________________ .. उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 25 1129 महामणि // 13 // वेयाणं च मुहं बहि, ब्रूहि जण्णाण जं मुहं / णखत्ताण मुई बहि, बृहि धम्माण वा मुहं // 14 // जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव च / एयं में संसयं सव्वं, साहू ! कहसु पुच्छिओ // 15 // अग्गिहुत्तमुहा वेया, जण्णट्टी वेयर। मुहं / णखत्ताण मुहं चंदो, धम्माणं कासवो मुहं // 16 // जहा चंदं रह ईया, चिट्ठति पंजलीउडा / वंदमाणा णमंसंता, उत्तमं मणहारिणो // 17 // उजाणगा जण्णवाई, विजामाहणसंपया।गूढा सज्झायतवसा, भासणा वगिण // 18 // जो लोए बंभणो वुत्तो, अग्गी व महिओ नहा / सया कुसलसंदिटुं, तं वयं बूम माहणं // 19 // जो ण सजइ आगंतुं, पव्वयतो ण सोयइ / रमइ अन्जवयणमि, तं वयं बूम माहणं // 20 // जायरूवं जहामटुं, गिद्धतमलपावगं / रागदोसभयाईयं, तं वयं बूम माहणं // 21 // तवस्सियं किसं दंतं, अवचियमंससोणियं / सुव्वयं पत्तणिव्वाणं, तं वयं बूम माहणं // 22 // तसपाणे वियाणेत्ता, संगहेण य थावरे / नो ण हिंसइ तिविहेणं, तं वयं बूम माहणं // 23 // कोहा वा जइ वा हासा, लोहा वा नइ वा भया / मुसं ण वयई जो उ, तं वयं बूम माहणं // 24 / / चित्तमंतमचित्तं वा, अप्पं का जइ वा बहुं / ण गिण्हइ अदत्तं जे, तं वयं बूम माहणं / / 25 / / दिव्वमाणुस्सतेरिच्छं, जो ण सेवइ मेहुणं / मणसा कायवक्केणं, तं . वयं बूम माहणं // 26 // जहा पोमं जले जायं, णोवलिप्पड वारिणा / एवं अलि कामेहि, तं वयं बूम माहणं // 27 // अलोलुयं मुहाजीविं, अणगारं अकिंचणं / असंसत्तं गिहत्थेसुं, तं वयं बूम माहण // 28 // जहित्ता पुन्वसंजोगं, पाइसंगे य बंधवे / जो ण सजइ भोगेसु, तं वयं ब्रूम माहणं // 29 // पसुबंधा सव्ववेया, जटुं च पावकम्मुणा / ण तं तायंति दुम्सीलं, कम्माणि बलवंति हि // 30 ॥ण वि मुंडिएण समणो, ण ओंकारेण बंभणो / ण मुणी रण्णवासेणं, कुसचीरेण ण तावसो // 31 // समयाए समणो होइ, बंभचेरेण बंभणो / णाणेण य मुणी होइ, तवेण होइ तावसो // 32 // कम्मुणा बंभणो होइ, कम्मुणा होइ खत्तिओ / वइस्सो कम्मुणा होइ, सुद्दो हवइ कम्मुणा // 33 // एए पाउकरे बुद्धे, जेहिं होइ सिणायओ : सबकम्मविपिम्मुक्कं, तं वयं बूम माहणं // 34 // एवं गुणसमाउत्ता, जे भवंति दिउत्तम) के समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य // 35 // एवं तु संसए छिण्णे, विजयघोसे य माहणे। समुदाय तओ तं तु, जयघोसं महामुणिं // 36 // तृढे य विजयघोसे, इणमुदाहु कयंजली / माहणत्तं महाभूयं, र? मे उवदंसियं // 37 //