________________ 858 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पुण्णाइं पंच वासाइं सामण्णपरियाए,मासियाए संलेहणाए सहि भत्ताइं० आणुपुवीए / कालगए / थेरा ओइण्णा / भगवं गोयमे पुच्छइ, सामी कहेइ जाव सहिँ भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कंते उद्धं चंदिम०सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववण्णे। दो सागराइं // 81 // से णं भंते ! पउमे देवे ताओ देवलोगाओ आउवखएणं पुच्छा / गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा दढपइण्णो जाव अंतं काहिइ / तं एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयम? पण्णत्तेत्तिबेमि // 82 // पढमं अजायणं समत्तं // 2 / 1 // बीयं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कम्पवडिंसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भैते ! अज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा णामं णयरी होत्था / पुण्णभद्दे चेइए / कुणिए राया / पउमावई देवी / तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भन्जा कुणियस्स रण्णो चुल्लमाउया सुकाली णामं देवी होत्था•। तीसे णं सुकार्लए पुत्ते सुकाले णामं कुमारे / तस्स णं सुकालस्स कुमारस्स महापउमा णामं देवी होत्था, सुउमाल० // 83 // तए णं सा महापउमा देवी अण्णया कयाई तंसि तारिसगंसि एवं तहेव महापउमे णामं दारए जाव सिज्झिहिइ, णवरं ईसाणे कप्पे उववाओ उक्कोसटिइओ / णिक्खेवो // 84 // बीयं अजमायणं समत्तं / / 2 / 2 / . एवं सेसावि अट्ठ णेयव्वा / मायाओ सरिसणामाओ / कालाईणं दसण्हं पुत्ताणं अणुपुव्वीए-दोण्हं च पंच चत्तारि तिण्हं तिण्हं च होति तिण्णेव / दोण्डं च दोण्णि वासा सेणियणत्तूण परियाओ // 1 // उववाओ आणुपुटवीए-पढमो सोहम्मे, बिइओ ईसाणे, तइओ सणंकुमारे, चउत्थो माहिंदे, पंचमो बम्भलोए, छट्ठो लंतए, 'सत्तमो महासुक्के,अट्ठमो सहस्सारे,णवमो पाणए,दसमो अच्चुए / सव्वत्थ उक्कोसट्टिई भाणियव्वा / महाविदेहे सिज्झिहिति // 85 // 2 // 10 // कप्पडिसियाओ समत्ताओ / / बीओ वग्गो समत्तो // 2 // .