________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 32 1149 / / 71 // एमेव रसम्मि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्म, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 72 // रसे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमझे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणी. पलासं // 73 / / (5) कायस्स फासं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 74 // फासस्स कायं गहणं वयंति, कायस्स फासं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउ अमणुण्णमाहु / / 75 // फासेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे सीयजलावसण्णे, गाहग्गहीए महिसे विवण्णे // 76 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू , ण किंचि फासं अवरज्झई से।। 77 // एगंतरत्ते रुइरंसि फासे, अतालिसे से कुणई पओसं / दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो // 78|| फासाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, यीलेइ अत्तद्वगुरू किलिडे / / 79|| फासाणुचाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे / वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे / / 80 // फासे अतित्ते य परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुहि / अतुट्ठिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले. आययई अदत्तं // 81 // तण्हामिभूयस्स अदत्तहारिणो, फासे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायासं वह लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 82 // मोसम्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाय. यंतो, फासे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 83 // फासाणुरत्तस्स णरस्स एवं, फत्तो सुहं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स कएण दुक्खं 1184 // एमेव फासंमिगओपओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुट्ठचित्तो.य चिणाइ कम्म, जं से पुणो होइ दुहं विवागे // 85 / / फासे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 86 // (6) मणस्स भावं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु / तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 87 // भावस्स मणं गहणं वयंति, मणस्स भावं गहणं वयंति / रागस्स हेउं समणुण्णमाहु, दोसस्स हेउं अमणुण्णमाहु // 88 // भावेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं। रागाउरे कामगुणेसु गिद्धे करेणुमग्गावहिए गजे वा // 89 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से