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________________ 1030 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा 8, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा 9, तच्चा सत्तराई दिया भिक्खुपडिमा 10, अहोराइंदिया भिक्खुपडिमा 11, एगराइया भिक्खुपडिमा 12 // 1 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उववज्जति, तंजहा-दिव्वा वा माणुसा वा, तिरिक्खजोणियावा, ते उप्पण्णे सम्मं (काएणं) सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ // 2 // मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहित्तए एगा पाणगस्स, अण्णायउंछं सुद्धं उवहडं णिज्जूहित्ता बहवे दुप्पयचउप्पयसमणमाहणअतिहिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहित्तए, णो दुण्डं गो तिण्हं णो चउण्हं णो.पंचण्डं, णो गुव्विणीए, णो बालवच्छाए, णो दारगं पेजमाणीए, णो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, णो बाहिं एलुयस्स दोवि पाए साहट्ट दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खभइत्ता एवं दलयइ एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, एवं से णो दलयइ एवं से णो कप्पइ पडिगाहित्तए // 3 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स तओ गोयरकाला पण्णत्ता / तंजहा-आदि इमे मज्झेज्झिमे चरिमे; आइमे चरेजा, गो मज्झे चरेजा, णो चरिमे चरेजा 1, मज्झे चरेजा, णो आइमे चरेजा, णो चरिमे चरेजा 2, चरिमे चरेजा, णो आइमे चरेजा, णो मज्झिमे चरेजा 3 // 4 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स छव्विहा गोयर-चरिया पण्णत्ता / तंजहा-पेला, अद्धपेला, गोमुत्तिया, पयंगीहिया, संबुक्कावट्टा, गत्त(गंतुं)पञ्चागया // 5 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स जत्थ णं केइ जाणइ कप्पइ से तत्थ एगराइयं वसित्तए, जत्थ णं केइ ण जाणइ कप्पइ से तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वसित्तए, णो से कप्पइ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं बसइ से संतरा छेए वा परिहारे बा॥६॥ मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० कप्पइ चत्तारि भासाओ भासित्तए, तंजहा-जायणी, पुच्छणी, अणुण्णवणी, पुट्ठस्स वागरणी // 7 // मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स० कप्पइ तओ उवस्सया पडिलेहित्तए, तंजहा-अहे आरामगिहंसि वा, अहे वियडगिहंसि वा, अहे रुक्खमूलगिहंसि वा / मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवण्णस्स० वप्पइ तओ उवस्सया 1 वण्ण गविसेसमेयासि ठाणतच्चठाणभगवईअंतगडाईहितो जाणियव्वं /
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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