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________________ णिसीहसुत्तं उ. 6 वा साइजह // 54 // जे भिक्खू णहवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू पत्तवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 56 // जे भिवखू पुष्पवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू पलवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू बीयवाणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू हरियवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ // 60 // एवं अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि वा अणुदिण्णाई सद्दाई उदीरेइ उदी रेतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू उद्देसियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू सपाहुडियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ // 63 // जे भिक्खू सपरिकम्मं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ / / 64 // जे भिक्खू गस्थि संभोगवत्तिया किरियत्ति वयह वयंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा अलं थिरं धुवं धारणिज्ज पलिछिंदिय 2 परिदृवेइ परिहवेतं वा साइजह // 66 // जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अलं थिरं धुवं धारणिज्जं परिभिंदिय परिभिंद्रिय परिट्ठवेइ परिट्ठवेतं वा साइजइ // 67 // जे भिक्खू दंडगं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा वेणसूई वा पलिभंजिय 2 परिट्ठवेइ परिहवेतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू अइरेयपमाणं रयहरणं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥६९जे भिक्खू सुहमाई रयहरणसीसाइं करेइ करेंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू रयहरणस्स एक्कं बंध देइ देंतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू रयहरणं कंडूसगबंधेणं बंधइं बंधतं वा साइजइ / / 72 // जे भिक्खू रयहरणं अविहीए बंधइ बंधतं वा साइजइ // 73 // (जे भिक्ख रयहरणं एशोण बंधेण बंधा बंधतं वा साइजइ // 74 // ) जे भिक्खू रयहरणस्स परं तिण्हं बंधाणं देइ देंतं वा साइजइ / / 75 // जे भिक्खू रयहरण.अणिसटुं धरेइ धरेंतं वा साइजइ // 76|| जे भिवखू रयहरणं वोसट्टे धरेइ धरेतं वा साइजइ / / 77 // जे भिवखू रयहरणं अभिवखणं 2 अंहिटेइ अहिटेतं वा साइजइ / / 78 // जे भिक्खू रयहरणं उस्सीसमूले ठवेइ ठवेंतं वा साइजइ // 79 // जे भिक्खू रयहरणं तुयट्टेइ तुय?तं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवजह मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं // 80 // णिसीहऽज्झयणे पंचमो उद्देसो समत्तो॥५॥ - छट्ठो उद्देसो जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणवडियाए विण्णवेइ विष्णवेतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ // 2 //
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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