________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 3 1085 ग चिंतए // 29 // (15) परेसु घासमेसेजा, भो पणे परि गेटिए / लद्धे पिंडे अल वा, णाणुतप्पेज पंडिए // 30 // अज्जेवाहं ण लभामि, अवि लाभो सुए सिया / जो एवं पडिसंचिक्खे, अलाभो तंण तजए // 31 // (16) णच्चा उप्पइयं दुवखं वेयणाए दुट्ठिए / अदीणो थावर पण्णं, पुट्ठो तत्थऽहियासए / / 32 // तेइच्छं णाभिणंदेजा, संचिक्खऽत्तगवेसए / एवं खु तस्स सामणं, जंण कुज्जा ण कारवे // 33 / / (17) अचेलगस्स लूहस्स, संजयस्स तस्सियो / तणेसु सयमाणस्स, हुजा गायविराहणा // 34|| आयवस्स णिवाएण, अउला हवइ वेयणा / एवं णच्चा ग सेवंति, तंतुजं तणज्जिया // 35 // (18) किलिण्णगाए मेहाबी, पंकेण व रएण बा। प्रिंसु वा परियावेण, सायं णो परिदेवए / 36 // वेएज णिजरापेही आरियं धम्मऽणुत्तरं / जाव सरीरभेउत्ति, चल्लं कारण धारए // 37 // (19) भभिवायणमन्भुट्ठाण, सामी कुजा णिमंतणं / जे ताई पडिसेवंति, ण तेसि, पीहए मुणी // 38 // अणुक्कसाई अप्पिच्छे,अण्णाएसी अलोलुए। रसेसु णाणु गिज्झेजा, णाणुतपेज पण्णवं // 39 // (20) से Yणं मए पुव्वं, कम्माऽणाणपला कडा / जेणाहं णाभिजाणामि, पुट्ठो केणइ कण्हुई // 40 // अह पच्छा उइज्जंति, कम्माऽणाणपला कडा / एष. मस्सासि अप्पाणं, णच्चा कम्मविवागयं // 41 // (२१)णिरहगम्मि विरओ, मेहुणाओ सुमंबुडो / जो सक्ख णाभिजाणामि, धम्म कल्लाणपावगं / / 42 // तवोवहाणमादाय, पडिमं पडिवजओ / एवं पि विहरओ मे, छउमं ण णियई // 43 / / (22) स्थि गुणं परे लोए, इट्टीवावि तवस्सिणो। अदुवावचिओमित्ति, इइ भिक्खू ण चिंतए // 4 // अभू जिमा अस्थि जिणा, अदुवा वि भविस्सइ / मुसं ते एवमासु, इड भिक्खू चिंतए // 45 / / एए परीसहा सव्वे, कासवेण पवेड्या / जे भिवखू ग विहण्णेजा, पुट्ठो केणइ कण्हुई // 46 // त्ति बेमि // इति परिसहणाम दुइयमज्झयणं समत्तं // 2 // .. अह चाउरंगिज्जं णामं तइयमज्झयणं चत्तारि परमंगाणि, दुलहाणीह जंतुणो / माणु सत्तं सुई सद्धा, संजमग्मि य वीरियं // 1 // समावण्णाण संसारे, णा गोतासु जाइसु / कम्मा णाणाविहा कटु, पुढो विस्संभया पया // 2 // एगया देवलोएसु, णरएसु वि एगया / एगया आसुरं काय, अहाकम्मेहिं गच्छह // 2 // एगया खत्तिओ होइ, तओ चंडालबुक.सो /