________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 32 1145 अच्छइ मंडले // 20 // इय एएसु ठाणेसु, जे भिक्खू जयई सया / खिप्पं सो * सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिओ // 21 // त्ति-बेमि // इति चरणविहिणामं एगतीसइमं अज्झयणं समत्तं // 31 // अह पमायट्ठाणणामं बत्तीसइमं अज्झयणं अच्चंतकालस्स समूलगस्स, सच्चस्स दुक्खस्स उ जो पमोवखो / तं भासओ मे पडिपुण्णचित्ता, सुणेह एगंतहियं हियत्थं // 1 // णाणस्स सव्वस्स पगासणाए, अण्णाणमोहस्स विवजणाए / रागम्स दोसस्स य संखएणं, एगंतसोक्खं समुवेइ मोक्खं // 2 // तस्सेस मग्गो गुरुविद्धसेवा, विवजणा बालजणस्स दूरा। सज्झाय. ( गंतणिसेवणा य, सुत्तत्थसंचिंतणया घिई य ||3|| आहारमिच्छे मियमेसणिज्जं, सहायमिच्छे णिउणत्थबुद्धिं / णिकेयमिच्छेन विवेगजोग्गं, समाहिकामे समणे तवरसी // 4 // ण वा लभेजा णिउणं सहायं, गुणाहियं वा गुणओ समं वा / एगो वि पावाई विवजयंतो, विहरेज कामेसु असजमाणो // 5 // जहा य अंडप्पभवा बलागा, अंडं बलागप्पभवं जहा य / एमेव मोहाययणं खु तण्हा, मोहं च तण्हाय- . वणं वयंति // 6 // रागो य दोसो वि य कम्मबीयं, कम्मं च मोहप्पभवं वयंति / कम्म च जाईमरणस्स मूलं, दुक्खं च जाईमरणं वयंति // 7 // दुक्खं यं जस्स ण होइ मोहो, मोहो हओ जस्स ण होइ तण्हा ।.तण्हा हया जस्स ण होइ लोहो, लोहो हओ जस्स ण किंचणाई // 8 // रागं च दोसं च तहेव मोहं, उद्धत्तुकामेण समूलजालं / जे जे उवाया पडिवज्जियव्वा, ते कित्तइस्सामि अहाणु पुस्विं // 9|| रसा पगामं ण णिसेवियव्वा, पायं रसा दित्तिकरा णराणं / दित्तं च कामा समभिवंति, दुमं जहा साउफलं व पक्खी ||10|| जहा दवग्गी पउरिंधणे वणे, समारओ णोवसमं उवेइ। एविंदियग्गी वि पगामभोइणो, ण बंभयारिस्स हियाय कस्सई // 11 // विवित्तसेजासणतियाणं, ओमासणाणं दमिइंदियाण / ण रागसत्तू धरिसेइ चित्तं, पराइओ वाहिरिवोसहेहिं // 12 // जहा बिरालावसहस्स मूले, ण मूसगाणं वसही पसत्था / एमेव इत्थीणिलयस्स मज्झे, ण बंभयारिस्स खमो णिवासो // 13 // ण रूवलावण्णविलासहासं, ण जंपियं इंगियपेहियं वा / इत्थीण चित्तंसि णिवेसइत्ता, दटुं ववस्से समणे तवस्सी // 14 // अदंसणं चेव अपत्थणं च, अचिंतणं चेव अकित्तणं च / इत्थीजणस्सारियझाणजुग्गं, हियं सया बंभवए रयाणं // 15 // कामं तु देवीहिं विभू