________________ 1092 अनंगपविट्ठसुत्ताणि तहा लोहो, लाहा लोहो पवई / दोमासकयं कज्जं, कोडीए वि ण णिट्ठियं // 17 / / णो रक्खसीसु गिज्झेजा, गंडवच्छासुऽणेगचित्तासु / जाओ पुरिसं पलोभित्ता, खेलं ति.. जहा व दासेहिं // 18 // णारीसु णोवगिज्झेजा, इत्थी विप्पजहे अणगारे / धम्म च पेसलं णच्चा, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं // 19 / / इइ एस धम्मे अक्खाए, कविलेणं च विसुद्धपण्णेणं / तरिहिंति जे उ काहिति, तहिं आराहिया दुवे लोग / / 20 / त्ति-बेमि / / इति काविलियं णामं अट्ठममज्झयणं समत्तं // 8 // अह णमिपव्वज्जा णामं णवममज्झयणं चइऊण देवलोगाओ, उववण्णो माणुसमि लोगंमि / उवसंतमोहणिज्जो, सरई / पोराणियं जाइं // 1 // जाइं सरित्तु भयवं, सयंसंबुद्धो अणुत्तरे धम्मे / पुत्तं ठवेत्तु रज्जे, अमिणिक्खमई णमी राया // 2 // सो देवलोगसरिसे, अंतेउरवरगओ वरे भोए / भुंजित्तु णमी राया, बुद्धो भोगे परिचयई // 3 // मिहिलं सपुरजणवयं, बलमोरोहं च परियणं सव्वं / चिच्चा अभिणिक्खंतो, एगंतमहिडिओ भयवं // 4 // कोलाहलगभूयं, आसी मिहिलाए पव्ययंतमि / तइया रायरिसिंमि, णमिमि अभिणिक्खमंतंमि // 5 // अब्भुट्ठियं रायरि सिं, पवजाठोणमुत्तमं / सक्को माहण. रूवेण, इमं वयणमब्बवी // 6 // किं णु भो ! अज मिहिलाए, कोलाहलगसंकुला। सुव्वंति दारुणा सद्दा, पासाएसु गिहेसु य // 7 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ / तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 8 // मिहिलाए चेइए वच्छे सीयच्छाए मणोरमे / पत्तपुप्फफलोवेए, बहूणं बहुगुणे सया // 9 // वारण हीरमाणम्मि, चेइयम्मि मणोरमे / दुहिया असरणा अत्ता, एए कंदंति भो ! खगा // 10 // एयमद्वं णिसामित्ता, हेजकारणचोइओ / तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी // 11 // एस अग्गी य बाऊ य, एयं डज्झइ मंदिरं / भयवं अंतेउरं तेणं, कीस णं णावपेक्खह // 12 // एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 13 // सुहं वसामो जीवामो, जेसिं मो णत्थि किंचणं / मिहिलाए डज्झमाणीए, ण मे डज्झइ किंचणं // 14 // चत्तपुत्तकलत्तस्स, णिव्वावारस्स भिक्खुणो / पियं ण विजई किंचि, अप्पियं पि ण विजई // 15 // बहुं खु मुणिणो भई, अणगारस्स भिवखुणो। सवओ विप्पमुक्कस्स, एगंतमणुपस्सओ // 16 // एयमहूँ णिसामित्ता, हेउकारणचोइओ / तओ