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________________ णिसीहसुत्तं उ० 6 963 आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ / / 46 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता अभिगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेतं वा पधूवेंतं वा साइजइ // 47 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजइ // 48 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणबडियाए अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कर-पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजह // 49 // जे भिक्वू माउग्गामस्स मेहुणयडियाए अप्पणो दीहाइं वत्थीरोमाइं फापेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ // 50 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 51 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई जंघरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 52 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अपणो दीहाई कक्खरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 53 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई मंसुरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 54 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई केसाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 55 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई कण्णरोमाइं का पेज वा संटवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 56 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाइं णासारोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ॥५७॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते आघंसेज वा पसेज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइजइ // 58 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ / / 59 / / जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते फूसेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उट्टे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ / / 61 // जे भिक्खू माउग्गा.
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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