________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 35 1155 परहा सुक्का, तिणि वि एयाओ धम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, सुग्गई उववजई / / 57 // लेसाहिं सव्वाहि, पढमे समयंमि परिणयाहिं तु / ण हु कस्सइ उववाओ, परे भवे अस्थि जीवस्स // 58 // लेसाहिं सव्वाहि, चरिमे समयंमि परिणयाहिं तु / ण हु कस्सह उववाओ, परे भवे होह जीवस्स // 59 / / अंतमुहत्तंमि गए, अंतमुत्तमि सेसए चेव / लेसाहिं परिणयाहिं, जीवा गच्छति परलोयं // 6 // तम्हा एयासि लेसाणं, आणुभावे वियाणिया। अप्पसत्थाआ वज्जित्ता, पसत्थाओऽहिट्ठिए मुणि // 61 / / त्ति-बेमि // इति लेसज्झयणणामं चोत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं // 34 // अह अणगारज्झयणं णामं पंचतीसइमं अज्झयणं सुणेह मे एगग्गमणा, मग्गं बुद्धेहि देसियं / जमायरंतो भिक्खू , दुक्खाणंतकरे भवे // 1 // गिहवासं परिच्चज, पवजामस्सिए मुणी / इमे संगे वियाणिजा, जेहि सज्जंति माणवा // 2 // तहेव हिंसं' अलियं, चोजं अबंभसेर्वेणं / इच्छाकामं च लोभ च, संजओ परिवजए // 3 // मणोहरं चित्तधरं, मल्लधूवेण वासियं / सकवार्ट पंडुरुल्लोयं, मणसा वि ण पत्थए // 4 // इंदियाणि उ भिक्खुस्म, तारिसंमि उवस्सए / दुक्कराई णिवारेउं, कामरागविवड्ढणे // 5 // सुसाणे सुण्णगारे वा. रुक्खमूले व एगओ / प्रइरिक्के परकडे वा, वासं तत्थाभिरोयए // 6 // फासुयंमि अणाबाहे, इत्थीहि अणभिदुए / तत्थ संकप्पए वासं, भिक्खू परमसंजए // 7 // •ण सयं गिहाई कुन्विजा, णेव अण्णेहि कारए / गिहकम्मसमारंभे, भूयाणं दिस्सए वहो // 8 // तसाणं थावराणं च, सुहुमाणं बादराण य / तम्हा गिहसमारंभ, संजओ परिवजए // 9 // तहेव भत्तपाणेसु, पयणे पयावणेसु य / पाणभूयदयट्ठाए, ण पएं ण पयावए // 10 // जलधण्णणिस्सिया जीवा, पुढवीकट्ठणिस्सिया / हम्मंति भत्तपाणेसु, तम्हा भिक्खू ण पयावए // 11 // विसप्पे सव्वओ धारे, बहुपाणिविणासणे / णत्थि जोइसमे सत्थे, तम्हा जोई ण दीवए // 12 // हिरणं जायरूवं च, मणसा वि ण पत्थए / समलेटुकंचणे भिक्खू , विरए कयविक्कए // 13 // किणंतो कइओ होइ, विक्किणंतो य वाणिओ। कयविक्कयंमि वहृतो, भिक्खू ण भवइ तारिसो // 14 // भिक्खियव्वं ण केयन्वं, मिक्खुणा भिक्खवत्तिणा / कयविक्कओ महादोसो, भिक्खावित्ती सुहावहा / / 15 / / समुयाणं उंछमेसिजा, जहासुत्तम