________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 30 1143 य आहियां / णीहारिमणीहारी, आहारच्छेओ दोसु वि // 13 // (2) ओमोयरणं पंचहा, समासेण वियाहियं / दवओ खेकालेणं, भावेणं पज्जवे हि य // 14 // जो जस्स उ आहारो, तत्तो ओमं तु जो करे / जहण्णेणेगसिस्थाई, एवं दवेण ऊ भवे // 15 // गामे णगरे तह रायहाणि, णिगमे य आगरे पल्ली / खेडे कब्बडदोगमुह-, पट्टणमडंबसंबाहे // 16 // आसमपए विहारे, सण्णिवेसे समायघोसे य / थलिसेणाखंधारे, सत्थे संवट्टकोट्टे य // 17 // वाडेसु व रत्थासु व, घरेसु वा एवमित्तियं खेत्तं / कप्पइ उ एवमाई, एवं खेत्तेण ऊ भवे // 18 // पेंडा य अद्धपेडी, गोत्तिपयंगवीहिया चेव / संबुक्कावट्टायय-, गंतुं पञ्चागया छहा // 19 // दिवसस्स पोरुसीणं, चउण्हं पि उ जत्तिओ भवे कालो / एवं चरमाणो खल, कालोमाणं मुणेयव्वं // 20 // अहवा तइयाए पोरिसीए, ऊणाइ घासमेसंतो / चउभागूणाए वा, एवं कालेण ऊ भवे // 21 // इत्थी वा पुरिसो वा, अलंवि ओ वा णलंकिओ वावि / अण्णयरवयत्थो वा, अण्णयरेणं घ वत्थेणं // 22 // अण्णेण विसेसेणं, वण्णेणं भावमणुमुयंते उ / एवं चरमाणो खलु, भावोमाणं मुणेयत्वं // 23 // दवे खेत्ते काले, भावंमि य आहिया उ जे भावा / एएहिं ओमचरओ, पजवचरओ भवे भिक्खू // 24 // (3) अट्ठविहगोयरग्गं तु, तहा सत्तेव एसणा / अभिग्गही य जे अण्णे, भिक्खायरियमाहिया // 25 // (4) खीरदहिसप्पिमाई, पणीयं पाणभोयणं / परिवजणं रसाणं तु, भणियं रसविवजणं // 26 // (5) ठाणा वीरासणाईया, जीवस्स उ सुहावहा / उग्गा जहा धरिजंति, कायकिलेसं तमाहियं // 27 // (6) एगंतमणावाए, इत्थी पसुविवज्जिए / सयणा. सणसेवणया, विवित्तसयणासणं // 28 // एसो बाहिरगं तवो, समासेण वियाहिओ। अभितरं तवं एत्तो, बुच्छामि अणुपुव्वसो // 29 // पायच्छित्तं विणओ, वेया. वैच्चं तहेव सज्झाओ / झॉणं च विउस्सरंगो, एसो आभितरो तवो // 30 // (1) आलोयणारिहाईयं, पायच्छित्तं तु दसविहं / जे भिवखू वहई सम्मं, पायच्छित्तं तमाहियं // 31 // (2) अन्भुट्ठाणं अंजलिकरण, तहेवासणदारणं / गुरुभत्तिभावसुस्सूसा, विणओ एस वियाहिओ // 32 // (3) आयरियमाईए, वेयावच्चंमि दसविहे / आसेवणं जहाथामं, वेयावच्चं तमाहियं // 33 (4) वायणा पुच्छणा चेव, तहेव परियट्टणा / अणुप्पेही धग्मकही, सज्झाओ पंचहा भवे // 34 // (5) अट्टरुद्दाणि वज्जित्ता, झाएजा सुसमाहिए / धम्मैसुकाई झाणाई, झाणं तं तु बुहा वए // 35 // (6) सयणासणटाणे वा, जे उ भिवखू ण वावरे / कायस्स