________________ 1100 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वंजणसंजुयं // 34 // इमं च मे अस्थि पभूयमणं, तं भुंजसू अम्ह अणुग्गहट्ठा / बाद ति पडिच्छइ भत्तपाणं, मासस्स ऊ पारणए महप्पा // 35 // तहियं गंधोदयपुप्फवासं, दिव्वा तहिं वसुहारा य बुट्टा / पहयाओ दुंदुहीओ सुरेहिं, आगासे अहोदाणं च धुढें // 36 // सक्खं खु दीसइ तवोविसेसो, ण दीसई जाइविसेस कोई / सोवागपुत्तं हरिएससाहुं, जस्सेरिसा इढि महाणुभागा // 37 // किं माहणा ! जोहसमारभंता, उदएण सोहिं बहिया विमग्गहा ? जं मग्गहा बाहिरियं विसोहिं, ण तं सुइ8 कुसला वयंति // 38 // कुसं च जूवं तणकट्ठमागिं, सायं च पायं उदगं फुसंता / पाणाइ भूयाइ विहेडयंता, भुज्जो वि मंदा ! पकरेह पावं // 39 // कहं चरे भिक्खु ! वयं जयामो, पावाइ कम्माइ पणुलयामो / अक्खाहि णे संजय! जक्खपूइया, कहं सुज8 कुसला वयंति // 40 // छज्जीवकाए असमारभंता, मोसं अदत्तं च असेवमाणा। परिगहं इथिओ माणमायं, एवं परिणाय चरंति दंता॥४१॥ सुसंवुडा पंचहिं संवरेहिं, इह जीवियं अणवकंखमाणा / वोसट्टकाया सुइचत्तदेहा, महाजयं जयइ जण्णसिटुं // 42 // के ते जोई के व ते जोइठाणे ?, का ते सुया किं च ते कारिसंग ?एहा य ते कयरा संति भिक्खू ?, कयरेण होमेण हणासि जोइं?||४३॥ तवो जोई जीवो जोइठाणं, जोगा सुया सरीरं कारिसंगं / कम्मेहा संजमजोगसंती, होमं हुणामि इसिणं पसत्थं // 44 // के ते हरए के य ते संतितित्थे ?, कहि सिणाओ व रयं जहासि ? आइक्ख णे संजय ! जखपूइया, इच्छामो णाउंभवओ सगांसे // 45 // धम्मे हरए बंभे संतितित्थे, अणाविले अत्तपसण्णलेसे / जहिं सिणाओ विमलो विसुद्धो, सुसीइभूओ पजहामि दोसं // 46 // एयं सिणाणं कुसलेहि दिटुं, महासिणाणं इसिणं पसत्थं / जहिं सिणाया विमला विसुद्धा, महारिसी उत्तमं ठाणं पत्ता // 47 // त्ति-बेमि // इति हरिएसिज्ज णाम दुवालसममज्झयणं समत्तं // 12 // अह चित्तसंभूइज्जणामं तेरहममज्झयणं जाईपराजिओ खलु, कासि णियाणं तु हथिणपुरम्मि / चुलणीए बंभदत्तो, उववण्णो पउमगुम्माओ // 1 // कंपिल्ले संभूओ, चित्तो पुण जाओ पुरिमतालंग्मि / सेट्टिकुलम्मि विसाले, धम्मं सोऊण पव्वइओ // 2 // कंपिल्लम्मि य णयरे, समागया दो वि चित्तसंभूया। सुहदुक्खफलविवागं, कहेंति ते एकमेक्कस्स // 3 // चक्कवट्टी