________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 17 1109 कामगुणे, णिच्चसो परिवजए // 10 // आलओ थीजणाइण्णो, थीकहा य मणोरमा। संथवो चेव णारीणं, तासिं इंदियदरिसैंणं // 11 // कूइयं रुइयं गीयं, हासभुत्ताऽऽ. सियाणि य / पणीयं भत्तपाणं च, अइमायं पाणभोर्यणं // 12 // गत्तभूसणेमिटुं च, कामभोगा य दुजयों। परस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा // 13 // दुजए कामभोगे य, णिच्चसो परिवजए / संकट्ठाणाणि सव्वाणि, वज्जेज्जा पणिहाणवं // 14 // धम्मारामे चरे भिक्खू , धिइमं धम्मसारही / धम्मारामे रए दंते, बंभचेरसमाहिए // 15 // देवदाणवगंधब्बा, जक्खरक्खसकिण्णरा / बंभयारि णमंसंति, दुक्करं जे करंति तं // 16 // एस धम्मे धुवे णिच्चे, सासए जिणदेसिए / सिद्धा सिझंति चाणेणं, सिज्झिस्संति तहावरे॥१७॥ त्ति-बेमि // इति बंभचेरसमाहिठाणा णामं सोलसममायणं समत्तं // 16 // - अह पावसमणिज्जं णाम सत्तरसममज्झयणं जे केइ उ पब्वइए णियंठे, धम्मं सुणित्ता विणओववण्णे / सुदुलहं लहिउं बोहिलाभ, विहरेज पच्छा य जहासुहं तु // 1 // सेजा दढा पाउरणंमि अत्थि, उपजई भोत्तु तहेव पाउं / जाणामि जं वट्टइ आउसुत्ति, किं णाम काहामि सुएण भंते ! // 2 // जे केई उ पव्वइए, णिहासीले पगामसो / भुच्चा पिच्चा सुई सुवई, पावसमणे त्ति बुच्चई // 3 // आयरियउवज्झाएहिं, सुयं विणयं च गाहिए / ते चेव खिंसई बाले, पावसमणे त्ति वुच्चई // 4 // आयरियउवज्झायाणं, सम्मं ण पडितप्पई / अप्पडिपूयए थद्धे, पावसमणे त्ति वुच्चई // 5 // सम्मद्दमाणे पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य / असंजए संजयमण्णमाणे, पावसमणे त्ति बुच्चई // 6 // संथारं फलगं पीढं, णिसेज्जं पायकंबलं / अपमज्जियमारुहई, पावसमणे त्ति वुच्चई // 7 // दवदवस्स चरई, पमत्ते य अभिक्खणं / उल्लंघणे य चंडे य, पावसमणे त्ति वुच्चई // 8 // पडिलेहेइ पमत्ते, अवउज्झइ पायकंबलं / पडिलेहा अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 9 // पडिलेहेइ पमत्ते, से किंचि ह णिसामिया / गुरुपरिभावए णिच्चं, पावसमणे त्ति वुच्चई // 10 // बहुमाई पमुहरी, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे / असंविभागी अवियत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 11 // विवादं च उदीरेइ, अहम्मे अत्तपण्णहा / बुग्गहे कलहे रत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 12 // अथिरासणे कुक्कुइए, जत्थ तत्थ णिसीयई। आसणम्मि अणाउत्ते, पावसमणे त्ति वुच्चई // 13 // ससरक्खपाए सुवई, सेज्जं ण