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________________ 942 अनंगपविट्ठसुत्ताणि जह // 20 // जे भिक्खू अणडाए पिप्पलां जायद जायंतं वा साइजइ // 21 // जे भिक्खू अगट्ठाए कग्णसोहणयं जायइ जायंत वा साइजइ // 22 // जे भिक्खू अणट्ठाए णहच्छेयणयं जायइ जायंतं वा साइजह // 23 // जे भिक्खू अविहीए सूई जाय। जायंत वा साइजइ // 24 // जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं जायइ जायंतं वा साइजइ // 25 // जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणयं जायइ जायंतं वा साइजइ // 26 // जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं जायइ जायंतं वा साइजई // 27 // जे भिक्खू पाडिहारियं सूई जाइत्ता वत्थं सिव्विस्तामित्ति पायं सिव्वइ सिव्वंतं वा साइजइ // 28 // ने भिक्खू पाडिहारियं पिप्पलयं जाइत्ता वत्थं छिंदिस्सामित्ति पायं छिंदइ छिंदंतं वा साइजइ // 29 // जे भिक्खू पाडिहारियं णहच्छेयणयं जाइत्ता णहं छिंदिस्सामित्ति सल्लुद्धरणं करेइ करेंतं वा साहजइ // 30 // जे भिक्खू पाडिहारियं कण्णसोहणयं जाइत्ता कण्णमलं णीहरिस्सामित्ति दंतमलं का णखमलं वा णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजह // 31 // जे भिक्खू अपणो एकस्स अट्ठाए ‘सूई जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 32 // जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए पिप्पलयं जाइत्ता अण्णमण्णस्प अणुष्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 33 // जे भिक्खू अप्पणो एक्कस्स अट्टाए णहच्छेयणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ // 34 // जे भिक्खू अप्पणो एक्कस्स अट्ठाए कण्णतोहणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अगुप्पदेंतं वा साइजइ // 35 // जे भिक्खू सूई अविहीए पञ्चपिणइ पञ्चप्पिणतं वा साइजइ // 36 ॥जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं पच्चप्पिणइ पच्चप्पिणंतं वा साइजइ // 37 || जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणयं पञ्चप्पिणइ पञ्चविणतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं पच्चप्पिणइ पच्च. प्पिणंतं वा साइजइ // 39 // जे मिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अण्णउस्थिएण वा गारस्थिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू दंडयं वा लट्ठियं वा अवलेहणियं वा बेणुसूइयं वा अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ // 41 // जे भिक्खू पायस्स एक्कं तुंडियं तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 42 // जे भिक्खू पायस्स परं तिण्हं तुड्डियाणं तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 43 // (जे भिक्खू पायं अविहीए तड्डेइ तड्डेतं वा साइजइ // 44 // ) जे भिक्खू
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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