________________ 1148 अनंगपविटुसुत्ताणि गंधाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे / चित्तेहि ते परितावेइ बाले, . पीलेइ अत्तद्वगुरू किलिटे // 53 / / गंधाणुवाएण परिग्गहे ण, उप्पायणे रक्खणसण्णिओगे / वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलामे // 54 // गंधे अतित्ते य परिग्गहमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुढेि / अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं // 55 // तण्हाभिभूयम्स अदत्तहारिणो, गंधे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामसं वड्ढइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्छई से / / 56 // मोसस्स पच्छा य पुरत्यओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, गंधे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 57 // गंधाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिवत्तई जस्स करण दुक्खं // 58 // एमेव गंधमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होई दुहं विवागे // 59 // गंधे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण / ण लिप्पई भवमझे कि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं // 60 // (4) जिब्भाए रसं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुण्णमाहु। तं दोसहेउं अमणुण्णमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो // 61 // रसस्स जिब्भं गहणं वयंति, जिब्भाए रसं गहणं वयति / रागस्स. हे उं समणुण्णमाहु, दोसस्स हे अमणुण्णमाहु // 62 // रसेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं / रागाउरे वडिसविभिण्णकाए, मच्छे. जहा आमिसभोगगिद्धे // 63 // जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं / दुइंतदोसेण सएण जंतू , ण किंचि रसं अवरज्झई से // 64 !! एगंतरत्ते रुइरंसि रसे, अतालिसे से कुणई पओसं। दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, ण लिप्पई तेण मुणी विरागो / / 65 // रसाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे / चित्तहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरू किलिटे // 66|| रसाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसणिओगे। वए बिओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे // 67 // रसे अतित्ते य परिग्गडंमि, सत्तोवसत्तो ण उवेइ तुढ़ि। अतुट्टिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्त // 68 // तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, रसे अतित्तस्स परिग्गहे य / मायामुसं वड्डइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा ण विमुच्चई से // 69 // मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते / एवं अदत्ताणि समाययंतो, रसे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो // 70 // रसाणुरत्तस्स णरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि ? / तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, णिव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं