________________ 1076 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भिक्खू // 8 // तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता। छंदिय साहम्मियाण भुंजे, भोच्चा सज्झायरए जे स भिक्खू // ९॥ण य बुग्गहियं कहं कहिजा, ण य कुम्पे णिहुई दिए पसंते / संजमधुवजोगजुत्ते, उवसंते अविहे हुए जे स भिक्खू / / 10 / / जो सहइ हु गामकंटए, अक्कोसपहारतजणाओ य / भयभेरवसदसप्पहासे, समसुहदुक्खसहे य जे स भिक्खू // 11 // पडिमं पडिवज्जिया मसाणे, णो भीयए भयएभेरवाइं दिस्स। विविहगुणतवोरए य णिच्चं, ण सरीरं चाभिकखए जे स भिक्खू // 12 // असई वोसट्टचत्तदेहे, अक्कुटे व हए व लूसिए वा। पुढ विसमे. मुणी हविजा, अणियाणे अकोउहल्ले जे स भिक्खू // 13 // अभिभूय कारण परीसहाई, समुद्धरे जाइपहाउ अप्पयं / विहत्तु जाईमरणं महन्भयं, तवे रए सामणिए जे स भिक्खू // 14 // हत्थसंजए पायसंजए, वायसंजए संजइंदिए / अज्झप्परए मुसमाहियप्पा, सुत्तत्थं च वियाणइ जे स भिक्खू // 15 // उवहिम्मि अमुच्छिए अगिद्धे, अण्णाय उंछ पुलणिप्पुलाए / कयविक्कयसणिहिओ विरए, सव्वसंगावगए य जे स भिक्खू // 16 // अलोल भिक्खू ण रसेसु गिज्झे, उंछं चरे जीविय णाभिकंखे। इद्धिं च सक्कारणपूयणं च, चए ठियप्पा अणिहे ने स भिवखू // 17 // ण परं वइ. जासि "अयं कुसीले" जेणं च कुपिज ण तं वइजा। जाणिय पत्तेयं पुण्णपावं, अत्ताणं ण समुक्कसे जे स भिक्खू // 18 // ण जाइमत्ते ण य रूपमत्ते, ण लाभमत्ते ण सुएण मत्ते / मयाणि सब्वाणि विवजइत्ता, धम्मज्झाणरए जे स भिक्खू // 19 // पवेयए अजपयं महामुणी, धम्मे ठिओ ठावयई परं पि / णिक्खम्म वज्जिज कुसीललिंग, ण यावि हासं कुहए जे स भिक्खू // 20 // तं देहवासं असुइं असासयं, सया चए णिच्चहियट्ठियप्पा / छिंदित्तु नाईमरणस्स बंधणं, उवेइ भिक्खू अपुणागमं गई // 21 // त्ति-बेमि / / इति सभिक्खू णामं दसममज्झयणं समत्तं / अह रइवक्का णामं पढमा चूलिया इह खलु भो ! पव्वइएणं उप्पण्णदुक्खेण संजमे अरइसमावण्णचित्तेणं ओहाणुप्पेहिणा अगोहाइएणं चेव हयरस्सिगयंकुसपोयपडागाभूयाइं इमाइं अट्ठारस ठाणाई सम्म संपडिले हियव्वाइं भवंति, तंजहा-हं भो ! दुस्समाए दुप्पजीवी 1, लहुस्सगा इत्तरिया गिहीणं कामभोगा 2, भुज्जो य साइबहुला मणुस्सा 3, इमे य मे दुक्खे ण चिरकालोवट्ठाई भविस्सइ 4, ओमजणपुरकारे 5, वंतस्स य पडियाइयणं 6,