________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 26 1131 चित्तासोएसु मासेसु, तिप्पया हवइ पोरिसी // 13 // अंगुलं सत्तरत्तेणं, पक्खेणं च दुअंगुलं / वड्डए हायए वावि, मासेणं चउरंगुलं / / 14 || आसाढबहुलपवखे भद्दवए कत्तिए य पोसे य / फागुणवइसाहेसु य, बोद्धव्वा ओमरत्ताओ // 15 // जेट्टामूले आसाढसावणे, छहिं अंगुलेहि पडिलेहा / अट्ठहि बीयत्यंमि, तइए दस अट्ठहिं चउत्थे // 16 // रत्तिं पि चउरो भागे, भिवखू कुजा वियकखणो / तओ उत्तरगुणे कुजा, राइभाएसु चउसु वि // 17 // पढमं पोरि सि सज्झायं, बीयं झाणं झियायई / तइयाए णिद्दमोक्खं तु, चउत्थी भुज्जो वि सज्झाय // 18 // ज णेइ जया रत्तिं, पाक्खत्तं तंमि णहचउब्भाए / संपत्ते विरमेजा, सज्झायं पओसकालंमि // 19 // तम्मेव य णक्खत्ते, गयणच उभागसावसेसंमि / वेरत्तियं पि कालं, पडिलेहित्ता मुणी कुजा॥२०॥ पुविल्लंमि चउन्माए, पडिलेहित्ताण भंडयं / गुरुं वंदित्तु सज्झायं, कुजा दुक्खविमोक्खणं // 21 // पोरिसीए चउन्माए, वंदित्ताण तओ गुरुं / अपडि. कमित्ता कालस्स, भायणं पडिलेहए / / 22 / मुहपोत्तिं पडिले हित्ता, पडिले हिज्ज गोच्छगं / गोच्छगलइयंगुलिओ, वत्थाई पडिलेहए // 23 / / उहं थिरं अटरियं, पुत्वं ता वत्थमेव पडिले हे / तो बिइयं पप्फोडे, तइयं च पुणो पमज्जिजा // 24 // अणच्चाविय अवलियं, अणाणुबंधिममोसलिं चेव / छप्पुरिमा णव खोडा, पाणीपाणिविसोहगं // 25 // आरमडा सम्मदा, वज्जेयवा य मोसली तइया / पप्फोडणा चउत्थी, विक्खित्ता वेइया छट्ठी // 26 // पसि ढिलपलंबलोला, एगामोसा अणेगरूवधुणा / कुणइ पमाणि पैमायं, संकिय गणणोवगं कुजा // 27|| अणूणाइरित्तपडिलेहा, अविवच्चासा तहेव य / पढमं पयं पसंत्थं, सेसाणि उ अप्पसत्थाई // 28 // पडिलेहणं कुणतो, मिहो कहं कुणइ जणवयकहं वा / देइ व पच्चक्खाणं, वाएइ सयं पडिच्छइ वा // 29 / / पुढवीआउक्काए, तेउवाउवणस्सइतसा / पडिलेहणापमत्तो, छण्हं पि विराहओ होइ // 30 // पुढवीआउक्काए, तेऊवाऊवणस्सइतसाणं / पडिलेहणाआउत्तो, छण्हं संरक्खओ होइ // 31 // तइयाए पोरिसीए, भत्तं पाणं गवेसए / छण्हं अण्णयरागंमि, कारणंमि समुट्ठिए॥३२॥ वेयण वेयावच्चे, इरियट्ठाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए, छटुं पुण धम्मचिंताए / 33 / / णिग्गंथो घिइमंतो, णिग्गंथी वि ण करेज छहिं चेव / ठाणेहिं उ इमेहि, अणइक्कमणाइ से होइ // 34 // आयके उवसग्गे, तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु / पाणि दया तवहेलं, सरीरवोच्छेयणट्ठाए // 35 // अवसेसं भंडगं गिज्झ, चवखुसा पडिलेहए। परमद्ध जोयणाओ, विहारं विहरए मुणी // 36 // चउत्थीए पोरिसीए, णिरिखवित्ताण