________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 12 1099 य णं दाहामु तुमं णियंठा // 16 // समिईहि मज्झं सुसमाहिंयस्स, गुत्तीहि गुत्तस्स जिइंदियस्स / जइ मे ण दाहित्थ अहेसणिज्ज, किमज जण्णाण लहित्थ लाह // 17 // के इत्थ खत्ता उवजोइया वा, अज्झावया वा सह खंडिएहिं / एयं खु दंडेण फलेण हंता, कंठंमि घेत्तूण खलेज जो णं // 18 // अज्झावयाणं वयणं सुणेत्ता, उद्धाइया तत्थ बह कुमारा। दंडेहिं वित्तेहिं कसेहिं चेव, समागया तं इसि तालयंति // 19 // रण्णो तहिं कोसलियस्स धूया, भद्दत्ति णामेण अणिंदियंगी। तं पासिया संजय हम्ममाणं, कुद्धे कुमारे परिणिव्ववेइ // 20 // देवाभिओगेण णिओइएणं, दिण्णामु रण्णा मणसा ण झाया। णरिंददेविंदभिवंदिएणं, जेणामि वंता इसिण। स एसो // 21 // एसो हु सो उग्गतवो महप्पा, जिइंदिओ संजओ बंभयारी / जो मे तया णेच्छइ दिजमाणिं, पिउणा सयं कोसलिएण रण्णा // 22 // महाजसो एस महाणुभागो, घोरव्वओ घोरपरकमो य। मा एयं हीलेह अहीलणिज्ज, मा सव्वे तेएण भे गिद्दहेजा // 23 // एयाइं तीसे वयणाई सोच्चा, पत्तीइ भद्दाह सुभासियाई / इसिस्स वेंयावडियट्टयाए, जक्खा कुमारे विणिवारयंति // 24 // ते घोररूवा ठिय अंतलिक्खे,ऽसुरा तहिं तं जण तालयंति / ते भिण्णदेहे रुहिरं वमंते, पासित्तु भद्दा इणमाहु भुज्जो // 25|| गिरिं णहेहिं खणह, अयं दंतेहि खायह / जायतेयं पाएहिं हणह, जे भिक्खं अवमण्णह // 26 // आसीविसो उग्गतवो महेसी, घोरव्वओ घोरपरक्कमो य / अगणिं व पक्खंद पयंगसेणा, जे मिक्ख्यं भत्तकाले वहेह // 27 // सीसेण एवं सरणं उवेह, समागया सव्वजणेण तुब्भे / जइ इच्छह जीवियं वा धणं वा, लोग पि एसो कुविओ डहेजा // 28 // अवहेडियपिट्ठिसउत्तमंगे, पसारिया बाहु अकम्मचिट्ठे / णिब्भेरियच्छे रहिरं मंते, उमहे णिग्गयजीहणेसे // 29 // ते पासिया खंडिय कट्ठभूए, विमणो विसण्णो अह माहणो सो / इसिं पसाएइ सभारियाओ, हीलं च जिंदं च खमाह भते ! // 30 // बालेहिं मूढेहिं अयाणएं हिं, जं हीलिया तस्स खमाह भंते ! / महापसाया इसिणो हवंति, ण हु मुणी कोवपरा हवंति // 31 // पुट्विं च इण्डिं च अणागयं च, मणप्पओसो ण मे अस्थि कोइ / जक्खा हु वेयावडियं करेंति, तम्हा हु एए णिहया कुमारा // 32 // अत्थं च धम्मं च वियाणमाणा, तुब्भे ण वि कुप्पह भूइपण्णा / तुब्भं तु पाए सरणं उवेमो, समागया सव्वजणेण अम्हे // 33 // अच्चेमु ते महाभाग !, ण ते किंचि ण अच्चिमो / भुंजाहि सालिमं करं, णाणा