________________ 1058 अनंगपविट्ठसुत्ताणि माणी, दारगं वा कुमारियं / तं णिक्खिवित्तु रोअंतं, आहरे पाणभोयणं // 42 / / तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण.मे कापइ तारिसं" // 43 // जं भवे भत्तपाणं तु, कप्पाकप्पम्मि संकियं / दितियं पडियाइव खे, “ण' मे कम्पइ तारिसं" // 44 // दगवारेण पिहियं, णीसाए पीढएणं वा / लोढेण वावि लेवेण, सिलेसेण व केणइ // 45 / / तं च उभिदिया दिजा, समणट्ठाए व दावए / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 46 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / जं जाणिज सुणिज्जा वा, “दाणट्ठा पगडं इमं" // 47 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" / / 48 / / असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / जं जाणिजे सुणिजा वा, "पुण्णट्ठा पगडं : इमं // 49 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइवखे, “ण मे कप्पइ तारिसं” // 50 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा। जं जाणिज सुणिजा वा, “वणिमट्ठा पगडं इमं // 51 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकम्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 52 // असणं पाणगं वावि खाइमं साइमं तहा / जं जाणिज सुणिज्जा वा, “समणट्ठा पगडं इमं” || 53 / / तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं” // 54 // उद्देसियं कीयगडं, पूइकम्मं च आहडं / अज्झोयर पामिच्चं, मीसजायं विवजए // 55 // उग्गमं से य पुच्छिजा, कस्सट्टा केण वा कडं ? / सुच्चा णिस्संकियं सुद्धं, पडिगाहिज संजए // 56 // असणं पाणगं वावि स्नाइमं साइमं तहा / पुप्फेसु हुज उम्मीसं, बीएसु हरिएसु वा // 57 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 58 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा। उदगंमि हुज णिक्खित्तं, उत्तिंगपणगेसु वा // 59 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 60 // असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा / तेउग्मि होज णिक्खित्तं, तं च संघट्टिया दए // 61 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडि. याइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं" ||62 // एवं उस्सविकया ओसविकया, उज्जालिया पजालिया णिव्वाविया। उस्सिंचिया णिसिंचिया, उव्वत्तिया ओयारिया दए // 3 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कम्पइ तारिसं" // 64 / / हुज कटुं सिलं वावि, इट्टालं वावि एगया / ठवियं संकमट्ठाए, तं च हुज चलाचलं / / 65 / / ण तेण भिक्खू गच्छिजा, दिट्ठो तत्थ असंजमो /