________________ दसासुयक्खंधो द. 7 1029 णं खुरमुंडए था लुत्तसिरए वा गहियायारभंडगणेवत्थे, जे इमे समणाणं णिग्गंथाणं धम्मे पण्णत्ते / तं सम्मं कारण फासेमाणे पालेमाणे पुरओ जुगमायाए पेहमाणे दठूण तसे पाणे उद्धटु पाए रीएज्जा, साह? पाए रीएजा, तिरिच्छं वा पायं कटु रीएजा, सइ परकमे(जा),संजयामेव परक्कमेजा, णो उज्जुयं गच्छेजा, केवलं से णायए पेजबंधणे अवोच्छिण्णे भवइ, एवं से कप्पइ णायविहिं वहत्तए // 25 // तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते मिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिग्गाहित्तए, णो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तएं / तत्थ (णं) से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते मिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तए, णो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहित्तए / तत्थ से पुव्वागमणेणं दोवि पुव्वाउत्ताई कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए / तत्थ से पच्छागमणेणं दोवि पच्छाउत्ताइं णो से कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए / जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिग्गाहित्तए / जे से तत्थ पुव्वागमणेण पच्छाउत्ते से णो कप्पइ पडिग्गाहित्तए // 26 // तस्स णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए भणुप्पविट्ठस्स कम्पइ एवं वइत्तए "समणोवासगस्स पडिमापडिवण्णस्स भिवखं दलयह" तं चेव एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे णं केइ पासित्ता वइजा-"केइ आउसो ! तुमं वत्तव्यं सिया"समणोवासए पडिमापडिवण्णए अहमंसीति” वत्तव्वं सिया, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं एक्कारस मासे विहरेजा, एक्कारसमा उवासगपडिमा // 27 // एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ // 28 / / त्तिबेमि // छट्ठा दसा समत्ता // 6 // सत्तमा दसा - सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरोह भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खपडिमाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिवखुपडिमाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-मासिया भिक्खुपडिमा 1, दोमासिया भिक्खुपडिमा 2, तिमासिया भिक्खुपडिमा 3, चउमासिया भिक्खुपडिमा 4, पंचमासिया भिक्खुपडिमा 5, छम्मासिया भिक्खुपडिमा 6, सत्तमासिया भिक्खुपडिमा 7,