________________ ववहारो उ. 8 907 वा णिग्गंथीण चा असज्झाइए सज्झायं करेत्तए // 191 // कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सज्झाइए सज्झायं करेत्तए // 192 / / णो कप्पइ णिन्नथाण वा णिग्गंथीण वा अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेत्तए, कप्पइ एहं अण्णमण्णस्स वायणं दलइत्तए // 193 / / तिवातपरियाए समणे णिग्गंथे तीसं वासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 194 // पंचवासपरियाए समणे णिन्गंथे सहिवासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ आयरिय(त्ताए)उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए // 195 / / गामाणुगामं दूइजमाणे भिक्खू य आहच्च वीसभेजा तं च सरीरगं केइ साहम्मिए पासेजा, कप्पइ से तं सरीरगं से ण सागारियमिति कट्ट थंडिले बहुफासुए पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिट्ठवेसए, अस्थि या इत्थ केइ साहन्मियसंतिए उवगरणजाए परिहरणारिहे, कप्पद से सांगारकडं गहाय दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहारेत्तए // 196 // सागारियं उवस्सयं वकएणं पउंजेजा, से य वकइयं वएजा-इमंमि य इमंमि य ओवासे समणा णिग्गंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य णो वएजा, क्कइए वएजा से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते वएजा दो वि सागारिया पारिहारिया // 197|| सागारिए उवस्सयं विक्किणेजा, से य कइयं वएजा-इमंमि य इमंमि य ओवासे समणा णिगंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य णो वएजा, कइए वएजा, से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते वएजा, दो वि सागारिया पारिहारिया // 198 // विवधूया णायकुलवासिणी, सा वि याविं ओग्गहं अगुण्णवेयव्वा, किमंग-पुण पिया वा भाया वा पुत्ते वा, से वि यावि ओग्गहे ओगेण्हियत्वे // 199 / / पहिए वि ओग्गहं अणुण्णवेयव्वे // 200 // से रज(राय)परियट्टेसु संथडेसु अव्वोगडेसु अव्वोच्छिा णेसु अपरपरिग्गहिएसु सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे // 201 / / से रजपरियट्टेसु असंथडेसु वोगडेसु वोच्छिण्णेसु परपरिग्गहिएसु भिवखुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया ॥२०२॥त्ति-बेमि।। ववहारस्स सत्तमो उद्देसओ समत्तो // 7 // ववहारस्स अट्ठमो उद्देसओ .. गाहा(गिह)उ(डु)दूपज्जोसविए, ताए गाहाए ताए पएसाए ताए उवासंतराए जमिणं 2 सेजासंथारगं लभेजा तमिणं तमिणं ममेव सिया, थेरा य से अणुजाणेजा, तस्सेव सिया, थेरा य से णो अणुजाणेजा, एवं से कप्पइ आहाराइणियाए सेजा