________________ 1142 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वहियं कम्मं णिबंधइ सुहफरिसं दुसमयठिइयं, तं पढमसमए बद्धं बिइयसमए वेइयं तइयसमए णिज्जिण्णं तं बद्धं पुढे उदीरियं वेइयं णिज्जिण्णं सेयाले य अकम्म चावि भवह // 71 / / अह आउयं पालइत्ता अंतोमुहुत्तद्धावसेसाए जोगणिरोह करेमाणे सुहुमकिरियं अप्पडिवाई सुक्कज्झाणं झायमाणे तप्पढमयाए मणजोगं णिरुंभइ, वहजोगं णिरुंभइ, कायजोगं णिरुभइ, आणपाणणिरोहं करेइ। ईसि-पंचरहस्सक्खरुच्चारणद्धाए य णं अणगारे समुच्छिण्णकिरियं अणियट्टिसुक्कज्झाणं झियायमाणे वेयणिज्जं आउयं प.मं गोत्तं च एए चत्तारि कम्मसे जुगवं खवेइ // 72 // तओ ओरालियतेयकम्माई सव्वाहि विप्पजहणाहिं विप्पजहित्ता उज्जुसेढिपत्ते अफुसमाणगई उड़े एगसमएणं अविग्गहेणं तत्थ गंता सागारोवउत्ते सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिणिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ // 73 // एस खलु सम्मत्तपरक्कमस्स अज्झयणस्स अट्ठे समणेणं भगवया महावीरेणं आघविए पण्णविए परूविए दंसिए णिदंसिए उवदंसिए।त्ति-बेमि॥ इति सम्मत्तपरक्कमणामं एगणतीसइमं अज्झयणं समत्तं // अह तवमग्गणामं तीसइमं अज्झयणं ____ जहा उ पावगं कम्मं, रागदोससमज्जियं / खवेइ तवसा भिक्खू, तमेगग्गमणो सुण // 1 // पाणिबहमुसावाया, अदत्तमेहुणपरिग्गहा विरओ / राईभोयणविरओ, जीवो भवइ अणासवो // 2 // पंचसमिओ तिगुत्तो, अकसाओ जिइंदिओ / अगारवो य णिस्सल्लो, जीवो होइ अणासवो // 3 // एएसिं तु विवच्चासे, रागदोससमज्जियं / खवेइ उ जहा भिक्खू, तमेगग्गमणो सुंण // 4 // जहा महातलायस्स, संणिरुद्ध जलागमे / उस्सिंचणाए तवणाए, कमेणं सोसणा भवे // 5 // एवं तु संजयस्तावि, पावकम्मणिरासवे / भवको संचियं कम्मं, तवसा णिजरिजइ // 6 // सो तवो दुविहो वुत्तो, बाहिरभंतरो तहा / बाहिरो छविहो वुत्तो, एवमभंतरो तवो // 7 // अणसणमूणोयरिया, भिक्खायरिया य रसपरिच्चाओ / कायकिलेसो संलीया, य बज्झो तवो होइ // 8 // (1) इत्तरिय मरणकाली य, अणसणा दुविहा भवे / इत्तरिय सावकंखा, णिरवकंखा उ बिइज्जिया // 9 // जो सो इत्तरिय. तवो, सो समासेण छविहो / सेदितवो पयरतवो, णो य तह होइ वग्गो य // 10 // तत्तो य वग्गवग्गो, पंचमो छट्टओ पइण्णतेवो / मणइच्छियचित्तत्थो, . णायव्यो होइ इत्तरिओ // 11 // जा सा अणसणा मरणे, दुविहा सा वियाहिया / सवियारेनवियारी, कायचिटुं पई भवे // 12 // अहवा सपरिक मा, अपरिकम्म।