________________ 1110 अनंगपविट्ठसुत्ताणि पडिलेहई / संथारए अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई // 14 // दुद्धदही विगईओ,. आहारेइ अभिक्खणं / अरए य तवोकम्मे, पावसमणे त्ति वुच्चई // 15 // अत्यंतम्मि य सूरम्मि, आहारेइ अभिक्खणं / चोइओ पडिचोएइ, पावसमंणे त्ति वुच्चई // 16 // आयरियपरिच्चाई, परपासंडसेवए ।गाणंगणिए दुब्भूए, पावसमणे त्ति बुच्छई // 17 // सयं गेहं परिच्चज, परगेहंसि वावरे / णिमित्तेण य ववहरई, पावसमणे त्ति बुच्चई // 18 // सण्णाइपिंडं जेमेइ, णेच्छइ सामुदाणियं / 'गिहिणिसेजं च वाहेइ, पावसमणे त्ति वुच्चई // 19 // एयारिसे पंचकुसीलसंवुडे, रूवंधरे मुणिपवराण हेट्टिमे। अयंसि लोए विसमेव गरहिए, ण से इहं णेव परत्थ लोए // 20 // जे वजए एए सया उ दोसे, से सुव्वए होइ मुणीण मज्झे / अयंसि लोए अमयं व पूइए, आराहए लोगमिणं तहा परं // 21 // त्ति-बेमि // इति पावसमणिज्ज णाम सत्तरसममज्झयणं समत्तं / / 17 // , अह संजइज्जणामं अट्ठारसममज्झयणं कंपिल्ले णयरे राया, उदिण्णबलवाहणे / णामेणं पंजए णाम, मिगव्वं उवणिग्गए // 1 // हयाणीए गयाणीए, रहाणीए तहेव य / पायत्ताणीए महया, सव्वओ परिवारिए // 2 // मिए छुहित्ता हयगओ, कंपिल्लुजाणकेसरे। भीए संते मिए तत्थ, वहेइ रसमुच्छिए // 3 // अह केसरम्मि उजाणे, अणगारे तवोधणे / सज्झाय. ज्झाणसंजुत्ते, धम्मज्झाणं झियायइ // 4 // अप्फोवमंडवंमि, झायइ क्खवियासवे / तस्सागए मिगे पासं, वहेइ से णराहिवे // 5 // अह आसगओ राया, खिप्पमागम्म सो तहिं / हए मिए उ पासित्ता, अणगारं तत्थ पासई // 6 // अह राया तत्थ संभंतो, अणगारो मणाहओ / मए उ मंदपुण्णेणं, रस गिद्धेण घंतुणा // 7 // आसं विसजइत्ताणं, अणगारस्स सो णिवो / विणएण वंदए पाए, भगवं ! एत्थ मे खमे // 8 // अह मोणेण सो भगवं, अणगारे झाणमस्सिए / रायाणं ण पडिमतेइ, तओ राया भयद्दओ // 9 // संजओ अहमम्मीति, भगवं ! वाहराहि मे / कुद्धे तेएण अणगारे, डहेज णरकोडिओ // 10 // अभओ पत्थिवा ! तुब्भं, अभयदाया भवाहि य / अणिच्चे जीवलोगंमि, किं हिंसाए पसजसी ? // 11 // जया सव्वं परिच्चज, गंतव्वमवसस्स ते / अणिच्चे जीवलोगंमि, किं रज्जंमि पसजसी ? // 12 // जीवियं वेव रूवं च, विज्जुसंपायचंचलं / जत्थ तं मुज्झसी रायं !; पेच्चत्थं णावबुज्झसे