________________ 1068 अनंगपविट्ठसुत्ताणि समुद्दगंभीरसमा दुरासया, अचक्किया केणइ दुप्पहंसया / सुयरस पुण्णा विउलस्स ताइणो, खवित्तु कम्मं गइमुत्तमं गया // 31 / / तम्हा सुयमहिट्ठिजा, उत्तमट्टगवेसए / जेणप्पाणं परं चेव, सिद्धिं संपाउणेजासि // 32 // त्ति-बेमि // इति बहुस्सुंयपुज्जं णामं एगारसममज्झयणं समत्तं // 11 // अह हरिएसिज्जं णामं दुवालसममज्झयणं सोवागकुलसंभूओ, गुणुत्तरधरो मुणी / हरिएसबलो णाम, आसि भिक्खू जिइंदिओ // 1 // इरिएसणभासाए, उच्चारसमिईसु य / जओ आयाण णिव खेवे, संजओ सुसमाहिओ // 2 // मणगुत्तो वयगुत्तो, कामगुत्तो जिइंदिओ। मिक्खट्ठा बंभइजम्मि, जण्णवाडे उवडिओ // 3 // तं पासिऊणमेज्जतं, तवेण परिसोसियं / पंतोवहिउव. गरणं, उवहसंति अणारिया // 4 // जाइमयपडि थद्धा, हिंसगा अजिइंदिया / अबंभचारिणो बाला, इमं वयणमब्बवी // 5 // कयरे 'आगच्छइ दित्तरूवे, काले विकराले फोकणासे / ओमचेलए पंसुपिसायभूए, संकरसं परिहरिय कंठे // 6 // कयरे तुम इय अदंसणिज्जे ?, काए व आसा इहमागओ सि ? / ओमचेलया पंसुपिसायभूया, गच्छक्खलाहि किमिहं ठिओ सि ? // 7 // जक्खे तहिं तिंदुयरुखवासी, अणुकंपओ तस्स महामुणिस्स | पच्छायइत्ता णियगं सरीरं, इमाइं वयणाइमुदाहरित्था // 8 // समणो अहं संजओ बंभयारी, विरओ धणपयणपरिग्गहाओ। परप्पवित्तस्स उ भिक्खकाले, अण्णस्स अट्ठा इहमागओमि // 9 // वियरिजइ खजइ भुजई य, अण्णं पभूयं भवयाणमेयं / जाणाहि मे जायणजीविणुत्ति, सेसावसेसं लभऊ तवस्सी // 10 // उवक्खडं भोयण माहणाणं, अत्तट्ठियं सिद्धमिहेगपक्वं / ण ऊ वयं एरिस. मण्णपाणं, दाहामु तुझं किमिहं ठिओ सि ? // 11 // थलेसु बीयाइं ववंति कासगा, तहेव णिण्णेसु य आससाए / एयाए सद्धाए दलाह मज्झं, आराहए पुण्णमिणं खु खित्तं // 12 // खेत्ताणि अम्हं विइयाणि लोए, जहिं पकिण्णा विरुहंति पुण्णा / जे माहणा जाइविज्जोववेया, ताई तु खेत्ताई सुपेसलाई // 13 // कोहो य माणो य वहो य जेसिं, मोसं अदत्तं च परिग्गहं च / ते माहणा जाइविजाविहणा, ताई तु खेत्ताई सुपावयाई // 14 // तुब्मेत्थ भो ! भारधरा गिराणं, अटुं ण जाणेह अहिज वेए / उच्चावयाइं मुणिणो चरंति, ताई तु खेत्ताई सुपेसलाई // 15 // अज्झावयाणं पडिक्लभासी, पभाससे किं णु सगासि अम्हं ? / अवि एयं विणस्सउ अण्णपाणं, ण