________________ 1128 ___अनंगपविट्ठसुत्ताणि वियाहिया / एत्तो य तओ गुत्तीओ, वोच्छामि अणुपुव्यसो // 19 // (6) सच्चा तहेव मोसा य, सच्चामोसा तहेव य / चउत्थी असच्चमोसी य, मणगुत्ती चउव्विहा // 20 // संरंभसमारंभे, आरंभग्मि तहेव य / मणं पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई // 21 // (7) सच्चा तहेव मोसी य, सच्चामोसा तहेव य / चउत्थी असच्चमोसी य, वइगुत्ती चउव्विहा // 22 // संरंभसमारंभे, आरंभग्मि तहेव य / वयं पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई // 23 // (8) ठाणे णिसीयणे चेव, तहेव य तुयट्टणे / उल्लंघणपल्लंघणे, इंदियाण य जुजणे // 24 // संरंभसमारंमे, आरंभम्मि तहेव य / कार्य पवत्तमाणं तु, णियत्तेज जयं जई / / 25 // एयाओ पंच समिईओ, चरणस्स य पवत्तणे / गुत्ती णियत्तणे वुत्ता, असुभत्येसु सव्वसो // 26 // एया पवयणमाया, जे सम्मं आयरे मुणी / सो खिप्पं सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिए // 27 // त्ति-बेमि।। इति समिईओ णामं चउवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 24 // अह जण्णइज्जणामं पंचवीसइमं अज्झयणं ___ माहणकुलसंभूओ, आसि विप्पो महायसो / जायाई जमजण्णमि, जयघोसित्ति णामओ // 1 // इंदियग्गामणिग्गाही, मग्गगामी महामुणी / गामाणुगामं रीयंते, पत्तो वाणारसिं पुरिं // 2 // वाणारसीए बहिया, उजाणमि मणोरमे / फासुए सेजसंथारे, तत्थ वासमुवागए // 3 // अह तेणेव कालेणं, पुरीए तत्थ माहणे / विजयघोसित्ति णामेणं, जण्णं जयइ वेयवी // 4 // अह से तत्थ अणगारे, मासक्खमणपारणे / विजयघोसस्स जणमि, भिक्खमट्ठा उवहिए // 5 // समुवट्ठियं तहिं संतं, नायगो पडिसेहए / ण हु दाहामि ते मिक्खं, भिक्खू ! जायाहि अण्णओ॥६॥ जे य वेयविऊ विप्पा, जण्णट्ठा य जे दिया / जोइसंगविऊ जे य, जे य धम्माण पारगा // 7 // जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य / तेसिं अण्णमिणं देयं, भो भिक्खू ! सव्वकामियं // 8 // सो तत्थ एवं पडिसिद्धो, जायगेण महामुणी / णषि रुट्ठो णवि तुट्ठो, उत्तमट्ठगवेसओ ॥९॥णण्णटुं पाणहेउं वा, णवि णिव्याहणाय था। तेसिं विमोक्खणट्ठाए, इमं वयणमब्बवी ॥१०॥णवि जाणासि वेयमुह, णवि जण्णाण जं मुहं / णक्खत्ताण मुहं जं च, जं च धम्माण वा मुहं // 11 // जे समस्या समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य / ण ते तुमं वियाणासि, अह जाणासि तो भण // 12 // तस्सक्खेवपमोक्खं तु, अचयंतो तहिं दिओ। सपरिसो पंजली होउं, पुच्छई तं