________________ - दसवेयालियसुत्तं अ. 5 उ. 1 1057 // 17 // साणीपावारपिहियं, अप्पणा णावपंगुरे / कवाडं णो पणुल्लिजा, उम्गहसि भजाइया // 18 // गोयरग्गपविट्ठो य, वच्चमुत्तं ण धारए / ओगासं फासुयं णच्चा, अणुण्णविय वोसिरे // 19 // णीयदुवारं तमसं, कुट्टगं परिवजए / अचवखुविसओ पत्थ, पाणा दुप्पडिलेहगा // 20 // जत्थ पुष्फाई बीयाई, विप्पइण्णाई कोट्ठए / अहुणोवलितं उल्लं, दट्टणं परिवजए॥२१॥ एलगंदारगं साणं, वच्छगं वावि कोट्टए। उल्लंघिया ण पविसे, विउहित्ताण व संजए // 22 // असंसत्तं पलोइजा, णाइदूरावलोयए / उप्फुल्लं ण विणिज्झाए, णियट्टिज अयंपिरो // 23 // अइभूमि ण गच्छेजा, गोयरग्गगओ मुणी। कुलस्स भूमिं नाणित्ता, मियं भूमि परक्कमे // 24 // तत्थेव पडिले हिज्जा, भूमिभागं वियक्खणो। सिणाणस्स य वच्चस्स, संलोगं परिवजए // 25 // दगमट्टियआयाणे, बीयाणि हरियाणि य / परिवज्जतो चिट्ठिजा, सावंदियसमाहिए // 26 // तत्थ से चिट्ठमाणस्स, आहरे पाणभोयणं / अकप्पियं ण गिहिजा, पडि. ग्गाहिज कप्पियं // 27|| आहरंती सिया तत्थ, परिसाडिज भोयणं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कापड तारिसं" // 28 // संमद्दमाणी पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य। असंजमकरि णच्चा, तारिसं परिवजए // 29 // साहट्ट णिविखवित्ताणं, सचित्तं घट्टियाणि य / तहेव समणट्ठाए, उदगं संपणुल्लिया // 30 // ओगाहइत्ता चलइत्ता, आहरे पाणभोयणं / दितियं पडियाइक्खे, "ण मे कप्पइ तारिसं" // 31 // पुरे. कम्मेण हत्थेण, दवीए भायणेण वा / दितिय पडियाइवखे,"ण मे कप्पइ तारिसं" // 32 // एवं उदउल्ले ससिणिद्धे, ससरक्खे मट्टिया उसे / हरियाले हिंगुलए, मणोसिला अंजणे लोणे // 33 // गेरुय वणिय सेडिय, सोरट्ठिय पिट्ठ कुक्कुस कए य / उक्किट्ठमसंसट्टे, संसट्टे चेव बोद्धव्वे // 34 // असंसट्टेण हत्थेण, दवीए भायणेण वा। दिजमाणं ण इच्छिजा, पच्छाकम्मं जहिं भवे // 35 // संसट्टेण य हत्थेण, दव्वीए भायणेण वा / दिजमाणं पडिच्छिजा, जं तत्थेसणियं भवे / / 36 // दुण्हं तु भुंजमाणाणं, एगो तत्थ णिमंतए / दिजमाणं ण इच्छिजा, छंदं से पडिलेहए // 37 // दुण्हं तु भुंजमाणाणं, दो वि तत्थ णिमंतए / दिजमाणं पडिच्छिजा, जं तत्थेसणियं भवे // 38 // गुठ्विणीए उवष्णत्थं, विविहं पाणभोयण / भुंजमाणं विवज्जिजा, भुत्तसेसं पडिच्छए // 39 // सिया य समणट्ठाए, गुठ्विणी कालमासिणी। उट्ठिया वा णिसीइजा, णिसण्णा वा पुणुट्ठए // 40 // तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं / दितियं पडियाइक्खे, “ण मे कप्पइ तारिसं" // 41 // थणगं पिज