________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 28 1133 उक्कुद्दई उप्फिडई, सढे वालगवी वए // 5 // माई मुद्धेण पडई, कुद्धे गच्छइ पडि. प्पहं / मयलक्खेण चिट्ठई, वेगेण य पहावई // 6 // छिण्णाले छिंदई सेलिं, दुइंतो भंजए जुगं / से वि य सुस्सुयाइत्ता, उजहित्ता पलायए // 7 // खलुंका जारिसा जोजा, दुस्सीसा वि हु तारिसा। जोइया धम्मजाणंमि, भज्जती धिइदुब्बला // 8 // इडीगारविए एगे, एगेऽत्थ रसगारवे। सायागारविए एगे, एगे सुचिरकोहणे // 9 // भिक्खालसिए एगे, एगे ओमाणभीरुए / थद्धे एगेऽणुसासंमि, हेऊहिं कारणेहि य / / 10 / सो वि अंतरभासिल्लो, दोसमेव पकुव्वई / आयरियाणं तु वयणं, पडि. कुलेइऽभिक्खणं // 11 ॥ण सा ममं वियाणाइ, ण वि सा मज्झ दाहिई / णिग्गया होहिई मण्णे, साहू अण्णोऽत्थ वजचउ // 12 // पेसिया पलिउंचंति, ते परियंति समंतओ / रायवेटिं च मण्णंता, करेंति भिडिं मुहे // 13 // वाइया संगहि या चेव, भत्तपाणेण पोसिया / जायपत्रखा जहा हंसा, पक्षमति दिसो दिसिं // 14 // अह सारही विचिंतेइ, खलुंकेहि समागओ। किं मज्झ दुट्ठसीसेहि, अप्पा मे अवसीयई / / 15 / नारिसा मम सीसा उ, तारिसा गलिगदहा / गलिगद्दहे जहिताणं दढं पगिण्हई तवं // 16 // मिउमद्दवसंपण्णो, गंभीरो सुसमाहिओ / विहरइ महि महप्पा, सीलभूएण अप्पणा // 17 // त्ति-बेमि // इति खलुंकिज्जणामं . सत्तवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 27 // अह मोक्खमग्गगई णामं अट्ठावीसइमं अज्झयणं __मोक्खमग्गगई तच्चं, सुणेह जिणभासियं। चउकारणसंजुत्तं, णाणदंसणलक्षणं ॥१॥णाणं च दंसणं चेव, चरितं च तवो तहा / एस मन्गुत्ति पण्णत्तो, जिणेहि वरदं सिहि // 2 // णाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा / एयं मग्गमणुप्पत्ता, जीवा गच्छंति सोग्गइं // 3 // तत्थ पंचविहं णाणं, सुयं आभिणिबोहियं / ओहिगाणं तु तइयं, मणणाणं च केवलं // 4 // एयं पंचविहं णाणं, दव्वाण य गुणाण य / पजवाणं च सव्वेसिं, णाणं णाणीहि देसियं / / 5 // गुणाणमासओ दव्वं, एगदव्वस्सिया गुणा / लक्खणं पजवाणं तु, उभओ अस्सिया भवे // 6 // धम्मो 'अहम्मो आगासं, कालो पुग्गलजतवो / एस लोगो त्ति पण्णत्तो, जिणेोहिं वरदं सिहि . // 7 // धम्मो अहम्मो आगासं, दव्वं इक्किकमाहियं / अणंताणि य दव्वाणि, कालो पुग्गलजतवो // 8 // गइलक्खणो उ धम्मो, अहम्मो ठाणलक्खणो / भायणं