________________ दसवेयालियसुत्तं अ. 8 . 1069 वियक्खणो // 14 // सिणेई पुप्फसुहुँमं च, पाणुत्तिंग तहेव य / पणेगं बीर्यं हरियं च, अंडसुहमं च अट्टमं / / 15 / / एवमेयाणि जाणित्ता, सव्वभावेण संजए। अप्पमत्तो जए णिच्च, सविं दियसमाहिए // 16 / / धुवं च पडिलेहिजा, जोगसा पायकंबलं / सिजमुच्चारभूमिं च, संथारं अदुवासणं // 17 // उच्चारं पासवणं, खेलं सिंघाणजल्लियं / फासुयं पडिलेहित्ता, परिठ्ठाविज संजए // 18 // पविसित्तु परागारं पाणट्ठा भोयणस्स वा / जयं चिट्टे मियं भासे, ण य रूवेसु मणं करे // 19 // बहं सुमेह कण्णेहि, बहुं अच्छीहिं पिच्छइ / ण य दिटुं सुयं सव्वं, भिक्खू अक्खाउमरिहइ // 20 // सुयं वा जइ वा दिटुं, ण लविज्जोवघाइयं / ण य केणइ उवाएणं, गिहिजोगं समायरे // 21 // णिहाणं रसणिज्जूढं, भद्दगं पावगं ति वा। पुट्ठो वावि अपुट्ठो वा, लाभालाभं ण णिद्दिसे // 22 ॥ण य भोयणम्मि गिद्धो, चरे उंछं अयंपिरो / अफासुयं ण भुंज्जिजा, कीयमुद्देसियाहडं // 23 // सण्णिहिं च ण कुविजा, अणुमायं पि संजए / मुहाजीवी असंबद्ध, हविज नगणिस्सिए // 24 // लूहवित्ती सुसंतुट्टे, अप्पिच्छे सुहरे सिया। भासुरतं ण गच्छिज्जा, सुच्चा णं जिणसासणं // 25 // कण्णसुक्खेहि सद्देहि, पेमं णाभिणिवेसए / दारुणं कक्कसं फासं, कारण अहियासए // 26 // खुहं पिवासं दुस्सिज्ज सीउण्हं अरइं भयं / अहियासे अव्वहिओ, देहदुवखं महाफलं // 27 // अत्थंगयंमि आइच्चे, पुरत्था य अणुग्गए / आहारमाइयं सवं, मणसा वि ण पत्थए // .28 // अतिंतिणे अचवले, अप्पभासी मियासणे / हविज उयरे दंते, थोवं लर्बु ण खिंसए ॥२९॥ण बाहिरं परिभवे, अत्ताणं ण समुक्कसे। सुयलाभे ण मज्जिजा, जच्चा तवस्सिबुद्धिए // 30 // से नाणमजाणं वा, कट्ट आहम्मियं पयं / संवरे खिप्पमप्पाणं, बीयं तं ण समायरे // 31 // अणायारं परकम्म, णेव गूहे ण णिण्हवे / सुई सया वियडभावे, असंसत्ते जिइंदिए // 32 // अमोहं वयणं कुजा, आयरियस्स महप्पणो। तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए // 33 // अधुवं जीवियं णच्चा, सिद्धिमग्गं वियाणिया / विणियट्टिज भोगेसु, आउं परिमियमप्पणो // 34 // बलं थामं च पेहाए सद्धामारुग्गमप्पणो / खेत्तं कालं च विण्णाय, तहप्पाणं णिजुजए // 35 // जरा जाव ण पीडेइ, वाही जाव ण वड्डइ / जाविंदिया ण हायंति, ताव धम्मं समायरे // 36 / / कोहं माणं च मायं च, लोभं च पाववडणं / वमे चत्तारि दोसे उ, इच्छंतो हियमप्पणो // 37 // कोहो पीई पणासेइ, माणो विणयणासणो / माया मित्ताणि णासेइ, लोभो सव्वविणासणो // 38 //