________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 10 1075 द्विजा 1, णो परलोगट्ठयाए तवमहिट्ठिजा 2, णो कित्तिवण्णसद्द सिलोगट्टयाए तवमाहट्ठिजा 3, णण्णत्थ णिजरट्टयाए तबमहिद्विजा 4 चउत्थं पयं भवइ / भवाइ य इत्थ सिलोगो-विविहगुणतवोरए य णिच्चं, भवह गिर सए णिज,रदिए / तवसा धुणइ पुराणपावगं, जुत्तो सया तवसमाहिए // 4 // चउव्विहा खलु आयारसमाही भवइ, तनहा-णो इहलोगट्टयाए आयारमहिट्ठिजा 1, ण परलोगट्टयाए आयाम हिद्विजा 2, णो कित्तिवा गसद्दमिलोगट्टयाए आयारमहिद्विजा 3, णण्णत्थ आरदंतेहिं हे उदि आयारमहिट्ठिजा 4 च उत्थं पयं भवइ / भवइ य इत्थ सिलोगो-जिणवयणरए अतितिणे, पडिपुण्णाययमाययट्ठिए / आयारसमाहिसंकुडे, भवइ य दंते भावसंघर // 5 // अभिगम चउरो समाहिओ, सुविसुद्धो सुसमाहियापओ / विरलहियं सुहावह पुणो, कुब्वइ सो पयखेममप्पणो // 6 // जाइमरणाओ मुच्चइ, इत्थत्थं च चएइ सव्वसो / सिद्धे वा हवइ सासए, देवे वा अप्परए महिड्डिए // 7 // त्ति-बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो समत्तो।६-४। णवममज्झयणं समत्तं // 6 // अह सभिक्खू णामं दसममज्झयणं णिक्खम्ममाणाइ य बुद्धवयणे, णिच्चं चित्तसमाहिओ हविज्जा / इत्थीण वसं ण यावि गच्छे, वंतं णो पडिआयइ जे स भिक्खु // 5 // पुढविण खण ण खणावए, सीओदगं ण पिए ण पियावए। अगणिसत्थं जहा सुणि सियं, तं ण जले ण जलावए जे स भिक्खू // 2 // अणिलेण ण वीए ण वीयावए, हरियाणि ण छिंदे ण विटाए / बीयाणि सया विवजयंतो, सचित्तं णाहारए जे स भिक्खू // 3 // वहणं तसथावराण होइ, पुढवीतणकट्ठणिस्सियाणं / तम्हा उद्देसियं ण भुंजे, णो वि पए ण पयावए जे स भिक्खू // 4 // रोइयणायपुत्तवयणे, अप्पसमे मणिज छप्पि काए / पंच य पासे महव्वयाई, पंचासवसंवरे जे स भिक्खू // 5 // चत्तारि वमे सया कसाए, धुवजोर्ग: य हविज बुद्धवयणे / अहणे णिजायरूवरयए, गिहिजोगं परिवजए ज स भिवख // 6 // सम्मदिट्ठी सया अमूढे, “अस्थि हु णाणे तवे मंजमें य" / तवसा धुणइ पुराणपावगं, मणवयकायसुसंडे जे स भिक्खू // 7 // तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता / "होही अट्ठो सुए परे वा," तं ण णि हे ण णिहावए जे स