________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व.३ चक्करयणस्स पणामं करेइ करित्ता जेणेव चक्करयणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता लोमहत्थयं परामुसइ, परामुसित्ता चक्करयणं पमजइ, पमज्जित्ता दिव्वाए उदगधाराए अब्भुक्खेइ अब्भुक्खिता सरसेणं गोसीसचंदणेणं अणुलिंपइ 2 त्ता अग्गेहिं वरेहिं गंधेहिं मल्लेहि य अच्चिण्णइ पु-फारुहणं मल्लगंधवण्णचुण्णवत्थारुहणं आभरणारुहणं करेइ 2 त्ता अच्छेहि सण्णेहिं सेएहिं रययामएहिं अच्छरसातंडुलेहि चक्करयणस्स पुरओ अट्ठऽट्ठमंगलए आलिहइ, तंजहा-सोत्थिय सिरिवच्छ णंदिआवत्त, वद्धमाणग, भद्दासण, मच्छ, कलस, दःपण अट्ठ मंगलए आलिहित्ता काऊणं करेइ उवयारंति, किं ते ? पाडल-मल्लिय-चंपग-असोग-पुण्णाग-चूअ-मंजरि-णवमालिअबकुल-तिलग-कणवीर-कुंद-कोजय-कोरंटय-पत्तदमणय-वर-सुरहि-सुगंध-गंधियरस कयगगहगहिअं-करयलपन्भट्ठविप्पमुक्कस्स दसद्धवष्णस्स कुसुमणिगररस तत्थचित्तं जाणुस्सेहप्पमाणमित्तं ओहिणिगरं करेत्ता चंदप्पभवइर वेरलियविमलदंडं कंचणमणिरयणभत्तिचित्तं कालागुरुपवरकुंदुरुक्क-तुरुक्क-धूव-गंधुत्तमाणुविद्धं च धूमपट्टि विणिम्मुअंतं वेरुलिअमयं कडुच्छुअं पग्गहेत्तु पयए धूवं दहइ 2 त्ता सत?पयाई पच्चोसक्का 2 त्ता वामं जाणुं अंचेइ जाव पणामं करेइ 2 ता आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव साहासणे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसीयइ 2 त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उस्सुक्कं उक्करं उक्किट्ठे अदिज्जं अमिज्जं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइजकलियं अणेगतालायराणुचरियं अणुवुयमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपवकीलियसपुरजणजाणवयं विजयवेजइयं चक्करयणस्स अट्ठाहियं महामहिमं करेइ 2 त्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह, तए णं ताओ अट्ठारस सेणिप्यसेणीओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ताओ समाणीओ हट्ठाओ जाव विणएणं वयणं पडिसुणेति 2 वा भरहस्स रण्यो अंतियाओ पडिणिक्खमेंति २त्ता उस्सुक्कं उबरं जाव करेंति य कारवति य क० 2 त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति 2 त्ता तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति // 43 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पंडिणिक्खमइ 2 त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिवुडे दिव्वतुडियसद्दसपिणणाएणं आपूरेंते चेव अंबरतलं विणीयाए रायहाणीए मज्झमझेणं णिग्गच्छइ 2 ता गंगाए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं मागहतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्यं चक्करयणं गंगाए महा