________________ अ०भा० सा० जैन सं० र० संघ साहित्य रत्नमाला का 68 वा रत्न अनंगपविह सुत्ताणि बीओ सुयखंधो जंबुद्दीवपण्णत्ती, चंदपण्णत्ती, सूरियपण्णत्ती, णिरयावलियाओ, कप्पवडिसियाओ, पुफियाओ पुप्फचूलियाओ, वहिदसाओ, चउछेयसुत्ताई, चत्तारिमूलसुत्ताई, आवस्सयसुत्तं परिसिहे 15 सम्पादकरतनलाल डोशी पारसमल चण्डालिया प्रकाशक-- अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति-रक्षक संघ सैलाना [म. प्र.