________________ 1132 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भायणं / सज्झायं तओ कुजा, सव्वभावविभावणं // 37 // पोरिसीए चउमाए, वंदित्ताण तओ गुरुं / पडिक्कमित्ता कालस्स, सेज्नं तु पडिलेहए // 38 // पासवणुचारभूमिं च, पडिले हिज जयं जई / काउस्सगं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 39 // देवसियं च अइयारं, चिंतिजा अणपुव्वसो। णाणे य दंसर्ण चेव, चरित्तंमि तहेव य // 40 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरु / देव सियं तु अइयारं, आलोएज जहक्कम // 41 // पडिक्कमित्तु णिस्सल्लो, वंदित्ताण तओ गुरुं / काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 42 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / थुइमंगलं च काऊणं, कालं संपडिलेहए // 43 / / पढमं पोरि सि सज्झाय, बिइयं झाणं झियायई / तइयाए णिदमोक्खं तु, सज्झायं तु चउत्थिए // 44 // पोरिसीए चउत्थीए, कालं तु पडिलेहिया / सज्झायं तु तओ कुजा, अबोहंतो असंजए // 45 / / पोरिसीए चउब्भाए, वंदिऊण तओ गुरुं / पडिक्कमित्तु कालस्स, कालं तु पडिलेहए // 46 // आगए कायवोस्सन्गे, सव्वदुक्खविमोवखणे। काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 47 // राइयं च अईयारं, चिंतिज अणुपुव्वसो / णाणंमि दंसणंमि य, चरित्तंमि तवंमि य // 48 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / राइयं तु अईयारं, आलोएज जहकम // 49 // पडिक्कमित्तु णिस्सल्लो, वंदित्ताण तओ गुरुं / काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं // 50 // किं तवं पडिवजामि, एवं तत्थ विचिंतए / काउस्सग्गं तु पारित्ता, करिजा जिणसंथवं // 51 // पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं / तवं संपडिवज्जेत्ता, करिजा सिद्धाण संथवं // 52 // एसा सामायारी, समासेण वियाहिया / जं चरित्ता बहू जीवा, तिण्णा संसारसागरं // 53 // त्ति-बेमि // इति सामायारी णामं छन्वीसइमं अज्झयणं समत्तं // 26 // . अह खलुंकिज्जणामं सत्तवीसइमं अज्झयणं थेरे गणहरे गग्गे, मुणी आसि विसारए / आइण्णे गणिभावंमि, समाहिं पडिसंधए // 1 // वहणे वहमाणस्स, कंतारं अइवत्तई / जोगे वहमाणस्स, संसारो अइवत्तई // 2 // खलुंके जो उ जोएइ, विहम्माणो किलिस्सई / असमाहिं च वेएइ तोत्तओ से य भजई // 3 // एगं डसइ पुच्छंमि, एगं विधइऽभिक्खणं / एगो भंजह समिलं, एगो उप्पहपट्टिओ // 4 // एगो पडइ पासेणं, णिवेसइ णिवजई /