________________ 1086 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . तओ कीडपयंगो य, तओ कुंथुपिवीलिया // 4 // एवमावट्टजोणीसु, पाणिणो कम्मकिदिवसा / ण णिविज्जति संसारे, सव्वढेसु व खत्तिया // 5 // कम्मसंगेहिं संमूढा, दुक्खिया बहुवेयणा / अमाणुसासु जोणीसु, विणिहम्मति पाणिणो // 6 // कम्माणं तु पहाणाए, आणुपुवी कयाइ उ / जीवा सोहिमणुप्पत्ता, आययंति मणुस्सयं // 7 // माणुस्सं विग्गहं लधु, सुई धम्मस्त दुल्लहा / जं सोचा पडिवज्जति, तवं खतिमहिंसयं // 8 // आहच्च सवणं ल , सद्धो परमदुल्लहा / सोचा णेयाउयं मग्गं, बहवे परिभस्सई // 9 // सुइं च लड़े सद्धं च, वीरियं पुण दुल्लहं / बहवे रोयमाणा वि, णो य णं पडिवजए // 10 // माणुसत्तंमि आयाओ, जो धम्म सोच सद्दहे / तवस्सी वीरियं लधु, संवुडे णिधुणे रयं // 11 // सोही उज्जुयभूयस्स, धम्मो सुद्धस्स चिट्ठई / णिबाणं परमं जाइ, घयसित्तिव्व पावए 12 // विगिंच कम्मुणो हेलं, जसं संचिणु खंतिए / सरीरं पाढवं हिच्चा, उड़े पक्कमई दिसं // 13 // विसालिसेहिं सीलेहिं, जक्खा उत्तरउत्तरा। महासुक्का व दिपंता, मण्णंता अपुणच्चवं // 14 // अप्पिया देवकामाणं, कामरूवविउव्विणो / उट्ठे कप्पेसु. चिटुंति, पुव्वा वाससया बहू // 15 // तत्थ ठिच्चा जहाठाणं, मक्खा आउक्खए चुया / उर्वति माणुसं नोणिं, से दसंगेऽभिजायए // 16 // खेत्तं वत्थु हिरणं च, पैसवो दासपोरेसं / चत्तारि कामखंधाणि, तत्थ,से उववजई // 17 // मित्तैवं णाय होइ, उच्चागोएँ य वण्णवं / अपायके महापण्णे, अभिजाएँ जसो बले" // 18 // भुच्चा माणुस्सए भोए, अप्पडिरूवे अहाउयं / पुव्वं विसुद्धसद्धम्मे, केवलं बोहि बुज्झिया ॥१९॥चउरंगं दुल्लहं णच्चा, संजमं पडिवज्जिया। तवसा धुयकम्मंसे, सिद्धे हवइ सासए // 20 // त्ति-बेमि / / इतिचाउरगिज्ज णाम तइयमज्झयणं समत्तं // 3 // . अह असंखयं णाम चउत्थमज्झयणं __ असंखयं जीविय मा पमायए, जरोवणीयस्स हु णस्थि ताणं / एवं वियाणाहि जणे पमत्ते, किं णु विहिंसा अजया गहिति // 1 // जे पावकम्मेहिं धणं मणूसा, समाययंती अमइं गहाय / पहाय ते पासपयट्टिए गरे, वेराणुबद्धा णरयं उति // 2 // तेणे जहा संधिमुहे गहीए, सकम्मुणा किच्चइ पापकारी / एवं पया पेच्च इहं च लोए, कडाण कम्माण ण मुक्ख अस्थि // 3 // संसारमावण्ण परस्स अट्ठा, साहारणं जं च करेइ कम्मं / कम्मस्स ते तस्स उ वेंयकाले, ण बंधवा बंधवयं