________________ 1074 अनंगपविट्ठसुत्ताणि परंमुहस्स, पञ्चक्खओ पडिणीयं च भासं / ओहारिणिं अप्पियकारिणिं च, भासं ण भासिज सया स पुज्जो // 9 // अलोलुए अक्कुहए अमाई, अपिसुणे यावि अदीणवित्ती / णो भावए णो वि य भावियप्पा, अकोउहल्ले य सया स पुज्जो // 10||. गुगेहि साहू अगुणेहिऽसाहू, गिण्हाहि साहूगुण मुंचऽसाहू / वियाणिया अप्पगमप्पएणं, जो रागदोसेहिं समो स पुज्जो // 11 // तहेव डहरं च महल्लगं वा, इत्थी पुमं पब इयं गिहिं वा / णो हीलए णो वि य विसइजा, थंभं च कोहं च चए स पुज्जो // 12 // जे माणिया सययं माणयंति, जत्तेण कण्णं व णिवेसयंति / ते माणए माणरिहे तवस्सी, जिइंदिए सच्चरए स पुज्जो // 13 // तेसिं गुरूणं गुणसायराणं, मुच्चाण मेहावि सुभासियाई / चरे मुणी पंचरए तिगुत्तों, चउकसायावगए स पुज्जो // 14 // गुरुमिह सययं पडियरिय मुणी, जिणवयणिउणे अभिगमकुसले / धुणिय / रयमलं पुरेकडं, भासुरमउलं गई गय॥१५॥ त्ति बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे तइओ उद्देसो समत्तो / / 6-3 // अह णवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पणत्ता,कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पण्णत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पण्णत्ता,तंजहाविणयसमाही 1, सुयसमाही 2, तवसमाही 3, आयारसमाही 4 / विणए सुए य तवे, आयारे णिच्च पंडिया। अभिरामयंति अप्पाणं, जे भवंति जिइंदिया // 1 // चउव्विहा खलु विणयसमाही भवइ, तंजहा-अणुसासिज्जतो सुस्सूसइ 1, सम्म संपडिवजइ 2, वेयमाराहयइ 3, ण य भवइ अत्तसंपग्गहिए 4 चउत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगो-पेहेइ हियाणुसासणं, सुस्सूसइ तं च पुणो अहिट्ठिए / ण य माणमएण मजइ, विणयसमाही आयट्टिए // 2 // चउव्विहा खलु सुयसमाही भवइ, तंजहा-सुयं मे भविस्सइत्ति अज्झाइयव्वं भवइ 1, एगग्गचित्तो भविस्सामि त्ति अज्झाइयध्वं भवइ 2, अप्पाणं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ 3, ठिओ परं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ 4 चउत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगोणाणमेगग्गचित्तो य, ठिओ ठावयई परं / सुयाणि य अहिज्जित्ता, रओ सुयसमाहिए // 3 // चउव्विहा खलु तवसमाही भवइ, तंजहा-णो इहलोगट्ठयाए तवमहि