________________ . दसवेयालियसुत्तं अ. 5 उ. 1 1059 गंभीरं झुसिरं-चेव, सन्विंदियसमाहिए // 66 // णिस्सेणि फलगं पीढं, उस्सवित्ताणमारुहे / मंचं कीलं च पासायं, समणट्ठाए व दावए // 67 // दुरुहमाणी पवडिजा, हत्थं पायं व लूसए / पुढविजीवे वि हिंसेजा, जे य तं णिस्सिया जगे // 68 / / एयारिसे महादोसे, जाणिऊण महे सिणो / तम्हा मालोहडं भिक्ख, ण पडिगिण्हति संजया // 69 // कंद मूलं पलंबं वा, आमं छिण्णं च सण्णिरं / तुंबागं सिंगबेरं च, भामागं परिवजए 170}} तहेव सत्तुचुण्णाई, कोलचुण्णाई आवणे / सक्कुलिं फाणियं पूर्य, अण्णं वावि तहाविहं / / 71 // विक्कायमाणं पसढं, रएण परिफासियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 72 // बहुट्टि पुग्गेलं अणि मिसं वा बहुकंटयं / अत्थियं तिंदुयं बिल्लं, उच्छुखंडं व सिंबलिं // 73 / / अप्पे सिया भोयणजाए, बहुउज्झियधम्मिए / दितियं पडियाइक्खे,"ण मे कप्पइ तारिसं' // 74 // तहेवुच्चावयं पाणं, अदुवा वारधोयणं / संसेइमं चारलोदगं, अहणाधोयं विवजए // 75 // जं जाणेज चिराधोयं, मईए दंसणेण वा / पडिपुच्छिऊण सुच्छा वा, जं च णिस्संकियं भवे ॥७६क्षा अजीवं परिणयं णच्चा, पडिगाहिज संजए / अह संकियं भविजा, आसाइत्ताण रोयए // 77 // "थोवमासायणट्ठाए, हत्थर ग्मि दलाहि मे। मा मे अच्चंबिलं पूर्य, णालं तिण्हं विणित्तए" // 78 // तं च अच्चबिलं पूयं, णालं तिण्हं विणित्तए / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं” // 79 / / तं च हुज अकामेणं, विमणेण पडिच्छियं / तं अप्पणा ण पिबे, णो वि अण्णस्स दावए ||80 // एगंतमवकमित्ता, अचित्तं पडिलेहिया। जयं परिट्ठविजा, परिठ्ठप्प पडिक्कमे / 8 / / सिया य गोयरग्गगओ, इच्छिजा परिभुत्तुयं / कुट्टगं भित्तिमूलं वा, पडिलेहित्ताण फासुयं // 82 / / अणुण्णवित्तु मेहावी, पडिच्छण्णम्मि संवुडे / हत्थगं संपमज्जित्ता, तत्थ भुंजिन संजए / / 83 / / तत्थ से भुंजमाणस्स, अट्ठिअं कंटओ सिया / तणकट्ठसक्करं वावि, अण्णं वावि तहाविहं // 84 // तं उक्खिवित्तु ण णिविखवे, आस 1 बहुअट्ठिअं = बहुगट्ठिय-गट्टिया गुठली ति भासाए, बहुईओगट्टियाओ ठियाओ जम्मि तं ब०,गकारयकारलोवो,एवं बहुअट्ठिअस्स णिप्पत्ती। बहुबीयगंतिअट्ठो। अहवा बहुअट्ठिअंबहुअ+ट्ठिअं-बहुयाइं बीयाई ठियाइं नंसि तं तारिसंपलं / 2 पुग्गलं-प+ उग्गलं-पगरिसेण उग्गलणारिहं-पक्खेवणजुग्गं विजए जंसि तं तारिसं फलविसेसं। 3 अणिमिसं ति वा अणण्णासं ति वा एगट्ठा। 4 पणसफलाइयं / 5 अगत्थियरुवखपलं, अगत्थियस्सऽज्झाहारो अस्थिय / 6 सिद्धी जहा हेट्टा, णवरं लिंगभेओ पाइयत्तणओ।