________________ - उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 8 1061 उववजई // 27 // बालस्स पस्स बालतं, अहामं पडिवज्जिया। चिच्चा धग्मं अहम्मिट्टे, णरएसूबवजई // 28 // धीरस्स पस्स धीरत्तं, सव्वधग्माणुवत्तिणो / चिच्चा अधम्मं धम्मिटे, देवेसु उववजई / / 29 // तुलियाण बालभावं, अबालं चेव पंडिए / चइऊण बालभावं, अबालं सेवए मुणि ॥३०॥त्ति-बेमि // इति एलइज्जं णामं सत्तममज्झयणं समत्तं // 7 // अह काविलियं णामं अट्टममज्झयणं अधुवे असासयम्मि, संसारंमि दुक्खपउराए / किं णाम होज तं कम्मयं, जेणारं दुग्गइं ण गच्छेजा 1 // 1 // विजहित्तु पुव्वसंजोयं, ण सिणेहं कहिँचि कुव्वेजा। असिणेहसिणेहकरेहि, दोसपओसेहिं मुच्चए भिक्खू // 2 // तो णाणदंसणसमन्गो, हियहिस्सेसाए सव्वजीवाणं / तेसिं विमोक्खणट्ठाए, भासइ मुणिवरो विगयमोहो / / 3 / / सव्वं गंथं कलहं च, विप्पजहे तहाविहं भिक्खू / सव्वेसु कामजाए सु, पासमाणो ण लिप्पई ताई // 4 // भोगामिसदोसविसण्णे, हियणिस्सेयसबुद्धिवोच्चत् / बाले य मंदिए मूढे, बज्झइ मच्छिया व खेलम्मि // 5 // दुप्परिच्चया इमे कामा, णो सुजहा अधीरपुरिसेहिं / अह संति सुव्वया साहू, जे तरंति अतरं वणिया वा // 6 // समणा मु एगे वयमाणा, पाणवहं मिया अयाणता / मंदा णिरयं गच्छंति, बाला पावियाहिं दिट्ठीहिं // 7 // ण हु पाणवहं अणुजाणे, मुच्चेज कयाइ सव्वदुक्खाणं / एवमायरिएहिं अक्खाय, जेहिं इमो साहुधम्मो पण्णत्तो // // पाणे य णाइवाए जा, से समीइत्ति बुच्चई ताई / तओ से पावयं कम्मं, णिजाइ उदगं व थलाओ / / 9 / / जगणिस्सिएहिं भूएहिं, तसणामेहिं थावरेहिं च / णो तेसिमारभे दंडं, मणसा वयसा कायसा चेव // 10 // सुद्धेसणाओ णच्चाणं, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं / जायाए घासमेसेजा, रसगिद्धे ण सिया भिक्खाए // 11 // पंताणि चेव सेवेजा, सीयपिंडं पुराणकुम्मास / अदु बुक्कसं पुलागं वा, जवणट्टाए णिसेवए मंथु / / 12 / / जे लक्खणं च सुविणं च, अंगविज्जं च जे पउंति ।ण हु ते समणा वुच्चंति, एवं आयरिएहिं अक्खायं / / 13 / / इह जीवियं अणियमेत्ता, पन्भट्ठा समाहि जोएहिं / ते कामभोगरसगिद्धा, उववज्जति आसुरे काए // 14 // तत्तो वि य उव्वट्टित्ता, संसारं बहु अणुपरियति / बहुकम्मलेवलित्ताणं, बोही होइ सुदुल्लहा तेसिं // 15 / / कसिणं पि जो इमं लोयं, पडिपुण्णं दलेज इक्कस्स / तेणावि से ण संतुस्से, इइ दुप्यूरए इमे आया // 16 // जहा लाहो