतीमग्गं च बूहए, समयं गोयम ! मा पमायए // 36 // बुद्धस्स णिसम्म भासियं, सुकहियमट्टपओवसोहियं / रागं दोसं च छिदिया, सिद्धिगई गए गोयमे // 37 // त्ति-बेमि // इति दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं समत्तं // 10 // ...... अह बहुस्सुयपुज्जं णामं एगारसममज्झयणं संजोगा विप्पमुक्कस्स, अणगारस्स मिक्खुणो / आयारं पाउकरिस्सामि, आणु- पुल्विं सुणेह मे // 1 // जे यावि होइ णिविज्जे, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे / अभिवखणं * उल्लवई, अविणीए अबहुस्सुए // 2 // अह पंचहि ठाणेहिं, जेहिं सिक्खा ण लभई। थम्भा कोहै। पमाणं, रोगेणीऽलस्सएणे य // 3 // अह अट्ठहिँ ठाणेहि, सिक्खासीले त्ति वुच्चई / अहस्सिरे सया दंते , ण य मम्ममुदाहरे // 4 // गासीले ण विसीले', ण सिया अइलोलुएँ / अकोहणे सच्चरएं, सिक्खासीले त्ति बुच्चई // 5 // अह चोद्द Page #506 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 11 1097 सहि ठाणेहिं, वट्टमाणे उ संजए / अविणीए वुच्चई सो उ, णिव्वाणं च ण गच्छई // 6 // अभिक्खणं कोही हवई, पबंधं च पकुवेई / मेत्तिजमाणो वमैई, सुयं लखूण मज्जई // 7 // अवि पावपरिक्खेवी, अवि मित्तेसु कुप्पई। सुप्पियस्सावि मित्तस्स, रहे भासइ पायं // 8 // पइण्णवाई दुहिले, थद्धे लुद्धे अणिगेहे / असंविभौगी अवियत्ते, अविणीए त्ति वुच्चई // 9 // अह पण्णरसहिं ठाणेहि, सुविणीए त्ति वुच्चई / णीयावित्ती अचवैले अमाई भकुऊहँले // 10 // अप्पं च अहिविखवेई, पबंधं च ण कुवई / मेत्तिजमाणो भयई, सुयं लधु ण मजई // 11 // ण य पावपरिक्खेवी, ण य मित्तेसु कुथई / अप्पियस्सावि मित्तस्स, रहे कल्लाण मांसई // 12 // कलहडमरवज्जिएं, बुद्धे अभिजाइएँ। हिरिमं पडिसंलणे, सुपिणीए त्ति वुच्चई // 13 // वसे गुरुकुले णिच्चं, जोगवं उवहाणवं / पियंकरे पियंवाई, से सिक्खं लडुमरिहई // 14 // जहा संखमि पयं, णिहियं दुहओ वि विरायई / एवं बहुस्सुए भिक्खू , धम्मो कित्ती तहा सुयं // 15 // जहा से कंधोयाणं, आइण्ण कथए सिया। आसे जवेण पवरे, एवं हवइ बहुस्सुए // 16|| जहाइण्णसमारूढे, सूरे दढपरकमे। उभओ णंदिघोसेणं, एवं हवई' बहुस्सुए // 17 / / जहा करेणुपरिकिण्णे, कुंजरे सट्ठिहायणे / बलवंते अप्पडिहए, एवं हवइ बहुम्सुए // 18|| जहा से तिवखसिंगे, जायखंधे विरायई / वसहे जूहाहिवई, एवं हवइ बहुस्सुए // 19|| जहा से तिक्खदाढे, उदग्गे दुप्पहंसए / सीहे मियाण पवरे, एवं हवइ बहुस्सुए // 20 // जहा से वासुदेवे, संखचक्कगदाधरे / अप्पडिहयबले जोहे, एवं हवइ बहुस्सुए // 21 // नहा से चाउरंते, चक्कबट्टी महिड्डिए / चोद्दसरयणाहिवई, एवं हवइ बहुस्सुए // 22 // जहा से सहस्सक्खे, वजपाणी पुरंदरे / सक्के देवाहिवई, एवं हवइ बहुस्सुए // 23 / / जहा से तिमिरविद्धंसे, उच्चिटुंते दिवायरे / जलंते इव तेएण, एवं हवइ बहुस्सुए // 24 // जहा से उडुवई चंदे, णक्खत्तपरिवारिए। पडिपुण्णो पुण्णमासीए, एवं हवइ बहुस्सुए // 25 // जहा से सामाइयाणं, कोट्ठागारे सुरविखए / णाणाधण्णपडिपुण्णे, एवं हवइ बहुस्सुए // 26 // जहा सा दुमाण पवरा, जंबू णाम सुदंसणा। अणाढियस्स देवस्स, एवं हवइ बहुस्सुए // 27 // जहा सा गईण पवरा, सलिला सागरंगमा / सीया णीलवंतपवहा, एवं हवइ बहुस्सुए // 28 // जहा से णगाण पवरे, सुमहं मंदरे गिरी / णाणोसहिपजलिए, एवं हवइ बहुस्सुए // 29|| जहा से सयंभुरमणे, उदही अक्खओदए / णाणारयणपडिपुण्णे, एवं हवइ बहुम्सुए // 30 // Page #507 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1068 अनंगपविट्ठसुत्ताणि समुद्दगंभीरसमा दुरासया, अचक्किया केणइ दुप्पहंसया / सुयरस पुण्णा विउलस्स ताइणो, खवित्तु कम्मं गइमुत्तमं गया // 31 / / तम्हा सुयमहिट्ठिजा, उत्तमट्टगवेसए / जेणप्पाणं परं चेव, सिद्धिं संपाउणेजासि // 32 // त्ति-बेमि // इति बहुस्सुंयपुज्जं णामं एगारसममज्झयणं समत्तं // 11 // अह हरिएसिज्जं णामं दुवालसममज्झयणं सोवागकुलसंभूओ, गुणुत्तरधरो मुणी / हरिएसबलो णाम, आसि भिक्खू जिइंदिओ // 1 // इरिएसणभासाए, उच्चारसमिईसु य / जओ आयाण णिव खेवे, संजओ सुसमाहिओ // 2 // मणगुत्तो वयगुत्तो, कामगुत्तो जिइंदिओ। मिक्खट्ठा बंभइजम्मि, जण्णवाडे उवडिओ // 3 // तं पासिऊणमेज्जतं, तवेण परिसोसियं / पंतोवहिउव. गरणं, उवहसंति अणारिया // 4 // जाइमयपडि थद्धा, हिंसगा अजिइंदिया / अबंभचारिणो बाला, इमं वयणमब्बवी // 5 // कयरे 'आगच्छइ दित्तरूवे, काले विकराले फोकणासे / ओमचेलए पंसुपिसायभूए, संकरसं परिहरिय कंठे // 6 // कयरे तुम इय अदंसणिज्जे ?, काए व आसा इहमागओ सि ? / ओमचेलया पंसुपिसायभूया, गच्छक्खलाहि किमिहं ठिओ सि ? // 7 // जक्खे तहिं तिंदुयरुखवासी, अणुकंपओ तस्स महामुणिस्स | पच्छायइत्ता णियगं सरीरं, इमाइं वयणाइमुदाहरित्था // 8 // समणो अहं संजओ बंभयारी, विरओ धणपयणपरिग्गहाओ। परप्पवित्तस्स उ भिक्खकाले, अण्णस्स अट्ठा इहमागओमि // 9 // वियरिजइ खजइ भुजई य, अण्णं पभूयं भवयाणमेयं / जाणाहि मे जायणजीविणुत्ति, सेसावसेसं लभऊ तवस्सी // 10 // उवक्खडं भोयण माहणाणं, अत्तट्ठियं सिद्धमिहेगपक्वं / ण ऊ वयं एरिस. मण्णपाणं, दाहामु तुझं किमिहं ठिओ सि ? // 11 // थलेसु बीयाइं ववंति कासगा, तहेव णिण्णेसु य आससाए / एयाए सद्धाए दलाह मज्झं, आराहए पुण्णमिणं खु खित्तं // 12 // खेत्ताणि अम्हं विइयाणि लोए, जहिं पकिण्णा विरुहंति पुण्णा / जे माहणा जाइविज्जोववेया, ताई तु खेत्ताई सुपेसलाई // 13 // कोहो य माणो य वहो य जेसिं, मोसं अदत्तं च परिग्गहं च / ते माहणा जाइविजाविहणा, ताई तु खेत्ताई सुपावयाई // 14 // तुब्मेत्थ भो ! भारधरा गिराणं, अटुं ण जाणेह अहिज वेए / उच्चावयाइं मुणिणो चरंति, ताई तु खेत्ताई सुपेसलाई // 15 // अज्झावयाणं पडिक्लभासी, पभाससे किं णु सगासि अम्हं ? / अवि एयं विणस्सउ अण्णपाणं, ण Page #508 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 12 1099 य णं दाहामु तुमं णियंठा // 16 // समिईहि मज्झं सुसमाहिंयस्स, गुत्तीहि गुत्तस्स जिइंदियस्स / जइ मे ण दाहित्थ अहेसणिज्ज, किमज जण्णाण लहित्थ लाह // 17 // के इत्थ खत्ता उवजोइया वा, अज्झावया वा सह खंडिएहिं / एयं खु दंडेण फलेण हंता, कंठंमि घेत्तूण खलेज जो णं // 18 // अज्झावयाणं वयणं सुणेत्ता, उद्धाइया तत्थ बह कुमारा। दंडेहिं वित्तेहिं कसेहिं चेव, समागया तं इसि तालयंति // 19 // रण्णो तहिं कोसलियस्स धूया, भद्दत्ति णामेण अणिंदियंगी। तं पासिया संजय हम्ममाणं, कुद्धे कुमारे परिणिव्ववेइ // 20 // देवाभिओगेण णिओइएणं, दिण्णामु रण्णा मणसा ण झाया। णरिंददेविंदभिवंदिएणं, जेणामि वंता इसिण। स एसो // 21 // एसो हु सो उग्गतवो महप्पा, जिइंदिओ संजओ बंभयारी / जो मे तया णेच्छइ दिजमाणिं, पिउणा सयं कोसलिएण रण्णा // 22 // महाजसो एस महाणुभागो, घोरव्वओ घोरपरकमो य। मा एयं हीलेह अहीलणिज्ज, मा सव्वे तेएण भे गिद्दहेजा // 23 // एयाइं तीसे वयणाई सोच्चा, पत्तीइ भद्दाह सुभासियाई / इसिस्स वेंयावडियट्टयाए, जक्खा कुमारे विणिवारयंति // 24 // ते घोररूवा ठिय अंतलिक्खे,ऽसुरा तहिं तं जण तालयंति / ते भिण्णदेहे रुहिरं वमंते, पासित्तु भद्दा इणमाहु भुज्जो // 25|| गिरिं णहेहिं खणह, अयं दंतेहि खायह / जायतेयं पाएहिं हणह, जे भिक्खं अवमण्णह // 26 // आसीविसो उग्गतवो महेसी, घोरव्वओ घोरपरक्कमो य / अगणिं व पक्खंद पयंगसेणा, जे मिक्ख्यं भत्तकाले वहेह // 27 // सीसेण एवं सरणं उवेह, समागया सव्वजणेण तुब्भे / जइ इच्छह जीवियं वा धणं वा, लोग पि एसो कुविओ डहेजा // 28 // अवहेडियपिट्ठिसउत्तमंगे, पसारिया बाहु अकम्मचिट्ठे / णिब्भेरियच्छे रहिरं मंते, उमहे णिग्गयजीहणेसे // 29 // ते पासिया खंडिय कट्ठभूए, विमणो विसण्णो अह माहणो सो / इसिं पसाएइ सभारियाओ, हीलं च जिंदं च खमाह भते ! // 30 // बालेहिं मूढेहिं अयाणएं हिं, जं हीलिया तस्स खमाह भंते ! / महापसाया इसिणो हवंति, ण हु मुणी कोवपरा हवंति // 31 // पुट्विं च इण्डिं च अणागयं च, मणप्पओसो ण मे अस्थि कोइ / जक्खा हु वेयावडियं करेंति, तम्हा हु एए णिहया कुमारा // 32 // अत्थं च धम्मं च वियाणमाणा, तुब्भे ण वि कुप्पह भूइपण्णा / तुब्भं तु पाए सरणं उवेमो, समागया सव्वजणेण अम्हे // 33 // अच्चेमु ते महाभाग !, ण ते किंचि ण अच्चिमो / भुंजाहि सालिमं करं, णाणा Page #509 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1100 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वंजणसंजुयं // 34 // इमं च मे अस्थि पभूयमणं, तं भुंजसू अम्ह अणुग्गहट्ठा / बाद ति पडिच्छइ भत्तपाणं, मासस्स ऊ पारणए महप्पा // 35 // तहियं गंधोदयपुप्फवासं, दिव्वा तहिं वसुहारा य बुट्टा / पहयाओ दुंदुहीओ सुरेहिं, आगासे अहोदाणं च धुढें // 36 // सक्खं खु दीसइ तवोविसेसो, ण दीसई जाइविसेस कोई / सोवागपुत्तं हरिएससाहुं, जस्सेरिसा इढि महाणुभागा // 37 // किं माहणा ! जोहसमारभंता, उदएण सोहिं बहिया विमग्गहा ? जं मग्गहा बाहिरियं विसोहिं, ण तं सुइ8 कुसला वयंति // 38 // कुसं च जूवं तणकट्ठमागिं, सायं च पायं उदगं फुसंता / पाणाइ भूयाइ विहेडयंता, भुज्जो वि मंदा ! पकरेह पावं // 39 // कहं चरे भिक्खु ! वयं जयामो, पावाइ कम्माइ पणुलयामो / अक्खाहि णे संजय! जक्खपूइया, कहं सुज8 कुसला वयंति // 40 // छज्जीवकाए असमारभंता, मोसं अदत्तं च असेवमाणा। परिगहं इथिओ माणमायं, एवं परिणाय चरंति दंता॥४१॥ सुसंवुडा पंचहिं संवरेहिं, इह जीवियं अणवकंखमाणा / वोसट्टकाया सुइचत्तदेहा, महाजयं जयइ जण्णसिटुं // 42 // के ते जोई के व ते जोइठाणे ?, का ते सुया किं च ते कारिसंग ?एहा य ते कयरा संति भिक्खू ?, कयरेण होमेण हणासि जोइं?||४३॥ तवो जोई जीवो जोइठाणं, जोगा सुया सरीरं कारिसंगं / कम्मेहा संजमजोगसंती, होमं हुणामि इसिणं पसत्थं // 44 // के ते हरए के य ते संतितित्थे ?, कहि सिणाओ व रयं जहासि ? आइक्ख णे संजय ! जखपूइया, इच्छामो णाउंभवओ सगांसे // 45 // धम्मे हरए बंभे संतितित्थे, अणाविले अत्तपसण्णलेसे / जहिं सिणाओ विमलो विसुद्धो, सुसीइभूओ पजहामि दोसं // 46 // एयं सिणाणं कुसलेहि दिटुं, महासिणाणं इसिणं पसत्थं / जहिं सिणाया विमला विसुद्धा, महारिसी उत्तमं ठाणं पत्ता // 47 // त्ति-बेमि // इति हरिएसिज्ज णाम दुवालसममज्झयणं समत्तं // 12 // अह चित्तसंभूइज्जणामं तेरहममज्झयणं जाईपराजिओ खलु, कासि णियाणं तु हथिणपुरम्मि / चुलणीए बंभदत्तो, उववण्णो पउमगुम्माओ // 1 // कंपिल्ले संभूओ, चित्तो पुण जाओ पुरिमतालंग्मि / सेट्टिकुलम्मि विसाले, धम्मं सोऊण पव्वइओ // 2 // कंपिल्लम्मि य णयरे, समागया दो वि चित्तसंभूया। सुहदुक्खफलविवागं, कहेंति ते एकमेक्कस्स // 3 // चक्कवट्टी Page #510 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 13 1101 मंहिड्डीओ; बंभदत्तो महायसो / भायरं बहुमाणेणं, इमं वयणमब्बवी // 4 // आसिमो भायरा दो वि, अण्णमण्णवसाणुगा / अण्णमण्णमणूरत्ता, अण्णमण्ण हिए सिणो // 5 // * दासा दसण्णे भासी, मिया कालिंजरे जगे। हंसा मयंगत रे, सोवागा कासिभूमिए // 6 // देवा य देवलोगम्मि, आसि अम्हे महिडिया। इमा णो ट्ठिया जाई, अण्ण. मण्णेण, जा विणा ॥७॥कम्मा णियाणपगडा, तुमे राय ! विचिंतिया। तेर्सि पलविवा. गेण, विप्पओगमुवागया // 8 // सच्चसोयप्पगडा,कम्मा मए पुरा कडा / ते अज परिभुंजामो, किं णु चित्ते वि से तहा ? // 9 // सव्वं सुचिण्णं सपलं णराणं, कडाण कम्माण ण मोक्ख भत्थि / अत्थेहि कामेहि य उत्तमेहिं, आया ममं पुण्णप.लोववेए // 10 // जाणासि संभूय ! महाणुभागं, महिड्डियं पुण्णपलोववेयं / चित्तं पि जाणाहि तहेव राय !, इड्डी जुई तस्स वि य प्पभूया // 11 // महत्थरूवा वयणऽप्पभूया, गाहाणुगीया णरसंघमज्झे / जं भिक्खुणो सीलगुणोववेया, इह नयंते समणोमि जाओ // 12 // उच्चोयए महु कक्के य बंभे, पवेइया आवसाहा य रम्मा / इमं गिहं चित्त ! धणप्पभूयं, पसाहि पंचालगुणोववेयं // 13 // णट्टेहिं गीए हि य वाइएहि, णारीजणाइं परिवारयंतो / भुंजाहि भोगाई इमाइ भिक्खू !, मम रोयई पव्वजा हु दुक्खं // 14 // तं पुवणेहेण कयाणुरागं, णराहिवं कामगुणेसु गिद्धं / धम्मस्सिओ तस्स हियाणुपेही, चित्तो इमं वयणमुदाहरित्था // 15 // सव्वं विलवियं गीयं, सव्वं णमु विडेबियं / सव्वे आभरणा भारा, सव्वे कामा दुहावहा // 16 // बालाभिरामेसु दुहावहेसु, ण तं सुहं कामगुणेसु रायं ! / विरत्तकामाण तवोधणाणं, जं भिक्खुणं सीलगुणे रयाणं // 17 // गरिंद ! जाई अहमा णराणं, सोवागजाई दुहओ गयाणं / जहिं वयं सव्वजणस्स बेस्सा, वसीअ सोवागणिवेसणेसु // 18 // तीसे य नाईइ उ पावियाए, बुच्छामु सोवागणिवेसणेसु / सव्वस्स लोगस्स दुगुंछ णिजा, इहं तु कम्माइं पुरे कडाई // 19 // सो दाणिसिं राय ! महाणुभागो, महिड्डिओ पुण्णफलोववेओ / चइत्तु भोगाइं असासयाई, आदाणहेउं अभिणिक्खमाहि // 20 // इह जीविए राय ! असासयम्मि, धणियं तु पुण्णाई अकुव्वमाणो। से सोयई मच्चुमुहो. वणीए, धम्म अकाऊण परंमि लोए // 21 // जहेह सीहो व मियं गहाय, मच्चू णरं णेइ हु अंतकाले / ण तस्स माया व पिया व भाया, कालग्मि तम्मंसहरा भवति // 22 // ण तस्स दुक्खं विभयंति णाइओ, ण मित्तवग्गा ण सुया ण बंधवा / एक्को सयं पश्चणुहोइ दुक्खं, कत्तारमेव अणुजाइ कम्मं // 23 // चिच्चा दुपयं च चउप्पयं च, खेत्तं गिहं धणधण्णं च सव्वं / सकम्मबीओ अवसो पयाइ, परं भवं सुंदर पावगं वा // 24 // तं एक्कगं तुच्छसरीरंग से, चिईगयं दहिय उ पाबगेणं / Page #511 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1102 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मजा य पुत्तो वि य णायओ या, दायारमण्णं अणुसंकमांत / / 25 / / उनिजई जीवियमप्पमाय, वणं जरा हरइ णरस्स रायं ! / पंचालराया ! क्यणं सुणाहि, मा कासि कम्माइं महालयाई // 26 // अहं पि जाणामि जहेह साहू, जं मे तुमं साहसि वकमेयं / भोगा इमे संगकरा हवंति, जे दुजया अज्जो! अम्हारिसेहिं // 27 // हत्थिण. पुरम्मि चित्ता !, दळूणं णरवई महिड्डियं / कामभोगेसु गिद्धेणं, णियाणमसुहं कडं // 28 // तस्स मे अप्पडिकंतस्स, इमं एयारिसं फलं / जाणमाणो वि जं धम्म, कामभोगेसु मुच्छिओ॥२९॥ णागो जहा पंकजलावसण्णो, दटुं थलं णाभिसमेइ तीरं / एवं वयं कामगुणेसु गिद्धा, ण भिक्खुणो मग्गमणुव्वयामो // 30 // अच्चेइ कालो तूरंति राइओ, ण यावि भोगा पुरिसाण णिच्चा / उविच्च भोगा पुरिसं चयंति, दुम जहा खीणफलं व पक्खी // 31 // जइ तंसि भोगे चइउं असत्तो, अजाइं . कम्माइं करेहि रायं ! धम्मे ठिओ सव्वपयाणुकंपी, तो होहिसि देवो इओ विउव्वी // 32 // ण तुज्झ भोगे चइऊण बुद्धी, गिद्धो सि भारंभपरिग्गहेसु / मोहं कओ एत्तिउ विप्पलावो, गच्छामि रायं ! आमंतिओ सि // 33 / / पंचालराया वि य बंभदत्तो, साहुस्स तस्स वयणं अकाउं / अणुत्तरे भुंजिय कामभोगे, अणुत्तरे सो णरए पविट्ठो // 34 // चित्तो वि कामेहि विरत्तकामो, उदग्गचारित्ततवो महेसी / अणुत्तरं संजम पालइत्ता, अणुत्तरं सिद्धिगई गओ // 35 // त्ति-बेमि // इति .. चित्तसंभूइज्जणाम तेरहममज्झयणं समत्तं // 13 // अह उसुयारिज्जं णामं चउद्दसममज्झयणं देवा भवित्ताण पुरे भवम्मि, केई चुया एगविमाणवासी। पुरे पुराणे उसुयारणामे, खाए समिद्धे सुरलोगरम्मे / / 1 / / सकम्मसेसेण पुराकएणं, कुलेसु दग्गेसु य ते पसूया / णिविण्णसंसारभया जहाय, जिणिंदमग्गं सरणं पवण्णा // 2 // पुमत्तमागम्म कुमार दो वि, पुरोहिओ तस्स जया य पत्ती / विसालकित्ती य तहे. सुयारो, रायऽत्थ देबी कमलावई य // 3 // जाईजरामच्चुभयाभिभूया, बहिं विहाराभिणिविट्ठचित्ता / संसारचक्कस्स विमोक्खणट्ठा, दट्ठण ते कामगुणे विरत्ता // 4 // पियपुत्तगा दोण्णि वि माहणस्स, सकम्मसीलस्स पुरोहियरस / सरित्तु पोराणिय तत्थ जाई, तहा सुचिण्णं तवसंजमं च / / 5 // ते कामभोगेसु असजमाणा, माणुस्स. एसु जे यावि दिव्वा / मोक्खाभिकंखी अभिजायसड्डा, तायं उवागम्म इमं उदाहु Page #512 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 14 1103 // 6 / / असासयं दट्ट इमं विहारं, बहुअंतरायं ण य दीहमाउं / तम्हा गिहंसि ण रई लभामो, आमंतयामो चरिस्सामु मोणं // 7 // अह तायगो तत्थ मुणीण तेसिं, तवस्त वाघायकरं वयासी / इमं वयं वेयविओ वयंति, जहा ण होई असुयाण लोगो // 8 // अहिज वेए परिविस्स विप्पे, पुत्ते परिठ्ठप्प गिहंसि जाया ! / भोच्चाण भोए सह इत्थियाहिं, आरण्णगा होह मुणी पसत्था // 9 // सोयग्गिणा आयगुणिंधणेणं, मोहाणिला पजलणाहिएणं / संतत्तभावं परितप्पमाणं, लालप्पमाणं बहुहा बहुं च // 10 // पुरोहियं तं कमसोऽणुणतं, णिमंतयंतं च सुए धणेणं / जहक्कम कामगुणेहिं चेव, कुमारगा ते पसमिक्ख वक्कं // 11 // वेया अहीया ण भवंति ताणं, भुत्ता दिया गिति तमं तमेणं / जाया य पुत्ता ण हवंति ताणं, कोणाम ते अणुमण्णेज एयं // 12 // खणमित्तसुक्खा बहुकालदुक्खा, पगामदुक्खा अणिगामसुवखा। संसारमोक्खस्स विपक्खभूया, खाणी अणत्थाण उ कामभोगा // 13 // परिव्वयंते अणियत्तकामे, अहो य राओ परितप्पमाणे / अण्णप्पमत्ते धणमेसमाणे, पप्पोति मच्चु पुरिसे जरं च // 14 // इमं च मे अस्थि इमं च णत्थि, इमं च मे किच्च इमं अकिच्चं / तं एवमेवं लालप्पमाणं, हरा हरंति त्ति कहं पमाओ ? // 15 // धणं पभूयं सह इत्थियाहिं, सयणा तहा कामगुणा पगामा / तवं कए तप्पइ जस्स लोगो, तं सव्वसाहीणमिहेव तुब्भं // 16 // धणेण किं धम्मधुराहिगारे, सयणेण वा कामगुणेहिं चेव / समणा भविस्सामु गुणोहधारी, बहिविहारा अभिगम्म भिक्खं // 17 // जहा य अग्गी अरणी असंतो, खीरे घयं तेल्लमहातिलेसु / एमेव जाया सरीरंसि सत्ता, संमुच्छई णासइ णावचिट्टे // 18 // णो इंदियग्गेज्झ अमुत्तभावा, अमुत्तभावा वि य होइ णिच्चो। अज्झत्थहेउं णिययस्स बंधो, संसारहेउं च वयंति बंधं // 19 // जहा वयं धम्ममनाणमाणा, पावं पुरा कम्ममकासि मोहा / ओरुब्भमाणा. परिरक्खयंता, तं व भुज्जो वि समायरामो // 20 // अब्भाहयम्मि लोगम्मि, सव्वओ परिवारिए। अमोहाहिं पतीहि, गिहंसि ण रई लभे // 21 // केण अब्भाहओ लोगो 1. केण वा परिवारिओ ? / का वा अमोहा वुत्ता ?, जाया चिंतावरो हुमे // 22 // मच्चुणाऽब्भाहओ लोगो, जराए परिवारिओ / अमोहा रयणी वुत्ता, एवं ताय ! वियाणह // 23 // जा जा वच्चइ रयणी, ण सा पडिणि. यत्तई / अहम्म कुणमाणस्स, अफला अंति राइओ // 24 // जा जा वच्चइ रयणी, ण सा पडिणियत्तई / धम्मं च कुणमाणस्स, सफला जंति राइओ // 25 // एगओ Page #513 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1104 अनंगपविट्ठसुत्ताणि / संवसित्ताणं, दुहओ सम्मत्तसंजुया। पच्छा जाया ! गमिस्सामो, भिक्रमाणा बु.ले कुले // 26 / / जस्सऽस्थि मच्चुणा सक्खं, जम्स वऽस्थि पलायणं / जो जाणे ण मरिस्सामि, सो हु कंखे सुए सिया // 27 // अज्जेव धम्म पडिवज्यामो, जहिं पवण्णा ण पुणब्भवामो। अणागयं णेव य अस्थि किंचि, सद्धास्त्रमं णे विणइत्तु रागं // 28 // पहीणपुत्तस्स हु णस्थि वासो, वासिट्टि ! भिक्खायरियाइ कालो / साहाहि रुक्खो लहई समाहि, छिण्णाहि साहाहि तमेव खाणुं // 29 // पंखाविहूणोव्व जहेव पक्खी, भिच्चव्वि हूणो व्व रणे णरिंदो / विवण्णसारो वणिओव्व पोए, पहीणपुत्तोमि तहा अहं पि // 30 // सुसंभिया कामगुणा इमे ते, संपिंडिया अग्गरसप्पभूया / भुंजामु ता कामगुणे पगामं, पच्छा गमिस्सामु पहाणमन्गं // 31 // भुत्ता रसा. भोइ ! जहाइ णे वओ, ण जीवियट्ठा पजहामि भोए / लाभं भलाभं च सुहं च दुक्ख, संचिक्खमाणो चरिस्सामि मोणं // 32 // मा हू तुमं सोयरियाण संभरे जुणो व हँसो पडिसोत्तगामी / जाहि भोगाइं मए समाणं, दुवखं खु भिक्खायरिया विहारो॥३३॥ जहा य भोई तणुयं भुयंगो, णिम्मोयणिं हिच्च पलेइ मुत्तो / एमेए जाया पयहति भोए, ते हं कहं णाणुगमिस्समेक्को ? // 34 // &i दित्तु जालं अबलं च रोहिया, मच्छा जहा कामगुणे पहाय / धोरेयसीला तवसा उदारा, धीरा हु भिक्खायरियं चरंति // 35 // णहेव कुंचा समइक्कमंता, तयाणि जालाणि दलित्तु हंसा / पलिंति पुत्ता य पई य मज्झं, ते हं कहं णाणुगमिस्समेक्का ? // 36 // पुरोहियं तं ससुयं सदारं, सोच्चाऽभिणिक्खम्म पहाय भोए / कुडुंबसारं विउलुत्तमं च, रायं अभिक्खं समुवाय देवी // 37 // वंतासी पुरिसो रायं !, ण सो होइ पसंसिओ / माहणेण परिच्चत्तं, धणं आदाउमिच्छसि // 38 // सव्वं जगं जइ तुहं, सव्वं वावि धणं भवे / सव्वं पि ते अपजत्तं, णेव ताणाय तं तव // 39 // मरिहिसि रायं! जया तया वा, मणोरमे कामगुणे पहाय / एक्को हु धम्मो णरदेव ! ताणं, ण विजई अण्णमिहेह किंचि // 40 // णाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा, संताणछिण्णा चरिस्सामि मोणं / अकिंचणा उज्जुकडा पिरामिसा, परिग्गहारंमाणयत्तदास वानला जहा' रण्णे, डज्झमाणेसु जंतुसु / अण्णे सत्ता पमोयंति, रागद्दोसवसं गया // 42 // एवमेव वयं मूढा, कामभोगेसु मुच्छिया / डज्झमाणं ण बुज्झामो, रागद्दोसग्गिणा जगं // 43 // भोगे भोच्चा वमित्ता य, लहुभूयविहारिणो / आमोयमाणा गच्छंति, दिया कामकमा इव // 44 / / इमे य बद्धा फंदंति, मम हत्थऽजमागया। वयं च.सत्ता कामेसु, भविस्सामो जहा इमे // 45 // सामिसं कुललं दिस्स, बज्झमाणं णिरामिसं / Page #514 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 15 1105 आमिसं सव्वमुज्झित्ता, विहरिस्सामि णिरामिसा // 46 // गिद्धोवमा उ णचाणं, कामे संसारवडणे / उरगो सुवण्णपासेव्व, संकमाणो तणु चरे // 47 / / णागोव्व बंधणं छित्ता, अप्पणो वसहिं वए। एयं पत्थं महारायं, उस्सुयारित्ति मे सुयं // 48 // चइत्ता विउलं रज्ज,कामभोगे य दुच्चए / णिव्विसया णिरामिसा,णिण्णेहा णिप्परिग्गहा // 49 // सम्मं धम्मं वियाणित्ता, चिच्चा कामगुणे वरे / तवं पगिज्झहक्खायं, घोरं घोरपरक्कमा // 50 // एवं ते कमसो बुद्धा,सव्वे धम्मपरायणा / जम्ममच्चुभउविन्गा, दुक्खस्संतगवेसिणो // 51 // सासणे विगयमोहाणं, पुट्विं भावणभाविया / अचिरेणेव कालेण, दुक्खस्संतमुवागया // 52 / / राया सह देवीए, माहणो य पुरोहिओ / माहणी दारगा चेव, सव्वे ते परिणिन्वुडा // 53 // त्ति-बेमि // इति उसुयारिज्जं णामं चउद्दसममज्झयणं समत्तं // 14 // अह सभिक्खू णामं पण्णरसममज्झयणं मोणं चरिस्सामि समिच्च धम्म, सहिए उज्जुकडे णियाणछिण्णे / संथवं जहिज्ज भकामकामे, अण्णायएंसी परिव्वए स भिक्खू // 1 // राओवरयं चरेज लाढे, विरए वेयवियायरक्खिए / पण्णे अमिभूय सव्वदंसी, जे कम्हि वि ण मुच्छिए स भिक्खू // 2 // अक्कोसवहं विइत्तु धीरे, मुणी चरे लाढे णिच्चमायगुत्ते / अव्वग्गमणे असंपहिढे, जे कसिणं अहियासए स भिक्खू // 3 // पंतं सयणासणं भइत्ता, सीउण्हं विविहं च दंसमसगं / * अब्वग्गमणे असंपहिढे, जे क सिणं अहियासए स भिवखू // 4 // णो सक्कइमिच्छई ण पूयं, णो वि य वंदणगं कुओ पसंसं / से संजए सुव्वए तवस्सी, सहिए आयगवेसए स भिक्खू // 5 // जेण पुण जहाइ ज.वियं, मोहं वा कसिणं णियच्छई / णरणारि पजहे सया तवस्सी, ण य कोऊहलं उवेइ स भिक्खू // 6 // छिणं सरं भोमं अंतलिक्खं, सुमिणं लक्खणदंडवत्थुविज्जं / अंगवियारं सरस्स विजयं, जे विजाहिँ ण जीवइ स भिक्खू // 7 // मंतं मूलं विविहं वेजचिंतं, वमणविरेवणधूमणेत्तसिणाणं / आउरे सरणं तिगिच्छियं च, तं परिण्णाय परिव्वए स भिक्खू // 8 // . खत्तियगणउग्गरायपुत्ता, माहण भोइय विविहा य सिप्पिणो / णो तेसिं वयह सिलोगपूयं, तं परिण्णाय परिव्वए स भिक्खू // 9 // गिहिणो जे पव्वइएण दिट्ठा; अप्पव्वइएण व संथुया हविजा / तेसिं इहलोइयफलट्ठा, जो संथवं ण करेइ स भिक्खू // 10 // सयणासणपाणभोयण, विविहं खाइमं साइम परेसिं / अदए पडिसेहिए णियंठे, जे तत्थ ण पउस्सई स भिक्खू // 11 // जं किंचि Page #515 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1106 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. आहारपाणगं, विविहं खाइमं साइमं परेसिं लर्छ / जो तं तिविहेण णाणुकंपे, मणवयकायसुसंवुडे स भिक्खू // 12 // आयामगं चेव जवोदणं च, सीयं सोवीरजवोदगं च / णो हीलए पिंडं णीरसं तु, पंतकुलाइं परिव्वए स भिक्खू // 13 // सद्दा विविहा भवंति लोए, दिव्वा माणुस्सगा तिरिच्छा / भीमा भयमेरघा उगला, जो सोच्चा ण विहिजई स भिक्खू // 14 // वायं विविहं समिच्च लोए, सहिए खेयाणुगए य कोवियप्पा / पण्णे अभिभूय सव्वदंसी, उवसंते अविहेडए स भिक्खू // 15 // असिप्पजीवी अगिहे अमित्ते, जिइंदिए सव्वओ विप्पमुक्के / अणुक्कसाई लहुअप्पभक्खी, चिच्चा गिहं एगचरे स भिक्खू // 16 // त्ति-बेमि // इति सभिक्खू णामं पण्णरसममज्झयणं समत्तं // 15 // अह बंभचेरसमाहिठाणा णामं सोलसममज्झयणं सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोचा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा / कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोच्चा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोच्चा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा / तंजहा-विवित्ताइं सयणासणाई सेवित्ता हवद से णिग्गंथे / णो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाइं सेवित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ [वा] धम्माओ भंसेजा / तम्हा णो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्ता हवइ से णिग्गंथे // १॥णो इत्थीणं कहं कहित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थी कहं कहेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायक हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / Page #516 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 16 1107 तम्हा [खल] णो इत्थीणं कहं कहेजा // 2 // णो इत्थीहिं सद्धिं सण्णिसेजागए विहरित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीहिं सद्धिं सण्णिसेजागयस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा / तम्हा खलु णो णिजथे इत्थीहिं सद्धिं सण्णिसेजागए विहरेजा ॥३॥णो इत्थीणं इंदियाई मणोहराई मणोरमाई / आलोइत्ता णिज्झाइत्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीणं इंदियाई मणोहराई मणोरमाइं आलोएमाणरस णिज्झायमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, र्द हकालियं वा रोगायकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो णिग्गंथे इत्थीणं इंदियाई मणोहराई मणोरमाइं आलोए जा णिज्झाएजा / / 4 // णो इत्थीणं कुटुंतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा कूइयसई वा रुइयसई वा गीयसई वा हसियसई वा थणियसई वा कंदियसई वा विलवियसदं वा सुणेत्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीणं कुठंतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा कुइयसदं वा रुइयसदं वा गीयसदं वा हसियसई वा थणि यसई वा कंदियसई वा विलवियसई वा सुणेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीकालियं वा रोगायक हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो णिग्गंथे इत्थीणं कुड्डतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा कूइयसदं वा रुइयसदं वा गीयसई वा हसियसह वा थणियसई वा कंदियसइंवा विलवियसई वा सुणेमाणे विहरेजा // 5 // णो इत्थीणं पुव्वरयं पुव्वकीलियं अणुसरित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीणं पुव्वरयं पुव्वकीलियं अणुसरमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायक हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा स्खलु णो णिग्गंथे इत्थीणं पुव्वरयं पुत्वकीलियं अणुसरेजा // 6 // . णो पणीयं आहारं आहारित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु पणीय आहारं आहारेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइ. Page #517 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1108 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो णिग्गंथे पणीयं आहारं आहारेजा // 7 ॥णो अइमायाए पाए भोयणं आहारत हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ! आयरियाह / णिग्गंथरस खलु अइमायाए पाणभोयणं आहारेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइ गिच्छा वा समुप्पजिजा भेदं वा लमेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो णिग्गंथे अइमायाए पाणभोयणं आहारेजा ॥८॥णो विभूसाणुवाई हवद से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / विभूसावत्तिए विभूसियसरीरे इत्थिजणस्स अभिलसणिज्जे हवइ / तओ णं इत्थिजणेणं अभिलसिजमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिन्छा वा समुप्प. ज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायक हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो णिग्गंथे विभूसाणुवाई हवेज्जा // 9 // णो सद्दरूवरसगंधफासाणुवाई हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु सद्दरूवरसगंधफासाणुवाइस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पारणिजा. दहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा / तम्हा खलु णो सद्द. रूवरसगंधफासाणुवाई भवेजा से णिग्गंथे / दसमे बंभचेरसमाहिठाणे हवइ // 10 // हवंति इत्थ सिलोगा। तंजहा- विवित्तमणाइण्णं, रहियं इत्थिजणेण य / बंभचे. रस्स रक्खट्ठा, आलयं तु णिसेवए // 1 // मणपल्हायजणणी, कामरागविवणी / बंभचेररओ भिक्खू , थीकहं तु विवजए // 2 // समं च संथवं थीहि, संकहं च अभिक्खणं / बंभचेररओ भिक्खू , णिच्चसो परिवजए // 3 // अंगपच्चंगसंठाणं, चारुल्लवियपेहियं / बंभचेररओ थीणं, चक्खुगिज्झं विवजए // 4 // कूइयं रुइयं गीयं, हसियं थणियकं दियं / बंभचेररओ थीणं, सोयगिझं विवजए // 5 // हासं किड्ढे रइं दप्पं, सहसावित्तासियाणि य / बंभचेररओ थीणं, णाणुचिंते कयाइ घि // 6 // पणीयं भत्तपाणं तु, खिप्पं मयविवढणं / बंभचेररओ भिवखू , णिच्चसो परिवजए // 7 // धम्मलद्धं मियं काले, जत्तत्थं पणिहाणवं / णाइमत्तं तु भुजेजा, बंभचेररओ सया // 8 // विभूसं परिवज्जेजा, सरीरपरिमंडणं / बंभचेररओ भिक्खू , सिंगारत्थं ण धारए // 9 // सद्दे रूवे य गंधे य, रसे फासे तहेव य / पंचविहे Page #518 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 17 1109 कामगुणे, णिच्चसो परिवजए // 10 // आलओ थीजणाइण्णो, थीकहा य मणोरमा। संथवो चेव णारीणं, तासिं इंदियदरिसैंणं // 11 // कूइयं रुइयं गीयं, हासभुत्ताऽऽ. सियाणि य / पणीयं भत्तपाणं च, अइमायं पाणभोर्यणं // 12 // गत्तभूसणेमिटुं च, कामभोगा य दुजयों। परस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा // 13 // दुजए कामभोगे य, णिच्चसो परिवजए / संकट्ठाणाणि सव्वाणि, वज्जेज्जा पणिहाणवं // 14 // धम्मारामे चरे भिक्खू , धिइमं धम्मसारही / धम्मारामे रए दंते, बंभचेरसमाहिए // 15 // देवदाणवगंधब्बा, जक्खरक्खसकिण्णरा / बंभयारि णमंसंति, दुक्करं जे करंति तं // 16 // एस धम्मे धुवे णिच्चे, सासए जिणदेसिए / सिद्धा सिझंति चाणेणं, सिज्झिस्संति तहावरे॥१७॥ त्ति-बेमि // इति बंभचेरसमाहिठाणा णामं सोलसममायणं समत्तं // 16 // - अह पावसमणिज्जं णाम सत्तरसममज्झयणं जे केइ उ पब्वइए णियंठे, धम्मं सुणित्ता विणओववण्णे / सुदुलहं लहिउं बोहिलाभ, विहरेज पच्छा य जहासुहं तु // 1 // सेजा दढा पाउरणंमि अत्थि, उपजई भोत्तु तहेव पाउं / जाणामि जं वट्टइ आउसुत्ति, किं णाम काहामि सुएण भंते ! // 2 // जे केई उ पव्वइए, णिहासीले पगामसो / भुच्चा पिच्चा सुई सुवई, पावसमणे त्ति बुच्चई // 3 // आयरियउवज्झाएहिं, सुयं विणयं च गाहिए / ते चेव खिंसई बाले, पावसमणे त्ति वुच्चई // 4 // आयरियउवज्झायाणं, सम्मं ण पडितप्पई / अप्पडिपूयए थद्धे, पावसमणे त्ति वुच्चई // 5 // सम्मद्दमाणे पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य / असंजए संजयमण्णमाणे, पावसमणे त्ति बुच्चई // 6 // संथारं फलगं पीढं, णिसेज्जं पायकंबलं / अपमज्जियमारुहई, पावसमणे त्ति वुच्चई // 7 // दवदवस्स चरई, पमत्ते य अभिक्खणं / उल्लंघणे य चंडे य, पावसमणे त्ति वुच्चई // 8 // पडिलेहेइ पमत्ते, अवउज्झइ पायकंबलं / पडिलेहा अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 9 // पडिलेहेइ पमत्ते, से किंचि ह णिसामिया / गुरुपरिभावए णिच्चं, पावसमणे त्ति वुच्चई // 10 // बहुमाई पमुहरी, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे / असंविभागी अवियत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 11 // विवादं च उदीरेइ, अहम्मे अत्तपण्णहा / बुग्गहे कलहे रत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 12 // अथिरासणे कुक्कुइए, जत्थ तत्थ णिसीयई। आसणम्मि अणाउत्ते, पावसमणे त्ति वुच्चई // 13 // ससरक्खपाए सुवई, सेज्जं ण Page #519 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1110 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पडिलेहई / संथारए अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 14 // दुद्धदही विगईओ,. आहारेइ अभिक्खणं / अरए य तवोकम्मे, पावसमणे त्ति वुच्चई // 15 // अत्यंतम्मि य सूरम्मि, आहारेइ अभिक्खणं / चोइओ पडिचोएइ, पावसमंणे त्ति वुच्चई // 16 // आयरियपरिच्चाई, परपासंडसेवए ।गाणंगणिए दुब्भूए, पावसमणे त्ति बुच्छई // 17 // सयं गेहं परिच्चज, परगेहंसि वावरे / णिमित्तेण य ववहरई, पावसमणे त्ति बुच्चई // 18 // सण्णाइपिंडं जेमेइ, णेच्छइ सामुदाणियं / 'गिहिणिसेजं च वाहेइ, पावसमणे त्ति वुच्चई // 19 // एयारिसे पंचकुसीलसंवुडे, रूवंधरे मुणिपवराण हेट्टिमे। अयंसि लोए विसमेव गरहिए, ण से इहं णेव परत्थ लोए // 20 // जे वजए एए सया उ दोसे, से सुव्वए होइ मुणीण मज्झे / अयंसि लोए अमयं व पूइए, आराहए लोगमिणं तहा परं // 21 // त्ति-बेमि // इति पावसमणिज्ज णाम सत्तरसममज्झयणं समत्तं / / 17 // , अह संजइज्जणामं अट्ठारसममज्झयणं कंपिल्ले णयरे राया, उदिण्णबलवाहणे / णामेणं पंजए णाम, मिगव्वं उवणिग्गए // 1 // हयाणीए गयाणीए, रहाणीए तहेव य / पायत्ताणीए महया, सव्वओ परिवारिए // 2 // मिए छुहित्ता हयगओ, कंपिल्लुजाणकेसरे। भीए संते मिए तत्थ, वहेइ रसमुच्छिए // 3 // अह केसरम्मि उजाणे, अणगारे तवोधणे / सज्झाय. ज्झाणसंजुत्ते, धम्मज्झाणं झियायइ // 4 // अप्फोवमंडवंमि, झायइ क्खवियासवे / तस्सागए मिगे पासं, वहेइ से णराहिवे // 5 // अह आसगओ राया, खिप्पमागम्म सो तहिं / हए मिए उ पासित्ता, अणगारं तत्थ पासई // 6 // अह राया तत्थ संभंतो, अणगारो मणाहओ / मए उ मंदपुण्णेणं, रस गिद्धेण घंतुणा // 7 // आसं विसजइत्ताणं, अणगारस्स सो णिवो / विणएण वंदए पाए, भगवं ! एत्थ मे खमे // 8 // अह मोणेण सो भगवं, अणगारे झाणमस्सिए / रायाणं ण पडिमतेइ, तओ राया भयद्दओ // 9 // संजओ अहमम्मीति, भगवं ! वाहराहि मे / कुद्धे तेएण अणगारे, डहेज णरकोडिओ // 10 // अभओ पत्थिवा ! तुब्भं, अभयदाया भवाहि य / अणिच्चे जीवलोगंमि, किं हिंसाए पसजसी ? // 11 // जया सव्वं परिच्चज, गंतव्वमवसस्स ते / अणिच्चे जीवलोगंमि, किं रज्जंमि पसजसी ? // 12 // जीवियं वेव रूवं च, विज्जुसंपायचंचलं / जत्थ तं मुज्झसी रायं !; पेच्चत्थं णावबुज्झसे Page #520 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 18 1111 // 13 // दौराणि य सुया चेव, मित्ता य तह बंधवा / जीवंतमणुजीवंति, मयं णाणुव्वयंति य // 14 ॥णीहरंति मयं पुत्ता, पियरं परमदुक्खिया / पियरो वि तहा पुत्ते, बंधू रायं ! तवं चरे // 15 // तओ तेणऽज्जिए दवे, दारे य परिरक्खिए / कीलंतिऽण्णे णरा रायं !, हतुहमलंकिया // 16 // तेणावि जं कयं कम्मं, सुहं वा जइ वा दुहं / कम्मुणा तेण संजुत्तो, गच्छई उ परं भवं // 17 // सोऊण तस्स सो धम्म, अणगारस्स अंतिए / महया संवेगणिव्वेयं, समावण्णो णराहिवो // 18 // संजओ चइउं रज्जं, णिक्खंतो जिणसासणे / गद्दभालिस्स भगवओ, अणगारस्स अंतिए // 19 // चिच्चा रटुं पव्वइए, खत्तिए परिभासई / जहा ते दीसई रूवं, पसण्णं ते तहा मणो // 20 // किं णामे किं गोत्ते, कस्सट्टाए व माहणे / कहं पडियरसी बुद्धे, कहं विणीए: त्ति वुच्चसी ? // 21 // संजओ णाम णामेणं, तहा गोत्तेण गोयमो / गद्दभाली ममायरिया, विजाचरणपारगा // 22 // किरियं अकिरियं विणयं, अण्णाणं च महामुणी / एएहिं चउहिं ठाणेहि, मेयण्णे किं पभासई // 23 // इई पाउकरे बुद्धे, णायए परिणिन्बुए / विजाचरणसंपण्णे, सच्चे सच्चपरकमे // 24 // पडति णरए घोरे, जे णरा पावकारिणो / दिव्वं च गई गच्छंति, चरित्ता धम्ममारियं // 25 // मायावुइयमेयं तु, मुसा भासा णिरस्थिया / . संजममाणो वि अहं, वसामि इरियामि य // 26 // सव्वेए विइया मज्झं, मिच्छा. दिट्ठी अणारिया / विजमाणे परे लोए, सम्मं जाणामि अप्पयं // 27 // अहमासि महापाणे, जुइमं वरिससओवमे / ना सा पाली महापाली, दिव्वा वरिससओवमा // 28 // से चुए बंभलोगाओ, माणुसं भवमागए। अप्पणो य परेसिं च, आउं जाणे जहा तहा // 29 ॥णाणारुइं च छंदं च, परिवज्जेज संजए / अणट्ठा जे य सव्वत्था, इह विजामणुसंचरे // 30 // पडिकमामि पसिणाणं, परमंतेहिं वा पुणो। अहो! उठ्ठिए अहोरायं, इइ विजा तवं चरे // 31 // जं च मे पुच्छसी काले, सम्म सुद्धेण चेयसा / ताई पाउकरे बुद्धे, तं गाणं जिणसासणे // 32 // किरियं च रोयई धीरे, अकिरियं परिवजए / दिट्ठीए दिट्ठिसंपण्णे, धम्मं चर सुदुच्चरं // 33 // एयं पुण्णपयं सोचा, अत्थधम्मोवसोहियं / भरहो वि भारहं वासं, चिच्चा कामाइ पव्वए // 34 // सगरो वि सागरंतं, भरहवासं णराहिवो / इस्सरियं केवलं हिच्चा, दयाई परिणिव्वुडे // 35 // चइत्ता भारहं वासं, चक्कवट्टी महिडिओ। पव्वजमब्भुवगओ, मघवं णाम महाजसो // 36 // सणंकुमारो मणुस्सिंदो, चक्कवट्टी महिडिओ / पुत्तं Page #521 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - 1112 अनंगपविट्ठसुत्ताणि : रज्जे ठवेऊणं, सो वि राया तवं चरे // 37 // चइत्ता भारहं वासं, चकवट्टी महि. डिओ / संती संतिकरे लोए, पत्तो गइमणुत्तरं // 38|| इक्खागरायवसभो, कुंथू णाम परीसरो / विक्खायकित्ती भगवं, पत्तो गइमणुत्तरं // 39 // सागरंतं चइत्ताण, भरहे णरवरीसरो / अरो य अरयं पत्तो, पत्तो गइमणुत्तरं // 40 // चइत्ता भारहं वासं, चक्कवट्टी महिडिओ / चइत्ता उत्तमे भोए, महापउमे तवं चरे / / 41 // एगच्छत्तं पसाहित्ता, महिं माणणिसूरणो / हरिसेणो मणुस्सिंदो, पत्तो गइमणुत्तरं // 42 // अण्णिओ रायसहस्सेहि, सुपरिच्चाई दमं चरे / जयणामो जिणक्खायं, पत्तो गइमणुत्तरं // 43 // दसण्णरज्जं मुदियं, चइत्ताणं मुणी चरे / दसण्णभद्दो णिक्खंतो, सक्वं सक्केण चोइओ // 44 // णमी णमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइओ / चइऊण, गेहं वहदेही, सामण्णे पज्जुवढिओ // 45 // करकंडू कलिंगेसु, पंचालेसु य दुम्मुहो। णमी राया विदेहेसु, गंधारेसु य णग्गई // 46 // एए गरिदवसभा, णिक्खता जिगसासणे / पुत्ते रज्जे ठवेऊणं, सामण्णे पज्जुवट्ठिया // 47 // सोवीररायवसभो, चइ. त्ताणं मुणी चरे / उदायणो पव्वइओ, पत्तो गइमणुत्तरं // 48|| तहेव कासिराया वि, सेओ सच्चपरक्कमे / कामभोगे परिच्चज, पहणे कम्ममहावणं // 49 // तहेव विजओ राया, अणट्ठाकित्ति पव्वए / रज्जं तु गुणसमिद्धं, पयहित्तु महाजसो॥५०॥ तहेवुग्गं तवं किच्चा, अव्वक्खित्तेण चेयसा। महब्बलो रायरिसी, आदाय सिरसा सिरिं // 51 // कहं धीरो अहेऊहिं, उम्मत्तो व महिं चरे 1 / एए विसेसमादाय, सूरा दढपरक्कमा // 52 // अच्चंतणियाणखमा, सच्चा मे भासिया वई / अतरिंसु तरंतेगे, तरिस्संति अणागया // 53 // कहिं धीरे अहेऊहिं, अत्ताणं परियावसे / सव्वसंगविणिम्मुक्के, सिद्धे भवइ णीरए ॥५४॥त्ति-बेमि // इति संजइज्जणामं अट्ठारसममज्झयणं समत्तं // 18 // अह मियापुत्तीयं णामं एगूणवीसइमं अज्झयणं सुग्गीवे णयरे रम्मे, काणणुजाणसोहिए। राया बलभद्दित्ति, मिया तस्सग्गमाहिसी // 1 // तेसिं पुत्ते बलसिरी, मियापुत्ते त्ति विस्सुए। अम्मापिऊण दइए, जुवराया दमीसरे // 2 // गंदणे सो उ पासाए, कीलए सह इथिहिं / देवे दोगुदगे चेव, णिच्चं मुइयमाणसो // 3 / / मणिरयणकोट्टिमतले, पासायालोयट्ठिओ। आलो. एइ णगरस्स, चउक्कत्तियचच्चरे // 4 // अह तत्थ अइच्छंतं, पासई समणसंजयं / Page #522 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 19 1 113 तवणियमसंजमधरं, सीलड्ढे गुणआगरं // 5 // तं देहई मियापुत्ते, दिट्ठीए अणि. मिसाए उ / कहिं मण्णेरिसं रूवं, दिट्टपुव्वं मए पुरा // 6 / / साहुस्स दरिसणे तस्स, अज्झवसाणम्मि सोहणे / मोहं गयस्स संतस्स, जाईसरणं समुप्पण्णं // 7 // [देवलोगचुओ संतो, माणुसं भवमागओ। सणिणाणे समुप्पण्णे, जाइं सरइ पुराणियं / / ] जाईसरणे समुप्पण्णे, मियापुत्ते महिड्डिए / सरई पोराणियं जाइं, सामण्णं च पुरा कयं / / 8 // विसएहि अरज्जंतो, रज्जतो संजमंमि य / अम्मापियरमुवागम्म, इमं वयणमब्बी // 9 // सुयाणि मे पंच महव्वयाणि, णरएसु दुक्खं च तिरिक्खजोणिसु / णिविण्णकामोमि महण्णवाओ, अणुजाणह पव्वहस्सामि अम्मो ! // 10 // अम्मताय ! मए भोगा, भुत्ता विसफ्लोवमा / पच्छा कडुयविवागा, अणुबंधदुहावहा // 11 // इमं सरीरं अणिच्चं, असुइं असुइसंभवं / असासयावासमिणं, दुक्खकेसाण भायणं // 12 // असासए सरीरंमि, रई णोवलभामहं / पच्छा पुरा व चइयव्वे, फेणबुब्बुयसण्णिभे // 13 // माणुसत्ते असारंमि, वाहीरोगाण आलए / जरामरणपत्थंमि, खणं पि ण रमामहं / / 14 / जम्मं दुक्खं जरा दुक्खं, रोगा य मरणाणि य। अहो ! दुक्खो हु संसारो, जत्थ कीमति जंतुणो // 15 / / खेत्तं वत्थु हिरण्णं च, पुत्तदारं च बंधवा / चइत्ताणं इमं देहं, गंतव्वमवसस्स मे // 16 // जहा किंपागफलाणं, परिणामो ण सुंदरो / एवं भुत्ताण भोगाणं, परिणामो ण सुंदरो / / 17 // अद्धाणं जो महंतं तु, अपाहेओ पवजई। गच्छंतो सो दुही होइ, छुहातहाए पीडिओ // 18 / / एवं धम्मं अकाऊणं, जो गच्छइ परं भवं / गच्छंतो सो दुही होइ, वाहीरोगेहिं पीडिओ // 19 // अद्धाणं जो महंतं तु, सपाहेओ पवजई। गच्छंतो सो सुही होइ, छुहातहाविवजिजओ ! // 20 // एवं धन्म पि काऊणं, जो गच्छइ परं भवं / गच्छंतो सो सुही होइ, अप्पकम्मे अवेयणे // 21 // जहा गेहे पलित्तम्मि, तस्स गेहस्स जो पहू / सारभंडाणि णीणेइ, असारं अवरज्झइ // 22 // एवं लोए पलित्तम्मि, जराए मरणेण य / अप्पाणं तारइस्सामि, तुमहिं अणुमण्णिओ // 23 // तं बिंतऽम्मापियरो, सामण्णं पुत्त ! दुचरं / गुणाणं तु सहस्साई, धारेय. व्वाई भिक्खुणा // 24 // समया सव्वभूएसु, सत्तुमित्तेसु वा जगे / पाणाइवायविरई, जावज्जीवाए दुकरं // 25 / / णिच्चकालऽप्पमत्तेणं, मुसावायविवजणं / भासियवं हिन्यं सच्चं, णिच्चाउत्तेण दुक्करं / / 26 // दंतसोहणमाइम्स, अदत्तस्स विवजणं / अणवज्जेसणिजस्स, गिण्हणा अवि दुक्करं // 27 // विरई अबंभचेरस्स, कामभोगरसण्णुणा / उग्गं महव्वयं बंभ, धारेयव्वं सुदुक्करं // 28 // धणधण्णपेसवग्गेसु, परि Page #523 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ..1114 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . ग्गहविवजणं / सवारंभपरिच्चाओ, णिम्ममत्तं सुदुक्करं // 29 // चरबिहे वि आहारे, राईभोयणवजणा / सण्णिहीसंचओ चेव, वज्जेयध्वो सुदुक्करं // 30 // छुहा तण्हा य सीउण्हं, दंसमसगवेयणा / अक्कोसा दुक्खसेज्जा य, तणफासा जल्लमेव य / / 3.1 / / तालगा तजणा चेव, वहबंधपरीसहा / दुक्खं भिक्खायरिया, जायणा य अलाभया // 32 // कावोया जा इमा वित्ती, केसलोओ य दारुणो / दुक्खं बंभव्वयं घोरं, धारेउं अमहप्पणो // 33 // सुहोइओ तुमं पुत्ता !, सुकुमालो सुमज्जिओ / ण हु सि पभू तुमं पुत्ता !, सामण्णमणुपालिया // 34 / / जावज्जीवमविस्सामो, गुणाणं तु महब्भरो / गुरुओ लोहमारुव्व, जो पुत्ता ! होइ दुव्वहो // 35 / / आगासे गंगसोउव्व, पडिसोउव्व दुत्तरो। बाहाहिं सागरो चेव, तरियव्यो गुणोदही // 36 // वालुया कवले चेव, णिरस्साए उ संजमे। असिधारागमणं चेव, दुक्करं चरिउं तवो // 37 // अलीवेगंतदिट्ठीए, चरित्ते पुत्त ! दुकरे / जवा लोहमया चेव, चावेयव्वा सुदुक्कर // 38 // जहा अग्गिसिहा दित्ता, पाउं होइ सुदुक्करा / तही दुक्करं करेउं जे, तारुण्णे समणत्तणं // 39 // जहा दुक्खं भरेउं जे, होइ वायरस कोत्थलो। तहा दुक्खं करेउ जे, कीवेणं समणत्तणं / / 40 // जहा तुलाए तोलेउं, दुक्करो मंदरो गिरी। तहा णिहुयं णीसंकं, दुकरं समणत्तणं // 41 / / जहा भुयाहि तरिउं, दुकरं रयणायरो। तहा अणुवसंतेणं, दुक्करं दमसागरो // 42 // भुंज माणुस्सए भोए, पंचलक्खणए तुमं / भुत्तभोगी तओ जाया !, पच्छा धम्मं चरिस्ससि // 43 // सो बेइ अम्मापियरो, एवमेयं जहा फुडं / इह लोए णिप्पिवासस्स, णस्थि किंचिवि दुक्करं // 44 // सारीरमाणसा चेव, वेयणाओ अणंतसो / मए सोढाओ भीमाओ, असई दुक्खभयाणि य // 45 // जरामरणकंतारे, चाउरंते भयागरे / मया सोढाणि भीमाणि, जम्माणि मरणाणि य // 46 // जहा इहं अगणि उण्हो, एत्तोऽणंतगुणो तहिं / णरएसु वेयणा उण्हा, असाया वेइया मए // 47 // जहा इमं इहं सीयं, एत्तोऽणंतगुणो तहिं / णरएसु वेयणा सीया, असाया वेइया मए // 48 // कंदतो कंदुकुंभीसु, उड्डपाओ अहोसिरो हुयासणे जलंतम्मि, पक्कपुव्वो अणंतसो // 49 // महादवगिसंकासे, मरुमि वइरवालुए / कलंबवालुयाए य, दट्टपुटवो अणंतसो॥५०॥रसंतो कंदुकुंभीसु, उद्धं बद्धो अबंधवो / करवत्तकरकयाई हिं, छिण्णपुव्वो अणंतसो // 52 // अइतिक्ख. कंटगाइण्णे, तुंगे सिंबलिपायवे / खेवियं पासबद्धणं, कड्डोकड्ढाहिं दुक्करं // 52 // महाजतेसु उच्छू वा, आरसंतो सुभेरवं / पीलिओमि सकम्मेहि, पावकम्मो अणंतसो Page #524 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 19 1115 // 53 / / कुवंतो कोलसुणए हिं, सामेहिं सबलेहि य / पाडिओ फालिओ छिण्णो, वि कुरतो अणेगसो // 54 / / असीहिं अयसिवण्णाहिं, भल्लेहिं पट्टिसेहि य / छिण्णो "भिण्णो विभिण्णो य, ओइण्णो पावकम्मुणा // 55 // अवसो लोहरहे जुत्तो, जलंते समिलाजुए। चोइओ तोत्तजुत्तेहि, रोज्झो वा जह पाडिओ // 56 // हुयासणे जलंतम्मि, चियासु महिसो विव / दट्टो पक्को य अवसो, पावकम्मे हिं पाविओ // 57 // बला संडासतुंडेहि, लोहतुंडेहिं पविखहिं / विलुत्तो विलवंतो हं, ढंकगिद्धेहिंऽणंतसो // 58 // तण्हाकिलंतो धावतो, पत्तो वेयरणिं णइं / जलं पाहिं ति चिंतंतो, खुरधाराहिं. विवाइओ // 59 // उण्हाभितत्तो संपत्तो, असि पत्तं महावणं / असिपत्तेहिं पडतेहिं, छिण्णपुव्वो अणेगसो // 60 // मुग्गरेहिं मुसंढीहिं, सूलेहिं मुसलेहि य / गयासंभग्गगत्तहिं, पत्तं दुक्खं अणंतसो // 61 // खुरेहिं तिक्खधाराहिं, छुरियाहिं कप्पणीहि य / कप्पिओ फालिओ छिण्णो, उक्कित्तो य अणेगसो // 62 // पासेहिं कृडजालेहि, मिओ वा अवसो अहं / वाहिओ बद्धरुद्धो वा, बहुसो चेव विवाइओ // 63 // गलेहि मगरजालेहि, मच्छो वा अवसो अहं / उल्लिओ फालिओ गहिओ, मारिओ य अणंतसो // 64 // वीदंसएहिं जालेहि, लेप्पाहि सउणो विव / गहिओ लग्गो बद्धो य, मारिओ य अणंतसो // 65 // कुहाडफरसुमाईहि, वड्डई हिं दुमो विव / कुट्टिओ फालिओ छिण्णो, तच्छिओ य अणंतसो // 66 // चवेडमुट्ठिमाई हि, कुमारेहिं अयं पिव / ताडिओ कुट्टिओ भिण्णो, चुण्णिओ य अणंतसो // 67 // तत्ताई तंबलोहाइं, तउयाइं सीसयाणि य / पाइओ कलकलंताई, आरसंतो सुभेरवं // 68 // तुहं पियाई मंसाई, खंडाइं सोल्लगाणि य / खाविओमि समंसाई, अग्गिवप्रणाइंऽणेगसो // 69 // तुहुं पिया सुरा सीहू, मेरओ य महूणि य / पाइओमि जलंतीओ, वसाओ रुहिराणि य // 70 // णिच्चं भीएण तत्थेण, दुहिएण वहिएण य / परमा दुहसंबद्धा, वेयणा वेइया मए // 71 // तिव्वचंडप्पगाढाओ, घोराओ अइदुस्सहा / महन्मयाओ भीमाओ, णरएसु वेइया मए / / 72 / / जारि सा माणुसे लोए, ताया ! दीसंति वेयणा / एत्तो अणंतगुणिया, णरए सु दुव खवेयणा / / 73 // सव्व. भवेसु अस्साया, वेयणा वेइया मए / णिमेसंतरमित्तं पि, जं साया णत्थि वेयणा // 74 / / तं बितऽम्मापियरो, छंदेणं पुत्त ! पव्वया / णवरं पुण सामण्णे, दुक्खं णिप्पडिकम्मया // 75 // सो बेइ अम्मापियरो!, एवमेयं जहा फुडं / पडिकम्म को कुणई, अरण्णे मियपक्खिणं // 76 // एगब्भूए अरण्णे वा, जहा उ चरई मिगे। एवं धम्मं चरिस्सामि, संजमेण तवेण य // 77 // जहा मिगस्स आयको, महा Page #525 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि रणमि नायई / अच्छंतं रुक्खमूलंमि, को णं ताहे तिगिन्छई // 78 // को वा से ओसहं देइ ?, को वा से पुच्छई सुहं ? / को से भत्तं च पाणं वा, आहरित्तु पणा. मए ? // 79|| जया य से सुही होइ, तया गच्छइ गोयरं / भत्तपाणस्स अट्ठाए, वल्लराणि सराणि य // 80 // खाइत्ता पाणियं पाउं, वल्लरेहिं सरेहि य / मिगचारियं चरित्ताणं, गच्छई मिगचारियं // 81 / / एवं समुट्ठिओ भिक्खू , एवमेव अणेगए / मिगचारियं चरित्ताणं, उट्ठे पक्कमई दिसं // 82 // जहा मिए एग अणेगचारी, अणेगवासे धुवगोयरे य / एवं मुणी गोयरियं पविटे, णो हीलए णो वि य खिंसएजा // 83 // मिगचारियं चरिस्सामि, एवं पुत्ता ! जहासुहं / अम्मापिऊहिंऽगुण्णाओ, जहाइ उवहिं तहा / / 84 // मिगचारियं चरिस्सामि, सव्वदुक्खविमोक्वणिं / तुब्भेहिं अन्भणुण्णाओ, गच्छ पुत्त ! जहासुहं // 85 // एवं सो अम्मापियरो, अणुमाणित्ताण बहुविहं / ममत्तं छिंदई ताहे, महाणागोव्व कंचुयं // 86 // इड्डी वित्तं च मित्ते य, पुत्तदारं च णायओ। रेणुयं व पडे लग्गं, णिधुणित्ताण णिग्गओ // 87 / / पंचमहव्वयजुत्तो, पंचसमिओ तिगुत्तिगुत्तो य। सब्भितरबाहिरए, तवोकम्ममि उज्जुओ // 88 // णिम्ममो णिरहंकारो, णिस्संगो चत्तगारवो / समो य सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु य // 89 // लाभालाभे सुहे दुक्खे, जीविए मरणे तहा। समो जिंदापसंसासु, तहा माणावमाणओ // 90|| गारवेसु कसाएसु, दंडसल्लभएमु य / णियत्तो हाससोगाओ, अणियाणो अबंधणो॥९१।। अणिस्सिओ इहं लोए, परलोए अणिस्सिओ। वासीचंदणकप्पो य असणे अणसणे तहा / / 92 // अप्पसत्थेहिं दारेहिं सव्वओ पिहियासवे / अज्झप्पज्झाणजोगेहिं, पसत्थदमसासणे // 93 // एवं णाणेण चरणेण दंसणेण तवेण य / भावणाहि य सुद्धाहिँ, सम्मं भाविन्तु अप्पयं // 94 // बहुयाणि उबासाणि, सामण्णमणुपालिया। मासिएण उ भत्तेण, सिद्धिं पत्तो अणुत्तरं॥९५॥ एवं करंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा। विणियटृति भोगेसु, मियापुत्ते जहा मिसी // 96 / / महापभावस्स महाजसस्स, मियाइपुत्तस्स णिसम्म भासियं / तवप्पहाणं चरियं च उत्तम, गइप्पहाणं च तिलोगविस्सुयं // 97 // वियाणिया दुक्खविवद्धणं धणं, ममत्तबंधं च महाभयावहं / सुहावहं धम्मधुरं अणुत्तरं, धारेज णिब्वाणगुणावहं महं ॥९८||त्ति-बेमि // इति मियापुत्तीयं णामं एगणवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 19 // Page #526 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अह महाणियंठिज्जणामं वीसइमं अज्झयणं . सिद्धाणं णमो किच्चा, संजयाणं च भावओ / अत्थधम्मगई तच्चं, अणुसा? सुणेह मे // 1 // पभूयरयणो राया, सेणिओ मगहाहिवो / विहारजत्तं णिजाओ, मंडिकुच्छिसि चेइए ॥२॥णाणादुमलयाइण्णं, णाणापविखणिसेवियं / णाणाकुसुमसंडण्णं, उजाणं णंदणोवमं // 3 // तत्थ सो पासई साह, संजयं सुसमाहियं / णिसणं स्वखमूलग्मि, सुकुमालं सुहोइयं // 4 // तस्स रूवं तु पासित्ता, राइणो तम्मि संजए / अच्चंतपरमो आसी, अउलो रूवविम्हओ // 5 // अहो ! वण्णो हो ! स्वं, अहो! अजस्स सोमया / अहो ! खंती अहो ! मुत्ती, अहो ! भोगे असंगया // 6 // तस्स पाए उ वंदित्ता, काऊण य पयाहिणं / गाइदूरमणासण्णे, पंजली पडिपुच्छई // 7 // तरुणो सि अज्जो! पव्वइओ, भोगकालम्मि संनया!। उवडिओ सि सामण्णे, एयमटुं सुणेमि ता॥८|| अणाहोमि महाराय !, णाहो मज्झ ण विजई / अणुकंपगं मुहि वावि, कंचि णाभिसमेमहं // 9 // तओ सो पहसिओ राया, सेणिओ मगहाहिवो। एवं ते इहिमंतस्स, कहं णाहो ण विजई // 10|| होमि णाहो भयंताणं, भोगे भुंजाहि संजया ! / मित्तणाईपरिवुडो, माणुस्सं खु सुदुल्लहं // 11 // अप्पणा वि अणाहो सि, सेणिया ! मगहाहिवा ! अप्पणा अणाहो संतो, कहं णाहो भविस्ससि ! // 12 // एवं वुत्तो गरिंदो सो, सुसंभंतो सुविम्हिओ / वयणं अस्सुयपुव्वं, साहुणा विम्हयण्णिओ // 13 // अस्सा हत्थी मणुस्सा मे, पुरं अंतेउरं च मे / भुंजामि माणुसे भोए, आणा इम्सरियं च मे // 14 // एरिसे संपयग्गम्मि, सव्वकामसमप्पिए / कहं अणाहो भवई, मा हु भंते ! मुसं वए // 15 ॥ण तुमं जाणे अणाहस्स, अत्थं पोत्थं च पस्थिवा ! / जहा अणाहो भवई, सणाहो वा णराहिवा ! // 16 // सुणेह मे महाराय !, अव्यक्खित्तेण चेयसा। नहा अणाहो भवई, जहा मेयं पवत्तियं // 17 // कोसंबी णाम णयरी, पुराणपुरभेयणी / तत्थ आसी पिया मज्झ, पभूयधणसंचओ // 18 // पढमे वए महाराय !, अउला मे अच्छिवेयणा / अहोत्था विउलो दाहो, सव्वगत्तेसु पस्थिवा ! // 19 // सत्थं जहा परमतिक्खं, सरीरविवरंतरे / आवीलिज अरी कुद्धो, एवं मे अच्छिवेयणा // 20 // तियं मे अंतरिच्छं च, उत्तमगं च पीडई / इंदासणिसमा घोरा, वेयणा परमदासणा // 21 // उवट्टिया मे आयरिया, विजामंततिगिच्छगा। अबीया सत्थकुसला, मंतमूल विसारया // 22 // ते मे तिगिच्छं कुव्वंति, चाउप्पायं जहाहियं / ण य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ Page #527 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि . अणाहया // 23 // पिया मे सव्वसारं पि, दिजाहि मम कारणा / ण य दुक्खा विमोएंइ, एसा मज्झ अणाया॥२४॥ माया वि मे महाराय !, पुत्तसोगदुट्टिया। ण य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाया // 25 // भायरा में महाराय !, सगा जेट्टकणिट्ठगा / ण य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ अणाहया / / 26 // भइणीओ मे महाराय ! सगा जेट्टकणिट्ठगा / ण य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ अणाया // 27 // भारिया मे महाराय !, अणुरत्ता अणुव्वया / अंसुपुण्णेहिं णयणेहि, उरं मे परिसिंचई // 28|| अण्णं पाणं च पहाणं च, गंधमल्लविलेवणं / मए णायमणायं वा, सा बाला णेव भुंजई // 29 // खणं पि मे महाराय !, पासाओ वि ण फिट्टई / ण य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाया // 30 // तओ हं एवमाहंसु, दुक्खमा हु पुणो पुणो / वेयणा अणुभविउं जे, संसारम्मि अणंतए // 31 // सई च जइ मुच्चेजा, वेयणा विउला इओ / खंतो दंतो णिरारंभो, पव्वए अणगारियं // 32 // एवं च चिंतइत्ताणं,पसुत्तोमि णराहिवा!। परियत्तेतीए राईए, वेयणा मे खयं गया // 33 // तओ कल्ले पभायंमि, आपुच्छित्ताण बंधवे / खंतो दंतो णिरारंभो, पव्वइओऽणगारियं // 34 // तो हं णाहो जाओ, अप्पणो य परस्स य / सव्वेसिं चेव भूयाणं, तसाणं थावराण य // 35 // अप्पा गई वेयरणी, अप्पा मे कूडसामली / अप्पा कामदुहा घेणू , अप्पा मे णंदणं वणं // ३६॥अप्पा कत्ता विकत्ता य, दुहाण य सुहाण य / अप्पा मित्तममित्तं च, दुप्पट्टिय सुपट्टिओ // 37 / / इमा हु अण्णा वि अणाया णिवा !, तमेगचित्तो णिहुओ सुणेहि / णियंटधम्मं लहियाण वि जहा, सीयंति एगे बहुकायरा णरा // 38 // जो पव्वइत्ताण महव्वयाई, सम्मं च णो फासयई पमाया। अणिग्गहप्पा य रसेसु गिद्धे, ण मूलओ छिण्णइ बंधणं से ||39|| आउत्तया जस्स ण अस्थि काइ, इरियाए भासाए तहेसणाए / आयाणणिव खेवदुगुंछणाए, ण वीरजायं अणुजाइ मग्गं // 40 // चिरं पि से मुंडई भवित्ता, अथिरव्वए तवणियमेहिं भट्टे। चिरं पि अप्पाण किलेस इत्ता, ण पारए होइ हु संपराए // 41 // पोल्ले व मुट्ठी जह से असारे, अयंतिए कूडकहावणे वा / राढामणी वेरुलियप्पगासे, अमहग्घए होइ हु जाणएसु // 42 // कुसीललिंगं इह धारइत्ता, इसिज्झयं जीविय बूहइत्ता। असंजए संजयलप्पमाणे, विणिघायमागच्छइ से चिरं पि // 43 // विसं तु पीयं जह कालकूडं, हणाइ सत्थं जह कुग्गहीयं / एसो विधम्मो विसओववण्णो, हणाइ वेयाल इवाविवण्णो // 44 // जे लक्खणं सुविणं पउंजमाणे, णि मेत्तको ऊहलसंपगाढे / कुहेडविजासवदारजीवी, ण गच्छई सरणं तम्मि काले Page #528 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 20 1119 // 45 // तमं तमेणेव उ से असले, सया दुही विपरियामुवेइ / संधावई णरगतिरिक्खजोणिं, मोणं विराहेत्तु असाहुरूवे // 46 / / उद्देसियं कीयगडं णियागं, ण मुंचई किंचि अणेसणिज्जं / अग्गी विवा सबभक्खी भवित्ता, इत्तो चुए गच्छइ कटु पावं // 47 // ण तं अरी कंठछेत्ता करेइ, जं से करे अप्पणिया दुरप्पया / से णाहिई मच्चुमुहं तु पत्ते, पच्छाणुतावेण दयाविहूणो // 48 / / णिरहिया णग्गरुई उ तस्स, जे उत्तमढे विवजासमेइ / इमे वि से पत्थि परे वि लोए, दुहओ वि से झिज्झइ तत्थ लोए // 49 / / एमेवऽहाछंदकुसीलरूवे, मग्गं विराहित्तु जिणुत्तमाणं / कुरी विवा भोगरसाणुगिद्धा, णिरट्ठसोया परियावमेइ // 50 // सोच्चाण मेहावि ! सुभासियं इमं, अणुसासणं णाणगुणोववेयं / मग्गं कुसीलाण जहाय सव्वं, महाणियंठाण वए पहेणं // 51 // चरित्तमायारगुणण्णिए तओ, अणुत्तरं संजम पालियाणं / णिरासवे संखवियाण कम्मं, उवेइ ठाणं विउलुत्तमं धुवं // 52 // एवुग्गदंते वि महातवोधणे, महामुणी महापइण्णे महायसे / महाणियंठिजमिणं महास्यं, से कहेई महया वित्थरेणं // 53 // तुट्ठो य सेणिओ राया, इणमुदाहु कयंजली। अणाहत्तं जहाभूयं, सुट्ट मे उवदंसियं / / 54 / / तुझं सुलद्धं खु मणुस्सजम्म, लाभा सुलद्धा य तुमे महेसी ! तुम्भे सणाहा य सबंधवा य, जं मे ठिया मग्गे जिणुत्तमाणं // 55 // तं सि णाहो अणाहाणं, सव्वभूयाण संजया ! खामेमि ते महाभाग!, इच्छामि अणुसासिउं // 56 // पुच्छिऊण मए तुभं, झाणविग्यो उ जो कओ / णिमंतिया य भोगेहि, तं सव्वं मरिसेंहि मे // 57 // एवं थुणित्ताण स रायसीहो, अणगारसीहं परमाइ भत्तिए। सओरोहो सपरियणो सबंधवो, धम्माणुरत्तो विमलेण चेयसा // 58 // ऊससियरोमकूवो, काऊण य पयाहिणं / अभिवंदिऊण सिरसा, भइयाओ गराहिवो // 59 // इयरो वि गुणसमिद्धो, तिगुत्तिगुत्तो तिदंडविरओ य / विहग इव विप्पमुक्को, विहरइ वसुहं विगयमोहो // 60 // त्ति-बेमि // इति महाणियंठिज्जणामं वीसइमं अज्झयणं समत्तं // 20 // अह समुद्दपालीयं णामं एगवीसइमं अज्झयणं ...चंपाए पालिए .णाम, सावए आसि वाणिए / महावीरस्स भगवओ, सीसे सो उ . महप्पणो / / 1 / / णिग्गंथे पावयणे, सावए से वि कोविए / पोएण ववहरंते, पिहुंड णगरमागए // 2 // पिहुंडे ववहरंतस्स, वाणिओ देइ धूयरं / तं ससत्तं पइगिज्झ, Page #529 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1120 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सदेसमह पत्थिओ // 3 // अह पालियस्स घरणी, समुद्दम्मि पसवई / अह बालए तहिं जाए, समुद्दपालित्ति णामए // 4 // खेमेण आगए चंपं, सावए वाणिए घरं / संवड्ढई तस्स घरे, दारए से सुहोइए // 5 // बावत्तरी कलाओ य, सिक्खई गाइ. कोविए / जोव्वणेण य संपण्णे, सुरूवे पियदंसणे // 6 // तस्स रूववइं भज्जं, पिया आणेइ रूविणिं / पासाए कीलए रम्मे, देवो दोगुंदओ जहा // 7 // अह अण्णया कयाई, पासायालोयणे ठिओ। वज्झमंडणसोभागं, वझं पासइ वज्झगं // 8 // तं पासिऊण संविग्गो, समुद्दपालो इणमब्बवी। अहोऽसुभाण कम्माणं, णिजाणं पावगं इमं // 9 // संबुद्धो सो तहिं भयवं, परमसंवेगमागओ। आपुच्छऽम्मापियरो, पव्वए अणगारियं // 10 // जहित्तु सगंथ महाकिलेस, महंतमोहं कसिणं भयावहं / परियायधम्मं चऽभिरोयएजा, वयाणि सीलाणि परीसहे य // 11 // अहिंससच्चं च अतेणगं चं, तत्तो य बंभ अपरिग्गहं च / पडिवज्जिया पंचमइव्वयाणि, चरिज धम्मं जिणदेसियं विद् // 12 // सव्वेहिं भूएहिं दयाणुकंपी, खंतिक्खमे संजयवंभयारी / सावजजोगं परिवजयंतो, चरिज भिक्खू सुसमाहिइंदिए // 13 // कालेण कालं विहरेज रट्टे, बलाबलं जाणिय अप्पणो य / सीहो व सद्देण ण संतसेजा, वयजोग सुच्चा ण असब्भमाहु // 14 // उवेहमाणो उ परिव्वएजा, पियमप्पियं सव्व तितिखएजा। ण सव्व सव्वत्थऽभिरोयएजा, ण यावि पूर्व गरहं च संजए // 15 // अणेगछंदा इह माणवेहि, जे भावओ संपगरेइ भिक्खू / भयभेरवा तत्थ उइंति भीमा, दिव्वा मणुस्सा अदुवा तिरिच्छा // 16 // परीसहा दुव्विसहा अणेगे, सीयंति जत्था बहुकायरा णरा / से तत्थ पत्ते ण वहिज भिक्खू , संगामसीसे इव णागराया // 17 // सीओसिणा दंसमसा य फासा, आयंका विविहा फुसंति देहं / अकुक्कुओ तत्थऽहियासएजा, रयाई खेवेज पुराकयाइं // 18 // पहाय रागं च तहेव दोसं, मोहं च भिक्खू सययं वियक्खणो। मेरुव्व वाएण अकंपमाणो, परीसहे आयगुत्ते सहेजा // 19 // अणुण्णए णावणए महेसी, ण यावि पूयं गरहं च संजए / स उज्जुभावं पडिवज संजए, णिव्वाणमग्गं विरए उवेइ // 20 // अरइ. रइसहे पहीणसंथवे, विरए आयहिए पहाणवं / परमट्ठपएहिं चिट्ठई, छिण्णसोए अममे अकिंचणे // 21 // विवित्तलयणाई भएज ताई, णिरोवलेवाइं असंथडाई / इसीहि चिण्णाई महायसेहिं, काएण फासेज परीसहाई / / 22 / / सण्णाणणाणोवगए महेसी, अणुत्तरं चरिउ धम्मसंचयं / अणुत्तरे णाणधरे जसंसी, ओभासई सूरिए वंतलिक्खे // 23 // दुविहं खवेऊण य पुण्णपावं, णिरंगणे सव्वओ विप्पमुक्के / तरित्ता समुदं Page #530 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 22 1121 व महाभवोघं, समुद्दपाले अपुणागमं गए // 24 // त्ति-बेमि // इति समुद्दपालीयं णामं एगवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 21 // ____ अह रहणेमिज्जणाम बावीसइमं अज्झयणं मोरियपुरम्मि णयरे, आसि राया महिडिए / वसुदेवुत्ति णामेणं, रायलक्खणसंजुए // 1 // तस्स भन्जा दुवे आसी, रोहिणी देवई तहा। तासिं दोण्हं दुवे पुत्ता, इट्टा रामकेसवा / / 2 // सोरियपुरम्मि णयरे, आसि राया महिड्डिए / समुद्दविजए णाम, रायलक्खणसंजुए // 3 / / तस्स मजा सिवा णाम, तीसे पुत्तो महायसो / भगवं अरिटुंगेमित्ति, लोगणाहे दमीसरे // 4 // सोऽरिडणेमिणामो उ, लक्खणस्सरसंजुओ। अट्ठसहस्सलक्खणधरो, गोयमो कालगच्छवी // 5 // वजरिसहसंघयणो, समचउरंसो झसोयरो / तस्स रायमईकण्णं, भज्जं जायइ केसवो // 6 // अह सा रायवरकण्णा, सुसीला चारुपेहणी / सव्वलक्खणसंपण्णा, विज्जुसोयामणिप्पभा // 7 // अहाह जणओ तीसे, वासुदेवं महिड्डिय / इहागच्छउ कुमारो, ना से कण्णं ददामि हं ॥८सव्वोसहीहिं ण्हविओ, कयकोउयमंगलो / दिव्वजुयलपरिहिओ, आभरणेहिं विभूसिओ // 9 // मत्तं च गंधहत्थिं च, वासुदेवस्स जेट्टगं। आरूढो सोहए अहियं, सिरे चूडामणी जहा // 10 // अह ऊसिएण छत्तेण, चामराहि य सोहिओ / दसारचक्केण य सो, सव्वओ परिवारिओ // 11 // चउरंगिणीए सेणाए, रइयाए जहाव मं / दुरियाण सण्णिणाएणं, दिव्वेणं गगणं फुसे // 12 // एयारिसीए इट्टीए, जुत्तीए उत्तमाइ यः / णियगाओ भवणाओ, णिजाओ वहिपुंगवो // 13 // अह सो तत्थ णिज्जतो, दिस्स पाणे भयद्दए / वाडेहिं पंजरेहिं च, संणिरुद्धे सुदुक्खिए // 14 // जीवियंतं तु संपत्ते, मंसट्ठा भक्खियव्वए / पासित्ता से महापण्णे, सारहिं इणमब्बा // 15 // कस्स अट्ठा इमे पाणा, एए सव्वे सुहेसिणो / वाडेहिं पंजरेहिं च, सण्णिरुद्धा य अच्छहिं // 16 // अह सारही तओ भणइ, एए भद्दा उ पाणिणो। तुझं विवाहकजम्मि, भोयावेउं बहं जणं // 17 // सोऊण तस्स वयणं, बहुपाणिविणासणं / चिंतेइ से महापण्णे, माणुक्कोसे जिएहि ऊ // 18 // जइ मज्झ कारणा एए, हम्मति सुबहू जिया। ण मे एयं तु णिस्सेसं, परलोगे भविस्सई // 19 // सो कुंडलाण जुयलं, सुत्तगं च महायसो / आभरणाणि य सवाणि, साहिस्स पणामए // 20 // मणपरिणामो य Page #531 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1122 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कओ, देवा जहोइयं समोइण्णा / सध्विड्डीइ सपरिसा, णिक्खमणं तस्स काउं जे . // 21 // देवमणुस्सपरिवुडो, सीयारयणं तओ समारूढो / णिक्खमिय बारगाओ,रेवययम्मि ठिओ भगवं ||22|| उजाणं संपत्तो, ओइण्णो उत्तमाउ सीयाओ / साहस्सीइ परिवुडो,अह णिक्खमई उ चित्ताहिँ ॥२३॥अह से सुगंधगंधीए, तुरियं मउयकुंचिए। सयमेव लुचई केसे, पंचमुट्ठीहिं समाहिओ // 24 // वासुदेवो य णं भणइ, लुत्तकेसं जिइंदियं / इच्छियमणोरहं तुरियं, पावसु तं दमीसरा ! // 25 // णाणेणं दंसणेणं च, चरित्तेण तहेव य / खेतीए मुत्तीए, वड्डमाणो भवाहि य // 26 // एवं ते रामकेसवा, दसारा य बहू जणा। अरिट्ठमि वंदित्ता, अइगया बारगापुरि // 27 // सोऊण रायकण्णा, पव्वज्जं सा जिणस्स उ। णीहासा य णिराणंदा, सोगेण उ समुच्छिया / / 28 // राईमई विचिंतेइ, घिरन्थु मम जीवियं / जाऽहं तेण परिच्चत्ता, सेयं पव्वइउं मम ||29|| अह सा भमरसण्णिभे, कुच्चफणगपसाहिए / सयमेव लुचई केसे, धिइमंता ववस्सिया // 30 // वासुदेवो य णं भणइ, लुत्तकेसं जिइंदियं / संसारसागरं घोरं, तर कण्णे ! लहुं लहुं // 31 // सा पव्वइया संती, पव्वावेसी तहिं बहुं / सयणं परियणं चेव, सीलवंता बहुस्सुया // 32 / / गिरिं रेवययं जंती, वासेणुल्ला उ अंतरा। वासंते अंधयारंमि, अंतो लयणस्स सा ठिया // 33 // चीवराई विसारंती, जहाजायत्ति पासिया। रहणेमी भंगचित्तो, पच्छा दिट्ठो य तीइ वि // 34 // भीया य सा तहिं दटुं, एगंते संजयं तयं / बाहाहिं काउं संगोप्फ, वेवमाणी णिसीयई // 35 // अह सो वि रायपुत्तो, समुद्दविजयंगओ। भीयं पवेवियं दट्टुं इमं वक्कमुदाहरे // 36 / / रहणेमी अहं भद्दे !, सुरूवे ! चारुभासिणी ! / ममं भयाहि सुयणु !, ण ते पीला भविस्सई // 37 // एहि ता भुंजिमो भोए, माणुस्सं खु सुदुल्लहं / भुत्तभोगी तओ पच्छा, जिणमग्गं चरिस्समो // 38 // दळूण रहणेमि तं, भग्गुज्जोयपराजियं / राईमई असंभंता, अप्पाणं संवरे तहिं // 39 // अह सा रायवरकण्णा, सुट्टिया णियमवए / जाई कुलं च सीलं च, रक्खमाणी तयं वए // 40 // जइऽसि रूवेण वेसमणो, ललिएण णलकूबरो / तहा वि ते ण इच्छामि, जइऽसि सक्खं पुरंदरो // 41 // पक्खंदे जलियं जोई, धूमकेउंदुरासयं / णेच्छंति वंतयं भोत्तुं कुले जाया अगंधणे // 42 // धिरत्थु तेऽजसोकामी, जो तं जीवियकारणा / वंतं इच्छसि आवेडं, सेयं ते मरणं भवे // 43 / / अहं च भोगरायस्स, तं च सि अंधगवण्हिणो / मा कुले गंधणा होमो, संजमं णिहुंओ चर // 44 // जइ Page #532 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 23 1123 तं काहिसि भावं, जा जा दिच्छसि णारिओ / वायाविद्धोव्व हटो, अट्टिअप्पा भवि म्ससि // 45 // गोवालो भंडवालो वा, जहा तहव्वऽणिस्सरो / एवं अणिस्सरो तं पि, सामण्णस्स भविस्ससि / / 46 // कोहं माणं णिगिणिहत्ता, मायं लोभं च सव्वसो / इंदियाइं वसे कार, अप्पाणं उवसंहरे // 47 // तीसे सो वयणं सोचा, संजयाए सुभासियं / अंकुसेण जहा णागो, धम्मे संपडिवाइओ // 48 // मणगुत्तो वयगुत्तो, कायगुत्तो जिइंदिओ / सामण्णं णिच्चलं फासे, जावजवं दढव्दओ // 49 // उग्गं तवं चरित्ताणं, जाया दोण्णि वि केवली / सव्वं कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं पत्ता अणुत्तरं // 20 // एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियखणा। विणियटृति भोगेसु, जहा सो पुरिसोत्तमो // 51 // त्ति-बेमि // इति रहोमज्जणामं बावीसइम अज्झयणं समत्तं // 22 // अह केसिगोयमिज्जणामं तेवीसइमं अज्झयणं __ जिणे पासित्ति णामणं, अरहा लोगपृहओ। संबुद्धप्पा य सव्वण्णू, धम्मतित्थयरे जिणे // 1 // तस्स लोगपईवस्त, आसि सीसे महायसे / केसी कुमारसमणे, विजाचरणपारगे // 2 // ओहिणाणसुए बुद्धे, सीससंघसमाउले / गामाणुगामं रीयंते, सावस्थिं पुरमागए // 3 // तिंदुयं णाम उजाणं, तम्मी णगरमंडले / फासुए सिजसंथारे, तत्थ वासमुवागए // 4 // अह तेणेव कालेणं, धम्मतित्थयरे जिणे / भगवं वद्धमाणित्ति, सव्वलोगंमि विस्सुए // 5 // तस्म लोगपईवस्स, आसि सीसे महायसे / भगवं गोयमे णाम, विजाचरणपारए // 6 // बारसंगविऊ बुद्धे, सीसमंघसमाउले। गामाणुगामं र.यंते, सो वि सावत्थिमागए // 7 // कोट्टगं णाम उजाणं, तम्मी णगरमंडले / फासुए सिज्जसंथारे, तत्थ वास मुवागए / / 8 // केसी कुमारसमणे, गोयमे य महायसे / उभओ वि तत्थ विहरिंतु, अल्लीणा सुसमाहिया // 9 // उमओ सीससंघाणं, संजयाणं तवस्सिणं / तत्थ चिंता समुप्पण्णा, गुणवंताण ताइणं // 10 // केरिसो वा इमो धम्मो, इमो धम्मो व केरिसो / आयारधम्मपणिही, इमा वा सा व केरिसी ? // 11 // चाउजामो य जो धम्मो, जो इमो पंचसिदिखओ / देसिओ बद्धमाणेण, पासेण य महामणी // 12 // अचेलओ य जो धम्मो, जो इमो संतरुत्तरो। एग कजपवण्णाणं, विसेसे किं णु कारणं ? // 13 // अह ते तत्थ सीसाणं, विण्णाय पवितक्कियं / समागमे कयमई, उभओ केसिगोयमा Page #533 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1124 अनंगपविट्ठसुत्ताणि // 14 // गोयमे पडिरूवण्णू ,सीससंघसमाउले / जेठं कुलमवेक्खंतो, तिंदुयं वणमागओ // 15 // केसी कुमारसमणे, गोयमं दिस्समागयं / पडिरूवं पडिवत्ति, सम्मं संपडिवजई / / 16 // पलालं फासुयं तत्थ, पंचमं कुसतणाणि य / गोयमस्स णिसैजाए, खिप्पं संपणामए // 17 // केसी कुमारसमणे, गोयमे य महायसे / उभओ णिसण्णा सोहंति, चंदसूरसमप्पभा // 18 // समागया बहू तत्थ, पासंडा कोउगा मिया / गिहत्थाणं अणेगाओ, साहस्सीओ समागया // 19 // देवदाणवगंधवा, जक्खरक्खसकिण्णरा / अदिस्साणं च भूयाणं, आसी तत्थ समागमो // 20 // पुच्छामि ते महाभाग !, केसी गोयममब्बबी। तओ केसि बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 21 // पुच्छ भंते ! जहिच्छं ते, केसिं गोयममब्बवी ? तओ केसी अणुण्णाए, गोयम इणमब्बवी // 22 // चाउजामो य जो धम्मो, जो इमो पंच सिक्खिओ। देसिओ वद्धमाणेण, पासेण य महामुणी // 23 // एगकऊपवण्णाणं, विस्से किं णु कारणं ? धम्मे दुविहे मेहावी, कहं विप्पच्चओ ण ते 1 // 34 // तओ के सिं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी / पण्णा समिक्खए धम्म, तत्तं तत्तविणिच्छियं // 25 // पुरिमा उज्जुजडा उ, वंकजडा य पच्छिमा / मज्झिमा उज्जुपण्णा उ, तेण धम्मे दुहा कए // 26 // पुरिमाणं दुविसोझो उ, चरिमाणं दुरणुपालओ। कप्पो मज्झिमगाणं तु, सुविसोज्झो सुपालओ // 27 // साहु गोयम ! पण्णा ते, छिप्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 28|| अचेलगो य जो धम्मो, जो इमो संतरुत्तरो / देसिओ वद्धमाणेण, पासेण य महाजसा // 29 // एगकज्जपवण्णाणं, विसेसे किं णु कारणं / लिंगे दुविहे मेहावी, कहं विष्पचओ ण ते ? // 30 // केसिमेवं बुवाणं तु, गोयमो इणमब्बवी / विण्णाणेण समागम्म, धम्मसाहणमिच्छ्यिं // 31 // पच्चयत्थं च लोगस्स, णाणाविहविगप्पणं / जत्तत्थं गहणत्थं च, लोगे लिंगपओयणं // 32 // अह भवे पइण्णा उ, मोक्खसब्भूयसाहण] / णाणं च दंसणं चेव, चरित्तं चेव णिच्छए // 33 / / साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 34 // अणेगाणं सहस्साणं, मज्झे चिट्ठसि गोयमा ! / ते य ते अहिगच्छंति, कहं ते णिज्जिया तुमे ! // 35 // एगे जिए जिया पंच, पंच जिए जिया दस / दसहा उ जिणित्ताणं, सव्वसत्तु जिणामहं // 36 // सत्तू य इह के वुत्ते ?, केसी गोयममब्यवी / तओ केसिं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 37 // एगप्पा अजिए सत्त, कप्ताया इंदियाणि Page #534 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 23 1125 य / ते जिणिक्षु जहाणायं, विहरामि अहं मुणी ! // 38 // साहु गोयम ! पण्णा ते, लिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 39 / / दीसंति बहवे लोए, पासबद्धा सरीरिणो ! मुक्कपासो लहुभूओ, कहं तं विहरसी मुणी ? // 40 // ते पासे सव्वसो छित्ता, णिहतूण उवायओ / मुक्कपासो लहुन्भूओ, विहरामि अहं मुणी ! // 41 // पासा य इइ के वुत्ता ?, केसी गोयममब्ययी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 42 // रागद्दोसादओ तिव्वा, णेहपासा भयंकरा / ते छिंदित्तु नहाणायं, विहरामि जहक्कम // 43 // साहु गोयम ! पण्णा ते, छिणो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 44 // अंतोहिययसंभूया, लया बिट्टइ गोयमा ! फलेइ विसभक्खीणि, सा उ उद्धरिया कहं ? // 45 // तं लयं सव्वसो छित्ता, उद्धरित्ता समूलियं / विहरामि जहाणायं, मुक्कोमि विसभक्खणं ॥४६॥लया य इह का वुत्ता ?, केसी गोयममब्बवी / के सिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 47 // भवतण्हा लया वुत्ता, भीमा भीमपलोदया। तमुच्छित्तु जहाणायं, विहरामि जहासुहं // 48 // साहु गोयम ! पण्णा ते, हिष्णो मे मंसओ इमो। अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा! // 49 // संपजलिया घोरा, अग्गी चिट्ठ गोयमा!। जे डहंति सरीरत्था, कहं विज्झाविया तुमे ? // 50 // महामेहप्पसूयाओ,गिज्झ वारि जलुत्तमं / सिंचामि सययं देह, सित्ता णो व उहंति मे // 51 // अग्गी य इइ के वुत्ता ?, केसी गोयममब्बवी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 52 / / कसाया अग्गिणो वुत्ता, सुयसीलतवो जलं / सुयधारामिहया संता, भिण्णा हु ण डहति मे // 53 // साहु गोबम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं म कहसुगोयमा!॥५४॥ उयं साहसिओ भीमो, दुट्ठस्सो परिधावई / जंसि गोयम ! आरूढो, कहं तेण ण हीरसि 1 // 55 // पधावंतं णिगिण्हामि, सुयरस्सीसमाहियं / ण मे गच्छइ उम्मग्गं, मग्गं च पडिवजई ॥५६॥आसे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममन्नवी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 57 // मणो साहसिओ भीमो, दुट्ठस्सो परिधावई ।तं सम्मं तु णिगियहामि, धम्मसिक्खाइ कंथगं 158) साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, 'तं मे कहसु गोयमा ! // 59 / / कुम्पहा बह्वो लोए, जेहिं णासंति जंतुणो / अद्धाणे कह वर्सेतो, तं ण णाससि गोयमा ! // 60 // जे य मन्गेण गच्छंति, जे य उम्मग्गपट्ठिया। ते सव्वे वेइया मज्झं, तो ण णस्सामहं मुणी ! // 61 // मग्गे य इइ के Page #535 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1126 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . बुत्ते ?, केसी गोयममब्रवी। केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी / / 62 // कुप्पवयणपासंडी, सव्वे उम्मगपट्ठिया / सम्मग्गं तु जिणक्खायं, एस मग्गे हि उत्तमे // 63 // साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 64 // महाउदगवेगेण, वुज्झमाणाण पाणिणं, सरणं गई पइट्ठा य, दीवं कं मण्णसी मुणी ? // 65 // अस्थि एगो महादीवो, वारिमज्झे महालओ।महाउदगवेगस्स, गई तत्थ ण विजई // 66 // दीवे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 67 / / जरामरणवेगेणं, वुज्झमाणाण पाणिणं / धम्मो दीवो पइट्ठा य, गई सरणमुत्तमं // 68 // साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 69 // अण्णवंसि महोहंसि; णावा विपरिधावई / जंसि गोयम ! आरूढो, कहं पारं गमिस्ससि 1 // 70 // जा उ अस्साविणी णावा, ण सा पारस्स गामिणी। जा णिरस्साविणी णावा, सा उ पारस्स गामिणी // 72 // णावा य इद्द का वुत्ता / केसी गोयममब्बवी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी / / 72 // सरीरमाहु णावत्ति, जीवो वुच्चइ णाविओ। संसारो अण्णवो वुत्तो, जं तरंति महे सिणो |73 / / साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो। अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 74 // अंधयारे तमे घोरे, चिटुंति पाणिणो बहू। को करिस्सइ उज्जोयं ? सव्वलोयम्मि पाणिणं // 75 / / उग्गओ विमलो भाणू , सव्वलोयपभंकरो। सो करिस्सइ उज्जोयं, सव्वलोयंमि पाणिणं // 76|| भाणू य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी / केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी // 77 // उग्गओ खीणसंसारो, सवण्णू जिणभक्खगे / सो करिस्सइ उज्जोयं, सव्वलोयंमि पाणिणं / / 78 // साहु गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो / अण्णो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! // 79 // सारीरमाणसे दुक्खे, वज्झमाणाण पाणिणं / खेमं सिवमणाबाई, ठाणं किं मण्णसी मुणी ? |80 // अस्थि एगं धुवं ठाणं, लोगग्गंमि दुरारुहं / जत्थ णत्थि जरा मच्चू, वाहिणो वेयणा तहा // 81 // ठाणे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी / केसिमेवं बुवंतं तु,गोयमो इणमब्बवी // 82 / / णिव्वाणं ति अबाहं ति, सिद्धी लोगग्गमेव य / खेमं सिवं अणाबाई, जं चरंति महे सिणो ||83 // तं टाणं सासयं वासं, लोयग्गंमि दुरारुहं / जं संपत्ता ण सोयंति, भवोहंतकरा मुणी ! // 84|| साई गोयम ! पण्णा ते, छिण्णो मे संसओ इमो। णमो ते संसयातीत !, सव्वसुत्तमहोयही // 85 // एवं तु संसए छिण्णे, केसी घोरपरक्कमे / अभिवंदित्ता सिरसा, गोयमं तु Page #536 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 24 1127 महायमं // 86 // पंचमहब्वयधम्मं, पडिवजइ भावओ। पुरिमस्स पच्छिमंमि, मन्गे तत्थ सुहावहे ||87 // केसीगोयमओ णिच्चं, तंमि आसि समागमे / सुयर्सलसमुकरिसो, महत्थत्थविणिच्छिओ // 8 // तोसिया परिसा सव्वा, सम्मन्गं समुवट्ठिया। संथुया ते पसीयंतु, भयवं केसिगोयमे // 89 // त्ति-बेमि // इति केसिगोय. मिज्जणामं तेवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 23 // अह समिईओ णामं चउवीसइमं अज्झयणं अट्ठ पवयणमायाओ, समिई गुत्ती तहेव य / पंचेव य समिईओ, तओ गुत्तीउ आहिया // 1 // इरियोभासेसणादाणे, उच्चारे समिई इय / मणगुत्ती वयगुत्ती, कायर्गुत्ती य अट्ठमा // 2 // एयाओ अट्ट समिईओ, समासेण वियाहिया। दुवालसंगं जिणग्वायं, मायं जन्थ उ पवयंणं // 3 // (1) आलंबणेण कालेणे,, मग्गेण जयणाई य / च उकारणपरिसुद्धं, संजए इरियं रिए // 4 // तत्थ आलंबणं णाणं, सणं चरणं तहा / काले य दिवसे वुत्ते, मग्गे उप्पहवज्जिए // 5 // दव्वओ खेतओ चेव, कालओ भावओ तहा। जयणा चउन्विहा वुत्ता, तं में कित्तयओ सुण // 6 // दव्वओ चक्खुमा पेहे, जुगमित्तं च खेत्तओ। कालओ जाव री इजा, उवउत्ते य भावओ // 7 // इंदियत्थे विवज्जित्ता, सज्झायं चेव पंचहा। तम्मुत्ती तप्पुरत्कारे, उवरत्ते रियं रिए // 8 // (2) कोहे माणे य मायाएँ, लोभे य उवउत्तया / हाँसे मए मोहरिएँ विकहा तहेव य // 9 // एयाइं अट्ठटाणाई, परिवारजन्तु संजए / असावजं मियं काले, भासं भासिज पण्णवं / / 10 / / (3) गवसणाएं गहेणे य, परिभोगेसणा य जा। आहारोवहिंसेजाएँ, एए तिष्णि विसोहए // 1 // उग्गमुप्पायणं पढमे, बीए सोहेज एसणं / परिभोयम्मि चउक्कं, विसोहेज जयं जई // 12 / / (4) ओहोवोवगे हियं, भंडगं दुविहं मुणी / गिण्हंतो णिक्खिवंतो य, पउंजेज इमं विहिं // 13 // चवखुसा पडिलेहित्ता, एमज्जेज जयं जई / आइए णिक्खिवेजा वा, दुहओऽवि समिए सया // 14 // (5) उच्चारं पासवणं, खेलं सिंघाणजल्लियं / आहारं वहिं देहं, अण्णं वावि तहाविहं // 15 // अणावायमसंलोए, अणावाए चेव होइ संलोएं। आवायमस्लोएँ, भवाए चेव संलोएँ // 16 / / अणावायमसंलोए, परस्सऽणुवघाइए / समे अज्इ सिरे वावि, अचिरकालकयम्मि य // 17 // विस्थिण्णे दुरमोगाढे, णासपणे बिलज्जिए / तसपाणबीयरहिए, उच्चाराईणि वोसिरे // 18 // एयाओ पंच समिईओ, समासेण Page #537 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1128 ___अनंगपविट्ठसुत्ताणि वियाहिया / एत्तो य तओ गुत्तीओ, वोच्छामि अणुपुव्यसो // 19 // (6) सच्चा तहेव मोसा य, सच्चामोसा तहेव य / चउत्थी असच्चमोसी य, मणगुत्ती चउव्विहा // 20 // संरंभसमारंभे, आरंभग्मि तहेव य / मणं पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई // 21 // (7) सच्चा तहेव मोसी य, सच्चामोसा तहेव य / चउत्थी असच्चमोसी य, वइगुत्ती चउव्विहा // 22 // संरंभसमारंभे, आरंभग्मि तहेव य / वयं पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई // 23 // (8) ठाणे णिसीयणे चेव, तहेव य तुयट्टणे / उल्लंघणपल्लंघणे, इंदियाण य जुजणे // 24 // संरंभसमारंमे, आरंभम्मि तहेव य / कार्य पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई / / 25 // एयाओ पंच समिईओ, चरणस्स य पवत्तणे / गुत्ती णियत्तणे वुत्ता, असुभत्येसु सव्वसो // 26 // एया पवयणमाया, जे सम्मं आयरे मुणी / सो खिप्पं सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिए // 27 // त्ति-बेमि।। इति समिईओ णामं चउवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 24 // अह जण्णइज्जणामं पंचवीसइमं अज्झयणं ___ माहणकुलसंभूओ, आसि विप्पो महायसो / जायाई जमजण्णमि, जयघोसित्ति णामओ // 1 // इंदियग्गामणिग्गाही, मग्गगामी महामुणी / गामाणुगामं रीयंते, पत्तो वाणारसिं पुरिं // 2 // वाणारसीए बहिया, उजाणमि मणोरमे / फासुए सेजसंथारे, तत्थ वासमुवागए // 3 // अह तेणेव कालेणं, पुरीए तत्थ माहणे / विजयघोसित्ति णामेणं, जण्णं जयइ वेयवी // 4 // अह से तत्थ अणगारे, मासक्खमणपारणे / विजयघोसस्स जणमि, भिक्खमट्ठा उवहिए // 5 // समुवट्ठियं तहिं संतं, नायगो पडिसेहए / ण हु दाहामि ते मिक्खं, भिक्खू ! जायाहि अण्णओ॥६॥ जे य वेयविऊ विप्पा, जण्णट्ठा य जे दिया / जोइसंगविऊ जे य, जे य धम्माण पारगा // 7 // जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य / तेसिं अण्णमिणं देयं, भो भिक्खू ! सव्वकामियं // 8 // सो तत्थ एवं पडिसिद्धो, जायगेण महामुणी / णषि रुट्ठो णवि तुट्ठो, उत्तमट्ठगवेसओ ॥९॥णण्णटुं पाणहेउं वा, णवि णिव्याहणाय था। तेसिं विमोक्खणट्ठाए, इमं वयणमब्बवी ॥१०॥णवि जाणासि वेयमुह, णवि जण्णाण जं मुहं / णक्खत्ताण मुहं जं च, जं च धम्माण वा मुहं // 11 // जे समस्या समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य / ण ते तुमं वियाणासि, अह जाणासि तो भण // 12 // तस्सक्खेवपमोक्खं तु, अचयंतो तहिं दिओ। सपरिसो पंजली होउं, पुच्छई तं Page #538 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 25 1129 महामणि // 13 // वेयाणं च मुहं बहि, ब्रूहि जण्णाण जं मुहं / णखत्ताण मुई बहि, बृहि धम्माण वा मुहं // 14 // जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव च / एयं में संसयं सव्वं, साहू ! कहसु पुच्छिओ // 15 // अग्गिहुत्तमुहा वेया, जण्णट्टी वेयर। मुहं / णखत्ताण मुहं चंदो, धम्माणं कासवो मुहं // 16 // जहा चंदं रह ईया, चिट्ठति पंजलीउडा / वंदमाणा णमंसंता, उत्तमं मणहारिणो // 17 // उजाणगा जण्णवाई, विजामाहणसंपया।गूढा सज्झायतवसा, भासणा वगिण // 18 // जो लोए बंभणो वुत्तो, अग्गी व महिओ नहा / सया कुसलसंदिटुं, तं वयं बूम माहणं // 19 // जो ण सजइ आगंतुं, पव्वयतो ण सोयइ / रमइ अन्जवयणमि, तं वयं बूम माहणं // 20 // जायरूवं जहामटुं, गिद्धतमलपावगं / रागदोसभयाईयं, तं वयं बूम माहणं // 21 // तवस्सियं किसं दंतं, अवचियमंससोणियं / सुव्वयं पत्तणिव्वाणं, तं वयं बूम माहणं // 22 // तसपाणे वियाणेत्ता, संगहेण य थावरे / नो ण हिंसइ तिविहेणं, तं वयं बूम माहणं // 23 // कोहा वा जइ वा हासा, लोहा वा नइ वा भया / मुसं ण वयई जो उ, तं वयं बूम माहणं // 24 / / चित्तमंतमचित्तं वा, अप्पं का जइ वा बहुं / ण गिण्हइ अदत्तं जे, तं वयं बूम माहणं / / 25 / / दिव्वमाणुस्सतेरिच्छं, जो ण सेवइ मेहुणं / मणसा कायवक्केणं, तं . वयं बूम माहणं // 26 // जहा पोमं जले जायं, णोवलिप्पड वारिणा / एवं अलि कामेहि, तं वयं बूम माहणं // 27 // अलोलुयं मुहाजीविं, अणगारं अकिंचणं / असंसत्तं गिहत्थेसुं, तं वयं बूम माहण // 28 // जहित्ता पुन्वसंजोगं, पाइसंगे य बंधवे / जो ण सजइ भोगेसु, तं वयं ब्रूम माहणं // 29 // पसुबंधा सव्ववेया, जटुं च पावकम्मुणा / ण तं तायंति दुम्सीलं, कम्माणि बलवंति हि // 30 ॥ण वि मुंडिएण समणो, ण ओंकारेण बंभणो / ण मुणी रण्णवासेणं, कुसचीरेण ण तावसो // 31 // समयाए समणो होइ, बंभचेरेण बंभणो / णाणेण य मुणी होइ, तवेण होइ तावसो // 32 // कम्मुणा बंभणो होइ, कम्मुणा होइ खत्तिओ / वइस्सो कम्मुणा होइ, सुद्दो हवइ कम्मुणा // 33 // एए पाउकरे बुद्धे, जेहिं होइ सिणायओ : सबकम्मविपिम्मुक्कं, तं वयं बूम माहणं // 34 // एवं गुणसमाउत्ता, जे भवंति दिउत्तम) के समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य // 35 // एवं तु संसए छिण्णे, विजयघोसे य माहणे। समुदाय तओ तं तु, जयघोसं महामुणिं // 36 // तृढे य विजयघोसे, इणमुदाहु कयंजली / माहणत्तं महाभूयं, र? मे उवदंसियं // 37 // Page #539 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1130 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तुन्भे जइया जण्णाणं, तुब्भे वेयविऊ विऊ। जोइसंगविऊ तु भे, तुम्भे धम्माण . पारगा // 38 // तुम्भे समत्था उद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य / तमणुग्गहं व रेहऽग्हं, भिक्खेणं भिक्खुउत्तमा!॥३९॥ण कज्ज मज्झ भिक्खेण,खिप्पणिक्खमसू दिया.!। मा भमि हिसि भयावट्टे, घोरे संसारसागरे // 40 // उवलेवो होइ भोगेसु, अभोगी गोवलिप्पई / भोगी भमइ संसारे, अभोगी विप्पमुच्छई // 41 // रलो सुबको य दो छूढा, गोलया मट्टियामया। दो वि आवडिया कुड्डे, जो उल्लो सोऽत्थ लग्गई // 42 / / एवं लग्गति दुम्मेहा, जे णरा कामलालसा / विरत्ता उ ण लग्गति, जहा से सुक्कगोलए।॥४३॥एवं से विजयघोसे, जयघोसस्स अंतिए / अणगारस्स णिक्खंतो, धम्म सोच्चा अणुत्तरं // 44 // खवित्ता पुव्वकम्माई, संजमेण तवेण य / जयघोसविजय. घोसा, सिद्धिं पत्ता अणुत्तरं // 45 ॥'त्ति-वेमि // इति जण्णइज्जणाम पंचवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 25 // , अह सामायारी णामं छव्वीसइमं अज्झयणं सामायारिं पवक्खामि, सव्वदुवखविमोवखणिं / जं चरित्ताण णिग्गंथा, तिण्णा संमारसागरं // 1 // पढमा आवस्सिया णाम, बिइया य णिसी हिया / आपुच्छणा य तइया, च उत्थी पडिपुच्छणा // 2 // पंचमी छंदणा णाम, इच्छाकारो य छट्टओ। सत्तमो मिच्छाकारो य, तहक्कारो य अट्ठमो // 3 // अब्भुट्ठाणं च णवमं, दसमी उवसंपया / एसा दसंगा साहूणं, सामायारी पवेइया // 4|| रमणे आवरिसयं कु.जा, ठाणे कुजा णिसीहियं / आपुच्छणं सयंकरणे, परकरणे पडि पुच्छा // 5 // छंदणा दव्यजाएण, इच्छाकारो य सारणे / मिच्छाकारो य जिंदाए, तहकारो पडिम्सुए // 6 // अब्भुट्ठाणं गुरुपूया, अच्छणे उवसंपया। एवं दुपंचसंजुत्ता; सामायारी पवेइया // 7 // पुविल्लंमि चउभाए, आइच्चमि समुट्ठिए। भंडयं पडिले हित्ता, वंदित्ता य तओ गुरुं // 8 // पुच्छिज पंजलीउडो, किं कायव्वं मए इह / इच्छं णिओइउं भंते !, वेयावच्चे व सज्झाए // 9 // वेयावच्चे णिउत्तेग, कायव्वं अगिलायओ / सज्झाए वा णिउत्तेण, सव्वदुक्खविमोक्खणे // 10 // दिवसस्स चउरो भागे, भिक्खू कुजा वियवखणो / तओ उत्तरगुणे कुजा, दिणभागेसु चउसु वि // 11 // पढमं पोरिसि सज्झाय, बीयं झाणं झियायई / तइयाए भिक्खायरियं, पुणो चउत्थीइ सज्झायं // 12 // असाढे मासे दुपया, पोसे मासे चउप्पया। Page #540 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 26 1131 चित्तासोएसु मासेसु, तिप्पया हवइ पोरिसी // 13 // अंगुलं सत्तरत्तेणं, पक्खेणं च दुअंगुलं / वड्डए हायए वावि, मासेणं चउरंगुलं / / 14 || आसाढबहुलपवखे भद्दवए कत्तिए य पोसे य / फागुणवइसाहेसु य, बोद्धव्वा ओमरत्ताओ // 15 // जेट्टामूले आसाढसावणे, छहिं अंगुलेहि पडिलेहा / अट्ठहि बीयत्यंमि, तइए दस अट्ठहिं चउत्थे // 16 // रत्तिं पि चउरो भागे, भिवखू कुजा वियकखणो / तओ उत्तरगुणे कुजा, राइभाएसु चउसु वि // 17 // पढमं पोरि सि सज्झायं, बीयं झाणं झियायई / तइयाए णिद्दमोक्खं तु, चउत्थी भुज्जो वि सज्झाय // 18 // ज णेइ जया रत्तिं, पाक्खत्तं तंमि णहचउब्भाए / संपत्ते विरमेजा, सज्झायं पओसकालंमि // 19 // तम्मेव य णक्खत्ते, गयणच उभागसावसेसंमि / वेरत्तियं पि कालं, पडिलेहित्ता मुणी कुजा॥२०॥ पुविल्लंमि चउन्माए, पडिलेहित्ताण भंडयं / गुरुं वंदित्तु सज्झायं, कुजा दुक्खविमोक्खणं // 21 // पोरिसीए चउन्माए, वंदित्ताण तओ गुरुं / अपडि. कमित्ता कालस्स, भायणं पडिलेहए / / 22 / मुहपोत्तिं पडिले हित्ता, पडिले हिज्ज गोच्छगं / गोच्छगलइयंगुलिओ, वत्थाई पडिलेहए // 23 / / उहं थिरं अटरियं, पुत्वं ता वत्थमेव पडिले हे / तो बिइयं पप्फोडे, तइयं च पुणो पमज्जिजा // 24 // अणच्चाविय अवलियं, अणाणुबंधिममोसलिं चेव / छप्पुरिमा णव खोडा, पाणीपाणिविसोहगं // 25 // आरमडा सम्मदा, वज्जेयवा य मोसली तइया / पप्फोडणा चउत्थी, विक्खित्ता वेइया छट्ठी // 26 // पसि ढिलपलंबलोला, एगामोसा अणेगरूवधुणा / कुणइ पमाणि पैमायं, संकिय गणणोवगं कुजा // 27|| अणूणाइरित्तपडिलेहा, अविवच्चासा तहेव य / पढमं पयं पसंत्थं, सेसाणि उ अप्पसत्थाई // 28 // पडिलेहणं कुणतो, मिहो कहं कुणइ जणवयकहं वा / देइ व पच्चक्खाणं, वाएइ सयं पडिच्छइ वा // 29 / / पुढवीआउक्काए, तेउवाउवणस्सइतसा / पडिलेहणापमत्तो, छण्हं पि विराहओ होइ // 30 // पुढवीआउक्काए, तेऊवाऊवणस्सइतसाणं / पडिलेहणाआउत्तो, छण्हं संरक्खओ होइ // 31 // तइयाए पोरिसीए, भत्तं पाणं गवेसए / छण्हं अण्णयरागंमि, कारणंमि समुट्ठिए॥३२॥ वेयण वेयावच्चे, इरियट्ठाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए, छटुं पुण धम्मचिंताए / 33 / / णिग्गंथो घिइमंतो, णिग्गंथी वि ण करेज छहिं चेव / ठाणेहिं उ इमेहि, अणइक्कमणाइ से होइ // 34 // आयके उवसग्गे, तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु / पाणि दया तवहेलं, सरीरवोच्छेयणट्ठाए // 35 // अवसेसं भंडगं गिज्झ, चवखुसा पडिलेहए। परमद्ध जोयणाओ, विहारं विहरए मुणी // 36 // चउत्थीए पोरिसीए, णिरिखवित्ताण Page #541 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1132 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भायणं / सज्झायं तओ कुजा, सव्वभावविभावणं // 37 // पोरिसीए चउमाए, वंदित्ताण तओ गुरुं / पडिक्कमित्ता कालस्स, सेज्नं तु पडिलेहए // 38 // पासवणुचारभूमिं च, पडिले हिज जयं जई / काउस्सगं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 39 // देवसियं च अइयारं, चिंतिजा अणपुव्वसो। णाणे य दंसर्ण चेव, चरित्तंमि तहेव य // 40 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरु / देव सियं तु अइयारं, आलोएज जहक्कम // 41 // पडिक्कमित्तु णिस्सल्लो, वंदित्ताण तओ गुरुं / काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 42 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / थुइमंगलं च काऊणं, कालं संपडिलेहए // 43 / / पढमं पोरि सि सज्झाय, बिइयं झाणं झियायई / तइयाए णिदमोक्खं तु, सज्झायं तु चउत्थिए // 44 // पोरिसीए चउत्थीए, कालं तु पडिलेहिया / सज्झायं तु तओ कुजा, अबोहंतो असंजए // 45 / / पोरिसीए चउब्भाए, वंदिऊण तओ गुरुं / पडिक्कमित्तु कालस्स, कालं तु पडिलेहए // 46 // आगए कायवोस्सन्गे, सव्वदुक्खविमोवखणे। काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 47 // राइयं च अईयारं, चिंतिज अणुपुव्वसो / णाणंमि दंसणंमि य, चरित्तंमि तवंमि य // 48 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / राइयं तु अईयारं, आलोएज जहकम // 49 // पडिक्कमित्तु णिस्सल्लो, वंदित्ताण तओ गुरुं / काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 50 // किं तवं पडिवजामि, एवं तत्थ विचिंतए / काउस्सग्गं तु पारित्ता, करिजा जिणसंथवं // 51 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / तवं संपडिवज्जेत्ता, करिजा सिद्धाण संथवं // 52 // एसा सामायारी, समासेण वियाहिया / जं चरित्ता बहू जीवा, तिण्णा संसारसागरं // 53 // त्ति-बेमि // इति सामायारी णामं छन्वीसइमं अज्झयणं समत्तं // 26 // . अह खलुंकिज्जणामं सत्तवीसइमं अज्झयणं थेरे गणहरे गग्गे, मुणी आसि विसारए / आइण्णे गणिभावंमि, समाहिं पडिसंधए // 1 // वहणे वहमाणस्स, कंतारं अइवत्तई / जोगे वहमाणस्स, संसारो अइवत्तई // 2 // खलुंके जो उ जोएइ, विहम्माणो किलिस्सई / असमाहिं च वेएइ तोत्तओ से य भजई // 3 // एगं डसइ पुच्छंमि, एगं विधइऽभिक्खणं / एगो भंजह समिलं, एगो उप्पहपट्टिओ // 4 // एगो पडइ पासेणं, णिवेसइ णिवजई / Page #542 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 28 1133 उक्कुद्दई उप्फिडई, सढे वालगवी वए // 5 // माई मुद्धेण पडई, कुद्धे गच्छइ पडि. प्पहं / मयलक्खेण चिट्ठई, वेगेण य पहावई // 6 // छिण्णाले छिंदई सेलिं, दुइंतो भंजए जुगं / से वि य सुस्सुयाइत्ता, उजहित्ता पलायए // 7 // खलुंका जारिसा जोजा, दुस्सीसा वि हु तारिसा। जोइया धम्मजाणंमि, भज्जती धिइदुब्बला // 8 // इडीगारविए एगे, एगेऽत्थ रसगारवे। सायागारविए एगे, एगे सुचिरकोहणे // 9 // भिक्खालसिए एगे, एगे ओमाणभीरुए / थद्धे एगेऽणुसासंमि, हेऊहिं कारणेहि य / / 10 / सो वि अंतरभासिल्लो, दोसमेव पकुव्वई / आयरियाणं तु वयणं, पडि. कुलेइऽभिक्खणं // 11 ॥ण सा ममं वियाणाइ, ण वि सा मज्झ दाहिई / णिग्गया होहिई मण्णे, साहू अण्णोऽत्थ वजचउ // 12 // पेसिया पलिउंचंति, ते परियंति समंतओ / रायवेटिं च मण्णंता, करेंति भिडिं मुहे // 13 // वाइया संगहि या चेव, भत्तपाणेण पोसिया / जायपत्रखा जहा हंसा, पक्षमति दिसो दिसिं // 14 // अह सारही विचिंतेइ, खलुंकेहि समागओ। किं मज्झ दुट्ठसीसेहि, अप्पा मे अवसीयई / / 15 / नारिसा मम सीसा उ, तारिसा गलिगदहा / गलिगद्दहे जहिताणं दढं पगिण्हई तवं // 16 // मिउमद्दवसंपण्णो, गंभीरो सुसमाहिओ / विहरइ महि महप्पा, सीलभूएण अप्पणा // 17 // त्ति-बेमि // इति खलुंकिज्जणामं . सत्तवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 27 // अह मोक्खमग्गगई णामं अट्ठावीसइमं अज्झयणं __मोक्खमग्गगई तच्चं, सुणेह जिणभासियं। चउकारणसंजुत्तं, णाणदंसणलक्षणं ॥१॥णाणं च दंसणं चेव, चरितं च तवो तहा / एस मन्गुत्ति पण्णत्तो, जिणेहि वरदं सिहि // 2 // णाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा / एयं मग्गमणुप्पत्ता, जीवा गच्छंति सोग्गइं // 3 // तत्थ पंचविहं णाणं, सुयं आभिणिबोहियं / ओहिगाणं तु तइयं, मणणाणं च केवलं // 4 // एयं पंचविहं णाणं, दव्वाण य गुणाण य / पजवाणं च सव्वेसिं, णाणं णाणीहि देसियं / / 5 // गुणाणमासओ दव्वं, एगदव्वस्सिया गुणा / लक्खणं पजवाणं तु, उभओ अस्सिया भवे // 6 // धम्मो 'अहम्मो आगासं, कालो पुग्गलजतवो / एस लोगो त्ति पण्णत्तो, जिणेोहिं वरदं सिहि . // 7 // धम्मो अहम्मो आगासं, दव्वं इक्किकमाहियं / अणंताणि य दव्वाणि, कालो पुग्गलजतवो // 8 // गइलक्खणो उ धम्मो, अहम्मो ठाणलक्खणो / भायणं Page #543 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि सव्वदव्वाणं, णहं ओगाहलक्खणं // 9 // वत्तणालक्खणो कालो, जीवो उवओगलक्खणो / णाणेणं दंसणेणं च, सुहेण य दुहेण य // 10 ॥णाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा / वीरियं उवओगो य, एयं जीवस्स लक्खणं // 11 // सद्दे धयारउज्जोओ, पहा छायाऽऽतवो इ वा / वण्णरसगंधफासा, पुग्गलाणं तु लक्खणं // 12 // एगत्तं च पुहत्तं च, संखा संटाणमेव य / संजोगा य विभागा य, पजवाणं तु लक्खणं // 13 // जीवाजीवा य बंधो य, पुण्णं पावाऽऽसवो तहा। संवरो णिजरा मोक्खो, संतेए तहिया णव // 14 // तहियाणं तु भावाणं, सम्भावे उवएसणं / भावेणं सद्दहंतस्स, सम्मत्तं तं वियाहियं // 15 // णिस्सग्गुवएसरई, आणारुई सुत्तबीयरुइमेव / अभिगम वित्थाररई, किरिया संखेव-धम्मरुई. // 16 // भूयत्थेणाहिगया, जीवाजीवा य पुण्णपावं च / सहसम्मुइयासवसंवरो य, रोएइ उ णिस्सग्गो // 17 // जो जिणदिढे भावे, चउविहे सद्दहाइ सयमेव / एमेव णण्णहत्ति य, स णिसग्गर इत्ति णायव्वो // 18 // एए चेव उ भावे, उवढे जो परेण सद्दहई। छउमत्थेण जिणेण व, उवएसरुइत्ति णायव्यो // 19 // रागो दोसो मोहो, अण्णाणं जस्स अवगयं होइ / आणाए रोयंतो, सो खलु आणाई णामं / / 20 // जो सुत्तमहिज्जतो, सुएण ओगाहई उ सम्मत्तं / अंगेण बाहिरेण व, सो सुत्तरुइत्ति णायव्यो // 21 // एगेण अणेगाई, पयाइं जो पसरई उ सम्मत्तं / उदएव्व तेल्बिंदू , सो बीयरुइत्ति णायव्यो / // 22 // सो होइ अभिगमई, सुयणाणं जेण अत्थओ दिटुं / एक्कारस अंगाई, पइण्णगं दिट्ठिवाओ य // 23 // दव्वाण सव्वभावा, सव्वपमाणेहिं जस्स उवलद्धा / सव्वाहिँ णयविही हिं, वित्थारसइत्ति णायवो // 24 // दंसणणाणचरित्ते, तवविणए सच्चसमिइगुत्तीसु / जो किरियाभावरूई, सो स्खलु किरियारुई णाम // 25 // अणभिग्गहियकुदिट्ठी, संखेवरुइत्ति होइ णायव्यो। अविसारओ पवयणे, अणभिग्गहिओ य सेसेसु // 26|| जो अस्थिकायधम्मं, सुयधम्मं खलु चरित्तधम्म च / सद्दहइ जिणामिहियं, सो धम्मरुइत्ति णायव्वो // 27 // परमत्थसंथवो वा, सुदिट्ठपरमत्थसेवणा वावि / वावण्णकुदंसणवजणा, य सम्मत्तसद्दहणा // 28|| णस्थि चरित्तं सम्मत्तविहणं, दंसणे उ भइयव्वं / सम्मत्तचरित्ताई, जुगवं पुव्वं व सम्मत्तं // 29 // णादंसणिस्स णाणं, णाणेण विणा ण हुँति चरणगुणा / अगुणिस्स णस्थि मोक्खो, णत्थि अमोक्वस्त णिव्वाणं // 30 // णिस्संकिय णिक्कंखिय, णिवितिगिच्छा अमूढदिट्ठी य / उवबूह थिरीकरणे, वच्छल्ल पभावणे अट्ठ // 31 // सामाइयत्थ पढम, ओवहारणं भवे बीयं / परिहारविसुद्धीयं, सुहुमं तह संपरायं च Page #544 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 29 1135 // 32 // अकसायमहक्खायं, छउमत्थस्स जिणस्स वा / एयं चयरित्तवरं, चारित्तं होइ आहियं // 33 / / तवो य दुविहो वुत्तो, बाहिरभंतगे तहा। बाहिरो छविहो श्रुत्तो, एवमभतरो तवो // 34 / / णाणेण जाणई भावे, दंसणेण य सद्दहे / चरित्तेण णिगिण्हाइ, तवेण परिसुज्झई // 35 // खवेत्ता पुव्वकम्माई, संजमेण तवेण य। सव्वदुक्खपहीणट्ठा, पक्कमंति महे सिणो // 36 // त्ति-बेमि // इति मोवखमग्गगई णामं अट्ठावीसइमं अज्झयणं समत्तं // 28 // - अह सम्मत्तपरक्कम णामं एगूणतीसइमं अज्झयणं सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु सम्मत्तपरकमे णाम अज्झयणे समणेणं भगक्या महावीरेणं कासवेणं पवेइए जं सग्मं सद्दहित्ता पत्तिइत्ता रोयइत्ता फासित्ता पालइत्ता त रित्ता कित्तइत्ता सोहइत्ता आराहित्ता आणाए अणुपालइत्ता बहवे जवा सिझंति बुझंति मुच्चंति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करेंति / तस्स णं अयमढे एवमाहिजइ / तंजहा-संवेगे 1 णिवेए 2 धम्मसद्धा 3 गुरुसाहम्मियसुस्सूसणया 4 आलोयणया 5 जिंदणया 6 गरिहणया 7 सामाइए 8 चउव्वीसत्थवे 9 वंदणे 10 पडिकमणे 11 काउस्सन्गे 12 पच्चवखाणे 13. थवथुइमंगले 14 कालपडिलेहणया 15 पायच्छित्तकरणे 16 खमावणया 17 सज्झाए 18 वायणया 19 पुच्छणया 20 परियट्टणया 21 अणुप्पेहा 22 धम्मकहा 23 सुयस्स आराहणया 24 एगग्गमणसंणिवेसणया 25 संजमे 26 तवे 27 वोदाणे 28 सुहसाए 29 अप्पडिबद्धया 30 विवित्तसयणासणसेवणया 31 विणियट्टणया 32 संभोगपच्चक्खाणे 33 उवहिपच्चक्खाणे 34 आहारपच्चक्खाणे 35 कसायपच्चक्खाणे 36 जोगपच्चक्खाणे 37 सरीरपच्चक्खाणे. 38 सहायपच्चक्खाणे 39 भत्तपच्चक्खाणे 40 सम्भावपच्चवस्त्राणे 41 पडिरूवणया 42 वेयावच्चे 43 सव्वगुणसंपण्णया 44 वीयरागया 45 खंती 46 मुत्ती 47 मद्दवे 48 अजवे 49 भावसच्चे 50 करणसच्चे 51 जोगसच्चे 52 मणगुत्तया 53 . वयगुत्तया 54 कायगुत्तया 55 मणसमाधारणया 56 वयसमाधारणया 57 कायसमाधारणया 58 णाणसंपण्णया 59 दंसणसंपण्णया 60 चरित्तसंपण्णया 61 सोइंदियणिग्गहे 62 चविखदियणिग्गहे 63 छापिदिय णिय हे 64 जि.भिदियणिग्गहे 65 फासिदियणिग्गहे 66 को विजए 67 माणविजए 68 मायाविजए 69 Page #545 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1136 . सी - अनंगपविट्ठसुत्ताणि . लोहविजए 70 पेजदोसमिच्छादसणविजए 71 सेलेसी 72 अकम्मया 73 // संवेगेणं भंते ! जीवे किं जणयह ? संवेगेणं अणुत्तरं धम्मसद्धं नणयइ / अणुत्तराए धम्मसद्धाए संवेगं हव्वमागच्छइ। अणंताणुबंधिकोहमाणमायालोमे खवेइ.। णवं च कम्म ण बंधइ / तप्पच्चइयं च णं मिच्छत्तविसोहि काऊण दसणाराहए भयह / दंसणविसोहीए य णं विसुद्धाए अत्थेगहए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ / विमोहीए, य णं विसुद्धाए तच्चं पुणो भवग्गहणं णाइक्कमइ // 1 // णिव्वेएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? णिन्वेएणं दिव्वमाणुसतेरिच्छिएसु कामभोगेसु णिव्वेयं हव्वमागच्छइ / सव्व विसएसु विरजइ / सव्वविसएसु विरजमाणे आरंभपरिच्चायं करेइ। आरंभपरिचायं करेमाणे संसारमग्गं वोच्छिदइ, सिद्धिमग्गं पडिवण्णे य हवह // 2 // धम्मसद्धाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? धम्मसद्धाए णं सायासोक्खेसु रजमाणे विरजइ / आगारधम्मं च णं चयई / अणगारिए णं जीवे सारीरमाणसाणं दुक्खाणं छेयणभेयणसंजोगाईणं वोच्छेयं करेइ / अव्वाबाहं च सुहं णिवत्तेइ // 3 // गुरुसाहम्मियसुस्सूसणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? गुरुसाहम्मियसुस्सूसणयाए णं विणयपडिवत्तिं जणयह / विणयपडिवण्णे य णं जीवे अणच्चासायणसीले जेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवदुग्गईओ णिरंभइ / वण्णसंजलणभत्तिबहुमाणयाए मणुस्सदेवसुग्गईओ णिबंधइ / सिद्धिं सोग्गइं च विसोहेइ / ' पसत्थाई च णं विणयमूलाई सव्वकजाइं साहेइ / अण्णे य बहवे जीवा विणिइत्ता भवइ / / 4 // आलोयणाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? आलोयणाए णं मायाणियाणमिच्छादसणसल्लाणं मोक्खमग्गविग्घाणं अणंतसंसारवद्धणाणं उद्धरणं करेइ / उज्जुभावं च जणयइ / उज्जुभावपडिवण्णे य णं जीवे अमाई इत्थीवेयणपुंसगवेयं च ण बंधइ। पुव्वबद्धं च णं णिजरेइ // 5 // जिंदगयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? जिंदणयाइ गं पच्छाणुतावं नणयइ / पच्छाणुतावेणं विरजमाणे करणगुणसेटिं पडिवजइ / करणगुणसेढीपडिवण्णे य णं अणगारे मोहणिज्ज कम्मं उग्घाएइ // 6 // गरहणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? गरहणयाए ण अपुरकारं जणयइ / अपुरक्कारगए गं जीवे अप्पसत्थेहितो जोगेहितो णियत्तेइ, पसत्थे य पडिवजइ / पसत्थजोगपडिवण्णे य णं अणगारे अणंत. घाइपजवे खवेइ // 7 // सामाइएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सामाइएणं सावजजोगविरई जणयह ॥८॥चउब्धीसत्थएणं भंते ! जीवे किं जणयह ? चउव्वीसत्थएणं दंसणविसोहि जणयह ॥९॥वंदणएणं भंते! जीवे किं नणयइ ? वंदणएणं णीयागोयं कम्म Page #546 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 29 1137 खवेइ / उच्चागोयं कम्मं णिबंधइ / सोहग्गं च णं अपडिहयं आणाफलं णिव्वत्तेइ / दाहिणभावं च णं जणयइ // 10 // पडिक्कमणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पडिकमणेणं वयछिद्दाणि पिहेइ / पिहियवयछिद्दे पुण जीवे णिरुद्धासवे असबलचरित्ते अट्ठसु पवयणमायासु उवउत्ते अपुहत्ते सुप्पणिहिए विहरइ // 11 // काउस्सग्गेणं भंते ! जीवे किं जगयइ ? काउस्सग्गेणं तीयपडुप्पण्णं पायच्छित्तं विसोहेइ / विसुद्ध. पायच्छित्ते य जीवे णिन्युयहियए ओहरियभरुव्व भारवहे पसत्थशाणोवगए सुहं. सुहेणं विहरइ // 12 // पच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पच्चक्खाणेणं आसवदाराई णिरंभइ / पच्चवखाणेणं इच्छाणिरोहं जणयइ / इच्छाणिरोह गए य णं जीवे सव्वदव्वेसु विणीयतण्हे सीइभूए विहरइ // 13 / / थवथुमंगलेणं भंते ! जीवे किं जण यइ ? थवथुइमंगलेणं णाणदंसणचरित्तबोहिलाभं जणयइ / णाणदंसणचरित्त. बोहिलामसंपण्णे य णं जीवे अंतकिरियं कप्पविमाणोववत्तिय आराहणं आराहेह // 14 // कालपडिलेहणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? कालपडिलेहणयाए णं णाणावरणिज्जं कम्म खवेइ // 15 // पायच्छित करणेणं भंते ! ज.वे किं जणयइ ? पायच्छित्तकरणेणं पावकम्मविसोहिं जणयइ, णिरइयारे यावि भवइ / सामं च णं पायच्छित्तं पडिवजमाणे मग्गं च मग्गपलं च विसोहेइ, आयारं च आयारपलं च आराहेइ // 16 // खमावणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? खमा. वणयाए णं पल्हायणभावं जणयइ / पल्हायणभावमुवगए य सव्वपाणभूयजव. सत्तेसु मित्तीभावमुप्पाएइ / मित्तीभावमुवगए यावि जीवे भावविसोहिं काऊण णिन्मए भवइ // 17 // सज्झाएणं भंते ! जीवे किं जणयइ सज्झाएणं णाणावरणिज्जं कम्मं खवेइ // 18 // वायणाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वायणाए णं णिजरं जणयइ / सुयस्स य अणुसजणाए अणासायणाए वट्टए / सुयस्स अणुसजणाए अणासायणाए वट्टमाणे तित्थधम्मं अवलंबइ / तित्थधम्म अवलंबमाणे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ // 19 // पडिपुच्छणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पडिपुच्छणयाए णं सुत्तत्थतदुभयाई विसोहेइ / कंखामोहणिज्ज कम्मं वोच्छिदइ // 20 // परियट्टणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? परियट्टणयाए णं वंजणाई जणयइ, वंजणलद्धिं च उप्पाएइ // 21 // अणुप्पेहाए भंते ! जीवे किं जणयइ ? अणुप्पेहाए णं आउयवजाओ सत्तकम्मप्पगडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ पकरेइ / दीहकालट्ठिइयाओ हस्सकालट्ठिइयाओ पकरेइ / तिव्वाणुभावाओ Page #547 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1138 . अनंगपविट्ठसुत्ताणि मंदाणुभावाओ पकरेइ / बहुपएसग्गाओ अप्पपएसग्गाओ पकरेइ / आउयं च णं कम्म सिया बंधह, सिया णो बंधइ / असायावेयणिज्जं च णं कम्मं णो भुज्जो भुज्जो उवचिणाइ / अणाइयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरंतं संसारकंतारं खिप्पामेव . वीइवयइ // 22 // धम्मकहाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? धम्मकहाए णं णिजरं जणयह / धम्मकहाए णं पवयणं पभावेइ। पवयणपभावेणं जीवे आगमेसस्स भद्दताए कम्मं णिबंधइ ||23|| सुयस्स आराहणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सुयस्स आराहणयाए णं अण्णाणं खवेइ, ण य संकिलिम्सइ // 24 // एगग्गमणसंणिवेसणयाए णं भंते ! जीवे कि जणयइ ?एगग्गमणसंणिवेसणयाए णं चित्तणिरोहं करेइ // 25 // संजमेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? संजमेणं अणण्हयत्तं जंणयइ // 26 // तवेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? तवेणं वोदाणं जणयइ // 27 // वोदाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वोदाणेणं अकिरियं जणयइ / अकिरियाए भवित्ता तओ पच्छा सिज्झइ बुझाइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ // 28 // सुहसाएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सुहसाएणं अणुस्सुयत्तं जणयइ / अणुस्सुयाए णं जीवे अणुकंपए अणुठभडे विगयसोगे चरित्तमोहणिज्जं कम्मं खवेइ // 29 // अप्पडिबद्धयाए णं भंते ! जीवे कि जणयइ ? अप्पडिबद्धयाए णं जीवे णिस्संगत्तं जणयइ। णिम्संगत्तेणं जीवे एगग्गचित्ते दिया य राओ य असजमाणे अप्पडिबद्धे यावि विहरइ // 30 // विवित्तसयणासणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? विवित्तसयणासणयाए णं जीवे चरित्तगुत्तिं जणयइ / चरित्तगुत्ते य णं जीवे विवित्ताहारे दढचरित्ते एगंतरए मोक्खभावपडिवण्णे अट्टविहकम्मगंठिं णिजरेइ // 31 // विणियट्टणयाए ण भंते ! जीवे किं जणयइ ? विणियट्टणयाए णं जीवे पावकम्माणं अकरणयाए अन्भुढेइ / पुव्वबद्धाण य णिजरणयाए पावं णियत्तेइ / तओ पच्छा चाउरंतं संसारकंतारं वीइवयइ // 32 // संभोगपञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे कि जणयइ ?संभोगपचक्खाणेणं जीवे आलंबणाई खवेइ। णिरालंबणस्स य आययट्ठिया योगा भवंति / सएणं लाभेणं संतुस्सइ, परलाभं णो आसाएइ णो तक्केइ णो पीहेइ णो पत्थेइ णो अमिलसइ / परलाभं अणस्साएमाणे अतक्केमाणे अपीहेमाणे अपत्थेमाणे अणमिलसमाणे दुच्चं सुहसेज्जं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ // 33 // उवहिपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? उवहिपच्चक्खाणेणं जीवे अपलिमंथं जगयइ / णिरुवहिए णं जीवे णिक्कंखी उवहिमंतरेण य ण संकिलिस्सइ // 34 // आहारपञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? आहारपच्चखाणेणं जीवे Page #548 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 29 1139 जीवे / संयोग बोटिंछदइ। जी वयासंमप्पओगं वोच्छिदित्ता जीवे आहारमंतरेण ण संकिलिस्सइ // 35 // कसायपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? कसायपञ्च* खाणणं जीवे वीयरागभावं जणयइ / वीयरागभावपडिवण्णे वि य णं ज वे समसुहदुक्खे भवइ // 36 // जोगपञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? जोगपञ्चक्खाणेणं जीवे अजोगत्तं जणयइ / अजोगी णं जीवे णवं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं णिजरेइ // 37 // सरीरपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सरीरपच्चक्खाणेणं जीवे सिद्धाइ सयगुणकित्तणं णिवत्तेह / सिद्धाइसयगुण संपप्णे य णं जवे लोगग्गमुवगए परमसुही भवइ // 38 // सहायपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जगयइ ? सहायपच्चपखाणेणं जीवे एगीभाव जणयह / एगीभावभूए वि य णं जीवे एगत्तं भावेमाणे अप्पसद्दे अप्पझंझे अप्पकलहे अप्पकसाए अप्पतुमंतुमे संजमबहुले संवरबहुले समाहिए यावि भवइ / / 39|| भत्तपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? भत्तपच्चवखाणेणं जीवे अणेगाई भवसयाई णिरंभइ // 40 // सब्भावपच्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सम्भाषपच्चक्खाणेणं जीवे अणियट्टि जणयइ / अणियट्टिपडिवणे य अगगारे चत्तारि केवलिकम्मसे खवेइ / तंजहा-वेयणिज्ज आउयं णामं गोयं / तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ // 41 / / पडिरूवयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पडिरूवयाए णं जीवे लाघवियं जणयइ। लघुभूए णं जीवे अप्पमत्ते पागडलिंगे पसत्थलिंगे विसुद्धसम्मत्ते सत्तसमिइसमत्ते सव्वपाणभूयजीवसत्तेसु वीससणिजरूव अप्पडिले हे जिइंदिए विउलतवसमिइसमण्णा. गए यावि भवइ // 42 // वेयावच्चेणे भंते ! जीवे किं जणयइ ? वेयावच्चेणं ज.वे तित्थयरणामगोत्तं कम्मं णिबंधइ // 43 // सव्वगुणसंपण्णयाए णं भंते ! जवे किं जणयइ ? सव्वगुणसंपण्णयाए णं जीवे अपुणरावत्तिं जणयइ / अपुणरावत्तिं पत्तए य णं जीवे सारीरमाणसाणं दुक्खाणं णो भागी भवइ // 44 // वीयरागयाए णं भंते! जीवे कि जणयइ ? वीयरागयाए णं जीवे णेहाणुबंधणाणि तण्हाणुबंधणाणि य वोच्छिदइ, मणुण्णामणुण्णेसु सद्दफरिसरूवरसगंधेसु (सचित्ताचित्तमीसएसु) चेव विरजइ // 45 // खंतीए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? खंतीए णं जीवे परीसहे जिणइ'. // 46 // मुत्तीए .णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मुत्तीए णं जीवे अकिंचणं जणयइ / अकिंचणे य जीवे अत्थलोलाणं पुरिसाणं अपत्थणिज्जे भवइ // 47 // अजवयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? अजवयाए णं जीवे काउन्जुययं भावुज्जुययं Page #549 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1140 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भासुज्जुययं अविसंवायणं जणयइ / अविसंवायणसंपण्णयाए णं जीवे धम्मस्स आराहए भवइ // 48 // मद्दवयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मद्दवयाए णं जीवे अगुस्सियत जगयइ / अगुस्तियत्तेणं जीवे मिउमद्दवसंपण्णे अट्ठमयट्ठाणाई णिट्ठा- . वेइ // 49 // भावसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? भावसच्चेणं जीवे भावविसोहि जगयइ। भावविसो हीहिए वट्टमाणे जीवे अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स आराहणयाए अब्भुढेइ / अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स आराहणयाए अन्भुद्वित्ता परलोगधम्मस्स भवइ / / 50 // करणसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? करणसच्चेणं जीवे करणसत्तिं जणयइ / करणसच्चे वट्टमाणे जीवे जहावाई तहाकारी यावि भवइ // 51 // जोगसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? जोगसच्चेणं जीवे जोगं विसोहेइ // 52 // मणगुत्तयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मणगुत्तयाए णं जीवे एगग्गं जणयह / एगग्गचित्ते णं जीवे मणगुत्ते संजमाराहए भवइ // 53|| वयगुत्तयाए. भंते ! जीवे किं जणयइ ? वयगुत्तयाए णं जीवे णिब्वियारत्तं जणयइ / णिव्वियारे णं जवे वइ. गुत्ते अज्झप्पजोगसाहणजुत्ते यावि भवइ // 54 // कायगुत्तयाए णं भंते ! ज वे किं जणयइ ? कायगुत्तयाए णं जीव संवरं जणयइ / संवरेणं कायगुत्ते पुणो पावासवणिरोह करेइ // 55 // मणसमाहारणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयह ? मणसमाहारणयाए णं जीवे एगग्गं जणयइ। एगग्गं जणइत्ता णाणपजवे जणयइ / णाणपजवे जणइत्ता सम्मत्तं विसोहेइ, मिच्छत्तं च णिजरेइ // 56 // वयसमाहारणयाए णं भंते ! जावे किं जणयइ ? वयसमाहारणयाए णं जीवे वयसाहारणदंसणपजवे विसोहेइ / वयसाहारणदंसणपज्जवे विसोहित्ता सुलहबोहियत्तं णिवत्तेइ, दुलहबोहियत्तं णिजरेइ // 57 // कायसमाहारणयाए णं भंते! जीवे किं जणयइ ? कायसमाहारणयाए णं जवे चरित्तपजवे विसोहेइ / चरित्तपजवे विसोहित्ता अहक्खायचरित्तं विसोहेइ / अहक्खायं. चरित्तं विसोहेत्ता चत्तारि केवलिकम्मंसे खवेइ / तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ // 58 // णाणसंपण्णयाए णं भंते ! ज वे किं जणयइ ? णाणसंपण्णयाए णं जीवे सव्वभावाहिगमं जणयइ / णाणसंपप्णे णं जवे चाउरंते संसारकंतारेण विणस्सइ। गाहा-जहा सुई ससुत्ता, पडिया ण विणरसाइ / तहा जीवे ससुत्ते, संसारे ण विणस्सइ // 1 // णाणविणयतवचरित्तजोगे संपाउणइ, ससमयपरसमयविसारए य असंघायणिज्जे भवइ // 59 // दंसणसंपण्णयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? दंसणसंपण्णयाए णं जीवे भवमिच्छत्तछेयणं करेइ,परंण विज्झायइ। Page #550 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 29 1141 परं अविज्झाएमाणे अत्तरेणं णाणदंसणेणं अप्पाणं संजोएमाणे सम्म भावमाणे विहरइ // 60 // चरित्तसंपण्णयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? चरित्तसंपण्णयाए णं जीवे सेलेसीभावं जणयइ / सेलेसिं पडिवण्णे य अणगारे चत्तारि केवलिकरमंसे खवेइ / तओ पच्छा सिझइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ / / 6 / / सोइंदियणिग्गहेणं भंते !जीवे किं जणयइ ? सोइंदियणिग्गहेणं जीवे मणुण्णामणुण्णेसु सद्देसु रागदोसणिग्गहं जणयइ। तप्पच्चयं च णं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिजरेइ // 62 // चक्खिदियणिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? चक्खिदियणिग्गहेणं जीवे मणुण्णामणुण्णेसु रूवेसु रागदोसणिग्गहं जणयइ / तप्पच्चइयं च णं कम्मं ण बंधह, पुव्वबद्धं च णिजरेइ // 63 / / घाणिंदियणिग्गहेणं भंते ! जीवे किं नणयइ ? घाणिदियणिग्गहेणं जीवे मणुण्णामणुण्णेसुगंधेसु रागदोसणिग्गहं जणयइ / तप्पच इयं च णं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिजरेइ // 64 // जिभिदियणिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ 1 जिभिंदियणिग्गहेणं जीवे मणुण्णामणुण्णेसु रसेसु रागदोसणिन्गहं नणयइ / तप्पच्चइयं च णं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिजरेइ // 65 // फासिंदियणिग्गहेणं भंते ! जीवे कि जणयइ ? फासिंदियणिग्गहेणं जीवे मणुण्णामणुण्णेसु फासेसु रागदोसणिग्गहं जणयइ / तप्पच्चइयं च णं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिजरेइ // 66 // कोहविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? कोहविजएणं जीवे खंति जणयइ / कोहवेयणिज्ज कम्मं ण बंधइ, पुव्ववद्धं च णिजरेइ // 67 // माणविजएणं भंते ! जीवे किं जणयह ? माणविजएणं जीवे मद्दवं जणयइ / माणवेयणिज्लं कम्म ण बंधइ, पुन्वबद्धं च णिजरेइ॥६८॥ मायाविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मायाविजएणं जीवे अजवं जणयह / मायावेयणिज्जं कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिज्जरेइ // 69 // लोभविजएणं भंते! जीवे किं जणयइ ? लोभविजएणं जीवे संतोसं जणयह / लोभवेयणिज्ज कम्मं ण बंधइ, पुव्वबद्धं च णिजरेइ / / 70 // पिज्जदोसमिच्छादंसणविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पिजदोसमिच्छादसणविजएणं जीवे णाणदसणचरित्ताराहणयाए अब्भुटेइ / अट्ठविहस्स कम्मम्स कम्मगंठिविमोयणयाए तप्पढमयाए जहाणुपुवीए अट्ठावीसइविहं मोहणिज्जं कम्मं उग्घाएइ, पंचविहं णाणावरणिज्ज, णवविहं दंसणावरणिज्ज, पंचविहं अंतराइयं, एए तिणि वि कम्मंसे जुगवं खवेइ / तओ पच्छा अणुत्तरं कसिणं पडिपुण्णं णिरावरणं वितिमिरं विसुद्धं लोगालोगप्पभावं केवलवरणाणदंसणं समुप्पाडेइ / जाव सजोगी भवइ ताव इरिया Page #551 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1142 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वहियं कम्मं णिबंधइ सुहफरिसं दुसमयठिइयं, तं पढमसमए बद्धं बिइयसमए वेइयं तइयसमए णिज्जिण्णं तं बद्धं पुढे उदीरियं वेइयं णिज्जिण्णं सेयाले य अकम्म चावि भवह // 71 / / अह आउयं पालइत्ता अंतोमुहुत्तद्धावसेसाए जोगणिरोह करेमाणे सुहुमकिरियं अप्पडिवाई सुक्कज्झाणं झायमाणे तप्पढमयाए मणजोगं णिरुंभइ, वहजोगं णिरुंभइ, कायजोगं णिरुभइ, आणपाणणिरोहं करेइ। ईसि-पंचरहस्सक्खरुच्चारणद्धाए य णं अणगारे समुच्छिण्णकिरियं अणियट्टिसुक्कज्झाणं झियायमाणे वेयणिज्जं आउयं प.मं गोत्तं च एए चत्तारि कम्मसे जुगवं खवेइ // 72 // तओ ओरालियतेयकम्माई सव्वाहि विप्पजहणाहिं विप्पजहित्ता उज्जुसेढिपत्ते अफुसमाणगई उड़े एगसमएणं अविग्गहेणं तत्थ गंता सागारोवउत्ते सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ // 73 // एस खलु सम्मत्तपरक्कमस्स अज्झयणस्स अट्ठे समणेणं भगवया महावीरेणं आघविए पण्णविए परूविए दंसिए णिदंसिए उवदंसिए।त्ति-बेमि॥ इति सम्मत्तपरक्कमणामं एगणतीसइमं अज्झयणं समत्तं // अह तवमग्गणामं तीसइमं अज्झयणं ____ जहा उ पावगं कम्मं, रागदोससमज्जियं / खवेइ तवसा भिक्खू, तमेगग्गमणो सुण // 1 // पाणिबहमुसावाया, अदत्तमेहुणपरिग्गहा विरओ / राईभोयणविरओ, जीवो भवइ अणासवो // 2 // पंचसमिओ तिगुत्तो, अकसाओ जिइंदिओ / अगारवो य णिस्सल्लो, जीवो होइ अणासवो // 3 // एएसिं तु विवच्चासे, रागदोससमज्जियं / खवेइ उ जहा भिक्खू, तमेगग्गमणो सुंण // 4 // जहा महातलायस्स, संणिरुद्ध जलागमे / उस्सिंचणाए तवणाए, कमेणं सोसणा भवे // 5 // एवं तु संजयस्तावि, पावकम्मणिरासवे / भवको संचियं कम्मं, तवसा णिजरिजइ // 6 // सो तवो दुविहो वुत्तो, बाहिरभंतरो तहा / बाहिरो छविहो वुत्तो, एवमभंतरो तवो // 7 // अणसणमूणोयरिया, भिक्खायरिया य रसपरिच्चाओ / कायकिलेसो संलीया, य बज्झो तवो होइ // 8 // (1) इत्तरिय मरणकाली य, अणसणा दुविहा भवे / इत्तरिय सावकंखा, णिरवकंखा उ बिइज्जिया // 9 // जो सो इत्तरिय. तवो, सो समासेण छविहो / सेदितवो पयरतवो, णो य तह होइ वग्गो य // 10 // तत्तो य वग्गवग्गो, पंचमो छट्टओ पइण्णतेवो / मणइच्छियचित्तत्थो, . णायव्यो होइ इत्तरिओ // 11 // जा सा अणसणा मरणे, दुविहा सा वियाहिया / सवियारेनवियारी, कायचिटुं पई भवे // 12 // अहवा सपरिक मा, अपरिकम्म। Page #552 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 30 1143 य आहियां / णीहारिमणीहारी, आहारच्छेओ दोसु वि // 13 // (2) ओमोयरणं पंचहा, समासेण वियाहियं / दवओ खेकालेणं, भावेणं पज्जवे हि य // 14 // जो जस्स उ आहारो, तत्तो ओमं तु जो करे / जहण्णेणेगसिस्थाई, एवं दवेण ऊ भवे // 15 // गामे णगरे तह रायहाणि, णिगमे य आगरे पल्ली / खेडे कब्बडदोगमुह-, पट्टणमडंबसंबाहे // 16 // आसमपए विहारे, सण्णिवेसे समायघोसे य / थलिसेणाखंधारे, सत्थे संवट्टकोट्टे य // 17 // वाडेसु व रत्थासु व, घरेसु वा एवमित्तियं खेत्तं / कप्पइ उ एवमाई, एवं खेत्तेण ऊ भवे // 18 // पेंडा य अद्धपेडी, गोत्तिपयंगवीहिया चेव / संबुक्कावट्टायय-, गंतुं पञ्चागया छहा // 19 // दिवसस्स पोरुसीणं, चउण्हं पि उ जत्तिओ भवे कालो / एवं चरमाणो खल, कालोमाणं मुणेयव्वं // 20 // अहवा तइयाए पोरिसीए, ऊणाइ घासमेसंतो / चउभागूणाए वा, एवं कालेण ऊ भवे // 21 // इत्थी वा पुरिसो वा, अलंवि ओ वा णलंकिओ वावि / अण्णयरवयत्थो वा, अण्णयरेणं घ वत्थेणं // 22 // अण्णेण विसेसेणं, वण्णेणं भावमणुमुयंते उ / एवं चरमाणो खलु, भावोमाणं मुणेयत्वं // 23 // दवे खेत्ते काले, भावंमि य आहिया उ जे भावा / एएहिं ओमचरओ, पजवचरओ भवे भिक्खू // 24 // (3) अट्ठविहगोयरग्गं तु, तहा सत्तेव एसणा / अभिग्गही य जे अण्णे, भिक्खायरियमाहिया // 25 // (4) खीरदहिसप्पिमाई, पणीयं पाणभोयणं / परिवजणं रसाणं तु, भणियं रसविवजणं // 26 // (5) ठाणा वीरासणाईया, जीवस्स उ सुहावहा / उग्गा जहा धरिजंति, कायकिलेसं तमाहियं // 27 // (6) एगंतमणावाए, इत्थी पसुविवज्जिए / सयणा. सणसेवणया, विवित्तसयणासणं // 28 // एसो बाहिरगं तवो, समासेण वियाहिओ। अभितरं तवं एत्तो, बुच्छामि अणुपुव्वसो // 29 // पायच्छित्तं विणओ, वेया. वैच्चं तहेव सज्झाओ / झॉणं च विउस्सरंगो, एसो आभितरो तवो // 30 // (1) आलोयणारिहाईयं, पायच्छित्तं तु दसविहं / जे भिवखू वहई सम्मं, पायच्छित्तं तमाहियं // 31 // (2) अन्भुट्ठाणं अंजलिकरण, तहेवासणदारणं / गुरुभत्तिभावसुस्सूसा, विणओ एस वियाहिओ // 32 // (3) आयरियमाईए, वेयावच्चंमि दसविहे / आसेवणं जहाथामं, वेयावच्चं तमाहियं // 33 (4) वायणा पुच्छणा चेव, तहेव परियट्टणा / अणुप्पेही धग्मकही, सज्झाओ पंचहा भवे // 34 // (5) अट्टरुद्दाणि वज्जित्ता, झाएजा सुसमाहिए / धम्मैसुकाई झाणाई, झाणं तं तु बुहा वए // 35 // (6) सयणासणटाणे वा, जे उ भिवखू ण वावरे / कायस्स Page #553 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1144 अनंगपविट्ठसुत्ताणि विउस्सग्गो, छटो सो परिकित्तिओ // 36 / / एयं तवं तु दुविहं, जे सम्म आयरे मुणी / सो खिप्पं सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिओ // 37 // त्ति-बेमि // इति तवमग्गणामं तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 30 // . .. ___ अह चरणविहिणामं एगतीसइमं अज्झयणं चरणविहिं पवक्खामि, जीवस्स उ सुहावहं / जं चरित्ता बहू जीवा, तिण्णा संसारसागरं // 1 // एगओ विरई कुज्जा, एगओ य पवत्तणं / असंजमे णियत्तिं च, संजमे य पवत्तणं // 2 // रागदोसे य दो पावे, पावकम्मपबत्तणे / जे भिक्खू रंभई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 3 // दंडाणं गारवाणं च, सल्लाणं च तियं तियं / जे भिक्खू चयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 4 // दिव्वे य जे उवसग्गे, तहा तेरिच्छमाणुसे / जे भिक्खू सहई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले.॥५॥ विगहाकसायसण्णाणं, झाणाणं च दुयं तहा / जे भिक्खू वजई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 6 // वएसु इंदियत्थेसु, समिईसु किरियासु य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 7 // लेसासु उसु काएसु, छक्के आहारकारणे / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छह मंडले // 8 // पिंडोग्गहपडिमासु, भयट्ठाणेसु सत्तसु / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले ॥९॥मएसु बंभगुत्तीसु, भिवखुधम्मम्मि दसविहे ।जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 10 // उवासगाणं पडिमासु, भिवखूणं पडिमासु य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 11 // किरियासु भूयगामेसु, परमाहम्मिएसु य।जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छद मंडले॥१२॥ गाहासोलसएहि, तहा असंजमंमि य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छह मंडले // 13 // बंभंमि णायज्झयणेसु, ठाणेसु असमाहिए / जे भिक्खू जयई णिचं, से ण अच्छइ मंडले // 14 // एगवीसाए सबले, बावीसाए परीसहे / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 15 // तेवीसाइ सूयगडे, रूवाहिएसु सुरेसु य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छा मंडले // 16 // पणवीसभावणासु, उद्देसेसु दसाइणं / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 17 // अणगारगुणेहिं च, पगप्पंमि तहेव य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छइ मंडले // 18 // पावसुयपसंगेसु, मोहठाणेसु चेव य / जे भिक्खू जयई णिच्चं, से ण अच्छह मंडले // 19 // सिद्धाइगुणजोगेसु, तेत्तीसासायणामु य / जे भिवख जयई णिचं, से ण Page #554 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 32 1145 अच्छइ मंडले // 20 // इय एएसु ठाणेसु, जे भिक्खू जयई सया / खिप्पं सो * सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिओ // 21 // त्ति-बेमि // इति चरणविहिणामं एगतीसइमं अज्झयणं समत्तं // 31 // अह पमायट्ठाणणामं बत्तीसइमं अज्झयणं अच्चंतकालस्स समूलगस्स, सच्चस्स दुक्खस्स उ जो पमोवखो / तं भासओ मे पडिपुण्णचित्ता, सुणेह एगंतहियं हियत्थं // 1 // णाणस्स सव्वस्स पगासणाए, अण्णाणमोहस्स विवजणाए / रागम्स दोसस्स य संखएणं, एगंतसोक्खं समुवेइ मोक्खं // 2 // तस्सेस मग्गो गुरुविद्धसेवा, विवजणा बालजणस्स दूरा। सज्झाय. ( गंतणिसेवणा य, सुत्तत्थसंचिंतणया घिई य ||3|| आहारमिच्छे मियमेसणिज्जं, सहायमिच्छे णिउणत्थबुद्धिं / णिकेयमिच्छेन विवेगजोग्गं, समाहिकामे समणे तवरसी // 4 // ण वा लभेजा णिउणं सहायं, गुणाहियं वा गुणओ समं वा / एगो वि पावाई विवजयंतो, विहरेज कामेसु असजमाणो // 5 // जहा य अंडप्पभवा बलागा, अंडं बलागप्पभवं जहा य / एमेव मोहाययणं खु तण्हा, मोहं च तण्हाय- . वणं वयंति // 6 // रागो य दोसो वि य कम्मबीयं, कम्मं च मोहप्पभवं वयंति / कम्म च जाईमरणस्स मूलं, दुक्खं च जाईमरणं वयंति // 7 // दुक्खं यं जस्स ण होइ मोहो, मोहो हओ जस्स ण होइ तण्हा ।.तण्हा हया जस्स ण होइ लोहो, लोहो हओ जस्स ण किंचणाई // 8 // रागं च दोसं च तहेव मोहं, उद्धत्तुकामेण समूलजालं / जे जे उवाया पडिवज्जियव्वा, ते कित्तइस्सामि अहाणु पुस्विं // 9|| रसा पगामं ण णिसेवियव्वा, पायं रसा दित्तिकरा णराणं / दित्तं च कामा समभिवंति, दुमं जहा साउफलं व पक्खी ||10|| जहा दवग्गी पउरिंधणे वणे, समारओ णोवसमं उवेइ। एविंदियग्गी वि पगामभोइणो, ण बंभयारिस्स हियाय कस्सई // 11 // विवित्तसेजासणतियाणं, ओमासणाणं दमिइंदियाण / ण रागसत्तू धरिसेइ चित्तं, पराइओ वाहिरिवोसहेहिं // 12 // जहा बिरालावसहस्स मूले, ण मूसगाणं वसही पसत्था / एमेव इत्थीणिलयस्स मज्झे, ण बंभयारिस्स खमो णिवासो // 13 // ण रूवलावण्णविलासहासं, ण जंपियं इंगियपेहियं वा / इत्थीण चित्तंसि णिवेसइत्ता, दटुं ववस्से समणे तवस्सी // 14 // अदंसणं चेव अपत्थणं च, अचिंतणं चेव अकित्तणं च / इत्थीजणस्सारियझाणजुग्गं, हियं सया बंभवए रयाणं // 15 // कामं तु देवीहिं विभू Page #555 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1146 अनंगपविट्ठसुताणि सियाहिं, ण चाइया खोभइ तिगुत्ता। तहा वि एगंतहियं ति णच्चा, विवित्तवासो मुणिणं पसन्थो // 16 // मोक्खाभिकंखिस्स उ माणवस्स, संसारभीरुस्स ठियस्स धम्मे। णेयारिसं दुत्तरमत्थि लोए, नहित्थिओ बालमणोहराओ॥१७॥ एए य संगे समइक्क . मित्ता, सुदुत्तरा चेव भवंति सेसा / जहा महासागरमुत्तरित्ता, णई भवे अवि गंगासमाणा // 18 // कामाणुगिद्धिप्पभवं खु दुक्खं, सव्वस्स लोगस्स सदेवगस्स / जं काइयं माण सियं च किंचि, तस्संतगं गच्छद्द वीयरागो // 19 // जहा य किंपागफला मणोरमा, रसेण वण्णेण य भुजमाणा / तं खुडुए जीविय पच्चमाणा, एओवमा कामगुणा विवागे // 20 // जे इंदियाणं विसया मणुण्णा, ण तेसु भावं णिसिरे कयाइ / ण यामणुण्णेसु मणं पि कुजा, समाहिकामे समणे तवस्सी // 21 // (1) चक्खुस्स रूवं गहणं वयांत, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो ||22 // रूवस्स चक्खं गहणं वयंति, चक्खुस्स एवं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउं अमणुण्णमाहु // 23 // रूवेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे से जह वा पयंगे, आलोय. लोले समुवेइ मच्चु // 24 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू, ण किंचि एवं अवरज्झई से // 25 // एगंतरत्ते रुइरंसि रूवे, अतालिसे से कुणई पओसं / दुक्खस्से संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो // 26 // रूवाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइ. ऽणेगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तद्वगुरू किलिटे // 27 // रूवाणुवारण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे / वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे // 28 // रूवे अतित्ते य परिग्गहमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुहिँ / अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं // 29 // तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, रूवे अतित्तस्स परिग्गहे य। मायामुसं वडा लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 30 // मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, रूवे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 31 // रूवाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स कएण दुक्खं // 32 // एमेव रूवंमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुट्ठचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 33 // रूवे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण Page #556 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 32 1147 लिप्पए भषमज्झे वि संतो, जलेण वा पोखरिणीपलासं // 34 // ( 2 ) सोयस्स सदं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 35 // सद्दस्स सोयं गहणं वयंति, सोयस्स सदं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउं अमणुण्णमाहु // 36 // सद्देसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे हरिणमिगे व मुद्धे, सद्दे अतित्ते समुवेइ मच्छं // 37 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्ख / दुइंतदोसेण सएण जंतू , ण किंचि सई अवरज्झई से // 38 // एगंतंरत्ते रुइरंसि सद्दे, अतालिसे से कुणई पओसं / दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागों // 39 // सद्दाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरू. किल्टेि // 40 // सद्दाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसणिओगे। वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे // 41 // सद्दे अतित्तेय परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुहिँ / अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं // 42 // तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, सद्दे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामसं वड्डइ लोभदोसा, तत्थावि दुव खा ण विमुच्चई से // 43 // मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, सद्दे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 44 // सद्दाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुइं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स कएण दुक्ख // 45 // एमेव सइंमि गओ पओसं, उवेइ दुवखोह परंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 46 // सद्दे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पए भवमझे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 47 // (3) घाणस्स गंधं गहणं वयंति, तं रागहेउं दु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 48 // गंधस्स घाणं गहणं वयंति, घाणस्स गंधं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउं अमणुण्णमाहु // 49 // गंधेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे ओसहगंधसिद्धे, सप्पे बिलाओ विव णिक्खमंते // 50 // जे . यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू, ण किंचि गंधं अवरज्झई से // 51 // एगंतरत्ते रुइरंसि गंधे, अतालिसे से कुणई पओसं / दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो // 52 // Page #557 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1148 अनंगपविटुसुत्ताणि गंधाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, . पीलेइ अत्तद्वगुरू किलिटे // 53 / / गंधाणुवाएण परिग्गहे ण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे / वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलामे // 54 // गंधे अतित्ते य परिग्गहमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुढेि / अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं // 55 // तण्हाभिभूयम्स अदत्तहारिणो, गंधे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामसं वड्ढइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्छई से / / 56 // मोसस्स पच्छा य पुरत्यओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, गंधे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 57 // गंधाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स करण दुक्खं // 58 // एमेव गंधमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होई दुहं विवागे // 59 // गंधे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमझे कि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 60 // (4) जिब्भाए रसं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु। तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 61 // रसस्स जिब्भं गहणं वयंति, जिब्भाए रसं गहणं वयति / रागस्स. हे उं समणुण्णमाहु, दोसस्स हे अमणुण्णमाहु // 62 // रसेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे वडिसविभिण्णकाए, मच्छे. जहा आमिसभोगगिद्धे // 63 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू , ण किंचि रसं अवरज्झई से // 64 !! एगंतरत्ते रुइरंसि रसे, अतालिसे से कुणई पओसं। दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो / / 65 // रसाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे / चित्तहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरू किलिटे // 66|| रसाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसणिओगे। वए बिओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे // 67 // रसे अतित्ते य परिग्गडंमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुढ़ि। अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्त // 68 // तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, रसे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामुसं वड्डइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 69 // मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, रसे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 70 // रसाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि ? / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं Page #558 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 32 1149 / / 71 // एमेव रसम्मि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्म, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 72 // रसे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमझे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणी. पलासं // 73 / / (5) कायस्स फासं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 74 // फासस्स कायं गहणं वयंति, कायस्स फासं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउ अमणुण्णमाहु / / 75 // फासेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे सीयजलावसण्णे, गाहग्गहीए महिसे विवण्णे // 76 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू , ण किंचि फासं अवरज्झई से।। 77 // एगंतरत्ते रुइरंसि फासे, अतालिसे से कुणई पओसं / दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो // 78|| फासाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, यीलेइ अत्तद्वगुरू किलिडे / / 79|| फासाणुचाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे / वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे / / 80 // फासे अतित्ते य परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुहि / अतुट्ठिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले. आययई अदत्तं // 81 // तण्हामिभूयस्स अदत्तहारिणो, फासे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायासं वह लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 82 // मोसम्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाय. यंतो, फासे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 83 // फासाणुरत्तस्स णरस्स एवं, फत्तो सुहं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स कएण दुक्खं 1184 // एमेव फासंमिगओपओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुट्ठचित्तो.य चिणाइ कम्म, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 85 / / फासे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 86 // (6) मणस्स भावं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 87 // भावस्स मणं गहणं वयंति, मणस्स भावं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउं अमणुण्णमाहु // 88 // भावेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं। रागाउरे कामगुणेसु गिद्धे करेणुमग्गावहिए गजे वा // 89 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से Page #559 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1150 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उ उवेइ दुक्ख / दुइंतदोसेण सएण जंतू, ण किंचि भावं अवरज्झई से // 9 // एगेतरसे रुइरंसि भावे, अतालिसे से कुणई पओसं। दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो // 91 / / भावाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइ. ऽणेगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तट्टगुरू किलिट्टे // 92 / / भावाणु. वाएण परिगहेण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे। वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे // 93 // भावे अतित्ते य परिगहमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुढ़ि / अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं // 94 // तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, भावे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामुसं वइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 95 // मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, भावे अद्वित्तो दुहिओ अणिस्सो // 96 // भावा.. गुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि। तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स कएण दुक्खं // 97 // एमेव भावंमि गओ फ्ओसं, उवेइ दुक्खोह. परंपराओ / पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 98 // भावे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 99 // एविंदियत्था य. मणस्स अत्था, दुक्खस्स हेडं मणुयस्स रागिणो / ते चेव थोवं पि कयाइ दुक्खं, ण वीयरागस्स करेंति किंचि // 100 // ण कामभोगा समयं उवैति, ण यावि भोगा विगई उवेति / जे तप्पओसी य परिग्गही य, सो तेसु मोहा विगई उवेइ // 101 // कोहं च माणं च तहेव मायं, लोहं दुगुंछं अरइं रइं च / हासं भयं सोगपुमिथिवेयं, नपुंसवेयं विविहे य भावे // 102 // आवजई एवमणेगरूवे, एवंविहे कामगुणेसु सत्तो। अण्णे य एयप्पभवे विसेसे, कारुण्णदीणे हिरिमे वइस्से // 103 // कप्पं ण इच्छिज सहायलिच्छू पच्छाणुतावे ण तवप्पभावं / एवं वियारे अमियप्पयारे, आवजई इंदियचोरवस्से // 10 // तओ से जायंति पओयणाई, णिमज्जिउंमोहमहण्णवमि / सुहेसिणो दुक्खविणोयणट्ठा, तप्पच्चयं उज्जमए य रागी // 105 // विरजमाणस्स य इंदियत्था, सद्दाइया तावइयप्पगारा / ण तस्स सव्वे वि मणुण्णयं वा, णिव्यत्तयंती अमणुण्णयं वा // 106 // एवं ससंकप्पविकप्पणासु, संजायई समयमुवटियस्स / अत्थे य संकप्पयओ तओ से, पहीयए कामगुणेसु तण्हा // 107 // स वीयरागो कयसव्व किच्चो, खवेइ णाणावरण खणेणं / तहेव दंसणमावरेइ, जं चतरायं पकरेइ कम्मं // 1.8 // सव्वं तओ जाणइ पासए य, अमोहणे होइ णिरंतराए / अणासवे झाणसमाहिजुत्ते, आउखए Page #560 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 33 1151 मोक्खमुवेइ सुद्धे // 109 // सो तस्स सव्वस्स दुहस्स मुक्को, जं बाहई सययं जंतुमेयं / दोहामयं विप्पमुक्को पसत्थो, तो होइ अच्चंतसुही कयत्थो // 110 // अणाइकालप्पभवस्स एसो, सव्वस्स दुक्खस्स पमोक्खमग्गो / वियाहिओ जं समुविच्च सत्ता, कमेण अच्चंतसुही भवंति // 111 // त्ति-बेमि // इति पमायट्ठाणणामं बत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 32 // . अह कम्मप्पयडी णामं तेत्तीसइमं अज्झयणं अट्ठ कम्माई वोच्छामि, आणुपुब्बिं जहक्कम / जेहिं बद्धो अयं जीवो, संसारे परिवट्टई // 1 // णाणस्सावरणिज, दंसणावरेणं तहा / वेयणिजं तहा मोहं, आउकम्म तहेव य // 2 // णामकम्मं च गोयं च, अंतरीयं तहेव य। एवमेयाइ कम्माई, अटेव उ समासओ // 3 // (1) णाणावरणं पंचविहं, सुयं आभिणिबोहियं / ओहिगाणं च तइयं, मणणाणं च केवलं // 4 // (2) णिद्दा तहेव पयली, णिहाणिद्दा पयलपयला य / तत्तो य थीणगिद्धी उ, पंचमा होइ गायव्वा // 5 // चक्खुमचक्खू ओहिस्स, दंसणे केवले य आवरणे / एवं तु णवविगप्पं, णायव्वं दंसणावरणं // 6 // (3) वेयणीयं पि य दुविहं, सायमसायं च आहियं / सायस्स उ बहू भेया, एमेव असायस्स वि // 7 // (4) मोहणिज्ज पि दुविहं, दसणे चरणे तहा / दंसणे तिविहं वुत्तं, चरणे दुविहं भवे // 8 // सम्मत्तं चेव मिच्छेत्तं, सम्मामिच्छत्तमेवं य / एयाओ तिण्णि पयडीओ, मोहणिजस्स दंसणे // 9 // चरित्तमोहणं कम्मं, दुविहं तु वियाहियं / कसायमोहणिज्जं तु, गोकसायं तहेव य // 10 // सोलसविहभेएणं, कम्मं तु कसायजं / सत्तविहं णवविहं वा, कम्मं च णोकसायजं // 11 // (5) णेरइयतिरिक्खाउं, मणुस्साउं तहेव य / देवाउयं चउत्थं तु, आउकम्मं चउव्विहं // 12 // (6) णामकम्मं तु दुविहं, सुहेमसुहं च आहियं / सुहस्स उ बहू भेया, एमेव असुहस्स वि // 13 / / (7) गोयं कम्म दुविह, उच्च णीयं च आहिय / उच्चं अट्ठविहं होइ, एवं णीयं पि आहियं // 14 / / (8) दाणे लाभे य भोगे य, उभोगे वीरिएं तहा / पंचविहमंतराय, समासेण वियाहियं // 15 // एयाओ मूलपयडीओ, उत्तराओ य आहिया / पएसग्गे खेत्तकाले य, भावं च उत्तरं सुण // 16 // सव्वेसिं चेव कम्माणं, पएसग्गमणंतगं.। गंठियसत्ताईयं, अंतो सिद्धाण आहियं / / 17 // सव्वजीवाण कम्मं तु, संगहे उदिसागयं / सम्वेसु वि पएसेसु, सव्वं सव्वेण बद्धगं / / 18 // Page #561 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि उदहीसरिसणामाण, तीसई कोडिकोडिओ। उक्कोसिया ठिई होइ, अंतोमुहत्तं जहणिया // 19 // आवरणिजाण दुण्हं पि, वेयणिज्जे तहेव य / अंतराए य कम्मम्मि, ठिई एसा वियाहिया // 20 // उदहीसरिसणामाण,सत्तर कोडिकोडिओ.. मोहणिजस्स उक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 21 // तेत्तीससागरोवमा, उक्कोसेण वियाहिया / ठिई उ आउकम्मस्स, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 22 // उदहीसरिसणामाण, वीसई कोडिकोडिओ।णामगोत्ताणं उक्कोसा, अट्ठमुहुत्ता जहणिया // 23 // सिद्धाणणंतभागो य, अणुभागा हवंति उ / सव्वेसु वि पएसग्गं, सव्वजीवे अइच्छियं // 24 // तम्हा एएसि कम्माणं, अणुभागा वियाणिया / एए सि संवरे चेव. खवणे य जए बुहो // 25 // त्ति-बेमि // इति कम्मप्पयडी णामं तेत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 33 // अह लेसज्झयणणामं चोत्तीसइमं अज्झयणं लेसज्झयणं पवक्खामि, आणपध्विं जहकमं / उण्हं पि कम्मलेसाणं, अणभावे सुणेह मे // 1 / / णामाई वण्णरसगंध-फासपरिणामलक्खणं / ठाणं ठिई गई चाउं, लेसाणं तु सुणेह मे // 2 // किण्ही णीला य काऊँ य, ते पम्हा तहेव य / सुक्कलेसी य छट्ठा य, णामाइं तु जहक्कम ॥३॥(१)जीमूयणिद्धसंकासा, गवलरिट्ठगसण्णिभा। खजंजणणयणणिभा, किण्हलेसा उ वण्णओ // 4 // (2) णीलासोगसंकासा, चास. पिच्छसमप्पभा / वेरुलियणिद्धसंकासा, णीललेसा उ वण्णओ // 5 // (3) अयसीपुप्फसंकासा, कोइलच्छदसण्णिभा / पारेवयगीवणिमा, काउलेसा उ वण्णओ // 6 // (4) हिंगुलयधाउसंकासा, तरुणाइच्चसण्णिभा / सुयतुंडपईवणिभा, तेउलेसा उ वण्णओ // 7 // (5) हरियालभेयसंकासा, हलिद्दाभेयसमप्पभा / सणासणकुसुमणिभा, पम्हलेसा उ वण्णओ // 8 // (6) संखककुंदसंकासा, खीरपूरसमप्पभा / रययहारसंकासा, सुक्कलेसा उ वण्णओ // 9 // (1) जह कडुयतुंबगरसो, जिंबरसो कड्डयरोहिणिरसो वा / एत्तो वि अणतगुणो, रसो य किण्हाए णायव्वो // 10 // (2) नह तिगडुयस्स य रसो, तिक्खो जह हस्थिपिप्पलीए वा / एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ णीलाए णायव्वो // 11 // (3) जह तरुणअंबगरसो, तुवरकविट्ठस्स बावि जारिसओ / एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ काऊए गायव्यो // 12 // (4) जह परिणयंबगरसो, पक्ककविट्ठस्स वावि जारिसओ। एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ तेऊए Page #562 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 34 1153 णायब्वो // 12 // (5) नह वरवारुणीए व रसो, विविहाण व आसवाण जारिसओ। महुमेरयस्स व रसो, एत्तो पम्हाए परएणं // 14 // (6) खज्जूरमुद्दियरसो, खीररसो खंडसक्कररसो वा / एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ सुक्काए णायव्वो // 15 // जह गोमडस्स गंधो, सुणगमडस्स व जहा महिमडस्स / एत्तो वि अणंतगुणी, लेसाणं अप्पसत्थाणं // 16 // जह सुरहिकुसुमगंधो, गंधवासाण पिस्समाणाणं / एत्तो वि अणंतगुणो, पसत्थलेसाण तिण्हं पि // 17 // जह करगयस्स फासो, गोजिमाए व सागपत्ताणं / एत्तो वि अणंतगुणो, लेसाणं अप्पसत्थाणं // 18 // जह बूरस्स व फासो, णवणीयस्स व सिरीसकुसुमाणं / एत्तो वि अणंतगुणो, पसत्थलेसाण तिण्हं पि // 19 // तिविहो व णवविहो वा, सत्तावीसइवेहेकसीओ वा / दुसओ तेयालो वा, लेसाणं होइ परिणामो // 20 // (1) पंचासवप्पवत्तो, तीहिं अगुत्तो छसु अविरओ य / तिव्वारंभपरिणओ, खुद्दो साहसिओ णरो // 21 // णिद्धंधसपरिणामो, णिस्संसो अजिइंदिओ। एयजोगसमाउत्तो, किहलेसं तु परिणम // 22 / / (2) इस्सा अमरिस अतवो, अविजमाया अहीरिया / गिद्धी पओसे य सढे, पमत्ते रसलोलुए // 23 // सायगवेसए य / आरंभाओ अविरओ, खुद्दो साहस्सिओ णरो / एयजोगसमाउत्तो, णीललेसं तु परिणमे // 24 // (3) के वंकसमायारे, गियडिल्ले अणुज्जुए / पलिउंचगओवहिए, मिच्छादिट्ठी अणारिए // 25 // उम्फालगदुट्टवाई य, तेणे यावि य मच्छरी / एयजोगसमाउत्तो, काउलेसं तु परिणमे // 26 // (4) णीयावित्ती अचवले, अमाई अकुऊहले / विणीयविणए दंते, जोगवं उवहाणवं // 27 // पियधम्मे दधम्मे,ऽवजभीरू हिएसए / एयजोगसमाउत्तो, तेऊलेसं तु परिणमे // 28 // (5) पयणुकोहमाणे य, मायालोभे य पयणुए। पसंतचित्ते दंतप्पा, जोगवं उवहाणवं // 29 // तहा पयणुवाई य, उवसंते जिई. दिए। एयजोगसमाउत्तो, पम्हलेसं सु परिणमे // 30 // (6) अट्टरुद्दाणि वज्जित्ता, धम्मसुक्काणि झायए / पसंतचित्ते दंतप्पा, समिए गुत्ते य गुत्तिसु // 31 // परागे वीयरागे वा, उवसंते जिइंदिए। एयजोगसमाउत्तो, सुक्कलेसं तु परिणमे // 32 // असंखिजाणोसप्पिणीण, उस्सप्पिणीण जे समया। संखाईया लोगा, लेसाण हवंति ठाणाई // 33 // मुहुत्तद्धं तु जहण्णा, तेत्तीसा सागरा मुहुत्तहिया / उक्कोसा होइ ठिई, णायव्वा किण्हलेसाए // 34 // मुहुत्तद्धं तु नहण्णा, दस उदही पलियमसंखभागमभहिया / उक्कोसा होइ ठिई, णायव्वा णीललेसाए // 35 // Page #563 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1154 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मुहुत्तद्धं तु जहण्णा, तिण्णुदही पलियमसंखभागमभहिया। उवकोसा होइ ठिई, णायव्वा काउलेस्साए // 36 / / मुहुत्तद्धं तु जहण्णा, दोण्णुदही पलियमसंखभागमभहिया / उक्कोसा होइ ठिई, णायव्वा तेउलेसाए // 37 // मुहुत्तद्धं तु जहण्णा,. दस होंति य सागरा मुहुत्तहिया। उक्कोसा होइ ठिई, णायव्वा पम्हलेसाए // 38 // मुहुत्तद्वं तु जहण्णा, तेत्तीसं सागरा मुहुत्तहिया। उक्कोसा होइ ठिई, णायब्वा सुक्कलेसाए / / 39 / / एसा खुलु लेसाणं, ओहेण ठिई उ वणिया होइ / च उसु वि गईसु एत्तो, लेसाण ठिहं तु वोच्छामि // 40 // दस वाससहस्साई, काऊए ठिई जहणिया होइ / तिण्णुदही पलिओवम-, असंखभागं च उक्कोसा // 41 // तिम्णुदही पलिओवम-, असंखभागो जहण्णेयं णीलठिई। दस उदही पलिओवम-, असंखभागं च उक्कोसा // 42 // देसउदही पलिओवम-,असंखभागं जहणिया होइ / तेत्तीससागराइं उक्कोसा, होइ किण्हाए लेसाए // 43 // एसा णेरइयाणं, लेसाण ठिई उ वणिया होइ / तेण परं वोच्छामि, तिरियमणुस्साण देवाणं / / 44 / / अंतोमुहुत्तमद्धं लेसाण, ठिई जहिं जहिं जा उ। तिरियाण णराणं वा, वज्जित्ता केवलं लेसं // 45 // मुहुत्तद्धं तु जहण्णा, उक्कोसा होइ पुव्व. कोडीओ / णवहिं वरिसेहिं ऊणा, णायव्वा सुक्कलेसाए // 46 // एसा तिरियणराणं, लेसाण ठिई उ वणिया होइ / तेण परं वोच्छामि, लेसाण टिई उ देवाणं // 47 // दस वाससहस्साई, किण्हाए ठिई नहणिया होइ / पलियमसंखिजइमो, उक्कोसो होइ किण्हाए // 48 // जा किण्हाए टिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमन्भहिया / जहण्णेणं णीलाए, पलियमसंखं च उक्कोसा // 49 // जा णीलाए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमभहिया / जहण्णेणं काऊए, पलियमसंखं च उक्कोसा // 50 // तेण परं वोच्छामि, तेऊलेसा जहा सुरगणाणं / भवणवइवाणमंतर-, जोइसवेमाणियाणं च // 51 // पलिओवमं जहण्णा, उक्कोसा सागरा उ दुण्णहिया। पलियमसंखेज्जेणं, होइ भागेण तेऊए // 52 // दसवाससहस्साई, तेऊए ठिई जहणिया होइ / दुण्णुदही पलिओवम-असंखभागं च उक्कोसा // 53 // जा तेऊए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया। जहण्णेणं पम्हाए, दस उमुहत्ताहियाइ उक्कोसा / / 54 / / जा पम्हाए टिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमभहिया। जहण्णेणं सुक्काए, तेत्तीसमुहुत्तमब्भहिया // 55 // किण्हा णीला काऊ, तिणि वि एयाओ अहम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, दुग्गइं उववजई // 56 // तेऊ Page #564 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 35 1155 परहा सुक्का, तिणि वि एयाओ धम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, सुग्गई उववजई / / 57 // लेसाहिं सव्वाहि, पढमे समयंमि परिणयाहिं तु / ण हु कस्सइ उववाओ, परे भवे अस्थि जीवस्स // 58 // लेसाहिं सव्वाहि, चरिमे समयंमि परिणयाहिं तु / ण हु कस्सह उववाओ, परे भवे होह जीवस्स // 59 / / अंतमुहत्तंमि गए, अंतमुत्तमि सेसए चेव / लेसाहिं परिणयाहिं, जीवा गच्छति परलोयं // 6 // तम्हा एयासि लेसाणं, आणुभावे वियाणिया। अप्पसत्थाआ वज्जित्ता, पसत्थाओऽहिट्ठिए मुणि // 61 / / त्ति-बेमि // इति लेसज्झयणणामं चोत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 34 // अह अणगारज्झयणं णामं पंचतीसइमं अज्झयणं सुणेह मे एगग्गमणा, मग्गं बुद्धेहि देसियं / जमायरंतो भिक्खू , दुक्खाणंतकरे भवे // 1 // गिहवासं परिच्चज, पवजामस्सिए मुणी / इमे संगे वियाणिजा, जेहि सज्जंति माणवा // 2 // तहेव हिंसं' अलियं, चोजं अबंभसेर्वेणं / इच्छाकामं च लोभ च, संजओ परिवजए // 3 // मणोहरं चित्तधरं, मल्लधूवेण वासियं / सकवार्ट पंडुरुल्लोयं, मणसा वि ण पत्थए // 4 // इंदियाणि उ भिक्खुस्म, तारिसंमि उवस्सए / दुक्कराई णिवारेउं, कामरागविवड्ढणे // 5 // सुसाणे सुण्णगारे वा. रुक्खमूले व एगओ / प्रइरिक्के परकडे वा, वासं तत्थाभिरोयए // 6 // फासुयंमि अणाबाहे, इत्थीहि अणभिदुए / तत्थ संकप्पए वासं, भिक्खू परमसंजए // 7 // •ण सयं गिहाई कुन्विजा, णेव अण्णेहि कारए / गिहकम्मसमारंभे, भूयाणं दिस्सए वहो // 8 // तसाणं थावराणं च, सुहुमाणं बादराण य / तम्हा गिहसमारंभ, संजओ परिवजए // 9 // तहेव भत्तपाणेसु, पयणे पयावणेसु य / पाणभूयदयट्ठाए, ण पएं ण पयावए // 10 // जलधण्णणिस्सिया जीवा, पुढवीकट्ठणिस्सिया / हम्मंति भत्तपाणेसु, तम्हा भिक्खू ण पयावए // 11 // विसप्पे सव्वओ धारे, बहुपाणिविणासणे / णत्थि जोइसमे सत्थे, तम्हा जोई ण दीवए // 12 // हिरणं जायरूवं च, मणसा वि ण पत्थए / समलेटुकंचणे भिक्खू , विरए कयविक्कए // 13 // किणंतो कइओ होइ, विक्किणंतो य वाणिओ। कयविक्कयंमि वहृतो, भिक्खू ण भवइ तारिसो // 14 // भिक्खियव्वं ण केयन्वं, मिक्खुणा भिक्खवत्तिणा / कयविक्कओ महादोसो, भिक्खावित्ती सुहावहा / / 15 / / समुयाणं उंछमेसिजा, जहासुत्तम Page #565 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1156 अनंगपविट्ठसुत्ताणि प्रिंदियं / लाभालाभंमि संतुट्टे, पिंडवायं चरे मुणी // 16 // अलोले ण रसे गिद्धे, जिन्भादंते अमुच्छिए / ण रसट्ठाए अँजिजा, जवणट्ठाए महामुणी // 17 // 'अचणं रयणं चेव, वंदणं पूयणं तहा / इड्डीसकारसम्माणं, मणमा वि ण पत्थए // 18 // सुक्कज्झाणं झियाएजा, अणियाणे अकिंचणे / वोसटकाए विहरेजा, नाव कालस्स पजओ // 19 // णिज्जूहिऊण आहारं, कालधम्मे रवट्ठिए / जहिऊण माणुसं बोंदि, पहू दुक्खा विमुच्चई // 20 // णिम्ममे णिरहंकारे, बीयरागो अणासवो / संपत्तो केवलं जाणं, सासयं परिणिव्वुए // 21 // -िवेमि // इति अणगारज्झयणं णाम पंचतीसइमं अज्झयणं समत्तं // 35 // ___ अह जीवाजीवविभत्ती णामं छत्तीसइमं अज्झयणं जीवाजीवविभत्तिं मे, सुणेहेगमणा इओ / जं जाणिऊण भिवखू , सम्मं जयइ संजमे // 1 // जीवा चेव अजीवा य, एस लोए वियाहिए / अजीवदेसमागासे, अलोगे से वियाहिए // 2 // दव्वओ खेत्तओ चेव, कालओ भावओ तहा / परूवणा तेसिं भवे, जीवाणमजीवाण य // 3 // रूविणो चेवऽरूवी य, अजीया दुविहा भवे। अरूवी दसहा वुत्ता, रूविणो य चउव्विहा // 4 // धम्मत्थिकाए तद्देसे, तप्पए से य आहिए / अहम्मे तस्स देसे य, तप्पएसे य आहिए // 5 // आगासे तस्स देसे य, तप्पएसे य आहिए / अद्धासमए चेव, अरूवी दसहा भवे // 6 // धम्माधम्मे य दो चेव, लोगमित्ता वियाहिया / लोगालोगे य आगासे, समए समयखेतिए // 7 // धम्माधम्मागासा, तिण्णि वि एए अणाइया / अपजवसिया चेव, सव्वद्धं तु वियाहिया // 8 // समए वि संतई पप्प, एवमेव वियाहिए / आएसं पप्प साईए, सपजवसिए वि य // 9 // खंधा य खंधदेसा य, तप्पएसा तहेव य / परमाणुणो य बोधन्वा, रूविणो य चउव्विहा // 10 // एगत्तेण पुहत्तेण, खंधा य परमाणु य / लोगेगदेसे लोए य, भइयव्वा ते उ खेत्तओ // 11 // सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउव्विहं // 12 // संतई पप्प तेऽणाई, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 13 // असंखकालमुक्कोसं, एक्को समओ जहण्णयं / अजवाण य रूवीणं, ठिई एसा वियाहिया॥१४॥अणंतकालमुक्कोस, एक्को समओ जहण्णयं / अजीवाण य रूर्वणं, अंतरेयं वियाहियं // 15 // वण्णओ गंधओचेव,रसओ फासओ तहा। संठाणओ य विष्णेओ, Page #566 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1157 परिणामो तेसि पंचहा ॥१६॥वण्णओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया। किण्हा णीला य लोहिया, हलिद्दा सुक्किला तहा // 17 // गंधओ परिणया जे उ, दुविहा 'ते वियाहिया / सुन्निगंधपरिणामा, दुब्भिगंधा तहेव य // 18 // रसओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया।तित्तकडुयकसाया, अंबिला महुरा तहा॥१९॥ फासओ परिणया जे उ, अट्टहा ते पकित्तिया / कक्खडा मउया चेव, गस्या लहुया तहा // 20 // सीया उण्हा य णिद्धा य, तहा लुक्खा य आहिया / इय फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया // 21 // संठाणओ परिणया जे उ, पंचहा ते पवित्तिया / परिमंडला य वट्टा य, तंसा चउरंसमायया // 22 // वण्णओ जे भवे किण्हे, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संटाणओ वि य॥२३॥वण्णओ जे भवे णीले, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 24 // वण्णओ लोहिए जे उ, भहए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संटाणओ वि य // 25 // वण्णओ पीयए जे उ, भइंए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य॥२६॥वण्णओ सुक्किले जे उ, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 27 // गंधओ जे भवे सुलभी, भइए से उ वण्णओ / रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 28 // गंधओ जे भवे दुब्भी, भइए से उ वण्णओ / रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 29 // रसओ तित्तए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भहए संटाणओ वि य // 30 // रसओ कडुए जे र, भइए से उ वण्णओ / गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 31 // रसओ कसाए जे उ, भइए से उवण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 32 // रसओ अंबिले जे उ, भइए से उ वण्णओ / गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 33 // रसओ महुरए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य॥ 34 // फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 35 // फासओ मउए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 36 // फासओ गुरुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य॥३७॥ फासओ लहए जे उ, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 38 // फासओ सीयए जे उ, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य / / 39 // Page #567 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1158 अनंगपविट्ठसुत्ताणि फासओ उण्हए जे उ, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओं वि य॥४०॥ फासओ णिद्धए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य / / 41 // फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य // 42 // परिमंडलसंठाणे, भइए से उ. वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य // 43 // संठाणओ भवे वट्टे, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ||44|| संठाणओ भवे तंसे, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य // 45 // संठाणओ जे चउरंसो, भइए से उ वण्णओ / गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य // 46 // जे आययसंठाणे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य / / 47 // एसा अजीवविभत्ती, समासेण वियाहिया / इत्तो जीवविभत्ति, बुच्छामि अणुपुबसो // 48 // संसास्था य सिद्धा य, दुविहा जीवा वियाहिया / सिद्धा णेगविहा वुत्ता, तं मे कित्तयओ सुण // 49 // इत्थी-पुरिससिद्धा य, तहेव य णपुंसगा। सलिंगे अण्णलिंगे य, गिहिलिंगे तहेव य // 50 // उक्कोसोगाहणाए य, जहण्णमज्झिमाइ य / उट्टे अहे य तिरियं च, समुइंमि जलंमि य // 51 // दस यणपुंसएसु, वीसं इत्थियासु य। पुरिसेसु य अट्ठसयं, समएणेगेण सिज्झई // 52 // चत्तारि य गिहिलिंगे, अण्णलिंगे दसेव य / सलिंगेण अट्ठसयं, समएणेगेण सिज्झई // 53 // उक्कोसोगाहणाए य, सिझंते जुमवं दुवे / चत्तारि जहण्णाए, मज्झे भट्ठत्तरं सयं // 54 // चउरुङ्लोए य दुवे समुद्दे, तओ जले वीसमहे तहेव य / सयं च अट्टत्तरं तिरियलोए, समएणेगेण सिज्झई धुवं // 55 // कहिं पडिहया सिद्धा?, कहिं सिद्धा पइट्ठिया ? कहिं बोंदि चइत्ताणं ?, कत्थ गंतूण सिज्झई ? // 56 // अलोए पडिहया सिद्धा, लोयग्गे य पइट्ठिया / इहं बोंदि चइत्ताण, तत्थ गंतूण सिज्झई / / 57 / / बारसहिं जोयणेहिं, सव्वट्ठस्सुवरि भवे / ईसिपब्भारणामा उ, पुटवी छत्तसंठिया // 58 // पणयालसयसहस्सा, जोयणाणं तु आयया / तावइयं चेव वित्थिण्णा, तिगुणो साहियपरिरओ // 59 // अट्ठजोयणबाहल्ला, सा मज्झमि वियाहिया। परिहायंती चरिमंते, मच्छिपत्ताउ तणुयरी // 60 // अज्जुणसुवण्णगमई, सा पुढवी णिम्मला सहावेण / उत्ताणगच्छत्तगसंठिया य, भणिया जिणवरेहि // 61 // संखककुंदसंकासा, पंडुरा णिम्मला सुहा / सीयाए जोयणे तत्तो, लोयंतो उ वियाहिओ // 62 // जोयणस्स उ जो तत्थ, कोसो उवरिमो भवे / तस्स कोसम्स छन्माए, सिद्धाणोगाहणा भवे // 63 / / तत्थ सिद्धा महाभागा, लोगग्गंमि पई ट्ठिया / भव Page #568 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1159 पवंचओ मुक्का, सिद्धिं वरगई गया // 64 // उस्सेहो जस्स जो होइ, भवंमि चरिमंमि उ। तिभागहीणो तत्तो य, सिद्धाणोगाहणा भवे // 65 // एगत्तेण साईया, अपजबसिया वि य / पुहत्तेण अणाईया, अपजवसिया वि य / / 66 // अरूविणो जीवघणा, माणदंसणसण्णिया। अउलं सुहं संपत्ता, उवमा नस्स णस्थि उ // 6 // लोगेगदेसे ते सव्वे, णाणदंसणसण्णिया। संसारपारणिस्थिण्णा, सिद्धि घरगइं गया // 68 / संसारत्था उ जे जीवा, दुविहा ते वियाहिया। तसा य थावरा चेव, थावरा तिविहा तहिं / / 69 // पुढवी आउजीवा य, तहेव य वणस्सई / इच्चेए थावरा तिविहा, तेसिं भेए सुणेह मे // 70 // दुविहा पुढवीजीवा य, सुहमा बायरा तहा / पजत्तमपजत्ता, एवमेव दुहा पुणो / / 71 // बायरा जे उ पजत्ता, दुविहा, ते वियाहिया / सहा खरा य बोधवा, सहा सत्तविहा तहिं // 72 // किण्हा णीला य रुहिरा य, हालिद्दा सुक्किला तहा। पंडुपणगमट्टिया, खरा उत्तीसई विहा / / 73 // पुढवी य सक्करा वालुया य, उवले सिला य लोणूसे / अयतंबतउयसीसग-, रुप्पसुवण्णे य वइरे य // 74 // हरियाले हिंगुलुए, मगोसिला सासगंजणपवाले / अब्भपडलब्भवालुय, बायरकाए मणिविहाणे // 75 // गोमेजए य रुयगे, अंके फलिहे य लोहियक्खे य / मरगयमसारगल्ले, भुयमोयगइंदणीले य // 76 // चंदणगेरुयहंसगल्भे, पुलए सोगंधिए य बोधव्वे / चंदप्पहवेरुलिए, जलकंते सूरकंने य // 77 // एए खरपुढवीए, भेया छत्तीसमाहिया / एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया // 78 // सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा। इत्तो कालविभागं तु, वुच्छं तेसिं चउनिहं // 79 // संतई पप्पऽणाईया, अपज्वसिया वि य। ठिइं पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 80 // बावीससहस्साई, वासाणुक्कोसिया भवे / आउठिई पुढवीणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया / / 81 // असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहणिया। कायठिई पुढवीणं, तं कायं तु अमुंचओ // 82 / / अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / विजदंमि सए काए, पुढविजीवाण अंतरं // 83 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 84 // दुविहा आउर्ज वा उ, सुहमा बायरा तहा / पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणो ||85 // बायरा जे उ पजत्ता, पंचहा ते पकित्तिया / सुद्धोदए य उस्से य, हरतणू महिया हिमे // 86 // एगविहमणाणत्ता, सुहमा तत्थ वियाहिया / सुहमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा / / 87 // संतई पप्पडणाई या, अपज्जवसिया वि य / ठिइं पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 88 // सत्तेव सहस्साई, Page #569 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1160 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वासाणुक्कोसिया भवे / आउठिई आऊणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 89 // असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहत्तं जहणिया। कायठिई आऊणं, तं कायं तु अमुंचओ॥९०॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहत्तं जहण्णयं / विजढंमि सए काए, आऊजीवाण अंतरं . // 91 / / एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ .वावि, विहाणाई सहस्ससो // 92 // दुविहा वणस्सईजीवा, सुहुमा बायरा तहा / पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणो // 93 // बायरा जे उ पजत्ता, दुविहा ते वियाहिया / साहारणसरीरा य, पत्तेगा य तहेव य // 94 // पत्तेगसरीराओ,ऽणेगहा ते पकित्तिया / रुक्खा गुच्छा य गुम्मा य, लया वल्ली तणा तहा // 95 // वलया पव्वगा कुहुणा, जलरहा ओसही तहा / हरियकाया बोद्धव्वा, पत्तेगाइ वियाहिया // 96 // साहारणसरीराओ,ऽणेगहा ते पकित्तिया / आलुए मूलए चेव, सिंगबेरे तहेव य // 97|| हरिली सिरिली सस्सिरिली, जावई केयकंदली / पलंडुलसणकंदे य, कंदली य कुहुव्वए // 98 / / लोहिणी हूयथी हूय, कुहगा य तहेव य / कण्हें य वजकंदे य, कंदे सूरणए तहा // 99 // अस्सकण्णी य बोधया, सीहकण्णी तहेव य / मुसुंढी य हलिद्दा य,ऽणेगहा एवमायओ॥१००॥ एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया। सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा // 101 // संतई पप्पऽणाईया, अपजव. सिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 102 // दस चेव सहस्साई, वासाणुक्कोसिया भवे ।वणप्फईण आउं तु, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 10 // अणंतकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहणिया। कायठिई पणगाणं, तं कायं तु अमुंचओ // 104 // असंखकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / विजदंमि सए काए, पणगजीवाण अंतरं // 105 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संटाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 106 // इच्चेए थावरा तिविहा, समासेण वियाहिया। इत्तो उ तसे तिविहे, वुच्छामि अणुपुव्वसो // 107 // तेऊ वाऊ य बोधवा, उराला य तसा तहा। इच्चेए तसा तिविहा, तेसिं भेए सुणेह मे // 108 // दुविहा तेऊजीवा उ, सुहुमा बायरा तहा / पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणो // 109 // बायरा जे उ पजत्ता,ऽणेगहा ते वियाहिया। इंगाले मुम्मुरे अगणी, अच्चि. जाला तहेव य // 110 // उक्का विज्जू य बोधव्वा, ऽणेगहा एवमायओ। एराविहमणाणत्ता, सुहुमा ते वियाहिया // 111 // सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं बुच्छं चउन्विहं // 112 // संतई पप्पऽणा Page #570 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरायणसुत्तं अ. 36 1161 ईया, अपजवसिया वि य / ठिहं पडुच्च साईया, सपजबसिया वि य // 113 // तिण्णेव अहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया / आउठिई तेजणं, अंतोमुहत्तं जहणिया // 114 // असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहणिया / कायठिई तेऊणं, तं काय तु भमुंचओ // 115 // अणंतकालमुक्कोस, अंतोमुहत्तं जहण्णयं / विनटमि सए काए, तेऊजीवाण अंतरं // 116 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 117 // दुविहा वाउर्ज वा उ, सुहुमा बायरा तहा / पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणो // 118 // बायरा जे उ पत्ता, पंचहा ते पकित्तिया / उक्कलिया मंडलिया, घणगुंजा सुद्धवाया य // 119 // संवगवाया य, ऽणेगहा एवमायओ। एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया // 120 // सुहुमा सव्वलोगमि, लोगदेसे य बायरा / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं बुच्छं चउन्विहं // 121 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / टिइं पडुच साईया, सपजवसिया वि य // 122 // तिण्णेव सहस्साई, वासावकोसिया भवे / आउठिई वाऊणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 123 // असंखकालमुक्कोसा, अंतोमहत्तं नहणिया। कायठिई बाऊणं, तं कायं तु अमुंचओ // 124 // अणंतकालमुक्कोस, अंतोमुहत्तं नहण्णयं / विजढंमि सए काए, वाऊजीवाण अंतरं // 125 // एए सिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 126 // उराला तसा जे. उ, चउहा ते पकित्तिया। बेइंदिय तेइंदिय, चउरो पंचिंदिया तहा // 127 // बेइंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया। पजत्तमपजत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे // 128 // "किमिणो सोमंगला चेव, अलसा माइ. वाहया / वासीमुहा य सिप्पिया, संखा संखणगा तहा // 129 // परलोयाणुल्लया चेव, तहेव य वराडगा। जलूगा नालगा चेव, चंदणा य तहेव य // 130 // इइ बेइंदिया एए,ऽणेगहा एबमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, ण सव्वत्थ वियाहिया // 131 / / संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिइं पडुच्च साईया, सपजपसिया वि य॥ 132 / / वासाइं बारसा चेव, उक्कोसेण वियाहिया। बेइंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 133 // संखिजकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं नहणिया। बेइंदियंकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ // 134 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहत्तं जहण्णय / बेइंदियजीवाणं, अंतरं च वियाहियं // 135 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 136 // तेइंदिया Page #571 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 1162 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया / पजत्तमपजत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे // 137 // कुंथुपिवीलिउइंसा, उक्कलुद्देहिया तहा। तणहारकट्ठहारा य, मालगा पत्तहारगा // 138 // कप्पासद्धिमिजा य, तिदुगा तउसमिनगा। सदादरी य गुम्मी य, बोधब्बा इंदगाइया // 139 / / इंदगोवगमाईया, ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, ण सव्वत्थ वियाहिया // 140 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया सपजवसिया वि य // 141 // एंगूणपण्णहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया / तेइंदियआउठिई, अंतोमुहत्तं जहणिया // 142 // संखिजकालमुक्कोसा, अंतोमुहत्तं जहणिया / तेइंदियकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ // 143 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / तेइंदियजीवाणं, अंतरं तु वियाहियं // 144 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो॥ 145 // चउरिदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया। पजत्तमपजत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे // 146 // अंधिया पोत्तिया चेव, मच्छिया मसगा तहा / भमरे कीडपयंगे य, टिंकुणे कंकणे तहा // 147 // कुक्कडे सिंगिरीडी य, णंदावत्ते य विच्छुए / डोले भिंगिरीडी य, विरली अच्छिवेहए // 148 // अच्छिले माहए अच्छिरोडए, विचित्ते चित्तपत्तए / उहिंजलिया जलकारी य, णीयया तंवगाइया // 149 // इय चउरिंदिया एए, ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, ण सव्वत्थ वियाहिया // 150 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजव सिया वि य // 151 / / छच्चेव य मासाऊ, उक्कोसेण वियाहिया / चउरिंदियआउठिई, अंतोमुहत्तं जहणिया // 152 // संखिजकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहणिया। चउरिदियकायठिई, तं काय तु अमुंचओ // 153 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमहत्तं जहण्णयं / चउरिदियर्ज वाणं, अंतरं च वियाहियं // 154 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाइं सहस्ससो॥१५५॥पंचिंदिया उ जे जीवा, चउविहाते वियाहिया। णेरइया तिरिक्खा य, मणुया देवा य आहिया // 156 // णेरइया सत्तविहा, पुढवीसु सत्तसु भवे / रयणाभसक्कराभा, वालुयाभा य आहिया // 157 // पंकामा धूमाभा, तमा तमतमा तहा / इइ णेरइया एए, सत्तहा परि कित्तिया // 158|| लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे उ वियाहिया। एत्तो कालविभागं तु, वोच्छ तेसिं च उत्विहं / / 159 // संतई पप्पडणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजव सिया वि य पाढंतरं-१ लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे परिकित्तिया।२ विजढमि सए काए। Page #572 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1163 // 160 // सागरोवममेगं तु,उक्कोसेण वियाहिया। पढमाए जहण्णेण,दसवाससहस्सिया // 161 // तिण्णेव सागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया। दोच्चाए जहण्णेणं, एगं तु सागरोवमं // 162 // सत्तेव सागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया। तइयाए जहण्णेणं, तिण्णेव सागरोवमा // 163 / / दससागरोवमा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया। चउत्थीए जहण्णेणं सत्तेव सागरोवगा // 164 // सत्तरससागरा ऊ, उक्कोसेण क्यिाहिया। पंचमाए जह. पणेणं, दस चेव सागरोवमा॥१६५॥ बावीससागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया। छट्ठीए जहण्णेणं, सत्तरससागरोवमा // 166 // तेत्तीससागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया / सत्तमाए जहण्णेणं, बावीसं सागरोवमा // 167 // जा चेव य आउठिई, णेरइयाणं वियाहिया। सा तेसिं कायठिई, जहण्णुक्कोसिया भवे // 168 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / विजदंमि सए काए, रइयाणं तु अंतरं / / 169 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ.। संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 170 // पंचिंदियतिरिक्खाओ, दुविहा ते वियाहिया / समुच्छिमतिरिक्खाओ, गम्भवक्कंतिया तहा / / 171 // दुविहा ते भवे तिविहा, जलयरा थलयरा तहा / णहयरा य बोधव्वा, तेसिं भेए सुणेह मे // 172 // मच्छा य कच्छभा य, गाहा य मगरा तहा / सुसुमारा य बोधव्वा, पंचहा जलयराहिया // 173 / लोएगदेसे ते सव्वे, ण सव्वत्थ वियाहिया। इत्तो कालविभागं तु, वोच्छं तेसिं चउविहं // 174 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 175 / / एगा य पुव्वकोडी उ, उक्कोसेण वियाहिया / आउठिई जलयराणं, अंतोमुहुत्तं नहणिया // 176 / / पुदको डि पुहत्तं तु, उब कोसेण कियाहिया / कायठिई जलयराणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 177 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / विजदंमि सए काए, जलयराणं तु अंतरं // 188 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 179 // च उप्पया य परिसप्पा, दुविहा थलयरा भवे / चउप्पया चउविहा, ते मे कित्तयओ सुण // 180 // एगखुरा दुखुरा चेव, गंडीपयसणप्पया। हयमाई गोण. माई, गयमाईसीहमाइणो // 181 / / भुओरगपरिसप्पा य, परिसप्पा दुविहा भवे / गोहाई अहिमाई य, एक्केकाऽणेगहा भवे // 182 // लोएगदेसे ते सव्वे, ण सबस्थ वियाहिया / एत्तो कालविभागं तु, वोच्छं तेसिं चउव्विहं // 183 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिइं पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य // 184 // पलिओवमाइं तिण्णि उ, उक्कोसेण वियाहिया / आउठिई थलयराणं, Page #573 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1164 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अंतोमुहुत्तं जहणिया॥१८५॥ पुवकोडिपुहुत्तेणं, अंतोमुहुत्तं नहणिया। कायठिई थलयराणं, अंतरं तेसिमं भवे // 186 // अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं विजमि सए काए, थलयराणं तु अंतरं // 187 // एएसिं वण्णओं चेव, गंधओ. रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो॥ 188 // चम्मे उ लामपक्खी य, तझ्या समुग्गपक्खिया। विययपक्खी य बोधवा, पक्विणो य चउव्विहा // 189 // लोगेगदेसे ते सव्वे, ग सव्वत्थ वियाहिया / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वोच्छं चउन्विहं // 190 // संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुन साईया, सपजवसिया वि य // 191 // पलिओवमस्स भागो, असंखेजइमो भवे / आउठिई खहयराणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 192 // असंखभागो पलियस्स,उक्कोसेण उ साहिया। पुव्वकोडीपुहत्तेणं,अंतोमुहुत्तं जहणिया // 193 / / कायटिई खहयराणं, अंतरं तेसिमं भवे / अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं // 194 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो // 195 // मणुया दुविहमेया उ, ते मे कित्तयओ मुण / समुच्छिमा य मणुया, गब्भवक्कंतिया तहा // 196 // गब्भववतिया जे उ, तिविहा ते वियाहिया। कम्मअकम्मभूमा य, अंतरद्दीवया तहा // 197 // पण्णरसतीसइविहा, भेया अट्ठवीसई / संखा उ कमसो तेसि, इइ एसा वियाहिया // 198 / / समुच्छिमाण एसेव, भेओ होइ वियाहिओ / लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे वि वियाहिया // 199 // संतइं पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य / / 200 // पलिओवमाई तिणि वि, उवकोसेण वियाहिया / आउठिई मणुयाणं, अंतोमुहुत्तं नहणिया // 201 / पलिओवमाई तिणि उ, उक्कोसेण वियाहिया / पुवकोडिपुहत्तेणं, अंतोमुहुत्तं जहणिया // 202 / / कायठिई मणुयाणं, अंतरं तेसिमं भवे / भणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहत्तं जहण्णयं // 203 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ / संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो॥ 204 // देवा चउव्विहा वुत्ता, ते मे कित्तयओ सुण / भोमिज वाणमंतर, जोइस वेमाणिया तहा // 205 // दसहा उ भवणवासी, अट्टहा बणचारिणो / पंचविहा जोइसिया, दुविहा वेमाणिया तहा // 206 // असुरा णागसुवण्णा, विज्जू अग्गी वियाहिया। दीवोदहि दिसा घाया, पणिया भवणवासियो / / 207 // पिसायभूया जक्खा य, रक्खसा किण्णरा किंपुरिसा / महोरगा य मंधव्वा, Page #574 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1165 अट्ठविहा वाणमंतरा // 208 // चंदा सूरा य गक्खत्ता, गहा तारागणा तहा। दिसा विचारिणो चेव, पंचहा बोइसालया // 209 // वेमाणिया उजे देवा, दुविहा ते वियाहिया। कप्पोवगा य बोधव्वा, कप्पाईया तहेव य // 210 // कप्पोवगा बारसहा, सोहम्मीसाणगा. तहा / सणंकुमारमाहिंदा, बंभलोगा य लंतगा // 211 // महासुक्का सहस्सारा, आणया पाणया तहा। आरणा अच्चुया चेव, इइ कप्पोबगा सुरा // 212 // कप्पाईया उजे देवा, दुविहा ते वियाहिया / गेविजाणुत्तरा चेव, गेविजा णवविहा तहिं / / 213 // हेडिमाहेट्ठिमा चेव, हेट्ठिमामज्झिमा तहा / हेट्ठिमाउवरिमा चेव, मज्झिमाहेट्ठिमा तहा // 214 // मज्झिमामज्यिमा चेव, मज्झिमाउवरिमा तहा / उवरिमाहेडिमा चेव, उवरिमामज्झिमा तहा / / 215 // उपरिमाउबरिमा चेव, इय गेविजगा सुरा / विजया वेजयंता य, नयंता अपराजिया // 216 // सव्वत्थसिद्धगा चेव, पंचहाणुत्तरा सुरा / इय वेमाणिया एए, ऽगेगदा एवमायओ // 217 // लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे वि वियाहिया / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउम्बिई // 218 / / संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य / / 219 // साहियं सागरं एक्कं, उक्कोसेण ठिई भवे। भोमेजाणं जहण्णेणं, दसवाससहस्सिया // 220 // [पलिओवम दो अगा, उक्कोसेण वियाहिया / असु(रे)रिंदवज्जेताण, नहण्णा दससहस्सगा॥] पलिओवममेगं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / वंतराणं बहण्णेणं, दसवाससहस्सिया // 221 // पलिओवममेगं तु, वासलब खेण साहियं / पलिओवमट्ठभागो, नोइसेसु जहणिया.॥२२२॥ दो चेव सागराइं, उनकोसेण वियाहिया। सोहम्मम्मि जहण्णेणं, एगं च पलिओवमं // 223 / / सागरा साहिया दुण्णि, उक्कोसेण वियाहिया / ईसाणम्मि जहण्णेणं, साहियं पलिओवमं // 224 // सागराणि य सत्तेव, उक्कोसेण ठिई भवे / सणंकुमारे जहण्णेणं, दुण्णि ऊ सागरोवमा // 225 // साहिया सागरा सत्त, उक्कोसेण टिई भवे / माहिदम्मि जहण्णेणं, साहिया दुण्णि सागरा // 226 // दस चेव सागराई, उक्कोसेण टिई भवे / बंगलोए जहण्णेणं, सत्त ऊ सागरोवमा // 227 // चउद्दस सागराइं, उक्कोसेण टिई भवे / लंतगम्मि जहण्णेणं, दस उ सागरोवमा // 228 // सत्तरस सागराइं, उवकोसेण टिई भवे / महासुक्के नहण्णेणं, चोद्दस सागरोवमा / / 229 // अट्ठारस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / सहस्सारम्मि जहण्णेणं, सत्तरस सागरोवमा // 230 / / सागरा Page #575 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1166 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अउणवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / आणयम्मि जहण्णेणं, अट्ठारस सागरोवमा // 231 // वीसं तु सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / पाणयम्मि जहण्णेणं सागरा अउणवीसई // 232 // सागरा इक्कवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / आरंणम्मि जहपणेणं, वीसई सागरोवमा // 233 // बावीसं सागराइं, उवकोसेण टिई भवे / अच्चु. यम्मि जहण्णेणं, सागरा इकवीसई // 234 // तेवीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / पढमंमि जहण्णेणं, बावीसं सागरोवमा // 235 // चउवीस सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे / बिइयंमि जहण्णेणं, तेवीसं सागरोवमा // 236 // पणवीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / तइयंमि जहण्णेणं, चउवीसं सागरोवमा // 237 // छव्वीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / चउत्थंमि जहण्णेणं, सागरा पणुवीसई // 238 // सागरा सत्तवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / पंचमंमि जहण्णेणे, सागरा उ छवीसई // 239 // सागरा अट्ठवीसं तु,उक्कोसेण ठिई भवे। छटुंमि जहण्णेणं, सागरा सत्तवीसई // 240 // सागरा अउणतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / सत्तमंमि जहण्णेणं, सागरा अट्ठवीसई // 241 // तीसं तु सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे। अट्ठमंमि जहण्णेण, सागरा अउणतीसई // 242 // सागरा इक्कतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / णवमंमि जहण्णेणं, तीसई सागरोवमा // 243 // तेत्तीसा सागराई, उनकोसेण टिई भवे / चउसु पि विजयाईसु, जहण्णेणेकतीसई // 244 / / अजहण्णमणुक्कोसा, तेत्तीसं सागरोक्मा। महाविमाणे सव्वटे, ठिई एसा वियाहिया // 245 // जा चेव उ आउठिई, देवाणं तु वियाहिया / सा तेसिं कायठिई, जहाणमुक्कोसिया भवे // 246 // अणंतकालमुक्कोस, अंतोमुहुत्तं जहण्णयं / विजदंमि सए काए, देवाणं हुज अंतरं // 247|| अणंतकालमुक्कोसं, वासपुहुत्तं जहण्णयं / आणयाईण कप्पाणं, गेविजाणं तु अंतरं // 248 // संखिजसागरुक्कोस, वासपुहृत्तं जहणणयं / अणुत्तराणं देवाणं, अंतरेयं वियाहियं // 249 // एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। मंठाणादेसओ वावि, विहाणाइं सहस्ससो // 250 // संसारत्था य सिद्धा य, इय जीवा वियाहिया। रूविणो चेवरूवी य, अजीवा दुविहा वि य // 251 // इय जीवमजीवे य, सोचा सद्दहिऊण य / सव्वणयाणमणुमए, रमेज संजमे मुणी // 252 / / तओ बहूणि वासाणि, सामण्णमणुपालिया। इमेण कमजोगेण, अप्पाणं संलिहे मुणी // 253 // बारसेव उवासाई, सलेहुक्कोसिया भवे। संवच्छर मज्झिमिया, छम्मासा य जहणिया // 254 // पदमे वासचउक्कंमि, विगईणिज्जूहणं करे। बिइए वासचउक्कमि, विवित्तं Page #576 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1167 नु तव चरे // 255 // एगंतरमायाम, कट्ट संवच्छरे दुवे। तओ संवच्छरद्धं तु, गाइविगिटुं तवं चरे // 256 // तओ संवच्छरद्धं तु, विगिटुं तु तवं चरे / परिमिय चेव आयामं, तंमि संवच्छरे करे // 257 // कोडीसहियमायाम, कट्ट संवच्छरे मुणी / मासद्धमासिएण तु, आहारेण तवं चरे // 258 // कंदप्पमामिओगं च, किदिवसियं मोहमासुरतं च / एयाउ दुग्गईओ, मरणमि विराहिया होति // 259 // मिच्छादसणरत्ता, सणियाणा उ हिंसगा / इय जे मरंति जीवा, तेसिं पुण दुल्लहा बोहो // 260 / / सम्मइंसमरत्ता, अणियाणा सुक्क लेसमोगाढा / इय जे मरंति जीवा, तेसिं सुलहा भवे बोही // 261 // मिच्छादसणरत्ता, सणियाणा कण्हलेसमोगाढा / इय जे मरंति जीवा, तेसिं पुण दुल्लहा बोही // 262 // जिणवयणे अणुरत्ता, जिण. वयणं जे करेंति भावेण / अमला असंकिलिट्ठा, ते होंति परित्तसंसारी // 263 / / बालमरणाणि बहुसो, भकाममरणाणि चेव य बहूणि / मरिहंति ते वराया, जिण. वयणं जे ण जाणंति // 264 // बहुआगमविण्णाणा, समाहि उप्पायगा य गुणगाही। एएणं कारणेणं, अरिहा आलोयणं सोउं // 265 // कंदप्पकुक्कुयाई, तह सीलसहा. चहासविगहाई / विम्हावेतो य परं, कंदप्पं भावणं कुणइ // 266 / / मंताजोगं काउं, भूईकम्मं च जे पउंजंति / सायरसइडिहेडे, अमिओगं भावणं कुणइ // 267 // माणस्स केवलीणं, धम्मायरियस्स संघसाहूणं / माई अवण्णवाई, किष्विसियं भावणं कुणइ // 268 // अणुबद्धरोसपसरो, तह य णिमित्तमि होइ पडिसेवी / एएहिं कार हिं, आसुरिय भावणं कुणइ // 269 // सत्थगहणं विसभक्खणं च, जलणं च जलपवेसो य / अणायारभंडसेवी, जम्मणमरणाणि बंधति // 270 // इइ पाउकरे बुद्धे गायए परिणिबुए। छत्तीसं उत्तरज्झाए, भवसिद्धीयसं[बुडे]मए / / 271 // त्ति-बेमि // इति जीवाजीवविभत्ती णामं छत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 36 // // उत्तरज्झयणसुत्तं समत्तं // Page #577 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #578 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं जयइ जगजीवजोणी-,वियाणओ जगगुरू जगाणंदो। जगणाहो जगबंधू, जयइ जगप्पियामहो भयवं // 1 // जयइ सुआणं पभवो, तित्थयराणं अपच्छिमो जयइ / जय गुरू लोगाणं, नयइ महप्पा महावीरो // 2 // भदं सव्वजगुज्जोयगस्स, भदं जिणस्स वीरस्स / भदं सुरासुरणमंसियस्स, भदं धुयरयस्स // 3 // गुणभवणगहण सुयरयणभरिय, दंसणविसुद्धरत्थागा / संघणगर ! भदं ते, अखंडचारित्तपागारा // 4 // संजमतवतुंबारयस्स, णमो सम्मत्तपारियल्लस्स। अप्पडिचक्करस जओ, होउ सया संघचक्कस्स // 5 // भई सीलपडागूसियस्स, तवणियमतुरयजत्तम / संघरहग्स भगवओ, सज्झायसुणंदिघोसस्स // 6 // कम्मरयजलोह विणिन्गयरस, सुय रयणदीहगालस्स | पंचमहन्वयथिरकण्णियस्स, गुणकेसरालस्स // 7 // सागजणम भरिपरिवुडस्स, जिणसूरतेयबुद्धम्स / संघपउमस्स भई, समणगणसहरसपत्तरस // 8 // तवसंजममयलंडण !, अकिरियराहमुहदुद्धरिस ! णिच्चं / जय संघचंद ! णिम्मल-, सम्मत्तविसुद्धजोण्हागा ! // 9 // परतित्थियगह पहणासगरस, तवतेय दिसलेसम्स / णाणुज्जोयस्स जए, भदं. दमसंघसूरस्स // 10 // भई धिइवेलापरिग्यस्स, सज्झायजोगमगरस्स / अक्खोहस्स भगवओ, संघसमुदस्स रुंदस्स // 11 // सम्मइंसणवरवहरदढरूढगाढावगाढपेढस्स / धम्मवररयणमंडियचामीयरमेहलागस्स // 12 // णियमूसियकणयसिलायलुजलजलंतचित्तकूडस्स / णंदणवणमणहरसुरभिसीलगंधुद्धमायस्स // 13 // जीवदयासुंदरकंदरुद्दरियमुणिवरमइंदइण्णम्स / हेउसयधाउपगलंत. रयणदित्तोसहिगुहस्स // 14 // संवरवरजलपगलियउज्झरपविरायमाणहारस्स / सावगजणपउरवंतमोरणच्चंतकुहरस्स // 15 // विणयणयपवरमुणिवरपुरंतविस्जूजइंतसिहरस्स / विविहगुणकापरुक्खगफलभरबुसुमाउलवणस्स // 16 // जाणवररयणदिप्पंत-कंतवेरुलियविमलचूलस्स / वंदामि विणयपणओ, संघमहामंदरगिरिस्स // 17 // [गुणरयणुजलकंडयं, सीलसुगंधितवमंडिउद्देसं / सुयबारसंगसिहरं, संघ. महामंदरे वंदे // 18 ॥णगररहचक्कपउमे, चंदे सूरे समुद्दमेसम्मि / जो उवमिजइ सययं, तं संघगुणायरं वंदे // 19 // ] [वंदे] उसभं अजियं संभव-मामिणंदणसुमइ. सुप्पभसुपासं / ससिपुप्फदंतसीयल-, सिज्जंसं वासुपुज्जं च // 20 // विमलमणंत य Page #579 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1170 अनंगपविट्ठसुत्ताणि धम्म, संति कुंथं अरं च मल्लिं च / मुणिसुव्वयणमिणेमि, पासं तह बद्धमाणं च // 21 // पढमित्थ इंदभूई, बीए पुण होइ अग्गिभूइत्ति / तइए य वाउभूई, तओ वियत्ते सुहम्मे य // 22 // मंडियमोरियपुत्ते, अकंपिए चेव अयलभाया य / मेयज्जे य पहासे [य], गणहरा हुंति वीरस्स // 23 // णिबुइपहसासणयं, जयइ सया सव्वभावदेसणयं / कुसमयमयणासणयं, जिणिंदवरवीरसासणयं // 24 // सुहम्मं . अगिगवेसाणं, जंबूणामं च कासवं / पभवं कच्चायणं वंदे, वच्छं सिज्जंभवं तहा // 25 // जसभई तुंगियं वंदे, संभूयं चेव माढरं / भद्दबाहुं च पाइण्णं, थूलभदं च गोयमं // 26 // एलावच्चसगोत्तं, वंदामि महागिरि सुहत्थिं च / तत्तो कोसियगोत्तं, बहुलस्स सरिव्वयं वंदे // 27 // हारियगुत्तं साइं, च वंदिमो हारियं च सामज्जं / वंदे को सियगोतं, संडिल्लं अजजीयधरं // 28 // तिसमुद्दखायकित्तिं, दीवसमुद्देसु गहियपेयालं / वंदे अजसमुदं, अक्खुभियसमुद्दगंभीरं // 29 // भणगं करगं झरगं, पभावगं णाणदंसणगुणाणं / वंदामि अजमंगु, सुयसागस्पारगं धीरं // 30 // [वंदामि अजधम्म, तत्तो वंदे य भद्दगुत्तं च / तत्तो य अजवइरं, तवणियमगुणेहि बइरसमं // 31 // वंदामि अजरक्खिय-, खमणे रक्खियचरित्तसव्वस्से / रयणकरंडगभूओ, अणुओगो रक्खिओ जेहिं // 32 // ] गाणम्मि दंसणम्मि य, तवविणए णिचकालमुज्जुत्तं / अज्जं णंदिलखमणं, सिरसा वंदे पसण्णमणं // 33 // वड्डउ वायगवंसो, जसवंसो अजणागहत्थीणं / वागरणकरणभंगिय-, कम्मप्पयडीपहाणाणं // 34 // जच्चजणधाउसमप्पहाण, मुद्दियकुवलयणिहाणं / वउ वायगवसो, रेवइ. णक्खत्तणामाणं // 35 // अयलपुरा णिक्खंते, कालियसुयआणुओगिए धीरे / बंभद्दीवगीहे, वायगपयमुत्तमं पत्ते // 36 // जेसि इमो अणुओगो, पयरइ अजावि अड्डभरहम्मि। बहुणयरणिग्गयजसे, ते वंदे खंदिलायरिए // 37 // तत्तो हिमवंतमहंतविक्कमे, धिइपरक्कममणंते / सज्झायमणंतधरे, हिमवंते वंदिमो सिरसा // 38 // कालियसुयअणुओगस्स धारए, धारए य पुव्वाणं / हिमवंतखमासमणे, वंदे णागज्जुणायरिए // 39 // मिउमद्दवसंपण्णे, आणुपुविवायगत्तणं पत्ते / ओहसुयसमायारे, णागज्जुणवायए वंदे // 40 // [गोविंदाणंपि णमो, अणुओगे विउलधारिणिंदाणं / णिच्चं खंतिदयाणं, परूवणे दुलभिंदाणं // 41 // तत्तो य भूयदिण्णं, णिच्चं तवसंजमे अणिविण्णं / पंडियजणसामण्णं, वंदामो संजमविहिण्णु ॥४२॥]वरकणगतवियचंपग-,विमउलवरकमलगब्भसरिवण्णे / भवियजणहिययदइए, दयागुणविसारए धीरे // 43 // अड्डभरहप्पहाणे, बहुविहसज्झायसुमुणियपहाणे / अणु Page #580 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-णाणविहाणं 1171 ओगियवरवसभे, 'णाइलकुलवंसणं दिकरे // 44 / भूयहियअप्पगम्भे, वंदेऽहं भूय. दिण्णमायरिए / भवभयत्रुच्छेयकरे, सीसे णागज्जुणरिसीणं // 45 // सुमुणियणिच्चाणिच्चं, सुमुणियसुत्तत्थधारयं वंदे / सब्भावुभावणया-,तत्थं लोहिचणामाणं // 46 // अस्थमहत्थक्खाणिं, सुसमणवक्खाणकहणणिव्वाणि / पयईए महुरवाणिं, पयओ पणमामि दूसगणिं // 47 // [तवणियमसच्चसंजम-,विणयजवखं तिमद्दवरयाणं / सीलगुणगद्दियाणं, अणुओगजुगप्पहाणाणं // 48 // ] सुकुमालकोमलतले, तेसिं पणमामि लक्खणपसत्थे / पाए पावयणीणं, पडिच्छयसएहिं पणिवइए // 49 / / जे अण्णे भगवंते, कालियसुयआणुओगिए धीरे / ते पणमिऊण सिरसा, णाणस्स परूवणं वोच्छं // 50 // सेलघण.१ कुडग 2 चालणि 3, परिपूणग 4 हंस 5 महिस 6 मेसे 7 य। मसग 8 जलूग 9 विराली 10, जाहग 11 गो 12 भेरी 13 आभीरी 14 // 51 // सा समासओ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-जाणिया, अजाणिया, दुवियड्ढा / नाणिया जहा-खीरमिव जहा हंसा, जे घुटुंति इह गुरुगुणसमिद्धा / दोसे य विवज्जंति, तं जाणसु जाणियं परिसं // 52 / / अजाणिया जहा-जा होइ पगइमहुरा, मियछावयसीहकुक्कुडयभूया / रंयणमिव असंटविया, अजाणिया सा भवे परिसा // 53 / / दुव्वियड्डा जहाण य कत्थइ णिम्माओ, ण य पुच्छइ परिभवस्स दोसेणं / वत्थिव्व वायपुण्णो, फुट्टइ गामिल्लय(दुव्वि)वियट्टो / / 54 / / णाणं पंचविहं पण्णत्तं, तंजहा-आमिणिबोहियणाणं, सुयणाणं, ओहिणाणं, मणपजवणाणं, केवलणाणं // 1 // तं समासओ दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-पच्चक्खं च परोक्खं च // 2 // से किं तं पञ्चक्खं ? पच्चक्खं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-इंदियपच्चक्खं णोइंदियपच्चक्खं च // 3 // से किं तं इंदियपच्चक्खं ? इंदियपंचक्खं पंचविहं पण्णत्तं, तंजहा-सोइंदियपच्चवखं चक्खिदियपञ्चक्खं घाणिदियपच्चरखं जिभिदियपच्चखं फासिंदियपच्चक्खं, से तं इंदियपच्चक्खं // 4 // से किं तं णोइंदियपच्चक्खं ? णोइंदियपच्चक्खं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-ओहिणाणपञ्चक्खं मणपजवणाणपञ्चक्खं केवलणाणपञ्चक्खं // 5 // से किं तं ओहिणाणपच्चक्खं ? ओहिणाणपच्चक्ख दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-भवपच्चइयं च खाओव. समियं च // 6 // से किं तं भवपच्चइयं 1 भवपच्चइयं दुण्हं, तंजहा-देवाण य णेरइयाण य // 7 // से किं तं ख़ाओवसमियं ? खाओवसमियं दुण्हं, तंजहा-मणूसाण य पंचें. दियतिरिक्खजोणियाण य / को हेऊ खाओवसमियं ? खाओवसमियं तयावरणिजाणं कम्माणं उदिण्णाणं खएणं अणुदिण्णाणं उवसमेणं ओहिणाणं समुप्पजइ // 8 // अहवा गुणपडिवण्णस्स अणगारस्स ओहिणाणं समुप्पजइ, तं समासओ छविहं Page #581 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1172 ___अनंगपविद्वसुत्ताणि पण्णत्तं, तंजहा-आणुगामियं 1, अणाणुगामियं 2, वड्माणयं 3, हीयमाणयं 4, पडिवाइयं 5, अपडिवाइयं 6 // 9 // से किं तं आणुगामियं ओहिणाणं ? आणुगामियं ओहिणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-अंतगयं च मझगयं च / से किं तं. अंतगयं? अंतगयं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-पुरओ अंतगयं, मग्गओ अंतगयं, पासओ अंतगयं / से किं तं पुरओ अंतगयं ? पुरओ अंतगयं-से जहाणामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोइं वा पुरओ काउं पणुल्लेमाणे 2 गच्छेजा, से तं पुरओ अंतगयं / से किं तं मग्गओ अंतगयं ? मग्गओ अंतगयंसे जहाणामए केह पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोइं वा मग्गओ काउं अणुकड्देमाणे 2 गच्छिजा, से तं मग्गओ अंतगयं / से किं तं पामओ अंतगयं ? पासओ अंतगयं-से जहाणामए केइ पुरिसे उक्कं वाचडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोइं वा पासओ काउं परिकदृमाणे 2 गच्छिजा, से तं पासओ अंतगयं; से तं अंतगयं। से किं तं मझगयं ? मज्झगयं-से जहाणामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोइं वा मत्थए काउं समुव्वहमाणे 2 गच्छिज्जा, से तं मज्झगयं / अंतगयस्स मज्झगयस्स य को पइ. विसेसो ? पुरओ अंतगएणं ओहिणाणेणं पुरओ चेव संखिजाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ / मग्गओ अंतगएणं ओहिणाणेणं मग्गओ चेव संखिज्जाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ / पासओ अंतगएणं ओहिणाणेणं पासओ चेव संखिजाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाइं जाणइ पासइ / मज्झगएणं ओहिणाणेणं सव्वओ समंता संखिजाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ / से तं आणुगामियं ओहिणाणं ॥१०॥से किं तं अणाणुगामियं ओहिणाणं 1 अणाणुगामियं ओहिणाणं से जहाणामए केइ पुरिसे एगं महंतं जोइट्ठाणं काउं तस्सेव जोइट्ठाणस्स परिपेरंतेहिं परिपेरंतेहिं परिघोलेमाणे परिघोलेमाणे तमेव जोइट्ठाणं पासइ अण्णत्थ गए [ण जाणइ ण पासइ, एवामेव अणाणुगामियं ओहिणाणं जत्थेव समुप्पजइ तत्थेव संखेजाणि वा असंखेजाणि वा संबद्धाणि वा असंबद्धाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ; अण्णत्थ गए ण पासह / सेत्तं अणाणुगामियं ओहिणाणं // 11 // से किं तं वड्ड. माणयं ओहिणाणं ? वड्डमाणयं ओहिणाणं पसत्थेसु भज्झवसायट्ठाणेसु वट्टमाणम्स वड्डमाणचरित्तस्स विसुज्झमाणस्स विसुज्झमाणचरित्तस्स सव्वओ समंता अंही वड्डइ. जावइया तिसमयाहारगस्स, सुहुमस्स पणगर्ज वस्स। ओगाहणा जहण्णा, ओहीखित्तं Page #582 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-ओहिणाणं 1173 जहण्णं तु // 55 // सबबहुअगणिजीवा, णिरंतरं जत्तियं भरिन्जंसु / खित्तं सव्वादिसागं, परमोही खेत्तणिदिहो // 56 // अंगुलमावलियाणं, भागमसंखिज दोसु संखिजा / अंगुलमावलियंतो, आवलिया अंगुलपुहुत्तं // 57 // हत्थम्मि मुहुत्तंतो, दिवसंतो गाउयम्मि बोद्धव्वो / जोयणदिवसपुहत्त, पक्खंतो पण्णवीसाओ / / 58 // भरहम्मि भद्धमासो, जम्बूद्दीवम्मि साहिओ मासो / वासं च मणुयलोए, वासपुहुत्तं च रुयगम्मि / / 59 // संखिजम्मि उ काले, दीवसमुद्दावि हुंति संखिजा / कालम्मि असंखिज्जे, दीवसमुद्दा उ भइयव्वा // 60 // काले चउण्ह बुद्दी, कालो भइयवु खित्तवुडीए / बुड्डिए दव्वपजव, भइयवा खित्तकाला उ // 61 / / सुहुमो य होइ कालो, तत्तो सुहुमयरं हवा खितं / अंगुलसेढीमित्ते, ओसप्पिणिओ असंखिजा // 62 // सेत्तं वडमाणयं ओहिणाणं // 12 // से किं तं हीयमाणयं ओहिणाणं ? हीयमाणयं ओहिणाणं अप्पसत्येहिं अज्झवसायट्ठाणेहिं वट्टमाणस्स बट्टमाणचरित्तस्स संकिलिस्समाणस्स संकिलिस्समाणचरित्तस्स सव्वओ समंता ओही परिहायइ / सेत्तं हीयमाणयं ओहिणाणं // 13 // से किं तं पडिवाइओहिणाणं 1 पडिवाइओहिणाणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखिजयभागं वा संखिजयभागं वा, वालग्गं वा वालग्ग हुत्तं वा, लिक्खं षा लिक्खपुहुत्तं वा, जूयं वा जूयपुहुत्तं वा, जवं वा अवपुहुत्तं वा, अंगुलं वा अंगुलपुहुत्तं वा, पायं वा पायपुहुत्तं वा, विहत्थिं वा विहत्थिपुहुत्तं बा, रयणि वा रयणिपुहुत्तं वा, कुच्छेि वा कुच्छिपुहुत्तं वा, धणुं वा धणुपुहुत्तं वा, गाउयं वा गाउयपुहुत्तं वा, जोयणं वा जोयणपुहुत्तं वा, जोयणसयं वा जोयणसयपुहुत्तं वा, जोयणसहस्सं वा जोयणसहस्सपुहुत्तं वा, जोयणलवखं वा जोयणलवखपुहुत्तं वा, [जोयणकोडिं वा जोयणकोडिपुहुत्तं वा, जोयणकोडाकोडिं वा जोयणकोडाकोडिपुहुत्तं वा, जोयणसंखिज्नं वा जोयणसंखिजपुहुत्तं वा, जोयणअसंखेज्ज वा जोयणभसंखेजपुहुत्तं वा] उक्कोसेण लोगंवा पासित्ताणं पडिवइजा / सेत्तं पडिवाइओहिणाणं // 14 // से किं तं अपडिबाइओहिणाणं ? अपडिवाइओहिणाणं जेणं अलोगस्स एगमवि आगासपएसं नाणइ पासइ, तेण परं अपडिवाइओहिणाणं / सेत्तं अपडिवाइओहिणाणं . // .15 // तं समासओ चउन्विहं पण्णत्तं, तंजहा-दत्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दवओ णं ओहिणाणी जहण्णेणं अणंताई रूविदव्वाइं जाणइ पासइ, उक्कोसेणं सव्वाइं रूविदव्वाइं जाणइ पासइ। वित्तओ णं ओहिणाणी जहण्णेणं अंगु. लस्स असंखिजहभागं जाणइ पासइ, उक्कोसेणं असंखिजाई अलोगे लोगप्पमाणमित्ताई Page #583 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1174 अनंगपविट्ठसुत्ताणि खंडाई जाणइ पासइ / कालओ णंओहिणाणी जहण्णेणं आवलियाए असंखिजइभाग जाणइ पासइ, उक्कोसेणं असंखिजाओ उस्सप्पिणीओ अवसप्पिणीओ अईयम गागयं च कालं जाणइ पासइ / भावओ णं ओहिणाणी जहण्णेणं अणंते भावे जाणइ पासइ.. उक्कोसेणवि अणंते भावे जाणइ पासइ / सव्वभावाणमणंतभागं जाणइ पासइ // 16 // ओही भवपच्चइओ, गुणपच्चइओ य वण्णिओ दुविहो / तस्स य बहू विगप्पा, दवे खित्ते य काले य // 63 // णेरइयदेवतित्थंकरा य, ओहिस्सऽबाहिरा हुंति / पासंति सव्वओ खलु, सेसा देसेण पासंति // 64 // सेत्तं ओहिणाणपचक्खं // से कि तं मणपजवणाणं ? मणपजवणाणे णं भंते ! किं मणुस्साणं उप्पजइ अमगुस्साणं ? गोयमा ! मणुस्साणं णो अमणुस्साणं / जइ मणुस्साणं किं समुच्छिममणुम्साणं गभवतियमणुस्साणं ? गोयमा ! णो समुच्छिममणुस्साणं उपजइ गम्भवक्कंतियमगुस्साणं / जइ गन्भवक्कंतियमणुस्साणं, किं कम्मभूमियगन्भवक्कंतियमणुस्साणं, अकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं,अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा! कम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं, णो अकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं, णो अंतरदीवगगम्भवक्कंतियमणुस्साणं / जइ कम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, किं संखिजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, असंखिजवासाउयकम्मभृमिय. गब्भवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! संखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं, णो असंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं / जइ संखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं, किं पजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्क्रतियमणुस्साणं, अपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! पजत्तगखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, जो अपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं / जइ पजत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं,किं सम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, मिच्छद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साणं,सम्मामिच्छद्दिछिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवतियमणस्साणं ? गोयमा ! सम्मद्दिट्ठिपजत्तगसखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भववकंतियमणुस्साणं, णो मिच्छदिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भववतियमणुस्साणं, मो सम्मामिच्छद्दिटिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कं तियमणुस्साणं,जइ सम्मदिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमि यगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, कि संजयसम्म द्दिट्टि Page #584 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-मणपज्जवणाणं 1175 पजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भववतियमणुस्साणं, असंजयसम्मद्दिटिपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भववतियमणुस्साणं,संजयासंजयसम्मद्दिष्टिपत्तगसखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साएं ? गो० ! संजयसम्मद्दिट्टिपजत्तग खेजवासाउयकम्मभूमि यगम्भवक्कतियमणुस्साणं, णो असंजयसम्मद्दिट्ठिपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगन्भवक्कंतियमणुस्साणं, णो संजयासंजयसम्मद्दिट्ठिपज. तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं / जइ संजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगन्भवक्कंतियमणुस्साणं,किं पमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवांसाउयकम्मभूमियगब्भववतियमणुस्साणं अपमत्तसंजयसग्मद्दिटिपजत्तगसंखेजबासाउयकम्मभूमियगन्भववतियमणुस्साणं 1 गो० ! अपमत्तसंजयसम्मद्दिट्टिपजत्तगसंखेजवासाठयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, णो पमत्तसंजयसम्मद्दिट्टि पजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं / मइ अपमत्तसंजयसम्म द्दिटिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगम्भवक्कंतियमणुस्साण, किं इट्टीपत्तअपमत्त. संजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भववकंतियमणुस्साणं, अणिट्टीपत्तअपमत्त संजयसम्मद्दिटिपजत्तग संखेजवासाउयकम्मभूमिय-गब्भववतियमणुस्साणंगो०! इड्डीपत्तअपमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भ. वक्कंतियमणुस्साणं, णो अणिड्डीपत्तअपमत्तसंजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं मणपजवणाणं समुप्पजइ।१७। तं च दुविहं उप्पजइ, तंजहा-उज्जुमई य विउलमई य, तं समासओ चउविहं पण्णत्तं, तं०-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ / तत्थ दव्वओ गं उज्जुमई अणंते अणंतपए सिए खंधे नाणइ पासइ, ते चेब विउलमई अन्भहियतराए विउलतराए विसुद्धतराए वितिमिरतराए जाणइ पासइ / खित्तओ णं उज्जुमई य नहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजयभाग, उक्कोसेणं अहे जाव इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेट्ठिल्ले खुड्डगपयरे, उढे जाव जोइसस्स उवरिमतले, तिरियं जाव अंतोमणुस्सखित्ते अड्डाइज्जेसु दीवसमुद्देसु पण्णरससु कम्मभूमिसु तीसाए अकम्मभूमिसु छप्पण्णाए अंतरर्द वगेसु सण्णि. पंचेंदियाणं पजत्तयाणं मणोगए भावे जाणइ पासइ, तं चेव विउलमई अड्डाइज्जेहि. मंगुलेहिं अब्भहियतरं विउलतरं विसुद्धतरं वितिमिरतरागं खेत्तं जाणइ पासइ / कालओ णं उज्जुमई जहण्णेणं पलिओवमस्स असंखिजयभागं उवकोसेणवि पलिओवमस्स असं. खिजयभागं अईयमणाग्यं वा कालं जाणइ पासइ, तं चैव विउलमई अब्भहियतरागं Page #585 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1176 अनंगपविट्ठसुत्ताणि विउलतरागं विसुद्धतरागं वितिमिरतरागं जाणइ पासइ / भावओ णं उज्जुमई अणते भावे जाणइ पासइ, सव्वभावाणं अणंतभागं जाणइ पासइ, तं चेव विटलमई अभहियतरागं विउलतरागं विसुद्धतरागं वितिमिरतरागं जाणइ पासइ / मणपजवणाणं पुण, जणमणपरिचिंतियत्थपागडणं / माणुसखित्तणिबद्धं, गुणपञ्चइयं चरित्तवओ // 65 // सेत्तं मणपजवणाणं // 18 // से किं तं केवलणाणं? केवलणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-भवत्थकेवलणाणं च सिद्धकेवलणाणं च / से किं तं भवत्थकेवलणाणं ? भवत्थकेवलणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-सजोगिभवत्थकेवलणाणं च अजोगिभवत्थकेवलणाणं च / से किं तं सजोगिभवत्थकेवलणाणं? सजोगिभवत्थकेवलणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-पढमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणं च अपदमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणं च, अहवा चरमसमयसजोगिभवत्थकेवलणाणं च अचरमसमय जोगिभवत्थकेवलणाणं च, सेत्तं सजोगिभवत्थकेवलणाणं / से किं तं अजोगिभवत्थकेवलणाणं ? अजोगिभवत्थकेवलणाणं दुविहं पण्णत्त, तंजहा-पढमसमयअनोगिभवस्थकेवलणाणं च अपढमसमयअजोगिभवत्थकेवलणाणं च,अहवा चरमसमयअजोगिभवत्थकेवलणाणं च अचरमसमयअजोगिभवत्थकेवलणाणं च, सेत्तं अजोगिभवत्थकेवलणाणं, सेत्तं भवत्थकेवलणाणं // 19 // से किं तं सिद्ध केवलणाणं ? सिद्ध. केवलणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-अणंतरसिद्ध केवलणाणं च परंपरसिद्ध केवलणाणं च // 20 // से किं तं अणंतरसिद्ध केवलणाणं ? अणंतरसिद्ध केवलणाणं पण्णरसविहं पण्णत्तं, तंजहा-तित्थसिद्धा 1 अतित्थसिद्धा 2 तित्थयरसिद्धा 3 अतित्थयरसिद्धा 4 सयंबुद्ध सिद्धा 5 पत्तेयबुद्ध सिद्ध। 6. बुद्धबोहियसिद्धा 7 इथिलिंगसिद्धा 8 पुरिस. लिंगसिद्धा 9 णपुंसगलिंगसिद्धा 10 सलिंगसिद्धा 11 अण्णलिंगसिद्धा 12 गिहिलिंगसिद्धा 13 एगसिद्धा 14 अणेगसिद्धा 15, सेत्तं अणंतरसिद्ध केवलणाणं / से कि तं परंपरसिद्ध केवलणाणं ? परंपरसिद्ध केवलणाणं अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-अपढमसमयसिद्धा, दुसमयसिद्धा, तिसमयसिद्धा, चउसमयसिद्धा जाव दससमयसिद्धा, संखिजसमयसिद्धा, असंखिजसमयसिद्धा, अणंतसमयसिद्धा, सेत्तं परंपरसिद्ध केवलगाणं / सेत्तं सिद्धकेवलणाणं // 21 // तं समासओ चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहादव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दव्वओ णं केवलणाणी सव्वदव्वाई नाणइ पासइ / खित्तओ णं केवलणाणी सव्वं खित्तं जाणइ पासइ / कालओणं केवल गाणी सव्वं कालं जाणइ पासइ / भावओ णं केवलणाणी सव्वे भावे जाणइ पासइ / Page #586 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुतं-आभिणिबोहियणाणं 1177 अह सव्वदध्वपरिणाम-,भावविण्णत्तिकारणमणतं। सासयमप्पडिवाई, एगविहं केवलं णाणं // 66 // 22 // केवलणाणेणऽत्थे, गाउं जे तत्थ पण्णवणजोगे / ते भासइ तित्थयरो, वइजोगसुयं हवइ सेसं // 67 // सेत्तं केवलणाणं / सेत्तं णोइंदियपच्चक्खं / सेत्तं पञ्चक्खणाणं // 23 // से किं तं परोक्खणाणं 1 परोक्खणाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-आमिणिबोहियणाणपरोसंवं च सुयणाणपरोक्खं च, जत्थ आभिणिबोहियणाणं तत्थ सुयणाणं, जत्थ सुयणाणं तत्थाभिणिबोहियणाणं, दोऽवि एयाई अण्णमण्णमणुगयाइं, तहवि पुण इत्थ आयरिया णाणत्तं पण्णवयंति-अभिणिबुज्झइत्ति आभिणिबोहियणाणं, सुणेइत्ति सुयं, मइपुव्वं जेण सुयं, ण मई सुयपुत्विया // 24 // अविसे सियामई-मदणाणं च मइअण्णाणं च / विसेसिया-सम्मद्दिट्ठिस्समई मइणाणं, मिच्छद्दिट्ठिस्स मई मइअण्णाणं / अविसेसियं सुयं-सुयणाणं च सुयअण्णाणं च / विसे. सियं सुयं-सम्मद्दिहिस्स सुयं सुयणाणं, मिच्छद्दिहिस्स सुयं सुयअण्णाणं // 25 / / से किं तं आमिणिबोहियणाणं? आमिणिबोहियमाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-सुयणिस्सियं च, अम्सुयणिस्सियं चासे किं तं अस्सुयणिस्सियं ? अस्सुयणिम्सियं चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-उप्पत्तिया 1 वेणइया 2, कम्मया 3, परिणामिया 4 / बुद्धी चउविहावुत्ता, पंचमा णोवलभइ // 68 // 26 // पुव्वमदिट्ठमस्सुय-मवेइयतवखणविसुद्ध गहियथा / अव्वाहयफलजोगा, बुद्धी उप्पत्तिया णाम // 69 // भरह सिल 1 मिंद 2 कुक्कुड 3, तिल 4 वालुय ५.हत्थि 6 अगड 7 वणसंडे 8 / पायस 9 अइया 10 पत्ते 11, खाडहिला 12 पंच पियरो य 13 // 70 // भरहसिल 1 पणिय 2 रुक्खे . 3, खुड्डग 4 पड 5 सरड 6 काय 7 उच्चारे 8 / गय 9 घयण 10 गोल 11 खभे 12, खुड्डग 13 मग्गि 14 स्थि 15 पइ 16 पुत्ते 17 // 71 // महसित्थ 18 मुद्दि 19 अंके 20, य णाणए 21 भिक्खु 22 चेडगणिहाणे 23 / सिक्खा 24 य अत्थसत्थे 25, इत्थी य महं 26 सयसहस्से 27 // 72 // भरणित्थरणसमत्था, तिवग्गसुत्तत्थगहियपेयाला / उभओ-लोगफलबई, विणयसमुत्था हवह बुद्धी / / 73 // णिमित्ते 1 भत्थसत्थे य 2, लेहे 3 गणिए 4 य कूव 5 अस्से 6 य / गद्दभ 7 लक्खण 8 गंठी 9, अगए 10 रहिए 11 य गणिया 12 य // 74 // सीया साडी दीइं, च तणं अवसव्वयं च कुंचस्स 13 / णिव्वोदए 14 य गोणे, घोडगपडणं च रुक्खाओ 15 // 75 // उवओगदिट्ठसारा, कम्मपसंगपरि. घोलगविसाला / साहुकारपलवई, कम्मसमुत्था हवइ बुद्धी // 76 // हेरण्णिए 1 Page #587 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1178 अनंगपविट्ठसुत्ताणि करिसए 2, कोलिय 3 डोवे 4 य मुत्ति 5 घय 6 पवए 7 / तुण्णाए 8 वट्टाय 9, पूयह 10 घड 11 चित्तकारे 12 य // 77|| अणुमाणहेउदिटुंतसाहिया, वयविवागपरिणामा। हियणिस्सेयसफलवई, बुद्धी परिणामिया गाम // 78 // अभए 1 . सिट्ठि 2 कुमारे 3, देवी 4 उदिओदए हवइ राया 5 / साहू य णंदिसेणे 6 घणदत्ते 7 सावग 8 अमच्चे 9 // 79 // खमए 10 अमच्चपुत्ते 11, चाणक्के 12 चेव थूलभद्दे 13 य / णासिकसुंदरिणंदे 14, वइरे 15 परिणामिया बुद्धी ||80 // चलणाहण 16 आमंडे 17, मणी 18 य सप्पे 19 य खग्गि 20 थूमिदे 21 // परिणामियबुद्धीए, एवमाई उदाहरणा // 81 // सेत्तं अस्सुयणिम्सियं // से किं तं सुयणिस्सियं ? सुयणिस्सियं चउविहं पण्णत्तं, तंजहा-उग्गाहे 1, ईहा 2, अवाओ 3, धारणा 4 // 27 // से किं तं उग्गहे ? उग्गहे. दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अत्थुग्गहे य वंजणुग्गहे य // 28 // से किं तं वंजणुग्गहे ? वंजणुग्गहे चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-सोइंदियवंजणुग्गहे, घाणिंदियवंजणुग्गहे, जिभिदियवंजणुग्गहे, फसिंदिय वंजणुग्गहे / सेत्तं वंजणुग्गहे // 29 // से किं तं अत्थुग्गहे ! अत्युग्गहे बिहे पण्णत्ते, तंजहा—सोइंदियअत्थुग्गहे, चक्खिदियअत्थुग्गहे, घाणिदियअत्थुग्गहे, जिभिदियअत्थुग्गहे, फासिंदियअथुग्गहे, णोइंदियअन्थुग्गहे // 30 // तस्स णं इमे एगट्ठिया णाणाघोसा णाणावंजणा पंच णामधिजा भवति, तंजहा-ओगेण्हणया, उवधारणया, सवणया, अवलंबणया, मेहा / सेत्तं उग्गहे // 31 // से किं तं ईहा! ईहा छव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-सोइंदियईहा, चक्खिदियईहा, घाणिंदियईहा, जिभिंदियईहा, फासिंदियईहा, णोइंदियईहा। तीसे णं इमे एगट्ठिया णाणाघोसा णाणावंजणा पंच णामधिजा भवंति, तंजहा-आभोगणया, मग्गणया, गवेसणया, चिंता, वीमंसा / सेत्त ईहा // 32 // से किं तं अवाए ? अवाए छविहे पण्णत्ते, तंजहा-सोइंदियअवाए, चविखदियअवाए, घाणिदियअवाए, जिभि दयअंबाए, फासिंदियअवाए, णोइंदियअवाए / तस्स णं इमे एगट्टिया णाणाघोसा णाणावनणा पंच णामधिजा भवंति, तंजहा-आउट्टणया, पच्चाउट्टणया, अवाए, बुद्धी, विष्णाणे। सेत्तं अवाए // 33 // से किं तं धारणा ? धारणा छव्विहा पण्णत्ता, तंजहासोइंदियधारणा, चक्खिदियधारणा, घागिंदियधारणा, जिमि दयधारणा, फासिदियधारणा, णोइंदियधारणा / तीसे णं इमे एगट्ठिया णाणाघोसा गाणावंजणा पंच णामधिज्जा भवंति, तंजहा-धरणा, धारणा, टवणा, पट्ठा, कोटे / सेत्तं धारणा // 34 // उग्गहे इक्कसमइए, अंतोमुहुत्तिया ईहा, अंतोमुहुत्तिए अवाए, धारणा Page #588 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-आभिणिबोहियणाणं 1179 संखेन्जं वा कालं असंखेज्ज वा कालं // 35 // एवं अट्ठावीसइविहस्स आमिणिबोहियगाणस्स वंजणुग्गहस्स परूवणं करिस्सामि पडिबोहगदिटुंतेणं, मल्लगदिटुंतेण य / से किं तं पडिबोहगदिट्टतेणं ? पडिबोहगदिटुंतेणं से जहाणामए केइ पुरिसे कंचि पुरिमं सुत्त पडिबोहिजा, अमुगा अमुगत्ति, तत्थ चोयगे पण्णव्यं एवं क्यासी-किं एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? दुसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति जाव दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? संखिजसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? असंखिजसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ?, एवं वयंतं चोयगं पण्णवए एवं वयासी-णो एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमान्छंति, णो दुसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति जाव णो दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, गो संखिजसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, असंखिजसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, सेत्तं पडिबोहगदिटुंतेणं / से किं तं मल्लगदिटुंतेणं ? मल्लगदिटुंतेणं से जहाणामए केइ पुरिसे आवांगसीसाओ मल्लगं गहाय तत्थेगं उदगबिंदुं पवखेविजा, से णटे, अण्णेऽवि पक्खित्ते, सेऽवि णट्टे, एवं पक्खिप्पमाणेसु पक्खिप्पमाणेसु होही से उदगबिंद जेणं तं मल्लगं रावेहि इत्ति, होही से उदगबिंदू जे णं तंसि मल्लगंसि ठाहिइ, होही से उदगपिंदू जेणं तं मल्लगं भरिहि इ, होही से उदगबिंद जेणं तं मल्लगं पवाहे हिइ, एवामेव पक्खिप्पमाणेहिं पक्खिप्पमाणेहिं अणंतेहिं पुग्गलेहिं जाहे तं वंजणं पूरिय होइ ताहे हुंति करेइ, णो चेव णं जाणइ के वेस सद्दाइ ? तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस सद्दाइ; तओ अवार्य पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखिज्ज वा कालं असंखिज्जं वा कालं / से जहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्तं सदं सुणिजा, तेणं सहोत्ति उग्गहिए, णो चेवणं जाणइ के वेस सद्दाइ; तओ ईहं पविसइ, तओ नाणइ अमुगे एस सद्दे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेज्जं वा कालं असंखेज्जं वा कालं / से नहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्तं रूवं पासिजा, तेणं रूवत्ति उग्गहिए, णो चेघ णं जाणइ के वेस रूवत्ति; तओ ईहं पविसह, तओ जाणइ अमुगे एस रूवे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेज्जं वा कालं असंखेज्ज वा कालं / से जहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्तं गंधं अग्घाइजा, तेणं गंधेत्ति उग.हिए, णो चेवणं जाणइ के वेस गंधेत्ति; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस गंधे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, Page #589 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1180 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तओ णं धारद संखेज वा कालं असंखेज वा कालं / से जहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्तं रसं आसाइजा, तेणं रसेत्ति उग्गहिए, णो चेवणं जाणइ के वेस रसेत्ति;तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस रसे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखिज्ज वा कालं असंखिज्जं वा कालं। से जहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्तं फासं पडिसंवेइजा, तेणं फासेत्ति उग्गाहए, जो चेवण जाणइ के वेस फासओत्ति, तओ ईहं पविसइ तओ जाणइ अमुगे एस फासे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ ण धारेइ संखेज्जं वा कालं असंखेज्ज वा कालं / से जहाणामए केइ पुरिसे अव्वत्त सुमिणं पासिजा, तेणं सुमिणेत्ति उग्गहिए, णो चेव णं जाणइ के वेस सुमिणेत्ति; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस सुमिणे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवह; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेज्जं वा कालं असंखेज वा कालं / सेत्तं मल्लगदिटुंतेणं // 36 // तं समासओ चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दवओ णं आभिणि बोहियणाणी आएसेणं सव्वाई दव्वाइं जाणइ, ण पासइ / खेत्तओ णं आभिणिबोहियणाणी आएसेणं सव्वं खेत्तं जाणइ, ण पासइ / कालओ णं आभिणिबोहियणाणी आएसेणं सव्वं कालं जाणइ, ण पासइ / भावओणं आमिणिबोहियणाणी आएसेणं सव्वे भावे जाणइ, ण पासइ / उग्गह ईहाऽवाओ, य धारणा एव हुँति चत्तारि / आभिणिबोहियणाणस्स, भेयवत्थू समासेणं // 82 // अत्थाणं उग्गहणम्मि उग्गहो, तह वियालणे ईहा / ववसायम्मि अवाओ, धरणं पुण धारणं विति // 83 // उग्गह इक्कं समयं, ईहावाया मुहुत्तमद्धं तु / कालमसंख संख, च धारणा होइ णायव्वा // 84 // पुढे सुणेइ सइं, रूवं पुण पासइ अपुढे तु / गंधं रसं च फासं च, बद्धपुढे वियागरे / 85 / / भासासमसेढीओ, सदं जं सुणइ मीसियं सुणइ / वीसेढी पुण सदं, सुणेई णियमा पराघाए // 86 // ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवेसणा। सण्णा सई मई पण्णा, सव्वं आभिणिबोहियं // 87 // सेत्तं आमिणिबोहियणाणपरोक्खं सेत्तं महणाणं / / 37 // से किं तं सुयणाणपरोक्ख ? सुयणाणपरोक्ख चोद्दसविहं पण्णत्तं, तं०-अक्खरसुयं 1, 1 पाढंतरगाहा-अत्थाणं उग्गहणं, च उग्गहं तह वियालणं ईहं / ववसाय च अवायं, धरणं पुण धारणं विति // 1 // Page #590 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1181 अणक्खरसुयं 2, सण्णिसुयं 3, असण्णिसुयं 4, सम्मसुयं 5, मिच्छसुयं 6, साइयं 7, अणाइयं 8, सपज्जवसियं 9, अपजवसियं 10, गमियं 11, अगमियं 12, अंग- पविढे 13, अणंगपविढे १४॥३८॥से कि तं अक्खरसुयं ? अक्खरसुयं तिविह पण्णते, तं०-सण्णक्खरं, वंजणखरं, लद्धिअक्खरं / से किं तं सण्णक्खरं ? सण्णपखरं अक्खरस्स संठाणागिई, सेत्तं सण्णक्खरं / से किं तं वंजणक्खरं ? वंजणक्खरं अक्खरस्स वंजणामिलावो, सेत्तं वजणक्खरं / से किं तं लद्धिअक्खरं ? लद्धिअक्खरं अक्खरलद्धियस्स लद्धिअक्खरं समुप्पजइ, तं०-सोइंदियलद्धिअवखरं, चविखदियलद्धिअक्खरं, घाणिदियलद्धिअक्खरं,रसणि दियलद्धिअक्खरं,फासिंदियलद्धिअक्खरं, गोइंदियलद्धिअक्खरं,सेत्तं लद्धिअक्खरं / सेत्तं अक्खरसुयं / / से किं तं अणक्खरसुयं ? अबक्खरसुयं अमेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-ऊससियं णीससियं, णिच्छूटं खासियं च छीयं च / णिस्सिंघियमणुसारं, अणक्खरं छेलियाईयं // 88 // सेत्तं अणक्खरसुयं // 39 // से किं तं सण्णिसुयं ? सण्णिसुयं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-कालिओवएसेणं, हेऊवएसेणं, दिद्धिवाओवएसेणं / से किं तं कालिओवएसेणं? कालिओवएसेणं जस्स णं अस्थि ईहा, अबोहो, मग्गणा, गवेसणा, चिंता, वीमंसा, से णं सण्णीति लब्भइ, जस्स णं णस्थि ईहा, अबोहो, मग्गणा, गवेसणा, चिंता, धीमंसा, से णं असण्णीति लभइ, सेत्तं कालिओवएसेणं / से किं तं हेऊवएसेणं ? हेऊवएसेणं जस्स णं अस्थि अभिसंधारणपुब्विया करणसत्ती से णं सण्णीति लब्भइ, जस्स णं णत्थि अभिसंधारणपुब्विया करणसत्ती से णं असण्णीति लब्भइ, सेत्तं हेऊवएसेणं / से किं तं दिट्टिवाओवएसेणं 1 दिहिवाओवएसेणं सण्णिसुयस्स खओवसमेणं सण्णी लब्भइ, असण्णिसुयस्स खओवंसमेणं असण्णी लव्भइ, सेत्तं दिहिवाओवएसेणं / सेत्तं सण्णिसुयं / सेत्तं असण्णिसुयं // 40 // से किं तं सम्मसुयं ? सम्मसुयं जं इमं अरहंतेहिं भगवंतेहिं उप्पण्णणाणदंसणधरेहिं तेलुक्काणिरि विखयमहि यपूइएहिं तीय. पडुप्पण्णमणागयजाणएहिं. सव्वष्णूहिँ सव्वदरिसीहिं पणीयं दुवालसंगं गणि पिडगं, तंजहा-आयारो 1 सूयगडो 2 ठाणं 3 समवाओ 4 विवाहपण्णत्ती 5 णायाधम्मकहाओ 6 उवासगदसाओ 7 अंतगडदसाओ 8 अणुत्तरोववाइयदसाओ 9 पण्हावागरणाई 10 विवागसुयं 11 दिहिवाओ 12, इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं चोदसपुव्विस्स सम्मसुयं, अभिण्णदसपुव्विस्स सम्मसुयं, तेण परं भिण्णेसु भयणा, सेत्तं सम्मसुयं / / 41 / / से किं तं मिच्छासुयं 1 मिच्छासुयं जं इमं अण्णाणिएहिं Page #591 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1182 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मिच्छादिट्ठिएहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पियं, तंजहा-भारहं, रामायणं, मीमासुरुक्खें, कोडिल्लयं, सगडभद्दियाओ, खोड(घोडग )मुहं, कप्पासियं, णागसुहुमं, कणगसत्तरी, वइसेसियं, बुद्धवयणं, तेरासियं, काविलियं, लोगाययं, सहितत, माढरं, पुराणं, वांगरणं, भागवयं, पायंजली, पुस्सदेवयं, लेहं, गणियं, सउणरुयं, णाड्याई, अहवा / बावत्तरिकलाओ, चत्तारि य वेया संगोवंगा, एयाई मिच्छदिहिस्स मिच्छत्तपरिग्गहियाई मिच्छसुयं, एयाइं चेव सम्मदिहिस्स सम्मत्तपरिग्गहियाई सम्मसुयं, अहवामिच्छदिहिस्सवि एयाइं चेव सम्मसुयं, कम्हा ? सम्मत्तहेउत्तणओ जम्हा ते मिच्छ दिट्ठिया तेहिं चेव समएहिं चोइया समाणा केइ सपक्खंदिट्ठीओ चयंति, सेत्तं मिच्छसुयं // 42 // से किं तं साइयं सपज्जवसियं, अणाइयं अपजव सियं च ? इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं वुच्छित्तिणयट्ठयाए साइयं सपजवासियं, अबुच्छित्तिगयट्टयाए अणाइयं अपजवसियं, तं समासओं चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-दव्वओ खित्तओ कालओ भावओ, तत्थ दव्वओ गं सम्मसुयं एगं पुरिसं पडुच्च साइयं सपजवसियं, बहवे पुरिसे य पडुच्च अणाइयं अपजव सियं, खेत्तओ णं पंच भरहाई पंचेरवयाइं पडुच्च साइयं सपजवसियं, पंच महाविदेहाई पडुच्च अगाइयं अपजव सियं, कालओ णं उस्सप्पिणिं ओसप्पिणिं च पडुच्च साइयं सपजवसियं, णोउस्सप्पिणिं णोओसप्पिणिं च पडुच्च अणाइयं अपज्जवसियं, भावओ णं जे नया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति, पण्णविज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जंति, णिदं सिज्नंति, उवदंसिज्जति, ते तया भावे पडुच्च साइयं सपजवसियं, खाओवसमियं पुण भावं पडुच्च अणाइयं अपजवसिय,अहवा भव सिद्धियस्स सुयं साइयं सपजवसियं च, अभवसिद्धियस्स सुयं अणाइयं अपजवसियं च, सव्वागासपएसग्गं सव्वागासपएसेहिं अणंतगुणियं पजवक्खरं णिप्फजइ,सव्वजीवाणंपि य णं अक्खरस्स अणंतभागो णिच्चुग्धा. डिओ जइ पुण सोऽवि आवरिजा तेणं जीवो अजीवत्तं पाविजा,-"सुठुविमेहसमुदए, होइ पभा चंदसूराणं" सेत्तं साइयं सपजवसियं, सेतं अणाइयं अपजवासियं // 43 // से किं तं गमियं ? गमियं दिहिवाओ, से किं तं भगमियं ? अगमियं कालियं सुयं, सेत्तं गमियं, सेत्तं अगमियं / अहवा तं समासओ दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-अंगपविटुं, अंगबाहिरं च / से किं तं अंगबाहिरं ! अंगबाहिरं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-आवस्सय च,आवस्सयवइरित्तं च / से किं तं आवस्सयं ? आवस्सयं छविहं पण्णत्तं, तंजहासामाइयं, चउवीसत्थओ, वंदणयं, पडिकमणं, काउस्सम्गो, पञ्चक्खाणं, सेत्तं आव Page #592 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1183 स्सयं / से किं तं आवस्सयवइरित्तं ? आवस्सयवइरित्तं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-कालियं ज उक्कालियं च / से किं तं उक्कालियं 12 अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-दसवेयालियं, कप्पियाकप्पियं, चुल्लकप्पसुयं, महाकप्पसुयं, उववाइयं, रायपसेणियं, ज.वाभिगमो, पण्णवणा, महापण्णवणा, पमायप्पमायं, गंदी, अणुओगदाराई, देविदत्थओ, तंदुलवेयालिय, चंदाविज्झयं, सूरपण्णत्ती, पोरि सिमण्डलं, मण्डलपवेसो, विजाचरणविणिच्छओ, गणिविजा, झाणविभत्ती,मरणविभत्ती, आयविसोही, वीयरागसुयं, सलेहणामुयं, विहारकप्पो, चरणविही, आउरपच्चक्खाणं, महापञ्चक्खाणं, एकमाइ, सेत्तं उक्कालियं / से किं तं कालियं ? कालियं अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-उत्तरज्झयणाई, दसाओ, कम्पो, ववहारो, णिसीहं, महाणिसीहं; इसिभासियाई, जम्बूदीवपण्णत्ती, दीवसागरपण्णत्ती,चंदपण्णत्ती,खुड्डिया विमाणपविभत्ती, महल्लिया-विमाणपविभत्ती, अंगचूलिया, वग्गचूलिया, विवाहचूलिया, अरुणोववाए, वरुणोववाए, गस्लोववाए, धरणोववाए, वेसमणोववाए, वेलंधरोववाए, देविंदोववाए, उट्ठाणसुए, समुट्ठाणसुए, णागपरियावलियाओ, णिरयावलियाओ, कप्पियाओ, कप्पवर्टिसियाओ, पुफियाओ, पुष्फचूलियाओ, वण्हीदसाओ, आसीविसभावणाणं, दिट्ठिविसभावणाणं, सुमिणभावगाणं, महासुमिणभावणाणं, तेयग्गिणिसम्गाणं, एवमाइयाई चउरासीइं पइण्णगसहस्साई भगवओ अरहओ उसहसामिस्स,आइतित्थयरस्स,तहा संखिजाइं पइण्णगसहस्साई मज्झिमगाणं जिणंवराणं, चोद्दस-पइण्णगतहस्साई भगवओ वद्धमाणसामिस्स, अहवा जस्स जत्तिया सीसा उप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मयाए पारिणामियाए चउविहाए बुद्धीए उववेया तस्स तत्तियाई,पइण्णगसहस्साई,पत्तेयबुद्धावि तत्तिया चेव, सेत्तं कालिय, सेत्तं आवस्सयवइरित्तं, सेत्तं अणंगपविटुं // 44 // से किं तं अंगपविटुं ? अंगपविट्ठ दुवालसविहं पण्णत्तं, तंजहा-आयारो 1, सूयगडो 2, ठाणं 3, समवाओ 4, विवाहपण्णत्ती 5, णायाधम्मकहाओ 6, उवासगदसाओ 7, अंतगडदसाओ 8, अणुत्तरोववाइयदसाओ 9, पण्हावागरणाई 10, विवागसुयं 11, दिट्ठिवाओ 12 // 45 // से किं तं आयारे ? आयारे णं समणाणं णिग्गंथाणं आयपरगोयरविणयवेणइय सिक्खाभासाअभासाचरणकरणजायामायावित्तीओ आघविज्जति, से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-गाणायारे, दंसणायारे, चरित्तायारे, . तवायारे, वीरियायारे, आयारे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओर.दारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ, संखिजाओ संगहणीओ, संखि. Page #593 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1184 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगट्ठयाए पढमे अंगे, दो सुयक्खंधा पणवीसं अज्झयणा, पंचासीइ उद्देसणकाला, पंचासीइ समुद्देसणकाला, अट्ठारस पयसहस्साई पथग्गेणं संखिजा अक्खरा, अणंता गमा, अर्णता पजवा, परित्ता तसा, अर्णता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ताभावा आघविज्जति, पणविज्जंति, परूविज्जति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जंति,उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेत्तं आयारे 1 // 46 // से किं तं सूयगडे ! सूयगडे णं लोए सूइजइ, अलोए सूहजइ, लोयालोए सूइजइ, जीवा सूइज्जंति, अजीवा सूइज्जंति, जीवाजीवा सूइज्जति, ससमए सूइजइ, परसमए सूइज्जइ, ससमयपरसमए सूइजइ, सूयगडे णं असीयस्स किरियावाइसयस्स, चउरासीईए अकिरियावाईणं, सत्तट्ठीए अण्णाणियवाईण; बत्तीसाए वेणइयवाईणं, तिण्हं तेसट्टाणं पासंडियसयाणं वूह किच्चा ससमए ठाविजइ, सूयगडे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ, संखिबाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ, सेणं अंगट्टयाए बिइए अंगे, दो सुयक्खंधा, तेवीसं अज्झयणा, तित्तीसं उद्देसणकाला, तित्तीसं समुद्देसणकाला, छत्तिसं पयसहस्साइं पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा, * अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति,पण्णविज्जति, परूविज्जंति, दंसिज्जति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आधविजइ, सेत्तं सूयगडे 2 // 47 // से किं तं ठाणे ? ठाणे ण जीवा ठाविज्जति, अजीवा ठाविज्जति, जीवाजीवा ठाविज्जंति, ससमए ठाविजइ, परसमए ठाविजइ, ससमयपरसमए ठाविजइ, लोए ठाविजइ, अलोए ठाविजइ, लोयालोए ठाविजइ / ठाणे णं टंका, कूडा, सेला, सिहरिणो, पन्भारा, कुंडाई, गुहाओ, आगरा, दहा, गईओ, आध. विज्जति / ठाणे णं एगाइयाए एगुत्तरियाए बुड्डीए दसट्ठाणगविवडियाणं भावाणं परूवणा आघविजइ / ठाणे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ / से ण अंगट्टयाए तइए अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, एगवीसं उद्देसणकाला, एकवीसं समुद्देसणकाला, बावत्तरि पयसहस्सा पयम्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकड णिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णविज्जंति, परूविज्जति, दंसि Page #594 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1185 ज्जति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आपविजइ / सेत्तं ठाणे 3 // 48 // से किं तं समवाए ? समवाए णं जीवा समासिज्जंति, अजीवा समासिज्जंति, जीवाजीवा समासिज्जंति, ससमए समासिजइ, परसमए समासिजइ, ससमयपरसमए ससासिज्जइ, लोए समासिजइ, अलोए समासिजइ, लोयालोए समासिजइ। समवाए णं एगाइयाणं एगुत्तरियाणं ठाणसयविवडियाणं भावाणं परूवणा आघविजइ, दुवालसविहस्स य गणिपिडगस्स पल्लव[]गे समासिजह / समवायस्स णं परित्तावायणा, संखिजा अणुओगदारा, संखिजा वेढा, संखिजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ, संखिजाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ। सेणं अंगठ्ठयाए चउत्थे अंगे, एगे सुयवखंधे, एगे अज्झयणे, एगे उद्देसणकाले, एगे समुद्देसणकाले, एगे चोयाले सयसहस्से पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासय. कडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णविज्जति, परूविज्जति, दंसिज्जत, गिदंसिज्जति, उवदंसिज्जति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आधविजइ / सेत्तं समवाए 4 // 49 // से किं तं विवाहे ? विवाहे णं जीवा वियाहिज्जति, अजीवा वियाहिज्जति, जवाजीवा वियाहिज्जंति, ससमए वियाहिजइ, परसमए वियाहिजइ, ससमयपरसमए वियाहिजइ, लोए विवाहिजइ, अलोए वियाहिजइ, लोयालोए वियाहिजइ, विवाहस्स णं परित्ता वायणा, संखिजा अणुओगदारा, संखिजा वेढा, संखिजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ, संखिजाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगट्टयाए पंचमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झयणसए, दस उद्देसगसहस्साई, दस समुद्देसंगसहस्साई, छत्तीसं वागरणसहस्साई, दो लक्खा अट्ठासीइं पयसहस्साई पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आपविजंति, पण्णविज्जति, परूविज्जति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जति, उवदंसिज्जंति,से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेत्तं विवाहे 5 // 50 // से किं तं णायाधम्मकहाओ ? णायाधम्मकहासु णं णायाणं णगराई, उजाणाई चेहयाई वणसण्डाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इट्टिविसेसा, भोगपरिच्चाया, पवजाओ, परियाया, सुयपरि गहा, तबोव... Page #595 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1186 अनंगपविट्ठसुत्ताणि हाणाई, सलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाई,पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकु लपञ्चायाईओ, पुणबोहिलाभा, अंतकिरियाओ य आधविज्जंति, दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ मं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई, एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवक्खाइयासयाई, एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइयउवक्खाइयासयाई, एवामेव सपुव्वावरेणं अधुट्ठाओ कहाणगकोडीओ वंतित्ति समक्खायं / णायाधम्मकहाणं परित्ता वायणा, संखिजा अणुओगदारा; संखिजा वेढा, संखिजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ,संखिजाओ संगहणीओ,संखिजाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्टयाए छठे अंगे, दो सुयक्खधा,एगूणवीसं अज्झयणा, एगूणवीसं उद्देतणकाला, एगूणवीसं समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्अंति,पण्णविज्नति, परूविज्नंति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जति, उवदंसिज्नंति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ / सेत्तं णायाधम्मकहाओ 6 // 51 // से किं तं उवासगदसाओ ? उवासगदसासु णं समणोवासयाणं णगराई, उजाणाई, चेहयाई, वणसण्डाई समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिचाया, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, सीलबयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासपडिवजणया, पडिमाओ, उबसग्गा, संलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकुलपञ्चायाईओ, पुणबोहि. लाभा, अंतकिरियाओ य आघविज्जति / उवासगदसाणं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्ठयाए सत्तमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, दस उद्देसणकाला, दस समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अगंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णवि. ज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जंति, गिदंसिज्जंति, उवदंसिज्नति / से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ / सेत्तं उवासगदसाओ७ // 52 // से किं तं अंतगडदसाओ ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं णगराई, उजाणाई, चेइयाई वणसण्डाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इढिविसेसा, भोगपरिच्चागा, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, Page #596 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1187 तवोवहाणाई, संले इणाओ, भत्तपञ्चक्खाणाई,पाओबगमणाई, अंतकिरियाओ आघविज्जंति, अंतगडदसासु णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संमहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्ठयाए अट्ठमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, अट्ठ वग्गा, अट्ठ उद्देसणकाला, अट्ट समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्सा पबग्गेणं, संखेजा अवखरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्ध णिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्नंति, पण्णविज्जति, परूविज्जंति, दंसिज्जति, णिदं सिज्जंति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेत्तं अंतगडदसाओ 8 // 53 // से किं तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ? अणुत्तरोववाइयदंसासु णं अणुत्तरोववाइयाणं णगराई, उजाणाई, चेइयाइं वणसण्डाई समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिच्चागा, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तोवहाणाई, पडिमाओ, उवसग्गा, संलेहणाओ, भत्तपञ्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, अणुत्तरोक्वाइ. यत्ति उववत्ती, सुकुलपच्चायाईओ, पुणबोहिलामा, अंतकिरियाओ आघधिज्नंति, अणुत्तरोववाइयदसासु णं परित्ता घायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडि. वत्तीओ; से णं अंगट्टयाए णवमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, तिण्णि वग्गा; तिण्णि उद्देसणकाला; तिण्णि समुद्देसणकाला; संखेजाइं पयसहस्साई पयन्गेणं; संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा; सासयकड. णिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति; पण्णविज्जंति; परूविज्जंति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जति, उवदंसिज्जति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेत्तं अणुत्तरोववाइयदसाओ 9 // 54 // से किं तं पण्हावागरणाई ? पण्हावागरणेसु णं अटुत्तरं पसिणसयं, अठुत्तरं अपसिणसयं, अद्रुत्तरं पसिणापसिणसयं, तंजहा-अंगुट्ठपसिणाई, बाहुपसिणाई, अद्दागपसिणाई, अण्णेवि विचित्ता विजाइसया, णागसुवण्णेहि सद्धिं दिव्वा संवाया आघविज्जंति,पण्हावागरणाणं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, . संखेजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगट्टयाए दसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, पणयालीसं Page #597 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1188 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अज्झयणा, पणयालीसं उद्देसणकाला, पणयालीसं समुद्देसणकाला, संखेजाई पयसहस्साई पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आधविज्जंति, पण्ण विज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेंत्तं पण्हावागरणाई 10 // 55 // से किं तं विवागसुयं ? विवागसुए ण सुकडदुक्कडाणं कम्माणं फल. विवागे आघविजइ, तत्थ णं दस दुहविवागा दसं सुहविवागा। से किं तं दुइविवागा ? दुहविवागेसु णं दुहविवागाणं णगराइं, उजाणाई, वणसंडाइं चेइयाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया, इड्डिविसेसा, णिरयगमणाई, संसारभवपवंचा, दुहपरंपराओ, दुकुलपञ्चायाईओ, दुल्लबोहियत्तं आघविजइ, सेत्तं दुहविवागा / से किं तं सुइविवागा ? सुहविवागेसु णं सुहविवागाणं णगराई, उजाणाई, वणसंडाई चेइयाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया. इडिविसेसा, भोगपरिचागा, पव्वजाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहणाओ, भत्तपञ्चक्खाणाइं पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुहपरंपराओ, सुकुलपञ्चायाईओ, पुणबोहिलामा, अंतकिरियाओ आघविज्जति / विवागसुयस्स णं परित्ता बायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा; संखेजा सिलोगा, संखिजाओ णिज्जुत्तीओ, संखिजाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ / सेणं अंगट्टयाए इक्कारसमे अंगे, दो सुयक्खंधा, वीसं अज्झयणा, वीसं उद्देसणकाला, वीसं समुद्देसणकाला, संखिजाई पयसहस्साई पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आप विति, पण्णविज्जति, परूविज्नंति, दंसिज्जंति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं णाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ, सेत्तं विवागसुयं 11 // 56 // से किं तं दिट्ठिवाए ? दिट्टिबाए णं सव्वभावपरूवणा आघविजइ, से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-परिकम्मे 1, सुत्ताई 2, पुव्वगए 3, अणुओगे 4, चूलिया 5 / से किं तं परिकम्मे 1 परिकम्मे सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहासिद्धसेणियापरिकम्मे 1, मणुस्ससेणियापरिकम्मे 2, पुट्टसेणियापरिकम्मे 3, ओगाढ. सेणियापरिकम्मे 4, उपसंपजणसेणियापरिकम्मे 5, विप्पनहणसेणियापरिक मे 6, Page #598 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1189 चुवाचुयसेणियापरिकम्मे 7 / से किं तं सिद्धसेणियापरिकम्मे ? सिद्धसेणियापरिकम्मेचउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-माउगापयाइं 1 एगट्टियपयाइं 2 अट्ठपयाई 3 पाढो. आगासपयाइं 4 केउभूयं 5 रासिबद्धं 6 एगगुणं 7 दुगुणं 8 तिगुणं 9 केउभूयं 10 पडिग्गहो 11 संसारपडिग्गहो 12 गंदावत्तं 13 सिद्धावत्तं 14, सेत्तं सिद्ध. सेणियापरिकम्मे 1 / से किं तं मणुस्ससेणियापरिकम्मे 1 मणुस्ससेणियापरिकम्मे चउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-माउयापयाई 1 एट्ठियपयाई 2 अट्टपयाई 3 पाढो. आगासपयाइं 4 केउभूयं 5 रासिबद्धं 6 एगगुणं 7 दुगुणं 8 तिगुणं 9 केउभूयं 10 पडिग्गहो 11 संसारपडिग्गहो 12 गंदावत्तं 13 मणुस्सावत्तं 14, सेत्तं मणुस्स. सेणियापरिकम्मे 2 से किं तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे 1 पुट्टसेणियापरिकम्मे इक्कारस. विहे पण्णत्ते, तंगहा-पादोभागासपयाई 1 केउभूयं 2 रासिबद्धं 3 एगगुणं 4 दुगुणं 5 तिगुणं 6 केउभूयं 7 पडिग्गहो 8 संसारपडिग्गहो 9 गंदावत्तं 10 पुट्टावत्तं 11, सेत्तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे 3 / से किं तं ओगाढसेणियापरिफम्मे ! ओगाढसेणियापरिकम्मे इकारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाई 1 केउभूयं 2 रासिबद्धं 3 एगगुणं 4 दुगुणं 5 तिगुणं 6 केउभूयं 7 पडिग्गहो 8 संसारपडिग्गहो 9 गंदावत्तं 10 ओगाढावत्तं 11, सेत्तं ओगाढसेणियापरिकम्मे 4 / से किं तं उवसंपजणसेणियापरिकम्मे ? उवसंपजणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंमहा-पाढोगासपयाइं 1 केउभूयं 2 रासिबद्धं 3 एगगुणं 4 दुगुणं 5 तिगुणं 6 केउभूयं 7 पडिग्गहो 8 संसारपडिग्गहो 9 गंदावत्तं 10 उपसंपजणावत्तं 11, सेत्तं उवसंपजणसेणियापरिकम्मे 5 / से किं तं विप्पजहणसेणिया परिकम्मे 1 विप्पजहणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाइं 1 केउभूयं 2 रासिबद्धं 3 एगगुणं 4 दुगुणं 5 तिगुणं 6 केभूयं 7 पडिग्गहो 8 संसारपडिग्गहो 9 गंदावत्तं 10 विप्पजहणावत्तं 11, सेत्तं विप्पनहण. सेणियापरिकम्मे 6 / से किं तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे ? चुयाचुयसेणियापरिफम्मे इकारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाइं 1 केउभूय 2 रासिद्धं 3 एगगुणं 4 दुगुणं 5 तिगुणं 6 केउभूयं 7 पडिग्गहो 8 संसारपडिग्गहो 9 णंदावत्तं 10 चुयाचुयवत्तं 11, सेत्तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे 7 / छ चउक्कणइयाई, सत्त तेरा. सियाई, सेत्तं परिकम्मे 1 / से किं तं सुत्ताई ? सुत्ताई बावीसं पण्णत्ताई तंजहाउज्जुसुयं 1 परिणयापरिणयं 2 बहुभंगियं 3 विजयचरियं 4 अणंतरं 5 परंपरं 6 Page #599 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1190 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मासाणं 7 संजूहं 8 संभिण्णं 9 आहच्चायं 10 सोवत्थियावत्तं 11 णंदावत्तं 12 बहुलं 13 पुट्ठापुढे 14 वियावत्तं 15 एवंभूयं 16 दुयावत्तं 17 वत्तमाणप्पयं 18 समभिरूदं 19 सव्वओभई 20 पस्सासं 21 दुप्पडिग्गहं 22, इच्चेइयाई बावीसं सुत्ताई छिण्णच्छेयणइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाई बावीसं सुत्ताई अच्छिण्णच्छेयणइयाणि आजीवियमुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाइं बावीसं सुत्ताई तिगणइयाणि तेरासियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाई बावीसं सुत्ताइं चउकणइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए, एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठासीई सुत्ताइ भवंतित्ति मक्खाय, सेत्तं सुत्ताई 2 // से किं तं पुव्वगए ? पुव्वगए चउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-उप्पायपुत्वं 1, अग्गाणीयं 2, वीरियं 3, अस्थिणस्थिप्पवायं 4, णाण पवायं 5, सच्चप्पवायं 6, आय-पवायं 7, कम्मप्पवायं 8, पच्चक्खाणप्पवायं (पचक्खाणं) 9, विजाणुप्पवायं 10, अवंझं 11, पाणाऊ 12, किरियाविसालं 13, लोकबिंदुसारं 14 / उप्पायपुव्वस्स णं दस वत्थू , चत्तारि चूलियावत्थू पण्णत्ता / अग्गातियपुवस्स णं चोइस वत्थू , दुवालस चूलियावत्थू पण्णत्ता। वीरियपुव्वस्स णं अट्ठ वत्थू , अट्ठ चूलियावत्थू पण्णत्ता। भत्थिणत्थिप्पवायपुव्वस्स णं अट्ठारस वत्थू , दस चूलियावत्थू पण्णत्ता / णाणप्प. वायपुवस्स णं बारस वत्थू पण्णत्ता / सच्चप्पवायपुव्वस्स णं दोण्णि वत्थू पण्णत्ता। आयप्पवायपुव्वस्स णं सोलस वत्थू पण्णत्ता / कम्मापवायपुवस्स णं तीसं वत्थू पण्णत्ता / पञ्चक्खाणपुवस्स णं वीसं वत्थू पण्णत्ता। विजाणुप्पवायपुवस्स णं पण्णरस वत्थू पण्णत्ता / अवंझपुवस्स णं बारस वत्थू पण्णत्ता / पाणाउपुवस्स णं तेरस वत्थू पण्णत्ता। किरियाविसालपुव्वस्स णं तीसं वत्थू पण्णत्ता / लोकबिंदुसारपुवस्स णं पणुवीसं वत्थू पण्णत्ता, गाहा-दस 1 चोद्दस 2 अट्ठ 3 इट्टा-, रस्रव 4 वारस 5 दुवे 6 य वत्थूणि / सोलस 7 तीसा 8 वीसा 9, पण्णरस 10 अणुप्पवायम्मि // 89 // बारस इक्कारसमे, वारसमे तेरसेव वत्थूणि / तीसा पुण तेरसमे, चोद्दसमे पण्णवीसाओ // 90 // चत्तारि 1 दुवालस 2 अट्ठ 3 चेव, दस 4 चेव चुलवत्थूणि / आइल्लाण चउण्हं, सेसाणं चूलिया णस्थि // 91 // सेत्तं पुव्वगए 3 // से किं तं अणुओगे ? अणुओगे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-मूलपढमाणुओगे, गंडियाणुओगे य / से किं तं मूलपढमाणुओगे ? मूलपढमाणुओगे णं अरहंताणं भगवंताणं पुव्वभवा, देवगमणाई, आउं, चवणाई, जम्मणाणि, अभिसेया, रायवरसिरीओ, पव्वजाओ, तवा य उग्गा, केवलणाणुप्पयाओ, तित्थपवत्तणागि य, Page #600 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नंदीसुत्तं-सुयणाणं 1191 सीसा, गणा, गणहरा, अजपवत्तिणीओ, संघस्स चउव्विहस्स जं च परिमाणं, जिणमणपजवओहिणाणी, सम्मत्तसुयणाणिणो य, वाई, भणुत्तरगई य, उत्तरवेउविणो य मुणिणो, जत्तिया सिद्धा, सिद्धिपहो जह देसिओ, नच्चिरं च कालं, पाओवगया जे जहिं जत्तियाई भत्ताई अणसणाए छेइत्ता अंतगडे, मुणिवरुत्तमे, तिमिरओघविप्पमुक्के, मुक्खसुहमणुत्तरं च पत्ते, एवमण्णे य एवमाइभावा मूलपढमाणुओगे कहिया, सेत्तं मूलपढमाणुओगे।से किं तं गंडियाणुओगे ? गंडियाणुओगे कुलगरगंडियाओ, तित्थयरगंडियाओ, चकवष्टिगंडियाओ, दसारगंडियाओ, बलदेवगंडियाओ, वासुदेवगंडियाओ, गणधरगंडियाओ, भद्दबाहुगंडियाओ; तवोकम्मगंडियाओ, हरिवंसगंडियाओ, उस्सप्पिणीगंडियाओ, ओसप्पिणीगंडियाओ, चित्तंतरगंडियाओ, अमरणरतिरियणिरयगइगमणविविहपरियणेसु एबमाइयाओ गाँडयाओ आपविज्जंति, पण्णविज्नंति, सेत्तं गंडियाणुओगे, सेत्तं अणुओगे 4 / से किं तं चूलियाओ ? चूलियाओ-आइल्लाणं चउण्हं पुवाणं चूलिया, सेसाई पुव्वाई अचूलियाई, सेत्तं चूलियाओ 5 / दिट्ठिवायस्स णं परित्ता वायणा, संखेजा भणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा; संखेजाओ पडिवत्तीओ; संखेजाओ णिज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ। से गं अंगट्टयाए बारसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे; चोद्दस पुवाई, संखेजा वत्थू , संखेजा चूलवत्थू , संखेजा पाहुडा, संखेजा पाहुडपाहुडा, संखेजाओ पाहुडियाओ, संखेजाओ पाहुडपाहुडियाओ, संखेजाई पयसहस्साई पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा; अणंता थावरा, सासयकडणिबद्धणिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णविज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जति / से एवं आया, एवं गाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ / सेत्तं दिट्ठिवाए 12 // 57 / / इच्चेइयंमि दुवालसंगे गणिपिडगे अणंता भावा, अणंता अभावा, अणंता हेऊ, अगंता अहेऊ, अणंता कारणा, अणंता अकारणा, अणंता जीवा; अणंता अजीवा; अणंता भवसिद्धिया; अणंता अभवसिद्धिया; अणंता सिद्धा, अणंता असिद्धा पण्णत्ता-भावमभावा हेउमहेऊ; कारणमकारणे चेव / जीवाजीवा भविय-ममविया सिद्धा असिद्धा य // 92 // इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं तीए काले अणंता जीवां आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियट्टिसु / इच्चेइयं दुवालसंगं गणि पिडगं पडुप्पण्णकाले परित्ता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियस॒ति / इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अणंता Page #601 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1162 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जीवा आणाए विराहित्ता चाउरतं संसारकंतारं अणुपरियट्टिम्मति / इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं तीए काले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं वीईवइंसु / इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिड़गं पडुप्पण्णकाले परित्ता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं वीईवयंति। इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडंग अणागए काले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं वीईवइ. स्संति / इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं ण कयाइ गासी, म कयाइ म भवइ, ण ‘कयाइ ण भविस्सइ, भुवि च, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे, णियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्टिए, णिच्चे / से जहाणामए पंचस्थिकाए म कयाइ णासी, ण कयाइ णत्यि, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुवि च, भवइ य भविस्सइ य, धुवे, शियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, णिच्चे, एवामेव दुवालसंगं गणिपिडगंण कयाइ मासी, ण कयाइ णस्थि, ण कयाइ ण भविस्सइ, भुवि च, भवइ य, भविस्सइ य, धुके, णियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, णिच्चे / से समासओ चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दवओ णं सुयणाणी उवउत्ते सव्वदव्वाई जाणइ पासइ / खित्तओ णं सुयणाणी उवउत्ते सव्वं खेत्तं जाणइ पासइ / कालओ णं सुयणाणी उवउत्ते सव्वं खेत्तं जाणइ पासइ / भावओ गं सुयणाणी उवउत्ते सव्वे भावे जाणइ पासइ // 58 // अक्स्वर सण्णी सम्म, साइयं खलु सपजवसियं च / गमिय अंगपविटुं, सत्तवि एए सपडिवक्खा // 93 / / आगमसत्थग्गहणं, जं बुद्धिगुणेहिं अट्टहिं दिटुं / बिति सुयणाणलंभं, तं पुव्वविसारया धीरा // 94 // सुस्सूसइ 1 पडिपुच्छइ 2 सुणेइ 3 गिण्हइ 4 य ईहए यावि 5 / तत्तो अपोहए 6 वा, धारेइ 7 करेइ वा सम्मं 8 // 95 // मूयं हुंकारं वा, बाढक्कारं पडिपुच्छ वीमंसा / तत्तो पसंगपारायणं च, परिणिट्ट सत्तमए // 96 // सुत्तत्थो खलु पढमो, बीओ णिज्जुत्तिमीसिओ भणिओ। तइओ य गिरवसेसो, एस विही होइ अणुओगे // 97 // सेत्तं अंगपविटुं / सेत्तं सुयणाणं / सेत्तं परोक्खणाणं / सेत्तं गंदी // 59|| // नंदीसुत्तं समत्तं // Page #602 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं णाणं पंचविहं पण्णत्तं / तंजहा-आभिणिबोहियणाणं 1 सुयणाणं 2 ओहिणाणं 3 मणपजवणाणं 4 केवलणाणं 5 // 1 // तत्थ चत्तारि णाणाई ठप्पाई टवणिजाई, णो उद्दिसिज्जति', णो समुद्दिसिज्जति, णो अणुण्ण विज्जति / सुयणाणस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ // 2 // जइ सुयणाणस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ, किं अंगपविट्ठस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ ? किं अंगबाहिरस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ ? अंगपविट्ठम्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ अँणंगपविट्टम्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ / इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च अणंगपविट्ठस्से अणुओगो // 3 // जइ अणंगपविट्ठस्म अणुओगो, किं कालियस्स अणुओगो ? उक्कालियस्स अणुओगो ? कालि. यस्स वि अणुओगो, उकालियस्स वि अणुओगो। इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च उक्कालियस्स अणुओगो // 4 // जइ उक्कालियस्स अणुओगो, किं आवस्सस्स अणुओगो! आवस्सगवइरित्तस्स अणुओगो ? आवस्सगस्स वि अणुओगो, आवम्सगवइरित्तस्स वि अणुओगो / इमं पुण पट्ठवणं पडुच्च आवस्सगस्स अणुओगो // 5 // जह आवस्सगस्स अणुओग्ने, किं णं अंगं ? अंगाई ? सुयखंधो ? सुयखंधा ? अज्झ. यणं ? अज्झयणाइं ? उद्देसो ? उद्देसा ? आवस्सँयं णं णो अंगं, णो अंगाई, सुय. खंधो, णो सुयखधा, गो अज्झयणं, अज्झयणाई, णो उद्देसो, णो उद्देसा // 6 // तम्हा आवस्सयं णिविखविस्सामि, सुयं णिक्खिविस्सामि, खंध णिविखविस्सामि, अज्झयणं णिक्खिविस्सामि / गाहा-जत्थ य ज जाणेजा, णिक्खेवं णिविन्द वे हिरवसेसं / जत्थ वि य ण जाणेजा, चउक्कयं णिविखवे तत्थ // 1 // 7 // से किं तं आवस्सयं ? आवस्सयं च उव्विहं पण्णत्तं / तंजहा-णामावस्सय 1 ठवणावस्सयं 2 दव्यावस्सयं 3 भावावस्सयं 4 // 8 // से किं तं णामाघस्सयं ? णामावस्सयंजस्स णं जीवस्स वा, अजीवस्स वा, जीवाण वा, अजीवाण वा, तदुभयस्स वा, तंदुभयाण वा, 'आवस्सए' त्ति णामं कजइ / सेत्तं णामावस्सय // 9 // से किं तं पाढंतरं-१ उद्दिस्संति / 2 समुद्दिस्संति / 3 अंगबाहिरस्स वि / 4 अंगवाहि रस्स / 5 अंगवाहिरस्स / 6 आवस्सयं किं / 7 आवस्सयस्स / Page #603 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1194 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ठवणावस्वयं 1 टवणावस्सयं-जं णं कट्टकम्मे वा, पोत्थकम्मे वा, चित्तकम्मे वा, लेप्पकम्मे वा, गंथिमे वा, वेढिमे वा, पूरिमे वा, संघाइमे वा, अक्खे वा, वराडए वा, एगो बा, अणेगो वा, सम्भावठवणा वा, असन्भावटवणा वा; 'आवस्सए' त्ति ठवणा ठविजइ / सेत्तं ठवणावस्सयं // 10 // णामट्ठवणाणं को पइविसेसो ? णामें आवकहियं, ठबणा इत्तरिया वा होजा, आवकहिया वा // 11 // से किं तं दव्यावस्सयं ? दव्वावस्सयं दुविहं पण्णत्तं / तंजहा-आगमओ य 1 गोआगमओ य 2 // 12 // से किं तं आगमओ दव्वाबस्सयं ! आगमओ दव्वावस्सयं-जस्स णं 'आवस्सए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं, णामसमं, घोससमं, अहीणक्खरं, अणचक्खरं, अव्वाइद्धक्खरं, अक्खलियं, अमिलियं, अवच्चामेलियं, पडिपुण्णं, पडिपुण्णघोसं, कंठोढविप्पमुक्कं, गुरुवायणोषगयं, से णं तत्थ वायणाए, पुच्छणाए, परियट्टणाए, धम्मकहाए, णो अणुप्पेहाए / कम्हा ? 'अणुवओगो' दव्बमिति कटु / णेगमस्स णं एगो अणुवउत्तो, आगमओ एगं दव्वावस्सयं, दोणि अगुव उत्ता, आगमओ दोण्णि दव्वावस्सयाई, तिणि अणुवउत्ता, आगमओ तिण्णि दव्वावस्सयाई, एवं जावइया अणुवउत्ता भागमओ तावयाइं दवावस्सयाई। एवमेव ववहारस्स वि / संगहस्स णं एगो वा अणेगो वा अणुवउत्तो वा अणुवउत्ता वा आगमओ दब्बावस्सयं दवावस्सयाणि वा, से एगे दवावस्सए / उज्जुसुयस्स एगो अणुब उत्तो आगमओ एग दवावस्सयं, पुहुत्तं णेच्छइ / तिण्हं सद्दणयाणं जाणए अणुवउत्त अवत्थु / कम्हा? जइ जाणए, अणुवउत्तं ण भवइ, जइ अणुवउत्तं, जाणए ण भवइ, तम्हा णस्थि आगमओ दवावस्सयं / सेत्तं आगमओ दव्वावस्सयं // 13-14 // से किं तं णोआगमओ दव्वावस्सयं ? णोआगमओ दवावस्सयंतिविहं पण्णत्तं / तंजहा-जाणयसरीरदव्वावस्सयं 1 भवियसरीरदव्वावस्सयं 2 जाणयसरीरभवियसरीरवहरित्तं दव्वावस्सयं 3 // 15 // से किं तं जाणयसरीरदव्वावस्सयं ? जाणयसरीरदव्वावस्सयं-'आवस्सए'त्ति पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगय चुयचाविषचत्तदेहं, जीवविप्पजाँ, सिजागयं वा, संथारगयं वा, णिसीहियागयं वा, सिद्ध सिलातलगयं वा पासित्ता णं कोई भणे(वए)जा-अहो ! णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिण दिटेणं भावेणं 'आवस्सए' त्ति पयं आधवियं, पण्णवियं, परूवियं, दंसिय, णिदंसियं, उवदंसियं / जहा को दिटुंतो? अयं महुकुंभे आसी, अयं घयकुंभे आसी / से तं जाणयसरीरदव्वावस्सयं // 16 // से किं तं भवियसरीरदव्वावरस्य ? भवियसरीरदव्वावस्सयं-जे जीवे जोणिजम्मणणिवखंते, इमेणं चेव आरए सरीर Page #604 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अणओगदारसुत्तं-भावावस्सयभेया 1195 समुस्सएणं जिगोवदिटेणं भावेणं 'आवस्सए' त्ति पयं सेयकाले सिविखस्सइ ण ताव सिक्खइ / जहा को दिलुतो? अयं महुकुंभे भविस्सइ, अयं घयकुंभे भविस्सइ / सेस 'भवियसरीरदव्यावस्सयं // 17 // से किं तं जाणयसरीरभवियसरीवरितं दवावस्सयं ? जाणवसरीरभवियसरीरवहरितं दवावस्सयं तिविहं पण्णत्तं / तंजहा-लोइयं 1 कुम्पावयणियं 2 लोउत्तरियं 3 // 18 // से किं तं लोइयं दवावस्सयं ? लोइयं दव्यावस्सयं-जे इमे राईसरतल्वरमाडंबियकोडुंबियइब्भसेट्टिसेणाः इसत्यवाह पभिइओ कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए सुविमलाए फुल्लुप्पलकमलकोमम्मिलिग्मि अहा. पंडुरे पंभाए रत्तासोगपगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरण लिणिसंडबोहए उद्वियम्मि सूरे सहस्सरस्तिम्मि दिगयरे तेयसा जलंते मुहधोयणदंतपक्खालणतेल्लफणिह सिद्धत्थयहरियालियअद्दागधूवपुप्प.मलगंधतंबोलवत्थाश्याई दव्वावरसयाई करेंति, तओ पच्छा रायकुलं वा देवकुलं वा आरामं वा उजाणं वा सभं बा पर्व वा गच्छंति / सेत्तं लोइयं दवावस्सयं // 19 // से किं तं कुप्पावयणियं दव्यावस्सयं ? कुप्पावयणियं दैव्वावस्सयं-जे इमे चरगची रिगचम्मखंडिय भिवखोंडपंडुरंगगोयमगोव्बइयगिहिधम्मधम्मचिंतगअविरुद्ध विरद्धवुडसावगैपमिदओ पासंडत्था कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए नाब तेयसा जलंते, इंदस्स वा, खंदस्स वा, रुद्दस्स वा, सिवस्स बा, वेसमणस्स वा, देवस्स वा, णागस्स वा, जवखस्स वा, भूयस्स वा, मुगुदस्स वा, अजाए का, दुग्गाए वा, कोट्टकिरियाए वा, उवलेवणसमजणआवरिसणधूवपुष्फगंधमल्लाइयाई दवावस्सयाई करेंति / सेन्तं कुप्पावयणि यं दव्वावरसयं // 20 // से किं तं लोगुत्तरियं दव्वावस्यं ? लोगुत्तरियं दव्वावस्सयं-जे इमे समणगुणमुक्कजोगी, छकायणिरणुकंपा, हया इव उद्दामा, गया इव णिरंधुसा, घट्ठा, मट्ठा, तुप्पोट्ठा, पंडरपडपाउरणा, जिणाणमणाणाए सच्छंदं विहरिऊणं उ ओ-कालं आवस्सयस्स उवटुंति / सेत्तं लोगुत्तरियं दबावस्सयं / सेत्तं जाणयसरीरमवियसरी रवइरित्तं दव्वावस्सयं / सेतं णोआगमओ दवावस्सयं / सेत्तं दवावर सयं // 21 // से किं तं भावावस्सयं ? भावावस्सयं दुविहं पण्णत्तं / तंमहा-आगमओ य 1 णोआगमओ व 2 // 22 / / से किं तं आगमओ भावावस्सयं ? आगमओ भावावस्सयं जाणए उवउत्ते / सेत्तं आगमओ भावावस्सयं // 23 // से किं तं णोआगमओ भावावस्सयं ? 1 भरहसमए जेण कइवया सावया पच्छा बंभणा नाया तेण बंभणा वुडसाव गत्ति बुच्चंति / 2 देवीणाममिमं / Page #605 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1166 अनंगपविट्ठसुत्ताणि णोआममओ भावावस्सयं तिविहं पण्णत्तं / तंजहा-लोइयं 1 कुप्पावयणिय 2 लोगु. त्तरियं 3 // 24 // से किं तं लोइयं भावावस्सयं ? लोइयं भावावस्सयं-पुटवण्हे भारहं, अवरण्हे रामायणं / सेत्तं लोइयं भावावस्सयं // 25 // से किं तं कुप्पावयणियं भावा वस्सयं ! कुप्पावयणियं भावावस्सयं-जे इमे चरगचीरिंग जाव पासंडत्था इज्जंजलि' होमजपोंदुरुक्कणमुकारमाइयाई भावावस्सयाई करेंति / सेत्तं कुप्पावयणियं भावावरसय // 26 // से किं तं लोगुत्तरियं भावावस्सय ? लोगुत्तरियं भावावस्सयं-जे(जस)णं इमे-- समणे वा, समणी वा,सावओवा, सावियावा, तच्चित्ते, तम्मणे, तल्लेसे,तदझवसिए तत्तिव्वज्झवसाणे, तदट्ठोवउत्ते', तदप्पियकरणे, तब्भावणाभाविए, अप्णत्थ कत्था मणं अकरेमाणे उभओ-कालं आवस्सयं करे[न्ति]इ / सेत्तं लोगुत्तरियं भावावस्सयं / सेत्तं णोआगमओ भावावस्सयं / सेत्तं भावावस्सध्यं // 27 // तम्स णं इमे एगट्टिया णाणाघोसा णाणावंजणा णामधेजा भवंति; तंजहा-गाहा-आवस्यं अवस्संकरणिज, धुवणिग्गहो विसोही य / अज्झयणछक्कवेग्गो, जाओ आराणा मग्गो // 1 // समणेणं सावरण य, अवस्स कायव्वयं हवइ नम्हा / अंतो अहोणिसस्स य, तम्हा 'आवस्सयं' णाम // 2 // सेत्तं आवस्सयं // 28 ॥से किं तं सुयं ? सुयं चउविहं पण्णत्तं / तंजहा-णामसुयं 1 ठवणासुयं 2 दव्वसुयं 3 भावसुयं 4 // 29 // से किं तं णामसुयं ?णामसुयं-जस्स णं जीवस्स वा जाव 'सुए' त्ति णामं कजइ / सेत्तं णामसुयं // 30 // से किं तं ठवणासुयं ? ठवणासुयं-जं णं कट्टकम्मे वा जाव ठवणा ठविजह / सेत्तं ठवणासुयं // 31 // णामठवणाणं को पइविसेसो ? णामं आवकहियं, ठवणा इत्तरिया वा होजा, आवकहिया वा // 32 // से किं तं दव्वसुयं ? दव्वसुयं दुविहं पण्णत्तं तंजहा-आगमओ य 1 णो आगमओ य 2 // 33 // से किं तं आगमओ दव्वसुयं ? आगमओ दव्वसुयं-जस्स णं 'सुए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं नाव णो अणुप्पेहाए / कम्हा ? अणुवओगो' दव्वमिति कटु / णेगमस्स णंएगो अणुवउत्तो आगमओ एगं दव्वसुयं जाव तिण्हं सद्दणयाणं जाणए अणुवउत्ते अवत्थु / कम्हा ? बड जाणए, अणुवउत्ते ण भवइ, नइ अणुवउत्ते, जाणए ण भवइ, तम्हा णस्थि आगमओ दव्वसुयं / सेत्तं आगमओ दव्वसुयं // 34 // से किं तं णोआगमओ दव्वसुयं ? णोआगमओ दव्वसुयं तिविहं पण्णत्तं / तंजहा-जाणयसरीरदव्वसुयं 1 भवियसरीरदव्वसुयं 2 जाणयसरीरभवियसरीखरित्तं दव्वसुयं 3 // 35 / / से कि 1 जिणबयणधम्माणुरागरत्तमणे। Page #606 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अणुओगदारसुत्तं-सुयणामधेज्जा 1197 तं जाणयसरीरदव्वसुयं ? जाणयसरीरदव्वसुयं-'सुय' त्ति पयत्याहिगारजाणयस्स बं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं जाव पासित्ता णं कोई भणेजा-अहो ! णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिट्टेणं भावेणं 'सुय' त्ति पयं आघवियं जाव अयं घयकुंभे आसी / सेत्तं जाणयसरीरदव्वसुयं // 36 // से किं तं भवियसरीरव्वसुयं ? भवियसरीरदव्वसुयं-जे जीवे जोणिजम्मणणिवखते जाव जिणोवदिटेणं भावेणं 'सुय' त्ति पयं सेयकाले सिक्खिस्सइ जाव अयं घयकुंभे भविस्सइ / सेत्तं भवियसरीरदव्व. सुयं // 37 // से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवरितं दव्वसुयं ? नाणयसरी रमवियसरीरवइरित्तं दव्वसुयं पत्तयपोत्थयलिहियं / अहवा जाणयसरीरमवियसरीरवहरितं दव्वसुयं पंच विहं पण्णत्तं / तंजहा-अंडयं 1 बोंडयं 2 कीडयं 3 वालयं 4 वागयं 5 / से किं तं अंडयं ? अंडयं हंसगन्भाइ / से किंत बोंडयं ? बोंडयं कप्पासमाइ / से किं तं कीडयं कीडयं पंचविहं पण्णत्तं / तंजहा-पट्टे 1 मलए 2 अंसुए 3 चीणंसुए 4 किमिरागे 5 / से किं तं वालयं 1 वालयं पंचविहं पण्णत्तं / तं०-उण्णिए 1 उट्टिए 2 मियलोमिए 3 कोतवे 4 किट्टिसे 5 / से किं तं वागय ? वागयं सणमाइ / सेत्तं जाणय. सरीरभवियसरीरवहरित दव्वसुयं / सेत्तं णोआगमओ दव्वसुयं / सेत्तं दव्वसुयं // 38 // से किं तं भावसुयं ? भावसुयं दुविहं पण्णत्तं / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 // 39 // से किं तं आगमओ भावसुयं ? आगमओ भावसुयं नाणए उवउत्ते / सेत्तं आगमओ भावसुयं // 40 // से किं तं णोआगमओ भावसुय ? णोआगमओ भावसुयं दुविहं पण्णत्तं / तंजहा लोइयं 1 लोगुत्तरियं च 2 // 41 // से किं तं लोइयं णोआगमओ भावसुयं ? लोइयं णोआर्गमओ भावसुयं-जं इमं अण्णाणिएहि मिच्छदिट्ठीहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पिय तंजहा-भारहं, रामायणं, भीमासुस्वकं, कोडिल्लयं, घोडयमुहं, सगडभद्दियाउ, कप्पासियं, णागसुहुमं, कणगसत्तरी, वेसियं वइसे सियं, बुद्धसासणं, काविलं, लोगायतं, सट्ठियंतं, माढरपुराणवागरणणाडगाई, अहवा बावतरिकलाओ, चत्तरि वेया संगोवंगा। सेत्तं लोइयं णोआगमओ भावसुयं // 42 // से किं तं लोउत्तरियं णोआगमओ भावसुयं ? लोउत्तरियं णोआगमओ भावसुयं-जं इमं अरिहंतेहिं भगवंतेहिं, उप्पण्णणाणदंसणधरेहि, तीयपन्चुप्पण्णमणागयजाणएहि, सवण्णूहिँ सव्वदरिसीहि, तिलुक्कवहियमहियपृइए हिं, अप्पडिहयवरणाणदंसणधरेहि, पणीयं दुवालसंगं गणिपिडगं / तंजहा- आयारो 1 सूयगडो 2 ठाणं 3 समवाओ४ विवाहपण्णत्ती 5 णायाधम्मकहाओ 6 उवासगदसाओ 7 अंतगडदसाओ 8 अणु Page #607 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1198 अनंगपविट्ठसुत्ताणि त्तरोवबाइयदसाओ 9 पण्हावागरणाई 10 विवागसुयं 11 दिट्ठिवाओ य 12 / सेत्तं लोउत्तरियं णोआगमओ भावसुयं। सेत्तं णोआगमओ भावसुयं / सेत्तं भावसुयं // 43 // तस्स णं इमे एगट्ठिया णाणाघोसा णाणावंजणा णामघेजा भवंति; तेजहा-गाहा-. सुयसुत्तगंथसिद्धंतसासणे, आणवयण उवएसे / पण्णवण आगमे वि य, एगट्ठा पजवा सुत्ते // 1 // सेत्तं सुयं // 44 // से किं तं खंधे ? खधे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामखंधे 1 ठवणाखंधे 2 दव्वखंधे 3 भावखधे 4 // 45 // णामट्ठवणाओ पुब्वभणियाणुक्कमेण भाणियव्वाओ // 46 // से किं तं दव्वखंधे ? दव्वखंधे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ दव्यखंधे ? आगमओ दबखंधे-जस्सणं 'खंधे'त्ति पयं सिक्खियं जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वखंधे णवरं खधाभिलावो / से किं तं जाणयसरीरभबियसरीरवरित्ते दव्वखंधे ? जाणय. . सरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वखंधे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-सचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए 3 // 47 // से किं तं सचित्ते दव्वखंधे ? सचित्ते दव्वखंधे अणेगविहे पण्णत्ते। तंजहा-हयखंधे, गयखंधे, किण्णरखंधे, किंपुरिसखंधे; महोरगखंधे;गंधव्वखंधे, उसभखधे / सेत्तं सचित्ते दव्वखंधे // 48 // से किं तं अचित्ते दब्बखंधे ? अचित्ते दव्वखंधे अणेगविहे पण्णत्ते।तंजहा-दुपए सिए,तिपए सिए जाव दसपए सिए, संखिजपए सिए; असंखिजपएसिए, अणंतपए सिए / सेत्तं अचित्ते दव्वखंधे ||49 / / से किं तं मीसए दव्वखंधे ? मीसए दव्वखंधे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-सेणाए अग्गिमे खंधे, सेणाए मज्झिमे खंधे, सेणाए पच्छिमे खंधे। सेत्तं मीसए दव्वखंधे // 50 // अहवा जाणयसरीरभवियसरीरबारित्ते दव्वखंधे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-कसिणखंधे 1 अकसिणखंधे 2 अणेगदवियखधे 3 // 51 // से किं तं कसिणवंधे ? कसिणखंधे-से चेव हयखंधे, गयखंधे जाव उसभखंधे। सेत्तं कसिणखंधे // 52 // से किं तं अकसिणखंधे? अकसिणखंधे-से चेव दुपए सियाइ खंधे जाव अणंतपए सिए खंधे / सेत्तं अकसिणखंधे // 53 // से किं तं अगदवियखंधे ? अणेगदवियखंधे-तस्स चेव देसे अवचिए तस्स चेव देसे उवचिए। सेत्तं अणेगदवियखंधे / सेत्तं माणयसरीरभवियसरीरबह रित्तेदव्वखंधे / सेत्तं णोआगमओ दव्वखंधे / सेत्तं दव्वखंधे // 54 // से किं तं भावखंधे ? भावखंधे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 // 55 // से किं तं आगमओ भावखंधे ? आगमओ भावखंधे जाणए उक्उत्ते / सेत्तं आगमओ भावखंधे // 56 // से किं तं णोआगमओ भावखंधे ? णोआगमओ भावखंधेएएसिं चेव सामाइयमाइयाणं छण्हं अज्झयणाणं समुदयसमिइसमागमेणं आवस्सय. Page #608 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ अणुओगदारसुत्तं-दव्वोवक्कमे 1199 सुयखंधे 'भावखंधे' त्ति लभइ / सेत्तं णोभागमओ भावखंधे / सेत्तं भावखंधे // 55 // तस्स गं इमे एगट्ठिया गाणाघोसा णाणावंजणा णामधेजा भवंति, तनहा-गाहागण काए य णिकाए, खंधे बग्गे तहेव रासी य / पुंजे पिंडे णिगरे, संघाए भाउल. समूहे // 1 // सेत्तं खंधे // 58 // आवस्सगस्स णं इमे अस्थाहियारा भवंति, तंजहा—गाहा–सावजनोगविरई, उविकत्तण गुणवओ य पडिवत्ती / खलियस्स णिदणा, वणतिगिच्छे गुणधारणा चेर्व // 1 // 59 // गाहा-आवस्सयस्स एसो, पिंडत्थो वण्णिओ समासेणं / एत्तो एक्केवकं पुण, अज्झयणं कित्तइस्सामि // 1 // तंजही-सामाइयं 1 चउवीसत्थओ 2 वंदणयं 3 पडिक्कमणं 4 काउस्सग्गो 5 पच्चक्खाणं 6 / तत्थ पढमं अज्झयणं सामाइयं / तस्स णं इमे चत्तारि अणुओगदारा भवंति, तंजहा-उवक्कमे 1 णिक्खेवे 2 अणुगमे 3 गए 4 // 60 // से किं तं उवक्कमे ? उवक्कमे छबिहे पण्णत्ते / तंजहा-णामोवक्कमे 1 टवणोक्कमे 2 दव्वोवक्कमे 3 खेत्तोवक्कमे 4 कालोवक्कमे 5 भावोवक्कमे 6 / णामटवणाओगयाओ। से किं तं दव्योवकमे ? दवोवक्कमे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ व 1 गोआगमओ य 2 भाव सेत्तं भवियसरीरदवोवक्कमे / से किं तं जाणगसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वोवक्कमे ? जाणगसरीरभवियसरी रवइरित्ते दवोवक्कमे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-सचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए 3 // 6 // से किं तं सचित्ते दव्वोवक्कमे ? सचित्ते दव्योवक्कमे तिविहे पण्णत्ते / तनहा-दुप(ए)याणं 1 चउप्पयाणं 2 अपयाणं३ / एक्केक्के पुण दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-परिक्कमे य 1 वत्थुविणासे य 2 // 62 / / से किं तं दुपयाणं उवक्कमे 1 2 दुपयाणं-णडाणं, गट्टाणं, जल्लाणं, मल्लाणं, मुट्ठियाणं, वेलंबगाणं, कहगाणं, पवगाणं, लासगाणं, आइवखगाणं, लंखाणं, मंखाणं, तूणइलाणं, तुंबवीणियाणं, का(वडि)वोयाणं, मागहाणं / सेत्तं दुपयाणं उवक्कमे / // 63 // से किं तं च उप्पयाणं उवक्कमे ? 2 चउप्पयाणं-आसाणं, हत्थीणं; इच्चाइ / सेत्तं चउम्पयाणं उवक्कमे ॥६४॥से किं तं अपयाणं उवक्कमे 12 अपयाणं-अंबाणं, अंबाडगाणं, इच्चाइ / सेत्तं अपओवकमे / सेत्तं सचित्तदत्वोवक्कमे // 65 // से किं तं अचित्तदव्योवक्कमे ? अचित्तदव्योवक्कमे-खंडाईणं, गुडाईणं, मच्छंडीणं / सेत्तं अचित्तदव्वोक्कमे // 66 // से किं तं भीसए दव्वोक्कमे ? मीसए दव्योवक्कमेसे चे। थासगआयंसगाइमंडिए आसाइ / सेत्तं मीसए दवावक्कमे / सेत्तं माणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वोवक्कमे / सेत्तं णोआगमओ दव्योवक्कमे / सेत्तं दव्यो Page #609 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1200 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वक्कमे // 67 // से किं तं खेत्तोवक्कमे ? खेत्तोवक्कमे-जं णं हलकुलियाई हिं खेत्ताई उवक्कमिज्जति / सेत्तं खेत्तोवक्कमे // 68 // से किं तं कालोवक्कमे ? कालोवकमेजं णं णालियाईहिं कालस्सोवक्कमणं कीरइ / सेत्तं कालोवकमे // 69 // से किं तं. भावोवक्कमे 1 भावोवक्कमे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-आगमओय १णोआगमओ य 2 // तत्थ आगमओ जाणए उवउत्ते / से किं तं णोआगमओ भावोवक्कमे ? णोआगमओ भावोवक्कमे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-पसत्थे य 1 अपसत्थे य 2 / से किं तं अपसत्थे णोआगमओ भावोक्कमे 1 अपसत्थे णोआगमओ भावोवक्कमे डोडिणिगणियाअमच्चाईणं से किं तं पसत्ये णोआगमओ भावोवक्कमे ? पसत्थे.गुरुमाईणं / सेत्तं णोआगमओ भावोवक्कमे / सेत्तं भावोवक्कमे / सेत्तं उवक्कमे // 70 // अहंवा उवक्कमे छविहे पण्णत्ते / तंजहा-आणुपुव्वी 1 णामं 2 पमाणं 3 वत्तव्धया 4 अत्थाहिगारे 5 समोयारे 6 // 71 // से किं तं आणुपुवी ? आणुपुव्वी दसविहा पण्णत्ता / तंजहा-णामाणुपुत्वी 1 ठवणाणुपुब्बी 2 दव्वाणुपुव्वी 3 खेत्ताणुपुवी 4 कालाणुपुव्वी 5 उक्कित्तणाणुपुवी 6 गणणाणुपुत्वी 7 संठाणाणुपुव्बी 8 सामायारीआणुपुव्वी 9 भावाणुपुची 10 ॥७२॥णामठवणाओ गयाओ।से किं तं दव्वाणुपुब्बी ? दवाणुपुची दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-आगमओ य १णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ दव्वाणुपुत्वी ? आगमओ दव्वाणुपुव्वी-जस्स णं 'आणुपुवि' त्ति पयं सिविखंयं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव णो अणुप्पेहाए / कम्हा ? 'अणुवओगो' दवमिति कटु / णेगमस्स णं एगो अणुवउत्तो आगमओएगा दव्वाणुपुची जाव जाणए अणुवउत्ते अवत्थु / कम्हा? जइ जाणए, अणुवउत्ते ण भवइ, जइ अणुवउत्ते, जाणए ण भवइ, तम्हा णत्थि आगमओ दव्वाणुपुव्वी / सेत्तं आगमओ दव्वाणुपुवी / से किं तं णोआगमओ दव्वाणुपुब्धी ? णोआगमओ दव्वाणुपुवी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-जाणयसरीरदवाणुपुन्वी 1 भवियसरीरदव्वाणुपुब्धी 2 जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दवाणुपुवी 3 / से किं तं जाणयसरीरदव्याणुपुवी ? 'आणुपुत्वि' पयत्याहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं सेसं जहा दव्यावस्सए तहा भाणियव्वं जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी। से किं तं भवियसरीरदव्वाणुपुत्वी ? भवियसरीरदव्वाणुपुवी-जे जीवे जोणीजम्मणणिक्खते सेसं जहा दवावस्सए जाव सेत्तं भवियसरीरदबाणुपुवी। से किं तं जाणयसरीरमवियसरीवइ रित्ता दव्याणुपुत्वी ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दबाणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-उवणि हिया य 1 Page #610 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. अणुओगदारसुत्तं-आणुपुव्वी 1201 अणोवणिहिया य 2 / तत्थ णं जा सा उवणिहिया सा ठप्पा। तत्थ णं जा सा अणोवणिहिया सा दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-णेगमववहाराणं 1 संगहस्स य 2 // 73 // से किं तं णेगमबवहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुची ?णेगमववहाराणं अणोवणि हिया दव्वाणुपुब्बी पंचविहा पण्णत्ता। तंजहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगसमुक्कित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 समोयारे 4 अणुगमे 5 // 74 // से किं तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ? णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया-तिपए सिए जाव दसपए सिए आणुपुब्बी, संखिजपए सिए आणुपुब्बी, असंखिजपए सिए आणुपुवी, अणंतपए सिए आणुपुब्वी, परमाणुपोग्गले अणाणुपुब्धी, दुपए सिए अवत्तव्वए, तिपए सिया आणुपुन्वीओ जाव अणंतपएसियाओ आणुपुत्वीओ, परमाणुपोग्गला अणाणुपुत्वीओ, दुपएसियाई अवत्तव्वयाई / सेत्तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया // 75 // एयाए णं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ? एयाए णं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुश्कित्तगया कजइ // 76 // से किं तं गमववहाराणं भंगसमुक्कित्तर्णया ? णेगमववहाराणं भंगसमुक्फित्तणया-अस्थि आणु. पुवी 1 अस्थि अणाणुपुव्वी 2 अस्थि अवत्तव्वए 3 अस्थि आणुपुत्वीओ 4 अस्थि अणाणुपुवीओ 5 अस्थि अवत्तव्वयाई 6 / अहवा अस्थि आणु पुत्वी य अणाणु. पुची य 1 अहवा अस्थि आणुपुची य अणाणुपुवीओ य 2 अहवा अत्थि आणुपुवीओ य अणाणुपुची य 3 अहवा. अस्थि आणुपुत्वीओ य अणाणुपुत्वीओ य 4 अहवा अस्थि आणुपुव्वी य अवत्तत्वए य 5 अहवा अस्थि आणुपुवी य अवत्तव्वयाई च 6 अहवा अस्थि आणुपुवीओ य अवत्तव्वए य 7 अहवा अस्थि आणुपुत्वीओ य अवत्तव्वयाइं च 8 अहवा अस्थि अणाणुपुत्वी य अवत्तत्वए य 9 अहवा अस्थि अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च 10 अहवा अस्थि अणाणुपुत्वीओ य अवत्तव्वए य 11 अहवा अस्थि अणाणुपुव्वीओ य अवत्तवयाइं च 12 / अहवा अस्थि आणुपुत्वी यं अणाणुपुत्वी य अवत्तव्वए य 1 अहवा अत्थि आणुपुवी य अणाणुपुव्वी.य अवत्तव्वयाई च 2 अहवा अस्थि आणुपुष्वी य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य 3 अहवा अस्थि आणुपुत्वी य अणाणुपुव्वीओ य . अवत्तव्वयाई च 4 अहवा अस्थि आणुपुत्वीओ य अणाणुपुत्वी य अवत्तव्वए य 5 अहवा अस्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुत्वी य अवत्तव्वयाई च 6 अहवा अस्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य 7 अहवा अत्थि आणु Page #611 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1202 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पुव्वीओ य अणाणुपुब्बीओ य अवत्तव्वयाई च 8 तिसंजोगे एए. अट्ठभंगा। एवं सव्वेऽवि छव्वीसं भंगा / सेत्तं णेगमबघहाराणं भंगसमुक्कित्तगया // 77 // एयाए णं णेगमववहाराणं मंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं 1 एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कीरइ // 78 // से किं तं गमववहाराणं भंगोवदसणया ? गमववहाराणं भंगोवदंसणया-तिपए सिए आणुपुत्वी 1 परमाणुपोग्गले अणाणुपुव्वी 2 दुपए सिए अवत्तव्वए 3 अहवा तिपए सिया आणु - पुवीओ 4 परमाणुगोग्गला अणाणुपुव्वीओ 5 दुपएसिया अवत्तव्वयाई 6 / अहवा तिपए सिए य परमाणुपुग्गले य आणुपुब्बी य अणाणुपुव्वी य चउभंगो 4 / अहवा तिपए सिए य दुपए सिए य आणुपुव्वी य अवत्तव्वए य चउभंगो 8 / अहवा परमाणुपोग्गले य दुपएसिए य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य चउभंगो 12 / अहवा निपए सिए य परमाणुपोग्गले य दुपए सिए य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य 1 अहवा तिपए सिए यं परमाणुपोग्गले य दुपए सिया य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च 2 अहवा. तिपए सिए य परमाणुपुग्गला य दुपए सिए य आणुपुब्वी य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य 3 अहवा तिपए सिए य परमाणुपोग्गला य दुपए सिया य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाई च 4 अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपए सिए य आणुपुवीओ य अगाणुपुब्वीओ य अवत्तव्वए य 5 अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपएसिया य आणुपुव्वीओ य अगाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च 6 अहवा तिपए सिया य परमाणुपोग्गला य दुपए सिए य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुवीओ य अवत्तव्वए य 7 अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुब्बीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाइं च 8 / सेत्तं णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया // 79 // से किं तं समोयारे ? समोयारे ( भणिजइ)। णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरंति ? णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाइं आणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति, णो अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, णो अवत्तव्वयदध्वेहि समोयरंति / णेगमववहाराणं अणाणुपुत्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुवीदम्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुवीदव्वेहि समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरंति ? णो आणुपुब्बीदव्वेहिं समोयरंति, अणाणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति, णो अवत्तव्वयं 1 अण्णायरिसे बारस भंगुल्लेहो लभइ / Page #612 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Xणुओगदारसुत्तं-दव्वाणुपुथ्वी 1203 दव्वेहि समोयरंति / णेगमववहाराणं अवत्तव्वयदत्वाई कहिं समोयरंति ? आणुपुची. दव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुत्वीदव्वेहि समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? जो आणुपुवीदव्वेहिं समोयरंति, णो अणाणुपुत्वीदवेहि समोयरंति, अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरंति / सेत्तं समोयारे // 80 // से किं तं अणुगमे ? अणुगमे णवविहे पण्णत्ते / तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया, दत्वपमाणं च वित्त पुसणा य / कालो य अंतरं भाग, भावे अप्पाबहुं चेव // 1 // 81 / / णेगमववहाराणं आणुपुवीदव्वाई किं अस्थि णस्थि ? णियमा अस्थि / णेगमववहाराणं अणाणु पुच्चीदत्वाई कि अस्थि णस्थि ? णियमा अस्थि / गमववहाराणं अवत्तत्वयावाई किं अस्थि गस्थि ? णियमा अस्थि ॥२॥णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाई किं संखिजाई ? असंखिजाई ? अणंताई ? णो संखिजाई, णो असंखिजाई, अणंताई / एवं अणाणु पुवीदवाई अवत्तव्वगदव्वाइंच अणंताई भाणियवाई // 83 / / णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्याई लोगस्स किं संखिजहभागे होजा ? असंखिजइभागे होजा ! संखेज्जेसु भागेसु होजी 1 असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा ? सव्वलोए होजा ? एगं दत्वं पडुच्च संखिजइभागे वा होजा, असंखिजहभागे वा होजा, संखेज्जेसु भागेसु वा होजा, असंखेज्जेसु भागेसु वा होजा, सव्वलोए वा होजा / णाणादव्वाइं पडुश्च णियमा सव्वलोए होजा। णेगमववहाराणं अणाणुपुत्वीदवाई किं लोयस्स संखिजइ. *गे होजा जाव सक्लोए होजा ? एगं दव्वं पडुच्च णो संखिज इभागे होजा, असंखिजहभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, णो सव्वलोए होजा। णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वलोए होजा / एवं अवत्तव्वगदव्वाई भाणियव्वाइं // 84 // गमववहाराणं आणुपुत्वीदवाई लोगस्स किं संखेजइभागं फुसंति ? असंखेजहभागं फुसंति ? संखेज्जे भागे फुसंति ? असंखेज्जे भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति ? एगं दव्वं पडुच्च लोगस्स संखेन्इभागं वा फुसंति नाव सव्वलोगं वा फुसंति / णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वलोगं फुसंति / णेगमववहाराणं अणाणुपुत्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखिजहभागं पुसति जाव सत्वलोगं फुसंति ? एगं दव् पडुच्च णो संनिजहभागं फुसंति, असंखिजइभागं फुसंति, णो संखिज्जे भागे फुसंति,णो असंखिज्जे भागे फुसंति,णो सव्वलोयं फुसंति / णाणादव्वाई पडुच्च णियमा सव्वलोयं फुसति / एवं अवत्तव्वगदव्वाई भाणियव्वाई // 85 // णेगमववहाराणंभाणुपुच्चीदव्वाइं कालओ केवच्चिरं होति ? एगं दत्वं पडुच्च जहणणं Page #613 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1204 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एगं समय, उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं / णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वद्धा / अणाणुपुब्बीदव्वाइं अवत्त वगदत्वाइं च एवं चेव भाणियत्वाई // 86 // णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदवाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अणे(तं)तकालं / णाणादव्वाइं पडुच्च णस्थि'अंतरं। णेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिर होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं / णाणादव्वाइं पडुच्च णत्थि अंतरं। णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? एगं दव्वं पहुच्च महण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अणंतकालं / णाणाद वाइं पडुच्च "त्थि अंतरं // 87 // णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदवाई सेसदव्वाणं कइभागे होजा ? किं संखिजइभागे होजा ? असंखिजइभागे होला ? संखेज्जेसु भागेसु होजा ? असंखेज्जेसु भागेसु होजा ? णो संखिजइभागे होजा, णो असंखिजइभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णियमा असंखेज्जेसु भागेसु होजा / गमववहाराणं अणाण पुन्वीदव्वाइं सेसदव्वाणं कइभागे होजा ? किं संखेजइभागे होजा ? असंखेजइभागे होजा ? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा ? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा ? णो संखेजहभागे होजा, असंखेजइभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होजा / एवं अवत्तव्वगदव्वाणि वि भाणियव्वाणि / / 88 // णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कयरंमि भावे होजा ? किं उदइए भावे होजा ? उवसमिए भावे होजा ? खइए भावे होजा ? खओवसमिए भावे होजा ? पारिणामिए भावे होजा? सण्णिवाइए भावे होजा ? णियमा साइपारिणामिए भावे होजा / अणाणुपुचीदवाणि अवत्तव्वगदव्वाणि य एवं चेव भाणियव्वाणि / / 89 // एएसिं भंते ! णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणं अणाणुपुत्वीदव्वाणं अवत्तव्वगदव्वाण य दव्वट्ठयाए पर सट्ट. याए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं भवत्तव्वगदवाई दवट्टयाए अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई, भाणुपुत्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेन्गुणाई। पएसट्टयाए णेगमववहाराणं सव्वत्थोवाइं अणाणुपुच्चीदव्वाई पएसट्टयाए,अबक्तत्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाइं पएसट्टयाए अणंतगणाई / दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवाइंणेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दवट्ठयाए, अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई, अवत्तद्गदत्वाई 88 स्ट्टयाए Page #614 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अणुओगदारसुत्तं-दव्वाणुपुवी 1205 विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाई दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई, ताई चेव पएसट्टयाए अणंतगुणाई / सेत्तं अणुगमे / सेत्तं णेगमवबहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुत्वी // 90 // से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुत्वी ? संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता / तंजहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगसमुक्कित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 समोयारे 4 भणुगमे 5 // 91 // से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ? संगहस्स अट्टपरूवणया-तिपए सिए आणुपुव्वी, चउप्पए सिए आणुपुव्वी जाव दसपए सिए आणुपुव्वी, संखिजपए लिए आणुपुत्वी, असंखिजपए सिए आणुपुत्वी,अणंतपए सिए आणुपुव्वी,परमाणुपोग्गले अणाणुपुटवी, दुपए सिए अवत्तव्वए / सेत्तं संगहस्स अट्ठपयपरूषणया // 92 // एयाए णं संगहस्स अपयपरूबणयाए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्कित्तणया कजा / से किं तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया ? संगहस्स भंगसमुविकत्तणया-अस्थि आणुपुची 1 अस्थि अणाणुपुवी 2 अत्थिं भवत्तव्वए 3 अहवा अस्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य ? अहवा अस्थि आणुपुव्वी य अवत्तवए य 5 अहवा अस्थि अणाणुपुत्वी य अवत्तव्वर य 6 अहवा अस्थि आणुपुत्वी य अणाणुपुत्वी य. अवत्तव्वए य 7 एवं सत्तभंगा। सेत्तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया। एयाए णंसंगहस्स भंगसमुक्कित्तणयांए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कीरइ // 93 // से किं तं संगहस्स भंगोवदंसणया ? संगहस्स भंगोवदंसणयातिपएसिया आणुपुव्वी 1 परमाणुपोग्गला अणाणुपुत्वी 2 दुपए सिया अवत्तव्वर 3 अहवा तिपए सिया य परमाणुपुग्गला य आणुपुत्वी य अणाणुपुव्वी य 4 अहवा तिपएसिया य दुपएसिया य आणुपुची य अवत्तव्वए य 5 अहवा परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्बए य 6 अहवा तिपएसिया प परमाणुपोग्गला य दुपए सिया य आणुपुत्वीय अणाणुपुवी य अवत्तत्वए य 7 / सेत्तं संगहस्स भंगोवदंसणया // 94 // से किं तं संगहस्स समोयारे ? संगहस्स समोयारे (भणिजइ) / संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाइं कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाइं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, णो अणाणुपुचीदव्वेहिं समोयरंति, णो अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरंति / एवं दोणि वि सट्टाणे सट्टाणे समोयरंति / सेत्तं समोयारे // 95 // से किं तं अणुगमे ? भणुगमे अट्ठविहे Page #615 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1206 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पण्णत्ते / तनहा-गाहा–संतपयपरूवणया, दैव्वपमाणं च खित्त फुसी य / कालो व अंतरं भाग, भावे अप्पाबहुं णस्थि // 1 // संगहस्स आणुपुत्वीदत्वाइं किं अस्थि गस्थि ? णियमा अस्थि / एवं दोणि वि / संगहस्स आणुपुचीदवाई कि संखिजाइं ? असंखिजाई ! अणंताई ? णो संखिजाई, णो असंखिजाई, णो अणंताई, णियमा एगो रासी / एवं दोण्णि वि / संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं लोगस्स कहभागे होजा ? किं संखिजहभागे होजा ? असंखिजइभागे होजा. 1 संखेज्जेसु भागेसु होजा ? असंखेज्जेसु भागेसु होजा ? सव्वलोए होजा ! णो संखिजइभागे होजा, णो असंखिजहभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, णियमा सव्वलोए होजा / एवं दोणि वि। संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाई लोगस्स किं संखेजहभागं फुसंति ? असंखेजहभागं फुसंति ? संखेज्जे भागे पु.संति ? असंखेज्जे भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति ?णो संखेजहभागं फुसंति जाव णियमा सव्वलोगं फुसति / एवं दोणि वि / संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाई-कालओ केवच्चिर होति ? (णियमा) सव्वद्धा। एवं दोणि वि / संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाणं कालओ केवच्चिरं अंतरं होइ ? णस्थि अंतरं / एवं दोण्णि वि / संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाई सेसदव्वाणं कइभागे होजा ? किं संखिजइभागे होजा 1. असंखिजइभागे होजा ? संखेज्जेसु भागेसु होजा? असंखेज्जेसु भागेसु होजा ? णो संखिजहभागे होजा, णो असंखिजहभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, णियमा तिभागे होजा / एवं दोण्णि वि / संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाई कयरम्मि भावे होजा ? णियमा साइपारिणामिए भावे होजा / एवं दोण्णि वि / अप्पाबहुं णस्थि / सेत्तं अणुगमे / सेत्तं संगहस्स अणोवणिहिया दवाणुपुवी। सेत्तं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी // 96 // से किं तं उवणिहिया दव्वाणुपुत्वी ? उवणिहिया दव्वाणुपुब्बी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्याणुपुव्वी 1 पच्छाणुपुवी 2 अणाणुपुब्बी य 3 // 97 // से किं तं पुवाणुपुब्बी ? पुवाणुपुवी-धम्मस्थिकाए 1 अधम्मस्थिकाए 2 आगासस्थिकाए 3 जीवस्थिकाए 4 पोग्ग्लत्यिकाए 5 अद्धा. समए 6 / सेत्तं पुव्वाणुपुवी। से किं तं पच्छाणुपुवी ? पच्छाणुपुवी-अद्धासमए 6 पोग्गलत्थिकाए 5 जीवत्थिकाए 4 आगासस्थिकाए 3 अधम्मस्थिकाए 2 धम्मथिकाए 1 / सेत्तं पच्छाणुपुत्वी / से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए उगच्छगयाए सेटीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं Page #616 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दव्वाणुपुवी 1207 अणाणुपुव्वी / / 98 // अहवा उवणिहिया दव्वाणुपुची तिविहा पण्णत्ता / तंजहापुवाणुपुब्बी 1 पच्छाणुपुब्बी 2 अणाणुपुब्बी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुची ? पुव्वाणुपुची-परमाणुपोग्गले 1 दुपए सिए 2 तिपए सिए 3 नाव दसपए सिए 10 संखिजपए सिए 11 भसंखिजपएसिए 12 अणंतपए सिए 13 / सेत्तं पुव्वाणुपुची / से किं तं पच्छाणुपुची 1 पच्छाणुपुवी-अणंतपए सिए 13 जाव परमाणुपोग्गले 1 / सेत्तं पच्छाणुपुची / से किं तं अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए भणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुवी। सेत्तं उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी। सेत्तं नाणयसरीरभवियसरीवरित्ता दवाणु पुवी। सेत्तं णोआगमओ दवाणपुवी / सेतं दव्वाणुपुवी // 99 // से किं तं खेत्ताणुपुवी ? खेत्ताणुपुत्वी दुविहा पण्णत्ता। तनहा-उवणिहिया य अणोवणि हिया य // 100 // तत्थ णं जा साउवणिहिया सा ठप्पा / तत्थ णं ना सा अणोवणिहिया सा दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-णेगमववहाराणं 1 संगहस्स य 2 // 101 / / से किं तं णेगमववाराणं भणोवणिहिया खेत्ताणुपुवी ? णेगमववहाराणं अणोवणि. हिया खेत्ताणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता / तनहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगसमुविकत्तगया 2 भंगोवदंसणया 3 समोयारे 4 अणुगमे 5 / से किं तं गमववहाराणं. भड़पयपरूवणया. 1 णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया-तिपएसोगाढे आण पुरवी जाव दसपएसोगाढे आणुपुत्वी, संखिजपएसोगाढे आणुपुत्वी, असंखिजपएसोगाढे आणु पुन्वी, एगपएसोगाढे अणाणुपुव्वी, दुपएसोगाढे अवत्तव्वए, तिपएसोगाढा आणुपुवीओ जाब दसपएसोगाढा आणुपुव्वीओ, असंखिजपएसोगाढा आणुपुत्वीओ, एगाएसोगाढा अगाणुपुब्बीओ, दुपएसोगाढा अवत्तबगाई / सेत्तं गमववहाराणं भपयपरूवणया / एयाए णं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ? एयारणेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए णेगमववहाराणंभंगसमुक्कित्तणयाकजइ / से किं तं गमयवहाराणं भंगसमुविकत्तणया ? णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाअस्थि आणुपुव्वी 1 अस्थि अणाणुपुची 2 अस्थि अवत्तव्वए 3 एवं दव्वाणुपुवीगमेणं खेत्ताणुपुबीए वि ते चेव छब्बीसं भंगा भाणियव्वा नाव सेत्तं गमवव• हाराणं भंगसमुक्कित्तणया। एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओ. यणं ? एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कीरइ / से किं 1 पच्चंतरे एसो पाटो पत्थि / Page #617 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1208 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तं गमयवहाराणं भंगोवदंसगया ? णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया-तिपएसोगाट आणुपुब्धी 1 एगपएसोगाढे भणाणुपुव्वी 2 दुपएसोगाढे अवत्तव्बए 3 तिपएसोगाढा आणुपुव्वीओ 4 एगपएसोगाढा अणाणुपुवीओ 5 दुपएसोगाढा अवत्तव्बयाई 6 महवा तिपएसोगाढे य एगपएसोगाढे य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य एवं तहा चेव दवाणुपुचीगमेणं छव्वीसं भंगा भाणियबा नाव सेत्तं गमववहाराणं भगोव. दंसणया / से किं तं समोयारे ? समोयारे-णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदत्वाइं कार्ह समोयरंति ? किं आणुपुब्वीदन्वेहि समोयरंति ! अणाणुपुवीदव्वाह समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति 10 आणुपुवीदव्वाइं आणुपुत्वीदव्वेहि समोयरंति, णो अगाणुपुव्वीदव्वेहिं समोबरंति, णो अबत्तव्वयव्वेहि समोयरंति / एवं तिणि वि सट्ठाणे सट्टाणे समोयरंति / सेचं समोबारे / से किं तं अणुगमे ? भणुगमे णवविहे पण्णत्ते / तंजहा-गाहा-संतपयपरूषणया, देवपमाणं च खित पुसणी य / कालो य अंतरं भाग, भावे अप्पाबहुं चेव ॥१॥णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्बाई किं अस्थि णत्थि ? णियमा अस्थि / एवं दोणि वि। गमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं कि संखिजाई ? असंखिजाइं ? अणंताई ? णो संखिजाई, असंखिजाई, जो अणंताइ / एवं दोण्णि वि। णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदत्वाइं लोगस्स किं संखिजहभागे होजा ? असं. खिजइभागे होजा ? जाव सव्वलोए होजा ? एगं दव्वं पडुच्च संखिजइभागे वा होजा, असंखिजइभागे वा होजा, संखेज्जेसु.भागेसु वा होजा, असंखेज्जेसु भागेसुपा होजा, देसूणे वा लोए होजा / णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वलोए होजा। णेगमवव. हाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाणं पुच्छाए-एगं दव्वं पडुच णो संखिजइभागे होजा, असं. खिजइभागे होजा, णो संखेज्जेसु भागेसु होजा, णो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, णो सव्वलोए होजा / णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वलोए होजा / एवं अवत्तव्वग. दव्वाणि वि भाणियव्वाणि / गमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखिजहभागं फुसंति 1 असंखिजइभागं फुसंति ? संखेज्ने भागे फुसंति 1 असंखेज्जे भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति ? एगं दव्यं पडुच्च संखिजइभागं वा फुसइ, असंखिजइ. भागं वा फुसइ, संखेज्जे भागे बा फुसइ, असंखेज्जे भागे वा फुसइ, देसूणं वा लोग फुसइ / णाणादम्बाई पडुच्च णियमा सन्बलोयं फुसति / अगाणुपुषीदन्वाइं अबत्तव्वयदव्वाइं च जहा खेत्तं गवरं फुसणा भाणियव्वा / णेगमयवहाराणं आणुपुवीदव्वाइं कालओ केबच्चिरं होंति ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं Page #618 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - अणुओगदारसुतं-खेत्ताणुपुटवी 1209 असंखेनं कालं / णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वद्धा / एवं दुणि वि / णेगमववहाराणं आणुपुब्धीदव्वाणमंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं। णाणादव्वाइं पडुच्च णस्थि अंतरं / णेगमववहाराणं आणुपुब्बीदव्वाइं से सदव्वाणं कहभागे होज्जा ? तिणि वि जहा दव्वाणुपुवीए ।णेगमवबहाराणं आणुमुवी दव्बाई कयरम्मि भावे होजा ? णियमा साइपारिणामिए भावे होला / एवं दोगिवि / एएसिणं भंते ! णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणं अणाणुपु. व्वीदवाणं अवत्तव्यगदवाणं च दवट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवाइं गमघवहाराणं अवत्तव्यगदव्वाइं दव्वट्ठयाए, अणाणुपुत्वीदव्वाई दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाइं दबट्टयाए असंखेजगुणाई, पएसट्टयाए-सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अगाणुपुटवीदव्वाइं अपएसट्टयाए, अवत्तव्वगदव्वाई पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुब्बीदव्वाइं पएसट्टयाए असंखेजगुणाई, दव्वदुपएसट्टयाए-सव्वत्थोवाई णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदवाई दवट्टयाए, अणाणुपुत्वीदव्वाई दवट्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई, अवत्तव्वगदव्वाइं पए सट्टयाए विसेसाहियाई,आणु पुर्व दवाई दवट्ठ. याए असंखेजगुणाई, ताई चेव पए सट्टयाए असंखेजगुणाई / सेत्तं अगमे / सेत्तं णेगमववहाराणं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी / / 102 // से किं तं संगहस्स अणो. वणिहिया खेत्ताणुपुवी ? संगहस्स अणोवणि हि या खेत्ताणुपुत्वी पंच विहा पण्णत्ता। तंजहा-अपयपरूवणया 1 भंगसमुक्कित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 समोयारे 4 अणुगमे 5 / से किं तं संगहस्स. अट्ठपयपरूवणया ? संगहस्स अट्ठपयपरूवणयातिपएसोगाढे आणुपुव्वी, चउप्पएसोगाढे आणुपुत्वी जाव दसपएसोगाढे आणुपुत्वी, संखिजपएसोगाढे आणुपुव्वी, असंखिजपएसोगाढे आणुपुत्वी, एगपएसोगाढे अणाणुपुव्वी, दुपएसोगाढे अवत्तव्वए / सेत्तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया / एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं 10 संगहम्स अट्ठपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया कजइ / से किं तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया ? संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया-अस्थि आणुपुत्वी 1 अस्थि अणाणुपुर्वी 2 अस्थि अवत्तव्वर 3 अवा अस्थि आणुपुन्वी य अणाणुपुत्वी य एवं जहा दवाणुपुर्वीए संगहस्स तहा भाणियव्वा जाव सेत्तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया। एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कजइ / से किं तं संगहस्स भंगोवदंसणया ? संगहस्स भंगोवदंसणया-तिपद सोगाढे Page #619 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1210 अनंगपविट्ठसुत्ताणि आणुपुवी 1 एगपएसोगाढे अणाणपुवी 2 दुपएसोगाढे अवत्तव्वए 3 अहवा तिपएसोगाढे य एगपएसोगाढे य आणुपुव्वी य अणाणुपुवी य एवं जहा दवाणुपुवीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुवीए वि भाणियव्वं जाव सेत्तं संगहस्स भंगोव. दसणया / से किं तं समोयारे ? समोयारे-संगहस्स आणुपुब्बीदव्याई कहिं समोय. रंति ? किं आणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुब्बीदध्वेहिं समोयरंति ? अवत्तवयदव्वेहि समोयरंति ? तिणि वि सट्टाणे समोयरंति / सेत्तं समोयारे / से किं तं अणुगमे ? अणुगमे अट्ठविहे पण्णत्ते / तंजा-गाहा–संतपयपरूवणया, दैव्वपमाणं च खित्तै फुसी य / कालो य अंतरं भाग, भीवे अप्पाबहुं णत्थि // 1 // संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाइं किं अत्थि णत्थि ? णियमा अस्थि / एवं दुण्णि वि / सेसग. दाराई जहा दबाणुपुव्वीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुवीए वि भाणियव्वाई जाव सेत्तं अणुगमे / सेत्तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुत्वी / सेत्तं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी // 103 // से किं तं उवणिहिया खेत्ताणुपुत्वी 1 उवणिहिया खेत्ताणुपुवी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्वाणुपुब्बी 1 पच्छाणुपुब्वी 2 अणाणुपुव्वी य 3 / से किं तं पुव्वाणुपुची ? पुब्वाणुपुब्बी-अहोलोए 1 तिरियलोए 2 उडलोए 3 / सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी। से किं तं पच्छाणुपुव्वी? पच्छाणुपुव्वी-उडलोए 3 तिरियलोए 2 अहोलोए 1 / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी / से किं ते अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए तिगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुव्वी। अहोलोयखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पण्णता / तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी 1 पच्छाणुपुव्वी 2 अणाणुपुव्वी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुब्बी ? पुव्वाणुपुवी-रयणप्पभा 1 सक्करप्पभा 2 वालुयप्पभा 3 पंकप्पभा 4 धूमप्पभा 5 तमप्पभा 6 तमतमप्पभा 7 / सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी। से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी-तमतमप्पभा 7 जाव रयणप्पभा 1 / सेत्तं पच्छाणुपुवी। से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए सत्तगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुची / तिरियलोयखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता ।तंजहा-पुव्वाणुपुत्वी 1 पच्छाणुपुब्बी 2 अणाणुपुब्वी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुब्धी ? पुव्वाणुपुवीगाहाओ-जंबूदीवे लवणे, धायइ कालोय पुक्खरे वरुणे / खीर घय खोय गंदी, अरुणवरे कुंडले रुयगे // 1 // आभरण वत्थ गंधे, उप्पल तिलए य पुढ वि णिहि 1 जंबुद्दीवाओ खलु, पिरंतरा सेसया असंखइमा / भुयगवर कुसवराविय, कोंचवराभरणमाई व / वायणंतरे एसा गाहा वि लभइ। .. Page #620 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालाणुपुव्वी 1211 रयणे / वासहर दह णईओ, विजया वक्खार क प्पिंदा // 2 // कुरु मंदर आवासा, कूडा णक्खत्त चंद सूरा य / देवे णागे जक्खे, भूए य सयंभुरमणे य // 3 // सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी / से किं तं पच्छाणुपुब्बी ? पच्छाणुपुव्वी-सयंभूरमणे य जाव जंबूदीवे / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी / से किं तं अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखेजगन्छगयाए सेढीए अण्णमण्णव्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अगाणुपुब्बी / उड्डलोयखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी 1 पच्छाणुपुब्बी 2 अणाणुपुव्वी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वीसोहम्मे 1 ईसाणे 2 सणंकुमारे 3 माहिंदे 4 बंभलोए 5 लंतए 6 महासुक्के 7 सहस्सारे 8 आणए 9 पाणए 10 आरणे 11 अच्छुए 12 गेवेजविमाणे 13 अणुत्तरविमाणे 14 ईसिपब्भारा 15 / सेत्तं पुत्वाणुपुव्वी / से किं तं पच्छाणुपुत्वी ? पच्छाणुपुव्वी-ई सिपम्भारा 15 जाव सोहम्मे 1 / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी / से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए पण्णरसगच्गयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो। सेत्तं अणाणुपुत्वी / अहवा उवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता। तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी 1 पच्छाणुपुत्वी 2 अणाणुपुवी य 3 / से किं तं पुवाणुपुवी ? पुव्वाणुपुटवी-एगपएसोगाढे, दुपएसोगाढे जाव दसपएसोगाढे जाव संखिजपएसोगाढे, असंखिजपएसोगाढे / सेत्तं पुत्वाणु पुत्वी / से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुवी-असंखिजपएसोगाढे, संखिजपएसोगाढे जाव एगपएसोगाढे / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी / से किं तं अगाणुपुब्धी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिजगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णमासो दुरूवृणो / सेत्तं अणाणुपुव्वी / सेत्तं उवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी / सेत्तं खेत्ताणुपुव्वी // 104 // से किं. तं कालाणुपुवी ? कालाणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-उवणिहि या य 1 अणोवणि हि या य 2 // 105 / / तत्थ णं जा सा उवणि हिया सा टप्पा / तत्थ णं जा सा अणो यणि हिया सा दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-णेगमववहाराणं 1 संगहस्स य 2 // 106 // से किं तं गमववहाराणं अणोवणिहिया कालाणुपुब्बी ? णेगमववहाराणं अणोवणिहिया कालाणुपुब्धी पंचविहा पण्णत्ता / तंजहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगसमुक्कित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 समोयारे 4 अणुगमे 5 // 107 // से कि तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ? णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया-तिसमयटिइए आणुपुव्वी जाव दससमयटिइए आणुपुटवी, संखिज्जसमट्टिइए आणुपुत्वी, Page #621 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1212 अनंगपविट्ठसुत्ताणि असंखिजसमयट्ठिइए आणुपुव्वी, एगसमयट्ठिइए उणाणुपुत्वी, दुसमयहिए अवत्तबए, तिममयदिइयाओ आणुपुत्वीओ, एगसमय हिइयाओ अणाणु एवीओ, दुममयविइयाई अवत्तव्व गाई / सेत्तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया / एयाए णं गमववहाराणं अपयपरूवणयाए कि पओयणं 10 गमववहाराणं भट्ठपयंपरूव. णयाए णेगमववहाराणं भंगसमुक्कितणया कजइ // 108 // से किं तं गमवव. हाराणं भंगममुक्कित्तणया ? गमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया-अन्थि आणुपुत्वी 1 अस्थि अणाणुपुब्धी 2 अस्थि अवत्तम्बए 3 एवं दवाणुपुब्वीगमेणं कालाणुघुबीए वि ते चेत्र छवीमं भंगा भाणियच्या जाव सेत्तं णेगमववहाराणं भंगसमुक्किनणया / एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं ? एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया कजई / / 109 // से किं तं गमयवहाराणं, भगोवदंसणया ? णेगमववहाराणं भंगोवदंमणया-तिसमयट्टिइए आणुपुवी 1 एगसमयटिइए अणाणुपुत्वी 2 दुसमयट्टिइए अवत्तव्वए 3 तिसमयट्टिइयाओ आणुपुव्वीओ 4 एगसमयट्टिइयाओ अणाणुपुव्वीओ 5 दुसमयट्रिइयाई अवत्तव्वगाई 6 / अहवा तिसमयटिइए य एगसमयट्टिइए य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य एवं तहा दव्वाणुपुब्बीगमेणं छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव सेत्तं णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया // 110 // से किं तं समोयारे ? समोयारे गमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुत्वीदव्वेहि समोयरंति ? अगाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? एवं तिण्णि वि सट्ठाणे समोयरंति इति भाणियव्वं / सेत्तं समोयारे // 111 // से किं तं अणुगमे ? अणुगमे णवविहे पण्णत्ते / तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया,दत्वपमाणं च खित्तं फुसणा य कालो य अंतरं भाग, भावे अप्पाहुं चेव ॥१॥णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं किं अस्थि णत्थि ? णियमा तिण्णि वि अस्थि / णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं किं संखिजाई ? असंखिजाई ? अणंताई 1 णो संखिजाई, णियमा असं. खिजाई, णो अणंताई / एवं दुणि वि / णेगमववहाराणं आणुपच्चीदव्वाइं लोगस्स किं संखिजइभागे होजा ? असंखिजइभागे होजा ? संखेज्जेसु भागेसु होजा ? असं. खेज्जेसु भागेसु होजा ? सव्वलोए होजा ? एगं दव्वं पडुच्च संखिजइभागे वा होजा, असंखिजइभागे वा होजा,संखेज्जेसु भागेसु वा होजा, असंखेउजेसु भागेसु वा होजा, (प)देसूणे वा लोए होजा / णाणादव्वाई पच्च णियमा सव्वलोए होजा / (आए. Page #622 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ अणुओगदारसुत्तं-कालाणुपुत्वी 1213 संतरेण वा सव्वपुच्छासु होजा ) एवं अणाणुपुचीदव्वाणि अघत्तव्वगदत्वाणि वि जहा खेत्ताणुपुव्वीए / एवं फुसणा कालाणुपुवीए वि तहा चेव भाणियत्वा / णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कालओ केवच्चिरं होंति ? एगं दत्वं पदुच्च नहष्णेणं तिणि समया,उक्कोसेणं भसंखेज्जं कालं / णाणादव्वाइं पडुच्च सव्वद्धा। णेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाई कालओ केवच्चिरं होंति ? एगं दव्वं पडुच्च अजहण्णमणुक्कोसेणं एक्कं समय, णाणादव्वाइं पडुच्च सव्वद्धा / अवत्तव्गदत्वाणं पुच्चा ? एगं दव्वं पडुच्च अजहण्णमणुक कोसेणं दो समया, णाणादावाई पडुच्च सद्ध।। णेगम. ववहाराणं माणुएब्बीदव्वाणमंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? एगं दत्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उनकोसेणं दो समया। णाणादत्वाइं पडुच्च गत्थि अंतरं / गमवबहाराणं अणाणुपुत्वीदवाणं अंतरं कालओ केच्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं दो समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं / णाणादवाई पडुच्च त्थि अंतरं / णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं पुच्छा ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समय, उवकोसेणं असंखेज्ज कालं / णाणादवाइं पडुच्च पत्थि अंतरं / भागभावअप्पाबहुं चेव जहा खेत्ताणुपुवीए तहा भाणियव्वाइं जाव सेत्तं अणुगमे / सेत्तं गमववहाराणं अणोवाणि हिया कालागुमुवी // 112 // से किं तं संगहस्स अगोवणिहिया कालाणुपुवी ? संगहस्स अणोवणिहिया कालाणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता / तंजहा-अट्ठपयपरूवणया 1 भंगसमुक्कित्तणया 2 भंगोवदंसणया 3 स्मोयारे 4 अणुगमे 5 // 113 // से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ? संगहस्स अट्ठपयपरूवणया-एयाई पंच वि दाराई जहा खेत्ताणुपुव्वीए संगहस्स कालाणुपुत्वीए वि तहा भाणियव्वाणि / णवरं ठिई-अभि. लावो जाव सेत्तं अणुगमे / सेत्तं संगहस्स अणोवणि हिया कालाणुपुत्वी // 114 // से किं तं उवणि हिया कालाणुपुवी ? उवणिहिया कालाणुपुत्वी तिविहा पण्णत्ता। तंजहा-पुव्वाणुपुब्बी 1 पच्छाणुपुत्वी 2 अणाणुपुटवी 3 / से किं तं पुवाणुपुत्वी ? पुव्वाणुपुवी-समए 1 आवलिया 2 आणापाणू 3 थोवे 4 लवे 5 मुहुत्ते 6 अहो. रत्ते 7 पक्खे 8 मासे 9 उऊ 10 अयणे 11 संवच्छरे 12 जुगे 13 वाससए 14 बाससहस्से 15 वाससयसहस्से 16 पुत्वंगे 17 पुवे 18 तुडियंगे 19 तुडिए 20 अउडंगे 21 अडडे 22 अववंगे 23 अववे 24 हुहुयंगे 25 हुहुए 26 उप्पलंगे 27 उप्पले 28 पउमंगे 29 पउमे 30 गलिणंगे 31 णलिणे 32 अत्थ. णि उरंगे 33 अत्यणिउरे 34 अउयंगे 35 अउए 36 णउयंगे 37 णउए 38 पउयंगे 39 पउए 40 चूलियंगे 41 चूलिया 42 सीसपहेलियंगे 43 सीसपहेलिया Page #623 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1214 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पलिओवमे 45 सागरोवमे 46 ओसप्पिणी 47 उस्सप्पिणी :48 पोग्गलपरियहे 49 अतीतद्धा 50 अणागयद्धा 51 सम्बद्धा 52 / सेत्तं पुव्वाणुपुटवी / से किं तं पच्छाणुपुवी ? पच्छाणुपुव्वी-सव्वद्धा 52 अणागयद्धा 51. जाव समए 1 / सेत्तं पच्छाणुपुवी / से किं तं अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेब एगाइयाए एगु. त्तरियाए अणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुनी। अहवा उवणिहिया कालाणुपुन्वी तिविहा पण्णत्ता। तंजहा-पुव्वाणुपुत्वी 1 पच्छाणु पुव्वी 2 अगाणुपुची 3 / से किं तं पुव्वाणुपुवी ? पुब्वाणुपुवी-एगसमयट्ठिइए, दुसमयट्टिइए, तिसमयट्ठिइए जाव दससमयट्टिइए, संखिजसमयट्टिइए, असंखिज. समबटिइए / सेत्तं पुव्वाणुपुवी / से किं तं पच्छाणुपुवी ? पच्छाणुपुव्वी-असं खिजसमयट्टिइए जाव एगसमयट्टिइए / सेत्तं पच्छाणुपुत्वी ?से किं तं अणाणुपुवी ? अगाणुपुब्बी-एयाए चेत्र एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिजगच्छगयाए सेढीए अण्ण. मण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुवी। सेत्तं उवणिहिया कालाणुपुत्वी। सेत्तं काला णुपुची // 115 // से किं तं उक्कित्तणाणुपुव्वी ! उक्कित्तणाणुपुत्वी ति विहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्वाणुपुवी 1 पच्छाणुपुत्वी 2 अणाणुपुब्वी य 3 / से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वी-उसमे 1 अजिए 2 संभवे 3 अमिणंदणे 4 सुमई 5 पउमप्पहे 6 सुपासे 7 चंदप्पहे 8 सुविही 9 सीयले 10 सेजसे 11 वासुपुज्जे,१२ विमले 13 अणंते 14 धम्मे 15 संती 16 कुंथू 17 अरे 18 मल्ली 19 मुणिसुव्वए 20 णमी 21 अरिट्ठणेमी 22 पासे 23 वद्धमाणे 24 / सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी / से किं तं पच्छाणुपुकी ? पच्छाणुपुची-बद्धमाणे २४.नाव उसमे 1 / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी / से कि तं अगाणुपुची ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए चउवीसगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो / सेत्त अणाणुपुवी / सेत्तं उक्कित्तणाणुपुब्बी // 116 // से किं तं गणणाणुपुवी ? गणणाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता / तनहापुब्वाणुपुची 1 पच्छाणुपुव्वी 2 अगाणुपुवी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुष्वी ? पुव्वाणु. पुवी-एगो, दस, सयं, सहस्सं, दससहस्साई, सयसहस्सं, दससयसहस्साई, कोडी, दसकोडीओ, कोडीसयं, दसकोडिसयाई / सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी। से किं तं पच्छाणु पुब्बी ? पच्छाणुपुवी-दसकोडिसयाई / जाव ए(क्को)गो / सेत्तं पच्छाणुपुची / से किं तं अगाणुपुवी ? अगाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए दस कोडिसयगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो। सेत्तं अणाणुपुवी / सेत्तं Page #624 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दुणामे 1215 गणणाणुपुवी // 117 // से किं तं संठाणाणुपुब्वी ? संठाणाणुपुत्वी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्वाणुपुत्वी 1 पच्छाणुपुब्वी 2 अणाणुपुब्वी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुवी ? पुव्वाणुपुत्वी-समचउरंसे 1 णिग्गोहमंडले 2 साई 3 खुज्जे 4 वामणे 5 हुंडे 6 / सेत्तं पुव्वाणुपुवी / से किं तं पच्छाणुपुवी ? प०-हुंडे 6 जाव समचउरंसे 1 / सेत्तं पच्छाणुपुची / से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूगो। सेत्तं अणाणुपुत्वी। सेत्तं संठाणाणुपुव्वी // 118 // से किं तं सामायारीआणुपुवी ? सामायारीआणुपुत्वी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी 1 पच्छाणुपुव्वी 2 अणाणुपुटवी 3 / से किं तं पुव्वाणुपुब्वी ? पुव्वाणुपुब्बी-गाहा-इच्छा-मिच्छा तहकारो, आवस्सिया य णि सी. हिया / आपुच्छणा य पडिपुच्छा, छंदणी य णिमंतणा // 1 // उवसंपयाँ य काले समायारी भवे दसविहा उ। सेत्तं पुव्वाणुपुष्वी / से किं तं पच्छाणुपुवी ? पच्छाणुपुची-उवसंपयों जाव इच्छागारो / सेत्तं पच्छाणुपुत्वी / से किं तं अणाणुपुत्वी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए दसगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्ण. भासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुव्वी / सेत्तं सामायारीआणुपुवी // 119 // से किं तं भावाणुपुव्वी ? भावाणुपुवी तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-पुत्वाणुपुवी 1 पच्छाणु. पुव्वी 2 अणाणुपुव्वी 3 / से किं तं पुवाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुत्वी-उदइए 1 उब. समिए 2 खाइए 3 खओवसमिए 4 पारिणामिए 5 सण्णिवाइए 6 / सेत्तं पुव्वाणुः पुव्वी / से किं तं पच्छाणुपुवी ? फ्छाणुपुव्वी-सण्णिवाइए 6 जाव उदइए 1 / सेत्तं पच्छाणुपुव्वी। से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णभासो दुरूवूणो / सेत्तं अणाणुपुत्वी। सेत्तं भावाणुपुव्वी / सेत्तं आणुपुवी // 120 // आणुपुत्वी ति पयं समत्तं / ___ से किं तं णामे ? णामे दसविहे पण्णत्ते। जहा-एगणामे 1 दुणामे 2 तिणामे 3 चउणामे 4 पंचणामे 5 छणामे 6 सत्तणामे 7 अट्ठणामे 8 णवणामे 9 दसणामे 10 . // 121 // से किं तं एगणामे ? एगणामे-गाहा-णामाणि जाणि काणि वि, दव्वाण गुणाण पजवाणं च / तेसिं आगमणिहसे, 'णामं' ति परूविया सण्णा ॥१॥सेत्तं एग. गामे // 122 // से किं तं दुणामे ? दुणामे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-एगक्खरिए य 1 अणेगक्खरिए य 2 / से किं तं एगक्खरिए ? एगखरिए अणेगविहे पण्णत्ते। तंजहा Page #625 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1216 अनंगपविट्ठसुत्ताणि ह्रो,श्री,धी, स्त्री। सेतं रगक्खरिए। से किं तं अगेगवरिए ? अगेगक्खारेए-कण्णा. वीणा, लया, माला / सेत्तं अणेगखरिए / अहवा दुणामे दुविहे पण्णत्ते / तंजहाजीवणामे य 1 अजीवणामे य 2 / से किं तं जीवणामे ? जीवणामे अणेगविहे पण्णत्ते। संजहा-देवदत्तो, जाणदत्तो, विण्हुदत्तो, सोमदत्तो। सेत्तं जीवणामे। से किं तं अजीव णामे ! अजीवगामे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-घडो, पडो, कडो, रहो / सेत्तं अजीव णामे / अहवा दुणामे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-विसे सिए य 1 अविसे सिए य 2 / अविसे सिए-दव्वे / विसेसिए-जीवदव्वे, अजीवदव्वे य। अविसेसिए-जीवदवे। विसेसिए-गेरहए, तिरिक्खजोणिए,मणुस्से, देवे / अविसेसिए-णेरइए / विसेसिए-रयणमहाए,सकरप्पहाए,वालुयप्पहाए,पंकप्पहाए, धूमप्पहाए, तमाए,तमतमाए / अविसेसिए-रयणप्पहापुढविणेरइए। विसेसिए-पजत्तए य,अपजत्तए य। एवं जाव अविसे सिर-तमतमापुढविगेरइए / विसेसिए-पजत्तए य, अपजत्तए य। अविसेसिएतिरिक्खजाणिए / विसे सिए-एगिदिए, बेइंदिए, तेईदिए, चंउरिदिए, पंचिदिए / अविसे सिर-एगिदिए / विसे सिए-पुढविकाइए,आउकाइए,तेउकाइए, वाउकाइए, वणस्सहकाइए / अविसे सिए-पुढविकाइए / विसे सिए-सुहुमपुढविकाइए य, बायरपुढधिकाइए य। अविसे सिर-सुहमपुहविकाइए / विसेसिए-पजत्तयसुहमपुढविका. इए य, अपजत्तयमुहमपुहविकाइए य। अविसेसिए-बायरपुढधिकाइए / विसे सिएपजत्तय पायरपुढधिकाइए य, आजत्तयबायरपुढविकाइए य। एवं आउकाइए, तेउ. काइए, बाउकाइए, वगस्सइकाइए, अविसे सियविसेसियपजत्तयअपजत्तयमेएहि भाणि यव्वा। अविसे सिए-बेइंदिए / विसेसिय-पजत्तयबेइं दिए य, अपजत्तयवेइंदिए य। एवं तेइंदियच उरिदिया वि भाणियव्वा / अविसेसिए-पंचिंदियतिरिक्खजोणिए। विसेसिए-जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए,यलयरपंचिंदियतिरिक्खनोणिए,वहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / अविसे सिए-जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसे. सिए-समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, गब्भवतियमलयरपंचिं दिय. तिरिक्खजोणिए य / अविसे सिए-समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-पजत्तयसमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपजत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसेसिए-गब्भवक्कंतियजलयरपंचिंदिय. . 1 ही, 2 सी (अवन्भसे), 3 धी, 4 थी। Page #626 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दुणामे 1217 तिरिक्खजोणिए / विसेसिए-पजत्तयगब्भवव कंतियजलयरपंचिंदियति रिवखजोणिए य, अपजत्तयगम्भवक्कंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसे सिएथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्ख. जोणिए य, परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोगिए य / अविसेसिए-चउप्पय. थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदिय. तिरिक्खजोणिर य, गब्भवतियच उप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसेसिए-सम्मुच्छिमचउप्पय थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसे सिए-पजत्तयसम्मुच्छिमच उप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपजत्तयसम्मुच्छिमच उपयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसेसिए-गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-पजत्तयगम्भवक्कंतियच उप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खनोणिए य, अपजत्तयगम्भवक्कंतियचउप्पय थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसे सिए-परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खनोणिए य, भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / एए वि सम्मुच्छिमा पजत्तगा अपजत्तगा य गम्भवक्कंतिया वि पजत्तगा अपजत्तगा य भाणियव्वा / अविसे सिए-खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-सम्मुच्छिमखयरपचिंदियतिरिक्खजोणिए य, गब्भवतिय. खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसेसिए-सम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिखजोणिए / विसे सिए-पजत्तयसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपजत्तयसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसेसिए-गब्भवक्कं. तियखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए / विसेसिए-पजत्तयगम्भववतियखहयरपंचिं. दियतिरिक्खजोणिए य, आजत्तयगम्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य / अविसे सिए-मणुस्से / विसे सिए-सम्मुच्छिममणुस्से य, गब्भवतियमणुरसे य / अविसेसिए-सम्मुच्छिममणुस्से / विसे सिए-पजत्तगसम्मुच्छिममणुस्से य, अपजत्तगसम्मुच्छिममणुस्से य / अविसे सिए-गब्भवतियमणुरसे / विसे सिएकम्मभूमिओ य, अकम्मभूमिओ य, अंतदीवओ य, संखिजवासाउय, असंखिजबासाउय, पजन्तापजत्तओ / अविसेसिए-देवे। विसेसिए-भवणवासी, वाणमंतरे, जोइसिए, वेमाणिए य / अविसेसिए-भवणवासी / विसेसिए-असुरकुमारे 1 णागकुमारे 2 सुवण्णकुमारे 3 विज्जुकुमारे 4 अग्गिकुमारे 5 दीवकुमारे 6, Page #627 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1218 अनंगपविट्ठसुत्ताणि उदहि कुमारे 7 दिमाकुमारे 8 वाउकुमारे 9 थणियकुमारे 10 / सत्वेसि पि अविमे सियविसे सियपजत्तगअपचत्तगभेया भाणियव्वा / अविसेसिए-वाणमंतरे / विसे सिए-पिसाए 1 भूए 2 जखे 3 रक्खसे 4 किण्णरे 5 किंपुरिसे 6 महोरगे 7 गंधवे 8 / एएसि पि अविसे सियविसे सियपजत्तगअपजत्तगभेया माणियव्वा / अविसे सिए-जोइसिए / विसेसिए-चंदे 1 सूरे 2 गहगणे 3 णवत्रत्ते 4 तारारूवे 5 / एएसि पि अविसे सियविसे सियपजत्तयअपजत्तयभेया भाणियव्वा / अविसे सिए-वेमाणि र / विसे सिए-कम्पोवगे य, कप्पातीतए य / अविसेसिएकप्पोबगे। विसेसिए-मोहम्मए 1 ईसागए 2 सणंकुमारए 3 माहिदिए / बंभलोयए 5 लंतयए 6 महासुकए 7 सहस्सारए 8 आणयए 9 पाणयए 10 आर. णए 11 अन्चुयए 12 / एएसि पि अविसे सियविसे सियअपजत्तगपजत्तगभेया भाणि. यव्वा / अविसेसिए-कप्पातीतए / विसे सिए-गेवेजए य, अणुत्तरोववाइए य / अविसे सिए-गेवेजए। विसे सिए-हेट्ठिमगेवेजए 1 मज्झिमगेवेजए 2 उवरिमगेवेनए 3 / अविसे सिए-हेट्ठिमगेवेजए। विसेसिए-हेट्ठिमहेछिमगेवेजए 1 हेट्ठिममज्झिमगे वेज्जए 2 हेद्विम उवरिमगेवेजए 3 / अविसेसिए-मज्झिमगेवेजए / विसे. सिए-मज्झिमहेट्ठिमगेवेजए 1 मज्झिममज्झिमगेवेजए 2 मज्झिमउबरिमगेवेजए 3 / अविसे सिए-उवरिमगेवेजए। विसेसिए-उवरिमहेडिमगेवेजए १उवरिममझिमगेवेजए 2 उवरिमठवरिमगेवेजए 3 / एएसिं सव्वेसिं अविसे सियविसे सियअपज्जत्तगपजत्तगभेया भाणियव्वा / अविसेसिए-अणुत्तरोववाइए / विसेसिए-विजयए 1 वे जयंतए 2 जयंतए 3 अपराजियए 4 सव्वट्ठसिद्धए य 5 / एएसि पि मवेसि अविसेसियविसे सियअपजत्तगपजत्तगभेया भाणियव्वा / अविसेसिए-अजीवदव्वे / विसेसिए-धम्मस्थिकाए 1 अधम्मत्थिकाए 2 आगासस्थिकाए 3 पोग्गलस्थिकाए 4 अद्धासमए य 5 / अविसेसिए-पोग्गलस्थिकाए / विसेसिए-परमाणुपोग्गले, दुपएसिएतिपए सिए जाव अणंतपए सिए य / सेत्तं दुणामे // 123 // से किं तं तिणामे ? तिणामे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-दव्वणामे 1 गुणणामे 2 पज्जवणामे य 3 / से किं तं दवणामे ? दव्वणामे छविहे पण्णत्ते / तंजहा-धम्मत्थिकाए 1 अधम्मस्थिकाए 2 आगासत्थिकाए 3 जीवस्थिकाए 4 पुग्गलस्थिकाए 5 अद्धासमए य 6 / सत्तं दव्वणामे / से किं तं गुणणामे ? गुणणामे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-वण्णणामे 1 गंधणामे 2 रसणामे 3 फासणामे 4 संठाणणामे 5 / से किं तं वण्णणामे ? वण्ण. Page #628 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ अणुओगदारसुत्तं-चउणामे 1219 णामे पंचविहे -पण्णत्ते / तंजहा-कालवण्णणाम 1 णालण्णणाम 2 लोहियवण्णणामे 3 हालिद्दवण्णणामे 4 सुक्किलवणणामे 5 / सेत्तं वणणाम / से किं तं गंधणामे ? गंधणामे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-सुरभिगंधणामे य 1 दुरभिगंधणामे य 2 / सेत्तं गंधणामे।से किं तं रसणामे ? रसणामे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-तित्तरसणामे 1 कडुयरसणामे 2 कसायरसणामे अंबिलरसणामे 4 महुररस,णामे य 5 / सेत्तं रसणामे / से किं तं फासणाम?फासणामे अट्ठविहे पण्णत्ते / तंजहा-कक्खड फासणामे 1 मउयफासणामे 2 गरुयफासणामे 3 लहुयफासणाम 4 सीयफासणामे 5 उसिणफासणामे 6 णिद्धफासणामे 7 लुक्खफासणामे य 8 / सेत्तं फासणामे / से किं तं संठाणणामे ? संठाणणामे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-परिमंडलसंटाणणामे 1 वसंटाणणामे 2 तंससंठाणणामे 3 चउरंससंठाणणामे 4 आययसंटाणणामे 5 / सेत्तं संठाणणामे / सेत्तं गुणणामे। से किं तं पजवणामे ? पजवणामे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-एगगुण. कालए, दुगुणकालए,तिगुणकालए जाव दसगुणकालए,संखिजगुणकालए, असंखिनगुणकालए,अणंतगुणकालए। एवं णीललोहियहालिद्दसुकिल्ला वि भाणियव्वा / एगगुणसुरभिगंधे, दुगुणसुरभिगंधे, तिगुणसुरभिगंधे जाव अणंतगुणसुरभिगंधे / एवं दुरभिगंधो वि भाणियव्यो / एगगुणतित्ते जाव अणंतगुणतित्ते / एवं कडुयकसायअंबिलमहुरा वि भाणियव्वा / एगगुणकक्खडे जाव अणंतगुणकवखडे / एवं मउयगरुयलहुयसीयउसिणणिद्धलुवा वि भाणियव्वा / सेत्तं पजवणाम / गाहाओ-तं गुण णामं तिविहं, इत्थी पुरिसं णपुंसगं चेव / एए-सिं तिण्हं दि(य), अंतम्मि य परूवणं वोच्छं // 1 // तत्थ पुरिसस्स अंता, आ ई ऊ ओ हवंति चत्तारि / ते चेव इत्थियाओ, हवंति ओकारपरिहीणा // 2 // अंतिय इंतिय उंतिय, उ ताय णपुंसगस्स बोद्धव्वा / एएसिं तिण्हं पि य, वोच्छामि णिदंसणे एत्तो // 3 // आगारंतो 'राया', ईगारंतो "गिरी' य 'सिहरी' य / ऊगारंतो 'विण्हू', 'दुमो' य अंता उ पुरिसाणं // 4 // आगारंता 'माला', ईगारंता- 'सिरी' य 'लच्छी' य / उगारंता 'जंबू', 'वहू' य अंताउ इत्थीण // 5 // अकारंतं 'धण्णं,' इंकारंतं णपुंसगं 'अस्थि' / उंकारंतं 'पीलं,' 'महं' च अंता णपुंसाणं // 6 // सेत्तं तिणामे // 124 // से किं तं चउणाम ? चउणामे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमेणं 1 लोवेणं 2 पयईए 3 विगारेणं 4 / से किं तं आगमेणं ? आगमेणं-पद्माणि, पेयांसि, कुण्डाणि / सेत्तं 1 पोम्माइं, 2 पयाई, 3 कुंडाई। Page #629 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1220 अनंगपविट्ठसुत्ताणि आगमेणं / से किं तं लोवेणं ? लोवेणं-ते अत्र-तेऽत्र, पेंटो अत्र-पटोऽत्र, घंटो अत्र घटोऽत्र / सेत्तं लोवेणं / से किं तं पगईए ? पगईए-अग्नी एतौ, पटू इमौ,शाले एते,माले ईमे / सेत्तं पगईए / से किं तं विगारेणं ? विगारेणं-दण्डस्य+अ = दंडाग्रं, सो+आगता=साऽऽगत्ता, दधि+इदं दधीदं, जैदी+इह=णदीह, मधु+उदक-मधूदकं, वधू+ऊहः वधूहः / सेत्तं विगारेणं / सेत्तं चउणामे // 125 // से किं तं पंचणामे ? पंचणामे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-गॉमिकं 1 गैषातिकं 2 आख्यातिकं 3 औपसर्गिकं 4 मिश्रम् 5 / 'अश्व' इति णामिकं, 'खलं' इति णैपातिक, धावति' इति आख्यातिकं, 'परि' इत्यौपसर्गिक, 'संयत' इति मिश्रम् / सेत्तं पंचणामे // 126 // से किं तं छण्णामे ? छण्णामे छविहे पणत्ते / तंजहा-उदइए 1 उवसमिए २खइए 3 खओवसमिए 4 पारिणामिए 5 सण्णिवाइए-६ / से किं तं उदइए ? उदइए दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-उदइए य 1 उदयणि फण्णे य 2 / से किं तं उदइए ? उदइएअट्ठण्हं कम्मपयडीणं उदएणं / सत्तं उदइए।से किं तं उदयणिप्फण्णे ! उदयणिप्फण्णे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-जीवोदयणि फण्णे य 1 अर्ज वोदयणिप्पण्णे य 2 / से किं तं जीवोदयणि फण्णे ? जीवोदयणिप्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा–णेरइए, तिरिक्खजोणिए, मणुस्से, देवे, पुढविकाइए जाव तंसकाइए, कोहकसाई नाव लोहकसाई, इत्थीवेयए, पुरिसवेयए, णपुंसगवेयए, कण्हलेसे नाव सुक्कलेसे, मिच्छादिट्टी, सम्मदिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी, अविरए, असण्णी, अण्णाणी, आहारए, छउमत्ये सजोगी, संसारत्थे, असिद्धे / सेत्तं जीवोदयणिप्फण्णे / से किं तं अजीवोदयणिप्पण्णे ? अजीवोदयणिप्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-उरालियं वा सरीरं, उरालियसरीरपओगपरिणामियं वा दव्वं, वेउब्वियं वा सरीरं, वेउव्वियसरीरपओगपरिणामियं वा 4 ते+अस्थ=तेऽत्थ, 5 पडो+अत्थ-पडोऽत्थ, 6 घडो+अत्थ घडोऽन्थ / 7 सक्कयउदाहरणाइमिमाई,अद्धमागहीए-बे+इंदिया= बेइंदिया,एवमाइ / 8 'सक्कए' पाइए-दंड+अरणं-दंडारणं एवमाइ, 9 सा+आगया साऽऽगया, 10 दहि+इदं= दहीदं, 11 गई+इहणईह, 12 महु+उदगं महूदगं, 13 वहू+अहो वहूहो। 14 णामियं 1 णेवाइयं 2 अक्खाइयं 3 ओवसग्गियं 4 मिस्सं 5 / 'आस. त्ति णामियं, खलु' त्ति णेवाइयं, 'धावई' त्ति अक्खाइयं, 'परि' त्ति ओक्सग्गियं, 'संजय' त्ति मिस्सं / Page #630 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-छण्णामे 1221 दव्वं, एवं आहारगं सरीरं तेयगं सरीरं कम्मगसरीरं च भाणियव्वं / पओगपरिणामिए वण्णे,गंधे,रसे,फासे / सेत्तं अजीवोदयणिप्फण्णे / सेत्तं उदयणिप्फण्णे / सेत्तं उदइए। से किं तं उवसमिए ? उवसमिए दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-उवसमे य 1 उवसमणिप्पण्णे य 2 / से किं तं उवसमे ? उवसमे मोहणिजस्स कम्मस्स उवसमेणं / सेत्तं उवसमे / से किं तं उवसमणिप्फण्णे ? उवसमणिप्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते / तनहा-उवसंतकोहे जाव उवसंतलोभे, उवसंतपेज्जे, उवसंतदोसे उवसंतदंसणमोहणिज्जे, उवसंतचरित्तमोहणिज्जे, उवसामिया सम्मत्तलद्धी, उवसामिया चरित्तलद्धी, उवसंतकसायछउमत्थवीयरागे / सेत्तं उवसमणिप्फण्णे / सेतं उपसमिए / से किं तं खइए ? खइए दुविहे प० / तं०-खइए य 1 खयणिप्फण्णे य 2 / से किं तं खइए ? खइए-अट्ठण्हं कम्मपयडीणं खएणं / सेत्तं खइए / से किं तं खयणिप्फण्णे? खयणिप्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते / तंमहा-उप्पण्णणाणदंसणधरे, अरहा, जिणे, केवली: खीणआमिणिबोहिय. गागावरणे, खीणसुयणाणावरणे, खीगओहिणाणावरणे, खीणमणपजवणाणावरणे, खीणकेवलणाणावरणे, भणावरणे, णिरावरणे, खीणावरणे, णाणावरणिकामविप्पमुक्के; केवलदंसी, सव्वदंसी, खीणणिद्दे,खीणणिद्दाणिद्दे, खीणपयले, खीणपयलापयले, खीणथीणगिद्धी, खीणचक्खुदंसणावरणे, खीणअचवखुदंसणावरणे, खणओहिदंसणावरणे, खीणकेवलदंसणाबरणे, अणावरणे, णिरावरणे, खीणावरणे, दरिसणावरणिजकम्मविप्पमुक्के; खीणसायावेयणिज्जे, खीणअसायावेयाणिज्जे, अवेयणे, णिव्वेयणे, खीणवेयणे, सुभासुभवेयणिजकम्मविप्पमुक्के; खीणकोहे जाव र्खणलोहे, खीणपेज्जे, खीणदोसे,खीणदंसणमोहणिज्जे, खीणचरित्तमोहणिज्जे,अमोहे, णिम्मोहे, खीणमोहे, मोहणिजकम्मविप्पमुक्के; खीपणेरइयआउए, खीणतिरिक्खजोणियाउए, खीणमणुस्ताउए, खीणदेवाउए, अणाउए, णिराउए, खीणाउए, आउकम्मविप्पमुक्के;गइजाइसरीरंगोवंगबंधणसंघायणसंघयणसंठाणअणेगबोंदिविंदसंघायविप्पमुक्के, खीणसुभणामे, खीणअसुभणामे, अणामे, णिण्णामे,खीणणामे,सुभासुभणामकम्मविष्पमुक्के; खीणउच्चागोए, खीणणीयागोए, अगोए,णिग्गोए,खीणगोए,उच्चणीयगोत्तकम्म विप्पमुक्के; खीणदाणंतराए, खीणलाभंतराए, खीणभोगंतराए, खीणउबभोगंतराए, खीणवीरियंतराए, अणंतराए, णिरंतराए, खीणंतराए, अंतरायकम्मविप्पमुक्के; सिद्धे,बुद्धे, मुत्ते, परिणिन्चुए, अंतगडे, सव्वदुक्खप्पहीणे / सेत्तं त्यणि'फण्णे / सेत्तं खइए / से किं तं खओवसमिए ! खओवसमिए दुविहे पण्णत्ते / तं०-खओवसमे य 1 खओ. वसमणिप्फण्णे य 2 / से किं तं खओवसमे ? खओवसमे-चउण्डं घाइकम्माणं खओ Page #631 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1222 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वसमेणं, तंजहा-णाणावरणिजस्स 1 दंसणावरणिजस्स 2 मोहणिजस्स 3 अंतरायस्स खओवसमेणं 4 / सेत्तं खओवसमे / से किं तं खओवसमणिप्फण्णे ? खओवसमणि फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-खओवसमिया आभिणिबोहियणाणलद्धी जाव खओवसमिया मणपजवणाणलद्धी, खओवसमिया मइअण्णाणलद्धी, खओवस. मिया सुयअण्णाणलद्धी, खओवसमिया विभंगणाणलद्धी, खओवसमिया चवखुदंसणलद्धी, खओवसमिया अचक्खुदंसणलद्धी, खओवसमिया ओहिदंसणलद्धी, एवं सम्मदंसणलद्धी मिच्छादसणलद्धी सम्ममिच्छादसणलद्धी, खओवसमिया सामाइयचरित्त. लद्वी, एवं छेदोवट्ठावणलद्धी परिहारविसुद्धियलद्धी सुहमसंपरायचरित्तलद्धी, एवं चरित्ताचरित्तलद्वी, खओवसमिया दाणलद्धी, एवं लाभलद्धी भोगलद्धी उवभोगलद्धी, खओवसमिया वीरियलद्धी, एवं पंडियवीरियलद्धी बालवीरियलद्धी बालपंडियवीरिय- . लद्वी, खओवसमिया सोइंदियलद्धी जावः .फासिंदियलद्धी, खओवसमिए आयारंगघरे, एवं सुबगडंगधरे ठाणंगधरे समवायंगधरे विवाहपण्णचिधरे णायाधम्मकहाधरे उवासगदसा० अंतगडदसा० अणुत्तरोववाइयदसा० पण्हावागरणधरे विवागसुयधरे, खओवसमिए दिट्ठिवायधरे, खओवसमिए णवपुव्वी नाव चउद्दसपुवी, खओवसमिए गणी, खओवसमिए वायए / सेत्तं खओवसमणिप्फण्णे / सेत्तं खओव. समिए / से किं तं पारिणामिए ? पारिणामिए दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-साइपारिणामिए य 1 अणाइपारिणामिए य 2 / से किं तं साइपारिणामिए ? साइपारिणामिए अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-गाहा-नुण्णसुरा जुण्णगुलो, जुण्णघयं जुण्णतंदुला चेव / अब्भा य अब्भरुक्खा, सण्णा गंधव्वणगरा य॥ 1 // उक्कावाया, दिसादाहा, गज्जियं, विज्जू , णिग्घाया, जूवया, जक्खादित्ता, धूमिया, महिया, रउग्घाया, चंदोवरागा, सूरोवरागा, चंदपरिवेसा, सूरपरिवेसा, पडिचंदा, पडिसूरा, इंदधणू , उदगमच्छा, कविहसिया, अमोहा, वासा, वासधरा, गामा, गगरा, घरा, पव्वया, पायाला, भवणा, णिरया-रयणप्पहा, सकरप्पहा, वालुयप्पहा, पंकप्पहा, धूमप्पहा, तमप्पहा, तमतमप्पहा, सोहम्मे जाब अच्चुए, गेवेज्जे, अणुत्तरे, ईसिप्पन्भारा, परमाणुपोग्गले, दुपए सिए जाव अणंतपए सिए / सेत्तं साइपारिणामिए / से किं तं अणाइपारिणामिए ? अणाइपारिणामिए-धम्मत्थिकाए,अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाए, जीवत्थिकाए, पुग्गलत्थिकाए, अद्धासमए, लोए, अलोए, भवसिद्धिया अभवंसिद्धिया। सेत्तं भणाइपारिणामिए / सेत्तं पारिणामिए / से किं तं सण्णिबाइए ? Page #632 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-छण्णामे 1223 मणिवाइए-एएसिं चेव उदइयउवसमियरू इयर ओवर मियपानिणार या भावाणं दुगसंजोएणं तिगसंजोएणं चउक्कसंजोएणं पंचगसंजोएणं जे णिप्पज्जति सव्वे ते सणिवाइए णामे। तत्थ णं दस दुयसंजोगा, दस तियस्जोगा, पंच चउकसंजोगा, एगे पंचकसंजोगे / तत्थ णं जे ते दस दुगसंजोगा ते ण इमे-अस्थि णामे उदइयउवसमणिप्फण्णे 1 अस्थि णामे उदइयखाइग.णि फाणे 2 उत्थि णामे उदयरूओवसमणिप्फण्णे 3 अस्थि णामे उदइयपारिणामियणिप्फण्णे 4 अत्थि णामे उवसमियखयणिप्फण्णे 5 अस्थि णामे उक्समियखओवसमणि'फाणे 6 अस्थि णामे उवसमियपारिणामियणिप्पण्णे 7 अस्थि णामे खइयखओवसमणिप्पण्णे 8 अस्थि गामे खइयपारिणामियणिप्पण्णे 9 अस्थि णामे खओवसम् ियपारिणामिय णिप्पप्णे 10 कयरे से णामे उदइयउवसमणिप्फण्णे 1 उदइए त्ति मणुस्से, उसंता कसाया एस णं से गामे उदहयउवसमणिप्पण्णे / कयरे से णामे उदइयख्यणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उदइयखयणिप्पण्णे / कयरे से णामे उदइयखओवसमणिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से,खओवसमियाइं इंदियाई,एस णं से णामे उदइयखओवसमणिफण्णे / कयरे से णामे उदइयपारिणामिमणिपणे ? उदइए त्ति मणुस्से,पारिणामिए जीवे,एस ण से णामे उदइयपारिणामियणिप्फाणे / कयरे से णामे उवसमियखयाणिप्फणे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उवसमियखयणिप्फण्णे / कयरे से णामे उवसमि यखओवसमणिप्पण्णे ? उवसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उवसमियखओवसमणिफण्णे / कयरे से णामे उवसमियपारिणामि यणि फण्णे ? वसंता कसाया, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमियपारिणामियणिप्पण्णे / कयरे से जामे खइयखओवसमणिप्फण्णे ? खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइ इंदियाई, एस णं से णामे खइयखओवसमणि फण्णे / कयरे से णामे खइयपारिणामियणिप्पण्णे ? खइय सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइयपारिणामियणिप्पण्णे। कयरे से णामे खओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे ? खओक्समियाइं इंदियाई, पारिणामि ए जवे, एस णं से णामे खओवसमियपारिणामियाणिप्पण्णे / तत्थ णं जे ते दस तिगसंजे गा ते णं . इमे-अस्थि णामें उदइयउवसमिखयाणिप्फण्णे 1 अस्थि णामे उदइयउवसमियखओवसमणिप्फण्णे अत्थि णामे उदइयउवसमियफारिणामिय णिप्फाणे ३अत्थ णामे उदइयखइयखओवसमणिप्फण्णे 4 अस्थि णामे उदइयखझ्यपारिणामियणि फण्णे 5 Page #633 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1224 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अस्थि णामे उदइयखओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे 6 अस्थि णामे उवसमियखइयखओवसमणि फण्णे 7 अस्थि णामे उवसमियखइयपारिणामियणिप्पण्णे ८अस्थि णामे उवसमियखओवसमियपारिणामियणिप्फण्णे 9 अस्थि णामे खझ्यखओवसमियपारिणामियणिप्फण्णे 10 / कयरे से णामे उदइयउवसमियखयणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्त, एस णं से णामे उदइयउपसमियखयणिप्फण्णे / कयरे से णामे उदइयउवसमियखओवसमणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयउवसमियखओवसमणिप्पण्णे / कयरे से णामे उदइयउवसमियपारिणामियणिप्पाण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियपारिणामियणि फण्णे / कयरे से णामे उदइयखइयखओवसमणिपणे ? उदइए त्ति मगुस्से, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयखइयखओवसमणिप्फण्णे / कयरे से णामे उदइयखइयपारिणामयणिप्फण्णे ? उदइए त्ति मगुस्से, खइयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखइय. पारिणामियणिप्फण्णे / कयरे से णामे उदइयखओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मगुस्से, खओवसमियाइं इंदियाइं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखओवसमियपारिणामियणि फण्णे / कयरे से णामे उत्समियखइयखओवसमणिप्फण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उवसमियखइयखओवसमणिप्फण्णे। कयरे से णामे उवसमियखइयपारिणामियणिफण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमियखइयपारिणामियणिप्फण्णे / कयरे से णामे उवसमियखओवसमियपारिणामियणि फण्णे ? उबसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे एस णं से णामे उपसमियखओवसमियपारिणामियणिप्फण्णे / कयरे से णामे खइयखओ. वसमियपारिणामियणि फण्णे ? खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइयखओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे / तत्थ णं जे ते पंच च उकसंजोगा ते ण इमे-अस्थि णामे उदइयउवसमियखइयखओबसमणिप्फण्णे 1 अत्थि णामे उदइयउपसमियखइयपारिणामियणिप्पण्णे 2 अस्थि णामे उदइयउवसमियखओवसमियपारिणामियणिप्फण्णे 3 उत्थि णामे उदयखइयखओवस. मियपारिणामियणिप्पण्णे 4 अस्थि णामे उवसमियखइयखओवसमियपारिणामिय. Page #634 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अणुओगदारसुत्तं-सत्तणामे . 1225 णिफण्ये 5 / कयरे से णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमणिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्त, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमणि फण्णे / कयरे से णामे उदइयउवसमियखइय. पारिणामियणिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, पारि. गामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियखइयपारिणामियणिप्प.पणे / कयरे से णामे उदइयउवसमियखओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उव. संता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियखओवसमियपारिणामियणिप्पण्णे / कयरे से णामे उदइयखइयखओवसमियपारिणामियणिफण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं,खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखइयखओवसमियपारिणामियणि फण्णे। कयरे से णामे उवसमियखइयखओवसमियपारिणामियणिप्फण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्त, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उव. समियखइयखओवसमियपारिणामियणिपण्णे / तत्थ णं जे से एक्के पंचगसंजोए से ण इमे-अस्थि णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमियपारिणामियणि प.पणे / कयरे से णामे उदइय उवसमियखइयखओवससमियपारिणामियणिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से,उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं,खओवसमियाई इ दियाई, पारिणामिए जीवे, एस गं से णामे उदइय उत्रसमियखइयखओवसमियपारिणामियाणिप्पण्णे / सेत्तं सण्णिवाइए / सेत्तं छण्णामे // 127 // से किं तं ससणामे ? सत्तणामे सत्सरा पत्ता / तंजहा-गाहा-सज्जे रिसहे गंधारे, मज्झिमे पंचमे सरे। धे(रे)वए चेव णेसाए ; सरा सत्त वियाहिया // 1 // एएसि णं सत्तण्हं सराणं सत्त सरट्ठाणा पण्णत्ता। तंजहागाहाओ-सज्जं च अग्गजीहाए, उरेण रिसहं सरं / कंटुग्गएण गंधारं, मज्झनीहाए मज्झिमं // 1 // णासाए पंचमं बूया, दंतो?ण य धेवयं / भमुहक्खेवेण णेसायं, सरढाणा वियाहिया // 2 // सत्तसरा जीवणिस्सिया पण्णत्ता / तंनहा-गाहा-सज्ज रवइ मऊरो, कुक्कुडो रिसभं सरं। हंसो रखइ गंधारं, मज्झिमं च गवेलगा // 1 // अह कुसुमसंभवे काले, कोइला पंचमं सरं / छटुं च सारसा कुंचा, णेसायं सत्तम गओं // 2 // सत्तसरा अजीवणिस्सिया पण्णत्ता / तंजहा-सज्जं रवइ मुयंगो, गोमुही रिसहं सरं / संखो खइ गंधारं, मज्झिमं पुण झल्लरी // 1 // चउच्चरणपइट्ठाणा, गोहिया पंचमं सरं / आडंबरो रेवइयं, महाभेरी य सत्तमं // 2 // एए सि णं सत्तण्हं Page #635 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1226 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सराणं सत्त सरलक्खणा पण्णत्ता / तंजहा-गाहाओ-सज्जेणं लहई वित्तिं, कयं च ण विणस्सइ / गावो पुत्ता य मित्ता य, णारीण होइ वल्लहो // 1 // रिस हेण उ एस. (पसे)ज्ज, सेणावच्चं धणाणि य / वत्थगंधमलंकारं, इथिओ सयपाणि य // 2 // गंधारे गीयजुत्तिण्णा, वजवित्ती कलाहिया / हवंति कइणो घण्णा, जे अण्णे सल्थपारगा // 3 // मज्झिमसरमंता उ, हवंति सुहजीविणो / खायई पियई देई, मज्झिमसरमस्सिओ // 4 // पंचमसरमंता उ, हवंति पुहबीपई / सूरा संगहकत्तारो, अणेगगणणायगा // 5 // रेवयसरमंता उ, हवंति दुहर्जीविणो / साउणिया वाउरिया, सोयरिया य मुट्ठिया // 6 // णिसायसरमंता उ, होति कलहकारगा / जंघा. चरी लेहवाहा, हिंडगा भारवाहगा // 7 // एएस णं सत्तण्हं सराणं तओ गामा पण्णत्ता / तंजहा-सज्जगामे 1 मज्झिमगामे 2 गंधारंगामे 3 / सजगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ पण्णत्ताओं / तंजहा-गाहा-मैग्गी कोरविया हरिया, रयणी य सारकंता य / छट्ठी य सारसी णाम, सुद्धसज्जा य सत्तमा // 1 // मल्झिमगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-उत्तरमंदा रयणी, उत्तरा उत्तरीसमा / समोक्कता य सोबीरा,अमिरुवा होइ सत्तमा॥१॥ गंधारगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ पण्णताओ। तंजहा-गंदी य खुड्डिया पूरिमा य, चउत्थी य सुद्धगंधारा / उत्तरगंधारा वि य, सा पंचमिया हवह मुच्छा // 1 // सुट ठुत्तरमायामा, सा ट्ठी सव्वओ य णायव्वा / अह उत्तरायया कोडिमा य, सा सत्तमी मुच्छा // 2 // सत्तसरा फओ हवंति ?, गीयस्स का हवइ जोणी ? | कइसमया ओसासा?, कदवा गीयस्स आगारा? // 1 // सत्तसरा णाभीओ, हवंति गीयं च रुइयजोणी / पायसमा ऊसासा, तिणि य गीयस्स आगारा // 2 // आइमउ आरभंता, समुव्वहंता य मच्छयाम्मि / अवसाणे उज्झंता, तिण्णि य गीयस्स आगारा // 3 // छद्दोसे अट्ठगुणे, तिणि य हिताई दो य भणिईओ / जों णाही सो गाहिइ, सुसिक्खिओ रंगमज्झमि // 4 // भीयं दुयं उप्पैिच्छं,उत्तालं च कमसो मुणेयव्वं / कागस्सरमणुणासं, बहोसा होति गेयम् // 5 // पुण्णं रेत्तं च अलंकियं च, वत्तं च तहेवमविघुटुं / महरं संमं सुललियं, अट्टगुणा होति गेयस्स // 6 // उरकठसिरैविसुद्धं च, गिज्नंते मउयरिमिय ग्यबद्धं / समतालपडुस्खेवं, सत्तस्सरसीभरं गीयं // 7 // अक्खरसमं पयसैम तालममं लय. समं च गेहसमं / णीससिओससियसमं संचारसंमं सरा सत्त // 8 // णिहोस सारमंतं च हेउजुत्तमलंकियं / उर्वगीयं सोवयारं च, मियौं महरमेव य // 9 // 1 पाढंतरं-कुचेला य कुवित्ती य, चोरा चंडालमुट्टिया। 2 पायचारिति अट्ठो / Page #636 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-णवणामे 1227 सेम अद्धसैम चेव, सव्वत्थ विसै च ज / तिण्णि वित्तपयाराई, चउत्थं णोवलभइ // 10 // सक्कया पायया चेव, भणिईओ होति दोणि वा। सरमंडलम्मि गिजंते, पसत्था इसिभासिया // 11 // केसी गायइ महुरं, केसी गायइ खरं च रुक्खं च / केसी गायइ चउरं, केसी य विलंबियं दुयं केसी / / 12 / / विस्सरं पुण केरिसी ? / गोरी गायह महुरं, सामा गायइ खरं च रुक्खं च / काली गायइ चउरं, काणा य विलंबियं दुयं अंधा // 13 // विस्सैरं पुण पिगला / सत्तसरा तओ गामा, मुच्छणा इक्कवीसई / ताणा एगूणपण्णासं, सम्मत्तं सरमंडलं // 14 // सेत्तं सत्तणामे // 128 // से किं तं अट्ठणामे ? अट्ठणामे-अट्ठविहा वयणविभत्ती पण्णत्ता। तंजहा-णिद्देसे पढमा होइ, बिइया उबएसणे / तइया करणम्मि कया, चउत्थी संपयारणे // 1 // पंचमी य अवायाणे, छट्ठी सस्सामिवायणे / सत्तमी सण्णिहाणन्थे, अट्ठमाऽऽमंतणी भवे // 2 // तत्थ पढमा विभत्ती, णिद्देसे 'सो इमो अहं व' त्ति / बिझ्या पुण उवएसे 'भण कुणसु इमं व तं व' त्ति // 3 // तइया करणम्मि कया 'भणियं च कयं ज तेण व मए' वा / 'हंदि णमो साहाए' हवइ च उत्थी पयाणम्मि // 4 // 'अवणय गिव्ह य एत्तो, इउं' त्ति वा पंचमी अवायाणे / छट्ठी तस्स इमस्स वा, गयस्स वा सामिसंबंधे // 5 // हवइ पुण सत्तमी तं, इमम्मि आहारकालभावे य / आमंतणी भवे अट्ठमी उ, जह 'हे जुवाण' त्ति // 6 / / सेत्तं अट्ठणामे // 129 / / से किं तं णवणामे ?णषणामे-शवकव्वरसा पण्णत्ता / तंजहा-गाहाओ-वारो सिंगारो अब्भुओ य, रोबो य होइ बोद्धव्वो। वेलणओ बीमच्छो, हासो कटुंणो पंसंतो य // 1 // (1) तत्थ परिच्चायम्मि. य, (दाण)तवचरणसत्तुजणविणासे य / अणणुसयधिइपरक्कम-, लिंगो वीरो रसो होइ // 1 // वीरो रसो जहा-सो णाम महावीरो, जो रज्जं पयहिऊण पव्वइओ। कामकोहमहासत्तु-, पक्खणिग्घायणं कुणइ // 2 // (2) सिंगारो णाम रसो, रइसंजोगाभिलाससंजणणो। मंडणविलासविब्बोय-, हासलीला. रमणलिंगो // 1 // सिंगारो रसो जहा-महुरविलाससललियं, हियउम्मायणकरं जुवाणाणं / सामा सद्दद्दाम, दाएई मेहलादामं // 2 // (3) विम्हयकरो अपुव्वो, अणु. भूयपुव्वो य जो रसो होइ / हरिसविसाउप्पत्ति-, लक्खणो अब्भुओ णाम // 1 // अन्भुओ रसो जहा-अब्भुयतरमिह एत्तो, अण्ण किं अस्थि जीवलोगम्मि ? जं जिण. बयणे अत्था, तिकालजुत्ता मुणिज्नंति // 2 // (4) भयजणणरूवसइंधयार-, चिंता 1-2 गाहाहिगपयाइमेयाई / Page #637 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1228 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कहासमुप्पण्णो। संमोहसंभमविसाय,-सरणलिंगो रसो रोद्दो // 1 // रोद्दो रसो जहा-भिउडिविडंबियमुहो, संदट्ठो? इय रुहिरमाकिण्णो / हणसि पसुं असुरणिभो, भीमरसिय अइरोद्द ! रोद्दोऽसि // 2 // (5) विणओवयारगुज्झगुरु-; दारमेरावइक्कमुप्पण्णो / वेलणओ णाम रसो, लजा संकाकरणलिंगो // 1 // वेलणओ रसों जहा-किं लोइयकरणीओ, लजणीयतरं ति लजयामु त्ति / वारिजम्मि गुरुयणो, परिवंदइ जं बहुप्पोत्तं // 2 / / (6) असुइकुणिमदुइंसण-, संजोगब्भासगंधणिप्पण्णो। णिव्वेयऽविहिंसालक्खणो, रसो होइ बीभच्छो // 1 // बीभच्छो रसो जहा-असुइमलभरियणिज्झर-, सभावदुग्गंधिसव्वकालं पि / धण्णा उ सरीरकलिं, बहुमलकलुसं विमुंचंति // 2 // (7) रुववयवेसभासा-, विवरीयविलंबणासमुप्पण्णो / हासो मणप्पहासो, पगासलिंगो रसो होइ // 1 // हासो रसो जहा-पासुत्तमसीमंडिय-, पडि. बुद्धं देवरं पलोयंती / ही जह थणभरकंपण-, पणमियमज्झा हसइ सामा // 2 // (8) पियविप्पओगबंध-, वहवाहिविणिवायसंभमुप्पण्णो / सोइयविलवियपम्हाण-, रुण्णलिंगो रसो करुणो // 1 // करुणो रसो जहा-पज्झायकिलामिययं, बाहागयपप्पुयच्छियं बहुसो / तस्स विओगे पुत्तिय !, दुब्बलयं ते मुहं जायं / / 2 / / (9) णिद्दोसमणसमाहाण-,संभवो जो पसंतभावेणं / अविकारलव खणो सो, रसो पसंतो त्ति णायन्वो // 1 // पसंतो रसो जहा-सब्भावणिव्विगारं, उवसंतपसंतसोमदिट्ठीयं / ही जह मुणिणो सोहइ, मुहकमलं पीवरसिरीयं // 2 // एए णव कव्वरसा, बत्तीसादोसविहिसमुप्पण्णा / गाहाहिं मुणियबा, हवंति सुद्धा वा मीसा वा // 3 // सेत्तं गवणामे // 130 // से किं तं दसणामे ? दसणामे दसविहे पण्णत्ते / तंजहा-गोण्णे 1 गोगोण्णे 2 आयाणपएणं 3 पडिवक्खपएणं 4 पाहण्णयाए 5 अणाइयसिद्धतेणं 6 णामेणं 7 अवयवेणं 8 संजोगेणं 9 पमाणेणं 10 / से किं तं गोण्णे ? गोण्णेखमइ त्ति खमगो, तवइ त्ति तवणो, जलइ त्ति नलणो, पवइ त्ति पवणो / सेत्तं गोण्णे / से किं तं णोगोण्णे ? अकुंतो सकुंतो, अमुग्गो समुग्गो, अमुद्दो समुद्दो, अलालं पलालं, अकुलिया सकुलिया, णो पलं असइ त्ति पलासो, अमाइवाहए माइवाहए, अबीयवावए बीयवावए, गो इंदगोवए इंदगोवे / सेत्तं णोगोण्णे / से किं तं आयाणपएणं ? आयाणपएणं-(धम्मोमंगलं चूलिया) आवंती, चाउरंगिज्जं, असंखय, अहातथिज्जं, अद्दइज्जं, जण्णइज्जं, पुरिसइज्जं (उसुयारिज्ज), एलइज्जं, वीरियं, धम्मो, मग्गो, समोसरणं, जम्मइयं / सेत्तं आयाणपएणं / से किं तं पडिवक्ख. Page #638 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दसणामे 1229 पएण ? फडिवक्खपएणं-णवसु गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसण्णिवेसेसु सण्णिविस्समाणेसु-असिवा सिवा,अग्गी सीयलो, विसं महुरं,कल्लालघरेसु अंबिलं साउयं, जे लत्तए से अलत्तए, जे लाउए से अलाउए, जे सुंभए से कुसुभए, आलवंते विवलीयभासए / सेत्तं पडिबक्खपएणं / से किं तं पाहण्णयाए ? पाहण्णयाएअसोगवणे, सत्तवण्णवणे, चंपगवणे, चूयवणे, गागवणे, पुण्णागवणे, उच्छुवणे, दक्खवणे, सालिवणे / सेत्तं पाहण्णयाए / से किं तं अणाइयसिद्धतेणं 1 अणाइयसिद्धतेणं-धम्मस्थिकाए, अधम्मस्थिकाए, आगासस्थिकाए, जीवस्थिकाए,पुग्गलत्थिकाए, अद्धासमए / सेत्तं अणाइयसिद्धतेणं / से किं तं णामेणं 1 णामेणं-पिउपियामहस्स णामेणं उण्णामिज(ए)इ / सेत्तं जामणं / से कितं अवयवेणं? अवयवेणं-सिंगी सिही विसाणी, दाढी पक्खी खुरी णही वाली / दुपय चउप्पय बहुप्पय, गंगुली केसरी कउही // 1 // परियरबंधेण भडं, जाणिजा महिलियं णिवसणेणं / सित्थेण दोणवायं, कविं च एक्काए गाहाए / 2. // सेत्तं अवयवेणं / से किं तं संजोएणं ? संजोगे चउबिहे पण्णत्ते / तंजहा-दव्वसंजोगे 1 खेत्तसंजोगे 2 कालसंजोगे 3 भावसंजोगे 4 / से किं तं दन्वसंजोगे ? दव्वसंजोगे तिविहे पण्णत्ते / जहासचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए 3 / से किं तं सचित्ते ? सचित्ते-गोहिं गोमिए, महिसीहि महिसए, ऊरणीहिं ऊरणीए, उट्टीहिं उट्टीवाले। सेत्तं सचित्ते / से किं तं अचित्ते ? अचित्ते-छत्तेणं छत्ती, दंडेणं दंडी, पडेणं पडी, घडेणं घडी, कडेणं कडी / सेत्तं अचित्ते / से किं तं मीसए ? मीसए-हलेणं हालिए, सगडेणं सागडिए, रहेणं रहिए, णावाए णाबिए / सेत्तं मीसए। सेत्तं दध्वसंजोगे। से किं तं खेत्तसंजोगे? खेत्तसंजोगे-भारहे, एरवए, हेमवए, एरण्णवए, हरिवासए, रम्मगवासए, देवकुरुए, उत्तरकुरुए, पुव्व विदेहए, अवरविदेहए। अहवा-मागहे, मालवए, सोरट्ठए, मरहहए, कुंकणए / सेत्तं खेत्तसंजोगे। से किं तं कालसंजोगे ? कालसंजोगे-सुसमसुसमाए 1 सुसमाए 2 सुसमदूसमाए 3 दूसमसुसमाए 4 दूसमाए 5 दूसमदूसमाए 6 / अहवा-पावसए 1 वासारत्तए 2 सरदए 3 हेमंतए 4 वसंतए 5 गिम्हए 6 / सेत्तं कालसंजोगे / से किं तं भावसंजोगे ? भावसंजोगे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-पसत्थे य 1 अपसत्थे य 2 / से किं तं पसत्थे ? पसत्थे. णाणेणं णाणी, देसणेणं दंसणी, चरित्तेणं चरित्ती / सेत्तं पसत्थे / से किं तं अपसत्थे ? अपसत्थे-कोहेणं कोही, माणेणं माणी, मायाए माई, लोहेणं लोही / सेत्तं अपसत्थे / सेत्तं भावसंजोगे। सेत्तं संजोएणं / से किं तं पमाणेणं ? पमाणे चउविहे Page #639 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंगा 1230 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पण्णत्ते / तंजहा-णामप्पमाणे 1 ठवणप्पमाणे 2 दव्यप्पमाणे 3 भावप्पमाणे 4 / से किं तं णामप्पमाणे ? णामप्पमाणे-जस्स ण जीवस्स वा, अजीवस्स वा, जीवाण बा, अजीबाण वा, तदुभयस्स बा, तदुभयाण वा, 'पमाणे' त्ति णामं कजइ / सेत्तं णामप्पमाणे / से किं तं ठवणप्पमाणे ? ठवणप्पमाणे सत्तविहे पण्णत्ते / तंजहागाहा–णक्खत्त देवये कुले, पासंडे गणे य जीवियाहेउं / आभिप्पाइयणामे ठवणाणामं तु सत्तविहं // 1 // से किं तं णक्खत्तणामे ? णक्खत्तणामे-कित्तियाहिं जाएकित्तिए, कित्तिवादिण्णे, कित्तियाधम्मे, कित्तियासम्मे, कित्तियादेवे, कित्तियादासे, कित्तियासेणे, कित्तियारक्खिए / रोहिणीहिं जाए-रोहिणिए, रोहिणिदिण्णे, रोहिणिधम्मे, रोहिणिसम्मे, रोहिणिदेवे, रोहिणिदासे, रोहिणिसेणे, रोहिणिरविलए य / एवं सव्वणक्खत्तेसु णामा भाणियव्वा / एथं)य संगहणिगाहाओ-कित्तिये रोहिीणमिगसरे, अ य पुणधर् य ए॒स्से य / तसो य अस्सिलेसी, महँ। उ दो फागुणीओ य // 1 // इत्थो चित्ता साई, विसाही तह य होइ अणुराहो / जेट्ठा मूला पुव्वा, सौदा तह उत्तरा चेव // 2 // अभिई सर्वेण धर्णिट्ठी, सयभिसयों दो य होति भेंडवेया / रेवेई अस्सिंणि भरैणी, एसा णक्खत्तपरिवाडी // 3 / / सेत्तं णक्खत्तणामे / से किं तं देवयाणामे ? देवयाणामे-अग्गिदेवयाहि जाए-अग्गिए, अग्गिदिण्णे, अग्गिधम्मे, अग्गिसम्मे,अग्गिदेवे, अग्गिदासे, अग्गिसेणे, अग्गिरक्खिए / एवं सव्वणक्खत्तदेवयाणामा भाणियव्वा / एत्थं पि संगहणिगाहाओ-अग्गि पयावइ सोमे,२३ दो अदिती विहस्सई संप्पे / पिति भंग अंजम सवियों, तट्ठी बाऊँ य इंदैग्गी // 1 // मित्तो इंदो गिरई,आऊ विस्सों य ब. विगहू य / वसु वरुण अय विवद्धी,पूस आसे जमे चेव / / 2 / / सेत्तं देवयाणामे / से किं तं कुलणामे ? कुलणामे-उग्गे,भोगे,रायण्णे, खत्तिए, इक्खागे, णाए, कोरव्वे / सेत्तं कुलणामे / से किं तं पासंडणामे ? पासंडणामे-'समणे य पंडुरंगे भिक्खू कावालिए य तावसए / परिवायगे' सेत्तं पासंडणामे। से किं तं गणणामे ? गणणामे-मल्ले, मल्लदिण्णे, मल्लघम्मे, मल्लसम्मे, मलदेवे, मल्लदासे, मलसेणे, मल्लरक्खिए / सेत्तं गणणामे / से किं तं जीवियणामे ? जीविय(हेउ)गामे-अबकरए, उक्कुरुडए, उल्झियए, कजवए, सुप्पए / सेत्तं जीवियणामे। से किं तं आभिप्पाइयणामे ? आभिप्पाइयणामे-अंबए, जिंबए, बकुलए, पलासए, सिणए, पिलुए, करीरए / सेत्तं आभिप्पाइयणामे / सेत्तं ठवणप्पमाणे / से किं तं दव 1 'सु' / 2 बुद्धदंसगस्सिओ। 20 Page #640 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दसणामे 1231 प्पमाणे दंव्वपप्पमाणे छविहे पण्णत्ते ।तंजहा-धम्मत्थिकाए 1 जाव अद्धासमए 6 / सेत्तं दव्बप्पमाणे / से किं तं भावप्पमाणे 1 भाबप्पमाणे चविहे पण्णत्ते / तंजहा-सामासिए 1 तद्धियए 2 धाउए 3 णिरुत्तिए 4 / से किं तं सामासिए ? सामासिए-सत्त समासा भवंति, तंजहा-गाहा-दंदे य बहेवीही, कामधारय दिग्गु ये / तप्पुरिसे अब्बईभावे, एक्कसेसे य सत्तमे // 1 // से किं तं दंदे ? दंदे-दंताश्च ओष्ठौ च दन्तोष्ठम् , स्तनौ च उदरं च-स्तनोदरम् , वस्त्रं च पात्रं च-वस्त्रपात्रम् , अश्वाश्च महिषाश्च अश्वमहिषम् , अहिश्च णकुलश्च अहिणकुलम् / सेत्तं दंदे समासे। से किं तं बहुव्वीही समासे 1 बहुव्वीही समासे-फुल्ला इमम्यि गिरिम्मि कुडयकयंबा सो इमो गिरी पुल्लियकुडयफयंबो। सेत्तं बहुम्वीही समासे / से किं तं कम्मधारए ? कम्मधारए-धवलो वसहो धवलबसहो, किण्हो मिओ=किण्हमि.ओ,सेओ पड़ो सेयपडो, रत्तो पडो रत्तपडो। सेतं कम्मधारए / से किं तं दिगुसमासे ? दिगुसमासे-तिण्णि कडुगाणि तिकडुगं,तिण्णि महराणि तिमहरं, तिणि गुणाणि तिगुणं, तिण्णि पुराणि=तिपुरं, तिण्णि सराणि तिसरं, तिष्णि पुखराणि तिपुक्खरं, तिणि बिंदु पाणि-तिबिंदुयं,तिणि पहाणि-तिपह,पंच णईओ-पंचणयं,सत्त गया-सत्तगयं, णव तुरंगा-णवतुरंगं, दस गामा-दसगाम, दस पुराणि-दसपुरं / सेत्तं दिगुसमासे। से किं तं तप्पुरिने ? तप्पुरिसे-तित्थे कागो-तित्थकागो, वणे हत्थी-वणहत्थी,वणे वराहो-वणवराहो, वणे महिसो-वणमहिसो, बणे मऊरो-वणमऊरो। सेत्तं तप्पुरिसे / से किं तं अव्वईभावे ? अब्बईभावे-अणुगामं, भणुणइयं, अणुफरिहं, अणुचरिमं / सेत्तं अव्वईभावे समासे / से किं तं एगसेसे ? एगसेसे-जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा, जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो; जहा एगो करिसावणो तहा बहवे करिसावणा, जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो; जहा एगो साली तहा बहवे साली, जहा बहवे साली तहा एगो साली / सेत्तं एगसेसे समासे / सेत्तं सामासिए / से किं तं तद्धितए ? तद्धितए अट्ठविहे पण्णत्ते / तं०-गाहा-कम्मे सिप्पै सिलोऎ,संजोग समीवओ य संजूहो। इस्सरिय अवच्चेण य,तद्धितणामं तु अट्ठ. विहं // 1 // से किं तं कम्मणामे ? कम्मणामे-तणहारए, कट्ठहारए,पत्तहारए, दोसिए, 1 दंता य ओट्ठा य-दंतोटुं, 2 थणा य उयरं चथणोयरं, 3 वत्थं च पायं च-बत्थपत्ते,४ आसा य महिसा य=आसमहिसं,५ अही य णउलो य=अहिणउलं / Page #641 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1232 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सोत्तिए, कप्पासिए, भंडवेयालिए, कोलालिए / सेत्तं कम्मणामे / से किं तं सिप्पणामे ? सिप्पणामे-(वस्थिए, तंतिए) तुण्णए,तंतुवाए,पट्टकारे,उएट्टे,वरुडे, मुंजकारे, कट्टकारे, छत्तकारे, वज्झकारे, पोत्थकारे, चित्तकारे, दंतकारे, लेप्पकारे, सेलकारे, कोट्टिमकारे / सेत्तं सिप्पणामे / से किं तं सिलोयणामे ? सिलोयणामे-समणे,माहर्ण, सव्वातिही। सेत्तं सिलोयणामे / से किं तं संजोगणामे ? संजोगणाम-रण्णो ससुरए, रण्णो जामाउए, रण्णो साले, रष्णो भाउए, रण्णो भगिणीवई / सेत्तं संजोगणामे / से किं तं समीवणामे ? समीवणामे-गिरिसमीवे जयरं-गिरिणयरं, विदिसासीवे णयरं-वेदिसं णयर, वेण्णाए समीवे णयरं-बेण्णायडं, तगराए समीवे णयरं-तगरयडं। सेत्तं समीवणामे / से किं तं संजूहणामे ? संजूहणामे-तरंगवइक्कारे, मलयवइकारे, अत्ताणुसटिकारे, बिंदुकारे / सेत्तं संजूहणामे / से किं तं ईसरियणामे ? ईसरियणामे-राईसरे, तलवरे, माडंबिए, कोडुबिए, इब्भे, सेट्ठी, सत्यवाहे, सेणावई / सेत्तं ईसरियणामे / से किं तं अवच्चणामे ? अवचणामे-अरिहंतमाया, चक्कवट्टिमाया, बलदेवमाया, वासुदेवमाया, रायमाया, मुणिमाया, वायगमाया। सेत्तं अवच्चणामे / सेत्तं तद्धियए / से किं तं धाउए ? धाउए-भू सत्ताया परस्मैभाषा, एधे वृद्धौ, स्पर्द्ध संघर्षे, गाध प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, बाधे लोडने / सेत्तं धाउए। से किं तं णिरुत्तिए 1 णिरुत्तिए-मह्यां शेते-महिषः, भ्रमति च रौति च-भ्रमरः, मुंहमुहर्लसतीति-मुसलं, कॅपेरिव लम्बते त्थेति च करोति-कपित्थं, चिदिति करोति खलं च भवति-चिक्खलं, ऊर्वकर्णः-उलूकः, मेखस्य माला-मेखला / सेत्तं णिरुत्तिए / सेत्तं भावप्पमाणे / सेत्तं पमाणणामे / सेत्तं दसणामे / सेत्तं णामे // 131 // णामेति पयं समत्तं // से किं तं पमाणे ? पमाणे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-दव्वप्पमाणे 1 खेत्तप्पमाणे 2 कालप्पमाणे 3 भावप्पमाणे 4 // 132 // से किं तं दव्वप्पमाणे ? दव्वप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-पएसणिप्फण्णे य 1 विभागणिप्फण्णे य 2 / 1 भू सत्ताए ‘परस्मै०' अद्धमागहीए णत्थि, 2 एह वुड्डीए, 3 फद्ध संघरिसे 4-5 एए 'सक्कए' अद्धमागहीए एएसिं ठाणे अण्णा पउज्जंति / 1 महीए सुवइमहिसो, 2 भमइ य वह य-भमरो, 3 मुहं मुहूं लसइ त्ति मुसलं, 4-5 'सक्कए' अदमागहीए जहा हेट्ठा, 6 उड्डकण्णो-उलूओ, 7 मेखस्स माला-मेखला / Page #642 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-दव्वप्पमाणे 1233 ‘से किं तं पएसणि फण्णे 1 पएसणि'फण्णे-परमाणुपोग्गले,दुपए सिए जाव दसपए सिए, संखिजपएसिए, असंखिजपए सिए, अणंतपए सिए / सेत्तं पएसणिप्पाण्णे / से किं तं विभागणिप्फण्णे ? विभागणि'फण्णे पंचविहे पण्णत्ते / तनहा-माणे 1 उम्माणे 2 अवमाणे 3 गणिमे 4 पडिमाणे 5 1 से किं तं माणे ? माणे दुविहे पण्णत्ते / तं०-धण्णमाणप्पमाणे य 1 रसमाणप्पमाणे य 2 / से किं तं धण्णमाणप्पमाणे ? धण्णमाणप्पमाणे-दो असईओ-पसई, दो पसईओ-सेइया, चत्तारि सेइयाओ-बुलओ, चत्तारि कुलया-पत्थो, चत्तारि पत्थया-आढगं, चत्तारि आढगाई-दोणो, सट्टि आढयाई-जहण्णए कुंभे,असीइ आढयाई-मजिइ.मए कुंभे,आद यसयं-उवकोसए कुंभे अट्ठ य आढयसइए-वाहे / एएणं धण्णमाणप्पमाणेणं किं पओयणं ? एएणं धष्ण माणप्पमाणेणं मुत्तोलीमुखइदुरअलिंदओचारसंसियाणं धण्णाणं धण्णमाणप्पमाणणिव्वित्तिलक्खणं भवइ / सेत्तं धण्णमाणप्पमाणे / से किं तं रसमाणप्पमाणे ? रसमाणप्पमाणे-धण्णमाणप्पमाणाओ चउभागविवट्टिए अमितरसि हात्ते रसमाणप्पमाणे विहिजइ, तंजहा-चउसट्ठिया (चउपलपमाणा 4), बत्तीसिया (अट्ठपलपमाणा 8), सोलसिया(सोलसपलपमाणा 16), अट्ठभाइया (बत्तीसपलपमाणा 32), च उभाइया (चउसट्ठिपलपमाणा 64), अद्धमाणी (सयाहियअट्ठाइसपलपमाणा 128); माणी (दुसयाहियछप्पण्णपलपमाणा 256), दो च उद्वियाओरतीसिया, दो बत्तीसियाओ-मोलसिया,दो सोलसियाओ-अट्ठभाइया, दो अट्ठभाइयाओ-चरभा. इया, दो चउभाइयाओ अद्धमाणी, दो अद्धमाणीओ माणी। एएणं रसमाणपमाणेणं किं पओयण ? एएणं रसमाणप्पमाणेणं वारकघडककरककलसियगागरिदइयकरोडियकुंडियसंसियाणं रसाणं रसमाणप्पमाणणिवित्तिलवखणं भवइ / सेत्तं रसमाणपमाणे / सेत्तं माणे / से किं तं उम्माणे ? उम्माणे-जं णं उम्मिणिजइ, तंजहा-अद्धक रिसो, करिसो, अद्धपलं,पलं,अद्धतुला, तुला, अद्धभारो, भारो / दो अद्धक रिसा-करिसो,दो फरिसा-अद्ध पलं,दो अद्धपलाई-पलं, पंच पलसइया-तुला,दस तुलाओ-अद्धभारो, वीसं तुलाओ-भारो / एएणं उम्माणपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं उम्माणपमाणेणं पत्ताऽगरतगरचोययकुंकुमखंडगुलमच्छंडियाईणं दव्वाणं उम्माणपमाण.णिवित्तिलक्खणं भवइ / सेत्तं उम्माणपमाणे / से किं तं ओमाणे ? ओमाणे-जंणं ओमिणिजइ, तनहा-हत्थेण वा, दंडेण वा, धणुक्केण वा, जुगेण वा, णालियाए वा, 1 सा कोटिया जा उवर हेट्ठा संकिण्णा मज्झे विसाला। Page #643 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1234 अनंगपविद्वसुत्ताणि अक्खेण वा, मुसलेण वा / गाहा-दंड धणू जुग णालिया य, अक्ख मुसलं च चउहत्थं / दसणालियं च रज्जु, वियाण ओमाणसण्णाए // 1 // वन्थुम्मि हत्थमज्जं, खित्ते दंडं धणु च पत्थम्मि / खायं च गालियाए, वियाण ओमाणसण्णाए // 2 // एएणं अवमाणपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं अवमाणपमाणेणं खायचियरइय. करकचियकडपडभित्तिपरिक्खेवसंसियाणं दव्वाणं अवमाणपमाणणिवित्तिलबखणं भवइ / सेत्तं अवमाणे / से तं गणिमे ! गणिमे-जं णं गणिजइ, तंजहा-एगो, दस, सयं, सहस्सं, दससहस्साई, सयसहस्सं, दससयसहम्साई, कोडी / एएणं गणिमप्पमाणेणं किं पओयणं ? एएणं गणिमप्पमाणेणं भितगभितिभत्तवेयणआयव्वयसंसियाणं दव्वाणं गणिमप्पमाणणिवित्तिलवखणं भवइ / सेत्तं गणिमे / से किं तं पडिमाणे ? पडिमाणे-जं णं पडिमिणिजइ, तंजहा-गुंजा, कागणी, णिप्फावो, कम्ममासओ, मंडलओ, सुवण्णो / पंच गुंजाओ-कम्ममासओ, चत्तारि कागणीओकम्ममासओ, तिण्णि णिप्फावा-कम्ममासओ, एवं चउको कम्ममासओ। बारस कम्ममासया-मंडलओ, एवं अडयालीसं कागणीओ-मंडलओ, सोलस कम्ममासयासुवण्णो, एवं चउसट्ठि कागणीओ-सुवण्णो / एएणं पडिमाणप्पमाणेणं किं पओयणं ? एएणं पडिमाणप्पमाणेणं सुवण्णरययमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाईणं दवाणं पडिमाणप्पमाणणिव्वित्तिलक्षणं भवइ / सेत्तं पडिमाणे / सेत्तं विभागणिप्फण्णे / सेत्तं दव्वप्पमाणे // 133 // से किं तं खेत्तपमाणे ? खेत्तपमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहापएसणिप्फण्णे य 1 विभागणिप्फण्णे य 2 / से किं तं पएसणिप्फण्णे 1 पएसणि फण्णे-एगपएसोगाढे, दुपएसोगाढे, तिपएसोगाढे,संखिजपएसोगाढे, असंखिजपएसोगाढे / सेत्तं पएसणिप्फण्णे / से किं तं विभागणिप्फण्णे ? विभागणिप्फण्णे-गाहाअंगुल विहत्थि रयणी, कुच्छी धणु गाउयं च बोद्धव्वं / जोयण सेढी पयरं, लोगमलोगे वि य तहेव // 1 // से किं तं अंगुले ? अंगुले तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-आयंगुले 1 उस्सेहंगुले 2 पमाणंगुले 3 / से किं तं आयंगुले ? आयंगुले-जे णं जया मणुस्सा भवंति तेसि णं तया अप्पणो अंगुलेणं दुवालसअंगुलाई मुहं, णवमुहाई पुरिसे पमाणजुत्ते भवइ, दोण्णिए पुरिसे माणजुत्ते भवइ, अद्धभारं तुलमाणे पुरिसे उम्माणजुत्ते भवइ / गाहाओ-माणुम्माणपमाणजुत्ता(णय), लवखणवंजणगुणेहिं उववेया। 1 कागणीअवेक्खाए / 2 कागणीअवेक्खाए त्ति अट्ठो।. . Page #644 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-खेत्तपमाणे 1235 उत्तमकुलप्पसूया, उत्तमपुरिसा मुणेयव्वा // 1 // होति पुण अहियपुरिसा, अट्ठसयं अंगुलाण उविद्धा / छण्णउद अहमपुरिसा, चउरुत्तर मििमल्ला उ॥२॥ हीणा वा अहिया वा, जे खलु सरसत्तसारपरिहीणा / ते उत्तमपुरिसाणं, अवस्स पेसत्तणमुवेति // 3 // एएणं अंगुलपमाणेणं-छ अंगुलाई-पाओ, दो पाया विहत्थी, दो विहत्थीओ=रयणी,दो रयणीओ=कुच्छी,दो कुच्छीओ दंडं धणू जुगे णालिया अक्खे मुसले,दो धणुसहस्साई गाउयं, चत्तारि गाउयाइं-जोयणं / एएणं आयंगुलपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं आयंगुलेणं जे णं जया मणुस्सा हवंति तेसि णं तया णं आयंगुलेणं अगडतलागदहणईवाविपुक्खरिणीदी हियगुंजालियाओ सरा सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ आरामुजागकाणगवगवणसंडवणराईओ,सभापवाथूभखाइयपरिहाओ पागारअट्टालयचरियदारगोपुरपासायघरसरणलयणआवणसिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहसगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसिवियसंदमाणियाओ लोहीलोहकडाहकडिल्लयभंडमत्तोवगरणमाईणि अन्जकालियाई च जोयणाई मविज्जंति / से समासओ तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-सूई अंगुले 1 पयरंगुले 2 घणंगुले 3 / अंगुलायया एगपएसिया सेढी सूई अंगुले, सूई सूईगुणिया पयरंगुले, पयरं सूईए गुणियं घणं. गुले / एए सि णं भंते ! सूइअंगुलपयरंगुलघणंगुलाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ! सव्वत्थोवे सूइअंगुले,पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेजगुणे / सेत्तं आयंगुले / से किं तं उस्सेहंगुले ? उस्सेहंगुले अणेगविहे पण्णत्ते / तंजहा-गाहा-परमाणू तसरेणू , रहरेणू अग्गयं च वालस्स / लिक्खा जूया य जवो, अट्ठगुण-विवड्डिया कमसो॥१॥ से किं तं परमाणू ? परमाणू दुविहे पण्णत्ते / तंजहासुहुमे य 1 वबहारिए य २।तत्थ णं जे से सुहुमे से टप्पे / तत्थ णं जे से ववहारिए से णं अणताणताणं सुहुमपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं ववहारिए परमाणुपोग्गले णिप्फजइ / से णं भंते ! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेजा ? हंता ! ओगाहेजा। से णं तत्थ छिज्जेज वा भिज्जेज वा ? णो इणढे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / से णं भंते ! अगणिकायस्स मझमझेणं वीइवए जा ? इंता! वीइवएजा। से णं भंते ! तत्थ डहेजा ? णो इणढे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / से णं भंते ! पुक्खरसंवदृगस्स महामेहस्स मज्झमज्झेणं वीइवएजा ? हंता ! वीइवएजा। से गं तत्थ उदउल्ले सिया? णो इणढे समढे,णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / से ण भंते ! गंगाए महाणईए पडिसोय हव्वमागच्छेजा ? हंता ! हव्वमागच्छेजा / से णं तत्थ विणिघाय Page #645 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1236 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मावज्जेजा ? णो इणद्वे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / से णं भंते ! उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेजा ! हंता ! ओगाहेजा / से णं तत्थ कुच्छेज वा परि. यावज्जेज वा ? णो इणटे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / गाहा-सत्थेण सुतिक्खेण वि, छित्तुं भेत्तु च ज ण किर सका। तं परमाणु सिद्धा, वयंति आई पमाणाणं // 1 // अणंताणं ववहारियपरमाणुपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं-सा एगा उसण्डसण्हियाइ वा, सहसण्हियाइ वा, उढरेणूइ वा, तसरेणूइ वा, रहरेणूइ वा / अट्ठ उमण्हसण्हियाओ-सा एगा सहसण्हिया, अट्ट साहसण्हियाओ-सा एगा उढरेणू , अट्ठ उढरेणूओ-साएगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूओ-सा एगा रहरेणू ,अट्ठ रहरेणूओदेवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ठ देवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाण वालग्गा-हरिवासरम्मगवासाणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ट हरिवासरम्मगवासाणं मगुस्साणं वालग्गा-हेमवयहेरण्णवयाणं माम्साणं से एगे वालगे, उ8 हेमवयहेरण्णवयाण मणुस्साणं वालग्गा-पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणु रसाणं से एगे वालगे, अट्ठ पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा-भरहए रवयाणं मणरसाणं से एगे वालग्गे, अट्ठ भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा-सा एगा लिक्खा, अट्ठ लिक्खाओसा एगा जूया, अट्ठ जूयाओ-से एगे जवमझे, अट्ठ जवमझे-से एगे अंगुले / एएणं अंगुलाण पमाणेणं छ अंगुलाई-पाओ, बारस अंगुलाई-विहत्थी, चीसं अंगुलाई-रयणी, अडयालीसं अंगुलाई-कुच्छी, छण्णवइ अंगुलाई-से एगे दंडेइ वा, धणूइ वा, जुगेइ वा, णालियाइ वा, अक्खेइ वा, मुसलेइ वा। एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साइं-गाउयं, चत्तारि गाउयाई-जोयणं / एएणं उस्सेहंगलेणं किं पओयणं ? एएणं उस्सेहंगुलेणं णेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं सरोगाहणा मविजइ / णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-भवधारणिजा य 1 उत्तरवेउविया य 2 / तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा णं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं पंचधणु सयाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवे उब्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्म संखेजइभाग, उक्कोसेणं धणुसहस्सं / रयणप्पहाए पुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरी रोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पणत्ता / तंजहा—भवधारणिजा य 1 उत्तरवेचिया य 2 / तन्थ णं जा सा भवधारणिजा सा—जहणणेणं अंगुलस्म अस् खेजइभागं, उक्कोसेणं सत्तधणूइं तिण्णि रयणीओ छच्च अंगुलाई / तत्थ ण जो मा उत्तरवेउव्यया Page #646 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - अणुओगदारसुत्तं-सरीरोगाहणा 1237 सा-जहाणेणं अंगुलस्स संखेजहभागं, उनकोसेणं पण्णरसधणूई दोणि रयणीओ बारस अंगुलाई / सक्करप्पहापुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-भवधारणिजा य उत्तरवेउव्विया य / तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेणं पण्णरसधणूई दुण्णि रयणीओ बारसअंगुलाई / तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया साजहण्णेणं अंगुलस्स संखेजहभागं, उक्कोसेणं एकर्तसं इं इक्करयणी य / वालुयप्पहापुदवाए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-भवधारणिज्जा य 1 उत्तरवेउविया य 2 / तत्थ णं ना सा भवधारणिजा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उबकोसेणं एकतीसं धणूई इक्करयणी य / तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजहभागं, उकोसेणं बासट्ठिधणूई दो रयणीओ य। एवं सव्वासिं पुढवीणं पुच्छा भाणियब्बा। पंकप्पहाए पुढवीए भवधारणिज्जा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाणं, उवकोसेणं बासट्ठिधणूई दो रयणीओ य / उत्तरवेउव्विया-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभार्ग, उक्कोसेणं पणवीसं घणुसयं / धूमप्पहाए भवधारणिजा-जहणणं अंगुलरस असंखेजइभागं, उक्कोसेणं पणवीसं धणुसयं / उत्तरवेउव्विया-नहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभाग, उक्कोसेणं अड्डाइजाई धणुसयाई। तमाए भवधारणिजा-जहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं अड्डाइजाई धणुसयाई / उत्तरवेउव्विया--- जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं पंचधणुसयाई / तमतमाए पुट वीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा—भवधारणिज्जा य 1 उत्तरवेउव्विया य 2 / तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उनकोसेणं पंचधणुसयाई / तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उदकोसेणं धणुसहस्साई / असुरकुमाराणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णता ? गोयमा ! दुविहा पप्णत्ता। तंनहा-भवधारणिजाय 1 उत्तरवेउविया य 2 / तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उव कोसेणं सत्तरयणीओ / तत्थ णं जा सा उत्तरवे उव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभाग, उबकोसेणं जोयणसयसहस्सं। 1 एवं सव्वाणं दुविहा भवधारणिजा Page #647 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . . 1238 . अनंगपविट्ठसुत्ताणि एवं असुरकुमारगमेणं जाव थणियकुमाराणं भाणियव्यं / पुढविकाइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / एवं सुहमाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं च भाणियव्यं / एवं जाव बायरवाउकाइयाणं पजत्तगाणं भाणियव्वं / वणस्सइकाइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं / सुहुमवणस्सइकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिण्हं पि-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / बायरवणस्सइकाइयाणं ओहियाणंजहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं / अपजत्तगाणंजहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेनंइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहरसं / बेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजईभागं, उक्कोसेणं बारसजोयणाई। अपजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग,उक्कोसेणं वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उक्कोसेणं बारसजोयणाई / तेइंदियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलंस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई / अपजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं। पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई। चउरिंदियाणं पुच्छा ।गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाइं / अपंजत्तगाणं-जहण्णेणं० उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाइं / पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते / केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा / गोयमा!एवं चेव / सम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / अपजत्तगसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खनोणियाणं पुच्छा / गो०!जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा / गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / गम्भवक्कंतियजलयरपंचिंदिय Page #648 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ___ अणुओगदारसुत्तं-सरीरोगाहणा 1239 पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / अपजत्तगगम्भवक्कंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगगब्भववतियजलयरपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / चउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखे. जइभागं, उक्कोसेणं छ गाउयाई / सम्मुच्छिमच उप्पयथलयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहत्तं / अपजत्तगसम्मच्छिमचउप्पयथलयरपुच्छा / गोयमा / जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं / गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उवकोसेण छ गाउयाई / अपजत्तगगम्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपुच्छा / गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग,उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगगब्भववतियच उप्पयथलयरपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहमागं,उवकोसेणं छ गाउयाई / उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छ। / गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उक्कोसेणं जोयणपुहुत्तं / अपजत्तगसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छा / गोयमा! जहणणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उनकोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छा / गोयमा ! जहष्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणपुहत्तं / गम्भवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं / अपजत्तगगन्भवतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा / गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगगब्भवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा। गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं नोयणसहस्सं / भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियाणं पुच्छा। गोयमा! नहष्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं / सम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपचिंदियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं / अपजत्तगसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयराणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स Page #649 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1240 अनंगपविट्ठसुत्ताणि असंखेजहभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / पजत्तगसम्मुच्छिमभुय. परिसप्पाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं धणु. पुहुत्तं / गब्भवक्कंतियभुयपरिसप्पथलयराणं पुच्छ। / गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं / अपजत्तगभुयपरिसप्पाणं पुन्छ। / गोयमा ! नहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजहभागं / पज. त्तगभुयपरिसप्पाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइ भागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं / खहयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइ. भागं उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं / सम्मुच्छिमखहयराणं जहा भुयगपरिसप्पसम्मुच्छिमाणं तिसु वि गमेसु तहा भाणियव्वं / गम्भवक्कंतियस्त्रहयरपुच्छा / गोयमा! जहणे अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं / अपजत्तगगब्भववकंतियखहयर. पुच्छा / गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असं खेजहभागं / पजत्तगगम्भवक्कंतियखहयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजहभागं, उक्कोसेणं धणुपुहुत्त / एत्थ संगहणिगाहाओ हवंति, तं०-जोयणसहस्स गाउयपुहुत्त, तत्तो य जोयणपुहुत्तं / दोण्हं तु धणुपुहुत्तं, समुच्छिमे होइ उच्चत्तं // 1 // जोयणसहस्स छग्गाउयाई, तत्तो य जोयणसहस्सं / गाउयपुहुत्त भुयगे, पक्खीसु भवे धणुपुहुत्तं // 2 // मणुस्साणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता 1 गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाइं / सम्मुच्छिममणुस्साणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइ. भाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं / अपजत्तगगम्भवक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा / गोयमा ! नहण्णेणं अंगुलस्सं असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलम्म असंखेजहभागं / पजत्तगगब्भवक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभाग, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई / वाणमंतराणं भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य जहा असुरकुमाराणं तहा भाणियव्वा / नहा वाणमंतराणं तहा जोइसियाण वि / सोहम्मे कप्पे देवाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-भबधारणिज्जा य 1 उत्तरवेउव्विया य 2 / तत्थ णं ना सा भवधारणिज्जा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं सत्त. रयणीओ / तत्थ णं मा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभानं, उक्कोसेणं जोयणसयसहस्से / एवं ईसाणकप्पे वि भाणियव्वं / महा सोहम्मकप्पाण देवाणं पुच्छा तहा सेसकप्पदेवाणं पुच्छा भाणियव्वा जाव अच्चुयकप्पो। सणंकुमारे Page #650 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . अणुओगदारसुत्तं-खेत्तप्पमाणे भवधारणिजा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं छ रयणीओ / उत्तर वे उब्विया जहा सोहम्मे तहा भाणियव्वा / जहा सणंकुमारे तहा माहिंदे वि “भाणियब्वा / बंभलंतगेतु भवधारणिज्जा-जहण्णेणं अंगुलम्स असंखेजहभाग, उक्को सेणं पंचरयणीओ / उत्तरवेउविया जहा सोहम्मे / महासुक्कसहस्सारेसु भवधारणिजा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं चत्तारि रयणीओ। उत्तरवेउ. विया जहा सोहम्मे / आणयपाणयआरणअच्चुए सु चउसु वि भवधारणिजाजहण्णेण अंगुलस्स असंखेजइभागं, उवकोसेणं तिणि रयणीओ। उत्तरवेउविया जहा * सोहम्मे / गेजगदेवाणं भंते ! के महालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! एगे भवधारणिज्जे सरीरगे पण्णत्ते। से जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेणं दुण्णि रयणीओ। अणुत्तरोववाइयदेवाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा! एगे भवधारणिज्जे सरीरंगे पणत्ते। से जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजहभागं, उक्कोसेणं एगारयणी उ।से समासओ तिविहे पण्णत्ते। तं०-सूइअंगुले 1 पयरंगुले 2 घणंगुले 3 / एगंगुलायया एगपएसिया सेढी सूइअंगुले, सूई सूईए गुणिया पयरंगुले, पयरं सूईए गुणियं घणंगुले / एए सि गं सूरअगुलपयरंगुलघणं. गुलाणं कयरे कयरेहितो अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? सत्वन्थोवे सूहअंगुले, पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेजगुणे / सेत्तं उस्सेहरुले / से कि तं पमाणंगुले ? पमाणगुले-एगमेगस्स रणो चाउरंतच.वहिस्स अट्टसोणिए कागणीरयणे छत्तले दुवालसंसिए अट्ठकण्णिए अहिगरणसंटाणसटिए पप्णते, तस्स णं एगमेगा कोडी उस्सेहंगुलविखंभा, तं समणस्स भगवओ महावीरस्स अद्धंगुलं, तं सहस्सगुणं पमागंगुलं भवइ। एएणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाई पाओ, दुवालसअंगुलाई विहत्थी, दो विहत्थीओ=रयणी, दो रयणीओ=कुच्छी, दो कुच्छीओ= धणू, दो धणुसहस्साइं–गाउयं, चत्तारि गाउयाई-जोयणं / एएणं पमाणंगुलेणं किं पओयणं ? एएणं पमाणंगुलेणं पुढवीणं कंडाणं पायालाणं भवणाणं भवणपत्थडाणं णिरयाण णिरयावलीणं णिरयपत्थडाणं कप्पाणं विमाणाणं विमाणावलणं विमाणपत्थडाणं टंकाणं कूडाणं सेलाणं सिहरीणं पन्भाराणं विनयाणं वक्खाराणं वासाणं वासहराणं वासहरपब्वयाणं वेला(वलया)ण वेइयाणं दाराणं तोरणाणं दीवाण समुद्दाणं आयामविक्खभोच्चत्तोत्वेहपरिवखे वामविज्जति / से समासओ ति विहे पण्णत्ते। तं०सेढीअंगुले 1 पयरंगुले 2 घणंगुले 3 / असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ सेढी, सेढी सेढीए गुणिया पयरं, पयरं सेढीए गुणियं लोगो, संखेजएणं लोगो गुणिओ Page #651 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1242 अनंगपविट्ठसुत्ताणि संखेजा लोगा, असंखेजएणं लोगो गुणिओ असंखेजा लोगा, अणंतेणं लोगो गुणिओ अणंता लोगा। एएसि णं सेढी अंगुलपयरंगुलघणंगुलाणं कयरे कयरेहितो अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? सव्वत्थोवे सेढीअंगुले, पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेजगुणे / सेत्तं पमाणंगुले / सेत्तं विभागणिप्पण्णे / सेत्तं ग्वेत्तप्पमाणे // 134 // से किं तं कालापमाणे ? कालप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहापएसणि फण्णे य 1 विभागणि'फण्णे य 2 // 135 // से किं तं पएसणिप्पण्णे ! पएसणिप्फण्णे-एगसमयढिईए, दुसमयढिईए, तिसमयट्टिईए जाव दससमयट्टिईए, संखिजसमयट्टिईए, असंखिजसमट्टिईए / से तं पए सणिप्पण्णे / / 136 // से किं तं विभागणिप्पण्णे ? विभागणिप्फण्णे-गाहा-समयावलिय मुहुत्ता, दिवस अहोरत्त पक्ख मासा य / संवच्छर जुग पलिया, सागर ओसप्पि परियट्टा // 1 // 137 // से किं तं समए ? समयस्स णं परूवणं करिस्सामि-से जहाणामए तुण्णागदारए सिया-तरुणे, बलवं, जुगवं, जुबाणे, अप्पायंके, थिरग्गहत्थे, दढपाणिपायपासपिटुंतरोरुपरिणए, तलजमलजुयलपरिघणिभबाहू', चम्मेट्ठगदुहणमुट्टियसमाहयाणिचियगत्तकाए, उरस्सबलसमण्णागए, लंघणपवणजइणवायामसमत्थे, ईए, दवखे, पत्तटे, कुसले, मेहावी, णिउणे, णितणसिप्पोवगए,एगं महइं पडसाडियं वा पट्टसाडियं वा गहाय सयराहं हत्थमेत्तं ओसारैना, तत्थ चोयए पण्णवयं एवं वयासीजेणं कालेणं तेणं तुण्णागदारएणं तीसे पडसाडियाए वा पट्टसाबियाए वा सयराहं हत्थमेत्ते ओसारिए से समए भवइ ? णो इणढे समढे / कम्हा ? जम्हा संखेजाणं तंतूणं समुदयसमितिसमागमेणं एगा पडसाडिया .णिप्फजइ, उवरिल्लग्मि तंतुम्मि अच्छिण्णे हिडिल्ले तंतू ण छिजइ, अण्णम्मि काले उवरिल्ले तंतू छिजइ, अण्णाग्म काले हिट्ठिल्ले तंतू छिजइ, तम्हा से समए ण भवइ / एवं वयंतं पण्ण्वयं चोयए एवं वयासी-जेणं कालेणं तेणं तुण्णागदारएणं तीसे पडसाडियाए वा पट्टसाडियाए वा उवरिल्ले तंतू छिण्णे से समए भवइ ? ण भवइ / कम्हा ? जग्हा संखेजाणं पम्हाणं समुदयसमिइसमागमेणं एगे तंतू णि फजइ, उवरिल्ले पम्हे अच्छिण्णे हिडिल्ले पम्हे ण छिजइ, अण्णम्मि काले उवरिल्ले पम्हे छिजइ, अण्णम्मि काले हिडिल्ले पम्हे छिजइ, तम्हा से समए ण भवइ / एवं घयंतं पण्णवयं चोयए एवं वयासी-जेणं कालेणं तेणं तुण्णागदारएणं तस्स तंतुस्स उवरिल्ले पम्हे छिण्णे से समए भवइ ? ण भवइ / कम्हा ? लम्हा अणंताणं संघायाणं समुदयसमिइसमा. गमेणं एगे पम्हे णिप्फजइ,उवरिल्ले संघाए भविसंघाइए हेडिल्ले संघाए ण विसंघा Page #652 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1243 इजइ, अण्णम्मि काले उवरिल्ले संघाए विसंघाइलाइ, अण्णग्मि काले हे डिल्ले संधाए विसंघाइजइ, तम्हा से समए ण भवइ / एत्तो वि य णं सुहुमतराए समए पत्ते समणाउसो !, असंखिजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा 'आलिय त्ति वुच्चइ, संखिजाओ आवलियाओ=ऊसासो, संखिजाओ आवलियाओ= णीसाओ। गाहाओ-हट्ठस्स अणवगल्लस्स, णिरुवक्किट्ठस्स जंतुणो। एगे उसासणीसासे, एस 1णुत्ति वुच्चइ // 1 // सत्तपाणूणि से थोवे, सत्त थोवाणि से लवे / लवाणं सत्तहतरीए, एस मुहुत्ते वियाहिए // 2 // तिण्णि बहस्सा सत्त य, सयाई तेहुत्तरि च ऊसासा / एस मुहुत्तो भणिओ, सव्वेहिं अणंतणाणीहि // 3 // एएणं मुहुसपमाणेणं तीसं मुहुत्ता अहोरत्तं, पण्णरस अहोरत्ता-पक्खो, दो पक्खा मासो,दो मासा-3ऊ, तिणि उऊ अयणं, दो अयणाईसंवच्छरे, पंच संवच्छराई जुगे, वसं जुगाईवाससयं, दस बाससयाई-वाससहस्सं, सयं वाससहस्साणं वाससयसहरसं, चोरासीइं वाससयसहस्साई-से एगे पुव्वंगे, चउरासीई पुत्वंगसयसहस्साई-से एगे पुव्वे, चउरासीइं.पुम्बसयसहस्साई-से एगे तुडियंगे, चउरासी इं तुडियंगसयसहस्साई-से एगे तुडिए, चउरासीइं तुडियसयसहस्साई-से एगे अडडंगे, चउरासीई अडडंगसयसहस्साई-से एगे अडडे, एवं अववंगे,अववे, हुहुयंगे, हुहुए, उप्पलंगे, उप्पले, पउमंगे, पउमे, णलिणंगे, णलिणे, अच्छणिउरंगे, अच्छणिउरे, अउयंगे, अउए, पउयंगे, पृउए, गउयंगे, णउए,चूलियंगे, चूलिया, सीसपहेलियंगे, चउरा सीइं सीसपहेलियंगसयसहस्साइं-सा .एगा सीसपहेलिया। एयावया चेव गणिए, एयाबया चेय गणियस्स विसए, एत्तो परं ओबमिए पवत्तइ // 138 / / से किं तं ओवमिए ? ओवमिए दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-पलिओवमे य 1 सागरोवमे य 2 / से किं तं पलिओवमे ? पलिओवमे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-उद्धारपलिओवमे 1 अद्धापलिओवमे 2 खेत्तपलिओवमे य 3 / से किं तं उद्धारपलिओवमे ? उद्धारपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते / तनहा-सुहुमे 1 वाबहारिए य 2 / तत्थ णं जे से सुहुमे से ठप्पे। तत्थणं जे से वावहारिए-से जहाणामए पर सिया-जोयणं आवामविक्खं. भेणं, जोयणं उडे उच्चत्तण, तं तिगुणं रविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहिय'बेयाहियतेयाहिय नाव उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संसले संणिचिए भरिए वालगकोडीणं ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा, णो वाऊ हरेजा, णो कुहेजा, णो पलिविद्धं सिज्जा, णो पूइत्ताए हव्वमागन्छेजा,तओ गं समए समए एगमेगं वालग्गं अवहाय नावइ Page #653 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1244 अनंगपविट्ठसुत्ताणि एणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए णिल्लेवे णिटिए भवइ से तं वावहारिए उद्धारपलिओबमे / गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी हवेज दसगुणिया। तं वावहारियन्स उद्धारसागरोवमस्स,एगस्स भवे परिमाणं ||1|| एएहिं वावहारियउद्धारपलिओवमसार.रोव मेहि किं पओयणं? एएहिं वावहारियउद्धारपलिओवमसागरोवमेहि-पत्थि किंचिम्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविजइ / सेत्तं वावहारिए उद्धारपलिओवमे / से किं तं सुहमे उद्धारपलिओवमे ? सुहुमे उद्धारयलिओवमे से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेबेणं, सेणं पल्ले एगाहियबेयाहि यतेयाहिय जाव उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संसटे संणिचिए भरिए वालग्गकोडीण, तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखिजाई खंडाई कजइ, ते णं वालग्गा दिद्विओगाहणाओ असंखेजइभागमेत्ता सुहमस्स पणगजी वस्स सर्र रोगाहणाउ असंखेजगुणा, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा, णो वाऊ हरेजा, णो कुहेजा, णो पलिविद्धं सिजा, णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेजा, तओ गं समए समए एगमेगं वालग्गं अबहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए णिल्लेवे णि ट्ठिए भवइ सेत्तं सुहुने उद्धारपलिओवमे / गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी हवेज दसंगुणिया। तं सुहुमस्स उद्धारसागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं // 2 // एएहिं सुहुमउद्धारपलिओवमसागरोवमेहि किं पओयणं ? एएहिं सुहमउद्धारपलिओवमसागरोवम् हि दीवसमुद्दाणं उद्धारो घेपइ / केवइया ण भंते ! दीवसमुद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता ? गोयमा! जावच्या णं अड्डाइजाणं उद्धारसागरोवमाणं उद्धारसमया एवइया णं दवसमद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता। सेत्तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे। सेत्तं उद्धारपलिओवमे। से किं तं अद्धापलि ओवमे ? अद्धापलिओवमे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-सुहुमे य 1 वावहारिए य 2 / तत्थ णं जे से सुहमे से ठप्पे / तत्थ णं जे से वावहारिए-से जहाणामए पल्ले सियाजोयणं आयामविक्खभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिवखवेणं, सेणं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग.कोर्ड.णं, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा जाव णो पलिविद्धं सिजा, णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेज्जा, तओ णं वाससए वाससए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइणं कालेणं से परले खणे णीरए पित्लेवे णिट्ठिए भवइ से तं वावहारिए अद्धापलिओवमे / गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भविज दसगुणिया। तं वावहारियस्स अद्धासागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं // 3 // एएहिं वावहारियअद्धापलिओवमसागरोवमेहि कि पओयणं ? एएहि वावहारिय Page #654 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1245 अद्धापलिओवमसागरोवमेहिं णस्थि किंचिप्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविजइ / सेत्तं वावहारिए अद्धापलिओवमे / से किं तं सुहुमे अद्धापलिओवमे ? सुहुमे अद्धापलिओवमे-से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं,जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्वेवणं,से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखिजाई खंडाई कजइ, ते णं वालग्गा दिट्टि ओगाहणाओ असंखेजइभागमेत्ता सुहुमस्स पणर.जीवस्स सरीरोगाहणाओ असंखेजगुणा, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा जाव णो पलिविद्धं सिज्जा, णो पूइत्ताए हव्व मागच्छेजा, तओ णं वाससए वाससए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए पिल्लेवे णिट्ठिए भवइ सेत्तं सुहमे अद्धापलिओवमे / गाहा-एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी भवेज दसगुणिया। तं सुहुमस्स अद्धासागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं // 4 // एएहिं सुहमेहिं अद्धापलिओवमसागरोवमेहि, किं पओयणं ? एएहिं सुहुमेहिं अद्धापलिओवमसागरोवमेहिं णेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं आउयं मविजइ // 139|| णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं / रयणप्पहापुट विणेरइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं एगं सागरोवमं / अपजत्तगरयणप्पहापुढविणेरझ्याणं भंते ! केवयं कालं टिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उवकोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगरयणप्पहापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई.पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई,उवकोसेणं एगं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं / सक्करप्पहापुह विणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं सागरोवमं,उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाई / एवं सेसपुढवीसु पुन्छा भाणियव्वा / वालुयपहापुढविगेरइयाणं-जहण्णेणं तिण्णि सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तसागरोवमाई। पंकप्पहापुढविणेरइयाणं-जहण्णेण सत्तसागरोवमाइ, उबकोसेणं दससागरोवमाई। धूमप्पहापुढविणेरइयाणं-जहण्णेणं दससागरोवमाई,उवकोसेण सत्तरससार रोक्माई / तम पहापुढविणेरइयाणं-जहणेणं सत्तरससागरोवमाई, उवकोसेणं बावीससागरोवमाई / तमतमापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई / असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं साइरेगं Page #655 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1246 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सागरोवमं / असुरकुमारदेवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता 1 गोयमा! जहण्णेणं दसवाससहस्साई,उक्कोसेणं अद्धपंचमाई पलिओवमाई / णागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोषमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं देसूणाई दुण्णि पलिओवमाइं। णागकुमारीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूर्ण पलिओवमं / एवं जहा गागकुमारदेवाणं देवीण य तहा जाव थणियकुमाराण देवाणं देवीण य भाणियव्यं / पुढबीकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं बाबीसं वाससहस्साई / सुहुमपुढवीकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तयाणं पजत्तयाण य / तिमु वि पुच्छा / गोयमा ! अहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / बायरपुढविकाइयाणं पुच्छा / गोयमा ! महण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बाबीसं वाससहरसाइं। अपजत्तगवायरपुटविकाइयाणं पुच्छा / गोयमा! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्ते, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगवायरपुढविकाइयाण पुच्छा / गोयमा ! जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहत्तूणाई / एवं सेसकाइयाण वि पुच्छावयणं भाणियव्वं / आउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तवाससहस्साई / सुहुमआउकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिण्ह वि-जहाणेण वि अंतोमुहुत्तं,उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / बायरआउकाइयाणं जहा ओहियाणं / अपजस्तग. बायरआउकाइयाणं-जहण्णण वि अंतोमुहुत्तं, उबकोसेण वि अंतोमहत्तं / पजत्तगयायरआउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहत्तं,उनकोसेणं सत्तबाससहस्साई अंतमहत्तूणाई। तेउकाइयाणं-जहण्णेण अंतोमुहत्तं,उक्कोसेणं तिणि राइंदियाई / सुहुमतेउकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिण्ह वि-जहण्णेण वि अंतोमुहत्त, उपकोसेण वि अंतोमुहत्तं / बायरतेउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिणि राइंदियाई। अपजत्तगबायरतेउकाइयाणं-जहण्णेण वि अंतोमहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमत्तं / पजत्तगवायरतेउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाइं अंतो. मुहत्तणाई / वाउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमहत्तं, उनकोसेणं तिणि वाससहरसाइं। सुहुमवाउकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाण य तिण्ह वि-जहाणेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / बायरवाउकाइयाणं-जहणेणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि वाससहस्साई / अपजत्तगबायरवाउकाइयाण-जहणेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगवायरवाउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, Page #656 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1247 उक्कोसेणं तिण्णि वाससहस्साई अंतोमुहत्तणाई / वणस्सइकाइयाणं-जहण्णेणं अंतो. मुहुत्तं, उक्कोसेणं दसवाससहस्साई / सुहुमवणस्सइकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पज्जत्तगाण य तिण्ह वि-जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / बायरवणस्सइकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उनकोसेणं दसवाससहस्साई / अपजत्तगबायरवणस्सइकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमहत्तं, उनकोसेण वि अंतोमहत्तं / पजत्तगबायरवणस्सइकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई / वेइंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारससंवच्राणि / अपजत्तगबेइंदियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं,उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तगबेइंदियाणं 0 / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं,उक्कोसेणं बारससंबच्छराइं अंतोमुहत्तूणाई / तेइंदियाण पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं एगूणपण्णासं राइंदियाणं / अपजत्तरतेइ. दियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उवकोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगतेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमहत्तं, उक्कोसेणं एगूणपणास राइंदियाइं अंतोमुहुत्तूणाई / चउरिदियाणं भंते ! केवइयं कालं टिई पणत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं,उस्कोसेणं छम्मासा / अपजत्तगचउरिदियाण पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगचउरिदियाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा अंतोमुहुत्तूणा / पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्त, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं / जलयरपंचिंदियतिरिवखजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उबकोसेणं पुव्वकोडी। सम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी / अपजत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहग्णेण वि अंतोमुहुँत्त, उवकोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचिं. दियपुच्छा / गोयमा ! जहणणेणं अंतोमुहत्तं, उवकोसेणं पुवकोडी अंतोमहत्तणा / गम्भवक्कंतियनलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमहत्त, उव कोसेणं पुव्वकोडी / अपजत्तगगम्भवक्कंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहणेण वि अंतोमुहत्तं,उक्कोसेण वि अंतोमुहृत्त / पजत्तगगब्भवक्कंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जपणेणं अंतोमुहुतं,उक्कोसेणं पुब्दकोडी अंतोमुहुत्तूणा / चउप्पयथलयर Page #657 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1248 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं / सम्मुच्छिमच उप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमहत्तं,उक्कोसेणं चउरासीई वाससहस्साइं / अपजत्तयसम्मुच्छिमचउप्पय थलयरपंचिदियपुच्छा / गोयमा! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्त, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तयसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहाणेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं चउरासीई वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई / गब्भवक्कंतियच उप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्त,उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं / अपजत्तगगम्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं,उक्कोसेण वि अंतोमुहुतं / पजत्तगगम्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुतं,उस्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं,उकोसेणं पुव्वकोडी। सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण अंतोमुहत्तं, उर्वकोसेणं तेवण्णं वास. सहस्साई। अपजत्तयसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा! जहणेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुडुत्तं / पजत्तयसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिं. दियपुच्छा। जहण्गेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तयसम्मुछिम उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेवणं वाससहस्साई अंतोमुहत्तगाई। गम्भवक्कंतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदिय पुच्छा / गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण * पुव्वकोडी। अपजत्तगगब्भवतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदिय पुच्छ।। गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगगब्भवतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी अंतोमुहत्तणा / भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुबकोडी / सम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साई / अपजत्तयसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोसुहत्तं / पजत्तयसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथल परपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जगेगं अंतोतुहुतं, उस्को सेणं यायालीसं वाससहस्साई अंतोनुहुत्तू गाई / गम्भवक्कंतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा! जहण्णेणं 3.तोमुहुत्तं, उनको. Page #658 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1249 सेगं पुवकोडी / अजत्तयगभवतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्त, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तयगब्भववकतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छ| | गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुचकोडी अंतोमुहुत्तूणा / खहयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो। सम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियपुच्छा। गो० ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साई / अपजत्तगसम्मुच्छिमखह. यरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्त, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तगसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा! जहण्णणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई / गम्भवक्कंतियखयरपंचिंदियपुच्छा। गो०! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो / अपजत्तयगम्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगगब्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियतिरिवखजोणि या भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोथमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो अंतोमुहत्तूगो / एत्थ एए सि णं संगहणिगाहाओ भवंति, तंजहा-- सम्मुच्छिम पुव्वकोडी, चउरासीइं भवे सहस्साई / तेवण्णा बायाला, बावत्तरिमेव पक्खीणं |1|| गम्भमि पुव्वकोडी, तिणि य पलिओवमाई परमाऊ / उरग भुय पुव्वकोडी, पलिओवमासंखभागो य // 2 // मणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिषिण पलिओवमाई / सम्मुच्छिममणुस्साणं पुच्छा। गोयमा! जहणणेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहृत्तं / गब्भवक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्त, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं / अपज्जत्तगगब्भवक्कंतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तगगम्भवक्कंतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुहत्तणाई। वाणमंतराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमं / वाणमंतरीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं / जोइसियाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणणं साइरेगं अट्ठभागपलिओ Page #659 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनगाह 1250 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. बम, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्सममहिये / जोइसियदेवीण भंते ! केवयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहाणेगं अट्ठभागपलिओवमं, उवकोसेणं अद्धपलि ओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अमहियं / चंद विमाणाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहणेणं चउभागपलिओवम, उक्कोसेणं पलिओवमं बाससयसहस्सममहियं / चंदविमाणाण भंते ! देवीणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अमहियं / सूरविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओक्मं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समभहियं / सूरविमाणाणं देवीणं पुच्छा। गोयमा! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवम पंचहिं वाससएहिं अब्भहियं / गहविमाणाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता 1 गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं / गहविमाणाणं भंते ! देवीण पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं च उभागपलिओवमं, उस्कोसेणं अद्धपलिओवमं / णक्खत्तविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं / णवत्तविमाणाणं देवीणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगं चउभागपलिओवमं / ताराविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं चउभागपलि ओवमं / ताराविमाणाणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ! गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवम, उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं। वेमाणियाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता गोयमा! जहण्णेणं पलिओवमं उवकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। वेमाणियाणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओवमाई / सोहम्मे णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं दो सागरोवमाई / सोहम्मे णं भंते ! कम्पे परिग्गहियादेवीणं पुच्छा। गोयमा ! जहणेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं सत्तपलिओवमाई / सोहम्मे णं भंते ! कप्पे अपरिग्गहियादेवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पण्णासं पलिओवमं / ईसाणे णं भंते ! कप्पे देवाणं केवइयं कालं टिई पण्णता ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगाई दो सागरोवमाई। ईसाणे ण भंते ! कप्पे परिग्गहियादेवीणं केवइयं कालं टिई पण्णत्ता 1 गोयमा ! Page #660 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1251 जह ऐणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं गवलिओवमाई / ईसाणे ण भंते ! कष्ट अपरिग्गहियादेवीणं केवइयं पालं टिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरे 'पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओवमाई / सणंबुमारे णं भंते ! कप्पे देवाण पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं दो सागरोवमाई,उक्कोसेणं सत्तसागरोवमाई / माहिदे णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण साइरेगाई दो सागरोवमाई. हक्कोसेणं साइरेगाइं सत्तसागरोवमाई / बंभलोए णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा गोयमा ! जहण्णेणं सत्तसागरोवमाई, उक्कोसेणं दससागरोवमाइं / एवं कप्पे काप केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता 1 गोयमा ! एवं भाणियव्वं-लंतए-जहण्णेणं दससागरोवमाई,उक्कोसेणं चउट्स सागरोवमाई। महासुक्के-जहण्णेणं च उद्दस सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई / सहस्सारे-जहण्णेणं सत्तरस सागरोवमाई, उवकोसे अट्ठारस सागरोवमाइं / आणए-जहण्णेणं अट्ठारस सागरोवमाई, उक्कोसेणं एगूणवीसं सागरोवमाई / पाणए-जहण्णेणं एगूणघीसं सागरोवमाई, उवकोसेणं वीस सागरोवमाइं / आरणे-जहण्णेणं वीसं सागरोवमाई, उवकोसेणं एकवीसं सागरोवमाइं / अच्चुए-जहण्णेणं एकवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई। हेट्टिमहेट्ठिमगेविजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं केवयं कालं टिई पण्णत्ता ? गोयमा !. जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं तेवीसं सांगरोवमाई / हेद्विममझिमगे वि. जविमाणेसु णं भंते ! देवाणं०१ गोयमा ! जहण्णेणं तेवीसं सागरोवमाइं, उवकोसेण चउवीसं सागरोवमाइं। हेट्ठिमउवरिमगेविजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं०? गोयमा! जहण्णेणं चउवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं पणवीसं सागरोवमाइं / मज्झिमहेट्ठिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं०१ गोयमा ! जहण्णेणं पणवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं छब्बीसं सागरोवमाइं / मज्झिमझिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं 0? गोयमा ! जहण्णेणं छव्वीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाई मज्झिमउवरिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तावीस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं / उवरिमहेट्ठिमगेविजविमाणेसु ण भंते ! देवाणं०१ गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई, उवकोसेणं एगूणसं सागरोवमाइं / उवरिममज्झिमगेविजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं०१ गोयमा ! जह णेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं,उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाई / उवरिमउवरिमगेविजविमाणेतु णं भंते ! देवाण०१ गोयमा! जहण्णेणं तीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं इक्कर Page #661 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1252 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तीसं सागरोवमाई / विजय वेजयंतजयंतअपराजियविमाणेसु णं भंते ! देवाणं केव इयं कालं ठिई पण्णत्ता 1 गोयमा ! जहण्णेणं इक्वतीसं सागरोवमाई,उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई / सव्वदृसिद्धे णं भंते ! महाविमाणे देवाणं केवइयं कालं टिई पण्णता ? गोयमा ! अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई / सेत्तं सुहुमे अद्धापलिओवमे। सेत्तं अद्धापलिओवमे // 140 // से किं तं खेत्तपलिओवमे ? खेत्तपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-सुहुमे य 1 वावहारिए य 2 / तत्थ णं जे से सुहुमे से ठप्पे / रात्थ णं जे से वावहारिए-से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं,से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, ते णं बालग्गा णो अग्गी डहेजा जान णो पूइत्ताए. हव्वमाग-- च्छेजा, जे णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा तेहिं वालग्गेहि अप्पुण्णा तओ णं समए समए एगमेगं आगासपएसं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे जाव णिट्ठिए भवद से तं वावहारिए खेत्तपलिओवमे / गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भवेन दसगुणिया। तं वावहारियस्स खेत्तसागरोवमस्स,एगस्स भवे परिमाणं // 1 // एएहिं वावहारिएहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहि किं पओयणं 1 एएहिं वावहारिएहि खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं णत्थि किं चिप्पओयणं,केवलं पण्णवणा पण्णविजइ / सेत्तं वावहारिए खेत्तपलिओवमे।से किं तं सुहमे खेत्तपलिओवमे ? सुहुमे खेलपलिओवमे-से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं जाव तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, तत्थ ण एगमेगे धालग्गे असंखिजाइं खंडाई कजइ, ते णं वालग्गा दिट्ठिओगाहणाओ असंखेजइ. भागमेत्ता सुहमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाओ असंखेजगुणा, ते णं वालग्गा जो अग्गी डहेजा जाव णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेजा, जे णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा तेहि वालग्गेहिं अप्फुण्णा वा अणाफुण्णा वा तओ णं समए समए एगमेगं आगासपएसं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे नाव णिट्टिए भवइ सेत्तं सुहमे खेत्तपलिओवमे / तत्थ णं चोयए पण्णवर्ग एवं वयासी-अस्थि णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा जे णं तेहिं वालग्गेहिं अणाफुण्णा ! हता! अस्थि / जहा को दिटुंतो ? से जहाणामए कोट्ठए सिया कोहंडाणं भरिए, तत्थ णं माउलिंगा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं बिल्ला पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं आमलगा पविखता ते वि माया, तत्थ णं बयरा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं चणगा- पक्खित्ता ते वि Page #662 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1253 राया, तत्य | मुग्गा पक्वित्ता ते वि माया, तत्थ णं सरिसवा पविखत्ता ते वि नाया, तत्थ णं गंगावालु या पविखत्ता मा वि माया, एवमेव एएणं दिटुंतेणं अनिय जं तस्स पल्लस्स आगासपएमा जे णं तेहिं वालरोहिं अणापुण्णा। गाहा-एएमि पल्लाणं, कोडाकोडी भवेज दसगुणिया। तं सुहुमस्स खत्तसागरोवमस्म, एगस्स भवे परिमाणं // 2 // एएहिं सुहुमेहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं मुहुमेहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहि दिट्ठिवाए दव्वा मविज्नंति // 141 // कइविहा गं भंते ! दव्या पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-जीवदव्वा य 1 अजीवदव्वा य 2 / अर्जवदवा णं भंते ! कहविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-रूवीअजीवदव्वा य 1 अरूवीअजीवदव्वा य 2 / अरूवीअजीव दव्वा णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता। तंजहा-धम्मस्थिकाए 1 धम्मस्थिकायम्स देसा 2 धम्मस्थिकायस्स पएसा 3 अधम्मस्थिकाए 4 अधम्मस्थिकायस्स देसा 5 अधम्मत्थिकायस्स पएसा 6 आगासस्थिकाए 7 आगामस्थिकायस्स देसा 8 आगासत्थिकायरस पएसा 9 अद्धासमए 10 / रूवीअजीवइव्वा णं भते ! कइविहा पणत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा--- खंधा 1 खंधदेसा 2 खंधपएसा 3 परमाणुपोग्गला 4 / ते ण भंते ! किं संखिजा असंखिजा अणंता ? गोयमा ! णो संखिज्जा, णो असंखिजा, अणंता। से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ--णो संखिजा, णो असंखिजा, अणता ? गोयमा ! अगंता परमाणुपोग्गला, अणंता दुपए मिया खंधा जाव अणंता अणंतपए सिया खंधा, से एएगदेणं गोयमा ! एवं बुम्बइ--गो संखिज्जा, णो असंखिजा, अणंता / जीवदत्वा णं भंते ! के मंविना असंखिजा अणंता : गोयमा ! णो मंखिजा, णो असंखिज्जा, अणंता। से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चद-णो संखिजा, णो असंखिजा, अणंता ? गोयमा ! असंखिजा णेरइया, असखिजा असुरकुमारा जाब असंखिज्जा थणियकुमारा, असं. ग्विजा पुढविकाइया जाब असंखिजा वा उकाइया, अणंता वणम्सइकाइया, असंखिजा बइंदिया जाव असंखिजा चउरिदिया, असंखिजा पंचिंदियतिरिवखजोणिया, असंखिजा मणुस्सा, असंखिजा वाणमंतरा, असंखिजा जोइसिया, असंखिजा वेमाणिया, अणंता सिद्धा, से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-णो संखिजा, णो असंखिजा, अणंता // 142|| कइविहा गं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता। तंजहा-ओगलिए 1 वेरखिए 2 आहारए 3 तेयए 4 कम्मए 5 / णेरइयाणं भंते! Page #663 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1254 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कइ सरीरा पणत्ता 1 गोयमा! तओ सरीरा पण्णत्ता / तंजहा-वेउव्विए 1 तेयए 2 कम्मए 3 / असुरकुमाराणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरारा पण्णत्ता / तंजहा-वेउविए 1 तेयए 2 कम्मए 3 / एवं तिण्णि तिणि एए चेव सरीरा जाव थणियकुमाराणं भाणियव्वा / पुढविकाइयाणं भंते ! कई सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरा पण्णत्ता / तंजहा-ओरालिए 1 तेयए 2 कम्मए 3 / एवं आउतेउवणस्सइकाइयाण वि एए चेव तिणि सरीरा भाणियव्वा / वाउकाइयाणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि सरीरापण्णत्ता / तंजहा-ओरालिए 1 वेउदिवए 2 तेयए 3 कम्मए 4 / बेइंदियतेइंदियचउरिदियाणं जहा पुढवीकाइयाणं / पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा वाउकाइयाणं / मणुस्साणं भंते ! कह सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता / तंजहा-ओरालिए 1 वेरविए 2 आहारए 3 तेयए 4 कम्मए 5 / वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं जहा णेरइयाणं / केवइया णं' भंते ! ओरालियसरीरा पणता ? गोयम्रा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ ण जे ते बद्धेलया ते णं असंखिज्जा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ उ संखेजा लोगा। तत्थ णं जे ते मुक्केल्लया ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्वओ अभव सिद्धि एहिं अणंतगुणा, सिद्धाणं अणतभागो / केवइया णं भंते ! वेउव्वियसरी रा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बघल्लया ते णं असंखिजा, असंखेजाहिँ उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो / तत्थ ण जे ते मुक्केल्लगा ते ण अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणीओमप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, सेस जहा ओरालियस्स मुक्केल्लया तहा एए विभाणियव्वा। केवइया णं भंते ! आहारगसरीरा पणत्ता ! गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ ण जे ते बद्धलया ते गं सिय अस्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि जहण्णेणं एगो वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं / मुक्केल्लया जहा ओरालिया तहा भाणियव्वा / केवइया णं भंते ! तेयगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं अणंता, अणंताहि 1 कइविहा णं / Page #664 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1255 उम्माप्पणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्यओ सिद्धेहिं अणंतगुणा, सव्वर्ज वाणं अणंतभागूणा / तत्थ ण जे ते मुव केल्लया ते णं अणंता, भणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्यओ सयजीवहिं अणंतगुणा, सवजीववग्गरस अणंतभागो / केवइया णं भंते ! कम्मगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेलया य 1 मुकेल्लया य 2 / जहा तेयगसरीरा तहा-कम्मगसरीरा वि भाणियवा / णेरइयाणं मंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धे. लया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ ण जे ते बद्धेलया ते णं णस्थि / तत्थ णं जे ते मुक्केल्लया ते जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियत्वा / णेरइयाण मंते ! केवइया वेउब्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धलया ते णं असंखिजा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजहभागो, तासि.णं सेढीणं विक्खभसूई अंगुलपढमवग्गमूलं बिइयवग्गमूलपटुप्पण्णं, अहवा णं अंगुलबिइयवग्गमूलघणपमाणमेत्ताओ सेई ओ / तत्थ णं जे ते मुक्केल्लया ते णं जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियत्वा / णेरइयाणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्या य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेलया ते णं णस्थि / तत्थ णं जे ते मुक्केलया ते नहा ओहिया तहा भाणियव्वा / तेयगकग्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेउव्वियसरीरा तहा भाणि यया / असुरखुमाराण भंते ! केवइया ओरालियरा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा गैरइयाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / असुरकुमाराणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्वेल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखिज्जा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो,तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपटमवन्गमूलस्स असंखिजइभागो / मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियसरीरा / असुरकुमाराणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 . मुक्केल्लया य 2 / जहा एएसिं चेव ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेउव्वियसरीरा तहा भाणियव्वा / जहा असुरकुमाराणं Page #665 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1256 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तहा जाव थणियकुमाराणं ताव भाणियव्वा / पुढ विकाइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता ! तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2 / एवं जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / पुढविकाइयाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेलया य१ मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं णत्थि / मुक्केल्लया जहा ओहियाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / आहारगसरीरा वि एवं चेव भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीराजहा एएसिं चेव ओरालियसरीरातहा भाणियव्वा / जहा पुढ विकाइयाणं एवं आउकाइयाणं तेउकाइयाण य सव्वसरीरा भाणियव्वा / वाउकाइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लय य 1 मुक्केल्लया य 2 / जहा पुढविकाइयाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / वाउ. काइयाणं० केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा. बलिया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखिजा, समए समए अवहीरमाणा खेत्तपलिओवमस्स असखिजहभागमेत्तेणं कालेणं अवहीरंति, णो चेव णं अवहिया सिया। मुक्केल्लया वेउव्वियसरीरा आहारगसरी र? य जहा पुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा नहा पुढ विकाइयाणं तहा भाणियव्वा / वणस्सइकाइयाणं ओरालियवेउव्वियआहारगसर्र,रा जहा पुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वा / वणस्सइकाइयाणं भंते ! केवइया तेयगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा दुविहा पण्णत्ता। नहा ओहिया तेयगकम्मगसरीरा तहा वणस्सइकाइयाण वि तेयगकम्मगसरीरा भाणियव्वा / बेइंदियाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविंहा पणत्ता / तंजहा-बद्धेलया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखिजा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खभसूई असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ, असंखिजाई सेढिवग्गमूलाई, बेइंदियाणं ओरालियबद्धेल्लएहिं पयरं अवहीरइ असंखिजाहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं कालओ, खेत्तओ अंगुलपयरस्स आवलियाए असंखिजइभागपडिभागेणं / मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / वेउव्वियआहारगसरीरा वद्धेल्लया णत्थि / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा जहा एए सिं चेव ओरालियसरीरा तहा भाणियब्वा / नहा बेइंदियाणं तहा तेइंदियचउरिंदियाण वि * भाणियत्वा / Page #666 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1257 पंचिंदियतिरिक्खनोणियाण वि ओरालियसरीरा एवं चेव भाणियव्वा / पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मंते ! केवइया वे उव्यियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहाँ-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेलया ते णं असंखिजा, असंखिजाहिं उस्सधिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखिजइभागो / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / आहारयसरीरा जहा वेइंदियाणं तेयगकम्मगसरीरा जहा ओरालिया। मणुस्साणं भंते ! केवइया ओरालियमरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ ण जे ते बद्धेलया ते णं सिय संखिजा सिय असंखिज्जा, जहण्णपए संखेजा, संखिजाओ कोडाकोडीओ, एगूणतीसं ठाणाई तिजमरूपयस्स उवरिं चउजमलपयस्स हेट्ठा, अहव णं टो वग्गो पंचमवग्गपडुप्पण्णो, अहव णं छण्णउइछेयणगदाइरासी, उक्कोसपए असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ उक्कोसपए रूवपक्खित्तेहिं मणुस्सेहिं सेढी अवहीरइ कालओ असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि,खेत्तओ अंगुलपढमवग्गमूलं तइय. वग्गमूलपडुप्पण्णं / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / मणुस्साणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ ण जे ते बघल्लया ते ण संखिज्जा, समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा संखेज्जेणं कालेणं अवहीति, णो चेव णं अवहिया सिया। मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियाणं मुक्केल्या तहा भाणियव्वा / मगुस्साणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्या य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं सिय अत्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि नहणणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव ओरालिया तहा भाणियव्वा / वाणमंतराणं ओरालियसरीरा जहा णरइयाणं / बाणमंतराणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2. / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणी. ओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिजाओ सेढीओ पयरस्स असंखे जइभागो, तासि ण से ही गं विक्खभसूई संखे जजोयणसयवग्गपलिभागो पयरस्स / मुकल्या जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्व।। आहारयसरीरा दुविहा वि Page #667 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1258 अनंगपविट्सत्ताणि जहा असुरकुमाराणं तहा भाणियव्वा / वाणमंतराणं भंते ! केवइया तेयगकम्मगसरीरा पण्णत्ता 1 गोयमा ! जहा एएसिं चेव वेउब्वियसरीरा तहा तेयगकम्मगसरीरा भाणि. .यचा। जोइसियाग भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता? गोयमा! जहाणेरइयाणं तहा भाणियव्वा। जोइसियाण भंते ! केवइया वेउब्वियसरीरा पण्णता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेलया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया जाव तासि णं सेढीणं विक्खभसूई, बेछप्पण्णंगुलसयवग्गपलिभागो पयरस्स / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहाभाणियव्वा / आहारयसरीरा जहा ोरइयाणं तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा नहा एएसिं चेव वेउव्विया तहा भाणि यव्वा / वेमाणियाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा णेरइयाणं तहा भाणियव्वा / वेमाणियाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेलया य 1. मुक्केलया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखिजा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणी हिं, अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजहभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलबीयवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडुप्पण्णं अहव णं अंगुलतइयवग्गमूलघण. प्पमाणमेत्ताओ सेढीओ / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / आहारगसरीरा जहा णेरइयाणं / तेयगकम्मगसरीरा जहा एए सिं चेव वेउव्वियसरीरा तहा भाणियव्वा / सेत्तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे / सेत्तं खेत्तपलिओवमे / सेत्तं पलिओवमे / सेत्तं विभागणिप्फण्णे / सेत्तं कालप्पमाणे // 143 / / से किं तं भावप्पमाणे ? भावप्पमाणे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-गुणप्पमाणे. 1 णयप्पमाणे 2 संखप्पमाणे 3 ॥१४४॥से किं तं गुणप्पमाणे ? गुणपंमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-जीवगुणप्पमाणे 1 अजीवगुणप्पमाणे य 2 / से किं तं अजीवगुणप्पमाणे ? अजीवगुणप्पमाणे पंच विहे पण्णत्ते / तंजहा-वण्णगुणप्पमाणे 1 गंधगुणप्पमाणे 2 रसगुणापमाणे 3 पास्गुणप्पमाणे 4 संठाणगुणप्पमाणे 5 / से किं तं वण्णगुणप्पमाणे ? वण्णगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-कालवण्णगुणप्पमाणे 1 जाव सुकिल्लवण्णगुणप्पमाणे 5 / सेत्तं वण्णगुणप्पमाणे / से किं तं गंधगुणप्पमाणे ? गंधगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहासुरभिगंधगुणप्पमाणे 1 दुरभिगंधगुणप्पमाणे 2 / सेत्तं गंधगुणप्पमाणे / से किं तं रसगुणप्पमाणे ? रसगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते। तं०-तित्तरसगुणप्पमाणे 1 नाव महुररसगुणप्पमाणे 5 / सेत्तं रसगुणप्पमाणे / से किं तं फासगुणप्पमाणे 1 पास्गुणप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते / तं०-कवखडफासगुणप्पमाणे 1 जाव लक्खफागणापमाणे 8 / सेत्तं फासगुणप्पमाणे / से किं तं संटाणगुणप्पमाणे ? संटाणगुणप्पमाणे पंचविहे Page #668 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. अणुओगदारसुत्तं-भावप्पमाणे 1259 पग्णत्ते / तं०-परिमंडलसंठाणगुणप्पमाणे 1 वट्टसंठाणगुणप्पमाणे 2 तंससंटाणगुणप्प. माणे 3 चउरंससंठाणगुणप्पमाणे 4 आययसंठाणगुणप्पमाणे 5 / सेत्तं संठाणगुणप्पमाणे / सेत्तं अजीवगुणप्पमाणे / से किं तं जीवगुणप्पमाणे ? जीवगुणप्पमाणे ति विहे पण्णत्ते / तं०-गाणगुणप्पमाणे 1 दंसणगुणप्पमाणे 2 चरित्तगुणप्पमाणे 3 / से किं तं णाणगुणप्पमाणे ? णाणगुणप्पमाणे च उविहे पण्णत्ते / तंजहा-पवखे 1 अणुमाणे 2 ओवन्मे 3 आगमे 4 / से किं तं पच्चय खे ? पच्चरखे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-इंदियपच्चकग्वे य 1 णोइंदियपञ्चक्खे य 2 / से किं तं इंदियपच्चक्खे ? इंदियपञ्चरखे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा–सोइंदियपच्चक्खे 1 चवखुरि दियपच्चक्खे 2 घाणिदियपच्वखे 3 जिभिदियपच्चरखे 4 पासिंदियपञ्चक्खे 5 / सेत्तं इंदियपच्चवखे / से किं तं णोई. दियपञ्चक्खे ? णोइंदियपच्चक्ग्वे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-ओहिणाणपच्चवखे 1 मण. पजवणाणपञ्चक्खे 2 केवलणाणपच्चक्खे 3 / सेत्तं णोइंदियपच्चवखे / सेत्तं पचवखे / से किं तं अणुमाणे ? अणुमाणे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-पुत्ववं 1 सेसवं 2 दिट्ट. साहम्मवं 3 / से किं तं पुव्ववं ? पुव्ववं--गाहा-माया पुत्तं जहा णटुं, जुवाणं पुणरागयं / काइ पञ्चभिजाणेजा, पुवलिंगेण केणइ // 1 // तंजहा-खएण वा, वण्णेण वा, लंछणेण वा, मसेण वां, तिलए ण वा / सेत्तं पुत्ववं / से किं तं सेसवं ! सेसवं पंचविहं पण्णतं / तंजहा--कज्जेणं 5 कारणेणं 2 गुणेणं 3 अक्यवेणं 4 आसएणं 5 / से किं तं कज्जेणं ? कज्जेणं-संखं सहेणं,मेरिं ताडिएणं, वसभं ढक्किएणं. मोरं किंकाइएण, हयं हे सिएणं, गयं गुलगुलाइएणं, रहं घणघणाइएणं / सेत्त कर्ज मे किं तं कारणेणं ? कारणेणं-तंतवो पडस्स कारणं, ण पडो कारण, वरण कडस्म कारणं, ण कडो वीरणाकारणं, मिपिंडो घडरस कारण, ण घडो मिपित कारणं / सेतं कारणेणं / से किं तं गुणेणं ? गुणेणं-सुवणं णिक सेणं, पुष्फ गंधेण, लवणं रसेणं, घयं आसायएणं, वत्थं फासेणं / सेत्तं गुणेणं / से किं तं अवययेणं ! अवयवेणं-महिस सिंगेणं, कुक्कुडं सिहाएणं, हस्थि विसाणेणं, वराहं दाढाए, मोर पिच्छेणं, आसं खुरेणं, वग्यं णहेणं, चमरिं वालग्गेणे, वाणरं लंगूलेणं, दुपयं मणुरसाइ, चउप्पयं गव[यामाइ, बहुपयं गोमियाइ, सीहं केसरेणं, वसहं ककुहेण, महिलं वलयाहाए, गाह!-परियरबंधेण भडं, जाणिजा महिलियं णिवसणेणं / सित्थेछ, दोणपागं, कविं च एकाए गाहाए // 2 // सेत्तं अवयवेणं / से किं तं आसएणं / आसएणं-अग्गिं धूमेणं, सलिलंबलागेणं, वृद्धिं अमविगारेणं, कुलात्तं सील समाया 1 दंतेणं ति अट्ठो। Page #669 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1260 ___अनंगपविद्वसुत्ताणि रेणं / सेत्तं आसएणं / सेत्तं सेसवं / से किं तं दिट्ठसाहम्मवं ? दिट्ठसाहम्मवं दुविहं पण्णत्तं / तंजहा-सामण्णदिटुं च 1 विसेसदिटुं च 2 / से किं तं सामण्णदिटुं ? सामण्णदिटुं-जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा, जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो,जहा एगो करिसावणो तहा बहवे करिसावणा, जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो / सेत्तं सामण्णदिटुं / से किं तं विसेसदिटुं ? विसेसदिटुं-से जहाणामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं बहूणं पुरिसाणं मज्झे पुव्वदिटुं पञ्चभिजाणेजा-'अयं से पुरिसे', बहूणं करिसावणाणं माझे पुव्वदिटुं करिसावणं पच्चभिजाणेजा-'अयं से करिसावणे' / तस्स समासओ तिविहं गहणं भवइ, तंजहा-अतीयकालगहणं 1 पडुप्पण्णकालगहणं 2 अणागयकालगहणं 3 / से किं तं अतीयकालगहणं ! अतीयकालगहणं-उत्तणाणि वणाणि णिप्फण्णसरसं वा मेइणिं पुण्णाणि य कुंडसरणईदीहियातडागाइं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-सुवुट्ठी आसी / सेत्तं अतीयकालगहणं / से किं तं पडुप्पण्णकालगहणं ? पडुप्पण्णकालगहण-साहुं गोयरन्गगयं विच्छिड्डियपउरभत्तपाणं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-सुभिक्खे वट्टइ / सेत्तं पडुप्पण्णकालगहणं / से किं तं अणागयकालगहणं ? अणागयकालगहणं-अब्भस्स णिम्मलत्तं, कसिणा य गिरी सविज्जुया मेहा / थणियं वाउब्भामो, संझा रत्ता पणि(ट्ठा)द्धा य // 3 // वारुणं वा महिंदं वा अण्णयरं वा पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिजइ नहा-सुत्रुट्ठी भविस्सइ / सेत्तं अणागयकालगहणं / एएसिं चेव विवजासे तिविहं गहणं भवइ, तंजहा-अतीयकालगहणं 1 पडुप्पण्णकालगहणं 2 अणागयकालगहणं 3 ।से किं तं अतीयकालगहणं 12 णित्तिणाई बणाई अणिप्फण्णसरसं वा मेइणिं सुक्काणि य कुंडसरणईदीहियातडागाई पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-कुट्टी आसी / सेत्तं अतीयकालगहणं / से किं तं पडुप्पण्णकालगहणं ? पडुप्पण्णकालगणंसाहुं गोयरग्गगयं भिक्खं अलभमाणं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-दुभिक्खे वट्टइ / सेत्तं पडुप्पण्णकालगहणं / से किं तं अणागयकालगहणं ? अणागयकालगहणंगाहा-धूमायंति दिसाओ, संविय-मेइणी अपडिबद्धा / वाया गेरइया खल, कुवुट्टिमेवं णिवेयंति // 4 // अग्गेयं वा वायव्वं वा अण्णयरं वा अप्पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-कुवुट्ठी भविस्सइ / सेत्तं अणागयकालगहणं / सेत्तं . विसेसदिटुं / सेत्तं दिट्ठसाहम्मवं / सेत्तं अणुमाणे / से किं तं ओवम्मे ? ओवम्मे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-साहम्मोवणीए 1 वेहम्मोवणीए य 2 / से किं तं साहम्मो Page #670 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-भावप्पमाणे 1261 वणीए ? साहम्मोवणीए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-किंचिसाहम्मोवणीए 1 पायसाहामोवणीए 2 सव्वसाहम्मोवणीए. 3 / से किं तं किंचिसाहम्मोवणीए ? किंचिसाहम्मोवणीए-जहा मंदरो तहा सरिसवो, जहा सरिसवो तहा मंदरो, जहा समुद्दो तहा गोप्पयं, जहा गोप्पयं तहा समुद्दो, जहा आइच्चो तहा खज्जोओ, जहा खजोओ तहा आइच्चो, जहा चंदो तहा कुमुदो, जहा कुमुदो तहा चंदो / सेत्तं किंचिसाहम्मोवणीए / से किं तं पायसाहम्मोवण्णीए ? पायसाहम्मोवणीए-जहा गो तहा गवओ, जहा गवओ तहा गो। सेत्तं पायसाहम्मोवणीए / से किं तं सव्वसाहम्मोवणीए ! सव्वसाहम्मे ओवम्मे णत्थि, तहावि तेणेव तस्स ओवम्मं कीरइ, जहा-अरिहंतेहि अरिहंतसरिसं कयं, चकवट्टिणा चक्कवट्टिसरिसं कयं, वलदेवेण बलदेवसरिसं कयं, वासुदेवेण वासुदेवसरिसं कयं, साहुणा साहुसरिसं कयं / सेत्तं सव्वसाहम्मे / सेत्तं साहम्मोबणीए / से किं तं वेहम्मोवणीए ! वेहम्मोवणीए तिविहे पण्णत्ते / तंजहाकिंचिवेहम्मे 1 पायवेहम्मे 2 सव्ववेहम्मे 3 / से किं तं किंचिवेहम्मे ? किंचिवेहम्मेनहा सामलेरो ण तहाबाहुलेरो, जहा बाहुलेरो ण तहा सामलेरो / सेत्तं किंचिवेहम्मे / से किं तं पायवेहम्मे ? पायवेहम्मे-जहा वायसो ण तहा पायसो, जहा पायसो ण तहा वायसो / सेत्तं पायवेहम्मे / से किं तं सव्ववेहम्मे ? सव्ववेहम्मे ओवम्मे त्थि, तहावि तेणेव तस्स ओवम्मं कीरइ, जहा णीएणं णीयसरिसं कयं, दासेणं दाससरिसं कयं, काकेणं काकसरिसं कयं, साणेण साणसरिसं कयं, पाणेणं पाणसरिसं कयं / सेत्तं सव्ववेहम्मे / सेत्तं वेहम्मोवणीए / सेत्तं ओवम्मे / से किं तं आगमे ? आगमे दुविहे पण्णत्ते / तं०-लोइए य 1 लोउत्तरिए य 2 / से किं तं लोइए ? लोइएजण इमं अण्णाणिएहि मिच्छादिट्ठिएहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पियं, तं०-भारहं,रामा यणं जाव चत्तारि वेया संगोवंगा / सेत्त लोइए आगमे / से किं तं लोउत्तरिए ? लोउत्तरिए-जं णं इमं अरिहंतेहिं भगवंतेहिं उप्पण्णणाणदंसणधरेहिं तीयपच्चुप्पण्णमणागयजाणएहिं तिलुक्कवहियमहियपूइएहिं सव्वण्णूहिँ सव्वदरिसीहिं पणीय दुवालसंगं गणिपिडगं,तं०-आयारो जाव दिठिवाओ। अहवा आगमे तिविहे पण्णत्ते / तं०-सुत्तागमे 1 अत्थागमे 2 तदुभयागमे 3 / अहवा आगमे तिविहे पण्णत्ते / तं०-अत्तागमे 1 अणंतरागमे 2 परंपरागमे 3 / तित्थगराणं अत्थस्स अत्तागमे; गणहराणं सुत्तस्स अत्तागमे, अन्थस्स अणंतरागमे; गणहरसीसाणं सुत्तस्स अणंतरागमे, अस्थम्स परंपरागमे; तेण परं सुत्तस्स वि अत्थस्स वि णो अत्तागमे, णो अणंतरागमे, परं. परागमे / सेतं लोगुत्तरिए / सेत्तं आगमे / सेत्तं णाणगुणप्पमाणे / से किं तं दंसण Page #671 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1262 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गुणप्पमाणे 1 दंसणगुणप्पमाणे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-चखुदंसणगुणप्पमाणे 1 अचखुदंसणगुणापमाणे 2 ओहिदंसणगुणप्पमाणे 3 केवलदंसणगुणप्पमाणे 4 / चक्खुदंसगं चक्खुदंसणिस्स घडपडकडरहाइएसु दव्वेसु, अचक्खुदंसणं अचक्खुदंसणिस्स आयभावे, ओहिदंसणं ओहिदंसणिस्स सव्वरूविदव्वेसु ण पुण सव्वपजवेसु,' केवलदंसणं केवलदंसणिस्स सव्वदव्वेसु य सव्वपजवेसु य / सेत्तं दंसंणगुणप्पमाणे / से किं तं चरित्तगुणप्पमाणे ? चरित्तगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते / तंजहा-सामाइयचरित्तगुणप्पमाणे 1 छेओवट्ठावणचरित्तगुणप्पमाणे 2 परिहारविसुद्धियचरित्तगुणप्पमाणे 3 सुहुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे 4 अहक्खायचरित्तगुणप्पमाणे 5 / सामाइयचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-इत्तरिए य 1 आवकहिए य 21 छेओवट्ठावणचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-साइयारे य 1 णिरइयारे य 2 / परिहारविसुद्धियचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-णिव्विसमाणए य 1 णिविट्ठकाइए य 2 / सुहुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंनहा-संकि. लिस्समाणए य 1 विसुज्झमाणए य 2 / अहवा सुहुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-पडिवाई य 1 अपडिवाई य 2 / अहक्खायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-पडिवाई य 1 अपडिवाई य 2 / अहवा अहक्खायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-छउमथिए य 1 केवलिए य 2 / सेत्तं चरित्तगुणप्पमाणे / सेत्तं जीवगुणप्पमाणे / सेत्तं गुणप्पमाणे // 145 // से किं तं णयप्पमाणे ? णयप्पमाणे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-पत्थगदिटुंतेणं 1 वसहि दिटुंतेणं 2 पएसदिटुंतेणं 3 / से किं तं पत्थगदिटुंतेणं ? पत्थगदिटुंतेण–से जहाणामए केइ पुरिसे परसुं गहाय अडविसमहुत्तो गच्छेजा, तं पासित्ता केइ वएजा-"कहिं भव गच्छसि ?" अविसुद्धो णेगमो भवइ-"पत्थगस्स गच्छामि” / तं च केइ छिंदमाणं पासित्ता वएजा-"किं भवं छिंदसि ?" विसुद्धो णेगमो भणइ-"पत्थयं छिंदामि। तं च केइ तच्छमाणं पासित्ता वएजा-"किं भवं तच्छसि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ-"पत्थयं तच्छामि" / तं च केइ उक्कीरमाणं पासित्ता वएजा-"किं भवं उक्कीरसि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भवइ-"पत्थयं उक्कीरामि। तं च केइ विलिहमाणं पासित्ता वएजा-"किं भवं विलिहसि?” विसुद्धतराओ णेगमो भणइ-"पत्थयं विलिहामि” / एवं विसुद्धतरस्स णेगमस्स णामाउडिओ पत्थओ। एवमेव ववहारस्स वि / संगहस्स चियमियमेजसमारूढो पत्थओ / उजसुयस्स पत्थओ वि पत्थओ, Page #672 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-भावप्पमाणे 1263 मेज्जं पि पत्थओ। तिहं सद्दणयाणं पत्थयस्स अत्थाहिगारजाणओ जस्स वा वसेणं पत्थओ णिप्फजइ / सेत्तं पत्थयदिटुंतेण / से किं तं वसहिदिलुतेणं 1 वसहि दिटुंतेणंसे जहाणामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं वएजा-“ कहिं भवं वससि ?" तं अविसुद्धो गमो भवइ-"लोगे वसामि"। "लोगे तिविहे पण्णत्ते, तंनहा-उड्लोए 1 अहोलोए 2 तिरियलोए 3 तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धो णेगमो भणइ"तिरियलोए वसामि" | "तिरियलोए जंबुद्दीवाइया सयंभूरमणपजवसाणा असंखिजा दीवसमुद्दा पण्णत्ता तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ"जंबुद्दीवे बसामि" / “जंबुद्दीवे दस-खेत्ता पण्णत्ता, तंजहा-भरहे 1 एरवए 2 हेमवए 3 एरण्णवए 4 हरिवस्से 5 रम्मगवस्से 6 देवकुरू 7 उत्तरकुरू 8 पुव्वविदेहे 9 अवरविदेहे 10 तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ"भरहे वासे बसामि"। "भरहे नासे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-दाहिणड्डभरहे 1 उत्तरड्डभरहे य 2 ते सु सव्वे(दो)सु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ"दाहिणड्डभरहे वसामि"। "दाहिणड्डभरहे अणेगाई गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसण्णिवेसाई, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ-"पाडलिपुत्ते वसामि” / “पाडलिपुत्ते अणेगाई गिहाई, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ-" देवदत्तस्स घरे वसामि” / “देवदत्तस्स घरे अणेगा कोट्ठगा, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?"विसुद्धतराओणेगमो भणइ"गन्भघरे वसामि" / एवं विसुद्धस्स णेगमस्स वसमाणो / एवमेव ववहारस्स वि / संगहस्स संथारसमारूढो वसइ / उज्जुसुयस्स जेसु आगासपएसेसु ओगाढो तेसु वसइ / तिण्हं सद्दणयाणं आयभावे वसइ / सेत्तं वसहि दिटुंतेणं / से किं तं पएसदिटुंतेणं ? पएसदिटुंतेणं-णेगमो भणइ-"छह पएसो,तंनहा-धम्मपएसो,अधम्मपएसो, आगासपएसो, जीवपएसो, खंधपएसो, देसपएसो।” एवं वयं णेगमं संगहो भण-"जं भणसि-छह पएसो तंण भवइ।" "कम्हा?" "जम्हा जो देसपएसो सो तस्सेव दव्यस्स।" "जहा को दिटुंतो?" "दासेण मे खरो कीओ, दासो वि मे खरो . * वि मे / तं मा भणाहि-छहं पएसो, भणाहि पंचण्हं पएसो, तंजहा-धम्मपएसो, अधम्मपएंसों, आगासपएसो, जवपएसो, खंधपए सो।" एवं वयंतं संगहं ववहारो भणइ-"ज भणसि-पंचण्हं पएसो तं ण भवइ / " "कम्हा ?" "जइ जहा पंचण्डं गोट्ठियाणं पुरिसाणं केइ दव्वजाए सामण्णे भवइ, तंजहा-हिरण्णे वा सुवाणे वा धणे Page #673 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1264 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वा धण्णे वा, तं ण ते जुत्तं वत्तुं जहा पंचण्हं पएसो, तं मा भणाहि-पंचण्हं पएसो, भणाहि-पंचविहो पएसो, तंजहा-धम्मपएसो, अधम्मपएसो, आगासपए सो, जीवपएसो, खंधपएसो।"एवं वयं ववहारं उज्जुसुओ भणइ-"ज भणसि-पंचविहोपएसो तं ण भवइ / " "कम्हा ?" "जइ ते पंचविहो पएसो, एवं ते एक्केको पएसो पंचविहो, एवं ते पणवीस इविहो पएसो भवइ, तं मा भणाहि-पंचविहो पएसो, भणाहिभइयव्वो पएसो-सिय धम्मपएसो, सिय अधम्मपएसो, सिय आगासपएसो, सिय. जीवपएसो, सिय खंधपएसो।" एवं वयं उज्जुसुयं संपइ सद्दणओ भणइ-"ज भणसि. भइयत्वो पएसो तं ण भवइ / " "कम्हा?" "जइ भइयत्वो पएसो एवं ते धम्मपएसो वि-सिय धम्मपएसो सिय अधम्मपएसो सिय मागासपएसो सिय जीवपएसो सिय खंधपएसो, अधम्मपएसो वि सिय धम्मपएसो नाव सिय खंधपएसो, जवपए सो वि . सिय धम्मपएसो जाब सिय खंधपएसो, खंधपएसो वि सिय धम्मपएसो जाव सिय खंधपएसो, एवं ते अणवत्था भविस्सइ, तं मा भणाहि-भइसन्चो पएसो, मणाहिधम्मे पएसे से पएसे धम्मे, अहम्मे पएसे से पएसे अहम्मे, आगासे पएसे से पएसे . आगासे, जीवे पएसे से पएसे णोजीवे, खंधे पएसे से पएसे णोखंघे / " एवं वयंत सद्दणयं समभिरूढो भणइ-"ज भणसि-धम्मपएसे से पएसे धम्मे जाव जवे पएसे से पएसे णोजीवे खंधे पएसे से पएसे णोखंधे तं ण भवइ / " "कम्हा ?" "इत्थं खल दो समासा भवंति, तंजहा-तप्पुरिसे य कम्मधारए य 2 / तं ण णजह कयरेणं समासेणं भणसि ? किं तप्पुरिसेणं,किं कम्मधारएणं ? जइ तप्पुरिसेणं भणसि तो मा एवं भणाहि,अह कम्मधारएणं भणसि तो विसेसओ भणाहि-धम्मे य से पएसे य से पएसे धम्मे, अधम्मे य से पएसे य से पएसे अधम्मे, मागासे य से पएसे य से पएसे आगासे,जीवे य से पए से य से पएसे णोजीवे, खंधे य से पएसे य से पएसे णोखधे / " एवं वयंतं समभिरूढं संपइ एवंभूओ भणइ-"जं जं भणसि तं तं सव्यं कसिणं पडिपुण्णं णिरवसेसं एगगहणगहियं देसे वि मे अवत्थू , पएसे वि में अवत्थू।" सेत्तं पएसदिटुंतेणं / सेत्तं णयप्पमाणे // 146 // से किं तं संखप्पमाणे ? संखप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामसंखा 1 ठवणासंखा 2 दव्वसंखा 3 ओवम्मसंखा 4 परिमाणसंखा 5 जाणणासंखा 6 गणणासंखा 7 भावसंखा 8 / से किं तं णामसंखा ? णामसंखा-जस्स णं जीवस्स वा जाव सेत्तं णामसंखा / से किं तं टवणासंखा ? ठवणासंखा-जणं कट्टकम्मे वा पोत्थकम्मे वा जाव सेत्तं टवणासंखा / णामटवणाणं Page #674 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __ अणुओगदारसुत्तं-भावप्पमाणे 1265 को पइविसेसो ? णामं आवकहियं, टवणा इत्तरिया वा होजा आवकहिया वा होजा / से किं तं दव्वसंखा ? दव्वसंखा दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ “य 2 जाव से किं तं जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ता दध्वसंखा 1 जाणयसरी रभवियसरीरवइरित्ता दव्वसंखा तिविहा पणत्ता / तंजहा-ए गमविए 1 बद्धाउए 2 अभिमुहणामगोत्ते य 3 / एगभविए णं भंते ! 'एगभविए' त्ति कालओ केचिरं होइ ? जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी / बद्धाउए णं भंते ! 'बद्धाउए'त्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? जहण्णेणं अंतोमहत्त, उक्कोसेणं पुव्वकोडीतिभागं / अभिमुहणामगोत्ते णं भंते ! 'अभिमुहणामगोए' त्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? जह. ण्णेणं एक्कं समयं,उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं / इयाणिं को णओ कं संखं इच्छइ ? तत्थ णेगमसंगहववहारा तिविहं संखं इच्छंति, तंजहा-एगभवियं 1 रद्धाउयं 2 अभिमुहणामगोत्तं च 3 / उज्जुसुओ दुविहं संखं इच्छइ, तंजहा-बद्धाउयं च 1 अभिमुहणामगोत्तं च 2 / तिण्णि सद्दणया अभिमुहणामगोत्तं संखं इच्छंति / सेत्तं जाणय. सरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वसंखा / सेत्तं णोआगमओ दवसंता / सेत्तं दवा / से किं तं ओवम्मसंखा ? ओवम्मसंखा चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-अस्थि संतयं संतएणं उवमिजइ 1 अस्थि संतयं असंतएणं उवमिजइ 2 अस्थि असंतयं संतएणं. उवमिजइ 3 अस्थि असंतयं असंतएणं उवमिजइ 4 / तत्थ संतयं संतएणं उवमि. जइ, जहा-संता अरिहंता संतएहिं पुरवरेहिं संतएहि कवाडे हिं संतए हिं वच्छेहि उवमिज्जति, तंजहां-गाहा-पुरवरकवाडवच्छा पलिहभुया दुंद हित्यणियघोस।। सिरि. वच्छंकियवच्छा, सव्वे वि जिणा चउव्वीसं // 2 // संतयं असंतएणं उवमिजइ, जहासंताई णेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं आउयाइं असंतए हिं पलिओवमसागरोवमेहिं उवमिज्जति / असंतयं संतएणं उवमिजइ,तंजहा-गाहाओ-परिजूरियपेरंतं, चलंतविंटं पडंतणिच्छीरं / पत्तं व वसणपत्तं, कालप्पत्तं भणइ गाहं // 1 // जह तुब्भे तह अम्हे, तुम्हे वि य होहिहा जहा अम्हे / अप्पाहेइ पडतं, पंडुयपत्तं किसलयाण // 2 // णवि अस्थि णवि य होही, उल्लावो किसलपंडुपत्ताणं / उवमा खलु एस कया, भवियजणविबोहणट्ठाए // 3 // असंतय असंतएहिं उवमिजइ-जहा खरविसाणं तहा संसविसाणं / सेत्त ओवम्मसंखा / से किं तं परिमाणसंखा ? परिमाणसंखा दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-कालियसुयपरिमाणसंखा 1 दिट्ठिवायसुयपरिमाणसंत्रा य 2 / से किं तं कालियसुयपरिमाणसंखा ? कालियसुयपरिमाणसंखा अणेगविहा पण्णत्ता। Page #675 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1266 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तंजहा-पज्जवसंखा, अक्खरसंखा, संघायसंखा, पयसंखा, पायसंखा, गाहारेखा, सिलोगसंखा, वेढसंखा, णिज्जुत्तिसंखा, अणुओगदारसंखा, उद्देसगसंखा, अज्झयणसंखा, सुयखंधसंखा, अंगसंखा / सेत्तं कालियसुयपरिमाणसंखा / ' से किं तं दिट्ठिवायसुयपरिमाणसंखा ? दिट्ठिवायसुयपरिमाणसंखा अणेगविहा पण्णत्ता / तंजहापजवसंखा जाव अणुओगदारसंखा, पाडुडसंखा, पाडुडियासंखा, पाहुडपाहुडियासंखा, वत्थुसंखा / सेत्तं दिठिवायसुयपरिमाणसंखा। सेत्तं परिमाणसंखा। से किं तं जाणणासंखा ? जाणणासंखा-जो जं जाणइ, तंजहा-सदं सद्दिओ, गणियं गणिओ, णिमित्तं णेमित्तिओ, कालं कालणाणी, वेजयं वेज्जो। सेत्तं जाणणासंखा। से किं तं गणणासंखा ? गणणासंखा-एक्को गणणं ण उवेइ, दुप्पभिइ संखा, तंजहा–संखेजए, असंखेजए,अणंतए / से किं तं संखेजए ? संखेजए तिविहे पण्णत्ते / तं०-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 अजहण्णमणुक्कोसए 3. / से किं तं असंखेजए ? असंखेजए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-परित्तासंखेन्जए 1 जुत्तासंखेजए 2 असंखेजासंखेजए 3 / से किं तं परित्तासंखेजए ? परित्तासंखेजए तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 अजहण्णमणुक्कोसए 3 / से किं तं जुत्तासंखेजए ? जुत्तासंखेजए तिविहे पण्णत्ते / तं०-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 अजहण्णमणुक्कोसए 3 / से किं तं असंखेजासंखेजए ? असंखेजासंखेजए तिविहे पण्णत्ते / तं०-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 अजहण्णमणुक्कोसए 3 / से किं तं अणंतए ? अणंतए तिविहे पण्णत्ते / तं०-परित्ताणतए 1 जुत्ताणतए 2 अणंताणतए 3 / से किं तं परित्ताणतए ? परित्ताणतए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 .अजहण्णमणुक्कोसए 3 / से किं तं जुत्ताणतए ? जुत्ताणतए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-जहण्णए 1 उक्कोसए 2 अजहण्णमणुक कोसए 3 / से किं तं अणंताणतए ? अणंताणंतए दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-जहण्णए 1 अजहण्णमणुक्कोसए 2 / जहण्णयं संखेजयं केवइयं होइ ? दोरूवयं / तेणं परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाइं जाव उक्कोसयं संखेजयं ण पावइ / उक्कोसयं संखेजयं केवइयं होइ ? उक्कोसयस्स संखेजयस्स परूवणं करिस्सामि-से जहा. णामए पल्ले सिया-एगं जोयणसयसहस्सं आयामविखंभेणं, तिणि जोयणसयसहस्साइं सोलससहस्साई दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिणि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धं अंगुलं च किंचि विसेसाहियं परिक्खेवणं पण्णत्ते, से णं पल्ले सिद्धत्थयाणं भरिए, तओ णं तेहिं सिद्धत्थएहि दीवसमुद्दाणं उद्धारो घेप्पइ, एगे दीवे एगे समुद्दे एवं पक्खिप्पमाणेणं पक्खिप्पमाणेणं जावइया Page #676 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-भावप्पमाणे 1267 दीवसमुद्दा तेहिं सिद्धत्थएहिं अप्फुण्णा एस णं एवइए खेत्ते पल्ले (आइट्ठा) पढमा . सलागा, एवइयाणं सलागाणं असंलप्पा लोगा भरिया तहा वि उवकोसयं संखेजयं ण पावइ / जहा को दिटुंतो ? से जहाणामए मंचे सिया आमलगाणं भरिए, तत्थ एगे आमलए पक्खित्ते सेऽवि माए, अण्णेऽवि पक्खित्ते सेऽवि माए, एवं पक्खि. प्पमाणेणं पक्खिप्पमाणेणं होही सेवि आमलए जंसि पक्खित्ते से मंचए भरि. ज्जिहिइ, जे तत्थ आमलए ण माहिइ, एवामेव उक्कोसए संखेजए रूवे पक्खित्ते जहणणयं परित्तासंखेजयं भवइ / तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं परित्तासंखेजयं ण पावइ / उक्कोसयं परित्तासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णयं परित्तासंखेजयं जहण्णय परित्तासंखेजयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसं परित्तासंखेजयं होइ / अहवा जहण्णयं जुत्तासंखेजयं रूवूणं उक्कोसयं परित्ता. संखेजयं होइ। जहण्णयं जुत्तासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णयपरित्तासंखेजयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं जुत्तासंखेजयं होइ / अहवा उक्कोसए परित्तासंखेजए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं जुत्तासंखेजयं होइ / आवलिया वि तत्तिया चेव / तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाइं ठाणाइं जाव उक्कोसयं जुत्तासंखेजयं ण पावइ / उक्कोसयं जुत्तासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्तासंखेजएणं आवलिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसयं जुत्तासंखेजय होइ / अहवा जहण्णयं असंखेजा. संखेजयं रूवूण्णं उक्कोसयं जुत्तासंखेज्जयं होइ / जहण्णय असंखेजासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्तासंखेजएणं, आवलिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहाणयं असंखेजासंखेजयं होइ / अहवा उक्कोसए जुत्तासंखेजए रूवं पक्खित्तं जहप्रणयं असंखेजासंखेजयं होइ / तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाइं ठाणाई जाव उवकोसयं असंखेजासंखेजयं ण पावइ / उक्कोसयं असंखेजासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णयं असंखेजासंखेजयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसयं असंखेज्जासंखेजयं होइ / अहवा जहण्णयं परित्ताणतयं रूवूणं उक्कोसयं असंखेजासंखेजयं होइ / जहप्रणयं परित्ताणतय केवइयं होइ ? जहण्णय असंखेजासंखेजयमेत्ताणं रासीण अण्ण.मण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं परित्ताणतयं होइ / अहवा उवकोसए असंखेज्जासंखे जए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं परित्ताणतयं होइ / तेण परं अजहण्णमणुक कोसयाई टाणाई जाव उक्कोसयं परित्ताणतयं ण पावइ / उक्कोसयं परित्ताणतयं केवइयं होइ ? जहप्रणयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीण अण्णमण्णन्भासो रूबूणो उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ। Page #677 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1268 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अहवा जहणणयं जुत्ताणतयं रूवूणं उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ / जहण्णयं जुत्ताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णमासो पडिपुष्णो जहण्णयं जुत्ताणतयं होइ / अहवा उक्कोसए परित्ता तए रूवं पविखतं जहण यं जुत्ताणतयं होइ / अभवसिद्धिया वि तत्तिया होति / तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाइं जाव उक्कोसयं जुत्ताणतयं ण पावइ / उब कोसयं कुत्ताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्ताणतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्ण मण्णमासो रूवृणो उक्कोसयं जुत्तागंतयं होइ / अहवा जहणणयं अणंताणतयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ / जहण्णयं अणंताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं अणंताणतयं होइ / अहवा उक्कोसए जुत्ताणतए रूवं पक्खित्तं जहणणयं अणंताणतयं होइ / तेण परं अजहण्णमए क्कोसयाई टाणाई / सेत्तं गणणासंखा। से किं तं भावसंखा ? भावसंहा-जे इमे जंवा संखगइणामगोत्ताई कम्माइं वेदेति / सेत्तं भावसंखा / सेत्तं संखापमाणे / सेत्तं भावप्पमाणे। सेत्तं पमाणे // 147 // पमाणे त्ति पयं समत्तं / / से किं तं वत्तव्वया ? वत्तव्वया तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-ससमयवत्तव्वया 1 परसमयवत्तव्वया 2 ससमयपरसमयवत्तव्वया 3 / से किं तं ससम् यवत्तवया ? ससमयवत्तव्वया-जत्थ णं ससमए आवविजाइ, पण्ण विजइ, परुदिइ, दंसि जइ, गिदंसिजइ, उवदंसिजइ / सेत्तं ससमयवत्तव्वया। से किं तं परसमयवत्तव्वया ? परसमयवत्तव्वया-जत्थ णं परसमए. आघविजइ नाव उबदं सिजइ / सेत्तं परसमयवत्तव्वया / से किं तं ससमयपरसमयक्त्तव्यया ? ससमयपरसमयवत्त क्या-जत्थ णं ससमए परसमए आवविजइ जाव उवदंसिजइ / सेत्तं ससमयपरसम्यवत्त या / इयाणी को णओ कं वत्तव्वयं इच्छइ ? तत्थ णेगमसंगहववहारा तिविहं वत्तव्वयं इच्छंति, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं 1 परसमयवत्तव्वयं 2 ससमय परसमयक्त्तवयं 3 / उज्जुसुओ दुविहं वत्तव्वयं इच्छइ, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं 1 परसमयवत्तव्ययं / तत्थ णं जा सा ससमयवत्तव्वया सा ससमयं पविट्ठा, जा सा परसमयवत्तस्या सा परसमयं पविठ्ठा, तम्हा दुविहा वत्तव्वया, णत्थि तिविहा वत्तव्वया / तिष्णि सद्दणया एगं ससमयवत्तव्वयं इच्छंति, णत्थि परसमयवत्तत्वया / कम्हा ? जम्हा पर. समए अणटे अहेऊ असब्भावे अकिरिए उम्मग्गे अणुवएसे मिच्छादसणमितिकटु / तम्हा सव्वा ससमयवत्तव्वया, णस्थि परसमयवत्तव्वया, णस्थि ससमयपरसमय Page #678 -------------------------------------------------------------------------- ________________ __ अणुओगदारसुत्तं-समोयारे 1269 वत्तव्वया / सेत्तं वत्तव्वया // 148 // से किं तं अत्याहिगारे ? अस्थाहिगारेजो जस्स अज्झयणस्स अत्याहिगारो, तंजहा-गाहा-सावज जोगविरई, उविकत्तण गुणवओ य पडिवत्ती / खलियस्स जिंदणा वण-तिगिच्छ गुणधारणा चेव // 1 // सेत्तं अस्थाहिगारे // 149 // से किं तं समोयारे ? समोयारे विहे पण्णत्ते / तंजहा-णामसमोयारे 1 ठवणासमोयारे 2 दध्वसमोयारे 3 खेतसमोयारे 4 कालसमोयारे 5 भावसमोयारे 6 / णामटवणाओ पुत्वं वणियाओ जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वसमोयारे / से किं तं जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ते दव्वसमोयारे ? जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ते दव्वसमोयारे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-भायसमोयारे 1 परसमोयारे 2 तदुभयसमोयारे 3 / सव्यदव्वा वि णं आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति / परसमोयारेणं जहा कुंडे बदराणि / तदुभयसमोयारे जहा घरे खंभो आयभावे य, जहा घडे गीवा आयभावे य / अहवा जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोयारे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आयसमोयारे य 1 तदुभयसमोयारे य 2 / चउठ्ठिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं बत्ती. सियाए समोयरइ आयभावे यं / बत्तीसिया आयसमोयारेणं आयमावे समोयरह, तदुभयसमोयारेणं सोलसियाए समोयरइ आयभावे य / सोलसिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अट्ठभाइयाए समोयरइ आय. भावे य / अट्ठभाइया 'आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं चउभाइयाए समोयरइ आयभावे य / चउभाइया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभवसमोयारेणं अद्धमाणीएं समोयरइ आयभावे य / अद्धमाणी आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं माणीए समोयरइ आयभावे य / सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ते दव्वसमोयारे / सेत्तं णोआगमओ दवसमोयारे। सेत्तं दध्वसमोयारे। से किं तं खेत्तसमोयारे ? खेत्तसमोयारे दुविहे पण्णत्ते / तंजहाआयसमोयारे य 1 तदुभयसमोयारे य 2 / भरहे वासे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं जंबुद्दीवे समोयरइ आयभावे य / जंबुद्दीवे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं तिरियलोए समोयरइ आयभावे य / तिरियलोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं लोए समोयरइ आयभावे ये / सेत्तं खेत्तसमोयारे / से किं तं कालसमोयारे ? कालसमोयारे दुविहे - 1 लोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अलोए समोयरइ आयभावे य / इच्चहियं पच्चंतरे / Page #679 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1270 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पणते / तंजहा-आयसमोवारे य 1 तदुभयसमोयारे य 2 / समए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं आवलियाए समोयरइ आयभावे य / एवमाणापाणू थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते पक्खे मासे उऊ अयणे संवच्छरे जुरो बाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुव्वे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अववे हुहुयंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे णलिणंगे णलिणे अत्थणि उरंगे अत्थणिउरे अउयंगे अउए णउयंगे णउए पउयंगे पउए चूलियंगे चूलिया सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे-आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं ओसप्पिणीउस्सप्पिणीसु समोयरइ आयभावे य / ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं पोग्गलपरियट्टे समोयरंति आयभावे य / पोग्मलपरियट्टे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं तीतद्धाअणागतद्धासु समोयरइ / तीतद्धाअणागतद्धाउ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं सव्वद्धाए समोयरंति आयभावे य / सेत्तं कालसमोयारे / से किं तं भावसमोयारे ? भावसमोयारे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आयसमोयारे य 1 तदुभयसमोयारे य 2 / कोहे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं माणे समोयरइ आयभावे य / एवं माणे माया लोभे रागे मोहणिज्जे / अट्ठकम्मपयडीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं छव्विहे भावे समोयरंति आयभावे य / एवं छविहे भावे / जीवे जीवस्थिकाए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं सव्वदव्वेसु समोयरइ आयभावे य / एत्थ संगहणीगाहा-कोहे माणे माया, लोभे रागे य मोहणिज्जे य / पगडी भावे जीवे, जीवत्थिकाय दव्वा य // 1 // सेत्तं भावसमोयारे। सेत्तं समोयारे। सेत्तं उवकमे // 150 // उवक्कम इति पढमं दारं // से किं तं णिक्खेवे ? णिक्खेवे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-ओहणिप्फण्णे 1 णाम णिप्फण्णे 2 सुत्तालावगणिप्फण्णे 3 / से किं तं ओहणिप्फण्णे ? ओहणिप्फण्णे चउविहे पण्णत्ते / तनहा-अज्झयणे 1 अझीणे 2 आया 3 झवणा 4 / से किं तं अज्झयणे ? अज्झयणे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामज्झयणे 1 ठवणज्झयणे 2 दव्वज्झयणे 3 भावज्झयणे 4 / णामटवणाओ पुव्वं वणियाओ। से कि तं दत्वज्झ. Page #680 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - अणुओगदारसुत्तं-णिक्खेवे 1271 यगे ? दव्वज्झयणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ दवज्झयणे ? आगमओ दव्यज्झयणे-जस्स णं 'अज्ायण' त्ति पयं सिक्खिय, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव एवं जावइया अणुवउत्ता आगमओ तावइयाइं दव्वज्झयणाई / एवमेव ववहारस्स वि। संगहस्स गं एगो वा अणेगो वा जाव सेत्तं आगमओ दव्वज्झयणे / से किं तं णोआगमओ दव्वज्झयणे णोआगमओ दव्बज्झयणे तिविहे तण्णत्ते / तंजहा-जाणयसरीरदव्यज्झयणे 1 भवियसरीरदव्यज्झयणे 2 जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झयणे 3 / से किं तं जाणय. सरीरदव्वज्झय गे ? 2 अज्झयणपयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरं ववगयचुयचाविय चत्तदेहं, जीव विप्पजढं जाव अहो णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिण दिट्टेणं भावेणं 'अज्झयणे' त्ति पयं आघवियं जाव उवदंसियं / जहा को दिट्ठतो ? अयं घयकुंभे आती, अयं महुकुंभे आसी। सेत्तं जाणयसरीरदव्वज्झयणे / से किं तं भवियसरीरदबज्झयणे ? भवियसरीरदव्यज्झयणे-जे जीवे जोणिजम्मणणिक्खते, इमेणं चेव आयत्तएणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिट्टेणं भावेणं 'अज्झयणे' त्ति पयं सेयकाले सिक्खिस्सइ ण ताव सिक्खइ / नहा को दिटुंतो? अयं घयकुंभे भविस्सइ, अयं महु. कुंभे भविस्सइ। सेत्तं भवियसरीरदव्वज्झयणे। से किं तं नाणयसरीरभवियसरीवइ. रित्ते दव्वज्झयणे ! 2 पत्तयपोत्थयलिहियं / सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झयणे / सेत्तं गोआगमओ दव्वज्झयणे / सेत्तं दत्वज्झयणे / से किं तं भावज्झयणे ? भावज्झयणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ भावज्झयणे ? आगमओ भावज्झयणे जाणए उवउत्ते / सेत्तं आगमओ भावज्झयणे / से किं तं णोआगमओ भावज्झयणे ? णोआगमओ भावज्झयणे-गाहा-अज्झप्पस्साणयणं, कम्माणं अवचओ उवचियाणं / अणुवचओ य णवाणं, तम्हा अज्झयणमिच्छति / // 1 // सेत्तं णोआगमओ भावज्झ. यणे। सत्तं भावज्झयणे / सेत्तं अज्झयणे / से किं तं अज्झीणे ? अझीणे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामज्झीणे 1 ठवणज्झीणे 2 दव्वज्झीणे 3 भावज्झीणे 4 / णामटनणाओ पुव्वं वण्णियाओ। से किं तं दव्वज्झीणे ? दवज्झीणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ दवज्झीणे ? आगमओ दव्यज्झीणे-जस्स णं 'अज्झीणे' त्ति पयं सिक्खिय ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव सेत्त आगमओ दव्यज्झीणे / से किं तं णोआगमओ दवाझीणे ? Page #681 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1272 अनंगपविट्ठसुत्ताणि णो आगमओ दव्वज्झीणे तिविहे पणत्ते / तंजहा-जाणयसरीरदव्वज्झीणे 1 भवियसरीरदव्वज्झीणे 2 जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वझीणे 3 / से किं तं जाणयसरीरदव्वज्झीणे / जाणयसरीरदव्वज्झीणे-'अज्झीण' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं जहा दव्वज्झयणे तहा भाणियव्वं जाव सेनं जाणयसरीरदव्वज्झीणे / से किं तं भवियसरीरदव्वज्झीणे ? भवियसरी रदव्वज्झीणे-जे जीवे जोणिनम्मणणिस्खंते जहा दव्यज्झयणे जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वज्झीणे / से किं तं जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ते दव्वज्झीणे ? जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ते दव्यज्झीणे सव्वागाससेढी / सेत्तं जाणयसरीरंभवियसरीरवइरित्तं दव्वज्झीणे / सेत्तं णोआगमओ दव्यज्झीणे / सेत्तं दव्वज्झीणे / से किं तं भावज्झीणे ? भावज्झीणे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ भावज्झीणे ? आगमओ भावज्झीणे जाणए उवउत्ते / सेत्तं आगमओ भावज्झीणे / से किं तं णोआगमओ भावज्झीणे ? णोआगमओ भावज्झीणे-गाहा-जह दीवा दीवसयं पइप्पई, दिप्पए य सो दीवो। दीवसमा आयरिया, दिप्पंति परं च दीवंति // 1 // सेत्तं णोआगमओ भावज्झीणे / सेत्तं भावज्झीणे / सेत्तं अज्झीणे / से किं तं आए ? आए चउविहे पण्णत्ते / तंजहाणामाए 1 ठवणाए 2 दवाए 3 भावाए 4 / णामटवणाओ पुव्वं भणियाओ। से किं तं दव्वाए ? दवाए दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ दव्वाए ? आगमओ दवाए-जस्स णं 'आए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं,जियं, मियं,परिजियं जाव कम्हा ? 'अणुवओगो' दव्वमिति कटु / णेगमस्स णं जावइया अणुवउत्ता आगमओ तावइया ते दवाया जाव सेत्तं आगमओ दव्वाए। से किं तं णोआगमओ दवाए ? णोआगमओ दव्वाए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-जाणयसरीरदव्वाए 1 भवियसरीरदव्वाए 2 जाणयसरीरभवियसरी रवइरित्ते दवाए 3 / से किं तं जाणयसरीरदव्वाए ? जाणयसरीरदव्वाए-'आय' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयच्यचावियचत्तदेहं जहा दव्वज्झयणे जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वाए। से किं तं भवियसरीरदव्वाए ? भवियसरी रदव्वाएजे जीवे जोणिजम्मणणिक्खते जहा दव्यज्झयणे जाव सेत्तं भवियसरी रदव्वाए / से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वाए ? जाणयसरीरभवियसरीवइरितें दव्वाए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-लोइए 1 कुप्पावयणिए 2 लोगुत्तरिए 3 / से किं तं Page #682 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-णिक्खेवे 1273 लोइए ? लोइए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-सचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए य३ / से किं तं सचित्ते ? सचित्ते तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-दुपयाण१ च उप्पयाण 2 अपयाणं 3 / दुपयाणं-दासाणं-दासीणं, चउप्पयाण-आसाणं हर्थण,अपयाणं.- ॐबाणं अंबाहरण आए / सेत्तं सचित्ते / से किं तं अचित्ते ? अचित्ते-सुव्वण्णरययमणिमोतियसंखसिलप्पवालरत्तरयणाणं (संतसावएजस्स) आए / सेत्तं अचित्ते / से कि तं मं सए ? मीसए-दासाणं दासीणं आसाणं हत्थीणं समामरियाजालं कियाणं आए / से तं मीसए / से तं लोइए / से किं तं कुप्पावयणिए ? कुप्पावयणिए तिविहे पणत्ते / जहा-सचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए य 3 / तिणि वि जहा लोइए जाव से तं मोसए / से तं कुप्पावयणिए / से किं तं लोगुत्तरिए ? लोगुत्तरिए तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-सचित्ते 1 अचित्ते 2 मीसए य 3 / . से किं तं सचित्ते ? सचित्ते-सीसाण सि(स्स)सिणियाणं / सेत्तं सचित्ते / से किं तं अचित्ते ? अचित्त-पडिग्गहाणं वत्थाणं कंबलाणं पायपुंछणाणं आए / सेत्तं अचित्ते। से किं तं मीसए ? मीसए-सिस्साणं सिस्सिणियाणं सभंडोवगरणाणं आए। से तं मीसए / से तं लोगुत्तरिए ।से तं जाणयमरीरभवियसरीरवइरित्ते दवाए / सेत्तं णोआगमओ दव्याए / से तं दवाए / से किं तं भावाए ? भावाए दुविहे पण्णत्त / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगमओ य / से किं तं आगमओ भावाए ? आगमओ भावाए जाणए उवउत्ते / से तं आगमओ भावाए / से किं तं णोआगमओ भावाए ? णोआगमओ भावाए दुविहे पण ते / तंजहा-पसत्थे य 1 अपसत्थे य 2 / से किं तं पसत्थे ? पसत्थे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा–णाणाए 1 दंसणाए 2 चरित्ताए 3 / सेत्तं पसन्थे / से किं तं अपसन्थे ? अपसन्थे चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-कोहाए 1 माणाए 2 मायाए 3 लोहाए 4 / से तं अपसत्थे / से तं णोआगमओ भावाए / से तं भावाए / से तं आए / से किं तं झवणा ? झवणा चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-णामझवणा 1 टवणवणा 2 दव्यज्झवणा 3 भावज्झवणा 4 / णामठवणाओ पुत्वं भणियाओ। से किं तं दव्यज्झवणा ? दव्वज्झवणा दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-आगमओ य 1 णोआगम ओ य रासे किं तं भागमओ दव्वज्झवणा ? आगमओ दवझवणा-जम्स णं 'झवणे' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव सेत्तं आगमओ दव्वझवणा। से किं तं णोआगमओ दवझवणा ? णोआगमओ दव्वज्झवणा तिविहा पण्णत्ता। तंजहा-जाणयसरीरदब्बज्झवणा 1 भवियसरीरदव्वझवणा 2 जाणयसरीरमविय. Page #683 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1274 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सरीवइरित्ता दव्वज्झवणा 3 / से किं तं जाणयसरीरदव्यज्वणा ? 2 'झवणा' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं सेसं जहा दव्वज्झयणे जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वज्झवणा / से किं तं भवियसरीरदव्वज्झवणा ? 2 जे जीवे जोणिजम्मणणिक्खते सेसं जहा दव्वज्झयणे नाव सेत्तं भवियसरीरदव्वझवणा / से किं तं जाणयसरीरभवियसरीवइरित्ता दव्वझवणा ? 2 जहा जाणयसरीरभवियसरीरबहरित्ते दव्वाए तहा भाणियव्वा जाव से तं मीसिया। से तं लोगुत्तरिया / से तं जाणयसरीरभवियसरीखइरित्ता दव्वज्झवणा / से तं णोआगमओ दव्वज्झवणा। से तं दव्वज्झवणा / से किं तं भावज्झवणा ? भावझवणा दुविहा पण्णत्ता / तंजहाआगमओ य १णोआगमओ य २से किं तं आगमओ भावज्झवणा ? आगमओ भावज्झवणा जाणए उवउत्ते / से तं आगमओ भावज्झवणा / से किं तं णोआगमओ भावझवणा ? णोआगमओ भावज्झवणा दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पसत्थाय 1 अपसत्था य 2 / से किं तं पसत्था ? पसत्था तिविहा पण्णत्ता / तंजहा-णाणज्झवणा 1 दंसणझवणा 2 चरित्तझवणा 3 / सेत्तं पसत्था / से किं तं अपसत्था / अपसत्था चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-कोहज्झवणा 1 माणवणा२ मायज्झवणा 3 लोहझवणा 4 / से तं अपसत्था। से तं णोआगमओ भावज्झवणा। से तं भावझवणा। से तं झवणा / से तं ओहणिप्फण्णे / से किं तं णामणिप्फण्णे ? णामणिप्फपणे सामाइए / से समासओ चउविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामसामाइए 1 ठवणासामाइए 2 दव्वसामाइए 3 भावसामाइए 4 / णामटवणाओ पुत्वं भणियाओ / दव्वसामाइए वि तहेव जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वसामाइए / से किं तं जाणयसरीरभवियसरीखइरित्तेदव्वसामाइए ? 2 पत्तयपोत्थयलिहियं / से तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसामाइए / से तं णोआगमओ दव्वसामाइए / से तं दव्वसामाइए / से किं तं भावसामाइए ? भावसामाइए दुविहे पण्णत्ते / तंजहाआगमओ य 1 णोआगमओ य 2 / से किं तं आगमओ भावसामाइए ? आगमओ भावसामाइए जाणए उवउत्ते / से तं आगमओ भावसामाइए / से किं तं णोआगमओ भावसामाइए ? णोआगमओ भावसामाइए-गाहाओ-जस्स सामाणिओ अप्पा, संजमे णियमे तते / तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभारियं // 1 // जो समो सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु य / तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलि. मासियं // 2 // नह मम ण पिये दुक्खं, जाणिय एमेव सव्वजीवाणं / ण हणइ ण Page #684 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणुओगदारसुत्तं-णए 1275 हणावेइ य, सममणइ तेण सो समणो // 3 // णस्थि य से कोइ वेसो, पिओ य सब्वेसु चेव जीवेसु / एएण होइ समणो, एसो अण्णोऽवि पजाओ // 4 // उरगगिरिजलणसागर-, गहतलतरुगणसमो य जो होइ / भमरमियधरणि जलरह-, रविपवणसमो य सो समणो // 5 // तो समणो जइ सुमणो, भावेण य जइ ण होइ पावमणो / सयणे य जणे य समो, समो य माणावमाणेसु // 6 // से तं णोआगमओ भावसामाइए / से तं भावसामाइए / से तं सामाइए / से तं णामणिप्पण्णे / से किं तं सुत्तालावगणिप्फण्णे ? इयाणिं सुत्तालावयणिप्फण्णं णिवखेवं इच्छावेइ, से य पत्त. लक्खणे वि ण णिक्खिप्पइ / कम्हा 1 लाघवत्थं / अस्थि इओ तइए अणुओगदारे अणुगमे त्ति / तत्थ णिक्खत्ते इहं णिक्खित्ते भवइ / इहं वा णिक्खित्ते तत्थ णिक्खित्ते भवइ / तम्हा इहं ण णिक्खिप्पड़, तहिं चेव णिक्खिप्पइ / से तं णिक्खेवे / / 151 // से किं तं अणुगमे 1 अणुगमे दुविहे पण्णत्ते / तंजहा-सुत्ताणुगमे य 1 णिज्जुत्तिअणुगमे य / से किं तं णिज्जुचिअणुगमे ? णिज्जुत्तिअणुगमे तिविहे पण्णत्ते / तंजहा-णिवखेव णिज्जुत्तिअणुगमे 1 उवग्यायणिज्जुत्तिअणुगमे 2 सुत्तप्फासियणिज्जुत्तिअणुगमे 3 / से किं तं णिक्खेवणिज्जुत्तिभणुगमे १.णिक्खेवणिज्जुत्तिअणुगमे अणुगए / से तं णिव खेवणिज्जुत्तिअणुगमे / से किं तं उवग्यायणिज्जुत्तिअणुगमे ? 2 इमाहिं दोहिं मूलगाहाहिं अणुगंतव्यो, तंजहा-गाहाओ-उद्देसे णिद्देसे य, णिग्गेमे खेत काले पुरिसे य / कारण पञ्चर्य लक्खणे,गएँ, समोयारणाणुमएं // 1 // कि कई विहं करस कहिं, केसु, कहं किच्चिर हवइ कालं / कई संतर-मविरहियं, भवागरिस फासण णिरुत्ती // 2 // सेत्तं उवग्घायणिज्जुत्तिअणुगमे / से किं तं सुत्तप्फासियणिज्जुत्तिअणुगमे ? सुत्तप्फासिय. णिज्जुत्तिअणुगमे-सुत्तं उच्चारेयव्वं-अक्खलियं, अमिलियं,अवच्चामेलियं, पडिपुण्णं, पडिपुण्णघोसं, कंठोट्ठविप्पमुक्कं, गुरुवायणोवगयं / तओ तत्थ णज्जिहिइ ससमयपयं वा परसमयपयं वा, बंधपयं वा मोक्खपयं वा, सामाइयपयं वा णोसामाइयपयं वा / तओ तम्मि उच्चारिए समाणे केसिं च णं भगवंताणं केइ अत्याहिगारा अहिगया भवंति,केइ अत्थाहिगारा अणहिगया भवंति / तओ तेसिं अणहिगयाणं अहिगमणट्टाए पयं पएणं वण्णइस्सामि-गाहा-संहिया य पयं चेव, पयत्थो पयविन्यहो / चालणा य पंसिद्धी य, छव्विहं विद्धि लक्खणं / / 1 // से तं सुत्तप्फासिय णिज्जुत्तिअणुगमे / से तं णिज्जुत्तिअणुगमे / से तं अणुगमे // 152 // से किं तं णए ? सत्त मूलणया पण्णत्ता। तंजहा–णेगमे 1 संगहे 2 ववहारे 3 उज्जुसुए 4 सद्दे 5 समभिरूढे 6 एवं. Page #685 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1276 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भूए 7 / तत्थ गाहाओ-णेगेहिं माणेहि, मिणइत्ति णेगमस्स य णिरुत्ती / सेसाणं पि णयाणं, लक्खणमिणमो सुणह वोच्छं // 1 // संगहियपिंडियत्थं, संगहवयणं समासओ बिति / वच्चइ विणिच्छियत्थं, ववहारो सव्वदव्वेसु // 2 // पञ्चुप्पण्णग्गाही, उज्जुसुओ णयविही मुणेयव्यो / इच्छइ विसेसियतरं, पच्चुप्पण्णं णओ सद्दो // 3 // वत्थूओ संकमणं,होइ अवत्थू णए सममिरूढे / वंजणअत्थतदुभयं, एवंभूओ विसेसेइ // 4 ॥णायम्मि गिण्डियन्वे, अगिव्हियत्वग्मि चेव अत्थम्मि। जइयव्यमेव इइ जो, उवएसो सो णओ णाम // 5 // सव्वेसि पि णयाणं, बहुविहवत्तव्वयं णिसामित्ता। तं सव्वणयविसुद्धं, जं चरणगुणट्ठिओ साहू // 6 // सेत्तं गए // 153 / / अणु ओगद्दारा संमत्ता // सोलससयाणि चउरुत्तराणि, होति उ इमंमि गाहाणं / दुसहस्स मणुठुभ-, छंदवित्तपमाणओ भणिओ॥१॥ गयरमहादारा इव, उवक्कमदाराणुओगवरदारा / अक्खरबिंदुगमत्ता, लिहिया दुक्खक्खयट्ठाए // 2 // // अणुओगदारसुत्तं समत्तं // चत्तारि मूलसुत्ताइसमत्ताई Page #686 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आवस्सयसुत्तं अह पढमं सामाइयावस्सयं आवस्सही इच्छाकारेण संदिसह भगवं ! देव(सी)सियैपडिक्कमणं टाए मि, देवसियणाणदंसणचरित्ततवअइयारचिंतवणटुं करेमि काउसग्गं // 1 // णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं // 2 // कैरेमि भंते ! सामाइयं सव्वं सावज्जं जोगं पच्चक्खामि, जावर्जवाए तिविह तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं ण करेमि ण कारवेमि करतंपि अण्णं ण समणु. जाणामि, तस्स भंते ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // 3 // इच्छामि (पडिक्कमिउं-ओ) ठामि काउसग्गं, जो मे देवसिओ अइयारो कओ काइओ वाइओ माणसिओ उस्सुत्तो उम्मग्गो अकप्पो अफरणिज्जो दुज्झाओ दुविचिंतिओ अणायारो अणिच्छियव्वो असमणपाउग्गो णाणे तह दंसणे चरित्ते सुए सामाइए तिण्डं गुत्तीणं च उण्हं कसायाणं पंचण्हं महव्वयाणं छण्हं जीवणिकायाणं सत्तण्हं पिंडेसणाणं अट्टण्हं पवयणमाऊणं णवण्हं बंगचेरगुत्तीणं दस विहे समणधम्मे सम. णाणं जोगाणं जं खंडियं जं विराहियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 4 // तस्स उत्तरीकरणेणं पायच्छित्तकरणेणं विसोहीकरणेणं विसल्लीकरणेणं पावाणं कम्माणं णिग्घा 1 विही-पुब्दि 'तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेमि वंदामि णमंसामि सक्कारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामि मथए ण वंदामि / ' इच्चणेण पाढेण गुरुवंदणा किजइ / पच्छा णमोकारुचारो 'एसो पंच णमोकारो, सव्वपावप्पणासणो / मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं / ' जुत्तो। पुणो 'तिक्खुत्तो.' तओ 'इच्छाकारेपा०' तस्सुत्तरीकरणेणं०' जाव 'ठाणेणं' फुड्डुच्चारणं. किच्चा 'माणेणं०' अप्फुडं अव्वत्तं मणंसि 'इरियावहियाए' मन्गविसोही कीरइ / णमो. कारुचारणेण झाणं पारिजइ, पच्छा 'लोगस्स०' पुडुच्चारो, तओ दुण्णि, णमोऽन्थु 0 / पच्छा सामाइयं पढमावस्सयं पारब्भइ। पत्तेयावस्सयसमत्तीए 'तिवखुत्तो०' इच्चणेण गुरुं वंदित्तु अण्णस्सावस्सयस्साणा घेप्पइ त्ति विसेसो। 2 'राइयं' 'पक्खियं 'चाउम्मासिय' 'संवच्छरिय' / 3 केइ विहीए 'तिक्खुत्तो०' पच्छा केवलं णमोकार णवपयमिच्छंति, 'करेमि भंते !0' इच्चणेण पढमावस्सयं पारम्भंति य / Page #687 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनगपावट 1278 अनंगपविट्ठसुत्ताणि यणट्ठाए ठामि काउसग्गं, अण्णत्थ ऊससिएणं णीससिएणं खासिएणं छीएणं जंभाइ. एणं उड्डएणं वायणिसग्गेणं भमलिए पित्तमुच्छाए सुहुमेहिं अंगसंचालेहि सुहुमेहिं खेलसंचालेहिं सुमेहिं दिट्ठिसंचालेहिं एवमाइए हिं आगारेहिं अभग्गो अविराहिओ. हुज मे काउसग्गो, जाव अरिहंताणं भगवंताणं णमोक्कारेणं ण पारेमि ताव कायं ठाणेणं मोणेणं झाणेणं अप्पाणं वोसिरामि // 5 // इइ पढमं सामाइया. वस्सयं समत्तं // 1 // - अह बीयं चउवीसत्थवावस्सयं लोगस्स उज्जोयगरे, धम्मतित्थयरे जिणे। अरिदंते कित्तइस्सं, चउवीसंपि केवली // 11 // उसभमजियं च वंदे, संभवमभिणंदणं च सुमई च / पउमप्पहं सुपासं, जिणं च चंदप्पहं वंदे // 2 // सुविहिं च पुप्फदंतं, सीयलसिज्जंतं वासुपुज्जं च / विमलमणंतं च जिणं, धम्म संतिं च वंदामि // 3 // कुंथु अरं च मालिं, वंदे मुणिसुव्वयं णमिजिणं च / वंदामिऽरिटुणे मि, पासं तह वद्धमाणं च // 4 // एवं मए अभित्थुआ, विहूयरयमला पहीणजरमरणा / चउवीसपि जिणवरा, तित्थयरा मे पसीयंतु // 5 // कित्तियवं दियमहिया, जे ए लोगस्स उत्तमा सिद्धा / आरुग्गबोहिलाभ, समाहिवरमुत्तमं दितु // 6 / / चंदेसु णिम्मलयरा, आइच्चेसु अहियं पयासयरा। सागरवरगंभीरा, सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु // 7 // इइ बीयं चउवीसत्थबा (उक्कित्तणा) वस्सयं समत्तं // 2 // अह तइयं वंदणावस्सयं इच्छामि खमासमणो ! वंदिउं जावणिजाए णिसीहियाए; अणुजाणह मे मिउग्गहं, णिसीहि अहोकायं कायसंफासं, खमणिज्जो भे किलामो, अप्पकिलंताणं बहु 1 'आगमे तिविहे जाव मूलगुण पंच०' 'इच्छामि टामि०' 'सव्वस्स वि देवसियं दुचिंतियं दुभासियं दुचिट्ठियं दुपालियं०' एए सव्वे पाढा मोणेणं पढमावस्सयज्झाणे झाइज्जति, पुणो तइयावस्सयस्स पच्छा चउत्थावस्सयस्साइंसि ठिच्चा पुडुचारणपुव्वगं उच्चारिज्जति / एएसु 'आगमे० 'इच्छामि ठामि 0' एए दुण्णि अद्धमागहीए 'सव्वस्स वि०' अद्धमद्धमागहीए अद्धं भासाए / सेसा भिण्णभिण्णभासाए लभंति तत्तोऽवसेया। . सय Page #688 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आवस्सयसुतं आ० 4 1279 सुभेण मे दिवसो वइक्कतो ? जत्ता भे ? जवणिज्जं च भे 1 खामेमि खमासमणो देव सियं वइक्कम, आवस्सियाए पडिकमामि खमासमणाणं देव सियाए आसायणाए तेत्तीसण्णयराए जं किंचि मिच्छाए मणदुक्कडाए वयदुक्क डाए कायदुक्कडाए कोहाए माणाए मायाए लोहाए सव्वकालियाए सव्वमिच्छोवयाराए सत्वधम्माइछ मणाए आसायणाए जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स खमासमणो ! पडिकमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि // इइ तइयं वंदणावस्सयं समत्तं // . अह चउत्थं पडिक्कमणावस्सयं चत्तारि मंगलं-अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं,साहू मंगलं, केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं। चत्तारि लोगुत्तमा-अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगुत्तमा,साहू लोगुत्तमा,केवलिपण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमो। चत्तारिसरणं पवजामि-अरिहंता सरणं पवजामि,सिद्धा सरणं पवजामि, साहू सरणं पवजामि, केवलिपण्णत्तं धम्म सरणे पवजामि // 1 // इच्छामि पडिक्कमिउं इरियावहियाए विराहणाए गमणागमणे पाणक्कमणे बीयकमणे हरियकमणे ओसाउत्तिंगपणगदगमट्टीमक्कडासंताणासंकमणे जे मे जीवा विराहिया एगिंदिया बेइंदिया तेइंदिया चउरिदिया पंचिंदिया अभिहया वत्तिया लेसिया संघा. इया संघट्टिया परियाविया वि लामिया उद्दविया टोणाओ टाणं संकालिया वियाओ ववरोविया तस्स मिच्छामि दुकडं // 2 // इच्छामि पडिकमिउं पगामसिजाए णिगामसिजाए संथारा उचट्टणाए परियट्टणाए आउंटणाए पसारणाए छप्पइ संघट्टणाए कुइए कक्कराइए छीए जमाइए आमोसे ससरक्खामोसे आउलमाउलाए सोवणवत्तियाए इत्थी विपरियासियाए दिट्ठीविप्परियासियाए मणविप्परियासियाए पाणभोयणविपरियासियाए जो मे देव सिओ अइयारो कओ तम्स मिच्छामि दुक्कडं // 3 // पंडिकमामि गोयरचरियाए भिक्खायरियाए उग्धाडकवाड उग्घाडगाए साणावच्छादारासंघट्टणाए मंडीपाहुडियाए बलिपाहुडियाए ठवणापाहुडियाए संकिए सहसागारिए अणेसगाए पाणेसणाए पाणभोयणाए बीयभोयणाए हरियभोयणाए पच्छाकग्मियाए * 1 'राइओ' 'पक्खिओ' 'चाउम्मासिओ' 'संवच्छरिओ' / 2 'तिक्खुत्तो० इच्चणेण वंदणं किच्चा पच्छापंचणमोकारं तओ 'करेमि भंते ! तओ 'चत्तारि मंगलं'। 3 'चत्तारि' मंगलं०' पच्छा 'इच्छामि०' पढियव्वं ति केइ। Page #689 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1280 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पुरेकम्मियाए अदिट्ठहडाए दगसंसट्ठहडाए रयसंसट्ठहडाए पारिसाडणियाए पारिट्ठाव. णियाए ओहासण भिक्खाए जं उग्गमेणं उम्पायणेसणाए अपरिसुद्धं परिन्गहियं परिभुत्तं वा जं ण परिट्ठवियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 4 // पडिक्कमामि चाउकालं सज्झायस्स अकरणयाए उभओकालं भंडोवगरणस्स अप्पडिलेहणाए दुप्पडिलेहणाए अप्पमजः ' णाए दुप्पमजणाए अइक्कमे वइक्कमे अइयारे अणायारे जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 5 // पडिकमामि एगविहे असंजमे / पडिक्कमामि दोहिं बंधणेहि-रागबंधणेणं, दोसबंधणेणं / पडिकमामि तिहिं दंडेहि-मणदंडेणं, वयदंडेणं, कायदंडेणं / पडिकमामि तिहिं गुत्तीहि-मणगुत्तीए, वयगुत्तीए, कायगुत्तीए / पडिकमामि तिहिं सल्लेहि-मायासल्लेणं,णियाणसल्लेणं,मिच्छादसणसल्लेणं। पडिकमामि तिहिं गारवेहि-इड्ढीगारवेणं, रसगारवेणं, सायागारवेणं / पडिकमामि तिहिं विराहणाहि-णाणविराहणाए,दंसणविराहणीए, चरित्तविराहणाए / पडिकमामि चउहिँ कसाए हि-कोहकसाएणं, मागकसाएणं, मायाकसाएणं, लोभकसाएणं / पडिक्कमामि चउहिं सण्णाहि-आहारसण्णाए, भयसण्णाए, मेहुणसण्णाए, परिग्गहसण्णाए / पडिकमामि चउहिं विकहाहि-इत्थीकहाए, भत्तकहाए, देसकहाए, रायकहाए / पडिकमामि चउहिं झाणेहि-अट्टेणं झाणेणं, रुद्देणं झाणेणं, धम्मेणं झाणेणं, सुक्केणं झाणेणं / पडिकमामि पंचहिँ किरियाहिं-काइयाए, अहिगरणियाए, पाउसियाए, परितावणियाए,पाणाइवायकिरियाए / पडिकमामि पंचाहिँ कामगुणेहि-सद्देणं, रूवेणं, गंधेणं, रसेणं, फासेणं / पडिक्कमामि पंचाहं महव्वएहि-सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सव्वाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, सबाओ मेहुणाओ वेरमणं, सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं / पडिकमामि पंचहिं समिईहिं-इरियासमिईए, भासासमिईए,एसणासमिईए,आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिईए, उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिठावणियासमिईए / पडिक्कमामि छाहं जीवणिकाएहिं-पुढविकाएणं, आउकाएणं, तेउकाएणं, वाउकाएणं, वणस्सइकाएणं, तसकाएणं / पडिक्कमामि छहिं लेसाहि-किण्हलेसाए, णीललेसाए, काउलेसाए,तेउ. लेसाए, पम्हलेसाए, सुक्कलेसाए / पडिकमामि सत्तहिं भयट्ठाणेहि, अट्ठहिं मयट्ठाणोहिं, णवहिं बंभचेरगुत्तीहि, दसविहे समणधम्मे, एगारसहिं उवासगपडिमाहि, बारसहिं भिक्खू )खुपडिमाहिं,तेरसहिं किरियाठाणेहिं, चउ(द)द्दसहिं भूयग्गामेहिं, पण्णरसहि परमाहम्मिएहि, सोलसहिं गाहासोलस(ए)हिं, सत्तरसविहे असंजमे, अट्ठारसविहे Page #690 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आवस्सयसुत्तं आ० 4 1281 अमे, एगूणवीसाए णायज्झयणेहि, वीसाए असमाहि(ट्ठा)ठाणहिं, एगवीसाए सबलेहि, बावीसाए परीसहेहि, तेवीसाए सूयगडज्झयणेहि, चउवीसाए देवेहि,पणवीमाए भावणाहि, छब्बीसाए दसाकप्पववहाराणं उद्देसणकाले(ण)हि, सत्तावीसाए अणमारगुणेहि, अट्ठावीसाए आयारपकप्पेहि, एगूणतीसाए पावसुय(८) संगेहि, र्त साए महामोहणीयट्ठाणहि, एगतीसाए सिद्धाइगुणेहि, बत्तीसार जोगसंगहेहि, तेत्तीसाए आसायणाहि; अरिहंताणं आसायणाए, सिद्धाणं आसायणाए, आय रियाणं आसायगाए, उवज्झायाणं आसायणाए, साहूणं आसायणाए, साहुणीणं आसायणाए, सावयाणं आसायणाए, सावियाणं आसायणाए. देवाणं आसायणाए, देवणं आसायमाए, इहलोगस्स आसायणाए, परलोगस्स आसायणाए, केवलाणं आसायणाए, केवलियण्णत्तस्स धम्मस्स आसायणाए, सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स आसायणाए, सव्वपाणभूयजीवसत्ताणं आसायणाए, कालरस आसायणाए, सुयस्स आसायणाए, मुयदेवयाए आसायणाए, वायणायरियस्स आसायणाए; जं वाइद्धं, वच्चामेलियं, हीणक्खरं, अच्चक्खरं, पयहीणं, विणयहीणं, जोगहीणं, घोसहीणं, सुटुंदिण्णं, दुटुपडिच्छियं, अकाले कओ सज्झाओ, काले ण कओ सज्झाओ, असज्झाइए सज्झाइयं, सज्झाइए ण सज्झाइयं; तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 6 // णमो चउवीसाए तित्थयराणं उसभाइमहावीरपज्जवसाणाणं / इणमेव णिग्गंथं पावयणं सच्चं, अणुत्तरं, केवलियं, पडिपुण्णं, णेयाउयं, संसुद्धं, सल्लगत्तणं, सिद्धिमग्गं, मुत्तिमन्गं, णिजाणमग्गं, णिवागमग्गं, अवितहमविसं(दिद्ध)धि, सव्वदुक्खपहीणमग्गं / इत्थं ठिया जीवा सिझंति, बुझंति, मुच्चंति, परिणिव्वायंति, सव्वदुक्खाणमंतं करेंति ! तं धम्मं सद्दहामि, पत्तियामि, ओएमि, फासेमि, पालेमि, अणुपालेमि / तं धम्म सदहंतो, पत्तियंतो, रोयंतो, फासंतो, पालंतो, अणुपालंतो / तस्स धम्मस्स केवलिपण्णत्तस्स अ०भुट्टिओमि आराहणाए, विरओमि विराहणाए / असंजमं परियागामि, संजमं उवसंपजामि / अबंभं परियाणामि, बंभ उवसंपजामि / अकप्पं परिया. गामि, कापं उवसंपन्जामि / अण्णाणं परियाणामि, णाणं उवसंपन्जामि / अकिरियं परियाणामि, किरियं उवसंपन्जामि / मिच्छत्तं परियाणामि, सम्मत्तं उवसंपज्जामि / अबोहिं परियाणामि,बोहिं उवसंपन्जामि / अमग्गं परियाणामि, मग्गं उसंपज्जामि / ज संभरामि जं च ण संभरामि, जं पडिकमामि जं च ण पडिकमामि, तस्स सव्यस्स देवसियस्स अइयारस पडिकमामि / समणोऽहं संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे अणियाणो 1 समणीओ 'समणी हं' 'कम्मा' ०णा' ०णा' 'या' ति ओलंति / Page #691 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1282 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दिट्ठिसंपण्णो मायामोसविवजिओ, अढाइज्जेसु दीवसमुद्देसु पण्णरससु कम्मभूमिसु जावंति केइ साहू रयहरणगुच्छगपडिग्गहधारा पंचमहव्वयधार? अट्टारमसहस्स. सीलंगधारा अक्खयायारचरित्ता ते सव्वे सिरसा मणसा मत्थएण वंदामि // 7 // (आयरिय उवज्झाए, सीसे साहम्मिए कुलगण य / जे म केइ कसाया, सत्वे तिविहेण खामेमि // 1 // सव्वम्स समणसंघस्स, भगवओ अंजलिं करिय सीसे / सव्वं खमावइत्ता, खमामि सब्वस्स अयंपि ||2|| सव्वस्स जवरासिम्स. भावओ धम्मणिहियणियचित्तो। स० ||3||) खाममि सव्वजीवे, सव्वे जीवा रुमंतु मे / मिती मे सव्वभूएसु, वेरं मज्झंण केणइ // 1 // एवमहं आलोइय. गिदिय गर्गह य दुगंछिउं सम्मं / तिविहेण पडिक्कतो, वंदामि जिणे उर्वसि / / 2 // इन्छाम खमासमणो ! बंदिउं जाव अप्पाणं वोसिरामि / (दुवखुत्तो / / इइ चउत्थं पक्किमणावस्सयं समत्तं // 4 // अह पंचमं काउस्सग्गावस्सयं आवम्सही० / करेमि भंते !0 इच्छामि टामि काउसग्गं जाव समणाणं जोगाणं.. तस्स मिच्छामि दुक्कडं / तम्स उत्तरीकरणेणं जाव अप्पाणं बोसिरामि // इइ पंचम काउस्सग्गावस्सयं समत्तं // 5 // अह छठें पच्चक्खाणावस्सयं दसविहे पच्चकखाणे प० तं०-अणागयमइक्कंतं; कोडीसहियं णियंटियं चैव। सागारमणागारं, परिमाणकडं णिरवसेसं // 1 // मंकेयं चेव अद्धाए, पच्चवरवाण भवे दसहा / णमोक्कारसहियपच्चक्खाणं-उग्गए सूरे णमुक्कारसहियं पच्चखामि, चउव्विहं पि आहारं असणं पाणं खाइम साइमं अण्णत्थऽणाभोगणं सहसागारेण वोसिरामि // 1 // पोरिप्तीपच्चक्खाणं- उग्गए सूरे पोरिमि 1 कोट्ठगगयाओ गाहाओ पच्चंतरेऽहिगाओ लभति / 2 तओ चउरासीलक्ख. जीवजोणिखमावणापाढं पढि जइ / तओ- अण्णमओऽण्णत्तोऽवसेओ। 3 अस्स ठाणे केइ 'इच्छामि णं भंते ! तुभेहिं अब्भणुण्णाए समाणे देव सिय० विसोहणटुं करेमि काउसग्गं' ति उच्चारंति / 4 त्ति पढित्तु काउस्सग्गं कु जा. १.त्य 'लोरम्म उज्जोयगरे०' वारचउक्कं मणसा संसमरित्तु सणमोकार काउरसग पारित्त पुणरवि 'लोगस्स उज्जोयगरे' फुडमुच्चारेज, तओ 'इच्छामि खमासमणो०' दुवृत्ती पढिऊण गुरुसमीवे पच्चक्खेज-त्ति विही / Page #692 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आवस्सयसुतं आ० 6 1283 पच्चक्खामि, चउव्विहं पि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थरुणाभोगणं सहसागारेणं पच्छण्णकालेणं दिसामोहेणं साहुवयणेणं सव्वसमाहित्तियागारेणं योसिरामि (एवं सडपोरि सियं) // 2 // पुरिमपच्चवखाणं-उग्गए सूरे पुरिमड्ढे पचक्खामि, चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं महसागारेणं पच्छण्णकालेणं दिसामोहेणं साहवयणेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि // 3 // एगासण (बेआसण) पच्चक्खाणं-- (उग्गए सूरे) एगासणं (बेआसणं) पच्चक्खामि, (दुविहं) तिविहंपि आहार असणं (पाणं) खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं (सहसागारेणं) सागारियागारेणं आ(उट्ट)उंटणपसारणेणं गुरुअब्भुट्ठाणेणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि // 4 // एगदाणचक्खाणं-एगट्ठाणं पच्चक्खामि, चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइम साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं सागारियागारेणं गुरुअब्भुट्टाणेणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि // 5 // आयंबिलपच्चर णं-आयंबिलं पच्चक्खामि, [तिविहं पि आहारं असणं साइम साइमं] अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं लेवालेवेणं गिहत्थसंसट्टेणं उविखत्तविवेगेणं पारिट्ठावाणियागारेणं महत्त. गगारेणं सव्वसमाहिवत्तियागरेणं वो सिरामि // 6 // अभत्तटू (चविहाहार) पच्चवखाणं-उग्गए सूरे अभत्तटुं पच्चक्खामि, चउविहंपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पारिणियागारेणं महत् रा. गारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि // 7-1 // अभत्तटू (तिविहाहार)पच्चक्खाणं-उग्गए सूरे अभत्तटुं पच्चवखामि तिविपि आहारं असणं खाइम साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पारिट्टावणियागारेणं महत्तरागारेणं सत्वसमाहिवत्तियागारेणं पाणस्स लेवेण वा अच्छेण वा बहलेण वा ससिस्थेण वा असित्थेण वा वोसिरामि // 7-2 // दिवसचरिम (भव चारम)पच्च वखाणंदिवसचरिम (भवचरिमं वा) पच्चवखामि, चउत्विहं पि आहारं असणं पाणं खाइम साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहि वत्तियागारेणं बोसिरामि // 8 // अभिग्गहपच्चवखाणं-[उग्गए सूरे गंठिसहियं मुट्ठिसहियं] अभिग्गहं पञ्चक्खामि, चउविहं पि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णयाणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्व समाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि // 9 // णिव्विगइयपच्चवखाणं-(उ० सू०) णिव्विगइयं पच्चक्खामि (च.आ०अ० 4) अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं लेवालेवेणं गिहायसंसट्टेणं उवित्तविवेगेणं पडुच्च Page #693 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1284 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मक्खिएणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेण वोसिरीमि ॥१०॥(पच्चक्खाणपारणविही-उग्गए सूरे णमुक्कारसहियं 'जाव पच्चक्खाणं कयं तं सम्मं कारण फासियं पालियं सोहियं तीरियं किट्टियं आराहियं अणुपालियं भवइ जं च ण भवइ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।)णमोऽत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरियाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोगणाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मणायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टीणं, द (वों)वता(ण). णसरणगइपइट्ठाणं अप्पडिहयवरणाणदंसणधराणं वियदृट उमाणं जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाण बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वण्णूणं सव्वदरिसीणं सिवम. यलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्ति सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्ताणं णमो जिणाणं जियभयाणं ठाणं संपाविउका(मस्स)माणं] // इइ छळं पच्चक्खाणावस्सयं समत्तं // 6 // ॥आवस्सयसुत्तं समत्तं // // बत्तीसं सुत्ताइं समत्ताइं॥ अनंगपविद्वसुत्ताणि समत्ते 1 एएसिं दसण्हं पञ्चक्खाणाणं अण्णयरं पच्चक्खाणं पचविखत्ता सामाइयमाइयाणं छण्हमावस्सयाणमइयारसंबंधिमिच्छामि-दुक्कडं दच्चा दुवखुत्तो 'णमोऽत्थु णं० दाहिणं जाणुं भूमीए संठवित्तु वामं जाणु उडूं किच्चा पंजलिउडेण पढिज इ / राइए पच्चक्खाणे जहाधारणत्ति विसेसो / 2 अरिहापक्खे / 3 पच्चंतरे छडावस्सयपच्छा एसो पाढोऽहिगो लब्भइ-इच्छाकारेण संदिसह भगवं अ०अभितरं देव सियं खामेउ इच्छं खामेमि देवसियं जं किंचि य अपत्तियं प० भत्तपाणे विणए वेयावच्चे आलावे संलावे उच्चासणे समासणे अंतरभासाए अपरभासाए जं किंचि मज्झं विणयपरिहीणं सुहुमं (थोवं) वा बायरं (बहुं) वा तुम्मे जाणह अहं ण जाणामि तस्स मिच्छामि दुकडं / 4 सावयावस्सयविसए परिसिटुं दट्ठव्वं / Page #694 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिट्ठ दसासुयक्खंधस्स अटुममज्झयणं कप्पसुत्तं णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं / एसो पंचणमुक्कारो, सव्वपावप्पणासणो / मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलं // 1 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्युत्तरे हुत्था, तंजहा-हत्थुत्तराहिँ चुए चहत्ता गब्भं वक्कंते 1 हत्थुत्तराहिं गब्भाओ गभं साहरिए 2 हत्थुत्तराहिं जाए 3 हत्थुत्तराहि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पन्वइए 4 हत्युत्तराहिं अणते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडि पुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे 5 साइणा परिणिव्युए भयवं 6 // 2 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्खे आसाढसुद्धे. तस्स णं आसाढसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं महाविजयपुप्फुत्तरपवरपुंडर याओ महाविमागाओ वीसंसागरोवमट्टिइयाओ आउक्खएणं भवक्खएणं टिइवखएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे दाहिणभरहे इमीसे ओसप्पिीए सुसमसुममाए समाए विइक्कंताए 1 सुसमाए समाए विइक्कंताए 2 सुसमदुसमाए समाए विइक्कंताए 3 दुसमसुसमाए समाए बहुविइक्कंताए-सागरोवमकोडाकोडर्डीए वायाली(साए)सवाससहस्सेहिं अणियाए पंचहत्तरिवासेहिं अद्धणवमेहि य मासेहिं सेसेहिइकवीसाए तित्थयरेहिं इक्खागकुलसमुप्पण्णेहि कासवगुत्तेहि, दोहि य हरिवंसकु.लसमुप्पण्णेहिं गोयमसगुत्तेहिं, तेवीसाए तित्थयरेहि विइक्कंतेहिं, समणे भगव महावीरे च (रिमे)रमतित्थयरे पुन्वतित्थयरणिहिटे माह णकुंडग्गामे णयरे उसमदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आहारववतीए भववक्कं तीए सरीरवकंतीए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्ते // 3 // समणे भगवं महावीरे तिण्णाणोवगए यावि हुत्था-चइस्सामित्ति जाणइ, चयमाणे ण जाणइ, चुएमित्ति Page #695 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिळं जाणइ / जं रयणिं च णं ममणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगु. ताए कुञ्छिसि गमत्ताए वक्ते तं रयणिं च णं सा देवाणंदा माहणी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी 2 इमेयारूवे उराले कल्लाणे सिवे धण्णे मंगल्ले सस्सिराए च उद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा-गये-वसह-सीहै-अभिसेय-दामसंसि-दिणयर यि कुंभं / पउमसैर-सागर-विमाणभण-रयणुच्चय-सिहि च // 1 // // 4 // तए णं सा देवाणंदा माहणी इमे एयारूवे उसले कल्लाणे सिवे धणे मंगले सस्सिरीए चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी हट्टचित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवसविसापमाणहि यया धाराहयवलंबु. गंपिव समुस्स सियरोमकूवा सुमिणुरगहं करेइ सुमिणुगहं करित्ता सयणिजाओ अब्भुदुइ अब्भुद्वित्ता अतुरियमचवलमसंभंताए रायहंसर रिसीए गईए जेणव उसमदत्ते माहणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता उसमदत्तं माहणं जए विजएणं बद्धावेइ वद्धावित्ता भद्दामणवरगया आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया करयलपरिग हि यं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं क्यासी-एवं खलु अहं देवाणु प्पिया ! अन्ज सयणिज्जसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी 2 इमयारूवे उराले जाव सम्सिर ए चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा--गय जाव सिहि च / एए सिं देवाणुप्पिया ! उरालाणं जाव च उद्दसण्हं महासुमिणाणं के मण्णे कल्लाणे पलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? // 5-6 // तए णं से उसमदत्ते माहणे देवाणंदाए माहीए अंतिए एयमढे सुच्चा णिसम्म हट्टतुट्ट नाव हियए धाराहयकलंबुयंपिव समुस्ससियरोमकवे सुमिणुग्गहं करेइ करित्ता ईहं अणुपविसइ अणुपविसित्ता अप्पणो साहाविएणं मइपुव्वएणं बुद्धिविण्णाणेणं तेसिं सुमिणाणं अन्थुग्गहं करेंइ 2 त्ता देवाणादं माहणिं एवं वयासी-उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, कल्लाणा (णं) सिवा धण्णा मंगल्ला सस्सिरीया आरुग्गतुट्ठिदीहाउकल्लाणमंगलकारगा गं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा,तंजहा-अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए ! पुत्तलाभो देवाणुप्पिए ! सुक्खलाभो देवाणुप्पिए !, एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइक्कंताणं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेयं माणुम्माणपमाणपडिपुष्णमुजायसव्वंगसुंदरंगं ससिसोमाकारं कंतं पियदंसणं सुरूवं देवकुमारोवमं दारयं पया 1 कयंबपुप्फगंपिव / Page #696 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं 3 हि सि // 7-8 // से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमित्ते जोव्यणगमगुप्पत्ते रिउव्वेय जउवेयसामवेयअथव्वणवेय-इतिहासपंचमाणं णि (२)घंटुछट्ठाण संगोवंगाणं सरहम्साणं च उण्हं वेयाणं सारए, पारए (बारए), धारए, सडंगवी सट्टितं. तवि सारए, संखाणे [सिक्खाणे] सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे णिरुत्ते जोइसामयणे अण्णेसु य बहुसु बंभण्णएसु परिव्वायएमु णएसु सुपरिणिहिए यावि भविस्सइ // 9 // तं उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा जाव आरुग्गतुहिद हाउयमंगलबल्लाण. कारगा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दित्तिकट्ट भुज्जो 2 अणुवृहद // 10 // तए ण सा देवाणंदा माहणी उसभदत्तस्स माहणस्स अंतिए एयमढे सुच्चा णि सम्म हट्टट्ठ जाव हियया जाव करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट उसभदत्तं माहणं एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! तहमेयं देवाणुप्पिया ! अवितहमय देवाणुप्पिया ! असंदिद्ध मेयं देवाणुप्पिया! इच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! पडिच्चिय मेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियपडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया !, सच्चे णं एस(अ)मटे से जहेयं तुम्भे वयहतिकट्ट ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ 2 त्ता उसभदत्तेगां माहणेणं सद्धिं उरालाई माणुम्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरइ // 11-12 // तेणं कालेणं तेण समएणं सक्के देविंदे देवराया वजपाणी पुरंदरे सय उ. सहरसक वे मध्वं पागसासणे दाहिणड्डलोगाहिवई बत्तीसविमाणसयमहम्माहिबई एरावणवाहणे सुरिंदे अस्यं परवन्थधरे आलइयमालमउडे णवहेमचार चित्तचंचलकुंडलबिलिहि माणर ले महिथिए महज्जुइए महावले महायसे महाणुभावे महासुक्खे भासुर(को)दी पलंबवणमालधरे सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसए विमाणे सुहम्माए सभाए सवघं सि सीहामगंसि, से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसाहम्सीणं. चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणां, अहं अगम हि सीण सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणीयाणं, सत्तण्हं अणीयाहिबईणं, चउण्हं च उरासी(ए)णं आयराखदेवसाहस्सीणं, अण्णसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमा णियाणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्त महत्तरगत आणाई सरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महया हयणगीयवाइयतीतलतालतुतियण इंग पडपडहवाइयरवेणं दिव्बाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ / / 13 / / इमं च णं वेवलकापं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे 2 विहरइ, तत्थ णं समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणभरहे माहणकुंडग्गामे यरे उसम Page #697 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिळं दत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणी ए जालंधरसगुताए कुञ्छिसि गम्भत्ताए वक्तं पासइ 2 त्ता हट्टतुट्ठचित्तमाणदिए णदिए परमाणदिए पी इमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए धाराहय(कयंबणीवसुरभिकु. सुमचंचुमालइयऊस सियरोमकुवे विय सियवरकमलणयणवयणे पयलियवरफडगडयकेऊरम उडकुंडलहारविरायंतवन्छे पालंबपलंबमाणछोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं सुरिंदे सीहासणाओ अब्भुटेइ 2 त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता वेरुलियवरिटुरिष्टुंजणणि उणो(वचि)वियमि सिमिसिंतमणिरयणमंडियाओ पाउयाओ ओमुयइ 2 ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ 2 त्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे सत्तट्ठपयाइं अणुगच्छइ 2 त्ता वामं जाणुं अंचेइ 2 त्ता दाहिणं जाणुं धरणियलंसि साहट्ट तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि णिवेसेइ 2 त्ता ईसिं पच्चुण्णमइ 2 त्ता करयलपरिग्गहि यं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं क्यासी-णमुत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं, आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिमवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं लोगणाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं, अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं, धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मणायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टीणं, दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा अप्पडिहयवरणाणदंसणधराणं वियट्टछ उमाणं, जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाण बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सवण्णूणं सव्वदरिसीणं, सिवमयलमल्यमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्तिसिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्ताणं, णमो जिणाणं जियभयाणं / णमुत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स चरमतित्थयरस्स पुव्वतित्थयरणिहिट्ठस्स जाव संपाविउकामस्स / वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए, पास(इ)उ मे भगवं तत्थगए इहगयंतिकट्ट समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता सीहासणवरं सि पुरत्थाभिमुहे सणिसण्णे // 14-15 // तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अयमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए पथिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-ण खलु एयं भूयं, ण एयं भव्वं, ण एयं भविस्सं, जं णं अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव भिक्खागकुलेसु वा माहणकुलेसु वा आया: इंसु वा आयाइंति वा आयाइस्संति वा // 16 // एवं खलु अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उग्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा राइण्णकुलेसु वा इक्खाग Page #698 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं कुलेसु वा खत्तियकुलेसु वा हरिवंसकुलेसु वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइ. कुलवंसेसु आयाइंसु वा आयाइंति वा आयाइस्संति वा // 17 // अस्थि पुण एसे वि भावे लोगच्छेरयभूए अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं विइवसाहिं समुप्पजइ, णामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खीणस्स अवेइयस्स अणिज्जिण्णस्स उदएणं, जणं अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाय माहूणकुलेसु वा आयाइंसु वा 3, कुच्छिसि गन्भत्ताए वक्कमिंसु वा वक्कमंति वा वध मिस्संति वा, जो चेव णं जोणीजम्मणणिक्खमणेणं णिक्खमिंसु वा णिक्खमंति वा णिक्खमिस्संति वा // 18 // अयं च णं समणे भगवं महावीरे नंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे माहणकुंडग्गामे जयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गन्भत्ताए वक्ते // 19 // तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्ण. मणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवरा (ईयाण अरहंते भगवंते तहप्पगारेहितो अंतकुलेहितो जाव कि (वि)वणकुलेहितो०तहप्पगारेसु उग्गकुलेसु वा जाव राइण्णकुलेसु वा णाय(०)खत्तियहरिवंसकुलेसु वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु (जाव रज सिरि कारेमाणेसु पालेमाणेसु)वा साहरावित्तए, तं सेयं खलु मम वि समणं भगवं महावीरं चरमतित्थयरं पुव्यतित्थयरणिहिटुं माहणकुंडन्गामाओ जयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे णयरे णायाण खत्तियाण सिद्धाथस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खन्तियाणीए वासिट्टसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरा वित्तए / जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए गन्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुञ्छिसि गब्भत्साए साहरावित्तएतिकटु एवं संपेहेइ २त्ता हरिणेगमेसिं अग्गा(पायत्ता)णीयाहिवाई देवं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! ण एयं भूयं, ण एयं भव्वं, ण एय भविस्सं, जं णं अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव भिक्खागकुलेसु वा. आयाइंसु वा 3, एवं खलु अ(रि)रहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उग्गकुले नु वा जाव हरिवंसकुलेसु वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्ध जाइकुलवं. सेसु आयाइंसु वा 3 // 20-25 // अस्थि पुण एसे वि भावे लोग रयभूए अणंताहि उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं विश्वकंताहि समुप्पज.इ, जामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खीणस्स अवेइयस्स अणिज्जिण्णस्स उदएणं, नं णं अरहंता वा चकवट्टी वा Page #699 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिढं बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव मिक्खागकुलेसु वा० आयाइंसु वा 3, कुच्छिसि गम्भत्ताए वक्कमिंसु वा 3, णो चेव णं जोणीजम्मणणिक्खमणेणं णिव खमिंसु वा 3 // 22 // अयं च णं समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वामे माहणकुंडग्गामे णयरे उसमदत्तस्स माणस कोडालसगुत्तम्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए वक्ते // 23 // तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमगागयाणं सक्काण देविंदाणं देवराईणं अरहते भगवंते तहप्पगारेहितो अंतकुलेहितो जाव माहणकुले हितो तहप्पगारेसु उम्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा जाब हरिवंसकुलेसु वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्ध जाइ कुलवंसेसु साहरा वित्तए // 24 // तं गच्छ णं तुमं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं माहणकुंडग्गामाओ णयराओ उसमदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे णयरे णायाणं वत्तियाणं सिद्धम्म खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छि सि गब्भत्ताए साहराहि, जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए. गब्मे तं पि य गं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुाच्छंसि गब्भत्ताए साहराहि साहरिता मम एयमाणत्तिय खिप्पामेव पच्चप्पिणाहि // 25 // तए णं से हरिणेगमेसी अग्गाणीयाहिबई देवे सक्केणं देविदेणं देवरण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्ठलुट्ट जाव हियए करयल जाव त्तिकटु एवं जं देवो आगवे इत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता उत्तरपुरच्छिम दिसीभागं अवकमइ 2 त्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणइ २त्ता संखिजाई नोयणाई दंडं णिसिरइ, तंजहा-रयणाणं वइराणं वेरुलियाणं लोहियवग्वाणं मसारगल्लाणं हमगव्भाणं पुलयाणं सोगंधियाणं जोईरसाणं अंजणाणं अंजणपुल्याणं नायरुवाणं सुभगाणं अंकाणं फलिहाणं रिट्ठाणं, अहाबायरे पुग्गले परि साडेइ 2 त्ता अहासुहुमे पुग्गले परिया(ए)दियइ 2 ता दुच्चंपि वेउव्वियसमुन्छाए णं समोहण इ 2 त्ता उत्तरवेउवियरूवं विउब्वइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चलाए चंडाए ज(य)इणाए उद्धृयाए सिन्धाए दिव्वाए देवगई ए वीइवयमाणे 2 तिरियमसंखिजाणं दीवसमुद्दाणं मझंमज्झेणं जेणेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे जेणेब माहणकुंडग्गामे णयरे जेणेव उसभदत्तस्स माहणस्स गिहे जेणेव देवाणंटा माहणी तेणेव उवागच्छइ 2 ता आलोए समणस्स भगवओ' महावीररस Page #700 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं 7 पणामं करेइ 2 त्ता देवाणंदाए माहणीए सपरिजणाए ओसोवणिं दलइ 2 त्ता असुभे पुग्गले अवहरइ 2 त्ता सुभे पुग्गले पक्खिवइ 2 त्ता अणुजाणउ मे भ[य]गवंतिकटु समणं भगवं महार्वरं अवाबाहं अव्वाबाहेणं दिवेणं पहावेणं करयलसंपुडेणं गिण्हइ 2 त्ता जेणेव खत्तियकुंडग्गामे जयरे जेणेव सिद्धत्थस्स खत्तियस्स गिहे जेणेव तिसला खत्तियाणी तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता तिसलाए खत्तियाणीए सपरिजणाए ओसोवणिं दलइ 2 त्ता भसुभे पुग्गले अवहरह 2 त्ता सुभे पुग्गले पक्खिवइ 2 त्ता समण भगवं महावीरं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरइ[२त्ता], जे वि य णं से तिसलाए वत्तियाणीए गब्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिंसि गब्भत्ताए साहरइ 2 त्ता जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए // 26-27 // ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जवणाए उद्धृयाए सिग्घाए दिव्वाए देव. गईए तिरियमसंखिजाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं जोयणसाहस्सिएहिं विगहेहिं उप्पयमाणे 2 जेमामेव सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसए विमाणे सक्कंसि सीहासणंसि सक्के देविदे देवराया तेणामेव उवागच्छद्द 2 त्ता सक्म्स देविंदस्स देवरको एय. माणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणइ // 28 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जेसे वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्स णं आ(अस्)सोय. बहुलस्स तेरसीपलेणं बासीइराइदिएहिं विइक्कंतेहिं तेसीइमस्स राइंदियस्स अंतरा वट्टमा(णस्स)णे हियाणुकंपएणं देवेणं हरिणेगमेसिणा सक्वयणसंदिटेणं माहणकुंड. ग्गामाओ जयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे णयरे णायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए पुवरत्तावरत्तकालसमयसि हत्थुत्तराहिं णखत्तेणं जोगमुवागएणं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरिए // 29 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे तिण्णाणोवगए यावि हुत्था, तंजहा-साहरिज्जिस्सामित्ति जाणइ, साहरिजमाणे ण जाणइ, साहरिएमित्ति जाणइ / / 30 // जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे देवागंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तिया १हिएण-अप्पणो इंदस्स य हियकारणा तहा अणुकंपएणं-भगवओ भत्तेणं ति अट्ठो। Page #701 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिठं जीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरिए तं रयणिं च णं सा देवाणंदा माहणी सयणिज्जं सि सुत्तजागरा ओहीरमाणी 2 इमेयारूवे उराले कल्लाणे सिवे धण्ण मंगल्ले सस्सिरीए चउद्दसमहासुमिणे तिसलाए खत्तीयाणीए हडेत्ति पासित्ताणं पङिबुद्धा, तंजहा-गय जाव सिहिं च // 31 // ज रयणिं च णं म्मणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठम. गुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरिए तं रयणिं च णं सा तिसला खत्तियाणी तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभिंतरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दृमियट्ठमट्टे विचित्तउ लोयचिल्लियतले मणिरयणपणासियंधयारे बहुसमसुविभत्तभूमिभागे पंचवण्ण सरससुरमिमुक्कपुप्फजोवयारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुकडझंतधूवमघमघतगंधुद्ध या. भिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए तसि तारिसगंसि सयणिज्जसि सालिंगणट्टिए उमओ बियोयणे उभओ उण्णए मज्झे णयगंभीरे गंगापुलिणवालुयाउदालसालिमए ओयवियखोमियदुगुल्लपट्टपडिच्छण्णे सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंयुए सुरम्मे आइणगरूयबूरणवणीयतूलतुल्ल फासे सुगंधवरकुसुमचुण्णसयणोवयारकलिए,पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी 2 इमेयारूवे उराले जाव च उद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा-गर्य-यसैह-सीहै-अभिसेय-दाम-ससि-दिणयर ईश्य कुंभं / पउमसर-सागैर-विमाणभवण-रयणुच्चय-सिहि च // 1 // 32 // तए ण सा तिसला खत्तियाणी तप्पढमयाए[लओ यच उदंतमूसियगलियविपुलनलहरहारणिकरखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडु (रं रतरं समागयमहुयरसुगंधा - वासियक(पो)वोलमूलं देवरायकुंज(रं)र(व)वरप्यमाणं पिच्छइ सजलघणविपुलजलहरगज्जियगंभीरचारुघोसं इभं सुभं सव्वलक्खणकयंबियं वरोरं / / 33 / / तओ पुणो धवलकमलपत्तपयराइरेगरूवप्पभं पहासमुदओवहारोहिं सव्वओ चेव दीवयंतं अइसिरिभरपिल्लगाविसप्पंतकंतसोहंतचारुककुहं तणुसु(ख)इसुकुमाललोमणिद्धच्छवि थिरसुबद्धमंसलोवचियलट्ठसुविभत्तसुंदरंग पिच्छइ घणवट्टलट्ठउक्किट्ठविसिट्टतुप्पग्गतिक्खसिंगं दंतं सिव समाणसोहंतसुद्धदंतं वसहं अमियगुणमंगलमुहं 2 // 34 // तओ पुणो हारणिकरखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंड(रतरं)रंगं रमणि पिच्छणिज्ज थिरलट्ठपउट्ठवट्टपीवरसुसिलिट्ठविसिट्ठतिक्खदाढाविलंबियमुहं परिकम्मियजच्चकमल कामलपमाणसोहंतलट्ठ उठें रत्तुप्पलपत्तम उयसुकुमालतालुणिल्लालियराजहं मूसाग यपवरकणगतावियआवत्तायंतबट्टतडि यविमलसरिसणयण विसालपीवरवसे डिपुष्ण Page #702 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं विमल वंधं मिउविसयसुहुमलक्खणपसत्थविच्छिण्णकेसराडोवसोहियं उसियरणिग्मियसुजायअफोडियलंगूलं सोमं सोमाकारं लीलायंतणहयलाओओवयमाणं णियगवय. णमइवयंतं पिच्छइ सा गादतिक्खग्गणहं सीहं वयणसिरीप(लंब)लवपत्तचारुजीई 3 // 35 // तओ पुणो पुष्ण चंदवयणा उच्चागयठाणलट्ठसंठियं पसत्थरूवं सुपइट्टिय. कगग(मय)कुम्मसरिसोबमाणचलणं अच्चुण्णयपीणरइयमंसलउ(बचि)ग्णयतणुतंब णिद्धणहं कमलपलाससुकुमालकरचरणकोमलवरंगुलिं कुरुविंदावत्तट्टाण पुत्वछ गूिढजाणुं गयवरकरसरिसपीवरोरुं चामीकररइयमेहलाजुत्तकंतविच्छिण्णसोणिचवकं जच्चजगभमरजलयपयरउज्जुयसमसंहियतणुयआइज्जल्डहसुकुमालमउयरमणि.जरोमराई णाभीमंडलसुंदरविसालपसत्थजघणं करयलमाइयपसत्थतिवलियमझंणाणामणिकणगरयणविमलमहातवणिजाभरणभूसणविराइ(यमंगु)यंगोवंगि हारविरायंतकुंदमालपरिणद्ध जल जलिंतथणजुयलविमलकलसं आइयपत्तियविभूसिएणं सुभगजालज.लेणं मुत्ता. कलावएणं उरत्थदीणारमा(ल)लियविराइएण कंठमणिसुत्तएण य कुंडलजुयलुल. संतअंसोवसत्तसोभंतसप्पमेणं सोभागुणसमुदएण आणणकुबुंचिएणं कमलामलविसालरमणिजलोय(णि)णं कमलपज़लंतकरगहियमुक्कतोयं लीलावायकयपरखएणं सुवि. सदकसिणघणसण्हलंबंतकेसहत्थं परमहकमलवासिणि सिरि भगवई पिच्छइ हिमवंतसेलसिहरे दिसागइंदोरुपीवरकरामिसिच्चमाणिं 4 / / 36 // तओ पुणो सरसकुसुममदारदामरमणिजभूयं चंपगासोगपुण्णागणागपियंगुसिरीसमुग्गरगमल्लियाजाइ. जूहिअंकोल्लकोजकोरिंटपत्तदमणयणवमालियबाउलतिलयवासंतियपउमुप्पलपाडलकुंदाइमुत्तसहकारसुरभिगंधिं अणुवममणोहरेणं गंधणं दसदिसाओवि वासयतं सत्वोउयसुरुभिकुसुममल्लधवलविलसंतकंतबहुवण्णभत्तिचित्तं छप्पयमहुयरिभमरगणगुमगु. मायंतणिलिंतगुंजंतदेसभागं दामं पिच्छइ णहंगणतलाओ ओवयंतं 5 // 37 // ससिं च गोखीरफेणदगरयरययकलसपडुरं सुभं हि ययणयणकंतं पडिपुण्णं तिमिरणिकरघणगुहिरवितिमिरकरं पमाणपक्खंतरायलेहं कुमुयवणविबोहगं णिसासोहगं सुपरिमट्टदप्पणतलोबमं हंसपडुवण्णं जोइसमुहमंडगं तमरिपुं मयणसरापूरगं समुद्ददगपूरगं दुम्मणं जणं दइयवज्जियं पायए हिं सोसयंतं पुणो सोमचारुरूवं पिच्छह सा गगणमंडलविसालसोमचंकम्ममाणतिल(गं)यं रोहिणिमणहिययवल्लहं देवी पुण्णचंदं समल्ल 1 मंदारपारिजातियचंपगविउलमचकुंदपाडलजायजहि यसुगंधगंधपुष्पमाला / 2 परसमयावेक्खाए। Page #703 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिझें संतं 6 // 38 // तओ पुणो त पडलारिष्फुडं चेव तेयसा पजलंतरूवं रत्तासोगपगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसं कमलवणालंकरणं अकणं जोइसस्स अंबरतलपईवं हिमपडलगलग्गहं गहगणोरुणायगं त्तिविणासं उदयन्थमणेसु मुहुत्तसुहदंसणं दुणिरिक्खरूवं रत्तिसुद्धंतदुप्पयारप्पमद्दणं सीयवेगमहणं पिच्छइ मेरुगिरिसययपरियट्टयं विसालं सूरं रस्सीसहस्सपयलिय दित्तसोहं 7 // 39 / / तओ पुणो जच्च. कणगलट्ठिपइट्ठियं समूहणीलरत्तपीयसुक्किल्लसुकुमालुलसियमोरपिच्छकयमुद्धयं धयं अहियसस्सिरीयं फालियसंग्वंककुंददगरयरययकलसपंडुरेण मत्थ्याथेण सी हेण राय. माणेण रायमाणं भित्तुं गगणतलमंडलं चेव ववसिएणं पिच्छइ सिवमउयमारुयलयाइयकंपमाणं अइप्पमाणं जगपिच्छणिजरूवं 8 // 40 // तओ पुणो जच्चकंचणुजलं. तरूवं णिम्मलजलपुण्णमुत्तमं दिप्पमाणसोहं कमलकलावपरिरायमाणं पडिपुण्ण[य]. सम्बमंगलभेयसमागमं पवररयणप(रि)रायंतकमलट्ठियं णयणभूसणकरं पभासमाणं सव्वओ चेव दीवयंतं सोमलच्छीणिभेलणं सव्वपावपरिवज्जियं सुभं भासुरं सिरिवरं सव्वोउयसुरभिकुसुमआसत्तमलदामं पिच्छइ सारययपुण्णकलसं 9 // 41 // तओ पुणो (पुणरवि) रविकिरणतरुणबोहियसहस्सपत्तसुरभितरपिंजरजलं जलचरपहकरपरिहत्थगमच्छपरिभुजमाणजलमंचयं महंतं जलंतमिव कमलकुवलयउप्पलतामरसपुंडरीयउरुसम्पमाणसिरिसमुदएणं रमणिजरूवसोहं पमुइयंतभमरगणमत्तमहुयरिगावगेलि(ल्लि)जमाणकमलं कायंबगबलाहयचक्ककलहंससारसगचियसउणगणमि हुणसेविका माणसलिलं पउमिणिपत्तोवलग्गजलबिदुणिचयचित्तं पिच्छइ स हि ययणयणवंतं पउमसरं णामसरं सररुहाभिरामं 10 // 42 // तओ. पुणो चंदकिरणरासिसरिससिरिवच्छसोहं चउ(गु)गमणपवड्डमाणजलसंचयं चवलचंचलुच्चायप्पमाणकलोललोलंततोयं पडुपवणाहयचलियचवलपागडतरंगरंगंतभंगखोखुन्भमाणसोभंतणिग्मलक्कडउम्म सहसंबंधधावमा(णाव)गोणियत्तभासुरतराभिरामं महामगरमच्छतिमि तिमिगिलणिद्धति - लितिलियाभिघायकप्पूरफेणपसरं महाणईतुरियवेगसमागयभमांगावत्तगुष्पमा छलंतपच्चोणियत्तभममाणलोलसलिलं पिच्छइ खीगेयसायरं सारयणिक रसोमवयणा 11 // 43 // तओ पुणो तरुणसूरमंडलसमप्पहं दिप्पमाणसोहं उत्तमकंचणमहामणिसमूहपवरतेयअट्ठसहस्सदिप्पंतणहप्पईवं कणगपयरलंबमाणमुत्तासमुजलं जलंतदिव्यदामं ईहामिगउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरसंसत्तकुंजरवणल्यपउमलयभत्तिचित्तं गंधव्वोपवजमाणसंपुण्णघोसं णिच्चं सजलणविउलजलहरगज्जियसद्दाणुणाइणा देवदुंदुहिमहारवेणं सयलमवि जीवलोयं पूरयंतं.कालागुरुपवर Page #704 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुयं-सिरिमहावीरचरियं 11 कुहुरुक्कतुरुक्कडझंतधूव (सार) वासंग (य) उत्तममघमपंतगंधुद्धयाभिरामं णिच्चालोयं सेयं सेयप्पभं सुग्वराभिरामं पिच्छइ सा साओवभोगं वरविमाणपुंडरीयं 12 // 44 // तओ पुणो पुलगवेरिंदणीलसासगकक्के यणलोहियखमरगयमसारगल्लपवाल. फलिहसोगंधियहंसगभअंजणचंदप्पहवरस्यणहि महियलपइट्टियं गगणमंडलंतं पभासयंत तुंगं मेरुगिरिसंणि (गा)कासं पिच्छइ सा रयणणिकररासिं 13 // 45 // सिहिं च-मा वि उलुजलपिंगलमहुवयपरिसिच्चमाणणिधुमधगधगाइयजलंतजालुजलाभिरामं तरतमजोगजुत्तेहिं जालपयरेहिं अण्णुण्णमिव अणुप्पइण्णं पिच्छइ जालुजलग (ग) गं अंबरं व कत्थइ पयंत अइवेगचंचलं सिहि 14 // 46 // इमे एयारिसे सुभे सोमे पियदंसणे सुरूवे सुमिणे दहण सयणमज्झे पडिबुद्धा अरविंदलोयणा हरिसपुलइयंगी। एए च उदससुमिण, सव्वा पासेद्द तित्थयरमाया / जं रयणिं चकमई, कुच्छिसि महायसो अरहा // 1 // 47 // तए णं सा तिसला खत्तियाणी इमे एयासवे उराले चउद्दममहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ठ जाव हि यया धाराहयकयंबपुष्फगंपिव समुस्ससियरोमकृवा सुमि गुग्गहं क.रेइ 2 त्ता सयणिजाओ अब्भुढेइ 2 त्ता पायपीढाओ पच्चोल्हइ 2 ता अतुरियमचवलमसंभंताए अविलबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सयणिज्जे जणव सिद्ध न्थ खत्तिए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सिद्धन्थ खत्तियं ताहि इट्टाहि कंताहिं पियाहि मणुण्णाहिं मणोरमाहि उरालाहि कलाणाहिं सियाहिं धागाहिं मंगल्लाहिं सम्सिरीयाहिं हिययगमणि जाहिं हिययपल्हायणिजाहिं मिउमहुरमंजुलाहिं गिराहिं संलयमाणी 2 पडियोहेइ // 48 // तए णं सा तिसला खत्तियाणी सिद्धत्यणं रणा अब्भणुण्णाया समाणी णाणमणिकणगरयणभत्तिचित्तं सि महासणं. सि सि यत्ता आसत्या वीसत्था सुहामणवरगया सिद्धत्थं खत्तिय ताहि इट्टाहि जाव मंलवमाणी 2 एव वयासी-एवं ग्वलु अहं सामी ! अज तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि वण्णओ जाव पडिबुद्धा, तंजा-गय(उ)बसहगाहा / तं एएसिं सामी ! उरालाणं च उदसण्ह महासुमिणाणं के मण्णे कल्लाणे पलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? / / 49-50 // तए णं से सिद्धत्थं राया तिसलाए खत्तियाणीए अंतिए ए यमद्रं सुच्चा णिसम्म हट्टतचित्ते जाव हियए धारायणीवसुरभिकुसुमचं मालइ यरोम.वे ते सुमिणे ओगि(ह)हेइ 2 त्ता ईहं अणुपविसइ 2 त्ता अप्पणो साहाविएणं मइ पुचएणं बुद्धिविण्णाणेणं तेसिं सुमिणाणं अत्थुग्गहं करेइ 2 त्ता तिसलं खत्तियाणिं ताहि इवाहि नाव मंगल्लाहि मिय Page #705 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिळं महरमस्सिरीयाहिं वग्गूहि संलवमाणे 2 एवं वयासी-उराला णं तुमे देवाणु प्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, कल्लाणा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, एवं सिवा, धण्णा, मंगला, सस्मिरीया, आरुग्गतुट्टिदीहाउकल्लाणमंग्टकारगाणं तुमे देवाणु प्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, तंजहा-अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए ! पुत्तलामो देवाणुप्पिए ! सुक्खलाभो देवाणुप्पिए ! रजलाभो देवाणुप्पिए !, एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए ! गवण्हं मासाणं बहुपडि पुण्णाणं अद्धहमाण राईदियाणं विइवताण अम्हं कुलकेलं, अहं कुलदीव, कुलपव्वयं, कुलबडिंसयं, कुलतिलयं, कुलकित्तिकर, कुलवित्तिकर,कुलदिणयरं, कुलाधारं, कुलणंदिकर, कुलजसकरं, कुलपायवं, कुलंविवदणकर, सुकुमालपाणिपायं, अहीण(सं)पडि पुण्णपंचिंदियसरी.रं,लवखणवंजणगुणोववेयं, माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंग, ससिसोमाकार, कंत, पियदंसणं, सुरूवं दारयं पयाहिसि // 51-52 // से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णा. पपरिणयमित्ते जुब्बणगमणुप्पत्ते सूरे धीरे विक्कंते वि(च्छि)स्थिण्ण विटलबलवाहणे रजवई राया भविस्सइ / / 53 // तं उराला णं तुमे देवाणुप्पिल ! जाव दुच्चं पि तच्चपि अणु(बू)वूहइ / तए णं सा तिसला खत्तियाणी सिद्धत्थस्स रणो अंतिए एयमढे सुच्चा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियया करयलपरिग हियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी-एवमेयं सामी ! तहमेयं सामी ! अवितहमेयं सामी ! असंदिद्धमेयं सामी ! इच्छियमेयं सामी ! पडिच्छियमेयं सामी ! इच्छियपडिच्छियमेयं सामी ! सच्चेणं एसमटे-से जहेयं तुब्मे वयहतिवटु ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ 2 त्ता सिद्धत्थेणं रण्णा अब्मणुण्णाया समाणी णाणामणि(कणग)रयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुढेइ २त्ताअतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छद २त्ता एवं वयासीमा मे ते एएसु उत्तमा पहाणा मंगल्ला सुमिणा दिट्ठा अण्णेहि पावसुमिणेहि पडिहम्मिस्संतित्तिक? देवयगुरुजणसंबद्धाहिं पसत्थाहिं मंगल्लाहिं धम्मियाहि लढाहिं कहाहिं सुमिणजागरियं जागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ / / 54-56 // तए णं सिद्धत्थे खत्तिए पच्चूसकालसमयंसि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अज सेसं बाहिरियं उबट्ठाणसालं गंधोदयसित्तं सुइयमंमज्जिवलित्तं सुगंधवरपंचवण्णपुष्पोवयारकलियं कालागुरुपवरबुंदुरब तुरक.डझंतधूवमघमघंतगंधु याभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह करित्ता कारवित्ता य सीहासणं रयावेह रयावित्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह Page #706 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुयं-सिरिमहावीरचरियं 13 / / 57-58 // तए गं ते कोडुंबियपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हतुद जाब हिप या करयल जाव कटु एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडि पुणंति पडिसुणित्ता सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतियाओपडिणिवख्मंति परिणिवखमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छंति (तेणेव) उवागरिता जिप्पामेव सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं गंधोदयसि(तसुइयत्तं जाव सीहासणं रयाविति रयावित्ता जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु सिद्धत्थस्स खत्तियस्स तमाण. त्तिय पचप्पिणंति // 59 // तए णं सिद्धत्थे खत्तिए कल्लं पाउप्पभाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मीलियंमि अहापंडुरे पभाए, रत्तासोगप्पगास किसुयसुयमुहगुंजद्वरागबंधुजीवगपारावयचलणणयणपरहुयसुरत्तलोयणजायणकुसुमरासिहरलरणियराइरेयरेहंतसरिसे कमलायरसंडबोहए उडियंमि सूरे सहस्सरासंमि दिणयरे तेयसा जलंते, तस्स य करपहरापरलुमि अंधयारे बालायवधुंकुमेणं खचियब र्ज बलोए, मयणिजाओ अन्भुटेइ // 60 // सयणिजाओ अब्भुद्वित्ता पायपीटाओ पच्चोरहइ रत्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता अट्टणसालं अणुपविसइ 2 त्ता अणेगवायामजोगबग्गणवामद्दणमलजुद्ध करणेहि संते परिरसंते सयपागस्हरसपाहि सुगंधपरतिल्लमाइएहिं पीणणिज्जेहिं दीवणिज्जेहिं मयणिज्जेहिं चिं(बिं)हणिज्जेहिं दप्पणिज्जेहिं सविदियगायपल्हायणिज्जेहिं अगिए समाणे तिल्लचम्मंसि णिउणेहि पडिपुण्णपाणिपावसुकुमालकोमलतलेहिं अब्भंगणपरिमद्दणुव्वलणकरणगुणणिग्माएहि एहिं दक्खेहिं पढेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं जियप्ररिस्समेहिं पुरिसेहिं अट्ठिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउव्विहाए सुहपरिक्कमणाए संवा] बाहणाए संबाहिए समाणे अवगय (खेय)परिस्समे अट्टणमालाओ पडिणिक्खमइ // 61 // अट्टणसालाओ पडिणिक्खमित्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ २त्ता समुत्तबालाकुलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिज्जे ण्हाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तसि पहाणपीटंसि सुहणिसण्णे पुष्फोदएहि य गंधोदएहि य उण्होदए हि य सुहोदएहि य सुद्धोदए हि य कल्लाणकरणपवरमजणविहीए मज्जिए, तत्थ को उयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमजणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाहयलूहियंगे अहे यसुमहम्घदूसरयणसुसंवुडे सरससुरभिगोसीसचंदणाणु लित्तगत्ते सुइमा 1 णासाशीसासवायवोज्झचक्खुहरवण्णफरिसजुत्तहयलालापेलबाइरेगधवलकणगखचियंतकम्मेदूस० / Page #707 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 14 पढमं परिसिढें लावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरयपालं चपलबमाणक डिसुत्तसुकयसोभे पिगद्वगेविज्जे अंगुलिजगललियकयाभरणे वरकडगतुडियर्थभियभुए अहियरूवसस्सिरीए कुंड(लु)लउज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे, मुद्दियापिंगलंगु(लि)लीर पालंघपलंघमाणसुकयपडउत्तरिज्जे णाणामणिकणगरयणविमलमहरिहणि उगोवचियमिसिमिसिंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ट आविद्धवीरवलए, किं बहुणा ? कप्परुखए विव अलंकियविभृसिए परिंदे, सकोरिटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहिं मंगलजय(जय)सद्दकयालोए अणेगगणणायगदंडणायगराईसरतलबरमाइंबियकोडुबियमंतिमहामंतिगणगदोवानियमचेडपीढमद्दणगरणिगमसेडिसेणावइसत्यवाहदयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे धवलम्हामेहणिग्गए इव गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससिव्व पि यदंसणे णरवई परिदे णरवसहे णरसीहे अब्भहियरायतेयलच्छीएं दिपमाणे मजणघराओ पडिणि व स्मइ // 62 // मजणघराणं पडिणिक्वमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणसि पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ 2 त्ता अप्पणो उत्तरपुर(स्थि)च्छिमे दिसीभाए अट्ठ भद्दासणाई सेयवत्थपच्छुत्थुयाई सिद्धत्थयकयमंगलोक्याराई रयावेइ 2 त्ता अप्पणो अदूरसामंते णाणामणिरयणमंडिवं अहियपिच्छणिज्जं महग्यवरपट्टगायं मण्हाट्टभत्तिसयचित्तताणं ईहामिय-उसंभ-तुरग-गरमगरविहगवालाकिण्णरररुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयमत्तिचित्तं अभितरियं जवणियं अंछावेइ 2 ता णाणामणिरयणभत्तिचित्तं अस्थरयमिउमसूर(गो)गुत्थयं सेयबत्थपच्चुत्थुयं सुमउयं अंगसुहफरि(सगं)सं वि सिटुं तिसलाए खत्तियाणीए भद्दासणं रयावेइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव मो देवाणुप्पिया ! अटुंगमहाणिमि तसुत्तत्थधारए विविहसत्थकुसले सुविणलक्वणपाढए सद्दावेह / तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हतुट्ठ जाव हियया करयल जाव पडिसुगंति पडिसुणित्ता सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतियाओ पडिणिक्खमंति पडिणिक्वमित्ता कुंड (ग्गाम)पुरं णगरं मझमझेणं जेणेव सुविणलावणपाढगाणं गेहाई ते गेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सुविणलक्वणपाढए सहाविति // 63-66 // तए ण ते सुविणलखपाट[गा]या सिद्धत्यस्स खत्तियस्स कोबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया ण्हाया कयबलिकम्मा कयकोग्यमंगल पायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंरल्लाई वत्थाई पवराई परि हियां अप्पमहन्धा. Page #708 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं भरणालंकियसरीरा सिद्धत्थयहरियालियाकयमंगलमुद्धाणा सए हिं 2 गेहेहितो णिग्गच्छंति 2 त्ता खत्तियकुंडग्गामं गगरं मज्झंमज्जेणं जेणेव सिद्धत्थस्स रण्णो भवणवरवडिंसगपडिदुवारे तेणेव उवागच्छंति २त्ता भवणवरवडिंसगपडिदुवारे एगयओ मिलंति मिलिता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयलपरिग्गहियं जाव कट्ट सिद्धत्थं खत्तियं जएणं विजएणवद्धाविति // 67 // तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा सिद्धत्थेणं रण्णा वंदियपूईयसकारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं 2 पुषण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति // 68 // तए णं सिद्धत्थे खत्तिए तिसलं खत्तियाणि जवणियंतरियं ठावेइ ठावित्ता पुष्फफ्लपडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्खणपाढए एवं क्यासी-एवं खलु देवाणु प्पिया ! अज तिसला खत्तियाणी तसि तारिसगंसि जाव सुत्तजागरा ओहीरमाणी 2 इमे एयारूवे उराले चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा-गय-वसहगाहा, तं एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं देवाणुप्पिया ! उरालाणं के मण्णे वल्लाणे पलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? ||69-71 / / तए णं ते सुमिणलक्खणपाढगा सिद्धत्थस्स खत्तियरस अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म हट्ठतु जाव हियया ते सुमिणे (सम्म) ओगिण्हंति ओगिण्हित्ता ईहं अणुपविसंति 2 त्ता अण्णमण्णेणं सद्धिं सं(लावें)चालेति २त्ता तेसिं सुमिणाणं लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अहिगयट्ठा सिद्धत्थरस रणो पुरओसुमिणसत्थाई उच्चारेमाणा 2 सिद्धत्थं खत्तिय एवं क्यासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं सुमिणसत्थे बायालीसं सुमिणा तसं महासुर्मिणा बावत्तरि सवर मिणा दिट्ठा, तत्थ गं देवाणुप्पिया ! अरहंतमायरो वा चकवट्टिमायरो वा अरहंतसि वा चकहरंसि वा गभं वकममाणंसि एएसिं तीसाए महासुमिणाणं इमे चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुझंति, तंजहा-गय-वसह० गाहा। वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गंभं वकममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णयरे सत्त महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुझंति / बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णयरे चत्तारि महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुज्झंति / मंडलियमायरो वा मंडलियसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अण्णयरं एग महासुमिणं पासित्ताणं पडिबुझंति / 72-77 // इमे य गं देवाणु प्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए चउद्दस महामिणा दिट्ठा, तं उराला णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए १'कयसागय / Page #709 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिझें खत्तियागीर सुमि गा दिट्ठाजाव मंगलकारगाणं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा, तंजहा-अत्थलाभो देवाणुप्पिया! भोगलाभो देवाणुप्पिया ! पुत्तलाभो देवाणुपिया! सुक्खलामो देवाणुप्पिया! रजलाभो देवाणुंपिया !, एवं. खल देवाणुप्पिया ! तिसला खत्तियाणी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राईदियाणं विइक्कंताणं तुम्हें कुलकेउं,कुलदीवं,कुलपव्वयं,कुलवडिंसयं, कुलतिलयं, कुलकित्तिकर, कुलवित्तिकर,कुलदिणयरं, कुलाधारं,कुलणंदिकरं,कुलजसकर, कुलपायवं, कुलतंतुसंताणविवद्धणकर, सुकुमालपाणिपाय,अहीणपडिपुण्णपंचिंदि यसरीरं, लक्खणजगतु गोवत्रेयं, मागुम्मागपमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंग, ससिसोमाकारं, कंतं, पियदंसणं, सुरूवं दारयं पयाहिसि // 78|| से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभाडे विण्णायपरिणयमित्ते जुम्वणगमणुप्पत्ते सूरे धीरे विक्कंते विच्छिण्णविपुलबलवाहणे चाउरंतचकवट्टी रजवई राया भविस्सइ, जिणे वा तेलुक तिलोग]णायगे धम्मवरचाउरंतचकवट्टी / / 79 // तं उराला ण देवाणुप्पिया! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा जाव आरूग्गतुट्ठिदीहाउकल्लाणमंगलकारगाणं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा // 80 // तए णं सिद्धत्थे राया तेसिं सुविणलक्खणपादगाणं अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए करयल जाव ते सुविण. लखणपाढए एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! तहमेयं दे० ! अवितहमेयं दे ! इच्छियमेयं दे !पडिच्छियमेयं दे ! इच्छियपडिच्छियमेयं दे०! सच्चे णं एसमटे से जहेयं तुब्भे वयहत्तिक? ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ 2 ता ते सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असणेणं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ सकारिता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीडदाणं दलयइ 2 त्ता पडिविसज्जेइ / / 81-82 // तए गं से सिद्धत्थे खत्तिए सीहासणाओ अब्भुटेइ 2 त्ता जेणेव तिसला. खत्तियाणी नवणियंतरिया तेणेव उवागच्छह 2 त्ता तिसलं खत्तियाणि एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! सुविणसत्थंसि बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा जाव एगं महासुमिणं पासित्ताणं पडिबुज्झति / इमे य णं तुमे देवाणुप्पिए / चउद्दस महासुमिणा दिवा, तं उराला णं तुमे जाव जिणे वा तेलुकणायगे धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी // 83-85 // तए णं सा तिसला खत्तियाणी एयमढे सो(सु)चा णिसम्म हट्ट जाव हियया करयल जाव ते सुमिणे सम्म पडिच्छह 2 त्ता सिद्धत्येणं रण्णा अब्भ. गुण्णाया समाणी णाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुटेन 2 ता अतु Page #710 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं रियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सए भवणे तेणेव उगच्छइ 2 त्ता सयं भवणं अणुपविट्ठा // 86-87 // जप्पमिदं च णं समणे भगवं महावीरे तंसि णा(रा)यकुलंसि साहरिए तप्पभिई च णं बहवे वेसमणकुंडधारिणो तिरियजंभगा देवा सक्कवयणेणं से जाइं इमाइं पुरापोराणाई महाणिहाणाई भवंति, तंजहा-पहीणसामियाई पहीणसेउयाइं पहीण(गु)गोत्तागाराई, उच्छिण्णसामियाई उच्छिण्णसेउयाई उच्छिण्णगोत्तागाराई, गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुह. पट्टणासमसं-बाहसंणिवेसेसु सिंघाडएसु वा तिएसु वा चउक्केसु वा चच्चरेसु वा चउम्मुहेसु वा महापहेसु वा गामट्ठाणेसु वा णगरट्ठाणेसु वा गामणि द्धमणेसु वा णगरणिद्धमणेसु वा आवणेसु वा देवकुलेसु वा सभासु वा पवासु वा आरामेसु वा उजाणेसु वा वणेसु वा वणसंडेसु वा सुसाणसुण्णागारगिरिकंदरसंतिसेलोवट्ठाणभवणगिहेसु वा सण्णिक्खित्ताइं चिट्ठति ताई सिद्धत्थरायभवणंसि साहति // 88 / / जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे णायकुलंसि साहरिए तं रयणिं च णं णायकुलं हिरण्णेणं ववित्था, सुवण्णेणं वढित्था, धणेणं धण्णेणं रजेणं रटेणं बलेक वाहणेणं कोसेणं कोट्ठागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं जणवएणं जसवाटणं ववित्था, विपुल. वणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइए) संतसारसावइजे पीइ. सक्कारसमुदएणं अईव अईव अभिववृित्था ||89 // तए णं समणम्स भगवओ महावी. रस्स अम्मापिऊप्पं अयमेयारूवे अब्भन्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-जप्पमिइं चणं अम्ह एस दारए कुच्छिंसि गब्भत्ताए ववकंते तप्पभिई च णं अम्हे हिरण्णेणं वडामो, सुवण्णेणं वड्डामो, धणेणं जाव संतसारसावइज्जेणं पीइसक्कारेणं अईव अईव अभिवडामो, तं जया णं अम्हं एस दारए जाए भविस्सइ तया ण अम्हे एयस्स दारगस्स एयाणुरूवं गुण्णं गुणणिप्पणं णाम विज्ज करिसामोवद्धमाणुत्ति // 90 // तए णं समणे भगवं महावीरे माउअणुकंपणट्ठाए णिच्चले णिप्फंदे णिरेयेणे अल्लीणपल्लीणगुत्ते यावि होत्था // 91 // तए ण तीसे तिसलाए खत्तियाणीए अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पज्जित्था-हडे मे से गब्भे, मडे मे से गम्भे, चुए मे से गब्भे, गलिए मे से गब्भे, एस मे गम्भे पुट्विं एयइ, इयाणिं णो एयइत्तिकटु ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरसंपविट्ठा करयलपल्हत्यमुही अट्ट ज्झाणोवगया भूमीगयदिट्ठिया झियायइ, तं पि य सिद्धत्थरायबरभवणं उवरयमुइंग 1 'आयत्तया' 2 णिक्कंपे। Page #711 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18 पढमं परिसिळं तंतीलतालणाडइजजणमणु (ज्जं) ण्ण दीणविमणं विहरइ // 92 // तए णं से समणे भगवं महावीरे माऊए अयमेयारूवं अब्भत्थियं पत्थियं मणोगयं संकप्पं समुप्पण्णं वियाणित्ता एगदेसेण एयइ, तए णं सा तिसला खत्तियाणी हट्टतुट्ठ जाव हियया एवं वयासी-णो खलु मे गब्भे हडे जाव णो गलिए, मे गाभे पुष्विं णो एयइ, इयाणि एयइत्तिकट्ट हट्ठतुट्ठ जाव हियया एवं विहरइ // 93 / / तए णं समणे भगवं महावीरे गम्भत्थे चेव इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-णो खलु मे कप्पइ अम्मापिऊहिं जीवंतेहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए // 94 // तए णं सा तिसला खत्तियाणी हाया कयबलिकम्मा कयकोउय मंगल पायच्छित्ता जाव सव्वालंकारविभूसिया तं गम्भं णाइसीएहिं णाइउण्हेहिं णाइतित्तेहिं णाइकडुएहि णाइकसाएहिं णाइअंबिलेहिं णाइमहुरेहिं णाइणिद्धेहिं णाइलुक्खेहिं णाइउल्लेहिं णाइसुक्केहिं सव्वत्तुगभयमाणसुहेहिं भोयणच्छायणगंधमल्लेहिं वघगयरोगसोगमोहमयपरिरसमा सा जं तस्स गब्भस्स हियं मियं पत्थं गब्भपोसणं तं देसे य काले 'य आहारमाहारेमाणी विचित्तमउएहिं सयणासणेहिं पइरिकसुहाए मणोऽणुकूलाए विहारभूमीए पसत्थदोहला संपुण्णदोहला संमाणियदोहसा अविमाणियदोहला वुच्छिण्णदोहला ववणीयदोहला सुहंसुहेणं आसइ, सयइ, चिट्ठइ, णिसीयइ, तुयट्टइ, विहरइ, सुहंसुहेणं तं गब्भ परिवहइ // 95 / / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे चित्तसुद्धे तस्सणं चित्तसुद्धस्स तेरसीदिवसेणं णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइक्कंताणं उच्चट्ठाणगएसु गहेसु पढमे चंदजोगे सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु जइएसु सव्वसउणेसु पयाहिणाणुकुलंसि भूमिसप्पंसि मारुयंसि पवायंसि णिप्फण्णमेइणीयंसि कालंसि पमुइयपक्कीलिएसु जणवएसु पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आ(रु)रोग्गा(आरु)रोग्गं दारयं पयाया // 96 // ज रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाए सा णं रयणी बहूहिँ देवेहिं देवीहि य ओवयंतेहिं उप्पयंतेहिं य उप्पिंजलमाणभूया कहकहगभूया यावि हुत्था // 97|| जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाए तं रयणिं च णं बहवे वेसमणकुंडधारी तिरियजंभगा देवा सिद्धत्थरायभव. गंसि हिरण्णवासं च सुवण्णवासं च वयरवासं च वत्थवासं च आभरणवास न पत्तवासं च पुष्फवासं च फलवासं च बीयवासं च मलवासं च गंधवासं च चुण्णवासं च वण्णवासं च वसुहारवासं च वासिंसु // 98|| तए णं से सिद्धत्थे खत्तिए भवण Page #712 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुयं-सिरिमहावीरचरियं 19 वइवाणमंतरजोइसवेमाणिएहिं देवेहिं तित्थयरजम्मणाभिसेयमहिमाए कयाए समाणीए पच्चूसकालसमयंसि णगरगुत्तिए सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! (खत्तिय)कुंड(ग्गामे)पुरे णगरे चारगसोहणं करेह करित्तामाणुम्माणवद्धणं करेह करित्ता कुंडपुरं णगरं सम्भितरबाहिरियं आसियसम्मजिओवलितं सिंघाडगति (ग)यचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु सित्तसुइसंमट्टरत्यंतरावणवीहियं मंचाइमंचकलियं णाणाविहरागभूसियज्झयपडागमंडियं लारल्लोइयम् हियं गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिण्णपंचंगुलितलं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागं आसत्तोसत्तविपुलवस्वग्धारियमल्दामकलावं पंचवण्ण सरससुरभिमुछपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागुरुपवरकुदुरुकतुरुकडझंतधूवमधमतगंधुयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं णडणट्टगजल्लमल्लमुट्ठियवेलंबगकहग(पाद)पवगलासगआ(इ) रक्खगलंखमंखतूणइलतुंबवीणियअणेगतालायराणुचरियं करेह कारवेह करित्ता कारवित्ता य यसहस्सं मुसलसहस्सं च उस्सवेह उस्सवित्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह // 99-100 // तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सिद्धार्थणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया करयल जाव पडिसुणित्ता खिप्पामेब कुंडपुरे णगरे चारगसोहणं जाव उस्सवित्ता जेणेव सिद्धत्थे (वत्तिए) राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता करयल जाब कटु सिद्धत्थस्स खत्तियस्स रण्णो एयमाणत्तियं पचप्पिणंति // 101 // तए णं से सिद्धत्थे राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता जाव सवोरोहेणं सबपुष्पगंधवत्थमल्लालंकारविभूसाए सव्वतु डियसद्द णि णाएणं महया इड्डीए महया जुईए महया बलेण महया वाहणणं महया समुदएणं महया वर डियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडहभेरिझल्लरिखरमुहि हुडुक्क मुरयमुइंगदुंदुहिणिग्योसणाइयरवेणं उस्सुक्कं उक्करं उक्किटुं अदिज्जं अमिज अभडप्पवेसं अदंडिमकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइजकलिय अणेगतालायराणुचरियं अणुद्धयमुइंगं अमि. लायमल्लदामं पमुइयपक्कीलियपुरज (णाभिराम) णजाणवयं दसदिवसं ठिइवडियं करेइ // 102 // तए णं सिद्धत्थे राया दसाहियाए ठिइवडियाए वट्टमाणीए सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए य दाए य भाए य दलमाणे य दवावेमाणे य सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य लंभे पडिच्छमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं [वा] विहरइ // 103 / / तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो 1 जूया-जुगाई तेसिं सहस्सं / Page #713 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिटठं पढमे दिवसे ठिइवडियं क (रि) रेंति, तइए दिवसे चंदसूरदंसणियं करेंति, छठे दिवसे धम्मजागरियं जागरें(करि)ति, ए(इ)कारसमे दिवसे विइक्व ते णिळ त्तिए असुइजम्मकम्मकरणे संपत्ते बारसा(हे)हदिवसे विरलं असणं पाणं खाइम से इम उबक्खडा(वि)वेंति 2 त्ता मित्तणाइणिय(योगसयणसंबंधिपरिजणं णायए रत्तिए य आमंतेति 2 त्ता तओ पच्छा व्हाया जाव सुद्धप्पावेसाई मंगलाई पवराई वत्थाई परिहिया अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि सुहास गवरगया तेणं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणेणं णायएहिं खत्तिएहिं सद्धिं तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणा विसाएमाणा परि जमाणा परिझाएमाणा एवं वा विहरंति // 104 // जिमियभुत्तुत्तरागया वि य | समाणा आयंता चोक्खा परमसु(इ)ईभूया तं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणं णायए रूत्तिए य विउलेणं पुष्फबत्थगंधमल्लालंकारेणं सकारेंति सम्माणेति सकारिता सम्माणित्ता तस्सेव मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरि(य)जणस्स गाया(ण योणं खत्तियाण य पुरओ एवं क्यासीपुट्विं पि(य)णं देवाणुप्पिया ! अम्हं एयंसि दारगंसि गम्भं वक्तंसि समाणंसि इमे एयारूवे अब्भस्थिए जाव समुप्पज्जित्था-जापभिई च णं अम्हं एस दारए कुच्छिसि गम्भत्ताए वक्कंते तप्पभिइं च णं अम्हे हिरण्णेण बड्डामो, सुवण्णेणं धणेणं धण्णेणं रज्जेणं जाव सावइज्जेणं पीइसक्कारेणं अईव अईव अभिवयमो, सामंतरायाणो घसमागया य / तं जया ण अम्हं एस दारए जाए भविस्सइ तया णं अम्हे एयस्स दारगस्स इमं एयागुरूवं गुण्णं गुणणिप्फणं णामधिज्जं करिस्सामो वद्धमाणुप्ति, ता अज अम्ह मणोरहसंपत्ती जाया, तं होउ णं अम्हं कुमारे बद्धमणे ण मेणं // 105-107 // समणे भगवं महावीरे कासवगुत्तेणं, तस्स णं तओ णाम घिजा एवमाहिज्जंति, तंजहा-अम्मापिउसंतिए वद्धमाणे, सहसंमुइयाए समणे, अयले भयभेरवाणं प(री)रिसहोबसग्गाणं खंतिखमे पडिमाण पालए धीमं अरहरइसहे दविए वीरियसंपण्णे देवहिं से णामं कयं 'समणे भगवं महावीरे' // 108 // सम. णस्स णं भगवओ महावीरस्स पिया कासवगुत्तेणं, तस्स गं तओ णामधिजा एवमाहिज्जंति, तंजहा-सिद्धत्थेइ वा, सिज्जसेइ वा, जसंसेइ वा। समणस्स णं भगबओ महावीरस्स माया वासि(ट्ठस)ट्ठी गुत्तेण, तीसे तओ णामधिजा एषमाहिज्मंति, 1 असणाणखाइमसाइमं / Page #714 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं 21 तंजहा-तिसलाइ वा, विदेहदिण्णाइ वा, पीइकारिणीइ वा / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पित्तिज्जे सुपासे, जिढे भाया णंदिवद्धणे, भगिणी सुदंसणा, भारिया * जसोया कोडिण्णा गुत्तेण / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स धूयाकास (व) वी गुत्तेणं, तीसे दो णामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-अणोजाइ वा, पियदंसणाइ वा / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स णत्तई कोसिय (कासव)गुत्तेणं, तीसे णं दो णामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-सेसवईइ बा, जसवईइ वा // 109 // समणे भगवं महावीरे दक्खे दक्खपइण्णे पडिरूवे आलीणे भद्दए विणीए णाए णायपुत्ते णायकुलचंदे विदेहे विदेहदिण्णे विदेह नच्चे विदेहसूमाले तीसं वासाइं विदेह सि कटु अम्मापिऊहिं देवत्तगएहिं गुरुमहत्तरएहिं अब्भणुण्णाए समत्तपइण्णे पुणरवि लोगतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं ताहिँ इटाहिं जाव बग्गूहि अणवरयं अभिणंदमाणा य अभिथुव्वमाणा य एवं वयासी-जय जय गंदा!, जय जय भद्दा ! भदं ते, जय जय खत्तियरवरवसहा !, बुज्झाहि भगवं लोगणाहा!, सयलजगज्जीवहियं पवत्तेहि धम्मतित्थं, हि यसुहणिस्सेयसकरं सव्वलोए सव्वजीवाणं भबिस्सइत्तिकटु जयजयसदं पउंजति // 110-11 // पुग्विं पि णं समणस्स भगबओ महाबीरस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आहोइए अप्पडिवाई णाणदंसणे हो(हु)त्था। तए णं समणे भगवं महाबीरे तेणं अणुत्तरेणं आहोइएणं णाणदंसणेणं अप्पणो णिक्खमणकालं आभोएइ २त्ता चिच्चा हिरण्णं, चिच्चा सुवणं, चिच्चा धणं, चिच्चा रज्ज, चिच्चा रढुं, एवं बलं वाहणं कोसं कोट्ठागारं, चिच्चा पुरं, चिच्चा अंतेउरं, चिच्चा जणवयं, चिच्चा विपुलधणकणगरयणमणि मु]मोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइयं संतसारसावइज्जं, विच्छड्डइत्ता, विगोवइत्ता, दाणं दायारेहिं परिभाइत्ता, दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता // 112 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से हेमंताणं पढमे मासे पढमे पक्खे .मग्गसिरबहुले तस्स णं मग्गसिरबहुलस्स दसमीपक्खेणं पाईणगामिणीए छायाए पोरिसीए अभिणिविहाए पमाणपत्ताए सुव्वएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं चंदप्पभाए सीयाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखियचक्किय[]णगलियमुहमंगलियवद्धमाणपूसमाणघंटियगणेहि ताहिं इट्टाहि जाव वन्गूहिं अभिणदमाणा(य) अभिथुव्यमाणा य एवं वयासी-जय जय णंदा!, जय जय भद्दा ! भदं ते,(खत्तियवरवमहा !) अभग्गेहिं णाणदंसणचरित्तेहिं अजियाइं जिणाहि इंदियाई, जियं च 1 अजेयाई ति अट्ठो। Page #715 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिट्ठ पालेहि समणधम्मं, जियविग्यो बि य वसाहि तं देव ! सिद्धिमझे, णिहणाहि रागदोसमल्ले तवेणं घिइधणियबद्धकच्छे, महाहि अट्ठकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं,अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च वीर ! तेलुक्करंगमझें,पावय विति,भिरमणुत्तरं केवलवरणाणं, गच्छ य मुक्खं प(रम)रं पयं जिणवरोवइटेणं मग्गेणं अकुडि. लेणं हंता परीसहचमुं, जय जय खत्तियवरवसहा ! बहूई दिवसाई बहूइं पक्खाई बहूई मासाइं बहूई उऊई बहूइं अयणाई बहूई संबच्छराइं अभीए परीसहोवसग्गाण खंतिखमे भयभेरवाणं, धम्मे ते अविधं भवउत्तिकटु जयजयसदं पउंजंति // 113-114 // तए णं समणे भगवं महावीरे णयणमालासहस्सेहिं पिच्छिज. माणे पिच्छिजमाणे, वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वंमाणे अभिथुव्वमाणे, हियय मालासहस्सेहिं उण्णंदिजमाणे उण्णदिजमाणे, मणोरहमालासहस्सेहिं बिच्छिप्पमाण विच्छिप्पमाणे, कंतिरूवगुणेहिं पत्थिजमाणे पत्थिजमाणे, अंगुलिमालासहस्सेहिं दाइजमाणे दाइजमाणे, दाहिणहत्थेणं बहणं णरणारीसहस्साणं अंजलिमाला. सहस्साई पडिच्छमाणे पडिच्छमाणे, भवणपंतिसहस्साई समइच्छंमाणे समइच्छमाणे, तंतीतलतालतुडियगीयवाइयरवेणं महुरेण य मणहरेणं जयजयसद्दघोसमी सि एण मंजुमंजुणा घोसेण य पडिबुज्झ(आपुच्छिज)माणे पडिबुज्झमाणे, सव्विट्टीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्ववाहणेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सत्यविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेणं सव्वसंगमेणं सव्वपगईहिं सव्वणाडएहिं सव्वतालयरेहि स(वाव)वोरोहेणं सबपुष्फगंधवत्थमल्लालंकारविभूसाए सव्वतुडियसद्दसणिणाएणं महया इड्डीए महया जुईए महया बलेणं महया वाहणेणं महया समुदएणं मह्या वरतुडियजमगसमग पवाइएणं संखपणवपडहभेरिझल्लरिखरमुहि हुडुछ दुंदुहिणियोस. णाइयरवेणं कुंडपुरं णगरं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 जेणेव णायसंडवणे. उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ 2 त्ता सीयाओ पच्चोरुहह 2 त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता छटेणं भत्तेणं अपाणएणं हत्थुत्तराहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय एगे अबीए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्वइए॥११५-११६।। समणे भगवं महावीरे संवच्छरं साहियं मासं जाव चीवरधारी होत्था, तेण परं अचेले पाणिपडिग्गहिए / समणे भगवं महावीरे साइरेगाई दुवालसवासाइं णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसन्गा उप्पज्जति, तंजहा-दिवा वा Page #716 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं 23 माणुसा वा तिरिक्खजोणिया या भणुलोमा वा पडिलोमा वा ते उप्पण्णे सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ // 117 // तए णं समणे भगवं महावीरे अणगारे जाएइ(ई)रियासमिए, भासासमिए, एसणासमिए, आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए, उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिट्ठावणियासमिए,मणसमिए,वयसमिए,कायसमिए, मणगुत्ते, वयगुत्ते, कायगुत्ते, गुत्ते, गुत्तिदिए,गुत्तबंभयारी, अकोहे, अमाणे, अमाए अलोहे,संते,पसंते,उवसंते,परिणिबुडे,अणासवे,अममे,अकिंचणे, छिण्ण(सोए)गंथे, णिरुवलेवे, कंसपाई इव मुक्कतोए 1, संखे इव णिरंजणे 2, जीवे इव अप्पडिहयगई 3, गंगणमिव णिरालंबणे 4, वा(ऊ इव)उव्व अपडिबद्धे 5, सारयसलिलं व सुद्धहियए 6, पुक्खरपत्तं व णिरुवलेवे 7, कुम्मे इव गुत्तिदिए 8, खग्गिविसाणं व एगजाए 9, विहग इव विप्पमुक्के 10, भारंडपवखी इव अप्पमत्ते ११,कुंजरे इव सोंडीरे 12, वसहो इव जायथामे 13, सीहो इव दुद्ध रिसे 14, मंदरो इव णिक्कं. (अप्पक)पे 15, सागरो इव गंभीरे 16, चंदो इव सोमलेसे 17, सूगे इव दित्ततेए 18, जच्चकणगं व जायसवे 19, वसुंधरा इव सव्वफासविसहे 20, सुहुयहुयासणो इव तेयसा जलते 21 / इमेसि पयाणं दुण्णि संगहणिगाहाओ-कंसे संखे जीवे, गगणे वाऊ य सरयसलिले य / पुक्खरपत्ते कुम्मे, विहगे खग्गे य भारंडे // 1 // कुंजर वसहे सीहे, पगराया चेव सागरमखोहे। चंदे सूरे कणगे, वसुंधरा चेव हूयवहे // 2 // गस्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे, से य पडिबंधे चउविहे. पण्णत्ते, तंजहा-दवओ खित्तओ कालओ भाषओ, दवओ णं सचित्ताचित्तमीसिएसु दव्वेसु, खित्तओ ण गामे वा णगरे वा अरण्णे वा खित्ते वा खले वा घरे या अंगणे वा णहे वा, कालओ णं समए वा आवलियाए वा आणापाणुए वा थोवे वा खणे वा लवे वा मुहत्ते वा अहोरत्ते वा पक्खे वा मासे वा. उ(ऊ)उए वा अयणे वा संवच्छरे वा अण्णयरे वा दीहकालसंजोए, भावओ णं कोहे वा माणे वा मायाए वा लोभे वा भए वा हासे वा पिज्जे वा दोसे वा कलहे वा अब्भक्खाणे वा पेसुण्णे वा परपरिवाए वा अरइरई(ए) वा मायामोसे वा मिच्छादंसणसल्ले वा, तस्स गं भगवंतस्स णो एवं भवइ // 118 // से णं भगवं वासावासवज्जं अट्ठ गिम्हहेमंतिए मासे गामे एगराइए णगरे पंचराइए वासीचंदणसमाणकप्पे समतिणमणिलेट्टकंचणे समसुहदुस्खे इहलोगपरलोगअप्पडिबद्धे जीवियमर(णे य)णणिरवकंखे संसारपारगामी कम्मसत्तुणिग्घायणढाए अब्भुटिए एवं च णं विहरइ / / 119 / / तस्स णं भगवंतस्स Page #717 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 24 पढम परिसिठं अणुत्तरेणं णाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं चरित्तेणं अणुत्तरेणं आलएणं अणुत्तरेणं विहारेणं अणुत्तरेणं वीरिएणं अणुत्तरेणं अजवेणं अणुत्तरेणं महवेणं अणुत्तरे लाघवेणं अणुत्तराए खेतीए अणुत्तराए मुत्तीए अणुत्तराए गुतीए अणुत्तराए तुट्टीए अगुत्तरेणं सञ्चसंजमतवसुचरियसोवचियफलणिव्वाणमग्गेणं अपाणं भावमाणस्स दुवालपसंवच्छराई विइक्ताई, तेरसमस्स संवच्छरस्स अंतरा वट्टमाणस्स जे से गिम्हाणं दुच्चे मासे चउत्थे पक्खे वइसाहसुद्धे तस्स णं वइसाहसुद्धम्स दसमीपक्खेण पाईणगामिणीए छायाए पोरिसीए अभिणिविट्टाए पमाणपत्ताए मुव्वएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं भियगामस्स णगरस्स बहिया उज्जुवालियाए णईए तीरे वेयावत्तस्म चेइयस्स अदूरसामंते सामागस्स गाहावइस्स कट्टकरणंसि सालपायवस्स अहे गोटोहियाए उक्क(डि)डुयणि सिजाए आयावणाए आयावेमाणस्स छटेणं भत्तेणं अपाणए हत्युत्तराहिणखत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए बट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे // 120 // तए णं समणे भगवं महावीरे अरहा जाए जिणे केवली सव्वण्णू सवदरिसी सदेवमणुयासुरस्म लोगस्स परियायं जाणइ पासइ, सव्वलोए सव्वजीवाणं आगई गई ठिई चवणं उववायं तक्कं मणोमाण सियं भुत्तं कडं पडिसेवियं आबीकम्मं रहोकम्म, अरहा अरहस्सभागी, तं तं कालं मणवयणकायनोगे वट्टमाणाणं सव्वलोए सव्वजीवाणं सव्वभाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ // 121 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे अट्टियगामं णीसाए पढम अंतरावासं वासावासं उवागए 1. चंपं च पिट्टचंपं च णीसाए तओ अंतरावासे वासावासं उवागए 4, वेसालिं णगरिं वाणियगामं च णीसाए दुवालस अंतरावासे वासावासं उवागए 16, रायगिह णगरं णालंदं च बाहिरियं णीसाए चउद्दस अंतरावासे वासावासं उवागए ३०,छ मिहि(लिया)लाए 36 दो भद्दियाए 38 एगं आलंभियाए 39 एगं सावत्थीए 40 एगं पणियभूमीए 45 एगं पावाए मज्झिमाए हन्थिवालस्स रण्णो रज्जुगसभाए अपच्छिमं अंतरावास बासावासं उवागए 42 // 122 // तत्थ णं जे से पावाए मज्झिमाए हत्थिवालम्स रण्णो रज्जुगसभाए अपच्छिमं अंतरावासं वासावासं उवागए तस्स णं अंतरावासस्स जे से वासाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे कत्तियबहुले तस्स णं कत्तियबहुलस्स पण. रसीपक्खेणं जा सा चरमा रयणी तं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए 1 तेणं कालेणं तेणं समएणं / Page #718 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिमहावीरचरियं 25 विइक्कंते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिणिबुडे सञ्चदुक्खापहीणे, चंदे णामं से दो(दु)च्चे संवच्छरे,पीइवद्धणे मासे,णंदिवद्धणे पक्खे, अगिवेसे णामं से दिवसे उवसमित्ति पत्रुच्चइ, देवाणंदा णामं सा रयणी णिरतित्ति पवुच्चइ, अच्चे लवे, मुहुत्ते पाणू , थोवे सिद्धे, णागे करणे, सव्वट्ठसिद्धे मुहत्ते,साइणा णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं कालगए विइक्कंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे / / 123-124 // रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पर्हःणे सा णं रयणी बहाह देवेहिं देवीहि य ओवयमाणेहि य उप्पयमाणेहि य उज्जोविया यावि हुत्या / / 125 // रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे सा णं रयणी बहूहिं देवे(हि य)हिं देवीहि य ओवयमाणेहिं उप्पयमाणेहिं य उप्पिं जलगमाणभूया कहकहगभूया यावि हुत्था ॥१२६॥ज रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदु खप्पहीणे तं रयणिं च णं जिट्ठस्स गोयमस्स इंदभूइस्स अणगारस्स अंतेवासिस्स णायए पिजबंधणे वुच्छिण्णे अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पणे // 127 // ज रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणेतं स्यणिं च णं णव मल्लई णव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो अमावासाए पा(वा)राभो(ए)यं पोसहोववासं पट्टविंसु, गए से भावुज्जोए दबुज्जोयं करिस्सामो // 128 // जं रयाणि च णं समणे भगवं महावीरे जाव सव्वदुक्खापहीणे तं रयणिं च णं खुद्दाए भासरासी णाम महग्गहे दोवाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मणक्खत्तं संकंते // 129 / / जप्पभिई च णं से खुद्दाए भासरासी महागहे दो. वाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मणव खत्तं संकंते तप्पमिइंच णं समणाणं णिग्गंथाणं णिग्गंथीण य णो उदिए उदिए पूयासकारे पवत्तइ / / 130 // जया णं से खुद्दाए नाव जम्मणक्खत्ताओ विइव कंते भविस्सइ तया णं समणाणं णिग्गंथाणं णिग्गंथीण य उदिए उदिए पूयासक्कारे भविस्सइ / / 131 / / जं रयणि च णं समणे भगवं महावीरे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे तं रयणिं च णं कुंथू अणुद्धरी णामं समुप्पण्णा, जा ठिया अचलमाणा छउमत्थाणं णिगंथाणं णिग्गंथीण य णो चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जा अठिया चलमाणा छउमत्थाणं णिग्गंथाणं णिग्गंथीण य चक्खुफासं हव्वमागच्छइ // 132 // नं पासित्ता बहूहिं णिग्गंथेहिं णिग्गंथीहि य भत्ताई पच्चक्खायाई,से किमाहु भंते ! (?)अजप्पभिई संजमे दुरारा(हे)हए भविस्सइ // 133 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणरस भगवओ महावीरस्स Page #719 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 26 ___ पढमं परिसिझें इंदभूइपामुक्खाओ च उद्दससमणसाहम्सीओ उवकोसिया समणसंपया हुत्या // 134 // समणस्स भगवओ महावीरस्स अजचंदणापामुव खाओ छत्तीसं अज्जियासाहसीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था // 135 // समणस्स [f] भंगवओ महावीररस संखसयगपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहरसी अउणटिं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुन्था // 136 // समणरस भगवओ महावीरस्स सुलसारेवईपामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहसीओ अट्ठारससहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था // 137 // समणस्स-भगवओ महा. वीरस्स तिणि सया चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसगिणवाईणं जिणो विव अवितहं वागरमाणाणं उक्कोसिया च उद्दसपुवीणं संपया हुत्था // 138 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तेरस सयाओहिणाणीणं अइसेसैपत्ताणं उनकोसिया ओहिणा(णीणं)णिसंपया हुत्था // 139 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त सया केवलणाणीणं संभिण्णवरणाणदंसणधराणं उब को सिया केवलणाणि संपया हुथा // 140 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त सया वेउवीणं अदेवाण देविढिपत्ताणं उक्कोसिया वे उव्वियसंपया हुत्था // 141 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पंच सया विउलमईणं अड्डाइजेसुदीवेसु दोसु य समुद्देसु सणाणं पंचिंदियाणं पजत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं उक्कोसिया विउलमई संपया हुत्था / / 142 / / समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुयासुराए परिसाए वाए अपराजियाणं उदकोसि या वाइसंपया हुत्था // 143 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्ससत्त अंतेवासिसयाई सिद्धाई जाव सव्वदुवखप्पहीणाई, चउद्दस अज्जियासयाई सिद्धाई // 144 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अट्ठ सया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमे सिमदाणं उक्कोसिया अणुत्तरोववाइयाणं संपया हुत्था // 145 // समणस्स णं भगवओ महावीरस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंत(ग)कडभूमी य परियायंतकडभूमी य, जाव तच्चाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, चउवासपरियाए अंतमकासी // 146 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे तीसं वासाइं अगार. वासमझे वसित्ता साइरेगाई दुवालस वासाइं छउमत्थपरियागं पाउणित्ता देसणाई तीसं वासाई वेव लिपरियागं पाउणित्ता बायालीसं वासाइं सामण्णपरिया पारणित्ता 1 'आमोसहिआइलद्धि'। Page #720 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिपासजिणचरियं 27 बावत्त(रिं)रि वासाई सव्वाउयं पालइत्ता खाणे वेयणिजाउयणामगुत्ते इमीसे ओस. प्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्कंताए तिहि वासेहि अद्धणवमेहि य मासेहि सेसेहिं पावाए मज्झिमाए हथिवालम्स रण्णो रज्जु(य)गसमाए एगे उ.ब.ए छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं साइणा णखत्तेणं जोगमुवाएगणं पच्चूसकालसमय सि संपलियंकणिसण्णे पणपण्णं अज्झ्यणाई कल्लाणपलविवागाई पणपणं अजय यणाई पारपल. हिवागाइं छत्तीसं च अपुट्ठवागरणाई वागरित्ता पहाण णाम अज्झयण विभावेमाणे विभावेमाणे कालगए विइक्कंते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिणिबुडे सव्वदुक्खप्पहीणे // 147 / समणस्स भगवओ महावीरस्स नाव सचदुक्खापहीणस्त णव वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ / वायणंतरे पुण अयं तेणउए संवच्छरे काले गच्छद इइ दीसइ // 148 // 24 // इइ सिरिमहावीरचरियं समत्तं / / सिरिपासजिणचरियं तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे [f] अरहा पुरिसादाणीए पंचविसाहे हुन्था, तंजहा-विसाहाहिं चुए चइत्ता गम्भ ववकंते 1, विसाहाहि जाए : विसाहाहि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पन्चइए 3, विमाहाहिं अणंते अगुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे समुप्पप्ण 4, विसाहाहिं परिणि व्बु(डे)ए 5 // 149 // तेण कालेणं तेणं समए ण पासे अरहा पुरिसादाण ए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहले तस्स णं चित्तबहुलस्स चरथीपक्खेणं पाणयाओ कप्पाओ वीसंसागरोवमट्टिइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जद्दीवे दीवे भारहे वासे वाणारसीए णयरीए आससेणस्स रणो वामाए देवीए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहि णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आहारवक्तए भववक्कंतीए सरीखक्कंतीए कुच्छिसि गम्भत्ताए वक्ते // 150 // पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तिण्णाणोवगए यावि हुत्था, तंजहा-चइस्सामित्ति जाणइ, चयमाणे ण जाणइ, चुएमित्ति जाणइ, तेणं चेव अभिलावेणं सुविणदंसणविहाणेणं सव्वं जाव णियगं गिह 1 कप्पसुत्तस्स पुत्थयलिहणकालजाणावणट्ठा सुत्तमिणं देवडिगणिखमासमणेहिं लिहियं, वीरणिव्वाणाओ णवसयअसीइवरिसे पुत्थयारूढो सिद्धतो जाओ तया कप्पो वि पुत्थयारूढो जाओ त्ति अट्ठो / एवं सव्वजिणंतरेसु अवगंतव्वं / Page #721 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 28 पढमं परिसिळं अणुपविट्ठा जाव सुहंमुहेणं तं गम्भं परिवहइ // 151 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स दसमीपक्खेणं णवण्हं मासाणं बहुपडि पुण्णाणं अट्ठमाणं राई. दियाणं विइक्कंताणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहि णवत्तणं जोगमुवागएणं आरोग्गा(आ)रोग्गं दारयं पयाया / 152 // ज रयणिं च णं पासे अरहा पुरिसा. दाणीए जाए (तं रयणि च णं) सा (णं) रयणी बहूहिं देवेहिं देवीहि य जाव उपिंजलगभूया कहकहगभूया यावि हुत्था // 153 // सेसं तहेव, णवरं जम्मणं पासाभिलावेण भाणियव्वं जाव तं होउ णं कुमारे पासे जामेणं // 154 // पासे णं अरहा पुरिसाणीए दक्खे दक्खपइण्णे पडिरूवे अल्लीणे भद्दए विणीए तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता पुणरवि लोगंतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इट्टाहिं नाव एवं वयासी-जय जय णंदा!, जय जय भद्दा ! जाव जयजयसई पउंति // 155-156 // पुब्धि पिणे पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आहोइए तं चेव सव्वं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स इक्कारसी दिवसेणं पुबहकालसमयंसि विसालाए सि(बि)वियाए सदेवमणुयासुराए परिसाए तं चेव सव्वं णवरं वाणारसिं णगरि मझंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव आसमपए उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ 2 त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंच मुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं विसा. हाहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय तिहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अगगारियं पवइए // 157|| पासे गं अरहा पुरिसादाणीए तेसीई राइं दियाइं णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पज्जंति, तंजहादिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा ते उप्पण्णे सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहि यासेइ // 158 // तए णं से पासे भगवं अणगारे जाए इरियासभिए जाव अप्पाणं भावमाणस्स तेसीइं राइंदियाइं विइक्कंताई, चउरासीइ(मे)मस्स राइंदि(ए)यस्स अंतरा वट्टमा(णे)णरस जे से गिम्हाणं पढमे मासे 1 पहुंसि गब्भत्थे सइ सयणिजत्थाए माऊए पासे सप्पंतो कण्हसप्पो दिट्ठो, तेण 'पासे' त्ति णामं कयं / Page #722 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सिरिपासजिणचरियं 29 पढमे पक्खे चित्तबहले तस्स णं चित्तबहलस्स चउत्थीपरखेणं पुवाहकालसमयंसि धाय(ई)इपायवस्स अहे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं घिसाहाहिं णवखत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वहमाणस्स अणंते नाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ // 159 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठ गणा अट्ठ गणहरा हुत्था, तंजहा-सुभे 1 य अजघोसे 2 य, वसिढे 3 बंभयारि 4 य / सोमे 5 सिरिहरे 6 चेव, वीरभद्दे 7 जसे वि य // 1 // 160 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अजदिण्णपामुक्खाओ सोलस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था // 16 // पासस्स ण अरहओ पुरिसादाणीयस्स पुष्फचूलापामुक्खाओ अट्ठत्तीसं अज्जियासाहसीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था // 162 / / पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुव्वयपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहसी[ओ] च उसट्टि च सहस्सा उवकोसिया समणोवास(ग)गाणं संपया हुत्था // 163 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुणंदापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहसीओ सत्तासं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था // 164 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अधुट्ठसया चउद्दसपुवीणं अजिगाणं जिणसंकासाणं सत्वव खरसण्णिवाईणं जाव चउद्दसपुवीणं संपया हुत्था // 165 // पासस्स गं अरहओ पुरिसादाणीयस्स चउद्दस सया ओहिणाणीणं, दस सया केवलणाणीणं ए(इ)कारस सया वे उ(व्विया)चीणं, छस्सया रिउमईणं, दस समणसया सिद्धा, वीसं अज्जियासया सिद्धा, अद्ध?मसया विउलमईणं, छ()सया वाईणं, बारस सया अणुत्तरोववाइयाणं // 166 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतकडभूमी य परियायंतकडभूमी य, जाब चउत्थाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, तिवासपरियाए अंतमकासी // 167 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए तीसं वासाइं अगारवासमज्जे वसित्ता तेसीइं राइंदियाइं छउमत्थपरियायं पाउणित्ता देसूणाई सत्तरि वासाई केवलिपरियायं पाउणित्ता पडिपुण्णाइं सत्तरि वासाइं सामण्णपरियायं पारणित्ता एककं वाससयं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिजाउयणामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए * 'समाए बहुविइक्कंताए जे से वासाणं पट मे मासे दुच्चे परखे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुदस्स अट्ठमीपक्खेणं उप्पिं सम्मेयसेलसिहरंसि अप्पच उत्तीसहमे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं णक्खत्तेणं बोगमुवागएणं पुव्व(रत्तावरत्त)हकालसम Page #723 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिठं यंसि वग्धारियपाणी कालगए विइक्कंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे // 168 // पासस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स दुबालस वाससयाई विइक्कताई, तेरसमस्स(णं) य अयं तीसइमे संवच्छरे काले गच्छइ // 169||23 // इइ सिरिपासजिणचरियं समत्तं // __ सिरिणेमिणाहचरियं तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिढणेमी पंचचित्ते हुत्था, तंजहा-चित्ताहिं चुए चइत्ता गम्भं वक्कंते, तहेव उक्खेवो जाव चित्ताहिं परिणिव्बुए // 170 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा भरिट्ठणेमी जे से वासाणं च उत्थे मासे सत्तम पवखे कत्तियबहुले तस्स णं कत्तियबहुलस्स बारसीपक्खणं अपराजियाओ महाविमाणाओ बत्तीसं सागरोवमट्टिइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे सोरियपुरे णयरे समुद्दविजयस्स रण्णो भारियाए सिवाए देवीए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयं सि जाव चित्ताहिं गब्भत्ताए वक्ते, सव्वं त(मे)हेव सुविणदंसणदविणसंहर. णाइयं इत्थ भाणियव्वं // 17 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणेमी जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुद्धस्स पंचमीपक्खेणं णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव चित्ताहिं णखत्तेणं जोगमुवार.एणं आरोग्गारोग्गं दारय पयाया। जम्मणं समुद्दविजयाभिलावेणं णेयध्वं जाव तं होउ णं कुमारे अरिटेणेमी णामेणं। अरहा अरिट्ठणेमी दक्खे नाव तिण्णि वाससयाई कुमारे अगारवासमज्जे वसित्ताणं पुणरवि लोगंतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता ॥१७२।।जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं पुव्वण्हकालसमयंसि उत्तरकुराए सिवि(सी)याए सदेवमणुयासुराए परिसाए अणुगम्ममाणमग्गे जाव बारवईए णयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 त्ता जेणेव रेवयए उजाणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ 2 त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ 2 ता सयमेव आमरण मल्लालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता छटेणं भत्तेणं अपाण 1 भगवतंसि गम्भत्थे माऊए रिटरयणमया मी-चक्कधारा सुविणे दिट्ठा तओऽरिट्ठणेमी, अकारस्स अमंगलपरिहारहत्तणओ अरिट्ठणेमित्ति, रिट्ठसद्दों अमंगलबाचित्ति / 2 अपरिणीयत्तणओ / Page #724 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - कप्पसुत्तं-सिरिणेमिणाहचरियं एणं चित्ता(हि)गक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय एगेणं पुरिससहस्सेणं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए / / 173 / / अरहा णं अरिटणेमी चउप्पण्णं राइंदियाई णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे तं चेव सव्वं जाव पणपण्णगस्स राइंदियस्स अंतरा वट्टमाणस्स जे से वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्स णं आसोयबहुलस्स पण्णरसीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भा(ए)गे उज्जितसेल. सिहरे वेडसपायवस्स अहे अट्ठमे(छ?)णं भत्तेणं अपाणएणं चित्ताणखत्तेणं जोग. मुवागएणं झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे नाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पण्णे जाव सव्वजीवाणं सव्वभावे जाणमाणे पासमाणे विहरइ॥१७४।। अरहओणं अरिढणेमिस्स अट्ठारस गणा अट्ठारस गणहरा हुत्था।।१७५।। अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स वरदत्तपामुक्खाओ अट्ठारस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था ॥१७६॥"अजजविखणीपामुक्खाओ चत्ताल.सं अज्जियासाह. स्सीओ उक्को सिया अज्जियासंपया हुत्था ॥१७७॥"णंदपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहस्सीओ अउणत्तरं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुत्था / / 178 ॥"महासुव्वयापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहसीओ छत्तीसंच सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था॥१७९॥"चत्तारि सया चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसण्णिवाईणं जाव संपया हुत्था // 180 // पण्णरस सया ओहिणाणीणं, पण्णरस सया केवलणाणीणं, पण्णरस सया वेउव्वियाणं, दस सया विउलमईणं, अट्ठसया वाईणं, सोलस सया अणुत्तरोववाइयाणं, पण्णरस समणसया सिद्धा, तीसं अज्जियासयाई सिद्धाई // 18 // अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तनहा-जुगंतकडभूमी य परियायंत. कडभूमी य, जाव अट्ठमाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, दुवा(ल)सपरिथाए अंत. मकासी // 182 // तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठणे मी तिणि वाससयाई कुमारवासमज्जे वसित्ता चउप्पण्णं राइंदियाइं छउमत्थपरियायं पाउणित्ता देसूणाई सत्त वाससयाई केवलिपरियायं पाउणित्ता पडि पुण्णाई सत्त वाससयाई सामण्णपरियायं पाउणित्ता एगं वाससहस्सं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिजाउयणामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूममसुसमाए समाए बहुविइक्कंताए जे से गिम्हाणं च उत्थे मासे अट्ठमे पक्खे आसाढसुद्धे तस्स णं आसाढसुद्धस्स अट्ठमीपक्खेणं उप्पिं उजितसेलसिहरंसि पंचहिं छत्तीसेहि अणगारसएहिं सद्धिं मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं Page #725 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 32 पढमं परिसिट्ठ चित्ताणक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि णेसज्जिए कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे // 183 // अरहओ णं अरिट्ठणेमिस्स कालगयस्स जाव सव्वदुक्खापहीणस्स चउरासीइं वाससहस्साइं विइक्कंताई, पंचासीइमस्स वाससहस्सम्स णव वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ // 184 // 22 // इइ सिरिणमिणाहचरियं समत्तं // जिणंतराई णमिस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स पंच बाससयसहस्साई चउरासीइं च वाससहस्साई णव य वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छह // 185 // 21 // मुणिसुव्व. यस्स णं अरहओ जाब सव्वदुक्खप्पहीणस्स इक्कारस वाससयसहस्साई चउरास ई च वाससहस्साइं णव वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छद // 186 // 20 // मल्लिस्स णं अरहओं जाव सव्वदुक्खापहीणस्त पण्णढि वाससयसहस्साई चउरासीइं च वाससहस्साई णव वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य बाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरेकाले गच्छइ // 187 / / // 19 // अरस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे वासकोडिसहस्से विइक्कते, सेसं जहा मल्लिस्स, तं च एयं-पंचसट्टि लक्खा चउरासी(ई) (वास)सहस्सा(ई) विइक्कंता(ई),तम्मि समए महावीरो णिज्बुओ, तओ परं णव वाससया(इं) विइक्कंता(इं), दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ / एवं अग्गओ जाव सेयंसो ताव दट्ठव् // 188 // 18 // कुंथुस्स णं अरहओ जाब सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागपलिओवमे विइवकंते पंचसटुिं च सयसहस्सा, सेसं जहा मल्लिस्स // 189 // 17 // संतिस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागूणे पलिओवमे विइक्कंते पण्णष्टुिं च, सेसं जहा मल्लिस्स // 190 // // 16 // धम्मस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स तिणि सागरोवमाइं पण्णट्टि च, सेसं जहा मलिस्स // 191 // 15 // अणंतस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्प. हीणस्स सत्त सागरोवमाइं पण्णाटुं च, सेसं जहा मलिस्स // 192|14|| विमलस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स सोलस सागरोवमाई विश्वकंताई पण्णट्ठि च, सेसं जहा मलिस्त॥१९३।१३।।वासुपुजस्स णं अरहओ जाव सब्वदुक्खप्पहीणस्स Page #726 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - कप्पसुत्तं-सिरिउसहजिणचरियं 33 छायालीसं सागरोवमाई विइक्वंताई पण्णष्टिं च, सेसं जहा महिलस्स // 194 // 12 // सिज्जंसस्स णं अरहओ नाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमसए विइक्कते पम्पट्टि च, सेसं जहा मल्लिस्स // 195 // 11 // सीयलस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगा सागरोवमकोडी तिवासअद्धणवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहि ऊणिया विइक्कंता, एयंमि समए महावीरो णित्रुओ, तओ (वि य गं) परं णव वास. सयाइं विइक्कंताई,दसमस्स य वाससबस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ।१९६। // 10 // सुविहिस्स णं अरहओ पुप्फदंतस्स जाव सव्वदुक्खापहीणस्स दस सागरोवमकोडीओ विइक्कंताओ, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिवासअद्धणवमासाहिय. बायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया(इं) विइक्कंता(इं) इच्चाइ(यं)॥१९७||९|| चंदप्पहस्स णं अरहओ नाव पहीणस्स एगं सागरोवमकोडिसयं विइक्कंतं, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिबासअद्धणवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणगमिच्चाइ // 198 // 8 // सुपासस्स णं अरहओ. नाव पहीणस्स एगे सागरोवमको डिसहस्से विदवते, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इम-तिवासअद्धणवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहि उणिया (विइक्कंता)इच्चाइ // 199 / / 7 // पउमापहस्स णं अरहओ जाव पहीणरस दस सागरोवमकोडिसहस्सा विइक्कंता, तिवासअद्धणवमासाहियबायार्ल,सवासस्हरसे हि इचाइयं, सेसं जहा सीयलस्स // 200 // 6 // सुमइरस गं अरहओ नाव पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसयसहस्से विइक्कते, सेसं जहा सीयलस्स, तिवासअद्ध णवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहि इच्चाझ्यं // 201 // 5 // अभिणंदणस्स णं अरहओ जाब पहीणस्स दस सागरोबमकोडिसयसहस्सा विश्वकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तिवास अद्धणबमासाहियबायालीसवाससहस्सेहि इच्छाइयं // 202 // 4 / / संभवस्स णं अरहओ नाव पहीणस्स बीसं सागरोबमकोडिसयसहस्सा विश्वकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तिवास अद्धगवमासाहियबायालीसवाससहस्से हि इच्चाइयं / / 203 // 3 // अजियस्स.णं अरहओ जाव पहीणस्स पण्णासं सागरोवमकोडिसयसहस्सा विश्वकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिवासअद्धणवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहि . इच्चाइयं // 204 // 2 // इइ जिणंतराइं समत्ताई // सिरिउसहजिणचरियं तेणं काढणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए चउउत्तरासाढे अभी इ. पंचमे हुत्था,तंजहा-उत्तरासादाहिं चुए चइत्ता गभं बक्कते जाव अभीइणा परिणि Page #727 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 34 पढम परिसिढें व्वुए // 20 // तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए जे से गिम्हाणं च उत्थे मासे सत्तमे पक्खे आसाढबहुले तस्स णं आसाढबहुलस्स चउत्थीपरखेणं सबट्ठसिद्धाओ महाविमाणाओ तित्तीसं सागरोवमट्ठिइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इक्खागभूमीए णामिकुलगरस्स मरुदे(या)वीए भारियाए पुबरत्तावरत्तकालसमयंसि आहारवक्कंतीए जाव गभत्ताए वक्कते।२०६। उसभे णं अरहा कोसलिए तिण्णाणोवगए यावि हुत्था, तंजहा-चइस्सामित्ति जाणइ जाव सुमिणे पासइ, तंजहा-गय-वसह० गाहा / सव्वं तहेव, णवरं पदमं उसमें मुहेणं अइंतं पासाइ, सेसाओ गयं / णाभिकुलगरस्स सा(ह) हेइ, सुविणपाढगा णत्थि, णाभिकुलगरो सयमेव वागरेइ // 207 // तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स अट्ठमीपक्खेणं णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं जाव आसाढाहिं णक्खत्तेण जोगमुवागएणं आरोग्गारोग्गं दारयं पयाया // 208 / / तं चेव सव्वं जाव देवा देवीओ य वसुहारवासं वासिंसु, सेसं तहेव चारगसोहणमाणुम्माणव(द्ध)ट्टण उस्सुकमाइयट्टिइवडियजयवज्जं. सव्वं भाणियत्वं // 209 / / उसभे णं अरहा कोसलिए कासवगुत्तेणं, तस्स णं पंच णामधिजा एवमाहिज्जंति, तंजहा-उसभेइ वा, पढमरायाइ वा, पढमभिक्खायरेइ वा, पढमजिणेइ वा, पढमतिर(थंक) थयरे इ वा // 210 // उसमे णं अरहा कोसलिए दक्खे दक्खपइण्णे पडिरूवे अल्लीणे भद्दए विणीए वीसं पुव्वसयसहस्साई कुमारवासमज्झे वसइ बसित्ता तेवढिं पुव्वस यसहस्साई रजवासमझे वसइ, तेवद्धिं च पुव्वसयसहस्साइं रजवासमज्झे वसमाणे लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावत्तरि कलाओ चउसद्धिं महिलागुणे सिम्पसंयं च कम्माणं तिण्णि वि पयाहियाए उवदिसइ उवदिसित्ता पुत्तसय रजसए अभिसिंचइ अभिसिंचित्ता पुणरवि लोयंतिएहिं जीयकपिएहिं देवेहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव वग्गूहिं सेसं तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाब दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्म णं चित्तबहुलस्स अट्ठमीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भागे सुदंसणाए सिवियाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे नाव विणीयं रायहाणिं मज्झमझेणं णिग्गच्छइ णिग्गच्छित्ता जेणेव सिद्धत्थवणे उजाणे जेणेव असोगवरपार वे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे जाव सयमेव चउहिय लोयं Page #728 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - कप्पसुत्तं-सिरिउसहजिणचरियं 35 करेइ करित्ता छटेणं भत्तेण अपाणएणं आसाढाहिं णक्खत्तेण जोगमुवागएणं उग्गाणं भोयाणं राइण्णाणं खत्तियाणं चउहिं पुरिससहस्सेहिं सद्धिं एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए // 211 // उसमे णं अरहा कोसलिए एगं वाससहस्सं णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जाव अप्पाणं भावमाणस्स[इवकं]एगं वाससहस्सं विइक्कंतं, तओ णं जे से हेमंताणं चउत्थे मासे सत्तमे पवखे फन्गुणबहुले तस्स णं फग्गुणबहुलस्स ए[इकारसीपक्खेणं पुव्वण्हकालसमयं सि पुरिमतालरस णगरस्स बहिया सगडमुहंसि उजाणंसि णग्गोहवरपायवस्स अहे अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं आसाढाहिं णक्खत्तेण जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वट्टमाणरस अणते जाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ // 212 // उसमस्स णं अरहओ कोसलियरस चउरर्स ई गणा चउरासीई गणहरा हुत्था // 213 / / उसभस्स णं अरहओ कोसलियरस उसभसेणपामुक्खा ओणं चउरासीइओ समणसाहस्सीओ उदकोसिया समणसंपया हुत्था // 214 // उसभस्स णं अरहओ कोसलियरस बंभीसुंदरीपामुक्खाणं अग्नियाणं तिणि सयसाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था // 215 // एस. भस्स ण 'सिज्जंसपामुक्खाणं समणोवासगाणं तिष्णि सयसाहरसीओ पंच सहरसा उक्कोसिया समणोवास[ग]गाणं संपया हुत्था // 216 // उसमरस जं. 'सुभद्दापामुक्खाणं समणोवासियाणं पंच सयसाहस्सीओ चउप्पणं च सहस्सा उनकोसिया समगोवासियाणं संपया हुत्था // 217 // उसमस्स "चत्तारि सहस्सा सत्त सया पण्णासा चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं जाव उवको सिया चरसपुत्विसंपया हुत्था // 218 // उसभस्सणं'''णव सहस्सा ओहिणाणीणं० उवको सिया ओहिणाणिसंपया हुत्था // 219 // उसभस्स f"वीससहस्सा केवलणाणीणं० उवको सिया केवलणाणिसंपया हुत्था // 220 // उसभस्स णं''वीससहस्सा हच्च सया वेउव्वियाणं० उक्कोसिया वेउव्विय(समण)संपया हुत्था // 221 / / उसमस्स णं"बारस सहस्सा छच्च सया पण्णासा विउलमईणं अड्वाइज्जेसु दी(वेसु दोसु य)वसमुद्देसु सप्णीणं पंचिंदियाण पजत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं (पासमाणाणं) विलमइसंपया हुत्था // 222 // उसमस्स णं"बारस सहस्सा उच्च सया पण्णासा वाईणं० उवकोसिया वाइसंपया हुत्था // 223 // उसभस्स "वीसं अंतेवासि सहस्सा सिद्धा, चत्तालीसं अज्जिया(स)साहस्(सा)सीओ सिद्धाओ // 224 // उसमस्स ण"बावीससहस्सा णव सया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं जाव भदाणं उवकोसिया अणु Page #729 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिट्ठ त्तरोववाइयसंपया हुत्था // 225 // उसभस्स णं अरहओ कोसलियम्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी य परियायंतगडभूमी य, जाव असंखिजाओ पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, अंतोमुहुत्तपरियाए अंतमकासी // 226 / / तेणं काले तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए वीसं पुव्वसयसहस्साई कुमारवासमझे व सित्ता(णं) तेवदि पुव्वस यसहस्साइं रजवासमझे वसित्ता तेसीइ पुव्वसयसहस्साई अगारवासमझे वसित्ता एगं वाससहस्सं छउमत्थपरिया(य)गं पाउणित्ता एगं पुटवसयसहस्सं वाससहस्सूणं केवलिपरियागं पाउणित्ता पडि(सं) पुण्णं पुव्वसयसहस्सं सामण्णपरियागं पाउणित्ता चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता खाणे वेयणिजाउयणामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए सुसमदुसमाए समाए बहुविइवताए तिहिं वासेहिं अद्धणवमेहि य मासेहिं सेसेहिं जे से हेमंताणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे माहबहुले तस्स णं माहबहुलस्स तेरसीपक्खेणं उप्पिं अट्ठावयसेलसिहरंसि दसहि अणगारसहस्सेहिं सद्धिं चउ(चो)द्दसमेणं भत्तणं अपाणएणं अभीइणा णखत्तेणं जोगमुवागएणं पुव्वण्हकालसमयंसि संपलियंकणिसण्णे कालगए जाव सव्वदुवखप्पहीणे // 227|| उसमस्स णं अरहओ कोसलियस्स कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्प. हीणस्स तिणि वासा अद्धणवमा य मासा विश्वकंता, तओ वि परं एगा सागरोवमकोडाकोडी तिवासअद्धणवमासाहियबायालीसाए वाससहस्सेहिं उणिया विइक्कंता, एयंमि समए समणे भगवं महावीरे परिणिन्बु(डे)ए, तओ वि परं णववाससया विइक्कंता, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ // 228 // 1 // इइ सिरिउसहजिणचरियं समत्तं / / गणहराइथेरावली तेणं कालेग तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स णव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था // 1 // से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स णव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ? // 2 // समणस्स भगवओ महावीरस्स जिढे इंदभूई अणगारे गोयम (स) गुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएह, मज्झिमए अग्गिभूई अणगारे गोयमगुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, कणीयसे अणगारे बाउभूई कामेणं गोयमगुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे अजवियत्ते भारद्दाए गुत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, थेरे अजसुहम्मे अग्गिवेसायाणे)णगुत्तेणं पंच समणसयाई 6 एइ, थेरे मंडियपुत्ते वासि(टे)ट्ठसगुत्तेणं अधुट्ठाइं समणसयाई वाएइ, थेरे मोरियपुत्ते Page #730 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सामायारी कास(वे)वगुत्तेणं अछुट्टाई समणसयाई बाएइ, थेरे अकंपिए गोय(मे)मसगुत्तेणंथेरे अयलभाया हारियाय(णे)णगुत्तेणं, एए दुण्णिवि थेरा तिण्णि तिणि समणसयाई वाएंति, थेरे अजमे(इ)यज्जे-थेरे अजपभासे, एए दुण्णिवि थेरा कोडिण्णागुत्तेणं तिण्णि तिणि समसयाई वाएंति / से तेणटेणं अज्जो!एवं बुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स णव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था // 3 // सव्वे वि णं एए समणस्स भगवओ महाविरस्स ए(इ)कारस वि गणहरा दुवालसंगिणो चउ(६)दस. पुब्विणो समत्तगणिपिडगधारगा रायगिहे णगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं काल. गया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा / थेरे इंदभूई थेरे अजसुहम्मे य सिद्धिगए महावीरे पच्छा दुण्णिवि थेरा परिणिव्वुया / जे इमे अजत्ताए समणा णिग्गंथा विहरंति एए णं सब्वे अजसुहम्मस्स अणगारस्स आवच्चिजा, अवसेसा गणहरा णिरवच्चा बुच्छिण्णा // 4 // समणे भगवं महावीरे कासवगुत्तेणं / समणस्स गं भगवओ महावीरस्स कासवगुत्तस्स अजसुहम्मे थेरे अंतेवासी अग्गिवेसायणगुत्ते। थेरस्स णं अजसुहम्मस्स अग्गिवेसायणगुत्तस्स अजजंबूणामे थेरे अंतेवासी कासवगुत्तेणं / थेररस णं अमजबूणामस्स कासवगुत्तस्स अजप्पभवे थेरे अंतेवासी कच्चायणसगुत्ते / थेरस्स णं अजप्पभवस्स कच्चायणसगुत्तस्स अजसिज्जंभवे थेरे अंतेवासी मणगपिया वच्छसगुत्ते / थेरस्स णं अजबिज्जंभवस्स मणगपिउणो वच्छसगुत्तस्स अजजसभद्दे थेरे अंतेवासी तुंगियायण गुत्ते // 5 // इइ गणहराइथेरावली समत्ता // सामायारी तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइक्कंते वासावासं पज्जोसवेइ // 1 // से केपट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-समणे भगवं महावीरे बासाणं सवीसहराए मासे विइक्कंते वासाबासं पज्जोसवेइ ? जओ णं पाएणं अगारीणं अगाराई कडिवाइं उक्कं(वि)पियाइं छण्णाई लित्ताई गुत्ताई घटाईमट्ठाइं संपधूमियाई खाओदगाई खायणिद्धमणाई अप्पणो अट्ठाए कडाइं परिभुत्ताइं परिणामियाई भवंति, से तेणटेणं एवं बुच्चइ-समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइक्कते . वासावासं पज्जोसवेइ // 2 // जहा णं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विते वासांवासं पज्जासवेह तहाणं गणहरावि पासाणं सवीसइराए मासे विइक्कते 1 अम्हाणमइपाईणायरिसे एत्तिओ चेव पाढो लब्भइ नो 'अजभद्दबाहुणा इमस्त रयणा कया' अस्स पुद्धिं करेइ / Page #731 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 38 पढमं परिसिट्ठ बासावासं पज्जोसर्विति // 3 // जहाणं गणहरावासाणं सवीसइराए जाव पज्जोसविंति तहा णं गणहरसीसावि वासाणं जाव पज्जोसविंति // 4 // जहा णं गणहरसीसा वासाणं नाव पज्जोसविंति तहाणं थेरावि वा(सावासं)साणं जाव पज्जोसविति // 5 // जहा णं थेरा वासाणं जाव पज्जोसविंति तहा णं जे इमे अजत्ताए समणा णिग्गंथा विहरंति ते(एए)वि यणं वासाणं जाव पज्जोस(वे)विति // 6 // जहा णं जे इमे अजताए समणा णिग्गंथा वासाणं सवीसइराए मासे विइक्कंते वासावासं पज्जोसविति तहा णं अम्हंपि आयरिया उवज्झाया वासाणं जाव पज्जोसविंति // 7 // जहा णं अम्हं(पि ) आयरिया उवज्झाया वासाणं जाव पज्जोसविंति तहा णं अम्हे वि वासाणं सर्वासइ. राए मासे विइक्कंते वासावासं पज्जोसवेमो,अंतरा वि य से कप्पइ[पज्जोसवित्तए, णो से कप्पइ तं रयणि उवाइणावित्तए // 8 // वासावासं पज्जोसवियाणे कप्पई णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणे उग्गहं ओगिण्हित्ताणं चिट्ठिउं अहालंदमवि उग्गहे // 9 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिणियत्तए // 10 // जत्थ णई णिच्चोयगा णिच्चसंदणा, णो से कप्पइ सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिणियत्तए // 11 // एरावई कुणालाए, जत्थ चक्किया सिया एगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा,एवं चक्किया एवं णं कप्पइ सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं गंतुं पडिणियत्तए // 12 // एवं च णो चक्किया, एवं से णो कप्पह सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं गंतु पडिणियत्तए // 13 // वासावासं पज्जो. सवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-'दावे भंते !' एवं से कप्पइ दावित्तए, णो से कप्पइ पडिगाहित्तए॥१४॥वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वुत्तपुव्वं भवइ-'पडिगाहे[हि भंते!' एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए,णो से कप्पइ दाधित्तए // 15 // वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-दावे भंते ! पडिगाहे भंते !'एवं से कप्पइ दावित्तए वि पडिगाहित्तए वि॥१६॥ वासावासं पज्जोस. वियाणं णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा हट्ठाणं तुट्ठाणं आरोग्गाणं बलिय सरीराण इमाओ णव रस विगईओ अभिक्खणं अभिक्खणं आहारित्तए,तंजहा-खीरं, दहि, णवणीयं,सप्पिं,तिल्लं, गुडं,महुं, मज्जं, मंसं // 17 // वासावासं पज्जोसविया अत्थेगइयाणं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-'अट्ठो भंते ! गिलाणस्स ?' से य वएजा-'अट्ठो',से य पुच्छियव्वे 'केवइएणं अट्ठो! से(य)वएजा-एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स जं से पमाणं Page #732 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 36 . कप्पसुत्तं-सामायारी वयइ से य पमाणओ घित्तव्वे,से य विण्णविजा,से य विण्णवेमाणे लभिजा,से य पमाणपत्ते होउ अलाहि'इय वत्तव्वं सिया, सेकिमाहु भंते !,एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स,सिया णं एवं वयंत परो वइजा-'पडिगाहे हि अज्जो ! पच्छा तुमं भुवखसि वा पाहि सि वा,' एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, णो से कप्पइ गिलाणणीसाए पडिगाहितए / // 18 // वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थि णं थेराणं तहप्पगाराई कु.लाई कडाइं पत्तियाई थिजाइं वेसासियाई समयाइं बहुमयाई अणुमयाइं भवंति, त(ज)त्थ से णो कप्पइ अदक्खु वइत्तए-अस्थि ते आउसो ! इमं वा इमं वा ?' से किमाहु भंते ! सट्टी गिही गिण्हइ वा, तेणियंपि कुजा // 19 // वासावासं पज्जोसवियस्स णिच्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगं गोयरकालं गाहावइकुलं भत्ताए या पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, णण्णत्थाऽऽयरियवेयावच्चेण वा एवं उवज्झायवेयावरचेण वा तवस्सिवेयावच्चेण वा गिलाणवेयावच्चेण वा खुड्डएण वा खुट्टियाए वा अवंजणजायएण वा // 20 // वासावासं पज्जोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिव खुस्स अयं एवइए विसेसे-ज से पाओ णिक्खम्म पुवामेव वियडगं भुच्चा पिच्चा पडिग्गहगं संलिहिय संपमज्जिय से य संथरिजा कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तटेणं पज्जोसवित्तए, से य णो संथरिजा एवं से कप्पइ दुच्चंपि गाहावइकुलं भत्ताए पा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 21 // वासावासं पज्जोसवियस्स छ?भत्तियस्स भिवखुस्स कप्पंति दो गोयरकाला गाहाबकुलं भत्ताए वा पाणाए बा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 22 // वासाबासं पज्जोसवियरस अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तो गोयरकाला गाहाबइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णित्रमित्तए वा पविसित्तए वा // 23 // वासावासं पज्जोसवियस्स विगिट्ठ. भत्तियस्स-भिक्खुस्स कपंति सव्वेवि गोयरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए बाणिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 24 // वासावासं पज्जोसवियस्स णिच्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति सव्वाइं पाणगाई पडिगाहित्तए / वासावासं पज्जोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स कपंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा ओसेइमं(वा), संसेइम, चाउलोदगं / वासावासं पज्जोसवियरस उट्ठभत्तियस्स * 'भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-तिलोदगं वा, तुसोदगं वा, जवोदगं वा / वासावासं पज्जोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिव खुरस कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-आयामं वा, सोवीरं वा, सुद्ध वियडं वा / वासावासं 1 आयामे वा, सोवीरे वा, सुद्धवियडे वा। Page #733 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 40 पढमं परिसिळं . पज्जोसवियस्स वि(कि)गिट्ठभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, से वि यणं असित्थे णो (चेव) वि य णं ससित्थे / वासावासं पज्जोसवियस्स भत्तपडियाइक्खियस्स मिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, से वि य णं असित्थे, णो चेव णं ससित्थे, से वि य णं परिपूए, णो चेव णं अपरिपूए, से वि य णं परिमिए, णो चेव णं अपरिमिए, से वि य णं बहुसंपण्णे, णो चेव णं अबहुसंपण्णे // 25 / / वासावासं पज्जोसवियस्स संखादत्तियस्स भिवखुस्स कापंति पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहित्तए पंच पाणगस्स, अहवा चत्तारि भोयणस्स पंच पाणगस्स, अहवा पंच भोयणस्स चत्तारि पाणगस्स, तत्थ णं एगा दत्ती लोणासायणमित्तमवि पडिगाहिया सिया कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तट्टेणं पज्जोसवित्तए, जो से कप्पइ दुच्चपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 26 // वासावासं पज्जोसवियाणं णो कप्पड णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडिं संणियट्टचारिस्स इत्तए, एगे (पुण) एवमाहंसु-णो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परेण सत्तघरंतरं संखडिं संणियट्टचारिस्स इत्तए, एंगे पुण एवमाहंसुणो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परंपरेणं संखडिं संणियट्टचारिस्स इत्तए // 27 // वासावासं पज्जोसवियस्स णो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणगफुसियमित्तमवि वुट्टिकायंसि णिवयमाणंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिवखमित्तए वा पविसित्तए वा // 28 // वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स णो कम्पह अगिहंसि पिंडवायं पडिगाहित्ता पज्जोसवित्तए, पज्जोसवेमाणस्स सहसा त्रुट्टिकाए णिवइजा देसं भुच्चा देसमादाय से पाणिणा पाणिं परि पिहित्ता उरंसि वा णं णिलिज्जिजा, कक्खंसि वा णं समाहडिजा, अहाछण्णाणि वा लेणाणि वा उवागच्छिजा, रुक्खमूलाणि वा उवागच्छिजा, जया से पाणिसि दए वा दगरए वा दगफुसिया बा णो परियावनइ // 29 // वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिन्गहि यस्स भिक्खुस्स जं किंचि कणगफुसियमित्तंपि णिवडेइ, णो से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा // 30 // वासावासं पन्जोस. वियस्स पडिग्गहधारिस्स मिक्खुस्स णो कप्पइ वग्धारियवुट्टिकायंसि गाहावइकुलं भत्ताए बा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पवि सित्तए वा, कप्पइ से अप्पट्टिकार्यसि संतरुत्तरंसि // 31 // वासावासं पज्जोसवियस्स णिग्गंथस्स णिग्गंथीए वा गाह'बइ 1 'फुसार' / 2 वियारभूमिगमणेऽववाओ। Page #734 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सामायारी कुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स णिगिज्झिय णिगिज्झिय बुटिकाए णिवइजा, कम्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए // 32 // तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चारलोदणे पच्छा. उत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिगाहित्तए, णो से कप्पइ मिलिंगसूवे पडिगाहित्तए // 33 // तत्थ से पुवागमणेणं पुव्वाउत्ते मिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए, णो से कप्पइ चाउलोदणे पडिगाहित्तए // 34 // तत्थ से पुव्वागमणेणं दोऽवि पुवाउत्ताइं (वसृति), कापंति से दोऽवि पडिगाहित्तए, तत्थ से पुव्वागमणेणं दोऽवि पच्छाउत्ताई, एवं णो से कप्पंति दोऽवि पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुव्वागमणेण पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुवागमणेणं पच्छाउत्ते णो से कप्पइ पडिगाहित्तए // 35 / / वासावासं पज्जोस. वियस्स णिग्गंथस्स णिग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अशुपविट्ठस्स णिगिज्झिय णिगिज्झिय बुट्टिकाए णिवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उबस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, णो से कप्पइ पुव्वगहिएणं भत्तपाणेणं वेलं उवायणावित्तए, कप्पड से पुत्वामेव वियडगं भुच्चा (पिचा) पडिग्गहगं संलिहिय संलिहिय संपमज्जिय संपमज्जिय ए[गायय]गओ भंडगं कटु साक्सेसे सूरे जेणेव उवस्सए व उवार च्छित्तए, णो से कप्पइ तं रयणि तत्थेव उवायणावित्तए // 36 // वासावासं पज्जोस वियस्स णिगंथरस णिग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स णिगिझिय णिगिज्झिय बुटिकाए णिवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा० वियगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए // 37 // तत्थ णो कप्पइ एगस्स णिग्गंथस्स एगाए य णिग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए 1, तत्थ णो कप्पइ एगस्स णिग्गंथस्स दुण्हं णिग्गंथीणं एगयओ चिट्ठित्तए 2, तत्थ णो कप्पइ दुण्हं णिगंथाणं एगाए य णिग्गंथीए एगयओ चिट्टित्तए 3, तत्थ णो कप्पइ दुण्हं णिग्गथाणं दुण्हं णिग्गंथीण य एगयओ चिट्टित्तए 4, अस्थि य इत्थ केइ पंचमे खुड्डए वा खुड्डिया(इ)वा अण्णेसिं वा संलोए सपडिदुवारे एवं ण्इं कप्पइ एगयओ चिट्टित्तए / / 38 // वासावासं पज्जोसवियस्स णिग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठरस णिगिज्झिय णिगिज्झिय वुट्टिकाए णिवइजा, कम्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि पा अहे रुक्खमूलसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ णो कप्पइ एगस्स Page #735 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 42 पढमं परिसिढें णिगंथस्स एगाए य अगारीए एगयओ चिट्ठित्तए, एवं चउभंगी, अस्थि णं इत्थ केइ पंचमर थेरे वा थेरिया(इ)वा अण्णेसिं या संलोए सपडिदुवारे, एवं कप्पह एगयओ चिट्ठित्तए / एवं चेव णिग्गंथीए अगारस्स य भाणियव्वं // 39 // वासावास पज्जोसवियाणं णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अपरिणाएणं अपरिणयस्स अट्ठाए असणं वा 1 पाणं वा 2 खाइमं वा 3 साइमं वा 4 जाव पडिगाहित्तए // 40 // से किमाहु भंते !, इच्छा परो अपरिणए भुंजिजा, इच्छा परो ण भुजिजा // 41 // वासावासं पज्जोसवियाणं णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा उदउल्लेण वा ससिणिद्धेण वा कारणं असणं वा 1 पाणं वा 2 खाइमं वा 3 साइमं वा 4 आहारित्तए // 42 // से किमाहु भंते !, सत्त सिणेहाययणा पण्णत्ता, तंजहापाणी 1 पाणिलेहा 2 णहा 3 णहसिहा 4 भमुहा 5 अहरोठ्ठा 6 उत्तरोट्ठा 7 / अह पुण एवं जाणि जा-विगओदगे मे काए छिण्ण सिणेहे, एवं से कप्पइ असणं वा 1 पाणं वा 2 खाइमं वा 3 साइमं वा 4 आहारित्तए // 43 // वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा इमाइं अट्ठ सुहृमाइं जाइं छउमत्थेणं णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वाइं पासियव्वाइं पडिलेहियव्वाइं भवंति, तंजहा-पाणसुहमं 1 पणगसुटुमं 2 बीयसुहुमं 3 हरियसुहमं 4 पुष्फसुहुमं 5 अंडसुहुमं 6 लेणसुहुमं 7 सिणेहसुहुमं 8 // 44 // से किं तं पाणसुहमे ? पाणसुहमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे 1, णीले 2, लोहिए 3, हालिद्दे 4 सुक्किल्ले 5 / अस्थि कुंथु अणुद्धरी णा(म समुप्पण्णा)मं, जा ठिया अचलमाणा छतमत्थाणं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णो चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जा अठिया चलमाणा छ उमत्थाणं णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जा छउमत्थेणं णिगंथेण वा णिग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वा पासियव्वा पडिलेहियव्वा हवइ / से तं पाणसुहुमे // 1 // से किं तं पणगसुहुमे ? पणगसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे, णीले, लोहिए, हालिद्दे, सुक्किले / अस्थि पणगसहमे तद्दव्वसमाणवण्णे णामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं णिग्गंण वा णिगंथीए वा जाव पडिलेहियव्वे भवइ / से तं पणगसुहुमे // 2 // से किं तं बीयसुहुमे ? बीयसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे जाव सुकिल्ले / अस्थि बीयसुहुमे कणियासमाणवण्णए णामं पण्णत्ते, जे छ उमत्थेणं णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा जाव पडिलेहियत्वे भवइ / से तं बीयसुहुमे 3 / / से किं तं हरियसुहुमे ? हरियसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे Page #736 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सामायारी 43 जाव सुकिल्ले / अस्थि हरियसुहुमे पुढवीसमाणवण्णए णामं पण्णत्ते, जे णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए बा अभिक्खणं अभिक्खणं नाणियत्वे पासियव्वे पडिलेहियत्वे भवइ / से तं हरियसुहमे 4 // से किं तं पुष्पसुहुमे ? पुप्फसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहाकिण्हे जाव सुकिल्ले। अत्थि पुकसुहुमे रुक्खसमाणवण्णे णामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा जाणियव्वे जाव पडिलेहियव्वे भवइ / से तं पुष्पसुहुमे 5 // से किं तं अंडसुहमे ? अंडसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उइंसंडे, उक्कलियंडे, पिपीलियंडे, हलियंडे, हल्लोहलियंडे, जे णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा जाव पडिलेहियव्वे भवंइ / से तं अंडसुहुमे 6 // से किं तं लेणसुहुमे ? लेणसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उत्तिंगलेणे, भिंगुलेणे, उज्जुए, तालमूलए, सबुक्कावट्टे णामं पंचमे, जे छउमत्थेणं णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा जाणियब्वे जाव पडिले हियत्वे भवइ / से तं लेणसुहमे 7 // से किं तं सिणेहसुहमे ? सिणेहसुहमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उस्सा, हिमए, महिया, करए, हरतणुए / जे छउमत्थेणं णिग्गंथेण वा णिग्गंथीए वा अभिः क्खणं अभिक्खणं जाव पडिले हियत्वे भवइ / से तं सिणेहसुहमे 8 // 45 / / वासाबासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिजा गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा उवज्झायं वा थेरं(वा) पवित्तिं गणिं गणहरं गणावच्छेययं जं वा पुरओ काउं विहरइ, कप्पइ से आपुच्छिउं आयरिय वा जाव नं वा पुरओ काउं विहरइ-इच्छामि णं भंते ! तुम्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाएं वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, ते य से वियरिजा एवं से कप्पद भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पवि सित्तए वा, ते य से णो वियरिजा एवं से णो कप्पइ भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा। से किमाहु भंते !, आयरिया पच्चवाय जाणंति // 46 / / एवं विहार(सज्झायोभूमि वा वियारभूमि वा अण्णं वा जं किंचि पओयणं, एवं गामाणुगाम दूइज्जित्तए // 47 // वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिज्जा अण्णयरिं विगइं आहारित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेययं वा जंवा पुरओ काउं विहरइ, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं नाव आहारित्तए-इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे अण्णयरिं विगई आहारित्तए एवइयं वा एवइयखुत्तो वा, ते य से वियरिजा एवं से कप्पइ अण्णयरि विगई आहारित्तए, 1 सकारण। Page #737 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 44 पढमं परिसिळं ते य से गो वियरिजा एवं से णो कप्पइ अण्णयरिं विगइं आहारित्तए, से किमाहु भंते !, आयरिया पच्चवायं जाणंति // 48 // वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिना अण्णयरिं ते(गिच्छं)इच्छियं आउट्टित्तए, तं चेव सव्वं भाणियत्वं // 49 // वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिज्जा अण्णयरं उरालं कल्लाणं सिवं धण्णं मंगलं सस्तिरीयं महाणुभावं तबोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, तं चेव सव्वं भाणियव्वं // 50 // वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिज्जा अपच्छिममारणंतियसंलेहणा. जूसणाजूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरित्तए वा, णिक्खमित्तए वा पवि सित्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारि तर वा, उच्चारं वा पासवणं वा परिठ्ठावित्तएं, सज्झायं वा करित्तए, धम्मजागरियं वा जागरित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता तं चेव सव्वं // 51 // बासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिजा वत्थे वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा अण्णयरिं वा उवहिं आयावित्तए वा पयावित्तए वा, णो से कप्पइ एगं वा अणेगं वा अपडिण्णवित्ता गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारित्तए, बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा सज्झायं वा करित्तए, काउस्सगं वा ठाणं वा ठाइत्तए, आत्थ य इत्थ केइ अभिसमण्णागए अहासण्णहिए एगे वा अणेगे वा, कप्पइ से एवं वइत्तएइमं ता अज्जो ! तुम मुहुत्तगं जाणेहि जाव ताव अहं गाहावइकुलं जाव काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए, से य से पडिसुणिजा एवं से कप्पइ गाहावइकुलं तं चेव सव्वं भाणियव्यं / से य से णो पडिसुणिज्जा एवं से णो कप्पइ गाहावइकुलं जाव काउस्सग्ग वा ठाणं वा ठाइत्तए // 52 // वासावासं पज्जोसवियाणं गो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अणभिग्गहिय सिजासणियाण हुत्तए, आयाणमेयं, अणभिन्न हिय. सिजासणियस्स अणुच्चाकुइयस्स अणट्ठाबंधियस्स अमियासणियस्स अणातावियरस असमियस्स अभिक्खणं अभिक्खण अपडिलेहणासीलस्स अपमजणासीलम्स तहा तहा संजमे दुराराहए भवइ // 53 // अणायाणमेयं अभिग्गहियसिजासणियग्र -च्चाकुइयस्स अट्ठावंधियस्स मियासणियस्स आयावियस्स समियस्स अभिव खi - भिक्खणं पडिलेहणासीलस्स पमजणासीलस्स तहा तहा संजमे सुआराहए भवः // 54 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ णिग्गंथाण या णिग्गंथीण वा तओ उच्चारपारवणभूमीओ पडिलेहित्तए, ण तहा हेमंतगिम्हासु जहा णं वासासु, से किमाहु / ते ! ? Page #738 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कप्पसुत्तं-सामायारी 45 वासासु णं उस्सणं पाणा य तणा य बीया य पणगा य हरियाणि य भवंति // 55 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा तओ मत्तगाइं गिव्हित्तए, तंजहा-उच्चारमत्तए, पासवणमत्तए, खेलमत्तए // 56 // वासावासं पज्जोसवियाणं णो कम्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा परं पज्जोसवणाओ गोलोमप्पमाणमित्तेऽवि केसे तं रयणि उवायणावित्तए अज्झेणं खुरमुंडेणं वा लुक्क सिरएणं वा होयव्वं सिया, पक्खिया आरोवणा, मासिए खुरमुंडेए, अद्धमासिए कत्तरिमुंडे, छम्मासिए लोए संवच्छरिए वा थेरे कप्पे // 57 // वासावासं पज्जोसवियाणं णो कप्पड णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा परं पज्जोसवणाओ अहिगरणं वइत्तए, जे णं णिग्गंथो वा णिग्गंथी वा परं पज्जोसवणाओ अहिगरणं वयइ, से णं 'अकप्पेणं अज्जो!वयसीति' वत्तव्वे सिया, जे णं णिग्गंथो वाणिग्गंथी वा परं पज्जोसवणाओ अहिगरणं क्यइ से णं णिज्जूहियव्वे सिया // 58 // वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु णिग्गं. थाण वा णिग्गंथीण वा अज्जेव कक्खडे कंडुए वि(बु)ग्गहे समुप्पज्जित्था]जा, सेहे राइणियं खामिजा, राइणिएऽवि सेहं खामिजा, खमियत्वं खमावियव्वं उवस मियचं उवसमावियन्वं सुमइसंपुच्छणाबहुलेणं होयव्वं / जो उवसमइ तस्स अस्थि आराहणा जो ण उवसमइ तस्स णत्थि आराहणा, तम्हा अप्पणा चेव उवसमियब्धं, से किमाहु भंते ! उबसमसारं खु सामण्णं // 59 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ णिग्गंथाण बा णिग्गंथीण वा तओ उवस्सया गिण्हित्तए, तंजहा-वेउव्विया पडिलेहा साइज्जिया पमजणा // 60 // वासावासं पज्जोसबियाणं णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा कप्पइ अण्णयरि दिसि वा अणुदिसिं बा अवगिज्झिय 2 भत्तपाणं गवेसित्तए / से किमाहु भंते ! उस्तण्ण समणा भगवंतो वासासु तवसंपउत्ता भवंति तवस्सी दुब्बले किलंते मुच्छिज वा पवडिज वा, तमेव दिसं वा अणुदिसं वा समणा भगवंतो पडिजागरंति // 61 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंधीण वा गिलाणहेउं जाव चत्तारि पंच जोयणाई गंतुं पडिणियत्तए, अंतराऽवि से कप्पइ वत्थए, णो से कप्पह तं रयणि तत्थेव उवायणावित्तए // 62 // इच्चेयं संवच्छरियं थेरकप्पं अहा. * 'सुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्म कारण फासित्ता पालित्ता सोभित्ता ती रित्ता किट्टित्ता आराहित्ता आणाए अणुपालित्ता अत्थेगइया समणा णिगंथा तेणेव भव. ग्गहणेणं सिज्जति बुझंति मुच्चंति परिणिव्वाइंति सव्वदुक्खाणमंतं करितिं, अस्थेगइया दुच्चेणं भवग्गहणेणं सिज्झंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करितिं, अत्थेगइया Page #739 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46 पढम परिसिट्ठ तन्चेणं भवग्गहणेणं जाव अंतं करिति, सत्तट्ठभवग्गहणाई पुण णाइक्कमंति // 63 // तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे रायगिहे णगरे गुणसिलए उजाणे बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाण बहूणं देवाणं बहूणं देवीण मज्झगए चेव एवमाइक्खइ, एवं भासइ, एवं पण्णवेइ, एवं परूवेइ, पज्जोस. वणाकप्पो णामं अज्झयणं सअटुं सहेउयं सकारणं ससुत्तं सअटुं सउभयं सवागरणं भुज्जो भुज्जो उवदंसेइ // 64 // त्ति-बेमिः॥ इइ सामायारी समत्ता॥ पज्जोसवणाकप्पो णाम दसासुयक्खंधस्स अट्ठममज्झयणं समत्तं // अहवा कप्पसुत्तं समत्तं ॥पढमं परिसिळं समत्तं / / Page #740 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बीयं परिसिळं सावयावस्सए सामाइयसुत्तं पढमं णमो अरिहंताणं०' तओ 'तिक्खुत्तो०' तओ-अरिहंतो मह देवो, जावज्जीवं सुसाहुणो गुरुणो। जिणपण्णत्तं तत्तं, इय सम्मत्तं मए गहियं // 1 // तओपंचिंदियसंवरणो, तह णवविहबंभचेरगुत्तिधरो। चउविहकसायमुक्को, अट्ठारसगुणेहिं संजुत्तो ॥१॥पंचमहव्वयजुत्तो,पंचविहायारपालणसमत्थो। पंचसमिई तिगुत्तो,छत्तीसगुणो गुरू मज्झ // 2 // तओ 'इच्छाकारेण' पच्छा 'तस्स उत्तरीकरणेणं०' तओ 'लोगस्स उज्जोयगरे०' तओ 'करेमि भंते ! सामाइयं, सावज्जं जोगं पच्चक्खामि, जाव-णियमं पज्जुवासामि, दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, तस्स भंते ! पडिक्कमामि जिंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि' / तओ पच्छा 'णमोऽत्थु णं तओ सामाइयपारणपाढो जहा-'एयस्स णवमस्स सामाइय. वयस्स पंच अइयारा जाणियव्बा ण समायरियत्वा, तनहा-(ते आलोएमि-) मणदुप्पणिहाणे, वयदुप्पणिहाणे, कायदुप्पणिहाणे, सामाइयम्स सइ अकरणया, सामाइयस्स अणवट्ठियस्स करणया, तस्स मिच्छामि दुक्कडं / सामाइयं सम्मं कारण ण फासियं, ण पालियं, ण तीरियं, ण किट्टियं, ण सोहियं, ण आराहियं, आणाए अणुपालियं ण भवइ तस्स मिच्छामि दुक्कडं'। [सामाइए मणसो दस दोसा, वयणस्स दस दोसा, कायस्स दुवालस दोसा, एएसु अण्णयरो दोसो लग्गो तस्स मिच्छामि दुकडं / सामाइए इत्थीकहा, भत्तकहा, देसकहा, रायकहा, एयासु चउसु विकहासु अण्णयरा विकहा कया तस्स मिच्छामि दुक्कडं / सामाइए आहारसण्णा, भयसण्णा, मेहुणसण्णा, परिग्गहसण्णा, एयासु चउसु सण्णासु अण्णयरा सण्णा सेविया तस्स मिच्छामि दुक्कडं / सामाइए अइक्कमे वइक्कमे अइयारे अणायारे जाणंतेण वा अजाणतेण वा मणसा वयसा कायसा दुप्पउत्ती कया तस्स मिच्छामि दुकडं / सामाइए हिहिहिए विहिपालिए को वि अविही कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं / सामाइए मत्ताऽणुस्सारपयक्खरगाहासुत्ताइयं हीणं वा अहियं वा विवरीयं 1 साविगाओ 'इथं कहा' ठाणे 'पुरिसकहा ति बोलंति / Page #741 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 48 बीयं परिसिढें वा कहियं अणंतसिद्धकेवलिभगवंताण सक्खीए तस्स मिच्छामि दुक्कडं / सामाइयगहणविही-पढम भूमिआसणरयहरणिमुहपोत्तियाईणं पडिलेहणा कायवा, तओ भूमि जयणाए पमज्जित्ता आसणमत्थरियव्वं / पुणो मुहपोत्तियं मुहे बंधिऊण आसणाओ किंचि दूरं चिट्टित्तु 'तिक्खुत्तो०' इच्चणेण गुरुवंदणा कायव्वा / जइ ण होंतु मुणिणो तो पुव्वाभिमुहेण वा उत्तराभिमुहेण वा सीमंधरसामिस्स विहरमाणतित्थयरस्स भाववंदणा करणिजा / तओ णमोकारसुत्ताओ आरब्भ जाव 'तस्स उत्तरीसुत्तं' मणसा चेव उच्चारेज, तओ झाणावत्थाए जिणमुद्दाए वा जोगमुद्दाए व? सुत्तिसंपुडमुद्दाए वा खग्गासणेण वा 'इरियावहियासुत्तं' मणसाचेव काउस्सगावयाए पढियव्यं, तओ 'णमो अरिहंताणं' मणसा तहा फुडरूवेण उच्चारित्ता काउस्सग्गो पारियव्यो / तओ 'लोगस्स.' तयणंतरं गुरुं वंदित्तु 'करेमि भंते !0' पढियव्यं / 'जाव-णियमं' इच्चणेण जेत्तियाई सामाइयाई काउमिच्छेन तेत्तियमुहुत्तकालम्स मणसि चिंतणं किच्चा उवविसित्तु आसणे महाविही 'णमोऽत्थु णं.' तिक्खुत्तो पढियव्वं / पढमं सिद्धाणं, बीयं अरिहंताणं, तइयं णमोऽत्थु णं मम धम्मगुरुस्स धम्मायरियस्स धम्मोवएसयस्स' ति / सामाइए काउस्सग्गो वा सज्झाओ वा वक्खाणसवणं वा अत्तचिंतणं वा कायव्वं / सामाइयपारणविही-सामाइयकालसमत्तीए जहा हेट्टा णमोक्कारसुत्ताओ आरद्ध जाव 'लोगस्स०' उच्चारणं,,तओ सामाइयपारणपाटो पढियव्यो, तयणंतरं पुव्वुत्तविहिणा . णमोऽत्थु णं.' तिक्खुत्तो, तओ तिवखुत्तो णमोकारस्स काउस्सग्गो कायव्यो। एवं अहाविही सामाइयं पालियं भवइ / ] मणसो वस दोसा-अविवेक जसोकित्ती, लाभत्थी ग_ भय णियाणन्थी / संसैयरोसअविणंउ, अबहुमीण ए दोसा भाणियव्वा // 1 // दस वइदोसाकुवयण सहसाकारे, सछंदै संखे कलहं च / विगही वि हैं।सोऽसुद्धं, णिरवेक्खो मुणमुंणा दोसा दस // 1 // बारस कायदोसा-कुआसणं चलासणं चलैदिट्ठी, सार्वजकिरिया-लंबणाकुंचर्णपसारणं / आलस्स मोड मल विमीसणं, जिद्दी कंपेणं ति बारस कायदोसा // 1 // बत्तीसं वंदणादोसा-अणाढियं च थैद्धं च, पैविद्धं पैरिपिंडियं / टोलेंगइ अंसं चेव, तहा कच्छभैरिंगियं // 1 // मछुव्वत्तं मणसा-, पउढ़ तह य वेइयाबद्धं / भयसा चेव भयंतं, मित्ती गाय कारण // 2 // तेणिय पडिणियं चेव, रुटुं तज्जियमेव य / सढं च हीलियं चेव, तहा विप्पलिउचियं // 3 // Page #742 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सामाइयसुत्तं दिट्टमंदिटुं च तहा, सिंगं च करमोयणं / आलिद्धमणालिद्धं, ॐणं उत्तरचूलियं // 4 // भूयं च ढडर चेव, चुडिलिय अपच्छिमं / बत्तीसदोसपरिसुद्धं, किइकम्म पउंजए // 5 // एगूणवीसं काउस्सग्गवोसा-घोडग लया व खंभे, कुड्डे माले य सबरि वहु णियडे। लंबुत्तर थणउद्धी, संजई खलिणे य वायस कविढे // 1 // सीसोकंपियमूई, अंगुलिभमुहाह वारुणी पेहा / एए काउस्सग्गे, हवंति दोसा एगुणबीसे // 2 // // इय सामाइयसुत्तं समत्तं // pi - 1-2-3-4 एए दोसा ण साविगाए, 2-3-4 एए दोसा ण साहुणीए होंति Page #743 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तइयं परिसिट्ठ सावयावस्सय (पडिक्कमण)सुत्तं इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे देवसियं पडिकमणं टाए मि, देव सियणाणदंसणचरित्ताचरित्ततवअइयाइचिंतवणस्थ करेमि काउस // 1 // अह पढमं सामाइयावस्सयं ___ णमो अरिहंताणं. // 1 // करेमि. भंते ! // 2 // इच्छामि ठामि काउसगं, जो मे देवसिओ अइयारो कओ, काइओ, वाइओ, मागविभो, उस्सुत्तो, उम्मग्गो, अकप्पो, अकरणिज्जो, दुज्झाओ, दुविचिंतिओ, अणायारो, अणिच्छियव्यो, असावगपाउग्गो, गाणे तह दसणे, चरित्ताचरित्ते, सुए, सामाइए, तिण्हं गुत्तीणं, चउण्हं कसायाणं, पंचण्हमणुन्बयाणं, तिहं गुणवयाणं, चउण्हं सिक्खावयाणं, बारसविहस्स सावगधम्मस्स, जं खंडिय, जं विराहियं तस्त मिच्छामि दुक्कडं // 3 // तस्स उत्तरी० // 4 // इइ पढमं सामाइयावस्सयं समत्तं // 1 // बीयं चउवीसत्थवावस्सयं तइयं वंदणावस्सयं जहा आवस्सए२-३॥ अह चउत्थं पडिक्कमणावस्सयं णाणाइयारपाढो-आर्गेमे तिविहे पण्णत्ते, तं०-सुत्तागमे, अत्यागमे, तदुभयागमे, (एवं तिविहस्स आगमरूवणाणस्त विसर जे अइयारा लग्गा ते आलो 1 'राइयं' 'पस्वियं' 'चाउम्मावियं' 'संवच्छरियं' / 2 णवणउइअध्याराणं काउस्सग्गो किजइ-'भागमे तिविहे जाव कामभोगासप्पओगे' / 'अट्ठारहपाबट्ठाणग' भासाए, 'इच्छामि ठामि.' 'णमो अरिहंताणं.' वृत्तूण काठस्सग्गो पारिजइ / सम्वे अहयारपाढा मिणमिण्णभासामीसिया लभंति तत्तोऽवसेया। मूलं तु. अग्गे दट्ठव्वं / 3 णवणउइअइबारपाढा जे पढमावस्सए काउस्सग्गे चिंतिज्जति ते चेव एत्थ फुडरूवेण उच्चारिज्जति / 4 तस्स सम्बस्स देवसियस्स अइमारस्स दुब्भासिय Page #744 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सावयावस्सयसुत्तं 51 एमि ) जं वाइद्धं, जाव सज्झाए ण सज्झाइयं,(भणतेण गुणतेण वियारंतेण णाणस्स गाणवंतस्म य आसायणा कया) तस्स मिच्छमि दुकडं / * दंसणसम्मत्तपाढो-अरिहंतो मह देवो० // 1 // परमत्थसंथवो वा, सुदिपरमत्थसेवणा वावि / वावण्णकुदंसणवजणा य, सम्मत्तसद्दहणा // 2 // इय सम्मत्तस्म पंच अइयारा पेबाला जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(ते आलोएमि-) संका, कंखा, वितिगिच्छा, परपासंडपसंसा, परपासंडसंयवो, (एएसु पंचसु अइयारेसु अण्णयरो अइयारो लग्गो)तस्स मिच्छामि दुक्कडं / दुवालसवयाइयारसहियपाढो-(पढमं अणुव्वयं-)थूलाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, (तसजीवे-बेइंदियतेइंदियचउरिदियपंचिं दिए गाऊण आउडी-हणणबुद्वीए हगणहणावणपञ्चक्खाणं ससंबंधिससरीरसविसेसपीडाकारिणो सावराहिणो वा वज्जिऊण,) भावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमिण कारवेमि मगसा वयसा कायसा, (एयस्स पढमस्स अणुब्बयस्स थूलपाणाइवायवेरमणस्स) पंच अइयारा पयाला जोणियवा ण समायरियव्वा, तं०-(ते आलोऍमि-) बंधे, वहे, छविच्छेए, भइभारे, भत्तपाण(वि)वुच्छेए, नो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 1 // (बीयं अणुव्वयं-)थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं, कण्णा(ली)लिए, गोवालिए, भोमालिए, णासावहारो(थापणमोसो), कूडसक्खिज्जे, (इन्चेषमाइस्स महंतमुसाबायस्स पच्चक्खाणं,) जावजवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स बीयस्स अणुव्वयस्स थूलमुसा. वायवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियन्वा, तं--(०) सहसब्भक्खाणे, रहस्सब्भक्खाणे, संदारमतभेए, मोसोवएसे, कूडलेहकरणे, जो मे देवसिओ भइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 2 // (तइयं अणव्वयं-)थूलाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, (खत्तखणणं, गंठिभेयणं, तालुग्घाडणं, पडियवत्युहरणं ससामियवत्थुहरणं, इच्चेवमाइस्स अदिण्णादाणस्त पञ्चक्खाणं अप्पाण य संबंधि-वावार. संबंधितुच्छवत्थु विप्पजहिऊण), जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि दुञ्चितिय-दुचिट्टियस्स आलोयंतो पडिकमामि / 'गमोकार' 'करेमि भंते !.' 'चत्तारि मंगलं.' इच्छामि टामि०' इच्छाकारेण०' / इओ पुत्वि पच्चंतरे / 5 एवं सव्वस्थ अवगंतव्वं / 6 सावागाहिं अस्स ठाणे 'सभत्तार' मंतभेए त्ति वत्तव्यं / एवं सम्बत्थ। Page #745 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 52 तइयं परिसिजें मणसा वयसा कायसा, (एयस्स तहयस्स अणुब्बयस्स थूलअदिण्णादाणवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) तेणाहडे, तक्करप्पओगे, विरुद्धरजाइक्कमे, कूडतुल्लकूडमाणे, तप्पडिरूवगववहारे, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 3 // (चउत्थं अणुव्वयं-)थूलाओ मेहुणाओ वेरमणं, सदारसंतोसिए, अवसेसमेहणविहिं पच्चक्खामि, जावज्जीवाए (दिव्वं) दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणमा वयसा कायसा, (माणुस्सं तिरिक्खजोणियं) एगविहं एगविहेणं ण करेमि कायसा, (एयस्स चउत्थस्स अणुव्वयस्स थूलमेहुणवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(0) इत्त. रियपरिग्गहियागमणे, अपरिग्गहियागमणे, अणंगकीडा, परविवाहकरणे, कामभोगतिव्वाभिलासे, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुकडं // 4 // (पंचमं अणुव्वयं-)थूलाओ परिग्गहाओ वेरमणं, ( खेत्तवत्थूणं जहापरिमाणं हिरण्णसुवण्णाणं जहापरिमाणं, धणधण्णाणं जहापरिमाण, दुपयचउप्पयाणं जहा. परिमाणं, कुप्पस्स जहापरिमाणं, एवं मए जहापरिमाणं कयं तओ अइरित्तस्स परिगहस्स पच्चक्खाणं,) जावज्जीवाए एगविहं तिविहेणं ण करेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स पंचमस्स अणुव्वयस्स थूलपरिग्गहवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) खेत्तवत्थुप्पमाणाइक्कमे, हिरण्णसुवण्णप्पमाणाइक्कमे, धणधण्णप्पमाणाइक्कमे,दुपयचउप्पयप्पमाणाइक्कमे, कुवियप्पमाणाइकमे, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुकडं // 5 // (छठें दिसिवयं-)उहृदिसाए जहा. परिमाणं, अहो दिसाए नहापरिमाणं, तिरियदिसाए जहापरिमाणं, एवं जहापरिमाण कयं तत्तो अइरित्तं सेच्छाए कायाए गंतूणं पंचासवासेवणपञ्चक्खाणं,) जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स टुस्स दिसिवयस्स अहवा पढमस्स गुणन्वयस्स) पंच अइयारानाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) उड्ढदि सिप्पमाणाइकमे, अहोदिसिप्पमाणाइक्कमे, तिरियदि सिप्पमाणाइक्कमे खित्तवुड्डी, सइअंतरद्धा, जो मे देव सिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छा म दुक्कड // 6 // (सत्तमं उवभोगपरिभोगपरिमाणव्वयं-) उवभोगपरिभोगविहिं पञ्चक्खायमाणे(ण) 1 उल्लणियाविहि, 2 दंतवणविहि, 3 फलविहि, 4 अभंगणविहि, 1 एगविहंपि पच्चंतरे। Page #746 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सावयावस्सयसुत्तं 53 5 उव्वट्टणविहि, 6 मजणविहि, 7 वत्थविहि, 8 विलेवणविहि, 9 पुप्फविहि, 10 आभरणविहि, ११धूवविहि, 12 पेजविहि, 13 भक्खणविहि, 14 ओदणविहि, 15 सूवविहि, 16 विगयविहि, 17 सागविहि, 18 महुरविहि, 19 जीमणविहि, 20 पाणियविहि, 21 मुखवासविहि, 22 वाहणविहि, 23 उवाणहविहि, 24 सयणविहि, 25 सचित्तविहि, 26 दव्वविहि, (इच्चाईणं जहापरिमाणं कयं तत्तो अइरित्तस्स उवभोगपरिभोगस्स पच्चक्खाणं,) जावज्जीवाए एगविहं तिविहेणं ण करेमि मणसा वयसा कायसा (एस णं सत्तमे ) उवभोगपरिभोगे ( भहवा बीए गुणव्वए ) दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-भोय(णा)णओ य, कम्मओ य, भोयणओ समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) सचित्ताहारे, सचित्तपडिबद्धाहारे, अप्पउलिओसहिभक्खणया, दुप्पउलिओसहिभक्खणया, तुच्छोसहिभक्खणया, कम्मओ णं समणोवासएणं पण्णरसकम्मादाणाई नाणियवाई ण समायरियन्वाइं, तं०-(०) 1 इंगालकम्मे, 2 वणकामे, 3 साडीकम्मे, 4 भाडीक्म्मे, 5 फोडीकम्मे, 6 दंतवाणिज्जे, 7 लक्खवाणिज्जे, 8 केसवाणिज्जे, 9 रसवाणिज्जे, 10 विसवाणिज्जे, 11 जतपीलणकम्मे, 12 णिलंछणकम्मे, 13 दबग्गिदावणया, 14 सरदहतलायसोसणया, 15 असईजणपोसणया, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 7 // (अट्ठमं अणट्टादंडवेरमणवयं-) चउविहे अणट्ठादंडे पण्णत्ते, तं०-अवज्झाणायरिए, पमायायरिए, हिंसप्पयाणे, पावकम्मोवएसे, (एवं अट्ठमस्सअगट्ठादंडासेवणस्स पच्चक्खाणं,) जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स अट्ठमस्स अणट्ठादंडवेरमणवयस्स अइवा तइयस्स गुणव्वयस्स) पंच अइयारा नाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) कंदप्पे, कुक्कुइए, मोहरिए, संजुत्ताहिगरणे, उवभोगपरिभोगाइरित्ते, जो मे देवसिओ अइयारो फओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 8 // (णवमं सामाइयवयं-) सावज्ज जोगं पच्चक्खामि, जाव-णियमं पज्जुवासामि, दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एवंभूया मे सद्दहणा परूवणा सामाइयावसरे समागए सामाइयकरण फासणाए सुद्धं, एयरस '1 सावियाहिं समणोवासियाए णं ति वत्तव्यं / 2 (जसि अट्ठ आगारा-) आए वा, राए वा, गाए वा, परिवारे वा, देवे वा, णागे वा, जक्खे वा, भूए वा, एत्तिएहिं आगारेहिं अण्णत्थ / इच्चहियं पच्चंतरे / - Page #747 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 54 तइयं परिसिळं णवमस्स सामाइयवयस्स अहवा पढमस्स सिक्खावयस्स) पंच अइयारा जागियत्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) मणदुप्पणिहाणे, व(इ)यदुप्पणिहाणे, कायदुप्पणिहाणे, सामाइयस्स सइ अकरणया, सामाइयस्स अणवट्टियस्स करणया, जो मे देबसिओ भइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुकडं // 9 // (दसमं देसावगासियवयं-) दिगमज्झे गोसा आरम्भ पुव्वाईसु छसु दिसासु जावइयं परिमाणं कयं तत्तो अइरित्तं सेच्छाए सकाएणं गंतूणं पंचासवासेवणस्स पच्चक्खाणं, ) जाव अहोरत्तं दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (अह य छसु दिसासु जावइयं परिमाणं कयं तम्मज्झेवि जावइया दवाईणं मजाया तओ अइरित्तस्स भोगोवभोगस्स पच्चक्खाणं,)जाव अहोरत्तं एगविहं तिविहेणं ग करेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स दसमस्स देसाबगासियवयस्स अहवा बिइयस्स सिक्खावयस्स) पंच अइयारा जाणियब्वा ण समायरियव्वा, त०-(०) आणवणप्पओगे, पेसवणप्प ओगे, सद्दाणुवाए, रूवाणुवाए, बहियापुग्गलपक्खवे, जो मे. देवसिओ अहयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 10 // (एक्कारसमं पडिपुण्णपोसहवयं-) असगपाणखाइमसाइमपचक्खाणं, भवभपचक्खाणं, अमुगमणिसुवण्णपच्चक्खाणं, मालावण्णगविलेवणपच्चक्ताणं सत्थमुसलाइयसावजजोगसेवणपच्चक्खाणं,)जाव अहो. रतं पज्जुवासामि दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणमा वयसा कायसा, (एवं मे सदहणा परूवणा पोसहावसरे समागए पोसहकरणे फासगाए सुद्धं, एयस्स एक्कारसमस्स पडिपुण्णपोसहवयस्स अवा तइयस्स सिक्खावयस्स) पंच अइयारा नाणियब्वा ण समायरियव्वा, तं०-(०) अप्पडिलेहियदुप्पडिले हियसेजासंथारए, अप्पमज्जियदुप्पमज्जियसेजासंथारए, अप्पडिलेहियदुप्पडिलेहियउच्चारपासवणभूमी, अप्पमज्जियदुप्पमजिजय उच्चारपासवणभूमी, पोसहस्स सम्म अणणुपालणया, जो मे देवसिओ भइयारो फओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 11 // (बारसमं अतिहिसंविभागवयं-) समणे णिग्गंथे फासुयएसणिज्जेणं-असणपाणखाइमसाइमवत्थपडिग्गहकंबलपायपुरणेणं पाडिहारियपीटपलगसेज्जासंथारएणं ओसहभेसजेणं पडिलामेमाणे विहरामि, (एवं मे सद्दहमा परूवणा साहुसाहुणीणं जोगे पत्ते फासगाए सुद्ध, एयस्स बारसमस्स अतिहिसंविभागवयस्स अहवा चटत्थस्स सिक्खा - वयस्स) पंच अइयारा जाणियन्वा ण समायरियव्या, तं०-(०) सचित्तविखे Page #748 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . सावयावस्सयसुत्तं वणया, सचित्तपिहणया, कालाइक्कमे, परववएसे, मच्छरिया(ए) य, जो मे देव. सिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं // 12 // अपच्छिममारणंतियसंलेहणापाढो-अह भंते ! अपच्छिममार. गंतियसलेहणाझूसणाआराहणा (समए पोसहसालं पडिलेहित्ता पमज्जित्ता उच्चारपासवणभूमि पडिले हित्ता गमणागमणं पडिक्कमित्ता दब्भाइसंथारयं संथरित्ता दुरूहित्ता उत्तरपुरत्थामिमुहे संपलियंकाइआसणे (ण) णिसीइत्ता) करयलसंपरिन्ग हियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं व०-"णमोऽत्थु ण अरिहंताणं नाव संपत्ताणं (एबं अणंतसिदे णमंसित्ता) "णमोऽत्थु ण अरिहंताणं भगवंताणं जाव संपाविउ. कामाणं (पडप्पण्णकाले महाविदेहे खेत्ते विहरमाणतित्थयरे णमंसित्ता सधम्मायरियं सधम्मोवएसयं णमंसामि, साहुपमुहचउत्विहस्स तित्थस्स सव्वजीवरासिस्स य खमावइत्ता पुट्विं जे वया पडिवज्निया तेसु जे अइयारदोसा लग्गा ते सव्वे आलोइय पडिक्कमिय प्रिंदिय णिस्सल्लो होऊण) सव्वं पाणांइवायं पच्चक्खामि, सब्बं मुसावायं पञ्चक्खामि, सव्वं अदिण्णादाणं पच्चक्खामि, सव्वं मेहुणं पच्चक्खामि, सव्वं परिग्गहं पच्चक्खामि, सव्वं कोहं माणं जाव मिच्छादसणसलं, सव्वं अकरणिज्जं जोगं पच्च. क्खामि, जावज्जीबाए तिविहं तिविहेणं ण करेमिण कारवेमि करतंपि अण्णं ग समणुजाणामि मणसा वयसा कायसा, (एवं अट्ठारसपाबढाणाई पच्चक्खित्ता) सव्वं असणं पाणं खाइम साइमं चउबिहंपि आहारं पच्चक्खामि नावस्जीवाए, (एवं चउविहं आहारं पञ्चक्खित्ता) नं पि व इमं सरीरं इटुं, कंतं, पियं, मणुण्णं, मणाम, धिज्जं, वे(वि) सासियं, संमयं, अणुमयं, बहुमयं, भंडकरंडगसमाणं, रयणकरंडगभूयं, मा णं सीबं, मा णं उण्इं, मा णं खुहा, मा गं पिवासा, मा णं वाला, मा णं चोरा, मा ण दंसमसगा, मा णं बाइ (यं) य-पित्तिय-संमि (कप्फि)य सण्णिवाइवविविहा रोगायंका परिस (हा उ) होक्सग्गा (फासा) फुसंतु (त्तिक?) एवं पि य गं च (रि)रमेहि उस्सास (णी)णिस्सासेहि वोसिरामित्तिकटु (एवं सरीरं वोसिरित्ता) कालं अणवखमाणे विहरामि, (एवं मे सद्दहणा परूवणा अणसणावसरे पत्ते अणसणे कए फासणाए सुद्ध, एवं) अपच्छिममारणंतियसंलेहणाझूसणाआराहणाए पंच अइयारा नाणियव्बा ण समायरियव्वा, तं०-10) इहलोगासंसप्पओगे, पर. लोगासंसप्पओगे, जीवियासंसप्पओगे, मरणासंसप्पओगे, कामभोगासंसप्पओगे, (मा मज्झ हुज मरणंतेवि सड्ढापरूबणम्मि अण्णहाभावो,) तस्स मिच्छामि दुक्कडं // Page #749 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 56 तइयं परिसिळं अट्ठारहपावट्ठाणाइं-(गाहाओ-पाणाइवायमलियं, चोरिक्कं मेहुण दविणमुच्छं / कोहं माणं मायं, लोहं पिज्जं तहा दोसं // 1 // कलहं अब्भक्खाणं, पेसुण्णं रइअरइसमाउत्तं / परपरिवायं माया-, मोसं मिच्छत्तसल्ले च ||2|| अरिहंतसिद्ध केवलि-, साहूणं सक्खियं सयं जाइं / संसेवियाई सेवा-, वियाई अणुमोइयाइं तहा // 3 // ) तस्स मिच्छामि दुक्कंडं* // तस्स धम्मस्स केवलिपण्णत्तस्स अब्भुट्टिओमि आराहणाए, विरओमि विराहणाए, तिविहेणं पडिक्कतो वंदामि जिणचउव्वीस / गाहाओ-आयरियउवज्झाए० जहा आवस्सगचउत्थावस्सय. 1 अण्णे आयरिसे अस्स ठाणे समुच्चयपाढो भासाए लब्भइ तत्तोऽवसेओ। 2 'इच्छामि ठामि०' इओ पच्छा विहीए। * अण्णे पणवीसमिच्छत्तपाढं चउद्दसठाणसम्मुच्छिममणुस्सपाढं च उच्चारंति ते य एवं-अभिग्गहियमिच्छत्तं, अणमिग्गहियमिच्छत्तं, अभिणिवेसियमिच्छत्त, संसइयमिच्छत्तं, अणाभोगमिच्छत्तं, लोइयमिच्छत्तं, लोउत्तरियमिच्छत्तं, कुप्पावयणियमिच्छत्तं, अधम्मे धम्मसण्णा, धम्मे अधम्मसण्णा, उम्मगे मग्गसण्णा, मग्गे उम्मग्गसण्णा, अजीवेसु जीवसण्णा, जीवेसु अजीवसण्णा, असाहुसु साहुसण्णा, साहुसु असाहुसण्णा, अमुत्तेसु मुत्तसण्णा, मुत्तेसु अमुत्तसण्णा, ऊणाइरित्तपरूवणामिच्छत्तं, तव्वइरित्तपरूवणामिच्छत्तं, अकिरियामिच्छत्तं, अविणयमिच्छत्तं, अण्णाणमिच्छत्तं, आसायणामिच्छत्तं (एवं एयाइं पणवीसविहाई मिच्छत्ताई मए सेवियाई सेवावियाइं ता अरिहंतसिद्धकेवलिसक्खियं) तस्स मिच्छामि दुकडं / (चउद्दहटाणसम्मुच्छिमजीवे आलोएमि) 1 उच्चारेसु वा, 2 पासवणेसु बा, 3 खेलेसु वा, 4 सिंघाणेसु वा, 5 तेसु वा, 6 पित्तेसु वा, 7 पूएसु वा, 8 सोणिएसु वा, 9 सुक्केसु वा, 10 सुक्कपुग्गलपरिसाडेसु वा, 11 विगयजीवकलेवरेसु वा, 12 इत्थीपुरिससंजोगेसु वा, 13 णगरणिद्धमणेसु वा, 14 सव्वेसु चेव असुइट्ठाणेसु वा, (एवं चउद्दसविहसम्मुच्छिममणुस्साणं विराहणा कया (होज ता) तस्स मिच्छामि दुकडं / अवि य समणसुतंपि बोल्लंति, से कि तं समणसुत्तं ? 2 नहा आवस्सए चउत्थं पडिक्कमणावस्सयं जाव मत्थएण वंदामि / 'करेमि भंते !.' 'इच्छामि ठामि०'सु जो भेओ सो इमस्स चेव पदमावस्सयाओ णायव्यो / 3 इओ पच्छा (दुक्खुत्तो इच्छामि खमासमणो एक्को णवकारो विहीए) भिण्ण भिण्णभासापाढा लज्मति तत्तोऽवसेया / Page #750 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सावयावस्सयसुत्तं 57 कोट्टगगयाओ / खामेमि सव्वे जीवा० जहाऽऽवस्सएँ / इइ चउत्थं पडिक्कमणावस्सयं समत्तं // 4 // अह पंचमं काउस्सग्गावस्सयं देवसियपायच्छित्तविसोहणत्थं करेमिकाउसग्गं। 'णमो अरिहंताणं०' करेमि०' 'इच्छामि ठामि०' 'तस्स उत्तरी०' // इइ पंचमं काउस्सग्गावस्सयं समत्तं // 5 // अह छठें पच्चक्खाणावस्सयं समुच्चयपच्चक्खाणपाढों-गंठिसहियं, मुट्ठिसहियं, णमुक्कारसहियं, पोरिसियं, सडपोरि सियं, (णियणियइच्छाणुसारं) तिविहंपि चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरॉर्मिं / इइ छठं पच्चक्खाणावस्सयं समत्तं // सावयावस्सय (पडिक्कमण) सुत्तं समत्तं तइयं परिसिहं समत्तं 1 रागेण व दोसेण व, अहवा अकयण्गुणा पडिणिवेसेणं / जो मे किंचि वि भणिओ, तमहं तिविहेण खामेमि॥ पच्चंत्तरे एसा गाहाऽहिगा लमइ / 2 सावगसाविगाखामणाचउरासीलक्खजीवजोणिखामणाकुलकोडीखामणापादा भिण्ण भिण्णभासाए तत्तोऽवसेया। इओ पच्छा 'अट्ठारहपावट्ठाणाई' विहीए। 3 काउस्सग्गे चउलोगस्सझाणं, केइ धम्मज्झाणस्स काउस्सग्गं करेंति, तस्स भेया ठाणच उत्थठाणाओऽवसेया। णमो अरिहंताणं' वुत्तूण काउस्सग्गो पारिजइ, तओ 'लोगस्स०' फुडं उच्चारिजइ त्ति विही / 4 विसेसाय आवस्सए छटुं पच्चक्खाणावस्सयं दट्टत्वं / 5 सयं पंच्चक्खइ तया वोसिरामि त्ति वयइ अण्णेसिं पच्चक्खावेइ तया वोसिरे त्ति विसेसो / तओ पच्छा छण्हमावस्सयाणमइयारसंबंधिमिच्छामिदुकडं दिजइ / तओ दुण्णि 'णमोऽत्थु णं०' / 6 दिण्णा ताव संखित्तविही, वित्थरओ पडिकमणविही तदंतग्गयखमासमणाविही पोसहविही देसावगासिय(संवर) विही भासाओऽवसेया। Page #751 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #752 -------------------------------------------------------------------------- ________________ A संघ के प्रकाशन 1 मोक्षमार्ग ग्रंथ भाग 1 2 भगवती सूत्र भाग 1 मूल्य 10-00 अप्राप्य on on mx & woo 5 " " rrm >> yur , 12-00 अप्राप्य 4-00 3-00 7 " " 6 8 " " 9 उत्तराध्ययन सूत्र 10 उववाइय सुत्त / 11 दशवकालिक सूत्र 12 अंतगडदसा सूत्र 13 सुखविपाक सूत्र 14 सिद्धस्तुति .. 15 प्रतिक्रमण सूत्र 16 रजनीश दर्शन 17 संसार तरणिका 18 अनुत्तरोववाइय सूत्र 19 प्रश्नव्याकरण सूत्र 20 नन्दी सूत्र 21 मंगल प्रभातिका . 22 सम्यक्त्व विमर्श 23 आलोचना पंचक 24 जीव धड़ा 25 लघुदंडक 0-75 0-60 अप्राप्य 0-50 अप्राप्य अप्राप्य 0-4. Page #753 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (2) . मूल्य 0-60 0-40 0-40 000 0-20 0-20 2-00 0-25 0-60 3-50 0-40 4-50 अप्राप्य 0-30 26 महादण्डक 27 तेतीस बोल 28 गुणस्थान स्वरूप 29 सामायिक सूत्र 30 गति-आगति 31 नव तत्त्व 32 कर्म-प्रकृति 33 पच्चीस बोल 34 शिविर व्याख्यान 35 समिति गृप्ति 36 जैन स्वाध्यायमाला 37 तीर्थंकरों का लेखा 38 समकित के 67 बोल 39 सार्थ सामायिक सूत्र 40 तत्त्व-पृच्छा 41 एक सौ दो बोल का बासठिया / 42-43 समर्थ समाधान भाग 1 व 2 44 स्तवन तरंगिणी 45 विनयचंद चौबीसी और शांति प्रकाश 46 तीर्थंकर-पद प्राप्ति के उपाय 47 भवनाशिनी भावना 48 तीर्थंकर चरित्र भाग 1 49 तीर्थंकर चरित्र भाग 2 50 तीर्थकर चरित्र भाग 3 51 अंतकृत विवेचन 52 आत्मशुद्धि का मूल तत्त्वत्रयी 3-00 0-25 अप्राप्य 2-00 0-55 1-50 0-60 अप्राप्य 10-00 9-0. अप्राप्य 3-50 Page #754 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3) मूल्य 3-50 3-5. 14-0. 53 उपासकदशांग सूत्र 54 जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग 1 55 समर्थ समाधान भाग 3 56 अंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 1 57 सामण्ण-सड्डि धम्मो 58 अंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 2 59 जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग 2 60 अंगपविट्ठ सुत्ताणि भाग 3 61 अंगपविट्ठ सुत्ताणि-एक्कारसंगसंजुषो 62 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भाग 1 63 दसवेयालियउत्तरज्झयणसुत्तं 64 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भाग 2 25-00 3-00 12-00 . 25-00 3-000 A RTrimmunee REPARE AND TWARISEASE Page #755 -------------------------------------------------------------------------- _ Page #756 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्यसाहामा शलभारती तरलकस CCU सलाना