________________ 1104 अनंगपविट्ठसुत्ताणि / संवसित्ताणं, दुहओ सम्मत्तसंजुया। पच्छा जाया ! गमिस्सामो, भिक्रमाणा बु.ले कुले // 26 / / जस्सऽस्थि मच्चुणा सक्खं, जम्स वऽस्थि पलायणं / जो जाणे ण मरिस्सामि, सो हु कंखे सुए सिया // 27 // अज्जेव धम्म पडिवज्यामो, जहिं पवण्णा ण पुणब्भवामो। अणागयं णेव य अस्थि किंचि, सद्धास्त्रमं णे विणइत्तु रागं // 28 // पहीणपुत्तस्स हु णस्थि वासो, वासिट्टि ! भिक्खायरियाइ कालो / साहाहि रुक्खो लहई समाहि, छिण्णाहि साहाहि तमेव खाणुं // 29 // पंखाविहूणोव्व जहेव पक्खी, भिच्चव्वि हूणो व्व रणे णरिंदो / विवण्णसारो वणिओव्व पोए, पहीणपुत्तोमि तहा अहं पि // 30 // सुसंभिया कामगुणा इमे ते, संपिंडिया अग्गरसप्पभूया / भुंजामु ता कामगुणे पगामं, पच्छा गमिस्सामु पहाणमन्गं // 31 // भुत्ता रसा. भोइ ! जहाइ णे वओ, ण जीवियट्ठा पजहामि भोए / लाभं भलाभं च सुहं च दुक्ख, संचिक्खमाणो चरिस्सामि मोणं // 32 // मा हू तुमं सोयरियाण संभरे जुणो व हँसो पडिसोत्तगामी / जाहि भोगाइं मए समाणं, दुवखं खु भिक्खायरिया विहारो॥३३॥ जहा य भोई तणुयं भुयंगो, णिम्मोयणिं हिच्च पलेइ मुत्तो / एमेए जाया पयहति भोए, ते हं कहं णाणुगमिस्समेक्को ? // 34 // &i दित्तु जालं अबलं च रोहिया, मच्छा जहा कामगुणे पहाय / धोरेयसीला तवसा उदारा, धीरा हु भिक्खायरियं चरंति // 35 // णहेव कुंचा समइक्कमंता, तयाणि जालाणि दलित्तु हंसा / पलिंति पुत्ता य पई य मज्झं, ते हं कहं णाणुगमिस्समेक्का ? // 36 // पुरोहियं तं ससुयं सदारं, सोच्चाऽभिणिक्खम्म पहाय भोए / कुडुंबसारं विउलुत्तमं च, रायं अभिक्खं समुवाय देवी // 37 // वंतासी पुरिसो रायं !, ण सो होइ पसंसिओ / माहणेण परिच्चत्तं, धणं आदाउमिच्छसि // 38 // सव्वं जगं जइ तुहं, सव्वं वावि धणं भवे / सव्वं पि ते अपजत्तं, णेव ताणाय तं तव // 39 // मरिहिसि रायं! जया तया वा, मणोरमे कामगुणे पहाय / एक्को हु धम्मो णरदेव ! ताणं, ण विजई अण्णमिहेह किंचि // 40 // णाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा, संताणछिण्णा चरिस्सामि मोणं / अकिंचणा उज्जुकडा पिरामिसा, परिग्गहारंमाणयत्तदास वानला जहा' रण्णे, डज्झमाणेसु जंतुसु / अण्णे सत्ता पमोयंति, रागद्दोसवसं गया // 42 // एवमेव वयं मूढा, कामभोगेसु मुच्छिया / डज्झमाणं ण बुज्झामो, रागद्दोसग्गिणा जगं // 43 // भोगे भोच्चा वमित्ता य, लहुभूयविहारिणो / आमोयमाणा गच्छंति, दिया कामकमा इव // 44 / / इमे य बद्धा फंदंति, मम हत्थऽजमागया। वयं च.सत्ता कामेसु, भविस्सामो जहा इमे // 45 // सामिसं कुललं दिस्स, बज्झमाणं णिरामिसं /